वाह रोनी भैया शानदार
बेहद उत्तेजक बहुत बडा और कामुकता से भरपूर, मज़ा आ गया ✍
बेहद उत्तेजक बहुत बडा और कामुकता से भरपूर, मज़ा आ गया ✍
Behtreen updateदोनों बाप बेटे ने अलग-अलग जगह पर अपने संभोग की अद्भुत कार्य शैली का नजारा पेश किया था हरिया ने अपनी छोटी बहन के साथ अद्भुत चुदाई का खेल खेला था,,, आज पहली बार गुलाबी अपने भाई से गांड मराई का अद्भुत सुख प्राप्त की थी,,, और अपने भतीजे राजू के लिए एक और काम लीला का द्वार खोल दी थी,,, दूसरी तरफ राजू अशोक की बीवी के साथ बहुत ही मदहोशी भरा गरमा गरम समय गुजारा था,,,,,,,, एक नई और खूबसूरत है बुर की चुदाई करके राजू बहुत खुश नजर आ रहा था उसे अपने पिताजी के निर्णय पर गर्व हो रहा था कि जोउन्होंने उसे अशोक को उसके घर सही सलामत पहुंचाने का जिम्मा दे दिया था,,,और अशोक के घर पर पहुंचकर उसके सर पर एक नई जिम्मेदारी आ गई थी जिसे वह खुशी-खुशी स्वीकार कर चुका था,,,,,,,
गुलाबी अपने दूसरे छेद में अपने भाई के लंड को लेकर पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी,,, हालांकि वह पहली बार अपने भतीजे के लंड की अपनी गांड के छेद में प्रवेश कराना चाहती थी लेकिन अपनी सहेली की बात सुनकर वह घबरा गई थी क्योंकि उसके भतीजे का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा था,,, जिसे वह अपने सहेली के बताए अनुसार आराम से अपनी गांड के छेद में लेकर गांड नहीं मरा सकती थी,,, लेकिन उसका बड़ा भाई हरियाइस काम में पूरी कहां से माही था क्योंकि वह राजू के मुंह से सुन चुकी थी कि उसका बड़ा भाई उसकी भाभी की गांड मारता है इसलिए वह अपने इस छोटे से छेद को एक होनहार और अनुभव से भरे हुए इंसान के हाथों में देकर अपना उतार करा देना चाहती थी इसीलिए वह अपने छोटे से छेद पर पहला अधिकार अपने बड़े भाई हरिया को प्रदान की थी जिसका वह सही इस्तेमाल करते हुए जिंदगी में पहली बार गुलाबी की गांड मारकर उसे अद्भुत सुख की प्राप्ति कराया था,,,जिसे गुलाबी थोड़ी बहुत दिक्कत के साथ अंदर तक ले ली थी और उसके बाद तो आनंद के सागर में गोते लगाने लगी थी अब उसका आत्मविश्वास बढ़ चुका था कि अब वह बड़े आराम से अपने भतीजे के मोटे लंबे लंड को अपनी गांड के छेद में लेकर उससे गांड मराई का अद्भुत सुख प्राप्त करेगी,,,,,,,।
धीरे-धीरे दिन गुजर रहा था,,, श्याम अपनी मां की बेवफाई से हताश और निराश हो चुका था क्योंकि उसे अपने आप पर अपनी मां पर पूरा भरोसा था कि वह अपनी इज्जत किसी दूसरे के हांथो लूटने नहीं देगीऔर इसका वह सीना ठोक कर दावा करता था कि उसकी मां किसी और लड़के से नहीं चुदवाएगी,,, लेकिन उसके इस दावे की हवा राजू निकाल चुका था अपनी अद्भुत और जालसाजी बातों में श्याम की मां को फंसा कर,,,और अपने मोटे तगड़े मर्दाना ताकत से भरे हुए लंड के दर्शन करा कर,,,,। इतना तो श्याम अच्छी तरह से जानता था कि राजू का लंड अद्भुत ताकत के साथ साथ अद्भुत लंबाई लिए हुए भी है अगर किसी लड़की या औरत ने खुली आंखों से स्कूल लेने के दर्शन कर लिए तब उसे अपनी बुर में लिए बिना नहीं मानेगी,,, और उसका यह ख्याल अपनी मां के प्रति भी था लेकिन अपनी मां की हरकत और उसकी जरूरत को देखते हुए श्याम के अरमान चकनाचूर हो चुके थे,,,,वह कुछ भी देख सकता था लेकिन अपने ही आंखों के सामने अपनी मां को किसी और लड़के से बल्कि अपने ही दोस्त के साथ चुदवाते हुए नहीं देख सकता था,,,,लेकिन वक्त और हालात ने उसके हाथ बांध रखे थे वरना वह कभी भी अपनी आंखों के सामने राजू को अपनी मां चोदने नहीं देता लेकिन राजू ने उन दोनों को अपनी आंखों से चुदाई का अद्भुत खेल खेलता हुआ देख लिया था और उसी की दुहाई देकर वह उसकी मां के साथ चुदाई का सुख भोग चुका था,,,,,,, श्याम इस वाकए से अपनी ही नजरों में गिर चुका था,,, राजू से नजर मिलाने की हिम्मत उसकी नहीं होती थी इसलिए वह जा राजू होता था वहां नहीं जाता था,,, यहां तक कि अब सोनी से पढ़ने के लिए भी नहीं जाता था,,,,,,,, । राजू भी हैरान था कि श्याम से बहुत दिन हो गए मुलाकात नहीं हुई क्योंकि राजू उसे उसकी मां के साथ बिताए हुए पल के बारे में एक एक शब्द उसे बताना चाहता था ,,, और उसे अपनी ही नजरों में गिर आना चाहता था क्योंकि इससे पहले वाह राजू के साथ बहुत बदतमीजी कर चुका था,,, उसके परिवार के बारे में
बहुत गंदी गंदी बातें करके उसे चिड़ाता था लेकिन अब हालात बदल चुके थे वक्त की कमान अब उसके हाथों में आ चुकी थी किसी भी सूरत में वह श्याम को अपने ऊपर हावी होने देना नहीं चाहता था,,,,,,,, राजू का भी मन गांड मारने के लिए तरस रहा था और वह जानता था कि कोई उम्रदराज औरत ही उसे उसकी गांड का वह बेशकीमती छेद देगी जिससे वह तृप्त हो जाएगा,,,,।
ऐसे ही एक दिन उसकी मुलाकात श्याम से हो गई वह खेतों से सुखी काकड़िया बटोर कर अपने सर पर रख कर घर की तरफ जा रहा था तो रास्ते में ही श्याम उसके पीछे लगभग दौड़ता हुआ आया और उसे रोकता हुआ बोला,,,,,,।
अरे अरे श्याम रुक तो सही कहां चला जा रहा है,,,,,(ठीक उसके आगे आकर खड़ा होता हुआ राजू बोला)
घर जा रहा हूं और कहां जाऊंगा,,,,(मुंह बनाते हुए श्याम बोला)
अरे मेरे दोस्त चले जाना लेकिन उस दिन के बाद तो तु दिखाई ही नहीं दिया,,, मुझे लगा कि कहीं अपने मामा मामी के वहां तो नहीं चला गया,,,,
क्यों मैं क्यों जाऊंगा,,,?
अरे मुझे लगा कि अपनी आंखों के सामने अपनी मां को चुदवाते हुए देखकर तुझसे सहन नहीं हुआ और तु मुझसे नजर तक नहीं मिला सकने की स्थिति में अपने मामा मामी के घर चला गया होगा,,,,,,
(राजू की बातें सुनकर श्याम को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वह उसका कुछ कर नहीं पाता इतना व जानता था इसलिए सब कुछ शांत होकर सुनता रहा और राजू की बात सुनकर बोला,,,)
राजू तो अच्छी तरह से जानता है कि तो मेरी मजबूरी का फायदा उठा रहा है वरना मैं तेरा मुंह तोड़ दिया होता,,,
अरे यार यह तो वक्त वक्त की बात है पहले तो मुझे बहुत कुछ कहा करता था और मैं सुना करता था लेकिन आज वक्त बदल गया है मैं तुझे कुछ भी कह सकता हूं लेकिन तू सुनने के सिवा और कुछ नहीं कर सकता,,,।
चल रहने दे मुझे जाने दे देर हो रही है,,,,
अरे यार कहां देर हो रही है अभी तो बहुत समय है चल थोड़ी देर बात करते हैं तेरा भी फायदा हो जाएगा,,,
देख मुझे तुझसे किसी भी विषय पर बात नहीं करना है मुझे जाने दे,,,,
अरे यार तुम तो नाराज होता है देखा नहीं उस दिन तेरी मां भी कितनी नाराज थी लेकिन कैसे मेरा लंड देखकर एकदम शांत हो गई,,,,,(राजू की आवाज सुनकर शयाम को अपनी मां पर गुस्सा आने लगा,,,और राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,) सच कहूं तो तेरी मां को चोदने के लिए मेरे जैसा लंड चाहिए था,,,, देखा नहीं कितनी मस्ती के साथ तेरी मां मेरे लंड को अपनी बुर में ले रही थी,,,,।
(इस तरह की गंदी बातें राजू के मुंह से सुनकर श्याम तिल मिला जा रहा था,,,गांव में उससे इस था कि बात करने वाला आज तक कोई पैदा नहीं हुआ था लेकिन राजू के मामले में बात बिगड़ गई थी इसलिए श्याम सिर्फ सुन रहा था और अपनी मां पर गुस्सा भी कर रहा था कि कैसे लंड देखकर उसकी मां फिसल गई,,,,)
देख राजु मुझे कुछ नहीं सुनना है मुझे जाने दे,,,,।
ऐसे नहीं जाने दूंगा पहले उस दिन की कहानी तो सुन ले,,,
सुनने के लिए कुछ नहीं बचा है राजू जो कुछ भी हो रहा था मैं अपनी आंखों से देखा था,,,,
देखा था तब तो तुझे भी मजा आ रहा होगा ना देखा नहीं कैसे तेरी मां घुटनों के बल बैठकर मेरे मोटे तगड़े लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी,,, सच में तेरी मां को बहुत मजा आ रहा था मुझे तेरी मां के चेहरे को देखकर अच्छी तरह से समझ में आ रहा था कि वह कितना खुश थी,,, और मुझे लगता नहीं है कि आज तक तेरी मां ने तेरे लंड को मुंह में लेकर इस तरह से चूसी होगी,,,, क्यों सही कह रहा हूं ना,,,,।
क्यों तेरे लंड में कुछ ज्यादा ही दम है जो ईस तरह की बातें कर रहा है,,,,
देखकर तो यही लगता है अगर तेरे लंड मैं ज्यादा जान होता तो उस दिन तेरी मां मुझसे चुदवाती नहीं,,,,,,,
बस कर राजू उस दिन की बातें दौहरा कर मुझे जलील मत कर,,,,।
अरे यार तो क्या हो गया इसमें जलील होने वाली बात कौन सी है यह राज तो हम दोनों के बीच है और राज ही रहेगा तु इत्मीनान रख,,,, हम दोनों के बीच जो भी सोता हुआ था उस बारे में किसी को कानों कान तक खबर नहीं पड़ेगी यहां तक कि तेरी मां को भी इस बारे में भनक तक नहीं लगेगी कि मैं जो कुछ भी तेरी मां के साथ किया उसके बारे में कुछ पता था और तू अपनी आंखों से चोरी चुके सब कुछ देख रहा था,,,,,,,
अच्छा एक बात बता तू यह सब बातें मुझसे बोल कर जताना क्या चाहता है,,,,तूने जो शर्त रखा था वह शर्त पूरी हो गई है ,,,,तू मेरी मां को चोदना चाहता था और उसे चोद भी दिया अब हम दोनों का रास्ता अलग है,,,,,,, अब ना मैं तेरे रास्ते आऊंगा और ना तू मेरे रास्ते,,,।
ऐसा कैसे हो सकता है मेरे दोस्त अब तो मुझे तेरी मां की बुर का स्वाद मुंह लग गया है,,, सच कहूं तो मेरे दोस्त तेरी मां की बुर बहुत रसीली है,,, अब तो मेरा दिल आ गया है तेरी मां की बुर पर बिना तेरी मां की बुर चोदे मुझे चैन नहीं आएगा,,,,।
नहीं,,,, अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता,,,,(श्याम गुस्से में बोला)
क्यों नहीं हो सकता एक बार हो गया है तो बार-बार होगा अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं सबको बता दूंगा कि तू अपनी मां को चोदता है,,,
राजू,,,,(गुस्से में) तू जो कह रहा है बिल्कुल गलत है दोनों के बीच इस बात को लेकर समाधान हुआ था तू अपनी मनमानी कर चुका है अब ऐसा नहीं कर सकता,,,,
हां बात तो सही है हम दोनों के बीच समाधान हुआ था लेकिन तब मैं नहीं जानता था कि तेरी मां इतनी मस्त है,,, मुझे लगा था एक बार डाल कर निकाल लूंगा बस हो गया लेकिन अब तो मेरा मन नहीं मानता दिन रात मेरी आंखों के सामने तेरी मां का नंगा बदन नाशचता रहता है तेरी मां की बड़ी-बड़ी चूचियां,,, बड़ी-बड़ी गांड,,, और बेहद हसीन बुर आज की ऐसा लगता है कि तेरी मां एकदम नौजवान औरत हो इस कदर उसने अपनी बुर की देखभाल करके रखी है,,,,।
(राजू की बातें सुनकर शाम को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन ना जाने क्यों राजू की बातों में उसे अपनी मां की खूबसूरती का वर्णन के साथ-साथ तारीफ भी नजर आ रही थी और यह एहसास श्याम के तन बदन में भी अजीब सी हलचल पैदा कर रहा था लेकिन फिर भी वह नहीं चाहता था कि जो कुछ भी पहली बार हुआ वही दोबारा हो इसलिए वो राजू को समझाने की पूरी कोशिश कर रहा था हालांकि वह इस बात से अनजान बिल्कुल भी नहीं था कि राजू जब चाहे तब इसकी मां की चुदाई कर सकता है क्योंकि अब वह गले की हड्डी जो बन चुका था,,,)
राजू मैं तेरे हाथ जोड़ता हूं,,,, आप आइंदा मेरी मां के बारे में इस तरह की बातें मत करना और ना ही दोबारा उसके साथ कुछ करने की कोशिश करना इसी में हम दोनों की भलाई है,,,।
इसमें भलाई नहीं है मेरे भाई बनाई तो हम दोनों की इसमें है कि हम दोनों समझदारी से आगे बढ़े देख मैं तेरी मां का दीवाना हो गया हूं और तेरी मां भी जहां तक मेरे लंड की दीवानी हो चुकी है और ना देखा नहीं कैसे जोर-जोर से मेरे लंड पर कूद रही थी,,,अगर उसे जरा भी अहसास होता जरा भी शर्म होती तो क्या हुआ एक अनजान लड़के और वो भी अपने ही बेटे के दोस्त के साथ इस तरह से रंगरेलियां मनाती,,, नहीं ना,,, तेरी मां को भी मजा आ रहा है मुझे भी मजा आ रहा है और तू भी मजा ले,,,,।
राजू तू चुप हो जा मुझसे इस तरह की बातें बर्दाश्त नहीं हो रही है,,,
अच्छा पाती बर्दाश्त नहीं हो रही है लेकिन उस दिन जो कुछ भी तो अपनी आंखों से देख रहा था वह सब बर्दाश्त हो रहा था अगर बर्दाश्त नहीं होता तो वही बीच में तो कूद पड़ता है और मुझे रोक लेता लेकिन ऐसा तूने भी नहीं किया क्योंकि तुझे भी देखना था कि तेरी मां क्या करवाती है,,, और तुझे भी अच्छा लग रहा था अपनी आंखों से यह देखना कि तेरी मां तेरे ही दोस्त के साथ कैसे चुदाई का मजा लूटती है,,,,।
कसम से श्याम तेरी मां की बुर में लगाया गया मेरा हर एक धक्का मुझे स्वर्ग का सुख दे रहा था इतना मजा तो एक जवान लड़की को चोदने में नहीं आता जितना मजा तेरी मां को चोदने में आ रहा था,,,, तेरी मां इस उम्र में भी बहुत खूबसूरत है और जवानी तो उसमें कूट-कूट कर भरी हुई है,,,, कसम से तेरी मां को चोदने में बहुत मजा आता है और तभी तो तू बाहर मुंह मारने की जगह अपनी मां की दो टांगों के बीच अपना मुंह छुपा कर बैठा है तुझे भी बहुत मजा आता है ना,,,।
(राजू जानबूझ कर उसे इस तरह की बातें करके उसे उकसा रहा था वह अपनी पिछले दिनों का बदला लेना चाहता था,,, और उसे श्याम से इस तरह की बातें करने में मजा भी आ रहा था,,,और वहां यह बात अच्छी तरह से जानता था कि वह कुछ भी बोले श्याम उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि श्याम पूरी तरह से उसकी गिरफ्त में आ चुका था,,,)
देख रहा हूं मुझे तेरी अब कोई भी बात नहीं सुनना मैं जा रहा हूं मुझे बहुत देर हो रही है इतना कहने के साथ ही वह चलने लगा तो फिर से उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकते हुए राजु बोला,,,,,,।
सुन तो सही बस मैं तुझसे यह बात कहना चाहता हूं कि कभी अपनी मां की गांड मारा है,,,,।
(इतना सुनते ही श्याम एकदम से सन्न रह गया वह कभी इस बारे में सोचा भी नहीं था इसलिए वह कुछ बोल नहीं पाया तो राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
सोच कह रहा है बताना कभी तो तेरा ही मन डोला होगा अपनी मां की गुलाबी छेद के साथ-साथ उसका छोटा सा छेद देखकर उस में डालने का मन तो किया होगा,,,।
(अपनी मां की गांड के छोटे से छेद के बारे में राजू के मुंह से सुन कर श्याम का दिमाग काम करना बंद कर दिया वो एकदम से विचार मगन हो गया था,,,, और कुछ देर तक सोचने के बाद वह लगभग हक लाते हुए बोला,,,)
न,,,,,नहीं,,,,, मैंने कभी इस बारे में नहीं सोचा,,,
अरे कभी तो सोचा होगा,,,
नहीं नहीं कभी नहीं सोचा,,,।
अरे मेरे दोस्त तू अपनी मां को उसके सारे कपड़े उतार कर अपने हाथों से ही नंगी करता था ना,,,,
हां,,,,, लेकिन कभी-कभी इसकी जरूरत नहीं पड़ती थी,,,, बस साड़ी उठाकर,,,,(राजू की चिकनी चुपड़ी बातों में श्याम भी आ चुका था इसलिए वह उसकी बातों का जवाब देने लगा था अपनी मां की गांड की छोटे से छेद के बारे में सोचकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी)
अरे वह तो मैं जानता हूं लेकिन नंगी करने के बाद तु उसकी बुर तो चाटता होगा ना,,,,।
नहीं मैंने कभी ऐसा नहीं किया,,,।
पागल,,,(गुस्से में श्याम की तरफ देखते हुए) तब तूने क्या किया अरे पागल औरत की बुर नहीं चाटा तो क्या चाटा,,, तभी तो मैं सोचूं तेरी मां की बुर पर अपने होठ रखते ही कैसे तेरी मां तीलमीला गई थी,,, एकदम मस्त हो गई थी एकदम पागल हो गई थी असली सुख तो तू अपनी मां को देता ही नहीं था,,,,,(शायद इस बात का एहसास श्याम को भी हो रहा था क्योंकि उसने भी अपनी आंखों से देखा था जैसे ही राजू ने अपने होठों को उसकी मां की बुर पर रखा था वैसे ही उसकी मां पूरी तरह से मस्त हो गई थी) और तभी मेरे भाई मेरी नजर तेरी मां की गांड के छोटे से छत पर गई थी और उस पर नजर पड़ते ही मेरी तो हालत खराब हो गई थी,,,, मैं तो तभी तेरी मां की गांड मार लेना चाहता था लेकिन मुझे इस बात का डर था कि कहीं तेरी मां इंकार कर दी तू और अगर तू पहले अपनी मां की गांड मारा होगा तो जरूर तेरी मां मुझे भी मारने देगी,,, क्या तूने अपनी मां की गांड मारा है,,,।
(राजू की बातें सुनकर श्याम तो एकदम स्तब्ध रह गया था उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने की उत्तेजना की खुमारी उसके तन बदन को अपनी आगोश में ले रही थी जिसका असर उसके पजामे में हो रहा था उसमें तंबू सा बन गया था जो कि राजू की नजरों से बच नहीं सका था राजू को उसकी हालत देखकर मजा आने लगा था और उसे अपना काम बनता भी नजर आ रहा था,,, श्याम कुछ बोल नहीं पाया बस ना मे सिर हिला दिया,,,)
बस इसी बात का तो मुझे डर था अगर तू पहले अपनी मां की गांड मारा होता तो आराम से तेरी मां मेरा लंड अपनी गांड में ले लेती,,,लेकिन तू तो जानता ही है मेरा लंड कितना मोटा है और तेरी मां की गांड का छेद बहुत छोटा है,,,।
तो,,,,(श्याम आश्चर्य से अपनी आंखें फाड़े बोला)
तो क्या,,,, तेरी मां की गांड मारने में मजा तो बहुत आएगा लेकिन उसे तैयार करना पड़ेगा अगर तू हां कह दे तो,,, अगर ना कहेगा तो भी मैं,,,तेरी मां की बार जरूर मारूंगा क्योंकि मेरा दिल तेरी मां की गांड पर आ गया है मैं तो यह सोच रहा था कि अगर मैं तेरी मां की गांड मारो तो तुझे भी यह सुख दु तुझे भी मजा आएगा,,,, और तुझसे तो तेरी मां गांड मरवाने से रहीं,,,, क्योंकि तूने तो अब तक अपनी मां के साथ असली चुदाई का खेल खेला ही नहीं है बस अपनी प्यास बुझा जाए अपनी मां के बारे में जरा भी ध्यान नहीं दिया अगर तू मेरा साथ दे तो हम दोनों को यह सुख प्राप्त हो सकता है,,,,।
(राजू की बातें सुनकर श्याम सोच में पड़ गया था अब तक वह राजू पर गुस्सा करता था लेकिन गांड मारने वाली बात से उसके तन बदन में भी आग लगने लगी थी वह भी उस सुख को पाने के लिए उत्सुक हो गया था,,,,और राजू को इस बात का अंदाजा लग गया था कि श्याम उसकी बातों में पूरी तरह से आ चुका है,,, इसलिए राजू अपना आखिरी दांव आजमाता हुआ बोला,,,)
देख इंकार मत करना मैं जानता हूं कि तेरा भी मन अपनी मां की गांड मारने को कर रहा है तभी तो तेरा लंड खड़ा हो गया है,,,(राजू की बात सुनते ही श्याम की नजर अपने पजामे पर गई तो वह शर्मा गया,,,,और राजू अपनई बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,) देख इसमें कोई हर्ज नहीं है पूरे गांव में सिर्फ मैं ही जानता हूं कि तू अपनी मां की चुदाई करता है और यह बता तू ही जानता है कि मैं भी तेरी मां को चोद चुका हूं इसलिए हम दोनों के बीच किसी भी प्रकार का राज नहीं है अगर तू साथ दे तो हम दोनों मिलकर तेरी मां की गांड मार सकते हैं और एक अद्भुत सुख को प्राप्त कर सकते हैं और तेरी मां को भी मस्त कर सकते हैं इस बारे में गांव मे किसी को कानों कान खबर तक नहीं पड़ेगी,,, क्या बोलता है,,,,।
(राजू की बातें सुनकर श्याम की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी वह उत्तेजित वादा रहा था इस ख्याल को अंजाम तक पहुंचता हुआ देखकर वह मन ही मन ना जाने कैसे-कैसे कल्पना करने लगा था,,,, और उत्तेजना के मारे कांपते स्वर में बोला,,,)
पर होगा कैसे,,,,?
बस मेरे दोस्त मैं यही सुनना चाहता था तू सब कुछ मुझ पर छोड़ दे मैं सब कुछ इंतजाम कर दूंगा और तेरी मां को इस बारे में पता भी नहीं चलेगा कि हम दोनों पहले से ही इस बारे में बात कर चुके हैं,,,,।
(श्याम मुस्कुराया और अपने घर की तरफ चल दिया,,, क्या देखकर राजू भी खुश हो गया क्योंकि उसका काम बन चुका था,,,, बस अपनी युक्ति को अंजाम तक ले जाना था,,,)