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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Luckyloda

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आखिरकार राजू अशोक की खूबसूरत बीवी को अपने काबू में कर लिया था उसकी उफान मारती जवानी का अंकुश उसके हाथों में आ चुका था,,,, जिस पर वह अच्छी तरह से काबू पा चुका था,,, औरत को संतुष्ट करने की ताकत और आत्मविश्वास ही दोनों राजू के पास था जिसके चलते हैं वहां गांव की बहुत सी औरतों पर अपनी मर्दानगी का जादू चला चुका था,,, उसमें अब अशोक की बीवी भी शामिल हो चुकी थी जिसने आज तक संभोग कि संतुष्टि और तृप्ति का अहसास बिल्कुल भी नहीं कर पाई थी जिसे एहसास राजू ने अपनी मर्दानगी बड़े लंड से उसकी चुदाई करके महसूस करा दिया था,,,,,,,,


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,एक तरह से हरियाली अपने बेटे को अशोक को उसके घर छोड़ने का काम सौंप कर राजू के लिए एक सुनहरा मौका दे दिया था अशोक की बीवी को चोदने का जिसमें वह खरा उतर गया था और दूसरी तरफ उसे भी मौका मिल गया था अपनी छोटी बहन के साथ मस्ती करने का और इसीलिए वह अपनी बीवी को पूरी तरह से संतुष्ट कर के उसे गहरी नींद में सुला कर खुद कमरे से बाहर आ गया था और अपनी छोटी बहन के कमरे में प्रवेश कर गया था जहां पर गुलाबी खुद उसका बेसब्री से इंतजार कर रही थी,,, बहुत दिनों बाद दोनों का मिलन हुआ था इसलिए मौका मिलते ही हरिया अपनी बहन के बदन से सारे कपड़े उतार कर उसे तुरंत नंगी कर दिया और वह खुद भी नंगा हो गया,,,।

अपनी बहन के साथ दोबारा शारीरिक संबंध ना बनाने की कसम हरिया ने खाया था एक बार पवित्र रिश्ते को दाग दाग करके उस पर दोबारा दास ना लगाने का वचन अपने आप को ही दिया था लेकिन अपनी बहन की कमसिन जवानी और उसकी कामुक हरकतें घर के पीछे ही उसका हौसला पस्त कर चुकी थी और वह घर के पीछे ही अपनी बहन की चुदाई करके पूरी तरह से संतुष्ट हो चुका था जब एक बार यह सिलसिला शुरू हो गया तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था जिसके चलते आज वह घर पर ही अपने कमरे के बगल वाले कमरे में अपनी बहन के कमरे में अपनी बहन के साथ मस्ती करने के इरादे से उतर चुका था जिसमें उसकी बहन भी उसका पूरी तरह से साथ दे रही थी,,,। खटिया पर गुलाबी और हरिया दोनों नग्न अवस्था में एक-दूसरे को बाहों में लेकर चुंबनों की बौछार कर रहे थे,,, हरिया अपनी बहन की दोनों चूचियों को अपने हाथ में लेकर उसे जोर-जोर से दबाते हुए बोला,,,।




गुलाबी तेरी जवानी देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है तुझे चोदने का मन करता है,,,


क्यों भैया तुमने तो अपने आप से वचन लिया था ना कि दोबारा ऐसा नहीं होगा,,,


अरे भाड़ में जाए ऐसी कसम और वचन जब आंखों के सामने इतनी खूबसूरत जवानी से भरपूर लड़की खुद चुदवाने के लिए तैयार हो तो कोई पागल ही होगा जो अपने वचन के चलते ऐसी खूबसूरत नारी को नहीं भोगेगा ,,,,(हरिया अपनी बहन की दोनों चूचियों को अपने हाथों से दबाते हुए बोला)

मेरी जवानी तुम्हें इतनी अच्छी लगती है भैया,,,

हारे सच में तू बहुत खूबसूरत है तेरे बदन की बनावट मेरे मुंह में पानी ला देती है,,,, तेरी चूची देख कर ऐसा लगता है कि जैसे बगीचे में दशहरी आम के पेड़ पर रस से भरे हुए दशहरी आम लटक रहे हो,,,।


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अभी इतने भी बड़े नहीं हैं भैया की लटक रहे हो,,,,(मुंह बनाते हुए गुलाबी बोली क्योंकि चूची के लटकने वाली बात उसे अच्छी नहीं लगी थी,,)

अरे मैं जानता हूं मेरी जान,,, तुम्हारी चूचियां बड़ी बड़ी नहीं है लेकिन जरूरी नहीं कि बड़ी-बड़ी चूचियां ही लटकती हो,,, तुम्हारी चूचियां रस से भरी हुई है जिसमें अभी अभी उभार आना शुरू हुआ है ऐसे चुचियों को दबाने में कितना मजा आता है यह तुम नहीं जानती,,,।

ऊमममम,,, तभी 15:00 15 दिन निकल जाते हैं दबाते नहीं हो,,,


क्या करूं गुलाबी डर भी तो लगता है सब की नजर से बचना भी तो है अगर तेरी भाभी को पता चल गया तो गजब हो जाएगा,,,,।


हां यह तो तुम ठीक ही कह रहे हो भैया,,, लेकिन अगर भाभी जाग गई तो,,,

वह सुबह से पहले जागने वाली नहीं है,,,



ऐसा क्यों,,,,(स्तन मर्दन का आनंद लेते हुए वह बोली)


क्योंकि अभी अभी तेरी भाभी की जमकर चुदाई करके आया हूं और उसकी आदत है जब एक बार उसे जमकर चोद दो तब सुबह से पहले उसकी नींद नहीं खुलती बहुत गहरी नींद में सोती है,,,,


हां यह तो है तुम्हें खुश करने के लिए मेहनत भी तो बहुत करती होगी भाभी,,,(गुलाबी मुस्कुराते हुए बोली)


हां हंस ले तुझे भी मुझे खुश करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी आज की रात तुझे सोने नहीं दूंगा,,,,


मैं तो तैयार हूं देखना कहीं तुम थक कर सो मत जाना,,,


तू चिंता मत कर गुलाबी जब तक तेरी बुर्का भोसड़ा नहीं बना दूंगा तब तक मुझे नींद नहीं आने वाली,,,


नहीं नहीं भैया ऐसा बिल्कुल भी मत करना अगर बुर का बोसड़ा बन गया तो सुहागरात को अपने पति को क्या मुंह दिखाऊंगी,,, वह तो समझ जाएगा कि किसी और का लेती थी ना जाने कितनों का लेती थी,,, तब तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी भैया,,,




अरे बोल देना मेरी जान कि अपने बड़े भैया का लेती थी,,, क्या करूं जवानी की आग बर्दाश्त नहीं होती थी,,,,


ऊममममम,,, तुम बहुत हरामी,, हो,,,(अपने भैया के सीने पर प्यार से मुक्का मारते हुए बोली,,,,हरियार गुलाबी दोनों खटिया पर पूरी तरह से नग्न अवस्था में थे,, लालटेन की पीली रोशनी में गुलाबी का नंगा बदन और भी ज्यादा खूबसूरत और चमक रहा था,,, जिसे देखकर हरिया गदगद हुए जा रहा था हरिया भले ही रोज अपनी बीवी की चुदाई करता था,,, रोज रात को उसे भी चोदने के लिए और चाहिए रहती थी लेकिन वह भी अपनी बीवी की याद तक उसने भी किसी गैर औरत के साथ जिस्मानी ताल्लुकात नहीं बना पाया था उसके लिए यह पहला मौका था जब अपनी छोटी बहन के साथ ही वह जिस्मानी ताल्लुकात बनाकर अपनी प्यास को बुझा रहा था,, इसलिए दूसरी औरत के साथ उसे चुदाई करने में बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था भले ही वह उसकी छोटी बहन की क्यों ना थी लेकिन थी तो वह एक औरत ही जिसे खुद प्यास थी,,,,

हरिया अपनी बहन की दोनों चुचियों को बारी बारी से मुंह में लेकर पी रहा था,,, हरिया का लंड राजू के मुकाबले कम ही ताकतवर था,,, लेकिन अनुभव से भरा हुआ था एकदम मजा हुआ,,,, इसलिए अपने भतीजे के मोटे लंड के साथ साथ गुलाबी अपने भाई के अनुभव से भरे लंड का मज़ा बड़ी मस्ती के साथ लेती थी,,,जितना भी अनुभव हरिया को अपनी बीवी के साथ मिला था वह सारा अनुभव हुआ अपनी बहन के साथ खटिया पर लगा दे रहा था इसीलिए तो गुलाबी को भी बहुत मजा आ रहा था,,,,,, गुलाबी को इस तरह से अपने बड़े भैया को अपना दूध पिलाने में बहुत मजा आता था,,,एक चूची को मुंह में लेकर पीता था तो दूसरी चूची को उसी समय जोर जोर से दबाता था जिससे गुलाबी का आनंद दोगुना हो जाता था ,,, कभी-कभी उत्तेजित अवस्था में गुलाबी खुद अपनी चूची को हाथ में पकड़ कर अपने बड़े भाई के मुंह में छूट देती थी तभी दाईं चूची तो कभी बांई चुची ,,, हरिया अपनी बहन की इस हरकत से पूरी तरह से मस्त हो जाता था,,,,अपनी बहन के साथ हरिया को ज्यादा मजा आता था जिसका एक कारण था कि भले ही मत हो खुल कर उसके साथ चुदाई का मजा लेती थी लेकिन हरकतें गुलाबी कि उससे एक कदम बढ़कर थी,,,, और उसकी यही अदा की तारीफ करते हुए हरिया बोला,,,।


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हाय मेरी जान गुलाबी,,, सच में जिस से भी तेरी शादी होगी वहां दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान होगा क्योंकि तू खटिया पर मस्त कर देती है तेरी हरकतें एक दम जानलेवा है,,,, मुझे तो लगता है कि जब तेरी सुहागरात होगी ना तेरी हरकत की वजह से ही तेरी आदमी का पानी निकल जाएगा,,,।


ना भैया ऐसा मत कहो अगर ऐसा हो जाएगा तब तो मै प्यासी रह जाऊंगी,,,,।


तू चिंता मत कर मैं हूं ना मेरे पास चली आना,,,।

ओहहहह भैया तुम कितनी अच्छी हो लेकिन तब की तब देखेंगे अभी मेरी प्यास बुझाओ,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपनी चूची को अपने हाथ से पकड़ कर अपने भैया के खाली मुंह में डाल दी और उसका भाई मजे ले ले कर पीना शुरु कर दिया हरिया भी पूरी तरह से नंगा था उसका लंड टनटनाकर खड़ा थागुलाबी सराहनीय और वह अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर अपने भाई के घंटे को पकड़ ली उसकी गर्माहट पाते ही उसकी बुर से काम रस की बूंद टपकने लगी,,,उत्तेजना के मारे गुलाबी अपने भाई के लंड को कस के अपनी मुट्ठी में दबोच ली,,,यही फर्क था हरिया के लंड में और राजू के लंड में,,,, हरिया का लंड बड़े आराम से गुलाबी के हथेली में आ जाता थालेकिन राजू का लंड उसकी हथेली में समाता नहीं था उसे थामने के लिए दूसरा हाथ लगाना ही पड़ता था,,,, लेकिन फिर भी गुलाबी को मजा आ रहा था,,,,,,, कुछ देर तक गुलाबी अपने भाई के लंड से खेलती रही लेकिन उसके दिमाग में कुछ और चल रहा था आज वह इस खेल का कमान अपने हाथों में ले लेना चाहती थी,,,,।

इसलिए थोड़ी देर बाद वह है घुटनों के बल खटिया पर बैठ गई,,, और अपने भाई को ललचाते हुए अपनी हथेली को पहले अपने फोटो पर लगाकर जीभ से उंगलियों को चाटीऔर फिर हथेली को अपनी दोनों टांगों के बीच में लाकर अपनी बुर पर रखकर उसे उपर से ही मसलना शुरू कर दी यह देखकर हरिया की हिम्मत जवाब देने लगी,,,उसकी आंखों में वासना का बवंडर उठ रहा था अपनी बहन की हरकत उसे पूरी तरह से मदहोश कर देने वाली लग रही थी,,, हरिया को गुलाबी इस समय काम देवी से कम नहीं लग रही थी उसकी हर हरकत बदन में उत्तेजना की लहर को बढ़ावा दे रही थी,,,अपनी बहन की कामुक हरकत को देखकर हरिया को समझ पाता या कुछ कर पाता इससे पहले ही गुलाबी अपना बाया हाथ अपने भाई के सर पर रख कर उसके बालों को मुट्ठी में भींचते हुए टांगों के करीब लाने लगी दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी बड़ा ही मादक और मदहोशी से भरा हुआ नजारा था लालटेन की पीली रोशनी में यह नजारा और भी ज्यादा कामोत्तेजक जब लग रहा था,,,, अपनी बहन की हरकत का इरादा हरिया को समझ में आ गया था और वह खुद अपनी जीभ लप लपाते हुए अपनी बहन की बुर पर अपने होठों पर रख दिया और उसके काम रस से डूबी हुई बुर को चाटना शुरू कर दिया,,,।


सहहहहहह ,,,,,,अआहह,,,,,,,(मदहोशी में गुलाबी के मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी और उसकी आंखें बंद होने लगी,,,, गुलाबी पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी उसके भाई काम उसके दोनों टांगों के बीच था और गुलाबी मादक तरीके से अपनी कमर को होले होले आगे पीछे करते हुए अपने भाई के होठों को अपनी बुर पर रगड़ रही थी,,, और हरिया अपनी जीभ को बाहर निकाल कर जितना हो सकता था अपनी बहन की बुर में डालकर उसकी मलाई को चाटने की कोशिश कर रहा था,,,,।


सहहहहहह आहहहहहहह ,,,,ऊमममममम ,,,,,आहहहरहहहह ,,,, पूरी जीभ डालकर भैया,,,,,,,सहहहहह आहहहहहह,,,,,

हरिया भी अपनी छोटी बहन की आज्ञा का पालन करते हुए उसकी जरूरत के मुताबिक अपनी जीभ को हरकत में लाते हुए उसे और मस्त करने लगा हरिया दोनों हाथों को पीछे कर अपनी बहन की गोरी गोरी गांड की फांकों को दबोचे हुए बुर चटाई का मजा ले रहा था,,,। गुलाबी पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी,,,, वह अभी भी अपने भाई के सर को दोनों हाथों से पकड़े हुए ज्यादा से ज्यादा कसकर अपनी बुर पर दबाए हुए थी,,,, और सिसकारी का मजा ले रही थी अपनी बहन की सिसकारी की आवाज सुनकर हरिया और ज्यादा आनंदित हो रहा था वह और मस्ती के साथ अपनी बहन की बुर को चाट रहा था,,,।


गुलाबी आज पूरी तरह से मस्ती के इरादे से अपने भाई पर अपना पूरा कब्जा जमाए हुए थी कुछ देर तक अपने भाई को अपनी बुर चटवाने के बाद वह अपने भाई को उसके कंधे को पकड़कर खटिया पर पीठ के बल लेट आने लगी,,,,गुलाबी आज किसी भी तरह से अपने भाई को अपने ऊपर हावी होने देना नहीं चाहती थी आज वह अपनेभाई के साथ अपने मन की करना चाहती थी देखते-देखते हरिया पीठ के बल खटिया पर बैठ गया गुलाबी मुस्कुराते हुए एक नजर अपने भाई के लंड पर डाली जो की पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा था,, अपने भाई के लंड को देखकर उसके होठों पर मादक मुस्कान तैरने लगी,,, और वह देखते ही देखते अपनी गोल-गोल गांड को अपने भाई के कंधे के इर्द-गिर्द अपने घुटनों को टीका कर अपनी गांड का वजन अपने भाई के चेहरे पर रखने लगी पर खुद उसके ऊपर टांगों की तरफ झुकते हुए उसके लंड के बेहद करीब अपने होठों को लाकर उसके लंड को थाम ली,,,दोनों को एक साथ मजे लेने के लिए कामसूत्र के आसन के मुताबिक यहां सन बेहद आरामदायक और मदहोशी से भरा हुआ था क्योंकि इस आशा में में हरिया और गुलाबी दोनों एक साथ एक दूसरे की उत्तेजित अंगों का आनंद ले सकते थे और यह बात हरिया भी समझ गया था इसलिए खुद ही अपने हाथों से अपनी बहन की गांड को पकड़ कर अपनी जीभ को उसकी बुर लगाकर चाटना शुरू कर दिया,,, और गुलाबी आंखों में खुमारी लिए अपनी बहन के लंड को पकड़ कर उसके सुपाडे को अपने होठों से लगाकर अपनी प्यासी जीभ को बाहर निकाल कर उसके लंड के आलूबुखारे जैसे सुपाड़े को चाटना शुरू कर दी,,,,,, हरिया अपनी बहन की हरकत से पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था,,,,वह अपने मन में सोचने लगा कि उसकी बहन कितना मजा देती है एकदम रंडी की तरह,,,, इतना मजा तो उसकी बीवी मधु भी नहीं देती थी,,, बस हर तरीके से उसका साथ दे दी थी लेकिन इस तरह की हरकत नहीं करती थी,,,।

दोनों भाई बहन पूरी दुनिया को भुल कर एक दूसरे के नाजुक अंगों का मजा ले रहे थे,,,गुलाबी मस्ती में धीरे-धीरे अपनी कमर को भी हिला रही थी मानो कि जैसे अपने भाई के मुंह को चोद रही हो,,और इसी तरह से एक बार हरिया की जीत उसकी गांड के भूरे रंग के छेद पर स्पर्श हो गई इतने में तो गुलाबी के तन बदन में आग लग गई,,,उसे इस बात का अहसास हो गया था कि उसके भाई की जीत उसकी गांड के छेद पर स्पर्श हो गई है और यही गुलाबी के लिए मानो मदहोशी भर देने वाला पल था,,,अपनी ऐसी तैसी ना तो वह बिल्कुल भी अपने अंकुश में नहीं रख पाई और उसकी बुर से काम रस झड़ने लगा,,,, जिसे उसका भाई अपनी जीभ लगाकर अमृत की बूंद की तरह लपालप चाट रहा था,,,। गुलाबी की गरम सिसकारी की आवाज थोड़ी तेज हो गई थी लेकिन इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं थी,,, यह बात हरी अच्छी तरह से जानता था कि कि उसकी बीवी चुदवाने के बाद बेसुध होकर सो जाती थी,,,।

गुलाबी उस क्षण को एक बार फिर से अपने अंदर मैसेज करना चाहती थी एक बार फिर से अपने भाई की जीभ को अपनी गांड के छेद पर लहराता हुआ महसूस करना चाहती थी,,,इसलिए अपनी कमर को आगे पीछे करके वह अपने भाई के होठों पर अपनी गांड का छेद रखना चाहती थी जिसमें उसे जल्द ही कामयाबी मिल गई और जैसे उसकी गांड का छेद उसके भाई के होठों पर आया वह अपनी कमर को नीचे की तरफ दबा दी,,, जोकि हरिया के लिए इशारा था कि अब वह उसकी गांड के छेद को जीभ से चाटे,,, और शायद हरिया इस बात को समझ भी गया थाऔर अपनी बहन का इरादा जानकर और ज्यादा उत्तेजित हो गया और इसीलिए अपने हाथ को ऊपर की तरफ लाकर गुलाबी की कमर में अपने दोनों हाथ को डालकर उसे अपनी तरफ दबाने लगा और अपनी जीभ से उसकी गांड के छोटे से छेद को चाटना शुरू कर दिया जिसमें से मादकता की खुशबू उसके तन बदन में आग लगा रही थी,,,।

हरिया को भी अपनी बहन की गांड चाटने में मजा आ रहा था गुलाबी पूरी तरह से मस्त होकर अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दी थी और अपनी बहन के लंड को पूरा गले तक उतार कर मजा ले रही थी हरिया भी कुछ कम नहीं था वह भी नीचे से अपनी कमर को ऊपर की तरफ फेंक दे रहा था जिससे उसका लंड गुलाबी के गले तक चला जा रहा था दोनों को बहुत मजा आ रहा था,,,,। हरिया अपनी उत्तेजना को काबू में नहीं कर पा रहा था और वहां अपनी उत्तेजना का कसरअपनी बहन की गांड पर उतारते हैं दोनों हाथों से रह-रहकर उसकी गांड पर जोर जोर से चपत लगा दे रहा था जिससे गुलाबी को चपत की वजह से थोड़ा दर्द तो हो रहा था लेकिन यह दर्द मीठा मीठा था जिसमें आनंद बहुत ज्यादा मिल रहा था,,,, अपनी बहन की गांड पर चपत लगाते हुए वह बोला,,,।

क्यों मेरी जान गांड चटवाने में मजा आ रहा है ना,,,


बहुत मजा आ रहा है भैया,,,,आहहहहह ,,,,

जब तुझे चटवाने में मजा आ रहा है तब मरवाने में कितना मजा आएगा,,,

मरवाने में मैं कुछ समझी नहीं,,,(गुलाबी सबको समझ रही थी लेकिन जानबूझकर अनजान बनने का नाटक करते हुए वह भी क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि उसके भैया को यह बात भी मालूम हो कि गांड मरवाने कि उसकी भी इच्छा है,,,जबकि शुरू से ही आज उसके मन में यही इच्छा प्रबल हुए जा रही थी कि वह भी अपने भाई से गांड मरवाएगी क्योंकि जब से राजू ने उसे बताया था किउसकी मां उसके पिताजी से गांड मरवाती है और उसे अपनी आंखों से देखा है और गांड मरवाने उसकी मां को बहुत मजा आ रहा था यह सुनकर उसके भी मन में इच्छा हो रही थी कि वह भी गांड मरवाए और राजू इसके लिए तैयार भी था,,,लेकिन अपनी सहेली की बातों को सुनकर उसका हौसला पस्त होता नजर आ रहा था और वह अपने भतीजे को इनकार कर चुकी थी लेकिन उसके मन में गांड मरवाने वाली इच्छाधारी हुई थी जो कि वह अपने भाई से मरवाना चाहती थी क्योंकि राजू के कहे अनुसार उसका भाई उसकी भाभी की गांड मारता है और उसे इसका पूरा अनुभव था और तो और राजू का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा था जिसे गुलाबी अच्छी तरह से जानती थी कि अपनी गांड के छेद में लेने में दिक्कत हो जाएगी और उसके भाई का लंड राजू के मुकाबले ज्यादा लंबा और मोटा नहीं था जो कि अनुभव होने के कारण वह अपने लंड को आराम से उसकी गांड में उतार सकता था और एक बार जब वह अपने भाई से गांड मरवा लेती तो अपने भतीजे की ईच्छा पुरी करने में उसे कोई दिक्कत नहीं होती,,,,,,, इसलिए वह अपने भाई से गांड मरवाने की इच्छा रखती थी लेकिन जान बूझकर अपने भाई की बात ना समझने का बहाना कर रही थी ,,अपनी छोटी बहन गुलाबी की बात सुनकर हरिया बोला,,,।)


अरे मेरी छम्मक छल्लो इतना भी नहीं जानती,,, मरवाने का मतलब है कि तुम्हारी गांड में लंड डालना,,,अगर मैं तुम्हारी गांड में अपना लंड डालूंगा तो इसे कहते हैं गांड मरवाना,,,


बाप रे क्या ऐसा भी होता है,,,,(लंड को हाथ से पकड़ कर हिलाते हुए बोली)


तो क्या मेरी जान,,,, बहुत मजा आता है,,,(गांड को दोनों हाथों से पकड़े हुए वह बोला,,,)

क्या भाभी की भी तुम गांड मारते हो,,,


तो क्या पूछ मत गुलाबी कितना मजा आता है,,,,


बाप रे इस बारे में तो मैं कभी सोची ही नहीं थी,,,, लेकिन क्या इसमें तुम्हारा यह,,(लंड पर प्यार से थप्पड़ मारते हुए) चला जाएगा,,,!


बड़े आराम से जाएगा मेरी जान,,,, तुम्हारी भाभी तो पूरा का पूरा अंदर ले लेती है तभी उसे मजा आता है,,,


दैया रे तुम्हारी बातें सुनकर तो मुझे कुछ-कुछ हो रहा है,,,,।


बहुत मजा आएगा बस एक बार हां कर दो फिर इसके बाद देखना,,,,(धीरे से गुलाबी की गांड के छेद को गीला करके उसमें अपनी उंगली को धीरे से डालते हुए) तुम खुद मेरे लंड पर अपनी गांड रखकर बैठ जाओगी,,,,


दुखेगा तो,,,(गुलाबी चिंता व्यक्त करते हुए बोली हालांकि उसका मन अब पूरी तरह से तैयार हो चुका था अपने भाई के लंड को अपनी गांड में लेने के लिए)

अरे बिल्कुल भी नहीं दुखेगा ,मै इतने आराम से डालूंगा कि तुम्हें मजा के अलावा और कुछ नहीं सुझेगा,,,,,,,

ओहहहह ,,,, भैया मैं अपने आप को तुम्हारे हवाले करती हूं अब तुम कोई सब कुछ करना है अगर जरा भी दर्द होगा तो मैं करने नहीं दूंगी,,,,


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो रानी,,, एकदम आराम से तुम्हारी गांड मारूंगा,,,(इतना कहने के साथ ही हरिया उत्तेजित अवस्था में एक बार फिर से उसकी गांड के छेद पर्ची पर रखकर चाटना शुरू कर दिया और साथ ही अपनी एक ऊंगली उसकी गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा जिस का आनंद गुलाबी बड़े अच्छे से दे रही थी वह कसमसा रही थी गांड में उंगली जाने की वजह से,, अपने मन में सोचने लगी कि जब इंग्लिश इतना आनंद मिल रहा है तो,,, लंड जाएगा तो कितना मजा आएगा,,,,ऊहहहहहह,,,, हरिया बहुत खुश हो गया था आज जिंदगी में दूसरी औरत की गांड जो मिल रही थी मारने को और वह भी खुद की बहन की,, हरिया को इस बात की खुशी और ज्यादा थे कि वहां अपनी छोटी बहन को गांड मरवाने के लिए राजी कर लिया था जबकि हकीकत यह था कि गुलाबी खुद अपने भाई से गाना होना चाहती थी बस अपने मुंह से कह नहीं पा रही थी,,, गांड मरवाने वाली जिक्र छेड़ने में उसे डर लग रहा था इसलिए जानबूझकर अपने भाई को अपनी गांड चटवा कर,,, गांड मारने की विषय को अपने भाई के सामने प्रस्तुत की थी और उसकी यह नहीं थी काम भी कर गई थी,,,जितना उत्सव खा लिया था अपनी बहन की गांड मारने के लिए उतनी ज्यादा उतावली खुद गुलाबी थी अपने भाई के लंड को अपनी गांड में लेने के लिए,,,,,,।

थोड़ी ही देर में खटिया पर गुलाबी पीठ के बल लेट चुकी थी,,, और हरिया अपनी बहन की गांड के नीचे दो तकिया रख दिया था ताकि उसकी गांड ऊपर की तरफ हो जाए और उसकी गांड का छेद आराम से उसे नजर आ जाए,,,,लेकिन शायद यह आसन हरिया को खुद पसंद नहीं आया क्योंकि यह तो गुलाबी की शुरुआत थी अगर पहले से ही गुलाबी गांड मरवाती आ रही होती तो शायद इस आसन में बड़े आराम से उसकी गांड में चला जाता लेकिन यह गुलाबी के लिए पहली बार था इसलिए हरिया पूरी सावधानी रख रहा था क्योंकि वह जानता था कर एक बार दर्द करने लगेगा तो फिर उसकी बहन उसे गांड मारने नहीं देगी,,, इसलिए तो गुलाबी को घोड़ी बन जाने के लिए बोला लेकिन इस बार हरिया खटिया के नीचे खड़ा हो गया और गुलाबी अपनी गांड तो उठाकर खटिया के पाटी की तरफ चलाते हुए एक दम आरामदायक आसन में आ गई जहां से हरिया को अपनी बहन की गांड का छोटा सा छेद बड़े आराम से नजर आ रहा था लेकिन हरिया यह बात अच्छी तरह से जानता था कि पहली बार में ही उसका लंड उसकी बहन की गांड में आराम से प्रवेश नहीं कर पाएगा इसके लिए उसे सरसों के तेल की जरूरत पड़ेगी,,,,।

हरिया पूरी तैयारी कर चुका था गुलाबी का दिल जोरों से धड़क रहा था,,,, तभी हरिया बोला,,,।


गुलाबी सरसों का तेल मिलेगा क्या,,,,?(अपने लंड को पकड़कर खिलाते हुए बोला)


हां हां उस कोने में रखा हुआ है,,,( उंगली के इशारे से कोने में दिखाते हुए बोली,,,गुलाबी समझ गई थी कि उसका भाई उसकी गांड में तेल लगाकर उसकी गांड मारेगा,,, और हरिया तुरंत कोने है मे से सरसो के तेल की कटोरी ले आया,,, और कटोरी में से ही सरसों की धार को अपनी बहन की गांड के छोटे से छेद पर गिराने लगा और हथेली से उसे अच्छी तरह से चुपडने लगा,,,, पर थोड़ा सा सरसों का तेल अपने लंड पर लगा लिया जिससे लंड की ताकत और ज्यादा बढ़ गई,,,, गुलाबी नजर को पीछे घुमा कर अपने भाई की हरकत को ही देख रही थी क्योंकि किसी भी वक्त उसका भाई उसकी गांड में लंड डाल सकता था,,,,। और हरिया पूरी तैयारी के साथ पहले अपनी उंगली को अपनी बहन की गांड में डाल कर उसे गोल-गोल घुमाते हुए अपने लिए रास्ता बनाने लगा,,,, और जब उसे पूरी तरह से तो सकती हो कि ना तो वह अपने लंड कैसे पानी को सरसों के तेल में डुबोकर अपनी बहन की गांड के छोटे से छेद पर रख दिया और उसे अंदर की तरफ ढकेलने लगा,, धीरे-धीरे थोड़ा सा सुपाड़ा अंदर की तरफ प्रवेश करने के लिए उतावला हुआ तो गुलाबी को दर्द महसूस होने लगा और वहां बिना कुछ बोले अपने हाथ को पीछे की तरफ लाकर अपनी गांड पर हथेली रखकर दबाने लगी,,,, हरिया जानता था कि थोड़ा बहुत दर्द होगा इसलिए फिर से कोशिश करते हुए लंड को फिर से गांड के छेद के अंदर सरकाने लगा,,,, इस बार सरसों के तेल की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा अंदर की तरफ सरकने लगा और गुलाबी का दर्द बढ़ने लगा,,,,।


आहहहहह,,,,


बस बस रानी हो गया बस एक बार अंदर खुल जाए उसके बाद मजा ही मजा है,,,


दर्द कर रहा है,,,


लेकिन दर्द के आगे ही मजा ही मजा है,,,,बस थोड़ा सा और,,,( और इतना कहने के साथ ही अपनी बहन को बातों में उलझाए हुए,, हरिया इस बार थोड़ा जोर से अपनी कमर को आगे की तरफ धकेला और उसकी मेहनत रंग लाई सरसों के तेल की चिकनाहट पाकर हरिया का लंड का सुपाड़ा,, विजयी मुस्कान बिखरते हुए अंदर की तरफ सरक गया,,, गांव के छोटे से छेद के अंदर का अंधेरा लंड के सुपाड़े को बेहद लुभावना लग रहा था,,, इसलिए मारे खुशी के वह कुछ ज्यादा ही फुल गया था,,,। लेकिन जैसे ही सुखाड़ा छेद के अंदर प्रवेश किया वैसे ही गुलाबी दर्द से बिलबिला उठी,,,,।

हाय ,, दैया मर गई रे,,,ऊफफफ बहुत दर्द कर रहा है भैया निकालो बाहर,,,,,आहहहहह,,,,


कुछ नहीं गुलाबी तुम शांत हो जाओ थोड़ी देर में सब सही हो जाएगा,,,,

मुझे नहीं लगता सही हो पाएगा निकाल लो जल्दी से,,,
(गुलाबी को दर्द हो रहा था इस बात का अंदाजा हरिया को अच्छी तरह से था लेकिन मैं जानता था कि अगर एक बार वहलंड को बाहर निकाल दिया तो फिर उसकी बहन दोबारा डालने नहीं देगी इसलिए वह अपनी बहन को अपनी बातों से और अपनी हरकत से उलझाना चाहता थाइसलिए अपना दोनों हाथों की किस्त अपनाकर अपनी बहन की चूची को पकड़ लिया और उसे हल्के हल्के सहलाना शुरु कर दिया,,,।

अभी देखना कितना मजा आएगा बस एक दम शांत हो जाओ बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा,,,।
(थोड़ी ही देर में हरिया की मेहनत रंग लाने लगी गुलाबी की रंगत फिर से वापस आने लगी उसे अपनी गांड के छेद में लंड का सुपारा आनंददायक लगने लगा उसका दर्द कम हुआ तो हरिया चूची को दबाते हुए हल्के हल्के अपनी कमर को अंदर-बाहर करने लगा,,, ज्यादा कमर को हीलाता नहीं था बस गुलाबी की तसल्ली के लिए हमेशा कर रहा था लेकिन ऐसा करने से उसे भी थोड़ी जगह मिल रही थी,,, लंड का सुपाड़ा धीरे धीरे अंदर की तरफ सरक रहा है,,, जब हरिया ने देखा कि गुलाबी को दर्द नहीं हो रहा हैतब फिर से हल्के से कमर को आगे की तरफ धक्का मारा और फिर से सरसों के तेल ने अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया,,, लंड फिर से अंदर की तरफ सरकने लगा,,,,।
लेकिन हरिया को काफी मेहनत करनी पड़ रही थी क्योंकि यह पहली बार था और वह पसीने से तरबतर हो चुका था और यही हाल गुलाबी का भी था मजा तो आ रहा था लेकिन दर्द का एहसास नहीं उसे भी मजबूर कर दिया था वह भी पसीने से तरबतर हो चुकी थी दोनों के नंगे बदन पर पसीने की बूंदें उपस गई थी,,,।

देखते ही देखते हरिया अपने अनुभव का कमाल दिखाते हुए अपने लंड को पूरा का पूरा अपनी बहन की गांड के अंदर डाल दिया,,, और बोला,,,


देख गुलाबी कैसे तेरी गांड के अंदर मेरा पूरा का पूरा लंड घुस गया है,,,,,,
(अपने भाई की बात सुनकर आश्चर्य से गुलाबी पीछे की तरफ नजर करके देखने लगी लेकिन,, अपनी ही गांड के पीछे का दृश्य उसे कहां नजर आने वाला था,,, लेकिन महसूस जरूर हो रहा था कि उसकी गांड में कुछ लंबा सा चीज घुसा हुआ है,,,, बस फिर क्या था ,,, हरिया और गुलाबी दोनों की नजरें आपस में टकराई,,,,, दोनों के चेहरे पर विजई मुस्कान तैरने लगी और फिर हरिया अपनी बहन की मांसल गांड को अपने दोनों हाथों से थामकर अपनी कमर को आगे पीछे करके हीलाना शुरू कर दिया,, हरिया का लंड अब धीरे-धीरे आराम से उसकी गांड के छेद में अंदर बाहर हो रहा था,,,, गुलाबी को भी बहुत मजा आ रहा था,,,।


धीरे धीरे हरिया रफ्तार पकड़ने लगा,,,गुलाबी को आज भी तो सुख की प्राप्ति हो रही थी वह कभी सपने में भी नहीं सोचती भी गांड मरवाने में भी कितना मजा आता है,,, लेकिन इस बात का एहसास उसे अच्छी तरह से था कि लंड को अंदर जाने में कितनी मशक्कत करनी पड़ी थी लेकिन फिर भी सब कुछ अच्छे तरीके से हो गया था इस बात की खुशी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी,,, अपनी कमर को रफ्तार में हिलाते हुए हरिया बोला,,,।


अब कैसा लग रहा है मेरी छम्मक छल्लो,,,


आहहहह बहुत मजा आ रहा है भैया मैं कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि इस खेल में इतना मजा आता होगा,,,,,


मैं बोला था ना बहुत मजा आएगा,,,,,,, सच कहूं तो गुलाबी मुझे,,, तुम्हारी भाभी की गांड से ज्यादा मजा,, मुझे तुम्हारी गांड से आ रहा है,,,।

तो और जोर जोर से मारो भैया,,, गांड मारो मेरी,,,आहहहह,आहहहहहह बहुत मजा आ रहा है,,,।


मधु को इस बात की भनक तक नहीं थी कि उसके ठीक बगल वाले कमरे में उसकी ननद अपने ही भाई से चुदाई का अद्भुत खेल खेल रही है,,,, हरिया पूरी तरह से मस्ती में आकर अपनी बहन की गांड मार रहा था,,,, और देखते ही देखते दोनों चरमसुख के करीब पहुंचने लगी,,, और फिर दोनों का लावा एक साथ फूट पड़ा,,, हरीया अपनी बहन की नंगी पीठ पर लेट गया,,,।
जिस प्रकार से राजीव ने अपनी मर्दानगी का झंडा अशोक के बीवी की च** में लौड़ा दें दे दे कर वादा है वह काबिले तारीफ है उम्मीद है कि बीच-बीच में राजू इसकी च**** करने आता रहेगा और जल्द ही इसको मां बनने का सुख देगा उधर हरियाने गुलाबी की गुलाबी गांड का जो उद्घाटन करके राजू के Liye नया रास्ता बनाया है उससे राजू खुश होकर बदले में अपनी मां को कुछ ना कुछ जरूर देना चाहिए बाकी अभी तो रात जवान है तो हो सकता है राजू अशोक की बीवी को ही एक बार फिर से फेल कर उसकी गांड फाड़ दें
 

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आखिरकार राजू अशोक की खूबसूरत बीवी को अपने काबू में कर लिया था उसकी उफान मारती जवानी का अंकुश उसके हाथों में आ चुका था,,,, जिस पर वह अच्छी तरह से काबू पा चुका था,,, औरत को संतुष्ट करने की ताकत और आत्मविश्वास ही दोनों राजू के पास था जिसके चलते हैं वहां गांव की बहुत सी औरतों पर अपनी मर्दानगी का जादू चला चुका था,,, उसमें अब अशोक की बीवी भी शामिल हो चुकी थी जिसने आज तक संभोग कि संतुष्टि और तृप्ति का अहसास बिल्कुल भी नहीं कर पाई थी जिसे एहसास राजू ने अपनी मर्दानगी बड़े लंड से उसकी चुदाई करके महसूस करा दिया था,,,,,,,,


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,एक तरह से हरियाली अपने बेटे को अशोक को उसके घर छोड़ने का काम सौंप कर राजू के लिए एक सुनहरा मौका दे दिया था अशोक की बीवी को चोदने का जिसमें वह खरा उतर गया था और दूसरी तरफ उसे भी मौका मिल गया था अपनी छोटी बहन के साथ मस्ती करने का और इसीलिए वह अपनी बीवी को पूरी तरह से संतुष्ट कर के उसे गहरी नींद में सुला कर खुद कमरे से बाहर आ गया था और अपनी छोटी बहन के कमरे में प्रवेश कर गया था जहां पर गुलाबी खुद उसका बेसब्री से इंतजार कर रही थी,,, बहुत दिनों बाद दोनों का मिलन हुआ था इसलिए मौका मिलते ही हरिया अपनी बहन के बदन से सारे कपड़े उतार कर उसे तुरंत नंगी कर दिया और वह खुद भी नंगा हो गया,,,।


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अपनी बहन के साथ दोबारा शारीरिक संबंध ना बनाने की कसम हरिया ने खाया था एक बार पवित्र रिश्ते को दाग दाग करके उस पर दोबारा दास ना लगाने का वचन अपने आप को ही दिया था लेकिन अपनी बहन की कमसिन जवानी और उसकी कामुक हरकतें घर के पीछे ही उसका हौसला पस्त कर चुकी थी और वह घर के पीछे ही अपनी बहन की चुदाई करके पूरी तरह से संतुष्ट हो चुका था जब एक बार यह सिलसिला शुरू हो गया तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था जिसके चलते आज वह घर पर ही अपने कमरे के बगल वाले कमरे में अपनी बहन के कमरे में अपनी बहन के साथ मस्ती करने के इरादे से उतर चुका था जिसमें उसकी बहन भी उसका पूरी तरह से साथ दे रही थी,,,। खटिया पर गुलाबी और हरिया दोनों नग्न अवस्था में एक-दूसरे को बाहों में लेकर चुंबनों की बौछार कर रहे थे,,, हरिया अपनी बहन की दोनों चूचियों को अपने हाथ में लेकर उसे जोर-जोर से दबाते हुए बोला,,,।




गुलाबी तेरी जवानी देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है तुझे चोदने का मन करता है,,,


क्यों भैया तुमने तो अपने आप से वचन लिया था ना कि दोबारा ऐसा नहीं होगा,,,


अरे भाड़ में जाए ऐसी कसम और वचन जब आंखों के सामने इतनी खूबसूरत जवानी से भरपूर लड़की खुद चुदवाने के लिए तैयार हो तो कोई पागल ही होगा जो अपने वचन के चलते ऐसी खूबसूरत नारी को नहीं भोगेगा ,,,,(हरिया अपनी बहन की दोनों चूचियों को अपने हाथों से दबाते हुए बोला)

मेरी जवानी तुम्हें इतनी अच्छी लगती है भैया,,,

हारे सच में तू बहुत खूबसूरत है तेरे बदन की बनावट मेरे मुंह में पानी ला देती है,,,, तेरी चूची देख कर ऐसा लगता है कि जैसे बगीचे में दशहरी आम के पेड़ पर रस से भरे हुए दशहरी आम लटक रहे हो,,,।


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अभी इतने भी बड़े नहीं हैं भैया की लटक रहे हो,,,,(मुंह बनाते हुए गुलाबी बोली क्योंकि चूची के लटकने वाली बात उसे अच्छी नहीं लगी थी,,)

अरे मैं जानता हूं मेरी जान,,, तुम्हारी चूचियां बड़ी बड़ी नहीं है लेकिन जरूरी नहीं कि बड़ी-बड़ी चूचियां ही लटकती हो,,, तुम्हारी चूचियां रस से भरी हुई है जिसमें अभी अभी उभार आना शुरू हुआ है ऐसे चुचियों को दबाने में कितना मजा आता है यह तुम नहीं जानती,,,।

ऊमममम,,, तभी 15:00 15 दिन निकल जाते हैं दबाते नहीं हो,,,


क्या करूं गुलाबी डर भी तो लगता है सब की नजर से बचना भी तो है अगर तेरी भाभी को पता चल गया तो गजब हो जाएगा,,,,।




हां यह तो तुम ठीक ही कह रहे हो भैया,,, लेकिन अगर भाभी जाग गई तो,,,

वह सुबह से पहले जागने वाली नहीं है,,,



ऐसा क्यों,,,,(स्तन मर्दन का आनंद लेते हुए वह बोली)


क्योंकि अभी अभी तेरी भाभी की जमकर चुदाई करके आया हूं और उसकी आदत है जब एक बार उसे जमकर चोद दो तब सुबह से पहले उसकी नींद नहीं खुलती बहुत गहरी नींद में सोती है,,,,


हां यह तो है तुम्हें खुश करने के लिए मेहनत भी तो बहुत करती होगी भाभी,,,(गुलाबी मुस्कुराते हुए बोली)


हां हंस ले तुझे भी मुझे खुश करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी आज की रात तुझे सोने नहीं दूंगा,,,,


मैं तो तैयार हूं देखना कहीं तुम थक कर सो मत जाना,,,


तू चिंता मत कर गुलाबी जब तक तेरी बुर्का भोसड़ा नहीं बना दूंगा तब तक मुझे नींद नहीं आने वाली,,,


नहीं नहीं भैया ऐसा बिल्कुल भी मत करना अगर बुर का बोसड़ा बन गया तो सुहागरात को अपने पति को क्या मुंह दिखाऊंगी,,, वह तो समझ जाएगा कि किसी और का लेती थी ना जाने कितनों का लेती थी,,, तब तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी भैया,,,




अरे बोल देना मेरी जान कि अपने बड़े भैया का लेती थी,,, क्या करूं जवानी की आग बर्दाश्त नहीं होती थी,,,,


ऊममममम,,, तुम बहुत हरामी,, हो,,,(अपने भैया के सीने पर प्यार से मुक्का मारते हुए बोली,,,,हरियार गुलाबी दोनों खटिया पर पूरी तरह से नग्न अवस्था में थे,, लालटेन की पीली रोशनी में गुलाबी का नंगा बदन और भी ज्यादा खूबसूरत और चमक रहा था,,, जिसे देखकर हरिया गदगद हुए जा रहा था हरिया भले ही रोज अपनी बीवी की चुदाई करता था,,, रोज रात को उसे भी चोदने के लिए और चाहिए रहती थी लेकिन वह भी अपनी बीवी की याद तक उसने भी किसी गैर औरत के साथ जिस्मानी ताल्लुकात नहीं बना पाया था उसके लिए यह पहला मौका था जब अपनी छोटी बहन के साथ ही वह जिस्मानी ताल्लुकात बनाकर अपनी प्यास को बुझा रहा था,, इसलिए दूसरी औरत के साथ उसे चुदाई करने में बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था भले ही वह उसकी छोटी बहन की क्यों ना थी लेकिन थी तो वह एक औरत ही जिसे खुद प्यास थी,,,,

हरिया अपनी बहन की दोनों चुचियों को बारी बारी से मुंह में लेकर पी रहा था,,, हरिया का लंड राजू के मुकाबले कम ही ताकतवर था,,, लेकिन अनुभव से भरा हुआ था एकदम मजा हुआ,,,, इसलिए अपने भतीजे के मोटे लंड के साथ साथ गुलाबी अपने भाई के अनुभव से भरे लंड का मज़ा बड़ी मस्ती के साथ लेती थी,,,जितना भी अनुभव हरिया को अपनी बीवी के साथ मिला था वह सारा अनुभव हुआ अपनी बहन के साथ खटिया पर लगा दे रहा था इसीलिए तो गुलाबी को भी बहुत मजा आ रहा था,,,,,, गुलाबी को इस तरह से अपने बड़े भैया को अपना दूध पिलाने में बहुत मजा आता था,,,एक चूची को मुंह में लेकर पीता था तो दूसरी चूची को उसी समय जोर जोर से दबाता था जिससे गुलाबी का आनंद दोगुना हो जाता था ,,, कभी-कभी उत्तेजित अवस्था में गुलाबी खुद अपनी चूची को हाथ में पकड़ कर अपने बड़े भाई के मुंह में छूट देती थी तभी दाईं चूची तो कभी बांई चुची ,,, हरिया अपनी बहन की इस हरकत से पूरी तरह से मस्त हो जाता था,,,,अपनी बहन के साथ हरिया को ज्यादा मजा आता था जिसका एक कारण था कि भले ही मत हो खुल कर उसके साथ चुदाई का मजा लेती थी लेकिन हरकतें गुलाबी कि उससे एक कदम बढ़कर थी,,,, और उसकी यही अदा की तारीफ करते हुए हरिया बोला,,,।


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हाय मेरी जान गुलाबी,,, सच में जिस से भी तेरी शादी होगी वहां दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान होगा क्योंकि तू खटिया पर मस्त कर देती है तेरी हरकतें एक दम जानलेवा है,,,, मुझे तो लगता है कि जब तेरी सुहागरात होगी ना तेरी हरकत की वजह से ही तेरी आदमी का पानी निकल जाएगा,,,।


ना भैया ऐसा मत कहो अगर ऐसा हो जाएगा तब तो मै प्यासी रह जाऊंगी,,,,।


तू चिंता मत कर मैं हूं ना मेरे पास चली आना,,,।

ओहहहह भैया तुम कितनी अच्छी हो लेकिन तब की तब देखेंगे अभी मेरी प्यास बुझाओ,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपनी चूची को अपने हाथ से पकड़ कर अपने भैया के खाली मुंह में डाल दी और उसका भाई मजे ले ले कर पीना शुरु कर दिया हरिया भी पूरी तरह से नंगा था उसका लंड टनटनाकर खड़ा थागुलाबी सराहनीय और वह अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर अपने भाई के घंटे को पकड़ ली उसकी गर्माहट पाते ही उसकी बुर से काम रस की बूंद टपकने लगी,,,उत्तेजना के मारे गुलाबी अपने भाई के लंड को कस के अपनी मुट्ठी में दबोच ली,,,यही फर्क था हरिया के लंड में और राजू के लंड में,,,, हरिया का लंड बड़े आराम से गुलाबी के हथेली में आ जाता थालेकिन राजू का लंड उसकी हथेली में समाता नहीं था उसे थामने के लिए दूसरा हाथ लगाना ही पड़ता था,,,, लेकिन फिर भी गुलाबी को मजा आ रहा था,,,,,,, कुछ देर तक गुलाबी अपने भाई के लंड से खेलती रही लेकिन उसके दिमाग में कुछ और चल रहा था आज वह इस खेल का कमान अपने हाथों में ले लेना चाहती थी,,,,।

इसलिए थोड़ी देर बाद वह है घुटनों के बल खटिया पर बैठ गई,,, और अपने भाई को ललचाते हुए अपनी हथेली को पहले अपने फोटो पर लगाकर जीभ से उंगलियों को चाटीऔर फिर हथेली को अपनी दोनों टांगों के बीच में लाकर अपनी बुर पर रखकर उसे उपर से ही मसलना शुरू कर दी यह देखकर हरिया की हिम्मत जवाब देने लगी,,,उसकी आंखों में वासना का बवंडर उठ रहा था अपनी बहन की हरकत उसे पूरी तरह से मदहोश कर देने वाली लग रही थी,,, हरिया को गुलाबी इस समय काम देवी से कम नहीं लग रही थी उसकी हर हरकत बदन में उत्तेजना की लहर को बढ़ावा दे रही थी,,,अपनी बहन की कामुक हरकत को देखकर हरिया को समझ पाता या कुछ कर पाता इससे पहले ही गुलाबी अपना बाया हाथ अपने भाई के सर पर रख कर उसके बालों को मुट्ठी में भींचते हुए टांगों के करीब लाने लगी दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी बड़ा ही मादक और मदहोशी से भरा हुआ नजारा था लालटेन की पीली रोशनी में यह नजारा और भी ज्यादा कामोत्तेजक जब लग रहा था,,,, अपनी बहन की हरकत का इरादा हरिया को समझ में आ गया था और वह खुद अपनी जीभ लप लपाते हुए अपनी बहन की बुर पर अपने होठों पर रख दिया और उसके काम रस से डूबी हुई बुर को चाटना शुरू कर दिया,,,।


सहहहहहह ,,,,,,अआहह,,,,,,,(मदहोशी में गुलाबी के मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी और उसकी आंखें बंद होने लगी,,,, गुलाबी पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी उसके भाई काम उसके दोनों टांगों के बीच था और गुलाबी मादक तरीके से अपनी कमर को होले होले आगे पीछे करते हुए अपने भाई के होठों को अपनी बुर पर रगड़ रही थी,,, और हरिया अपनी जीभ को बाहर निकाल कर जितना हो सकता था अपनी बहन की बुर में डालकर उसकी मलाई को चाटने की कोशिश कर रहा था,,,,।


सहहहहहह आहहहहहहह ,,,,ऊमममममम ,,,,,आहहहरहहहह ,,,, पूरी जीभ डालकर भैया,,,,,,,सहहहहह आहहहहहह,,,,,

हरिया भी अपनी छोटी बहन की आज्ञा का पालन करते हुए उसकी जरूरत के मुताबिक अपनी जीभ को हरकत में लाते हुए उसे और मस्त करने लगा हरिया दोनों हाथों को पीछे कर अपनी बहन की गोरी गोरी गांड की फांकों को दबोचे हुए बुर चटाई का मजा ले रहा था,,,। गुलाबी पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी,,,, वह अभी भी अपने भाई के सर को दोनों हाथों से पकड़े हुए ज्यादा से ज्यादा कसकर अपनी बुर पर दबाए हुए थी,,,, और सिसकारी का मजा ले रही थी अपनी बहन की सिसकारी की आवाज सुनकर हरिया और ज्यादा आनंदित हो रहा था वह और मस्ती के साथ अपनी बहन की बुर को चाट रहा था,,,।


गुलाबी आज पूरी तरह से मस्ती के इरादे से अपने भाई पर अपना पूरा कब्जा जमाए हुए थी कुछ देर तक अपने भाई को अपनी बुर चटवाने के बाद वह अपने भाई को उसके कंधे को पकड़कर खटिया पर पीठ के बल लेट आने लगी,,,,गुलाबी आज किसी भी तरह से अपने भाई को अपने ऊपर हावी होने देना नहीं चाहती थी आज वह अपनेभाई के साथ अपने मन की करना चाहती थी देखते-देखते हरिया पीठ के बल खटिया पर बैठ गया गुलाबी मुस्कुराते हुए एक नजर अपने भाई के लंड पर डाली जो की पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा था,, अपने भाई के लंड को देखकर उसके होठों पर मादक मुस्कान तैरने लगी,,, और वह देखते ही देखते अपनी गोल-गोल गांड को अपने भाई के कंधे के इर्द-गिर्द अपने घुटनों को टीका कर अपनी गांड का वजन अपने भाई के चेहरे पर रखने लगी पर खुद उसके ऊपर टांगों की तरफ झुकते हुए उसके लंड के बेहद करीब अपने होठों को लाकर उसके लंड को थाम ली,,,दोनों को एक साथ मजे लेने के लिए कामसूत्र के आसन के मुताबिक यहां सन बेहद आरामदायक और मदहोशी से भरा हुआ था क्योंकि इस आशा में में हरिया और गुलाबी दोनों एक साथ एक दूसरे की उत्तेजित अंगों का आनंद ले सकते थे और यह बात हरिया भी समझ गया था इसलिए खुद ही अपने हाथों से अपनी बहन की गांड को पकड़ कर अपनी जीभ को उसकी बुर लगाकर चाटना शुरू कर दिया,,, और गुलाबी आंखों में खुमारी लिए अपनी बहन के लंड को पकड़ कर उसके सुपाडे को अपने होठों से लगाकर अपनी प्यासी जीभ को बाहर निकाल कर उसके लंड के आलूबुखारे जैसे सुपाड़े को चाटना शुरू कर दी,,,,,, हरिया अपनी बहन की हरकत से पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था,,,,वह अपने मन में सोचने लगा कि उसकी बहन कितना मजा देती है एकदम रंडी की तरह,,,, इतना मजा तो उसकी बीवी मधु भी नहीं देती थी,,, बस हर तरीके से उसका साथ दे दी थी लेकिन इस तरह की हरकत नहीं करती थी,,,।

दोनों भाई बहन पूरी दुनिया को भुल कर एक दूसरे के नाजुक अंगों का मजा ले रहे थे,,,गुलाबी मस्ती में धीरे-धीरे अपनी कमर को भी हिला रही थी मानो कि जैसे अपने भाई के मुंह को चोद रही हो,,और इसी तरह से एक बार हरिया की जीत उसकी गांड के भूरे रंग के छेद पर स्पर्श हो गई इतने में तो गुलाबी के तन बदन में आग लग गई,,,उसे इस बात का अहसास हो गया था कि उसके भाई की जीत उसकी गांड के छेद पर स्पर्श हो गई है और यही गुलाबी के लिए मानो मदहोशी भर देने वाला पल था,,,अपनी ऐसी तैसी ना तो वह बिल्कुल भी अपने अंकुश में नहीं रख पाई और उसकी बुर से काम रस झड़ने लगा,,,, जिसे उसका भाई अपनी जीभ लगाकर अमृत की बूंद की तरह लपालप चाट रहा था,,,। गुलाबी की गरम सिसकारी की आवाज थोड़ी तेज हो गई थी लेकिन इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं थी,,, यह बात हरी अच्छी तरह से जानता था कि कि उसकी बीवी चुदवाने के बाद बेसुध होकर सो जाती थी,,,।

गुलाबी उस क्षण को एक बार फिर से अपने अंदर मैसेज करना चाहती थी एक बार फिर से अपने भाई की जीभ को अपनी गांड के छेद पर लहराता हुआ महसूस करना चाहती थी,,,इसलिए अपनी कमर को आगे पीछे करके वह अपने भाई के होठों पर अपनी गांड का छेद रखना चाहती थी जिसमें उसे जल्द ही कामयाबी मिल गई और जैसे उसकी गांड का छेद उसके भाई के होठों पर आया वह अपनी कमर को नीचे की तरफ दबा दी,,, जोकि हरिया के लिए इशारा था कि अब वह उसकी गांड के छेद को जीभ से चाटे,,, और शायद हरिया इस बात को समझ भी गया थाऔर अपनी बहन का इरादा जानकर और ज्यादा उत्तेजित हो गया और इसीलिए अपने हाथ को ऊपर की तरफ लाकर गुलाबी की कमर में अपने दोनों हाथ को डालकर उसे अपनी तरफ दबाने लगा और अपनी जीभ से उसकी गांड के छोटे से छेद को चाटना शुरू कर दिया जिसमें से मादकता की खुशबू उसके तन बदन में आग लगा रही थी,,,।



हरिया को भी अपनी बहन की गांड चाटने में मजा आ रहा था गुलाबी पूरी तरह से मस्त होकर अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दी थी और अपनी बहन के लंड को पूरा गले तक उतार कर मजा ले रही थी हरिया भी कुछ कम नहीं था वह भी नीचे से अपनी कमर को ऊपर की तरफ फेंक दे रहा था जिससे उसका लंड गुलाबी के गले तक चला जा रहा था दोनों को बहुत मजा आ रहा था,,,,। हरिया अपनी उत्तेजना को काबू में नहीं कर पा रहा था और वहां अपनी उत्तेजना का कसरअपनी बहन की गांड पर उतारते हैं दोनों हाथों से रह-रहकर उसकी गांड पर जोर जोर से चपत लगा दे रहा था जिससे गुलाबी को चपत की वजह से थोड़ा दर्द तो हो रहा था लेकिन यह दर्द मीठा मीठा था जिसमें आनंद बहुत ज्यादा मिल रहा था,,,, अपनी बहन की गांड पर चपत लगाते हुए वह बोला,,,।

क्यों मेरी जान गांड चटवाने में मजा आ रहा है ना,,,


बहुत मजा आ रहा है भैया,,,,आहहहहह ,,,,

जब तुझे चटवाने में मजा आ रहा है तब मरवाने में कितना मजा आएगा,,,

मरवाने में मैं कुछ समझी नहीं,,,(गुलाबी सबको समझ रही थी लेकिन जानबूझकर अनजान बनने का नाटक करते हुए वह भी क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि उसके भैया को यह बात भी मालूम हो कि गांड मरवाने कि उसकी भी इच्छा है,,,जबकि शुरू से ही आज उसके मन में यही इच्छा प्रबल हुए जा रही थी कि वह भी अपने भाई से गांड मरवाएगी क्योंकि जब से राजू ने उसे बताया था किउसकी मां उसके पिताजी से गांड मरवाती है और उसे अपनी आंखों से देखा है और गांड मरवाने उसकी मां को बहुत मजा आ रहा था यह सुनकर उसके भी मन में इच्छा हो रही थी कि वह भी गांड मरवाए और राजू इसके लिए तैयार भी था,,,लेकिन अपनी सहेली की बातों को सुनकर उसका हौसला पस्त होता नजर आ रहा था और वह अपने भतीजे को इनकार कर चुकी थी लेकिन उसके मन में गांड मरवाने वाली इच्छाधारी हुई थी जो कि वह अपने भाई से मरवाना चाहती थी क्योंकि राजू के कहे अनुसार उसका भाई उसकी भाभी की गांड मारता है और उसे इसका पूरा अनुभव था और तो और राजू का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा था जिसे गुलाबी अच्छी तरह से जानती थी कि अपनी गांड के छेद में लेने में दिक्कत हो जाएगी और उसके भाई का लंड राजू के मुकाबले ज्यादा लंबा और मोटा नहीं था जो कि अनुभव होने के कारण वह अपने लंड को आराम से उसकी गांड में उतार सकता था और एक बार जब वह अपने भाई से गांड मरवा लेती तो अपने भतीजे की ईच्छा पुरी करने में उसे कोई दिक्कत नहीं होती,,,,,,, इसलिए वह अपने भाई से गांड मरवाने की इच्छा रखती थी लेकिन जान बूझकर अपने भाई की बात ना समझने का बहाना कर रही थी ,,अपनी छोटी बहन गुलाबी की बात सुनकर हरिया बोला,,,।)


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अरे मेरी छम्मक छल्लो इतना भी नहीं जानती,,, मरवाने का मतलब है कि तुम्हारी गांड में लंड डालना,,,अगर मैं तुम्हारी गांड में अपना लंड डालूंगा तो इसे कहते हैं गांड मरवाना,,,


बाप रे क्या ऐसा भी होता है,,,,(लंड को हाथ से पकड़ कर हिलाते हुए बोली)


तो क्या मेरी जान,,,, बहुत मजा आता है,,,(गांड को दोनों हाथों से पकड़े हुए वह बोला,,,)

क्या भाभी की भी तुम गांड मारते हो,,,


तो क्या पूछ मत गुलाबी कितना मजा आता है,,,,


बाप रे इस बारे में तो मैं कभी सोची ही नहीं थी,,,, लेकिन क्या इसमें तुम्हारा यह,,(लंड पर प्यार से थप्पड़ मारते हुए) चला जाएगा,,,!


बड़े आराम से जाएगा मेरी जान,,,, तुम्हारी भाभी तो पूरा का पूरा अंदर ले लेती है तभी उसे मजा आता है,,,


दैया रे तुम्हारी बातें सुनकर तो मुझे कुछ-कुछ हो रहा है,,,,।


बहुत मजा आएगा बस एक बार हां कर दो फिर इसके बाद देखना,,,,(धीरे से गुलाबी की गांड के छेद को गीला करके उसमें अपनी उंगली को धीरे से डालते हुए) तुम खुद मेरे लंड पर अपनी गांड रखकर बैठ जाओगी,,,,


दुखेगा तो,,,(गुलाबी चिंता व्यक्त करते हुए बोली हालांकि उसका मन अब पूरी तरह से तैयार हो चुका था अपने भाई के लंड को अपनी गांड में लेने के लिए)

अरे बिल्कुल भी नहीं दुखेगा ,मै इतने आराम से डालूंगा कि तुम्हें मजा के अलावा और कुछ नहीं सुझेगा,,,,,,,

ओहहहह ,,,, भैया मैं अपने आप को तुम्हारे हवाले करती हूं अब तुम कोई सब कुछ करना है अगर जरा भी दर्द होगा तो मैं करने नहीं दूंगी,,,,


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो रानी,,, एकदम आराम से तुम्हारी गांड मारूंगा,,,(इतना कहने के साथ ही हरिया उत्तेजित अवस्था में एक बार फिर से उसकी गांड के छेद पर्ची पर रखकर चाटना शुरू कर दिया और साथ ही अपनी एक ऊंगली उसकी गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा जिस का आनंद गुलाबी बड़े अच्छे से दे रही थी वह कसमसा रही थी गांड में उंगली जाने की वजह से,, अपने मन में सोचने लगी कि जब इंग्लिश इतना आनंद मिल रहा है तो,,, लंड जाएगा तो कितना मजा आएगा,,,,ऊहहहहहह,,,, हरिया बहुत खुश हो गया था आज जिंदगी में दूसरी औरत की गांड जो मिल रही थी मारने को और वह भी खुद की बहन की,, हरिया को इस बात की खुशी और ज्यादा थे कि वहां अपनी छोटी बहन को गांड मरवाने के लिए राजी कर लिया था जबकि हकीकत यह था कि गुलाबी खुद अपने भाई से गाना होना चाहती थी बस अपने मुंह से कह नहीं पा रही थी,,, गांड मरवाने वाली जिक्र छेड़ने में उसे डर लग रहा था इसलिए जानबूझकर अपने भाई को अपनी गांड चटवा कर,,, गांड मारने की विषय को अपने भाई के सामने प्रस्तुत की थी और उसकी यह नहीं थी काम भी कर गई थी,,,जितना उत्सव खा लिया था अपनी बहन की गांड मारने के लिए उतनी ज्यादा उतावली खुद गुलाबी थी अपने भाई के लंड को अपनी गांड में लेने के लिए,,,,,,।

थोड़ी ही देर में खटिया पर गुलाबी पीठ के बल लेट चुकी थी,,, और हरिया अपनी बहन की गांड के नीचे दो तकिया रख दिया था ताकि उसकी गांड ऊपर की तरफ हो जाए और उसकी गांड का छेद आराम से उसे नजर आ जाए,,,,लेकिन शायद यह आसन हरिया को खुद पसंद नहीं आया क्योंकि यह तो गुलाबी की शुरुआत थी अगर पहले से ही गुलाबी गांड मरवाती आ रही होती तो शायद इस आसन में बड़े आराम से उसकी गांड में चला जाता लेकिन यह गुलाबी के लिए पहली बार था इसलिए हरिया पूरी सावधानी रख रहा था क्योंकि वह जानता था कर एक बार दर्द करने लगेगा तो फिर उसकी बहन उसे गांड मारने नहीं देगी,,, इसलिए तो गुलाबी को घोड़ी बन जाने के लिए बोला लेकिन इस बार हरिया खटिया के नीचे खड़ा हो गया और गुलाबी अपनी गांड तो उठाकर खटिया के पाटी की तरफ चलाते हुए एक दम आरामदायक आसन में आ गई जहां से हरिया को अपनी बहन की गांड का छोटा सा छेद बड़े आराम से नजर आ रहा था लेकिन हरिया यह बात अच्छी तरह से जानता था कि पहली बार में ही उसका लंड उसकी बहन की गांड में आराम से प्रवेश नहीं कर पाएगा इसके लिए उसे सरसों के तेल की जरूरत पड़ेगी,,,,।

हरिया पूरी तैयारी कर चुका था गुलाबी का दिल जोरों से धड़क रहा था,,,, तभी हरिया बोला,,,।


गुलाबी सरसों का तेल मिलेगा क्या,,,,?(अपने लंड को पकड़कर खिलाते हुए बोला)


हां हां उस कोने में रखा हुआ है,,,( उंगली के इशारे से कोने में दिखाते हुए बोली,,,गुलाबी समझ गई थी कि उसका भाई उसकी गांड में तेल लगाकर उसकी गांड मारेगा,,, और हरिया तुरंत कोने है मे से सरसो के तेल की कटोरी ले आया,,, और कटोरी में से ही सरसों की धार को अपनी बहन की गांड के छोटे से छेद पर गिराने लगा और हथेली से उसे अच्छी तरह से चुपडने लगा,,,, पर थोड़ा सा सरसों का तेल अपने लंड पर लगा लिया जिससे लंड की ताकत और ज्यादा बढ़ गई,,,, गुलाबी नजर को पीछे घुमा कर अपने भाई की हरकत को ही देख रही थी क्योंकि किसी भी वक्त उसका भाई उसकी गांड में लंड डाल सकता था,,,,। और हरिया पूरी तैयारी के साथ पहले अपनी उंगली को अपनी बहन की गांड में डाल कर उसे गोल-गोल घुमाते हुए अपने लिए रास्ता बनाने लगा,,,, और जब उसे पूरी तरह से तो सकती हो कि ना तो वह अपने लंड कैसे पानी को सरसों के तेल में डुबोकर अपनी बहन की गांड के छोटे से छेद पर रख दिया और उसे अंदर की तरफ ढकेलने लगा,, धीरे-धीरे थोड़ा सा सुपाड़ा अंदर की तरफ प्रवेश करने के लिए उतावला हुआ तो गुलाबी को दर्द महसूस होने लगा और वहां बिना कुछ बोले अपने हाथ को पीछे की तरफ लाकर अपनी गांड पर हथेली रखकर दबाने लगी,,,, हरिया जानता था कि थोड़ा बहुत दर्द होगा इसलिए फिर से कोशिश करते हुए लंड को फिर से गांड के छेद के अंदर सरकाने लगा,,,, इस बार सरसों के तेल की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा अंदर की तरफ सरकने लगा और गुलाबी का दर्द बढ़ने लगा,,,,।


आहहहहह,,,,


बस बस रानी हो गया बस एक बार अंदर खुल जाए उसके बाद मजा ही मजा है,,,


दर्द कर रहा है,,,


लेकिन दर्द के आगे ही मजा ही मजा है,,,,बस थोड़ा सा और,,,( और इतना कहने के साथ ही अपनी बहन को बातों में उलझाए हुए,, हरिया इस बार थोड़ा जोर से अपनी कमर को आगे की तरफ धकेला और उसकी मेहनत रंग लाई सरसों के तेल की चिकनाहट पाकर हरिया का लंड का सुपाड़ा,, विजयी मुस्कान बिखरते हुए अंदर की तरफ सरक गया,,, गांव के छोटे से छेद के अंदर का अंधेरा लंड के सुपाड़े को बेहद लुभावना लग रहा था,,, इसलिए मारे खुशी के वह कुछ ज्यादा ही फुल गया था,,,। लेकिन जैसे ही सुखाड़ा छेद के अंदर प्रवेश किया वैसे ही गुलाबी दर्द से बिलबिला उठी,,,,।

हाय ,, दैया मर गई रे,,,ऊफफफ बहुत दर्द कर रहा है भैया निकालो बाहर,,,,,आहहहहह,,,,


कुछ नहीं गुलाबी तुम शांत हो जाओ थोड़ी देर में सब सही हो जाएगा,,,,

मुझे नहीं लगता सही हो पाएगा निकाल लो जल्दी से,,,
(गुलाबी को दर्द हो रहा था इस बात का अंदाजा हरिया को अच्छी तरह से था लेकिन मैं जानता था कि अगर एक बार वहलंड को बाहर निकाल दिया तो फिर उसकी बहन दोबारा डालने नहीं देगी इसलिए वह अपनी बहन को अपनी बातों से और अपनी हरकत से उलझाना चाहता थाइसलिए अपना दोनों हाथों की किस्त अपनाकर अपनी बहन की चूची को पकड़ लिया और उसे हल्के हल्के सहलाना शुरु कर दिया,,,।

अभी देखना कितना मजा आएगा बस एक दम शांत हो जाओ बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा,,,।
(थोड़ी ही देर में हरिया की मेहनत रंग लाने लगी गुलाबी की रंगत फिर से वापस आने लगी उसे अपनी गांड के छेद में लंड का सुपारा आनंददायक लगने लगा उसका दर्द कम हुआ तो हरिया चूची को दबाते हुए हल्के हल्के अपनी कमर को अंदर-बाहर करने लगा,,, ज्यादा कमर को हीलाता नहीं था बस गुलाबी की तसल्ली के लिए हमेशा कर रहा था लेकिन ऐसा करने से उसे भी थोड़ी जगह मिल रही थी,,, लंड का सुपाड़ा धीरे धीरे अंदर की तरफ सरक रहा है,,, जब हरिया ने देखा कि गुलाबी को दर्द नहीं हो रहा हैतब फिर से हल्के से कमर को आगे की तरफ धक्का मारा और फिर से सरसों के तेल ने अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया,,, लंड फिर से अंदर की तरफ सरकने लगा,,,,।
लेकिन हरिया को काफी मेहनत करनी पड़ रही थी क्योंकि यह पहली बार था और वह पसीने से तरबतर हो चुका था और यही हाल गुलाबी का भी था मजा तो आ रहा था लेकिन दर्द का एहसास नहीं उसे भी मजबूर कर दिया था वह भी पसीने से तरबतर हो चुकी थी दोनों के नंगे बदन पर पसीने की बूंदें उपस गई थी,,,।

देखते ही देखते हरिया अपने अनुभव का कमाल दिखाते हुए अपने लंड को पूरा का पूरा अपनी बहन की गांड के अंदर डाल दिया,,, और बोला,,,


देख गुलाबी कैसे तेरी गांड के अंदर मेरा पूरा का पूरा लंड घुस गया है,,,,,,
(अपने भाई की बात सुनकर आश्चर्य से गुलाबी पीछे की तरफ नजर करके देखने लगी लेकिन,, अपनी ही गांड के पीछे का दृश्य उसे कहां नजर आने वाला था,,, लेकिन महसूस जरूर हो रहा था कि उसकी गांड में कुछ लंबा सा चीज घुसा हुआ है,,,, बस फिर क्या था ,,, हरिया और गुलाबी दोनों की नजरें आपस में टकराई,,,,, दोनों के चेहरे पर विजई मुस्कान तैरने लगी और फिर हरिया अपनी बहन की मांसल गांड को अपने दोनों हाथों से थामकर अपनी कमर को आगे पीछे करके हीलाना शुरू कर दिया,, हरिया का लंड अब धीरे-धीरे आराम से उसकी गांड के छेद में अंदर बाहर हो रहा था,,,, गुलाबी को भी बहुत मजा आ रहा था,,,।


धीरे धीरे हरिया रफ्तार पकड़ने लगा,,,गुलाबी को आज भी तो सुख की प्राप्ति हो रही थी वह कभी सपने में भी नहीं सोचती भी गांड मरवाने में भी कितना मजा आता है,,, लेकिन इस बात का एहसास उसे अच्छी तरह से था कि लंड को अंदर जाने में कितनी मशक्कत करनी पड़ी थी लेकिन फिर भी सब कुछ अच्छे तरीके से हो गया था इस बात की खुशी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी,,, अपनी कमर को रफ्तार में हिलाते हुए हरिया बोला,,,।


अब कैसा लग रहा है मेरी छम्मक छल्लो,,,


आहहहह बहुत मजा आ रहा है भैया मैं कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि इस खेल में इतना मजा आता होगा,,,,,


मैं बोला था ना बहुत मजा आएगा,,,,,,, सच कहूं तो गुलाबी मुझे,,, तुम्हारी भाभी की गांड से ज्यादा मजा,, मुझे तुम्हारी गांड से आ रहा है,,,।

तो और जोर जोर से मारो भैया,,, गांड मारो मेरी,,,आहहहह,आहहहहहह बहुत मजा आ रहा है,,,।


मधु को इस बात की भनक तक नहीं थी कि उसके ठीक बगल वाले कमरे में उसकी ननद अपने ही भाई से चुदाई का अद्भुत खेल खेल रही है,,,, हरिया पूरी तरह से मस्ती में आकर अपनी बहन की गांड मार रहा था,,,, और देखते ही देखते दोनों चरमसुख के करीब पहुंचने लगी,,, और फिर दोनों का लावा एक साथ फूट पड़ा,,, हरीया अपनी बहन की नंगी पीठ पर लेट गया,,,।
जबरदस्त अपडेट था, मजा आगया ।।
 

Lutgaya

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