MaijuLover
New Member
- 82
- 186
- 33
Nice broहरिया की आंखों में अपनी छोटी बहन की मदहोश कर देने वाली जवानी की चमक साफ नजर आ रही थी,,, जिसे याद करके वह अपने लंड को धोती से बाहर निकाल कर चला रहा था,,,, लेकिन उसी समय उसे अपनी बहन गुलाबी खाना लेकर आती भी नजर आई और वह तुरंत उसे अपने धोती के अंदर छुपाने की कोशिश करने लगा लेकिन गुलाबी की तेज नजरों ने अपने बड़े भाई की इस हरकत को पलभर में ही अपनी आंखों में थाम ली,,, इस दृश्य को देखकर उसके तन बदन मैं झुरझुरी सी फैलने लगी,,,, किसी तरह से अपने आप को संभाल कर वह अपने कदम को आगे बढ़ाने लगी,,, सामने आ रही है अपनी बहन को देखकर हरिया की सांसो की गति तेज होने लगी वैसे भी वह,,, अपनी बहन को ही याद करके उत्तेजित हुआ जा रहा थाऔर ऐसे में अपनी आंखों के सामने ही अपनी बहन को देखकर उसके तन बदन में हलचल सी होने लगी,,,,,, वह समय की नजाकत को देखते हुए झट से अपने लंड को धोती के अंदर छुपा लिया था लेकिन यह नजारे को उसकी बहन गुलाबी अपनी आंखों से देख चुकी थी,,,,।
उसके लिए यह दृश्य कोई नया नहीं था बहुत पहले से ही वह अपने बड़े भैया के लंड को अपनी आंखों से देखते आ रही है,,,, अपने भैया भाभी को संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में देखकर उन दोनों के बीच की संभोग की असीम कला को देखकर वह खुद ना जाने कितनी बार उतेजीत होकर अपनी उंगली से ही अपनी जवानी की गर्मी को पिघलाने की कोशिश कर चुकी थी,,,, और अपनी जवानी की गर्मी को संभालना पाने की वजह से ही तो है अपने भतीजे कि दोनों टांगों के बीच अपना सब कुछ निछावर कर दी,,,, लेकिन आज उसे हैरानी ईस बात की हो रही थी कि उसके भैया खेतों पर इस तरह की हरकत क्यों कर रहे थे,,,, अपनी आग बुझाने के लिए थे उनके पास खूबसूरत औरत थी तो अभी यह सब किस लिए यह सब सवाल समझते भी गुलाबी अपने भैया के करीब पहुंच गई जहां पर हरिया,,, झोपड़ी के बाहर पेड़ के छांव के नीचे खटिया बिछा कर लेटा हुआ था,,,, गुलाबी को अपने करीब पहुंचता देखकर हरिया अपने पैरों को घुटनों से मोड़ लिया ताकि धोती में बना तंबू गुलाबी देखना है और अपनी धोती को व्यवस्थित करता हुआ वह बोला,,,।
गुलाबी तु,,,,,तो क्यों खाना लेकर आई है अपनी भाभी को भेज दी होती मैं तो उसे ही कहा था कि खाना लेकर आना,,,,
(अपने भैया की बात सुनकर गुलाबी को समझ में आ गया कि वह इसीलिए अपने लंड को सहला रहे थे चुदाई के पहले उसकी धार तेज कर रहे थे,,,,व चित्र से समझ गई कि अगर उसकी जगह की भाभी खाना लेकर आई होती तो भैया इसी समय खटिया पर लेटा कर उसकी भाभी की चुदाई कर दिए होते,,,, भाभी की चुदाई का ख्याल मन में आते ही,,, गुलाबी की बुर पनियाने लगी,,,, उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,, पहले वह छोटे से छेद में से दूसरे कमरे के नजारे को देखकर वह अपने भैया से चुदाने के फिराक में रहती थी,, लेकिन अपने भतीजे राजू का नंबर मिल जाने के बाद उसकी कमी पूरी हो रही थी,, उसकी मंशा को पर लगने लगे थे वह राजू से बहुत खुश थी लेकिन आज अपने मन में अपने भैया की मनटंसा को जानकर उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल सी होने लगी थी,,, अपने भैया की बातें सुनकर गुलाबी खाने की पोटली को खटिए पर रखते हुए बोली,,,)
कोई बात नहीं भैया मैं आ गई हूं ना भाभी की कमी पूरी कर दूंगी,,,(अचानक ही अपनी जबान से निकले हुए शब्दों को संभालते हुए वह बोली,,) मेरा मतलब है कि तुम्हें भूखा रहना नहीं पड़ेगा मैं आपके लिए खाना लेकर आई हुं,,,,
(इतना कहने के साथ ही वह खटिया के नीचे जमीन पर बैठ गई,,,, अपनी बहन की बात सुनकर हरिया बोला)
तेरी भाभी आई होती तो बात कुछ और होता,,,(गुलाबी अपने भैया के कहने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी,,)
क्यों भैया ऐसा क्यों कह रहे हो मैं भी तो सब कुछ कर सकती हूं जो बाद ही कर सकती है तुम्हारे लिए खाना लेकर आई हूं,,, ताकि तुम खाना खाकर अपना पेट भर सको,,(गुलाबी बड़े चालाकी से अपनी बात का रुख बदलते हुए बोली इस तरह से बात करने में गुलाबी के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी क्योंकि उसे मालूम था कि उसकी भैया पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके हैं तभी तो उनका लंड पूरी तरह से खड़ा था,,,,)
बात खाना खिलाने की नहीं है गुलाबी,,,, तू नहीं समझेगी,,,
अरे वाह ऐसी कौन सी बात है भैया कि मैं नहीं समझुंगई मैं भी बड़ी हो गई हूं,,,,
बड़ी तो तू हो गई है लेकिन तेरे भाभी जैसी तू मेरी सेवा नहीं कर पाएगी,,,
नहीं भैया अब तो आप गलत बोल रहे हो,,,, मुझसे बोल कर तो देखो मैं तुम्हारी हर तरह से सेवा करूंगी क्या तकलीफ है बोलो,,,,
(अपनी बहन की बात सुनकर हरिया के तन बदन में उत्तेजना के शोले धड़कने लगे अपने मन में यही सोच रहा था कि काश उसकी बहन उसकी मन की मनसा को समझ पाती,,,, उसके दिल में क्या चल रहा है वह उसे पढ़ पाती,,, तो शायद उसका काम बन जाता,,,, गुलाबी की बातों को सुनकर हरिया का मन कर रहा था कि बिना कुछ बोले गुलाबी को खटिया पर पटक कर उसकी चुदाई कर दे लेकिन ऐसा कर सकने कीहिम्मत उसने बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि गुलाबी उसकी छोटी बहन थी और वह उसे बड़े प्यार से पाल पोस कर बड़ा किया था,,,, इसलिए वह अपने जज्बातों को संभालते हुए बोला,,)
नहीं-नहीं गुलाबी तू रहने दे तू इतनी दूर खेतों पर खाना लेकर आई है वही बहुत बड़ी बात है,,,,, चल अच्छा तू खाना निकाल,,,,(इतना कहते हुए हरिया अपनी भावनाओं पर पूरी तरह से काबू कर पाया था और वह खटिया पर बैठते हुए गुलाबी की तरफ देखा जो कि खटिया से नीचे बैठी हुई थी,,, वह अपने भइया की बात सुनकर खाने की पोटली को खोलने लगी थी,,, हरिया की नजर सीधे कुर्ती में से झांकती उसकी दोनों चूचियों पर गया,,, अपनी बहन की दोनों गोलाइयो को देखकर पल भर में ही हरिया की सारी भावनाएं पसीना बनकर उसके माथे से टपकने लगी उसकी आंखों के सामने वह सब कुछ पल भर में चलचित्र की तरह आगे पीछे दौड़ने लगा जिस नजारे को देखकर वह अपनी बहन की तरफ आकर्षित हुआ था उसका झाड़ू लगाना और झाड़ू लगाते समय कुर्ती में से झांकती उसकी दोनों गुनाहों को पहली बार देखकर हरिया की आंखों में वासना की चमक ऊपस आई थी,,, झुकने की वजह से उसकी गोला कार गांड का अद्भुत आकार ले लेना,,,, घर के पीछे बेल को बांधते समय अनजाने में ही अपनी बहन को पेशाब करते हुए देखना उसकी नंगी गांड को देखकर उसकी जवानी पर फिसल जाना और उसे नहाते हुए देखना यह सब दृश्य किसी चलचित्र की तरह उसकी आंखों के सामने घूमने जाना और एक बार फिर से उसकी आंखों में वासना की चमक नजर आने लगी उसकी बहन खाने की पोटली को खो चुकी थी लेकिन हरिया के मन में कुछ और चल रहा था वह तुरंत,, दर्द से कराहने की आवाज लिए,,,, फिर से खटिया पर लेट गया,,,,।
आहहहहहहह,,,,,,,
क्या हुआ भैया,,,,,(वह तुरंत खाने की पोटली छोड़कर अपने भैया की तरफ देखने लगी)
जांघों में बहुत दर्द हो रहा है गुलाबी इसीलिए तो कह रहा था कि तेरी भाभी आई होती तो अच्छा था,,,
तो बोलो ना भैया क्या करना है मैं कर दूंगी,,,
जांघों पर थोड़ा मालिश करना था,,, सरसों के तेल की ताकि थोड़ा आराम मिले,,,(दर्द से कराहने का नाटक करते हुए हरिया बोला,,,,)
कोई बात नहीं भैया मैं मालिश कर देती हूं लेकिन सरसों का तेल,,,,,(आश्चर्य से अपने भैया की तरफ देखते हुए बोली,,,,)
हां अंदर पड़ा है सीसी में,,,,(घास फूस की बनी झुग्गी के अंदर इशारा करते हुए बोला,,, अपने भाइया की बात सुनकर गुलाबी अपनी गांड मटकाते हुए झोपड़ी के अंदर चली गई और उसे जाता हुआ हरिया लार टपका करके देख रहा था और उसकी निगाह गुलाबी की गोलाकार गांड पर टिकी हुई थी,,, जो कि इस समय कयामत ढा रही थी,,, पल भर में गुलाबी की भी चाल बदल गई थी क्योंकि वह अपने भैया की बातों से उसके इरादों को भाप गई थी उसे ऐसा लगने लगा था कि जिसकी गरमा गरम चुदाई को फीका कर चोदने की ताकत को देखकर वह उस पर मन ही मन फिदा हो जाती थी जिसके लंड को उसकी भाभी की बुर में अंदर बाहर होता हुआ देखकर अपनी खुद की बुर को गिरी करने के लिए आज उसे अपनी बुर में रहने का मौका मिल रहा है इसलिए किसी भी तरह से इस मौके को जाने नहीं देना चाहती थी क्योंकि वह जानती थी कि राजू से उसके भैया का लंड उन्नीस ही था और राजू का बीस,,, लेकिन अनुभव उसके भैया में कूट-कूट कर भरा हुआ था और औरतों के बदन से खेलना अच्छी तरह से जानता था कैसे उन्हें उत्तेजित किया जाता है कैसे संतुष्ट किया जाता है इसकी कला में वह पूरी तरह से पारंगत था,,,, हालांकि राजू भी कम नहीं था वह अपने अनाड़ी पन का अनुभव दिखाते हुए उसे अभी तक संतुष्ट करता रहा था और वह संतुष्ट भी थे लेकिन आज गुलाबी कुछ नया अनुभव करना चाहती थी इसलिए अपने होठों पर मादक मुस्कान लिए झोपड़ी के अंदर प्रवेश कर गई और जैसे ही वो झोपड़ी के अंदर गई हरिया से रहा नहीं गया और वह धोती के ऊपर से ही अपने लंड को पकड़ कर मसल दिया,,,,,।
हरिया के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी और उसे अपनी बहन में एक औरत नजर आ रही थी जिसके साथ वह संभोग सुख भोगना चाहता था इसलिए वह चलाकी दिखाते हुए अपनी धोती को चारों तरफ से ढीली कर दिया था ताकि बड़े आराम से उसकी छोटी बहन उसके लंड का दर्शन कर सके वह यह बात बिल्कुल भी नहीं जानता था कि उसके लंड के दर्शन वह कई बार कर चुकी थी,,,
इधर-उधर देखने के बाद जल्द ही गुलाबी की नजर सरसों के तेल से भरी सीसी पर चली गई वह झट से उसे उठा ली,,, उसे हाथ में लेकर कल्पना करने लगे कि कैसे वह इसी शीशी में से सरसों का तेल निकाल कर उसकी भैया के लंड पर मालिश कर रही है,,,, यह ख्याल उसके दोनों टांगों के बीच कपकपी सा फैला गया,,,,गुलाबी का दिल जोरों से धड़क रहा था वह तुरंत सरसों के तेल की शीशी लेकर झोपड़ी से बाहर आ गई जहां पर खटिया पर लेटा हुआ हरिया उसका बड़ा बेसब्री से इंतजार कर रहा था,,,,,।
लाइए भैया में मालिश कर देती हूं,,,,(खटिया के पाटी पर बैठते हुए गुलाबी बोली,,,,)
यहां दोनों झांगो मैं बहुत दर्द हो रहा है,,,(अपनी दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ें हुए ही वह अपनी हथेली अपनी दोनों जांघों पर रखता हुआ बोला)
कोई बात नहीं भैया मैं मालिश करके तुम्हारे दर्द को गायब कर दूंगी,,,,, लेकिन एक काम करो दोनों टांगों को फैला लो तब अच्छे से मालिश कर पाऊंगी,,,,,,
(गुलाबी की बात सुनते ही हरिया थोड़ी सोच में पड़ गया क्योंकि वह जानता था कि दोनों टांगों को फैला कर ही उसकी धोती में बना तंबू गुलाबी की आंखों के सामने नजर आने लगेगा वह पहले थोड़ा हिचकी चाह रहा था लेकिन अपने मन में सोचा कि अगर कुछ पाना है तो कुछ ठोस कदम उठाना ही पड़ेगा जो होगा देखा जाएगा यह मन में सोच कर वह अपनी दोनों टांगों को सीधा खटिया पर फैला लिया और ऐसा करने पर उसकी धोती खुंटे की शक्ल में खड़ी की खड़ी रह गई,,,, गुलाबी की नजर उस पर पडते ही उसकी बुर कुल बुलाने लगी,,,, वह तिरछी नजरों से अपने भैया के खुंटे को देख रही थी,, और हरिया भी पूरी तरह से बेशर्मी दिखाते हुए अपने कमरों को ढकने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं कर रहा था तो उसके मन में ऐसा हो रहा था कि वह उसे खोलकर दिखाएं,,,,
यहां जगह चारों तरफ खेतों से घिरी हुई थी चारों तरफ हरे हरे खेत लहलहा रहे थे दूर दूर तक सेइस जगह को देखे जाने की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी और इस समय यहां कोई आता भी नहीं था,,,, इसलिए हरिया और गुलाबी दोनों निश्चिंत थे,,,, गुलाबी अपने भैया की बड़ी इज्जत करती थी लेकिन यह इज्जत धीरे-धीरे वासना और आकर्षण में बदलने लगी थी जब से वह छोटे से छेद में से अपने भैया और भाभी को नग्न अवस्था में चुदाई करते हुए देखती थी,,, वैसे भी गुलाबी की उमर पर पूरी तरह से खुमारी छाई हुई थी वह क्या उसकी उम्र की कोई भी लड़की उस दृश्य को देख लेती तो उसका भी हाल गुलाबी की तरह ही होता,,,,,,, हरिया का शरीर ज्यादा हुष्ठ पुष्ठ नहीं लेकिन बेहद फुर्तीला था,,, इसलिए उसके शरीर में कसाव भरपूर था,,, । गुलाबी से बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था,,,वह सीसी के ढक्कन को खोल कर सरसों के तेल को अपनी हथेली पर गिराने लगी सरसों के तेल की धार को देखकर हरिया का लंड उबाल मार रहा था,,,, अब वह अपने मन में तय कर चुका था कि आज वह गुलाबी की गुलाबी बुर में अपना लंड डाल कर ही रहेगा,,,,
अपडेट मस्त है पर बातचीत थोड़ी और हो तो मज़ा दोगुना हो जाताहरिया की आंखों में अपनी छोटी बहन की मदहोश कर देने वाली जवानी की चमक साफ नजर आ रही थी,,, जिसे याद करके वह अपने लंड को धोती से बाहर निकाल कर चला रहा था,,,, लेकिन उसी समय उसे अपनी बहन गुलाबी खाना लेकर आती भी नजर आई और वह तुरंत उसे अपने धोती के अंदर छुपाने की कोशिश करने लगा लेकिन गुलाबी की तेज नजरों ने अपने बड़े भाई की इस हरकत को पलभर में ही अपनी आंखों में थाम ली,,, इस दृश्य को देखकर उसके तन बदन मैं झुरझुरी सी फैलने लगी,,,, किसी तरह से अपने आप को संभाल कर वह अपने कदम को आगे बढ़ाने लगी,,, सामने आ रही है अपनी बहन को देखकर हरिया की सांसो की गति तेज होने लगी वैसे भी वह,,, अपनी बहन को ही याद करके उत्तेजित हुआ जा रहा थाऔर ऐसे में अपनी आंखों के सामने ही अपनी बहन को देखकर उसके तन बदन में हलचल सी होने लगी,,,,,, वह समय की नजाकत को देखते हुए झट से अपने लंड को धोती के अंदर छुपा लिया था लेकिन यह नजारे को उसकी बहन गुलाबी अपनी आंखों से देख चुकी थी,,,,।
उसके लिए यह दृश्य कोई नया नहीं था बहुत पहले से ही वह अपने बड़े भैया के लंड को अपनी आंखों से देखते आ रही है,,,, अपने भैया भाभी को संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में देखकर उन दोनों के बीच की संभोग की असीम कला को देखकर वह खुद ना जाने कितनी बार उतेजीत होकर अपनी उंगली से ही अपनी जवानी की गर्मी को पिघलाने की कोशिश कर चुकी थी,,,, और अपनी जवानी की गर्मी को संभालना पाने की वजह से ही तो है अपने भतीजे कि दोनों टांगों के बीच अपना सब कुछ निछावर कर दी,,,, लेकिन आज उसे हैरानी ईस बात की हो रही थी कि उसके भैया खेतों पर इस तरह की हरकत क्यों कर रहे थे,,,, अपनी आग बुझाने के लिए थे उनके पास खूबसूरत औरत थी तो अभी यह सब किस लिए यह सब सवाल समझते भी गुलाबी अपने भैया के करीब पहुंच गई जहां पर हरिया,,, झोपड़ी के बाहर पेड़ के छांव के नीचे खटिया बिछा कर लेटा हुआ था,,,, गुलाबी को अपने करीब पहुंचता देखकर हरिया अपने पैरों को घुटनों से मोड़ लिया ताकि धोती में बना तंबू गुलाबी देखना है और अपनी धोती को व्यवस्थित करता हुआ वह बोला,,,।
गुलाबी तु,,,,,तो क्यों खाना लेकर आई है अपनी भाभी को भेज दी होती मैं तो उसे ही कहा था कि खाना लेकर आना,,,,
(अपने भैया की बात सुनकर गुलाबी को समझ में आ गया कि वह इसीलिए अपने लंड को सहला रहे थे चुदाई के पहले उसकी धार तेज कर रहे थे,,,,व चित्र से समझ गई कि अगर उसकी जगह की भाभी खाना लेकर आई होती तो भैया इसी समय खटिया पर लेटा कर उसकी भाभी की चुदाई कर दिए होते,,,, भाभी की चुदाई का ख्याल मन में आते ही,,, गुलाबी की बुर पनियाने लगी,,,, उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,, पहले वह छोटे से छेद में से दूसरे कमरे के नजारे को देखकर वह अपने भैया से चुदाने के फिराक में रहती थी,, लेकिन अपने भतीजे राजू का नंबर मिल जाने के बाद उसकी कमी पूरी हो रही थी,, उसकी मंशा को पर लगने लगे थे वह राजू से बहुत खुश थी लेकिन आज अपने मन में अपने भैया की मनटंसा को जानकर उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल सी होने लगी थी,,, अपने भैया की बातें सुनकर गुलाबी खाने की पोटली को खटिए पर रखते हुए बोली,,,)
कोई बात नहीं भैया मैं आ गई हूं ना भाभी की कमी पूरी कर दूंगी,,,(अचानक ही अपनी जबान से निकले हुए शब्दों को संभालते हुए वह बोली,,) मेरा मतलब है कि तुम्हें भूखा रहना नहीं पड़ेगा मैं आपके लिए खाना लेकर आई हुं,,,,
(इतना कहने के साथ ही वह खटिया के नीचे जमीन पर बैठ गई,,,, अपनी बहन की बात सुनकर हरिया बोला)
तेरी भाभी आई होती तो बात कुछ और होता,,,(गुलाबी अपने भैया के कहने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी,,)
क्यों भैया ऐसा क्यों कह रहे हो मैं भी तो सब कुछ कर सकती हूं जो बाद ही कर सकती है तुम्हारे लिए खाना लेकर आई हूं,,, ताकि तुम खाना खाकर अपना पेट भर सको,,(गुलाबी बड़े चालाकी से अपनी बात का रुख बदलते हुए बोली इस तरह से बात करने में गुलाबी के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी क्योंकि उसे मालूम था कि उसकी भैया पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके हैं तभी तो उनका लंड पूरी तरह से खड़ा था,,,,)
बात खाना खिलाने की नहीं है गुलाबी,,,, तू नहीं समझेगी,,,
अरे वाह ऐसी कौन सी बात है भैया कि मैं नहीं समझुंगई मैं भी बड़ी हो गई हूं,,,,
बड़ी तो तू हो गई है लेकिन तेरे भाभी जैसी तू मेरी सेवा नहीं कर पाएगी,,,
नहीं भैया अब तो आप गलत बोल रहे हो,,,, मुझसे बोल कर तो देखो मैं तुम्हारी हर तरह से सेवा करूंगी क्या तकलीफ है बोलो,,,,
(अपनी बहन की बात सुनकर हरिया के तन बदन में उत्तेजना के शोले धड़कने लगे अपने मन में यही सोच रहा था कि काश उसकी बहन उसकी मन की मनसा को समझ पाती,,,, उसके दिल में क्या चल रहा है वह उसे पढ़ पाती,,, तो शायद उसका काम बन जाता,,,, गुलाबी की बातों को सुनकर हरिया का मन कर रहा था कि बिना कुछ बोले गुलाबी को खटिया पर पटक कर उसकी चुदाई कर दे लेकिन ऐसा कर सकने कीहिम्मत उसने बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि गुलाबी उसकी छोटी बहन थी और वह उसे बड़े प्यार से पाल पोस कर बड़ा किया था,,,, इसलिए वह अपने जज्बातों को संभालते हुए बोला,,)
नहीं-नहीं गुलाबी तू रहने दे तू इतनी दूर खेतों पर खाना लेकर आई है वही बहुत बड़ी बात है,,,,, चल अच्छा तू खाना निकाल,,,,(इतना कहते हुए हरिया अपनी भावनाओं पर पूरी तरह से काबू कर पाया था और वह खटिया पर बैठते हुए गुलाबी की तरफ देखा जो कि खटिया से नीचे बैठी हुई थी,,, वह अपने भइया की बात सुनकर खाने की पोटली को खोलने लगी थी,,, हरिया की नजर सीधे कुर्ती में से झांकती उसकी दोनों चूचियों पर गया,,, अपनी बहन की दोनों गोलाइयो को देखकर पल भर में ही हरिया की सारी भावनाएं पसीना बनकर उसके माथे से टपकने लगी उसकी आंखों के सामने वह सब कुछ पल भर में चलचित्र की तरह आगे पीछे दौड़ने लगा जिस नजारे को देखकर वह अपनी बहन की तरफ आकर्षित हुआ था उसका झाड़ू लगाना और झाड़ू लगाते समय कुर्ती में से झांकती उसकी दोनों गुनाहों को पहली बार देखकर हरिया की आंखों में वासना की चमक ऊपस आई थी,,, झुकने की वजह से उसकी गोला कार गांड का अद्भुत आकार ले लेना,,,, घर के पीछे बेल को बांधते समय अनजाने में ही अपनी बहन को पेशाब करते हुए देखना उसकी नंगी गांड को देखकर उसकी जवानी पर फिसल जाना और उसे नहाते हुए देखना यह सब दृश्य किसी चलचित्र की तरह उसकी आंखों के सामने घूमने जाना और एक बार फिर से उसकी आंखों में वासना की चमक नजर आने लगी उसकी बहन खाने की पोटली को खो चुकी थी लेकिन हरिया के मन में कुछ और चल रहा था वह तुरंत,, दर्द से कराहने की आवाज लिए,,,, फिर से खटिया पर लेट गया,,,,।
आहहहहहहह,,,,,,,
क्या हुआ भैया,,,,,(वह तुरंत खाने की पोटली छोड़कर अपने भैया की तरफ देखने लगी)
जांघों में बहुत दर्द हो रहा है गुलाबी इसीलिए तो कह रहा था कि तेरी भाभी आई होती तो अच्छा था,,,
तो बोलो ना भैया क्या करना है मैं कर दूंगी,,,
जांघों पर थोड़ा मालिश करना था,,, सरसों के तेल की ताकि थोड़ा आराम मिले,,,(दर्द से कराहने का नाटक करते हुए हरिया बोला,,,,)
कोई बात नहीं भैया मैं मालिश कर देती हूं लेकिन सरसों का तेल,,,,,(आश्चर्य से अपने भैया की तरफ देखते हुए बोली,,,,)
हां अंदर पड़ा है सीसी में,,,,(घास फूस की बनी झुग्गी के अंदर इशारा करते हुए बोला,,, अपने भाइया की बात सुनकर गुलाबी अपनी गांड मटकाते हुए झोपड़ी के अंदर चली गई और उसे जाता हुआ हरिया लार टपका करके देख रहा था और उसकी निगाह गुलाबी की गोलाकार गांड पर टिकी हुई थी,,, जो कि इस समय कयामत ढा रही थी,,, पल भर में गुलाबी की भी चाल बदल गई थी क्योंकि वह अपने भैया की बातों से उसके इरादों को भाप गई थी उसे ऐसा लगने लगा था कि जिसकी गरमा गरम चुदाई को फीका कर चोदने की ताकत को देखकर वह उस पर मन ही मन फिदा हो जाती थी जिसके लंड को उसकी भाभी की बुर में अंदर बाहर होता हुआ देखकर अपनी खुद की बुर को गिरी करने के लिए आज उसे अपनी बुर में रहने का मौका मिल रहा है इसलिए किसी भी तरह से इस मौके को जाने नहीं देना चाहती थी क्योंकि वह जानती थी कि राजू से उसके भैया का लंड उन्नीस ही था और राजू का बीस,,, लेकिन अनुभव उसके भैया में कूट-कूट कर भरा हुआ था और औरतों के बदन से खेलना अच्छी तरह से जानता था कैसे उन्हें उत्तेजित किया जाता है कैसे संतुष्ट किया जाता है इसकी कला में वह पूरी तरह से पारंगत था,,,, हालांकि राजू भी कम नहीं था वह अपने अनाड़ी पन का अनुभव दिखाते हुए उसे अभी तक संतुष्ट करता रहा था और वह संतुष्ट भी थे लेकिन आज गुलाबी कुछ नया अनुभव करना चाहती थी इसलिए अपने होठों पर मादक मुस्कान लिए झोपड़ी के अंदर प्रवेश कर गई और जैसे ही वो झोपड़ी के अंदर गई हरिया से रहा नहीं गया और वह धोती के ऊपर से ही अपने लंड को पकड़ कर मसल दिया,,,,,।
हरिया के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी और उसे अपनी बहन में एक औरत नजर आ रही थी जिसके साथ वह संभोग सुख भोगना चाहता था इसलिए वह चलाकी दिखाते हुए अपनी धोती को चारों तरफ से ढीली कर दिया था ताकि बड़े आराम से उसकी छोटी बहन उसके लंड का दर्शन कर सके वह यह बात बिल्कुल भी नहीं जानता था कि उसके लंड के दर्शन वह कई बार कर चुकी थी,,,
इधर-उधर देखने के बाद जल्द ही गुलाबी की नजर सरसों के तेल से भरी सीसी पर चली गई वह झट से उसे उठा ली,,, उसे हाथ में लेकर कल्पना करने लगे कि कैसे वह इसी शीशी में से सरसों का तेल निकाल कर उसकी भैया के लंड पर मालिश कर रही है,,,, यह ख्याल उसके दोनों टांगों के बीच कपकपी सा फैला गया,,,,गुलाबी का दिल जोरों से धड़क रहा था वह तुरंत सरसों के तेल की शीशी लेकर झोपड़ी से बाहर आ गई जहां पर खटिया पर लेटा हुआ हरिया उसका बड़ा बेसब्री से इंतजार कर रहा था,,,,,।
लाइए भैया में मालिश कर देती हूं,,,,(खटिया के पाटी पर बैठते हुए गुलाबी बोली,,,,)
यहां दोनों झांगो मैं बहुत दर्द हो रहा है,,,(अपनी दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ें हुए ही वह अपनी हथेली अपनी दोनों जांघों पर रखता हुआ बोला)
कोई बात नहीं भैया मैं मालिश करके तुम्हारे दर्द को गायब कर दूंगी,,,,, लेकिन एक काम करो दोनों टांगों को फैला लो तब अच्छे से मालिश कर पाऊंगी,,,,,,
(गुलाबी की बात सुनते ही हरिया थोड़ी सोच में पड़ गया क्योंकि वह जानता था कि दोनों टांगों को फैला कर ही उसकी धोती में बना तंबू गुलाबी की आंखों के सामने नजर आने लगेगा वह पहले थोड़ा हिचकी चाह रहा था लेकिन अपने मन में सोचा कि अगर कुछ पाना है तो कुछ ठोस कदम उठाना ही पड़ेगा जो होगा देखा जाएगा यह मन में सोच कर वह अपनी दोनों टांगों को सीधा खटिया पर फैला लिया और ऐसा करने पर उसकी धोती खुंटे की शक्ल में खड़ी की खड़ी रह गई,,,, गुलाबी की नजर उस पर पडते ही उसकी बुर कुल बुलाने लगी,,,, वह तिरछी नजरों से अपने भैया के खुंटे को देख रही थी,, और हरिया भी पूरी तरह से बेशर्मी दिखाते हुए अपने कमरों को ढकने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं कर रहा था तो उसके मन में ऐसा हो रहा था कि वह उसे खोलकर दिखाएं,,,,
यहां जगह चारों तरफ खेतों से घिरी हुई थी चारों तरफ हरे हरे खेत लहलहा रहे थे दूर दूर तक सेइस जगह को देखे जाने की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी और इस समय यहां कोई आता भी नहीं था,,,, इसलिए हरिया और गुलाबी दोनों निश्चिंत थे,,,, गुलाबी अपने भैया की बड़ी इज्जत करती थी लेकिन यह इज्जत धीरे-धीरे वासना और आकर्षण में बदलने लगी थी जब से वह छोटे से छेद में से अपने भैया और भाभी को नग्न अवस्था में चुदाई करते हुए देखती थी,,, वैसे भी गुलाबी की उमर पर पूरी तरह से खुमारी छाई हुई थी वह क्या उसकी उम्र की कोई भी लड़की उस दृश्य को देख लेती तो उसका भी हाल गुलाबी की तरह ही होता,,,,,,, हरिया का शरीर ज्यादा हुष्ठ पुष्ठ नहीं लेकिन बेहद फुर्तीला था,,, इसलिए उसके शरीर में कसाव भरपूर था,,, । गुलाबी से बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था,,,वह सीसी के ढक्कन को खोल कर सरसों के तेल को अपनी हथेली पर गिराने लगी सरसों के तेल की धार को देखकर हरिया का लंड उबाल मार रहा था,,,, अब वह अपने मन में तय कर चुका था कि आज वह गुलाबी की गुलाबी बुर में अपना लंड डाल कर ही रहेगा,,,,