Vikashkumar
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Wow kya samjhdari dikhayi hai raju ne, aur ab hogi asli kutaiराजू के लात के जबर्दस्त प्रहार में दरवाजा खुल चुका था,,, और दरवाजा के खुलते लाला और सोनी दोनों के होश उड़ गए दोनों की आंखें फटी की फटी रह गई दरवाजे पर राजू को खड़ा देखकर,,,, लाला को तो समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें क्योंकि उसका पूरा समूचा लंड उसकी बहन की बुर की गहराई नाप रहा था,,,, सोनी की भी हालत काटो तो खून नहीं,,,, वह भी पूरी तरह से नंगी थी उसकी बुर में उसके भाई का लंड घुसा हुआ था कुछ भी छुपाने लायक नहीं बचा था सब कुछ राजू की आंखों के सामने था राजू दरवाजे पर उन दोनों को खड़ा होकर देख रहा था,,,,।
यह वह पल था जब दोनों चरमसुख के बेहद करीब थे किसी भी वक्त लाला के लंड से पानी का फव्वारा छूट पड़ने को तैयार था,,,,,,,, इन मौके पर सारा मजा किरकिरा हो गया था उससे भी दुविधा जनक यह बात की कि आज उन दोनों का भांडा राजू की आंखों के सामने फूट चुका था,,,m लाला को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, आज वह अपनी बहन के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया था,,,,,, दोनों भाई बहन राजू की आंखों के सामने बेहद शर्म जनक की स्थिति में आ चुके थे अपने ऊपर चादर डाल लेने पर भी उन दोनों की गलती उन दोनों की कामलीला छूटने वाली नहीं थी इसलिए लाला अपने लंड को अपनी बहन की बुर से बाहर निकालना ही उचित समझा,,,,,।
लेकिन जैसे ही लाला अपनी बहन की गुलाबी बुर्के गुलाबी छेद से अपने मोटे लंड को बाहर निकाला वैसे ही चर्मसुख के बेहद करीब पहुंच चुका लाला एक बार फिर से अपनी बहन की बुर की रगड़ को बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसी समय निकालने के साथ ही उसके लंड से गरम लावा फूट पड़ा,,,, लाला के लंड से पानी निकलता देख कर राजू मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ा और बोला,,,।
वाह लाला निकल गया पानी,,,, तभी मैं सोचूं कि लाला अपनी गर्मी कैसे शांत करता है,,, आज जाकर पता चला की लाला की बहन अपने बड़े भाई की जवानी की गर्मी को शांत कर रही है,,,(राजू लाला की बहन सोनी की तरफ देखते हुए बोला तो सोनी शर्म के मारे अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, लाला की जगह आकर बिस्तर में कोई और मर्द होता तो शायद सोनी राजू से बिल्कुल भी शर्म नहीं करती लेकिन लाला उसका बड़ा भाई था और राजू ने अपनी आंखों से सब कुछ देख लिया था इसी लिए सोनी शर्म से पानी-पानी हुए जा रही थी अपने बचाव में कहने के लिए उसके पास बिल्कुल भी शब्द नहीं थे,,,, लाला गांव का जमीदार होने के नाते गांव के एक लड़के के द्वारा इस तरह की बात करने पर वह सहन नहीं कर पाया और जोर से गुरा्ते हुए बोला,,,,।)
हरामजादे तेरी हिम्मत कैसे हुई इस तरह की बात करने की,,,,(बिस्तर पर पड़ी अपनी धोती को हाथ में लेकर उसे अपनी कमर पर लपेट ते हुए बोला तो जवाब में राजू भी चिल्लाते हुए बोला)
चिल्लाओ मत लाला चिल्लाने का समय तुम्हारा नहीं बल्कि अब मेरा है,,,, मैं नहीं जानता था कि इस बड़ी हवेली में चारदीवारी के अंदर इस तरह का कुकर्म हो रहा होगा लाला अपनी बहन के साथ मजे ले रहा है,,,, तुम्हें शर्म नहीं आई लाला अपनी ही छोटी बहन की चुदाई करते हुए,,,,
बदतमीज,,,, हरामजादे,,,,
लाला गाली मुझे भी आती है मुझे मजबूर मत कर कि मैं गाली देकर बात करो और मुझे किसी से कमजोर मत समझना,,,,, मैं सारी हेकड़ी पिछवाड़े डाल दूंगा,,,,।
(लाला हैरान था गांव का एक मामूली सा लड़का उसे धमकी दे रहा था आज तक लाला के सामने नजर उठाकर देखने की किसी की हिम्मत नहीं हुई थी और आज यह लड़का उस से आंख मिलाकर बातें कर रहा था,,,,)
तो लगता है भूल गया कि तू किससे बात कर रहा है,,,
मुझे अच्छी तरह से याद है मैं कि गांव के जमीदार लाला से बात कर रहा हूं साहूकार से बात कर रहा हूं गांव की इज्जत दार इंसान से बात कर रहा हूं,,, यह सब तो उसके लिए है जो तेरी पाप लीला को नहीं जानता लेकिन मेरे लिए तू अब वही एक मामूली सा इंसान है जो अपनी सारी गर्मी को औरत की दोनों टांगों के बीच पिघला देता है,,,,, तू मेरी नजर में गांव का जमीदार लाला नहीं बल्कि एकदम निकम्मा इंसान है जो अपनी पारिवारिक रिश्तो की भी कदर नहीं करता,,,,।
हरामजादे तेरी यह मजाल,,,(इतना कहने के साथ ही लाला पास में पड़ी अपनी छड़ी को उठा लिया और यह देखकर,, राजू कोने में पड़ी कुल्हाड़ी को अपने हाथ में ले लिया और बोला,,,)
खबरदार लाला अगर मुझ पर हाथ उठाने की जरूरत की तो एक ही बार में सर धड़ से अलग हो जाएगा,,, और मुझे कुल्हाड़ी चलाते बिल्कुल भी देर नहीं लगेगी,,,।
(राजू का हौसला और उसकी ताकत को देखकर लाला के पसीने छूट गई और वह वही खड़ा का खड़ा रह गया सोनी यह देखकर पूरी तरह से हैरान हो गई थी कि राजू उसके बड़े भाई के सामने कुल्हाड़ी उठा लिया था,,,, उसे डर इस बात का था कि कहीं दोनों के बीच हाथापाई ना हो जाए इसलिए अपने बदन को बिस्तर पर पड़ी चादर से ढंकते हुए बोली,,,)
यह क्या कर रहा है राजू तुझे कुछ समझ में आ रहा है कि तू किस के सामने कुल्हाड़ी उठाया है,,,,
मैं अच्छी तरह से जानता हूं छोटी मालकिन मैंने किस के सामने कुल्हाड़ी उठाया हूं,,,,, ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहता था लेकिन मेरी आंखों ने जो देखा है मुझे विश्वास नहीं हो रहा है अगर तुम्हारी जगह बिस्तर पर कोई और औरत होती तो शायद मुझे इतना गुस्सा नहीं आता,,, लेकिन मैं आज एक बड़े भाई को अपनी छोटी बहन की जवानी लूटते हुए देख रहा हूं उसे जरा भी इस बात का अहसास तक नहीं है कि जिसकी वह चुदाई कर रहा है वह उसकी बहन है,,,,,,,,।
राजू अपनी जबान को लगाम दे,,, तू और तेरा परिवार मेरे रहमों करम पर जी रहे हैं पता है ना तेरा बाप मुझसे पैसे उधार लेता है,,, यह बैलगाड़ी जो तू चलाता है ना उसके लिए मैंने ही पैसे दिया हूं मैं चाहूं तो बैलगाड़ी पर कब्जा जमा सकता हूं तुम लोग भूखे मरोगे,,,,,,
लाला शायद तुझे भूल गया कि तू इस गांव का लाला है लेकिन पूरी दुनिया का लाला ऊपर बैठा हुआ है,,, जिलाना और खिलाना तो सब कुछ उसके हाथ में है मैं और तू तो सिर्फ जरिया है,,,, तू शायद अभी भी इस गलतफहमी में है कि तेरे हाथ में ही सब कुछ है,,,, अब बाजी पूरी तरह से पलट चुकी है,,,, सब कुछ मेरे हाथ में आ चुका है,,,,, लाला तुम यह बात अच्छी तरह से जानते हो कि गांव वाले तुम्हारी कितनी इज्जत करते हैं तुम्हें सम्मान की नजर से देखते हैं लेकिन जब यही बात गांव वालों को पता चलेगी की लाला जो गांव वालों के सामने अच्छा इंसान बना रहता है वह हवेली की चारदीवारी के अंदर क्या गुल खिला रहा है तो क्या होगा,,,,, लाला जरा सोचो मैंने अगर यह बात गांव वालों को बता दिया कि लाला अपनी ही छोटी बहन की रोज चुदाई करता है उसके साथ मजे करता है और इसीलिए उसे अपने घर पर रखा है तो क्या होगा तुम जहां जाओगे वहां सब लोग थूथू करेंगे कोई तुम्हें अपने द्वार पर बैठने नही देगा,,,,,
(राजू की बातें और उसे बता देने के बाद की संभावनाओं को देखते हुए सोनी के चेहरे पर चिंता की रेखाएं खींच रही थी वह घबरा रही थी और यही घबराहट लाला के भी चेहरे पर थी लाला अच्छी तरह से जानता था कि अगर राजू गांव वालों को बता देगा तब उसकी इज्जत एक कौड़ी की नहीं रह जाएगी,,,, पूरी खबर उड़ते उड़ते अगर उसके जमीदारी महकमे में उसके दोस्तों में उसके रिश्तेदारों में पहुंच गई तब तो वह किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रह जाएगा,,,, घबराहट उसके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी राजू के सामने कुछ भी कर सकने की स्थिति में हो बिल्कुल भी नहीं था राजू पूरी तरह से उसे अपने काबू में ले रखा था और हौसला दिखाते हुए हाथ में कुल्हाड़ी भी उठा लिया था जो कि यह दर्शाता था कि लाला का वह पूरी तरह से सामना करने के लिए तैयार है,,,,, अगर राजू चेहरा भी डर दिखा था या घबरा जाता तो लाला उस पर हावी हो जाता लेकिन राजू ऐसा होने नहीं दिया वह पहले से ही लाला पर अपनी पकड़ बनाए रखा आखिरकार बहुत ही गहरा मुद्दा जो मिल गया था उसे अपनी पकड़ में लेने का,,,,, राजू दूसरी तरफ लाला को और ज्यादा डरा रहा था)
लाला तुम्हारा यह कुकर्म गांव वालों के सामने में खोल दूंगा,,, तब देखना गांव वाले तुम्हारे साथ कैसा सुलुक करते हैं अगर बिस्तर पर तुम्हारी बहन की जगह कोई और औरत होती तो शायद इस बात का किसी पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन तुम्हारी किस्मत खराब थी कि बिस्तर पर किसी गैर औरत की जगह तुम्हारी खुद की छोटी बहन थी जो कि अपना घर छोड़कर तुम्हारे घर पर रहती है तुम्हारी शरण में आसरा ली हुई है और तुमने अपनी ही बहन के साथ आसरा देने के बदले में यह कीमत ले रहे हो रोज तुम्हारी बहन घर में रहने की कीमत अपनी इज्जत को तुम पर लुटा कर दे रही है,,,,, जरा तुम सोचो जब यह देखकर मेरा इतना खून खोल रहा है तब गांव वालों का क्या हाल होगा अगर मेरे द्वारा देखी गई एक एक चीज का वर्णन में गांव वालों के सामने कर दूं तो कि कैसे लाला अपने हाथों से अपनी बहन की साड़ी उतार कर उसे नंगा करने की शुरुआत करता है कैसे अपने हाथों से उसके ब्लाउज के एक बटन खोल कर उसकी चूचियों को ब्लाउज के खेत से आजाद करता है और कैसे एक बच्चे की तरह अपनी ही बहन की चूची को मुंह में लेकर मजे ले कर पीता है और तो और इस बात से गांव वालों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाएगा कि लाला अपनी बहन की जवानी लूटने के लिए खुद अपने हाथों से उसके पेटीकोट की डोरी खोल कर उसे पलभर में ही निर्वस्त्र कर दिया और उसकी दोनों टांगों के बीच उसकी बुर पर जीभ लगाकर चाटना शुरू कर दिया,,,, और तो और भले ही तुम्हारी बहन अपने ही मन से,,, तुम्हारे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने ही थी लेकिन मैं तो गांव वालों को यही कहूंगा कि छोटी मालकिन का बड़ा भाई मतलब कि तुम जबरदस्ती अपने लंड को अपनी बहन के मुंह में दे रहा था और उसके बाद जबरदस्ती करते हुए अपनी बहन की दोनों टांगों को फैला कर अपने लंड को अपनी बहन की बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया और उसकी बहन छोड़ने के लिए बोलती रह गई लेकिन वह नहीं माना ,,, ऐसा वह रोज करता है,,,,। तुम ही सोचो ना ना अगर यह बात में गांव वालों को इस तरह से नमक मिर्च लगाकर बताऊंगा तो गांव वाले गुस्से में हल कर तुम्हारी हवेली को ही आग लगा देंगे,,,,।
यह क्या कह रहे हो राजू,,,,,(सोनी एकदम रुंवासी होते हुए बोली,,)
तुम कुछ मत बोलो छोटी मालकिन तुम्हारी स्थिति को मैं समझ सकता हूं,,,,, अब बताओ लाला,,,,(राजू अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाते हुए बड़े आराम से खड़ा होकर बोला लेकिन इस तरह की बातें करने में और सोनी को एक बार फिर से डरना अवस्था में देखने पर उसके पर जाने में तंबू सा बन गया था जिस पर लाला की नजर जा रही थी,,,, लारा की नजर को देखकर राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
तुम इसकी,,(अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए) चिंता मत करो मैं तुम्हारी बहन के साथ कुछ नहीं करने वाला,,,(राजू की यह बात सुनकर लाला दांत पीसकर रह गया) लेकिन यह हाल (एक बार फिर से अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए) तुम्हारी बहन को नंगी देखने के बाद ही हुआ है तुम्हारी बहन इतनी खूबसूरत है कि कोई भी मर्द बैग जाएगा भले ही तुम उसके भाई क्यों ना हो एक ही छत के नीचे रहने पर जैसा तुम्हारे साथ हुआ है वैसा तो होना ही था तुम्हारी बहन स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लगती है खूबसूरती में तुम्हारी बहन की मिसाल दूर-दूर तक गांव में कोई भी नहीं ऐसा है जो पूर्ति कर सके,,,,(इतना कहते हुए राजू बिस्तर की तरफ सोनी की ओर बढ़ने लगा लाना फटी आंखों से उसे देख रहा था उसके हाथों में अभी भी कुल्हाड़ी थी और सोनी के पास पहुंच कर उसके बदन से चादर को पकड़ कर खींच कर बिस्तर के नीचे फेंकते हुए ) तुम्हारी बहन का नंगा बदन,,,(उसकी खूबसूरत नंगी चिकनी बांह पर अपनी उंगली फिराते हुए,,,) तुम्हारी खूबसूरत बहन की बड़ी बड़ी खूबसूरत चुचियां,,,(जोर से सोनी की एक चूची को हथेली में पकड़कर दबाते हुए जिससे सोनी के मुंह से आह निकल गई,,, यह देख कर लाला गुस्से में अपना कदम आगे बढ़ाने वाला ही था कि राजू उसकी तरफ देखे बिना ही अपने हाथ की कुल्हाड़ी को ऊपर की तरफ उठाकर उसे वहीं खड़े रहने का इशारा किया,,,, और लाला वहीं रुक गया,,, राजू बिना डरे बिना था मैं आगे बढ़ता रहा और फिर उसके लाल-लाल होठों को अपनी अंगुली और अंगूठे का सहारा लेकर पकड़कर उसे गोल छल्ला बनाते हुए,,,
तुम्हारी बहन के लाल लाल होंठ ऐसा लगता है कि जैसे कुदरत ने गुलाब के रस को निचोड़ कर तुम्हारी बहन के होठों में डाल दिया हो,,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू एक झटके में उसे धक्का देकर बिस्तर पर चित लेटा दिया जिससे उसकी बुर एकदम से नजर आने लगी उस पर नजर पड़ते हैं राजू मुस्कुराता हुआ लाला की तरफ देखा,,,, लाला को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन उसके हाथ में कुल्हाड़ी थी इसलिए लाला कुछ कर नहीं पा रहा था और राजू एक पैर को मोड़कर बिस्तर पर रखते हुए थोड़ा सा झुकते हुए अपनी हथेली को लाला की बहन की बुर पर रखकर उसे हल्के से मसलते हुए बोला,,,) सहहहरह,,,, तुम्हारी बहन की बुर लाजवाब है लाला,,, भला ऐसा कौन सा मर्द होगा जो तुम्हारी बहन की बुर देखकर उस में अपना लंड डालने के लिए तड़प नहीं उठेगा,,,,(राजू की यह बातें लाला के दिल पर छुरियां चला रहे थे आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई थी लाला की तरफ आंख उठाकर देखने की लेकिन राजू ताकि बाहर बाहर लाला की बेज्जती पर बेज्जती किया जा रहा था,,,,, सोनी की बुर पर राजू जब अपना हाथ रखा था तब गुस्से से लाला तिलमिला उठा था,,,, और वह जोर से चिल्लाया भी था,,,।
हरामजादे,,,,
चुप कर लाला,,,(एक बार फिर से कुल्हाड़ी को हवा में लहराते हुए लाला को वही खड़े रहने का इशारा किया) अभी तेरी बहन की खूबसूरती का वर्णन पूरी तरह से नहीं हुआ है,,,(और इतना कहने के साथ ही पल भर में ही सोनी को पलट कर उसे पेट के बल लिटा दिया जिससे उसकी ऊभरी हुई मदमस्त कर देने वाली गांड पूरे वातावरण में अपनी आभा बिखेर ने लगी,,,,, सोनी की गोरी गोरी गांड की तरफ देखकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी उसका मन कर रहा था कि लाला की आंखों के सामने ही उसकी बहन की चुदाई करते लेकिन ऐसा करना वह इस समय ना जाने क्यों ठीक नहीं समझ रहा था वैसे भी सोनी उसकी हाथों से कहां दूर थी,, सोनी तो खुद उसके लंड की दीवानी थी,,,, जिसे जब चाहे तब वह कभी भी चोद सकता था और अब तो लाला का गला उसके हाथ आ गया था अब तो उसकी आंखों के सामने भी वह उसकी बहन की चुदाई कर सकता था लेकिन इस समय वह उचित नहीं समझ रहा था फिर भी सोने की मदमस्त कर देने वाली गोरी गोरी गांड देखकर उससे रहा नहीं,,गया,,, और वह दाएं हाथ की चपत सोनी की गांड की दोनों आंखों पर दो दो चपत लगा दिया,,,, यह देख कर लाला की आंखों में खून उतर आया और सोनी के गोरी गोरी गांड लाल हो गई,,,, राजू की हरकत सोनी को बहुत ही अच्छी लग रही थी वह राजू की हरकत से उत्तेजित हुए जा रही थी,,,, सोनी राजू के मर्दानगी को तो देख ही चुकी थी आज उसके जिगर को देखकर वह पूरी तरह से राजू के आगे बावली हो गई थी,,,, सोनी मन ही मन राजू के हिम्मत की दाद दे रही थी कि वह उसके बड़े भैया के सामने निडर होकर इस तरह की हरकत कर रहा था और उसका भाई गांव का जमीदार होने के बावजूद भी एक दम लाचार खड़ा था,,,,, राजू सोनी की गांड पर और दो चार चपत लगाते हुए बोला,,,)
हाय मेरी छोटी मालकिन तुम्हारी गांड देखकर तो किसी का भी पानी निकल जाए,,,,,,(सोनी की गांड को हथेली में लेकर जोर-जोर से दबाते हुए लाला की तरफ देखकर) इसमें तुम्हारी कोई भी गलती नहीं है लाला तुम्हारी बहन की खूबसूरती ही सबसे बड़ी गलती है तुम्हारी बहन इतनी खूबसूरत है कि किसी भी मर्द का मन डोल जाए ईमान डोल जाए रिश्ते नाते की परवाह कौन करे जब ऐसी खूबसूरत औरत पास में हो,,,, मेरा खुद का लंड खड़ा हो गया है लाला,,,,,,,,, देखना चाहोगे,,,,, छोड़ो जाने दो अगर मेरा देख लोगे तो खुद की नजरों में गिर जाओगे,,,।
(राजू के मुंह से इस तरह की मर्दानगी वाली बात लाला से बिल्कुल भी सहन नहीं हो रही थी वह अपने मन में सोच रहा था कि कल का लौंडा उसे इस कदर बेइज्जत कर रहा है जिसमें अभी तक औरत के नंगे बदन को ठीक तरह से देखा भी नहीं है,,,,, इसलिए मर्दानगी वाली बात इसे लाला को अपना अपमान सहन नहीं हुआ और वह बोला)
कल का लौंडा मेरे सामने मर्दानगी की बात करता है अभी तेरे दूध के दांत गिरे भी नहीं होंगे और तू मुझे बिस्तर पर औरत की प्यास बुझाने का दावा करता है,,,।
लाला स्कल के लौंडे का लंड देख लेगा ना तो औरत के सामने जो इतनी मर्दानगी दिखाता है ना सब भूल जाएगा और हां अगर तेरी बहन ने मेरे लंड को देख लेना तो तेरे से ज्यादा वह मेरे लंड पर कुदेगी,,,,, देखना चाहता है रुक तुझे दिखाई देता हूं,,,,(इस तरह की बातें और सोने की नंगे बदन को बार-बार छूने की वजह से उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था,,,,, वह चित्र से जानता था कि लाला उसके लंड को देखकर भौचक्का रह जाएगा और वह एक हाथ में कुल्हाड़ी लिए दूसरे हाथ से अपने पहचाना को पकड़कर एक झटके से नीचे कर दिया और उसके लंड हवा में लहराने लगा,,,, लाला उसके लंड को देखना नहीं चाहता था लेकिन फिर भी उसकी नजर उसके ऊपर चली गई और उस पर नजर पड़ते ही उसके होश उड़ गए वह अपनी नजरों में ही शर्मिंदगी महसूस करने लगा क्योंकि वह साफ तौर पर देख रहा था कि जितना मोटा लंबा उसका लंड है उससे उसका आधा भी नहीं था,,,, और राजू बानो की जैसे लाला को और ज्यादा बेज्जत कर रहा हो इस तरह से अपने लंड को पकड़कर हिलाते हुए बोला ,,,,।
क्यों लाला कैसा है,,,, तुम भी देखो छोटी मालकिन,,,,
(सोनी की तरफ घूमकर अपने लंड को दिखाते हुए बोला सोनी राजू के लंड और उसकी मर्दानगी से अच्छी तरह से वाकिफ थी इसलिए वह राजू के सामने अपने भाई को और ज्यादा जलील होने देना नहीं चाहती थी इसलिए वह राजू की तरफ ना देख कर दूसरी तरफ नजर घुमा ली थी राजू भी इस बात को अच्छी तरह से समझता था लेकिन उसके लंड को देखकर लाला के चेहरे पर जिस तरह की हवाइयां उड़ रही थी उसे राजू साफ तौर पर देख पा रहा था,,,,, और थोड़ी ही देर में राजू पजामें को ऊपर कर लिया,,,,)
तू चाहता क्या है,,,?
चाहने को तो मैं बहुत कुछ चाहता हूं लाला मैं चाहूं तो इसी से मैं तुम्हारी आंखों के सामने तुम्हारी बहन को चोद सकता हूं,,,, लेकिन मैं ऐसा करूंगा नहीं,,,, मैं चाहता हूं कि आज तक का जितना भी कर्जा मेरे पिताजी ने लिया है वह सब कुछ माफ कर दो,,,,
(राजू की बात सुनकर लाला कुछ देर तक सोचने लगा तो राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)
ज्यादा सोचो मत लाना धन से इज्जत कहीं ज्यादा प्यारी होती है धन तो फिर भी कमाल होगी अगर इज्जत चली गई तब,,,
मंजूर है,,,,
(लाला को घुटने टेकता हुआ देखकर राजू मुस्कुराने लगा और बोला,,,)
बैलगाड़ी आज से हमारी और तुम्हारी अनाज के गोदाम में जितना भी अनाज दूसरे बैलगाड़ी में लगकर जाता है उनमें से सबसे ज्यादा महत्व अब तुम हमारी बैलगाड़ी को दोगे,,,,
यह भी मंजूर,,,,,
बस फिर क्या है तुम्हें मंजूर है तो तुम्हारा यार आज मेरे सीने में ही दफन रहेगा लेकिन इससे पहले कर्ज की जो कागजात है वह मुझे लाकर दो,,,
वह क्यों,,,?
सवाल मत करो लाला तुम पहले ला कर दो ताकि दोबारा तुम पलटी ना मार सको,,,,
(लाला के पास अपनी इज्जत बचाने का कोई भी रास्ता नहीं था इसलिए वह राजू की बात मानते हुए बोला,,,)
सोनी तुम्हारी अलमारी में सभी के कर्जे के कागजात हैं,,,, उनमें से हरिया के कागजात लाकर इसे दे दो,,,,
(अलमारी उसी कमरे में कोने में थी सोनी अपने बिस्तर से उठी और अपने बदन पर चादर लपेट नहीं जा रही थी कि राजू उस चादर को हाथ से पकड़ कर खींच लिया और बोला)
माफ करना छोटी मालकिन लेकिन जब तक मैं इधर हूं तुम्हें नंगी रहना पड़ेगा जाओ नंगी उस अलमारी तक और उसमें से कागजात लेकर आओ,,,,।
(इतना सुनते ही सोनी लाचार आंखों से लाला की तरफ देखी और लाला भी उसे आगे बढ़ने का इशारा कर दिया,,,,, सोनी अपने बिस्तर पर से उठी और नंगी ही उस अलमारी की तरफ जाने लगी उसकी मदमस्त कर देने वाली चाल देखकर राजू का मन डोल रहा था उसकी गोरी गोरी मटकती हुई गांड को देखकर राजू बोला,,,)
हाय मेरी छोटी मालकिन क्या मस्त गांड पाई हो ऐसा लगता है कि जैसे भगवान ने तुम्हारी गांड को अपने हाथों से तराशा है,,,, तुम बहुत खुश किस्मत वाला था कि तुम्हारी इतनी खूबसूरत बहने इतनी खूबसूरत औरत को रोज तुम चोद रहे हो,,, काश हमारी किस्मत में भी इतनी खूबसूरत औरत होती,,,।
(राजू अपनी बातों से लाला के दिल पर बार-बार पत्थर फेंक रहा था लाला को राजू की बातों से बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वह कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था और दूसरी तरफ सोनी राजू की बातें सुनकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी लेकिन आज उसे इस बात का अफसोस भी ताकि वह आज राजू के हाथों रंगे हाथ पकड़ी गई थी और वह भी अपने भाई के साथ पता नहीं राजू इस मामले में उसके बारे में क्या सोचेगा,,,, थोड़ी ही देर में सोनी अलमारी खोलकर हरिया के कागजात लेकर वापस लौटने लगी,,,, सामने से आने पर राजू की नजर उसकी मदमस्त कर देने वाली खरबूजे जैसी गोल गोल सूचियों पर गए तो उसे देखकर से मुंह में पानी आने लगा साथ ही उसकी मोटी मोटी जांघों के बीच की पतली दरार उसके होश उड़ा रही थी,,, यह सब देखकर राजू का मन उसे चोदने को कर रहा था लेकिन इस समय नहीं बस सोच रहा था कि किसी और दिन मिलेगी तो आज की कसर वह पूरी तरह से उतार लेगा,,,, सोनी के हाथ में से कागजात को लेकर वह पढ़ने के बाद जो कि पढ़ना लिखना उसे सोनी नहीं सिखाई थी और आज उसे उसका पढ़ना लिखना काम आ रहा था,,,, राजू कागजात को नीचे जमीन पर फेंक कर सोनी से बोला,,,।
इसे चला दो,,,,
(इतना सुनकर सोनी अपने भाई की तरफ देखने लगी तो उसका भाई भी खामोश खड़ा रहा तो राजू बोला)
देख क्या रही हो उसमें आग लगाओ और जला दो,,,।
सोनी राजू की बात मानते हुए कागजात में आग लगा दी और थोड़ी ही देर में कर्जे का कागजात राख के ढेर में बदल गया,,,,,।
अब तुम दोनों को मेरी तरफ से किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है तुम दोनों का राज मेरे सीने में दफन है जो मैं किसी से नहीं कहूंगा,,,, अब तुम दोनों आराम से अपना काम जारी रख सकते हो,,,। लाला तुम्हारे रंग में भंग डालने के लिए माफी चाहता हूं तुम्हारा पानी निकल चुका था एक बार फिर से खड़ा करके अपनी बहन की बुर में डाल दो मैं जा रहा हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही हाथ में पकड़ी हुई कुल्हाड़ी को वही रखकर मुस्कुराता हुआ राजू कमरे से बाहर निकल गया और,,,, थोड़ी ही देर में वह घर पहुंच गया,,, घर पर जाते ही वह अपने पिताजी से मिलकर खुश होता हुआ बोला,,,।
पिताजी अब हम लोगों का सारा कर्जा माफ हो गया है लालाजी ने हम लोगों का कर्जा माफ कर दिया,,,
(इतना सुनते ही हरिया के साथ-साथ घर के बाकी सदस्य को भी हैरानी हो रही थी,,,, और राजू मनगढ़ंत कहानी बनाकर अपने पिताजी और अपने परिवार को सुना दिया और यह भी बताया कि अनाज के गोदाम में भी उन लोगों को काम मिल गया है अब उन लोगों को किसी भी प्रकार की चिंता नहीं होगी,,,, राजू की बात सुनकर सभी लोग एकदम खुश हो गए हरिया तो मानो जैसे जग जीत लिया हो वह बहुत खुश नजर आ रहा था,,,)
हरिया का परिवार एक बार फिर से अपने-अपने आनंद में खो गया कुछ दिनों से मधु की तबीयत अच्छी नहीं थी उसे कभी रह-रहकर बुखार आता तो कभी एकदम ठीक हो जाती इसलिए हरिया राजू को बोला कि बैलगाड़ी में बिठा कर अपनी मां को वेद के वहां दिखाकर दवा लेकर आ जाए,,,,,
राजू बेल गाड़ी लेकर तैयार हो गया था और उसकी मां भी बेल गाड़ी में बैठ चुकी थी आसमान में बादल घिर आए थे कभी भी बरसात हो सकती थी,,,, और वेद का गांव काफी दूर था आने जाने में शाम हो जाती इसलिए राजू बेल गाड़ी लेकर जल्दी निकल गया,,,।
राजू के लात के जबर्दस्त प्रहार में दरवाजा खुल चुका था,,, और दरवाजा के खुलते लाला और सोनी दोनों के होश उड़ गए दोनों की आंखें फटी की फटी रह गई दरवाजे पर राजू को खड़ा देखकर,,,, लाला को तो समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें क्योंकि उसका पूरा समूचा लंड उसकी बहन की बुर की गहराई नाप रहा था,,,, सोनी की भी हालत काटो तो खून नहीं,,,, वह भी पूरी तरह से नंगी थी उसकी बुर में उसके भाई का लंड घुसा हुआ था कुछ भी छुपाने लायक नहीं बचा था सब कुछ राजू की आंखों के सामने था राजू दरवाजे पर उन दोनों को खड़ा होकर देख रहा था,,,,।
यह वह पल था जब दोनों चरमसुख के बेहद करीब थे किसी भी वक्त लाला के लंड से पानी का फव्वारा छूट पड़ने को तैयार था,,,,,,,, इन मौके पर सारा मजा किरकिरा हो गया था उससे भी दुविधा जनक यह बात की कि आज उन दोनों का भांडा राजू की आंखों के सामने फूट चुका था,,,m लाला को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, आज वह अपनी बहन के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया था,,,,,, दोनों भाई बहन राजू की आंखों के सामने बेहद शर्म जनक की स्थिति में आ चुके थे अपने ऊपर चादर डाल लेने पर भी उन दोनों की गलती उन दोनों की कामलीला छूटने वाली नहीं थी इसलिए लाला अपने लंड को अपनी बहन की बुर से बाहर निकालना ही उचित समझा,,,,,।
लेकिन जैसे ही लाला अपनी बहन की गुलाबी बुर्के गुलाबी छेद से अपने मोटे लंड को बाहर निकाला वैसे ही चर्मसुख के बेहद करीब पहुंच चुका लाला एक बार फिर से अपनी बहन की बुर की रगड़ को बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसी समय निकालने के साथ ही उसके लंड से गरम लावा फूट पड़ा,,,, लाला के लंड से पानी निकलता देख कर राजू मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ा और बोला,,,।
वाह लाला निकल गया पानी,,,, तभी मैं सोचूं कि लाला अपनी गर्मी कैसे शांत करता है,,, आज जाकर पता चला की लाला की बहन अपने बड़े भाई की जवानी की गर्मी को शांत कर रही है,,,(राजू लाला की बहन सोनी की तरफ देखते हुए बोला तो सोनी शर्म के मारे अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, लाला की जगह आकर बिस्तर में कोई और मर्द होता तो शायद सोनी राजू से बिल्कुल भी शर्म नहीं करती लेकिन लाला उसका बड़ा भाई था और राजू ने अपनी आंखों से सब कुछ देख लिया था इसी लिए सोनी शर्म से पानी-पानी हुए जा रही थी अपने बचाव में कहने के लिए उसके पास बिल्कुल भी शब्द नहीं थे,,,, लाला गांव का जमीदार होने के नाते गांव के एक लड़के के द्वारा इस तरह की बात करने पर वह सहन नहीं कर पाया और जोर से गुरा्ते हुए बोला,,,,।)
हरामजादे तेरी हिम्मत कैसे हुई इस तरह की बात करने की,,,,(बिस्तर पर पड़ी अपनी धोती को हाथ में लेकर उसे अपनी कमर पर लपेट ते हुए बोला तो जवाब में राजू भी चिल्लाते हुए बोला)
चिल्लाओ मत लाला चिल्लाने का समय तुम्हारा नहीं बल्कि अब मेरा है,,,, मैं नहीं जानता था कि इस बड़ी हवेली में चारदीवारी के अंदर इस तरह का कुकर्म हो रहा होगा लाला अपनी बहन के साथ मजे ले रहा है,,,, तुम्हें शर्म नहीं आई लाला अपनी ही छोटी बहन की चुदाई करते हुए,,,,
बदतमीज,,,, हरामजादे,,,,
लाला गाली मुझे भी आती है मुझे मजबूर मत कर कि मैं गाली देकर बात करो और मुझे किसी से कमजोर मत समझना,,,,, मैं सारी हेकड़ी पिछवाड़े डाल दूंगा,,,,।
(लाला हैरान था गांव का एक मामूली सा लड़का उसे धमकी दे रहा था आज तक लाला के सामने नजर उठाकर देखने की किसी की हिम्मत नहीं हुई थी और आज यह लड़का उस से आंख मिलाकर बातें कर रहा था,,,,)
तो लगता है भूल गया कि तू किससे बात कर रहा है,,,
मुझे अच्छी तरह से याद है मैं कि गांव के जमीदार लाला से बात कर रहा हूं साहूकार से बात कर रहा हूं गांव की इज्जत दार इंसान से बात कर रहा हूं,,, यह सब तो उसके लिए है जो तेरी पाप लीला को नहीं जानता लेकिन मेरे लिए तू अब वही एक मामूली सा इंसान है जो अपनी सारी गर्मी को औरत की दोनों टांगों के बीच पिघला देता है,,,,, तू मेरी नजर में गांव का जमीदार लाला नहीं बल्कि एकदम निकम्मा इंसान है जो अपनी पारिवारिक रिश्तो की भी कदर नहीं करता,,,,।
हरामजादे तेरी यह मजाल,,,(इतना कहने के साथ ही लाला पास में पड़ी अपनी छड़ी को उठा लिया और यह देखकर,, राजू कोने में पड़ी कुल्हाड़ी को अपने हाथ में ले लिया और बोला,,,)
खबरदार लाला अगर मुझ पर हाथ उठाने की जरूरत की तो एक ही बार में सर धड़ से अलग हो जाएगा,,, और मुझे कुल्हाड़ी चलाते बिल्कुल भी देर नहीं लगेगी,,,।
(राजू का हौसला और उसकी ताकत को देखकर लाला के पसीने छूट गई और वह वही खड़ा का खड़ा रह गया सोनी यह देखकर पूरी तरह से हैरान हो गई थी कि राजू उसके बड़े भाई के सामने कुल्हाड़ी उठा लिया था,,,, उसे डर इस बात का था कि कहीं दोनों के बीच हाथापाई ना हो जाए इसलिए अपने बदन को बिस्तर पर पड़ी चादर से ढंकते हुए बोली,,,)
यह क्या कर रहा है राजू तुझे कुछ समझ में आ रहा है कि तू किस के सामने कुल्हाड़ी उठाया है,,,,
मैं अच्छी तरह से जानता हूं छोटी मालकिन मैंने किस के सामने कुल्हाड़ी उठाया हूं,,,,, ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहता था लेकिन मेरी आंखों ने जो देखा है मुझे विश्वास नहीं हो रहा है अगर तुम्हारी जगह बिस्तर पर कोई और औरत होती तो शायद मुझे इतना गुस्सा नहीं आता,,, लेकिन मैं आज एक बड़े भाई को अपनी छोटी बहन की जवानी लूटते हुए देख रहा हूं उसे जरा भी इस बात का अहसास तक नहीं है कि जिसकी वह चुदाई कर रहा है वह उसकी बहन है,,,,,,,,।
राजू अपनी जबान को लगाम दे,,, तू और तेरा परिवार मेरे रहमों करम पर जी रहे हैं पता है ना तेरा बाप मुझसे पैसे उधार लेता है,,, यह बैलगाड़ी जो तू चलाता है ना उसके लिए मैंने ही पैसे दिया हूं मैं चाहूं तो बैलगाड़ी पर कब्जा जमा सकता हूं तुम लोग भूखे मरोगे,,,,,,
लाला शायद तुझे भूल गया कि तू इस गांव का लाला है लेकिन पूरी दुनिया का लाला ऊपर बैठा हुआ है,,, जिलाना और खिलाना तो सब कुछ उसके हाथ में है मैं और तू तो सिर्फ जरिया है,,,, तू शायद अभी भी इस गलतफहमी में है कि तेरे हाथ में ही सब कुछ है,,,, अब बाजी पूरी तरह से पलट चुकी है,,,, सब कुछ मेरे हाथ में आ चुका है,,,,, लाला तुम यह बात अच्छी तरह से जानते हो कि गांव वाले तुम्हारी कितनी इज्जत करते हैं तुम्हें सम्मान की नजर से देखते हैं लेकिन जब यही बात गांव वालों को पता चलेगी की लाला जो गांव वालों के सामने अच्छा इंसान बना रहता है वह हवेली की चारदीवारी के अंदर क्या गुल खिला रहा है तो क्या होगा,,,,, लाला जरा सोचो मैंने अगर यह बात गांव वालों को बता दिया कि लाला अपनी ही छोटी बहन की रोज चुदाई करता है उसके साथ मजे करता है और इसीलिए उसे अपने घर पर रखा है तो क्या होगा तुम जहां जाओगे वहां सब लोग थूथू करेंगे कोई तुम्हें अपने द्वार पर बैठने नही देगा,,,,,
(राजू की बातें और उसे बता देने के बाद की संभावनाओं को देखते हुए सोनी के चेहरे पर चिंता की रेखाएं खींच रही थी वह घबरा रही थी और यही घबराहट लाला के भी चेहरे पर थी लाला अच्छी तरह से जानता था कि अगर राजू गांव वालों को बता देगा तब उसकी इज्जत एक कौड़ी की नहीं रह जाएगी,,,, पूरी खबर उड़ते उड़ते अगर उसके जमीदारी महकमे में उसके दोस्तों में उसके रिश्तेदारों में पहुंच गई तब तो वह किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रह जाएगा,,,, घबराहट उसके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी राजू के सामने कुछ भी कर सकने की स्थिति में हो बिल्कुल भी नहीं था राजू पूरी तरह से उसे अपने काबू में ले रखा था और हौसला दिखाते हुए हाथ में कुल्हाड़ी भी उठा लिया था जो कि यह दर्शाता था कि लाला का वह पूरी तरह से सामना करने के लिए तैयार है,,,,, अगर राजू चेहरा भी डर दिखा था या घबरा जाता तो लाला उस पर हावी हो जाता लेकिन राजू ऐसा होने नहीं दिया वह पहले से ही लाला पर अपनी पकड़ बनाए रखा आखिरकार बहुत ही गहरा मुद्दा जो मिल गया था उसे अपनी पकड़ में लेने का,,,,, राजू दूसरी तरफ लाला को और ज्यादा डरा रहा था)
लाला तुम्हारा यह कुकर्म गांव वालों के सामने में खोल दूंगा,,, तब देखना गांव वाले तुम्हारे साथ कैसा सुलुक करते हैं अगर बिस्तर पर तुम्हारी बहन की जगह कोई और औरत होती तो शायद इस बात का किसी पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन तुम्हारी किस्मत खराब थी कि बिस्तर पर किसी गैर औरत की जगह तुम्हारी खुद की छोटी बहन थी जो कि अपना घर छोड़कर तुम्हारे घर पर रहती है तुम्हारी शरण में आसरा ली हुई है और तुमने अपनी ही बहन के साथ आसरा देने के बदले में यह कीमत ले रहे हो रोज तुम्हारी बहन घर में रहने की कीमत अपनी इज्जत को तुम पर लुटा कर दे रही है,,,,, जरा तुम सोचो जब यह देखकर मेरा इतना खून खोल रहा है तब गांव वालों का क्या हाल होगा अगर मेरे द्वारा देखी गई एक एक चीज का वर्णन में गांव वालों के सामने कर दूं तो कि कैसे लाला अपने हाथों से अपनी बहन की साड़ी उतार कर उसे नंगा करने की शुरुआत करता है कैसे अपने हाथों से उसके ब्लाउज के एक बटन खोल कर उसकी चूचियों को ब्लाउज के खेत से आजाद करता है और कैसे एक बच्चे की तरह अपनी ही बहन की चूची को मुंह में लेकर मजे ले कर पीता है और तो और इस बात से गांव वालों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाएगा कि लाला अपनी बहन की जवानी लूटने के लिए खुद अपने हाथों से उसके पेटीकोट की डोरी खोल कर उसे पलभर में ही निर्वस्त्र कर दिया और उसकी दोनों टांगों के बीच उसकी बुर पर जीभ लगाकर चाटना शुरू कर दिया,,,, और तो और भले ही तुम्हारी बहन अपने ही मन से,,, तुम्हारे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने ही थी लेकिन मैं तो गांव वालों को यही कहूंगा कि छोटी मालकिन का बड़ा भाई मतलब कि तुम जबरदस्ती अपने लंड को अपनी बहन के मुंह में दे रहा था और उसके बाद जबरदस्ती करते हुए अपनी बहन की दोनों टांगों को फैला कर अपने लंड को अपनी बहन की बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया और उसकी बहन छोड़ने के लिए बोलती रह गई लेकिन वह नहीं माना ,,, ऐसा वह रोज करता है,,,,। तुम ही सोचो ना ना अगर यह बात में गांव वालों को इस तरह से नमक मिर्च लगाकर बताऊंगा तो गांव वाले गुस्से में हल कर तुम्हारी हवेली को ही आग लगा देंगे,,,,।
यह क्या कह रहे हो राजू,,,,,(सोनी एकदम रुंवासी होते हुए बोली,,)
तुम कुछ मत बोलो छोटी मालकिन तुम्हारी स्थिति को मैं समझ सकता हूं,,,,, अब बताओ लाला,,,,(राजू अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाते हुए बड़े आराम से खड़ा होकर बोला लेकिन इस तरह की बातें करने में और सोनी को एक बार फिर से डरना अवस्था में देखने पर उसके पर जाने में तंबू सा बन गया था जिस पर लाला की नजर जा रही थी,,,, लारा की नजर को देखकर राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
तुम इसकी,,(अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए) चिंता मत करो मैं तुम्हारी बहन के साथ कुछ नहीं करने वाला,,,(राजू की यह बात सुनकर लाला दांत पीसकर रह गया) लेकिन यह हाल (एक बार फिर से अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए) तुम्हारी बहन को नंगी देखने के बाद ही हुआ है तुम्हारी बहन इतनी खूबसूरत है कि कोई भी मर्द बैग जाएगा भले ही तुम उसके भाई क्यों ना हो एक ही छत के नीचे रहने पर जैसा तुम्हारे साथ हुआ है वैसा तो होना ही था तुम्हारी बहन स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लगती है खूबसूरती में तुम्हारी बहन की मिसाल दूर-दूर तक गांव में कोई भी नहीं ऐसा है जो पूर्ति कर सके,,,,(इतना कहते हुए राजू बिस्तर की तरफ सोनी की ओर बढ़ने लगा लाना फटी आंखों से उसे देख रहा था उसके हाथों में अभी भी कुल्हाड़ी थी और सोनी के पास पहुंच कर उसके बदन से चादर को पकड़ कर खींच कर बिस्तर के नीचे फेंकते हुए ) तुम्हारी बहन का नंगा बदन,,,(उसकी खूबसूरत नंगी चिकनी बांह पर अपनी उंगली फिराते हुए,,,) तुम्हारी खूबसूरत बहन की बड़ी बड़ी खूबसूरत चुचियां,,,(जोर से सोनी की एक चूची को हथेली में पकड़कर दबाते हुए जिससे सोनी के मुंह से आह निकल गई,,, यह देख कर लाला गुस्से में अपना कदम आगे बढ़ाने वाला ही था कि राजू उसकी तरफ देखे बिना ही अपने हाथ की कुल्हाड़ी को ऊपर की तरफ उठाकर उसे वहीं खड़े रहने का इशारा किया,,,, और लाला वहीं रुक गया,,, राजू बिना डरे बिना था मैं आगे बढ़ता रहा और फिर उसके लाल-लाल होठों को अपनी अंगुली और अंगूठे का सहारा लेकर पकड़कर उसे गोल छल्ला बनाते हुए,,,
तुम्हारी बहन के लाल लाल होंठ ऐसा लगता है कि जैसे कुदरत ने गुलाब के रस को निचोड़ कर तुम्हारी बहन के होठों में डाल दिया हो,,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू एक झटके में उसे धक्का देकर बिस्तर पर चित लेटा दिया जिससे उसकी बुर एकदम से नजर आने लगी उस पर नजर पड़ते हैं राजू मुस्कुराता हुआ लाला की तरफ देखा,,,, लाला को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन उसके हाथ में कुल्हाड़ी थी इसलिए लाला कुछ कर नहीं पा रहा था और राजू एक पैर को मोड़कर बिस्तर पर रखते हुए थोड़ा सा झुकते हुए अपनी हथेली को लाला की बहन की बुर पर रखकर उसे हल्के से मसलते हुए बोला,,,) सहहहरह,,,, तुम्हारी बहन की बुर लाजवाब है लाला,,, भला ऐसा कौन सा मर्द होगा जो तुम्हारी बहन की बुर देखकर उस में अपना लंड डालने के लिए तड़प नहीं उठेगा,,,,(राजू की यह बातें लाला के दिल पर छुरियां चला रहे थे आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई थी लाला की तरफ आंख उठाकर देखने की लेकिन राजू ताकि बाहर बाहर लाला की बेज्जती पर बेज्जती किया जा रहा था,,,,, सोनी की बुर पर राजू जब अपना हाथ रखा था तब गुस्से से लाला तिलमिला उठा था,,,, और वह जोर से चिल्लाया भी था,,,।
हरामजादे,,,,
चुप कर लाला,,,(एक बार फिर से कुल्हाड़ी को हवा में लहराते हुए लाला को वही खड़े रहने का इशारा किया) अभी तेरी बहन की खूबसूरती का वर्णन पूरी तरह से नहीं हुआ है,,,(और इतना कहने के साथ ही पल भर में ही सोनी को पलट कर उसे पेट के बल लिटा दिया जिससे उसकी ऊभरी हुई मदमस्त कर देने वाली गांड पूरे वातावरण में अपनी आभा बिखेर ने लगी,,,,, सोनी की गोरी गोरी गांड की तरफ देखकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी उसका मन कर रहा था कि लाला की आंखों के सामने ही उसकी बहन की चुदाई करते लेकिन ऐसा करना वह इस समय ना जाने क्यों ठीक नहीं समझ रहा था वैसे भी सोनी उसकी हाथों से कहां दूर थी,, सोनी तो खुद उसके लंड की दीवानी थी,,,, जिसे जब चाहे तब वह कभी भी चोद सकता था और अब तो लाला का गला उसके हाथ आ गया था अब तो उसकी आंखों के सामने भी वह उसकी बहन की चुदाई कर सकता था लेकिन इस समय वह उचित नहीं समझ रहा था फिर भी सोने की मदमस्त कर देने वाली गोरी गोरी गांड देखकर उससे रहा नहीं,,गया,,, और वह दाएं हाथ की चपत सोनी की गांड की दोनों आंखों पर दो दो चपत लगा दिया,,,, यह देख कर लाला की आंखों में खून उतर आया और सोनी के गोरी गोरी गांड लाल हो गई,,,, राजू की हरकत सोनी को बहुत ही अच्छी लग रही थी वह राजू की हरकत से उत्तेजित हुए जा रही थी,,,, सोनी राजू के मर्दानगी को तो देख ही चुकी थी आज उसके जिगर को देखकर वह पूरी तरह से राजू के आगे बावली हो गई थी,,,, सोनी मन ही मन राजू के हिम्मत की दाद दे रही थी कि वह उसके बड़े भैया के सामने निडर होकर इस तरह की हरकत कर रहा था और उसका भाई गांव का जमीदार होने के बावजूद भी एक दम लाचार खड़ा था,,,,, राजू सोनी की गांड पर और दो चार चपत लगाते हुए बोला,,,)
हाय मेरी छोटी मालकिन तुम्हारी गांड देखकर तो किसी का भी पानी निकल जाए,,,,,,(सोनी की गांड को हथेली में लेकर जोर-जोर से दबाते हुए लाला की तरफ देखकर) इसमें तुम्हारी कोई भी गलती नहीं है लाला तुम्हारी बहन की खूबसूरती ही सबसे बड़ी गलती है तुम्हारी बहन इतनी खूबसूरत है कि किसी भी मर्द का मन डोल जाए ईमान डोल जाए रिश्ते नाते की परवाह कौन करे जब ऐसी खूबसूरत औरत पास में हो,,,, मेरा खुद का लंड खड़ा हो गया है लाला,,,,,,,,, देखना चाहोगे,,,,, छोड़ो जाने दो अगर मेरा देख लोगे तो खुद की नजरों में गिर जाओगे,,,।
(राजू के मुंह से इस तरह की मर्दानगी वाली बात लाला से बिल्कुल भी सहन नहीं हो रही थी वह अपने मन में सोच रहा था कि कल का लौंडा उसे इस कदर बेइज्जत कर रहा है जिसमें अभी तक औरत के नंगे बदन को ठीक तरह से देखा भी नहीं है,,,,, इसलिए मर्दानगी वाली बात इसे लाला को अपना अपमान सहन नहीं हुआ और वह बोला)
कल का लौंडा मेरे सामने मर्दानगी की बात करता है अभी तेरे दूध के दांत गिरे भी नहीं होंगे और तू मुझे बिस्तर पर औरत की प्यास बुझाने का दावा करता है,,,।
लाला स्कल के लौंडे का लंड देख लेगा ना तो औरत के सामने जो इतनी मर्दानगी दिखाता है ना सब भूल जाएगा और हां अगर तेरी बहन ने मेरे लंड को देख लेना तो तेरे से ज्यादा वह मेरे लंड पर कुदेगी,,,,, देखना चाहता है रुक तुझे दिखाई देता हूं,,,,(इस तरह की बातें और सोने की नंगे बदन को बार-बार छूने की वजह से उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था,,,,, वह चित्र से जानता था कि लाला उसके लंड को देखकर भौचक्का रह जाएगा और वह एक हाथ में कुल्हाड़ी लिए दूसरे हाथ से अपने पहचाना को पकड़कर एक झटके से नीचे कर दिया और उसके लंड हवा में लहराने लगा,,,, लाला उसके लंड को देखना नहीं चाहता था लेकिन फिर भी उसकी नजर उसके ऊपर चली गई और उस पर नजर पड़ते ही उसके होश उड़ गए वह अपनी नजरों में ही शर्मिंदगी महसूस करने लगा क्योंकि वह साफ तौर पर देख रहा था कि जितना मोटा लंबा उसका लंड है उससे उसका आधा भी नहीं था,,,, और राजू बानो की जैसे लाला को और ज्यादा बेज्जत कर रहा हो इस तरह से अपने लंड को पकड़कर हिलाते हुए बोला ,,,,।
क्यों लाला कैसा है,,,, तुम भी देखो छोटी मालकिन,,,,
(सोनी की तरफ घूमकर अपने लंड को दिखाते हुए बोला सोनी राजू के लंड और उसकी मर्दानगी से अच्छी तरह से वाकिफ थी इसलिए वह राजू के सामने अपने भाई को और ज्यादा जलील होने देना नहीं चाहती थी इसलिए वह राजू की तरफ ना देख कर दूसरी तरफ नजर घुमा ली थी राजू भी इस बात को अच्छी तरह से समझता था लेकिन उसके लंड को देखकर लाला के चेहरे पर जिस तरह की हवाइयां उड़ रही थी उसे राजू साफ तौर पर देख पा रहा था,,,,, और थोड़ी ही देर में राजू पजामें को ऊपर कर लिया,,,,)
तू चाहता क्या है,,,?
चाहने को तो मैं बहुत कुछ चाहता हूं लाला मैं चाहूं तो इसी से मैं तुम्हारी आंखों के सामने तुम्हारी बहन को चोद सकता हूं,,,, लेकिन मैं ऐसा करूंगा नहीं,,,, मैं चाहता हूं कि आज तक का जितना भी कर्जा मेरे पिताजी ने लिया है वह सब कुछ माफ कर दो,,,,
(राजू की बात सुनकर लाला कुछ देर तक सोचने लगा तो राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)
ज्यादा सोचो मत लाना धन से इज्जत कहीं ज्यादा प्यारी होती है धन तो फिर भी कमाल होगी अगर इज्जत चली गई तब,,,
मंजूर है,,,,
(लाला को घुटने टेकता हुआ देखकर राजू मुस्कुराने लगा और बोला,,,)
बैलगाड़ी आज से हमारी और तुम्हारी अनाज के गोदाम में जितना भी अनाज दूसरे बैलगाड़ी में लगकर जाता है उनमें से सबसे ज्यादा महत्व अब तुम हमारी बैलगाड़ी को दोगे,,,,
यह भी मंजूर,,,,,
बस फिर क्या है तुम्हें मंजूर है तो तुम्हारा यार आज मेरे सीने में ही दफन रहेगा लेकिन इससे पहले कर्ज की जो कागजात है वह मुझे लाकर दो,,,
वह क्यों,,,?
सवाल मत करो लाला तुम पहले ला कर दो ताकि दोबारा तुम पलटी ना मार सको,,,,
(लाला के पास अपनी इज्जत बचाने का कोई भी रास्ता नहीं था इसलिए वह राजू की बात मानते हुए बोला,,,)
सोनी तुम्हारी अलमारी में सभी के कर्जे के कागजात हैं,,,, उनमें से हरिया के कागजात लाकर इसे दे दो,,,,
(अलमारी उसी कमरे में कोने में थी सोनी अपने बिस्तर से उठी और अपने बदन पर चादर लपेट नहीं जा रही थी कि राजू उस चादर को हाथ से पकड़ कर खींच लिया और बोला)
माफ करना छोटी मालकिन लेकिन जब तक मैं इधर हूं तुम्हें नंगी रहना पड़ेगा जाओ नंगी उस अलमारी तक और उसमें से कागजात लेकर आओ,,,,।
(इतना सुनते ही सोनी लाचार आंखों से लाला की तरफ देखी और लाला भी उसे आगे बढ़ने का इशारा कर दिया,,,,, सोनी अपने बिस्तर पर से उठी और नंगी ही उस अलमारी की तरफ जाने लगी उसकी मदमस्त कर देने वाली चाल देखकर राजू का मन डोल रहा था उसकी गोरी गोरी मटकती हुई गांड को देखकर राजू बोला,,,)
हाय मेरी छोटी मालकिन क्या मस्त गांड पाई हो ऐसा लगता है कि जैसे भगवान ने तुम्हारी गांड को अपने हाथों से तराशा है,,,, तुम बहुत खुश किस्मत वाला था कि तुम्हारी इतनी खूबसूरत बहने इतनी खूबसूरत औरत को रोज तुम चोद रहे हो,,, काश हमारी किस्मत में भी इतनी खूबसूरत औरत होती,,,।
(राजू अपनी बातों से लाला के दिल पर बार-बार पत्थर फेंक रहा था लाला को राजू की बातों से बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वह कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था और दूसरी तरफ सोनी राजू की बातें सुनकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी लेकिन आज उसे इस बात का अफसोस भी ताकि वह आज राजू के हाथों रंगे हाथ पकड़ी गई थी और वह भी अपने भाई के साथ पता नहीं राजू इस मामले में उसके बारे में क्या सोचेगा,,,, थोड़ी ही देर में सोनी अलमारी खोलकर हरिया के कागजात लेकर वापस लौटने लगी,,,, सामने से आने पर राजू की नजर उसकी मदमस्त कर देने वाली खरबूजे जैसी गोल गोल सूचियों पर गए तो उसे देखकर से मुंह में पानी आने लगा साथ ही उसकी मोटी मोटी जांघों के बीच की पतली दरार उसके होश उड़ा रही थी,,, यह सब देखकर राजू का मन उसे चोदने को कर रहा था लेकिन इस समय नहीं बस सोच रहा था कि किसी और दिन मिलेगी तो आज की कसर वह पूरी तरह से उतार लेगा,,,, सोनी के हाथ में से कागजात को लेकर वह पढ़ने के बाद जो कि पढ़ना लिखना उसे सोनी नहीं सिखाई थी और आज उसे उसका पढ़ना लिखना काम आ रहा था,,,, राजू कागजात को नीचे जमीन पर फेंक कर सोनी से बोला,,,।
इसे चला दो,,,,
(इतना सुनकर सोनी अपने भाई की तरफ देखने लगी तो उसका भाई भी खामोश खड़ा रहा तो राजू बोला)
देख क्या रही हो उसमें आग लगाओ और जला दो,,,।
सोनी राजू की बात मानते हुए कागजात में आग लगा दी और थोड़ी ही देर में कर्जे का कागजात राख के ढेर में बदल गया,,,,,।
अब तुम दोनों को मेरी तरफ से किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है तुम दोनों का राज मेरे सीने में दफन है जो मैं किसी से नहीं कहूंगा,,,, अब तुम दोनों आराम से अपना काम जारी रख सकते हो,,,। लाला तुम्हारे रंग में भंग डालने के लिए माफी चाहता हूं तुम्हारा पानी निकल चुका था एक बार फिर से खड़ा करके अपनी बहन की बुर में डाल दो मैं जा रहा हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही हाथ में पकड़ी हुई कुल्हाड़ी को वही रखकर मुस्कुराता हुआ राजू कमरे से बाहर निकल गया और,,,, थोड़ी ही देर में वह घर पहुंच गया,,, घर पर जाते ही वह अपने पिताजी से मिलकर खुश होता हुआ बोला,,,।
पिताजी अब हम लोगों का सारा कर्जा माफ हो गया है लालाजी ने हम लोगों का कर्जा माफ कर दिया,,,
(इतना सुनते ही हरिया के साथ-साथ घर के बाकी सदस्य को भी हैरानी हो रही थी,,,, और राजू मनगढ़ंत कहानी बनाकर अपने पिताजी और अपने परिवार को सुना दिया और यह भी बताया कि अनाज के गोदाम में भी उन लोगों को काम मिल गया है अब उन लोगों को किसी भी प्रकार की चिंता नहीं होगी,,,, राजू की बात सुनकर सभी लोग एकदम खुश हो गए हरिया तो मानो जैसे जग जीत लिया हो वह बहुत खुश नजर आ रहा था,,,)
हरिया का परिवार एक बार फिर से अपने-अपने आनंद में खो गया कुछ दिनों से मधु की तबीयत अच्छी नहीं थी उसे कभी रह-रहकर बुखार आता तो कभी एकदम ठीक हो जाती इसलिए हरिया राजू को बोला कि बैलगाड़ी में बिठा कर अपनी मां को वेद के वहां दिखाकर दवा लेकर आ जाए,,,,,
राजू बेल गाड़ी लेकर तैयार हो गया था और उसकी मां भी बेल गाड़ी में बैठ चुकी थी आसमान में बादल घिर आए थे कभी भी बरसात हो सकती थी,,,, और वेद का गांव काफी दूर था आने जाने में शाम हो जाती इसलिए राजू बेल गाड़ी लेकर जल्दी निकल गया,,,।
Wah bhai maja aa gaya too much romantic update bro and continue storyराजू के लात के जबर्दस्त प्रहार में दरवाजा खुल चुका था,,, और दरवाजा के खुलते लाला और सोनी दोनों के होश उड़ गए दोनों की आंखें फटी की फटी रह गई दरवाजे पर राजू को खड़ा देखकर,,,, लाला को तो समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें क्योंकि उसका पूरा समूचा लंड उसकी बहन की बुर की गहराई नाप रहा था,,,, सोनी की भी हालत काटो तो खून नहीं,,,, वह भी पूरी तरह से नंगी थी उसकी बुर में उसके भाई का लंड घुसा हुआ था कुछ भी छुपाने लायक नहीं बचा था सब कुछ राजू की आंखों के सामने था राजू दरवाजे पर उन दोनों को खड़ा होकर देख रहा था,,,,।
यह वह पल था जब दोनों चरमसुख के बेहद करीब थे किसी भी वक्त लाला के लंड से पानी का फव्वारा छूट पड़ने को तैयार था,,,,,,,, इन मौके पर सारा मजा किरकिरा हो गया था उससे भी दुविधा जनक यह बात की कि आज उन दोनों का भांडा राजू की आंखों के सामने फूट चुका था,,,m लाला को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, आज वह अपनी बहन के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया था,,,,,, दोनों भाई बहन राजू की आंखों के सामने बेहद शर्म जनक की स्थिति में आ चुके थे अपने ऊपर चादर डाल लेने पर भी उन दोनों की गलती उन दोनों की कामलीला छूटने वाली नहीं थी इसलिए लाला अपने लंड को अपनी बहन की बुर से बाहर निकालना ही उचित समझा,,,,,।
लेकिन जैसे ही लाला अपनी बहन की गुलाबी बुर्के गुलाबी छेद से अपने मोटे लंड को बाहर निकाला वैसे ही चर्मसुख के बेहद करीब पहुंच चुका लाला एक बार फिर से अपनी बहन की बुर की रगड़ को बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसी समय निकालने के साथ ही उसके लंड से गरम लावा फूट पड़ा,,,, लाला के लंड से पानी निकलता देख कर राजू मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ा और बोला,,,।
वाह लाला निकल गया पानी,,,, तभी मैं सोचूं कि लाला अपनी गर्मी कैसे शांत करता है,,, आज जाकर पता चला की लाला की बहन अपने बड़े भाई की जवानी की गर्मी को शांत कर रही है,,,(राजू लाला की बहन सोनी की तरफ देखते हुए बोला तो सोनी शर्म के मारे अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, लाला की जगह आकर बिस्तर में कोई और मर्द होता तो शायद सोनी राजू से बिल्कुल भी शर्म नहीं करती लेकिन लाला उसका बड़ा भाई था और राजू ने अपनी आंखों से सब कुछ देख लिया था इसी लिए सोनी शर्म से पानी-पानी हुए जा रही थी अपने बचाव में कहने के लिए उसके पास बिल्कुल भी शब्द नहीं थे,,,, लाला गांव का जमीदार होने के नाते गांव के एक लड़के के द्वारा इस तरह की बात करने पर वह सहन नहीं कर पाया और जोर से गुरा्ते हुए बोला,,,,।)
हरामजादे तेरी हिम्मत कैसे हुई इस तरह की बात करने की,,,,(बिस्तर पर पड़ी अपनी धोती को हाथ में लेकर उसे अपनी कमर पर लपेट ते हुए बोला तो जवाब में राजू भी चिल्लाते हुए बोला)
चिल्लाओ मत लाला चिल्लाने का समय तुम्हारा नहीं बल्कि अब मेरा है,,,, मैं नहीं जानता था कि इस बड़ी हवेली में चारदीवारी के अंदर इस तरह का कुकर्म हो रहा होगा लाला अपनी बहन के साथ मजे ले रहा है,,,, तुम्हें शर्म नहीं आई लाला अपनी ही छोटी बहन की चुदाई करते हुए,,,,
बदतमीज,,,, हरामजादे,,,,
लाला गाली मुझे भी आती है मुझे मजबूर मत कर कि मैं गाली देकर बात करो और मुझे किसी से कमजोर मत समझना,,,,, मैं सारी हेकड़ी पिछवाड़े डाल दूंगा,,,,।
(लाला हैरान था गांव का एक मामूली सा लड़का उसे धमकी दे रहा था आज तक लाला के सामने नजर उठाकर देखने की किसी की हिम्मत नहीं हुई थी और आज यह लड़का उस से आंख मिलाकर बातें कर रहा था,,,,)
तो लगता है भूल गया कि तू किससे बात कर रहा है,,,
मुझे अच्छी तरह से याद है मैं कि गांव के जमीदार लाला से बात कर रहा हूं साहूकार से बात कर रहा हूं गांव की इज्जत दार इंसान से बात कर रहा हूं,,, यह सब तो उसके लिए है जो तेरी पाप लीला को नहीं जानता लेकिन मेरे लिए तू अब वही एक मामूली सा इंसान है जो अपनी सारी गर्मी को औरत की दोनों टांगों के बीच पिघला देता है,,,,, तू मेरी नजर में गांव का जमीदार लाला नहीं बल्कि एकदम निकम्मा इंसान है जो अपनी पारिवारिक रिश्तो की भी कदर नहीं करता,,,,।
हरामजादे तेरी यह मजाल,,,(इतना कहने के साथ ही लाला पास में पड़ी अपनी छड़ी को उठा लिया और यह देखकर,, राजू कोने में पड़ी कुल्हाड़ी को अपने हाथ में ले लिया और बोला,,,)
खबरदार लाला अगर मुझ पर हाथ उठाने की जरूरत की तो एक ही बार में सर धड़ से अलग हो जाएगा,,, और मुझे कुल्हाड़ी चलाते बिल्कुल भी देर नहीं लगेगी,,,।
(राजू का हौसला और उसकी ताकत को देखकर लाला के पसीने छूट गई और वह वही खड़ा का खड़ा रह गया सोनी यह देखकर पूरी तरह से हैरान हो गई थी कि राजू उसके बड़े भाई के सामने कुल्हाड़ी उठा लिया था,,,, उसे डर इस बात का था कि कहीं दोनों के बीच हाथापाई ना हो जाए इसलिए अपने बदन को बिस्तर पर पड़ी चादर से ढंकते हुए बोली,,,)
यह क्या कर रहा है राजू तुझे कुछ समझ में आ रहा है कि तू किस के सामने कुल्हाड़ी उठाया है,,,,
मैं अच्छी तरह से जानता हूं छोटी मालकिन मैंने किस के सामने कुल्हाड़ी उठाया हूं,,,,, ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहता था लेकिन मेरी आंखों ने जो देखा है मुझे विश्वास नहीं हो रहा है अगर तुम्हारी जगह बिस्तर पर कोई और औरत होती तो शायद मुझे इतना गुस्सा नहीं आता,,, लेकिन मैं आज एक बड़े भाई को अपनी छोटी बहन की जवानी लूटते हुए देख रहा हूं उसे जरा भी इस बात का अहसास तक नहीं है कि जिसकी वह चुदाई कर रहा है वह उसकी बहन है,,,,,,,,।
राजू अपनी जबान को लगाम दे,,, तू और तेरा परिवार मेरे रहमों करम पर जी रहे हैं पता है ना तेरा बाप मुझसे पैसे उधार लेता है,,, यह बैलगाड़ी जो तू चलाता है ना उसके लिए मैंने ही पैसे दिया हूं मैं चाहूं तो बैलगाड़ी पर कब्जा जमा सकता हूं तुम लोग भूखे मरोगे,,,,,,
लाला शायद तुझे भूल गया कि तू इस गांव का लाला है लेकिन पूरी दुनिया का लाला ऊपर बैठा हुआ है,,, जिलाना और खिलाना तो सब कुछ उसके हाथ में है मैं और तू तो सिर्फ जरिया है,,,, तू शायद अभी भी इस गलतफहमी में है कि तेरे हाथ में ही सब कुछ है,,,, अब बाजी पूरी तरह से पलट चुकी है,,,, सब कुछ मेरे हाथ में आ चुका है,,,,, लाला तुम यह बात अच्छी तरह से जानते हो कि गांव वाले तुम्हारी कितनी इज्जत करते हैं तुम्हें सम्मान की नजर से देखते हैं लेकिन जब यही बात गांव वालों को पता चलेगी की लाला जो गांव वालों के सामने अच्छा इंसान बना रहता है वह हवेली की चारदीवारी के अंदर क्या गुल खिला रहा है तो क्या होगा,,,,, लाला जरा सोचो मैंने अगर यह बात गांव वालों को बता दिया कि लाला अपनी ही छोटी बहन की रोज चुदाई करता है उसके साथ मजे करता है और इसीलिए उसे अपने घर पर रखा है तो क्या होगा तुम जहां जाओगे वहां सब लोग थूथू करेंगे कोई तुम्हें अपने द्वार पर बैठने नही देगा,,,,,
(राजू की बातें और उसे बता देने के बाद की संभावनाओं को देखते हुए सोनी के चेहरे पर चिंता की रेखाएं खींच रही थी वह घबरा रही थी और यही घबराहट लाला के भी चेहरे पर थी लाला अच्छी तरह से जानता था कि अगर राजू गांव वालों को बता देगा तब उसकी इज्जत एक कौड़ी की नहीं रह जाएगी,,,, पूरी खबर उड़ते उड़ते अगर उसके जमीदारी महकमे में उसके दोस्तों में उसके रिश्तेदारों में पहुंच गई तब तो वह किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रह जाएगा,,,, घबराहट उसके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी राजू के सामने कुछ भी कर सकने की स्थिति में हो बिल्कुल भी नहीं था राजू पूरी तरह से उसे अपने काबू में ले रखा था और हौसला दिखाते हुए हाथ में कुल्हाड़ी भी उठा लिया था जो कि यह दर्शाता था कि लाला का वह पूरी तरह से सामना करने के लिए तैयार है,,,,, अगर राजू चेहरा भी डर दिखा था या घबरा जाता तो लाला उस पर हावी हो जाता लेकिन राजू ऐसा होने नहीं दिया वह पहले से ही लाला पर अपनी पकड़ बनाए रखा आखिरकार बहुत ही गहरा मुद्दा जो मिल गया था उसे अपनी पकड़ में लेने का,,,,, राजू दूसरी तरफ लाला को और ज्यादा डरा रहा था)
लाला तुम्हारा यह कुकर्म गांव वालों के सामने में खोल दूंगा,,, तब देखना गांव वाले तुम्हारे साथ कैसा सुलुक करते हैं अगर बिस्तर पर तुम्हारी बहन की जगह कोई और औरत होती तो शायद इस बात का किसी पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन तुम्हारी किस्मत खराब थी कि बिस्तर पर किसी गैर औरत की जगह तुम्हारी खुद की छोटी बहन थी जो कि अपना घर छोड़कर तुम्हारे घर पर रहती है तुम्हारी शरण में आसरा ली हुई है और तुमने अपनी ही बहन के साथ आसरा देने के बदले में यह कीमत ले रहे हो रोज तुम्हारी बहन घर में रहने की कीमत अपनी इज्जत को तुम पर लुटा कर दे रही है,,,,, जरा तुम सोचो जब यह देखकर मेरा इतना खून खोल रहा है तब गांव वालों का क्या हाल होगा अगर मेरे द्वारा देखी गई एक एक चीज का वर्णन में गांव वालों के सामने कर दूं तो कि कैसे लाला अपने हाथों से अपनी बहन की साड़ी उतार कर उसे नंगा करने की शुरुआत करता है कैसे अपने हाथों से उसके ब्लाउज के एक बटन खोल कर उसकी चूचियों को ब्लाउज के खेत से आजाद करता है और कैसे एक बच्चे की तरह अपनी ही बहन की चूची को मुंह में लेकर मजे ले कर पीता है और तो और इस बात से गांव वालों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाएगा कि लाला अपनी बहन की जवानी लूटने के लिए खुद अपने हाथों से उसके पेटीकोट की डोरी खोल कर उसे पलभर में ही निर्वस्त्र कर दिया और उसकी दोनों टांगों के बीच उसकी बुर पर जीभ लगाकर चाटना शुरू कर दिया,,,, और तो और भले ही तुम्हारी बहन अपने ही मन से,,, तुम्हारे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने ही थी लेकिन मैं तो गांव वालों को यही कहूंगा कि छोटी मालकिन का बड़ा भाई मतलब कि तुम जबरदस्ती अपने लंड को अपनी बहन के मुंह में दे रहा था और उसके बाद जबरदस्ती करते हुए अपनी बहन की दोनों टांगों को फैला कर अपने लंड को अपनी बहन की बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया और उसकी बहन छोड़ने के लिए बोलती रह गई लेकिन वह नहीं माना ,,, ऐसा वह रोज करता है,,,,। तुम ही सोचो ना ना अगर यह बात में गांव वालों को इस तरह से नमक मिर्च लगाकर बताऊंगा तो गांव वाले गुस्से में हल कर तुम्हारी हवेली को ही आग लगा देंगे,,,,।
यह क्या कह रहे हो राजू,,,,,(सोनी एकदम रुंवासी होते हुए बोली,,)
तुम कुछ मत बोलो छोटी मालकिन तुम्हारी स्थिति को मैं समझ सकता हूं,,,,, अब बताओ लाला,,,,(राजू अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाते हुए बड़े आराम से खड़ा होकर बोला लेकिन इस तरह की बातें करने में और सोनी को एक बार फिर से डरना अवस्था में देखने पर उसके पर जाने में तंबू सा बन गया था जिस पर लाला की नजर जा रही थी,,,, लारा की नजर को देखकर राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
तुम इसकी,,(अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए) चिंता मत करो मैं तुम्हारी बहन के साथ कुछ नहीं करने वाला,,,(राजू की यह बात सुनकर लाला दांत पीसकर रह गया) लेकिन यह हाल (एक बार फिर से अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए) तुम्हारी बहन को नंगी देखने के बाद ही हुआ है तुम्हारी बहन इतनी खूबसूरत है कि कोई भी मर्द बैग जाएगा भले ही तुम उसके भाई क्यों ना हो एक ही छत के नीचे रहने पर जैसा तुम्हारे साथ हुआ है वैसा तो होना ही था तुम्हारी बहन स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लगती है खूबसूरती में तुम्हारी बहन की मिसाल दूर-दूर तक गांव में कोई भी नहीं ऐसा है जो पूर्ति कर सके,,,,(इतना कहते हुए राजू बिस्तर की तरफ सोनी की ओर बढ़ने लगा लाना फटी आंखों से उसे देख रहा था उसके हाथों में अभी भी कुल्हाड़ी थी और सोनी के पास पहुंच कर उसके बदन से चादर को पकड़ कर खींच कर बिस्तर के नीचे फेंकते हुए ) तुम्हारी बहन का नंगा बदन,,,(उसकी खूबसूरत नंगी चिकनी बांह पर अपनी उंगली फिराते हुए,,,) तुम्हारी खूबसूरत बहन की बड़ी बड़ी खूबसूरत चुचियां,,,(जोर से सोनी की एक चूची को हथेली में पकड़कर दबाते हुए जिससे सोनी के मुंह से आह निकल गई,,, यह देख कर लाला गुस्से में अपना कदम आगे बढ़ाने वाला ही था कि राजू उसकी तरफ देखे बिना ही अपने हाथ की कुल्हाड़ी को ऊपर की तरफ उठाकर उसे वहीं खड़े रहने का इशारा किया,,,, और लाला वहीं रुक गया,,, राजू बिना डरे बिना था मैं आगे बढ़ता रहा और फिर उसके लाल-लाल होठों को अपनी अंगुली और अंगूठे का सहारा लेकर पकड़कर उसे गोल छल्ला बनाते हुए,,,
तुम्हारी बहन के लाल लाल होंठ ऐसा लगता है कि जैसे कुदरत ने गुलाब के रस को निचोड़ कर तुम्हारी बहन के होठों में डाल दिया हो,,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू एक झटके में उसे धक्का देकर बिस्तर पर चित लेटा दिया जिससे उसकी बुर एकदम से नजर आने लगी उस पर नजर पड़ते हैं राजू मुस्कुराता हुआ लाला की तरफ देखा,,,, लाला को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन उसके हाथ में कुल्हाड़ी थी इसलिए लाला कुछ कर नहीं पा रहा था और राजू एक पैर को मोड़कर बिस्तर पर रखते हुए थोड़ा सा झुकते हुए अपनी हथेली को लाला की बहन की बुर पर रखकर उसे हल्के से मसलते हुए बोला,,,) सहहहरह,,,, तुम्हारी बहन की बुर लाजवाब है लाला,,, भला ऐसा कौन सा मर्द होगा जो तुम्हारी बहन की बुर देखकर उस में अपना लंड डालने के लिए तड़प नहीं उठेगा,,,,(राजू की यह बातें लाला के दिल पर छुरियां चला रहे थे आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई थी लाला की तरफ आंख उठाकर देखने की लेकिन राजू ताकि बाहर बाहर लाला की बेज्जती पर बेज्जती किया जा रहा था,,,,, सोनी की बुर पर राजू जब अपना हाथ रखा था तब गुस्से से लाला तिलमिला उठा था,,,, और वह जोर से चिल्लाया भी था,,,।
हरामजादे,,,,
चुप कर लाला,,,(एक बार फिर से कुल्हाड़ी को हवा में लहराते हुए लाला को वही खड़े रहने का इशारा किया) अभी तेरी बहन की खूबसूरती का वर्णन पूरी तरह से नहीं हुआ है,,,(और इतना कहने के साथ ही पल भर में ही सोनी को पलट कर उसे पेट के बल लिटा दिया जिससे उसकी ऊभरी हुई मदमस्त कर देने वाली गांड पूरे वातावरण में अपनी आभा बिखेर ने लगी,,,,, सोनी की गोरी गोरी गांड की तरफ देखकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी उसका मन कर रहा था कि लाला की आंखों के सामने ही उसकी बहन की चुदाई करते लेकिन ऐसा करना वह इस समय ना जाने क्यों ठीक नहीं समझ रहा था वैसे भी सोनी उसकी हाथों से कहां दूर थी,, सोनी तो खुद उसके लंड की दीवानी थी,,,, जिसे जब चाहे तब वह कभी भी चोद सकता था और अब तो लाला का गला उसके हाथ आ गया था अब तो उसकी आंखों के सामने भी वह उसकी बहन की चुदाई कर सकता था लेकिन इस समय वह उचित नहीं समझ रहा था फिर भी सोने की मदमस्त कर देने वाली गोरी गोरी गांड देखकर उससे रहा नहीं,,गया,,, और वह दाएं हाथ की चपत सोनी की गांड की दोनों आंखों पर दो दो चपत लगा दिया,,,, यह देख कर लाला की आंखों में खून उतर आया और सोनी के गोरी गोरी गांड लाल हो गई,,,, राजू की हरकत सोनी को बहुत ही अच्छी लग रही थी वह राजू की हरकत से उत्तेजित हुए जा रही थी,,,, सोनी राजू के मर्दानगी को तो देख ही चुकी थी आज उसके जिगर को देखकर वह पूरी तरह से राजू के आगे बावली हो गई थी,,,, सोनी मन ही मन राजू के हिम्मत की दाद दे रही थी कि वह उसके बड़े भैया के सामने निडर होकर इस तरह की हरकत कर रहा था और उसका भाई गांव का जमीदार होने के बावजूद भी एक दम लाचार खड़ा था,,,,, राजू सोनी की गांड पर और दो चार चपत लगाते हुए बोला,,,)
हाय मेरी छोटी मालकिन तुम्हारी गांड देखकर तो किसी का भी पानी निकल जाए,,,,,,(सोनी की गांड को हथेली में लेकर जोर-जोर से दबाते हुए लाला की तरफ देखकर) इसमें तुम्हारी कोई भी गलती नहीं है लाला तुम्हारी बहन की खूबसूरती ही सबसे बड़ी गलती है तुम्हारी बहन इतनी खूबसूरत है कि किसी भी मर्द का मन डोल जाए ईमान डोल जाए रिश्ते नाते की परवाह कौन करे जब ऐसी खूबसूरत औरत पास में हो,,,, मेरा खुद का लंड खड़ा हो गया है लाला,,,,,,,,, देखना चाहोगे,,,,, छोड़ो जाने दो अगर मेरा देख लोगे तो खुद की नजरों में गिर जाओगे,,,।
(राजू के मुंह से इस तरह की मर्दानगी वाली बात लाला से बिल्कुल भी सहन नहीं हो रही थी वह अपने मन में सोच रहा था कि कल का लौंडा उसे इस कदर बेइज्जत कर रहा है जिसमें अभी तक औरत के नंगे बदन को ठीक तरह से देखा भी नहीं है,,,,, इसलिए मर्दानगी वाली बात इसे लाला को अपना अपमान सहन नहीं हुआ और वह बोला)
कल का लौंडा मेरे सामने मर्दानगी की बात करता है अभी तेरे दूध के दांत गिरे भी नहीं होंगे और तू मुझे बिस्तर पर औरत की प्यास बुझाने का दावा करता है,,,।
लाला स्कल के लौंडे का लंड देख लेगा ना तो औरत के सामने जो इतनी मर्दानगी दिखाता है ना सब भूल जाएगा और हां अगर तेरी बहन ने मेरे लंड को देख लेना तो तेरे से ज्यादा वह मेरे लंड पर कुदेगी,,,,, देखना चाहता है रुक तुझे दिखाई देता हूं,,,,(इस तरह की बातें और सोने की नंगे बदन को बार-बार छूने की वजह से उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था,,,,, वह चित्र से जानता था कि लाला उसके लंड को देखकर भौचक्का रह जाएगा और वह एक हाथ में कुल्हाड़ी लिए दूसरे हाथ से अपने पहचाना को पकड़कर एक झटके से नीचे कर दिया और उसके लंड हवा में लहराने लगा,,,, लाला उसके लंड को देखना नहीं चाहता था लेकिन फिर भी उसकी नजर उसके ऊपर चली गई और उस पर नजर पड़ते ही उसके होश उड़ गए वह अपनी नजरों में ही शर्मिंदगी महसूस करने लगा क्योंकि वह साफ तौर पर देख रहा था कि जितना मोटा लंबा उसका लंड है उससे उसका आधा भी नहीं था,,,, और राजू बानो की जैसे लाला को और ज्यादा बेज्जत कर रहा हो इस तरह से अपने लंड को पकड़कर हिलाते हुए बोला ,,,,।
क्यों लाला कैसा है,,,, तुम भी देखो छोटी मालकिन,,,,
(सोनी की तरफ घूमकर अपने लंड को दिखाते हुए बोला सोनी राजू के लंड और उसकी मर्दानगी से अच्छी तरह से वाकिफ थी इसलिए वह राजू के सामने अपने भाई को और ज्यादा जलील होने देना नहीं चाहती थी इसलिए वह राजू की तरफ ना देख कर दूसरी तरफ नजर घुमा ली थी राजू भी इस बात को अच्छी तरह से समझता था लेकिन उसके लंड को देखकर लाला के चेहरे पर जिस तरह की हवाइयां उड़ रही थी उसे राजू साफ तौर पर देख पा रहा था,,,,, और थोड़ी ही देर में राजू पजामें को ऊपर कर लिया,,,,)
तू चाहता क्या है,,,?
चाहने को तो मैं बहुत कुछ चाहता हूं लाला मैं चाहूं तो इसी से मैं तुम्हारी आंखों के सामने तुम्हारी बहन को चोद सकता हूं,,,, लेकिन मैं ऐसा करूंगा नहीं,,,, मैं चाहता हूं कि आज तक का जितना भी कर्जा मेरे पिताजी ने लिया है वह सब कुछ माफ कर दो,,,,
(राजू की बात सुनकर लाला कुछ देर तक सोचने लगा तो राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)
ज्यादा सोचो मत लाना धन से इज्जत कहीं ज्यादा प्यारी होती है धन तो फिर भी कमाल होगी अगर इज्जत चली गई तब,,,
मंजूर है,,,,
(लाला को घुटने टेकता हुआ देखकर राजू मुस्कुराने लगा और बोला,,,)
बैलगाड़ी आज से हमारी और तुम्हारी अनाज के गोदाम में जितना भी अनाज दूसरे बैलगाड़ी में लगकर जाता है उनमें से सबसे ज्यादा महत्व अब तुम हमारी बैलगाड़ी को दोगे,,,,
यह भी मंजूर,,,,,
बस फिर क्या है तुम्हें मंजूर है तो तुम्हारा यार आज मेरे सीने में ही दफन रहेगा लेकिन इससे पहले कर्ज की जो कागजात है वह मुझे लाकर दो,,,
वह क्यों,,,?
सवाल मत करो लाला तुम पहले ला कर दो ताकि दोबारा तुम पलटी ना मार सको,,,,
(लाला के पास अपनी इज्जत बचाने का कोई भी रास्ता नहीं था इसलिए वह राजू की बात मानते हुए बोला,,,)
सोनी तुम्हारी अलमारी में सभी के कर्जे के कागजात हैं,,,, उनमें से हरिया के कागजात लाकर इसे दे दो,,,,
(अलमारी उसी कमरे में कोने में थी सोनी अपने बिस्तर से उठी और अपने बदन पर चादर लपेट नहीं जा रही थी कि राजू उस चादर को हाथ से पकड़ कर खींच लिया और बोला)
माफ करना छोटी मालकिन लेकिन जब तक मैं इधर हूं तुम्हें नंगी रहना पड़ेगा जाओ नंगी उस अलमारी तक और उसमें से कागजात लेकर आओ,,,,।
(इतना सुनते ही सोनी लाचार आंखों से लाला की तरफ देखी और लाला भी उसे आगे बढ़ने का इशारा कर दिया,,,,, सोनी अपने बिस्तर पर से उठी और नंगी ही उस अलमारी की तरफ जाने लगी उसकी मदमस्त कर देने वाली चाल देखकर राजू का मन डोल रहा था उसकी गोरी गोरी मटकती हुई गांड को देखकर राजू बोला,,,)
हाय मेरी छोटी मालकिन क्या मस्त गांड पाई हो ऐसा लगता है कि जैसे भगवान ने तुम्हारी गांड को अपने हाथों से तराशा है,,,, तुम बहुत खुश किस्मत वाला था कि तुम्हारी इतनी खूबसूरत बहने इतनी खूबसूरत औरत को रोज तुम चोद रहे हो,,, काश हमारी किस्मत में भी इतनी खूबसूरत औरत होती,,,।
(राजू अपनी बातों से लाला के दिल पर बार-बार पत्थर फेंक रहा था लाला को राजू की बातों से बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वह कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था और दूसरी तरफ सोनी राजू की बातें सुनकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी लेकिन आज उसे इस बात का अफसोस भी ताकि वह आज राजू के हाथों रंगे हाथ पकड़ी गई थी और वह भी अपने भाई के साथ पता नहीं राजू इस मामले में उसके बारे में क्या सोचेगा,,,, थोड़ी ही देर में सोनी अलमारी खोलकर हरिया के कागजात लेकर वापस लौटने लगी,,,, सामने से आने पर राजू की नजर उसकी मदमस्त कर देने वाली खरबूजे जैसी गोल गोल सूचियों पर गए तो उसे देखकर से मुंह में पानी आने लगा साथ ही उसकी मोटी मोटी जांघों के बीच की पतली दरार उसके होश उड़ा रही थी,,, यह सब देखकर राजू का मन उसे चोदने को कर रहा था लेकिन इस समय नहीं बस सोच रहा था कि किसी और दिन मिलेगी तो आज की कसर वह पूरी तरह से उतार लेगा,,,, सोनी के हाथ में से कागजात को लेकर वह पढ़ने के बाद जो कि पढ़ना लिखना उसे सोनी नहीं सिखाई थी और आज उसे उसका पढ़ना लिखना काम आ रहा था,,,, राजू कागजात को नीचे जमीन पर फेंक कर सोनी से बोला,,,।
इसे चला दो,,,,
(इतना सुनकर सोनी अपने भाई की तरफ देखने लगी तो उसका भाई भी खामोश खड़ा रहा तो राजू बोला)
देख क्या रही हो उसमें आग लगाओ और जला दो,,,।
सोनी राजू की बात मानते हुए कागजात में आग लगा दी और थोड़ी ही देर में कर्जे का कागजात राख के ढेर में बदल गया,,,,,।
अब तुम दोनों को मेरी तरफ से किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है तुम दोनों का राज मेरे सीने में दफन है जो मैं किसी से नहीं कहूंगा,,,, अब तुम दोनों आराम से अपना काम जारी रख सकते हो,,,। लाला तुम्हारे रंग में भंग डालने के लिए माफी चाहता हूं तुम्हारा पानी निकल चुका था एक बार फिर से खड़ा करके अपनी बहन की बुर में डाल दो मैं जा रहा हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही हाथ में पकड़ी हुई कुल्हाड़ी को वही रखकर मुस्कुराता हुआ राजू कमरे से बाहर निकल गया और,,,, थोड़ी ही देर में वह घर पहुंच गया,,, घर पर जाते ही वह अपने पिताजी से मिलकर खुश होता हुआ बोला,,,।
पिताजी अब हम लोगों का सारा कर्जा माफ हो गया है लालाजी ने हम लोगों का कर्जा माफ कर दिया,,,
(इतना सुनते ही हरिया के साथ-साथ घर के बाकी सदस्य को भी हैरानी हो रही थी,,,, और राजू मनगढ़ंत कहानी बनाकर अपने पिताजी और अपने परिवार को सुना दिया और यह भी बताया कि अनाज के गोदाम में भी उन लोगों को काम मिल गया है अब उन लोगों को किसी भी प्रकार की चिंता नहीं होगी,,,, राजू की बात सुनकर सभी लोग एकदम खुश हो गए हरिया तो मानो जैसे जग जीत लिया हो वह बहुत खुश नजर आ रहा था,,,)
हरिया का परिवार एक बार फिर से अपने-अपने आनंद में खो गया कुछ दिनों से मधु की तबीयत अच्छी नहीं थी उसे कभी रह-रहकर बुखार आता तो कभी एकदम ठीक हो जाती इसलिए हरिया राजू को बोला कि बैलगाड़ी में बिठा कर अपनी मां को वेद के वहां दिखाकर दवा लेकर आ जाए,,,,,
राजू बेल गाड़ी लेकर तैयार हो गया था और उसकी मां भी बेल गाड़ी में बैठ चुकी थी आसमान में बादल घिर आए थे कभी भी बरसात हो सकती थी,,,, और वेद का गांव काफी दूर था आने जाने में शाम हो जाती इसलिए राजू बेल गाड़ी लेकर जल्दी निकल गया,,,।
Awesome , kamuk update Rony bhai, kya gajab likhte ho yar, ab to bas raju or madhu ki chudai ka intzaar hai..राजू के लात के जबर्दस्त प्रहार में दरवाजा खुल चुका था,,, और दरवाजा के खुलते लाला और सोनी दोनों के होश उड़ गए दोनों की आंखें फटी की फटी रह गई दरवाजे पर राजू को खड़ा देखकर,,,, लाला को तो समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें क्योंकि उसका पूरा समूचा लंड उसकी बहन की बुर की गहराई नाप रहा था,,,, सोनी की भी हालत काटो तो खून नहीं,,,, वह भी पूरी तरह से नंगी थी उसकी बुर में उसके भाई का लंड घुसा हुआ था कुछ भी छुपाने लायक नहीं बचा था सब कुछ राजू की आंखों के सामने था राजू दरवाजे पर उन दोनों को खड़ा होकर देख रहा था,,,,।
यह वह पल था जब दोनों चरमसुख के बेहद करीब थे किसी भी वक्त लाला के लंड से पानी का फव्वारा छूट पड़ने को तैयार था,,,,,,,, इन मौके पर सारा मजा किरकिरा हो गया था उससे भी दुविधा जनक यह बात की कि आज उन दोनों का भांडा राजू की आंखों के सामने फूट चुका था,,,m लाला को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, आज वह अपनी बहन के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया था,,,,,, दोनों भाई बहन राजू की आंखों के सामने बेहद शर्म जनक की स्थिति में आ चुके थे अपने ऊपर चादर डाल लेने पर भी उन दोनों की गलती उन दोनों की कामलीला छूटने वाली नहीं थी इसलिए लाला अपने लंड को अपनी बहन की बुर से बाहर निकालना ही उचित समझा,,,,,।
लेकिन जैसे ही लाला अपनी बहन की गुलाबी बुर्के गुलाबी छेद से अपने मोटे लंड को बाहर निकाला वैसे ही चर्मसुख के बेहद करीब पहुंच चुका लाला एक बार फिर से अपनी बहन की बुर की रगड़ को बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसी समय निकालने के साथ ही उसके लंड से गरम लावा फूट पड़ा,,,, लाला के लंड से पानी निकलता देख कर राजू मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ा और बोला,,,।
वाह लाला निकल गया पानी,,,, तभी मैं सोचूं कि लाला अपनी गर्मी कैसे शांत करता है,,, आज जाकर पता चला की लाला की बहन अपने बड़े भाई की जवानी की गर्मी को शांत कर रही है,,,(राजू लाला की बहन सोनी की तरफ देखते हुए बोला तो सोनी शर्म के मारे अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, लाला की जगह आकर बिस्तर में कोई और मर्द होता तो शायद सोनी राजू से बिल्कुल भी शर्म नहीं करती लेकिन लाला उसका बड़ा भाई था और राजू ने अपनी आंखों से सब कुछ देख लिया था इसी लिए सोनी शर्म से पानी-पानी हुए जा रही थी अपने बचाव में कहने के लिए उसके पास बिल्कुल भी शब्द नहीं थे,,,, लाला गांव का जमीदार होने के नाते गांव के एक लड़के के द्वारा इस तरह की बात करने पर वह सहन नहीं कर पाया और जोर से गुरा्ते हुए बोला,,,,।)
हरामजादे तेरी हिम्मत कैसे हुई इस तरह की बात करने की,,,,(बिस्तर पर पड़ी अपनी धोती को हाथ में लेकर उसे अपनी कमर पर लपेट ते हुए बोला तो जवाब में राजू भी चिल्लाते हुए बोला)
चिल्लाओ मत लाला चिल्लाने का समय तुम्हारा नहीं बल्कि अब मेरा है,,,, मैं नहीं जानता था कि इस बड़ी हवेली में चारदीवारी के अंदर इस तरह का कुकर्म हो रहा होगा लाला अपनी बहन के साथ मजे ले रहा है,,,, तुम्हें शर्म नहीं आई लाला अपनी ही छोटी बहन की चुदाई करते हुए,,,,
बदतमीज,,,, हरामजादे,,,,
लाला गाली मुझे भी आती है मुझे मजबूर मत कर कि मैं गाली देकर बात करो और मुझे किसी से कमजोर मत समझना,,,,, मैं सारी हेकड़ी पिछवाड़े डाल दूंगा,,,,।
(लाला हैरान था गांव का एक मामूली सा लड़का उसे धमकी दे रहा था आज तक लाला के सामने नजर उठाकर देखने की किसी की हिम्मत नहीं हुई थी और आज यह लड़का उस से आंख मिलाकर बातें कर रहा था,,,,)
तो लगता है भूल गया कि तू किससे बात कर रहा है,,,
मुझे अच्छी तरह से याद है मैं कि गांव के जमीदार लाला से बात कर रहा हूं साहूकार से बात कर रहा हूं गांव की इज्जत दार इंसान से बात कर रहा हूं,,, यह सब तो उसके लिए है जो तेरी पाप लीला को नहीं जानता लेकिन मेरे लिए तू अब वही एक मामूली सा इंसान है जो अपनी सारी गर्मी को औरत की दोनों टांगों के बीच पिघला देता है,,,,, तू मेरी नजर में गांव का जमीदार लाला नहीं बल्कि एकदम निकम्मा इंसान है जो अपनी पारिवारिक रिश्तो की भी कदर नहीं करता,,,,।
हरामजादे तेरी यह मजाल,,,(इतना कहने के साथ ही लाला पास में पड़ी अपनी छड़ी को उठा लिया और यह देखकर,, राजू कोने में पड़ी कुल्हाड़ी को अपने हाथ में ले लिया और बोला,,,)
खबरदार लाला अगर मुझ पर हाथ उठाने की जरूरत की तो एक ही बार में सर धड़ से अलग हो जाएगा,,, और मुझे कुल्हाड़ी चलाते बिल्कुल भी देर नहीं लगेगी,,,।
(राजू का हौसला और उसकी ताकत को देखकर लाला के पसीने छूट गई और वह वही खड़ा का खड़ा रह गया सोनी यह देखकर पूरी तरह से हैरान हो गई थी कि राजू उसके बड़े भाई के सामने कुल्हाड़ी उठा लिया था,,,, उसे डर इस बात का था कि कहीं दोनों के बीच हाथापाई ना हो जाए इसलिए अपने बदन को बिस्तर पर पड़ी चादर से ढंकते हुए बोली,,,)
यह क्या कर रहा है राजू तुझे कुछ समझ में आ रहा है कि तू किस के सामने कुल्हाड़ी उठाया है,,,,
मैं अच्छी तरह से जानता हूं छोटी मालकिन मैंने किस के सामने कुल्हाड़ी उठाया हूं,,,,, ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहता था लेकिन मेरी आंखों ने जो देखा है मुझे विश्वास नहीं हो रहा है अगर तुम्हारी जगह बिस्तर पर कोई और औरत होती तो शायद मुझे इतना गुस्सा नहीं आता,,, लेकिन मैं आज एक बड़े भाई को अपनी छोटी बहन की जवानी लूटते हुए देख रहा हूं उसे जरा भी इस बात का अहसास तक नहीं है कि जिसकी वह चुदाई कर रहा है वह उसकी बहन है,,,,,,,,।
राजू अपनी जबान को लगाम दे,,, तू और तेरा परिवार मेरे रहमों करम पर जी रहे हैं पता है ना तेरा बाप मुझसे पैसे उधार लेता है,,, यह बैलगाड़ी जो तू चलाता है ना उसके लिए मैंने ही पैसे दिया हूं मैं चाहूं तो बैलगाड़ी पर कब्जा जमा सकता हूं तुम लोग भूखे मरोगे,,,,,,
लाला शायद तुझे भूल गया कि तू इस गांव का लाला है लेकिन पूरी दुनिया का लाला ऊपर बैठा हुआ है,,, जिलाना और खिलाना तो सब कुछ उसके हाथ में है मैं और तू तो सिर्फ जरिया है,,,, तू शायद अभी भी इस गलतफहमी में है कि तेरे हाथ में ही सब कुछ है,,,, अब बाजी पूरी तरह से पलट चुकी है,,,, सब कुछ मेरे हाथ में आ चुका है,,,,, लाला तुम यह बात अच्छी तरह से जानते हो कि गांव वाले तुम्हारी कितनी इज्जत करते हैं तुम्हें सम्मान की नजर से देखते हैं लेकिन जब यही बात गांव वालों को पता चलेगी की लाला जो गांव वालों के सामने अच्छा इंसान बना रहता है वह हवेली की चारदीवारी के अंदर क्या गुल खिला रहा है तो क्या होगा,,,,, लाला जरा सोचो मैंने अगर यह बात गांव वालों को बता दिया कि लाला अपनी ही छोटी बहन की रोज चुदाई करता है उसके साथ मजे करता है और इसीलिए उसे अपने घर पर रखा है तो क्या होगा तुम जहां जाओगे वहां सब लोग थूथू करेंगे कोई तुम्हें अपने द्वार पर बैठने नही देगा,,,,,
(राजू की बातें और उसे बता देने के बाद की संभावनाओं को देखते हुए सोनी के चेहरे पर चिंता की रेखाएं खींच रही थी वह घबरा रही थी और यही घबराहट लाला के भी चेहरे पर थी लाला अच्छी तरह से जानता था कि अगर राजू गांव वालों को बता देगा तब उसकी इज्जत एक कौड़ी की नहीं रह जाएगी,,,, पूरी खबर उड़ते उड़ते अगर उसके जमीदारी महकमे में उसके दोस्तों में उसके रिश्तेदारों में पहुंच गई तब तो वह किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रह जाएगा,,,, घबराहट उसके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी राजू के सामने कुछ भी कर सकने की स्थिति में हो बिल्कुल भी नहीं था राजू पूरी तरह से उसे अपने काबू में ले रखा था और हौसला दिखाते हुए हाथ में कुल्हाड़ी भी उठा लिया था जो कि यह दर्शाता था कि लाला का वह पूरी तरह से सामना करने के लिए तैयार है,,,,, अगर राजू चेहरा भी डर दिखा था या घबरा जाता तो लाला उस पर हावी हो जाता लेकिन राजू ऐसा होने नहीं दिया वह पहले से ही लाला पर अपनी पकड़ बनाए रखा आखिरकार बहुत ही गहरा मुद्दा जो मिल गया था उसे अपनी पकड़ में लेने का,,,,, राजू दूसरी तरफ लाला को और ज्यादा डरा रहा था)
लाला तुम्हारा यह कुकर्म गांव वालों के सामने में खोल दूंगा,,, तब देखना गांव वाले तुम्हारे साथ कैसा सुलुक करते हैं अगर बिस्तर पर तुम्हारी बहन की जगह कोई और औरत होती तो शायद इस बात का किसी पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन तुम्हारी किस्मत खराब थी कि बिस्तर पर किसी गैर औरत की जगह तुम्हारी खुद की छोटी बहन थी जो कि अपना घर छोड़कर तुम्हारे घर पर रहती है तुम्हारी शरण में आसरा ली हुई है और तुमने अपनी ही बहन के साथ आसरा देने के बदले में यह कीमत ले रहे हो रोज तुम्हारी बहन घर में रहने की कीमत अपनी इज्जत को तुम पर लुटा कर दे रही है,,,,, जरा तुम सोचो जब यह देखकर मेरा इतना खून खोल रहा है तब गांव वालों का क्या हाल होगा अगर मेरे द्वारा देखी गई एक एक चीज का वर्णन में गांव वालों के सामने कर दूं तो कि कैसे लाला अपने हाथों से अपनी बहन की साड़ी उतार कर उसे नंगा करने की शुरुआत करता है कैसे अपने हाथों से उसके ब्लाउज के एक बटन खोल कर उसकी चूचियों को ब्लाउज के खेत से आजाद करता है और कैसे एक बच्चे की तरह अपनी ही बहन की चूची को मुंह में लेकर मजे ले कर पीता है और तो और इस बात से गांव वालों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाएगा कि लाला अपनी बहन की जवानी लूटने के लिए खुद अपने हाथों से उसके पेटीकोट की डोरी खोल कर उसे पलभर में ही निर्वस्त्र कर दिया और उसकी दोनों टांगों के बीच उसकी बुर पर जीभ लगाकर चाटना शुरू कर दिया,,,, और तो और भले ही तुम्हारी बहन अपने ही मन से,,, तुम्हारे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने ही थी लेकिन मैं तो गांव वालों को यही कहूंगा कि छोटी मालकिन का बड़ा भाई मतलब कि तुम जबरदस्ती अपने लंड को अपनी बहन के मुंह में दे रहा था और उसके बाद जबरदस्ती करते हुए अपनी बहन की दोनों टांगों को फैला कर अपने लंड को अपनी बहन की बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया और उसकी बहन छोड़ने के लिए बोलती रह गई लेकिन वह नहीं माना ,,, ऐसा वह रोज करता है,,,,। तुम ही सोचो ना ना अगर यह बात में गांव वालों को इस तरह से नमक मिर्च लगाकर बताऊंगा तो गांव वाले गुस्से में हल कर तुम्हारी हवेली को ही आग लगा देंगे,,,,।
यह क्या कह रहे हो राजू,,,,,(सोनी एकदम रुंवासी होते हुए बोली,,)
तुम कुछ मत बोलो छोटी मालकिन तुम्हारी स्थिति को मैं समझ सकता हूं,,,,, अब बताओ लाला,,,,(राजू अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाते हुए बड़े आराम से खड़ा होकर बोला लेकिन इस तरह की बातें करने में और सोनी को एक बार फिर से डरना अवस्था में देखने पर उसके पर जाने में तंबू सा बन गया था जिस पर लाला की नजर जा रही थी,,,, लारा की नजर को देखकर राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
तुम इसकी,,(अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए) चिंता मत करो मैं तुम्हारी बहन के साथ कुछ नहीं करने वाला,,,(राजू की यह बात सुनकर लाला दांत पीसकर रह गया) लेकिन यह हाल (एक बार फिर से अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए) तुम्हारी बहन को नंगी देखने के बाद ही हुआ है तुम्हारी बहन इतनी खूबसूरत है कि कोई भी मर्द बैग जाएगा भले ही तुम उसके भाई क्यों ना हो एक ही छत के नीचे रहने पर जैसा तुम्हारे साथ हुआ है वैसा तो होना ही था तुम्हारी बहन स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लगती है खूबसूरती में तुम्हारी बहन की मिसाल दूर-दूर तक गांव में कोई भी नहीं ऐसा है जो पूर्ति कर सके,,,,(इतना कहते हुए राजू बिस्तर की तरफ सोनी की ओर बढ़ने लगा लाना फटी आंखों से उसे देख रहा था उसके हाथों में अभी भी कुल्हाड़ी थी और सोनी के पास पहुंच कर उसके बदन से चादर को पकड़ कर खींच कर बिस्तर के नीचे फेंकते हुए ) तुम्हारी बहन का नंगा बदन,,,(उसकी खूबसूरत नंगी चिकनी बांह पर अपनी उंगली फिराते हुए,,,) तुम्हारी खूबसूरत बहन की बड़ी बड़ी खूबसूरत चुचियां,,,(जोर से सोनी की एक चूची को हथेली में पकड़कर दबाते हुए जिससे सोनी के मुंह से आह निकल गई,,, यह देख कर लाला गुस्से में अपना कदम आगे बढ़ाने वाला ही था कि राजू उसकी तरफ देखे बिना ही अपने हाथ की कुल्हाड़ी को ऊपर की तरफ उठाकर उसे वहीं खड़े रहने का इशारा किया,,,, और लाला वहीं रुक गया,,, राजू बिना डरे बिना था मैं आगे बढ़ता रहा और फिर उसके लाल-लाल होठों को अपनी अंगुली और अंगूठे का सहारा लेकर पकड़कर उसे गोल छल्ला बनाते हुए,,,
तुम्हारी बहन के लाल लाल होंठ ऐसा लगता है कि जैसे कुदरत ने गुलाब के रस को निचोड़ कर तुम्हारी बहन के होठों में डाल दिया हो,,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू एक झटके में उसे धक्का देकर बिस्तर पर चित लेटा दिया जिससे उसकी बुर एकदम से नजर आने लगी उस पर नजर पड़ते हैं राजू मुस्कुराता हुआ लाला की तरफ देखा,,,, लाला को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन उसके हाथ में कुल्हाड़ी थी इसलिए लाला कुछ कर नहीं पा रहा था और राजू एक पैर को मोड़कर बिस्तर पर रखते हुए थोड़ा सा झुकते हुए अपनी हथेली को लाला की बहन की बुर पर रखकर उसे हल्के से मसलते हुए बोला,,,) सहहहरह,,,, तुम्हारी बहन की बुर लाजवाब है लाला,,, भला ऐसा कौन सा मर्द होगा जो तुम्हारी बहन की बुर देखकर उस में अपना लंड डालने के लिए तड़प नहीं उठेगा,,,,(राजू की यह बातें लाला के दिल पर छुरियां चला रहे थे आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई थी लाला की तरफ आंख उठाकर देखने की लेकिन राजू ताकि बाहर बाहर लाला की बेज्जती पर बेज्जती किया जा रहा था,,,,, सोनी की बुर पर राजू जब अपना हाथ रखा था तब गुस्से से लाला तिलमिला उठा था,,,, और वह जोर से चिल्लाया भी था,,,।
हरामजादे,,,,
चुप कर लाला,,,(एक बार फिर से कुल्हाड़ी को हवा में लहराते हुए लाला को वही खड़े रहने का इशारा किया) अभी तेरी बहन की खूबसूरती का वर्णन पूरी तरह से नहीं हुआ है,,,(और इतना कहने के साथ ही पल भर में ही सोनी को पलट कर उसे पेट के बल लिटा दिया जिससे उसकी ऊभरी हुई मदमस्त कर देने वाली गांड पूरे वातावरण में अपनी आभा बिखेर ने लगी,,,,, सोनी की गोरी गोरी गांड की तरफ देखकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी उसका मन कर रहा था कि लाला की आंखों के सामने ही उसकी बहन की चुदाई करते लेकिन ऐसा करना वह इस समय ना जाने क्यों ठीक नहीं समझ रहा था वैसे भी सोनी उसकी हाथों से कहां दूर थी,, सोनी तो खुद उसके लंड की दीवानी थी,,,, जिसे जब चाहे तब वह कभी भी चोद सकता था और अब तो लाला का गला उसके हाथ आ गया था अब तो उसकी आंखों के सामने भी वह उसकी बहन की चुदाई कर सकता था लेकिन इस समय वह उचित नहीं समझ रहा था फिर भी सोने की मदमस्त कर देने वाली गोरी गोरी गांड देखकर उससे रहा नहीं,,गया,,, और वह दाएं हाथ की चपत सोनी की गांड की दोनों आंखों पर दो दो चपत लगा दिया,,,, यह देख कर लाला की आंखों में खून उतर आया और सोनी के गोरी गोरी गांड लाल हो गई,,,, राजू की हरकत सोनी को बहुत ही अच्छी लग रही थी वह राजू की हरकत से उत्तेजित हुए जा रही थी,,,, सोनी राजू के मर्दानगी को तो देख ही चुकी थी आज उसके जिगर को देखकर वह पूरी तरह से राजू के आगे बावली हो गई थी,,,, सोनी मन ही मन राजू के हिम्मत की दाद दे रही थी कि वह उसके बड़े भैया के सामने निडर होकर इस तरह की हरकत कर रहा था और उसका भाई गांव का जमीदार होने के बावजूद भी एक दम लाचार खड़ा था,,,,, राजू सोनी की गांड पर और दो चार चपत लगाते हुए बोला,,,)
हाय मेरी छोटी मालकिन तुम्हारी गांड देखकर तो किसी का भी पानी निकल जाए,,,,,,(सोनी की गांड को हथेली में लेकर जोर-जोर से दबाते हुए लाला की तरफ देखकर) इसमें तुम्हारी कोई भी गलती नहीं है लाला तुम्हारी बहन की खूबसूरती ही सबसे बड़ी गलती है तुम्हारी बहन इतनी खूबसूरत है कि किसी भी मर्द का मन डोल जाए ईमान डोल जाए रिश्ते नाते की परवाह कौन करे जब ऐसी खूबसूरत औरत पास में हो,,,, मेरा खुद का लंड खड़ा हो गया है लाला,,,,,,,,, देखना चाहोगे,,,,, छोड़ो जाने दो अगर मेरा देख लोगे तो खुद की नजरों में गिर जाओगे,,,।
(राजू के मुंह से इस तरह की मर्दानगी वाली बात लाला से बिल्कुल भी सहन नहीं हो रही थी वह अपने मन में सोच रहा था कि कल का लौंडा उसे इस कदर बेइज्जत कर रहा है जिसमें अभी तक औरत के नंगे बदन को ठीक तरह से देखा भी नहीं है,,,,, इसलिए मर्दानगी वाली बात इसे लाला को अपना अपमान सहन नहीं हुआ और वह बोला)
कल का लौंडा मेरे सामने मर्दानगी की बात करता है अभी तेरे दूध के दांत गिरे भी नहीं होंगे और तू मुझे बिस्तर पर औरत की प्यास बुझाने का दावा करता है,,,।
लाला स्कल के लौंडे का लंड देख लेगा ना तो औरत के सामने जो इतनी मर्दानगी दिखाता है ना सब भूल जाएगा और हां अगर तेरी बहन ने मेरे लंड को देख लेना तो तेरे से ज्यादा वह मेरे लंड पर कुदेगी,,,,, देखना चाहता है रुक तुझे दिखाई देता हूं,,,,(इस तरह की बातें और सोने की नंगे बदन को बार-बार छूने की वजह से उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था,,,,, वह चित्र से जानता था कि लाला उसके लंड को देखकर भौचक्का रह जाएगा और वह एक हाथ में कुल्हाड़ी लिए दूसरे हाथ से अपने पहचाना को पकड़कर एक झटके से नीचे कर दिया और उसके लंड हवा में लहराने लगा,,,, लाला उसके लंड को देखना नहीं चाहता था लेकिन फिर भी उसकी नजर उसके ऊपर चली गई और उस पर नजर पड़ते ही उसके होश उड़ गए वह अपनी नजरों में ही शर्मिंदगी महसूस करने लगा क्योंकि वह साफ तौर पर देख रहा था कि जितना मोटा लंबा उसका लंड है उससे उसका आधा भी नहीं था,,,, और राजू बानो की जैसे लाला को और ज्यादा बेज्जत कर रहा हो इस तरह से अपने लंड को पकड़कर हिलाते हुए बोला ,,,,।
क्यों लाला कैसा है,,,, तुम भी देखो छोटी मालकिन,,,,
(सोनी की तरफ घूमकर अपने लंड को दिखाते हुए बोला सोनी राजू के लंड और उसकी मर्दानगी से अच्छी तरह से वाकिफ थी इसलिए वह राजू के सामने अपने भाई को और ज्यादा जलील होने देना नहीं चाहती थी इसलिए वह राजू की तरफ ना देख कर दूसरी तरफ नजर घुमा ली थी राजू भी इस बात को अच्छी तरह से समझता था लेकिन उसके लंड को देखकर लाला के चेहरे पर जिस तरह की हवाइयां उड़ रही थी उसे राजू साफ तौर पर देख पा रहा था,,,,, और थोड़ी ही देर में राजू पजामें को ऊपर कर लिया,,,,)
तू चाहता क्या है,,,?
चाहने को तो मैं बहुत कुछ चाहता हूं लाला मैं चाहूं तो इसी से मैं तुम्हारी आंखों के सामने तुम्हारी बहन को चोद सकता हूं,,,, लेकिन मैं ऐसा करूंगा नहीं,,,, मैं चाहता हूं कि आज तक का जितना भी कर्जा मेरे पिताजी ने लिया है वह सब कुछ माफ कर दो,,,,
(राजू की बात सुनकर लाला कुछ देर तक सोचने लगा तो राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)
ज्यादा सोचो मत लाना धन से इज्जत कहीं ज्यादा प्यारी होती है धन तो फिर भी कमाल होगी अगर इज्जत चली गई तब,,,
मंजूर है,,,,
(लाला को घुटने टेकता हुआ देखकर राजू मुस्कुराने लगा और बोला,,,)
बैलगाड़ी आज से हमारी और तुम्हारी अनाज के गोदाम में जितना भी अनाज दूसरे बैलगाड़ी में लगकर जाता है उनमें से सबसे ज्यादा महत्व अब तुम हमारी बैलगाड़ी को दोगे,,,,
यह भी मंजूर,,,,,
बस फिर क्या है तुम्हें मंजूर है तो तुम्हारा यार आज मेरे सीने में ही दफन रहेगा लेकिन इससे पहले कर्ज की जो कागजात है वह मुझे लाकर दो,,,
वह क्यों,,,?
सवाल मत करो लाला तुम पहले ला कर दो ताकि दोबारा तुम पलटी ना मार सको,,,,
(लाला के पास अपनी इज्जत बचाने का कोई भी रास्ता नहीं था इसलिए वह राजू की बात मानते हुए बोला,,,)
सोनी तुम्हारी अलमारी में सभी के कर्जे के कागजात हैं,,,, उनमें से हरिया के कागजात लाकर इसे दे दो,,,,
(अलमारी उसी कमरे में कोने में थी सोनी अपने बिस्तर से उठी और अपने बदन पर चादर लपेट नहीं जा रही थी कि राजू उस चादर को हाथ से पकड़ कर खींच लिया और बोला)
माफ करना छोटी मालकिन लेकिन जब तक मैं इधर हूं तुम्हें नंगी रहना पड़ेगा जाओ नंगी उस अलमारी तक और उसमें से कागजात लेकर आओ,,,,।
(इतना सुनते ही सोनी लाचार आंखों से लाला की तरफ देखी और लाला भी उसे आगे बढ़ने का इशारा कर दिया,,,,, सोनी अपने बिस्तर पर से उठी और नंगी ही उस अलमारी की तरफ जाने लगी उसकी मदमस्त कर देने वाली चाल देखकर राजू का मन डोल रहा था उसकी गोरी गोरी मटकती हुई गांड को देखकर राजू बोला,,,)
हाय मेरी छोटी मालकिन क्या मस्त गांड पाई हो ऐसा लगता है कि जैसे भगवान ने तुम्हारी गांड को अपने हाथों से तराशा है,,,, तुम बहुत खुश किस्मत वाला था कि तुम्हारी इतनी खूबसूरत बहने इतनी खूबसूरत औरत को रोज तुम चोद रहे हो,,, काश हमारी किस्मत में भी इतनी खूबसूरत औरत होती,,,।
(राजू अपनी बातों से लाला के दिल पर बार-बार पत्थर फेंक रहा था लाला को राजू की बातों से बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वह कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था और दूसरी तरफ सोनी राजू की बातें सुनकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी लेकिन आज उसे इस बात का अफसोस भी ताकि वह आज राजू के हाथों रंगे हाथ पकड़ी गई थी और वह भी अपने भाई के साथ पता नहीं राजू इस मामले में उसके बारे में क्या सोचेगा,,,, थोड़ी ही देर में सोनी अलमारी खोलकर हरिया के कागजात लेकर वापस लौटने लगी,,,, सामने से आने पर राजू की नजर उसकी मदमस्त कर देने वाली खरबूजे जैसी गोल गोल सूचियों पर गए तो उसे देखकर से मुंह में पानी आने लगा साथ ही उसकी मोटी मोटी जांघों के बीच की पतली दरार उसके होश उड़ा रही थी,,, यह सब देखकर राजू का मन उसे चोदने को कर रहा था लेकिन इस समय नहीं बस सोच रहा था कि किसी और दिन मिलेगी तो आज की कसर वह पूरी तरह से उतार लेगा,,,, सोनी के हाथ में से कागजात को लेकर वह पढ़ने के बाद जो कि पढ़ना लिखना उसे सोनी नहीं सिखाई थी और आज उसे उसका पढ़ना लिखना काम आ रहा था,,,, राजू कागजात को नीचे जमीन पर फेंक कर सोनी से बोला,,,।
इसे चला दो,,,,
(इतना सुनकर सोनी अपने भाई की तरफ देखने लगी तो उसका भाई भी खामोश खड़ा रहा तो राजू बोला)
देख क्या रही हो उसमें आग लगाओ और जला दो,,,।
सोनी राजू की बात मानते हुए कागजात में आग लगा दी और थोड़ी ही देर में कर्जे का कागजात राख के ढेर में बदल गया,,,,,।
अब तुम दोनों को मेरी तरफ से किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है तुम दोनों का राज मेरे सीने में दफन है जो मैं किसी से नहीं कहूंगा,,,, अब तुम दोनों आराम से अपना काम जारी रख सकते हो,,,। लाला तुम्हारे रंग में भंग डालने के लिए माफी चाहता हूं तुम्हारा पानी निकल चुका था एक बार फिर से खड़ा करके अपनी बहन की बुर में डाल दो मैं जा रहा हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही हाथ में पकड़ी हुई कुल्हाड़ी को वही रखकर मुस्कुराता हुआ राजू कमरे से बाहर निकल गया और,,,, थोड़ी ही देर में वह घर पहुंच गया,,, घर पर जाते ही वह अपने पिताजी से मिलकर खुश होता हुआ बोला,,,।
पिताजी अब हम लोगों का सारा कर्जा माफ हो गया है लालाजी ने हम लोगों का कर्जा माफ कर दिया,,,
(इतना सुनते ही हरिया के साथ-साथ घर के बाकी सदस्य को भी हैरानी हो रही थी,,,, और राजू मनगढ़ंत कहानी बनाकर अपने पिताजी और अपने परिवार को सुना दिया और यह भी बताया कि अनाज के गोदाम में भी उन लोगों को काम मिल गया है अब उन लोगों को किसी भी प्रकार की चिंता नहीं होगी,,,, राजू की बात सुनकर सभी लोग एकदम खुश हो गए हरिया तो मानो जैसे जग जीत लिया हो वह बहुत खुश नजर आ रहा था,,,)
हरिया का परिवार एक बार फिर से अपने-अपने आनंद में खो गया कुछ दिनों से मधु की तबीयत अच्छी नहीं थी उसे कभी रह-रहकर बुखार आता तो कभी एकदम ठीक हो जाती इसलिए हरिया राजू को बोला कि बैलगाड़ी में बिठा कर अपनी मां को वेद के वहां दिखाकर दवा लेकर आ जाए,,,,,
राजू बेल गाड़ी लेकर तैयार हो गया था और उसकी मां भी बेल गाड़ी में बैठ चुकी थी आसमान में बादल घिर आए थे कभी भी बरसात हो सकती थी,,,, और वेद का गांव काफी दूर था आने जाने में शाम हो जाती इसलिए राजू बेल गाड़ी लेकर जल्दी निकल गया,,,।