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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Ajju Landwalia

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पंछियों की सु मधुर आवाज के साथ राजू की नींद खुली तो,, देखा कि गुलाबी अकेली गहरी नींद में सो रही थी उसकी खूबसूरत चेहरे को राजू देखता ही रह गया,,, और मन ही मन अपनी बुआ को धन्यवाद देने लगा क्योंकि भले ही शुरुआत कमला चाची से हुई हो लेकिन सबसे ज्यादा तन का सुख उसकी बुआ ही उसे प्रदान कर रही थी,,, कुछ देर तक राजू एक टक अपनी बुआ की खूबसूरत चेहरे को देखता ही रह गया सोते समय वहां और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी उसकी बालों की लटे उसके गालों पर लोट रही थी,,,,,,राजू अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसकी रेशमी बाल की लटो को अपनी ऊंगलियों से सहारा देकर उसके कान के पीछे ले गया,,, तो गुलाबी की आंख खुल गई,,,,,, तो वह अंगड़ाई लेते हुए बोली,,,।


बाप रे सुबह हो गई क्या,,,?


हां सुबह तो हो गई है लेकिन अभी उतनी सुबह नहीं हुई है कि तुम घर के बाहर जाकर काम कर सको,,,,


हममममम,,,,(फिर से अंगड़ाई लेते हुए उठ कर बैठ गई) बाप रे रात को तो एकदम से गहरी नींद में सो गई,,।


वही तो मैं देख रहा हूं कि रात को तुमने मुझे दी नहीं,,, जलेबी खा कर ऐसी सोई की सोती ही रह गई,,,।


हां तू सच कह रहा है मीठा खाने के बाद नींद भी बहुत गहरी आती है,,,,(गुलाबी पहले से ही अपने बड़े भैया से चुदवा कर थक चुकी थी इसलिए खटिया पर लेटते ही सो गई थी,,, अब वह राजू से तो सच्चाई बता नहीं सकती थी इसलिए बहाना बताने लगी लेकिन राजू बोला,,,)


अच्छा हुआ बुआ कि तुम कल जल्दी सो गई,,,


क्यों अच्छा हुआ,,, तु कमजोर पड़ने लगा है क्या,,?

नहीं हुआ ऐसी बात नहीं है घर में जलेबी आने के मतलब को तुम समझती हो,,,।


इसमें क्या हुआ जब भैया खुश होते हैं अच्छी आमदनी होती है तो जलेबी लेकर आते हैं,,,।


नहीं बुआ पहले मैं भी यही समझता था लेकिन ऐसा नहीं है घर में जलेबी आने का मतलब कुछ और ही है,,,।


मैं तेरी बात कुछ समझ नहीं रही हूं,,,


अरे घर में जलेबी तभी आती है जब मां और पिताजी का कुछ और ही कार्यक्रम होता है घर में जलेबी आना मां के लिए इशारा होता है,,,।


कैसा इशारा पहेलियां मत बुझाओ मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,,



तुम्हें पता है बुआ पिताजी घर में जलेबी तभी लाते हैं,,, जब वह मां की गांड मारने वाले होते हैं,,,,



तू क्या बोल रहा है तुझे कुछ समझ में आ रहा है,,,(गुलाबी आश्चर्य जताते हुए बोली,,,)


हां मैं सब कुछ समझ गया हूं तभी तो तुम्हें बता रहा हूं,,,,वो क्या है कि कल रात तुम जल्दी सो गए वैसे तो कल रात तुम्हारी जुदाई का पूरा बंदोबस्त कर के रखा था लेकिन मेरे आने से पहले ही तुम सो गई थी इसलिए मैं तुम्हें जगाना ठीक नहीं समझा,,,मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं सोचा कि चलो आज बगल वाले कमरे में झांक कर ही देखते हैं,,, और बुआ मेरी तो किस्मत तेज थी तभी तो मैं मां पिताजी की सारी बातों को सुना और पिताजी को मां की गांड मारते हुए देखा,,,,।


हाय दैया क्या तू सच कह रहा,,, है,,,


हां बुआ सर की कसम मैं एकदम सच कह रहा हूं जो कुछ भी मैंने देखा वही तुम्हें बता रहा हूं,,,।


बाप रे बाप मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि भैया भाभी की गांड भी मारते होंगे,,,,।



क्या भाभी उस काम के लिए मान गई,,,

मान गई,,,,अरे बुआ यह पहली बार का थोड़ी था उन दोनों के बीच निरंतर समय-समय पर यह कार्यक्रम चलता रहता है यह सब मैं अपने कानों से सुना था मुझे तो अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था लेकिन,,, मेरे जो कुछ भी देखा एक दम सच था,,,।


लेकिन राजू गांड के छोटे से छेद में इतना मोटा लंड घुसा कैसे,,,,,,( हैरानी के भाव गुलाबी अपने चेहरे पर लाते हुए बोली,,)


अरे बड़े आराम से चला गया,,, पिताजी ढेर सारा सरसों का तेल मां की गांड पर लगाकर उनके छोटे से छेद पर ढेर सारा तेल जो पढ़कर और खुद अपने लंड पर लगाकर एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड मां की गांड में डाल दिए,,,,


तब तो तेरी मां चिल्ला रही होगी,,,


बिल्कुल भी नहीं मां तो गरमा गरम सिसकारी की आवाज निकाल रही थी जैसा कि तुम अपनी बुर में लेने पर निकालती हो,,,, सच पूछो तो उन दोनों को बहुत मजा आ रहा था मैं तो सब अपनी आंखों से देखा था इसलिए बता रहा हूं पहले तो मुझे भी यकीन नहीं हो रहा था लेकिन अपनी आंखों से देख कर मुझे पक्का यकीन हो गया कि गांड मारने में और मरवाने में बहुत मजा आता है,,,,

(राजू की बातों को सुनकर गुलाबी कुछ देर तक सोच में पड़ गई उसे इस तरह से विचार मगन होता देखकर राजू अपने लिए रास्ता साफ करते हुए बोला)


मैं तो कहता हूं बुआ मां पिताजी की तरह हम दोनों की इस कार्यक्रम का मजा लूट लेते हैं हम भी तो देखें इसमें कितना मजा आता है,,,,,।


नहीं नहीं मुझे तो डर लगता है,,,


मां को डर नहीं लगता और तुम्हें डर लगता है कुछ नहीं होगा मैं तो अपनी आंखों से देखा हूं बड़े आराम से मां पिताजी के लंड़ कों की गांड के छेद में ले ली थी,,,।

भैया का तेरे से छोटा ही है समझा और तेरा मोटा तगड़ा है,,, मेरे छोटे से छेद में जाएगा कैसे,,!(गुलाबी आश्चर्य था तेरी बॉडी हालांकि राजु की बातों को सुनकर उसका भी मन मचलने लगा था,,,, लेकिन मन में डर भी था और राजू की औरत की गांड मारने के सुख को भोगने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका था,,, इसलिए वो किसी भी तरह से अपनी बुआ को मनाना चाहता था,,,)


बड़े आराम से चला जाएगा वह सरसों के तेल की चिकनाहट पाकर तुम्हारी गांड के छेद में मेरा लंड बड़े आराम से चला जाएगा और फिर उसके बाद देखना इतना मजा आएगा कि तुम रोज गांड उठाकर मुझे दोगी,,,।


हाय राजू तेरी बातें सुनकर तो मेरी बुर पसीना छोड़ रही है,,,
Raju or Gulabi



तो क्यों ना हो जाए बुआ अभी उजाला ठीक से हुआ नहीं और अभी एक मां और पिताजी भी सो रहे हैं,,,,।


ठीक है लेकिन जल्दी करना,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी खुद अपनी सलवार की डोरी खुलने लगी नौकरी पर अपने सलवार की डोरी खोल कर अपनी सलवार उतार कर नीचे फेंक दी और कमर के नीचे एकदम से नंगी हो गई रात को जो नजारा राजू ने देखा थाउसे हर एक पल को याद करके राजू पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था इसलिए बिना देरी किए,,,, राजू अपनी बुआ की दोनों टांगों को फैला कर उसके बीच आ गया और,, अपने पजामे को नीचे करके अपने खड़े लंड को अपनी बुआ की गुलाबी चेहरे पर रखकर हल्का सा धक्का मारा और पूरा लंड एक ही बार में गुलाबी के बुर में समा गया,,,, रात की मदहोशी का पूरा नशा उतारते हुए राजू बिना रुके बड़े रफ्तार के साथ अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और अपनी बुआ की चुदाई करना शुरू कर दिया गांड मारने वाली बात पर उसकी बुआ भी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी इसलिए तुरंत राजू को अपनी बाहों में कस कर उसके हर एक धक्के का आनंद लूटने लगी,,,,
Raju or Gulabi


आहहह आहहहह आहहहह की आवाज से पूरा कमरा गूंजने लगा और थोड़ी ही देर बाद उत्तेजना के चरम सुख पर पहुंचते हुए दोनों झड़ गए,,,,। दोनों एक दूसरे को बाहों में लेकर हांफ रहे थे कि तभी बगल वाले कमरे का लकड़े का दरवाजा आवाज करता हुआ खुला तो गुलाबी हड़बड़ाहट भरे स्वर में बोली,,,।

excelent smileys

बाप रे भाभी उठ गई है,,,, मुझे भी अब जाना चाहिए,,,।
(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी खटिया पर से नीचे उठेगी और नीचे गिरी अपने सलवार को उठाकर अपनी लंबी लंबी टांगों में डालकर उसे पहनने लगी और अगले ही पल बाकी कमरे से बाहर निकल गई और तुरंत झाड़ू लेकर सफाई करना शुरू कर दी तब तक राजू अंदर ही लेटा रह गया और गांड मारने के कार्यक्रम के बारे में सोचने लगा,,,, वह भी अच्छी तरह से जानता था कि गुलाबी की गांड का छेद छोटा था इसलिए उसे बड़े आराम से काम लेना था ताकि सब कुछ कुशल मंगल तरीके से हो जाए,,,, और थोड़ी देर बाद वह भी कमरे से बाहर आ गया,,,,,,
सुबह का नाश्ता पानी करके,,, हरिया भी बेल गाड़ी लेकर रेलवे स्टेशन की तरफ निकल पड़ा आज उसे ब्याज की रकम देनी भी जाना था इसलिए वह जल्दी निकला था ताकि कुछ आमदनी ज्यादा हो जाए,,,,।

सूरज सर पर चढ़ आया था गर्मी का समय होने की वजह से,,, राजू इस समय नदी में नहाने के लिए गया था और वह अपने सारे कपड़े उतार कर नदी में कूद गया था क्योंकि इस समय नदी के आसपास कोई भी नहीं था और ना ही कोई होता था क्योंकि गर्मी कुछ ज्यादा ही पड़ती थी लेकिन राजू को दिनभर गांव में इधर उधर घूमने में ही मजा आता था इसलिए मैं इस समय नदी में नहा रहा था कि तभी कमला चाची की बहू हाथ में मटका लिए नदी पर पानी भरने के लिए आ गई,,,।


कमला चाची की बहू को देखते हैं राजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे,,,, कमला चाची की बहू एकदम करीब आ गई थी और राजू को नहाता हुआ देखकर वह भी खुश हो गई थी,,, मटके में नदी का पानी भरते हुए बोली,,,।


इतनी दोपहर में नदी में क्या कर रहा है,,,


नहा रहा हूं भाभी,,,,


इतने से में कोई नहाता है,,,


मेरा तो यही समय है नदी पर आकर नहाने का क्योंकि ईस समय यहां कोई नहीं होता,,, लेकिन तुम इतनी दोपहर में यहां क्या कर रही हो नल से पानी भर ली होती,,,


मुझे ठंडा पानी चाहिए था इसलिए यहां आ गई,,,


किनारे पर ठंडा पानी थोड़ी मिलता है किनारे पर तो गरम पानी ही मिलेगा और वह भी गंदा ,,,ठंडा पानी का मजा लेना है तो बीच में आकर पानी भरना होगा,,,


नहीं मैं बीच में नहीं आ सकती,,,


अरे आ जाओ भाभी नहा भी लोगी पूरा बदन ठंडा हो जाएगा और पानी भी भर लोगी,,,


नहीं नहीं मैं नदी में नहीं आऊंगी तू ही बीच में से भर कर ले आ,,,


जैसी तुम्हारी मर्जी भाभी,,,, लेकिन मैं किनारे नहीं आऊंगा मटके को पानी में रखकर आगे की तरफ भेजो,,,


क्यों बाहर नहीं आएगा,,,


मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा होकर नदी में उतरा हूं,,,।
(राजू की यह बात सुनकर रमा के चेहरे पर शर्म की लालीमा छाने लगी,,, राजू नदी में पूरी तरह से नंगा है यह जानकर कमला चाची की बहू की दोनों टांगों के बीच सुरसुरी सी दौड़ गई,,,, राजू की बात सुनकर वह मुस्कुराते हुए बोली,,)

नंगा होने में तुझे बहुत मजा आता है ना,,,


मजा तो आता है भाभी लेकिन नंगी करने में और ज्यादा मजा आता है,,,।
(राजू के कहने के मतलब को वह अच्छी तरह से समझ गई थी इसलिए वह शरमा गई,,, और शरमाते हुए बोली)


किसको नंगी किया है,,,


तुमको भाभी,,, तुमको नंगी करने में जितना मजा आया था मैं बता नहीं सकता,,, जैसे भी तुम बहुत खूबसूरत हो भाभी एकदम गोरी चिट्टी गोल गोल चूचियां बड़ी बड़ी गांड देख कर ही लंड खड़ा हो जाता है,,,(राजू एकदम खुले शब्दों में बोल रहा था क्योंकि वह एक बार उसकी चुदाई कर चुका था इसलिए दोनों के बीच किसी भी प्रकार की शर्म आया नहीं थी और राजू की यह बातें कमला चाची की बहू को उत्तेजित कर रही थी वह बार-बार अपने चारों तरफ देख ले रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है लेकिन इतनी दुपहरी में वहां कोई आने वाला नहीं था,,,,)


चल अच्छा यह सब बातें मत कर मुझे प्यास लगी है जल्दी से मटका भर दे,,,,(और इतना कहने के साथ ही कमला चाची की बहू नीचे बैठकर मटके को पानी में रखकर उसे धीरे-धीरे पानी को हाथ से हिलाते हुए मटके को आगे बढ़ाने लगी और देखते ही देखते उसका मटका राजू के हाथों में चला गया और राजू मटके को हाथ में लेकर थोड़ा और बीचों-बीच जाकर पानी भरने लगा जहां का पानी वास्तव में बेहद ठंडा था कुछ देर तक वह बीच में नहाता रहा और मटके को लेकर बाहर आने लगा उसके मन में बहुत सारी बातें चल रही थी वह नदी के सुनसान पन का फायदा उठा लेना चाहता था,,,वैसे भी कमला चाची की बहू को देखते ही नदी में होने के बावजूद भी उसका लंड पूरी तरह से खाना हो चुका था और वह जानता था कि एक बार अगर उसकी बहू ने फिर से उसके लंड को देख ली तो फिर से चुदवा लेगी और वैसे भी वह प्यासी थी,,, इसलिए राजू मटके को बाहर लाते चले अपने मन में तय कर लिया था कि वह पूरी तरह से नदी से बाहर आ जाएगा और वह भी एकदम नंगा,,,।
Raju or kamla chachi ki bahu



दूसरी तरफ कमला चाची की बहू का भी दिल जोरों से धड़क रहा था वह राजू को पूरी तरह से नंगा देखना चाहती थी और वह भी इस तरह से खुले में लेकिन यह बात बहुत से कहने में शर्म महसूस कर रही थी,,, वह बार-बार अपने चारों तरफ देख ले रही थी जहां की पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ था,,,और वैसे भी जिस जगह पर मैं खड़ी थी वह जगह झाड़ियों से गिरी हुई थी इसलिए दूर से भी वहां पर किसी की नजर पहुंच नहीं सकती थी,,, धीरे धीरे राजू मटका लेकर बाहर आने लगा और किनारे पर आते ही वह एकदम से खड़ा हो गया और जैसे ही वह खड़ा हुआ कमला चाची की बहू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच खड़े लंड पर पड़ी तो वहां दांतो तले उंगली दबा ली उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में था जिसे देखते ही रमा कि बुर में चीटियां रेंगने लगी,,,, उसके मुंह से अचानक ही निकल गया,,,।


बाप रे इतना मोटा और लंबा,,,


क्या भाभी तुम तो ऐसा कह रही हो जैसे पहली बार देख रही हो जबकि इसे अपनी बुर में ले भी चुकी हो फिर भी,,,।
Kamla chachi ki bahu ko bahot maja aa raha tha


( ईतने खुले शब्दों में राजू के मुंह से बोल शब्द सुनकर रमा शर्म से पानी पानी हो गई उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले वह एक बार फिर से राजू के लंड को अपनी पूरी लेना चाहती थी वह प्यासी नजरों से उसकी दोनों टांगों के बीच ही देख रही थी,,उसकी हालत को देखकर राजू समझ गया था कि उसे क्या चाहिए इसीलिए वह मटके को नीचे रख कर अपने चारों तरफ नजर घुमाया व जानता था कि समय यहां कोई नहीं आता है फिर भी एहतियात के तौर पर वह कोई गलती नहीं करना चाहता था,,,और तुरंत आगे बढ़ा कमला चाची की तो कुछ समझ पाती इससे पहले ही उसे अपनी गोद में उठा लिया,,, और एकदम झाड़ियां के बीच लेकर आ गया,,,राजू जिस तरह से बड़े आराम से से गोद में उठाकर यहां तक लाया था उसकी ताकत को देखकर कमला चाची की बहू एकदम कायल हो गई उसकी ताकत पर वह पूरी तरह से न्योछावर हो गई,,, राजू ने दमखम था इस बात का सबूत और पहले ही देख चुकी थी,,,,।

Kamla chachi ki bahu ki khubsurat gasnd

numbers remove duplicates

अपनी गोद से उतारने के बाद,,, राजू उसकी साड़ी उतारने लगा तो वह उसे रोकते हुए बोली,,,।


नहीं नहीं यहां पर साड़ी मत उतार ऐसे ही कर ले कोई आ गया तो गजब हो जाएगा,,,(हालांकि कमला चाची की बहू का भी मन यहीं कर रहा था किराजू उसके सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी करके चोदे लेकिन फिर भी उसके मन में डर था कि कहीं कोई आ जाएगा तो गजब हो जाएगाराजू अपना पूरा मन बना लिया था कि वह तुमने चाची की बहू के सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी करके चोदेगा इसलिए वह बोला,,,)


तुम बिल्कुल की फिक्र मत करो भाभी यहां कोई नहीं आने वाला है क्योंकि मैं यहां रोज आता हूं और मेरे सिवा यहां पर केवल परिंदे ही रहते हैं और कोई नहीं रहता इसलिए निश्चिंत रहो,,,(और इतना कहने के साथ ही वह कमला चाची की बहू के बदन पर सितारे कपड़े उतारने लगा उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा और देखते ही देखते हैं उसके पेटीकोट की डोरी खोल कर उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया,,,,, और उसे अपनी बाहों में लेकर उसके पूरे बदन पर चुंबन की बौछार कर दिया,,, खुले में खूबसूरत औरत के नाम से खेलने का पहला अवसर था इसलिए ज्यादा उत्तेजित था वह तुरंत नीचे बैठकर कमला चाची की बहू की एक टांग उठा कर उसे अपने कंधे पर रख दिया और उसकी गुलाबी बुर पर अपने प्यासे होंठ को रख कर चाटना शुरू कर दिया,,,,,, कमला चाची की बहुत दम से मदहोश हो गई,,,वो कभी सपने में नहीं सोचा थी कि इस तरह से गांव में खुले में वह इस तरह का आनंद लूटेगी जिसके लिए वह पूरी तरह से तैयार नहीं थी,,,,इसके लिए उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी राजू की हरकत की वजह से उसकी आंखें एकदम से बंद हो गई और वहां अपने दोनों हाथों को राजू के सिर पर रख कर और जोर से अपनी बुर पर दबाने लगी,,,।
Nadi k kinare maje karte huye


ओहहहह ,,,राजु,,,,,आहहहहहहहहह,,,,(उसके मुख से मादक सिसकारियां फूटने लगी जिसको वहां सुनने वाला राजू के सिवा कोई नहीं था राजू की उत्तेजना और बढ़ती जा रही थी राजू पागलों की तरह जितना हो सकता था अपनी जीभ को उसकी बुर में डालकर उसकी मलाई को चाट रहा था,,,, कमला चाची की बहू पानी पानी हुए जा रही थी,,,, उसकी गर्म सिसकारियों की आवाज सुनकरराजू समझ गया कि अब वह लंड देने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है इसलिए अपने होठों को उसकी गर्म बुर से हटाकर खड़ा हुआ और उसके कंधों पर जोर देते हुए उसे नीचे की तरफ बैठने का इशारा किया,,,, और देखते ही देखते कमला चाची की बहू एकदम नंगी अपने घुटनों के बल बैठ गई और राजू के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,,,यह जगह पूरी तरह से सुनसान थी चारों तरफ इस समय कोई भी नजर नहीं आ रहा था झाड़ियों के बीच होने की वजह से दोनों पूरी तरह से निश्चिंत थे दोनों की उत्तेजना निरंतर बढ़ती जा रही थी राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था ऐसा लग रहा था कि जैसे वहां कमला चाची की बहू के मुंह को ही चोद डालेगा,,,,। लेकिन कुछ देर तक इस तरह से मजा लेने के बाद राजू पेट के बल नीचे उसकी साड़ी बिछा कर लेट गया,,, राजू कमला चाची की बहू तो उसके लंड पर बैठने के लिए बोला तो वह समझ गई कि उसे क्या करना है वह राजू के कमर के इर्द गिर्द अपने घुटनों को रखकर अपनी गोल-गोल गांडउसके लंड पर रखने लगी और पीछे से उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसके सुपाड़े को अपने गुलाबी छेद पर लगाने लगी,,,और धीरे-धीरे अपने भारी-भरकम गांड का बजन उसके लंड पर बढ़ाने लगी,,,
और देखते ही देखते राजु मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी बुर की गहराई में छुपा ली,,,,,,, और फिर अपनी गांड को राजू के लंड पर पटकना शुरू कर दी,,,,राजू की अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर उसकी दोनों चूचियों को थामकर उसे जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,।
Gulabi ki Gulabi chut


अद्भुत सुख की अनुभूति दोनों को हो रही थी इस तरह से खुले में चुदाई का मजा ही कुछ और होता है यह एहसास दोनों को पहली बार हो रहा था चारों तरफ पंछियों की आवाज आ रही थी मंद मंद शीतल हवा दे रहे थे और ऐसे में दोनों अपने अंदर की गर्मी को मिटाने की पूरी कोशिश कर रहे थे कमला चाची की बहू पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी बहुत जोर जोर से अपनी कहां को राजू के लंड पर पटक रही थी मानो की जैसे हथोड़ा चला रही हो,,,,।

कमला चाची की बहू की कामुक हरकत की वजह से राजू का भी आनंद बढ़ता जा रहा था पचच पचच की आवाज बड़े जोरों से आ रही थी,,,, जो कि पूरे वातावरण में गूंज रही थी कुछ देर तक कमला चाची की बहू इसी तरह से मेहनत करती रही लेकिन उसे आराम देते हुए राजू तुरंत उसकी कमर में अपना हाथ डाला और अपने लंड को उसकी बुर में से निकाले बिना ही पलटी मार दिया अब राजू ऊपर था और कमला चाची की बहू नीचे अब राजू अपना पूरा जोर दिखाने वाला था और उसके कंधे को पकड़कर जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया वह इतनी जोर से कमर हिला रहा था कि मानव जैसे कोई मशीन चल रही है कमला चाची की बहू भी हैरान थी,,,, राजू की ताकत को देखकर उसके लंड की ताकत से वह पानी पानी हुई जा रही थी,,,राजू इतने जोरो से धक्के लगा रहा था कि उसका पूरा बदन हवा में लहरा रहा था जिसकी वजह से वह कुछ बोलना भी चाह रही थी तो ऐसा लग रहा था कि हकला के बोल रही हो,,,तुमने चाची की बहन को बहुत मजा आ रहा था राजू का मोटा तगड़ा लंड बड़े आराम से उसकी गुलाबी छेद में अंदर बाहर हो रहा था जिसे देखने के लिए तुमने सांची की बहू अपनी नजरों को उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच स्थिर कर दी थी और बड़े हैरानी से इतने मोटे तगड़े लंड को अपनी गुलाबी बुर के छोटे से छेद में अंदर बाहर होता देख रही थी,,,।

राजू पूरी मस्ती के साथ उसके दोनों दशहरी आम को पकड़कर जोर-जोर से दबाता हुआ धक्के पर धक्के लगा रहा था,,,,हर धक्के पर हमला चाची की बहू के मुंह से आह निकल जा रही थी,,, ऐसा अद्भुत संभोग सुख उसने पहले कभी नहीं प्राप्त की थी,,, राजू कमला चाची कीबहू की खूबसूरत गोरे बदन के साथ पूरी मस्ती का लुफ्त उठा रहा था कभी चूचियों को पकड़ से तो कभी कंधों को तो कभी उसकी चिकनी कमर को जोर से हथेली में दबाकर धक्के पर धक्के लगा रहा था,,,,।


राजू थकने का नाम नहीं ले रहा था,,लेकिन इस दौरान वह कमला चाची की बहू की चुदाई करते हुए उसका दो बार पानी निकाल चुका था और धीरे-धीरे कमला चाची की बहू तीसरे चरण सुख की तरफ आगे बढ़ रही थी और यही हाल राजू का भी था उसका भी पानी निकलने वाला था इसलिए वह नीचे झुककर अपने दोनों हाथ को कमला चाची की बहू के पेट के नीचे रखकर उसे कसके अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते वहां कमला चाची की बहू की बुर में झड़ना शुरू हो गया,,,,।
Nadi k kinare raju se chudwate huye


वासना का तूफान थम चुका था कुछ देर तक राज्य उसे अपनी बांहों में लिए हुए उसके ऊपर ही लेटा रहा,,,कमला चाची की बहुत ही उसका हौसला बनाते हुए उसकी पीठ को सहला रही थी क्योंकि संभोग का असली सुख उसे राजू से ही प्राप्त हो रहा था,,,,कमला चाची की तो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि इस तरह से खुले में गांव के नदी पर उसे एक जवान लड़का चोदेगा और ना हीराजू ने इस तरह की कल्पना किया था कि नदी पर उसे खूबसूरत औरत की चुदाई करने का सुख प्राप्त होगा,,, खड़ी दोपहरी में यहां आना उसका सफल हो चुका था,,, कुछ देर बाद वह कमला चाची की बहू के बदन पर से ऊपर उठा और जान बुझ कर,, कमला चाची की बहू का ब्लाउज उठाकर उस पर अपने लंड पर लगा पानी पोछने लगा तो यह देख कर करना चाहती कि बहु बोली,,,।


हाय भैया यह क्या कर रहा है गंदा लगा दिया,,,


मेरे प्यार की निशानी है भाभी,,,(और इतना कहने के साथ ही मुस्कुराते हुए ब्लाउज को कमला चाची की बहू के चेहरे के ऊपर फेंक दिया और लंड का गीलापन ब्लाउज पर लगे होने की वजह से उसे अपने गाल पर लंड का पानी लगता हुआ महसूस हुआ तो वह मुंह बनाने लगी,,, लेकिन यह देखकर राजू मुस्कुराने लगा,,,, कमला चाची की बहू भी कुछ नहीं बोली और अपने कपड़े पहन कर झाड़ियों से बाहर आ गई,,,,, राजू उसी तरह से बिना शर्माए नंगा ही बाहर आ गया मटके का पानी उठाकर कमला चाची की बहु बोली ,,,।

अबतो यह फिर से गर्म हो गया है,,, जा फिर से भरकर लेकर आ,,,


जो आज्ञा भाभी जी,,,( और इतना कहने के साथ ही फिर सेराजू मटका लेकर नदी के बीचो-बीच चला गया और फिर से ठंडा पानी लेकर बाहर आ गया लेकिन इस समय पर वह पूरी तरह से मांगा था तो उसके खड़े लंड तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कमला चाची की बहु बोली,,,)


कुछ पहन लिया कर ऐसे ही लंड दिखाते हुए नंगा मत घुमा कर,,,।


क्यों भाभी,,,?


क्योंकि तेरा इतना मोटा और लंबा है कि तेरी मां की नजर पड़ गई तो तेरी मां भी तुझ से चुदवाए बिना नहीं रह पाएगी,,,,(और इतना क्या करवा मुस्कुराते हुए कमर पर मटका रख कर चलती बनी राजू से तब तक देखता रहा जब तक कि वह आंखों से ओझल नहीं हो गई इसके बाद वह अपने कपड़े पहन कर गांव की तरफ चल दिया,,,।)



Shandar update Rohnny Bhai,

Rama Bhabhi ne Raju ke liye indirectly ek naya mission de diya he, ab Raju kisi na kisi bahane se apni Maa ko apna lund dikhayega....

Keep Posting Bhai
 

Vikashkumar

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Pankaj Tripathi_PT

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पंछियों की सु मधुर आवाज के साथ राजू की नींद खुली तो,, देखा कि गुलाबी अकेली गहरी नींद में सो रही थी उसकी खूबसूरत चेहरे को राजू देखता ही रह गया,,, और मन ही मन अपनी बुआ को धन्यवाद देने लगा क्योंकि भले ही शुरुआत कमला चाची से हुई हो लेकिन सबसे ज्यादा तन का सुख उसकी बुआ ही उसे प्रदान कर रही थी,,, कुछ देर तक राजू एक टक अपनी बुआ की खूबसूरत चेहरे को देखता ही रह गया सोते समय वहां और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी उसकी बालों की लटे उसके गालों पर लोट रही थी,,,,,,राजू अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसकी रेशमी बाल की लटो को अपनी ऊंगलियों से सहारा देकर उसके कान के पीछे ले गया,,, तो गुलाबी की आंख खुल गई,,,,,, तो वह अंगड़ाई लेते हुए बोली,,,।


बाप रे सुबह हो गई क्या,,,?


हां सुबह तो हो गई है लेकिन अभी उतनी सुबह नहीं हुई है कि तुम घर के बाहर जाकर काम कर सको,,,,


हममममम,,,,(फिर से अंगड़ाई लेते हुए उठ कर बैठ गई) बाप रे रात को तो एकदम से गहरी नींद में सो गई,,।


वही तो मैं देख रहा हूं कि रात को तुमने मुझे दी नहीं,,, जलेबी खा कर ऐसी सोई की सोती ही रह गई,,,।


हां तू सच कह रहा है मीठा खाने के बाद नींद भी बहुत गहरी आती है,,,,(गुलाबी पहले से ही अपने बड़े भैया से चुदवा कर थक चुकी थी इसलिए खटिया पर लेटते ही सो गई थी,,, अब वह राजू से तो सच्चाई बता नहीं सकती थी इसलिए बहाना बताने लगी लेकिन राजू बोला,,,)


अच्छा हुआ बुआ कि तुम कल जल्दी सो गई,,,


क्यों अच्छा हुआ,,, तु कमजोर पड़ने लगा है क्या,,?

नहीं हुआ ऐसी बात नहीं है घर में जलेबी आने के मतलब को तुम समझती हो,,,।


इसमें क्या हुआ जब भैया खुश होते हैं अच्छी आमदनी होती है तो जलेबी लेकर आते हैं,,,।


नहीं बुआ पहले मैं भी यही समझता था लेकिन ऐसा नहीं है घर में जलेबी आने का मतलब कुछ और ही है,,,।


मैं तेरी बात कुछ समझ नहीं रही हूं,,,


अरे घर में जलेबी तभी आती है जब मां और पिताजी का कुछ और ही कार्यक्रम होता है घर में जलेबी आना मां के लिए इशारा होता है,,,।


कैसा इशारा पहेलियां मत बुझाओ मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,,



तुम्हें पता है बुआ पिताजी घर में जलेबी तभी लाते हैं,,, जब वह मां की गांड मारने वाले होते हैं,,,,



तू क्या बोल रहा है तुझे कुछ समझ में आ रहा है,,,(गुलाबी आश्चर्य जताते हुए बोली,,,)


हां मैं सब कुछ समझ गया हूं तभी तो तुम्हें बता रहा हूं,,,,वो क्या है कि कल रात तुम जल्दी सो गए वैसे तो कल रात तुम्हारी जुदाई का पूरा बंदोबस्त कर के रखा था लेकिन मेरे आने से पहले ही तुम सो गई थी इसलिए मैं तुम्हें जगाना ठीक नहीं समझा,,,मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं सोचा कि चलो आज बगल वाले कमरे में झांक कर ही देखते हैं,,, और बुआ मेरी तो किस्मत तेज थी तभी तो मैं मां पिताजी की सारी बातों को सुना और पिताजी को मां की गांड मारते हुए देखा,,,,।


हाय दैया क्या तू सच कह रहा,,, है,,,


हां बुआ सर की कसम मैं एकदम सच कह रहा हूं जो कुछ भी मैंने देखा वही तुम्हें बता रहा हूं,,,।


बाप रे बाप मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि भैया भाभी की गांड भी मारते होंगे,,,,।



क्या भाभी उस काम के लिए मान गई,,,

मान गई,,,,अरे बुआ यह पहली बार का थोड़ी था उन दोनों के बीच निरंतर समय-समय पर यह कार्यक्रम चलता रहता है यह सब मैं अपने कानों से सुना था मुझे तो अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था लेकिन,,, मेरे जो कुछ भी देखा एक दम सच था,,,।


लेकिन राजू गांड के छोटे से छेद में इतना मोटा लंड घुसा कैसे,,,,,,( हैरानी के भाव गुलाबी अपने चेहरे पर लाते हुए बोली,,)


अरे बड़े आराम से चला गया,,, पिताजी ढेर सारा सरसों का तेल मां की गांड पर लगाकर उनके छोटे से छेद पर ढेर सारा तेल जो पढ़कर और खुद अपने लंड पर लगाकर एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड मां की गांड में डाल दिए,,,,


तब तो तेरी मां चिल्ला रही होगी,,,


बिल्कुल भी नहीं मां तो गरमा गरम सिसकारी की आवाज निकाल रही थी जैसा कि तुम अपनी बुर में लेने पर निकालती हो,,,, सच पूछो तो उन दोनों को बहुत मजा आ रहा था मैं तो सब अपनी आंखों से देखा था इसलिए बता रहा हूं पहले तो मुझे भी यकीन नहीं हो रहा था लेकिन अपनी आंखों से देख कर मुझे पक्का यकीन हो गया कि गांड मारने में और मरवाने में बहुत मजा आता है,,,,

(राजू की बातों को सुनकर गुलाबी कुछ देर तक सोच में पड़ गई उसे इस तरह से विचार मगन होता देखकर राजू अपने लिए रास्ता साफ करते हुए बोला)


मैं तो कहता हूं बुआ मां पिताजी की तरह हम दोनों की इस कार्यक्रम का मजा लूट लेते हैं हम भी तो देखें इसमें कितना मजा आता है,,,,,।


नहीं नहीं मुझे तो डर लगता है,,,


मां को डर नहीं लगता और तुम्हें डर लगता है कुछ नहीं होगा मैं तो अपनी आंखों से देखा हूं बड़े आराम से मां पिताजी के लंड़ कों की गांड के छेद में ले ली थी,,,।

भैया का तेरे से छोटा ही है समझा और तेरा मोटा तगड़ा है,,, मेरे छोटे से छेद में जाएगा कैसे,,!(गुलाबी आश्चर्य था तेरी बॉडी हालांकि राजु की बातों को सुनकर उसका भी मन मचलने लगा था,,,, लेकिन मन में डर भी था और राजू की औरत की गांड मारने के सुख को भोगने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका था,,, इसलिए वो किसी भी तरह से अपनी बुआ को मनाना चाहता था,,,)


बड़े आराम से चला जाएगा वह सरसों के तेल की चिकनाहट पाकर तुम्हारी गांड के छेद में मेरा लंड बड़े आराम से चला जाएगा और फिर उसके बाद देखना इतना मजा आएगा कि तुम रोज गांड उठाकर मुझे दोगी,,,।


हाय राजू तेरी बातें सुनकर तो मेरी बुर पसीना छोड़ रही है,,,
Raju or Gulabi



तो क्यों ना हो जाए बुआ अभी उजाला ठीक से हुआ नहीं और अभी एक मां और पिताजी भी सो रहे हैं,,,,।


ठीक है लेकिन जल्दी करना,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी खुद अपनी सलवार की डोरी खुलने लगी नौकरी पर अपने सलवार की डोरी खोल कर अपनी सलवार उतार कर नीचे फेंक दी और कमर के नीचे एकदम से नंगी हो गई रात को जो नजारा राजू ने देखा थाउसे हर एक पल को याद करके राजू पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था इसलिए बिना देरी किए,,,, राजू अपनी बुआ की दोनों टांगों को फैला कर उसके बीच आ गया और,, अपने पजामे को नीचे करके अपने खड़े लंड को अपनी बुआ की गुलाबी चेहरे पर रखकर हल्का सा धक्का मारा और पूरा लंड एक ही बार में गुलाबी के बुर में समा गया,,,, रात की मदहोशी का पूरा नशा उतारते हुए राजू बिना रुके बड़े रफ्तार के साथ अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और अपनी बुआ की चुदाई करना शुरू कर दिया गांड मारने वाली बात पर उसकी बुआ भी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी इसलिए तुरंत राजू को अपनी बाहों में कस कर उसके हर एक धक्के का आनंद लूटने लगी,,,,
Raju or Gulabi


आहहह आहहहह आहहहह की आवाज से पूरा कमरा गूंजने लगा और थोड़ी ही देर बाद उत्तेजना के चरम सुख पर पहुंचते हुए दोनों झड़ गए,,,,। दोनों एक दूसरे को बाहों में लेकर हांफ रहे थे कि तभी बगल वाले कमरे का लकड़े का दरवाजा आवाज करता हुआ खुला तो गुलाबी हड़बड़ाहट भरे स्वर में बोली,,,।

excelent smileys

बाप रे भाभी उठ गई है,,,, मुझे भी अब जाना चाहिए,,,।
(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी खटिया पर से नीचे उठेगी और नीचे गिरी अपने सलवार को उठाकर अपनी लंबी लंबी टांगों में डालकर उसे पहनने लगी और अगले ही पल बाकी कमरे से बाहर निकल गई और तुरंत झाड़ू लेकर सफाई करना शुरू कर दी तब तक राजू अंदर ही लेटा रह गया और गांड मारने के कार्यक्रम के बारे में सोचने लगा,,,, वह भी अच्छी तरह से जानता था कि गुलाबी की गांड का छेद छोटा था इसलिए उसे बड़े आराम से काम लेना था ताकि सब कुछ कुशल मंगल तरीके से हो जाए,,,, और थोड़ी देर बाद वह भी कमरे से बाहर आ गया,,,,,,
सुबह का नाश्ता पानी करके,,, हरिया भी बेल गाड़ी लेकर रेलवे स्टेशन की तरफ निकल पड़ा आज उसे ब्याज की रकम देनी भी जाना था इसलिए वह जल्दी निकला था ताकि कुछ आमदनी ज्यादा हो जाए,,,,।

सूरज सर पर चढ़ आया था गर्मी का समय होने की वजह से,,, राजू इस समय नदी में नहाने के लिए गया था और वह अपने सारे कपड़े उतार कर नदी में कूद गया था क्योंकि इस समय नदी के आसपास कोई भी नहीं था और ना ही कोई होता था क्योंकि गर्मी कुछ ज्यादा ही पड़ती थी लेकिन राजू को दिनभर गांव में इधर उधर घूमने में ही मजा आता था इसलिए मैं इस समय नदी में नहा रहा था कि तभी कमला चाची की बहू हाथ में मटका लिए नदी पर पानी भरने के लिए आ गई,,,।


कमला चाची की बहू को देखते हैं राजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे,,,, कमला चाची की बहू एकदम करीब आ गई थी और राजू को नहाता हुआ देखकर वह भी खुश हो गई थी,,, मटके में नदी का पानी भरते हुए बोली,,,।


इतनी दोपहर में नदी में क्या कर रहा है,,,


नहा रहा हूं भाभी,,,,


इतने से में कोई नहाता है,,,


मेरा तो यही समय है नदी पर आकर नहाने का क्योंकि ईस समय यहां कोई नहीं होता,,, लेकिन तुम इतनी दोपहर में यहां क्या कर रही हो नल से पानी भर ली होती,,,


मुझे ठंडा पानी चाहिए था इसलिए यहां आ गई,,,


किनारे पर ठंडा पानी थोड़ी मिलता है किनारे पर तो गरम पानी ही मिलेगा और वह भी गंदा ,,,ठंडा पानी का मजा लेना है तो बीच में आकर पानी भरना होगा,,,


नहीं मैं बीच में नहीं आ सकती,,,


अरे आ जाओ भाभी नहा भी लोगी पूरा बदन ठंडा हो जाएगा और पानी भी भर लोगी,,,


नहीं नहीं मैं नदी में नहीं आऊंगी तू ही बीच में से भर कर ले आ,,,


जैसी तुम्हारी मर्जी भाभी,,,, लेकिन मैं किनारे नहीं आऊंगा मटके को पानी में रखकर आगे की तरफ भेजो,,,


क्यों बाहर नहीं आएगा,,,


मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा होकर नदी में उतरा हूं,,,।
(राजू की यह बात सुनकर रमा के चेहरे पर शर्म की लालीमा छाने लगी,,, राजू नदी में पूरी तरह से नंगा है यह जानकर कमला चाची की बहू की दोनों टांगों के बीच सुरसुरी सी दौड़ गई,,,, राजू की बात सुनकर वह मुस्कुराते हुए बोली,,)

नंगा होने में तुझे बहुत मजा आता है ना,,,


मजा तो आता है भाभी लेकिन नंगी करने में और ज्यादा मजा आता है,,,।
(राजू के कहने के मतलब को वह अच्छी तरह से समझ गई थी इसलिए वह शरमा गई,,, और शरमाते हुए बोली)


किसको नंगी किया है,,,


तुमको भाभी,,, तुमको नंगी करने में जितना मजा आया था मैं बता नहीं सकता,,, जैसे भी तुम बहुत खूबसूरत हो भाभी एकदम गोरी चिट्टी गोल गोल चूचियां बड़ी बड़ी गांड देख कर ही लंड खड़ा हो जाता है,,,(राजू एकदम खुले शब्दों में बोल रहा था क्योंकि वह एक बार उसकी चुदाई कर चुका था इसलिए दोनों के बीच किसी भी प्रकार की शर्म आया नहीं थी और राजू की यह बातें कमला चाची की बहू को उत्तेजित कर रही थी वह बार-बार अपने चारों तरफ देख ले रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है लेकिन इतनी दुपहरी में वहां कोई आने वाला नहीं था,,,,)


चल अच्छा यह सब बातें मत कर मुझे प्यास लगी है जल्दी से मटका भर दे,,,,(और इतना कहने के साथ ही कमला चाची की बहू नीचे बैठकर मटके को पानी में रखकर उसे धीरे-धीरे पानी को हाथ से हिलाते हुए मटके को आगे बढ़ाने लगी और देखते ही देखते उसका मटका राजू के हाथों में चला गया और राजू मटके को हाथ में लेकर थोड़ा और बीचों-बीच जाकर पानी भरने लगा जहां का पानी वास्तव में बेहद ठंडा था कुछ देर तक वह बीच में नहाता रहा और मटके को लेकर बाहर आने लगा उसके मन में बहुत सारी बातें चल रही थी वह नदी के सुनसान पन का फायदा उठा लेना चाहता था,,,वैसे भी कमला चाची की बहू को देखते ही नदी में होने के बावजूद भी उसका लंड पूरी तरह से खाना हो चुका था और वह जानता था कि एक बार अगर उसकी बहू ने फिर से उसके लंड को देख ली तो फिर से चुदवा लेगी और वैसे भी वह प्यासी थी,,, इसलिए राजू मटके को बाहर लाते चले अपने मन में तय कर लिया था कि वह पूरी तरह से नदी से बाहर आ जाएगा और वह भी एकदम नंगा,,,।
Raju or kamla chachi ki bahu



दूसरी तरफ कमला चाची की बहू का भी दिल जोरों से धड़क रहा था वह राजू को पूरी तरह से नंगा देखना चाहती थी और वह भी इस तरह से खुले में लेकिन यह बात बहुत से कहने में शर्म महसूस कर रही थी,,, वह बार-बार अपने चारों तरफ देख ले रही थी जहां की पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ था,,,और वैसे भी जिस जगह पर मैं खड़ी थी वह जगह झाड़ियों से गिरी हुई थी इसलिए दूर से भी वहां पर किसी की नजर पहुंच नहीं सकती थी,,, धीरे धीरे राजू मटका लेकर बाहर आने लगा और किनारे पर आते ही वह एकदम से खड़ा हो गया और जैसे ही वह खड़ा हुआ कमला चाची की बहू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच खड़े लंड पर पड़ी तो वहां दांतो तले उंगली दबा ली उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में था जिसे देखते ही रमा कि बुर में चीटियां रेंगने लगी,,,, उसके मुंह से अचानक ही निकल गया,,,।


बाप रे इतना मोटा और लंबा,,,


क्या भाभी तुम तो ऐसा कह रही हो जैसे पहली बार देख रही हो जबकि इसे अपनी बुर में ले भी चुकी हो फिर भी,,,।
Kamla chachi ki bahu ko bahot maja aa raha tha


( ईतने खुले शब्दों में राजू के मुंह से बोल शब्द सुनकर रमा शर्म से पानी पानी हो गई उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले वह एक बार फिर से राजू के लंड को अपनी पूरी लेना चाहती थी वह प्यासी नजरों से उसकी दोनों टांगों के बीच ही देख रही थी,,उसकी हालत को देखकर राजू समझ गया था कि उसे क्या चाहिए इसीलिए वह मटके को नीचे रख कर अपने चारों तरफ नजर घुमाया व जानता था कि समय यहां कोई नहीं आता है फिर भी एहतियात के तौर पर वह कोई गलती नहीं करना चाहता था,,,और तुरंत आगे बढ़ा कमला चाची की तो कुछ समझ पाती इससे पहले ही उसे अपनी गोद में उठा लिया,,, और एकदम झाड़ियां के बीच लेकर आ गया,,,राजू जिस तरह से बड़े आराम से से गोद में उठाकर यहां तक लाया था उसकी ताकत को देखकर कमला चाची की बहू एकदम कायल हो गई उसकी ताकत पर वह पूरी तरह से न्योछावर हो गई,,, राजू ने दमखम था इस बात का सबूत और पहले ही देख चुकी थी,,,,।

Kamla chachi ki bahu ki khubsurat gasnd

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अपनी गोद से उतारने के बाद,,, राजू उसकी साड़ी उतारने लगा तो वह उसे रोकते हुए बोली,,,।


नहीं नहीं यहां पर साड़ी मत उतार ऐसे ही कर ले कोई आ गया तो गजब हो जाएगा,,,(हालांकि कमला चाची की बहू का भी मन यहीं कर रहा था किराजू उसके सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी करके चोदे लेकिन फिर भी उसके मन में डर था कि कहीं कोई आ जाएगा तो गजब हो जाएगाराजू अपना पूरा मन बना लिया था कि वह तुमने चाची की बहू के सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी करके चोदेगा इसलिए वह बोला,,,)


तुम बिल्कुल की फिक्र मत करो भाभी यहां कोई नहीं आने वाला है क्योंकि मैं यहां रोज आता हूं और मेरे सिवा यहां पर केवल परिंदे ही रहते हैं और कोई नहीं रहता इसलिए निश्चिंत रहो,,,(और इतना कहने के साथ ही वह कमला चाची की बहू के बदन पर सितारे कपड़े उतारने लगा उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा और देखते ही देखते हैं उसके पेटीकोट की डोरी खोल कर उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया,,,,, और उसे अपनी बाहों में लेकर उसके पूरे बदन पर चुंबन की बौछार कर दिया,,, खुले में खूबसूरत औरत के नाम से खेलने का पहला अवसर था इसलिए ज्यादा उत्तेजित था वह तुरंत नीचे बैठकर कमला चाची की बहू की एक टांग उठा कर उसे अपने कंधे पर रख दिया और उसकी गुलाबी बुर पर अपने प्यासे होंठ को रख कर चाटना शुरू कर दिया,,,,,, कमला चाची की बहुत दम से मदहोश हो गई,,,वो कभी सपने में नहीं सोचा थी कि इस तरह से गांव में खुले में वह इस तरह का आनंद लूटेगी जिसके लिए वह पूरी तरह से तैयार नहीं थी,,,,इसके लिए उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी राजू की हरकत की वजह से उसकी आंखें एकदम से बंद हो गई और वहां अपने दोनों हाथों को राजू के सिर पर रख कर और जोर से अपनी बुर पर दबाने लगी,,,।
Nadi k kinare maje karte huye


ओहहहह ,,,राजु,,,,,आहहहहहहहहह,,,,(उसके मुख से मादक सिसकारियां फूटने लगी जिसको वहां सुनने वाला राजू के सिवा कोई नहीं था राजू की उत्तेजना और बढ़ती जा रही थी राजू पागलों की तरह जितना हो सकता था अपनी जीभ को उसकी बुर में डालकर उसकी मलाई को चाट रहा था,,,, कमला चाची की बहू पानी पानी हुए जा रही थी,,,, उसकी गर्म सिसकारियों की आवाज सुनकरराजू समझ गया कि अब वह लंड देने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है इसलिए अपने होठों को उसकी गर्म बुर से हटाकर खड़ा हुआ और उसके कंधों पर जोर देते हुए उसे नीचे की तरफ बैठने का इशारा किया,,,, और देखते ही देखते कमला चाची की बहू एकदम नंगी अपने घुटनों के बल बैठ गई और राजू के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,,,यह जगह पूरी तरह से सुनसान थी चारों तरफ इस समय कोई भी नजर नहीं आ रहा था झाड़ियों के बीच होने की वजह से दोनों पूरी तरह से निश्चिंत थे दोनों की उत्तेजना निरंतर बढ़ती जा रही थी राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था ऐसा लग रहा था कि जैसे वहां कमला चाची की बहू के मुंह को ही चोद डालेगा,,,,। लेकिन कुछ देर तक इस तरह से मजा लेने के बाद राजू पेट के बल नीचे उसकी साड़ी बिछा कर लेट गया,,, राजू कमला चाची की बहू तो उसके लंड पर बैठने के लिए बोला तो वह समझ गई कि उसे क्या करना है वह राजू के कमर के इर्द गिर्द अपने घुटनों को रखकर अपनी गोल-गोल गांडउसके लंड पर रखने लगी और पीछे से उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसके सुपाड़े को अपने गुलाबी छेद पर लगाने लगी,,,और धीरे-धीरे अपने भारी-भरकम गांड का बजन उसके लंड पर बढ़ाने लगी,,,
और देखते ही देखते राजु मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी बुर की गहराई में छुपा ली,,,,,,, और फिर अपनी गांड को राजू के लंड पर पटकना शुरू कर दी,,,,राजू की अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर उसकी दोनों चूचियों को थामकर उसे जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,।
Gulabi ki Gulabi chut


अद्भुत सुख की अनुभूति दोनों को हो रही थी इस तरह से खुले में चुदाई का मजा ही कुछ और होता है यह एहसास दोनों को पहली बार हो रहा था चारों तरफ पंछियों की आवाज आ रही थी मंद मंद शीतल हवा दे रहे थे और ऐसे में दोनों अपने अंदर की गर्मी को मिटाने की पूरी कोशिश कर रहे थे कमला चाची की बहू पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी बहुत जोर जोर से अपनी कहां को राजू के लंड पर पटक रही थी मानो की जैसे हथोड़ा चला रही हो,,,,।

कमला चाची की बहू की कामुक हरकत की वजह से राजू का भी आनंद बढ़ता जा रहा था पचच पचच की आवाज बड़े जोरों से आ रही थी,,,, जो कि पूरे वातावरण में गूंज रही थी कुछ देर तक कमला चाची की बहू इसी तरह से मेहनत करती रही लेकिन उसे आराम देते हुए राजू तुरंत उसकी कमर में अपना हाथ डाला और अपने लंड को उसकी बुर में से निकाले बिना ही पलटी मार दिया अब राजू ऊपर था और कमला चाची की बहू नीचे अब राजू अपना पूरा जोर दिखाने वाला था और उसके कंधे को पकड़कर जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया वह इतनी जोर से कमर हिला रहा था कि मानव जैसे कोई मशीन चल रही है कमला चाची की बहू भी हैरान थी,,,, राजू की ताकत को देखकर उसके लंड की ताकत से वह पानी पानी हुई जा रही थी,,,राजू इतने जोरो से धक्के लगा रहा था कि उसका पूरा बदन हवा में लहरा रहा था जिसकी वजह से वह कुछ बोलना भी चाह रही थी तो ऐसा लग रहा था कि हकला के बोल रही हो,,,तुमने चाची की बहन को बहुत मजा आ रहा था राजू का मोटा तगड़ा लंड बड़े आराम से उसकी गुलाबी छेद में अंदर बाहर हो रहा था जिसे देखने के लिए तुमने सांची की बहू अपनी नजरों को उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच स्थिर कर दी थी और बड़े हैरानी से इतने मोटे तगड़े लंड को अपनी गुलाबी बुर के छोटे से छेद में अंदर बाहर होता देख रही थी,,,।

राजू पूरी मस्ती के साथ उसके दोनों दशहरी आम को पकड़कर जोर-जोर से दबाता हुआ धक्के पर धक्के लगा रहा था,,,,हर धक्के पर हमला चाची की बहू के मुंह से आह निकल जा रही थी,,, ऐसा अद्भुत संभोग सुख उसने पहले कभी नहीं प्राप्त की थी,,, राजू कमला चाची कीबहू की खूबसूरत गोरे बदन के साथ पूरी मस्ती का लुफ्त उठा रहा था कभी चूचियों को पकड़ से तो कभी कंधों को तो कभी उसकी चिकनी कमर को जोर से हथेली में दबाकर धक्के पर धक्के लगा रहा था,,,,।


राजू थकने का नाम नहीं ले रहा था,,लेकिन इस दौरान वह कमला चाची की बहू की चुदाई करते हुए उसका दो बार पानी निकाल चुका था और धीरे-धीरे कमला चाची की बहू तीसरे चरण सुख की तरफ आगे बढ़ रही थी और यही हाल राजू का भी था उसका भी पानी निकलने वाला था इसलिए वह नीचे झुककर अपने दोनों हाथ को कमला चाची की बहू के पेट के नीचे रखकर उसे कसके अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते वहां कमला चाची की बहू की बुर में झड़ना शुरू हो गया,,,,।
Nadi k kinare raju se chudwate huye


वासना का तूफान थम चुका था कुछ देर तक राज्य उसे अपनी बांहों में लिए हुए उसके ऊपर ही लेटा रहा,,,कमला चाची की बहुत ही उसका हौसला बनाते हुए उसकी पीठ को सहला रही थी क्योंकि संभोग का असली सुख उसे राजू से ही प्राप्त हो रहा था,,,,कमला चाची की तो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि इस तरह से खुले में गांव के नदी पर उसे एक जवान लड़का चोदेगा और ना हीराजू ने इस तरह की कल्पना किया था कि नदी पर उसे खूबसूरत औरत की चुदाई करने का सुख प्राप्त होगा,,, खड़ी दोपहरी में यहां आना उसका सफल हो चुका था,,, कुछ देर बाद वह कमला चाची की बहू के बदन पर से ऊपर उठा और जान बुझ कर,, कमला चाची की बहू का ब्लाउज उठाकर उस पर अपने लंड पर लगा पानी पोछने लगा तो यह देख कर करना चाहती कि बहु बोली,,,।


हाय भैया यह क्या कर रहा है गंदा लगा दिया,,,


मेरे प्यार की निशानी है भाभी,,,(और इतना कहने के साथ ही मुस्कुराते हुए ब्लाउज को कमला चाची की बहू के चेहरे के ऊपर फेंक दिया और लंड का गीलापन ब्लाउज पर लगे होने की वजह से उसे अपने गाल पर लंड का पानी लगता हुआ महसूस हुआ तो वह मुंह बनाने लगी,,, लेकिन यह देखकर राजू मुस्कुराने लगा,,,, कमला चाची की बहू भी कुछ नहीं बोली और अपने कपड़े पहन कर झाड़ियों से बाहर आ गई,,,,, राजू उसी तरह से बिना शर्माए नंगा ही बाहर आ गया मटके का पानी उठाकर कमला चाची की बहु बोली ,,,।

अबतो यह फिर से गर्म हो गया है,,, जा फिर से भरकर लेकर आ,,,


जो आज्ञा भाभी जी,,,( और इतना कहने के साथ ही फिर सेराजू मटका लेकर नदी के बीचो-बीच चला गया और फिर से ठंडा पानी लेकर बाहर आ गया लेकिन इस समय पर वह पूरी तरह से मांगा था तो उसके खड़े लंड तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कमला चाची की बहु बोली,,,)


कुछ पहन लिया कर ऐसे ही लंड दिखाते हुए नंगा मत घुमा कर,,,।


क्यों भाभी,,,?


क्योंकि तेरा इतना मोटा और लंबा है कि तेरी मां की नजर पड़ गई तो तेरी मां भी तुझ से चुदवाए बिना नहीं रह पाएगी,,,,(और इतना क्या करवा मुस्कुराते हुए कमर पर मटका रख कर चलती बनी राजू से तब तक देखता रहा जब तक कि वह आंखों से ओझल नहीं हो गई इसके बाद वह अपने कपड़े पहन कर गांव की तरफ चल दिया,,,।)
nice one gulabi or raju ke smbandh bane kitna time Ho gya. Koi thriller nahi hua jese ki gulabi ka pregnant hona , same soni ka bhi.
 

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धीरे-धीरे राजू झुमरी के प्यार में पागल हो गया था,,, उसे हर जगह सोते जागते उठते बैठते सिर्फ झुमरी ही नजर आती थी,,, झुमरी से‌ वह सच्चा वाला प्यार करने लगा था,,,,,, उसके साथ किसी भी तरह से बना वक्त बिताना चाहता था लेकिन मौका ही नहीं मिलता था,,,। लेकिन रात को अपनी बुआ की रोज चुदाई करता था,,,,और बुआ भी दिन भर की थकान राजू के मोटे लंड को अपनी बुर में लेकर मिटा देती थी,,,,,,,,,,, लेकिन गुलाबी का मन अपने बड़े भैया से भी चुदवाने का करता था क्योंकि उसे भी अपनी बुर में कुछ अलग अलग अनुभव चाहिए था,,,, रोज रोज एक ही लंड बुर में डलवाकर उसे कुछ नयापन महसूस नहीं हो पा रहा था और वैसे भी,,, अपने बड़े भैया के लंड को अपनी बुर में बड़े आराम से ले सकती थी,,,,,,क्योंकि उसके बड़े भैया और गुलाबी दोनों के बीच में किसी भी प्रकार की चीजें नहीं थी एक बार शारीरिक संबंध बनाने के बाद गुलाबी अपने बड़े भैया से पूरी तरह से खुल चुकी थी लेकिन बड़ा भाई होने के नाते हरिया को अपनी गलती पर पछतावा होता था उसे अपने आप पर बुलाने महसूस होती थी,,,, इसलिए वह अपनी छोटी बहन से कतराता रहता था,,,। लेकिन स्वाद तो गुलाबी की गुलाबी बुर का उसे भी लग गया था,,,,।
Madhu,,,,

this heart coeli lyrics


ऐसे ही एक दिन शाम ढल चुकी थी अंधेरा हो चुका था और,,, मधु चूल्हे के आगे बैठकर रोटियां सेक रही थी ,,,,,, गर्मी का महीना होने की वजह से मधु का तन बदन पसीने से तरबतर हो चुका था पसीने से उसका ब्लाउज पूरी तरह से भीग चुका था,,,,,,,, तभी गुलाबी अपनी भाभी की मदद करने के लिए उधर आई और बोली,,।


लाओ भाभी गर्मी बहुत है मै रोटियां बेल देती हूं,,,,,,(इतना कहते हुए गुलाबी वहां बैठने ही वाली थी कि अभी उसकी भाभी बोली,,,)


नहीं नहीं मैं कर लूंगी तू जा कर देख तेरे भैया अभी तक आए कि नहीं,,,, और हां आए हो तो एक बाल्टी पानी लेकर चली जाना बेल को पानी देना है,,,।

Gulabi ki khubsurat gaand



ठीक है भाभी,,,,(इतना कहकर वह उठ खड़ी हुई जाने के लिए कि तभी उसकी भाभी फिर बोली)


और हां जाते-जाते,,, राजू को इधर भेज देना लालटेन जलाने के लिए अंधेरा बहुत है,,,


ठीक है भाभी,,,,,,(और इतना कहकर गुलाबी घर के बाहर चली गई और बाहर ही उसे राजु नजर आ गया और वह राजू से बोली,,,)


जा तुझे भाभी बुला रही है,,,


किस लिए,,,,


आज भाभी का मन तेरा लेने को कर रहा है इसलिए,,,


धत्,,,, कैसी बातें करती हो,,,

Gulabi or raju



अरे तो क्या और कैसी बातें करूं वहां जाएगा तब ना पता चलेगा कि भाभी तुझे किस लिए बुलाई है,,, मैं बुलाती तो तेरा लेने के लिए ही बुलाती,,,।



बुर में ज्यादा खुजली हो रही है क्या बुआ,,,?


सच कहूं तो आप तो सारा दिन खुजली होती रहती है मेरा बस चले तो तेरा अपनी बुर में लेकर पड़ी रहुं,,,,(गुलाबी अपने होठों पर मादक मुस्कान बिखेरते हुए बोली,,, अपनी बुआ की गरम बातों को सुनकर राजू के पजामे में तंबू बनना शुरू हो गया था इसलिए अंधेरे का फायदा उठाते हुए राजू अपना हाथ आगे बढ़ा कर तुरंत सलवार के ऊपर से अपनी बुआ की बुर पर रखकर उसे दबाते हुए बोला,,,)


रात को मिलना आज सारी खुजली मिटा दूंगा,,,


रोज रात को तो मिलती हूं,,,, फिर भी कसर रह जाती हैं,,,


आज नहीं रह जाएगी,,, आज सारी कसर उतार दूंगा,,,,,
रमा


वह तो रात को ही पता चलेगा,,,,,,
(इतना कहकर गुलाबी आगे बढ़ गई,,, राजू घर के अंदर चला गया,,, अभी तक उसके भैया नहीं आए थे इसलिए वह वहीं बैठ कर अपने भैया का इंतजार करने लगी और अपने मन में सोचने लगे कि एक बार की चुदाई के बाद उसके भैया उसके ऊपर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते आखिरकार ऐसा क्यों हो रहा है जबकि उसके भैया उसकी भाभी की तो रोज लेते हैं,,,,,,गुलाबी को इसीलिए समझ में नहीं आ रहा था कि उसमें कौन सी कमी है कि उसके भैया दोबारा उसके बदन को स्पर्श तक नहीं किए,,, वह अपने मन में यही सोच कर वही खड़ी रह गई ,, वह आज अपने भैया से पूछना चाहती थी कि उसमें कौन सी कमी है जो दोबारा उन्होंने उसकी चुदाई नही कीए है ,,जबकि आज उसका मन बहुत कर रहा था अपने भैया से चुदवाने का,,,,,
मधु की खूबसूरत गांड



दूसरी तरफ रसोई घर में पहुंचते ही राजू अपनी मां से बोला,,,।


क्या हुआ मां,,,?


अरे कुछ नहीं बेटा लालटेन तो जला दे एकदम अंधेरा छाया हुआ है,,,


ठीक है मां,,,, दियासलाई कहा है,,?

राजु अपनी मां के साथ कल्पना करते हुए

the river poem summary


अरे चुल्हे में से आग लेकर जला दे बेवजह दियासलाई की तिल्ली खराब करेगा,,,,,,,(तवे पर रोटी को पलटते हुए बोली,,,,अपनी मां के लिए बातें सुनकर राजु कुछ बोला नहीं औरनीचे बैठ कर अपना हाथ आगे बढ़ाया है और चूल्हे में जल रही पतली लकड़ी को निकालने लगा कि तभी उसकी नजर अपनी मां की भरी हुई छातियों पर पड़ी जिस पर पसीने की बूंदें मोती के दाने की तरह चमक रही थी,,,,ब्लाउज में से झांकती अपनी मां की दोनों चुचियों को देखते ही उसके मुंह में पानी आ गया,,,,,,,यह दूसरी बार था जब रसोईघर में अपनी मां की छातियों को प्यासी नजरों से घुर रहा था,,,। राजू पूरी तरह से अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली छातियों के आकर्षण में खो गया,,, उसे इतना भी होश नहीं रहा कि उसे लालटेन जलाना है,,,, गर्मी ज्यादा होने की वजह से मधु ने पहले से ही अपने ब्लाउज का ऊपर वाला बटन खोल रखी थी जिससे उसके ब्लाउज में कैद उसके दोनों कबूतर बड़े आराम से अपने पंख फड़फड़ा रहे थे,,,,, राजू का मन अपनी मां के दोनों कबूतरों को अपनी हथेली में दबोचने को करने लगा,,,,। पल भर में ही राजू की हालत खराब होने लगी क्योंकि वह जानता था कि भले ही उसके हाथों में बहुत सारी चुचीयां आ चुकी थी जिसे मुंह में लेकर वह पी भी चुका था लेकिनउसकी मां की चूचियों की बात ही कुछ और थी जिसे देखते ही उसके तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुटने लगती थी,,,,,, रोटियां बेलते समय जैसे ही मधु की नजर अपने बेटे पर पड़ी तो उसकी नजरों को देखकर वह एकदम से सिहर उठी,,, उसे समझते देर नहीं लगी कि उसका बेटा उसकी चूचियों को निहार रहा है वो एकदम से दंग रह गई,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, सीधे सीधे अपने बेटे को बोलने में भी उसे शर्म का आभास हो रहा था इसलिए वह बात को घुमाते हुए बोली,,,।



अरे लालटेन जलाएगा कितना अंधेरा है,,,।

हां,,, हां,,,, जलाता हूं,,,,(अपनी मां की बात सुनते ही राजू हडबडाते हुए बोला,,, और तुरंत चूल्हे में से जलती हुई लकड़ी लेकर उसे से लालटेन को जलाने लगा और थोड़ी देर में अंधेरे को चीरता हुआ उजाला पूरे कमरे में फैल गया,,,, राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था,,, उसे लग रहा था कि जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो,,,, लेकिन फिर भी उसकी मां उसे कुछ बोल नहीं रही थी इसलिए उसे लगने लगा कि उसकी मां का ध्यान उसके हरकत पर नहीं गई है,,,, और अपनी गलती को सुधारते हुए वह आंगन में पड़े खटिया पर जाकर लेट गया,,,, लेकिन मधु के दिल की धड़कन बढ़ चुकी थी,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि वह अच्छी तरह से देख रही थी और समझ रही थी कि उसके बेटे का ध्यान उसकी चूचियों पर ही था और इसलिए वह अपने बेटे की इस तरह की हरकत से हैरान थी,,, पहले भी अपने बेटे की इस तरह की हरकत को पकड़ चुकी थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसका बेटा आखिरकार ऐसी हरकत क्यों कर रहा है क्यों उसके बदन को प्यासी नजरों से घूरता रहता है,,,, क्या वह जवान हो गया है,,, अपने इस सवाल का जवाब खुद ही देते हुए अपने मन में बोली,,, हां जवान तो वो हो गया है,,, और जिसका अनुभव हुआ कुवे पर ले भी चुकी थी,,, उसके मोटे तगड़े लंड को अपनी गांड की दरार के बीच बीच महसूस भी कर चुकी थी,,,,,। अपने बेटे की इस तरह की हरकत को याद करके उसकी सांसे ऊपर नीचे होने लगी थी,,,,उसे पूरा यकीन हो गया था कि उसका बेटा भी है पूरी तरह से जवान हो गया है और दूसरे लड़कों की तरह ही औरतों मैं दिलचस्पी लेने लगा है तभी तो वह अपनी मां की खूबसूरत बदन को चोरी-छिपे देखते रहता है,,,,।


मधु को समझ में नहीं आ रहा था कि अपने बेटे की इस तरह की हरकत परवाह गुस्सा करें कि उसे समझाएं क्योंकि उसकी हरकत की वजह से उसे खुद समझ में नहीं आ रहा था कि उसके बदन में अजीब सी हलचल क्यों होने लगती थी अभी रोटी बनाते समय भी इस हरकत के चलते उसे अपनी बुर गीली होती महसूस होने लगी थी,,,, जैसे तैसे करके वहां अपना ध्यान रोटी बनाने में लगाने लगी और दूसरी तरफ बैलों के पेरो में बंधे घुंघरू की आवाज को सुनकर,,, गुलाबी के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच की हलचल बढ़ने लगी,,,, वह बड़ी बेसब्री से अपने भैया के पास आने का इंतजार करने लगी,,,पर थोड़ी ही देर में घूम रही आवाज एकदम पास आने लगी और देखते ही देखते हरिया अपने बेल गाड़ी को लेकर घर पहुंच गया,,,, उसका भैया अभी बैलगाड़ी से उतरा नहीं था कि तभी गुलाबी बोली,,,।

हरीया और गुलाबी



क्या भैया आज बड़ी देर लगा दी,,,


हां,,, हां गुलाबी आज सवारी बहुत अच्छी मिल गई थी दो चार पैसे की ज्यादा आमदनी हो गई है इसलिए तो आज मैं गरमा गरम जलेबी या ले कर आया हूं,,,,

Hariya or Madhu

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अरे वाहहह जलेबियां मेरा तो सुनकर ही मुंह में पानी आने लगा,,,,
(जलेबी का नाम सुनकर गुलाबी की हालत को हरिया की तरह से समझ रहा था क्योंकि उसे जलेबी बहुत पसंद थी लेकिन जिस अदा से उसने मुंह में पानी आने वाली बात की थी,,,, उसकी बात को सुनकर हरिया की धोती में हलचल होने लगी थी,,,)
बहुत ही गरमागरम कामुक और लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
ये साला गुलाबी की गुलाबी बुर को लंड का चस्का लग गया वो तो दिनभर पानी छलकाती रहती हैं
राजु तो मधू की मादक चचिया देख कर मदमस्त हो गया
हरीया जलेबी ले आया तो जलेबी का रस और गुलाबी के बुर का रस एकसाथ होने की संभावना लगती हैं देखते हैं आगे
 

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
आखिर गुलाबी के व्दारा हरीया को मदमस्त और गंदी गंदी बाते कर हरीया के अपने व्दारा किया वादा,कसम सब ध्वस्त हो गया और हरीया ने गुलाबी के गुलाबी बुर का अपने मोटे तगडे और लंबे लंड से रसपान कर ही लिया
बहुत ही बढिया
 
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