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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Sanju@

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कमला चाची अपनी आंखों से अपनी बहन की कामलीला देखकर एकदम से आग बबूला हो गई थी,,,,कमला चाची अपनी बहू के बारे में करने की इस तरह की गंदी हरकत उसकी बहू करेगी कभी सोची नहीं थी लेकिन आज वह अपनी आंखों से अपनी बहू की कामलीला को देखकर क्रोधित हो गई थी और वह भी गांव के उसी लड़के के साथ जिसके साथ वह खुद संभोग सुख प्राप्त कर चुकी थी,,,राजू की जगह अगर कोई और लड़का होता तो शायद उसी समय दोनों को रंगे हाथ पकड़ कर दोनों के गाल लाल कर दी होती लेकिन राजू के साथ वह ऐसा नहीं कर सकती थी,,,।ऐसा करने पर राजू उसके साथ शारीरिक संबंध की बात भी बता देता और कमला चाची ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहती थी लेकिन घर पर अपनी बहू को पाठ पढ़ाने का मन में ठान ली थी इसलिए थोड़ी ही दूरी पर जाकर सोच करने के लिए बैठ गई थी उसकी आंखों के सामने राजू और उसकी बहू दोनों घर की ओर जा रहे थे,,,कमला चाची को अपनी आंखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी संस्कारी सीधी-सादी बहू इस कदर वासना की आग में अंधी हो जाएगी की अपने बदन की प्यास बुझाने के लिए सोच करने के बहाने अपने यार को खेत के खुले मैदान में बुलाकर चुदवाएगी,,,।कमला चाची रांची को सीधा साधा लड़का समझती थी वह यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि उसके जीवन में आने वाली पहली औरत सिर्फ वो ही थी जिसने उसे चोदना सिखाई थी लेकिन आज चोदना सीख कर उसके ही घर में डाका डाला था,,,, चुदाई के सब गुण सीख कर उसने उसकी ही बहू पर वही सारे गुण आजमाएं थे,,, कमला चाची अपने मन में वही दृश्य के बारे में सोच रही थी जब वह चोरी-छिपे उस दृश्य को देखी थी उसे तो यकीन ही नहीं हो रहा था राजु बड़े जोरों से धक्का लगा रहा था,,,इस बात को याद करके करना चाहिए अपने मन में यही सोच रही थी कि कहां से उसकी बहू की जगह कोई और औरत होती तो उसे आज कितनी ज्यादा संतुष्टि मिलती लेकिन अपनी बहू को राजू के साथ पाकर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें घर की इज्जत इस तरह से बाहर मुंह मारती फिर रही है अगर गांव में किसी को इस बात की भनक भी लग गई थी उसकी इज्जत का क्या रह जाएगा,,,उसकी बहू को शक गंदी नजरों से देखेंगे और आए दिन उसके साथ गलत व्यवहार करेंगे और हो सकता है कि शायद उसकी बहू ही पूरे गांव में रंडी पन दिखाते फिरे,,,,इसलिए कमला चाची इस खेल को यहीं रोक देना चाहती थी इसलिए थोड़ी देर बाद घर पर पहुंची,,,।

घर का दरवाजा खोलकर अंदर जाकर हाथ मुंह धोने लगी सामने ही उसकी बहू खाना बना रही थी और अपनी सास को देखकर वहीं बैठे बैठे ही बोली,,,।

आज बहुत देर लगा दी मां जी,,,,कहां थी अब तक मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रही हूं,,,,(रोटियों को तवे पर रखते हुए बोली)

मैं भी तुझ से यही पूछना चाहती हूं कि तु इतनी देर से कहां थी,,(कमला चाची अपने गीले हाथ को अपनी ही साड़ी में पोछते हुए बोली,,)

अरे माजी में तो मैदान गई थी,,, वही देर हो गई,,,
(कमला चाची अपनी बहू के जवाब से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं थी वह जानती थी कि उसके सवाल का जवाब उसकी बहू इसी तरह से देखी इसलिए गुस्से में आकर कमला चाची बोली,,,)

मुझे कुछ भी छुपाने की जरूरत नहीं है मैं तेरी कामलीला को अपनी आंखों से देख चुकी हूं,,,।
(कामलीला शब्द सुनते ही कमला चाची की बहू के होश उड़ गए उसे आभास होने लगा कि कुछ गलत हुआ है फिर भी बात को बनाते हुए बोली)

ममम मैं कुछ समझी नहीं माजी तुम क्या कह रही हो,,,


इतनी भी भोली बनने की जरूरत नहीं है मैं अपनी आंखों से खेत में तुझे देख चुकी हूं कि कैसे अपनी साड़ी कमर तक उठाकर घोड़ी बनकर राजू से चुदवा रही थी,,,
(इस बार तो कमला चाची की बहू की हालत एकदम से खराब हो गई काटो तो खून नहीं वह ज्यों का त्यों एकदम से जम गई,,, उसकी चोरी पकड़ी गई थी अब वह क्या करें इस बारे में अपने मन में ही कोई उपाय ढूंढ रही थी लेकिन उसे कोई उपाय नजर नहीं आ रहा था फिर भी अपना बचाव करते हुए बोली,,)

यह क्या कह रही हो माजी,,, जो कुछ भी तुम कह रही हो मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है,,,


हरामजादी ,,,(इतना कहने के साथ ही गुस्से में कमला चाची आगे बढ़ी और अपनी बहू का बाल कसके अपनी मुट्ठी में पकड़ ली जिससे उसकी चीख निकल गई)मुझसे झूठ बोलती है,,, मैंने सब कुछ अपनी आंखों से देखी हूं तुझे बहुत जोर जोर से धक्के पसंद है ना,,,, हरामजादी मेरी इज्जत बनी बनाई इज्जत पानी में मिला रही है,,,

आहहह छोड़िए माजी है क्या कर रही है,,,आहहह,,, दुख रहा है,,,,

तुझे तो दर्द हो रहा है ना मेरा तो दिल टूट गया था जब तुझे अपनी आंखों से देखी थी,,,, हरामजादी,,,,

आहहह मां जी तुम किसी और को देखी होगी मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर सकती,,,।आहहह छोड़िए मुझे दर्द हो रहा है,,,

मैं भला तुझे नहीं पहचानती मैं तुम दोनों को अच्छी तरह से पहचान रही थी अजू का लंड जिसकी बुर में जा रहा था वह बुर तेरी ही थी और तू बड़े मजे ले ले कर उसे और जोर-जोर से पेलने के लिए बोल रही थी,,,।




आहहहहह मां जी छोड़ो,,,,(इतना कहने के साथ ही कमला चाची की बहू अपना बीच-बचाव करते हुए कसके अपनी सास का हाथ पकड़कर उसे झटक दी,,,, और कमला चाची की बहू समझ गई थी कि जब अपना बचाव करने के लिए कोई बहाना उसके पास नहीं बचा है वह रंगे हाथ पकड़ी गई थी बस उस समय उसकी सास ने कुछ भी नहीं किया था और वही कसर अब घर पर निकाल रही है इसलिए अपनी सास की बात मानते हुए कमला चाची की बहू गुस्से में बोली,,,)

हां हां मैं ही थी,,, में हीं राजू से चुदवा रही थी,,,तो तो इसमें गलत क्या कर रही थी,,,।

(अपनी बहू का जवाब सुनकर कमला चाची एकदम से सन रहेगा ही वह अपनी गलती को मान भी रही थी लेकिन एकदम अपनी छाती ठोक के किस लिए कमला चाची को गुस्सा आ गया और उसकी तरफ आगे बढ़ते हुए बोली,,,)

हरामजादी भोसड़ा चोदी एकदम छिनार हो गई है रुक अभी तुझे बताती हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही जैसे पास में पड़ा डंडा हाथ में पकड़ कर अपनी बहू के पास जाने लगी वैसे ही कमला चाची की बहू एकदम गुस्से में आकर चिल्लाते हुए बोली)

बस माजी बस अगर एक कदम भी आगे बढ़ाई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा अभी तक तुम मेरा सीधा-साधा रूप देख रही थी लेकिन अगर मैं अपने पर आ गई तो तुम्हें कहीं की नहीं छोडूंगी,,,,(अपनी बहू को गुस्से में देखकर कमला चाची एक पल के लिए घबरा गई और वहीं रुक गई और कमला चाची की बहू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)

और तुम छिनार किसे कह रही हो पहले अपने अंदर झांक कर देखो कि तुम कितनी बड़ी छिनार हो,,,(अपनी बहू के मुंह से अपने लिए छिनार शब्द सुनकर कमला चाची कदम से सन्न रह गई उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी बहू इस तरह के शब्दों का प्रयोग उसके लिए करेंगी जिस तरह का प्रयोग वह उसके लिए कर रही थी,,, अपनी बहू की बातें सुनकर गुस्से में कमला चाची बोली)

क्या बोली हरामजादी मुझे छिनार कहती है गांव भर के लड़कों का ,,लंड अपनी बुर में लेकर चुदवा रही है,,,और मुझे छिनार कहती हैं,,,।

हां हां तुम छिनार हो,,,, अगर मैं हूं तो तुम भी हो और मुझसे भी बड़ी तो तुम हो,,, अगर आज बात खुल गई है तो मैं भी सारे राज खोल देना चाहती हूं,,,,


कैसा राज हरामजादी,,,(कमला चाची को अभी तक ऐसा ही लग रहा था कि उसके और राजू के बीच में जो कुछ भी चल रहा था वह किसी को भी पता नहीं है लेकिन वह यह बात से अंजान थी कि उसकी बहू खुद अपनी आंखों से उन दोनों की कामलीला को देख चुकी थी तभी तो उसका मन आगे बढ़ा था और वह भी अपनी सास की तरह ही राजू के साथ संभोग सुख ले रही थी,,,)

मैं सब कुछ जानती हूं ना जी तुम्हारे और राजु के बीच क्या चल रहा है,,,।
(इस बार अपनी बहू की बातें सुनकर कमला चाची एकदम से चौक गई,,,)



और यह मत समझना कि मैं तुम पर इल्जाम लगा रही हूं मैं जो भी कह रही हूं एकदम सच कह रही हूं और अभी अपनी आंखों देखी बात कह रही हूं मैं तुम्हें और राजू को तुम्हारे ही कमरे में देखी थी उस समय तुम दोनों बिना कपड़ों के एकदम नंगे थे और माजी तुम मुझे कह रही हो ना कि तुझे जोर जोर से धक्के पसंद है मुझसे भी ज्यादा मजा तो तुम ले रही थी राजू के साथ और वह भी एक दम नंगी होकर,,,,(अब कमला चाची के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं था वह एकदम से सनंन रह गई थी,,, वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,) मैं उस दिन जो कुछ भी अपनी आंखों से देखी मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी सांस एक जवान लड़की को अपने घर में बुलाकर इस तरह से चुदाई करवाएंगी और वह भी एक दम नंगी होकर,,उस दिन में तुम्हारा व रूप देखकर एकदम दंग रह गई थी मुझे तो अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था लेकिन जिस तरह से तुम राज्यों से जोर जोर से धक्के लगाने के लिए बोल रही थी और राजू की पूरी तरह से मस्त होकर तुम्हें चोद रहा था उस दिन तुम दोनों की चुदाई देखकर ही मेरा मन आगे बढ़ने को कहा,,,,,। तुम्हें पता है मुझे राजु के पास जाने की जरूरत क्यों पड़ी तुम्हारे बेटे की वजह से माजी जरा सोचिए तुम बहू वाली होने के बावजूद भी एक उम्र दराज औरत होने के बावजूद भी अपने वतन की प्यास को दबा नहीं सकती और ऐसे में अपने ही बेटे की उम्र के लड़के के साथ चुदवाकर अपनी प्यास बुझा रही हो तो सोचो मेरी तो अभी शुरुआत है मेरी नई-नई शादी हुई है तुम्हारे बेटे के साथ चुदाई क्या होती है यह तो मुझे पता ही नहीं था जो काम तुम्हारे बेटे को करना चाहिए था वही काम राजु कर रहा है,,, तुम्हें पता भी है तुम्हारे बेटे का लंड सिर्फ उंगली जितना ही है (अपने हाथ की उंगली दिखाते हुए)अगर अपनी आंखों से देख लोगी तो खुद ही शर्म से पानी पानी हो जाओगी,,,, मैं तो फिर भी इतने दिन तक सबर करके रही लेकिन तुम्हें देखने के बाद मुझे भी इच्छा होने लगी और मेरे भी सब्र का बांध टूट गया,,,
(अपनी बहू की बातों को सुनकर कमला चाची एक दिन टूट गई थी वह खटिया पर सर पर हाथ रख कर बैठ गई थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह शर्मिंदा होकर अपने ब हु की बातों को सुन रही थी,,)

क्रमशः
बहुत शानदार अपडेट है कमला चाची ने घर आकर गुस्से में अपनी बहु की पिटाई करने लग गई लेकिन बहु ने कमला चाची पर एक बम्ब फोड़ दिया कि उसकी और राजू की चुदाई देख ली थी उसका बेटा उसकी ठीक से चुदाई नही कर पता है जब राजू और कमला चाची की चुदाई देखी तो अपनी दबी वासना जाग गई और राजू से चुदवा कर पूरी कर ली अब देखते हैं कमला चाची क्या करती है
 

rohnny4545

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कमला चाची के पास अपने बचाव के लिए कोई शब्द नहीं थे और ना कोई बहाना क्योंकि जो कुछ भी इल्जाम कमला चाची की बहू उस पर लगा रही थी वह बेबुनियाद नहीं था वह उसका आंखों देखा सच था जिसकी वजह से वह डंके की चोट पर,, गांव की उसी लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाकर अपनी प्याज को बुझाने लगी थी जिस लड़के से उसकी सांस इस उम्र में भी चुदाई का सुख प्राप्त कर रही थी,,
कमला चाची को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें क्योंकि उसकी बहू ने आज उसके सामने ही उसके बेटे की हकीकत को भी अपने मुंह से उगल दी थी उसके बताए अनुसार उसके बेटे का लंड उंगली जितना था जिसमें बिल्कुल भी दम नहीं था,,,कमला चाची अपनी बहू की बात सुनकर यही सोच रही थी कि अगर उसके बताए अनुसार अगर यह बात सच है तो सच में उसके लिए डूब मरने जैसी बात होगी,, और वह अपने मन में सोचने लगी कि ऐसे हालात में तो वहां कभी भी दादी नहीं बन पाएगी,,,,,, कमला चाची से अपनी बहू की बातें सुनी नहीं जा रही थी और वही उसकी बहू एक-एक करके उसके कानों में जैसे बम फोड़ रही थी,,,।




मा जी वह तो मैं हूंकितने महीने हो गए फिर भी यहां पर टिकी हुई हो अगर मेरी जगह कोई और औरत होती तो वह कब का तुम्हारा घर छोड़कर हो तुम्हारे बेटे को छोड़कर चली गई होती,,,,मैं पहले कभी ऐसी नहीं थी और ना इस बारे में कभी सोचती थी जैसी भी थी तुम्हारी बेटी के साथ खुश थी भले ही वह मुझे किसी भी प्रकार की खुशी नहीं देता था लेकिन मेरे में बदलाव आया तो सिर्फ तुम्हारी वजह से अगर ना मैं अपनी आंखों से तुम्हारी कामलीला देखी होती और ना ही मेरे मन में भी एक आकांक्षा ने जन्म ली होती,,,,,,। मा जी तुम तो उम्र दराज हो दुनिया देखी हो,,,और इस उम्र में पहुंचने के बावजूद भी जब तुम्हें जवान लड़की का मोटा तगड़ा और लंबा लंबा लंड पसंद है तो सोचो मैं तो अभी पूरी तरह से जवान हूं मेरे तो खेलनेखाने के दिन है कब बोलो मैं कैसे तुम्हारे बेटे के छोटे से लंड से खुश होंऊगी,,, मुझे भी तो अरमान है मोटे तगड़े लंबे लंड का जैसा कि राजू के पास है,,,(आज कमला चाची की बहू एकदम बेशर्म होकर अपनी सास के सामने अपने मन की बात बता डाल रही थी और उसे सुनने में कमला चाची को जरा भी अतिशयोक्ति महसूस नहीं हो रही थी क्योंकि वह जानती थी कि जो कुछ भी वह कह रही है उसमें शत-प्रतिशत सच्चाई है,,, कमला चाची की बहू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली) और जरा सोचो मां जी तुम राजू को राजू के साथ शारीरिक संबंध इसलिए बनाई थी कि उसका लैंड मोटा तगड़ा और लंबा है और वह मर्दानगी से भरा हुआ है और वही तुम्हें अच्छी तरह से शारीरिक सुख प्रदान करके तुम्हें तृप्त कर सकता है इसीलिए ना अगर उसके पास भी तुम्हारे बेटे जितना लंड होता और उसकी क्षमता ना के बराबर होती तो क्या तुम राजू के साथ इस तरह की कामलीला को अंजाम देती बिल्कुल भी नहीं देती तुम्हारा मन भी राजू के मोटे तगड़े लंड पर डोल गया था जैसा कि मेरा मुझे तो बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि उसका लंड कैसा है वह तो मैंने अपनी आंखों से तुम्हारी बुर में अंदर-बाहर होता हुआ देखी तब मुझे एहसास हुआ कि वाकई में उसके आगे तुम्हारा बेटा तो कुछ भी नहीं,,, है,,,।


अगर मैं राजू के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाऊंगी तो ध्यान रख लेना कि तुम कभी भी दादी नहीं बन पाओगी और ना मुझे कभी मां का सुख प्राप्त होगा और ना ही तुम्हारा बेटा बाप बन पाएगा पूरे गांव में थु थु हो जाएगी,,, दो तीन साल बीतने के बाद से ही तुम्हें एहसास होना शुरू हो जाएगा,,, जब गांव की औरतें तुमसे यह पूछेंगे कि तुम अभी तक दादी क्यों नहीं बन पाई तुम्हारी बहू के पांव भारी क्यों नहीं हो रहे हैं कहीं ऐसा तो नहीं तुम्हारे बेटे में कमी है,,, क्या उस समय तुम गांव की औरतों की यह बातें सुन पाओगी अपने बेटे की हो रही बदनामी को अपनी आंखों से देख पाओगी,,, बोलो मा जी बोलो,,,।


बस कर बहु बस कर,,,, मुझसे बिल्कुल भी सुना नहीं जा रहा है,,,(इतना कहकर कमला चाची रोने लगी,,, कमला चाची सुबह-सुबह कर रो रही थी उनकी बहू की कहीं हर एक बात उसके कानों में गूंज रही थी कमला चाची अपनी बहू की बातों पर विचार विमर्श कर रही थी अपने मन में ही वह सारी धारणाएं बना रही थीवह अपने मन में सोच भी रही थी कि उसकी बहू जो कुछ भी कह रही है वह बिल्कुल सच है,,, दो-तीन साल क्या 1 साल शादी के बाद से ही गांव की औरतें पूछना शुरू कर देंगी और ऐसे मेवा क्या जवाब देगी आखिरकार उसका भी तो मन है पोता पोती खिलाने का दादी बनने का,,,, कमला चाची अपने मन में यही सब सोच रही थी,,,,, अपनी बहू के बताए अनुसार कमला चाची अपनी बेटी के लंड के बारे में कल्पना करने लगे अगर वाकई में राजू के लंड के आगे उसके बेटे का लंड कुछ भी नहीं है तो वह कैसा होगा यह सोचकर ही वह हैरान हो गई,,, एक औरत होने के नाते औरत के मन की वास्तविकता को उसकी जरूरत को कमला चाची अच्छी तरह से समझती थी अगर वाकई में उसके बेटे का लंड उंगली के बराबर है तो वह किसी भी औरत को संतुष्ट करने के काबिल बिल्कुल भी नहीं है ऐसे आदमी के साथ औरत की जिंदगी नरक के समान हो जाती है इस बात का एहसास कमला चाची को अच्छी तरह से था,,, वह अपने मन में सोचने लगी कि उसका बेटा उसकी बहू को बिल्कुल भी सुख और संतुष्टि प्रदान नहीं कर पाता होगा ऐसे में उसका बहक जाना लाजमी था,,,कमला चाची फिर अपने मन में यही सोचने लगी कि लेकिन जो कुछ भी हुआ उसकी जिम्मेदार वह खुद है वह अपनी प्यास बुझाने में इतनी मशहूर हो गई कि कमरे का दरवाजा या खिड़की बंद करना ही भूल गई वह यह भी भूल गई थी उसकी बहू किसी भी वक्त घर पर आ सकती है लेकिन राजू के मोटे तगड़े लंड से चोदने की प्यास के आगे वह सब कुछ भूल गए और उसकी बहू अपनी आंखों से सब कुछ देख ली,,, अगर वह अपनी आंखों से सब कुछ ना देखी होती तो शायद उसकी हिम्मत इतनी आगे ना बढ़ गई होती की वह शौच करने के बहाने राजू के साथ खुले खेत में चुदवाती ,,,,कमला चाची का पानी बनी में यही सब सोच भी रही थी और रो भी रही थी उसकी बहू खड़ी होकर अपनी सास को रोते हुए देख रही थी उसे अपनी सास पर दया रही थी वह भी जानती थी कि एक औरत होने के नाते उसकी भी कुछ जरूरते हैं,,,, वह धीरे से अपने सास के पास कहीं और उसके कदमों में बैठकर अपनी सास की दोनों टांगों को पकड़कर अपनी सास को समझाते हुए बोली,,,।




रहमत मा जी मैं जानती हूं जो कुछ भी होगा उसने तुम्हारी गलती बिल्कुल भी नहीं है एक औरत को जिस तरह से भूख लगती है खाने के लिए भोजन ग्रहण करने के लिए उसी तरह से एक औरत को धमकी भी भूख लगती है तन की भी प्यास लगती है जिसे मिटाने के लिए अपनी प्यास बुझाने के लिए उसे यह काम करना ही होता है,,,, घर में या घर के बाहर चोरी चुपके औरत के कदम डगमगा ही जाते हैं तुमने भी वही की इससे मुझे कोई एतराज नहीं है,,,, लेकिन तुम्हें भी मेरी जरूरतों के बारे में समझना चाहिए सोचो अगर तुम्हारा बेटा मुझे मां नहीं बना सका तो इसमें बदनामी किसकी है तुम्हारी और तुम्हारे बेटे की लेकिन अगर मैं राजू के साथ संबंध बना कर,,,पेट से हो गई और मां बनते ही तो इसमें तुम्हारा ही सर ऊंचा रहेगा और तुम्हारे बेटे की बदनामी भी नहीं होगी,,,और राजू के बारे में तो तुम अच्छी तरह से जानती हो भले ही औरतों के मामले में उसका नाड़ा ढीला है लेकिन वह‌ यह बात किसी को कहेगा नहीं,,,, जिससे हम दोनों का ही फायदा है,,,(कमला चाची की बहू चालाकी दिखाते हुए अपनी सास को आगे भी राजू के साथ संबंध बनाते हुए चुदाई का सुख प्राप्त करने का रास्ता खोज रहे थे और उसे ऐसा लग भी रहा था कि उसे शायद उसकी मंजिल मिल गई है,, उसकी सास की तरफ से उसे मायूस नहीं होना पड़ेगा वह इस बात को अच्छी तरह से जानती थी क्योंकि वह जानती थी कि उसकी सास भी राजू से चुदवाए बिना नहीं रह सकती ऐसे में सास बहू दोनों का काम होना लाजमी था,,,, अपने आंसुओं को पोछते हुए अपनी बहू की बात सुनकर कमला चाची बोली,,,)

क्या उसने तुम्हें बताया कि वह मेरे साथ भी संबंध बनाता है,,,




नहीं मा जी बिल्कुल भी नहीं उसनेतुम्हारे बारे में मुझसे कोई जिक्र भी नहीं किया है इसीलिए तो मैं कहती हूं कि उसके साथ यह रिश्ता कायम करने में हम दोनों का फायदा है और सुरक्षित भी है,,,।

फिर तेरे साथ राजू कैसे चालू हो गया,,,

माजी अब तुमसे क्या छुपाना अब हम दोनों एक दूसरे के राजदार बन चुके हैं इसलिए मैं तुमसे कुछ भी नहीं छुपाऊगी,, जब मैंने तुम्हें और राजू को तुम्हारा ही कमरे में देखी थी,,, तो तुम दोनों को पूरी तरह से नग्न अवस्था में देखकर पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया था लेकिन जिस तरह से तुम मजा ले रही थी तुम्हारे मुंह से आग्रह ऊहहहह की आवाज आ रही थी यह सब सुनकर मेरी हालत खराब होने लगी,,,मैं तुम दोनों को रंगे हाथ पकड़ लेना चाहती थी लेकिन राजू जिस तरह से धक्का लगा रहा था उसे देखकर तो मेरे होश उड़ गए उसी समय में अपने मन में ठान ली थी कि राजू के साथ संबंध बनाकर रहूंगी और इसके लिए मैंने,,,, धमकी देने का मन बना ली थी,,,

कैसी धमकी,,,

यही कि मैंने तुम दोनों को चुदाई करते हुए देख ली हूं और यह बात मैं उसकी मां से बता दूंगी,,,

फिर,,




फिर क्या मुझे ऐसा करने की जरूरत ही नहीं पड़ी वह तो खुद मेरी जवानी पर एकदम फिसल गया और मेरे साथ खुद ही आगे चलकर वह संबंध बना लिया,,,


खेत में तुम लेकर गई थी उसे,,,

नहीं मा जी मैं तो खेत में शौच करने के लिए जा रही थी वही मेरे पीछे पीछे आ गया और झाड़ियों के पीछे मेरे साथ चुदाई करने लगा,,,,।


देख सब कुछ तो ठीक है लेकिन इस बारे में गांव वालों को भनक नहीं लगनी चाहिए वरना हम लोगों की बदनामी हो जाएगी,,,,।


तुम बिल्कुल की चिंता मत करो मां जी मुझे अपनी इज्जत और परिवार की इज्जत का बहुत अच्छे से ख्याल है किसी को कानों कान भनक तक नहीं लगेगी और हां तुम्हारे लिए मेरी तरफ से बिल्कुल छुट है मैं जानती हूं तुम्हें तेज धक्के पसंद है,,,(इतना कहकर कमला चाची की बहू हंसने लगी और कमला चाची भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए उसे इस बात की खुशी थी कि अच्छा हुआ कि यह राज उसकी बहू के सामने खुल गया और दोनों एक दूसरे के राजदार हो गए अब वह राजू के साथ जब चाहे तब संबंध बना सकती थी,,,)




दूसरी तरफ मधु के दिलों दिमाग पर उसका बेटा छाया हुआ था,,, उसकी कामुक हरकत की वजह से जिस तरह से वह पूरी तरह से मदहोश हो गई थी उस पल को याद करके उसकी बुर से कभी भी पानी निकल जा रहा था,,,,इसमें मौजों की गलती बिल्कुल भी नहीं थी वह पल ही कुछ ऐसा था कि मधु पूरी तरह से अपने काबू में बिल्कुल भी नहीं थी और वह अपने बेटे की आगोश में खोती चली जा रही थी,,,अगर ऐन मौके पर उसे होश ना आया होता तो शायद उसके बेटे का लंड उसकी बुर की गहराई नाप रहा होता और वह तब अपने बेटे को नहीं रोक पाती क्योंकि अपनी गदराई गांड पर वह अपने बेटे के लंड की चुभन को महसूस करके इतना तो समझ ही गई थी कि उसके बेटे का लंड,,,कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा और लंबा है उसने अभी तक अपनी आंखों से देखी नहीं थी लेकिन उसका एहसास उसे अंदर तक झकझोर कर रख दिया था,,,, लेकिन एक मां होने के नाते उसे अपने बेटे की हरकत बिल्कुल भी पसंद नहीं थी अगर एक औरत होने के नाते वह अपने बेटे की हरकत के बारे में सोचती तो वह अपने बेटे की हरकत का पूरा आनंद लेते हुए उसे आगे बढ़ने की इजाजत दे देती लेकिन वह एक माथे और अपने बेटे को अपने ही साथ इस तरह के अनैतिक रिश्ते में आगे बढ़ने नहीं देना चाहती थी वह किसी भी तरह से अपने बेटे को समझाना चाहती थी,, पवित्र रिश्ता के बीच मर्यादा की डोरी को टूटने नहीं देना चाहती थी दोनों के बीच संस्कार की जो पतली परत थी उसमें छेद नहीं होने देना चाहती थीइसलिए अपना मन बना ली थी कि किसी भी तरह से अपने बेटे को समझ आएगी और इस तरह के पाप ना करने देने से उसे बचाएगी,,,, लेकिन घर पर अपने बेटे को इस बारे में समझाना मुमकिन नहीं था इसलिए वह उसे खेत में काम करने के बहाने ले जाना चाहती थी जहां पर वह उसके और उसके बेटे के बीच किस प्रकार का रिश्ता है उस बारे में भली-भांति समझाना चाहती थी,,,,।

इसलिए दूसरे दिन खेतों पर काम करने का बहाना देकर मधु राजू को अपने साथ खेतों पर ले गई,,,रास्ते भर दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी मधु अपने मन में यही सोच रही थी कि कैसे वह बात की शुरुआत करें आखिरकार वह एक औरत थी और वह अपने ही बेटे से एक औरत और मर्द के बीच के संबंध के बारे में कैसे बात कर सकती थी,,, लेकिन शुरुआत तो उसे करनी ही थी ,,, यही सब सोचते हुए मधु ऊंची नीची पगडंडियों से अपने खूबसूरत नाजुक पैरों को इधर-उधर रखकर आगे बढ़ती चली जा रही थी और उसके इस तरह से चलने से उसकी बड़ी-बड़ी गदराईगांड में जिस तरह की थकान हो रही थी उसे देखकर राजू के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आ रहा था,,,, अपनी मां की मटकती हुई गांड देखकर राजू के होश उड़ रहे थेएक तो मधु की आदत ही थी कि वह साड़ी को अपनी कमर से कसकर बांध दी थी जिसकी वजह से कसी हुई साड़ी में उसकी बड़ी बड़ी गांड तरबूज की तरह बाहर निकल कर हाहाकार मचाती थी,,,राजू का मन तो कर रहा था कि वह आगे बढ़कर अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से थाम ले और साड़ी ऊपर कर के अपना मुंह उसकी गांड की दरार में घुसा दे,,, उसे यकीन था कि उसकी मां उसे ऐसा करने से बिल्कुल भी नहीं रुकेगी क्योंकि शाम के वक्त दोनों के बीच जिस तरह का कामुकता भरा छेड़छाड़ हुआ था उसे देखते हुए राजू कीमत बढ़ने लगी थी उसे यकीन हो चला था कि उसकी मां उसे आगे बढ़ने से बिल्कुल भी नहीं रुकेगी क्योंकि वह जानता था कि अगर उसकी बुआ ना आई होती तो उसकी मां उसके लंड को अपनी बुर में लेने से इनकार नहीं करती और वहां अपनी मंजिल प्राप्त करके कामयाब हो जाता,,, लेकिन आज अपनी मंशा पूरी करने का इरादा बना चुका था,,,,आदमी की हिम्मत तब और ज्यादा बढ़ जाती है जब सामने वाला किसी भी प्रकार का प्रतिकार नहीं करता है और इस समय राजू के साथ भी यही हो रहा था,,, अपनी मां की खामोशी उसकी कर्म सांसो को उसकी तरफ से उसका निमंत्रण समझ कर आगे बढ़ना चाहता था इसलिए तो इस समय अपनी मां की मटकती भी गांड देखकर वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया,,, था पजामे में उसका लंड गदर मचाने को तैयार था,,,,। इस बात से बिल्कुल भी बेखबर मधु अपनी धुन में अपने बेटे को समझाने के लिए अपने मन में बहाना सोच रही थी,,,उसे इस बात का आभास बिल्कुल भी नहीं था कि उसका बेटा जो उसके ठीक पीछे चल रहा है उसकी गांड को देखकर उत्तेजित हो रहा है,,,,
अनजाने में ही चलते हुए उसकी नजर पीछे की तरफ गई तो अपने बेटे की नजरों को भांप कर उसकी दोनों टांगों के बीच सिहरन सी दौड़ गई,,,, वह अपने मन में सोचने लगी बाप रे इसे किस तरह से समझाऊंं,, और देखते ही देखते दोनों अपने खेतों में पहुंच गए,,,।
 
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कमला चाची के पास अपने बचाव के लिए कोई शब्द नहीं थे और ना कोई बहाना क्योंकि जो कुछ भी इल्जाम कमला चाची की बहू उस पर लगा रही थी वह बेबुनियाद नहीं था वह उसका आंखों देखा सच था जिसकी वजह से वह डंके की चोट पर,, गांव की उसी लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाकर अपनी प्याज को बुझाने लगी थी जिस लड़के से उसकी सांस इस उम्र में भी चुदाई का सुख प्राप्त कर रही थी,,
कमला चाची को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें क्योंकि उसकी बहू ने आज उसके सामने ही उसके बेटे की हकीकत को भी अपने मुंह से उगल दी थी उसके बताए अनुसार उसके बेटे का लंड उंगली जितना था जिसमें बिल्कुल भी दम नहीं था,,,कमला चाची अपनी बहू की बात सुनकर यही सोच रही थी कि अगर उसके बताए अनुसार अगर यह बात सच है तो सच में उसके लिए डूब मरने जैसी बात होगी,, और वह अपने मन में सोचने लगी कि ऐसे हालात में तो वहां कभी भी दादी नहीं बन पाएगी,,,,,, कमला चाची से अपनी बहू की बातें सुनी नहीं जा रही थी और वही उसकी बहू एक-एक करके उसके कानों में जैसे बम फोड़ रही थी,,,।

मा जी वह तो मैं हूंकितने महीने हो गए फिर भी यहां पर टिकी हुई हो अगर मेरी जगह कोई और औरत होती तो वह कब का तुम्हारा घर छोड़कर हो तुम्हारे बेटे को छोड़कर चली गई होती,,,,मैं पहले कभी ऐसी नहीं थी और ना इस बारे में कभी सोचती थी जैसी भी थी तुम्हारी बेटी के साथ खुश थी भले ही वह मुझे किसी भी प्रकार की खुशी नहीं देता था लेकिन मेरे में बदलाव आया तो सिर्फ तुम्हारी वजह से अगर ना मैं अपनी आंखों से तुम्हारी कामलीला देखी होती और ना ही मेरे मन में भी एक आकांक्षा ने जन्म ली होती,,,,,,। मा जी तुम तो उम्र दराज हो दुनिया देखी हो,,,और इस उम्र में पहुंचने के बावजूद भी जब तुम्हें जवान लड़की का मोटा तगड़ा और लंबा लंबा लंड पसंद है तो सोचो मैं तो अभी पूरी तरह से जवान हूं मेरे तो खेलनेखाने के दिन है कब बोलो मैं कैसे तुम्हारे बेटे के छोटे से लंड से खुश होंऊगी,,, मुझे भी तो अरमान है मोटे तगड़े लंबे लंड का जैसा कि राजू के पास है,,,(आज कमला चाची की बहू एकदम बेशर्म होकर अपनी सास के सामने अपने मन की बात बता डाल रही थी और उसे सुनने में कमला चाची को जरा भी अतिशयोक्ति महसूस नहीं हो रही थी क्योंकि वह जानती थी कि जो कुछ भी वह कह रही है उसमें शत-प्रतिशत सच्चाई है,,, कमला चाची की बहू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली) और जरा सोचो मां जी तुम राजू को राजू के साथ शारीरिक संबंध इसलिए बनाई थी कि उसका लैंड मोटा तगड़ा और लंबा है और वह मर्दानगी से भरा हुआ है और वही तुम्हें अच्छी तरह से शारीरिक सुख प्रदान करके तुम्हें तृप्त कर सकता है इसीलिए ना अगर उसके पास भी तुम्हारे बेटे जितना लंड होता और उसकी क्षमता ना के बराबर होती तो क्या तुम राजू के साथ इस तरह की कामलीला को अंजाम देती बिल्कुल भी नहीं देती तुम्हारा मन भी राजू के मोटे तगड़े लंड पर डोल गया था जैसा कि मेरा मुझे तो बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि उसका लंड कैसा है वह तो मैंने अपनी आंखों से तुम्हारी बुर में अंदर-बाहर होता हुआ देखी तब मुझे एहसास हुआ कि वाकई में उसके आगे तुम्हारा बेटा तो कुछ भी नहीं,,, है,,,।
अगर मैं राजू के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाऊंगी तो ध्यान रख लेना कि तुम कभी भी दादी नहीं बन पाओगी और ना मुझे कभी मां का सुख प्राप्त होगा और ना ही तुम्हारा बेटा बाप बन पाएगा पूरे गांव में थु थु हो जाएगी,,, दो तीन साल बीतने के बाद से ही तुम्हें एहसास होना शुरू हो जाएगा,,, जब गांव की औरतें तुमसे यह पूछेंगे कि तुम अभी तक दादी क्यों नहीं बन पाई तुम्हारी बहू के पांव भारी क्यों नहीं हो रहे हैं कहीं ऐसा तो नहीं तुम्हारे बेटे में कमी है,,, क्या उस समय तुम गांव की औरतों की यह बातें सुन पाओगी अपने बेटे की हो रही बदनामी को अपनी आंखों से देख पाओगी,,, बोलो मा जी बोलो,,,।


बस कर बहु बस कर,,,, मुझसे बिल्कुल भी सुना नहीं जा रहा है,,,(इतना कहकर कमला चाची रोने लगी,,, कमला चाची सुबह-सुबह कर रो रही थी उनकी बहू की कहीं हर एक बात उसके कानों में गूंज रही थी कमला चाची अपनी बहू की बातों पर विचार विमर्श कर रही थी अपने मन में ही वह सारी धारणाएं बना रही थीवह अपने मन में सोच भी रही थी कि उसकी बहू जो कुछ भी कह रही है वह बिल्कुल सच है,,, दो-तीन साल क्या 1 साल शादी के बाद से ही गांव की औरतें पूछना शुरू कर देंगी और ऐसे मेवा क्या जवाब देगी आखिरकार उसका भी तो मन है पोता पोती खिलाने का दादी बनने का,,,, कमला चाची अपने मन में यही सब सोच रही थी,,,,, अपनी बहू के बताए अनुसार कमला चाची अपनी बेटी के लंड के बारे में कल्पना करने लगे अगर वाकई में राजू के लंड के आगे उसके बेटे का लंड कुछ भी नहीं है तो वह कैसा होगा यह सोचकर ही वह हैरान हो गई,,, एक औरत होने के नाते औरत के मन की वास्तविकता को उसकी जरूरत को कमला चाची अच्छी तरह से समझती थी अगर वाकई में उसके बेटे का लंड उंगली के बराबर है तो वह किसी भी औरत को संतुष्ट करने के काबिल बिल्कुल भी नहीं है ऐसे आदमी के साथ औरत की जिंदगी नरक के समान हो जाती है इस बात का एहसास कमला चाची को अच्छी तरह से था,,, वह अपने मन में सोचने लगी कि उसका बेटा उसकी बहू को बिल्कुल भी सुख और संतुष्टि प्रदान नहीं कर पाता होगा ऐसे में उसका बहक जाना लाजमी था,,,कमला चाची फिर अपने मन में यही सोचने लगी कि लेकिन जो कुछ भी हुआ उसकी जिम्मेदार वह खुद है वह अपनी प्यास बुझाने में इतनी मशहूर हो गई कि कमरे का दरवाजा या खिड़की बंद करना ही भूल गई वह यह भी भूल गई थी उसकी बहू किसी भी वक्त घर पर आ सकती है लेकिन राजू के मोटे तगड़े लंड से चोदने की प्यास के आगे वह सब कुछ भूल गए और उसकी बहू अपनी आंखों से सब कुछ देख ली,,, अगर वह अपनी आंखों से सब कुछ ना देखी होती तो शायद उसकी हिम्मत इतनी आगे ना बढ़ गई होती की वह शौच करने के बहाने राजू के साथ खुले खेत में चुदवाती ,,,,कमला चाची का पानी बनी में यही सब सोच भी रही थी और रो भी रही थी उसकी बहू खड़ी होकर अपनी सास को रोते हुए देख रही थी उसे अपनी सास पर दया रही थी वह भी जानती थी कि एक औरत होने के नाते उसकी भी कुछ जरूरते हैं,,,, वह धीरे से अपने सास के पास कहीं और उसके कदमों में बैठकर अपनी सास की दोनों टांगों को पकड़कर अपनी सास को समझाते हुए बोली,,,।


रहमत मा जी मैं जानती हूं जो कुछ भी होगा उसने तुम्हारी गलती बिल्कुल भी नहीं है एक औरत को जिस तरह से भूख लगती है खाने के लिए भोजन ग्रहण करने के लिए उसी तरह से एक औरत को धमकी भी भूख लगती है तन की भी प्यास लगती है जिसे मिटाने के लिए अपनी प्यास बुझाने के लिए उसे यह काम करना ही होता है,,,, घर में या घर के बाहर चोरी चुपके औरत के कदम डगमगा ही जाते हैं तुमने भी वही की इससे मुझे कोई एतराज नहीं है,,,, लेकिन तुम्हें भी मेरी जरूरतों के बारे में समझना चाहिए सोचो अगर तुम्हारा बेटा मुझे मां नहीं बना सका तो इसमें बदनामी किसकी है तुम्हारी और तुम्हारे बेटे की लेकिन अगर मैं राजू के साथ संबंध बना कर,,,पेट से हो गई और मां बनते ही तो इसमें तुम्हारा ही सर ऊंचा रहेगा और तुम्हारे बेटे की बदनामी भी नहीं होगी,,,और राजू के बारे में तो तुम अच्छी तरह से जानती हो भले ही औरतों के मामले में उसका नाड़ा ढीला है लेकिन वह‌ यह बात किसी को कहेगा नहीं,,,, जिससे हम दोनों का ही फायदा है,,,(कमला चाची की बहू चालाकी दिखाते हुए अपनी सास को आगे भी राजू के साथ संबंध बनाते हुए चुदाई का सुख प्राप्त करने का रास्ता खोज रहे थे और उसे ऐसा लग भी रहा था कि उसे शायद उसकी मंजिल मिल गई है,, उसकी सास की तरफ से उसे मायूस नहीं होना पड़ेगा वह इस बात को अच्छी तरह से जानती थी क्योंकि वह जानती थी कि उसकी सास भी राजू से चुदवाए बिना नहीं रह सकती ऐसे में सास बहू दोनों का काम होना लाजमी था,,,, अपने आंसुओं को पोछते हुए अपनी बहू की बात सुनकर कमला चाची बोली,,,)

क्या उसने तुम्हें बताया कि वह मेरे साथ भी संबंध बनाता है,,,


नहीं मा जी बिल्कुल भी नहीं उसनेतुम्हारे बारे में मुझसे कोई जिक्र भी नहीं किया है इसीलिए तो मैं कहती हूं कि उसके साथ यह रिश्ता कायम करने में हम दोनों का फायदा है और सुरक्षित भी है,,,।

फिर तेरे साथ राजू कैसे चालू हो गया,,,

माजी अब तुमसे क्या छुपाना अब हम दोनों एक दूसरे के राजदार बन चुके हैं इसलिए मैं तुमसे कुछ भी नहीं छुपाऊगी,, जब मैंने तुम्हें और राजू को तुम्हारा ही कमरे में देखी थी,,, तो तुम दोनों को पूरी तरह से नग्न अवस्था में देखकर पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया था लेकिन जिस तरह से तुम मजा ले रही थी तुम्हारे मुंह से आग्रह ऊहहहह की आवाज आ रही थी यह सब सुनकर मेरी हालत खराब होने लगी,,,मैं तुम दोनों को रंगे हाथ पकड़ लेना चाहती थी लेकिन राजू जिस तरह से धक्का लगा रहा था उसे देखकर तो मेरे होश उड़ गए उसी समय में अपने मन में ठान ली थी कि राजू के साथ संबंध बनाकर रहूंगी और इसके लिए मैंने,,,, धमकी देने का मन बना ली थी,,,

कैसी धमकी,,,

यही कि मैंने तुम दोनों को चुदाई करते हुए देख ली हूं और यह बात मैं उसकी मां से बता दूंगी,,,

फिर,,


फिर क्या मुझे ऐसा करने की जरूरत ही नहीं पड़ी वह तो खुद मेरी जवानी पर एकदम फिसल गया और मेरे साथ खुद ही आगे चलकर वह संबंध बना लिया,,,


खेत में तुम लेकर गई थी उसे,,,

नहीं मा जी मैं तो खेत में शौच करने के लिए जा रही थी वही मेरे पीछे पीछे आ गया और झाड़ियों के पीछे मेरे साथ चुदाई करने लगा,,,,।


देख सब कुछ तो ठीक है लेकिन इस बारे में गांव वालों को भनक नहीं लगनी चाहिए वरना हम लोगों की बदनामी हो जाएगी,,,,।


तुम बिल्कुल की चिंता मत करो मां जी मुझे अपनी इज्जत और परिवार की इज्जत का बहुत अच्छे से ख्याल है किसी को कानों कान भनक तक नहीं लगेगी और हां तुम्हारे लिए मेरी तरफ से बिल्कुल छुट है मैं जानती हूं तुम्हें तेज धक्के पसंद है,,,(इतना कहकर कमला चाची की बहू हंसने लगी और कमला चाची भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए उसे इस बात की खुशी थी कि अच्छा हुआ कि यह राज उसकी बहू के सामने खुल गया और दोनों एक दूसरे के राजदार हो गए अब वह राजू के साथ जब चाहे तब संबंध बना सकती थी,,,)


दूसरी तरफ मधु के दिलों दिमाग पर उसका बेटा छाया हुआ था,,, उसकी कामुक हरकत की वजह से जिस तरह से वह पूरी तरह से मदहोश हो गई थी उस पल को याद करके उसकी बुर से कभी भी पानी निकल जा रहा था,,,,इसमें मौजों की गलती बिल्कुल भी नहीं थी वह पल ही कुछ ऐसा था कि मधु पूरी तरह से अपने काबू में बिल्कुल भी नहीं थी और वह अपने बेटे की आगोश में खोती चली जा रही थी,,,अगर ऐन मौके पर उसे होश ना आया होता तो शायद उसके बेटे का लंड उसकी बुर की गहराई नाप रहा होता और वह तब अपने बेटे को नहीं रोक पाती क्योंकि अपनी गदराई गांड पर वह अपने बेटे के लंड की चुभन को महसूस करके इतना तो समझ ही गई थी कि उसके बेटे का लंड,,,कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा और लंबा है उसने अभी तक अपनी आंखों से देखी नहीं थी लेकिन उसका एहसास उसे अंदर तक झकझोर कर रख दिया था,,,, लेकिन एक मां होने के नाते उसे अपने बेटे की हरकत बिल्कुल भी पसंद नहीं थी अगर एक औरत होने के नाते वह अपने बेटे की हरकत के बारे में सोचती तो वह अपने बेटे की हरकत का पूरा आनंद लेते हुए उसे आगे बढ़ने की इजाजत दे देती लेकिन वह एक माथे और अपने बेटे को अपने ही साथ इस तरह के अनैतिक रिश्ते में आगे बढ़ने नहीं देना चाहती थी वह किसी भी तरह से अपने बेटे को समझाना चाहती थी,, पवित्र रिश्ता के बीच मर्यादा की डोरी को टूटने नहीं देना चाहती थी दोनों के बीच संस्कार की जो पतली परत थी उसमें छेद नहीं होने देना चाहती थीइसलिए अपना मन बना ली थी कि किसी भी तरह से अपने बेटे को समझ आएगी और इस तरह के पाप ना करने देने से उसे बचाएगी,,,, लेकिन घर पर अपने बेटे को इस बारे में समझाना मुमकिन नहीं था इसलिए वह उसे खेत में काम करने के बहाने ले जाना चाहती थी जहां पर वह उसके और उसके बेटे के बीच किस प्रकार का रिश्ता है उस बारे में भली-भांति समझाना चाहती थी,,,,।

इसलिए दूसरे दिन खेतों पर काम करने का बहाना देकर मधु राजू को अपने साथ खेतों पर ले गई,,,रास्ते भर दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी मधु अपने मन में यही सोच रही थी कि कैसे वह बात की शुरुआत करें आखिरकार वह एक औरत थी और वह अपने ही बेटे से एक औरत और मर्द के बीच के संबंध के बारे में कैसे बात कर सकती थी,,, लेकिन शुरुआत तो उसे करनी ही थी ,,, यही सब सोचते हुए मधु ऊंची नीची पगडंडियों से अपने खूबसूरत नाजुक पैरों को इधर-उधर रखकर आगे बढ़ती चली जा रही थी और उसके इस तरह से चलने से उसकी बड़ी-बड़ी गदराईगांड में जिस तरह की थकान हो रही थी उसे देखकर राजू के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आ रहा था,,,, अपनी मां की मटकती हुई गांड देखकर राजू के होश उड़ रहे थेएक तो मधु की आदत ही थी कि वह साड़ी को अपनी कमर से कसकर बांध दी थी जिसकी वजह से कसी हुई साड़ी में उसकी बड़ी बड़ी गांड तरबूज की तरह बाहर निकल कर हाहाकार मचाती थी,,,राजू का मन तो कर रहा था कि वह आगे बढ़कर अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से थाम ले और साड़ी ऊपर कर के अपना मुंह उसकी गांड की दरार में घुसा दे,,, उसे यकीन था कि उसकी मां उसे ऐसा करने से बिल्कुल भी नहीं रुकेगी क्योंकि शाम के वक्त दोनों के बीच जिस तरह का कामुकता भरा छेड़छाड़ हुआ था उसे देखते हुए राजू कीमत बढ़ने लगी थी उसे यकीन हो चला था कि उसकी मां उसे आगे बढ़ने से बिल्कुल भी नहीं रुकेगी क्योंकि वह जानता था कि अगर उसकी बुआ ना आई होती तो उसकी मां उसके लंड को अपनी बुर में लेने से इनकार नहीं करती और वहां अपनी मंजिल प्राप्त करके कामयाब हो जाता,,, लेकिन आज अपनी मंशा पूरी करने का इरादा बना चुका था,,,,आदमी की हिम्मत तब और ज्यादा बढ़ जाती है जब सामने वाला किसी भी प्रकार का प्रतिकार नहीं करता है और इस समय राजू के साथ भी यही हो रहा था,,, अपनी मां की खामोशी उसकी कर्म सांसो को उसकी तरफ से उसका निमंत्रण समझ कर आगे बढ़ना चाहता था इसलिए तो इस समय अपनी मां की मटकती भी गांड देखकर वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया,,, था पजामे में उसका लंड गदर मचाने को तैयार था,,,,। इस बात से बिल्कुल भी बेखबर मधु अपनी धुन में अपने बेटे को समझाने के लिए अपने मन में बहाना सोच रही थी,,,उसे इस बात का आभास बिल्कुल भी नहीं था कि उसका बेटा जो उसके ठीक पीछे चल रहा है उसकी गांड को देखकर उत्तेजित हो रहा है,,,,
अनजाने में ही चलते हुए उसकी नजर पीछे की तरफ गई तो अपने बेटे की नजरों को भांप कर उसकी दोनों टांगों के बीच सिहरन सी दौड़ गई,,,, वह अपने मन में सोचने लगी बाप रे इसे किस तरह से समझाऊंं,, और देखते ही देखते दोनों अपने खेतों में पहुंच गए,,,।
Ab aayga mza jb ma beta ke beech kamuk seen bnega
Bhut achchha likh rhe ho
 
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