• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest बैलगाड़ी,,,,,

Enjoywuth

Well-Known Member
4,043
4,537
158
रोनी भाई कहाँ गए । अपडेट का शिदत से इन्तेजार है
 
  • Like
Reactions: Napster

Napster

Well-Known Member
5,033
13,860
188
शाम ढल चुकी थी वातावरण में अंधेरा का प्रवाह बढ़ता जा रहा था चारों तरफ अंधेरा छा रहा था ऐसे में गांव की औरतें सोच करने के लिए नदी के किनारे जंगली झाड़ियों वाली जगह पर जाती थी,,,अनजाने में ही राजू की नजर कमला चाची की बहू पर पड़ गई थी जो कि सोच करने के लिए ही उसी दिशा में जा रही थी राजू अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देखने के बाद,,, बड़ी तसल्ली के साथ कमला चाची की बहू के पीछे पीछे जाने लगा,,,,,, बड़े दिनों बाद वह कमला चाची की बहू की मुलाकात करने के लिए जा रहा था नवी नवेली दुल्हन की बुर चोद कर वह भी अपने आप को बड़ा भाग्यशाली समझता था,,,,,,कमला चाची के साथ-साथ कमला चाची की बहू की चुदाई कर लेने के बाद राजू पूरी तरह से उस परिवार में खुल चुका था हालांकि अभी तक राजू को इस बात का पता नहीं था कि कमला चाची की बहू,,, उसके और कमला चाची के बीच के संबंध के बारे में जानती हैं,,,।

राजू अपनी ही दोनों में कमला चाची की बहू के पीछे पीछे जाने लगा क्योंकि वह कमला चाची की बहू को मैदान में ही चोदने का इरादा बना चुका था और वैसे भी कमला चाची की बहू उसे इनकार करने वाली नहीं थी क्योंकि राजू ने उसे जो सुख दिया था वह सुख उसके पति ने अभी तक उसे नहीं दे पाया था,,,,,,, गांव से थोड़ा दूर निकलने के बाद चारों तरफ नजर घुमाकर देख लेने के बाद जब राजू को तसल्ली हो गई कि कोई भी देख नहीं रहा है तो वह चलते-चलते पीछे से आवाज लगाता हुआ बोला,,,।

कहां जा रही हो भाभी,,,
(पीछे से आई आवाज को सुनकर पहले तो कमला चाची की बात एकदम से चौंक गई लेकिन पीछे नजर घुमाकर देखने के बाद जब उसे तसल्ली हो गई कि उसे आवाज लगाने वाला और कोई नहीं राजू है तो उसकी जान में जान आई और उसके होठों पर मुस्कान तैरने लगी,,,राजू के साथ चुड़वा लेने के बाद वह भी राजू के साथ थोड़ी बेशर्म बन चुकी थी इसलिए चलते हुए ही हाथ में लिया हुआ लोटा राजू को दिखाते हुए बोली,,,)

देख नहीं रही हो बबुआ कहां जा रही हूं,,,


देख तो रहा हूं भाभी,,,

तुम्हें भी साथ साथ चलना है क्या,,?

तभी तो तुम्हारे पीछे पीछे आया हूं,,,

ओहहह तो यह बात है मतलब काफी देर से मेरा पीछा कर रहे हो,,,,


हां इसी इंतजार में कि कब गांव वालों की नजरों से दूर तुम्हें अपनी बाहों में भरकर तुम्हें ढेर सारा प्यार करूं,,,(इतना कहते हुए राजू कमला चाची की बहू के एकदम बगल में आ गया और उसकी उभरी हुई गांड पर हाथ रख दिया अपनी गांड पर राजू का हाथ महसूस करते ही कमला चाची की बहु‌ उतेजना से सिहर उठी,,,)

ससहहहह आहबहह क्या करते हो बबुआ कोई देख लेगा तो,,,,

कोई नहीं देख रहा है भाभी तभी तो तुम्हारी गांड पर हाथ रखा हूं,,,, मेरे समाज के उंच नीच को अच्छी तरह से जानता हूं मुझे तुम्हारी इज्जत का उतना ही ख्याल है जितना कि तुम्हें,,,,,,


हां जानती हूं तुम्हें मेरी इज्जत का बहुत ख्याल है तभी मेरी इज्जत अपने हाथों से लूट चुके हो,,,

उसे लूटना थोड़ी कहते हैं भाभी,,,


तो किसे कहते हैं,,,


वह तो तुम अपनी मर्जी से अपनी बुर मुझे दे दी थी अगर वही तुम्हारी बुर में जबरदस्ती से लेता तो उसे लूटना कहते ,,।
(राजू के मुंह से बुरा शब्द सुनकर कमला चाची की बहू की दोनों टांगों के बीच चींटीया रंगने लगी,,,कमलेश आशिकी प्रभु अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है क्योंकि इस तरह से अगर किसी की नजर उन दोनों पर पड़ गई तो गांव में बदनामी हो जाएगी इसलिए कमला चाची की बहू मन होने के बावजूद भी इस समय उस से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से बोली,,,)

चलो बबुआ कोई बात नहीं हम दोनों की मर्जी थी सो हो गया लेकिन यहां मेरा पीछा क्यों कर रहे हो कोई देख लेगा तो बदनामी हो जाएगी,,,,।(ऊंची नीची पगडंडी पर संभालकर पैर रखते हुए कमला चाची की बहु बोली ,,)

कोई नहीं देख रहा है भाभी तुम खामखा डरती हो मैं तो आज तुम्हें सोच करते हुए देखना चाहता हूं,,,।

हाय दैया यह कौन सा शौक तुने पाल लिया है,,,


क्या हुआ भाई इसमें कौन सी बुरी बात है,,,


अरे भला एक औरत को सोच करते हुए कोई देखता है क्या,,?

तब तो तुम एकदम बुद्धू हो भाभी,,, तुम पर कोई भी नहीं जानती हम जैसे जवान लड़के हम जैसे ही क्या बूढ़े लोग भी तुम औरतों को पेशाब करते हुए सोच करते हुए देखने के लिए तड़पते रहते हैं,,,।

चल रहने दे,,,


हां भाभी मैं सच कह रहा हूं तुम नहीं जानती हम लड़कों को तो सबसे ज्यादा मजा तुम औरतों को सोच करते हुए देखने में ही बहुत मजा आता है,,, सच कह रहा हूं भाभी जब तुम औरतें सोच करने के लिए अपनी साड़ी कमर तक उठाती हो तो कमर के नीचे तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड देखकर ही हम लोगों का लंड खड़ा हो जाता है,,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहु उतेजीत हुई जा रही थी और अपने चारों तरफ देख भी ले रही थी,,,,)

क्या,,,? तुम लड़के इतने हरामि हो,,,

इसे हरामीपन थोड़ी कहते हैं भाभी,,,यह तो हम लोगों का तुम लोगों के प्रति आकर्षण दीवानगी है जो तुम्हारे नंगे बदन को देखने के लिए इस कदर तड़पते रहते हैं कि तुम्हें सोच करते हुए देखने के लिए दूर-दूर तक तुम्हारे पीछे-पीछे चले आते हैं,,।
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची के पापा को बहुत मजा आने लगा था आज पहली बार वह औरतों का सोच करने के प्रति लड़कों के सोचने के रवैया को देख रही थी और समझ रही थी वरना उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि औरतो को सौच करते हुए देखने मैं कितना मजा आता है,,, कमला चाची की बहू के मन में है उत्सुकता भी था कि फिर उसके बाद वह लोग क्या करते हैं इसलिए वह बोली,,)

उसके बाद तुम लोग क्या करते हो,,,

भाभी कसम से उसके बाद तो पूछो मत अगर किसी का जुगाड़ होता है तो वह जाकर अपना खाना लेने उसकी बुर में डालकर अपनी सारी गर्मी निकाल देता है और अगर उसके पास से जुगाड़ नहीं है तो अपने हाथ से हिला हिला कर अपना पानी निकाल लेता है,,,।

बाप रे,,(उत्तेजना के मारे अपने सुखते हुए गले को थुक से गिरा करते हुए,,) तुम लड़के इतने ज्यादा गर्म हो जाते हो,,,


तो क्या भाभी पूछो मत तुमसे बात करते हो मैं तुम्हें सोच करते हुए सिर्फ कल्पना करके ही देखो मेरा लंड कितना खड़ा हो गया है,,,(कमला चाची की बहू का हाथ झट से पकड़ कर अपने पजामे के ऊपर से ही लंड पर रखते हुए,,) पकड़ो ठीक से,,,,।

(राजू की हरकत से कमला चाची पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी पजामे के ऊपर से ही राज्यों के खड़े लंड को महसूस करते ही कमरा चाची की बहू की बुर से मदन रस की बूंद टपक पड़ी और वह अपनी हथेली में पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को जोर से पकड़ कर तुरंत छोड़ दी,,,काफी दिन हो गए थे राजू के लंड को अपनी बुर में लिए हुए इसलिए उसका मन पूरी तरह से मचल उठा था चुदवाने के लिए,,,)

बाप रे राजू,,, तेरा तो एकदम खड़ा हो गया है बबुआ,,,


क्या करूं भाभी तुम्हारी जैसी जवान औरत इतने करीब खड़ी हो और वह भी सोच करने के लिए जा रही हो तो भला मेरे जैसी जवान लड़के का क्या हाल होगा,,,।



(राजू की बातें सुनकर कमला चाची की बहू मन ही मन मुस्कुरा रही थी और उत्तेजित भी हो रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वहां क्या करें अंधेरे का फायदा उठाने का उसका मन भी कर रहा था लेकिन किसी के देखे जाने का डर भी उसे सता रहा था,,राजू के खड़े लंड को अपनी हथेली में दबाकर वह अपनी बुर की प्यास को और ज्यादा बढ़ा दी थी,,,,कमला चाची की बहू उस स्थान पर पहुंच चुकी थी जहां पर रोज बार सोच किया करती थी चारों तरफ छोटी-छोटी जंगली झाड़िया थी जिसकी आड़ में बैठकर वह सोच करती थी और किसी के भी देखे जाने का डर बिल्कुल भी नहीं था,,,, वहां पर पहुंचकर कमला चाची की बहू हाथ में लोटा लिए खड़ी हो गई थी,,,, राजू कमला चाची की बहू की बुर का स्वाद ले चुका था फिर भी इस अवस्था में देखकर राजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था अगर उसकी जगह कोई और लड़का होता तो शायद इस हालत में देखकर जबकि वह सिर्फ हाथ में लोटा लेकर खड़ी थी और इस अवस्था में देखकर कोई भी मर्द कल्पना करते हुए अपने हाथों से ही हीला कर पानी निकाल देता,,,,,।
कमला चाची की बहू जहां पर खड़ी थी वही 2 फुट की दूरी पर राजू ठीक उसके सामने खड़ा था उसके पैजामा में तंबू बना हुआ था जिसे कमला चाची की बहू अंधेरा होने के बावजूद भी बड़े आराम से देख पा रही थी क्योंकि आसमान में तारे छिटके हुए थे हो चांदनी रात थी,,,, कमला चाची की बहू की बुर पानी पानी हो रही थी वह अभी भी बार-बार अपने चारों तरफ देख ले रही थी उसे शर्म महसूस हो रही थी राजू के सामने वह कैसे बैठकर सोच करेगी इस बारे में सोच कर ही परेशान हो रही थी,,,।)


how to send multiple images in an email


क्या हुआ भाभी बैठो ना,,,मैं आज तुम्हारा एक नया रूप देखना चाहता हूं मैंने आज तक किसी औरत को इस अवस्था में नहीं देखा,,,,

अभी अभी तो तू बोल रहा था कि हम औरतों को शौच करते हुए देखकर तुम्हें बहुत मजा आता है,,,


हां यह बात सच है भाभी लेकिन मैंने आज तक नहीं देखा हूं यह तो मेरा दोस्त बता रहा था,,,, इसीलिए तो एक नहीं अनुभव के लिए मैं तुम्हारे पास आया हूं,,,।

राजू पागल मत बन बबुआ ,,, तेरे सामने में कैसे,,,,


अरे कोई बात नहीं भाभी हो जाएगा तुम बैठो तो सही,,,।

(कमला चाची की बहू का भी मन कर रहा था लेकिन उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी राजू की बात मानते हैं वह अपनी चारों तरफ नजर घुमाकर देखी नहीं कहीं कोई नजर नहीं आ रहा था इसलिए वह राजू से बोली,,)


देख राजू तु थोड़ा दूर बैठना,,, मेरे एकदम करीब मत आ जाना मुझे शर्म आ रही है,,,




क्या भाभी तुम भी मेरे से तो शर्म करने की तुम्हें कोई भी जरूरत नहीं है क्योंकि मैं तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर चोदा चुका हूं,,,।
(राजू एकदम बेशर्मी भरे शब्दों में बोला और उसके यही बेशर्मी भरे शब्दों को सुनकर कमला चाची की बहू शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी इसलिए बिना कुछ बोले अपनी साड़ी को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाने लगी और चारों तरफ नजर घुमाकर देखने भी लगी,,, राजू का दिल जोरों से धड़क रहा था शाम के समय ही वह अपनी मां को चोदते चोदते रह गया था इसलिए उस पल की गर्मी अभी भी उसके बदन में बरकरार थी,,, राजू की नजर कमला चाची कि दोनों टांगों के बीच भी टिकी हुई थी वह सिर्फ साड़ी के उठने का इंतजार कर रहा था और कमला चाची की तो हो राजू की आंखों के सामने साड़ी उठाने में शर्म तो महसूस कर रही थी लेकिन आनंदित भी हुए जा रही थी क्योंकि पहले भी वह खुलकर राजू से चुदवा चुकी थी,,, कमला चाची की बहू घुटनों तक अपनी साड़ी को उठा चुकी थी और राजूकमला चाची की बहू की आंखों के सामने ही अपनी पहचानो को घुटनों तक खींच कर अपने लंड को पकड़ कर हिलाता हुआ नीचे बैठ गया था यह राजू ने जानबूझकर कमला चाची की बहू को खुलने के लिए किया था औरराजू की यह हरकत कमला चाची की बहू पर पूरा असर कर रही थी वह तुरंत अपनी साड़ी को कमर तक उठाती और राजू की आंखों के सामने चांदनी रात में उसकी हल्की-हल्की बालो से भरी हुई बुर नजर आने लगी,,, जिसे देखकर राजू गरम आहे भरने लगा,,, और कमला चाची की बहू झाड़ियों के पीछे राजू की आंखों के ठीक सामने बैठ गई,,,,।

आहहहह आहहह भाभी क्या मस्त नजारा है मैं तो कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह का नजारा देखने में इतना मजा आता होगा तभी मेरे दोस्त लोग पागल हुए रहते हैं,,,।


(राजू का इतना कहना था कि कमला चाची की बहू मुतने लगीऔर उसके गुलाबी छेद में से मधुर संगीत की धारा टूटने लगी जो कि राजू के कानों में पहुंचते ही राजू पूरी तरह से मस्त होने लगा,,,, कमला चाची की बहू की पेशाब की धारा की तारीफ करते हुए राजू बोला,,,)

वाह वाह भाभी,,, कमाल हो गया जैसा मैंने सोच रखा था उससे भी कहीं ज्यादा मदमस्त कर देने वाला यह नजारा है तुम्हारी बुर से कितनी मस्त मधुर आवाज आ रही है,,, मैं तो सुनकर ही पागल हुआ जा रहा हूं ,,, देखो मेरे लंड की हालत क्या हो रही है,,,(अपने हाथ को अपनी दोनों टांगों के बीच निकालकर अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए बोला कमला चाची की बहू की नजर उसकी दोनों टांगों के बीच खड़े लंड पर गई तो वह एकदम से सिहर उठी,,, उसकी बुर फुदक रही थी,,और उसकी फुदकती हुई बुर से पेशाब की धारा फुट रही थी,,,,जो कि तकरीबन 1 मीटर तक की दूरी तक जा रही थी और जहां पर गिर रही थी वहां से पेशाब की बूंदे झटक कर राजू के पैरों के साथ-साथ उसकी कुछ बूंदें राजू के लंड पर भी कह रही थी जिसे से राजू का लंड और ज्यादा कड़क हुआ जा रहा था,,,, थोड़ी ही देर में शर्माते हुए कमला चाची की बहू सोच करने लगी राजू उसे देखता जा रहा था उसके मदमस्त काम हो तो रूप को देखकर पूरी तरह से मतवाला हुआ जा रहा था वह कमला चाची की बहू को चोदने के फिर हाथ में था वह इतना तो जानता ही था कि कमला चाची की बहू का मन भी इस समय वही कर रहा होगा जैसा कि उसका मन कर रहा है वरना वह इस तरह से उसकी आंखों के सामने बैठ कर सोच ना कर रही होती,,, कमला चाची की बहू शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमा कर बैठी हुई थी,,,राजू अपनी चारों तरफ नजर घुमाकर अपनी जगह से खड़ा हुआ और धीरे-धीरे ठीक कमला चाची की बहू के सामने खड़ा हो गया और दोनों हाथों से उसका सर पकड़ कर अपने लंड के सुपाड़े को बिना हाथ से पकड़े उसकी गोरे गोरे गाल पर रगड़ने लगा,,,कमला चाची की बहू राजू की इस हरकत से एकदम से चौंक गई थी क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी कि राजू अपनी जगह से खड़ा होकर उसके करीब आ जाएगा और इस तरह की हरकत,,, करेगा,,, जिस दिन से राजू उसको चोदकर गया था उस दिन से उसकी बुर एकदम प्यासी थी बिना कोई प्रतिक्रिया दिए कमला चाची की बहुत तुरंत अपने लाल लाल होठों को खोल दी और राजू के अंडे को अपने मुंह में प्रवेश करा दी,,,, उत्तेजना के मारे राजू के मुंह से आह निकल गई,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो गया कमला चाची की बहू झाड़ियों के पीछे थी इसलिए वह बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहे थे और राजू खड़ा होकर कमला चाची की बहू के मुंह में लंड पेल रहा था इसलिए उसके कमर के ऊपर वाला भाग झाड़ियों के पीछे होने के बावजूद भी नजर आ रहा था,,, लेकिन राजू पूरी तरह से निश्चिंत था,, क्योंकि वह जानता था कि यहां कोई आने वाला नहीं है,,,।



कमला चाची की बहू एकदम मस्त हुए जा रही थी राजू का लंड ईतना मोटा था कि उसका पूरा मुंह एकदम खुला का खुला था,,, जिसे कमला चाची की बहू अपना मुंह आगे पीछे करके उसे अंदर तक ले रही थी,,,,,, राजू पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी कमर आगे पीछे करके उसके मुंह को ही चोद रहा था,,,।

ओहहहह भाभी,,,,आहहहहह कितना मस्त चुस्ती हो तुम मुझे एकदम मस्त करती हो भाभी आज मेरा लंड एकदम किस्मत वाला हो गया है कि तुम्हारे मुंह के अंदर है,,,आहहहहह ,,,,आहहहह भाभी ऐसे ही पूरा अंदर तक लो,,,आहहहहहहह,।
(कमला चाची की बहू अपने मुंह से कुछ बोल नहीं रही थी क्योंकि वह अपने मुंह में राजू के लंड को ली हुई थी लेकिन राजू की बातों का पूरा आनंद ले रही थी,,,कुछ देर तक राजू इसी तरह से अपने लंड को कमला चाची की बहू के मुंह में डालकर उसे लसा लसा करता रहा लेकिन अब समय आ गया था कमला चाची की बुर की गर्मी महसूस करने की इसलिए राजू अपने लंड को अमृताची की बहू के मुंह में से बाहर निकाल लिया,,, और उसकी आंखों के सामने ही अपने लंड को जोर-जोर से मुठीयाता हुआ बोला,,,।)


ओहहहह भाभी हम उसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है मैं तुम्हारी बुर में डालना चाहता हूं भाभी,,, घोड़ी बन जाओ भाभी,,,


पागल मत बनो बबुआ कोई देख लेगा तो,,,


कोई नहीं देखेगा भाभी यहां कोई नहीं आने वाला,,,,।

(कमला चाची की बहू का भी मन बहुत तड़प रहा था राजू को अपनी बुर में लेने के लिए,,, इसलिए वह राजू की बात मानते हुए,,, बिना खड़ी हुए ही उसी तरह से घूम गई और तुरंत अपने घुटनों के बल होकर आगे की तरफ झुकते हुए अपनी कोहनी को नरम नरम मिट्टी पर रखते हुए बोली,,,)

देखना बाबू अगर कोई देख लेगा तो तेरी जिम्मेदारी होगी,,,


हां भाभी तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो,,,(ठीक कमला चाची की बहू के पीछे घुटनों के बल बैठते हुए) बस अपनी गांड थोड़ा सा ऊपर उठा लो,,,(और इतना सुनते ही राजू की बात मानते हुए अपनी गोल-गोल गांड को थोड़ा सा ऊपर उठा ली,,)

बस भाभी बस अब देखना तुम्हें कितना मजा देता हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने लंड को कमला चाची की बहू की बुर जो कि पहले से ही एकदम गीली हो चुकी थी उसमें एक झटके में डाल दिया एक हल्की सी चीख कमला चाची की बहू के मुंह से निकली और फिर पूरा का पूरा लंड वह अपनी बुर की गहराई में ले ली एकदम से मस्त हो गई और राजू कमला चाची की बहू की गांड पकड़ कर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया,,,, राजू पहले धक्के से ही अपनी रफ्तार तेज कर दिया था क्योंकि वह काफी उत्तेजित हो चुका था,,, और कमला चाची की बहू हर धक्के के साथ मस्त हो जा रही थी,,,,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक अनजान जवान लड़के से वह इस तरह से खुले मैदान में झाड़ियों के पीछे रात के समय चुदवाएगी,,,,, लेकिन इस तरह से छुप छुप कर चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था इसलिए तो उसकी गरम सिसकारी उसके मुंह से निकल रही थी,,,, लेकिन उसकी गरमा गरम शिसकारी को उस खुले में सुनने वाला इस समय कोई नहीं था,,,,राजू कभी उसकी कमर पकड़ लेता तो कभी उसकी गांड दोनों हाथों से जगा देता तो कभी दोनों हाथों को आगे की तरफ लाकर ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी खरबूजे को हाथों में पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया और इसी बीच में लगातार अपने धक्के लगाता ही जा रहा था ,,,राजू के साथ-साथ कमला चाची की बहू को भी अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था दोनों एकदम मस्त हुए जा रहे थे,,, राजू गहरी गहरी सांस लेता हुआ कमला चाची की बहु को चोद रहा था,,,।

वहीं दूसरी तरफ इस बात से पूरी तरह से अनजान करना चाहती उसी तरफ आ रही थी जहां पर झाड़ियों के पीछे उसकी बहू राजू से चुदवा रही थी कमला चाची पहले ही शौच करने के लिए आ जाती थी लेकिन आज बातों ही बातों में उन्हें देर हो गई थी वह उसी झाड़ियों की तरफ चली आ रही थी जो झाड़ियों के पीछे उसकी बहू एक जवान लड़के से अपना मुंह काला करवा रही थी जिसके साथ वह खुद अपने बदन की गर्मी उम्रदराज होने के बावजूद भी मिटा चुकी थी,,,, जैसे-जैसे कमला चाची और झाड़ियों के करीब आती जा रही थी वैसे वैसे उन्हें पायल और चूड़ियों की खनक ने की आवाज सुनाई दे रही थी और रह-रहकर हंसने की आवाज भी आ रही थी,,,अगर कोई और होता तो शायद भूत प्रेत के बारे में सोच कर वहां से भाग खड़ा होता है लेकिन कमला चाची उम्र दराज थी अनुभव से भरी हुई थी इसलिए वह धीरे-धीरे उस झाड़ियों के करीब आगे बढ़ रही थी,,,,,

कमला चाची के दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी क्योंकि जिस तरह से वह झाड़ियों के बेहद करीब पहुंच चुकी थी झाड़ियों के पीछे से मर्दाना आवाज के साथ साथ औरत के हंसने और खीर खिलाने की आवाज भी आ रही थी और साथ ही गरमा गरम सिसकारी की आवाज भी आ रही थी एक उम्र दराज औरत होने के नाते कमला चाची इस तरह की आवाज को अच्छी तरह से पहचानते थे उन्हें समझते देर नहीं लगेगी झाड़ियों के पीछे चुदाई का खेल चल रहा है लेकिन यह कौन है यह जानने के लिए वह धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी,,,वह दोनों में से किसी की नजर कमला चाची पर ना पड़ जाए इसलिए वह अपनी जगह पर बैठ गई थी और धीरे-धीरे बैठे हुए ही आगे बढ़ रही थी,,,।
थोड़ी ही देर में कमला चाची साड़ी के एकदम पीछे पहुंच गई और अपनी नजर को पर की तरफ उठाकर देखने की कोशिश की तो उसे राजू नजर आ गया जिसे वह अंधेरे में भी पहचान ली उसे समझते देर नहीं लगी कि राजू किसी औरत के लिए रहा है लेकिन किसकी ले रहा है इस बारे में उसे बिल्कुल भी पता नहीं था राजू को इस तरह से चुदाई करता हुआ देखकर पहले तो कमला चाची की बुर में भी चींटीया रेंगने लगी,,,, वही राजू की बातें उसे और ज्यादा चुदवाती कर रही थी,,,।


ओहहह भाभी तुम्हारी बुर बहुत रसीली है पूरे गांव में ऐसी बुर किसी के पास नहीं है,,,,आहहहह बहुत गर्म है,,,

ओहहह बबुआ पूरे गांव की औरतों की चुदाई कर चुके हो क्या सब की बुर के बारे में जानते हो बबुआ,,,,आहहहहह,,,,

इस आवाज को सुनते हैं कमला चाची को झटका सा लगा क्योंकि यह आवाज कमला चाची की बहु से मिलती जुलती थी,,, कमला चाची अपने मन में सोचने के लगी,,,। यह तो मेरी बहू की आवाज है कहीं मेरी बाबू तो,,, नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता वह ऐसा नहीं कर सकती हो तो बहुत सीधी है,,, तभी जो बात उसके कानों में पड़ी उसे सुनते ही उसके होश उड़ गए,,,।


आहहहह आहहहहहह और जोर-जोर से चोद राजु आहहहह तेरा बहुत मोटा और लंबा है राजू मेरे पति का तो बहुत छोटा है और मुझे ठीक से चोद भी नहीं पाते जब से ब्याह करके आई हूं तब से प्यासी थी अच्छा मैं तो मिल गया कि मेरी जवानी की प्यास तुझसे बुझने लगी है,,, वरना मैं प्यासी ही रह जाती,,,


चिंता मत करो भाभी मैं हूं ना जिंदगी भर तुम्हारी बुर की प्यास बुझाता रहूंगा,,,,आहहहह आहहहह तुम्हारी गरम बुर,,,,


आहहहह आहहहहहह जल्दी-जल्दी कर राजु घर पर मा जी मेरा इंतजार कर रही होंगी काफी देर से मैं यहां आई हुं,,,,।
(कमला चाची के तो होश उड़ गए वह अपनी बहू की आवाज को पहचान गई थी,,, वह अपनी बहू को क्या समझ रही थी लेकिन क्या निकली अब उसका चेहरा देखने की भी जरूरत नहीं थी क्योंकि वहां पहचान गई थी अपनी बहू की आवाज को वह समझ गई थी कि राजू इन झाड़ियों के पीछे उसकी बहू की चुदाई कर रहा है,,,,, उसका मन तो कर रहा था कि उसी समय दोनों को रंगे हाथ पकड़ लेगा और राजू और अपनी बहू को दो-दो हाथ जमा दे लेकिन ऐसा करने से उसे कि इस बात का डर था कि कहीं राजू उसका राज भी उसकी बहू के आगे ना खोल दें इस डर से वह दबे पांव पीछे चली गई वह घर चली जाना चाहती थी लेकिन बिना सौच किए घर वापिस जाना मुमकिन नहीं था इसलिए वह दूसरी जगह पर झाड़ियों के पीछे जाकर बैठ गई,,, और कुछ देर बाद कमला चाची राजू और अपनी बहू को दोनों को गांव की तरफ जाते हुए देख रही थी,,,,वह अपने मन में ठान ली थी कि आज घर पर जाकर अपनी बहू की जमकर धुलाई करेगी,,,)
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
कमला चाची की बहू शोच करने के लिये निकली तो राजू की नजर पड गयी वो मधू के साथ हुए उत्तेजनात्मक खेल से चुदवासा हो गया था तो लगा उसके पिछे पिछे जाने सुनसान जगह और मौका देख लगा बाते करने और उत्तेजक बातों से कमला चाची की बहू को चुदाई के लिये तयार कर चोदना चालू कर दिया लेकीन वहा कमला चाची पहुंच गयी और अपने बहू की आवाज से समज गयी की राजू के साथ कौन चुद रहा है
अब घर पहुंच कर क्या हंगामा होता है देखते हैं आगे
 

Luckyloda

Well-Known Member
2,458
8,071
158
कमला चाची के पास अपने बचाव के लिए कोई शब्द नहीं थे और ना कोई बहाना क्योंकि जो कुछ भी इल्जाम कमला चाची की बहू उस पर लगा रही थी वह बेबुनियाद नहीं था वह उसका आंखों देखा सच था जिसकी वजह से वह डंके की चोट पर,, गांव की उसी लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाकर अपनी प्याज को बुझाने लगी थी जिस लड़के से उसकी सांस इस उम्र में भी चुदाई का सुख प्राप्त कर रही थी,,
कमला चाची को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें क्योंकि उसकी बहू ने आज उसके सामने ही उसके बेटे की हकीकत को भी अपने मुंह से उगल दी थी उसके बताए अनुसार उसके बेटे का लंड उंगली जितना था जिसमें बिल्कुल भी दम नहीं था,,,कमला चाची अपनी बहू की बात सुनकर यही सोच रही थी कि अगर उसके बताए अनुसार अगर यह बात सच है तो सच में उसके लिए डूब मरने जैसी बात होगी,, और वह अपने मन में सोचने लगी कि ऐसे हालात में तो वहां कभी भी दादी नहीं बन पाएगी,,,,,, कमला चाची से अपनी बहू की बातें सुनी नहीं जा रही थी और वही उसकी बहू एक-एक करके उसके कानों में जैसे बम फोड़ रही थी,,,।




मा जी वह तो मैं हूंकितने महीने हो गए फिर भी यहां पर टिकी हुई हो अगर मेरी जगह कोई और औरत होती तो वह कब का तुम्हारा घर छोड़कर हो तुम्हारे बेटे को छोड़कर चली गई होती,,,,मैं पहले कभी ऐसी नहीं थी और ना इस बारे में कभी सोचती थी जैसी भी थी तुम्हारी बेटी के साथ खुश थी भले ही वह मुझे किसी भी प्रकार की खुशी नहीं देता था लेकिन मेरे में बदलाव आया तो सिर्फ तुम्हारी वजह से अगर ना मैं अपनी आंखों से तुम्हारी कामलीला देखी होती और ना ही मेरे मन में भी एक आकांक्षा ने जन्म ली होती,,,,,,। मा जी तुम तो उम्र दराज हो दुनिया देखी हो,,,और इस उम्र में पहुंचने के बावजूद भी जब तुम्हें जवान लड़की का मोटा तगड़ा और लंबा लंबा लंड पसंद है तो सोचो मैं तो अभी पूरी तरह से जवान हूं मेरे तो खेलनेखाने के दिन है कब बोलो मैं कैसे तुम्हारे बेटे के छोटे से लंड से खुश होंऊगी,,, मुझे भी तो अरमान है मोटे तगड़े लंबे लंड का जैसा कि राजू के पास है,,,(आज कमला चाची की बहू एकदम बेशर्म होकर अपनी सास के सामने अपने मन की बात बता डाल रही थी और उसे सुनने में कमला चाची को जरा भी अतिशयोक्ति महसूस नहीं हो रही थी क्योंकि वह जानती थी कि जो कुछ भी वह कह रही है उसमें शत-प्रतिशत सच्चाई है,,, कमला चाची की बहू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली) और जरा सोचो मां जी तुम राजू को राजू के साथ शारीरिक संबंध इसलिए बनाई थी कि उसका लैंड मोटा तगड़ा और लंबा है और वह मर्दानगी से भरा हुआ है और वही तुम्हें अच्छी तरह से शारीरिक सुख प्रदान करके तुम्हें तृप्त कर सकता है इसीलिए ना अगर उसके पास भी तुम्हारे बेटे जितना लंड होता और उसकी क्षमता ना के बराबर होती तो क्या तुम राजू के साथ इस तरह की कामलीला को अंजाम देती बिल्कुल भी नहीं देती तुम्हारा मन भी राजू के मोटे तगड़े लंड पर डोल गया था जैसा कि मेरा मुझे तो बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि उसका लंड कैसा है वह तो मैंने अपनी आंखों से तुम्हारी बुर में अंदर-बाहर होता हुआ देखी तब मुझे एहसास हुआ कि वाकई में उसके आगे तुम्हारा बेटा तो कुछ भी नहीं,,, है,,,।


अगर मैं राजू के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाऊंगी तो ध्यान रख लेना कि तुम कभी भी दादी नहीं बन पाओगी और ना मुझे कभी मां का सुख प्राप्त होगा और ना ही तुम्हारा बेटा बाप बन पाएगा पूरे गांव में थु थु हो जाएगी,,, दो तीन साल बीतने के बाद से ही तुम्हें एहसास होना शुरू हो जाएगा,,, जब गांव की औरतें तुमसे यह पूछेंगे कि तुम अभी तक दादी क्यों नहीं बन पाई तुम्हारी बहू के पांव भारी क्यों नहीं हो रहे हैं कहीं ऐसा तो नहीं तुम्हारे बेटे में कमी है,,, क्या उस समय तुम गांव की औरतों की यह बातें सुन पाओगी अपने बेटे की हो रही बदनामी को अपनी आंखों से देख पाओगी,,, बोलो मा जी बोलो,,,।


बस कर बहु बस कर,,,, मुझसे बिल्कुल भी सुना नहीं जा रहा है,,,(इतना कहकर कमला चाची रोने लगी,,, कमला चाची सुबह-सुबह कर रो रही थी उनकी बहू की कहीं हर एक बात उसके कानों में गूंज रही थी कमला चाची अपनी बहू की बातों पर विचार विमर्श कर रही थी अपने मन में ही वह सारी धारणाएं बना रही थीवह अपने मन में सोच भी रही थी कि उसकी बहू जो कुछ भी कह रही है वह बिल्कुल सच है,,, दो-तीन साल क्या 1 साल शादी के बाद से ही गांव की औरतें पूछना शुरू कर देंगी और ऐसे मेवा क्या जवाब देगी आखिरकार उसका भी तो मन है पोता पोती खिलाने का दादी बनने का,,,, कमला चाची अपने मन में यही सब सोच रही थी,,,,, अपनी बहू के बताए अनुसार कमला चाची अपनी बेटी के लंड के बारे में कल्पना करने लगे अगर वाकई में राजू के लंड के आगे उसके बेटे का लंड कुछ भी नहीं है तो वह कैसा होगा यह सोचकर ही वह हैरान हो गई,,, एक औरत होने के नाते औरत के मन की वास्तविकता को उसकी जरूरत को कमला चाची अच्छी तरह से समझती थी अगर वाकई में उसके बेटे का लंड उंगली के बराबर है तो वह किसी भी औरत को संतुष्ट करने के काबिल बिल्कुल भी नहीं है ऐसे आदमी के साथ औरत की जिंदगी नरक के समान हो जाती है इस बात का एहसास कमला चाची को अच्छी तरह से था,,, वह अपने मन में सोचने लगी कि उसका बेटा उसकी बहू को बिल्कुल भी सुख और संतुष्टि प्रदान नहीं कर पाता होगा ऐसे में उसका बहक जाना लाजमी था,,,कमला चाची फिर अपने मन में यही सोचने लगी कि लेकिन जो कुछ भी हुआ उसकी जिम्मेदार वह खुद है वह अपनी प्यास बुझाने में इतनी मशहूर हो गई कि कमरे का दरवाजा या खिड़की बंद करना ही भूल गई वह यह भी भूल गई थी उसकी बहू किसी भी वक्त घर पर आ सकती है लेकिन राजू के मोटे तगड़े लंड से चोदने की प्यास के आगे वह सब कुछ भूल गए और उसकी बहू अपनी आंखों से सब कुछ देख ली,,, अगर वह अपनी आंखों से सब कुछ ना देखी होती तो शायद उसकी हिम्मत इतनी आगे ना बढ़ गई होती की वह शौच करने के बहाने राजू के साथ खुले खेत में चुदवाती ,,,,कमला चाची का पानी बनी में यही सब सोच भी रही थी और रो भी रही थी उसकी बहू खड़ी होकर अपनी सास को रोते हुए देख रही थी उसे अपनी सास पर दया रही थी वह भी जानती थी कि एक औरत होने के नाते उसकी भी कुछ जरूरते हैं,,,, वह धीरे से अपने सास के पास कहीं और उसके कदमों में बैठकर अपनी सास की दोनों टांगों को पकड़कर अपनी सास को समझाते हुए बोली,,,।




रहमत मा जी मैं जानती हूं जो कुछ भी होगा उसने तुम्हारी गलती बिल्कुल भी नहीं है एक औरत को जिस तरह से भूख लगती है खाने के लिए भोजन ग्रहण करने के लिए उसी तरह से एक औरत को धमकी भी भूख लगती है तन की भी प्यास लगती है जिसे मिटाने के लिए अपनी प्यास बुझाने के लिए उसे यह काम करना ही होता है,,,, घर में या घर के बाहर चोरी चुपके औरत के कदम डगमगा ही जाते हैं तुमने भी वही की इससे मुझे कोई एतराज नहीं है,,,, लेकिन तुम्हें भी मेरी जरूरतों के बारे में समझना चाहिए सोचो अगर तुम्हारा बेटा मुझे मां नहीं बना सका तो इसमें बदनामी किसकी है तुम्हारी और तुम्हारे बेटे की लेकिन अगर मैं राजू के साथ संबंध बना कर,,,पेट से हो गई और मां बनते ही तो इसमें तुम्हारा ही सर ऊंचा रहेगा और तुम्हारे बेटे की बदनामी भी नहीं होगी,,,और राजू के बारे में तो तुम अच्छी तरह से जानती हो भले ही औरतों के मामले में उसका नाड़ा ढीला है लेकिन वह‌ यह बात किसी को कहेगा नहीं,,,, जिससे हम दोनों का ही फायदा है,,,(कमला चाची की बहू चालाकी दिखाते हुए अपनी सास को आगे भी राजू के साथ संबंध बनाते हुए चुदाई का सुख प्राप्त करने का रास्ता खोज रहे थे और उसे ऐसा लग भी रहा था कि उसे शायद उसकी मंजिल मिल गई है,, उसकी सास की तरफ से उसे मायूस नहीं होना पड़ेगा वह इस बात को अच्छी तरह से जानती थी क्योंकि वह जानती थी कि उसकी सास भी राजू से चुदवाए बिना नहीं रह सकती ऐसे में सास बहू दोनों का काम होना लाजमी था,,,, अपने आंसुओं को पोछते हुए अपनी बहू की बात सुनकर कमला चाची बोली,,,)

क्या उसने तुम्हें बताया कि वह मेरे साथ भी संबंध बनाता है,,,




नहीं मा जी बिल्कुल भी नहीं उसनेतुम्हारे बारे में मुझसे कोई जिक्र भी नहीं किया है इसीलिए तो मैं कहती हूं कि उसके साथ यह रिश्ता कायम करने में हम दोनों का फायदा है और सुरक्षित भी है,,,।

फिर तेरे साथ राजू कैसे चालू हो गया,,,

माजी अब तुमसे क्या छुपाना अब हम दोनों एक दूसरे के राजदार बन चुके हैं इसलिए मैं तुमसे कुछ भी नहीं छुपाऊगी,, जब मैंने तुम्हें और राजू को तुम्हारा ही कमरे में देखी थी,,, तो तुम दोनों को पूरी तरह से नग्न अवस्था में देखकर पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया था लेकिन जिस तरह से तुम मजा ले रही थी तुम्हारे मुंह से आग्रह ऊहहहह की आवाज आ रही थी यह सब सुनकर मेरी हालत खराब होने लगी,,,मैं तुम दोनों को रंगे हाथ पकड़ लेना चाहती थी लेकिन राजू जिस तरह से धक्का लगा रहा था उसे देखकर तो मेरे होश उड़ गए उसी समय में अपने मन में ठान ली थी कि राजू के साथ संबंध बनाकर रहूंगी और इसके लिए मैंने,,,, धमकी देने का मन बना ली थी,,,

कैसी धमकी,,,

यही कि मैंने तुम दोनों को चुदाई करते हुए देख ली हूं और यह बात मैं उसकी मां से बता दूंगी,,,

फिर,,




फिर क्या मुझे ऐसा करने की जरूरत ही नहीं पड़ी वह तो खुद मेरी जवानी पर एकदम फिसल गया और मेरे साथ खुद ही आगे चलकर वह संबंध बना लिया,,,


खेत में तुम लेकर गई थी उसे,,,

नहीं मा जी मैं तो खेत में शौच करने के लिए जा रही थी वही मेरे पीछे पीछे आ गया और झाड़ियों के पीछे मेरे साथ चुदाई करने लगा,,,,।


देख सब कुछ तो ठीक है लेकिन इस बारे में गांव वालों को भनक नहीं लगनी चाहिए वरना हम लोगों की बदनामी हो जाएगी,,,,।


तुम बिल्कुल की चिंता मत करो मां जी मुझे अपनी इज्जत और परिवार की इज्जत का बहुत अच्छे से ख्याल है किसी को कानों कान भनक तक नहीं लगेगी और हां तुम्हारे लिए मेरी तरफ से बिल्कुल छुट है मैं जानती हूं तुम्हें तेज धक्के पसंद है,,,(इतना कहकर कमला चाची की बहू हंसने लगी और कमला चाची भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए उसे इस बात की खुशी थी कि अच्छा हुआ कि यह राज उसकी बहू के सामने खुल गया और दोनों एक दूसरे के राजदार हो गए अब वह राजू के साथ जब चाहे तब संबंध बना सकती थी,,,)




दूसरी तरफ मधु के दिलों दिमाग पर उसका बेटा छाया हुआ था,,, उसकी कामुक हरकत की वजह से जिस तरह से वह पूरी तरह से मदहोश हो गई थी उस पल को याद करके उसकी बुर से कभी भी पानी निकल जा रहा था,,,,इसमें मौजों की गलती बिल्कुल भी नहीं थी वह पल ही कुछ ऐसा था कि मधु पूरी तरह से अपने काबू में बिल्कुल भी नहीं थी और वह अपने बेटे की आगोश में खोती चली जा रही थी,,,अगर ऐन मौके पर उसे होश ना आया होता तो शायद उसके बेटे का लंड उसकी बुर की गहराई नाप रहा होता और वह तब अपने बेटे को नहीं रोक पाती क्योंकि अपनी गदराई गांड पर वह अपने बेटे के लंड की चुभन को महसूस करके इतना तो समझ ही गई थी कि उसके बेटे का लंड,,,कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा और लंबा है उसने अभी तक अपनी आंखों से देखी नहीं थी लेकिन उसका एहसास उसे अंदर तक झकझोर कर रख दिया था,,,, लेकिन एक मां होने के नाते उसे अपने बेटे की हरकत बिल्कुल भी पसंद नहीं थी अगर एक औरत होने के नाते वह अपने बेटे की हरकत के बारे में सोचती तो वह अपने बेटे की हरकत का पूरा आनंद लेते हुए उसे आगे बढ़ने की इजाजत दे देती लेकिन वह एक माथे और अपने बेटे को अपने ही साथ इस तरह के अनैतिक रिश्ते में आगे बढ़ने नहीं देना चाहती थी वह किसी भी तरह से अपने बेटे को समझाना चाहती थी,, पवित्र रिश्ता के बीच मर्यादा की डोरी को टूटने नहीं देना चाहती थी दोनों के बीच संस्कार की जो पतली परत थी उसमें छेद नहीं होने देना चाहती थीइसलिए अपना मन बना ली थी कि किसी भी तरह से अपने बेटे को समझ आएगी और इस तरह के पाप ना करने देने से उसे बचाएगी,,,, लेकिन घर पर अपने बेटे को इस बारे में समझाना मुमकिन नहीं था इसलिए वह उसे खेत में काम करने के बहाने ले जाना चाहती थी जहां पर वह उसके और उसके बेटे के बीच किस प्रकार का रिश्ता है उस बारे में भली-भांति समझाना चाहती थी,,,,।

इसलिए दूसरे दिन खेतों पर काम करने का बहाना देकर मधु राजू को अपने साथ खेतों पर ले गई,,,रास्ते भर दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी मधु अपने मन में यही सोच रही थी कि कैसे वह बात की शुरुआत करें आखिरकार वह एक औरत थी और वह अपने ही बेटे से एक औरत और मर्द के बीच के संबंध के बारे में कैसे बात कर सकती थी,,, लेकिन शुरुआत तो उसे करनी ही थी ,,, यही सब सोचते हुए मधु ऊंची नीची पगडंडियों से अपने खूबसूरत नाजुक पैरों को इधर-उधर रखकर आगे बढ़ती चली जा रही थी और उसके इस तरह से चलने से उसकी बड़ी-बड़ी गदराईगांड में जिस तरह की थकान हो रही थी उसे देखकर राजू के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आ रहा था,,,, अपनी मां की मटकती हुई गांड देखकर राजू के होश उड़ रहे थेएक तो मधु की आदत ही थी कि वह साड़ी को अपनी कमर से कसकर बांध दी थी जिसकी वजह से कसी हुई साड़ी में उसकी बड़ी बड़ी गांड तरबूज की तरह बाहर निकल कर हाहाकार मचाती थी,,,राजू का मन तो कर रहा था कि वह आगे बढ़कर अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से थाम ले और साड़ी ऊपर कर के अपना मुंह उसकी गांड की दरार में घुसा दे,,, उसे यकीन था कि उसकी मां उसे ऐसा करने से बिल्कुल भी नहीं रुकेगी क्योंकि शाम के वक्त दोनों के बीच जिस तरह का कामुकता भरा छेड़छाड़ हुआ था उसे देखते हुए राजू कीमत बढ़ने लगी थी उसे यकीन हो चला था कि उसकी मां उसे आगे बढ़ने से बिल्कुल भी नहीं रुकेगी क्योंकि वह जानता था कि अगर उसकी बुआ ना आई होती तो उसकी मां उसके लंड को अपनी बुर में लेने से इनकार नहीं करती और वहां अपनी मंजिल प्राप्त करके कामयाब हो जाता,,, लेकिन आज अपनी मंशा पूरी करने का इरादा बना चुका था,,,,आदमी की हिम्मत तब और ज्यादा बढ़ जाती है जब सामने वाला किसी भी प्रकार का प्रतिकार नहीं करता है और इस समय राजू के साथ भी यही हो रहा था,,, अपनी मां की खामोशी उसकी कर्म सांसो को उसकी तरफ से उसका निमंत्रण समझ कर आगे बढ़ना चाहता था इसलिए तो इस समय अपनी मां की मटकती भी गांड देखकर वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया,,, था पजामे में उसका लंड गदर मचाने को तैयार था,,,,। इस बात से बिल्कुल भी बेखबर मधु अपनी धुन में अपने बेटे को समझाने के लिए अपने मन में बहाना सोच रही थी,,,उसे इस बात का आभास बिल्कुल भी नहीं था कि उसका बेटा जो उसके ठीक पीछे चल रहा है उसकी गांड को देखकर उत्तेजित हो रहा है,,,,
अनजाने में ही चलते हुए उसकी नजर पीछे की तरफ गई तो अपने बेटे की नजरों को भांप कर उसकी दोनों टांगों के बीच सिहरन सी दौड़ गई,,,, वह अपने मन में सोचने लगी बाप रे इसे किस तरह से समझाऊंं,, और देखते ही देखते दोनों अपने खेतों में पहुंच गए,,,।
Jungle m mangal pakka lag rha hai aaj to..... dekho a kon kise samjha pata hai.... bhut hi shandaar update
 

Luckyloda

Well-Known Member
2,458
8,071
158
Lajawab akhir raju ne shuruwat kar di .... ab dekho madhu kya karti hai... ya karwati hai.... Qki madhu khud bhut jaldi pani fekna shuru kar deti hai.....


Kheton m aaj kya hota hai.... dekhna hai ..


Raju ka dil tutta hai ya Phir madhu ki Gand
राजू अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड देखकर ललचाते हुए खेत में पहुंच चुका था,,, शाम के वक्त जो कुछ भी हुआ था उसे देखते हुए राजू को लगने लगा था कि आज खेत में वह अपनी मां की चुदाई कर रही लेगा क्योंकि उसकी मां भी पूरी तरह से राजी थी,,,,,,, खेत में पहुंचने के बाद राजू अपने खेत के बीचो-बीच खड़ा होकर चारों तरफ देख रहा था खेत में काम करने जैसा कुछ भी नहीं था वह अपने मन में सोचने लगा था कि उसकी मां जानबूझकर एक बहाने से उसे खेत में काम करने के लिए इधर लाई है यह सोच कर ही उसके मन में लड्डू फूटने लगा,,, वह अपने मन में सोचने लगा कि उसकी मां का भी मन है उससे चुदवाने का इसीलिए एक बहाने से यहां पर ले कर आई है,,,लेकिन राजू अपनी तरफ से पहल नहीं करना चाहता था वह देखना चाहता था कि उसकी मां पहल करते हुए क्या करती है,,, कौन सी हरकत करती है,,,, चुदाई में औरतों के पहल का भी एक अपना अलग मजा होता है उसी मजा का आनंद लेना चाहता था राजू,,,, राजू इस बात से पूरी तरह से आश्वस्त हो चुका था कि आप उसकी मां उसकीबाहों में है मंजिल दूर नहीं है वह जल्द ही अपनी मां की दोनों टांगों के बीच पहुंच जाएगा यही सोचता हुआ अपनी मां से बोला,,,।

meaning of poem life by sarojini naidu

यहां कौन सा काम करना है मां,,,, मुझे नहीं लगता कि खेतों में काम करने की जरूरत है,,,

जरूरत क्यों नहीं है,,,(अपने दोनों हाथों को कमर पर रखते हुए वह जमीदार वाली अंदाज में बोली ऐसा करने से उसकी लाजवाब बड़ी बड़ी छातिया बाहर की तरफ निकल कर राजू को पूरा का पूरा अपने अंदर निकल जाने की तैयारी में दिखाई दे रही थी,,,, जिस पर नजर पड़ते हैं राजू के तन बदन में उत्तेजना की तरह दौड़ने लगी क्योंकि राजू अपनी मां की नंगी चूचियों को बहुत बार देख चुका था और उसे मालूम था कि उसकी मां की चूचियां बड़ी बड़ी खरबूजे जैसी है जो कि उसके ब्लाउज में भी ठीक तरह से समा नहीं पाती हैं,,,,राजू अपने मन में सोच रहा था कि पता नहीं कैसे उसकी मा ईतनी बड़ी बड़ी चूचियों को अपने वश में करके रखती है और उसी चुचियों की वजह से अपने पति को भी पूरी तरह से अपने वश में करके रखी है,,,,अपनी मां की सूचियों के आकार को देखकर राजू को इस बात का एहसास हुआ कि वह स्वयं और उसके पिताजी ही क्यों गांव के सभी बूढ़े बड़े उसकी मां की चुचियों के दीवाने होंगे क्योंकि अपनी कल्पना में अपनी आंखों के पलकों से उसकी मां के एक एक वस्त्र उतारकर नंगी करते होंगे और उसके नंगे बदन से कल्पना में ही खेलते होंगे,,,। अपनी मां की बात सुनकर राजू बोला,,,)

तो बताओ ना क्या करना है मां,,,।


देख नहीं रहा है खेतों में कितनी हरी हरी घास उग‌ आई है इसे उखाड़ना है ताकि इसमें अच्छे से बीज लगाया जा सके,,,,।


हां यह बात तो है,,,,


तो फिर इंतजार किस बात का है उखाड़ना शुरू कर,,,,

(अपनी मां की बात सुनते ही राजू किसी भी प्रकार से पहल ना करते हुए घास को उखाड़ना शुरू कर दिया,,,, उसकी मां राजू को ही देख रही थी उसे लग रहा था कि खेतों में पहुंचकर राजू अपनी हरकत करना शुरू कर देगा और वह उसी समय उसे समझाएगी लेकिन यहां तो ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा था,,, राजू तू अपने ही काम में लगा हुआ था मधु को अपने बेटे की हरकत के बारे में बात करने की शुरुआत करने में भी शर्म महसूस हो रही थी वह अपने मन में सोच रही थी कि आज किसी भी तरह से वह राजू को अपनी हरकत को आगे ना बढ़ाने के लिए समझाएंगी और यही सोचते हुए मधु की खेतों में से घास को उखाड़ना शुरू कर दी,,,, ,,,
राजू घास को भले ही उखाड़ रहा था लेकिन उसका सारा ध्यान अपने मां के ऊपर था क्योंकि उसे हर हाल में अपनी मां को देखना भी उत्तेजित कर देता था,,,, अपनी मां का कसा हुआ बदन देखकर उसके लंड की अकड़ बढ़ जाती थी,,, कभी-कभी तो उसे अपने पिताजी की किस्मत पर गुस्सा आ जाता था क्योंकिवह सोचता था कि इतनी खूबसूरत औरत है उसके पिताजी के किसी कोने कैसे आ गई क्योंकि उसके पिताजी मरियल से शरीर वाले थे लेकिन इस बात को राजू अच्छी तरह से जानता था कि जुदाई में उसके पिताजी पीछे बिल्कुल भी नहीं हटते थे तभी तो उसकी मा टीकी हुई थी वरना ना जाने अब तक गांव के कई मर्दों के सामने अपनी टांग खोल दी होती इस बात को राजू अपने मन में इसलिए सोच रहा था क्योंकि वह गांव की औरतों की भावनाओं को अच्छी तरह से समझ चुका था क्योंकि धीरे-धीरे वह गांव की कई औरतों की चुदाई कर चुका था जो कि अपने घर में अपने पति से संतुष्ट नहीं थी या तो फिर उन्हें चुदाई का सुख चाहिए,,,, राजू अपने कमरे के छोटे से छेद से अपनी मां और अपने पिताजी की कामलीला को अपनी आंखों से कई बार देख चुका था एक भी दिन खाली नहीं जाता था जब दोनों चुदाई नहीं करते थे इसलिए राजू को इस बात का एहसास था कि उसकी मां को भी चुदवाए बिना चैन नहीं आता था,,,, अपनी मां की तरफ देखते हुए राजू को श्याम की किस्मत पर गर्व होता था कि उसकी किस्मत इतनी अच्छी है कि वह जब चाहे तब अपनी मां की चुदाई कर सकता है और एक वो है,,, के सिर्फ इंतजार में हैं,,,,।,,, घास को उखाडते हुए रांची में देखना चाहता था कि उसकी मां के मन में क्या चल रहा है इसलिए वह अपनी मां से बोला,,,।


तुम क्यों आई मां मुझे ही बता दी होती तो मैं कर दिया होता,,,




तेरे अकेले से यह होने वाला नहीं है मेरे बिना तो यह काम नहीं कर सकता था,,,।
(अपनी मां की बात सुनते ही राजू को लगने लगा कि कहीं उसकी मां बातों ही बातों में उसे इशारा तो नहीं दे रही है अपने मन में सोचने लगा कि लगता है उसकी मां चुदाई के बारे में बात कर रही है क्योंकि वह अकेले से नहीं हो सकता उसमें एक मर्द और औरत की जरूरत होती है,,,, राजू अपनी मां की बात सुनकर मन ही मन खुश हो रहा था और वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)

अरे मां बता दी होती तो मैं खुद अकेला ही कर लेता,,,


मैं बोल रही हूं ना तुझसे अकेले नहीं होने वाला और वैसे भी तुझे बता कर भी कोई फायदा नहीं था तो खेत में खड़ा होकर भी पूछ रहा था कि करना क्या है,,,,।

(मधु सहजता से औपचारिक बात कर रही थी लेकिन राजू की आंखों में वासना की पट्टी पड़ी हुई थी इसलिए उसे अपनी मां की बात भी दो अर्थ वाली लग रही थी,,,,उसे लग रहा था कि जैसे उसकी मां उसे ही पहल करने के लिए बोल रही थी,,,,राजू का मन तो कर रहा था कि अपनी मां को जाकर बाहों में भर दे और उसके होठों पर चुंबन करना शुरू कर दें लेकिन अभी अपने आप को रोक कर रखा हुआ था वह देखना चाहता था कि उसकी मां अगर शुरुआत करेगी तो कैसे करेगी,,,, इसलिए वह भी सहज होता हुआ बोला,,)


चलो कोई बात नहीं हम दोनों मिलकर अच्छे से खेत का काम कर लेंगे,,,,।

(एक तरफ अपनी मां के बातों का गलत अर्थ निकाल कर राजू मन ही मन खुश हो रहा था और दूसरी तरफ मधु अपने मन में यही सोच रही थी कि अपने बेटे को समझाने की शुरुआत कैसे करें हालांकि धीरे-धीरे उसकी पैनी नजरें अपने बदन पर घूमती हुई उसे अच्छी लगने लगी थी,,,अपने बेटे की वासना भरी नजरों से उसे इस बात का एहसास होता था कि अभी भी वह पूरी तरह से जवान है और अपनी जवानी से किसी भी जवान लड़के को अपने बस में कर सकती हैं,,,।यही सब सोचते सोचते हैं वह घास को काटते हुए कब राजू के ठीक सामने आ गई उसे पता ही नहीं चला वह राजू से तकरीबन डेढ़ मीटर की दूरी पर बैठकर घास काट रही थी उसकी पीठ राजू की तरफ थी,,, जब-जब मधु घास काटते हुए आगे की तरफ झुकती थी तब तक उसकी चोडी गांड राजू की आंखों के सामने हाहाकार मचा दी थी राजू अपनी मां का यह रूप देखकर पूरी तरह से पागल हो जा रहा था,,,,उसके आगे की तरफ झुकने की वजह से उसकी गांड की चौड़ाई और ज्यादा बढ़ जा रही थीजिसे देखकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी और उसका मन कर रहा था कि आगे बढ़कर अपनी मां की साड़ी कमर तक उठाते और उसकी चुदाई करना शुरू कर दें,,,,,राजू बड़ी मुश्किल से अपने आप को वश में किए हुए था वरना वह अपने आपे के बाहर चला जाता,,,,,,,।
धीरे-धीरे दोनों घास उखाड़ रहे थे मधुबन जाने में उसकी आंखों के सामने अपनी गांड उठा दे रही थी राजू से जब अपनी आंखों से यह सब कुछ देखते-देखते बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह भी दो अर्थ वाली बात करते हुए बोला,,,।

हाय कितनी बड़ी बड़ी है,,,,,


क्या कितनी बड़ी बड़ी है,,,, छोटी-छोटी तो है,,,(मधु अपने बेटे की तरफ देखे बिना ही बोली)

अरे मैं तुम्हें छोटी-छोटी लग रही है ना लेकिन मेरे लिए तो बहुत बड़ी-बड़ी है,,,,

(राजू अपनी मां की गांड के बारे में बात कर रहा था लेकिन मधु यह समझ रही थी कि उसका बेटा घास के बारे में बात कर रहा है,,, इसलिए वह बोली,,,)

तो क्या हुआ तेरे में दम नहीं है क्या ताकत लगाकर खींच ले,,,


हां मां ऐसा ही करना होगा,,,, इस काम में दम होना चाहिए तभी यह काम मुमकिन है,,,


तुझे आज पता चल रहा है,,,, जान में दम रहेगी तभी यह का मुमकिन है इस बात को आज समझ लेना,,,,(मधु राजू की तरफ देखे बिना ही अपनी गांड को हल्के हल्के उठाए हुए घास को उखाड रही थी और राजू से बोल रही थी,,,)

दम तो मेरे में बहुत है,,,, लेकिन इतनी बड़ी बड़ी है कि पूरा दम लगाना पड़ेगा,,,,


तो लगाना दम अगर दम नहीं लगा पाएगा तो मर्द कैसे कहलाएगा आखिर तू एकदम जमाने तेरे में तो दम होना चाहिए,,,,


दम तो मेरे में बहुत है मां,,, लेकिन दम दिखाने का मौका नहीं मिल रहा है,,,,


तो आज इस खेत में अपना दम दिखा दे मैं भी जान जाऊंगी कि तू भी असली मर्द है,,,‌
(राजू अपनी मां की बातों को सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा था अपनी मां की बातों को सुनकर उसे लग रहा था कि जैसे उसकी मां उसे इशारा कर रही आगे बढ़ने के लिए उसकी मां उसकी मर्दानगी देखना चाहती है,,, इसलिए वह भी जोश में आकर बोला,,)


बहुत हिम्मत का काम है मां मुझे नहीं लगता कि तुम ज्यादा देर तक टिक पाओगी,,,,


पागल है क्या आज तक में ही तो यह सब करते आई हु मैं तेरे से ज्यादा देर तक टिक कर दिखाऊंगी तुझे अभी मेरी हिम्मत का एहसास नहीं है,,,


एहसास तो है लेकिन कभी देखा नहीं हो ना इसके लिए,,,

तो आज देख लेना,,,, चल अब बातें बंद कर और अपना काम कर देख सूरज सर पर आ गया हैं,,,,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपने काम में आगे बढ़ने लगी,,,, राजू से रहा नहीं जा रहा था राजू के तन बदन में अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड देखकर उत्तेजना की वाला हर उठा रही थी जिसमें वह अपनी मां को खींचे लेकर चले जाना चाहता थाइस बात का उस एहसास हो चुका था कि अब तक उसने कई औरतों की चुदाई कर चुका है लेकिन जो मजा उसे अपनी मां की चुदाई करने में मिलेगा वह मजा किसी और में नहीं मिलने वाला क्योंकि वह अपनी मां को देखकर इतना अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव करने लगता था कि इस तरह की उत्तेजना वह कभी महसूस नहीं किया था,,, इस समय भी उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि जैसे उत्तेजना से उसका लंड फट जाएगा,,,, डेढ़ मीटर की दूरी पर यह अपनी मां कोअपनी बड़ी बड़ी गांड उठाकर घास उतारते हुए देखकर राजू से बिल्कुल भी रहा नहीं किया और वहां एक बार फिर से गरम‌‌आहहह भरते हुए बोला,,,।)


हाय कितनी बड़ी बड़ी है मैंने आज तक ऐसा नहीं देखा,,,
(इस बार मधु को अपने बेटे की आवाज में शरारत और मदहोशी नजर आई इसलिए वहअनजाने में ही अपनी गांड को थोड़ा सा हवा में उठाए हुए ही अपने बेटे की तरफ देखते हुए बोली,,)

क्या नहीं देखा बड़ी-बड़ी,,,?
(इस बार वह अपने मन की बात अपनी मां से कह देना चाहता था क्योंकि आज उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था,,, उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी मां चाहती है कि वह पहल करें क्योंकि कई औरतों की तरफ से उसे इस बात का एहसास हुआ था कि बहन उसे ही करना पड़ा था इसलिए अपनी मां की बात सुनकर वह खुले शब्दों में बोला,,)

तुम्हारी गांड में तुम्हारी गांड के जैसी बड़ी बड़ी गांड मैंने आज तक नहीं देखा और मुझे पूरा यकीन है कि साड़ी उतारने के बाद तुम्हारी गांड एकदम खूबसूरत लगती होगी,,,(राजू एक झटके में ही अपनी मां से खुले शब्दों में बोल चुका था और मधुर अपने बेटे की है बातें सुनकर पूरी तरह से सन्न रह गई,,,अपने बेटे के मुंह से अपनी गांड का जिक्र सुनते हैं उसे इस बात का एहसास हुआ कि इसमें भी उसकी गांड हवा में लहरा रही है इसलिए वह तुरंत ठीक से बैठ गई,,,,और आश्चर्य अपने बेटे की तरफ देखने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले अपनी मां की खामोशी को देखकर राजू कीमत बढ़ने लगी और वह अपनी मां से और भी ज्यादा अश्लील शब्द में बात करते हुए बोला,,,)

सच में मां तूम बहुत खूबसूरत हो पूरे गांव में तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं देखा तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है,,,,मैं तुम्हें नंगी देखना चाहता हूं तुम्हारे नंगे जिस्म को अपनी आंखों से देखना चाहता हूं तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूचियां तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड अपने हाथों से छूना चाहता हूं,,,, सच में मैं तुम्हारे हुस्न में पागल हो चुका हूं,,, तुम्हारा खूबसूरत बदन मुझे चैन से जीने नहीं देता,,,, तुम्हें पता है ना मैं जब भी तुम्हें देखता हूं तो ना जाने क्यों तुम्हारी बुर के बारे में सोचने लगता हूं,,,,(अपने बेटे के मुंह से इतनी गंदी बात सुनकर खास करके अपने बेटे के मुंह से अपनी बुर के बारे में सुनकर जहां एक तरफ वह हैरान हो चुकी थी वहीं दूसरी तरफ उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी थी और अपने बेटे की बात सुनकर ही उसकी बुर से मदन रस टपकने लगा था,,)
 
Top