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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Napster

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
गुलाबी की बुर की आग दिन ब दिन बढती ही जा रही है अब तो उंगली से भी लंड की मजा नही आती
लंड तो लंड ही होता है बुर की गर्मी शांत करने के लिये
राजू अभी मौसम में आने की ओर अग्रेसर होने की संभावना लगती हैं
बडे बाबु ने मुरमुरे वाली की बुर में लंड की ट्रेन सरपट दौडा दी
अब आगे धमाका होने की संभावना बनती जा रही है देखते हैं
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

rohnny4545

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
गुलाबी की बुर की आग दिन ब दिन बढती ही जा रही है अब तो उंगली से भी लंड की मजा नही आती
लंड तो लंड ही होता है बुर की गर्मी शांत करने के लिये
राजू अभी मौसम में आने की ओर अग्रेसर होने की संभावना लगती हैं
बडे बाबु ने मुरमुरे वाली की बुर में लंड की ट्रेन सरपट दौडा दी
अब आगे धमाका होने की संभावना बनती जा रही है देखते हैं
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Lajawab comment
 

Sanju@

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धीरे-धीरे दिन-ब-दिन गुलाबी के हाव भाव बदलने लगे थे,,,,, अपनी आंखों से अपने भैया और भाभी को चुदवाते हुए देखकर उसके तन बदन में उस दृश्य को याद करके हलचल सी मच जाती थी और उसकी बुर पानी छोड़ने लगती थी इस उमर में उसे भी एक जवान मोटे तगड़े लंड की जरूरत महसूस होने लगी थी,,,,, लेकिन अपनी भाभी को अपने भैया से चुदवाते हुए देखकर उसकी जो हालत हुई थी और अपनी भैया के लंड को अपनी भाभी की बुर में अंदर बाहर होता हुआ देखकर वह भी पहली बार अपनी बुर के अंदर अपनी ऊंगलियो को प्रवेश करा दी थी ऐसा करने में उसे बहुत ही आनंद की अनुभूति हुई थी हालाकी उंगलियां लंड का मजा बिल्कुल भी नहीं दे सकती थी लेकिन फिर भी अपनी जवानी की गर्मी को शांत करने के लिए यही एक उचित मार्ग था जो कि वह जब चाहे तब उपयोग कर सकती थी,,,,,,,, लेकिन धीरे-धीरे उसका सब्र जवाब देने लगा था उसे अपनी जरूरतों के अधीन होकर इतना यकीन हो गया था कि अगर कोई भी उसकी चुदाई करना चाहेगा तो उससे चुदवा लेगी,,,, लेकिन यह कब कैसे और कहां होगा इसके बारे में उसे भी ज्ञात नहीं था वह सब कुछ समय पर छोड़ चुकी थी,,,,।

दूसरी तरफ राजू दूसरे लड़कों की तरह चालाक और समझदार औरतों के मामले में बिल्कुल भी नहीं था वरना अब तक वह अपने लंड का सही उपयोग कर चुका होता,,, अभी तक तो उसने अपने हाथ का उपयोग करके मुठ भी नहीं मारा था जबकि गांव के उसके हम उम्र के इस क्रिया को रोज ही करते थे,,, और ज्यादातर लड़कों की कल्पना में राजू की खूबसूरत यवन से भरी हुई मादकता छलकाती हुई उसकी मां और उसकी बुआ ही रहती थी,,,,।

हरिया रोज की तरह रेलवे स्टेशन पर सवारी का इंतजार कर रहा था,,,,, और उसके बाकी साथी भी बेल गाड़ी लेकर रेलवे स्टेशन पर ही थे और हरिया और उसका एक साथी बड़े घने पेड़ के नीचे बैठकर बीडी सुलगा कर उसका कस खींच रहे थे,,,, अभी ट्रेन आने में समय था,,,,,,, हरिया के मन में उस दिन लाला के घर वाले दृश्य ही घूम रहा था,,,, वह यह जानना चाहता था कि उस दिन लाला के बिस्तर पर उसके साथ पूरी तरह से नंगी होकर कौन औरत चुदवा रही थी,,, क्योंकि जहां तक मैं जानता था लाला के घर में कोई भी औरत नहीं रहती थी लाला की बीवी थी नहीं तो आखिरकार,,, वह औरत कौन थी जो लाला एकदम नंगी होकर चुदवा रही थी,,, और उसके पहुंच जाने पर भी उसे जरा भी फर्क नहीं किया और उसी तरह से वह चुदाई में तल्लीन रही,,,, यही सोचते हुए वह बीड़ी का कश् खींच रहा था,,,, और आसमान की तरफ देखकर इसी बारे में सोच रहा था कि उसका साथी जोकि बीडी जलाकर माचिस को अपनी धोती में खोंसते हुए बोला,,,,)


क्या हुआ यार क्या बात है किस चिंता में डूबा हुआ है,,,,


यार मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,(कुछ देर सोचने के बाद बोला)


अरे क्या समझ में नहीं आ रहा है कुछ बोलेगा तभी तो पता चलेगा,,,,



यार मैं सोच रहा था कि अपने गांव में कोई ऐसी औरत है जो पैसे लेकर गंदा काम करती हो,,,,


क्या बात है यार तू यह क्यों पूछने लगा क्या भाभी अब मजा नहीं देती क्या,,,?(वो एकदम से आश्चर्य जताते हुए बोला) या बाहर की औरतों से मजा लेना चाहता है,,,,



अरे ऐसी बात नहीं है यार मै कुछ और सोच रहा हूं,,,


अरे क्या सोच रहा है मुझे भी बताएगा तेरी बातों से तो यह लग रहा है कि तू मजा लेना चाहता है और जहां तक मेरा सवाल है कि भाभी बहुत खूबसूरत है और तुझे बहुत प्यार करती है फिर तू ऐसा क्यों कर रहा है,,,(जोर से बीड़ी खींचते हुए वह बोला)


अरे पागल हो गया क्या तु मैं अपने लिए नहीं पूछ रहा हूं मेरे मन में किसी को लेकर शंका जाग रही है इसलिए पूछ रहा हूं,,,,(हरिया झुंझलाते हुए बोला,,)


अच्छा ठीक है लेकिन किसके लिए यह तो बता,,,


नहीं नहीं यार मैं अभी नहीं बता सकता हो सकता है मेरा सोचना और देखना दोनों गलत हो और ऐसे में किसी की इज्जत जा सकती है इसी के मान मर्यादा खत्म हो सकती है इसलिए मैं बता नहीं सकता पहले तो मुझे बता क्या कोई ऐसी औरत है अपने गांव में या आस-पास के गांव में,,,,



लेकिन तुम मुझसे ही क्यों पूछ रहा है मैं क्या ऐसी औरतों के पास जाता रहता हूं क्या,,,,


नहीं नहीं यह बात नहीं है तू शराब के ठेके पर जाता है ना तो वहां तो तुझे कई किस्म के लोग मिलते होंगे हो सकता है उनसे सुना हो,,,,,,,



हां मिलते तो बहुत हैं,,,, लेकिन कुछ इस तरह की खबर मुझे है नहीं,,,,(तभी उसकी नजर स्टेशन मास्टर पर पड़ी जो की स्टेशन से बाहर निकल कर कच्ची सड़क के नीचे की तरफ झाड़ियां में जा रहा था,,, उस पर नजर पड़ते ही वह एकदम उत्साहित स्वर में बोला,,,)

चल उठ मेरे साथ मैं तुझे कुछ दिखाता हूं,,,,(इतना कहते हुए वह खड़ा हुआ और साथ ही हरिया का हाथ पकड़ कर उसे खड़ा करने लगा,,, तो हरीया उसका सहारा लेकर खड़ा होते हुए बोला,,,)


अरे कहां ले चल रहा है क्या दिखाने ,,,,


पहले तू आ तो सही तुझे मैं कुछ दिखाता हूं शायद तेरा काम बन जाए,,,,
(और इतना कहकर वह हरिया का हाथ पकड़ कर उसे उसी दिशा में ले गया जहां पर स्टेशन मास्टर चुपके छुपाते हुए झाड़ियों के अंदर गया था,,,,,हरिया को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह उसे कहां ले जा रहा है और क्या दिखाना चाहता है,,, वह हरिया को झाड़ियों के अंदर ले जाने लगा हरिया को कुछ अजीब लग रहा था लेकिन फिर भी वह उसके साथ चलता चला जा रहा था,,,,,देखते ही देखते वह दोनों झाड़ियों के बीच पहुंच गए और एक मोटा सा बड़ा पेड़ के पीछे अपने आप को छुपा कर खड़े हो गए,,,,


यहां क्यों लाया मुझे ,,,(हरिया उत्सुकता जताते हुए बोला)


तेरे काम की चीज यहीं है,,,,


यहां कहां,,,?


वह देख सामने,,,,(वह हाथ की उंगली से इशारा करते हुए हरिया को बोला और हरिया उसके उंगली के ईसारे की तरफ देखा तो उसके होश उड़ गए,,,,)


अरे यह तो अपने स्टेशन मास्टर है,,,,,,, लेकिन वह औरत कौन है बाप रे,,,,, यह क्या हो रहा है,,,,,


देखता जा,,, और पहचानने की कोशिश कर,,,,
(हरिया उस झाड़ी के अंदर के दृश्य को देखकर पूरी तरह से रोमांचित हो उठा था उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था स्टेशन मास्टर तकरीबन 52 वर्ष के आदमी थे हरिया को अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था क्योंकि वह स्टेशन मास्टर एक औरत की चुदाई कर रहे थे,,,औरत साड़ी को कमर तक उठाकर पेड़ पकड़कर झुकी हुई थी और की बड़ी-बड़ी गांड हवा में लहरा रही थी जिसे स्टेशन मास्टर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपना लंड उसकी बुर में पेल रहा था,,,,,,,, हरिया को समझ में नहीं आ रहा था कि वह औरत कौन है इस समय हरिया की नजर सिर्फ उसकी परी परी कहां पर टिकी हुई थी जो कि स्टेशन मास्टर के हाथों में थी और उसका लंड उसकी बुर में अंदर बाहर हो रहा था,,,, हरिया रोमांचित तो हुआ ही था लेकिन काफी हद तक आश्चर्यचकित भी था क्योंकि उसे स्टेशन मास्टर से इस तरह की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी क्योंकि स्टेशन मास्टर बहुत ही कड़क इंसान था और वह बेवजह स्टेशन में किसी को भी प्रवेश करने नहीं देता था खासकर के बैल गाड़ी वालों को,,,,,,जिस रफ्तार से उसे स्टेशन मास्टर की कमर आगे पीछे हो रही थी हरिया को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि इस उम्र में भी कोई इतनी तेजी से कमर हिलाता होगा,,,लेकिन यह बात शायद मैं भूल गया था कि चुदाई के मामले में इंसान अगर बिस्तर भी पकड़ा हो तो उठ कर खड़ा हो जाता है,,,,,,हरिया के कानों में उस औरत की आवाज साफ सुनाई दे रही थी जो कि स्टेशन मास्टर के हर धक्के पर ओहह बाबुजी,,,,आहहहह बाबुजी कर रही थी,,,,
हरिया को यकीन नहीं हो रहा था कि इस उम्र में भी स्टेशन मास्टर उस औरत की इतनी जबरदस्त चुदाई कर रहा है कि उसकी आहहह निकल जा रही है,,,,।,,)


देख रहा है हरिया कितना जबरदस्त ने जा रहा है इस उम्र में भी स्टेशन मास्टर बड़ी कुर्ती दिखा रहे हैं,,, और उस औरत को देख कितने मजे ले रही है,,,,।


हां यार देख तो रहा हूं लेकिन वह औरत है कौन,,,?


अरे ठीक से उसका चेहरा तो देख,,,,


अरे हां यार यह तो वही औरत है जो स्टेशन पर मुरमुरे बेचती है,,,,,


हां अभी पहचाना उसको देख कर कुछ समझ में आ रहा है,,,, कहीं तु ईसी औरत के बारे में तो बात नहीं कर रहा था,,,


नहीं नहीं यार यह वह औरतनहीं है जिसको मैं देखा था वह तो खानदानी लग रही थी और एकदम गोरी चिट्टी भरे बदन की थी और उम्र भी उसकी कम थी मतलब कि इस औरत से कम थी,,,,, और यह तो हल्की सांवले रंग की है,,,, लेकिन मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिरकार यह औरत ऐसा गंदा काम क्यों करवा रही हैं,,,,


अरे उसकी मजबूरी होगी,,,,


ऐसी कैसी मजबूरी बड़े आराम से तो मुरमुरे बेचती है,,,,


बेचती तो है लेकिन,,,, देखता नहीं है बेझिझक स्टेशन के अंदर बाहर आती जाती रहती है,,,,स्टेशन मास्टर की कृपा है तभी तो ऐसा करती है और पैसों की जरूरत भी होगी जोकि स्टेशन मास्टर कुछ पैसे दे देता होगा,,,,, और वैसे भी सांवली है तो क्या हुआ इसका बदन भी तो भरा हुआ है बड़ी-बड़ी चूचियां,,,, जब मुरमुरे खरीदने जाता हूं तो जी भर कर उसकी चूचियां देखता हूं,,,,


तू भी कितनी गंदी सोच रखता है,,,,(हरिया उसे थोड़ा सा डांटते हुए बोला)


अच्छा मैं गंदी सोच रखता हूं,,,,

तो जरा अपने पजामे की तरफ देख,,,, खड़ा क्यों हो गया है,,,
(उसकी बात सुनते ही हरिया अपने पजामे की तरफ देखा तो शर्मा गया,,,, और बोला कुछ नहीं बस फिर से उस नजारे को देखने लगाअभी स्टेशन मास्टर जोर-जोर से उस औरत की गांड पर चपत लगा रहा था और उस चपत को खा कर ऐसा लग रहा था कि उस औरत की मस्ती और बढ़ जा रही थी,,,,,)

आहहहहह ,,,,,,आहहहहहहह बाबुजी,,,,, क्या कर रहे हैं,,,।


कुछ नहीं मेरी रानी मजे ले रहा है ऐसे ही मुझे मजा दिया कर पूरा स्टेशन तेरे नाम कर दूंगा,,,,


ओहहहह,,,,, मजे तो आपको बहुत देती हूं बाबूजी,,,, आजकल पैसो की बड़ी तंगी है,,,


तू चिंता मत कर मेरी रानी मैं हूं ना बस ऐसे ही रोज मुझसे चुदवा लिया कर पैसों की बिल्कुल भी कमी नहीं होगी,,,,आहहहहह आहहहहहह मेरी रानी,,,,


बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा और जोर जोर से धक्के लगाओ,,,,
(पैसों की बात सुनते ही उस औरत की मस्ती और ज्यादा बढ़ गई थी और वह और मजे से लेकर उसे सेशन मास्टर से चुदवाने लगी थी,,,,, हरिया की भी हालत खराब हो रही थी और उस साथी की भी दोनों का लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका थाहरिया का मन कर रहा था कि वह भी बीच में कूद जाए और उस औरत की बुर में अपना लंड डालकर अपनी गर्मी शांत कर ले,,,, सभी उसका साथी बोला,,,,)


चल हरीया आज अपना काम भी बना लेते हैं,,,


अब क्या करने जा रहा है तू,,,,


हम दोनों का काम बनाने देखता नहीं है हम लोगों को वह स्टेशन में घुसने भी नहीं देता,,,,


तो वहां जाकर क्या होगा,,,,


तू आ तो सही,,,,(और इतना कहने के साथ ही वह हरिया का हाथ पकड़कर पेड़ के पीछे से बाहर आ गया और उसे स्टेशन मास्टर को आवाज देते हुए उसकी तरफ बढ़ने लगा)


अरे वह बड़े बाबू यह क्या हो रहा है,,,,,
(इतना सुनते ही वह एकदम से हड़बड़ा गया उसको तो जैसे सांप सूंघ गया हो और वह औरत पूरी तरह से सक पका गई,,,, स्टेशन मास्टर को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें उसका लंड अभी भी उस औरत की बुर में घुसा हुआ था और वह घबराया हुआ हरिया और उसके साथी को ही देख रहा था,,,,)

अरे रुक क्यों गए बड़े बाबू अपना काम जारी रखिए,,,,(हरिया का साथी बड़े इत्मीनान से अपनी बात कह रहा था और वह औरत शर्म के मारे अपना मुंह छुपाने की कोशिश कर रही थी तो वह बोला)

मुंह छुपाने की जरूरत नहीं है हम तुम्हें पहचानते हैं,,, और बड़े बाबू आप चुदाई जारी रखिए,,,,,


देखो मैं तुम दोनों के हाथ जोड़ता हूं यहां जो कुछ भी हो रहा है इसके बारे में किसी को कुछ मत कहना,,,,( वह स्टेशन मास्टर हाथ जोड़ते हुए बोला,,,,, स्टेशन मास्टर को इस तरह से हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाता हुआ देखकर हरिया बोला,,,)

बिल्कुल भी चिंता मत करिए हम दोनों यह बात किसी को नहीं बताएंगे ,,(तभी उसका साथी बीच में बोल पड़ा)

लेकिन इसमें हमारा क्या फायदा होगा,,,,


क्या चाहते हो तुम दोनों,,,,


देखिए हम दोनों कुछ नहीं,,,,(तभी वह बीच में ही हरिया की बात काटते हुए बोला)

हम दोनों को बेझिझक स्टेशन में घुसकर सवारी लेने की इजाजत देना पड़ेगा हमें कोई रोकेगा नहीं,,,,,,(अपने साथी के पास चलकर हरिया उसकी तरफ अच्छे से देख लेना क्योंकि जो बात हुआ स्टेशन मास्टर से मंगवाना चाहता था इसमें उन दोनों का बहुत फायदा था इससे वह दोनों बेझिझक स्टेशन के अंदर घुस कर सवारी ढो सकते थे और उनसे थोड़ा किराया भी ज्यादा ले सकते थे,,,, यह तो हरिया के लिए सोने पर सुहागा जैसा था,,,, इसलिए बीच में कुछ बोला नहीं,,,) बोलो बड़े बाबू मंजू है कि हम लोग बाहर जाकर सबको बता दें,,,,


नहीं नहीं ऐसा मत करना नहीं तो मैं बदनाम हो जाऊंगी,,,,( वह औरत रुंआसी होते हुए बोली,,,)

ठीक है तुम दोनों को मैं मंजूरी देता हूं,,,, अब कर लु,,(स्टेशन मास्टर उस औरत की गांड पकड़ते हुए बोला,,,)

ठीक है कर लो ट्रेन आने वाली है क्या हम लोग स्टेशन के अंदर जा सकते हैं,,,,


जा सकते हो जो कोई रोके तो मेरा नाम बता देना,,,,


ठीक है बड़े बाबू जी,,,,(इतना कहने के साथ ही वह हंसता हुआ हरिया का हाथ पकड़ लिया और जाने लगा हरिया जाते-जाते मोड़ कर एक बार उन दोनों पर नजर डाला तो स्टेशन मास्टर फिर से अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था,,,,)

देखा ना आज एक फायदा हो गया,,,,


हां तु ठीक कह रहा है इसमें हम दोनों का ही फायदा है,, चल जल्दी ट्रेन आने वाली है,,,,
(इतना कहकर दोनों स्टेशन के अंदर चले गए,,, फायदा होने के बावजूद भी हरिया का मन अभी भी उदास था क्योंकि लाला के साथ वाली औरत के बारे में उसे अभी भी कुछ भी पता नहीं था,,,)
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
गुलाबी की बुर की आग दिन ब दिन बढती ही जा रही है
राजू के आगे बढ़ने की संभावना लगती हैं
बडे बाबु ने मुरमुरे वाली की जबरदस्त चूदाई कर दी उस चूदाई से हरिया को भी फायदा हो गया अब वो स्टेशन के अंदर से सवारी ला सकता हैं हो सकता है मुरमुरे वाली उसे भी मिल जाए
 
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rohnny4545

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गया
गुलाबी की बुर की आग दिन ब दिन बढती ही जा रही है
राजू के आगे बढ़ने की संभावना लगती हैं
बडे बाबु ने मुरमुरे वाली की जबरदस्त चूदाई कर दी उस चूदाई से हरिया को भी फायदा हो गया अब वो स्टेशन के अंदर से सवारी ला सकता हैं हो सकता है मुरमुरे वाली उसे भी मिल जाए
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rohnny4545

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रात को हरिया मधु के साथ लेटा हुआ था मधु दिन भर की थकान से सो चुकी थी,,,, और हरिया बीड़ी पीते हुए लाला के घर में जो दृश्य देखा था उस बारे में सोच रहा था,,,, उस समय अपनी आंखों से जो दृश्य हरिया ने देखा था उस दृश्य से ज्यादा वह इस बारे में सोच कर ही रहा था कि आखिरकार लाला के साथ वह औरत कौन थी,,, घोड़ी बनकर चुदवाते हुएउसकी बड़ी-बड़ी चूचियां जिस तरह से दशहरी आम की तरह लटक रही थी उस बारे में सोचते ही हरिया का लंड खड़ा हो जा रहा था,,, उस पर लाला की जबरदस्त पकड़ मानो ऐसा लग रहा था जैसे दशहरी आम को दबोच कर पिचका डालेगा,,,, जिस तरह से गर्म सिसकारी की आवाज उस औरत के मुंह से आ रही थी,,, उस सिसकारी के आवाज के बारे में सोच कर वह मन ही मन परेशान था कि आखिरकार वह औरत थी कौन,,,, जिसके बारे में हरिया अभी तक समझ नहीं पाया था वह गांव की थी या गांव से बाहर की,,, क्योंकि अगर यह बात भी अच्छी तरह से जानता था कि लाला की हवेली में कोई भी स्त्री नहीं थी,,,, अगर कोई नौकरानी औरत होती तो भी हरिया समझ सकता था कि लाला उस औरत को भोग रहा है लेकिन उस औरत का मांसल मखमली बदन किसी नौकरानी का बिल्कुल भी नहीं हो सकता था,,,, इसी बारे में सोचते हुए हरिया को,,, दोपहर वाली घटना के बारे में याद आ गया और उसकी आंखों के सामने सब कुछ साफ नजर आने लगा कि किस तरह से रेलवे स्टेशन से बाहर निकल कर स्टेशन मास्टर झाड़ियों में चला गया और उससे मुरमुरे बेचने वाली औरत की जबरदस्त चुदाई कर रहा था हरिया हैरान था क्योंकि स्टेशन मास्टर की उम्र ढलने के कगार पर थे लेकिन फिर भी एक औरत की नंगी जिस्म नंगी गांड को देखकर जिस तरह से वह धक्के पर धक्के पेल रहा था,,,,, वह दृश्य हरिया के सोच के बिल्कुल परे था,,,,,,,लेकिन वह मन में यह सोच कर पूरी तरह से निश्चिंत था कि स्टेशन मास्टर को रंगे हाथ पकड़ कर उन दोनों का फायदा हुआ था अब वह दोनों कभी भी स्टेशन में प्रवेश करके निश्चिंत होकर सवारी ढो सकते थे,,,।

लाला और स्टेशन मास्टर की चुदाई का गरमा-गरम दृश्य जेहन में आते ही हरिया कहीं ना पूरी तरह से हो चुका था वह एक नजर अपनी बीवी के ऊपर डाला वह निश्चिंत होकर सो रही थी उसकी सांसो की गति के साथ उसकी ऊपर उठती और नीचे गिरती हुई चुचियों को देख कर उसके मुंह में पानी आ गया,,,, हरिया जानता था कि जब उसकी बीवी गहरी नींद में होती है तो किसी भी हाल में जाकर चुदवाने के लिए तैयार नहीं होती लेकिन इस समय उसके तन बदन में चुदाई की गर्मी सवार हो चुकी थी इसलिए वह अपना एक आगे बढ़कर ब्लाउज के ऊपर से अपनी बीवी की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया,,,,।

ऊमममम,,,, क्या कर रहे हैं आप सोने दीजिए,,,,(बिना आंख खुले ही गहरी नींद में वह बोली)


तो सो जाओ तुम्हें उठा कौन रहा है,,,,(हरिया गहरी नींद में सो रही अपनी बीवी के ब्लाउज के बटन को खोलते हुए बोला,,,,, हरिया की सांसो की गति तेज होने लगी थी उसकी आंखों के सामने उसकी बीवी की नंगी चूचियां थी जिसे देख कर हरीया के मुंह में पानी आ रहा था,,,,बरसों से वह अपनी बीवी के खूबसूरत नंगे बदन से खेलता रहा था लेकिन यह प्यार थे कि खत्म होने का नाम ही नहीं लेती थी और आखिरकार,, मर्दों और औरतों के बीच का यही आकर्षण तो है जो उन्हें एक साथ जोड़ कर रखता है उम्र में प्यार भी बढ़ाता है नफरत भी बढ़ाता है,,,,किसी पर मर मिटने की चाहत होती है तो इसी आकर्षण के चलते किसी को मारने की भी तैयारी हो जाती है,,,,, कुछ भी हो मर्द और औरत के बीच का यह आकर्षण जन्मों से चलता चला रहा है और चलता ही रहेगा,,,,।


गर्मी का मौसम अपने उफान पर था लेकिन रात की शीतलता रात को और ज्यादा खूबसूरत बना रही थी मधु की उम्मीद चुचियों पर पसीने की बूंदें मोती के दाने की तरह चमक रही थी जिसे देखकर हरिया के मुंह में पानी आ रहा था और इस समय मधु की उन्नति चूचियां किसी और की तरह नजर आ रही थी जो कि अपने आकर्षण के गोले से हरिया के मजबूत इरादों को ध्वस्त कर रही थी,,, हरिया पूरी तरह से अपनी बीवी की मदमस्त जवानी के आगे घुटने देख चुका था,,,, इसीलिए तो मधु के गहरी नींद में होने के बावजूद भी वह अपनी प्यास बुझाने के लिए अग्रसर था,,,,ब्लाउज का बटन खुलते ही अपनी बीवी की नंगी चूचियों को दोनों हाथों में लेकर किसी दशहरी आम की तरह दबा दबा कर उसे मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया,,,, उत्तेजना के मारे हरिया के हथेली का दबाव चुचियों परकुछ ज्यादा ही बढ़ जाता था जिससे नींद में होने के बावजूद भी दर्द का अहसास होते ही मधु के मुंह से हल्की आह की आवाज निकल जाती थी,,,,,,, लेकिन यह हल्की आह की आवाज चिंगारी को भड़काने का काम कर रही थी,,,हरिया पागलों की तरह कभी दांई तो कभी बाईं चूची को अपने मुंह में भर कर बारी बारी से पीना शुरू कर दिया,,,,,,,,, हरिया को अपनी बीवी की बड़ी-बड़ी चूचियां दशहरी आम से कम नहीं लग रही थी बल्कि दशहरी आम तो अपने मौसम में मिल ही जाती हैं लेकिन मधु की मदमस्त चूचियां किस्मत वालों को ही मिलती हैं,,,।

हरिया के दिलों दिमाग पर वैसे भी लाला और बड़े बाबू का कामुक दृश्य छाया हुआ था,,, इसलिए ,, कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो चुका था,,,।


रहने दीजिए क्या कर रहे हैं,,,, रोज-रोज करना जरूरी है क्या,,,,?(आंखों को बंद किए हुए ही मधु नींद में बोली)

अरे तुम सोओ ना तुमहे कौन जगा रहा है,,,,(ऐसा कहते हुए हरिया,, अपना हाथ नीचे की तरफ लाया और अपनी बीवी की साड़ी को खोलने लगा,,,, लेकिन अगले ही पल मधुर अपना हाथ आगे बढ़ाकर हरिया का हाथ पकड़ ली और बोली,,,)


नहीं जी आज नहीं मुझे नींद आ रही है,,,,,


तुम्हें उठने को कौन कह रहा है,,,,


नहीं तो साड़ी मत उतारो,,,,


तो ठीक है ऊपर तो उठा सकता हूं,,,,,



आप परेशान बहुत करते हैं,,,,



क्या करूं रानी तुम्हारी चुचियों को देखकर,,, रहा नहीं जाता,,,



जाग रही थी तभी कर लेना चाहिए था ना,,,,


अब छोड़ो भी मुझे उतारने दो साड़ी,,,,,



नहीं ऐसा मत करिए मैं बहुत थकी हुई हूं,,,,
(मधु आंखों को बंद किए हुए ही अपने पति को रोकते हुए बोली,,)


ठीक है अच्छा नहीं उतारता हूं,,, लेकिन तुम्हें चोदे बिना आज मेरा मन नहीं मानेगा,,,,, तो आज भी ना कपड़े उतारे ही कर लेता हूं,,,,(और ऐसा कहते हुए हरिया अपनी बीवी के साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगा,,,यही बात मैं तुमको बहुत अच्छी लगती थी कि उसका पति उसके साथ जबरदस्ती कभी भी नहीं करता था वरना वह अपनी सहेलियों से गांव की औरतों से कई बार सुन चुकी थी कि उनका पति उनके साथ जबरदस्ती कर लेता है,,, आंखों को बंद किए गहरी नींद में फिर से साफ महसूस हो रहा था कि उसका पति उसके साथ कमर की तरफ उठा रहा था और उसका पति जैसे ही साड़ी को जानो तक ले आया तो मधु खुद ही अपनी भारी-भरकम काम को कमर से ऊपर की तरफ उठा ले ताकि सारी को कमर तक ले जाने में दिक्कत बिल्कुल भी ना हो और यही बात हरिया को मदहोश कर देती थी कि हर हाल में उसकी बीवी उसका साथ जरूर देती थी,,,,हरिया भी तुरंत अपनी बीवी की साड़ी को कमर से उठा दिया और उसकी आंखों के सामने लालटेन की रोशनी में मधु की बुर चमक उठी,,, जिसे देखते ही उसका लैंड उठक बैठक करने लगा,,,,, औरैया तुरंत अपनी बीवी की दुल्हन टांगों के बीच आकर अपनी धोती को उतार फेंका और तुरंत अपने खड़े लंड को अपनी बीवी के गुलाबी बुर के छेद पर रखकर कमर को आगे की तरफ धकेला,,, तभी मधु के कराहने की आवाज निकल गई,,,।


आहहहहह,,,, क्या कर रहे हैं थोड़ा थुक तो लगा लिए होते,,,,


माफ करना रानी थोड़ा जल्दबाजी में था,,,,(और इतना कहने के साथ ही हरियां ढेर सारा थूक अपने लंड पर लगाया और फिर उसे अपनी बीवी की बुर लगाकर उसे भी गीला कर लिया,,, और फिर अपने लंड को उसकी बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया हालांकि अभी भी मधु कह रही नींद में थी लेकिन फिर भी उसे अहसास हो रहा था कि उसके पति का मोटा लंड उसकी बुर के अंदर बाहर हो रहा है इसलिए उसके मुंह से हल्की सिसकारी की आवाज भी निकल रही थी,,,,,


हरिया अपनी बीवी की चुदाई करने में पूरी तरह से मस्त था उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि बगल वाले कमरे में दीवाल में बने हल्के से सुराग से उसकी जवान बहन इस गरमा गरम नजारे को देखकर पूरी तरह से गर्म हो चुकी है,,,, गुलाबी शुरू से अपने भाई और अपनी भाभी की गरमा गरम बातों को सुनकर पूरी कर से गर्म हो चुकी थी और थोड़ी मेहनत से ढूंढे गए उस छोटे से सुराग से अंदर के दृश्य को देख रही थी,,,,गुलाबी अपने मन में यही सोच कर खुश हो रही थी कि अच्छा हुआ कि वह अंदर के नजारे को देखने के लिए यह सुराग ढूंढ ली थी,,,, वह अपने भाई की कामाग्नि को देखकर और अपनी भाभी को गहरी नींद में होने के बावजूद भी उसे चोदने की इच्छा देखते हुए उसकी खुद की हालत खराब हो रही थी और उसकी सलवार कब उसके पैरों में जा गिरी थी उसे इस बात का पता ही नहीं चला था उत्तेजना के मारे वहां अपनी भाभी की चुदाई को देखकर अपनी हथेली में जोर से अपनी बुर को दबा रही थी,,, जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ रही थीअपने भाई को देख कर उसके लंड को देखकर वह अपने मन में अनजाने में यह कल्पना करने लगी थी कि जैसे उसके बिस्तर पर उसकी भाभी नहीं बल्कि वह खुद नंगी लेटी हुई है और अपनी दोनों टांगों को फैला कर अपने बड़े भाई के लंड को अपनी बुर में लेकर बड़ी मस्ती से चुदवा रही है,,,ये एहसास यह कल्पना ही गुलाबी के तन बदन में आग लगा रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था,,,, चुदवाने की खुजली उसके अंदर बढ़ती जा रही थी लेकिन कैसे किससे यह सवाल एक पहाड़ की तरह था,,,,,,,

हरिया अपनी बीवी की चुदाई करके शांत हो गया था और उसके बगल में गहरी सांस लेते हुए सो चुका था लेकिन गुलाबी की आंखों से नींद कोसों दूर जा चुकी थी इसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें बुर के अंदर खुजली बढ़ती जा रही थी,,,,,,, वह बिना सलवार पहने खटिया पर आ गई और अपने भतीजे राजू के बगल में लेट गई,,,,, आज अच्छा बुरा उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था उसकी नजर अपने भतीजे राजू के पजामे की तरफ गई जो कि आगे से अच्छा खासा उठा हुआ था उसे देखकर उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी,,, वह हिम्मत बढाकर अपना हाथ आगे बढ़ाने लगी ,,,, उसके दिल की धड़कन जोरों से धड़क रही थी लेकिन एक लालच उसके मन में बसेर ले चुकी थी लंड को अपने हाथ से छुने का उसे पकडने का,,,, और देखते ही देखते गुलाबी अपनी हथेली को अपने भतीजे राजू के पजामे के ऊपर उठे भाग पर रख दी,,,,, एक गजब की मदहोशी उसके तन बदन को अपनी गिरफ्त में ले ली यह पहला मौका था,, जब गुलाबी किसी जवान लंड को अपने हाथ से पकड़ रही थी,,,यह एहसास उसकी बुर को पूरी तरह से गीली कर रहा था,,,, गहरी सांस लेते हुए गुलाबी कभी हल्के से तो कभी कसके पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को पकड़ रही थी और उसकी तरफ देखती रही थी जो कि उसमें जरा भी हलचल नहीं हो रही थी वह गहरी नींद में सो रहा था यह देखकर उसकी हिम्मत बढने लगी थी वह बेहद नजदीक से करीब से किसी जवान लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसे देखना चाहती थी लेकिन उसे डर भी लग रहा था कहीं राजु जाग ना जाए,,, लेकिन उसे मजा बहुत आ रहा था राजू के लंड की मोटाई से उसकी पूरी हथेली भर चुकी थी,,,,,राजू गहरी नींद में सो रहा था इसलिए उसकी इच्छा हो रही थी कि उसके पजामे को खसका कर देखा जाए,,,, इसलिए वो उठ कर बैठ गई और धीरे-धीरे पजामे को नीचे की तरफ सरका ने लगी ऐसा करने में उसे बहुत डर लग रहा था दिल की धड़कन वह खुद महसूस कर रही थी पूरे कमरे में केवल उसके दिल की धड़कन और गहरी सांस की आवाज ही सुनाई दे रही थी धीरे-धीरे वह अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने लगी और देखते ही देखते हो पजामे को काम भरता नीचे करने में सफल हो गई ताकि उसे ऊपर भी किया जा सके लेकिन राजू का लंड मोटा और लंबा था इसलिए पजामे के बाहर आ नही पा रहा था,,,, गुलाबी को समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे बाहर निकाला जाए,,, और अभी तक राजू के बदन में किसी भी तरह की कसमसाहट हलचल नहीं हुई थी जिससे गुलाबी की हिम्मत थोड़ा बढ़ने लगी थी और वैसे भी अभी तक वह हिम्मत ही दिखा रहे थे उसके मन में यह लालच देकर कर थोड़ा और हिम्मत दिखा लेगी तो वह एक नंगे जवान लंड के दर्शन कर पाएगी,,, इसलिए कांपते हाथों से वह अपना हाथ धीरे से पजामे के अंदर डाल कर अपने भतीजे के लंड को पकड़ ली,,, बस इतने मात्र से ही उसकी बुर से पानी की बूंदे टपकने लगी,,उसकी सांसों की गति तेज हो गई लालटेन की रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था वह अपने भतीजे के लंड को मुट्ठी में दबाए हुए थी और अपने भतीजे के चेहरे की तरफ देख रही थी जो कि बिल्कुल शांत था गहरी सांस लेते हुए वह अपने भतीजे के लंड को बाहर की तरफ खींची ताकि पजामे से बाहर आ जाए,,, और जैसे ही बाहर आया उसे देखते ही गुलाबी की हालत खराब हो गई,,, क्योंकि जैसा उसने सोची थी उससे भी कहीं ज्यादा जबरदस्त राजू का लंड था,,,,पहली बार गुलाबी इतनी नजदीक से जमाने लड़ने के दर्शन कर रही थी जिसे पाकर वह धन्य हो चुकी थी,,,,लंड की गर्माहट उसे अपनी हथेली के अंदर साथ में सो सो रही थी और उसकी गर्मी जैसे मानो तुरंत उसकी हाथों से होते हुए उसकी दोनों टांगों के बीच की उस पतली दरार में पहुंच रही थी जहां से उसका गर्म लावा पिघलने लगा था,,,, गुलाबी को उस लंड को अपनी बुर में लेने की इच्छा कर रही थी लेकिन यह अभी बिल्कुल भी मुमकिन नहीं था,,,,।

वाह राजू की तरफ देखते हुए धीरे-धीरे अपने भतीजे के लंड को हिलाना शुरू कर दी जिसे हिलाने में से बहुत मजा आ रहा था,,,। वह अपने भतीजे के लंड कै सुपाड़े को खोल कर अच्छी तरह से देख रही थी जो कि आलूबुखारे की शक्ल का नजर आ रहा था,,, जिसे देखते ही उसकी बुर कुलबुलाने लगी थी,,,, गुलाबी से यह बिल्कुल भी सहन नहीं हो रहा था वह चाहती थी कि अपने भतीजे को इसी समय चबाकर अपनी दोनों टांगें फैला दें ताकि उसका भतीजा अपने मोटे लंड को उसकी बुर में डाल कर,,, उसकी गर्म जवानी को ठंडा कर दे लेकिन गुलाबी जानती थी कि है इतनी जल्दी सच होने वाला नहीं था इसलिए वह अपने भतीजे के लंड को हिलाना शुरू कर दी थी,,,,साथ ही अपनी हथेली को अपनी दोनों टांगों के बीच रखकर अपनी पुर को मसल ना शुरू कर दी थी और साथ ही अपनी उंगली को अपनी बुर में डाल दी थी,,,, गुलाबी की गर्मी बढ़ती जा रही थी और साथ ही उसकी हथेली का कसावराजू के लंड पर बढ़ता जा रहा था लेकिन राजु को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ रहा था लेकिन उसकी सांसे धीरे-धीरे तेज हो रही थी,,,।,,,

गुलाबी उसी लय में लंड को मुठीया रही थी और अपनी बुर में उंगली पेल रही थी,,, देखते ही देखते उसकी बुर के पानी के साथ-साथ राजू के लंड में पानी छोड़ दिया और उसकी पिचकारी ऊपर तक उठी जिसे देखकर खुद गुलाबी हैरान रह गई,,।,, सारी पिचकारी खुद राजू के ऊपर गिरी थी जिसे गुलाबी कपड़े से अच्छी तरह से साफ कर दी थी और उसे पजामे को उपर कर दी थी,,,, और खटिए पर से उठ कर अपनी सलवार उठाई और उसे पहन कर सो गई,,,।

सुबह जब राजू की नींद खुली तो उसे इस बात का एहसास और भनक तक नहीं हुआ कि रात को उसके साथ क्या हुआ था,,,।
 

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रात को हरिया मधु के साथ लेटा हुआ था मधु दिन भर की थकान से सो चुकी थी,,,, और हरिया बीड़ी पीते हुए लाला के घर में जो दृश्य देखा था उस बारे में सोच रहा था,,,, उस समय अपनी आंखों से जो दृश्य हरिया ने देखा था उस दृश्य से ज्यादा वह इस बारे में सोच कर ही रहा था कि आखिरकार लाला के साथ वह औरत कौन थी,,, घोड़ी बनकर चुदवाते हुएउसकी बड़ी-बड़ी चूचियां जिस तरह से दशहरी आम की तरह लटक रही थी उस बारे में सोचते ही हरिया का लंड खड़ा हो जा रहा था,,, उस पर लाला की जबरदस्त पकड़ मानो ऐसा लग रहा था जैसे दशहरी आम को दबोच कर पिचका डालेगा,,,, जिस तरह से गर्म सिसकारी की आवाज उस औरत के मुंह से आ रही थी,,, उस सिसकारी के आवाज के बारे में सोच कर वह मन ही मन परेशान था कि आखिरकार वह औरत थी कौन,,,, जिसके बारे में हरिया अभी तक समझ नहीं पाया था वह गांव की थी या गांव से बाहर की,,, क्योंकि अगर यह बात भी अच्छी तरह से जानता था कि लाला की हवेली में कोई भी स्त्री नहीं थी,,,, अगर कोई नौकरानी औरत होती तो भी हरिया समझ सकता था कि लाला उस औरत को भोग रहा है लेकिन उस औरत का मांसल मखमली बदन किसी नौकरानी का बिल्कुल भी नहीं हो सकता था,,,, इसी बारे में सोचते हुए हरिया को,,, दोपहर वाली घटना के बारे में याद आ गया और उसकी आंखों के सामने सब कुछ साफ नजर आने लगा कि किस तरह से रेलवे स्टेशन से बाहर निकल कर स्टेशन मास्टर झाड़ियों में चला गया और उससे मुरमुरे बेचने वाली औरत की जबरदस्त चुदाई कर रहा था हरिया हैरान था क्योंकि स्टेशन मास्टर की उम्र ढलने के कगार पर थे लेकिन फिर भी एक औरत की नंगी जिस्म नंगी गांड को देखकर जिस तरह से वह धक्के पर धक्के पेल रहा था,,,,, वह दृश्य हरिया के सोच के बिल्कुल परे था,,,,,,,लेकिन वह मन में यह सोच कर पूरी तरह से निश्चिंत था कि स्टेशन मास्टर को रंगे हाथ पकड़ कर उन दोनों का फायदा हुआ था अब वह दोनों कभी भी स्टेशन में प्रवेश करके निश्चिंत होकर सवारी ढो सकते थे,,,।

लाला और स्टेशन मास्टर की चुदाई का गरमा-गरम दृश्य जेहन में आते ही हरिया कहीं ना पूरी तरह से हो चुका था वह एक नजर अपनी बीवी के ऊपर डाला वह निश्चिंत होकर सो रही थी उसकी सांसो की गति के साथ उसकी ऊपर उठती और नीचे गिरती हुई चुचियों को देख कर उसके मुंह में पानी आ गया,,,, हरिया जानता था कि जब उसकी बीवी गहरी नींद में होती है तो किसी भी हाल में जाकर चुदवाने के लिए तैयार नहीं होती लेकिन इस समय उसके तन बदन में चुदाई की गर्मी सवार हो चुकी थी इसलिए वह अपना एक आगे बढ़कर ब्लाउज के ऊपर से अपनी बीवी की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया,,,,।

ऊमममम,,,, क्या कर रहे हैं आप सोने दीजिए,,,,(बिना आंख खुले ही गहरी नींद में वह बोली)


तो सो जाओ तुम्हें उठा कौन रहा है,,,,(हरिया गहरी नींद में सो रही अपनी बीवी के ब्लाउज के बटन को खोलते हुए बोला,,,,, हरिया की सांसो की गति तेज होने लगी थी उसकी आंखों के सामने उसकी बीवी की नंगी चूचियां थी जिसे देख कर हरीया के मुंह में पानी आ रहा था,,,,बरसों से वह अपनी बीवी के खूबसूरत नंगे बदन से खेलता रहा था लेकिन यह प्यार थे कि खत्म होने का नाम ही नहीं लेती थी और आखिरकार,, मर्दों और औरतों के बीच का यही आकर्षण तो है जो उन्हें एक साथ जोड़ कर रखता है उम्र में प्यार भी बढ़ाता है नफरत भी बढ़ाता है,,,,किसी पर मर मिटने की चाहत होती है तो इसी आकर्षण के चलते किसी को मारने की भी तैयारी हो जाती है,,,,, कुछ भी हो मर्द और औरत के बीच का यह आकर्षण जन्मों से चलता चला रहा है और चलता ही रहेगा,,,,।


गर्मी का मौसम अपने उफान पर था लेकिन रात की शीतलता रात को और ज्यादा खूबसूरत बना रही थी मधु की उम्मीद चुचियों पर पसीने की बूंदें मोती के दाने की तरह चमक रही थी जिसे देखकर हरिया के मुंह में पानी आ रहा था और इस समय मधु की उन्नति चूचियां किसी और की तरह नजर आ रही थी जो कि अपने आकर्षण के गोले से हरिया के मजबूत इरादों को ध्वस्त कर रही थी,,, हरिया पूरी तरह से अपनी बीवी की मदमस्त जवानी के आगे घुटने देख चुका था,,,, इसीलिए तो मधु के गहरी नींद में होने के बावजूद भी वह अपनी प्यास बुझाने के लिए अग्रसर था,,,,ब्लाउज का बटन खुलते ही अपनी बीवी की नंगी चूचियों को दोनों हाथों में लेकर किसी दशहरी आम की तरह दबा दबा कर उसे मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया,,,, उत्तेजना के मारे हरिया के हथेली का दबाव चुचियों परकुछ ज्यादा ही बढ़ जाता था जिससे नींद में होने के बावजूद भी दर्द का अहसास होते ही मधु के मुंह से हल्की आह की आवाज निकल जाती थी,,,,,,, लेकिन यह हल्की आह की आवाज चिंगारी को भड़काने का काम कर रही थी,,,हरिया पागलों की तरह कभी दांई तो कभी बाईं चूची को अपने मुंह में भर कर बारी बारी से पीना शुरू कर दिया,,,,,,,,, हरिया को अपनी बीवी की बड़ी-बड़ी चूचियां दशहरी आम से कम नहीं लग रही थी बल्कि दशहरी आम तो अपने मौसम में मिल ही जाती हैं लेकिन मधु की मदमस्त चूचियां किस्मत वालों को ही मिलती हैं,,,।

हरिया के दिलों दिमाग पर वैसे भी लाला और बड़े बाबू का कामुक दृश्य छाया हुआ था,,, इसलिए ,, कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो चुका था,,,।


रहने दीजिए क्या कर रहे हैं,,,, रोज-रोज करना जरूरी है क्या,,,,?(आंखों को बंद किए हुए ही मधु नींद में बोली)

अरे तुम सोओ ना तुमहे कौन जगा रहा है,,,,(ऐसा कहते हुए हरिया,, अपना हाथ नीचे की तरफ लाया और अपनी बीवी की साड़ी को खोलने लगा,,,, लेकिन अगले ही पल मधुर अपना हाथ आगे बढ़ाकर हरिया का हाथ पकड़ ली और बोली,,,)


नहीं जी आज नहीं मुझे नींद आ रही है,,,,,


तुम्हें उठने को कौन कह रहा है,,,,


नहीं तो साड़ी मत उतारो,,,,


तो ठीक है ऊपर तो उठा सकता हूं,,,,,



आप परेशान बहुत करते हैं,,,,



क्या करूं रानी तुम्हारी चुचियों को देखकर,,, रहा नहीं जाता,,,



जाग रही थी तभी कर लेना चाहिए था ना,,,,


अब छोड़ो भी मुझे उतारने दो साड़ी,,,,,



नहीं ऐसा मत करिए मैं बहुत थकी हुई हूं,,,,
(मधु आंखों को बंद किए हुए ही अपने पति को रोकते हुए बोली,,)


ठीक है अच्छा नहीं उतारता हूं,,, लेकिन तुम्हें चोदे बिना आज मेरा मन नहीं मानेगा,,,,, तो आज भी ना कपड़े उतारे ही कर लेता हूं,,,,(और ऐसा कहते हुए हरिया अपनी बीवी के साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगा,,,यही बात मैं तुमको बहुत अच्छी लगती थी कि उसका पति उसके साथ जबरदस्ती कभी भी नहीं करता था वरना वह अपनी सहेलियों से गांव की औरतों से कई बार सुन चुकी थी कि उनका पति उनके साथ जबरदस्ती कर लेता है,,, आंखों को बंद किए गहरी नींद में फिर से साफ महसूस हो रहा था कि उसका पति उसके साथ कमर की तरफ उठा रहा था और उसका पति जैसे ही साड़ी को जानो तक ले आया तो मधु खुद ही अपनी भारी-भरकम काम को कमर से ऊपर की तरफ उठा ले ताकि सारी को कमर तक ले जाने में दिक्कत बिल्कुल भी ना हो और यही बात हरिया को मदहोश कर देती थी कि हर हाल में उसकी बीवी उसका साथ जरूर देती थी,,,,हरिया भी तुरंत अपनी बीवी की साड़ी को कमर से उठा दिया और उसकी आंखों के सामने लालटेन की रोशनी में मधु की बुर चमक उठी,,, जिसे देखते ही उसका लैंड उठक बैठक करने लगा,,,,, औरैया तुरंत अपनी बीवी की दुल्हन टांगों के बीच आकर अपनी धोती को उतार फेंका और तुरंत अपने खड़े लंड को अपनी बीवी के गुलाबी बुर के छेद पर रखकर कमर को आगे की तरफ धकेला,,, तभी मधु के कराहने की आवाज निकल गई,,,।


आहहहहह,,,, क्या कर रहे हैं थोड़ा थुक तो लगा लिए होते,,,,


माफ करना रानी थोड़ा जल्दबाजी में था,,,,(और इतना कहने के साथ ही हरियां ढेर सारा थूक अपने लंड पर लगाया और फिर उसे अपनी बीवी की बुर लगाकर उसे भी गीला कर लिया,,, और फिर अपने लंड को उसकी बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया हालांकि अभी भी मधु कह रही नींद में थी लेकिन फिर भी उसे अहसास हो रहा था कि उसके पति का मोटा लंड उसकी बुर के अंदर बाहर हो रहा है इसलिए उसके मुंह से हल्की सिसकारी की आवाज भी निकल रही थी,,,,,


हरिया अपनी बीवी की चुदाई करने में पूरी तरह से मस्त था उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि बगल वाले कमरे में दीवाल में बने हल्के से सुराग से उसकी जवान बहन इस गरमा गरम नजारे को देखकर पूरी तरह से गर्म हो चुकी है,,,, गुलाबी शुरू से अपने भाई और अपनी भाभी की गरमा गरम बातों को सुनकर पूरी कर से गर्म हो चुकी थी और थोड़ी मेहनत से ढूंढे गए उस छोटे से सुराग से अंदर के दृश्य को देख रही थी,,,,गुलाबी अपने मन में यही सोच कर खुश हो रही थी कि अच्छा हुआ कि वह अंदर के नजारे को देखने के लिए यह सुराग ढूंढ ली थी,,,, वह अपने भाई की कामाग्नि को देखकर और अपनी भाभी को गहरी नींद में होने के बावजूद भी उसे चोदने की इच्छा देखते हुए उसकी खुद की हालत खराब हो रही थी और उसकी सलवार कब उसके पैरों में जा गिरी थी उसे इस बात का पता ही नहीं चला था उत्तेजना के मारे वहां अपनी भाभी की चुदाई को देखकर अपनी हथेली में जोर से अपनी बुर को दबा रही थी,,, जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ रही थीअपने भाई को देख कर उसके लंड को देखकर वह अपने मन में अनजाने में यह कल्पना करने लगी थी कि जैसे उसके बिस्तर पर उसकी भाभी नहीं बल्कि वह खुद नंगी लेटी हुई है और अपनी दोनों टांगों को फैला कर अपने बड़े भाई के लंड को अपनी बुर में लेकर बड़ी मस्ती से चुदवा रही है,,,ये एहसास यह कल्पना ही गुलाबी के तन बदन में आग लगा रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था,,,, चुदवाने की खुजली उसके अंदर बढ़ती जा रही थी लेकिन कैसे किससे यह सवाल एक पहाड़ की तरह था,,,,,,,

हरिया अपनी बीवी की चुदाई करके शांत हो गया था और उसके बगल में गहरी सांस लेते हुए सो चुका था लेकिन गुलाबी की आंखों से नींद कोसों दूर जा चुकी थी इसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें बुर के अंदर खुजली बढ़ती जा रही थी,,,,,,, वह बिना सलवार पहने खटिया पर आ गई और अपने भतीजे राजू के बगल में लेट गई,,,,, आज अच्छा बुरा उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था उसकी नजर अपने भतीजे राजू के पजामे की तरफ गई जो कि आगे से अच्छा खासा उठा हुआ था उसे देखकर उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी,,, वह हिम्मत बढाकर अपना हाथ आगे बढ़ाने लगी ,,,, उसके दिल की धड़कन जोरों से धड़क रही थी लेकिन एक लालच उसके मन में बसेर ले चुकी थी लंड को अपने हाथ से छुने का उसे पकडने का,,,, और देखते ही देखते गुलाबी अपनी हथेली को अपने भतीजे राजू के पजामे के ऊपर उठे भाग पर रख दी,,,,, एक गजब की मदहोशी उसके तन बदन को अपनी गिरफ्त में ले ली यह पहला मौका था,, जब गुलाबी किसी जवान लंड को अपने हाथ से पकड़ रही थी,,,यह एहसास उसकी बुर को पूरी तरह से गीली कर रहा था,,,, गहरी सांस लेते हुए गुलाबी कभी हल्के से तो कभी कसके पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को पकड़ रही थी और उसकी तरफ देखती रही थी जो कि उसमें जरा भी हलचल नहीं हो रही थी वह गहरी नींद में सो रहा था यह देखकर उसकी हिम्मत बढने लगी थी वह बेहद नजदीक से करीब से किसी जवान लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसे देखना चाहती थी लेकिन उसे डर भी लग रहा था कहीं राजु जाग ना जाए,,, लेकिन उसे मजा बहुत आ रहा था राजू के लंड की मोटाई से उसकी पूरी हथेली भर चुकी थी,,,,,राजू गहरी नींद में सो रहा था इसलिए उसकी इच्छा हो रही थी कि उसके पजामे को खसका कर देखा जाए,,,, इसलिए वो उठ कर बैठ गई और धीरे-धीरे पजामे को नीचे की तरफ सरका ने लगी ऐसा करने में उसे बहुत डर लग रहा था दिल की धड़कन वह खुद महसूस कर रही थी पूरे कमरे में केवल उसके दिल की धड़कन और गहरी सांस की आवाज ही सुनाई दे रही थी धीरे-धीरे वह अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने लगी और देखते ही देखते हो पजामे को काम भरता नीचे करने में सफल हो गई ताकि उसे ऊपर भी किया जा सके लेकिन राजू का लंड मोटा और लंबा था इसलिए पजामे के बाहर आ नही पा रहा था,,,, गुलाबी को समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे बाहर निकाला जाए,,, और अभी तक राजू के बदन में किसी भी तरह की कसमसाहट हलचल नहीं हुई थी जिससे गुलाबी की हिम्मत थोड़ा बढ़ने लगी थी और वैसे भी अभी तक वह हिम्मत ही दिखा रहे थे उसके मन में यह लालच देकर कर थोड़ा और हिम्मत दिखा लेगी तो वह एक नंगे जवान लंड के दर्शन कर पाएगी,,, इसलिए कांपते हाथों से वह अपना हाथ धीरे से पजामे के अंदर डाल कर अपने भतीजे के लंड को पकड़ ली,,, बस इतने मात्र से ही उसकी बुर से पानी की बूंदे टपकने लगी,,उसकी सांसों की गति तेज हो गई लालटेन की रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था वह अपने भतीजे के लंड को मुट्ठी में दबाए हुए थी और अपने भतीजे के चेहरे की तरफ देख रही थी जो कि बिल्कुल शांत था गहरी सांस लेते हुए वह अपने भतीजे के लंड को बाहर की तरफ खींची ताकि पजामे से बाहर आ जाए,,, और जैसे ही बाहर आया उसे देखते ही गुलाबी की हालत खराब हो गई,,, क्योंकि जैसा उसने सोची थी उससे भी कहीं ज्यादा जबरदस्त राजू का लंड था,,,,पहली बार गुलाबी इतनी नजदीक से जमाने लड़ने के दर्शन कर रही थी जिसे पाकर वह धन्य हो चुकी थी,,,,लंड की गर्माहट उसे अपनी हथेली के अंदर साथ में सो सो रही थी और उसकी गर्मी जैसे मानो तुरंत उसकी हाथों से होते हुए उसकी दोनों टांगों के बीच की उस पतली दरार में पहुंच रही थी जहां से उसका गर्म लावा पिघलने लगा था,,,, गुलाबी को उस लंड को अपनी बुर में लेने की इच्छा कर रही थी लेकिन यह अभी बिल्कुल भी मुमकिन नहीं था,,,,।

वाह राजू की तरफ देखते हुए धीरे-धीरे अपने भतीजे के लंड को हिलाना शुरू कर दी जिसे हिलाने में से बहुत मजा आ रहा था,,,। वह अपने भतीजे के लंड कै सुपाड़े को खोल कर अच्छी तरह से देख रही थी जो कि आलूबुखारे की शक्ल का नजर आ रहा था,,, जिसे देखते ही उसकी बुर कुलबुलाने लगी थी,,,, गुलाबी से यह बिल्कुल भी सहन नहीं हो रहा था वह चाहती थी कि अपने भतीजे को इसी समय चबाकर अपनी दोनों टांगें फैला दें ताकि उसका भतीजा अपने मोटे लंड को उसकी बुर में डाल कर,,, उसकी गर्म जवानी को ठंडा कर दे लेकिन गुलाबी जानती थी कि है इतनी जल्दी सच होने वाला नहीं था इसलिए वह अपने भतीजे के लंड को हिलाना शुरू कर दी थी,,,,साथ ही अपनी हथेली को अपनी दोनों टांगों के बीच रखकर अपनी पुर को मसल ना शुरू कर दी थी और साथ ही अपनी उंगली को अपनी बुर में डाल दी थी,,,, गुलाबी की गर्मी बढ़ती जा रही थी और साथ ही उसकी हथेली का कसावराजू के लंड पर बढ़ता जा रहा था लेकिन राजु को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ रहा था लेकिन उसकी सांसे धीरे-धीरे तेज हो रही थी,,,।,,,

गुलाबी उसी लय में लंड को मुठीया रही थी और अपनी बुर में उंगली पेल रही थी,,, देखते ही देखते उसकी बुर के पानी के साथ-साथ राजू के लंड में पानी छोड़ दिया और उसकी पिचकारी ऊपर तक उठी जिसे देखकर खुद गुलाबी हैरान रह गई,,।,, सारी पिचकारी खुद राजू के ऊपर गिरी थी जिसे गुलाबी कपड़े से अच्छी तरह से साफ कर दी थी और उसे पजामे को उपर कर दी थी,,,, और खटिए पर से उठ कर अपनी सलवार उठाई और उसे पहन कर सो गई,,,।

सुबह जब राजू की नींद खुली तो उसे इस बात का एहसास और भनक तक नहीं हुआ कि रात को उसके साथ क्या हुआ था,,,।
Wooow garam bapu kar raha hai aur maza raju ka ho raha hai 😅, dekhte hain गुलाबी ko kali se phool kon banata hai
 
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