कमला चाची अपनी आंखों से अपनी बहन की कामलीला देखकर एकदम से आग बबूला हो गई थी,,,,कमला चाची अपनी बहू के बारे में करने की इस तरह की गंदी हरकत उसकी बहू करेगी कभी सोची नहीं थी लेकिन आज वह अपनी आंखों से अपनी बहू की कामलीला को देखकर क्रोधित हो गई थी और वह भी गांव के उसी लड़के के साथ जिसके साथ वह खुद संभोग सुख प्राप्त कर चुकी थी,,,राजू की जगह अगर कोई और लड़का होता तो शायद उसी समय दोनों को रंगे हाथ पकड़ कर दोनों के गाल लाल कर दी होती लेकिन राजू के साथ वह ऐसा नहीं कर सकती थी,,,।ऐसा करने पर राजू उसके साथ शारीरिक संबंध की बात भी बता देता और कमला चाची ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहती थी लेकिन घर पर अपनी बहू को पाठ पढ़ाने का मन में ठान ली थी इसलिए थोड़ी ही दूरी पर जाकर सोच करने के लिए बैठ गई थी उसकी आंखों के सामने राजू और उसकी बहू दोनों घर की ओर जा रहे थे,,,कमला चाची को अपनी आंखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी संस्कारी सीधी-सादी बहू इस कदर वासना की आग में अंधी हो जाएगी की अपने बदन की प्यास बुझाने के लिए सोच करने के बहाने अपने यार को खेत के खुले मैदान में बुलाकर चुदवाएगी,,,।कमला चाची रांची को सीधा साधा लड़का समझती थी वह यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि उसके जीवन में आने वाली पहली औरत सिर्फ वो ही थी जिसने उसे चोदना सिखाई थी लेकिन आज चोदना सीख कर उसके ही घर में डाका डाला था,,,, चुदाई के सब गुण सीख कर उसने उसकी ही बहू पर वही सारे गुण आजमाएं थे,,, कमला चाची अपने मन में वही दृश्य के बारे में सोच रही थी जब वह चोरी-छिपे उस दृश्य को देखी थी उसे तो यकीन ही नहीं हो रहा था राजु बड़े जोरों से धक्का लगा रहा था,,,इस बात को याद करके करना चाहिए अपने मन में यही सोच रही थी कि कहां से उसकी बहू की जगह कोई और औरत होती तो उसे आज कितनी ज्यादा संतुष्टि मिलती लेकिन अपनी बहू को राजू के साथ पाकर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें घर की इज्जत इस तरह से बाहर मुंह मारती फिर रही है अगर गांव में किसी को इस बात की भनक भी लग गई थी उसकी इज्जत का क्या रह जाएगा,,,उसकी बहू को शक गंदी नजरों से देखेंगे और आए दिन उसके साथ गलत व्यवहार करेंगे और हो सकता है कि शायद उसकी बहू ही पूरे गांव में रंडी पन दिखाते फिरे,,,,इसलिए कमला चाची इस खेल को यहीं रोक देना चाहती थी इसलिए थोड़ी देर बाद घर पर पहुंची,,,।
घर का दरवाजा खोलकर अंदर जाकर हाथ मुंह धोने लगी सामने ही उसकी बहू खाना बना रही थी और अपनी सास को देखकर वहीं बैठे बैठे ही बोली,,,।
आज बहुत देर लगा दी मां जी,,,,कहां थी अब तक मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रही हूं,,,,(रोटियों को तवे पर रखते हुए बोली)
मैं भी तुझ से यही पूछना चाहती हूं कि तु इतनी देर से कहां थी,,(कमला चाची अपने गीले हाथ को अपनी ही साड़ी में पोछते हुए बोली,,)
अरे माजी में तो मैदान गई थी,,, वही देर हो गई,,,
(कमला चाची अपनी बहू के जवाब से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं थी वह जानती थी कि उसके सवाल का जवाब उसकी बहू इसी तरह से देखी इसलिए गुस्से में आकर कमला चाची बोली,,,)
मुझे कुछ भी छुपाने की जरूरत नहीं है मैं तेरी कामलीला को अपनी आंखों से देख चुकी हूं,,,।
(कामलीला शब्द सुनते ही कमला चाची की बहू के होश उड़ गए उसे आभास होने लगा कि कुछ गलत हुआ है फिर भी बात को बनाते हुए बोली)
ममम मैं कुछ समझी नहीं माजी तुम क्या कह रही हो,,,
इतनी भी भोली बनने की जरूरत नहीं है मैं अपनी आंखों से खेत में तुझे देख चुकी हूं कि कैसे अपनी साड़ी कमर तक उठाकर घोड़ी बनकर राजू से चुदवा रही थी,,,
(इस बार तो कमला चाची की बहू की हालत एकदम से खराब हो गई काटो तो खून नहीं वह ज्यों का त्यों एकदम से जम गई,,, उसकी चोरी पकड़ी गई थी अब वह क्या करें इस बारे में अपने मन में ही कोई उपाय ढूंढ रही थी लेकिन उसे कोई उपाय नजर नहीं आ रहा था फिर भी अपना बचाव करते हुए बोली,,)
यह क्या कह रही हो माजी,,, जो कुछ भी तुम कह रही हो मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है,,,
हरामजादी ,,,(इतना कहने के साथ ही गुस्से में कमला चाची आगे बढ़ी और अपनी बहू का बाल कसके अपनी मुट्ठी में पकड़ ली जिससे उसकी चीख निकल गई)मुझसे झूठ बोलती है,,, मैंने सब कुछ अपनी आंखों से देखी हूं तुझे बहुत जोर जोर से धक्के पसंद है ना,,,, हरामजादी मेरी इज्जत बनी बनाई इज्जत पानी में मिला रही है,,,
आहहह छोड़िए माजी है क्या कर रही है,,,आहहह,,, दुख रहा है,,,,
तुझे तो दर्द हो रहा है ना मेरा तो दिल टूट गया था जब तुझे अपनी आंखों से देखी थी,,,, हरामजादी,,,,
आहहह मां जी तुम किसी और को देखी होगी मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर सकती,,,।आहहह छोड़िए मुझे दर्द हो रहा है,,,
मैं भला तुझे नहीं पहचानती मैं तुम दोनों को अच्छी तरह से पहचान रही थी अजू का लंड जिसकी बुर में जा रहा था वह बुर तेरी ही थी और तू बड़े मजे ले ले कर उसे और जोर-जोर से पेलने के लिए बोल रही थी,,,।
आहहहहह मां जी छोड़ो,,,,(इतना कहने के साथ ही कमला चाची की बहू अपना बीच-बचाव करते हुए कसके अपनी सास का हाथ पकड़कर उसे झटक दी,,,, और कमला चाची की बहू समझ गई थी कि जब अपना बचाव करने के लिए कोई बहाना उसके पास नहीं बचा है वह रंगे हाथ पकड़ी गई थी बस उस समय उसकी सास ने कुछ भी नहीं किया था और वही कसर अब घर पर निकाल रही है इसलिए अपनी सास की बात मानते हुए कमला चाची की बहू गुस्से में बोली,,,)
हां हां मैं ही थी,,, में हीं राजू से चुदवा रही थी,,,तो तो इसमें गलत क्या कर रही थी,,,।
(अपनी बहू का जवाब सुनकर कमला चाची एकदम से सन रहेगा ही वह अपनी गलती को मान भी रही थी लेकिन एकदम अपनी छाती ठोक के किस लिए कमला चाची को गुस्सा आ गया और उसकी तरफ आगे बढ़ते हुए बोली,,,)
हरामजादी भोसड़ा चोदी एकदम छिनार हो गई है रुक अभी तुझे बताती हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही जैसे पास में पड़ा डंडा हाथ में पकड़ कर अपनी बहू के पास जाने लगी वैसे ही कमला चाची की बहू एकदम गुस्से में आकर चिल्लाते हुए बोली)
बस माजी बस अगर एक कदम भी आगे बढ़ाई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा अभी तक तुम मेरा सीधा-साधा रूप देख रही थी लेकिन अगर मैं अपने पर आ गई तो तुम्हें कहीं की नहीं छोडूंगी,,,,(अपनी बहू को गुस्से में देखकर कमला चाची एक पल के लिए घबरा गई और वहीं रुक गई और कमला चाची की बहू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)
और तुम छिनार किसे कह रही हो पहले अपने अंदर झांक कर देखो कि तुम कितनी बड़ी छिनार हो,,,(अपनी बहू के मुंह से अपने लिए छिनार शब्द सुनकर कमला चाची कदम से सन्न रह गई उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी बहू इस तरह के शब्दों का प्रयोग उसके लिए करेंगी जिस तरह का प्रयोग वह उसके लिए कर रही थी,,, अपनी बहू की बातें सुनकर गुस्से में कमला चाची बोली)
क्या बोली हरामजादी मुझे छिनार कहती है गांव भर के लड़कों का ,,लंड अपनी बुर में लेकर चुदवा रही है,,,और मुझे छिनार कहती हैं,,,।
हां हां तुम छिनार हो,,,, अगर मैं हूं तो तुम भी हो और मुझसे भी बड़ी तो तुम हो,,, अगर आज बात खुल गई है तो मैं भी सारे राज खोल देना चाहती हूं,,,,
कैसा राज हरामजादी,,,(कमला चाची को अभी तक ऐसा ही लग रहा था कि उसके और राजू के बीच में जो कुछ भी चल रहा था वह किसी को भी पता नहीं है लेकिन वह यह बात से अंजान थी कि उसकी बहू खुद अपनी आंखों से उन दोनों की कामलीला को देख चुकी थी तभी तो उसका मन आगे बढ़ा था और वह भी अपनी सास की तरह ही राजू के साथ संभोग सुख ले रही थी,,,)
मैं सब कुछ जानती हूं ना जी तुम्हारे और राजु के बीच क्या चल रहा है,,,।
(इस बार अपनी बहू की बातें सुनकर कमला चाची एकदम से चौक गई,,,)
और यह मत समझना कि मैं तुम पर इल्जाम लगा रही हूं मैं जो भी कह रही हूं एकदम सच कह रही हूं और अभी अपनी आंखों देखी बात कह रही हूं मैं तुम्हें और राजू को तुम्हारे ही कमरे में देखी थी उस समय तुम दोनों बिना कपड़ों के एकदम नंगे थे और माजी तुम मुझे कह रही हो ना कि तुझे जोर जोर से धक्के पसंद है मुझसे भी ज्यादा मजा तो तुम ले रही थी राजू के साथ और वह भी एक दम नंगी होकर,,,,(अब कमला चाची के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं था वह एकदम से सनंन रह गई थी,,, वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,) मैं उस दिन जो कुछ भी अपनी आंखों से देखी मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी सांस एक जवान लड़की को अपने घर में बुलाकर इस तरह से चुदाई करवाएंगी और वह भी एक दम नंगी होकर,,उस दिन में तुम्हारा व रूप देखकर एकदम दंग रह गई थी मुझे तो अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था लेकिन जिस तरह से तुम राज्यों से जोर जोर से धक्के लगाने के लिए बोल रही थी और राजू की पूरी तरह से मस्त होकर तुम्हें चोद रहा था उस दिन तुम दोनों की चुदाई देखकर ही मेरा मन आगे बढ़ने को कहा,,,,,। तुम्हें पता है मुझे राजु के पास जाने की जरूरत क्यों पड़ी तुम्हारे बेटे की वजह से माजी जरा सोचिए तुम बहू वाली होने के बावजूद भी एक उम्र दराज औरत होने के बावजूद भी अपने वतन की प्यास को दबा नहीं सकती और ऐसे में अपने ही बेटे की उम्र के लड़के के साथ चुदवाकर अपनी प्यास बुझा रही हो तो सोचो मेरी तो अभी शुरुआत है मेरी नई-नई शादी हुई है तुम्हारे बेटे के साथ चुदाई क्या होती है यह तो मुझे पता ही नहीं था जो काम तुम्हारे बेटे को करना चाहिए था वही काम राजु कर रहा है,,, तुम्हें पता भी है तुम्हारे बेटे का लंड सिर्फ उंगली जितना ही है (अपने हाथ की उंगली दिखाते हुए)अगर अपनी आंखों से देख लोगी तो खुद ही शर्म से पानी पानी हो जाओगी,,,, मैं तो फिर भी इतने दिन तक सबर करके रही लेकिन तुम्हें देखने के बाद मुझे भी इच्छा होने लगी और मेरे भी सब्र का बांध टूट गया,,,
(अपनी बहू की बातों को सुनकर कमला चाची एक दिन टूट गई थी वह खटिया पर सर पर हाथ रख कर बैठ गई थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह शर्मिंदा होकर अपने ब हु की बातों को सुन रही थी,,)
क्रमशः