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Incest बैलगाड़ी,,,,,

rksh

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शाम ढल चुकी थी वातावरण में अंधेरा का प्रवाह बढ़ता जा रहा था चारों तरफ अंधेरा छा रहा था ऐसे में गांव की औरतें सोच करने के लिए नदी के किनारे जंगली झाड़ियों वाली जगह पर जाती थी,,,अनजाने में ही राजू की नजर कमला चाची की बहू पर पड़ गई थी जो कि सोच करने के लिए ही उसी दिशा में जा रही थी राजू अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देखने के बाद,,, बड़ी तसल्ली के साथ कमला चाची की बहू के पीछे पीछे जाने लगा,,,,,, बड़े दिनों बाद वह कमला चाची की बहू की मुलाकात करने के लिए जा रहा था नवी नवेली दुल्हन की बुर चोद कर वह भी अपने आप को बड़ा भाग्यशाली समझता था,,,,,,कमला चाची के साथ-साथ कमला चाची की बहू की चुदाई कर लेने के बाद राजू पूरी तरह से उस परिवार में खुल चुका था हालांकि अभी तक राजू को इस बात का पता नहीं था कि कमला चाची की बहू,,, उसके और कमला चाची के बीच के संबंध के बारे में जानती हैं,,,।

राजू अपनी ही दोनों में कमला चाची की बहू के पीछे पीछे जाने लगा क्योंकि वह कमला चाची की बहू को मैदान में ही चोदने का इरादा बना चुका था और वैसे भी कमला चाची की बहू उसे इनकार करने वाली नहीं थी क्योंकि राजू ने उसे जो सुख दिया था वह सुख उसके पति ने अभी तक उसे नहीं दे पाया था,,,,,,, गांव से थोड़ा दूर निकलने के बाद चारों तरफ नजर घुमाकर देख लेने के बाद जब राजू को तसल्ली हो गई कि कोई भी देख नहीं रहा है तो वह चलते-चलते पीछे से आवाज लगाता हुआ बोला,,,।

कहां जा रही हो भाभी,,,
(पीछे से आई आवाज को सुनकर पहले तो कमला चाची की बात एकदम से चौंक गई लेकिन पीछे नजर घुमाकर देखने के बाद जब उसे तसल्ली हो गई कि उसे आवाज लगाने वाला और कोई नहीं राजू है तो उसकी जान में जान आई और उसके होठों पर मुस्कान तैरने लगी,,,राजू के साथ चुड़वा लेने के बाद वह भी राजू के साथ थोड़ी बेशर्म बन चुकी थी इसलिए चलते हुए ही हाथ में लिया हुआ लोटा राजू को दिखाते हुए बोली,,,)

देख नहीं रही हो बबुआ कहां जा रही हूं,,,


देख तो रहा हूं भाभी,,,

तुम्हें भी साथ साथ चलना है क्या,,?

तभी तो तुम्हारे पीछे पीछे आया हूं,,,

ओहहह तो यह बात है मतलब काफी देर से मेरा पीछा कर रहे हो,,,,


हां इसी इंतजार में कि कब गांव वालों की नजरों से दूर तुम्हें अपनी बाहों में भरकर तुम्हें ढेर सारा प्यार करूं,,,(इतना कहते हुए राजू कमला चाची की बहू के एकदम बगल में आ गया और उसकी उभरी हुई गांड पर हाथ रख दिया अपनी गांड पर राजू का हाथ महसूस करते ही कमला चाची की बहु‌ उतेजना से सिहर उठी,,,)

ससहहहह आहबहह क्या करते हो बबुआ कोई देख लेगा तो,,,,

कोई नहीं देख रहा है भाभी तभी तो तुम्हारी गांड पर हाथ रखा हूं,,,, मेरे समाज के उंच नीच को अच्छी तरह से जानता हूं मुझे तुम्हारी इज्जत का उतना ही ख्याल है जितना कि तुम्हें,,,,,,


हां जानती हूं तुम्हें मेरी इज्जत का बहुत ख्याल है तभी मेरी इज्जत अपने हाथों से लूट चुके हो,,,

उसे लूटना थोड़ी कहते हैं भाभी,,,


तो किसे कहते हैं,,,


वह तो तुम अपनी मर्जी से अपनी बुर मुझे दे दी थी अगर वही तुम्हारी बुर में जबरदस्ती से लेता तो उसे लूटना कहते ,,।
(राजू के मुंह से बुरा शब्द सुनकर कमला चाची की बहू की दोनों टांगों के बीच चींटीया रंगने लगी,,,कमलेश आशिकी प्रभु अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है क्योंकि इस तरह से अगर किसी की नजर उन दोनों पर पड़ गई तो गांव में बदनामी हो जाएगी इसलिए कमला चाची की बहू मन होने के बावजूद भी इस समय उस से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से बोली,,,)

चलो बबुआ कोई बात नहीं हम दोनों की मर्जी थी सो हो गया लेकिन यहां मेरा पीछा क्यों कर रहे हो कोई देख लेगा तो बदनामी हो जाएगी,,,,।(ऊंची नीची पगडंडी पर संभालकर पैर रखते हुए कमला चाची की बहु बोली ,,)

कोई नहीं देख रहा है भाभी तुम खामखा डरती हो मैं तो आज तुम्हें सोच करते हुए देखना चाहता हूं,,,।

हाय दैया यह कौन सा शौक तुने पाल लिया है,,,


क्या हुआ भाई इसमें कौन सी बुरी बात है,,,


अरे भला एक औरत को सोच करते हुए कोई देखता है क्या,,?

तब तो तुम एकदम बुद्धू हो भाभी,,, तुम पर कोई भी नहीं जानती हम जैसे जवान लड़के हम जैसे ही क्या बूढ़े लोग भी तुम औरतों को पेशाब करते हुए सोच करते हुए देखने के लिए तड़पते रहते हैं,,,।

चल रहने दे,,,


हां भाभी मैं सच कह रहा हूं तुम नहीं जानती हम लड़कों को तो सबसे ज्यादा मजा तुम औरतों को सोच करते हुए देखने में ही बहुत मजा आता है,,, सच कह रहा हूं भाभी जब तुम औरतें सोच करने के लिए अपनी साड़ी कमर तक उठाती हो तो कमर के नीचे तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड देखकर ही हम लोगों का लंड खड़ा हो जाता है,,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहु उतेजीत हुई जा रही थी और अपने चारों तरफ देख भी ले रही थी,,,,)

क्या,,,? तुम लड़के इतने हरामि हो,,,

इसे हरामीपन थोड़ी कहते हैं भाभी,,,यह तो हम लोगों का तुम लोगों के प्रति आकर्षण दीवानगी है जो तुम्हारे नंगे बदन को देखने के लिए इस कदर तड़पते रहते हैं कि तुम्हें सोच करते हुए देखने के लिए दूर-दूर तक तुम्हारे पीछे-पीछे चले आते हैं,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची के पापा को बहुत मजा आने लगा था आज पहली बार वह औरतों का सोच करने के प्रति लड़कों के सोचने के रवैया को देख रही थी और समझ रही थी वरना उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि औरतो को सौच करते हुए देखने मैं कितना मजा आता है,,, कमला चाची की बहू के मन में है उत्सुकता भी था कि फिर उसके बाद वह लोग क्या करते हैं इसलिए वह बोली,,)

उसके बाद तुम लोग क्या करते हो,,,

भाभी कसम से उसके बाद तो पूछो मत अगर किसी का जुगाड़ होता है तो वह जाकर अपना खाना लेने उसकी बुर में डालकर अपनी सारी गर्मी निकाल देता है और अगर उसके पास से जुगाड़ नहीं है तो अपने हाथ से हिला हिला कर अपना पानी निकाल लेता है,,,।

बाप रे,,(उत्तेजना के मारे अपने सुखते हुए गले को थुक से गिरा करते हुए,,) तुम लड़के इतने ज्यादा गर्म हो जाते हो,,,


तो क्या भाभी पूछो मत तुमसे बात करते हो मैं तुम्हें सोच करते हुए सिर्फ कल्पना करके ही देखो मेरा लंड कितना खड़ा हो गया है,,,(कमला चाची की बहू का हाथ झट से पकड़ कर अपने पजामे के ऊपर से ही लंड पर रखते हुए,,) पकड़ो ठीक से,,,,।

(राजू की हरकत से कमला चाची पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी पजामे के ऊपर से ही राज्यों के खड़े लंड को महसूस करते ही कमरा चाची की बहू की बुर से मदन रस की बूंद टपक पड़ी और वह अपनी हथेली में पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को जोर से पकड़ कर तुरंत छोड़ दी,,,काफी दिन हो गए थे राजू के लंड को अपनी बुर में लिए हुए इसलिए उसका मन पूरी तरह से मचल उठा था चुदवाने के लिए,,,)

बाप रे राजू,,, तेरा तो एकदम खड़ा हो गया है बबुआ,,,


क्या करूं भाभी तुम्हारी जैसी जवान औरत इतने करीब खड़ी हो और वह भी सोच करने के लिए जा रही हो तो भला मेरे जैसी जवान लड़के का क्या हाल होगा,,,।

(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहू मन ही मन मुस्कुरा रही थी और उत्तेजित भी हो रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वहां क्या करें अंधेरे का फायदा उठाने का उसका मन भी कर रहा था लेकिन किसी के देखे जाने का डर भी उसे सता रहा था,,राजू के खड़े लंड को अपनी हथेली में दबाकर वह अपनी बुर की प्यास को और ज्यादा बढ़ा दी थी,,,,कमला चाची की बहू उस स्थान पर पहुंच चुकी थी जहां पर रोज बार सोच किया करती थी चारों तरफ छोटी-छोटी जंगली झाड़िया थी जिसकी आड़ में बैठकर वह सोच करती थी और किसी के भी देखे जाने का डर बिल्कुल भी नहीं था,,,, वहां पर पहुंचकर कमला चाची की बहू हाथ में लोटा लिए खड़ी हो गई थी,,,, राजू कमला चाची की बहू की बुर का स्वाद ले चुका था फिर भी इस अवस्था में देखकर राजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था अगर उसकी जगह कोई और लड़का होता तो शायद इस हालत में देखकर जबकि वह सिर्फ हाथ में लोटा लेकर खड़ी थी और इस अवस्था में देखकर कोई भी मर्द कल्पना करते हुए अपने हाथों से ही हीला कर पानी निकाल देता,,,,,।
कमला चाची की बहू जहां पर खड़ी थी वही 2 फुट की दूरी पर राजू ठीक उसके सामने खड़ा था उसके पैजामा में तंबू बना हुआ था जिसे कमला चाची की बहू अंधेरा होने के बावजूद भी बड़े आराम से देख पा रही थी क्योंकि आसमान में तारे छिटके हुए थे हो चांदनी रात थी,,,, कमला चाची की बहू की बुर पानी पानी हो रही थी वह अभी भी बार-बार अपने चारों तरफ देख ले रही थी उसे शर्म महसूस हो रही थी राजू के सामने वह कैसे बैठकर सोच करेगी इस बारे में सोच कर ही परेशान हो रही थी,,,।)


क्या हुआ भाभी बैठो ना,,,मैं आज तुम्हारा एक नया रूप देखना चाहता हूं मैंने आज तक किसी औरत को इस अवस्था में नहीं देखा,,,,

अभी अभी तो तू बोल रहा था कि हम औरतों को शौच करते हुए देखकर तुम्हें बहुत मजा आता है,,,


हां यह बात सच है भाभी लेकिन मैंने आज तक नहीं देखा हूं यह तो मेरा दोस्त बता रहा था,,,, इसीलिए तो एक नहीं अनुभव के लिए मैं तुम्हारे पास आया हूं,,,।

राजू पागल मत बन बबुआ ,,, तेरे सामने में कैसे,,,,


अरे कोई बात नहीं भाभी हो जाएगा तुम बैठो तो सही,,,।

(कमला चाची की बहू का भी मन कर रहा था लेकिन उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी राजू की बात मानते हैं वह अपनी चारों तरफ नजर घुमाकर देखी नहीं कहीं कोई नजर नहीं आ रहा था इसलिए वह राजू से बोली,,)


देख राजू तु थोड़ा दूर बैठना,,, मेरे एकदम करीब मत आ जाना मुझे शर्म आ रही है,,,


क्या भाभी तुम भी मेरे से तो शर्म करने की तुम्हें कोई भी जरूरत नहीं है क्योंकि मैं तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर चोदा चुका हूं,,,।
(राजू एकदम बेशर्मी भरे शब्दों में बोला और उसके यही बेशर्मी भरे शब्दों को सुनकर कमला चाची की बहू शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी इसलिए बिना कुछ बोले अपनी साड़ी को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाने लगी और चारों तरफ नजर घुमाकर देखने भी लगी,,, राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था शाम के समय ही वह अपनी मां को चोदते चोदते रह गया था इसलिए उस पल की गर्मी अभी भी उसके बदन में बरकरार थी,,, राजू की नजर कमला चाची कि दोनों टांगों के बीच भी टिकी हुई थी वह सिर्फ साड़ी के उठने का इंतजार कर रहा था और कमला चाची की तो हो राजू की आंखों के सामने साड़ी उठाने में शर्म तो महसूस कर रही थी लेकिन आनंदित भी हुए जा रही थी क्योंकि पहले भी वह खुलकर राजू से चुदवा चुकी थी,,, कमला चाची की बहू घुटनों तक अपनी साड़ी को उठा चुकी थी और राजूकमला चाची की बहू की आंखों के सामने ही अपनी पहचानो को घुटनों तक खींच कर अपने लंड को पकड़ कर हिलाता हुआ नीचे बैठ गया था यह राजू ने जानबूझकर कमला चाची की बहू को खुलने के लिए किया था औरराजू की यह हरकत कमला चाची की बहू पर पूरा असर कर रही थी वह तुरंत अपनी साड़ी को कमर तक उठाती और राजू की आंखों के सामने चांदनी रात में उसकी हल्की-हल्की बालो से भरी हुई बुर नजर आने लगी,,, जिसे देखकर राजू गरम आहे भरने लगा,,, और कमला चाची की बहू झाड़ियों के पीछे राजू की आंखों के ठीक सामने बैठ गई,,,,।

आहहहह आहहह भाभी क्या मस्त नजारा है मैं तो कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह का नजारा देखने में इतना मजा आता होगा तभी मेरे दोस्त लोग पागल हुए रहते हैं,,,।


(राजू का इतना कहना था कि कमला चाची की बहू मुतने लगीऔर उसके गुलाबी छेद में से मधुर संगीत की धारा टूटने लगी जो कि राजू के कानों में पहुंचते ही राजू पूरी तरह से मस्त होने लगा,,,, कमला चाची की बहू की पेशाब की धारा की तारीफ करते हुए राजू बोला,,,)

वाह वाह भाभी,,, कमाल हो गया जैसा मैंने सोच रखा था उससे भी कहीं ज्यादा मदमस्त कर देने वाला यह नजारा है तुम्हारी बुर से कितनी मस्त मधुर आवाज आ रही है,,, मैं तो सुनकर ही पागल हुआ जा रहा हूं ,,, देखो मेरे लंड की हालत क्या हो रही है,,,(अपने हाथ को अपनी दोनों टांगों के बीच निकालकर अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए बोला कमला चाची की बहू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच खड़े लंड पर गई तो वह एकदम से सिहर उठी,,, उसकी बुर फुदक रही थी,,और उसकी फुदकती हुई बुर से पेशाब की धारा फुट रही थी,,,,जो कि तकरीबन 1 मीटर तक की दूरी तक जा रही थी और जहां पर गिर रही थी वहां से पेशाब की बूंदे झटक कर राजू के पैरों के साथ-साथ उसकी कुछ बूंदें राजू के लंड पर भी कह रही थी जिसे से राजू का लंड और ज्यादा कड़क हुआ जा रहा था,,,, थोड़ी ही देर में शर्माते हुए कमला चाची की बहू सोच करने लगी राजू उसे देखता जा रहा था उसके मदमस्त काम हो तो रूप को देखकर पूरी तरह से मतवाला हुआ जा रहा था वह कमला चाची की बहू को चोदने के फिर हाथ में था वह इतना तो जानता ही था कि कमला चाची की बहू का मन भी इस समय वही कर रहा होगा जैसा कि उसका मन कर रहा है वरना वह इस तरह से उसकी आंखों के सामने बैठ कर सोच ना कर रही होती,,, कमला चाची की बहू शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमा कर बैठी हुई थी,,,राजू अपनी चारों तरफ नजर घुमाकर अपनी जगह से खड़ा हुआ और धीरे-धीरे ठीक कमला चाची की बहू के सामने खड़ा हो गया और दोनों हाथों से उसका सर पकड़ कर अपने लंड के सुपाड़े को बिना हाथ से पकड़े उसकी गोरे गोरे गाल पर रगड़ने लगा,,,कमला चाची की बहू राजू की इस हरकत से एकदम से चौंक गई थी क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी कि राजू अपनी जगह से खड़ा होकर उसके करीब आ जाएगा और इस तरह की हरकत,,, करेगा,,, जिस दिन से राजू उसको चोदकर गया था उस दिन से उसकी बुर एकदम प्यासी थी बिना कोई प्रतिक्रिया दिए कमला चाची की बहुत तुरंत अपने लाल लाल होठों को खोल दी और राजू के अंडे को अपने मुंह में प्रवेश करा दी,,,, उत्तेजना के मारे राजू के मुंह से आह निकल गई,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो गया कमला चाची की बहू झाड़ियों के पीछे थी इसलिए वह बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहे थे और राजू खड़ा होकर कमला चाची की बहू के मुंह में लंड पेल रहा था इसलिए उसके कमर के ऊपर वाला भाग झाड़ियों के पीछे होने के बावजूद भी नजर आ रहा था,,, लेकिन राजू पूरी तरह से निश्चिंत था,, क्योंकि वह जानता था कि यहां कोई आने वाला नहीं है,,,।

कमला चाची की बहू एकदम मस्त हुए जा रही थी राजू का लंड ईतना मोटा था कि उसका पूरा मुंह एकदम खुला का खुला था,,, जिसे कमला चाची की बहू अपना मुंह आगे पीछे करके उसे अंदर तक ले रही थी,,,,,, राजू पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी कमर आगे पीछे करके उसके मुंह को ही चोद रहा था,,,।

ओहहहह भाभी,,,,आहहहहह कितना मस्त चुस्ती हो तुम मुझे एकदम मस्त करती हो भाभी आज मेरा लंड एकदम किस्मत वाला हो गया है कि तुम्हारे मुंह के अंदर है,,,आहहहहह ,,,,आहहहह भाभी ऐसे ही पूरा अंदर तक लो,,,आहहहहहहह,।
(कमला चाची की बहू अपने मुंह से कुछ बोल नहीं रही थी क्योंकि वह अपने मुंह में राजू के लंड को ली हुई थी लेकिन राजू की बातों का पूरा आनंद ले रही थी,,,कुछ देर तक राजू इसी तरह से अपने लंड को कमला चाची की बहू के मुंह में डालकर उसे लसा लसा करता रहा लेकिन अब समय आ गया था कमला चाची की बुर की गर्मी महसूस करने की इसलिए राजू अपने लंड को अमृताची की बहू के मुंह में से बाहर निकाल लिया,,, और उसकी आंखों के सामने ही अपने लंड को जोर-जोर से मुठीयाता हुआ बोला,,,।)


ओहहहह भाभी हम उसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है मैं तुम्हारी बुर में डालना चाहता हूं भाभी,,, घोड़ी बन जाओ भाभी,,,


पागल मत बनो बबुआ कोई देख लेगा तो,,,


कोई नहीं देखेगा भाभी यहां कोई नहीं आने वाला,,,,।

(कमला चाची की बहू का भी मन बहुत तड़प रहा था राजू को अपनी बुर में लेने के लिए,,, इसलिए वह राजू की बात मानते हुए,,, बिना खड़ी हुए ही उसी तरह से घूम गई और तुरंत अपने घुटनों के बल होकर आगे की तरफ झुकते हुए अपनी कोहनी को नरम नरम मिट्टी पर रखते हुए बोली,,,)

देखना बाबू अगर कोई देख लेगा तो तेरी जिम्मेदारी होगी,,,


हां भाभी तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो,,,(ठीक कमला चाची की बहू के पीछे घुटनों के बल बैठते हुए) बस अपनी गांड थोड़ा सा ऊपर उठा लो,,,(और इतना सुनते ही राजू की बात मानते हुए अपनी गोल-गोल गांड को थोड़ा सा ऊपर उठा ली,,)

बस भाभी बस अब देखना तुम्हें कितना मजा देता हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने लंड को कमला चाची की बहू की बुर जो कि पहले से ही एकदम गीली हो चुकी थी उसमें एक झटके में डाल दिया एक हल्की सी चीख कमला चाची की बहू के मुंह से निकली और फिर पूरा का पूरा लंड वह अपनी बुर की गहराई में ले ली एकदम से मस्त हो गई और राजू कमला चाची की बहू की गांड पकड़ कर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया,,,, राजू पहले धक्के से ही अपनी रफ्तार तेज कर दिया था क्योंकि वह काफी उत्तेजित हो चुका था,,, और कमला चाची की बहू हर धक्के के साथ मस्त हो जा रही थी,,,,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक अनजान जवान लड़के से वह इस तरह से खुले मैदान में झाड़ियों के पीछे रात के समय चुदवाएगी,,,,, लेकिन इस तरह से छुप छुप कर चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था इसलिए तो उसकी गरम सिसकारी उसके मुंह से निकल रही थी,,,, लेकिन उसकी गरमा गरम शिसकारी को उस खुले में सुनने वाला इस समय कोई नहीं था,,,,राजू कभी उसकी कमर पकड़ लेता तो कभी उसकी गांड दोनों हाथों से जगा देता तो कभी दोनों हाथों को आगे की तरफ लाकर ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी खरबूजे को हाथों में पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया और इसी बीच में लगातार अपने धक्के लगाता ही जा रहा था ,,,राजू के साथ-साथ कमला चाची की बहू को भी अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था दोनों एकदम मस्त हुए जा रहे थे,,, राजू गहरी गहरी सांस लेता हुआ कमला चाची की बहु को चोद रहा था,,,।

वहीं दूसरी तरफ इस बात से पूरी तरह से अनजान करना चाहती उसी तरफ आ रही थी जहां पर झाड़ियों के पीछे उसकी बहू राजू से चुदवा रही थी कमला चाची पहले ही शौच करने के लिए आ जाती थी लेकिन आज बातों ही बातों में उन्हें देर हो गई थी वह उसी झाड़ियों की तरफ चली आ रही थी जो झाड़ियों के पीछे उसकी बहू एक जवान लड़के से अपना मुंह काला करवा रही थी जिसके साथ वह खुद अपने बदन की गर्मी उम्रदराज होने के बावजूद भी मिटा चुकी थी,,,, जैसे-जैसे कमला चाची और झाड़ियों के करीब आती जा रही थी वैसे वैसे उन्हें पायल और चूड़ियों की खनक ने की आवाज सुनाई दे रही थी और रह-रहकर हंसने की आवाज भी आ रही थी,,,अगर कोई और होता तो शायद भूत प्रेत के बारे में सोच कर वहां से भाग खड़ा होता है लेकिन कमला चाची उम्र दराज थी अनुभव से भरी हुई थी इसलिए वह धीरे-धीरे उस झाड़ियों के करीब आगे बढ़ रही थी,,,,,

कमला चाची के दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी क्योंकि जिस तरह से वह झाड़ियों के बेहद करीब पहुंच चुकी थी झाड़ियों के पीछे से मर्दाना आवाज के साथ साथ औरत के हंसने और खीर खिलाने की आवाज भी आ रही थी और साथ ही गरमा गरम सिसकारी की आवाज भी आ रही थी एक उम्र दराज औरत होने के नाते कमला चाची इस तरह की आवाज को अच्छी तरह से पहचानते थे उन्हें समझते देर नहीं लगेगी झाड़ियों के पीछे चुदाई का खेल चल रहा है लेकिन यह कौन है यह जानने के लिए वह धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी,,,वह दोनों में से किसी की नजर कमला चाची पर ना पड़ जाए इसलिए वह अपनी जगह पर बैठ गई थी और धीरे-धीरे बैठे हुए ही आगे बढ़ रही थी,,,।
थोड़ी ही देर में कमला चाची साड़ी के एकदम पीछे पहुंच गई और अपनी नजर को पर की तरफ उठाकर देखने की कोशिश की तो उसे राजू नजर आ गया जिसे वह अंधेरे में भी पहचान ली उसे समझते देर नहीं लगी कि राजू किसी औरत के लिए रहा है लेकिन किसकी ले रहा है इस बारे में उसे बिल्कुल भी पता नहीं था राजू को इस तरह से चुदाई करता हुआ देखकर पहले तो कमला चाची की बुर में भी चींटीया रेंगने लगी,,,, वही राजू की बातें उसे और ज्यादा चुदवाती कर रही थी,,,।


ओहहह भाभी तुम्हारी बुर बहुत रसीली है पूरे गांव में ऐसी बुर किसी के पास नहीं है,,,,आहहहह बहुत गर्म है,,,

ओहहह बबुआ पूरे गांव की औरतों की चुदाई कर चुके हो क्या सब की बुर के बारे में जानते हो बबुआ,,,,आहहहहह,,,,

इस आवाज को सुनते हैं कमला चाची को झटका सा लगा क्योंकि यह आवाज कमला चाची की बहु से मिलती जुलती थी,,, कमला चाची अपने मन में सोचने के लगी,,,। यह तो मेरी बहू की आवाज है कहीं मेरी बाबू तो,,, नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता वह ऐसा नहीं कर सकती हो तो बहुत सीधी है,,, तभी जो बात उसके कानों में पड़ी उसे सुनते ही उसके होश उड़ गए,,,।


आहहहह आहहहहहह और जोर-जोर से चोद राजु आहहहह तेरा बहुत मोटा और लंबा है राजू मेरे पति का तो बहुत छोटा है और मुझे ठीक से चोद भी नहीं पाते जब से ब्याह करके आई हूं तब से प्यासी थी अच्छा मैं तो मिल गया कि मेरी जवानी की प्यास तुझसे बुझने लगी है,,, वरना मैं प्यासी ही रह जाती,,,


चिंता मत करो भाभी मैं हूं ना जिंदगी भर तुम्हारी बुर की प्यास बुझाता रहूंगा,,,,आहहहह आहहहह तुम्हारी गरम बुर,,,,


आहहहह आहहहहहह जल्दी-जल्दी कर राजु घर पर मा जी मेरा इंतजार कर रही होंगी काफी देर से मैं यहां आई हुं,,,,।
(कमला चाची के तो होश उड़ गए वह अपनी बहू की आवाज को पहचान गई थी,,, वह अपनी बहू को क्या समझ रही थी लेकिन क्या निकली अब उसका चेहरा देखने की भी जरूरत नहीं थी क्योंकि वहां पहचान गई थी अपनी बहू की आवाज को वह समझ गई थी कि राजू इन झाड़ियों के पीछे उसकी बहू की चुदाई कर रहा है,,,,, उसका मन तो कर रहा था कि उसी समय दोनों को रंगे हाथ पकड़ लेगा और राजू और अपनी बहू को दो-दो हाथ जमा दे लेकिन ऐसा करने से उसे कि इस बात का डर था कि कहीं राजू उसका राज भी उसकी बहू के आगे ना खोल दें इस डर से वह दबे पांव पीछे चली गई वह घर चली जाना चाहती थी लेकिन बिना सौच किए घर वापिस जाना मुमकिन नहीं था इसलिए वह दूसरी जगह पर झाड़ियों के पीछे जाकर बैठ गई,,, और कुछ देर बाद कमला चाची राजू और अपनी बहू को दोनों को गांव की तरफ जाते हुए देख रही थी,,,,वह अपने मन में ठान ली थी कि आज घर पर जाकर अपनी बहू की जमकर धुलाई करेगी,,,)
Mast update 👍👍
 

Sanju@

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पल भर में ही दोनों मां बेटे की अरमान पर पानी फिर गया था,,,,राजू तो खुशी से पागल हुआ जा रहा था जब उसे अपनी मां की ब्लाउज उतारने और उसकी बुक पर हाथ रखने का मौका मिला,,, कुछ ही पल में राजू ने अपनी मां के साथ अपने मन की कर लीया था,,,,, हालांकि राजू मंजिल तक तो नहीं पहुंच पाया था लेकिन सफर का मजा बराबर लिया था,,,, राजू ने अपनी हरकतों से अपनी मां को पूरी तरह से चुदवासी कर दिया थाअगर इन मौके पर उसकी बुआ ना आ जाती तो शायद आज अपने लंड को अपनी मां की बुर में डालकर उद्घाटन कर दिया होता,,,, अपनी मां की पानी टपकाती बुर को देखकर राजू इतना तो समझ ही गया था कि उसकी मां भी चुदवाना चाहती है,,,, इसीलिए तो राजू की हिम्मत बढ़ती जा रही थी,,,,,,राजू ने अब तक अपनी बाहों में ढेर सारी औरतों को ले चुका था उनके अंगों से खेल चुका था लेकिन जिस तरह का सुख और उन्माद का अनुभव उसे अपनी मां के साथ प्राप्त हुआ था ऐसा अनुभव से अब तक किसी भी औरत के साथ प्राप्त नहीं हुआ था,,,। अपनी मां की बुर की गर्मी को अभी तक वह अपने बदन में महसूस कर रहा था अपनी मां का ब्लाउज उतारने के बाद अपने हाथों में उसकी चूची लेकर जिस तरह से वह दबा रहा था,, ऐसा लग रहा था कि अपनी मां की चूची का सारा रस निचोड़ डालेगा,,,, बार-बार अपने लंड को अपनी मां की गांड पर धंसा रहा था जोकि राजू को यह सुख भी चुदाई से कहीं अधिक आनंद दे रहा था,,,राजू को इस बात की खुशी थी कि उसकी मां बिल्कुल भी ऐतराज नहीं जता रही थी और ना ही उसे आगे बढ़ने से रोक रही थी बल्कि वह खुद उसका साथ दे रही थी,,,,,, राजू अपनी मां को नहीं चोद पाया था इस बात का दुख उसे बराबर था लेकिन इस बात की खुशी भी थी कि ऐन मौके पर अपनी मां को कमरे में छोड़कर कमरे से बाहर निकल गया था करना आज गजब हो जाता वैसे तो गुलाबी के देखे जाने पर भी कोई दिक्कत की बात नहीं थी गुलाबी को समझाना राजू के लिए कोई मुश्किल काम नहीं था लेकिन राजू अपनी मां को अपनी बुआ की नजरों में गिरने नहीं देना चाहता था हालांकि गुलाबी नहीं कई बाहर चुदवाते समय उसे उसकी मां को चोदने की सलाह दे चुकी थी,, उसके अंगों के बारे में बोलकर उसे उत्तेजित करने का प्रयास कर चुकी थी इसलिए गुलाबी के देखे जाने पर भी राजू को किसी बात की दिक्कत नहीं थी क्योंकि गुलाबी खुद परिवार के ईस कुंए में में डुबकी लगा चुकी थी,,,। लेकिन गुलाबी अगर देख लेती तो शायद उसकी मां खुद की नजरों में गिर जाती,,,,,,,।

मधु का मन खाना बनाने में बिल्कुल भी नहीं लग रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार वह अपनी नियत से फिसल कैसे गई,,,, अपने मन में ही सोच रही थी कि वह कभी सपने में नहीं सोची थी कि उसका बेटा उसके साथ इस तरह की हरकत करेगा,,, जिसका अंदेशा वह पहले भी अपनी हरकतों से देता आ रहा था,,, बार-बार किसी ना किसी बहाने उसके बदन से सट जाना उसके अंगों को घूरना और तो और अनजाने में जब उसके ऊपर गिरी थी तो जानबूझकर अपनी हथेली को उसकी बुर पर रखकर किस तरह से मसल दिया था,,, उस समय जिस तरह का एहसास उसके तन बदन में हुआ था वही एहसास उस पल को याद करते हैं मधु को अभी अपने बदन में महसूस हो रहा था,,,, और तो और सफर के दौरान चूहे के पीछे छिपकर जयपुर पेशाब कर रही थी तो एक बहाने से उसे देखने के लिए कैसे आ गया था और अपनी आंखों से उसे पेशाब करता हुआ देख भी लिया था,,,,,,। इन सब बातों को याद करके मधु को अपने तन बदन में उत्तेजना का एहसास तो हो ही रहा था लेकिन उसे अपनी गलती का एहसास भी हो रहा था,,, अच्छी तरह से जानती थी कि अपने बेटे को पहली बार में ही डांट फटकार लगाकर उसे रोक देना चाहिए था ताकि वह इतनी आगे ना बढ़ पाता लेकिन उसकी चुप्पी धीरे-धीरे राजू का हौसला बढ़ा रही थी और नतीजन आज मधु अपने ही बेटे से चुदते चुदते रह गई थी,,,,,,,मधु को अपनी गलतियों का एहसास बराबर हो रहा था लेकिन वह इस बात से भी इनकार नहीं कर पा रही थी कि अपनी बेटी की मौजूदगी में ना जाने उसे क्या हो जाता है,,, बाप ने बेटी को रोकना तो चाहती हैं लेकिन उसकी हरकतों का असर ना जाने क्यों उसके बदन में उत्तेजना जगाने लगता है जिसके चलते वह अपने बेटे को चाह कर भी नहीं रोक पाती है,,,,, रोटियां बेलते समय मधु अपने आप से ही बात करते हुए अपने मन में बोल रही थी कि,,,।

मुझे क्या मालूम था कि दरवाजा खुला हुआ है वरना मैं दरवाजा खुला नहीं छोड़ती,,, और वह मुआ भी छुपकर मुझे ही देख रहा था मुझे ब्लाउज की डोरी खोलते हुए देख रहा था और जब नहीं खोल पाई तो कैसे खुद अंदर आ गया,,, वह इतने करीब आ गया था कि मैं उसे रोक नहीं पाए काश उसे रोक लेती तो शायद इस तरह की नौबत कभी नहीं आती लेकिन क्या करूं उसकी मौजूदगी मेरी तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर रही थी खासकर के ठीक मेरे पीछे खड़े होना,,,, जिस तरह से वह मेरी डोरी पकड़ा हुआ था न जाने कि मुझे इस बात का एहसास हो रहा था कि वह मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी करने जा रहा है अपने ही बेटे के बारे में इस तरह से सोचना गलत था लेकिन उस समय कुछ समझ में नहीं आ रहा था मेरी हालत एकदम खराब होती जा रही थी,,,( मधु खाना बनाते समय अपने आप से भी बात किए जा रही थी मानो कि जैसे किसी के आगे अपनी गलतियों को कबूल कर रही हो,,,वह तो अच्छा हुआ कि खाना बनाते समय उसके पास कोई भी नहीं था वरना उसे देखकर ऐसा ही लगता कि शायद उसकी तबीयत खराब है,,,) जैसे ही उसने मेरे ब्लाउज की डोरी को खींचकर खोला ना जाने क्यों मेरी बुर में हलचल होने लगी वह अपने आप ही गीली होने लगी,,, मुझे ऐसा ही लगा था कि ब्लाउज की डोरी खोलने के बाद वह कमरे से बाहर चला जाएगा ,,, लेकिन शायद मेरी खूबसूरत बदन का आकर्षण उसे बाहर जाने से रोक रहा था,,,डोरी के खुल जाने के बाद मेरी नंगी चिकनी पीठ उसकी आंखों के सामने थी शायद उसे देख कर उसकी हालत खराब हो रही थी,,, मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मेरा बेटा होने के बावजूद भी होगा मेरी खूबसूरती के पीछे पड़ा है और तो और मेरे साथ गलत संबंध बनाना चाहता है,,,, मुझे उसे ब्लाउज की डोरी खोलने ही नहीं देना चाहिए था,,लेकिन मैं कर भी क्या सकती थी वह तो एकाएक मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया और मैं कुछ बोल पाती इससे पहले ही ब्लाउज की डोरी को खोल भी दिया,,, थोड़ी देर में मुझे मेरी गांड पर जो कठोर चीज चुभती हुई महसूस हुई उससे तो मैं पागल होने लगी,,, मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी कि मेरी वजह से मेरे बेटे का लैंड खड़ा हो जाएगा और वह अपनी पूरी औकात नहीं था वरना मेरी गांड पर चुभता नहीं शायद वह जानबूझकर ही मेरी गांड पर अपने लंड का दबाव बना रहा था मुझे एहसास करवा रहा था,,,, और उसकी हिम्मत तो देखो मैं कुछ बोली नहीं तो खुद ही मेरे ब्लाउज को अपने हाथों से उतारकर मुझे नंगी करने लगा,,,, मुझे तो होश भी नहीं था क्योंकि मेरा पूरा वजूद ना जाने क्यों उसके ख्वाबों में हो चला था,,,,वह तो मुझे तब एहसास हुआ जब ब्लाउज मेरी आधी चुचियों से नीचे आ गई और मैं उसे रोकना चाहिए लेकिन अपनी हरकत से वह मुझे विवस कर दिया और देखते ही देखते अपने हाथों से मेरा ब्लाउज उतार कर ऊपर से मुझे नंगी कर दिया यह एहसास है एक मां के लिए बेहद अजीब और ना चाहते हुए भी बेहद उन्माद कारी होता है कि एक मा का ब्लाउज खुद बेटा ही अपने हाथों से उतारे इतने तक तो ठीक थामेरी हालत तब और ज्यादा खराब हो गई क्या हुआ अपने ही हाथों से मेरी चूची पकड़कर दबाना शुरू कर दिया उसकी हिम्मत की तो मैं दाद देना चाहूंगी,,,, कि बिना मेरा इरादा जाने वह नहीं चूचियों से खेल रहा था और वह भी पीछे से मुझे अपनी बाहों में लेकर,,,,हो सकता है कि उसे इस बात का एहसास हो गया हो कि मुझे यह सब कुछ अच्छा लग रहा है वरना वह इतना आगे नहीं बढता,,, वह जिस तरह सेअपने लंड का दबाव मेरी गांड पर बना रहा था मुझे तो डर था कि कहीं पेटीकोट सहित वह अपने लंड को मेरी गांड में ना डाल दे,,,। उसके लंड की ताकत को तो मै समझ गई थी कमजोर लंड के बस में बिल्कुल भी नहीं था इस तरह से गांड पर ठोकर मारना और वह भी पजामें होने के बावजूद भी,,,,,
(रोटी को तवे पर रखते हुए) इतने से भी कहां मानने वाला था ना मैं तो कभी सोची भी नहीं थी कि मेरा बेटा मेरे साथ इस तरह की हरकत करेगा हालांकि पहले भी वह मेरी बुर पर अपनी हथेली रख चुका था जोकि अनजाने में तो बिल्कुल भी नहीं हुआ था लेकिन जानबूझकर की गई हरकत को भी उस समय अनजाने में ही समझ लेना ठीक था लेकिन आज की हरकत तो जानबूझकर ही थी मुझे तो यकीन नहीं हो रहा था कि वह अपनी हरकतों को आगे बढ़ाते हुए मेरी बुर पर अपनी हथेली रख लेगा,,,, मैं तो हैरान इस बात से हूं कि मैं उसे रोक क्यों नहीं पाई ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए था वह तो मेरी पेटीकोट भी उतारना चाहता था मेरी पेटीकोट की डोरी को खोलना चाहता था वह तो अच्छा हुआ इन मौके पर गुलाबी आ गई वरना मैं उसे उस हालत में बिल्कुल भी रोक नहीं पाती और अपनी गलती के कारण मां बेटे के रिश्ते को तार-तार करने में उसकी सहायता कर दी होती,,,,,।(मधु इन सब बातों को सोच कर एकदम हैरान थी उसे इस बात का अहसास अच्छी तरह से ताके उसे उसके बेटे को रोकना चाहिए था ना कि आगे बढ़ने में उसकी मदद करने देना चाहिए था,,, वह तो भोला है जवानी की दौड़ मैं है ऐसे में जवान लड़कों का मन इधर-उधर भटकता ही है,,, लेकिन उसे काबू में रखना चाहिए था अब ऐसी गलती कभी नहीं करेंगी,, अपने बेटे को इस तरह की हरकत करने से वह रोकेगी उसे समझाएंगी,,,।


अरे भाभी क्या सोच रही हो तुम्हारी तबीयत तो ठीक है,,,।
(गुलाबी की आवाज कानों में पढ़ते ही मधु की तंद्रा भंग हुई तो वह शक पकाते हुए गुलाबी की तरफ देखने लगी और हक लाते हुए बोली,,,,)

ककक,,, कुछ नहीं वो क्या है ना कि सफर के दौरान थकावट महसूस हो रही है इसलिए नींद आ रही है,,,


तो रहने दो मैं बना देती हूं,,,


नहीं नहीं बना लूंगी तू अपना काम कर,,,,
(इतना कहकर मत लो फिर से खाना बनाने में लग गई,,, दूसरी तरफ हरिया चाय पान की दुकान पर बैठकर,,, अपने अनसुलझे सवाल का जवाब ढूंढ रहा था,,, वह बीड़ी का कश खींचते हुए वहीं पर बैठे गांव के ही दो-तीन आवारा लोगों से बोला,,,)

यार तुम लोगों से एक बात कहूं किसी को कहोगे तो नहीं,,,

कैसी बातें करते हो यार हरिया तुम्हारी बात भला हम किसी से क्यों कहेंगे,,,

क्या बताऊं यार बात ही कुछ ऐसी है,,,


बताओ तो क्या बात है,,,,


यार एक बार में ब्याज के पैसे देने के लिए लाला की हवेली पर गया था,,

तो क्या हुआ,,,?(उनमें से एक बीड़ी का कष्ट लगाते हुए बोला)


अरे पहले सुन तो,,,, मैं उसकी हवेली पर गया और दरवाजे पर कोई नहीं था इसलिए सीधे अंदर चला गया दरवाजा भी खुला था और मैंने जो अपनी आंखों से देखा हूं आज भी एक एक दृश्य मुझे एकदम अच्छे से याद है,,,।

ऐसा क्या देख लिया था हरिया भाई जो एक एक दृश्य तुम्हें आज भी याद है,,,


नजारा ही कुछ ऐसा था यार कि बताता हूं तो भी तन बदन में अजीब सा होने लगता है,,,,

(हरिया की बातें बीड़ी पानवाला भी कान लगाकर सुन रहा था दिन भर उसका काम ही आई थी गांव भर की बातों की कानाफूसी सुनना,,)

अरे बताओगे भी या पहेलियां ही बुझते रहोगे,,,


बता रहा हूं,,,,(इधर उधर नजर दौड़ा कर देखने के बाद) लेकिन कोई किसी को बताना नहीं,,,


फिर वही यार कब से तो कह रहे हैं किसी को नहीं बताएंगे,,,


यार मैंने हवेली में देखा कि लाला एकदम नंगा पलंग के नीचे खड़ा था और एक खूबसूरत जवान औरत एकदम नंगी एकदम गोरी बदन क्या था एकदम मक्खन मलाई,,, वह घुटने के बल झुकी हुई थी पलंग के ऊपर और लाला उसके पीछे खड़ा होकर उसकी गोरी गोरी गांड को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपना लंड उसकी बुर में पेल रहा था,,,।
(इतना सुनते ही उन लोगों की धोती में हलचल होने लगी)

क्या बात कर रहे हो हरिया,,,

मैं जो कुछ भी कह रहा हूं एकदम सच कह रहा हूं,,,

लेकिन वह औरत ही कौन,?(उनमें से एक उस औरत के बारे में जानने की गरज से बोला)

अरे वही तो नहीं मालूम यार,,,,

कैसी बातें कर रहे हो सब कुछ देखे हो यह नहीं देखे कि वह औरत कौन थी,,?

हां यार सच कह रहा हूं,,(बीड़ी का कस खींचते हुए) वह औरत पूरी तरह से नंगी थी और एकदम को और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि अगल-बगल के 20 गांव तक मैंने आज तक ऐसी खूबसूरत और गोरी औरत नहीं देखा,,,,,,उसकी सूरत देखने की मैंने बहुत कोशिश किया लेकिन उसके घने बाल से पूरी तरह से उसका चेहरा ढका हुआ था कसम से वह नजारा जब भी याद करता हूं तो तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगती है,,,


लाला की बीवी होगी,,,(उनमें से एक बोला)


नहीं रे लाला की बीवी नहीं है,,,(उनका दूसरा साथी बोला)


मुझे जहां तक इतना मालूम है कि,,, हवेली में लाला के साथ उसकी बहन रहती है,,, कहीं लाला अपनी,,,बहन,,


धत् कैसी बातें कर रहा है,,,(हरिया उसे बीच में ही रोकते हुए बोला,,) कोई अपनी बहन को,,,, नहीं नहीं,,,,


तो तुम ही बताओ हरिया गांव में अगल-बगल के 20 गांव में कितने इस तरह की खूबसूरत औरत को नहीं देखा है और जिस तरह से तुम बता रहे हो हम लोगों ने भी नहीं देखा है और ऐसी खूबसूरती और गोरा बदन केवल लाला की बहन का ही है,,,(उनमें से एक समझाते हुए बोला)

नहीं नहीं फिर भी ऐसा नहीं हो सकता भाई बहन के बीच इस तरह का,,, नहीं बिल्कुल भी नहीं,,।
(हरिया भाई-बहन के बीच के सारे संबंध को मानने से इंकार कर रहा था,,, और भाई ऐसा जानबूझकर कर रहा था वह तो खुद ही अपनी बहन की चुदाई कर चुका था और उसे चोदता आ रहा था,,, उसकी बात सुनकर हरिया भी सोचने पर मजबूर हो गया कि क्या जैसा वह कह रहा है वैसा मुमकिन है फिर अपने मन में सोचने लगा कि अगर उसके और उसकी बहन के बीच इस तरह का रिश्ता बन सकता है तो लाला और उसकी बहन के बीच क्यों नहीं बन सकता आखिरकार दोनों अकेले ही तो है दोनों की अपनी अपनी जरूरतें हैं,,, यह सोचकर हरिया हैरान हो गया,,,,इसके आगे किसी ने कुछ भी नहीं कहा तो थोड़ी देर हरिया वहीं रुक आ रहा और उसके बाद अंधेरा होने पर वापस घर की ओर चल दिया वहीं दूसरी तरफ राजू पूरा गांव घूमते घूमते,,,, सोच करने के लिए खेतों की तरफ जाने लगा तो,,, उसने देखा कि आगे-आगे कमला चाची की बहू चली जा रही है,,, उसे देखते ही राजू के पजामे में हरकत होने लगी उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे और वह भी कमला चाची की बहू के पीछे पीछे चल दिया,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है राजू आज अपनी मां की चुदाई कर देता लेकिन गुलाबी के आने से सारा खेल बिगड़ गया मधु रोटी बनाते हुए राजू के बारे में हो सोचती है और उत्तेजित हो जाती है वही हरिया दुकान पर लाला की चुदाई की बात बता देता है तो गांव के आवारा उसे बताते हैं कि ऐसी सुंदर तो लाला की बहन हो सकती हैं हरिया ये बात नही मानता है जबकि खुद अपनी बहन की चुदाई करता है दोनो बाप बेटे लाला की बहन के पीछे पड़ गए हैं वही राजू कमला चाची की बहू के पीछे पड़ जाता है लगता है अब चुदाई होगी
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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शाम ढल चुकी थी वातावरण में अंधेरा का प्रवाह बढ़ता जा रहा था चारों तरफ अंधेरा छा रहा था ऐसे में गांव की औरतें सोच करने के लिए नदी के किनारे जंगली झाड़ियों वाली जगह पर जाती थी,,,अनजाने में ही राजू की नजर कमला चाची की बहू पर पड़ गई थी जो कि सोच करने के लिए ही उसी दिशा में जा रही थी राजू अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देखने के बाद,,, बड़ी तसल्ली के साथ कमला चाची की बहू के पीछे पीछे जाने लगा,,,,,, बड़े दिनों बाद वह कमला चाची की बहू की मुलाकात करने के लिए जा रहा था नवी नवेली दुल्हन की बुर चोद कर वह भी अपने आप को बड़ा भाग्यशाली समझता था,,,,,,कमला चाची के साथ-साथ कमला चाची की बहू की चुदाई कर लेने के बाद राजू पूरी तरह से उस परिवार में खुल चुका था हालांकि अभी तक राजू को इस बात का पता नहीं था कि कमला चाची की बहू,,, उसके और कमला चाची के बीच के संबंध के बारे में जानती हैं,,,।

राजू अपनी ही दोनों में कमला चाची की बहू के पीछे पीछे जाने लगा क्योंकि वह कमला चाची की बहू को मैदान में ही चोदने का इरादा बना चुका था और वैसे भी कमला चाची की बहू उसे इनकार करने वाली नहीं थी क्योंकि राजू ने उसे जो सुख दिया था वह सुख उसके पति ने अभी तक उसे नहीं दे पाया था,,,,,,, गांव से थोड़ा दूर निकलने के बाद चारों तरफ नजर घुमाकर देख लेने के बाद जब राजू को तसल्ली हो गई कि कोई भी देख नहीं रहा है तो वह चलते-चलते पीछे से आवाज लगाता हुआ बोला,,,।

कहां जा रही हो भाभी,,,
(पीछे से आई आवाज को सुनकर पहले तो कमला चाची की बात एकदम से चौंक गई लेकिन पीछे नजर घुमाकर देखने के बाद जब उसे तसल्ली हो गई कि उसे आवाज लगाने वाला और कोई नहीं राजू है तो उसकी जान में जान आई और उसके होठों पर मुस्कान तैरने लगी,,,राजू के साथ चुड़वा लेने के बाद वह भी राजू के साथ थोड़ी बेशर्म बन चुकी थी इसलिए चलते हुए ही हाथ में लिया हुआ लोटा राजू को दिखाते हुए बोली,,,)

देख नहीं रही हो बबुआ कहां जा रही हूं,,,


देख तो रहा हूं भाभी,,,

तुम्हें भी साथ साथ चलना है क्या,,?

तभी तो तुम्हारे पीछे पीछे आया हूं,,,

ओहहह तो यह बात है मतलब काफी देर से मेरा पीछा कर रहे हो,,,,


हां इसी इंतजार में कि कब गांव वालों की नजरों से दूर तुम्हें अपनी बाहों में भरकर तुम्हें ढेर सारा प्यार करूं,,,(इतना कहते हुए राजू कमला चाची की बहू के एकदम बगल में आ गया और उसकी उभरी हुई गांड पर हाथ रख दिया अपनी गांड पर राजू का हाथ महसूस करते ही कमला चाची की बहु‌ उतेजना से सिहर उठी,,,)

ससहहहह आहबहह क्या करते हो बबुआ कोई देख लेगा तो,,,,

कोई नहीं देख रहा है भाभी तभी तो तुम्हारी गांड पर हाथ रखा हूं,,,, मेरे समाज के उंच नीच को अच्छी तरह से जानता हूं मुझे तुम्हारी इज्जत का उतना ही ख्याल है जितना कि तुम्हें,,,,,,


हां जानती हूं तुम्हें मेरी इज्जत का बहुत ख्याल है तभी मेरी इज्जत अपने हाथों से लूट चुके हो,,,

उसे लूटना थोड़ी कहते हैं भाभी,,,


तो किसे कहते हैं,,,


वह तो तुम अपनी मर्जी से अपनी बुर मुझे दे दी थी अगर वही तुम्हारी बुर में जबरदस्ती से लेता तो उसे लूटना कहते ,,।
(राजू के मुंह से बुरा शब्द सुनकर कमला चाची की बहू की दोनों टांगों के बीच चींटीया रंगने लगी,,,कमलेश आशिकी प्रभु अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है क्योंकि इस तरह से अगर किसी की नजर उन दोनों पर पड़ गई तो गांव में बदनामी हो जाएगी इसलिए कमला चाची की बहू मन होने के बावजूद भी इस समय उस से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से बोली,,,)

चलो बबुआ कोई बात नहीं हम दोनों की मर्जी थी सो हो गया लेकिन यहां मेरा पीछा क्यों कर रहे हो कोई देख लेगा तो बदनामी हो जाएगी,,,,।(ऊंची नीची पगडंडी पर संभालकर पैर रखते हुए कमला चाची की बहु बोली ,,)

कोई नहीं देख रहा है भाभी तुम खामखा डरती हो मैं तो आज तुम्हें सोच करते हुए देखना चाहता हूं,,,।

हाय दैया यह कौन सा शौक तुने पाल लिया है,,,


क्या हुआ भाई इसमें कौन सी बुरी बात है,,,


अरे भला एक औरत को सोच करते हुए कोई देखता है क्या,,?

तब तो तुम एकदम बुद्धू हो भाभी,,, तुम पर कोई भी नहीं जानती हम जैसे जवान लड़के हम जैसे ही क्या बूढ़े लोग भी तुम औरतों को पेशाब करते हुए सोच करते हुए देखने के लिए तड़पते रहते हैं,,,।

चल रहने दे,,,


हां भाभी मैं सच कह रहा हूं तुम नहीं जानती हम लड़कों को तो सबसे ज्यादा मजा तुम औरतों को सोच करते हुए देखने में ही बहुत मजा आता है,,, सच कह रहा हूं भाभी जब तुम औरतें सोच करने के लिए अपनी साड़ी कमर तक उठाती हो तो कमर के नीचे तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड देखकर ही हम लोगों का लंड खड़ा हो जाता है,,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहु उतेजीत हुई जा रही थी और अपने चारों तरफ देख भी ले रही थी,,,,)

क्या,,,? तुम लड़के इतने हरामि हो,,,

इसे हरामीपन थोड़ी कहते हैं भाभी,,,यह तो हम लोगों का तुम लोगों के प्रति आकर्षण दीवानगी है जो तुम्हारे नंगे बदन को देखने के लिए इस कदर तड़पते रहते हैं कि तुम्हें सोच करते हुए देखने के लिए दूर-दूर तक तुम्हारे पीछे-पीछे चले आते हैं,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची के पापा को बहुत मजा आने लगा था आज पहली बार वह औरतों का सोच करने के प्रति लड़कों के सोचने के रवैया को देख रही थी और समझ रही थी वरना उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि औरतो को सौच करते हुए देखने मैं कितना मजा आता है,,, कमला चाची की बहू के मन में है उत्सुकता भी था कि फिर उसके बाद वह लोग क्या करते हैं इसलिए वह बोली,,)

उसके बाद तुम लोग क्या करते हो,,,

भाभी कसम से उसके बाद तो पूछो मत अगर किसी का जुगाड़ होता है तो वह जाकर अपना खाना लेने उसकी बुर में डालकर अपनी सारी गर्मी निकाल देता है और अगर उसके पास से जुगाड़ नहीं है तो अपने हाथ से हिला हिला कर अपना पानी निकाल लेता है,,,।

बाप रे,,(उत्तेजना के मारे अपने सुखते हुए गले को थुक से गिरा करते हुए,,) तुम लड़के इतने ज्यादा गर्म हो जाते हो,,,


तो क्या भाभी पूछो मत तुमसे बात करते हो मैं तुम्हें सोच करते हुए सिर्फ कल्पना करके ही देखो मेरा लंड कितना खड़ा हो गया है,,,(कमला चाची की बहू का हाथ झट से पकड़ कर अपने पजामे के ऊपर से ही लंड पर रखते हुए,,) पकड़ो ठीक से,,,,।

(राजू की हरकत से कमला चाची पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी पजामे के ऊपर से ही राज्यों के खड़े लंड को महसूस करते ही कमरा चाची की बहू की बुर से मदन रस की बूंद टपक पड़ी और वह अपनी हथेली में पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को जोर से पकड़ कर तुरंत छोड़ दी,,,काफी दिन हो गए थे राजू के लंड को अपनी बुर में लिए हुए इसलिए उसका मन पूरी तरह से मचल उठा था चुदवाने के लिए,,,)

बाप रे राजू,,, तेरा तो एकदम खड़ा हो गया है बबुआ,,,


क्या करूं भाभी तुम्हारी जैसी जवान औरत इतने करीब खड़ी हो और वह भी सोच करने के लिए जा रही हो तो भला मेरे जैसी जवान लड़के का क्या हाल होगा,,,।

(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहू मन ही मन मुस्कुरा रही थी और उत्तेजित भी हो रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वहां क्या करें अंधेरे का फायदा उठाने का उसका मन भी कर रहा था लेकिन किसी के देखे जाने का डर भी उसे सता रहा था,,राजू के खड़े लंड को अपनी हथेली में दबाकर वह अपनी बुर की प्यास को और ज्यादा बढ़ा दी थी,,,,कमला चाची की बहू उस स्थान पर पहुंच चुकी थी जहां पर रोज बार सोच किया करती थी चारों तरफ छोटी-छोटी जंगली झाड़िया थी जिसकी आड़ में बैठकर वह सोच करती थी और किसी के भी देखे जाने का डर बिल्कुल भी नहीं था,,,, वहां पर पहुंचकर कमला चाची की बहू हाथ में लोटा लिए खड़ी हो गई थी,,,, राजू कमला चाची की बहू की बुर का स्वाद ले चुका था फिर भी इस अवस्था में देखकर राजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था अगर उसकी जगह कोई और लड़का होता तो शायद इस हालत में देखकर जबकि वह सिर्फ हाथ में लोटा लेकर खड़ी थी और इस अवस्था में देखकर कोई भी मर्द कल्पना करते हुए अपने हाथों से ही हीला कर पानी निकाल देता,,,,,।
कमला चाची की बहू जहां पर खड़ी थी वही 2 फुट की दूरी पर राजू ठीक उसके सामने खड़ा था उसके पैजामा में तंबू बना हुआ था जिसे कमला चाची की बहू अंधेरा होने के बावजूद भी बड़े आराम से देख पा रही थी क्योंकि आसमान में तारे छिटके हुए थे हो चांदनी रात थी,,,, कमला चाची की बहू की बुर पानी पानी हो रही थी वह अभी भी बार-बार अपने चारों तरफ देख ले रही थी उसे शर्म महसूस हो रही थी राजू के सामने वह कैसे बैठकर सोच करेगी इस बारे में सोच कर ही परेशान हो रही थी,,,।)


क्या हुआ भाभी बैठो ना,,,मैं आज तुम्हारा एक नया रूप देखना चाहता हूं मैंने आज तक किसी औरत को इस अवस्था में नहीं देखा,,,,

अभी अभी तो तू बोल रहा था कि हम औरतों को शौच करते हुए देखकर तुम्हें बहुत मजा आता है,,,


हां यह बात सच है भाभी लेकिन मैंने आज तक नहीं देखा हूं यह तो मेरा दोस्त बता रहा था,,,, इसीलिए तो एक नहीं अनुभव के लिए मैं तुम्हारे पास आया हूं,,,।

राजू पागल मत बन बबुआ ,,, तेरे सामने में कैसे,,,,


अरे कोई बात नहीं भाभी हो जाएगा तुम बैठो तो सही,,,।

(कमला चाची की बहू का भी मन कर रहा था लेकिन उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी राजू की बात मानते हैं वह अपनी चारों तरफ नजर घुमाकर देखी नहीं कहीं कोई नजर नहीं आ रहा था इसलिए वह राजू से बोली,,)


देख राजू तु थोड़ा दूर बैठना,,, मेरे एकदम करीब मत आ जाना मुझे शर्म आ रही है,,,


क्या भाभी तुम भी मेरे से तो शर्म करने की तुम्हें कोई भी जरूरत नहीं है क्योंकि मैं तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर चोदा चुका हूं,,,।
(राजू एकदम बेशर्मी भरे शब्दों में बोला और उसके यही बेशर्मी भरे शब्दों को सुनकर कमला चाची की बहू शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी इसलिए बिना कुछ बोले अपनी साड़ी को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाने लगी और चारों तरफ नजर घुमाकर देखने भी लगी,,, राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था शाम के समय ही वह अपनी मां को चोदते चोदते रह गया था इसलिए उस पल की गर्मी अभी भी उसके बदन में बरकरार थी,,, राजू की नजर कमला चाची कि दोनों टांगों के बीच भी टिकी हुई थी वह सिर्फ साड़ी के उठने का इंतजार कर रहा था और कमला चाची की तो हो राजू की आंखों के सामने साड़ी उठाने में शर्म तो महसूस कर रही थी लेकिन आनंदित भी हुए जा रही थी क्योंकि पहले भी वह खुलकर राजू से चुदवा चुकी थी,,, कमला चाची की बहू घुटनों तक अपनी साड़ी को उठा चुकी थी और राजूकमला चाची की बहू की आंखों के सामने ही अपनी पहचानो को घुटनों तक खींच कर अपने लंड को पकड़ कर हिलाता हुआ नीचे बैठ गया था यह राजू ने जानबूझकर कमला चाची की बहू को खुलने के लिए किया था औरराजू की यह हरकत कमला चाची की बहू पर पूरा असर कर रही थी वह तुरंत अपनी साड़ी को कमर तक उठाती और राजू की आंखों के सामने चांदनी रात में उसकी हल्की-हल्की बालो से भरी हुई बुर नजर आने लगी,,, जिसे देखकर राजू गरम आहे भरने लगा,,, और कमला चाची की बहू झाड़ियों के पीछे राजू की आंखों के ठीक सामने बैठ गई,,,,।

आहहहह आहहह भाभी क्या मस्त नजारा है मैं तो कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह का नजारा देखने में इतना मजा आता होगा तभी मेरे दोस्त लोग पागल हुए रहते हैं,,,।


(राजू का इतना कहना था कि कमला चाची की बहू मुतने लगीऔर उसके गुलाबी छेद में से मधुर संगीत की धारा टूटने लगी जो कि राजू के कानों में पहुंचते ही राजू पूरी तरह से मस्त होने लगा,,,, कमला चाची की बहू की पेशाब की धारा की तारीफ करते हुए राजू बोला,,,)

वाह वाह भाभी,,, कमाल हो गया जैसा मैंने सोच रखा था उससे भी कहीं ज्यादा मदमस्त कर देने वाला यह नजारा है तुम्हारी बुर से कितनी मस्त मधुर आवाज आ रही है,,, मैं तो सुनकर ही पागल हुआ जा रहा हूं ,,, देखो मेरे लंड की हालत क्या हो रही है,,,(अपने हाथ को अपनी दोनों टांगों के बीच निकालकर अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए बोला कमला चाची की बहू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच खड़े लंड पर गई तो वह एकदम से सिहर उठी,,, उसकी बुर फुदक रही थी,,और उसकी फुदकती हुई बुर से पेशाब की धारा फुट रही थी,,,,जो कि तकरीबन 1 मीटर तक की दूरी तक जा रही थी और जहां पर गिर रही थी वहां से पेशाब की बूंदे झटक कर राजू के पैरों के साथ-साथ उसकी कुछ बूंदें राजू के लंड पर भी कह रही थी जिसे से राजू का लंड और ज्यादा कड़क हुआ जा रहा था,,,, थोड़ी ही देर में शर्माते हुए कमला चाची की बहू सोच करने लगी राजू उसे देखता जा रहा था उसके मदमस्त काम हो तो रूप को देखकर पूरी तरह से मतवाला हुआ जा रहा था वह कमला चाची की बहू को चोदने के फिर हाथ में था वह इतना तो जानता ही था कि कमला चाची की बहू का मन भी इस समय वही कर रहा होगा जैसा कि उसका मन कर रहा है वरना वह इस तरह से उसकी आंखों के सामने बैठ कर सोच ना कर रही होती,,, कमला चाची की बहू शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमा कर बैठी हुई थी,,,राजू अपनी चारों तरफ नजर घुमाकर अपनी जगह से खड़ा हुआ और धीरे-धीरे ठीक कमला चाची की बहू के सामने खड़ा हो गया और दोनों हाथों से उसका सर पकड़ कर अपने लंड के सुपाड़े को बिना हाथ से पकड़े उसकी गोरे गोरे गाल पर रगड़ने लगा,,,कमला चाची की बहू राजू की इस हरकत से एकदम से चौंक गई थी क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी कि राजू अपनी जगह से खड़ा होकर उसके करीब आ जाएगा और इस तरह की हरकत,,, करेगा,,, जिस दिन से राजू उसको चोदकर गया था उस दिन से उसकी बुर एकदम प्यासी थी बिना कोई प्रतिक्रिया दिए कमला चाची की बहुत तुरंत अपने लाल लाल होठों को खोल दी और राजू के अंडे को अपने मुंह में प्रवेश करा दी,,,, उत्तेजना के मारे राजू के मुंह से आह निकल गई,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो गया कमला चाची की बहू झाड़ियों के पीछे थी इसलिए वह बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहे थे और राजू खड़ा होकर कमला चाची की बहू के मुंह में लंड पेल रहा था इसलिए उसके कमर के ऊपर वाला भाग झाड़ियों के पीछे होने के बावजूद भी नजर आ रहा था,,, लेकिन राजू पूरी तरह से निश्चिंत था,, क्योंकि वह जानता था कि यहां कोई आने वाला नहीं है,,,।

कमला चाची की बहू एकदम मस्त हुए जा रही थी राजू का लंड ईतना मोटा था कि उसका पूरा मुंह एकदम खुला का खुला था,,, जिसे कमला चाची की बहू अपना मुंह आगे पीछे करके उसे अंदर तक ले रही थी,,,,,, राजू पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी कमर आगे पीछे करके उसके मुंह को ही चोद रहा था,,,।

ओहहहह भाभी,,,,आहहहहह कितना मस्त चुस्ती हो तुम मुझे एकदम मस्त करती हो भाभी आज मेरा लंड एकदम किस्मत वाला हो गया है कि तुम्हारे मुंह के अंदर है,,,आहहहहह ,,,,आहहहह भाभी ऐसे ही पूरा अंदर तक लो,,,आहहहहहहह,।
(कमला चाची की बहू अपने मुंह से कुछ बोल नहीं रही थी क्योंकि वह अपने मुंह में राजू के लंड को ली हुई थी लेकिन राजू की बातों का पूरा आनंद ले रही थी,,,कुछ देर तक राजू इसी तरह से अपने लंड को कमला चाची की बहू के मुंह में डालकर उसे लसा लसा करता रहा लेकिन अब समय आ गया था कमला चाची की बुर की गर्मी महसूस करने की इसलिए राजू अपने लंड को अमृताची की बहू के मुंह में से बाहर निकाल लिया,,, और उसकी आंखों के सामने ही अपने लंड को जोर-जोर से मुठीयाता हुआ बोला,,,।)


ओहहहह भाभी हम उसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है मैं तुम्हारी बुर में डालना चाहता हूं भाभी,,, घोड़ी बन जाओ भाभी,,,


पागल मत बनो बबुआ कोई देख लेगा तो,,,


कोई नहीं देखेगा भाभी यहां कोई नहीं आने वाला,,,,।

(कमला चाची की बहू का भी मन बहुत तड़प रहा था राजू को अपनी बुर में लेने के लिए,,, इसलिए वह राजू की बात मानते हुए,,, बिना खड़ी हुए ही उसी तरह से घूम गई और तुरंत अपने घुटनों के बल होकर आगे की तरफ झुकते हुए अपनी कोहनी को नरम नरम मिट्टी पर रखते हुए बोली,,,)

देखना बाबू अगर कोई देख लेगा तो तेरी जिम्मेदारी होगी,,,


हां भाभी तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो,,,(ठीक कमला चाची की बहू के पीछे घुटनों के बल बैठते हुए) बस अपनी गांड थोड़ा सा ऊपर उठा लो,,,(और इतना सुनते ही राजू की बात मानते हुए अपनी गोल-गोल गांड को थोड़ा सा ऊपर उठा ली,,)

बस भाभी बस अब देखना तुम्हें कितना मजा देता हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने लंड को कमला चाची की बहू की बुर जो कि पहले से ही एकदम गीली हो चुकी थी उसमें एक झटके में डाल दिया एक हल्की सी चीख कमला चाची की बहू के मुंह से निकली और फिर पूरा का पूरा लंड वह अपनी बुर की गहराई में ले ली एकदम से मस्त हो गई और राजू कमला चाची की बहू की गांड पकड़ कर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया,,,, राजू पहले धक्के से ही अपनी रफ्तार तेज कर दिया था क्योंकि वह काफी उत्तेजित हो चुका था,,, और कमला चाची की बहू हर धक्के के साथ मस्त हो जा रही थी,,,,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक अनजान जवान लड़के से वह इस तरह से खुले मैदान में झाड़ियों के पीछे रात के समय चुदवाएगी,,,,, लेकिन इस तरह से छुप छुप कर चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था इसलिए तो उसकी गरम सिसकारी उसके मुंह से निकल रही थी,,,, लेकिन उसकी गरमा गरम शिसकारी को उस खुले में सुनने वाला इस समय कोई नहीं था,,,,राजू कभी उसकी कमर पकड़ लेता तो कभी उसकी गांड दोनों हाथों से जगा देता तो कभी दोनों हाथों को आगे की तरफ लाकर ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी खरबूजे को हाथों में पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया और इसी बीच में लगातार अपने धक्के लगाता ही जा रहा था ,,,राजू के साथ-साथ कमला चाची की बहू को भी अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था दोनों एकदम मस्त हुए जा रहे थे,,, राजू गहरी गहरी सांस लेता हुआ कमला चाची की बहु को चोद रहा था,,,।

वहीं दूसरी तरफ इस बात से पूरी तरह से अनजान करना चाहती उसी तरफ आ रही थी जहां पर झाड़ियों के पीछे उसकी बहू राजू से चुदवा रही थी कमला चाची पहले ही शौच करने के लिए आ जाती थी लेकिन आज बातों ही बातों में उन्हें देर हो गई थी वह उसी झाड़ियों की तरफ चली आ रही थी जो झाड़ियों के पीछे उसकी बहू एक जवान लड़के से अपना मुंह काला करवा रही थी जिसके साथ वह खुद अपने बदन की गर्मी उम्रदराज होने के बावजूद भी मिटा चुकी थी,,,, जैसे-जैसे कमला चाची और झाड़ियों के करीब आती जा रही थी वैसे वैसे उन्हें पायल और चूड़ियों की खनक ने की आवाज सुनाई दे रही थी और रह-रहकर हंसने की आवाज भी आ रही थी,,,अगर कोई और होता तो शायद भूत प्रेत के बारे में सोच कर वहां से भाग खड़ा होता है लेकिन कमला चाची उम्र दराज थी अनुभव से भरी हुई थी इसलिए वह धीरे-धीरे उस झाड़ियों के करीब आगे बढ़ रही थी,,,,,

कमला चाची के दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी क्योंकि जिस तरह से वह झाड़ियों के बेहद करीब पहुंच चुकी थी झाड़ियों के पीछे से मर्दाना आवाज के साथ साथ औरत के हंसने और खीर खिलाने की आवाज भी आ रही थी और साथ ही गरमा गरम सिसकारी की आवाज भी आ रही थी एक उम्र दराज औरत होने के नाते कमला चाची इस तरह की आवाज को अच्छी तरह से पहचानते थे उन्हें समझते देर नहीं लगेगी झाड़ियों के पीछे चुदाई का खेल चल रहा है लेकिन यह कौन है यह जानने के लिए वह धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी,,,वह दोनों में से किसी की नजर कमला चाची पर ना पड़ जाए इसलिए वह अपनी जगह पर बैठ गई थी और धीरे-धीरे बैठे हुए ही आगे बढ़ रही थी,,,।
थोड़ी ही देर में कमला चाची साड़ी के एकदम पीछे पहुंच गई और अपनी नजर को पर की तरफ उठाकर देखने की कोशिश की तो उसे राजू नजर आ गया जिसे वह अंधेरे में भी पहचान ली उसे समझते देर नहीं लगी कि राजू किसी औरत के लिए रहा है लेकिन किसकी ले रहा है इस बारे में उसे बिल्कुल भी पता नहीं था राजू को इस तरह से चुदाई करता हुआ देखकर पहले तो कमला चाची की बुर में भी चींटीया रेंगने लगी,,,, वही राजू की बातें उसे और ज्यादा चुदवाती कर रही थी,,,।


ओहहह भाभी तुम्हारी बुर बहुत रसीली है पूरे गांव में ऐसी बुर किसी के पास नहीं है,,,,आहहहह बहुत गर्म है,,,

ओहहह बबुआ पूरे गांव की औरतों की चुदाई कर चुके हो क्या सब की बुर के बारे में जानते हो बबुआ,,,,आहहहहह,,,,

इस आवाज को सुनते हैं कमला चाची को झटका सा लगा क्योंकि यह आवाज कमला चाची की बहु से मिलती जुलती थी,,, कमला चाची अपने मन में सोचने के लगी,,,। यह तो मेरी बहू की आवाज है कहीं मेरी बाबू तो,,, नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता वह ऐसा नहीं कर सकती हो तो बहुत सीधी है,,, तभी जो बात उसके कानों में पड़ी उसे सुनते ही उसके होश उड़ गए,,,।


आहहहह आहहहहहह और जोर-जोर से चोद राजु आहहहह तेरा बहुत मोटा और लंबा है राजू मेरे पति का तो बहुत छोटा है और मुझे ठीक से चोद भी नहीं पाते जब से ब्याह करके आई हूं तब से प्यासी थी अच्छा मैं तो मिल गया कि मेरी जवानी की प्यास तुझसे बुझने लगी है,,, वरना मैं प्यासी ही रह जाती,,,


चिंता मत करो भाभी मैं हूं ना जिंदगी भर तुम्हारी बुर की प्यास बुझाता रहूंगा,,,,आहहहह आहहहह तुम्हारी गरम बुर,,,,


आहहहह आहहहहहह जल्दी-जल्दी कर राजु घर पर मा जी मेरा इंतजार कर रही होंगी काफी देर से मैं यहां आई हुं,,,,।
(कमला चाची के तो होश उड़ गए वह अपनी बहू की आवाज को पहचान गई थी,,, वह अपनी बहू को क्या समझ रही थी लेकिन क्या निकली अब उसका चेहरा देखने की भी जरूरत नहीं थी क्योंकि वहां पहचान गई थी अपनी बहू की आवाज को वह समझ गई थी कि राजू इन झाड़ियों के पीछे उसकी बहू की चुदाई कर रहा है,,,,, उसका मन तो कर रहा था कि उसी समय दोनों को रंगे हाथ पकड़ लेगा और राजू और अपनी बहू को दो-दो हाथ जमा दे लेकिन ऐसा करने से उसे कि इस बात का डर था कि कहीं राजू उसका राज भी उसकी बहू के आगे ना खोल दें इस डर से वह दबे पांव पीछे चली गई वह घर चली जाना चाहती थी लेकिन बिना सौच किए घर वापिस जाना मुमकिन नहीं था इसलिए वह दूसरी जगह पर झाड़ियों के पीछे जाकर बैठ गई,,, और कुछ देर बाद कमला चाची राजू और अपनी बहू को दोनों को गांव की तरफ जाते हुए देख रही थी,,,,वह अपने मन में ठान ली थी कि आज घर पर जाकर अपनी बहू की जमकर धुलाई करेगी,,,)
Bohot Hi garma garam or kamuk update Rohny Bhai, kamla ne apni bahu ko range haath pakad liya per kuch na kar payegi, kyu ki wo bhi uska raaz janti hai raju ke to maje ho gaye dono ki ek sath lega wo.
Awesome Update 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💯💯💯💯💯💯💯🔥🔥🔥
 

Vinita

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हाय दैया यह कौन सा शौक तुने पाल लिया है,,,


क्या हुआ भाई इसमें कौन सी बुरी बात है,,,


अरे भला एक औरत को सोच करते हुए कोई देखता है क्या,,?

तब तो तुम एकदम बुद्धू हो भाभी,,, तुम पर कोई भी नहीं जानती हम जैसे जवान लड़के हम जैसे ही क्या बूढ़े लोग भी तुम औरतों को पेशाब करते हुए सोच करते हुए देखने के लिए तड़पते रहते हैं,,,।

चल रहने दे,,,


हां भाभी मैं सच कह रहा हूं तुम नहीं जानती हम लड़कों को तो सबसे ज्यादा मजा तुम औरतों को सोच करते हुए देखने में ही बहुत मजा आता है,,, सच कह रहा हूं भाभी जब तुम औरतें सोच करने के लिए अपनी साड़ी कमर तक उठाती हो तो कमर के नीचे तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड देखकर ही हम लोगों का लंड खड़ा हो जाता है,,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहु उतेजीत हुई जा रही थी और अपने चारों तरफ देख भी ले रही थी,,,,)

क्या,,,? तुम लड़के इतने हरामि हो,,,

इसे हरामीपन थोड़ी कहते हैं भाभी,,,यह तो हम लोगों का तुम लोगों के प्रति आकर्षण दीवानगी है जो तुम्हारे नंगे बदन को देखने के लिए इस कदर तड़पते रहते हैं कि तुम्हें सोच करते हुए देखने के लिए दूर-दूर तक तुम्हारे पीछे-पीछे चले आते हैं,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची के पापा को बहुत मजा आने लगा था आज पहली बार वह औरतों का सोच करने के प्रति लड़कों के सोचने के रवैया को देख रही थी और समझ रही थी वरना उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि औरतो को सौच करते हुए देखने मैं कितना मजा आता है,,, कमला चाची की बहू के मन में है उत्सुकता भी था कि फिर उसके बाद वह लोग क्या करते हैं इसलिए वह बोली,,)

उसके बाद तुम लोग क्या करते हो,,,

भाभी कसम से उसके बाद तो पूछो मत अगर किसी का जुगाड़ होता है तो वह जाकर अपना खाना लेने उसकी बुर में डालकर अपनी सारी गर्मी निकाल देता है और अगर उसके पास से जुगाड़ नहीं है तो अपने हाथ से हिला हिला कर अपना पानी निकाल लेता है,,,।

बाप रे,,(उत्तेजना के मारे अपने सुखते हुए गले को थुक से गिरा करते हुए,,) तुम लड़के इतने ज्यादा गर्म हो जाते हो,,
💥💥💥💥💥 जबरदस्त
 

Jay1990

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हाय दैया यह कौन सा शौक तुने पाल लिया है,,,


क्या हुआ भाई इसमें कौन सी बुरी बात है,,,


अरे भला एक औरत को सोच करते हुए कोई देखता है क्या,,?

तब तो तुम एकदम बुद्धू हो भाभी,,, तुम पर कोई भी नहीं जानती हम जैसे जवान लड़के हम जैसे ही क्या बूढ़े लोग भी तुम औरतों को पेशाब करते हुए सोच करते हुए देखने के लिए तड़पते रहते हैं,,,।

चल रहने दे,,,


हां भाभी मैं सच कह रहा हूं तुम नहीं जानती हम लड़कों को तो सबसे ज्यादा मजा तुम औरतों को सोच करते हुए देखने में ही बहुत मजा आता है,,, सच कह रहा हूं भाभी जब तुम औरतें सोच करने के लिए अपनी साड़ी कमर तक उठाती हो तो कमर के नीचे तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड देखकर ही हम लोगों का लंड खड़ा हो जाता है,,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहु उतेजीत हुई जा रही थी और अपने चारों तरफ देख भी ले रही थी,,,,)

क्या,,,? तुम लड़के इतने हरामि हो,,,

इसे हरामीपन थोड़ी कहते हैं भाभी,,,यह तो हम लोगों का तुम लोगों के प्रति आकर्षण दीवानगी है जो तुम्हारे नंगे बदन को देखने के लिए इस कदर तड़पते रहते हैं कि तुम्हें सोच करते हुए देखने के लिए दूर-दूर तक तुम्हारे पीछे-पीछे चले आते हैं,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची के पापा को बहुत मजा आने लगा था आज पहली बार वह औरतों का सोच करने के प्रति लड़कों के सोचने के रवैया को देख रही थी और समझ रही थी वरना उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि औरतो को सौच करते हुए देखने मैं कितना मजा आता है,,, कमला चाची की बहू के मन में है उत्सुकता भी था कि फिर उसके बाद वह लोग क्या करते हैं इसलिए वह बोली,,)

उसके बाद तुम लोग क्या करते हो,,,

भाभी कसम से उसके बाद तो पूछो मत अगर किसी का जुगाड़ होता है तो वह जाकर अपना खाना लेने उसकी बुर में डालकर अपनी सारी गर्मी निकाल देता है और अगर उसके पास से जुगाड़ नहीं है तो अपने हाथ से हिला हिला कर अपना पानी निकाल लेता है,,,।

बाप रे,,(उत्तेजना के मारे अपने सुखते हुए गले को थुक से गिरा करते हुए,,) तुम लड़के इतने ज्यादा गर्म हो जाते हो,,
💥💥💥💥💥 जबरदस्त
Ek no jabardast 🌹🌹🌹👌👌👌
 

Ek number

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शाम ढल चुकी थी वातावरण में अंधेरा का प्रवाह बढ़ता जा रहा था चारों तरफ अंधेरा छा रहा था ऐसे में गांव की औरतें सोच करने के लिए नदी के किनारे जंगली झाड़ियों वाली जगह पर जाती थी,,,अनजाने में ही राजू की नजर कमला चाची की बहू पर पड़ गई थी जो कि सोच करने के लिए ही उसी दिशा में जा रही थी राजू अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देखने के बाद,,, बड़ी तसल्ली के साथ कमला चाची की बहू के पीछे पीछे जाने लगा,,,,,, बड़े दिनों बाद वह कमला चाची की बहू की मुलाकात करने के लिए जा रहा था नवी नवेली दुल्हन की बुर चोद कर वह भी अपने आप को बड़ा भाग्यशाली समझता था,,,,,,कमला चाची के साथ-साथ कमला चाची की बहू की चुदाई कर लेने के बाद राजू पूरी तरह से उस परिवार में खुल चुका था हालांकि अभी तक राजू को इस बात का पता नहीं था कि कमला चाची की बहू,,, उसके और कमला चाची के बीच के संबंध के बारे में जानती हैं,,,।

राजू अपनी ही दोनों में कमला चाची की बहू के पीछे पीछे जाने लगा क्योंकि वह कमला चाची की बहू को मैदान में ही चोदने का इरादा बना चुका था और वैसे भी कमला चाची की बहू उसे इनकार करने वाली नहीं थी क्योंकि राजू ने उसे जो सुख दिया था वह सुख उसके पति ने अभी तक उसे नहीं दे पाया था,,,,,,, गांव से थोड़ा दूर निकलने के बाद चारों तरफ नजर घुमाकर देख लेने के बाद जब राजू को तसल्ली हो गई कि कोई भी देख नहीं रहा है तो वह चलते-चलते पीछे से आवाज लगाता हुआ बोला,,,।

कहां जा रही हो भाभी,,,
(पीछे से आई आवाज को सुनकर पहले तो कमला चाची की बात एकदम से चौंक गई लेकिन पीछे नजर घुमाकर देखने के बाद जब उसे तसल्ली हो गई कि उसे आवाज लगाने वाला और कोई नहीं राजू है तो उसकी जान में जान आई और उसके होठों पर मुस्कान तैरने लगी,,,राजू के साथ चुड़वा लेने के बाद वह भी राजू के साथ थोड़ी बेशर्म बन चुकी थी इसलिए चलते हुए ही हाथ में लिया हुआ लोटा राजू को दिखाते हुए बोली,,,)

देख नहीं रही हो बबुआ कहां जा रही हूं,,,


देख तो रहा हूं भाभी,,,

तुम्हें भी साथ साथ चलना है क्या,,?

तभी तो तुम्हारे पीछे पीछे आया हूं,,,

ओहहह तो यह बात है मतलब काफी देर से मेरा पीछा कर रहे हो,,,,


हां इसी इंतजार में कि कब गांव वालों की नजरों से दूर तुम्हें अपनी बाहों में भरकर तुम्हें ढेर सारा प्यार करूं,,,(इतना कहते हुए राजू कमला चाची की बहू के एकदम बगल में आ गया और उसकी उभरी हुई गांड पर हाथ रख दिया अपनी गांड पर राजू का हाथ महसूस करते ही कमला चाची की बहु‌ उतेजना से सिहर उठी,,,)

ससहहहह आहबहह क्या करते हो बबुआ कोई देख लेगा तो,,,,

कोई नहीं देख रहा है भाभी तभी तो तुम्हारी गांड पर हाथ रखा हूं,,,, मेरे समाज के उंच नीच को अच्छी तरह से जानता हूं मुझे तुम्हारी इज्जत का उतना ही ख्याल है जितना कि तुम्हें,,,,,,


हां जानती हूं तुम्हें मेरी इज्जत का बहुत ख्याल है तभी मेरी इज्जत अपने हाथों से लूट चुके हो,,,

उसे लूटना थोड़ी कहते हैं भाभी,,,


तो किसे कहते हैं,,,


वह तो तुम अपनी मर्जी से अपनी बुर मुझे दे दी थी अगर वही तुम्हारी बुर में जबरदस्ती से लेता तो उसे लूटना कहते ,,।
(राजू के मुंह से बुरा शब्द सुनकर कमला चाची की बहू की दोनों टांगों के बीच चींटीया रंगने लगी,,,कमलेश आशिकी प्रभु अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है क्योंकि इस तरह से अगर किसी की नजर उन दोनों पर पड़ गई तो गांव में बदनामी हो जाएगी इसलिए कमला चाची की बहू मन होने के बावजूद भी इस समय उस से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से बोली,,,)

चलो बबुआ कोई बात नहीं हम दोनों की मर्जी थी सो हो गया लेकिन यहां मेरा पीछा क्यों कर रहे हो कोई देख लेगा तो बदनामी हो जाएगी,,,,।(ऊंची नीची पगडंडी पर संभालकर पैर रखते हुए कमला चाची की बहु बोली ,,)

कोई नहीं देख रहा है भाभी तुम खामखा डरती हो मैं तो आज तुम्हें सोच करते हुए देखना चाहता हूं,,,।

हाय दैया यह कौन सा शौक तुने पाल लिया है,,,


क्या हुआ भाई इसमें कौन सी बुरी बात है,,,


अरे भला एक औरत को सोच करते हुए कोई देखता है क्या,,?

तब तो तुम एकदम बुद्धू हो भाभी,,, तुम पर कोई भी नहीं जानती हम जैसे जवान लड़के हम जैसे ही क्या बूढ़े लोग भी तुम औरतों को पेशाब करते हुए सोच करते हुए देखने के लिए तड़पते रहते हैं,,,।

चल रहने दे,,,


हां भाभी मैं सच कह रहा हूं तुम नहीं जानती हम लड़कों को तो सबसे ज्यादा मजा तुम औरतों को सोच करते हुए देखने में ही बहुत मजा आता है,,, सच कह रहा हूं भाभी जब तुम औरतें सोच करने के लिए अपनी साड़ी कमर तक उठाती हो तो कमर के नीचे तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड देखकर ही हम लोगों का लंड खड़ा हो जाता है,,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहु उतेजीत हुई जा रही थी और अपने चारों तरफ देख भी ले रही थी,,,,)

क्या,,,? तुम लड़के इतने हरामि हो,,,

इसे हरामीपन थोड़ी कहते हैं भाभी,,,यह तो हम लोगों का तुम लोगों के प्रति आकर्षण दीवानगी है जो तुम्हारे नंगे बदन को देखने के लिए इस कदर तड़पते रहते हैं कि तुम्हें सोच करते हुए देखने के लिए दूर-दूर तक तुम्हारे पीछे-पीछे चले आते हैं,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची के पापा को बहुत मजा आने लगा था आज पहली बार वह औरतों का सोच करने के प्रति लड़कों के सोचने के रवैया को देख रही थी और समझ रही थी वरना उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि औरतो को सौच करते हुए देखने मैं कितना मजा आता है,,, कमला चाची की बहू के मन में है उत्सुकता भी था कि फिर उसके बाद वह लोग क्या करते हैं इसलिए वह बोली,,)

उसके बाद तुम लोग क्या करते हो,,,

भाभी कसम से उसके बाद तो पूछो मत अगर किसी का जुगाड़ होता है तो वह जाकर अपना खाना लेने उसकी बुर में डालकर अपनी सारी गर्मी निकाल देता है और अगर उसके पास से जुगाड़ नहीं है तो अपने हाथ से हिला हिला कर अपना पानी निकाल लेता है,,,।

बाप रे,,(उत्तेजना के मारे अपने सुखते हुए गले को थुक से गिरा करते हुए,,) तुम लड़के इतने ज्यादा गर्म हो जाते हो,,,


तो क्या भाभी पूछो मत तुमसे बात करते हो मैं तुम्हें सोच करते हुए सिर्फ कल्पना करके ही देखो मेरा लंड कितना खड़ा हो गया है,,,(कमला चाची की बहू का हाथ झट से पकड़ कर अपने पजामे के ऊपर से ही लंड पर रखते हुए,,) पकड़ो ठीक से,,,,।

(राजू की हरकत से कमला चाची पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी पजामे के ऊपर से ही राज्यों के खड़े लंड को महसूस करते ही कमरा चाची की बहू की बुर से मदन रस की बूंद टपक पड़ी और वह अपनी हथेली में पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को जोर से पकड़ कर तुरंत छोड़ दी,,,काफी दिन हो गए थे राजू के लंड को अपनी बुर में लिए हुए इसलिए उसका मन पूरी तरह से मचल उठा था चुदवाने के लिए,,,)

बाप रे राजू,,, तेरा तो एकदम खड़ा हो गया है बबुआ,,,


क्या करूं भाभी तुम्हारी जैसी जवान औरत इतने करीब खड़ी हो और वह भी सोच करने के लिए जा रही हो तो भला मेरे जैसी जवान लड़के का क्या हाल होगा,,,।

(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहू मन ही मन मुस्कुरा रही थी और उत्तेजित भी हो रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वहां क्या करें अंधेरे का फायदा उठाने का उसका मन भी कर रहा था लेकिन किसी के देखे जाने का डर भी उसे सता रहा था,,राजू के खड़े लंड को अपनी हथेली में दबाकर वह अपनी बुर की प्यास को और ज्यादा बढ़ा दी थी,,,,कमला चाची की बहू उस स्थान पर पहुंच चुकी थी जहां पर रोज बार सोच किया करती थी चारों तरफ छोटी-छोटी जंगली झाड़िया थी जिसकी आड़ में बैठकर वह सोच करती थी और किसी के भी देखे जाने का डर बिल्कुल भी नहीं था,,,, वहां पर पहुंचकर कमला चाची की बहू हाथ में लोटा लिए खड़ी हो गई थी,,,, राजू कमला चाची की बहू की बुर का स्वाद ले चुका था फिर भी इस अवस्था में देखकर राजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था अगर उसकी जगह कोई और लड़का होता तो शायद इस हालत में देखकर जबकि वह सिर्फ हाथ में लोटा लेकर खड़ी थी और इस अवस्था में देखकर कोई भी मर्द कल्पना करते हुए अपने हाथों से ही हीला कर पानी निकाल देता,,,,,।
कमला चाची की बहू जहां पर खड़ी थी वही 2 फुट की दूरी पर राजू ठीक उसके सामने खड़ा था उसके पैजामा में तंबू बना हुआ था जिसे कमला चाची की बहू अंधेरा होने के बावजूद भी बड़े आराम से देख पा रही थी क्योंकि आसमान में तारे छिटके हुए थे हो चांदनी रात थी,,,, कमला चाची की बहू की बुर पानी पानी हो रही थी वह अभी भी बार-बार अपने चारों तरफ देख ले रही थी उसे शर्म महसूस हो रही थी राजू के सामने वह कैसे बैठकर सोच करेगी इस बारे में सोच कर ही परेशान हो रही थी,,,।)


क्या हुआ भाभी बैठो ना,,,मैं आज तुम्हारा एक नया रूप देखना चाहता हूं मैंने आज तक किसी औरत को इस अवस्था में नहीं देखा,,,,

अभी अभी तो तू बोल रहा था कि हम औरतों को शौच करते हुए देखकर तुम्हें बहुत मजा आता है,,,


हां यह बात सच है भाभी लेकिन मैंने आज तक नहीं देखा हूं यह तो मेरा दोस्त बता रहा था,,,, इसीलिए तो एक नहीं अनुभव के लिए मैं तुम्हारे पास आया हूं,,,।

राजू पागल मत बन बबुआ ,,, तेरे सामने में कैसे,,,,


अरे कोई बात नहीं भाभी हो जाएगा तुम बैठो तो सही,,,।

(कमला चाची की बहू का भी मन कर रहा था लेकिन उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी राजू की बात मानते हैं वह अपनी चारों तरफ नजर घुमाकर देखी नहीं कहीं कोई नजर नहीं आ रहा था इसलिए वह राजू से बोली,,)


देख राजू तु थोड़ा दूर बैठना,,, मेरे एकदम करीब मत आ जाना मुझे शर्म आ रही है,,,


क्या भाभी तुम भी मेरे से तो शर्म करने की तुम्हें कोई भी जरूरत नहीं है क्योंकि मैं तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर चोदा चुका हूं,,,।
(राजू एकदम बेशर्मी भरे शब्दों में बोला और उसके यही बेशर्मी भरे शब्दों को सुनकर कमला चाची की बहू शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी इसलिए बिना कुछ बोले अपनी साड़ी को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाने लगी और चारों तरफ नजर घुमाकर देखने भी लगी,,, राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था शाम के समय ही वह अपनी मां को चोदते चोदते रह गया था इसलिए उस पल की गर्मी अभी भी उसके बदन में बरकरार थी,,, राजू की नजर कमला चाची कि दोनों टांगों के बीच भी टिकी हुई थी वह सिर्फ साड़ी के उठने का इंतजार कर रहा था और कमला चाची की तो हो राजू की आंखों के सामने साड़ी उठाने में शर्म तो महसूस कर रही थी लेकिन आनंदित भी हुए जा रही थी क्योंकि पहले भी वह खुलकर राजू से चुदवा चुकी थी,,, कमला चाची की बहू घुटनों तक अपनी साड़ी को उठा चुकी थी और राजूकमला चाची की बहू की आंखों के सामने ही अपनी पहचानो को घुटनों तक खींच कर अपने लंड को पकड़ कर हिलाता हुआ नीचे बैठ गया था यह राजू ने जानबूझकर कमला चाची की बहू को खुलने के लिए किया था औरराजू की यह हरकत कमला चाची की बहू पर पूरा असर कर रही थी वह तुरंत अपनी साड़ी को कमर तक उठाती और राजू की आंखों के सामने चांदनी रात में उसकी हल्की-हल्की बालो से भरी हुई बुर नजर आने लगी,,, जिसे देखकर राजू गरम आहे भरने लगा,,, और कमला चाची की बहू झाड़ियों के पीछे राजू की आंखों के ठीक सामने बैठ गई,,,,।

आहहहह आहहह भाभी क्या मस्त नजारा है मैं तो कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह का नजारा देखने में इतना मजा आता होगा तभी मेरे दोस्त लोग पागल हुए रहते हैं,,,।


(राजू का इतना कहना था कि कमला चाची की बहू मुतने लगीऔर उसके गुलाबी छेद में से मधुर संगीत की धारा टूटने लगी जो कि राजू के कानों में पहुंचते ही राजू पूरी तरह से मस्त होने लगा,,,, कमला चाची की बहू की पेशाब की धारा की तारीफ करते हुए राजू बोला,,,)

वाह वाह भाभी,,, कमाल हो गया जैसा मैंने सोच रखा था उससे भी कहीं ज्यादा मदमस्त कर देने वाला यह नजारा है तुम्हारी बुर से कितनी मस्त मधुर आवाज आ रही है,,, मैं तो सुनकर ही पागल हुआ जा रहा हूं ,,, देखो मेरे लंड की हालत क्या हो रही है,,,(अपने हाथ को अपनी दोनों टांगों के बीच निकालकर अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए बोला कमला चाची की बहू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच खड़े लंड पर गई तो वह एकदम से सिहर उठी,,, उसकी बुर फुदक रही थी,,और उसकी फुदकती हुई बुर से पेशाब की धारा फुट रही थी,,,,जो कि तकरीबन 1 मीटर तक की दूरी तक जा रही थी और जहां पर गिर रही थी वहां से पेशाब की बूंदे झटक कर राजू के पैरों के साथ-साथ उसकी कुछ बूंदें राजू के लंड पर भी कह रही थी जिसे से राजू का लंड और ज्यादा कड़क हुआ जा रहा था,,,, थोड़ी ही देर में शर्माते हुए कमला चाची की बहू सोच करने लगी राजू उसे देखता जा रहा था उसके मदमस्त काम हो तो रूप को देखकर पूरी तरह से मतवाला हुआ जा रहा था वह कमला चाची की बहू को चोदने के फिर हाथ में था वह इतना तो जानता ही था कि कमला चाची की बहू का मन भी इस समय वही कर रहा होगा जैसा कि उसका मन कर रहा है वरना वह इस तरह से उसकी आंखों के सामने बैठ कर सोच ना कर रही होती,,, कमला चाची की बहू शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमा कर बैठी हुई थी,,,राजू अपनी चारों तरफ नजर घुमाकर अपनी जगह से खड़ा हुआ और धीरे-धीरे ठीक कमला चाची की बहू के सामने खड़ा हो गया और दोनों हाथों से उसका सर पकड़ कर अपने लंड के सुपाड़े को बिना हाथ से पकड़े उसकी गोरे गोरे गाल पर रगड़ने लगा,,,कमला चाची की बहू राजू की इस हरकत से एकदम से चौंक गई थी क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी कि राजू अपनी जगह से खड़ा होकर उसके करीब आ जाएगा और इस तरह की हरकत,,, करेगा,,, जिस दिन से राजू उसको चोदकर गया था उस दिन से उसकी बुर एकदम प्यासी थी बिना कोई प्रतिक्रिया दिए कमला चाची की बहुत तुरंत अपने लाल लाल होठों को खोल दी और राजू के अंडे को अपने मुंह में प्रवेश करा दी,,,, उत्तेजना के मारे राजू के मुंह से आह निकल गई,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो गया कमला चाची की बहू झाड़ियों के पीछे थी इसलिए वह बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहे थे और राजू खड़ा होकर कमला चाची की बहू के मुंह में लंड पेल रहा था इसलिए उसके कमर के ऊपर वाला भाग झाड़ियों के पीछे होने के बावजूद भी नजर आ रहा था,,, लेकिन राजू पूरी तरह से निश्चिंत था,, क्योंकि वह जानता था कि यहां कोई आने वाला नहीं है,,,।

कमला चाची की बहू एकदम मस्त हुए जा रही थी राजू का लंड ईतना मोटा था कि उसका पूरा मुंह एकदम खुला का खुला था,,, जिसे कमला चाची की बहू अपना मुंह आगे पीछे करके उसे अंदर तक ले रही थी,,,,,, राजू पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी कमर आगे पीछे करके उसके मुंह को ही चोद रहा था,,,।

ओहहहह भाभी,,,,आहहहहह कितना मस्त चुस्ती हो तुम मुझे एकदम मस्त करती हो भाभी आज मेरा लंड एकदम किस्मत वाला हो गया है कि तुम्हारे मुंह के अंदर है,,,आहहहहह ,,,,आहहहह भाभी ऐसे ही पूरा अंदर तक लो,,,आहहहहहहह,।
(कमला चाची की बहू अपने मुंह से कुछ बोल नहीं रही थी क्योंकि वह अपने मुंह में राजू के लंड को ली हुई थी लेकिन राजू की बातों का पूरा आनंद ले रही थी,,,कुछ देर तक राजू इसी तरह से अपने लंड को कमला चाची की बहू के मुंह में डालकर उसे लसा लसा करता रहा लेकिन अब समय आ गया था कमला चाची की बुर की गर्मी महसूस करने की इसलिए राजू अपने लंड को अमृताची की बहू के मुंह में से बाहर निकाल लिया,,, और उसकी आंखों के सामने ही अपने लंड को जोर-जोर से मुठीयाता हुआ बोला,,,।)


ओहहहह भाभी हम उसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है मैं तुम्हारी बुर में डालना चाहता हूं भाभी,,, घोड़ी बन जाओ भाभी,,,


पागल मत बनो बबुआ कोई देख लेगा तो,,,


कोई नहीं देखेगा भाभी यहां कोई नहीं आने वाला,,,,।

(कमला चाची की बहू का भी मन बहुत तड़प रहा था राजू को अपनी बुर में लेने के लिए,,, इसलिए वह राजू की बात मानते हुए,,, बिना खड़ी हुए ही उसी तरह से घूम गई और तुरंत अपने घुटनों के बल होकर आगे की तरफ झुकते हुए अपनी कोहनी को नरम नरम मिट्टी पर रखते हुए बोली,,,)

देखना बाबू अगर कोई देख लेगा तो तेरी जिम्मेदारी होगी,,,


हां भाभी तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो,,,(ठीक कमला चाची की बहू के पीछे घुटनों के बल बैठते हुए) बस अपनी गांड थोड़ा सा ऊपर उठा लो,,,(और इतना सुनते ही राजू की बात मानते हुए अपनी गोल-गोल गांड को थोड़ा सा ऊपर उठा ली,,)

बस भाभी बस अब देखना तुम्हें कितना मजा देता हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने लंड को कमला चाची की बहू की बुर जो कि पहले से ही एकदम गीली हो चुकी थी उसमें एक झटके में डाल दिया एक हल्की सी चीख कमला चाची की बहू के मुंह से निकली और फिर पूरा का पूरा लंड वह अपनी बुर की गहराई में ले ली एकदम से मस्त हो गई और राजू कमला चाची की बहू की गांड पकड़ कर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया,,,, राजू पहले धक्के से ही अपनी रफ्तार तेज कर दिया था क्योंकि वह काफी उत्तेजित हो चुका था,,, और कमला चाची की बहू हर धक्के के साथ मस्त हो जा रही थी,,,,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक अनजान जवान लड़के से वह इस तरह से खुले मैदान में झाड़ियों के पीछे रात के समय चुदवाएगी,,,,, लेकिन इस तरह से छुप छुप कर चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था इसलिए तो उसकी गरम सिसकारी उसके मुंह से निकल रही थी,,,, लेकिन उसकी गरमा गरम शिसकारी को उस खुले में सुनने वाला इस समय कोई नहीं था,,,,राजू कभी उसकी कमर पकड़ लेता तो कभी उसकी गांड दोनों हाथों से जगा देता तो कभी दोनों हाथों को आगे की तरफ लाकर ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी खरबूजे को हाथों में पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया और इसी बीच में लगातार अपने धक्के लगाता ही जा रहा था ,,,राजू के साथ-साथ कमला चाची की बहू को भी अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था दोनों एकदम मस्त हुए जा रहे थे,,, राजू गहरी गहरी सांस लेता हुआ कमला चाची की बहु को चोद रहा था,,,।

वहीं दूसरी तरफ इस बात से पूरी तरह से अनजान करना चाहती उसी तरफ आ रही थी जहां पर झाड़ियों के पीछे उसकी बहू राजू से चुदवा रही थी कमला चाची पहले ही शौच करने के लिए आ जाती थी लेकिन आज बातों ही बातों में उन्हें देर हो गई थी वह उसी झाड़ियों की तरफ चली आ रही थी जो झाड़ियों के पीछे उसकी बहू एक जवान लड़के से अपना मुंह काला करवा रही थी जिसके साथ वह खुद अपने बदन की गर्मी उम्रदराज होने के बावजूद भी मिटा चुकी थी,,,, जैसे-जैसे कमला चाची और झाड़ियों के करीब आती जा रही थी वैसे वैसे उन्हें पायल और चूड़ियों की खनक ने की आवाज सुनाई दे रही थी और रह-रहकर हंसने की आवाज भी आ रही थी,,,अगर कोई और होता तो शायद भूत प्रेत के बारे में सोच कर वहां से भाग खड़ा होता है लेकिन कमला चाची उम्र दराज थी अनुभव से भरी हुई थी इसलिए वह धीरे-धीरे उस झाड़ियों के करीब आगे बढ़ रही थी,,,,,

कमला चाची के दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी क्योंकि जिस तरह से वह झाड़ियों के बेहद करीब पहुंच चुकी थी झाड़ियों के पीछे से मर्दाना आवाज के साथ साथ औरत के हंसने और खीर खिलाने की आवाज भी आ रही थी और साथ ही गरमा गरम सिसकारी की आवाज भी आ रही थी एक उम्र दराज औरत होने के नाते कमला चाची इस तरह की आवाज को अच्छी तरह से पहचानते थे उन्हें समझते देर नहीं लगेगी झाड़ियों के पीछे चुदाई का खेल चल रहा है लेकिन यह कौन है यह जानने के लिए वह धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी,,,वह दोनों में से किसी की नजर कमला चाची पर ना पड़ जाए इसलिए वह अपनी जगह पर बैठ गई थी और धीरे-धीरे बैठे हुए ही आगे बढ़ रही थी,,,।
थोड़ी ही देर में कमला चाची साड़ी के एकदम पीछे पहुंच गई और अपनी नजर को पर की तरफ उठाकर देखने की कोशिश की तो उसे राजू नजर आ गया जिसे वह अंधेरे में भी पहचान ली उसे समझते देर नहीं लगी कि राजू किसी औरत के लिए रहा है लेकिन किसकी ले रहा है इस बारे में उसे बिल्कुल भी पता नहीं था राजू को इस तरह से चुदाई करता हुआ देखकर पहले तो कमला चाची की बुर में भी चींटीया रेंगने लगी,,,, वही राजू की बातें उसे और ज्यादा चुदवाती कर रही थी,,,।


ओहहह भाभी तुम्हारी बुर बहुत रसीली है पूरे गांव में ऐसी बुर किसी के पास नहीं है,,,,आहहहह बहुत गर्म है,,,

ओहहह बबुआ पूरे गांव की औरतों की चुदाई कर चुके हो क्या सब की बुर के बारे में जानते हो बबुआ,,,,आहहहहह,,,,

इस आवाज को सुनते हैं कमला चाची को झटका सा लगा क्योंकि यह आवाज कमला चाची की बहु से मिलती जुलती थी,,, कमला चाची अपने मन में सोचने के लगी,,,। यह तो मेरी बहू की आवाज है कहीं मेरी बाबू तो,,, नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता वह ऐसा नहीं कर सकती हो तो बहुत सीधी है,,, तभी जो बात उसके कानों में पड़ी उसे सुनते ही उसके होश उड़ गए,,,।


आहहहह आहहहहहह और जोर-जोर से चोद राजु आहहहह तेरा बहुत मोटा और लंबा है राजू मेरे पति का तो बहुत छोटा है और मुझे ठीक से चोद भी नहीं पाते जब से ब्याह करके आई हूं तब से प्यासी थी अच्छा मैं तो मिल गया कि मेरी जवानी की प्यास तुझसे बुझने लगी है,,, वरना मैं प्यासी ही रह जाती,,,


चिंता मत करो भाभी मैं हूं ना जिंदगी भर तुम्हारी बुर की प्यास बुझाता रहूंगा,,,,आहहहह आहहहह तुम्हारी गरम बुर,,,,


आहहहह आहहहहहह जल्दी-जल्दी कर राजु घर पर मा जी मेरा इंतजार कर रही होंगी काफी देर से मैं यहां आई हुं,,,,।
(कमला चाची के तो होश उड़ गए वह अपनी बहू की आवाज को पहचान गई थी,,, वह अपनी बहू को क्या समझ रही थी लेकिन क्या निकली अब उसका चेहरा देखने की भी जरूरत नहीं थी क्योंकि वहां पहचान गई थी अपनी बहू की आवाज को वह समझ गई थी कि राजू इन झाड़ियों के पीछे उसकी बहू की चुदाई कर रहा है,,,,, उसका मन तो कर रहा था कि उसी समय दोनों को रंगे हाथ पकड़ लेगा और राजू और अपनी बहू को दो-दो हाथ जमा दे लेकिन ऐसा करने से उसे कि इस बात का डर था कि कहीं राजू उसका राज भी उसकी बहू के आगे ना खोल दें इस डर से वह दबे पांव पीछे चली गई वह घर चली जाना चाहती थी लेकिन बिना सौच किए घर वापिस जाना मुमकिन नहीं था इसलिए वह दूसरी जगह पर झाड़ियों के पीछे जाकर बैठ गई,,, और कुछ देर बाद कमला चाची राजू और अपनी बहू को दोनों को गांव की तरफ जाते हुए देख रही थी,,,,वह अपने मन में ठान ली थी कि आज घर पर जाकर अपनी बहू की जमकर धुलाई करेगी,,,)
Behtreen update
 

rohnny4545

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हाय दैया यह कौन सा शौक तुने पाल लिया है,,,


क्या हुआ भाई इसमें कौन सी बुरी बात है,,,


अरे भला एक औरत को सोच करते हुए कोई देखता है क्या,,?

तब तो तुम एकदम बुद्धू हो भाभी,,, तुम पर कोई भी नहीं जानती हम जैसे जवान लड़के हम जैसे ही क्या बूढ़े लोग भी तुम औरतों को पेशाब करते हुए सोच करते हुए देखने के लिए तड़पते रहते हैं,,,।

चल रहने दे,,,


हां भाभी मैं सच कह रहा हूं तुम नहीं जानती हम लड़कों को तो सबसे ज्यादा मजा तुम औरतों को सोच करते हुए देखने में ही बहुत मजा आता है,,, सच कह रहा हूं भाभी जब तुम औरतें सोच करने के लिए अपनी साड़ी कमर तक उठाती हो तो कमर के नीचे तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड देखकर ही हम लोगों का लंड खड़ा हो जाता है,,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहु उतेजीत हुई जा रही थी और अपने चारों तरफ देख भी ले रही थी,,,,)

क्या,,,? तुम लड़के इतने हरामि हो,,,

इसे हरामीपन थोड़ी कहते हैं भाभी,,,यह तो हम लोगों का तुम लोगों के प्रति आकर्षण दीवानगी है जो तुम्हारे नंगे बदन को देखने के लिए इस कदर तड़पते रहते हैं कि तुम्हें सोच करते हुए देखने के लिए दूर-दूर तक तुम्हारे पीछे-पीछे चले आते हैं,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची के पापा को बहुत मजा आने लगा था आज पहली बार वह औरतों का सोच करने के प्रति लड़कों के सोचने के रवैया को देख रही थी और समझ रही थी वरना उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि औरतो को सौच करते हुए देखने मैं कितना मजा आता है,,, कमला चाची की बहू के मन में है उत्सुकता भी था कि फिर उसके बाद वह लोग क्या करते हैं इसलिए वह बोली,,)

उसके बाद तुम लोग क्या करते हो,,,

भाभी कसम से उसके बाद तो पूछो मत अगर किसी का जुगाड़ होता है तो वह जाकर अपना खाना लेने उसकी बुर में डालकर अपनी सारी गर्मी निकाल देता है और अगर उसके पास से जुगाड़ नहीं है तो अपने हाथ से हिला हिला कर अपना पानी निकाल लेता है,,,।

बाप रे,,(उत्तेजना के मारे अपने सुखते हुए गले को थुक से गिरा करते हुए,,) तुम लड़के इतने ज्यादा गर्म हो जाते हो,,
💥💥💥💥💥 जबरदस्त
Lajawab
 

Luckyloda

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शाम ढल चुकी थी वातावरण में अंधेरा का प्रवाह बढ़ता जा रहा था चारों तरफ अंधेरा छा रहा था ऐसे में गांव की औरतें सोच करने के लिए नदी के किनारे जंगली झाड़ियों वाली जगह पर जाती थी,,,अनजाने में ही राजू की नजर कमला चाची की बहू पर पड़ गई थी जो कि सोच करने के लिए ही उसी दिशा में जा रही थी राजू अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देखने के बाद,,, बड़ी तसल्ली के साथ कमला चाची की बहू के पीछे पीछे जाने लगा,,,,,, बड़े दिनों बाद वह कमला चाची की बहू की मुलाकात करने के लिए जा रहा था नवी नवेली दुल्हन की बुर चोद कर वह भी अपने आप को बड़ा भाग्यशाली समझता था,,,,,,कमला चाची के साथ-साथ कमला चाची की बहू की चुदाई कर लेने के बाद राजू पूरी तरह से उस परिवार में खुल चुका था हालांकि अभी तक राजू को इस बात का पता नहीं था कि कमला चाची की बहू,,, उसके और कमला चाची के बीच के संबंध के बारे में जानती हैं,,,।

राजू अपनी ही दोनों में कमला चाची की बहू के पीछे पीछे जाने लगा क्योंकि वह कमला चाची की बहू को मैदान में ही चोदने का इरादा बना चुका था और वैसे भी कमला चाची की बहू उसे इनकार करने वाली नहीं थी क्योंकि राजू ने उसे जो सुख दिया था वह सुख उसके पति ने अभी तक उसे नहीं दे पाया था,,,,,,, गांव से थोड़ा दूर निकलने के बाद चारों तरफ नजर घुमाकर देख लेने के बाद जब राजू को तसल्ली हो गई कि कोई भी देख नहीं रहा है तो वह चलते-चलते पीछे से आवाज लगाता हुआ बोला,,,।

कहां जा रही हो भाभी,,,
(पीछे से आई आवाज को सुनकर पहले तो कमला चाची की बात एकदम से चौंक गई लेकिन पीछे नजर घुमाकर देखने के बाद जब उसे तसल्ली हो गई कि उसे आवाज लगाने वाला और कोई नहीं राजू है तो उसकी जान में जान आई और उसके होठों पर मुस्कान तैरने लगी,,,राजू के साथ चुड़वा लेने के बाद वह भी राजू के साथ थोड़ी बेशर्म बन चुकी थी इसलिए चलते हुए ही हाथ में लिया हुआ लोटा राजू को दिखाते हुए बोली,,,)

देख नहीं रही हो बबुआ कहां जा रही हूं,,,


देख तो रहा हूं भाभी,,,

तुम्हें भी साथ साथ चलना है क्या,,?

तभी तो तुम्हारे पीछे पीछे आया हूं,,,

ओहहह तो यह बात है मतलब काफी देर से मेरा पीछा कर रहे हो,,,,


हां इसी इंतजार में कि कब गांव वालों की नजरों से दूर तुम्हें अपनी बाहों में भरकर तुम्हें ढेर सारा प्यार करूं,,,(इतना कहते हुए राजू कमला चाची की बहू के एकदम बगल में आ गया और उसकी उभरी हुई गांड पर हाथ रख दिया अपनी गांड पर राजू का हाथ महसूस करते ही कमला चाची की बहु‌ उतेजना से सिहर उठी,,,)

ससहहहह आहबहह क्या करते हो बबुआ कोई देख लेगा तो,,,,

कोई नहीं देख रहा है भाभी तभी तो तुम्हारी गांड पर हाथ रखा हूं,,,, मेरे समाज के उंच नीच को अच्छी तरह से जानता हूं मुझे तुम्हारी इज्जत का उतना ही ख्याल है जितना कि तुम्हें,,,,,,


हां जानती हूं तुम्हें मेरी इज्जत का बहुत ख्याल है तभी मेरी इज्जत अपने हाथों से लूट चुके हो,,,

उसे लूटना थोड़ी कहते हैं भाभी,,,


तो किसे कहते हैं,,,


वह तो तुम अपनी मर्जी से अपनी बुर मुझे दे दी थी अगर वही तुम्हारी बुर में जबरदस्ती से लेता तो उसे लूटना कहते ,,।
(राजू के मुंह से बुरा शब्द सुनकर कमला चाची की बहू की दोनों टांगों के बीच चींटीया रंगने लगी,,,कमलेश आशिकी प्रभु अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है क्योंकि इस तरह से अगर किसी की नजर उन दोनों पर पड़ गई तो गांव में बदनामी हो जाएगी इसलिए कमला चाची की बहू मन होने के बावजूद भी इस समय उस से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से बोली,,,)

चलो बबुआ कोई बात नहीं हम दोनों की मर्जी थी सो हो गया लेकिन यहां मेरा पीछा क्यों कर रहे हो कोई देख लेगा तो बदनामी हो जाएगी,,,,।(ऊंची नीची पगडंडी पर संभालकर पैर रखते हुए कमला चाची की बहु बोली ,,)

कोई नहीं देख रहा है भाभी तुम खामखा डरती हो मैं तो आज तुम्हें सोच करते हुए देखना चाहता हूं,,,।

हाय दैया यह कौन सा शौक तुने पाल लिया है,,,


क्या हुआ भाई इसमें कौन सी बुरी बात है,,,


अरे भला एक औरत को सोच करते हुए कोई देखता है क्या,,?

तब तो तुम एकदम बुद्धू हो भाभी,,, तुम पर कोई भी नहीं जानती हम जैसे जवान लड़के हम जैसे ही क्या बूढ़े लोग भी तुम औरतों को पेशाब करते हुए सोच करते हुए देखने के लिए तड़पते रहते हैं,,,।

चल रहने दे,,,


हां भाभी मैं सच कह रहा हूं तुम नहीं जानती हम लड़कों को तो सबसे ज्यादा मजा तुम औरतों को सोच करते हुए देखने में ही बहुत मजा आता है,,, सच कह रहा हूं भाभी जब तुम औरतें सोच करने के लिए अपनी साड़ी कमर तक उठाती हो तो कमर के नीचे तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड देखकर ही हम लोगों का लंड खड़ा हो जाता है,,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहु उतेजीत हुई जा रही थी और अपने चारों तरफ देख भी ले रही थी,,,,)

क्या,,,? तुम लड़के इतने हरामि हो,,,

इसे हरामीपन थोड़ी कहते हैं भाभी,,,यह तो हम लोगों का तुम लोगों के प्रति आकर्षण दीवानगी है जो तुम्हारे नंगे बदन को देखने के लिए इस कदर तड़पते रहते हैं कि तुम्हें सोच करते हुए देखने के लिए दूर-दूर तक तुम्हारे पीछे-पीछे चले आते हैं,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची के पापा को बहुत मजा आने लगा था आज पहली बार वह औरतों का सोच करने के प्रति लड़कों के सोचने के रवैया को देख रही थी और समझ रही थी वरना उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि औरतो को सौच करते हुए देखने मैं कितना मजा आता है,,, कमला चाची की बहू के मन में है उत्सुकता भी था कि फिर उसके बाद वह लोग क्या करते हैं इसलिए वह बोली,,)

उसके बाद तुम लोग क्या करते हो,,,

भाभी कसम से उसके बाद तो पूछो मत अगर किसी का जुगाड़ होता है तो वह जाकर अपना खाना लेने उसकी बुर में डालकर अपनी सारी गर्मी निकाल देता है और अगर उसके पास से जुगाड़ नहीं है तो अपने हाथ से हिला हिला कर अपना पानी निकाल लेता है,,,।

बाप रे,,(उत्तेजना के मारे अपने सुखते हुए गले को थुक से गिरा करते हुए,,) तुम लड़के इतने ज्यादा गर्म हो जाते हो,,,


तो क्या भाभी पूछो मत तुमसे बात करते हो मैं तुम्हें सोच करते हुए सिर्फ कल्पना करके ही देखो मेरा लंड कितना खड़ा हो गया है,,,(कमला चाची की बहू का हाथ झट से पकड़ कर अपने पजामे के ऊपर से ही लंड पर रखते हुए,,) पकड़ो ठीक से,,,,।

(राजू की हरकत से कमला चाची पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी पजामे के ऊपर से ही राज्यों के खड़े लंड को महसूस करते ही कमरा चाची की बहू की बुर से मदन रस की बूंद टपक पड़ी और वह अपनी हथेली में पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को जोर से पकड़ कर तुरंत छोड़ दी,,,काफी दिन हो गए थे राजू के लंड को अपनी बुर में लिए हुए इसलिए उसका मन पूरी तरह से मचल उठा था चुदवाने के लिए,,,)

बाप रे राजू,,, तेरा तो एकदम खड़ा हो गया है बबुआ,,,


क्या करूं भाभी तुम्हारी जैसी जवान औरत इतने करीब खड़ी हो और वह भी सोच करने के लिए जा रही हो तो भला मेरे जैसी जवान लड़के का क्या हाल होगा,,,।

(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहू मन ही मन मुस्कुरा रही थी और उत्तेजित भी हो रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वहां क्या करें अंधेरे का फायदा उठाने का उसका मन भी कर रहा था लेकिन किसी के देखे जाने का डर भी उसे सता रहा था,,राजू के खड़े लंड को अपनी हथेली में दबाकर वह अपनी बुर की प्यास को और ज्यादा बढ़ा दी थी,,,,कमला चाची की बहू उस स्थान पर पहुंच चुकी थी जहां पर रोज बार सोच किया करती थी चारों तरफ छोटी-छोटी जंगली झाड़िया थी जिसकी आड़ में बैठकर वह सोच करती थी और किसी के भी देखे जाने का डर बिल्कुल भी नहीं था,,,, वहां पर पहुंचकर कमला चाची की बहू हाथ में लोटा लिए खड़ी हो गई थी,,,, राजू कमला चाची की बहू की बुर का स्वाद ले चुका था फिर भी इस अवस्था में देखकर राजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था अगर उसकी जगह कोई और लड़का होता तो शायद इस हालत में देखकर जबकि वह सिर्फ हाथ में लोटा लेकर खड़ी थी और इस अवस्था में देखकर कोई भी मर्द कल्पना करते हुए अपने हाथों से ही हीला कर पानी निकाल देता,,,,,।
कमला चाची की बहू जहां पर खड़ी थी वही 2 फुट की दूरी पर राजू ठीक उसके सामने खड़ा था उसके पैजामा में तंबू बना हुआ था जिसे कमला चाची की बहू अंधेरा होने के बावजूद भी बड़े आराम से देख पा रही थी क्योंकि आसमान में तारे छिटके हुए थे हो चांदनी रात थी,,,, कमला चाची की बहू की बुर पानी पानी हो रही थी वह अभी भी बार-बार अपने चारों तरफ देख ले रही थी उसे शर्म महसूस हो रही थी राजू के सामने वह कैसे बैठकर सोच करेगी इस बारे में सोच कर ही परेशान हो रही थी,,,।)


क्या हुआ भाभी बैठो ना,,,मैं आज तुम्हारा एक नया रूप देखना चाहता हूं मैंने आज तक किसी औरत को इस अवस्था में नहीं देखा,,,,

अभी अभी तो तू बोल रहा था कि हम औरतों को शौच करते हुए देखकर तुम्हें बहुत मजा आता है,,,


हां यह बात सच है भाभी लेकिन मैंने आज तक नहीं देखा हूं यह तो मेरा दोस्त बता रहा था,,,, इसीलिए तो एक नहीं अनुभव के लिए मैं तुम्हारे पास आया हूं,,,।

राजू पागल मत बन बबुआ ,,, तेरे सामने में कैसे,,,,


अरे कोई बात नहीं भाभी हो जाएगा तुम बैठो तो सही,,,।

(कमला चाची की बहू का भी मन कर रहा था लेकिन उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी राजू की बात मानते हैं वह अपनी चारों तरफ नजर घुमाकर देखी नहीं कहीं कोई नजर नहीं आ रहा था इसलिए वह राजू से बोली,,)


देख राजू तु थोड़ा दूर बैठना,,, मेरे एकदम करीब मत आ जाना मुझे शर्म आ रही है,,,


क्या भाभी तुम भी मेरे से तो शर्म करने की तुम्हें कोई भी जरूरत नहीं है क्योंकि मैं तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर चोदा चुका हूं,,,।
(राजू एकदम बेशर्मी भरे शब्दों में बोला और उसके यही बेशर्मी भरे शब्दों को सुनकर कमला चाची की बहू शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी इसलिए बिना कुछ बोले अपनी साड़ी को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाने लगी और चारों तरफ नजर घुमाकर देखने भी लगी,,, राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था शाम के समय ही वह अपनी मां को चोदते चोदते रह गया था इसलिए उस पल की गर्मी अभी भी उसके बदन में बरकरार थी,,, राजू की नजर कमला चाची कि दोनों टांगों के बीच भी टिकी हुई थी वह सिर्फ साड़ी के उठने का इंतजार कर रहा था और कमला चाची की तो हो राजू की आंखों के सामने साड़ी उठाने में शर्म तो महसूस कर रही थी लेकिन आनंदित भी हुए जा रही थी क्योंकि पहले भी वह खुलकर राजू से चुदवा चुकी थी,,, कमला चाची की बहू घुटनों तक अपनी साड़ी को उठा चुकी थी और राजूकमला चाची की बहू की आंखों के सामने ही अपनी पहचानो को घुटनों तक खींच कर अपने लंड को पकड़ कर हिलाता हुआ नीचे बैठ गया था यह राजू ने जानबूझकर कमला चाची की बहू को खुलने के लिए किया था औरराजू की यह हरकत कमला चाची की बहू पर पूरा असर कर रही थी वह तुरंत अपनी साड़ी को कमर तक उठाती और राजू की आंखों के सामने चांदनी रात में उसकी हल्की-हल्की बालो से भरी हुई बुर नजर आने लगी,,, जिसे देखकर राजू गरम आहे भरने लगा,,, और कमला चाची की बहू झाड़ियों के पीछे राजू की आंखों के ठीक सामने बैठ गई,,,,।

आहहहह आहहह भाभी क्या मस्त नजारा है मैं तो कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह का नजारा देखने में इतना मजा आता होगा तभी मेरे दोस्त लोग पागल हुए रहते हैं,,,।


(राजू का इतना कहना था कि कमला चाची की बहू मुतने लगीऔर उसके गुलाबी छेद में से मधुर संगीत की धारा टूटने लगी जो कि राजू के कानों में पहुंचते ही राजू पूरी तरह से मस्त होने लगा,,,, कमला चाची की बहू की पेशाब की धारा की तारीफ करते हुए राजू बोला,,,)

वाह वाह भाभी,,, कमाल हो गया जैसा मैंने सोच रखा था उससे भी कहीं ज्यादा मदमस्त कर देने वाला यह नजारा है तुम्हारी बुर से कितनी मस्त मधुर आवाज आ रही है,,, मैं तो सुनकर ही पागल हुआ जा रहा हूं ,,, देखो मेरे लंड की हालत क्या हो रही है,,,(अपने हाथ को अपनी दोनों टांगों के बीच निकालकर अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए बोला कमला चाची की बहू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच खड़े लंड पर गई तो वह एकदम से सिहर उठी,,, उसकी बुर फुदक रही थी,,और उसकी फुदकती हुई बुर से पेशाब की धारा फुट रही थी,,,,जो कि तकरीबन 1 मीटर तक की दूरी तक जा रही थी और जहां पर गिर रही थी वहां से पेशाब की बूंदे झटक कर राजू के पैरों के साथ-साथ उसकी कुछ बूंदें राजू के लंड पर भी कह रही थी जिसे से राजू का लंड और ज्यादा कड़क हुआ जा रहा था,,,, थोड़ी ही देर में शर्माते हुए कमला चाची की बहू सोच करने लगी राजू उसे देखता जा रहा था उसके मदमस्त काम हो तो रूप को देखकर पूरी तरह से मतवाला हुआ जा रहा था वह कमला चाची की बहू को चोदने के फिर हाथ में था वह इतना तो जानता ही था कि कमला चाची की बहू का मन भी इस समय वही कर रहा होगा जैसा कि उसका मन कर रहा है वरना वह इस तरह से उसकी आंखों के सामने बैठ कर सोच ना कर रही होती,,, कमला चाची की बहू शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमा कर बैठी हुई थी,,,राजू अपनी चारों तरफ नजर घुमाकर अपनी जगह से खड़ा हुआ और धीरे-धीरे ठीक कमला चाची की बहू के सामने खड़ा हो गया और दोनों हाथों से उसका सर पकड़ कर अपने लंड के सुपाड़े को बिना हाथ से पकड़े उसकी गोरे गोरे गाल पर रगड़ने लगा,,,कमला चाची की बहू राजू की इस हरकत से एकदम से चौंक गई थी क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी कि राजू अपनी जगह से खड़ा होकर उसके करीब आ जाएगा और इस तरह की हरकत,,, करेगा,,, जिस दिन से राजू उसको चोदकर गया था उस दिन से उसकी बुर एकदम प्यासी थी बिना कोई प्रतिक्रिया दिए कमला चाची की बहुत तुरंत अपने लाल लाल होठों को खोल दी और राजू के अंडे को अपने मुंह में प्रवेश करा दी,,,, उत्तेजना के मारे राजू के मुंह से आह निकल गई,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो गया कमला चाची की बहू झाड़ियों के पीछे थी इसलिए वह बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहे थे और राजू खड़ा होकर कमला चाची की बहू के मुंह में लंड पेल रहा था इसलिए उसके कमर के ऊपर वाला भाग झाड़ियों के पीछे होने के बावजूद भी नजर आ रहा था,,, लेकिन राजू पूरी तरह से निश्चिंत था,, क्योंकि वह जानता था कि यहां कोई आने वाला नहीं है,,,।

कमला चाची की बहू एकदम मस्त हुए जा रही थी राजू का लंड ईतना मोटा था कि उसका पूरा मुंह एकदम खुला का खुला था,,, जिसे कमला चाची की बहू अपना मुंह आगे पीछे करके उसे अंदर तक ले रही थी,,,,,, राजू पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी कमर आगे पीछे करके उसके मुंह को ही चोद रहा था,,,।

ओहहहह भाभी,,,,आहहहहह कितना मस्त चुस्ती हो तुम मुझे एकदम मस्त करती हो भाभी आज मेरा लंड एकदम किस्मत वाला हो गया है कि तुम्हारे मुंह के अंदर है,,,आहहहहह ,,,,आहहहह भाभी ऐसे ही पूरा अंदर तक लो,,,आहहहहहहह,।
(कमला चाची की बहू अपने मुंह से कुछ बोल नहीं रही थी क्योंकि वह अपने मुंह में राजू के लंड को ली हुई थी लेकिन राजू की बातों का पूरा आनंद ले रही थी,,,कुछ देर तक राजू इसी तरह से अपने लंड को कमला चाची की बहू के मुंह में डालकर उसे लसा लसा करता रहा लेकिन अब समय आ गया था कमला चाची की बुर की गर्मी महसूस करने की इसलिए राजू अपने लंड को अमृताची की बहू के मुंह में से बाहर निकाल लिया,,, और उसकी आंखों के सामने ही अपने लंड को जोर-जोर से मुठीयाता हुआ बोला,,,।)


ओहहहह भाभी हम उसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है मैं तुम्हारी बुर में डालना चाहता हूं भाभी,,, घोड़ी बन जाओ भाभी,,,


पागल मत बनो बबुआ कोई देख लेगा तो,,,


कोई नहीं देखेगा भाभी यहां कोई नहीं आने वाला,,,,।

(कमला चाची की बहू का भी मन बहुत तड़प रहा था राजू को अपनी बुर में लेने के लिए,,, इसलिए वह राजू की बात मानते हुए,,, बिना खड़ी हुए ही उसी तरह से घूम गई और तुरंत अपने घुटनों के बल होकर आगे की तरफ झुकते हुए अपनी कोहनी को नरम नरम मिट्टी पर रखते हुए बोली,,,)

देखना बाबू अगर कोई देख लेगा तो तेरी जिम्मेदारी होगी,,,


हां भाभी तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो,,,(ठीक कमला चाची की बहू के पीछे घुटनों के बल बैठते हुए) बस अपनी गांड थोड़ा सा ऊपर उठा लो,,,(और इतना सुनते ही राजू की बात मानते हुए अपनी गोल-गोल गांड को थोड़ा सा ऊपर उठा ली,,)

बस भाभी बस अब देखना तुम्हें कितना मजा देता हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने लंड को कमला चाची की बहू की बुर जो कि पहले से ही एकदम गीली हो चुकी थी उसमें एक झटके में डाल दिया एक हल्की सी चीख कमला चाची की बहू के मुंह से निकली और फिर पूरा का पूरा लंड वह अपनी बुर की गहराई में ले ली एकदम से मस्त हो गई और राजू कमला चाची की बहू की गांड पकड़ कर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया,,,, राजू पहले धक्के से ही अपनी रफ्तार तेज कर दिया था क्योंकि वह काफी उत्तेजित हो चुका था,,, और कमला चाची की बहू हर धक्के के साथ मस्त हो जा रही थी,,,,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक अनजान जवान लड़के से वह इस तरह से खुले मैदान में झाड़ियों के पीछे रात के समय चुदवाएगी,,,,, लेकिन इस तरह से छुप छुप कर चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था इसलिए तो उसकी गरम सिसकारी उसके मुंह से निकल रही थी,,,, लेकिन उसकी गरमा गरम शिसकारी को उस खुले में सुनने वाला इस समय कोई नहीं था,,,,राजू कभी उसकी कमर पकड़ लेता तो कभी उसकी गांड दोनों हाथों से जगा देता तो कभी दोनों हाथों को आगे की तरफ लाकर ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी खरबूजे को हाथों में पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया और इसी बीच में लगातार अपने धक्के लगाता ही जा रहा था ,,,राजू के साथ-साथ कमला चाची की बहू को भी अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था दोनों एकदम मस्त हुए जा रहे थे,,, राजू गहरी गहरी सांस लेता हुआ कमला चाची की बहु को चोद रहा था,,,।

वहीं दूसरी तरफ इस बात से पूरी तरह से अनजान करना चाहती उसी तरफ आ रही थी जहां पर झाड़ियों के पीछे उसकी बहू राजू से चुदवा रही थी कमला चाची पहले ही शौच करने के लिए आ जाती थी लेकिन आज बातों ही बातों में उन्हें देर हो गई थी वह उसी झाड़ियों की तरफ चली आ रही थी जो झाड़ियों के पीछे उसकी बहू एक जवान लड़के से अपना मुंह काला करवा रही थी जिसके साथ वह खुद अपने बदन की गर्मी उम्रदराज होने के बावजूद भी मिटा चुकी थी,,,, जैसे-जैसे कमला चाची और झाड़ियों के करीब आती जा रही थी वैसे वैसे उन्हें पायल और चूड़ियों की खनक ने की आवाज सुनाई दे रही थी और रह-रहकर हंसने की आवाज भी आ रही थी,,,अगर कोई और होता तो शायद भूत प्रेत के बारे में सोच कर वहां से भाग खड़ा होता है लेकिन कमला चाची उम्र दराज थी अनुभव से भरी हुई थी इसलिए वह धीरे-धीरे उस झाड़ियों के करीब आगे बढ़ रही थी,,,,,

कमला चाची के दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी क्योंकि जिस तरह से वह झाड़ियों के बेहद करीब पहुंच चुकी थी झाड़ियों के पीछे से मर्दाना आवाज के साथ साथ औरत के हंसने और खीर खिलाने की आवाज भी आ रही थी और साथ ही गरमा गरम सिसकारी की आवाज भी आ रही थी एक उम्र दराज औरत होने के नाते कमला चाची इस तरह की आवाज को अच्छी तरह से पहचानते थे उन्हें समझते देर नहीं लगेगी झाड़ियों के पीछे चुदाई का खेल चल रहा है लेकिन यह कौन है यह जानने के लिए वह धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी,,,वह दोनों में से किसी की नजर कमला चाची पर ना पड़ जाए इसलिए वह अपनी जगह पर बैठ गई थी और धीरे-धीरे बैठे हुए ही आगे बढ़ रही थी,,,।
थोड़ी ही देर में कमला चाची साड़ी के एकदम पीछे पहुंच गई और अपनी नजर को पर की तरफ उठाकर देखने की कोशिश की तो उसे राजू नजर आ गया जिसे वह अंधेरे में भी पहचान ली उसे समझते देर नहीं लगी कि राजू किसी औरत के लिए रहा है लेकिन किसकी ले रहा है इस बारे में उसे बिल्कुल भी पता नहीं था राजू को इस तरह से चुदाई करता हुआ देखकर पहले तो कमला चाची की बुर में भी चींटीया रेंगने लगी,,,, वही राजू की बातें उसे और ज्यादा चुदवाती कर रही थी,,,।


ओहहह भाभी तुम्हारी बुर बहुत रसीली है पूरे गांव में ऐसी बुर किसी के पास नहीं है,,,,आहहहह बहुत गर्म है,,,

ओहहह बबुआ पूरे गांव की औरतों की चुदाई कर चुके हो क्या सब की बुर के बारे में जानते हो बबुआ,,,,आहहहहह,,,,

इस आवाज को सुनते हैं कमला चाची को झटका सा लगा क्योंकि यह आवाज कमला चाची की बहु से मिलती जुलती थी,,, कमला चाची अपने मन में सोचने के लगी,,,। यह तो मेरी बहू की आवाज है कहीं मेरी बाबू तो,,, नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता वह ऐसा नहीं कर सकती हो तो बहुत सीधी है,,, तभी जो बात उसके कानों में पड़ी उसे सुनते ही उसके होश उड़ गए,,,।


आहहहह आहहहहहह और जोर-जोर से चोद राजु आहहहह तेरा बहुत मोटा और लंबा है राजू मेरे पति का तो बहुत छोटा है और मुझे ठीक से चोद भी नहीं पाते जब से ब्याह करके आई हूं तब से प्यासी थी अच्छा मैं तो मिल गया कि मेरी जवानी की प्यास तुझसे बुझने लगी है,,, वरना मैं प्यासी ही रह जाती,,,


चिंता मत करो भाभी मैं हूं ना जिंदगी भर तुम्हारी बुर की प्यास बुझाता रहूंगा,,,,आहहहह आहहहह तुम्हारी गरम बुर,,,,


आहहहह आहहहहहह जल्दी-जल्दी कर राजु घर पर मा जी मेरा इंतजार कर रही होंगी काफी देर से मैं यहां आई हुं,,,,।
(कमला चाची के तो होश उड़ गए वह अपनी बहू की आवाज को पहचान गई थी,,, वह अपनी बहू को क्या समझ रही थी लेकिन क्या निकली अब उसका चेहरा देखने की भी जरूरत नहीं थी क्योंकि वहां पहचान गई थी अपनी बहू की आवाज को वह समझ गई थी कि राजू इन झाड़ियों के पीछे उसकी बहू की चुदाई कर रहा है,,,,, उसका मन तो कर रहा था कि उसी समय दोनों को रंगे हाथ पकड़ लेगा और राजू और अपनी बहू को दो-दो हाथ जमा दे लेकिन ऐसा करने से उसे कि इस बात का डर था कि कहीं राजू उसका राज भी उसकी बहू के आगे ना खोल दें इस डर से वह दबे पांव पीछे चली गई वह घर चली जाना चाहती थी लेकिन बिना सौच किए घर वापिस जाना मुमकिन नहीं था इसलिए वह दूसरी जगह पर झाड़ियों के पीछे जाकर बैठ गई,,, और कुछ देर बाद कमला चाची राजू और अपनी बहू को दोनों को गांव की तरफ जाते हुए देख रही थी,,,,वह अपने मन में ठान ली थी कि आज घर पर जाकर अपनी बहू की जमकर धुलाई करेगी,,,)
Bhut shandaar update...... maja Aa gya
.... kya khule maidan m chudayi ka khel shuru4 kiya hai aur maje ki Baat dekhne wali bhi Aa gyi.....


Ab ghar jake kamla bomb phodne ki soch rahi hai.... magar bobm to usi par futega..... jab bahu use sach bta degi ki pahle to wahi chudi thi raju se ......
 
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