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Incest बैलगाड़ी,,,,,

Sanju@

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मधु 2 दिनों तक ठीक से चल नहीं पा रही थी हल्दी वाला दूध पी पी करवा है अपनी बुर की सूजन और दर्द को कम कर दी थी ऐसा लेकिन पहली बार हुआ था जब उसे अपनी बुर में इस तरह की सूजन और दर्द महसूस हो रहा था जिसकी वजह था उसके बेटे का मोटा तगड़ा लंड लेकिन अपने बेटे को थोड़ा अद्भुत अविस्मरणीय चुदाई का सुख भोग कर वह पूरी तरह से तृप्त हो चुकी थी उसे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि इस तरह से भी कोई चोद सकता है,,,, मधु आंगन में झाड़ू लगा रही थी और गुलाबी सब्जी काट रही थी आज तो बहुत राहत था मधु को तभी और ठीक से झाड़ू लगा पा रही थी वरना झुकना भी उसका मुश्किल हो गया था इतनी तेज कमर की दर्द कर रही थी क्योंकि संजू के जबरदस्त धक्को का प्रहार वह पता नहीं कैसे उस समय झेल ले रही थी लेकिन उसका आंसर उसे अब देखने को मिल रहा था,,,,

क्या भाभी अब कमर का दर्द कैसा है,,,,(सब्जी काटते हुए गुलाबी बोली)

अब जा कर रहा था हुआ है वरना बेल गाड़ी में बैठ कर इतना लंबा सफर तय करना मेरे लिए तो बहुत मुश्किल हो गया था इसीलिए मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा था,,,,
(मधु जानबूझकर अपने बदन के दर्द का कारण बैलगाड़ी का सफर बता रही थी अब वह यह कैसे खुलकर कह दे कि अपने ही बेटे से चुदवाकर अपने बदन का दर्द मोल ले ली थी,,,, मधु अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)
मैंने तो आज तक ऐसी तूफानी बारिश कभी नहीं देखी थी,,, इतना आंधी तूफान तेज हवा बादलों का गर्जना सबकुछ कितना भयानक था,,,

हां भाभी तुम सच कह रही हो लेकिन तुम रुकी कहां थी,,, भैया और मुझ को कितनी चिंता हो रही थी पता है,,,।
(गुलाबी भी बहाना बनाते हुए बोल रही थी क्योंकि वह भी रात भर तूफानी बारिश का मजा अपने भाई से चुदवा कर ले रही थी,,,)

अरे वह तो अच्छा हुआ कि गांव से निकलने ही वाले थे कि बारिश शुरू हो गई वरना रास्ते में दिक्कत हो जाती सर छुपाने की जगह नहीं मिलती,,,

अच्छा हुआ भाभी तुम गांव में ही रुक गई,,,

गुलाबी वैद्य जी की पत्नी ने हमें रुकने का प्रबंध कर दिया था तब जाकर हम लोग शांति से रात बिता पाए थे वरना गजब हो जाता,,,,
(इतना कहते हुए मधु अपने आप से ही बोली अरे पूछ मत गुलाबी रात को क्या-क्या हुआ इतना मजा आया कि बता नहीं सकती)

अच्छा भाभी अब तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना,,,


हां धीरे-धीरे आराम हो जाएगा वेद जी ने कहा था कि 15 20 दिन लगेंगे लेकिन एकदम ठीक हो जाओगी,,,

चलो अच्छा है,,,,
(इतना कहकर गुलाबी वापस सब्जी काटने लगी और मधु घर की सफाई करने में जुट गई और दूसरी तरफ,,, राजू आज बेल गाड़ी लेकर नहीं गया था उसके पिताजी गए थे इसलिए वह गांव में इधर-उधर घूम रहा था कि तभी कपड़ों का ढेर लेकर झुमरी उसे खेतों की तरफ जाती हुई दिखाई दी,,,वह, पीछे पीछे जाने लगा,,,,,, झुमरी की चाल बड़ी मतवाली थी,,, ऊंची नीची पगडंडियों पर पैर रखते हुए उसके नितंबों का आकार कभी बढ़ जाता तो कभी सिमट कर रह जाता,,, यह देख कर राजू के तन बदन में झनझनाहट हो रही थी झुमरी से‌ वह सच्चा प्रेम करता था,, और चुनरी के लिए उसके मन में अजीब सी चाहत थी,,, चुनरी के बारे में वह कभी अपने मन में गंदे ख्याल आता नहीं था लेकिन उसको देखकर उसके तन बदन में हलचल जरूर होती थी उसकी खूबसूरती उसके बदन का बनावट राजू को उसकी तरफ हमेशा आकर्षित करती थी,,,,

राजू को लग रहा था कि झुमरी कपड़े धोने के लिए नदी की तरफ जा रही है लेकिन वह खेतों की तरफ घूम गई तो वह भी खेत की तरफ जाने लगा यहां पर किसी का आना-जाना बिल्कुल भी नहीं था चारों तरफ खेत लहलहा रहे थे और बीच की पगडंडी से झुमरी अपनी गांड मटकाते मस्तानी चाल लिए चली जा रही थी,,,, चारों तरफ देखकर तसल्ली कर लेने के बाद राजू पीछे से उसे आवाज लगाते हुए बोला,,,,।


झुमरी ये झुमरी रुको तो कहां चली जा रही हो,,,
(जानी पहचानी आवाज सुनते ही झुमरी माई खड़ी हो गई और पीछे नजर कर कर देखी तो राजू को अपने पीछे पाकर वह एकदम खुश हो गई क्योंकि काफी दिनों बाद दोनों मिल रहे थे राजू लगभग दौड़ता हुआ उसके करीब गया और बोला,,,)

अरे कहां जा रही हो झुमरी,,,?

देख नहीं रहा है कपड़े धोने जा रही हूं तुझे भी चलना है तो बोल,,,,

अरे क्यों नहीं तुम्हारे साथ तो मैं दुनिया के किसी भी कोने में जाने के लिए तैयार हूं,,,
(राजू की यह बात सुनकर झुमरी मन ही मन में मुस्कुराने लगी और बोली)

अच्छा यह बात है मेरे साथ तू कहीं भी चल सकता है,,,

हां क्यों नहीं कहो तो मैं तुम्हारी परछाई बन जाऊं,,,,


परछाई भी तो रात में साथ छोड़ देती है,,,,


तुम्हें तुम्हारी सांसे बन जाऊंगा,,,,


अरे वाह बहुत बड़ी-बड़ी बातें करता है,,, यह सब नहीं करना है लेकिन चलो मेरे साथ कपड़े धोने में मेरी मदद कर दो,,,


अरे इतनी सी बात,,, तुम्हारे खेत में ही चलना है ना ट्यूबवेल के पास,,,

हां वही चलना है,,,,।
(इतना सुनते ही राजू झुमरी के हाथों से कपड़ों का ढेर ले लिया और आगे आगे चलने लगा झुमरि यह देख कर मुस्कुराने लगी झुमरी राजू को पहले से ही पसंद करती थी लेकिन जिस दिन से दूसरे गांव में उसने उसकी इज्जत बचाई थी तब से राजू के लिए उसके मन में प्यार और सम्मान दोनों और ज्यादा बढ़ गया था,,,, देखते ही देखते दोनों लहलहाते खेतों के बीच आ गए ट्यूबवेल के पास राजू कपड़ों का ढेर रखते हुए बोला,,,,)

रुको मैं मशीन चालू कर देता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही राजू पास में ही घास फूस की बनी झोपड़ी के अंदर गया और मशीन चालू कर दिया देखते ही देखते बड़ी सी पाइप में से पानी निकलना शुरू हो गया और झुमरी मुस्कुराते हुए वहां जाकर बैठ गई और कपड़े धोने लगी और तुरंत राजू उसके सामने आकर बैठ गया और कपड़े लेकर दोनों शुरू कर दिया यह देखकर झुमरी उसे रोकते हुए बोली,,,)

अरे यह क्या कर रहा है मैं तो मजाक कर रही थी धोना नहीं है मैं धो दुंगी,,,,


तुम मजाक कर रही थी लेकिन मैं थोड़ी ना मजाक कर रहा था तुम्हारा साथ देने का वादा किया हूं तो पीछे नहीं हटने वाला हूं,,,,
(और इतना कहकर कपड़े धोने लगा,,, झुमरी राजू को देखकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी वह बहुत खुश हो रही थी राजू का भोलापन उसे बहुत अच्छा लगता था,,,, कपड़े धोते हुए राजू झुमरी से बात करते हुए बोला,,,)

और झुमरी चाची का क्या हाल है तबीयत तो ठीक है ना,,,

हां वह तो एकदम ठीक है,,,।
(चाची का जिक्र छेड़ते ही राजू की आंखों के सामने सब कुछ वह सब साफ नजर आने लगा जो कुछ महीने पहले राजू ने किया था श्याम और उसकी मां को रंगे हाथ पकड़ना जिसके बारे में उसकी मां को बिल्कुल भनक तक नहीं थी और उसी का फायदा उठाकर शाम को विश्वास में लेकर उसकी मां के साथ चुदाई करना और श्याम और राजू दोनों का मिलकर श्याम की मां की चुदाई करना बेहद अद्भुत और रोमांचक कारी कांड था जिसके बारे में वह झुमरी को बिल्कुल भी बताना नहीं चाहता था क्योंकि वह इसी राज के चलते श्याम को पूरी तरह से अपने वश में किया हुआ था जैसा वह बोलता था श्याम वैसा ही करता था,,, राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

चाची बहुत अच्छी है ,,,,

हां सो तो है,,,,,,,

अरे राजू तू तो बैलगाड़ी भी चलाने लगा है स्टेशन पर जाता है सवारी ढोने के लिए,,,,

हां पिताजी ने मुझे भी सिखा दिया है,,,

बहुत मजा आता होगा ना दिन भर इधर-उधर घूम लो और पैसे भी कमा लो,,,

हां बहुत मजा आता है रोज नए नए लोग मिलते हैं रेलवे स्टेशन देखने का रोज मौका मिलता है तुझे बताऊं झुमरी जब ट्रेन आती है ना तो छुक छुक की आवाज आती है ऊपर से काला काला धुआं निकलता है इतना मजा आता है उसे देखने में कि पूछो मत मन करता है कि स्टेशन पर ही रह जाऊं,,,,


मेरा भी बहुत मन करता है इधर-उधर घूमने का स्टेशन देखने का मैं कभी स्टेशन नहीं देखी हूं तू कभी गाड़ी में बैठा है,,,

नहीं तो और वैसे भी हमें कौन सा दूसरे शहर जाना है,,,


हां यह भी है,,,,,


तुम रेलवे स्टेशन देखना चाहती हो बैलगाड़ी में बैठना चाहती हो,,,


हां राजू लेकिन कौन दिखाएगा कौन बैठाएगा ,,,,


अरे मैं हूं ना झुमरी तुम चिंता क्यों करती हो मैं तुम्हें बैलगाड़ी पर लेकर घुमाऊंगा स्टेशन के दिखाऊंगा और गाड़ी भी दिखाऊंगा देखना बहुत मजा आएगा,,,,

सच राजू,,,,

कसम से झुमरी मैं तुमसे कभी झूठ नहीं बोलता,,,,


राजू मैं बहुत खुश हूं कि तू मेरा इतना ख्याल रखता है,,,,
(इतना कहकर वह वापस कपड़े धोने लगी और राजू उसके खूबसूरत चेहरे को देखता ही रह गया नाक में छोटी सी नथनी पहनी हुई थी जिसकी वजह से उसका चेहरा और भी ज्यादा खूबसूरत होता है बालों की लट है उसके खूबसूरत चेहरे पर बार-बार अठखेलियां कर रही थी जिसे वह बार-बार अपनी हथेली का सहारा लेकर उसे अपने कान के पीछे कर देती थी लेकिन वापस हवा के झोंके में उसकी बालों की लटे उसके चेहरे पर आ जाती थी,,,, ट्यूबवेल में से जोरो से पानी के गिरने की वजह से उसकी बौछार उसकी कुर्ती को भिगो रही थी जो कि कुर्ती के आगे वाला भाग लिख रहा था और कुर्ती के भीगने की वजह से उसकी दोनों नौरंगिया उभरकर साफ नजर आ रहे थे क्योंकि कपड़ा उससे चिपक गया था यह देखकर राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी राजू बार-बार अपनी नजरों को उधर से हटाना चाहता था लेकिन झुमरी के खूबसूरत बदन का आकर्षण इतना जबरदस्त था कि राजू अपने आप को रोक नहीं पा रहा था और बार-बार उसकी नजर उसकी दोनों नारंगी ऊपर चली जा रही थी इस बात का आभास झुमरी को बिल्कुल भी नहीं,,, था,,,,,।

देखते ही देखते कपड़े धोते समय पानी में राजू के भी कपड़े गीले होने लगे थे उसका पैजामा पूरी तरह से भीग चुका था,,, राजू कपड़ों के ढेर में से अनजाने में ही झुमरी की सलवार को लेकर जो रहा था झुमरी जब उसके हाथों में अपनी सलवार देखी तो शर्म से पानी पानी हो गई उसे बड़ा अजीब लग रहा था कि एक जवान लड़का उसकी सलवार को अपने हाथों से धो रहा है,,,, झुमरी उसके हाथ से अपनी सलवार को वापस ले लेना चाहती थी लेकिन ऐसा करने में उसे शर्म महसूस हो रही थी क्योंकि अगर वह ऐसा करती तो राजू उसके बारे में क्या सोचता शायद उसकी सलवार के बारे में सोच कर उसे भी इस बात का एहसास होता की सलवार की वजह से वह शर्मा रही है,,,, इसलिए राजू के हाथ में से सलवार लेने की उसकी हिम्मत नहीं हुई और राजू देखते देखे उसकी सलवार को एकदम धोकर पानी से भरी बाल्टी में डाल दिया था,,, झुमरी की सलवार को राजू भी अच्छी तरह से पहचानता था इसलिए उसकी सलवार धोते समय उसके बदन में भी उत्तेजना का एहसास हो रहा था सलवार के ऊपरी हिस्से पर साबुन लगाते समय राजू इस तरह की कल्पना कर रहा था कि मानो कि जैसे वह उसकी सलवार पर नहीं बल्कि झुमरी की गांड पर साबुन लगा रहा हो,,, क्योंकि राजू जानता था कि इसी सलवार के अंदर झुमरी अपना बेशकीमती खजाना छुपाती है जिसके बारे में सोचकर वह पूरी तरह से मस्त हो जाता है,,,,

खड़ी दुपहरी में खेतों के बीच ट्यूबवेल के नीचे कपड़े धोने का सिलसिला लगातार जारी था पानी में रहने की वजह से राजू का पैजामा पूरी तरह से गिला हो चुका था और राजू दूसरे कपड़े लेने के लिए जैसे ही खड़ा हुआ झुमरी की नजर राजू के गीले पर जाने पर पड़ी और पजामे के अंदर टनटनाए हुए उसके लंड पर जोकि पैजामा पूरी तरह से गीला होने की वजह से राजू के लंड का आकार उसका अक्स एकदम साफ नजर आ रहा था जिसे देखकर खुद झुमरी के तन बदन में आग लगने लगी झुमरी ने अभी तक जवान लंड के दर्शन नहीं किए थे लंड के आकार के बारे में उसने सिर्फ कल्पना ही की थी उसे देखी नहीं थी लेकिन आज पहली बार राजू के पजामे में खड़े लंड को देखकर उसकी दोनों टांगों के बीच अजीब सी हलचल होने लगी थी वह तुरंत अपनी नजरों को नीचे झुका ली थी और राजू को भी इस बात का आभास नहीं था वह भी कपड़े लेकर वापस नीचे बैठकर कपड़े धोना शुरू कर दिया था,,,,
अभी तक झुमरी के लिए सब कुछ सही चल रहा था लेकिन संजू के लंड का नजारा देखकर वह असहज महसूस कर रही थी,,, देखते ही देखते झुमरी का भी कुर्ती पूरी तरह से पानी में गीला हो गया था और उसमें से भी झुमरी की लाजवाब गोल-गोल नारंगी एकदम साफ नजर आने लगी थी जिस पर बार-बार राजू की नजर चली जा रही थी कपड़े धोते समय झुमरी चोर नजरों से राजू की तरफ देखी तो उसकी नजरों को अपनी छातियों की तरफ पाकर वो एकदम से शर्म से पानी पानी हो गई वह अपनी नजरों को नीचे छुड़ाकर अपनी छातियों की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए उसकी चूची एकदम साफ झलक रही थी उसका आकार कुर्ती में होने के बावजूद भी एकदम साफ नजर आ रहा था जिसे राजू अपनी प्यासी आंखों से देख रहा था अब झुमरी के लिए यह राजू का देखना असहनीय होता जा रहा था उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी ऐसा लग रहा था कि मानो राजू अपनी नजरों से उसके बदन में चीकोटी काट रहा हो वह कसमसा रही थी,,,, झुमरी अपनी छातियों को ढक लेना चाहती थी लेकिन राजू की आंखों के सामने ऐसा करने से वह और भी ज्यादा शर्म का अनुभव करने लगती है इसलिए ऐसा करने से हिचकी आ रही थी वह ऐसा जता रही थी कि मानो राजू की हरकत का उसे अंदाजा ही नहीं है,,,, देखते ही देखते सारे कपड़े दोनों ने मिलकर धो दिए थे अब उन्हें सूखने के लिए डालना था और इसीलिए राजू फिर से खड़ा हो गया और इस बार गीले पजामे में से राजू के लंड का आकार एकदम साफ नजर आने लगा एक बार फिर से झुमरी उस दृश्य को देखकर गनगना गई,,,, राजू को तो इस बात का अहसास तक नहीं था कि झुमरी उसके पजामे में उसके टनटन आए हुए लंड को देख रही है वह अपनी ही मस्ती में मशगूल था वह गीले कपड़ों को लेकर सूखने के लिए डालने लगा जंगली झाड़ियां उगी हुई थी उसी पर वह एक-एक करके सारे कपड़ों को डाल रहा था और झुमरी भी उसके साथ में उसका हाथ बंटा रही थी,,, दोनों करीब-करीब एकदम पास में ही खड़े थे बस दोनों के बीच 2 फुट की ही दूरी थी राजू भी गीले कपड़ों को सूखने के लिए डाल रहा था और झुमरी भी गीले कपड़ों को सूखने के लिए जा रही थी लेकिन उसकी तिरछी नजर राजू के पजामे पर टिकी हुई थी जिसमें उसका मोटा तगड़ा लंड झुमरी के होश उड़ा रहा था राजू को इस बात का आभास तक नहीं था लेकिन जैसे ही वह झुमरी की तरफ देखा और उसकी झुकी हुई नजरों को अपने पजामे की तरफ देखा तो उसके भी तन बदन में आग लग गई उसे अब जाकर इस बात का अहसास हुआ कि पजामे के अंदर उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका है,,,, झुमरी के सामने उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह झुमरी की नजरों से अपने लंड को छुपाए या इसी तरह से सब कुछ चलने दे,,,,, झुमरी की आंखों के सामने अपने टनटनाए लंड को ढकना यह हरकत झुमरी को शर्मिंदा कर सकती थी इसलिए राजू इस तरह की हरकत करना नहीं चाहता था इसलिए जैसा चल रहा है वैसा ही वह अनजान बनकर चलने देना चाहता था राजू को अब मजा आने लगा था क्योंकि झुमरी उसकी मर्दानगी की तरफ देख रही थी झुमरी के तन बदन में और ज्यादा आग लगाने के लिए राजू अपने गीले हो चले कुर्ते को झुमरी की आंखों के सामने ही उतार दिया और कुर्ते को उतारते ही राजू की चौड़ी छाती एकदम नंगी हो गई और यह देखकर झुमरी के बदन में हलचल सी होने लगी,,,,,,,,, राजू की चौड़ी नंगी छाती सुनहरी धूप में चमक रही थी,, राजू की नंगी चौड़ी छाती की तरफ देखकर झुमरी शर्मा रही थी,,, राजू अपने कुर्ते को अपने हाथों में लेकर उसका पानी गारते हुए बोला,,,।

मैं भी पूरा भीग गया इसे भी सुखाने के लिए डालना पड़ेगा,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने खिले कुर्ते को झाड़ियों पर रखकर सूखने के लिए छोड़ दिया झुमरी वापस उसी जगह पर आ गई थी उसे नहाना था,,,, लेकिन राजू की मौजूदगी में उसे नहाने में शर्म आ रही थी हालांकि पहली मुलाकात में ही राजू है झुमरी को संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में नहाते हुए देखा था लेकिन इस बात से उस समय झुमरी अनजान थी इसलिए उस समय उसे शर्म का एहसास नहीं हुआ था लेकिन आज राजू से उसे शर्म आ रही थी राजू की उसी जगह पर आ गया था जानबूझकर राजू झुमरी की आंखों के सामने ही खड़ा था ताकि झुमरी की नजर उसके तने हुए लंड पर चला जाए और ऐसा ही हो रहा था झुमरी चोर नजरों से राजू के पजामे की तरफ देख रही थी और उसे देख कर अंदर ही अंदर सिहर उठ रही थी,,,,। झुमरी को इस तरह से खड़ी देखकर राजू बोला,,,।

अब बोलो झुमरी क्या करना है,,,?

करना क्या है मुझे नहाना है,,,


तो नहाओ ना,,,

तुम्हारे सामने नहीं नहीं तुम जाओ मैं नहा लूंगी,,,

अब क्यों शर्मा रही हो जानती हो ना मैं तुम्हें नहाते हुए देख चुका हूं और वह भी एकदम नंगी,,,
(राजू के मुंह से अपने लिए नंगी शब्द सुनकर झुमरी के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी,,,, फिर भी वह जानबूझकर राजू के शब्दों पर गौर ना करने का बहाना करते हुए सहज रूप से बोली,,,)

अरे वह तो अनजाने में ही लेकिन अभी तो मैं सब कुछ जान रही हो ना अभी चले जाओ मुझे शर्म आ रही है,,,

तुम्हें शर्म आ रही है लेकिन मुझे तो अच्छा लग रहा है एक बार फिर से मैं तुम्हें उसी हालत में देखना चाहता हूं जैसा कि मैं पहली बार देखा था मेरी आंखें फटी की फटी रह गई थी तुम्हारे नंगे बदन को देख कर,,,,,(राजू झुमरी के साथ थोड़ा खोलना चाहता था इसलिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग कर रहा था और ऐसा शब्दों का प्रयोग झुमरी के सामने करते हुए उसके लंड का कड़क पन और ज्यादा बढ़ रहा था जिस पर बार-बार झुमरी की नजर चली जा रही थी और उसे देखकर उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल हो रही थी,,,,)

वह तो अनजाने में उस समय की बात कुछ और थी अभी चले जाओ,,,

झुमरी तुम खामखा शर्म कर रही हो और वह भी मेरे सामने तुम जानती हो मैं तुमसे प्यार करता हूं और वह भी सच्चा प्यार झुमरी मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं तुम्हारे साथ अपना जीवन को जानना चाहता हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि तुमसे अच्छी खूबसूरत मुझे दूसरी जीवनसाथी नहीं मिल सकती क्या तुम मुझसे शादी करना चाहोगी,,,,

यह क्या कह रहे हो राजू,,,,(झुमरी शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमाते हुए ) मुझसे इस तरह की बात मत करो मुझे शर्म आती है,,,, तुम यहां से चले जाओ,,,

चला जाऊंगा लेकिन पहले एक बात का खुलासा कर दूं क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो या नहीं या फिर मैं खामखा तुम्हारे पीछे अपना समय बर्बाद कर रहा हूं,,,
(राजू के मुंह से प्यार का इजहार सुनकर झुमरी के तन बदन में उत्तेजना के साथ-साथ आनंद की फुहार फूटने लगी वह राजू के मुंह से यही सुनना चाहती थी क्योंकि वह भी राजू से विवाह का सपना देखने लगी थी लेकिन अपने प्यार का इजहार करने में उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी हिम्मत करते हुए वह बोली)

राजू मैं भी तुमसे प्यार करती हूं अब और मुझसे मत पूछो चले जाओ यहां से मुझे शर्म आ रही है,,,
(राजू झुमरी के मुंह से यह सुनकर एकदम खुशी से चूमने लगा और एकदम प्रसन्न होते हुए बोला)

बस बस झुमरी मुझे मेरे सवाल का जवाब देकर तुमने मुझे खुश कर दी हो मैं चला जाता हूं तुम नहा लो लेकिन उस दिन की तरह ही नहाना एकदम नंगी होकर क्योंकि तुम नंगी होकर जब भी नहाती हो बहुत खूबसूरत लगती हो ऐसा लगता है कि स्वर्ग से कोई अप्सरा नीचे धरती पर उतर आई हो,,,।
(राजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर झुमरी अंदर ही अंदर बेहद प्रसन्न होने लगी और राजू इतना कहकर जाने लगा झुमरी उसे रोक लेना चाहती थी उसे अपनी आंखों के सामने बैठ आना चाहती थी और उसकी ही बातों को मानते हुए अपने कपड़े उतार कर उसके सामने नंगी रहना चाहती थी लेकिन ऐसा करने में उसे शर्म महसूस हो रही थी वह कैसे भला राजू को रोक लेती है और उसकी आंखों के सामने अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाती इसलिए वह उसे जाते हुए देखती रही थोड़ा दुख से हो रहा था लेकिन फिर भी अपने मन को इस बात से मना ली थी कि राजू उससे प्यार करता है और उससे शादी करना चाहता है देखते ही देखते राजू उसकी आंखों से ओझल हो गया और वह राजू के ख्यालों में खो कर धीरे-धीरे अपने कपड़े उतार कर नंगी होने लगी,,,, अपनी गीले कपड़ों को उतारते हुए वह बार-बार उसी दिशा में देख ले रही थी जहां से राजू गया था,,,
बहुत ही सुंदर लाजवाब और रमणीय अपडेट है
राजू ने झुमरी से अपने प्यार का इजहार कर दिया और झुमरी ने भी राजू का प्यार स्वीकार कर लिया है वह भी राजू से प्यार करती है वह राजू के कहे अनुसार नंगी ही नहाने वाली है
 

Ajju Landwalia

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मधु 2 दिनों तक ठीक से चल नहीं पा रही थी हल्दी वाला दूध पी पी करवा है अपनी बुर की सूजन और दर्द को कम कर दी थी ऐसा लेकिन पहली बार हुआ था जब उसे अपनी बुर में इस तरह की सूजन और दर्द महसूस हो रहा था जिसकी वजह था उसके बेटे का मोटा तगड़ा लंड लेकिन अपने बेटे को थोड़ा अद्भुत अविस्मरणीय चुदाई का सुख भोग कर वह पूरी तरह से तृप्त हो चुकी थी उसे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि इस तरह से भी कोई चोद सकता है,,,, मधु आंगन में झाड़ू लगा रही थी और गुलाबी सब्जी काट रही थी आज तो बहुत राहत था मधु को तभी और ठीक से झाड़ू लगा पा रही थी वरना झुकना भी उसका मुश्किल हो गया था इतनी तेज कमर की दर्द कर रही थी क्योंकि संजू के जबरदस्त धक्को का प्रहार वह पता नहीं कैसे उस समय झेल ले रही थी लेकिन उसका आंसर उसे अब देखने को मिल रहा था,,,,

क्या भाभी अब कमर का दर्द कैसा है,,,,(सब्जी काटते हुए गुलाबी बोली)

अब जा कर रहा था हुआ है वरना बेल गाड़ी में बैठ कर इतना लंबा सफर तय करना मेरे लिए तो बहुत मुश्किल हो गया था इसीलिए मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा था,,,,
(मधु जानबूझकर अपने बदन के दर्द का कारण बैलगाड़ी का सफर बता रही थी अब वह यह कैसे खुलकर कह दे कि अपने ही बेटे से चुदवाकर अपने बदन का दर्द मोल ले ली थी,,,, मधु अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)
मैंने तो आज तक ऐसी तूफानी बारिश कभी नहीं देखी थी,,, इतना आंधी तूफान तेज हवा बादलों का गर्जना सबकुछ कितना भयानक था,,,

हां भाभी तुम सच कह रही हो लेकिन तुम रुकी कहां थी,,, भैया और मुझ को कितनी चिंता हो रही थी पता है,,,।
(गुलाबी भी बहाना बनाते हुए बोल रही थी क्योंकि वह भी रात भर तूफानी बारिश का मजा अपने भाई से चुदवा कर ले रही थी,,,)

अरे वह तो अच्छा हुआ कि गांव से निकलने ही वाले थे कि बारिश शुरू हो गई वरना रास्ते में दिक्कत हो जाती सर छुपाने की जगह नहीं मिलती,,,

अच्छा हुआ भाभी तुम गांव में ही रुक गई,,,

गुलाबी वैद्य जी की पत्नी ने हमें रुकने का प्रबंध कर दिया था तब जाकर हम लोग शांति से रात बिता पाए थे वरना गजब हो जाता,,,,
(इतना कहते हुए मधु अपने आप से ही बोली अरे पूछ मत गुलाबी रात को क्या-क्या हुआ इतना मजा आया कि बता नहीं सकती)

अच्छा भाभी अब तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना,,,


हां धीरे-धीरे आराम हो जाएगा वेद जी ने कहा था कि 15 20 दिन लगेंगे लेकिन एकदम ठीक हो जाओगी,,,

चलो अच्छा है,,,,
(इतना कहकर गुलाबी वापस सब्जी काटने लगी और मधु घर की सफाई करने में जुट गई और दूसरी तरफ,,, राजू आज बेल गाड़ी लेकर नहीं गया था उसके पिताजी गए थे इसलिए वह गांव में इधर-उधर घूम रहा था कि तभी कपड़ों का ढेर लेकर झुमरी उसे खेतों की तरफ जाती हुई दिखाई दी,,,वह, पीछे पीछे जाने लगा,,,,,, झुमरी की चाल बड़ी मतवाली थी,,, ऊंची नीची पगडंडियों पर पैर रखते हुए उसके नितंबों का आकार कभी बढ़ जाता तो कभी सिमट कर रह जाता,,, यह देख कर राजू के तन बदन में झनझनाहट हो रही थी झुमरी से‌ वह सच्चा प्रेम करता था,, और चुनरी के लिए उसके मन में अजीब सी चाहत थी,,, चुनरी के बारे में वह कभी अपने मन में गंदे ख्याल आता नहीं था लेकिन उसको देखकर उसके तन बदन में हलचल जरूर होती थी उसकी खूबसूरती उसके बदन का बनावट राजू को उसकी तरफ हमेशा आकर्षित करती थी,,,,

राजू को लग रहा था कि झुमरी कपड़े धोने के लिए नदी की तरफ जा रही है लेकिन वह खेतों की तरफ घूम गई तो वह भी खेत की तरफ जाने लगा यहां पर किसी का आना-जाना बिल्कुल भी नहीं था चारों तरफ खेत लहलहा रहे थे और बीच की पगडंडी से झुमरी अपनी गांड मटकाते मस्तानी चाल लिए चली जा रही थी,,,, चारों तरफ देखकर तसल्ली कर लेने के बाद राजू पीछे से उसे आवाज लगाते हुए बोला,,,,।


झुमरी ये झुमरी रुको तो कहां चली जा रही हो,,,
(जानी पहचानी आवाज सुनते ही झुमरी माई खड़ी हो गई और पीछे नजर कर कर देखी तो राजू को अपने पीछे पाकर वह एकदम खुश हो गई क्योंकि काफी दिनों बाद दोनों मिल रहे थे राजू लगभग दौड़ता हुआ उसके करीब गया और बोला,,,)

अरे कहां जा रही हो झुमरी,,,?

देख नहीं रहा है कपड़े धोने जा रही हूं तुझे भी चलना है तो बोल,,,,

अरे क्यों नहीं तुम्हारे साथ तो मैं दुनिया के किसी भी कोने में जाने के लिए तैयार हूं,,,
(राजू की यह बात सुनकर झुमरी मन ही मन में मुस्कुराने लगी और बोली)

अच्छा यह बात है मेरे साथ तू कहीं भी चल सकता है,,,

हां क्यों नहीं कहो तो मैं तुम्हारी परछाई बन जाऊं,,,,


परछाई भी तो रात में साथ छोड़ देती है,,,,


तुम्हें तुम्हारी सांसे बन जाऊंगा,,,,


अरे वाह बहुत बड़ी-बड़ी बातें करता है,,, यह सब नहीं करना है लेकिन चलो मेरे साथ कपड़े धोने में मेरी मदद कर दो,,,


अरे इतनी सी बात,,, तुम्हारे खेत में ही चलना है ना ट्यूबवेल के पास,,,

हां वही चलना है,,,,।
(इतना सुनते ही राजू झुमरी के हाथों से कपड़ों का ढेर ले लिया और आगे आगे चलने लगा झुमरि यह देख कर मुस्कुराने लगी झुमरी राजू को पहले से ही पसंद करती थी लेकिन जिस दिन से दूसरे गांव में उसने उसकी इज्जत बचाई थी तब से राजू के लिए उसके मन में प्यार और सम्मान दोनों और ज्यादा बढ़ गया था,,,, देखते ही देखते दोनों लहलहाते खेतों के बीच आ गए ट्यूबवेल के पास राजू कपड़ों का ढेर रखते हुए बोला,,,,)

रुको मैं मशीन चालू कर देता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही राजू पास में ही घास फूस की बनी झोपड़ी के अंदर गया और मशीन चालू कर दिया देखते ही देखते बड़ी सी पाइप में से पानी निकलना शुरू हो गया और झुमरी मुस्कुराते हुए वहां जाकर बैठ गई और कपड़े धोने लगी और तुरंत राजू उसके सामने आकर बैठ गया और कपड़े लेकर दोनों शुरू कर दिया यह देखकर झुमरी उसे रोकते हुए बोली,,,)

अरे यह क्या कर रहा है मैं तो मजाक कर रही थी धोना नहीं है मैं धो दुंगी,,,,


तुम मजाक कर रही थी लेकिन मैं थोड़ी ना मजाक कर रहा था तुम्हारा साथ देने का वादा किया हूं तो पीछे नहीं हटने वाला हूं,,,,
(और इतना कहकर कपड़े धोने लगा,,, झुमरी राजू को देखकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी वह बहुत खुश हो रही थी राजू का भोलापन उसे बहुत अच्छा लगता था,,,, कपड़े धोते हुए राजू झुमरी से बात करते हुए बोला,,,)

और झुमरी चाची का क्या हाल है तबीयत तो ठीक है ना,,,

हां वह तो एकदम ठीक है,,,।
(चाची का जिक्र छेड़ते ही राजू की आंखों के सामने सब कुछ वह सब साफ नजर आने लगा जो कुछ महीने पहले राजू ने किया था श्याम और उसकी मां को रंगे हाथ पकड़ना जिसके बारे में उसकी मां को बिल्कुल भनक तक नहीं थी और उसी का फायदा उठाकर शाम को विश्वास में लेकर उसकी मां के साथ चुदाई करना और श्याम और राजू दोनों का मिलकर श्याम की मां की चुदाई करना बेहद अद्भुत और रोमांचक कारी कांड था जिसके बारे में वह झुमरी को बिल्कुल भी बताना नहीं चाहता था क्योंकि वह इसी राज के चलते श्याम को पूरी तरह से अपने वश में किया हुआ था जैसा वह बोलता था श्याम वैसा ही करता था,,, राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

चाची बहुत अच्छी है ,,,,

हां सो तो है,,,,,,,

अरे राजू तू तो बैलगाड़ी भी चलाने लगा है स्टेशन पर जाता है सवारी ढोने के लिए,,,,

हां पिताजी ने मुझे भी सिखा दिया है,,,

बहुत मजा आता होगा ना दिन भर इधर-उधर घूम लो और पैसे भी कमा लो,,,

हां बहुत मजा आता है रोज नए नए लोग मिलते हैं रेलवे स्टेशन देखने का रोज मौका मिलता है तुझे बताऊं झुमरी जब ट्रेन आती है ना तो छुक छुक की आवाज आती है ऊपर से काला काला धुआं निकलता है इतना मजा आता है उसे देखने में कि पूछो मत मन करता है कि स्टेशन पर ही रह जाऊं,,,,


मेरा भी बहुत मन करता है इधर-उधर घूमने का स्टेशन देखने का मैं कभी स्टेशन नहीं देखी हूं तू कभी गाड़ी में बैठा है,,,

नहीं तो और वैसे भी हमें कौन सा दूसरे शहर जाना है,,,


हां यह भी है,,,,,


तुम रेलवे स्टेशन देखना चाहती हो बैलगाड़ी में बैठना चाहती हो,,,


हां राजू लेकिन कौन दिखाएगा कौन बैठाएगा ,,,,


अरे मैं हूं ना झुमरी तुम चिंता क्यों करती हो मैं तुम्हें बैलगाड़ी पर लेकर घुमाऊंगा स्टेशन के दिखाऊंगा और गाड़ी भी दिखाऊंगा देखना बहुत मजा आएगा,,,,

सच राजू,,,,

कसम से झुमरी मैं तुमसे कभी झूठ नहीं बोलता,,,,


राजू मैं बहुत खुश हूं कि तू मेरा इतना ख्याल रखता है,,,,
(इतना कहकर वह वापस कपड़े धोने लगी और राजू उसके खूबसूरत चेहरे को देखता ही रह गया नाक में छोटी सी नथनी पहनी हुई थी जिसकी वजह से उसका चेहरा और भी ज्यादा खूबसूरत होता है बालों की लट है उसके खूबसूरत चेहरे पर बार-बार अठखेलियां कर रही थी जिसे वह बार-बार अपनी हथेली का सहारा लेकर उसे अपने कान के पीछे कर देती थी लेकिन वापस हवा के झोंके में उसकी बालों की लटे उसके चेहरे पर आ जाती थी,,,, ट्यूबवेल में से जोरो से पानी के गिरने की वजह से उसकी बौछार उसकी कुर्ती को भिगो रही थी जो कि कुर्ती के आगे वाला भाग लिख रहा था और कुर्ती के भीगने की वजह से उसकी दोनों नौरंगिया उभरकर साफ नजर आ रहे थे क्योंकि कपड़ा उससे चिपक गया था यह देखकर राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी राजू बार-बार अपनी नजरों को उधर से हटाना चाहता था लेकिन झुमरी के खूबसूरत बदन का आकर्षण इतना जबरदस्त था कि राजू अपने आप को रोक नहीं पा रहा था और बार-बार उसकी नजर उसकी दोनों नारंगी ऊपर चली जा रही थी इस बात का आभास झुमरी को बिल्कुल भी नहीं,,, था,,,,,।

देखते ही देखते कपड़े धोते समय पानी में राजू के भी कपड़े गीले होने लगे थे उसका पैजामा पूरी तरह से भीग चुका था,,, राजू कपड़ों के ढेर में से अनजाने में ही झुमरी की सलवार को लेकर जो रहा था झुमरी जब उसके हाथों में अपनी सलवार देखी तो शर्म से पानी पानी हो गई उसे बड़ा अजीब लग रहा था कि एक जवान लड़का उसकी सलवार को अपने हाथों से धो रहा है,,,, झुमरी उसके हाथ से अपनी सलवार को वापस ले लेना चाहती थी लेकिन ऐसा करने में उसे शर्म महसूस हो रही थी क्योंकि अगर वह ऐसा करती तो राजू उसके बारे में क्या सोचता शायद उसकी सलवार के बारे में सोच कर उसे भी इस बात का एहसास होता की सलवार की वजह से वह शर्मा रही है,,,, इसलिए राजू के हाथ में से सलवार लेने की उसकी हिम्मत नहीं हुई और राजू देखते देखे उसकी सलवार को एकदम धोकर पानी से भरी बाल्टी में डाल दिया था,,, झुमरी की सलवार को राजू भी अच्छी तरह से पहचानता था इसलिए उसकी सलवार धोते समय उसके बदन में भी उत्तेजना का एहसास हो रहा था सलवार के ऊपरी हिस्से पर साबुन लगाते समय राजू इस तरह की कल्पना कर रहा था कि मानो कि जैसे वह उसकी सलवार पर नहीं बल्कि झुमरी की गांड पर साबुन लगा रहा हो,,, क्योंकि राजू जानता था कि इसी सलवार के अंदर झुमरी अपना बेशकीमती खजाना छुपाती है जिसके बारे में सोचकर वह पूरी तरह से मस्त हो जाता है,,,,

खड़ी दुपहरी में खेतों के बीच ट्यूबवेल के नीचे कपड़े धोने का सिलसिला लगातार जारी था पानी में रहने की वजह से राजू का पैजामा पूरी तरह से गिला हो चुका था और राजू दूसरे कपड़े लेने के लिए जैसे ही खड़ा हुआ झुमरी की नजर राजू के गीले पर जाने पर पड़ी और पजामे के अंदर टनटनाए हुए उसके लंड पर जोकि पैजामा पूरी तरह से गीला होने की वजह से राजू के लंड का आकार उसका अक्स एकदम साफ नजर आ रहा था जिसे देखकर खुद झुमरी के तन बदन में आग लगने लगी झुमरी ने अभी तक जवान लंड के दर्शन नहीं किए थे लंड के आकार के बारे में उसने सिर्फ कल्पना ही की थी उसे देखी नहीं थी लेकिन आज पहली बार राजू के पजामे में खड़े लंड को देखकर उसकी दोनों टांगों के बीच अजीब सी हलचल होने लगी थी वह तुरंत अपनी नजरों को नीचे झुका ली थी और राजू को भी इस बात का आभास नहीं था वह भी कपड़े लेकर वापस नीचे बैठकर कपड़े धोना शुरू कर दिया था,,,,
अभी तक झुमरी के लिए सब कुछ सही चल रहा था लेकिन संजू के लंड का नजारा देखकर वह असहज महसूस कर रही थी,,, देखते ही देखते झुमरी का भी कुर्ती पूरी तरह से पानी में गीला हो गया था और उसमें से भी झुमरी की लाजवाब गोल-गोल नारंगी एकदम साफ नजर आने लगी थी जिस पर बार-बार राजू की नजर चली जा रही थी कपड़े धोते समय झुमरी चोर नजरों से राजू की तरफ देखी तो उसकी नजरों को अपनी छातियों की तरफ पाकर वो एकदम से शर्म से पानी पानी हो गई वह अपनी नजरों को नीचे छुड़ाकर अपनी छातियों की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए उसकी चूची एकदम साफ झलक रही थी उसका आकार कुर्ती में होने के बावजूद भी एकदम साफ नजर आ रहा था जिसे राजू अपनी प्यासी आंखों से देख रहा था अब झुमरी के लिए यह राजू का देखना असहनीय होता जा रहा था उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी ऐसा लग रहा था कि मानो राजू अपनी नजरों से उसके बदन में चीकोटी काट रहा हो वह कसमसा रही थी,,,, झुमरी अपनी छातियों को ढक लेना चाहती थी लेकिन राजू की आंखों के सामने ऐसा करने से वह और भी ज्यादा शर्म का अनुभव करने लगती है इसलिए ऐसा करने से हिचकी आ रही थी वह ऐसा जता रही थी कि मानो राजू की हरकत का उसे अंदाजा ही नहीं है,,,, देखते ही देखते सारे कपड़े दोनों ने मिलकर धो दिए थे अब उन्हें सूखने के लिए डालना था और इसीलिए राजू फिर से खड़ा हो गया और इस बार गीले पजामे में से राजू के लंड का आकार एकदम साफ नजर आने लगा एक बार फिर से झुमरी उस दृश्य को देखकर गनगना गई,,,, राजू को तो इस बात का अहसास तक नहीं था कि झुमरी उसके पजामे में उसके टनटन आए हुए लंड को देख रही है वह अपनी ही मस्ती में मशगूल था वह गीले कपड़ों को लेकर सूखने के लिए डालने लगा जंगली झाड़ियां उगी हुई थी उसी पर वह एक-एक करके सारे कपड़ों को डाल रहा था और झुमरी भी उसके साथ में उसका हाथ बंटा रही थी,,, दोनों करीब-करीब एकदम पास में ही खड़े थे बस दोनों के बीच 2 फुट की ही दूरी थी राजू भी गीले कपड़ों को सूखने के लिए डाल रहा था और झुमरी भी गीले कपड़ों को सूखने के लिए जा रही थी लेकिन उसकी तिरछी नजर राजू के पजामे पर टिकी हुई थी जिसमें उसका मोटा तगड़ा लंड झुमरी के होश उड़ा रहा था राजू को इस बात का आभास तक नहीं था लेकिन जैसे ही वह झुमरी की तरफ देखा और उसकी झुकी हुई नजरों को अपने पजामे की तरफ देखा तो उसके भी तन बदन में आग लग गई उसे अब जाकर इस बात का अहसास हुआ कि पजामे के अंदर उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका है,,,, झुमरी के सामने उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह झुमरी की नजरों से अपने लंड को छुपाए या इसी तरह से सब कुछ चलने दे,,,,, झुमरी की आंखों के सामने अपने टनटनाए लंड को ढकना यह हरकत झुमरी को शर्मिंदा कर सकती थी इसलिए राजू इस तरह की हरकत करना नहीं चाहता था इसलिए जैसा चल रहा है वैसा ही वह अनजान बनकर चलने देना चाहता था राजू को अब मजा आने लगा था क्योंकि झुमरी उसकी मर्दानगी की तरफ देख रही थी झुमरी के तन बदन में और ज्यादा आग लगाने के लिए राजू अपने गीले हो चले कुर्ते को झुमरी की आंखों के सामने ही उतार दिया और कुर्ते को उतारते ही राजू की चौड़ी छाती एकदम नंगी हो गई और यह देखकर झुमरी के बदन में हलचल सी होने लगी,,,,,,,,, राजू की चौड़ी नंगी छाती सुनहरी धूप में चमक रही थी,, राजू की नंगी चौड़ी छाती की तरफ देखकर झुमरी शर्मा रही थी,,, राजू अपने कुर्ते को अपने हाथों में लेकर उसका पानी गारते हुए बोला,,,।

मैं भी पूरा भीग गया इसे भी सुखाने के लिए डालना पड़ेगा,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने खिले कुर्ते को झाड़ियों पर रखकर सूखने के लिए छोड़ दिया झुमरी वापस उसी जगह पर आ गई थी उसे नहाना था,,,, लेकिन राजू की मौजूदगी में उसे नहाने में शर्म आ रही थी हालांकि पहली मुलाकात में ही राजू है झुमरी को संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में नहाते हुए देखा था लेकिन इस बात से उस समय झुमरी अनजान थी इसलिए उस समय उसे शर्म का एहसास नहीं हुआ था लेकिन आज राजू से उसे शर्म आ रही थी राजू की उसी जगह पर आ गया था जानबूझकर राजू झुमरी की आंखों के सामने ही खड़ा था ताकि झुमरी की नजर उसके तने हुए लंड पर चला जाए और ऐसा ही हो रहा था झुमरी चोर नजरों से राजू के पजामे की तरफ देख रही थी और उसे देख कर अंदर ही अंदर सिहर उठ रही थी,,,,। झुमरी को इस तरह से खड़ी देखकर राजू बोला,,,।

अब बोलो झुमरी क्या करना है,,,?

करना क्या है मुझे नहाना है,,,


तो नहाओ ना,,,

तुम्हारे सामने नहीं नहीं तुम जाओ मैं नहा लूंगी,,,

अब क्यों शर्मा रही हो जानती हो ना मैं तुम्हें नहाते हुए देख चुका हूं और वह भी एकदम नंगी,,,
(राजू के मुंह से अपने लिए नंगी शब्द सुनकर झुमरी के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी,,,, फिर भी वह जानबूझकर राजू के शब्दों पर गौर ना करने का बहाना करते हुए सहज रूप से बोली,,,)

अरे वह तो अनजाने में ही लेकिन अभी तो मैं सब कुछ जान रही हो ना अभी चले जाओ मुझे शर्म आ रही है,,,

तुम्हें शर्म आ रही है लेकिन मुझे तो अच्छा लग रहा है एक बार फिर से मैं तुम्हें उसी हालत में देखना चाहता हूं जैसा कि मैं पहली बार देखा था मेरी आंखें फटी की फटी रह गई थी तुम्हारे नंगे बदन को देख कर,,,,,(राजू झुमरी के साथ थोड़ा खोलना चाहता था इसलिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग कर रहा था और ऐसा शब्दों का प्रयोग झुमरी के सामने करते हुए उसके लंड का कड़क पन और ज्यादा बढ़ रहा था जिस पर बार-बार झुमरी की नजर चली जा रही थी और उसे देखकर उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल हो रही थी,,,,)

वह तो अनजाने में उस समय की बात कुछ और थी अभी चले जाओ,,,

झुमरी तुम खामखा शर्म कर रही हो और वह भी मेरे सामने तुम जानती हो मैं तुमसे प्यार करता हूं और वह भी सच्चा प्यार झुमरी मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं तुम्हारे साथ अपना जीवन को जानना चाहता हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि तुमसे अच्छी खूबसूरत मुझे दूसरी जीवनसाथी नहीं मिल सकती क्या तुम मुझसे शादी करना चाहोगी,,,,

यह क्या कह रहे हो राजू,,,,(झुमरी शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमाते हुए ) मुझसे इस तरह की बात मत करो मुझे शर्म आती है,,,, तुम यहां से चले जाओ,,,

चला जाऊंगा लेकिन पहले एक बात का खुलासा कर दूं क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो या नहीं या फिर मैं खामखा तुम्हारे पीछे अपना समय बर्बाद कर रहा हूं,,,
(राजू के मुंह से प्यार का इजहार सुनकर झुमरी के तन बदन में उत्तेजना के साथ-साथ आनंद की फुहार फूटने लगी वह राजू के मुंह से यही सुनना चाहती थी क्योंकि वह भी राजू से विवाह का सपना देखने लगी थी लेकिन अपने प्यार का इजहार करने में उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी हिम्मत करते हुए वह बोली)

राजू मैं भी तुमसे प्यार करती हूं अब और मुझसे मत पूछो चले जाओ यहां से मुझे शर्म आ रही है,,,
(राजू झुमरी के मुंह से यह सुनकर एकदम खुशी से चूमने लगा और एकदम प्रसन्न होते हुए बोला)

बस बस झुमरी मुझे मेरे सवाल का जवाब देकर तुमने मुझे खुश कर दी हो मैं चला जाता हूं तुम नहा लो लेकिन उस दिन की तरह ही नहाना एकदम नंगी होकर क्योंकि तुम नंगी होकर जब भी नहाती हो बहुत खूबसूरत लगती हो ऐसा लगता है कि स्वर्ग से कोई अप्सरा नीचे धरती पर उतर आई हो,,,।
(राजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर झुमरी अंदर ही अंदर बेहद प्रसन्न होने लगी और राजू इतना कहकर जाने लगा झुमरी उसे रोक लेना चाहती थी उसे अपनी आंखों के सामने बैठ आना चाहती थी और उसकी ही बातों को मानते हुए अपने कपड़े उतार कर उसके सामने नंगी रहना चाहती थी लेकिन ऐसा करने में उसे शर्म महसूस हो रही थी वह कैसे भला राजू को रोक लेती है और उसकी आंखों के सामने अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाती इसलिए वह उसे जाते हुए देखती रही थोड़ा दुख से हो रहा था लेकिन फिर भी अपने मन को इस बात से मना ली थी कि राजू उससे प्यार करता है और उससे शादी करना चाहता है देखते ही देखते राजू उसकी आंखों से ओझल हो गया और वह राजू के ख्यालों में खो कर धीरे-धीरे अपने कपड़े उतार कर नंगी होने लगी,,,, अपनी गीले कपड़ों को उतारते हुए वह बार-बार उसी दिशा में देख ले रही थी जहां से राजू गया था,,,

Wah Rohnny Bhai,

Bahut hi behtreen ayr uttejna se bharpur update he...........

Jhumri aur Raju ki shadi bhi badi aasani se ho jayegi................kyunki jhumri ki maa aur bhai, dono hi raju ke kaabu me he.........

Keep posting Bhai
 

rohnny4545

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राजू का यूं चले जाना झुमरी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था,,,,, ना जाने क्यों अब उसके मन में यह भावना जागने लगी थी कि काश राजू उसकी आंखों के सामने खड़ा होता और वह उसकी आंखों के सामने अपने बदन से एक-एक कपड़े उतार कर उसके सामने नंगी होती लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था राजू को वो खुद जाने के लिए बोली थी क्योंकि उसे शर्म का एहसास हो रहा था आखिरकार वह कैसे कह दे कि तुम खड़े हो मैं अपने कपड़े उतार कर नंगी होती है एक लड़की के लिए यह पल बेहद अजीब होता है और वैसे भी झुमरी और राजू आपस में इतने खुले भी नहीं थे भले ही दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन दोनों के बीच अभी भी एक दूरी थी जो कि बेहद सीमित रूप से थी दोनों के बीच, भले ही प्रेम संबंध का रिश्ता पनप रहा था लेकिन इस तरह का खुलापन बिल्कुल भी नहीं था कि दोनों एक दूसरे के सामने कुछ भी करने को तैयार हो जाए लेकिन एक प्रेमिका होने के नाते झुमरी को अपने प्रेमी को इस तरह से नाराज नहीं करना चाहिए था यह सा महसूस हो रहा था और उसे दुख भी हो रहा था,,,,,, मन मसोसकर झुमरी अपने बदन से एक-एक करके कपड़ों को उतारना शुरू कर दी थी चिलचिलाती धूप में खेतों के बीच ट्यूबवेल के पास झुमरी राजू के ख्यालों में खोई हुई नंगी होने की तैयारी कर रही थी हालांकि वह अपने सारे कपड़े उतार कर कभी भी नंगी होकर इस तरह से खेत में नहीं आती थी लेकिन आज राजू की बात सुनकर ना जाने क्यों अपने बदन से एक-एक करके सारे कपड़ों को उतार दी चली जा रही थी ‌ पहले कुर्ती कुर्ती के उतारते हैं उसकी मदमस्त कर देने वाली दोनों नौरंगिया अपना जलवा बिखेरने लकी छातियों की शोभा बढ़ा रही उसकी दोनों नौरंगिया बहुत ही सीमित आकार में थी लेकिन बेहद जानलेवा आकर्षक नजर आ रही थी,,,,,, अपनी चुचियों की तरफ नजरे नीचे करके देखने पर झुमरी को अफसोस हो रहा था कि क्या फायदा अगर राजू की नजर इस पर ना पड़े तो यही सोचकर वह अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी वह अपने मन में यह सोच रही थी कि कहां सर आज उसकी आंखों के सामने खड़ा होता है तो उसके सामने कपड़े उतारने में कितना मजा आता भले ही वह शर्म से शर्मिंदा हो रही होती लेकिन फिर भी एक अद्भुत सुख उसके तन बदन में हिचकोले खा रहा होता,,,,, वह राजू के ख्यालों में खोई हुई धीरे-धीरे अपनी सलवार की डोरी खोल रही थी इस बात से अनजान की राजू भले ही उसकी आंखों के सामने से ओझल हो गया था लेकिन घूम कर वह ठीक उसके पीछे मोटे से पेड़ के पीछे आकर खड़ा हो गया था और वहां खड़े होकर झुमरी की गतिविधियों को देखकर मस्त हो रहा था राजू अपनी आंखों से उसे कुर्ती उतारता हुआ देख लिया था उसकी नंगी चिकनी पीठ देखकर राजू अंदर ही अंदर उत्तेजित हुआ जा रहा था दूसरी तरफ झुमरी की नाजुक उंगलियां उसकी सलवार की डोरी में उलझी हुई थी जिसे व खींचकर अपनी सलवार को ढीली कर चुकी थी सलवार के ढीली होते ही राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा वह जानता था कि किसी भी पल झुमरी अपनी सलवार उतार कर नंगी हो जाएगी और उसके नंगे बदन को एक बार फिर से राजू अपनी आंखों से देख कर मस्त हो जाएगा,,,, झुमरी अपनी सलवार को उतारने के लिए थोड़ा सा आगे की तरफ झुक गई और सलवार को नीचे की तरफ खींचने लगी और देखते ही देखते उसकी उभरी हुई मदमस्त कर देने वाली गांड सुनहरी धूप में चमकने लगी यह देखकर राजू के तन बदन में आग लगे हुए झुमरी की गांड की दोनों फांकें एकदम जलवा बिखेर रही थी गांड की बीच की फांक इतनी गहरी थी कि राजू का मन उसमें डूब जाने को कर रहा था,,, देखते ही देखते झुमरी अपने बदन पर से सलवार उतार कर एकदम नंगी हो गई नंगी होने का भी एक अपना अलग मजा होता है जिसका एहसास झुमरी को अच्छी तरह से हो रहा था यह दूसरा मौका था जब राजू झुमरी को पूरी तरह से नंगी देख रहा था,,,,,।
Jhumari

झुमरी की खूबसूरत जवानी से छलकती हुई नंगा बदन देखकर राजू का लैंड अपने आप ही खड़ा होने लगा था हालांकि वह झुमरी से गंदा नहीं बल्कि सच्चा प्यार करता था लेकिन फिर भी अपनी आंखों के सामने अपनी प्रेमिका को लगना अवस्था में देखकर उसकी भावनाएं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही थी वह ना चाहते हुए भी उसका लंड खड़ा होने लगा था आखिरकार कर भी क्या सकता था राजू अपने मन पर काबू कर सकता था लेकिन उसका लंड बिल्कुल भी नहीं क्योंकि लंड की बेहद पसंदीदा और खूबसूरत चीज उसकी आंखों के सामने थी एक खूबसूरत लड़की की गांड हालांकि अभी तक ना तो राजू ने और ना ही उसके लंड ने झुमरी की बुर के दर्शन नहीं किए थे लेकिन फिर भी इस बात का एहसास उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर दे रहा था कि उसकी आंखों के सामने झुमरी पूरी तरह से नंगी है उसकी खूबसूरत बेशकीमती खजाने को छुपाने के लिए उसके पास कपड़े का एक रेशा तक नहीं है,,,,,, क्योंकि अपने बदन से उतारे हुए कपड़े भी वह पानी में गिरा कर उसे गिला कर चुकी थी और सूखे कपड़े घास फूस की बनी झोपड़ी में रखे हुए थे वहां तक जाने के लिए भी उसे नंगी ही जाना पड़ता ऐसे हालात में राजू का उसकी आंखों के सामने आ जाना बेहद उत्तेजनात्मक स्थिति को पैदा कर सकता था लेकिन राजू अभी अपने आप को रोके हुए था मोटे से पेड़ के पीछे छुप कर वह अपने पूरे अस्तित्व को छुपा लिया था झुमरी को इस बात की भनक तक नहीं थी कि उसके ठीक पीछे ही बड़े से पेड़ के पीछे है राजू छुपा हुआ है उसके नंगे बदन को अपनी आंखों से देख रहा है अगर शायद यह उसे पता चल जाता तो उसकी बुर से मदन रस टपकने लगता,,,,।

खेतों के बीच का यह स्थान पूरी तरह से मदहोशी में गर्म होता चला जा रहा था वातावरण की गर्मी से ज्यादा राजू को झुमरी की मदमस्त कर देने वाली जवानी की गर्मी महसूस हो रही थी,,, देखते ही देखते राजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था,,, झुमरी अपनी गोलाकार गांड को वहीं रखे बड़े से पत्थर पर रखकर बैठ गई और ट्यूबवेल की पाइप से गिर रहे पानी को अपने हाथों में लेकर अपने बदन पर गिराने लगी बदन की गर्मी ठंडे पानी से थोड़ी बहुत राहत महसूस करवा रही थी लेकिन झुमरी को बिल्कुल भी सुकून नहीं था वह एकदम से गिरे पानी के नीचे सर रखकर बैठ गई और देखते-देखते पानी ने पूरी तरह से झुमरी को अपनी बाहों में लेकर उसे अपने शीतलता में भिगो दिया,,, झुमरी का बदन पूरी तरह से पानी में गीला हो गया उसके खुले हुए बाल पानी में भीग कर और भी ज्यादा खूबसूरत नजर आने लगे अभी तक राजू को सिर्फ उसकी पीठ ही नजर आ रही थी और झुमरी तुरंत साबुन लेने के लिए राजू की तरफ घूम गई और राजू को उसकी गोल-गोल चूचियां नजर आने लगी हालांकि वह उस समय भी बैठे हुई थी इसलिए उसकी बुर को कितनी दूरी से देख पाना नामुमकिन सा लग रहा था क्योंकि पानी भी लगातार उसके बदन पर गिर रहा था जिससे उसकी बुर वाली जगह पानी की धार के पीछे छि‌प सी गई थी और ऐसा लग रहा था कि जैसे पानी की धार भी झुमरी की मदद करते हुए राजू को तड़पाने में अपना अहम भूमिका निभा रही हो,,,, साबुन को पाते ही झुमरी फिर से सामने की तरफ मुंह करके बैठ गई और अपने बदन पर साबुन लगाना शुरू कर दी अपनी गीले बालों पर साबुन लगाकर उसके झाग में नहाई हुई जो मरी और भी ज्यादा खूबसूरत और मादक लग रही थी देखते ही देखते झुमरी अपने पूरे बदन पर साबुन लगा दी थी लेकिन पीठ तक उसका हाथ पहुंचने पा रहा था वह बार-बार कोशिश कर रही थी लेकिन ठीक तरह से उसका हाथ पीठ पर पहुंच नहीं पा रहा था इसलिए राजू किस बात का एहसास हो गया था कि यही उसके पास मौका है झुमरी की आंखों के सामने आने का इसलिए वह चोर कदमों से उस बड़े से पेड़ के पीछे से बाहर निकला और धीरे-धीरे झूमर की तरह बाकी बढ़ने लगा और ठीक उसके पीछे पहुंचकर बोला,,,।

तुम्हें दिक्कत ना हो तो मैं लगा दूं साबुन,,,

(इतना सुनते ही झुमरी एकदम से चौक गए वह एकदम से घबरा गई और पीछे मुड़कर देखी तो उसके ठीक पीछे राजू खड़ा था राजू को अपने पीछे खड़ा देखकर उसकी जान में जान आई लेकिन उसकी आंखों के सामने एक बार फिर से नंगी होने के नाते वह अपने नंगे बदन को छुपाने की कोशिश करने लगी वह अपने आप में ही सिमटने लगी,,, झुमरी की मर्जी जाने बिना राजू ठीक उसके पीछे बैठ गया और उसके हाथ से साबुन लेकर उसकी नंगी चिकनी पीठ पर लगाना शुरू कर दिया एक मर्दाना हाथों को अपने बदन पर झुमरी पहली बार महसूस कर रही थी झुमरी का रोम-रोम एकदम झनझना जा रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, उसके सपनों का राजकुमार ठीक उसके पीछे बैठकर उसकी नंगे बदन पर साबुन लगा रहा था यह एहसास ही उसके लिए बहुत ज्यादा मायने रखता था एक अद्भुत सुख उसके पूरे बदन में घर कर गया था,,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की हालत खराब होती जा रही थी उसे साफ महसूस हो रहा था कि पानी की धार में भी उसकी बुर पानी फेंक रही थी राजू अपने आप को खुश किस्मत समझता हुआ झुमरी के गोरे नंगे बदन पर साबुन ऊपर से नीचे की तरफ लगा रहा था वह जिस पर पत्थर पर बैठी हुई थी उस पर बैठने की वजह से उसकी गोलाकार शुगड गांड थोड़ी सी फैली हुई नजर आने लगी थी और उसके बीच की पतली दरार का ऊपर का बिंदु साफ नजर आ रहा था जिसे देखकर राजू का लंड तना जा रहा था,,,,,।

चिलचिलाती धूप में भी शीतल हवा बह रही थी जिससे राजू और झुमरी दोनों को राहत महसूस हो रही थी,,, झुमरी एकदम शांत हो चुकी थी अपने व्यक्तित्व से विरुद्ध वह कुछ भी नहीं बोल पा रही थी वह कभी भी शांत रहने वाली नहीं थी वह कभी भी किसी को कुछ भी बोल देती थी खास करके उन लड़कों को जो उससे इधर-उधर की गंदी बातें कर देते थे उन्हें वह झाड़ देती थी लेकिन इस समय वह एकदम मूक हो चुकी थी क्योंकि इस समय वह अपने प्रेमी के आगोश में थी अपने प्रेमी के हाथ को अपने नंगे बदन पर महसूस कर रही थी और इसी का फायदा राजू पूरी तरह से उठा देना चाहता था झुमरी को कुछ भी ना बोलता देखकर और ना ही उसका विरोध करता देखकर राजू की हिम्मत बढ़ने लगे बस तुरंत अपने दोनों हाथों को साबुन लगाने के बहाने पेट से होते हुए आगे की तरफ लाया और उसकी नंगी चूचियों पर साबुन लगाने के बहाने अपनी दोनों हथेली में उसकी दोनों नारंगीयो को लेकर दबाना शुरू कर देना,,, झुमरी के लिए यह सब कुछ नया था उसके तन बदन में राजू की हरकत से आग लग गई उसके बदन से उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राजू इस तरह की हरकत कर देगा लेकिन जो कुछ भी हो रहा था उससे ना जाने क्यों झुमरी कमजोर पड़ती जा रही थी राजू का विरोध करने की उसमें बिलकुल भी हिम्मत नहीं थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह खुद ही राजू को आगे बढ़ने की इजाजत दे रही हो,,,, साबुन के झाग फिसलती हुई झुमरी की नंगी चूचियां राजू की हथेली में सामान ही रही थी ऐसा नहीं थी कि झुमरी की चूचियां खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी हो थी तो वह नारंगी जैसी ही गोल-गोल लेकिन साबुन के झाग की फिसलन की वजह से वह राजू की हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,,, राजू झुमरी की चुचियों को उत्तेजना के मारे कसकस कर दबाना चाहता था लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था लेकिन उसकी यह हरकत झुमरी के तन बदन में उत्तेजना की फुहार भर दे रही थी जो कि उसकी गुलाबी छेद से बाहर आ रही थी,,,। धीरे-धीरे झुमरी की सांसे गर्म हो रही थी क्योंकि लगातार राजू झुमरी की चूची को दबा रहा था साबुन लगाने के बहाने उसके बदन से छेड़छाड़ ले रहा था और इसका विरोध झुमरी बिल्कुल भी नहीं कर रही थी क्योंकि उसके जवान बदन में जवानी की तरंगे उठ रही थी उसे पहली बार मर्द के स्पर्श का अनुभव हो रहा था उससे मिलने वाले आनंद को वह अपने अंदर महसूस करके एकदम मदहोश हुए जा रही थी,,,,।

राजू ईसमौके का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहता था,,, उसकी हथेलियां बड़ी तेजी से झुमरी की चुचियों पर चल रही थी झुमरी की चूचियां दबाने मुझे बेहद आनंद की अनुभूति हो रही थी क्योंकि उसकी चूचियां छोटी होने के बावजूद भी उसकी हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,, राजू की हरकत की वजह से उसके मुंह से सिसकारी की आवाज आने लगी,,,।

सहरहहहह आहहहरहह राजू यह क्या कर रहा है,,,,ऊममममम


कुछ नहीं झुमरी तुम्हारी खूबसूरत चूची का नाप ले रहा हूं ताकि जब हम दोनों का विवाह होगा तो तुम्हारे नाप का ब्लाउज सिलवा सकूं,,,

आहहहहह राजू क्या सच में तू मुझसे शादी करेगा,,,


हां झुमरी मैं तुझसे प्यार करता हूं सच्चा प्यार करता हूं मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं और तुझसे ही शादी करके रहूंगा,,,,(वास्तविकता यही थी कि राजू सच में झुमरी से शादी करना चाहता था अपना घर गृहस्ती बसाना चाहता था लेकिन इस समय राजू विवाह का वास्ता देकर झुमरी को पूरी तरह से अपने वश में कर लेना चाहता था क्योंकि वह सुम्मरी के व्यक्तित्व से अच्छी तरह से वाकिफ था,,,,)

ओहहहह राजू छोड़ मुझे कोई देख लेगा,,,

यहां कोई नहीं आने वाला झुमरी इतनी खड़ी दुपहरी में गांव के लोग घर में ही सोते हैं उन्हें फुर्सत नहीं होती खेतों में आने की,,,,,(ईतना कहने के साथ ही राजू झुमरी के गर्दन के ऊपरी हिस्से पर चुंबन की बारिश कर दिया राजू को इस बात की अच्छी तरह से पता था कि औरतें कान और गले के बीच में चुंबन करने से और ज्यादा उत्तेजित हो जाती है और यही हो रहा था झुमरी के तन बदन में आग लग रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था एक तरह से झुमरी ने किसी के आने का बहाना देकर राजू को और भी आगे बढ़ने की इजाजत दे दी थी क्योंकि उसमें उसकी भी हा थी,,,, झुमरी की सांसें फूल रही थी फिर भी वह गहरी सांस लेते हुए बोली,,)

कोई आ गया तो राजू,,,,

कोई नहीं आने वाला झुमरी मेरा विश्वास करो ,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसकी दोनों टांगों के बीच उसकी दहकती हुई बुर पर रख दिया,,, अपनी बुर पर राजू की हथेली का स्पर्श होते ही वह एकदम से चौक गई क्योंकि उसके जीवन का यह पहला मौका था जब किसी मर्दाना हाथ को वह अपनी बुर पर महसूस कर रही थी वह पूरी तरह से बौखला गई थी उत्तेजना के चलते उसकी सांसे और ज्यादा तेजी से चलने लगी थी,,, और वह अपनी उखडती हुई सांसो के साथ राजू से बोली,,,)

ओहहहह राजू है क्या कर रहा है मैं पागल हो जाऊंगी,,,


कुछ नहीं अपनी होने वाली बीवी से प्यार कर रहा हूं,,
(राजू के मुंह से अपने लिए बीवी शब्द सुनकर झुमरी के तन बदन में खुशी के साथ-साथ उत्तेजना की लहर और ज्यादा उठने लग रही थी,,,,)

आहहहहह राजू ऐसा ना करो मैं मर जाऊंगी,,,,
(इतना कहते हुए झुमरी मदहोशी के हालत में पूरी तरह से अपनी पीठ को राजू की छाती से टिका दी थी वैसे भी राजू कमर के ऊपर से पूरी तरह से लगा था नंगी पीठ का स्पर्श अपने बदन पर होते ही राजू का लंड और ज्यादा टनटना गया जो कि सीधे पजामे में होने के बावजूद भी झुमरी की पीठ पर ठोकर मार रहा था,,, जोकि बिल्कुल भी अनुभव ना होने के बावजूद भी झुमरी को इस बात का एहसास तो हो गया था कि उसकी पीठ पर क्या चुप रही है और इस बात का एहसास सेवा पूरी तरह से उत्तेजना के मारे गनगना गई थी और देखते ही देखते वह अपने संपूर्ण वजूद को राजू की नंगी छाती पर टिका दी थी,,,, राजू लगातार एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी बुर की हालत खराब कर रहा था,,,,, और ऊपर से ट्यूबवेल की पाइप में से पानी गिर रहा था जो कि दोनों के बदन को भी हो रही थी दोनों एक साथ ट्यूबवेल के पानी के नीचे नहा रहे थे और आनंद ले रहे थे,,,,, झुमरी की हालत को देखते हुए राजू समझ गया था कि अब झुमरी पूरी तरह से लाइन पर आ गई है और देखते ही देखते वह अपनी एक उंगली को उसकी बुर के अंदर घुसेडना शुरू कर दिया बुर पहले से ही पानी छोड़ रही थी इसलिए देखते ही देखते राजू अपनी उंगली को उसकी बुर के अंदर प्रवेश कराना शुरू कर दिया था और,,, जैसे ही झुमरी को इस बात का एहसास हुआ वह तुरंत अपना हाथ राजू के हाथ पर रख कर उसे रोकने की कोशिश करते हुए बोली,,,,)

नहीं राजू नहीं,,,,, मुझे शर्म आ रही है,,,

झुमरी मेरी रानी अपने होने वाले पति से शर्माने की जरूरत नहीं है अगर शर्म आओगी तो अपने पति से मजा कैसे ले पाओगी,,,
(राजू अपनी बातों में झुमरी को पूरी तरह से उलझा रहा था और झुमरी राजू की इस तरह की बातें सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी,,,, देखते ही देखते राजू अपनी मनमानी करते हुए झुमरी की बुर में अपनी एक उंगली को अंदर तक प्रवेश करा दिया अंदर उंगली जाते हैं राजू को इस बात का अहसास हो गया कि झुमरी की जवानी बहुत ज्यादा गर्म है क्योंकि उसकी बुर के अंदर उसकी उंगली पूरी तरह से तप रही थी,,,, राजू को मजा आ रहा था राजू एक हाथ से उसकी चूची और दूसरे हाथ से उसकी बुर से खेल रहा था जिस पर झुमरी ने आज तक किसी की नजर तक नहीं पड़ने दी थी हाथ लगाने की तो बात ही दूर थी लेकिन राजू की किस्मत बड़े जोरों पर थी क्योंकि झुमरी मन ही मन राजू को पसंद करती थी उसे पति के रूप में देखना चाहती थी इसलिए राजू को अपने बदन से खेलने की इजाजत दे रही थी वरना उसकी जगह कोई और होता तो हंसीया से उसका हाथ काट देती,,,,

राजू को इस खेल में मजा आने लगा था खड़ी दुपहरी में खेतों के बीच यहां और कोई नहीं था खुले में कुछ और ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी झुमरी का तो यह पहली बार था इसलिए उसके तन बदन में अजीब सी लहर उठ रही थी जिसे संभालना उसके लिए नामुमकिन सा होता जा रहा था बार-बार उसकी बुर पानी फेंक दे रही थी और राजू तो इस खेल में पूरी तरह से माहिर हो चुका था उसे इस बात का अच्छी तरह से ज्ञान था कि औरतों को कैसे खुश किया जाता है कैसे उन्हें अपने बस में किया जाता है और वही सारा तरीका वहां झुमरी के पक्ष में लगा रहा था और झुमरी भी उसके तरीकों से पूरी तरह से मदहोश ‌हुए जा रही थी,,,,,, राजू अपनी उंगली को झुमरी की बुर में डाल कब से अंदर बाहर कर रहा था एक तरह से वह झुमरी की चुदाई करना शुरू कर दिया था यह चुदाई करने से पहले प्रारंभ का सबक था जिसमें औरत या लड़की को पूरी तरह से अपने वश में करने का यही एक बेहद सक्षम तरीका होता है लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है जिस पर मेहनत करके राजू पार हो चुका था देखते ही देखते राजू अपनी उंगली का सहारा लेकर झुमरी की बुर में अपने लिए जगह बना रहा था क्योंकि इस बात से वह भी अच्छी तरह से वाकिफ था कि झुमरी पहली बार चुदाई के लिए तैयार हो रही है और उसका लंड मोटा और लंबा है ऐसे हालात में उसकी बुर में सीधे-सीधे डाल देना उचित नहीं था,,,, इसलिए राजू समझदारी और चालाकी से काम ले रहा था झुमरी पूरी तरह से अपनी नंगी पीठ को राजू की नंगी छाती पर टिकाए हुए थी झुमरी की हालत को देखकर राजू समझ गया था कि झुमरी पूरी तरह से उसके पास में हो चुकी है इसलिए धीरे से उठा और ठीक उसके सामने आकर खड़ा हो गया,,, पानी में पैजामा पूरी तरह से भीग चुका था झुमरी की नजर जैसे ही भीगे हुए पजामे के अंदर छुपे उसके मोटे टनटनाते लंड पर पड़ी वह एकदम से घबरा गई,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे वहां इंसान का नहीं बल्कि गधे का लंड देख ली हो,,,, झुमरी की घबराहट राजू ने उसके चेहरे से पढ़ लिया था इसलिए झुमरी से बोला,,,।

क्या हुआ झुमरी मेरी रानी ऐसे क्यों देख रही हो,,,
(राजू की बात सुनते ही वह नजर उठा कर राजू की तरफ देखी और वापस पजामे की तरफ देखने लगी उसके पास कहने के लिए कोई शब्द नहीं थे वह शर्मा भी रही थी और उत्सुक भी थी राजू के लंड को देखने के लिए और वह भी एकदम नंगा,,, झुमरी की खामोशी में ही उसकी हा थी इस बात को राजू अच्छी तरह से समझ गया था इसलिए उसकी आंखों के सामने ही वह अपना पजामा उतारना चाहता था लेकिन तभी उसे कुछ याद आया वह झुमरी को और ज्यादा गर्म कर देना चाहता था इसलिए पैजामा उतारे बिना ही वह अपने घुटनों के बल बैठ गया और उसकी दोनों टांगों को घुटनों से पकड़ कर उसे फैलाने लगा ऐसा करने से झुमरी एकदम से सकते में आ गई और अपने दोनों टांगों को आपस में हटा दी क्योंकि वह समझ गई थी कि राजू क्या देखना चाहता है,,,,,)

नहीं राजू मुझे शर्म आ रही है,,,,

पहली बार तो शर्म आती है मेरी जान लेकिन फिर धीरे-धीरे मजा आने लगता है और वैसे भी किसी गैर के सामने तुम अपनी टांगें थोड़ी खोल रही हो मैं तो तुम्हारा होने वाला पति हूं तुमसे शादी करके तुम्हें अपने घर लेकर आऊंगा तब तो रोज तुम्हारी चुदाई करूंगा तब क्या करोगी,,,
(राजू के मुंह से चुदाई करने वाली बात सुनकर झुमरी एकदम से शर्मा गई और शर्मा कर दूसरी तरफ अपनी नजर कुमारी और इसी पल का फायदा उठाते हुए राजू ने तुरंत उसके दोनों घुटनों को एक दूसरे के विरुद्ध फैला दिया उसकी टांगे खुलते ही राजू को उसकी गुलाबी फूल और वह भी एकदम कचोरी की तरह फूली हुई नजर आने लगी,,, राजू के लिए नजारा उसका देखे गया सबसे बेहतरीन हजारों में से एक था क्योंकि वह झुमरी से प्यार करता था उसकी गुलाबी बुर को देखना उसका सपना का इसलिए इस समय वह पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो गया झुमरिया देखकर अंदर ही अंदर गदगद हुए जा रही थी कि राजू उसकी बुर को प्यासी नजरों से देख रहा है झुमरी कुछ कर पाती या कुछ बोल पाती इससे पहले ही राज उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से खोलते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी गीली बुर पर रख दिया और ऐसा करते ही झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे समझ में नहीं आया कि यह राजू ने क्या किया क्योंकि उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि मर्द औरत की बुर भी चाटते हैं क्योंकि उसने आज तक ना तो इस बारे में कभी सोची थी ना ही कभी अपनी आंखों से उसे यह सब देखने का मौका मिला था इसलिए उसके लिए सब कुछ नया था राजू पलभर में ही झुमरी को पूरी तरह से अपनी आगोश में ले लिया वह पूरी तरह से ध्वस्त होने लगी राजू की मर्दानगी के आगे घुटने टेकने लगी उसकी टांगे कांपने लगे यह अवसर उसके लिए बेहद अद्भुत और अविस्मरणीय था,,,।

गर्मी के दिन में जब पूरा गांव अपने घर में आराम कर रहा था तब झुमरी और राजू खेतों में कपड़े धोते-धोते कब काम क्रीड़ा का आनंद लेने लगे दोनों को पता ही नहीं चला राजू पूरी तरह से अपनी जीभ का जादू झुमरी की‌ बुर के ऊपर चला रहा था और राजू का जादू काम भी कर रहा था बुरी तरह से झुमरी गहरी गहरी सांस ले रही थी वह आनंद के सागर में गोते लगाना शुरू कर दी थी उसे मजा आने लगा था वह कभी सोची भी नहीं थी कि इस तरह के खेल में इतना मजा आता है वह पागलों की तरह गहरी गहरी सांस लेते हुए गरम सिसकारी ले रही थी जो कि इस समय उसकी गर्म सिसकारी को सुनने वाला वहां कोई नहीं था,,,, राजू पूरी तरह से झुमरी की गर्म जवानी का रस अपनी जीभ से निचोड़ रहा था और अपने गले में गटक रहा था,,,,, झुमरी पागलों की तरह अपना सर इधर उधर भटक रही थी वह भी बड़े से पत्थर पर बैठे हुए थी जिस पर बैठने की वजह से उसकी गांड थोड़ी चौड़ी नजर आने लगी थी और राजू उसकी कमर थामें हुए अपनी जीभ अंदर तक डाल रहा था,,, झुमरी की बुर लगातार पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से वह चिपचिपी हो गई थी उसके चिपचिपे पन का फायदा उठाते हुए राजू कब उसकी बुर में अपनी एक ऊंगली डाल दीय५उसे पता ही नहीं चला और उसे अंदर बाहर कर बुर को चाटने आनंद लेने लगा,,,।

झूमरी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी जिसकी गहरी सांस एस बात का सबूत था कि वह पूरी तरह से आनंद के सागर में गोते लगा रही हो ईसी पल का राजू को इंतजार भी था हुआ समझ गया था कि लोहा पूरी तरह से गरम हो चुका है उस पर थोड़ा चलाना जरुरी है इससे तुरंत अपना मुंह उसकी बुर से हटाकर खड़ा हो गया राजू का लंड पजामे के अंदर पूरी तरह से टनटना गया था जो कि पानी में गीला होने के बावजूद भी अपना असर दिखा‌ रहा था उसे देख झुमरी की बुर फिर से पानी छोड़ने लगी,,,, झुमरी को चोदने के लिए राजू उसकी इजाजत मांगना जरूरी नहीं समझ रहा था क्योंकि वह जानता था कि वह इंकार करेगी लेकिन अंदर से वह भी उसके लंड को अपनी बुर में लेना चाहती है,,,, इसलिए राजू झुमरी के ऊपर अपना आखिरी पाशा फेंकने जा रहा था वह तुरंत झुमरी की आंखों के सामने अपने पजामे को उतारने लगा झुमरी शर्मा रही थी उसकी तरफ देखने से कतरा रही थी,,, देखते ही देखते राजू झुमरी की आंखों के सामने एकदम नंगा हो गया उसका लंड हवा में लहरा रहा था आसमान की तरफ मुंह उठाए खड़ा था जब देखा कि झुमरी उसकी तरफ नहीं देख रही है तो राजू उसके खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हाथों में भर लिया और उसकी नजरों को अपने लंड की तरफ करते हुए बोला,,,।


शर्मा क्यों रही हो मेरी रानी तुम्हारा ही है तुम्हारे लिए ही तो खड़ा हुआ है तुम मुझसे प्यार नहीं करोगी तो कौन करेगा क्या तुम चाहती हो कि मैं किसी और लड़की से प्यार करूं किसी और को यह सुख दूं,,,,
(झुमरी शर्म के मारे अपनी आंखों को बंद किए हुए थे और राजू की बात सुनकर ना में सर हिला रहे थे यह देखकर राजू मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और फिर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)

चलो मेरी रानी जिस तरह से मैंने तुम्हारी बुर से प्यार किया हूं तुम भी मेरे लंड से प्यार करो,,,,(इतना कहने के साथ ही वह झुमरी कि खूबसूरत चेहरे को अपने हाथों में लिए हुए ही अपने लंड की तरफ आगे बढ़ाने लगा झुमरी को बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि राजू क्या करने वाला है और देखते ही देखते जैसे ही अपने होठों पर राजू के गर्म लंड का स्पर्श हुआ वह एकदम से चौक गई और अपनी आंखों को खोल दी,,,)

यह क्या कर रहे हो राजू,,,

तुम्हें प्यार करना सिखा रहा हूं,,,

ऐसे कोई प्यार होता है क्या,,,

क्यों मैंने भी तो तुम्हारी बुर से प्यार नहीं किया अपने हॉट से लगाकर ऐसे ही तो मर्द और औरत प्यार करते हैं,,,

क्या सच में ऐसा होता है,,,

हां झुमरी मेरी रानी एक बार इसे मुंह में लेकर चूसने देखो कितना मजा आता है,,,

नहीं मुझे गंदा लगता है,,,

कुछ गंदा नहीं है बस एक बार इसे मुंह में लो फिर तुम खुद ही से नहीं छोड़ोगी,,,
(इतना कहते हो राजू अपनी लैंड के गरम सुपाड़े को झुमरी के लाल-लाल होठों पर रगड़ना शुरु कर दिया इनकार करने के बावजूद भी झुमरी के तन बदन में आग लगने लगी और अपने आप ही उसके लाल लाल होंठ खुल गए और मौका देखते ही राजू अपने लंड के सुपाड़े को उसके लाल-लाल होठों के बीच डाल दिया,,,, पहले तो झुमरी को थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर जैसे-जैसे राजू ने बताया उस पर जीभ घुमाते हुए उसे मजा आने लगा और देखते ही देखते राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया कुछ ही देर में झुमरी को इतना आनंद आ रहा था कि पूछो मत वह खुद ही राजू की लंड को पकड़ कर उसे मुंह में लेकर चूसने आई थी देखते ही देखते उसकी शर्म हवा में फुर्र हो गई थी,,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था झुमरी को चोदने की ललक उसकी आंखों में साफ दिखाई दे रही थी वह तुरंत झुमरी के मुंह में से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसकी दोनों टांगों को उसी स्थिति में फैलाना शुरू कर दिया या देखकर झुमरी बोली,,,।

नहीं राजू यहां नहीं मुझे शर्म आ रही है कोई देख लिया तो गजब हो जाएगा,,,
(राजू की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी वह जल्द से जल्द अपने खड़े लंड को झुमरी की बुर में डाल देना चाहता था इसलिए गहरी सांस लेते हुए बोला,,)

तब,,,,,,

झोपड़ी में चलते हैं,,,
(झुमरी के मुंह से यह सुनकर आज एकदम खुश हो गया क्योंकि उसकी काम क्रीडा की हरकत पूरी तरह से काम कर चुकी थी झुमरी खुद अब चुदवाना चाहती थी इसलिए झुमरी को देखकर राजू मुस्कुराने लगा और वह कुछ समझ पाते इससे पहले ही वह आगे बढ़ कर उसे गोद में उठा लिया झुमरी एकदम से घबरा गई ,,, झुमरी उसे लगातार नीचे उतारने के लिए बोल रही थी लेकिन राजू उसे गोद में लिए हुए झोपड़ी की तरफ चला जा रहा था झुमरी हैरान थी राजू की ताकत को देखकर क्योंकि वह बिना डगमगाए बड़े आराम से उसे गोद में उठाए हुए चला जा रहा था यहां तक कि झुमरी का वजन थोड़ा ज्यादा था लेकिन फिर भी उसे जरा भी फर्क नहीं पड़ रहा था यह देखकर झुमरी के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी जाने लगी थी झुमरी को इस बात का डर था कि राजू उसे गिराना दे लेकिन राजू का आत्मविश्वास देखकर वह खुद करके रोए जा रही थी देखते-देखते राजू उसे गोद में उठाए हुए ही झोपड़ी के अंदर लेकर आया और घास फूस की ढेर में उसे लाकर पटक दिया अब राजू के लिए रोक पाना अपने आप पर काबू कर पाना असंभव था वह देखते ही देखते झुमरी कि दोनों टांगों को फैला दिया और,,, जैसे ही राजू को झुमरी की गुलाबी बुर नजर आई उसके मुंह में पानी आ गया और वहां अपने आप को रोक नहीं पाया घुटनों के बल बैठकर झुमरी को अपनी तरफ खींचा और उसकी आदि गांड को अपने घुटनों पर रख दिया झुमरी के लिए पहला मौका था जब वह किसी के लंड को अपनी बुर में लेने जा रही थी इसलिए उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसके मन में उत्सुकता बढ़ती जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अंदर जाने पर कैसा लगेगा और इसी कशमकश में वह अपनी आंखों को बंद कर चुकी थी,,,,

Raju or jhumari jhopdi me

झुमरी के चरित्र को देखकर राजू अच्छी तरह से जानता था कि जो मेरी पूरी तरह से कुंवारी लड़की है उसकी बुर में लंड डालना बड़ी मेहनत का काम है इसलिए मैं धीरे-धीरे ढेर सारा थूक लगाकर झुमरी की बुर पर अपने लंड के सुपाड़े को रखकर उसे धीरे-धीरे अंदर की तरफ ठेलने लगा,,, अभी सुपाड़ा मात्र एक अंगूर अंदर घुसा था कि झुमरी को दर्द महसूस होने लगा राजू समझ गया कि बड़े सावधानी से आगे बढ़ना है इसलिए वह अपने हाथों को आगे बढ़ाकर उसकी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया उसको उत्तेजित कर रहा था उसी उत्साह रहा था देखते ही देखते वह अपनी कमर का भी असर उसे दिखा रहा,,, था,,, झुमरी की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनते ही वह अपनी कमर को आगे की तरफ तेरा और आधा सुपाड़ा झुमरी की बुर में,, समा गया उसे दर्द हो रहा था लेकिन वह अपने दर्द को जेल गई थी उसे नहीं मालूम था कि आगे और भी दर्द होगा क्योंकि उसकी बुर में पहली बार लड़ने जा रहा था देखते ही देखते राजू ने थोड़ा सा और धक्का लगाया और लंड का पूरा सुपड़ा बुर की अंदर घुस गया अब जाकर झुमरी को दर्द का एहसास होने लगा उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल गई और राजू तुरंत आगे बढ़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिया और उसे चूसना शुरू कर दिया और उसी स्थिति में रुका रह गया वह जानता था कि झुमरी का पहली बार होने की वजह से हुआ है बर्दाश्त नहीं कर पाएगी और अगर एक बार उसने लंड बाहर निकाल लिया तो झुमरी फिर उसे दोबारा डालने नहीं देगी,,, इसलिए उसे समझाते हुए बोला,,,
Jhumri ki chudai karta hua raju

बस बस मेरी जान हो गया देखना इतना मजा आएगा कि तुम खुद मेरे लंड पर कुदोगी,,,,(और इतना कहते हुए उसकी चूची को से लाते हैं और उसके लाल-लाल होठों का रसपान करते हुए फिर से अपनी कमर को सहमत दिया और उसे धक्का मार कर आगे की तरफ फेंक दिया इस बार राजू का आधा लंड उसकी बुर के अंदर घुस गया अब झुमरी को और दर्द करना शुरू हो गया झुमरी अपना सर पटकने लगी अपना पाव इधर-उधर फेंकने लगे लेकिन राजू उसे अपने नीचे लिए हुए उसे काबू में रखे हुए था और उसकी चूची को पकड़कर दबा रहा था ताकि उसका दर्द कम हो जाए,,,)

बस बस हो गया मेरी जान बहुत खूबसूरत हो तुम झुमरी तुम्हारी खूबसूरती देखकर मैं पागल हो गया हूं इसीलिए तुम्हें बीवी बनाने का मैंने कब से उठा लिया था जबसे तुम्हें पहली बार नंगी नहाता हुआ देखा था उसी दिन मैंने निश्चय कर लिया था कि मेरे घर में बीवी बनकर आएगी तो सिर्फ झुमरी,, तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की पूरे गांव में तो क्या अगल-बगल के 10 गांव में मैंने आज तक नहीं देखा तुम जानती हो दिन भर में बैलगाड़ी लेकर इधर-उधर घूमता रहता हूं लेकिन तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखा इसलिए तो मैं तुम्हारा दीवाना हूं मेरी जान,,,
(राजू की बातों का जादू झुमरी के ऊपर छाने लगा था उसका दर्द कम होने लगा तो राजू अपनी बात को जारी रखते हुए बोला,,,)
तुम नहीं जानती झुमरी तुम्हें चोदने का मैं कबसे कल्पना करता था सपने देखता था ख्वाब देखता था मैं यही सोचता था कि तुम जिस दिन मेरे घर पर दुल्हन बन कर आओगे सारी रात तुम्हें प्यार करूंगा तुम्हें कपड़े पहनने नहीं दूंगा सारी रात तुम्हें नंगी करके रखूंगा और रात भर तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर रखूंगा,,,,(राजू की बातों में शहद खुला हुआ था मदहोशी भूली हुई थी मादकता छाई हुई थी जो कि पूरी तरह से झुमरी को अपनी आगोश में ले रही थी राजू के मुंह से निकला एक-एक शब्द झुमरी के बदन में आग लगा रहे थे इसलिए तो वह सिसकारी देना शुरू कर दी थी और यही मौका देखकर राजू ने फिर से जोर लगाया और पूरा का पूरा लंड झुमरी की बुर में गाड़ दिया,,,, एक बार फिर से झुमरी की चीज बड़ी जोरों से निकले लेकिन उस सुनसान खेतों में उसकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था राजू जानता था कि थोड़ी ही देर में उसे मजा आ जाएगा इसलिए अपनी बातों का सिलसिला जारी रखते हुए वह बोला,,,)

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ओहहहह झुमरी बस हो गया मेरी जान तू नहीं जानती तुम जब चलती हो तो तुम्हारी गांड इधर-उधर जब मटकती है ना देखकर लड़के का मन हो जाता है मैं तो तुम्हारी चाल पर एकदम फिदा हो गया हूं लेकिन देखना जब तुम मुझसे शादी कर लो कि जब तुम मेरी बीवी बन जाओगी तो तुम्हें चलने नहीं दूंगा तुम्हें घर पर रख लूंगा रानी बनाकर तुम्हें खेतों में नहीं जाना पड़ेगा काम नहीं करना पड़ेगा तुम दिन भर रात भर मेरी पलकों पर बैठी रहोगी क्योंकि मैं नहीं चाहता कि तुम्हारी खूबसूरती को गांव का कोई मर्द अपनी आंखों से पी ए क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम्हें देखकर ना जाने कितने लोग अपने मन में गंदे विचार लाते होंगे,,, तुम्हारी खूबसूरती का रस पीने के लिए लालायित होते होंगे,,, और मेरी किस्मत कितनी अच्छी है कि तुम मुझे अपने पति के रूप में स्वीकार करना चाहती हो और मैं तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता हूं,,,
(राजू की मिश्री घुली बातें झुमरी के दर्द पर असर कर रही थी उसका दर्द कम हो रहा था असहनीय पीड़ा को वह राजू की बातों से झेल ले जा रही थी थोड़ी देर में सब कुछ सही हो गया राजू अपने हाथ का करामत दिखाते हुए उसके नारंगी को पकड़कर जोर जोर से दबा रहा था जिसके चलते हैं उसके चेहरे का रंग फिर से बदलने लगा और वह मदहोशी में आहें भरने लगी और इसी मौके की तलाश में राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते वह झुमरी को चोदना शुरू कर दिया था राजू के लिए झुमरी पर काबू पाना बहुत ही बड़ा सफर तय करके मंजिल तक पहुंचने जैसा था आखिरकार राजू झुमरी की मां के साथ साथ झुमरी की भी चुदाई कर रहा था,,,।

थोड़ी देर में राजू का मोटा तगड़ा लंड बड़े आराम से झुमरी की बुर की गहराई नापना शुरू कर दिया था,,, लेकिन झुमरी की बुर की अंदर की दीवारों पर राजू का लंड रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था जिससे झुमरी के आनंद में बढ़ोतरी होती जा रही थी और ‌ उसकी पुर बार-बार पानी छोड़ रही थी,,,, राजू लगातार अपनी कमर हिला रहा था उसकी गर्दन उसके हो उसके गाल पर चुंबनो की बारिश कर रहा था,,, जिससे झुमरी को और ज्यादा मजा आ रहा था थोड़ी ही देर में झुमरी की बुर से चप्प चप्प आवाज आना शुरू हो गई जिससे वातावरण पूरी तरह से गर्मा रहा था और झुमरी की गरम सिसकारियां राजू के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी भर रही थी,,,,

झुमरी अपनी नजरें उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच राजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी बुर के अंदर बाहर होता हुआ देखकर आश्चर्यचकित हुए जा रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि इतना मोटा तगड़ा लंड इतने आराम से उसकी बुर के अंदर अंदर बाहर हो रहा है,,,, झुमरी के चेहरे को देखकर राजू समझ गया कि वह क्या सोच रही है इसलिए राजू मुस्कुराता हुआ बोला,,

बोला था ना मेरी रानी बहुत मजा आएगा अब कैसा लग रहा है बताओ,,,

बहुत अच्छा लग रहा है,,,(शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमा कर बोली)


अभी तो देखना और मजा आएगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ झुमरी के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन दर्द से ज्यादा उसे मजा आ रहा था,,, थोड़ी देर तक इस स्थिति में चुदाई करने के बाद राजू अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे घोड़ी बनने के लिए बोला मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करना है इसलिए राजू ने खुद ही उसे अपने हाथों से घुटने मोड़कर उसकी हाथ की कोहनी मोड़ कर उससे घोड़ी बना दिया और उसकी गांड को अपने हाथों से हवा में उठा दिया,, मदहोशी से भरी हुई झुमरी राजू के इशारे पर नाच रही थी और जैसा वह कर रहा था वैसे ही होती जा रही थी देखते ही देखते राजू पीछे से झुमरी की गांड को पकड़कर अपने लंड को उसके गुलाबी छेद में डाल दिया और फिर से चोदना शुरू कर दिया इस स्थिति में झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे बहुत मजा आ रहा था ऐसा आनंद उसने कभी महसूस तक नहीं की थी और ना ही कभी ऐसे आनंद के बारे में वह सोची थी,,

कुछ ही देर में झुमरी के मुंह से गरमा गरम सिसकारियां फूटने लगी और उन गरम सिसकारियां को सुनकर राजू की मदहोशी और बढ़ती जा रही थी गर्मी का महीना होने की वजह से राजू और झुमरी दोनों का बदन पसीने से तरबतर हो चुका था इतनी मेहनत जो दोनों कर रहे थे लेकिन जितनी मेहनत कर रहे थे उससे 10 गुना आनंद भी प्राप्त कर रहे थे देखते ही देखते झुमरी की सांसें तेज चलने लगी राजू समझ गया कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए राजू तुरंत उसकी गोल गोल सुडोल गांड को कस के अपने दोनों हाथों से पकड़कर धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ गए राजू पीछे से झुमरी को पकड़े हुए सूखी हुई घास पर एकदम पसर गया ,,,,,।
 
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Ek number

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राजू का यूं चले जाना झुमरी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था,,,,, ना जाने क्यों अब उसके मन में यह भावना जागने लगी थी कि काश राजू उसकी आंखों के सामने खड़ा होता और वह उसकी आंखों के सामने अपने बदन से एक-एक कपड़े उतार कर उसके सामने नंगी होती लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था राजू को वो खुद जाने के लिए बोली थी क्योंकि उसे शर्म का एहसास हो रहा था आखिरकार वह कैसे कह दे कि तुम खड़े हो मैं अपने कपड़े उतार कर नंगी होती है एक लड़की के लिए यह पल बेहद अजीब होता है और वैसे भी झुमरी और राजू आपस में इतने खुले भी नहीं थे भले ही दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन दोनों के बीच अभी भी एक दूरी थी जो कि बेहद सीमित रूप से थी दोनों के बीच, भले ही प्रेम संबंध का रिश्ता पनप रहा था लेकिन इस तरह का खुलापन बिल्कुल भी नहीं था कि दोनों एक दूसरे के सामने कुछ भी करने को तैयार हो जाए लेकिन एक प्रेमिका होने के नाते झुमरी को अपने प्रेमी को इस तरह से नाराज नहीं करना चाहिए था यह सा महसूस हो रहा था और उसे दुख भी हो रहा था,,,,,, मन मसोसकर झुमरी अपने बदन से एक-एक करके कपड़ों को उतारना शुरू कर दी थी चिलचिलाती धूप में खेतों के बीच ट्यूबवेल के पास झुमरी राजू के ख्यालों में खोई हुई नंगी होने की तैयारी कर रही थी हालांकि वह अपने सारे कपड़े उतार कर कभी भी नंगी होकर इस तरह से खेत में नहीं आती थी लेकिन आज राजू की बात सुनकर ना जाने क्यों अपने बदन से एक-एक करके सारे कपड़ों को उतार दी चली जा रही थी ‌ पहले कुर्ती कुर्ती के उतारते हैं उसकी मदमस्त कर देने वाली दोनों नौरंगिया अपना जलवा बिखेरने लकी छातियों की शोभा बढ़ा रही उसकी दोनों नौरंगिया बहुत ही सीमित आकार में थी लेकिन बेहद जानलेवा आकर्षक नजर आ रही थी,,,,,, अपनी चुचियों की तरफ नजरे नीचे करके देखने पर झुमरी को अफसोस हो रहा था कि क्या फायदा अगर राजू की नजर इस पर ना पड़े तो यही सोचकर वह अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी वह अपने मन में यह सोच रही थी कि कहां सर आज उसकी आंखों के सामने खड़ा होता है तो उसके सामने कपड़े उतारने में कितना मजा आता भले ही वह शर्म से शर्मिंदा हो रही होती लेकिन फिर भी एक अद्भुत सुख उसके तन बदन में हिचकोले खा रहा होता,,,,, वह राजू के ख्यालों में खोई हुई धीरे-धीरे अपनी सलवार की डोरी खोल रही थी इस बात से अनजान की राजू भले ही उसकी आंखों के सामने से ओझल हो गया था लेकिन घूम कर वह ठीक उसके पीछे मोटे से पेड़ के पीछे आकर खड़ा हो गया था और वहां खड़े होकर झुमरी की गतिविधियों को देखकर मस्त हो रहा था राजू अपनी आंखों से उसे कुर्ती उतारता हुआ देख लिया था उसकी नंगी चिकनी पीठ देखकर राजू अंदर ही अंदर उत्तेजित हुआ जा रहा था दूसरी तरफ झुमरी की नाजुक उंगलियां उसकी सलवार की डोरी में उलझी हुई थी जिसे व खींचकर अपनी सलवार को ढीली कर चुकी थी सलवार के ढीली होते ही राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा वह जानता था कि किसी भी पल झुमरी अपनी सलवार उतार कर नंगी हो जाएगी और उसके नंगे बदन को एक बार फिर से राजू अपनी आंखों से देख कर मस्त हो जाएगा,,,, झुमरी अपनी सलवार को उतारने के लिए थोड़ा सा आगे की तरफ झुक गई और सलवार को नीचे की तरफ खींचने लगी और देखते ही देखते उसकी उभरी हुई मदमस्त कर देने वाली गांड सुनहरी धूप में चमकने लगी यह देखकर राजू के तन बदन में आग लगे हुए झुमरी की गांड की दोनों फांकें एकदम जलवा बिखेर रही थी गांड की बीच की फांक इतनी गहरी थी कि राजू का मन उसमें डूब जाने को कर रहा था,,, देखते ही देखते झुमरी अपने बदन पर से सलवार उतार कर एकदम नंगी हो गई नंगी होने का भी एक अपना अलग मजा होता है जिसका एहसास झुमरी को अच्छी तरह से हो रहा था यह दूसरा मौका था जब राजू झुमरी को पूरी तरह से नंगी देख रहा था,,,,,।

झुमरी की खूबसूरत जवानी से छलकती हुई नंगा बदन देखकर राजू का लैंड अपने आप ही खड़ा होने लगा था हालांकि वह झुमरी से गंदा नहीं बल्कि सच्चा प्यार करता था लेकिन फिर भी अपनी आंखों के सामने अपनी प्रेमिका को लगना अवस्था में देखकर उसकी भावनाएं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही थी वह ना चाहते हुए भी उसका लंड खड़ा होने लगा था आखिरकार कर भी क्या सकता था राजू अपने मन पर काबू कर सकता था लेकिन उसका लंड बिल्कुल भी नहीं क्योंकि लंड की बेहद पसंदीदा और खूबसूरत चीज उसकी आंखों के सामने थी एक खूबसूरत लड़की की गांड हालांकि अभी तक ना तो राजू ने और ना ही उसके लंड ने झुमरी की बुर के दर्शन नहीं किए थे लेकिन फिर भी इस बात का एहसास उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर दे रहा था कि उसकी आंखों के सामने झुमरी पूरी तरह से नंगी है उसकी खूबसूरत बेशकीमती खजाने को छुपाने के लिए उसके पास कपड़े का एक रेशा तक नहीं है,,,,,, क्योंकि अपने बदन से उतारे हुए कपड़े भी वह पानी में गिरा कर उसे गिला कर चुकी थी और सूखे कपड़े घास फूस की बनी झोपड़ी में रखे हुए थे वहां तक जाने के लिए भी उसे नंगी ही जाना पड़ता ऐसे हालात में राजू का उसकी आंखों के सामने आ जाना बेहद उत्तेजनात्मक स्थिति को पैदा कर सकता था लेकिन राजू अभी अपने आप को रोके हुए था मोटे से पेड़ के पीछे छुप कर वह अपने पूरे अस्तित्व को छुपा लिया था झुमरी को इस बात की भनक तक नहीं थी कि उसके ठीक पीछे ही बड़े से पेड़ के पीछे है राजू छुपा हुआ है उसके नंगे बदन को अपनी आंखों से देख रहा है अगर शायद यह उसे पता चल जाता तो उसकी बुर से मदन रस टपकने लगता,,,,।

खेतों के बीच का यह स्थान पूरी तरह से मदहोशी में गर्म होता चला जा रहा था वातावरण की गर्मी से ज्यादा राजू को झुमरी की मदमस्त कर देने वाली जवानी की गर्मी महसूस हो रही थी,,, देखते ही देखते राजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था,,, झुमरी अपनी गोलाकार गांड को वहीं रखे बड़े से पत्थर पर रखकर बैठ गई और ट्यूबवेल की पाइप से गिर रहे पानी को अपने हाथों में लेकर अपने बदन पर गिराने लगी बदन की गर्मी ठंडे पानी से थोड़ी बहुत राहत महसूस करवा रही थी लेकिन झुमरी को बिल्कुल भी सुकून नहीं था वह एकदम से गिरे पानी के नीचे सर रखकर बैठ गई और देखते-देखते पानी ने पूरी तरह से झुमरी को अपनी बाहों में लेकर उसे अपने शीतलता में भिगो दिया,,, झुमरी का बदन पूरी तरह से पानी में गीला हो गया उसके खुले हुए बाल पानी में भीग कर और भी ज्यादा खूबसूरत नजर आने लगे अभी तक राजू को सिर्फ उसकी पीठ ही नजर आ रही थी और झुमरी तुरंत साबुन लेने के लिए राजू की तरफ घूम गई और राजू को उसकी गोल-गोल चूचियां नजर आने लगी हालांकि वह उस समय भी बैठे हुई थी इसलिए उसकी बुर को कितनी दूरी से देख पाना नामुमकिन सा लग रहा था क्योंकि पानी भी लगातार उसके बदन पर गिर रहा था जिससे उसकी बुर वाली जगह पानी की धार के पीछे छि‌प सी गई थी और ऐसा लग रहा था कि जैसे पानी की धार भी झुमरी की मदद करते हुए राजू को तड़पाने में अपना अहम भूमिका निभा रही हो,,,, साबुन को पाते ही झुमरी फिर से सामने की तरफ मुंह करके बैठ गई और अपने बदन पर साबुन लगाना शुरू कर दी अपनी गीले बालों पर साबुन लगाकर उसके झाग में नहाई हुई जो मरी और भी ज्यादा खूबसूरत और मादक लग रही थी देखते ही देखते झुमरी अपने पूरे बदन पर साबुन लगा दी थी लेकिन पीठ तक उसका हाथ पहुंचने पा रहा था वह बार-बार कोशिश कर रही थी लेकिन ठीक तरह से उसका हाथ पीठ पर पहुंच नहीं पा रहा था इसलिए राजू किस बात का एहसास हो गया था कि यही उसके पास मौका है झुमरी की आंखों के सामने आने का इसलिए वह चोर कदमों से उस बड़े से पेड़ के पीछे से बाहर निकला और धीरे-धीरे झूमर की तरह बाकी बढ़ने लगा और ठीक उसके पीछे पहुंचकर बोला,,,।

तुम्हें दिक्कत ना हो तो मैं लगा दूं साबुन,,,

(इतना सुनते ही झुमरी एकदम से चौक गए वह एकदम से घबरा गई और पीछे मुड़कर देखी तो उसके ठीक पीछे राजू खड़ा था राजू को अपने पीछे खड़ा देखकर उसकी जान में जान आई लेकिन उसकी आंखों के सामने एक बार फिर से नंगी होने के नाते वह अपने नंगे बदन को छुपाने की कोशिश करने लगी वह अपने आप में ही सिमटने लगी,,, झुमरी की मर्जी जाने बिना राजू ठीक उसके पीछे बैठ गया और उसके हाथ से साबुन लेकर उसकी नंगी चिकनी पीठ पर लगाना शुरू कर दिया एक मर्दाना हाथों को अपने बदन पर झुमरी पहली बार महसूस कर रही थी झुमरी का रोम-रोम एकदम झनझना जा रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, उसके सपनों का राजकुमार ठीक उसके पीछे बैठकर उसकी नंगे बदन पर साबुन लगा रहा था यह एहसास ही उसके लिए बहुत ज्यादा मायने रखता था एक अद्भुत सुख उसके पूरे बदन में घर कर गया था,,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की हालत खराब होती जा रही थी उसे साफ महसूस हो रहा था कि पानी की धार में भी उसकी बुर पानी फेंक रही थी राजू अपने आप को खुश किस्मत समझता हुआ झुमरी के गोरे नंगे बदन पर साबुन ऊपर से नीचे की तरफ लगा रहा था वह जिस पर पत्थर पर बैठी हुई थी उस पर बैठने की वजह से उसकी गोलाकार शुगड गांड थोड़ी सी फैली हुई नजर आने लगी थी और उसके बीच की पतली दरार का ऊपर का बिंदु साफ नजर आ रहा था जिसे देखकर राजू का लंड तना जा रहा था,,,,,।

चिलचिलाती धूप में भी शीतल हवा बह रही थी जिससे राजू और झुमरी दोनों को राहत महसूस हो रही थी,,, झुमरी एकदम शांत हो चुकी थी अपने व्यक्तित्व से विरुद्ध वह कुछ भी नहीं बोल पा रही थी वह कभी भी शांत रहने वाली नहीं थी वह कभी भी किसी को कुछ भी बोल देती थी खास करके उन लड़कों को जो उससे इधर-उधर की गंदी बातें कर देते थे उन्हें वह झाड़ देती थी लेकिन इस समय वह एकदम मूक हो चुकी थी क्योंकि इस समय वह अपने प्रेमी के आगोश में थी अपने प्रेमी के हाथ को अपने नंगे बदन पर महसूस कर रही थी और इसी का फायदा राजू पूरी तरह से उठा देना चाहता था झुमरी को कुछ भी ना बोलता देखकर और ना ही उसका विरोध करता देखकर राजू की हिम्मत बढ़ने लगे बस तुरंत अपने दोनों हाथों को साबुन लगाने के बहाने पेट से होते हुए आगे की तरफ लाया और उसकी नंगी चूचियों पर साबुन लगाने के बहाने अपनी दोनों हथेली में उसकी दोनों नारंगीयो को लेकर दबाना शुरू कर देना,,, झुमरी के लिए यह सब कुछ नया था उसके तन बदन में राजू की हरकत से आग लग गई उसके बदन से उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राजू इस तरह की हरकत कर देगा लेकिन जो कुछ भी हो रहा था उससे ना जाने क्यों झुमरी कमजोर पड़ती जा रही थी राजू का विरोध करने की उसमें बिलकुल भी हिम्मत नहीं थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह खुद ही राजू को आगे बढ़ने की इजाजत दे रही हो,,,, साबुन के झाग फिसलती हुई झुमरी की नंगी चूचियां राजू की हथेली में सामान ही रही थी ऐसा नहीं थी कि झुमरी की चूचियां खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी हो थी तो वह नारंगी जैसी ही गोल-गोल लेकिन साबुन के झाग की फिसलन की वजह से वह राजू की हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,,, राजू झुमरी की चुचियों को उत्तेजना के मारे कसकस कर दबाना चाहता था लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था लेकिन उसकी यह हरकत झुमरी के तन बदन में उत्तेजना की फुहार भर दे रही थी जो कि उसकी गुलाबी छेद से बाहर आ रही थी,,,। धीरे-धीरे झुमरी की सांसे गर्म हो रही थी क्योंकि लगातार राजू झुमरी की चूची को दबा रहा था साबुन लगाने के बहाने उसके बदन से छेड़छाड़ ले रहा था और इसका विरोध झुमरी बिल्कुल भी नहीं कर रही थी क्योंकि उसके जवान बदन में जवानी की तरंगे उठ रही थी उसे पहली बार मर्द के स्पर्श का अनुभव हो रहा था उससे मिलने वाले आनंद को वह अपने अंदर महसूस करके एकदम मदहोश हुए जा रही थी,,,,।

राजू ईसमौके का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहता था,,, उसकी हथेलियां बड़ी तेजी से झुमरी की चुचियों पर चल रही थी झुमरी की चूचियां दबाने मुझे बेहद आनंद की अनुभूति हो रही थी क्योंकि उसकी चूचियां छोटी होने के बावजूद भी उसकी हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,, राजू की हरकत की वजह से उसके मुंह से सिसकारी की आवाज आने लगी,,,।

सहरहहहह आहहहरहह राजू यह क्या कर रहा है,,,,ऊममममम


कुछ नहीं झुमरी तुम्हारी खूबसूरत चूची का नाप ले रहा हूं ताकि जब हम दोनों का विवाह होगा तो तुम्हारे नाप का ब्लाउज सिलवा सकूं,,,

आहहहहह राजू क्या सच में तू मुझसे शादी करेगा,,,


हां झुमरी मैं तुझसे प्यार करता हूं सच्चा प्यार करता हूं मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं और तुझसे ही शादी करके रहूंगा,,,,(वास्तविकता यही थी कि राजू सच में झुमरी से शादी करना चाहता था अपना घर गृहस्ती बसाना चाहता था लेकिन इस समय राजू विवाह का वास्ता देकर झुमरी को पूरी तरह से अपने वश में कर लेना चाहता था क्योंकि वह सुम्मरी के व्यक्तित्व से अच्छी तरह से वाकिफ था,,,,)

ओहहहह राजू छोड़ मुझे कोई देख लेगा,,,

यहां कोई नहीं आने वाला झुमरी इतनी खड़ी दुपहरी में गांव के लोग घर में ही सोते हैं उन्हें फुर्सत नहीं होती खेतों में आने की,,,,,(ईतना कहने के साथ ही राजू झुमरी के गर्दन के ऊपरी हिस्से पर चुंबन की बारिश कर दिया राजू को इस बात की अच्छी तरह से पता था कि औरतें कान और गले के बीच में चुंबन करने से और ज्यादा उत्तेजित हो जाती है और यही हो रहा था झुमरी के तन बदन में आग लग रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था एक तरह से झुमरी ने किसी के आने का बहाना देकर राजू को और भी आगे बढ़ने की इजाजत दे दी थी क्योंकि उसमें उसकी भी हा थी,,,, झुमरी की सांसें फूल रही थी फिर भी वह गहरी सांस लेते हुए बोली,,)

कोई आ गया तो राजू,,,,

कोई नहीं आने वाला झुमरी मेरा विश्वास करो ,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसकी दोनों टांगों के बीच उसकी दहकती हुई बुर पर रख दिया,,, अपनी बुर पर राजू की हथेली का स्पर्श होते ही वह एकदम से चौक गई क्योंकि उसके जीवन का यह पहला मौका था जब किसी मर्दाना हाथ को वह अपनी बुर पर महसूस कर रही थी वह पूरी तरह से बौखला गई थी उत्तेजना के चलते उसकी सांसे और ज्यादा तेजी से चलने लगी थी,,, और वह अपनी उखडती हुई सांसो के साथ राजू से बोली,,,)

ओहहहह राजू है क्या कर रहा है मैं पागल हो जाऊंगी,,,


कुछ नहीं अपनी होने वाली बीवी से प्यार कर रहा हूं,,
(राजू के मुंह से अपने लिए बीवी शब्द सुनकर झुमरी के तन बदन में खुशी के साथ-साथ उत्तेजना की लहर और ज्यादा उठने लग रही थी,,,,)

आहहहहह राजू ऐसा ना करो मैं मर जाऊंगी,,,,
(इतना कहते हुए झुमरी मदहोशी के हालत में पूरी तरह से अपनी पीठ को राजू की छाती से टिका दी थी वैसे भी राजू कमर के ऊपर से पूरी तरह से लगा था नंगी पीठ का स्पर्श अपने बदन पर होते ही राजू का लंड और ज्यादा टनटना गया जो कि सीधे पजामे में होने के बावजूद भी झुमरी की पीठ पर ठोकर मार रहा था,,, जोकि बिल्कुल भी अनुभव ना होने के बावजूद भी झुमरी को इस बात का एहसास तो हो गया था कि उसकी पीठ पर क्या चुप रही है और इस बात का एहसास सेवा पूरी तरह से उत्तेजना के मारे गनगना गई थी और देखते ही देखते वह अपने संपूर्ण वजूद को राजू की नंगी छाती पर टिका दी थी,,,, राजू लगातार एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी बुर की हालत खराब कर रहा था,,,,, और ऊपर से ट्यूबवेल की पाइप में से पानी गिर रहा था जो कि दोनों के बदन को भी हो रही थी दोनों एक साथ ट्यूबवेल के पानी के नीचे नहा रहे थे और आनंद ले रहे थे,,,,, झुमरी की हालत को देखते हुए राजू समझ गया था कि अब झुमरी पूरी तरह से लाइन पर आ गई है और देखते ही देखते वह अपनी एक उंगली को उसकी बुर के अंदर घुसेडना शुरू कर दिया बुर पहले से ही पानी छोड़ रही थी इसलिए देखते ही देखते राजू अपनी उंगली को उसकी बुर के अंदर प्रवेश कराना शुरू कर दिया था और,,, जैसे ही झुमरी को इस बात का एहसास हुआ वह तुरंत अपना हाथ राजू के हाथ पर रख कर उसे रोकने की कोशिश करते हुए बोली,,,,)

नहीं राजू नहीं,,,,, मुझे शर्म आ रही है,,,

झुमरी मेरी रानी अपने होने वाले पति से शर्माने की जरूरत नहीं है अगर शर्म आओगी तो अपने पति से मजा कैसे ले पाओगी,,,
(राजू अपनी बातों में झुमरी को पूरी तरह से उलझा रहा था और झुमरी राजू की इस तरह की बातें सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी,,,, देखते ही देखते राजू अपनी मनमानी करते हुए झुमरी की बुर में अपनी एक उंगली को अंदर तक प्रवेश करा दिया अंदर उंगली जाते हैं राजू को इस बात का अहसास हो गया कि झुमरी की जवानी बहुत ज्यादा गर्म है क्योंकि उसकी बुर के अंदर उसकी उंगली पूरी तरह से तप रही थी,,,, राजू को मजा आ रहा था राजू एक हाथ से उसकी चूची और दूसरे हाथ से उसकी बुर से खेल रहा था जिस पर झुमरी ने आज तक किसी की नजर तक नहीं पड़ने दी थी हाथ लगाने की तो बात ही दूर थी लेकिन राजू की किस्मत बड़े जोरों पर थी क्योंकि झुमरी मन ही मन राजू को पसंद करती थी उसे पति के रूप में देखना चाहती थी इसलिए राजू को अपने बदन से खेलने की इजाजत दे रही थी वरना उसकी जगह कोई और होता तो हंसीया से उसका हाथ काट देती,,,,

राजू को इस खेल में मजा आने लगा था खड़ी दुपहरी में खेतों के बीच यहां और कोई नहीं था खुले में कुछ और ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी झुमरी का तो यह पहली बार था इसलिए उसके तन बदन में अजीब सी लहर उठ रही थी जिसे संभालना उसके लिए नामुमकिन सा होता जा रहा था बार-बार उसकी बुर पानी फेंक दे रही थी और राजू तो इस खेल में पूरी तरह से माहिर हो चुका था उसे इस बात का अच्छी तरह से ज्ञान था कि औरतों को कैसे खुश किया जाता है कैसे उन्हें अपने बस में किया जाता है और वही सारा तरीका वहां झुमरी के पक्ष में लगा रहा था और झुमरी भी उसके तरीकों से पूरी तरह से मदहोश ‌हुए जा रही थी,,,,,, राजू अपनी उंगली को झुमरी की बुर में डाल कब से अंदर बाहर कर रहा था एक तरह से वह झुमरी की चुदाई करना शुरू कर दिया था यह चुदाई करने से पहले प्रारंभ का सबक था जिसमें औरत या लड़की को पूरी तरह से अपने वश में करने का यही एक बेहद सक्षम तरीका होता है लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है जिस पर मेहनत करके राजू पार हो चुका था देखते ही देखते राजू अपनी उंगली का सहारा लेकर झुमरी की बुर में अपने लिए जगह बना रहा था क्योंकि इस बात से वह भी अच्छी तरह से वाकिफ था कि झुमरी पहली बार चुदाई के लिए तैयार हो रही है और उसका लंड मोटा और लंबा है ऐसे हालात में उसकी बुर में सीधे-सीधे डाल देना उचित नहीं था,,,, इसलिए राजू समझदारी और चालाकी से काम ले रहा था झुमरी पूरी तरह से अपनी नंगी पीठ को राजू की नंगी छाती पर टिकाए हुए थी झुमरी की हालत को देखकर राजू समझ गया था कि झुमरी पूरी तरह से उसके पास में हो चुकी है इसलिए धीरे से उठा और ठीक उसके सामने आकर खड़ा हो गया,,, पानी में पैजामा पूरी तरह से भीग चुका था झुमरी की नजर जैसे ही भीगे हुए पजामे के अंदर छुपे उसके मोटे टनटनाते लंड पर पड़ी वह एकदम से घबरा गई,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे वहां इंसान का नहीं बल्कि गधे का लंड देख ली हो,,,, झुमरी की घबराहट राजू ने उसके चेहरे से पढ़ लिया था इसलिए झुमरी से बोला,,,।

क्या हुआ झुमरी मेरी रानी ऐसे क्यों देख रही हो,,,
(राजू की बात सुनते ही वह नजर उठा कर राजू की तरफ देखी और वापस पजामे की तरफ देखने लगी उसके पास कहने के लिए कोई शब्द नहीं थे वह शर्मा भी रही थी और उत्सुक भी थी राजू के लंड को देखने के लिए और वह भी एकदम नंगा,,, झुमरी की खामोशी में ही उसकी हा थी इस बात को राजू अच्छी तरह से समझ गया था इसलिए उसकी आंखों के सामने ही वह अपना पजामा उतारना चाहता था लेकिन तभी उसे कुछ याद आया वह झुमरी को और ज्यादा गर्म कर देना चाहता था इसलिए पैजामा उतारे बिना ही वह अपने घुटनों के बल बैठ गया और उसकी दोनों टांगों को घुटनों से पकड़ कर उसे फैलाने लगा ऐसा करने से झुमरी एकदम से सकते में आ गई और अपने दोनों टांगों को आपस में हटा दी क्योंकि वह समझ गई थी कि राजू क्या देखना चाहता है,,,,,)

नहीं राजू मुझे शर्म आ रही है,,,,

पहली बार तो शर्म आती है मेरी जान लेकिन फिर धीरे-धीरे मजा आने लगता है और वैसे भी किसी गैर के सामने तुम अपनी टांगें थोड़ी खोल रही हो मैं तो तुम्हारा होने वाला पति हूं तुमसे शादी करके तुम्हें अपने घर लेकर आऊंगा तब तो रोज तुम्हारी चुदाई करूंगा तब क्या करोगी,,,
(राजू के मुंह से चुदाई करने वाली बात सुनकर झुमरी एकदम से शर्मा गई और शर्मा कर दूसरी तरफ अपनी नजर कुमारी और इसी पल का फायदा उठाते हुए राजू ने तुरंत उसके दोनों घुटनों को एक दूसरे के विरुद्ध फैला दिया उसकी टांगे खुलते ही राजू को उसकी गुलाबी फूल और वह भी एकदम कचोरी की तरह फूली हुई नजर आने लगी,,, राजू के लिए नजारा उसका देखे गया सबसे बेहतरीन हजारों में से एक था क्योंकि वह झुमरी से प्यार करता था उसकी गुलाबी बुर को देखना उसका सपना का इसलिए इस समय वह पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो गया झुमरिया देखकर अंदर ही अंदर गदगद हुए जा रही थी कि राजू उसकी बुर को प्यासी नजरों से देख रहा है झुमरी कुछ कर पाती या कुछ बोल पाती इससे पहले ही राज उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से खोलते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी गीली बुर पर रख दिया और ऐसा करते ही झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे समझ में नहीं आया कि यह राजू ने क्या किया क्योंकि उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि मर्द औरत की बुर भी चाटते हैं क्योंकि उसने आज तक ना तो इस बारे में कभी सोची थी ना ही कभी अपनी आंखों से उसे यह सब देखने का मौका मिला था इसलिए उसके लिए सब कुछ नया था राजू पलभर में ही झुमरी को पूरी तरह से अपनी आगोश में ले लिया वह पूरी तरह से ध्वस्त होने लगी राजू की मर्दानगी के आगे घुटने टेकने लगी उसकी टांगे कांपने लगे यह अवसर उसके लिए बेहद अद्भुत और अविस्मरणीय था,,,।

गर्मी के दिन में जब पूरा गांव अपने घर में आराम कर रहा था तब झुमरी और राजू खेतों में कपड़े धोते-धोते कब काम क्रीड़ा का आनंद लेने लगे दोनों को पता ही नहीं चला राजू पूरी तरह से अपनी जीभ का जादू झुमरी की‌ बुर के ऊपर चला रहा था और राजू का जादू काम भी कर रहा था बुरी तरह से झुमरी गहरी गहरी सांस ले रही थी वह आनंद के सागर में गोते लगाना शुरू कर दी थी उसे मजा आने लगा था वह कभी सोची भी नहीं थी कि इस तरह के खेल में इतना मजा आता है वह पागलों की तरह गहरी गहरी सांस लेते हुए गरम सिसकारी ले रही थी जो कि इस समय उसकी गर्म सिसकारी को सुनने वाला वहां कोई नहीं था,,,, राजू पूरी तरह से झुमरी की गर्म जवानी का रस अपनी जीभ से निचोड़ रहा था और अपने गले में गटक रहा था,,,,, झुमरी पागलों की तरह अपना सर इधर उधर भटक रही थी वह भी बड़े से पत्थर पर बैठे हुए थी जिस पर बैठने की वजह से उसकी गांड थोड़ी चौड़ी नजर आने लगी थी और राजू उसकी कमर थामें हुए अपनी जीभ अंदर तक डाल रहा था,,, झुमरी की बुर लगातार पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से वह चिपचिपी हो गई थी उसके चिपचिपे पन का फायदा उठाते हुए राजू कब उसकी बुर में अपनी एक ऊंगली डाल दीय५उसे पता ही नहीं चला और उसे अंदर बाहर कर बुर को चाटने आनंद लेने लगा,,,।

झूमरी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी जिसकी गहरी सांस एस बात का सबूत था कि वह पूरी तरह से आनंद के सागर में गोते लगा रही हो ईसी पल का राजू को इंतजार भी था हुआ समझ गया था कि लोहा पूरी तरह से गरम हो चुका है उस पर थोड़ा चलाना जरुरी है इससे तुरंत अपना मुंह उसकी बुर से हटाकर खड़ा हो गया राजू का लंड पजामे के अंदर पूरी तरह से टनटना गया था जो कि पानी में गीला होने के बावजूद भी अपना असर दिखा‌ रहा था उसे देख झुमरी की बुर फिर से पानी छोड़ने लगी,,,, झुमरी को चोदने के लिए राजू उसकी इजाजत मांगना जरूरी नहीं समझ रहा था क्योंकि वह जानता था कि वह इंकार करेगी लेकिन अंदर से वह भी उसके लंड को अपनी बुर में लेना चाहती है,,,, इसलिए राजू झुमरी के ऊपर अपना आखिरी पाशा फेंकने जा रहा था वह तुरंत झुमरी की आंखों के सामने अपने पजामे को उतारने लगा झुमरी शर्मा रही थी उसकी तरफ देखने से कतरा रही थी,,, देखते ही देखते राजू झुमरी की आंखों के सामने एकदम नंगा हो गया उसका लंड हवा में लहरा रहा था आसमान की तरफ मुंह उठाए खड़ा था जब देखा कि झुमरी उसकी तरफ नहीं देख रही है तो राजू उसके खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हाथों में भर लिया और उसकी नजरों को अपने लंड की तरफ करते हुए बोला,,,।


शर्मा क्यों रही हो मेरी रानी तुम्हारा ही है तुम्हारे लिए ही तो खड़ा हुआ है तुम मुझसे प्यार नहीं करोगी तो कौन करेगा क्या तुम चाहती हो कि मैं किसी और लड़की से प्यार करूं किसी और को यह सुख दूं,,,,
(झुमरी शर्म के मारे अपनी आंखों को बंद किए हुए थे और राजू की बात सुनकर ना में सर हिला रहे थे यह देखकर राजू मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और फिर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)

चलो मेरी रानी जिस तरह से मैंने तुम्हारी बुर से प्यार किया हूं तुम भी मेरे लंड से प्यार करो,,,,(इतना कहने के साथ ही वह झुमरी कि खूबसूरत चेहरे को अपने हाथों में लिए हुए ही अपने लंड की तरफ आगे बढ़ाने लगा झुमरी को बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि राजू क्या करने वाला है और देखते ही देखते जैसे ही अपने होठों पर राजू के गर्म लंड का स्पर्श हुआ वह एकदम से चौक गई और अपनी आंखों को खोल दी,,,)

यह क्या कर रहे हो राजू,,,

तुम्हें प्यार करना सिखा रहा हूं,,,

ऐसे कोई प्यार होता है क्या,,,

क्यों मैंने भी तो तुम्हारी बुर से प्यार नहीं किया अपने हॉट से लगाकर ऐसे ही तो मर्द और औरत प्यार करते हैं,,,

क्या सच में ऐसा होता है,,,

हां झुमरी मेरी रानी एक बार इसे मुंह में लेकर चूसने देखो कितना मजा आता है,,,

नहीं मुझे गंदा लगता है,,,

कुछ गंदा नहीं है बस एक बार इसे मुंह में लो फिर तुम खुद ही से नहीं छोड़ोगी,,,
(इतना कहते हो राजू अपनी लैंड के गरम सुपाड़े को झुमरी के लाल-लाल होठों पर रगड़ना शुरु कर दिया इनकार करने के बावजूद भी झुमरी के तन बदन में आग लगने लगी और अपने आप ही उसके लाल लाल होंठ खुल गए और मौका देखते ही राजू अपने लंड के सुपाड़े को उसके लाल-लाल होठों के बीच डाल दिया,,,, पहले तो झुमरी को थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर जैसे-जैसे राजू ने बताया उस पर जीभ घुमाते हुए उसे मजा आने लगा और देखते ही देखते राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया कुछ ही देर में झुमरी को इतना आनंद आ रहा था कि पूछो मत वह खुद ही राजू की लंड को पकड़ कर उसे मुंह में लेकर चूसने आई थी देखते ही देखते उसकी शर्म हवा में फुर्र हो गई थी,,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था झुमरी को चोदने की ललक उसकी आंखों में साफ दिखाई दे रही थी वह तुरंत झुमरी के मुंह में से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसकी दोनों टांगों को उसी स्थिति में फैलाना शुरू कर दिया या देखकर झुमरी बोली,,,।

नहीं राजू यहां नहीं मुझे शर्म आ रही है कोई देख लिया तो गजब हो जाएगा,,,
(राजू की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी वह जल्द से जल्द अपने खड़े लंड को झुमरी की बुर में डाल देना चाहता था इसलिए गहरी सांस लेते हुए बोला,,)

तब,,,,,,

झोपड़ी में चलते हैं,,,
(झुमरी के मुंह से यह सुनकर आज एकदम खुश हो गया क्योंकि उसकी काम क्रीडा की हरकत पूरी तरह से काम कर चुकी थी झुमरी खुद अब चुदवाना चाहती थी इसलिए झुमरी को देखकर राजू मुस्कुराने लगा और वह कुछ समझ पाते इससे पहले ही वह आगे बढ़ कर उसे गोद में उठा लिया झुमरी एकदम से घबरा गई ,,, झुमरी उसे लगातार नीचे उतारने के लिए बोल रही थी लेकिन राजू उसे गोद में लिए हुए झोपड़ी की तरफ चला जा रहा था झुमरी हैरान थी राजू की ताकत को देखकर क्योंकि वह बिना डगमगाए बड़े आराम से उसे गोद में उठाए हुए चला जा रहा था यहां तक कि झुमरी का वजन थोड़ा ज्यादा था लेकिन फिर भी उसे जरा भी फर्क नहीं पड़ रहा था यह देखकर झुमरी के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी जाने लगी थी झुमरी को इस बात का डर था कि राजू उसे गिराना दे लेकिन राजू का आत्मविश्वास देखकर वह खुद करके रोए जा रही थी देखते-देखते राजू उसे गोद में उठाए हुए ही झोपड़ी के अंदर लेकर आया और घास फूस की ढेर में उसे लाकर पटक दिया अब राजू के लिए रोक पाना अपने आप पर काबू कर पाना असंभव था वह देखते ही देखते झुमरी कि दोनों टांगों को फैला दिया और,,, जैसे ही राजू को झुमरी की गुलाबी बुर नजर आई उसके मुंह में पानी आ गया और वहां अपने आप को रोक नहीं पाया घुटनों के बल बैठकर झुमरी को अपनी तरफ खींचा और उसकी आदि गांड को अपने घुटनों पर रख दिया झुमरी के लिए पहला मौका था जब वह किसी के लंड को अपनी बुर में लेने जा रही थी इसलिए उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसके मन में उत्सुकता बढ़ती जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अंदर जाने पर कैसा लगेगा और इसी कशमकश में वह अपनी आंखों को बंद कर चुकी थी,,,,


झुमरी के चरित्र को देखकर राजू अच्छी तरह से जानता था कि जो मेरी पूरी तरह से कुंवारी लड़की है उसकी बुर में लंड डालना बड़ी मेहनत का काम है इसलिए मैं धीरे-धीरे ढेर सारा थूक लगाकर झुमरी की बुर पर अपने लंड के सुपाड़े को रखकर उसे धीरे-धीरे अंदर की तरफ ठेलने लगा,,, अभी सुपाड़ा मात्र एक अंगूर अंदर घुसा था कि झुमरी को दर्द महसूस होने लगा राजू समझ गया कि बड़े सावधानी से आगे बढ़ना है इसलिए वह अपने हाथों को आगे बढ़ाकर उसकी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया उसको उत्तेजित कर रहा था उसी उत्साह रहा था देखते ही देखते वह अपनी कमर का भी असर उसे दिखा रहा,,, था,,, झुमरी की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनते ही वह अपनी कमर को आगे की तरफ तेरा और आधा सुपाड़ा झुमरी की बुर में,, समा गया उसे दर्द हो रहा था लेकिन वह अपने दर्द को जेल गई थी उसे नहीं मालूम था कि आगे और भी दर्द होगा क्योंकि उसकी बुर में पहली बार लड़ने जा रहा था देखते ही देखते राजू ने थोड़ा सा और धक्का लगाया और लंड का पूरा सुपड़ा बुर की अंदर घुस गया अब जाकर झुमरी को दर्द का एहसास होने लगा उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल गई और राजू तुरंत आगे बढ़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिया और उसे चूसना शुरू कर दिया और उसी स्थिति में रुका रह गया वह जानता था कि झुमरी का पहली बार होने की वजह से हुआ है बर्दाश्त नहीं कर पाएगी और अगर एक बार उसने लंड बाहर निकाल लिया तो झुमरी फिर उसे दोबारा डालने नहीं देगी,,, इसलिए उसे समझाते हुए बोला,,,

बस बस मेरी जान हो गया देखना इतना मजा आएगा कि तुम खुद मेरे लंड पर कुदोगी,,,,(और इतना कहते हुए उसकी चूची को से लाते हैं और उसके लाल-लाल होठों का रसपान करते हुए फिर से अपनी कमर को सहमत दिया और उसे धक्का मार कर आगे की तरफ फेंक दिया इस बार राजू का आधा लंड उसकी बुर के अंदर घुस गया अब झुमरी को और दर्द करना शुरू हो गया झुमरी अपना सर पटकने लगी अपना पाव इधर-उधर फेंकने लगे लेकिन राजू उसे अपने नीचे लिए हुए उसे काबू में रखे हुए था और उसकी चूची को पकड़कर दबा रहा था ताकि उसका दर्द कम हो जाए,,,)

बस बस हो गया मेरी जान बहुत खूबसूरत हो तुम झुमरी तुम्हारी खूबसूरती देखकर मैं पागल हो गया हूं इसीलिए तुम्हें बीवी बनाने का मैंने कब से उठा लिया था जबसे तुम्हें पहली बार नंगी नहाता हुआ देखा था उसी दिन मैंने निश्चय कर लिया था कि मेरे घर में बीवी बनकर आएगी तो सिर्फ झुमरी,, तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की पूरे गांव में तो क्या अगल-बगल के 10 गांव में मैंने आज तक नहीं देखा तुम जानती हो दिन भर में बैलगाड़ी लेकर इधर-उधर घूमता रहता हूं लेकिन तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखा इसलिए तो मैं तुम्हारा दीवाना हूं मेरी जान,,,
(राजू की बातों का जादू झुमरी के ऊपर छाने लगा था उसका दर्द कम होने लगा तो राजू अपनी बात को जारी रखते हुए बोला,,,)
तुम नहीं जानती झुमरी तुम्हें चोदने का मैं कबसे कल्पना करता था सपने देखता था ख्वाब देखता था मैं यही सोचता था कि तुम जिस दिन मेरे घर पर दुल्हन बन कर आओगे सारी रात तुम्हें प्यार करूंगा तुम्हें कपड़े पहनने नहीं दूंगा सारी रात तुम्हें नंगी करके रखूंगा और रात भर तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर रखूंगा,,,,(राजू की बातों में शहद खुला हुआ था मदहोशी भूली हुई थी मादकता छाई हुई थी जो कि पूरी तरह से झुमरी को अपनी आगोश में ले रही थी राजू के मुंह से निकला एक-एक शब्द झुमरी के बदन में आग लगा रहे थे इसलिए तो वह सिसकारी देना शुरू कर दी थी और यही मौका देखकर राजू ने फिर से जोर लगाया और पूरा का पूरा लंड झुमरी की बुर में गाड़ दिया,,,, एक बार फिर से झुमरी की चीज बड़ी जोरों से निकले लेकिन उस सुनसान खेतों में उसकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था राजू जानता था कि थोड़ी ही देर में उसे मजा आ जाएगा इसलिए अपनी बातों का सिलसिला जारी रखते हुए वह बोला,,,)
ओहहहह झुमरी बस हो गया मेरी जान तू नहीं जानती तुम जब चलती हो तो तुम्हारी गांड इधर-उधर जब मटकती है ना देखकर लड़के का मन हो जाता है मैं तो तुम्हारी चाल पर एकदम फिदा हो गया हूं लेकिन देखना जब तुम मुझसे शादी कर लो कि जब तुम मेरी बीवी बन जाओगी तो तुम्हें चलने नहीं दूंगा तुम्हें घर पर रख लूंगा रानी बनाकर तुम्हें खेतों में नहीं जाना पड़ेगा काम नहीं करना पड़ेगा तुम दिन भर रात भर मेरी पलकों पर बैठी रहोगी क्योंकि मैं नहीं चाहता कि तुम्हारी खूबसूरती को गांव का कोई मर्द अपनी आंखों से पी ए क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम्हें देखकर ना जाने कितने लोग अपने मन में गंदे विचार लाते होंगे,,, तुम्हारी खूबसूरती का रस पीने के लिए लालायित होते होंगे,,, और मेरी किस्मत कितनी अच्छी है कि तुम मुझे अपने पति के रूप में स्वीकार करना चाहती हो और मैं तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता हूं,,,
(राजू की मिश्री घुली बातें झुमरी के दर्द पर असर कर रही थी उसका दर्द कम हो रहा था असहनीय पीड़ा को वह राजू की बातों से झेल ले जा रही थी थोड़ी देर में सब कुछ सही हो गया राजू अपने हाथ का करामत दिखाते हुए उसके नारंगी को पकड़कर जोर जोर से दबा रहा था जिसके चलते हैं उसके चेहरे का रंग फिर से बदलने लगा और वह मदहोशी में आहें भरने लगी और इसी मौके की तलाश में राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते वह झुमरी को चोदना शुरू कर दिया था राजू के लिए झुमरी पर काबू पाना बहुत ही बड़ा सफर तय करके मंजिल तक पहुंचने जैसा था आखिरकार राजू झुमरी की मां के साथ साथ झुमरी की भी चुदाई कर रहा था,,,।

थोड़ी देर में राजू का मोटा तगड़ा लंड बड़े आराम से झुमरी की बुर की गहराई नापना शुरू कर दिया था,,, लेकिन झुमरी की बुर की अंदर की दीवारों पर राजू का लंड रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था जिससे झुमरी के आनंद में बढ़ोतरी होती जा रही थी और ‌ उसकी पुर बार-बार पानी छोड़ रही थी,,,, राजू लगातार अपनी कमर हिला रहा था उसकी गर्दन उसके हो उसके गाल पर चुंबनो की बारिश कर रहा था,,, जिससे झुमरी को और ज्यादा मजा आ रहा था थोड़ी ही देर में झुमरी की बुर से चप्प चप्प आवाज आना शुरू हो गई जिससे वातावरण पूरी तरह से गर्मा रहा था और झुमरी की गरम सिसकारियां राजू के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी भर रही थी,,,,

झुमरी अपनी नजरें उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच राजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी बुर के अंदर बाहर होता हुआ देखकर आश्चर्यचकित हुए जा रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि इतना मोटा तगड़ा लंड इतने आराम से उसकी बुर के अंदर अंदर बाहर हो रहा है,,,, झुमरी के चेहरे को देखकर राजू समझ गया कि वह क्या सोच रही है इसलिए राजू मुस्कुराता हुआ बोला,,

बोला था ना मेरी रानी बहुत मजा आएगा अब कैसा लग रहा है बताओ,,,

बहुत अच्छा लग रहा है,,,(शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमा कर बोली)


अभी तो देखना और मजा आएगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ झुमरी के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन दर्द से ज्यादा उसे मजा आ रहा था,,, थोड़ी देर तक इस स्थिति में चुदाई करने के बाद राजू अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे घोड़ी बनने के लिए बोला मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करना है इसलिए राजू ने खुद ही उसे अपने हाथों से घुटने मोड़कर उसकी हाथ की कोहनी मोड़ कर उससे घोड़ी बना दिया और उसकी गांड को अपने हाथों से हवा में उठा दिया,, मदहोशी से भरी हुई झुमरी राजू के इशारे पर नाच रही थी और जैसा वह कर रहा था वैसे ही होती जा रही थी देखते ही देखते राजू पीछे से झुमरी की गांड को पकड़कर अपने लंड को उसके गुलाबी छेद में डाल दिया और फिर से चोदना शुरू कर दिया इस स्थिति में झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे बहुत मजा आ रहा था ऐसा आनंद उसने कभी महसूस तक नहीं की थी और ना ही कभी ऐसे आनंद के बारे में वह सोची थी,,

कुछ ही देर में झुमरी के मुंह से गरमा गरम सिसकारियां फूटने लगी और उन गरम सिसकारियां को सुनकर राजू की मदहोशी और बढ़ती जा रही थी गर्मी का महीना होने की वजह से राजू और झुमरी दोनों का बदन पसीने से तरबतर हो चुका था इतनी मेहनत जो दोनों कर रहे थे लेकिन जितनी मेहनत कर रहे थे उससे 10 गुना आनंद भी प्राप्त कर रहे थे देखते ही देखते झुमरी की सांसें तेज चलने लगी राजू समझ गया कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए राजू तुरंत उसकी गोल गोल सुडोल गांड को कस के अपने दोनों हाथों से पकड़कर धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ गए राजू पीछे से झुमरी को पकड़े हुए सूखी हुई घास पर एकदम पसर गया ,,,,,।
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राजू का यूं चले जाना झुमरी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था,,,,, ना जाने क्यों अब उसके मन में यह भावना जागने लगी थी कि काश राजू उसकी आंखों के सामने खड़ा होता और वह उसकी आंखों के सामने अपने बदन से एक-एक कपड़े उतार कर उसके सामने नंगी होती लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था राजू को वो खुद जाने के लिए बोली थी क्योंकि उसे शर्म का एहसास हो रहा था आखिरकार वह कैसे कह दे कि तुम खड़े हो मैं अपने कपड़े उतार कर नंगी होती है एक लड़की के लिए यह पल बेहद अजीब होता है और वैसे भी झुमरी और राजू आपस में इतने खुले भी नहीं थे भले ही दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन दोनों के बीच अभी भी एक दूरी थी जो कि बेहद सीमित रूप से थी दोनों के बीच, भले ही प्रेम संबंध का रिश्ता पनप रहा था लेकिन इस तरह का खुलापन बिल्कुल भी नहीं था कि दोनों एक दूसरे के सामने कुछ भी करने को तैयार हो जाए लेकिन एक प्रेमिका होने के नाते झुमरी को अपने प्रेमी को इस तरह से नाराज नहीं करना चाहिए था यह सा महसूस हो रहा था और उसे दुख भी हो रहा था,,,,,, मन मसोसकर झुमरी अपने बदन से एक-एक करके कपड़ों को उतारना शुरू कर दी थी चिलचिलाती धूप में खेतों के बीच ट्यूबवेल के पास झुमरी राजू के ख्यालों में खोई हुई नंगी होने की तैयारी कर रही थी हालांकि वह अपने सारे कपड़े उतार कर कभी भी नंगी होकर इस तरह से खेत में नहीं आती थी लेकिन आज राजू की बात सुनकर ना जाने क्यों अपने बदन से एक-एक करके सारे कपड़ों को उतार दी चली जा रही थी ‌ पहले कुर्ती कुर्ती के उतारते हैं उसकी मदमस्त कर देने वाली दोनों नौरंगिया अपना जलवा बिखेरने लकी छातियों की शोभा बढ़ा रही उसकी दोनों नौरंगिया बहुत ही सीमित आकार में थी लेकिन बेहद जानलेवा आकर्षक नजर आ रही थी,,,,,, अपनी चुचियों की तरफ नजरे नीचे करके देखने पर झुमरी को अफसोस हो रहा था कि क्या फायदा अगर राजू की नजर इस पर ना पड़े तो यही सोचकर वह अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी वह अपने मन में यह सोच रही थी कि कहां सर आज उसकी आंखों के सामने खड़ा होता है तो उसके सामने कपड़े उतारने में कितना मजा आता भले ही वह शर्म से शर्मिंदा हो रही होती लेकिन फिर भी एक अद्भुत सुख उसके तन बदन में हिचकोले खा रहा होता,,,,, वह राजू के ख्यालों में खोई हुई धीरे-धीरे अपनी सलवार की डोरी खोल रही थी इस बात से अनजान की राजू भले ही उसकी आंखों के सामने से ओझल हो गया था लेकिन घूम कर वह ठीक उसके पीछे मोटे से पेड़ के पीछे आकर खड़ा हो गया था और वहां खड़े होकर झुमरी की गतिविधियों को देखकर मस्त हो रहा था राजू अपनी आंखों से उसे कुर्ती उतारता हुआ देख लिया था उसकी नंगी चिकनी पीठ देखकर राजू अंदर ही अंदर उत्तेजित हुआ जा रहा था दूसरी तरफ झुमरी की नाजुक उंगलियां उसकी सलवार की डोरी में उलझी हुई थी जिसे व खींचकर अपनी सलवार को ढीली कर चुकी थी सलवार के ढीली होते ही राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा वह जानता था कि किसी भी पल झुमरी अपनी सलवार उतार कर नंगी हो जाएगी और उसके नंगे बदन को एक बार फिर से राजू अपनी आंखों से देख कर मस्त हो जाएगा,,,, झुमरी अपनी सलवार को उतारने के लिए थोड़ा सा आगे की तरफ झुक गई और सलवार को नीचे की तरफ खींचने लगी और देखते ही देखते उसकी उभरी हुई मदमस्त कर देने वाली गांड सुनहरी धूप में चमकने लगी यह देखकर राजू के तन बदन में आग लगे हुए झुमरी की गांड की दोनों फांकें एकदम जलवा बिखेर रही थी गांड की बीच की फांक इतनी गहरी थी कि राजू का मन उसमें डूब जाने को कर रहा था,,, देखते ही देखते झुमरी अपने बदन पर से सलवार उतार कर एकदम नंगी हो गई नंगी होने का भी एक अपना अलग मजा होता है जिसका एहसास झुमरी को अच्छी तरह से हो रहा था यह दूसरा मौका था जब राजू झुमरी को पूरी तरह से नंगी देख रहा था,,,,,।

झुमरी की खूबसूरत जवानी से छलकती हुई नंगा बदन देखकर राजू का लैंड अपने आप ही खड़ा होने लगा था हालांकि वह झुमरी से गंदा नहीं बल्कि सच्चा प्यार करता था लेकिन फिर भी अपनी आंखों के सामने अपनी प्रेमिका को लगना अवस्था में देखकर उसकी भावनाएं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही थी वह ना चाहते हुए भी उसका लंड खड़ा होने लगा था आखिरकार कर भी क्या सकता था राजू अपने मन पर काबू कर सकता था लेकिन उसका लंड बिल्कुल भी नहीं क्योंकि लंड की बेहद पसंदीदा और खूबसूरत चीज उसकी आंखों के सामने थी एक खूबसूरत लड़की की गांड हालांकि अभी तक ना तो राजू ने और ना ही उसके लंड ने झुमरी की बुर के दर्शन नहीं किए थे लेकिन फिर भी इस बात का एहसास उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर दे रहा था कि उसकी आंखों के सामने झुमरी पूरी तरह से नंगी है उसकी खूबसूरत बेशकीमती खजाने को छुपाने के लिए उसके पास कपड़े का एक रेशा तक नहीं है,,,,,, क्योंकि अपने बदन से उतारे हुए कपड़े भी वह पानी में गिरा कर उसे गिला कर चुकी थी और सूखे कपड़े घास फूस की बनी झोपड़ी में रखे हुए थे वहां तक जाने के लिए भी उसे नंगी ही जाना पड़ता ऐसे हालात में राजू का उसकी आंखों के सामने आ जाना बेहद उत्तेजनात्मक स्थिति को पैदा कर सकता था लेकिन राजू अभी अपने आप को रोके हुए था मोटे से पेड़ के पीछे छुप कर वह अपने पूरे अस्तित्व को छुपा लिया था झुमरी को इस बात की भनक तक नहीं थी कि उसके ठीक पीछे ही बड़े से पेड़ के पीछे है राजू छुपा हुआ है उसके नंगे बदन को अपनी आंखों से देख रहा है अगर शायद यह उसे पता चल जाता तो उसकी बुर से मदन रस टपकने लगता,,,,।

खेतों के बीच का यह स्थान पूरी तरह से मदहोशी में गर्म होता चला जा रहा था वातावरण की गर्मी से ज्यादा राजू को झुमरी की मदमस्त कर देने वाली जवानी की गर्मी महसूस हो रही थी,,, देखते ही देखते राजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था,,, झुमरी अपनी गोलाकार गांड को वहीं रखे बड़े से पत्थर पर रखकर बैठ गई और ट्यूबवेल की पाइप से गिर रहे पानी को अपने हाथों में लेकर अपने बदन पर गिराने लगी बदन की गर्मी ठंडे पानी से थोड़ी बहुत राहत महसूस करवा रही थी लेकिन झुमरी को बिल्कुल भी सुकून नहीं था वह एकदम से गिरे पानी के नीचे सर रखकर बैठ गई और देखते-देखते पानी ने पूरी तरह से झुमरी को अपनी बाहों में लेकर उसे अपने शीतलता में भिगो दिया,,, झुमरी का बदन पूरी तरह से पानी में गीला हो गया उसके खुले हुए बाल पानी में भीग कर और भी ज्यादा खूबसूरत नजर आने लगे अभी तक राजू को सिर्फ उसकी पीठ ही नजर आ रही थी और झुमरी तुरंत साबुन लेने के लिए राजू की तरफ घूम गई और राजू को उसकी गोल-गोल चूचियां नजर आने लगी हालांकि वह उस समय भी बैठे हुई थी इसलिए उसकी बुर को कितनी दूरी से देख पाना नामुमकिन सा लग रहा था क्योंकि पानी भी लगातार उसके बदन पर गिर रहा था जिससे उसकी बुर वाली जगह पानी की धार के पीछे छि‌प सी गई थी और ऐसा लग रहा था कि जैसे पानी की धार भी झुमरी की मदद करते हुए राजू को तड़पाने में अपना अहम भूमिका निभा रही हो,,,, साबुन को पाते ही झुमरी फिर से सामने की तरफ मुंह करके बैठ गई और अपने बदन पर साबुन लगाना शुरू कर दी अपनी गीले बालों पर साबुन लगाकर उसके झाग में नहाई हुई जो मरी और भी ज्यादा खूबसूरत और मादक लग रही थी देखते ही देखते झुमरी अपने पूरे बदन पर साबुन लगा दी थी लेकिन पीठ तक उसका हाथ पहुंचने पा रहा था वह बार-बार कोशिश कर रही थी लेकिन ठीक तरह से उसका हाथ पीठ पर पहुंच नहीं पा रहा था इसलिए राजू किस बात का एहसास हो गया था कि यही उसके पास मौका है झुमरी की आंखों के सामने आने का इसलिए वह चोर कदमों से उस बड़े से पेड़ के पीछे से बाहर निकला और धीरे-धीरे झूमर की तरह बाकी बढ़ने लगा और ठीक उसके पीछे पहुंचकर बोला,,,।

तुम्हें दिक्कत ना हो तो मैं लगा दूं साबुन,,,

(इतना सुनते ही झुमरी एकदम से चौक गए वह एकदम से घबरा गई और पीछे मुड़कर देखी तो उसके ठीक पीछे राजू खड़ा था राजू को अपने पीछे खड़ा देखकर उसकी जान में जान आई लेकिन उसकी आंखों के सामने एक बार फिर से नंगी होने के नाते वह अपने नंगे बदन को छुपाने की कोशिश करने लगी वह अपने आप में ही सिमटने लगी,,, झुमरी की मर्जी जाने बिना राजू ठीक उसके पीछे बैठ गया और उसके हाथ से साबुन लेकर उसकी नंगी चिकनी पीठ पर लगाना शुरू कर दिया एक मर्दाना हाथों को अपने बदन पर झुमरी पहली बार महसूस कर रही थी झुमरी का रोम-रोम एकदम झनझना जा रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, उसके सपनों का राजकुमार ठीक उसके पीछे बैठकर उसकी नंगे बदन पर साबुन लगा रहा था यह एहसास ही उसके लिए बहुत ज्यादा मायने रखता था एक अद्भुत सुख उसके पूरे बदन में घर कर गया था,,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की हालत खराब होती जा रही थी उसे साफ महसूस हो रहा था कि पानी की धार में भी उसकी बुर पानी फेंक रही थी राजू अपने आप को खुश किस्मत समझता हुआ झुमरी के गोरे नंगे बदन पर साबुन ऊपर से नीचे की तरफ लगा रहा था वह जिस पर पत्थर पर बैठी हुई थी उस पर बैठने की वजह से उसकी गोलाकार शुगड गांड थोड़ी सी फैली हुई नजर आने लगी थी और उसके बीच की पतली दरार का ऊपर का बिंदु साफ नजर आ रहा था जिसे देखकर राजू का लंड तना जा रहा था,,,,,।

चिलचिलाती धूप में भी शीतल हवा बह रही थी जिससे राजू और झुमरी दोनों को राहत महसूस हो रही थी,,, झुमरी एकदम शांत हो चुकी थी अपने व्यक्तित्व से विरुद्ध वह कुछ भी नहीं बोल पा रही थी वह कभी भी शांत रहने वाली नहीं थी वह कभी भी किसी को कुछ भी बोल देती थी खास करके उन लड़कों को जो उससे इधर-उधर की गंदी बातें कर देते थे उन्हें वह झाड़ देती थी लेकिन इस समय वह एकदम मूक हो चुकी थी क्योंकि इस समय वह अपने प्रेमी के आगोश में थी अपने प्रेमी के हाथ को अपने नंगे बदन पर महसूस कर रही थी और इसी का फायदा राजू पूरी तरह से उठा देना चाहता था झुमरी को कुछ भी ना बोलता देखकर और ना ही उसका विरोध करता देखकर राजू की हिम्मत बढ़ने लगे बस तुरंत अपने दोनों हाथों को साबुन लगाने के बहाने पेट से होते हुए आगे की तरफ लाया और उसकी नंगी चूचियों पर साबुन लगाने के बहाने अपनी दोनों हथेली में उसकी दोनों नारंगीयो को लेकर दबाना शुरू कर देना,,, झुमरी के लिए यह सब कुछ नया था उसके तन बदन में राजू की हरकत से आग लग गई उसके बदन से उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राजू इस तरह की हरकत कर देगा लेकिन जो कुछ भी हो रहा था उससे ना जाने क्यों झुमरी कमजोर पड़ती जा रही थी राजू का विरोध करने की उसमें बिलकुल भी हिम्मत नहीं थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह खुद ही राजू को आगे बढ़ने की इजाजत दे रही हो,,,, साबुन के झाग फिसलती हुई झुमरी की नंगी चूचियां राजू की हथेली में सामान ही रही थी ऐसा नहीं थी कि झुमरी की चूचियां खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी हो थी तो वह नारंगी जैसी ही गोल-गोल लेकिन साबुन के झाग की फिसलन की वजह से वह राजू की हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,,, राजू झुमरी की चुचियों को उत्तेजना के मारे कसकस कर दबाना चाहता था लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था लेकिन उसकी यह हरकत झुमरी के तन बदन में उत्तेजना की फुहार भर दे रही थी जो कि उसकी गुलाबी छेद से बाहर आ रही थी,,,। धीरे-धीरे झुमरी की सांसे गर्म हो रही थी क्योंकि लगातार राजू झुमरी की चूची को दबा रहा था साबुन लगाने के बहाने उसके बदन से छेड़छाड़ ले रहा था और इसका विरोध झुमरी बिल्कुल भी नहीं कर रही थी क्योंकि उसके जवान बदन में जवानी की तरंगे उठ रही थी उसे पहली बार मर्द के स्पर्श का अनुभव हो रहा था उससे मिलने वाले आनंद को वह अपने अंदर महसूस करके एकदम मदहोश हुए जा रही थी,,,,।

राजू ईसमौके का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहता था,,, उसकी हथेलियां बड़ी तेजी से झुमरी की चुचियों पर चल रही थी झुमरी की चूचियां दबाने मुझे बेहद आनंद की अनुभूति हो रही थी क्योंकि उसकी चूचियां छोटी होने के बावजूद भी उसकी हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,, राजू की हरकत की वजह से उसके मुंह से सिसकारी की आवाज आने लगी,,,।

सहरहहहह आहहहरहह राजू यह क्या कर रहा है,,,,ऊममममम


कुछ नहीं झुमरी तुम्हारी खूबसूरत चूची का नाप ले रहा हूं ताकि जब हम दोनों का विवाह होगा तो तुम्हारे नाप का ब्लाउज सिलवा सकूं,,,

आहहहहह राजू क्या सच में तू मुझसे शादी करेगा,,,


हां झुमरी मैं तुझसे प्यार करता हूं सच्चा प्यार करता हूं मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं और तुझसे ही शादी करके रहूंगा,,,,(वास्तविकता यही थी कि राजू सच में झुमरी से शादी करना चाहता था अपना घर गृहस्ती बसाना चाहता था लेकिन इस समय राजू विवाह का वास्ता देकर झुमरी को पूरी तरह से अपने वश में कर लेना चाहता था क्योंकि वह सुम्मरी के व्यक्तित्व से अच्छी तरह से वाकिफ था,,,,)

ओहहहह राजू छोड़ मुझे कोई देख लेगा,,,

यहां कोई नहीं आने वाला झुमरी इतनी खड़ी दुपहरी में गांव के लोग घर में ही सोते हैं उन्हें फुर्सत नहीं होती खेतों में आने की,,,,,(ईतना कहने के साथ ही राजू झुमरी के गर्दन के ऊपरी हिस्से पर चुंबन की बारिश कर दिया राजू को इस बात की अच्छी तरह से पता था कि औरतें कान और गले के बीच में चुंबन करने से और ज्यादा उत्तेजित हो जाती है और यही हो रहा था झुमरी के तन बदन में आग लग रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था एक तरह से झुमरी ने किसी के आने का बहाना देकर राजू को और भी आगे बढ़ने की इजाजत दे दी थी क्योंकि उसमें उसकी भी हा थी,,,, झुमरी की सांसें फूल रही थी फिर भी वह गहरी सांस लेते हुए बोली,,)

कोई आ गया तो राजू,,,,

कोई नहीं आने वाला झुमरी मेरा विश्वास करो ,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसकी दोनों टांगों के बीच उसकी दहकती हुई बुर पर रख दिया,,, अपनी बुर पर राजू की हथेली का स्पर्श होते ही वह एकदम से चौक गई क्योंकि उसके जीवन का यह पहला मौका था जब किसी मर्दाना हाथ को वह अपनी बुर पर महसूस कर रही थी वह पूरी तरह से बौखला गई थी उत्तेजना के चलते उसकी सांसे और ज्यादा तेजी से चलने लगी थी,,, और वह अपनी उखडती हुई सांसो के साथ राजू से बोली,,,)

ओहहहह राजू है क्या कर रहा है मैं पागल हो जाऊंगी,,,


कुछ नहीं अपनी होने वाली बीवी से प्यार कर रहा हूं,,
(राजू के मुंह से अपने लिए बीवी शब्द सुनकर झुमरी के तन बदन में खुशी के साथ-साथ उत्तेजना की लहर और ज्यादा उठने लग रही थी,,,,)

आहहहहह राजू ऐसा ना करो मैं मर जाऊंगी,,,,
(इतना कहते हुए झुमरी मदहोशी के हालत में पूरी तरह से अपनी पीठ को राजू की छाती से टिका दी थी वैसे भी राजू कमर के ऊपर से पूरी तरह से लगा था नंगी पीठ का स्पर्श अपने बदन पर होते ही राजू का लंड और ज्यादा टनटना गया जो कि सीधे पजामे में होने के बावजूद भी झुमरी की पीठ पर ठोकर मार रहा था,,, जोकि बिल्कुल भी अनुभव ना होने के बावजूद भी झुमरी को इस बात का एहसास तो हो गया था कि उसकी पीठ पर क्या चुप रही है और इस बात का एहसास सेवा पूरी तरह से उत्तेजना के मारे गनगना गई थी और देखते ही देखते वह अपने संपूर्ण वजूद को राजू की नंगी छाती पर टिका दी थी,,,, राजू लगातार एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी बुर की हालत खराब कर रहा था,,,,, और ऊपर से ट्यूबवेल की पाइप में से पानी गिर रहा था जो कि दोनों के बदन को भी हो रही थी दोनों एक साथ ट्यूबवेल के पानी के नीचे नहा रहे थे और आनंद ले रहे थे,,,,, झुमरी की हालत को देखते हुए राजू समझ गया था कि अब झुमरी पूरी तरह से लाइन पर आ गई है और देखते ही देखते वह अपनी एक उंगली को उसकी बुर के अंदर घुसेडना शुरू कर दिया बुर पहले से ही पानी छोड़ रही थी इसलिए देखते ही देखते राजू अपनी उंगली को उसकी बुर के अंदर प्रवेश कराना शुरू कर दिया था और,,, जैसे ही झुमरी को इस बात का एहसास हुआ वह तुरंत अपना हाथ राजू के हाथ पर रख कर उसे रोकने की कोशिश करते हुए बोली,,,,)

नहीं राजू नहीं,,,,, मुझे शर्म आ रही है,,,

झुमरी मेरी रानी अपने होने वाले पति से शर्माने की जरूरत नहीं है अगर शर्म आओगी तो अपने पति से मजा कैसे ले पाओगी,,,
(राजू अपनी बातों में झुमरी को पूरी तरह से उलझा रहा था और झुमरी राजू की इस तरह की बातें सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी,,,, देखते ही देखते राजू अपनी मनमानी करते हुए झुमरी की बुर में अपनी एक उंगली को अंदर तक प्रवेश करा दिया अंदर उंगली जाते हैं राजू को इस बात का अहसास हो गया कि झुमरी की जवानी बहुत ज्यादा गर्म है क्योंकि उसकी बुर के अंदर उसकी उंगली पूरी तरह से तप रही थी,,,, राजू को मजा आ रहा था राजू एक हाथ से उसकी चूची और दूसरे हाथ से उसकी बुर से खेल रहा था जिस पर झुमरी ने आज तक किसी की नजर तक नहीं पड़ने दी थी हाथ लगाने की तो बात ही दूर थी लेकिन राजू की किस्मत बड़े जोरों पर थी क्योंकि झुमरी मन ही मन राजू को पसंद करती थी उसे पति के रूप में देखना चाहती थी इसलिए राजू को अपने बदन से खेलने की इजाजत दे रही थी वरना उसकी जगह कोई और होता तो हंसीया से उसका हाथ काट देती,,,,

राजू को इस खेल में मजा आने लगा था खड़ी दुपहरी में खेतों के बीच यहां और कोई नहीं था खुले में कुछ और ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी झुमरी का तो यह पहली बार था इसलिए उसके तन बदन में अजीब सी लहर उठ रही थी जिसे संभालना उसके लिए नामुमकिन सा होता जा रहा था बार-बार उसकी बुर पानी फेंक दे रही थी और राजू तो इस खेल में पूरी तरह से माहिर हो चुका था उसे इस बात का अच्छी तरह से ज्ञान था कि औरतों को कैसे खुश किया जाता है कैसे उन्हें अपने बस में किया जाता है और वही सारा तरीका वहां झुमरी के पक्ष में लगा रहा था और झुमरी भी उसके तरीकों से पूरी तरह से मदहोश ‌हुए जा रही थी,,,,,, राजू अपनी उंगली को झुमरी की बुर में डाल कब से अंदर बाहर कर रहा था एक तरह से वह झुमरी की चुदाई करना शुरू कर दिया था यह चुदाई करने से पहले प्रारंभ का सबक था जिसमें औरत या लड़की को पूरी तरह से अपने वश में करने का यही एक बेहद सक्षम तरीका होता है लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है जिस पर मेहनत करके राजू पार हो चुका था देखते ही देखते राजू अपनी उंगली का सहारा लेकर झुमरी की बुर में अपने लिए जगह बना रहा था क्योंकि इस बात से वह भी अच्छी तरह से वाकिफ था कि झुमरी पहली बार चुदाई के लिए तैयार हो रही है और उसका लंड मोटा और लंबा है ऐसे हालात में उसकी बुर में सीधे-सीधे डाल देना उचित नहीं था,,,, इसलिए राजू समझदारी और चालाकी से काम ले रहा था झुमरी पूरी तरह से अपनी नंगी पीठ को राजू की नंगी छाती पर टिकाए हुए थी झुमरी की हालत को देखकर राजू समझ गया था कि झुमरी पूरी तरह से उसके पास में हो चुकी है इसलिए धीरे से उठा और ठीक उसके सामने आकर खड़ा हो गया,,, पानी में पैजामा पूरी तरह से भीग चुका था झुमरी की नजर जैसे ही भीगे हुए पजामे के अंदर छुपे उसके मोटे टनटनाते लंड पर पड़ी वह एकदम से घबरा गई,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे वहां इंसान का नहीं बल्कि गधे का लंड देख ली हो,,,, झुमरी की घबराहट राजू ने उसके चेहरे से पढ़ लिया था इसलिए झुमरी से बोला,,,।

क्या हुआ झुमरी मेरी रानी ऐसे क्यों देख रही हो,,,
(राजू की बात सुनते ही वह नजर उठा कर राजू की तरफ देखी और वापस पजामे की तरफ देखने लगी उसके पास कहने के लिए कोई शब्द नहीं थे वह शर्मा भी रही थी और उत्सुक भी थी राजू के लंड को देखने के लिए और वह भी एकदम नंगा,,, झुमरी की खामोशी में ही उसकी हा थी इस बात को राजू अच्छी तरह से समझ गया था इसलिए उसकी आंखों के सामने ही वह अपना पजामा उतारना चाहता था लेकिन तभी उसे कुछ याद आया वह झुमरी को और ज्यादा गर्म कर देना चाहता था इसलिए पैजामा उतारे बिना ही वह अपने घुटनों के बल बैठ गया और उसकी दोनों टांगों को घुटनों से पकड़ कर उसे फैलाने लगा ऐसा करने से झुमरी एकदम से सकते में आ गई और अपने दोनों टांगों को आपस में हटा दी क्योंकि वह समझ गई थी कि राजू क्या देखना चाहता है,,,,,)

नहीं राजू मुझे शर्म आ रही है,,,,

पहली बार तो शर्म आती है मेरी जान लेकिन फिर धीरे-धीरे मजा आने लगता है और वैसे भी किसी गैर के सामने तुम अपनी टांगें थोड़ी खोल रही हो मैं तो तुम्हारा होने वाला पति हूं तुमसे शादी करके तुम्हें अपने घर लेकर आऊंगा तब तो रोज तुम्हारी चुदाई करूंगा तब क्या करोगी,,,
(राजू के मुंह से चुदाई करने वाली बात सुनकर झुमरी एकदम से शर्मा गई और शर्मा कर दूसरी तरफ अपनी नजर कुमारी और इसी पल का फायदा उठाते हुए राजू ने तुरंत उसके दोनों घुटनों को एक दूसरे के विरुद्ध फैला दिया उसकी टांगे खुलते ही राजू को उसकी गुलाबी फूल और वह भी एकदम कचोरी की तरह फूली हुई नजर आने लगी,,, राजू के लिए नजारा उसका देखे गया सबसे बेहतरीन हजारों में से एक था क्योंकि वह झुमरी से प्यार करता था उसकी गुलाबी बुर को देखना उसका सपना का इसलिए इस समय वह पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो गया झुमरिया देखकर अंदर ही अंदर गदगद हुए जा रही थी कि राजू उसकी बुर को प्यासी नजरों से देख रहा है झुमरी कुछ कर पाती या कुछ बोल पाती इससे पहले ही राज उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से खोलते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी गीली बुर पर रख दिया और ऐसा करते ही झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे समझ में नहीं आया कि यह राजू ने क्या किया क्योंकि उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि मर्द औरत की बुर भी चाटते हैं क्योंकि उसने आज तक ना तो इस बारे में कभी सोची थी ना ही कभी अपनी आंखों से उसे यह सब देखने का मौका मिला था इसलिए उसके लिए सब कुछ नया था राजू पलभर में ही झुमरी को पूरी तरह से अपनी आगोश में ले लिया वह पूरी तरह से ध्वस्त होने लगी राजू की मर्दानगी के आगे घुटने टेकने लगी उसकी टांगे कांपने लगे यह अवसर उसके लिए बेहद अद्भुत और अविस्मरणीय था,,,।

गर्मी के दिन में जब पूरा गांव अपने घर में आराम कर रहा था तब झुमरी और राजू खेतों में कपड़े धोते-धोते कब काम क्रीड़ा का आनंद लेने लगे दोनों को पता ही नहीं चला राजू पूरी तरह से अपनी जीभ का जादू झुमरी की‌ बुर के ऊपर चला रहा था और राजू का जादू काम भी कर रहा था बुरी तरह से झुमरी गहरी गहरी सांस ले रही थी वह आनंद के सागर में गोते लगाना शुरू कर दी थी उसे मजा आने लगा था वह कभी सोची भी नहीं थी कि इस तरह के खेल में इतना मजा आता है वह पागलों की तरह गहरी गहरी सांस लेते हुए गरम सिसकारी ले रही थी जो कि इस समय उसकी गर्म सिसकारी को सुनने वाला वहां कोई नहीं था,,,, राजू पूरी तरह से झुमरी की गर्म जवानी का रस अपनी जीभ से निचोड़ रहा था और अपने गले में गटक रहा था,,,,, झुमरी पागलों की तरह अपना सर इधर उधर भटक रही थी वह भी बड़े से पत्थर पर बैठे हुए थी जिस पर बैठने की वजह से उसकी गांड थोड़ी चौड़ी नजर आने लगी थी और राजू उसकी कमर थामें हुए अपनी जीभ अंदर तक डाल रहा था,,, झुमरी की बुर लगातार पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से वह चिपचिपी हो गई थी उसके चिपचिपे पन का फायदा उठाते हुए राजू कब उसकी बुर में अपनी एक ऊंगली डाल दीय५उसे पता ही नहीं चला और उसे अंदर बाहर कर बुर को चाटने आनंद लेने लगा,,,।

झूमरी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी जिसकी गहरी सांस एस बात का सबूत था कि वह पूरी तरह से आनंद के सागर में गोते लगा रही हो ईसी पल का राजू को इंतजार भी था हुआ समझ गया था कि लोहा पूरी तरह से गरम हो चुका है उस पर थोड़ा चलाना जरुरी है इससे तुरंत अपना मुंह उसकी बुर से हटाकर खड़ा हो गया राजू का लंड पजामे के अंदर पूरी तरह से टनटना गया था जो कि पानी में गीला होने के बावजूद भी अपना असर दिखा‌ रहा था उसे देख झुमरी की बुर फिर से पानी छोड़ने लगी,,,, झुमरी को चोदने के लिए राजू उसकी इजाजत मांगना जरूरी नहीं समझ रहा था क्योंकि वह जानता था कि वह इंकार करेगी लेकिन अंदर से वह भी उसके लंड को अपनी बुर में लेना चाहती है,,,, इसलिए राजू झुमरी के ऊपर अपना आखिरी पाशा फेंकने जा रहा था वह तुरंत झुमरी की आंखों के सामने अपने पजामे को उतारने लगा झुमरी शर्मा रही थी उसकी तरफ देखने से कतरा रही थी,,, देखते ही देखते राजू झुमरी की आंखों के सामने एकदम नंगा हो गया उसका लंड हवा में लहरा रहा था आसमान की तरफ मुंह उठाए खड़ा था जब देखा कि झुमरी उसकी तरफ नहीं देख रही है तो राजू उसके खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हाथों में भर लिया और उसकी नजरों को अपने लंड की तरफ करते हुए बोला,,,।


शर्मा क्यों रही हो मेरी रानी तुम्हारा ही है तुम्हारे लिए ही तो खड़ा हुआ है तुम मुझसे प्यार नहीं करोगी तो कौन करेगा क्या तुम चाहती हो कि मैं किसी और लड़की से प्यार करूं किसी और को यह सुख दूं,,,,
(झुमरी शर्म के मारे अपनी आंखों को बंद किए हुए थे और राजू की बात सुनकर ना में सर हिला रहे थे यह देखकर राजू मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और फिर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)

चलो मेरी रानी जिस तरह से मैंने तुम्हारी बुर से प्यार किया हूं तुम भी मेरे लंड से प्यार करो,,,,(इतना कहने के साथ ही वह झुमरी कि खूबसूरत चेहरे को अपने हाथों में लिए हुए ही अपने लंड की तरफ आगे बढ़ाने लगा झुमरी को बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि राजू क्या करने वाला है और देखते ही देखते जैसे ही अपने होठों पर राजू के गर्म लंड का स्पर्श हुआ वह एकदम से चौक गई और अपनी आंखों को खोल दी,,,)

यह क्या कर रहे हो राजू,,,

तुम्हें प्यार करना सिखा रहा हूं,,,

ऐसे कोई प्यार होता है क्या,,,

क्यों मैंने भी तो तुम्हारी बुर से प्यार नहीं किया अपने हॉट से लगाकर ऐसे ही तो मर्द और औरत प्यार करते हैं,,,

क्या सच में ऐसा होता है,,,

हां झुमरी मेरी रानी एक बार इसे मुंह में लेकर चूसने देखो कितना मजा आता है,,,

नहीं मुझे गंदा लगता है,,,

कुछ गंदा नहीं है बस एक बार इसे मुंह में लो फिर तुम खुद ही से नहीं छोड़ोगी,,,
(इतना कहते हो राजू अपनी लैंड के गरम सुपाड़े को झुमरी के लाल-लाल होठों पर रगड़ना शुरु कर दिया इनकार करने के बावजूद भी झुमरी के तन बदन में आग लगने लगी और अपने आप ही उसके लाल लाल होंठ खुल गए और मौका देखते ही राजू अपने लंड के सुपाड़े को उसके लाल-लाल होठों के बीच डाल दिया,,,, पहले तो झुमरी को थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर जैसे-जैसे राजू ने बताया उस पर जीभ घुमाते हुए उसे मजा आने लगा और देखते ही देखते राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया कुछ ही देर में झुमरी को इतना आनंद आ रहा था कि पूछो मत वह खुद ही राजू की लंड को पकड़ कर उसे मुंह में लेकर चूसने आई थी देखते ही देखते उसकी शर्म हवा में फुर्र हो गई थी,,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था झुमरी को चोदने की ललक उसकी आंखों में साफ दिखाई दे रही थी वह तुरंत झुमरी के मुंह में से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसकी दोनों टांगों को उसी स्थिति में फैलाना शुरू कर दिया या देखकर झुमरी बोली,,,।

नहीं राजू यहां नहीं मुझे शर्म आ रही है कोई देख लिया तो गजब हो जाएगा,,,
(राजू की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी वह जल्द से जल्द अपने खड़े लंड को झुमरी की बुर में डाल देना चाहता था इसलिए गहरी सांस लेते हुए बोला,,)

तब,,,,,,

झोपड़ी में चलते हैं,,,
(झुमरी के मुंह से यह सुनकर आज एकदम खुश हो गया क्योंकि उसकी काम क्रीडा की हरकत पूरी तरह से काम कर चुकी थी झुमरी खुद अब चुदवाना चाहती थी इसलिए झुमरी को देखकर राजू मुस्कुराने लगा और वह कुछ समझ पाते इससे पहले ही वह आगे बढ़ कर उसे गोद में उठा लिया झुमरी एकदम से घबरा गई ,,, झुमरी उसे लगातार नीचे उतारने के लिए बोल रही थी लेकिन राजू उसे गोद में लिए हुए झोपड़ी की तरफ चला जा रहा था झुमरी हैरान थी राजू की ताकत को देखकर क्योंकि वह बिना डगमगाए बड़े आराम से उसे गोद में उठाए हुए चला जा रहा था यहां तक कि झुमरी का वजन थोड़ा ज्यादा था लेकिन फिर भी उसे जरा भी फर्क नहीं पड़ रहा था यह देखकर झुमरी के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी जाने लगी थी झुमरी को इस बात का डर था कि राजू उसे गिराना दे लेकिन राजू का आत्मविश्वास देखकर वह खुद करके रोए जा रही थी देखते-देखते राजू उसे गोद में उठाए हुए ही झोपड़ी के अंदर लेकर आया और घास फूस की ढेर में उसे लाकर पटक दिया अब राजू के लिए रोक पाना अपने आप पर काबू कर पाना असंभव था वह देखते ही देखते झुमरी कि दोनों टांगों को फैला दिया और,,, जैसे ही राजू को झुमरी की गुलाबी बुर नजर आई उसके मुंह में पानी आ गया और वहां अपने आप को रोक नहीं पाया घुटनों के बल बैठकर झुमरी को अपनी तरफ खींचा और उसकी आदि गांड को अपने घुटनों पर रख दिया झुमरी के लिए पहला मौका था जब वह किसी के लंड को अपनी बुर में लेने जा रही थी इसलिए उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसके मन में उत्सुकता बढ़ती जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अंदर जाने पर कैसा लगेगा और इसी कशमकश में वह अपनी आंखों को बंद कर चुकी थी,,,,


झुमरी के चरित्र को देखकर राजू अच्छी तरह से जानता था कि जो मेरी पूरी तरह से कुंवारी लड़की है उसकी बुर में लंड डालना बड़ी मेहनत का काम है इसलिए मैं धीरे-धीरे ढेर सारा थूक लगाकर झुमरी की बुर पर अपने लंड के सुपाड़े को रखकर उसे धीरे-धीरे अंदर की तरफ ठेलने लगा,,, अभी सुपाड़ा मात्र एक अंगूर अंदर घुसा था कि झुमरी को दर्द महसूस होने लगा राजू समझ गया कि बड़े सावधानी से आगे बढ़ना है इसलिए वह अपने हाथों को आगे बढ़ाकर उसकी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया उसको उत्तेजित कर रहा था उसी उत्साह रहा था देखते ही देखते वह अपनी कमर का भी असर उसे दिखा रहा,,, था,,, झुमरी की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनते ही वह अपनी कमर को आगे की तरफ तेरा और आधा सुपाड़ा झुमरी की बुर में,, समा गया उसे दर्द हो रहा था लेकिन वह अपने दर्द को जेल गई थी उसे नहीं मालूम था कि आगे और भी दर्द होगा क्योंकि उसकी बुर में पहली बार लड़ने जा रहा था देखते ही देखते राजू ने थोड़ा सा और धक्का लगाया और लंड का पूरा सुपड़ा बुर की अंदर घुस गया अब जाकर झुमरी को दर्द का एहसास होने लगा उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल गई और राजू तुरंत आगे बढ़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिया और उसे चूसना शुरू कर दिया और उसी स्थिति में रुका रह गया वह जानता था कि झुमरी का पहली बार होने की वजह से हुआ है बर्दाश्त नहीं कर पाएगी और अगर एक बार उसने लंड बाहर निकाल लिया तो झुमरी फिर उसे दोबारा डालने नहीं देगी,,, इसलिए उसे समझाते हुए बोला,,,

बस बस मेरी जान हो गया देखना इतना मजा आएगा कि तुम खुद मेरे लंड पर कुदोगी,,,,(और इतना कहते हुए उसकी चूची को से लाते हैं और उसके लाल-लाल होठों का रसपान करते हुए फिर से अपनी कमर को सहमत दिया और उसे धक्का मार कर आगे की तरफ फेंक दिया इस बार राजू का आधा लंड उसकी बुर के अंदर घुस गया अब झुमरी को और दर्द करना शुरू हो गया झुमरी अपना सर पटकने लगी अपना पाव इधर-उधर फेंकने लगे लेकिन राजू उसे अपने नीचे लिए हुए उसे काबू में रखे हुए था और उसकी चूची को पकड़कर दबा रहा था ताकि उसका दर्द कम हो जाए,,,)

बस बस हो गया मेरी जान बहुत खूबसूरत हो तुम झुमरी तुम्हारी खूबसूरती देखकर मैं पागल हो गया हूं इसीलिए तुम्हें बीवी बनाने का मैंने कब से उठा लिया था जबसे तुम्हें पहली बार नंगी नहाता हुआ देखा था उसी दिन मैंने निश्चय कर लिया था कि मेरे घर में बीवी बनकर आएगी तो सिर्फ झुमरी,, तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की पूरे गांव में तो क्या अगल-बगल के 10 गांव में मैंने आज तक नहीं देखा तुम जानती हो दिन भर में बैलगाड़ी लेकर इधर-उधर घूमता रहता हूं लेकिन तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखा इसलिए तो मैं तुम्हारा दीवाना हूं मेरी जान,,,
(राजू की बातों का जादू झुमरी के ऊपर छाने लगा था उसका दर्द कम होने लगा तो राजू अपनी बात को जारी रखते हुए बोला,,,)
तुम नहीं जानती झुमरी तुम्हें चोदने का मैं कबसे कल्पना करता था सपने देखता था ख्वाब देखता था मैं यही सोचता था कि तुम जिस दिन मेरे घर पर दुल्हन बन कर आओगे सारी रात तुम्हें प्यार करूंगा तुम्हें कपड़े पहनने नहीं दूंगा सारी रात तुम्हें नंगी करके रखूंगा और रात भर तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर रखूंगा,,,,(राजू की बातों में शहद खुला हुआ था मदहोशी भूली हुई थी मादकता छाई हुई थी जो कि पूरी तरह से झुमरी को अपनी आगोश में ले रही थी राजू के मुंह से निकला एक-एक शब्द झुमरी के बदन में आग लगा रहे थे इसलिए तो वह सिसकारी देना शुरू कर दी थी और यही मौका देखकर राजू ने फिर से जोर लगाया और पूरा का पूरा लंड झुमरी की बुर में गाड़ दिया,,,, एक बार फिर से झुमरी की चीज बड़ी जोरों से निकले लेकिन उस सुनसान खेतों में उसकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था राजू जानता था कि थोड़ी ही देर में उसे मजा आ जाएगा इसलिए अपनी बातों का सिलसिला जारी रखते हुए वह बोला,,,)
ओहहहह झुमरी बस हो गया मेरी जान तू नहीं जानती तुम जब चलती हो तो तुम्हारी गांड इधर-उधर जब मटकती है ना देखकर लड़के का मन हो जाता है मैं तो तुम्हारी चाल पर एकदम फिदा हो गया हूं लेकिन देखना जब तुम मुझसे शादी कर लो कि जब तुम मेरी बीवी बन जाओगी तो तुम्हें चलने नहीं दूंगा तुम्हें घर पर रख लूंगा रानी बनाकर तुम्हें खेतों में नहीं जाना पड़ेगा काम नहीं करना पड़ेगा तुम दिन भर रात भर मेरी पलकों पर बैठी रहोगी क्योंकि मैं नहीं चाहता कि तुम्हारी खूबसूरती को गांव का कोई मर्द अपनी आंखों से पी ए क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम्हें देखकर ना जाने कितने लोग अपने मन में गंदे विचार लाते होंगे,,, तुम्हारी खूबसूरती का रस पीने के लिए लालायित होते होंगे,,, और मेरी किस्मत कितनी अच्छी है कि तुम मुझे अपने पति के रूप में स्वीकार करना चाहती हो और मैं तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता हूं,,,
(राजू की मिश्री घुली बातें झुमरी के दर्द पर असर कर रही थी उसका दर्द कम हो रहा था असहनीय पीड़ा को वह राजू की बातों से झेल ले जा रही थी थोड़ी देर में सब कुछ सही हो गया राजू अपने हाथ का करामत दिखाते हुए उसके नारंगी को पकड़कर जोर जोर से दबा रहा था जिसके चलते हैं उसके चेहरे का रंग फिर से बदलने लगा और वह मदहोशी में आहें भरने लगी और इसी मौके की तलाश में राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते वह झुमरी को चोदना शुरू कर दिया था राजू के लिए झुमरी पर काबू पाना बहुत ही बड़ा सफर तय करके मंजिल तक पहुंचने जैसा था आखिरकार राजू झुमरी की मां के साथ साथ झुमरी की भी चुदाई कर रहा था,,,।

थोड़ी देर में राजू का मोटा तगड़ा लंड बड़े आराम से झुमरी की बुर की गहराई नापना शुरू कर दिया था,,, लेकिन झुमरी की बुर की अंदर की दीवारों पर राजू का लंड रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था जिससे झुमरी के आनंद में बढ़ोतरी होती जा रही थी और ‌ उसकी पुर बार-बार पानी छोड़ रही थी,,,, राजू लगातार अपनी कमर हिला रहा था उसकी गर्दन उसके हो उसके गाल पर चुंबनो की बारिश कर रहा था,,, जिससे झुमरी को और ज्यादा मजा आ रहा था थोड़ी ही देर में झुमरी की बुर से चप्प चप्प आवाज आना शुरू हो गई जिससे वातावरण पूरी तरह से गर्मा रहा था और झुमरी की गरम सिसकारियां राजू के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी भर रही थी,,,,

झुमरी अपनी नजरें उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच राजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी बुर के अंदर बाहर होता हुआ देखकर आश्चर्यचकित हुए जा रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि इतना मोटा तगड़ा लंड इतने आराम से उसकी बुर के अंदर अंदर बाहर हो रहा है,,,, झुमरी के चेहरे को देखकर राजू समझ गया कि वह क्या सोच रही है इसलिए राजू मुस्कुराता हुआ बोला,,

बोला था ना मेरी रानी बहुत मजा आएगा अब कैसा लग रहा है बताओ,,,

बहुत अच्छा लग रहा है,,,(शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमा कर बोली)


अभी तो देखना और मजा आएगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ झुमरी के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन दर्द से ज्यादा उसे मजा आ रहा था,,, थोड़ी देर तक इस स्थिति में चुदाई करने के बाद राजू अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे घोड़ी बनने के लिए बोला मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करना है इसलिए राजू ने खुद ही उसे अपने हाथों से घुटने मोड़कर उसकी हाथ की कोहनी मोड़ कर उससे घोड़ी बना दिया और उसकी गांड को अपने हाथों से हवा में उठा दिया,, मदहोशी से भरी हुई झुमरी राजू के इशारे पर नाच रही थी और जैसा वह कर रहा था वैसे ही होती जा रही थी देखते ही देखते राजू पीछे से झुमरी की गांड को पकड़कर अपने लंड को उसके गुलाबी छेद में डाल दिया और फिर से चोदना शुरू कर दिया इस स्थिति में झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे बहुत मजा आ रहा था ऐसा आनंद उसने कभी महसूस तक नहीं की थी और ना ही कभी ऐसे आनंद के बारे में वह सोची थी,,

कुछ ही देर में झुमरी के मुंह से गरमा गरम सिसकारियां फूटने लगी और उन गरम सिसकारियां को सुनकर राजू की मदहोशी और बढ़ती जा रही थी गर्मी का महीना होने की वजह से राजू और झुमरी दोनों का बदन पसीने से तरबतर हो चुका था इतनी मेहनत जो दोनों कर रहे थे लेकिन जितनी मेहनत कर रहे थे उससे 10 गुना आनंद भी प्राप्त कर रहे थे देखते ही देखते झुमरी की सांसें तेज चलने लगी राजू समझ गया कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए राजू तुरंत उसकी गोल गोल सुडोल गांड को कस के अपने दोनों हाथों से पकड़कर धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ गए राजू पीछे से झुमरी को पकड़े हुए सूखी हुई घास पर एकदम पसर गया ,,,,,।
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Raj_sharma

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राजू का यूं चले जाना झुमरी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था,,,,, ना जाने क्यों अब उसके मन में यह भावना जागने लगी थी कि काश राजू उसकी आंखों के सामने खड़ा होता और वह उसकी आंखों के सामने अपने बदन से एक-एक कपड़े उतार कर उसके सामने नंगी होती लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था राजू को वो खुद जाने के लिए बोली थी क्योंकि उसे शर्म का एहसास हो रहा था आखिरकार वह कैसे कह दे कि तुम खड़े हो मैं अपने कपड़े उतार कर नंगी होती है एक लड़की के लिए यह पल बेहद अजीब होता है और वैसे भी झुमरी और राजू आपस में इतने खुले भी नहीं थे भले ही दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन दोनों के बीच अभी भी एक दूरी थी जो कि बेहद सीमित रूप से थी दोनों के बीच, भले ही प्रेम संबंध का रिश्ता पनप रहा था लेकिन इस तरह का खुलापन बिल्कुल भी नहीं था कि दोनों एक दूसरे के सामने कुछ भी करने को तैयार हो जाए लेकिन एक प्रेमिका होने के नाते झुमरी को अपने प्रेमी को इस तरह से नाराज नहीं करना चाहिए था यह सा महसूस हो रहा था और उसे दुख भी हो रहा था,,,,,, मन मसोसकर झुमरी अपने बदन से एक-एक करके कपड़ों को उतारना शुरू कर दी थी चिलचिलाती धूप में खेतों के बीच ट्यूबवेल के पास झुमरी राजू के ख्यालों में खोई हुई नंगी होने की तैयारी कर रही थी हालांकि वह अपने सारे कपड़े उतार कर कभी भी नंगी होकर इस तरह से खेत में नहीं आती थी लेकिन आज राजू की बात सुनकर ना जाने क्यों अपने बदन से एक-एक करके सारे कपड़ों को उतार दी चली जा रही थी ‌ पहले कुर्ती कुर्ती के उतारते हैं उसकी मदमस्त कर देने वाली दोनों नौरंगिया अपना जलवा बिखेरने लकी छातियों की शोभा बढ़ा रही उसकी दोनों नौरंगिया बहुत ही सीमित आकार में थी लेकिन बेहद जानलेवा आकर्षक नजर आ रही थी,,,,,, अपनी चुचियों की तरफ नजरे नीचे करके देखने पर झुमरी को अफसोस हो रहा था कि क्या फायदा अगर राजू की नजर इस पर ना पड़े तो यही सोचकर वह अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी वह अपने मन में यह सोच रही थी कि कहां सर आज उसकी आंखों के सामने खड़ा होता है तो उसके सामने कपड़े उतारने में कितना मजा आता भले ही वह शर्म से शर्मिंदा हो रही होती लेकिन फिर भी एक अद्भुत सुख उसके तन बदन में हिचकोले खा रहा होता,,,,, वह राजू के ख्यालों में खोई हुई धीरे-धीरे अपनी सलवार की डोरी खोल रही थी इस बात से अनजान की राजू भले ही उसकी आंखों के सामने से ओझल हो गया था लेकिन घूम कर वह ठीक उसके पीछे मोटे से पेड़ के पीछे आकर खड़ा हो गया था और वहां खड़े होकर झुमरी की गतिविधियों को देखकर मस्त हो रहा था राजू अपनी आंखों से उसे कुर्ती उतारता हुआ देख लिया था उसकी नंगी चिकनी पीठ देखकर राजू अंदर ही अंदर उत्तेजित हुआ जा रहा था दूसरी तरफ झुमरी की नाजुक उंगलियां उसकी सलवार की डोरी में उलझी हुई थी जिसे व खींचकर अपनी सलवार को ढीली कर चुकी थी सलवार के ढीली होते ही राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा वह जानता था कि किसी भी पल झुमरी अपनी सलवार उतार कर नंगी हो जाएगी और उसके नंगे बदन को एक बार फिर से राजू अपनी आंखों से देख कर मस्त हो जाएगा,,,, झुमरी अपनी सलवार को उतारने के लिए थोड़ा सा आगे की तरफ झुक गई और सलवार को नीचे की तरफ खींचने लगी और देखते ही देखते उसकी उभरी हुई मदमस्त कर देने वाली गांड सुनहरी धूप में चमकने लगी यह देखकर राजू के तन बदन में आग लगे हुए झुमरी की गांड की दोनों फांकें एकदम जलवा बिखेर रही थी गांड की बीच की फांक इतनी गहरी थी कि राजू का मन उसमें डूब जाने को कर रहा था,,, देखते ही देखते झुमरी अपने बदन पर से सलवार उतार कर एकदम नंगी हो गई नंगी होने का भी एक अपना अलग मजा होता है जिसका एहसास झुमरी को अच्छी तरह से हो रहा था यह दूसरा मौका था जब राजू झुमरी को पूरी तरह से नंगी देख रहा था,,,,,।

झुमरी की खूबसूरत जवानी से छलकती हुई नंगा बदन देखकर राजू का लैंड अपने आप ही खड़ा होने लगा था हालांकि वह झुमरी से गंदा नहीं बल्कि सच्चा प्यार करता था लेकिन फिर भी अपनी आंखों के सामने अपनी प्रेमिका को लगना अवस्था में देखकर उसकी भावनाएं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही थी वह ना चाहते हुए भी उसका लंड खड़ा होने लगा था आखिरकार कर भी क्या सकता था राजू अपने मन पर काबू कर सकता था लेकिन उसका लंड बिल्कुल भी नहीं क्योंकि लंड की बेहद पसंदीदा और खूबसूरत चीज उसकी आंखों के सामने थी एक खूबसूरत लड़की की गांड हालांकि अभी तक ना तो राजू ने और ना ही उसके लंड ने झुमरी की बुर के दर्शन नहीं किए थे लेकिन फिर भी इस बात का एहसास उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर दे रहा था कि उसकी आंखों के सामने झुमरी पूरी तरह से नंगी है उसकी खूबसूरत बेशकीमती खजाने को छुपाने के लिए उसके पास कपड़े का एक रेशा तक नहीं है,,,,,, क्योंकि अपने बदन से उतारे हुए कपड़े भी वह पानी में गिरा कर उसे गिला कर चुकी थी और सूखे कपड़े घास फूस की बनी झोपड़ी में रखे हुए थे वहां तक जाने के लिए भी उसे नंगी ही जाना पड़ता ऐसे हालात में राजू का उसकी आंखों के सामने आ जाना बेहद उत्तेजनात्मक स्थिति को पैदा कर सकता था लेकिन राजू अभी अपने आप को रोके हुए था मोटे से पेड़ के पीछे छुप कर वह अपने पूरे अस्तित्व को छुपा लिया था झुमरी को इस बात की भनक तक नहीं थी कि उसके ठीक पीछे ही बड़े से पेड़ के पीछे है राजू छुपा हुआ है उसके नंगे बदन को अपनी आंखों से देख रहा है अगर शायद यह उसे पता चल जाता तो उसकी बुर से मदन रस टपकने लगता,,,,।

खेतों के बीच का यह स्थान पूरी तरह से मदहोशी में गर्म होता चला जा रहा था वातावरण की गर्मी से ज्यादा राजू को झुमरी की मदमस्त कर देने वाली जवानी की गर्मी महसूस हो रही थी,,, देखते ही देखते राजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था,,, झुमरी अपनी गोलाकार गांड को वहीं रखे बड़े से पत्थर पर रखकर बैठ गई और ट्यूबवेल की पाइप से गिर रहे पानी को अपने हाथों में लेकर अपने बदन पर गिराने लगी बदन की गर्मी ठंडे पानी से थोड़ी बहुत राहत महसूस करवा रही थी लेकिन झुमरी को बिल्कुल भी सुकून नहीं था वह एकदम से गिरे पानी के नीचे सर रखकर बैठ गई और देखते-देखते पानी ने पूरी तरह से झुमरी को अपनी बाहों में लेकर उसे अपने शीतलता में भिगो दिया,,, झुमरी का बदन पूरी तरह से पानी में गीला हो गया उसके खुले हुए बाल पानी में भीग कर और भी ज्यादा खूबसूरत नजर आने लगे अभी तक राजू को सिर्फ उसकी पीठ ही नजर आ रही थी और झुमरी तुरंत साबुन लेने के लिए राजू की तरफ घूम गई और राजू को उसकी गोल-गोल चूचियां नजर आने लगी हालांकि वह उस समय भी बैठे हुई थी इसलिए उसकी बुर को कितनी दूरी से देख पाना नामुमकिन सा लग रहा था क्योंकि पानी भी लगातार उसके बदन पर गिर रहा था जिससे उसकी बुर वाली जगह पानी की धार के पीछे छि‌प सी गई थी और ऐसा लग रहा था कि जैसे पानी की धार भी झुमरी की मदद करते हुए राजू को तड़पाने में अपना अहम भूमिका निभा रही हो,,,, साबुन को पाते ही झुमरी फिर से सामने की तरफ मुंह करके बैठ गई और अपने बदन पर साबुन लगाना शुरू कर दी अपनी गीले बालों पर साबुन लगाकर उसके झाग में नहाई हुई जो मरी और भी ज्यादा खूबसूरत और मादक लग रही थी देखते ही देखते झुमरी अपने पूरे बदन पर साबुन लगा दी थी लेकिन पीठ तक उसका हाथ पहुंचने पा रहा था वह बार-बार कोशिश कर रही थी लेकिन ठीक तरह से उसका हाथ पीठ पर पहुंच नहीं पा रहा था इसलिए राजू किस बात का एहसास हो गया था कि यही उसके पास मौका है झुमरी की आंखों के सामने आने का इसलिए वह चोर कदमों से उस बड़े से पेड़ के पीछे से बाहर निकला और धीरे-धीरे झूमर की तरह बाकी बढ़ने लगा और ठीक उसके पीछे पहुंचकर बोला,,,।

तुम्हें दिक्कत ना हो तो मैं लगा दूं साबुन,,,

(इतना सुनते ही झुमरी एकदम से चौक गए वह एकदम से घबरा गई और पीछे मुड़कर देखी तो उसके ठीक पीछे राजू खड़ा था राजू को अपने पीछे खड़ा देखकर उसकी जान में जान आई लेकिन उसकी आंखों के सामने एक बार फिर से नंगी होने के नाते वह अपने नंगे बदन को छुपाने की कोशिश करने लगी वह अपने आप में ही सिमटने लगी,,, झुमरी की मर्जी जाने बिना राजू ठीक उसके पीछे बैठ गया और उसके हाथ से साबुन लेकर उसकी नंगी चिकनी पीठ पर लगाना शुरू कर दिया एक मर्दाना हाथों को अपने बदन पर झुमरी पहली बार महसूस कर रही थी झुमरी का रोम-रोम एकदम झनझना जा रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, उसके सपनों का राजकुमार ठीक उसके पीछे बैठकर उसकी नंगे बदन पर साबुन लगा रहा था यह एहसास ही उसके लिए बहुत ज्यादा मायने रखता था एक अद्भुत सुख उसके पूरे बदन में घर कर गया था,,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की हालत खराब होती जा रही थी उसे साफ महसूस हो रहा था कि पानी की धार में भी उसकी बुर पानी फेंक रही थी राजू अपने आप को खुश किस्मत समझता हुआ झुमरी के गोरे नंगे बदन पर साबुन ऊपर से नीचे की तरफ लगा रहा था वह जिस पर पत्थर पर बैठी हुई थी उस पर बैठने की वजह से उसकी गोलाकार शुगड गांड थोड़ी सी फैली हुई नजर आने लगी थी और उसके बीच की पतली दरार का ऊपर का बिंदु साफ नजर आ रहा था जिसे देखकर राजू का लंड तना जा रहा था,,,,,।

चिलचिलाती धूप में भी शीतल हवा बह रही थी जिससे राजू और झुमरी दोनों को राहत महसूस हो रही थी,,, झुमरी एकदम शांत हो चुकी थी अपने व्यक्तित्व से विरुद्ध वह कुछ भी नहीं बोल पा रही थी वह कभी भी शांत रहने वाली नहीं थी वह कभी भी किसी को कुछ भी बोल देती थी खास करके उन लड़कों को जो उससे इधर-उधर की गंदी बातें कर देते थे उन्हें वह झाड़ देती थी लेकिन इस समय वह एकदम मूक हो चुकी थी क्योंकि इस समय वह अपने प्रेमी के आगोश में थी अपने प्रेमी के हाथ को अपने नंगे बदन पर महसूस कर रही थी और इसी का फायदा राजू पूरी तरह से उठा देना चाहता था झुमरी को कुछ भी ना बोलता देखकर और ना ही उसका विरोध करता देखकर राजू की हिम्मत बढ़ने लगे बस तुरंत अपने दोनों हाथों को साबुन लगाने के बहाने पेट से होते हुए आगे की तरफ लाया और उसकी नंगी चूचियों पर साबुन लगाने के बहाने अपनी दोनों हथेली में उसकी दोनों नारंगीयो को लेकर दबाना शुरू कर देना,,, झुमरी के लिए यह सब कुछ नया था उसके तन बदन में राजू की हरकत से आग लग गई उसके बदन से उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राजू इस तरह की हरकत कर देगा लेकिन जो कुछ भी हो रहा था उससे ना जाने क्यों झुमरी कमजोर पड़ती जा रही थी राजू का विरोध करने की उसमें बिलकुल भी हिम्मत नहीं थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह खुद ही राजू को आगे बढ़ने की इजाजत दे रही हो,,,, साबुन के झाग फिसलती हुई झुमरी की नंगी चूचियां राजू की हथेली में सामान ही रही थी ऐसा नहीं थी कि झुमरी की चूचियां खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी हो थी तो वह नारंगी जैसी ही गोल-गोल लेकिन साबुन के झाग की फिसलन की वजह से वह राजू की हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,,, राजू झुमरी की चुचियों को उत्तेजना के मारे कसकस कर दबाना चाहता था लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था लेकिन उसकी यह हरकत झुमरी के तन बदन में उत्तेजना की फुहार भर दे रही थी जो कि उसकी गुलाबी छेद से बाहर आ रही थी,,,। धीरे-धीरे झुमरी की सांसे गर्म हो रही थी क्योंकि लगातार राजू झुमरी की चूची को दबा रहा था साबुन लगाने के बहाने उसके बदन से छेड़छाड़ ले रहा था और इसका विरोध झुमरी बिल्कुल भी नहीं कर रही थी क्योंकि उसके जवान बदन में जवानी की तरंगे उठ रही थी उसे पहली बार मर्द के स्पर्श का अनुभव हो रहा था उससे मिलने वाले आनंद को वह अपने अंदर महसूस करके एकदम मदहोश हुए जा रही थी,,,,।

राजू ईसमौके का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहता था,,, उसकी हथेलियां बड़ी तेजी से झुमरी की चुचियों पर चल रही थी झुमरी की चूचियां दबाने मुझे बेहद आनंद की अनुभूति हो रही थी क्योंकि उसकी चूचियां छोटी होने के बावजूद भी उसकी हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,, राजू की हरकत की वजह से उसके मुंह से सिसकारी की आवाज आने लगी,,,।

सहरहहहह आहहहरहह राजू यह क्या कर रहा है,,,,ऊममममम


कुछ नहीं झुमरी तुम्हारी खूबसूरत चूची का नाप ले रहा हूं ताकि जब हम दोनों का विवाह होगा तो तुम्हारे नाप का ब्लाउज सिलवा सकूं,,,

आहहहहह राजू क्या सच में तू मुझसे शादी करेगा,,,


हां झुमरी मैं तुझसे प्यार करता हूं सच्चा प्यार करता हूं मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं और तुझसे ही शादी करके रहूंगा,,,,(वास्तविकता यही थी कि राजू सच में झुमरी से शादी करना चाहता था अपना घर गृहस्ती बसाना चाहता था लेकिन इस समय राजू विवाह का वास्ता देकर झुमरी को पूरी तरह से अपने वश में कर लेना चाहता था क्योंकि वह सुम्मरी के व्यक्तित्व से अच्छी तरह से वाकिफ था,,,,)

ओहहहह राजू छोड़ मुझे कोई देख लेगा,,,

यहां कोई नहीं आने वाला झुमरी इतनी खड़ी दुपहरी में गांव के लोग घर में ही सोते हैं उन्हें फुर्सत नहीं होती खेतों में आने की,,,,,(ईतना कहने के साथ ही राजू झुमरी के गर्दन के ऊपरी हिस्से पर चुंबन की बारिश कर दिया राजू को इस बात की अच्छी तरह से पता था कि औरतें कान और गले के बीच में चुंबन करने से और ज्यादा उत्तेजित हो जाती है और यही हो रहा था झुमरी के तन बदन में आग लग रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था एक तरह से झुमरी ने किसी के आने का बहाना देकर राजू को और भी आगे बढ़ने की इजाजत दे दी थी क्योंकि उसमें उसकी भी हा थी,,,, झुमरी की सांसें फूल रही थी फिर भी वह गहरी सांस लेते हुए बोली,,)

कोई आ गया तो राजू,,,,

कोई नहीं आने वाला झुमरी मेरा विश्वास करो ,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसकी दोनों टांगों के बीच उसकी दहकती हुई बुर पर रख दिया,,, अपनी बुर पर राजू की हथेली का स्पर्श होते ही वह एकदम से चौक गई क्योंकि उसके जीवन का यह पहला मौका था जब किसी मर्दाना हाथ को वह अपनी बुर पर महसूस कर रही थी वह पूरी तरह से बौखला गई थी उत्तेजना के चलते उसकी सांसे और ज्यादा तेजी से चलने लगी थी,,, और वह अपनी उखडती हुई सांसो के साथ राजू से बोली,,,)

ओहहहह राजू है क्या कर रहा है मैं पागल हो जाऊंगी,,,


कुछ नहीं अपनी होने वाली बीवी से प्यार कर रहा हूं,,
(राजू के मुंह से अपने लिए बीवी शब्द सुनकर झुमरी के तन बदन में खुशी के साथ-साथ उत्तेजना की लहर और ज्यादा उठने लग रही थी,,,,)

आहहहहह राजू ऐसा ना करो मैं मर जाऊंगी,,,,
(इतना कहते हुए झुमरी मदहोशी के हालत में पूरी तरह से अपनी पीठ को राजू की छाती से टिका दी थी वैसे भी राजू कमर के ऊपर से पूरी तरह से लगा था नंगी पीठ का स्पर्श अपने बदन पर होते ही राजू का लंड और ज्यादा टनटना गया जो कि सीधे पजामे में होने के बावजूद भी झुमरी की पीठ पर ठोकर मार रहा था,,, जोकि बिल्कुल भी अनुभव ना होने के बावजूद भी झुमरी को इस बात का एहसास तो हो गया था कि उसकी पीठ पर क्या चुप रही है और इस बात का एहसास सेवा पूरी तरह से उत्तेजना के मारे गनगना गई थी और देखते ही देखते वह अपने संपूर्ण वजूद को राजू की नंगी छाती पर टिका दी थी,,,, राजू लगातार एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी बुर की हालत खराब कर रहा था,,,,, और ऊपर से ट्यूबवेल की पाइप में से पानी गिर रहा था जो कि दोनों के बदन को भी हो रही थी दोनों एक साथ ट्यूबवेल के पानी के नीचे नहा रहे थे और आनंद ले रहे थे,,,,, झुमरी की हालत को देखते हुए राजू समझ गया था कि अब झुमरी पूरी तरह से लाइन पर आ गई है और देखते ही देखते वह अपनी एक उंगली को उसकी बुर के अंदर घुसेडना शुरू कर दिया बुर पहले से ही पानी छोड़ रही थी इसलिए देखते ही देखते राजू अपनी उंगली को उसकी बुर के अंदर प्रवेश कराना शुरू कर दिया था और,,, जैसे ही झुमरी को इस बात का एहसास हुआ वह तुरंत अपना हाथ राजू के हाथ पर रख कर उसे रोकने की कोशिश करते हुए बोली,,,,)

नहीं राजू नहीं,,,,, मुझे शर्म आ रही है,,,

झुमरी मेरी रानी अपने होने वाले पति से शर्माने की जरूरत नहीं है अगर शर्म आओगी तो अपने पति से मजा कैसे ले पाओगी,,,
(राजू अपनी बातों में झुमरी को पूरी तरह से उलझा रहा था और झुमरी राजू की इस तरह की बातें सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी,,,, देखते ही देखते राजू अपनी मनमानी करते हुए झुमरी की बुर में अपनी एक उंगली को अंदर तक प्रवेश करा दिया अंदर उंगली जाते हैं राजू को इस बात का अहसास हो गया कि झुमरी की जवानी बहुत ज्यादा गर्म है क्योंकि उसकी बुर के अंदर उसकी उंगली पूरी तरह से तप रही थी,,,, राजू को मजा आ रहा था राजू एक हाथ से उसकी चूची और दूसरे हाथ से उसकी बुर से खेल रहा था जिस पर झुमरी ने आज तक किसी की नजर तक नहीं पड़ने दी थी हाथ लगाने की तो बात ही दूर थी लेकिन राजू की किस्मत बड़े जोरों पर थी क्योंकि झुमरी मन ही मन राजू को पसंद करती थी उसे पति के रूप में देखना चाहती थी इसलिए राजू को अपने बदन से खेलने की इजाजत दे रही थी वरना उसकी जगह कोई और होता तो हंसीया से उसका हाथ काट देती,,,,

राजू को इस खेल में मजा आने लगा था खड़ी दुपहरी में खेतों के बीच यहां और कोई नहीं था खुले में कुछ और ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी झुमरी का तो यह पहली बार था इसलिए उसके तन बदन में अजीब सी लहर उठ रही थी जिसे संभालना उसके लिए नामुमकिन सा होता जा रहा था बार-बार उसकी बुर पानी फेंक दे रही थी और राजू तो इस खेल में पूरी तरह से माहिर हो चुका था उसे इस बात का अच्छी तरह से ज्ञान था कि औरतों को कैसे खुश किया जाता है कैसे उन्हें अपने बस में किया जाता है और वही सारा तरीका वहां झुमरी के पक्ष में लगा रहा था और झुमरी भी उसके तरीकों से पूरी तरह से मदहोश ‌हुए जा रही थी,,,,,, राजू अपनी उंगली को झुमरी की बुर में डाल कब से अंदर बाहर कर रहा था एक तरह से वह झुमरी की चुदाई करना शुरू कर दिया था यह चुदाई करने से पहले प्रारंभ का सबक था जिसमें औरत या लड़की को पूरी तरह से अपने वश में करने का यही एक बेहद सक्षम तरीका होता है लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है जिस पर मेहनत करके राजू पार हो चुका था देखते ही देखते राजू अपनी उंगली का सहारा लेकर झुमरी की बुर में अपने लिए जगह बना रहा था क्योंकि इस बात से वह भी अच्छी तरह से वाकिफ था कि झुमरी पहली बार चुदाई के लिए तैयार हो रही है और उसका लंड मोटा और लंबा है ऐसे हालात में उसकी बुर में सीधे-सीधे डाल देना उचित नहीं था,,,, इसलिए राजू समझदारी और चालाकी से काम ले रहा था झुमरी पूरी तरह से अपनी नंगी पीठ को राजू की नंगी छाती पर टिकाए हुए थी झुमरी की हालत को देखकर राजू समझ गया था कि झुमरी पूरी तरह से उसके पास में हो चुकी है इसलिए धीरे से उठा और ठीक उसके सामने आकर खड़ा हो गया,,, पानी में पैजामा पूरी तरह से भीग चुका था झुमरी की नजर जैसे ही भीगे हुए पजामे के अंदर छुपे उसके मोटे टनटनाते लंड पर पड़ी वह एकदम से घबरा गई,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे वहां इंसान का नहीं बल्कि गधे का लंड देख ली हो,,,, झुमरी की घबराहट राजू ने उसके चेहरे से पढ़ लिया था इसलिए झुमरी से बोला,,,।

क्या हुआ झुमरी मेरी रानी ऐसे क्यों देख रही हो,,,
(राजू की बात सुनते ही वह नजर उठा कर राजू की तरफ देखी और वापस पजामे की तरफ देखने लगी उसके पास कहने के लिए कोई शब्द नहीं थे वह शर्मा भी रही थी और उत्सुक भी थी राजू के लंड को देखने के लिए और वह भी एकदम नंगा,,, झुमरी की खामोशी में ही उसकी हा थी इस बात को राजू अच्छी तरह से समझ गया था इसलिए उसकी आंखों के सामने ही वह अपना पजामा उतारना चाहता था लेकिन तभी उसे कुछ याद आया वह झुमरी को और ज्यादा गर्म कर देना चाहता था इसलिए पैजामा उतारे बिना ही वह अपने घुटनों के बल बैठ गया और उसकी दोनों टांगों को घुटनों से पकड़ कर उसे फैलाने लगा ऐसा करने से झुमरी एकदम से सकते में आ गई और अपने दोनों टांगों को आपस में हटा दी क्योंकि वह समझ गई थी कि राजू क्या देखना चाहता है,,,,,)

नहीं राजू मुझे शर्म आ रही है,,,,

पहली बार तो शर्म आती है मेरी जान लेकिन फिर धीरे-धीरे मजा आने लगता है और वैसे भी किसी गैर के सामने तुम अपनी टांगें थोड़ी खोल रही हो मैं तो तुम्हारा होने वाला पति हूं तुमसे शादी करके तुम्हें अपने घर लेकर आऊंगा तब तो रोज तुम्हारी चुदाई करूंगा तब क्या करोगी,,,
(राजू के मुंह से चुदाई करने वाली बात सुनकर झुमरी एकदम से शर्मा गई और शर्मा कर दूसरी तरफ अपनी नजर कुमारी और इसी पल का फायदा उठाते हुए राजू ने तुरंत उसके दोनों घुटनों को एक दूसरे के विरुद्ध फैला दिया उसकी टांगे खुलते ही राजू को उसकी गुलाबी फूल और वह भी एकदम कचोरी की तरह फूली हुई नजर आने लगी,,, राजू के लिए नजारा उसका देखे गया सबसे बेहतरीन हजारों में से एक था क्योंकि वह झुमरी से प्यार करता था उसकी गुलाबी बुर को देखना उसका सपना का इसलिए इस समय वह पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो गया झुमरिया देखकर अंदर ही अंदर गदगद हुए जा रही थी कि राजू उसकी बुर को प्यासी नजरों से देख रहा है झुमरी कुछ कर पाती या कुछ बोल पाती इससे पहले ही राज उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से खोलते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी गीली बुर पर रख दिया और ऐसा करते ही झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे समझ में नहीं आया कि यह राजू ने क्या किया क्योंकि उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि मर्द औरत की बुर भी चाटते हैं क्योंकि उसने आज तक ना तो इस बारे में कभी सोची थी ना ही कभी अपनी आंखों से उसे यह सब देखने का मौका मिला था इसलिए उसके लिए सब कुछ नया था राजू पलभर में ही झुमरी को पूरी तरह से अपनी आगोश में ले लिया वह पूरी तरह से ध्वस्त होने लगी राजू की मर्दानगी के आगे घुटने टेकने लगी उसकी टांगे कांपने लगे यह अवसर उसके लिए बेहद अद्भुत और अविस्मरणीय था,,,।

गर्मी के दिन में जब पूरा गांव अपने घर में आराम कर रहा था तब झुमरी और राजू खेतों में कपड़े धोते-धोते कब काम क्रीड़ा का आनंद लेने लगे दोनों को पता ही नहीं चला राजू पूरी तरह से अपनी जीभ का जादू झुमरी की‌ बुर के ऊपर चला रहा था और राजू का जादू काम भी कर रहा था बुरी तरह से झुमरी गहरी गहरी सांस ले रही थी वह आनंद के सागर में गोते लगाना शुरू कर दी थी उसे मजा आने लगा था वह कभी सोची भी नहीं थी कि इस तरह के खेल में इतना मजा आता है वह पागलों की तरह गहरी गहरी सांस लेते हुए गरम सिसकारी ले रही थी जो कि इस समय उसकी गर्म सिसकारी को सुनने वाला वहां कोई नहीं था,,,, राजू पूरी तरह से झुमरी की गर्म जवानी का रस अपनी जीभ से निचोड़ रहा था और अपने गले में गटक रहा था,,,,, झुमरी पागलों की तरह अपना सर इधर उधर भटक रही थी वह भी बड़े से पत्थर पर बैठे हुए थी जिस पर बैठने की वजह से उसकी गांड थोड़ी चौड़ी नजर आने लगी थी और राजू उसकी कमर थामें हुए अपनी जीभ अंदर तक डाल रहा था,,, झुमरी की बुर लगातार पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से वह चिपचिपी हो गई थी उसके चिपचिपे पन का फायदा उठाते हुए राजू कब उसकी बुर में अपनी एक ऊंगली डाल दीय५उसे पता ही नहीं चला और उसे अंदर बाहर कर बुर को चाटने आनंद लेने लगा,,,।

झूमरी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी जिसकी गहरी सांस एस बात का सबूत था कि वह पूरी तरह से आनंद के सागर में गोते लगा रही हो ईसी पल का राजू को इंतजार भी था हुआ समझ गया था कि लोहा पूरी तरह से गरम हो चुका है उस पर थोड़ा चलाना जरुरी है इससे तुरंत अपना मुंह उसकी बुर से हटाकर खड़ा हो गया राजू का लंड पजामे के अंदर पूरी तरह से टनटना गया था जो कि पानी में गीला होने के बावजूद भी अपना असर दिखा‌ रहा था उसे देख झुमरी की बुर फिर से पानी छोड़ने लगी,,,, झुमरी को चोदने के लिए राजू उसकी इजाजत मांगना जरूरी नहीं समझ रहा था क्योंकि वह जानता था कि वह इंकार करेगी लेकिन अंदर से वह भी उसके लंड को अपनी बुर में लेना चाहती है,,,, इसलिए राजू झुमरी के ऊपर अपना आखिरी पाशा फेंकने जा रहा था वह तुरंत झुमरी की आंखों के सामने अपने पजामे को उतारने लगा झुमरी शर्मा रही थी उसकी तरफ देखने से कतरा रही थी,,, देखते ही देखते राजू झुमरी की आंखों के सामने एकदम नंगा हो गया उसका लंड हवा में लहरा रहा था आसमान की तरफ मुंह उठाए खड़ा था जब देखा कि झुमरी उसकी तरफ नहीं देख रही है तो राजू उसके खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हाथों में भर लिया और उसकी नजरों को अपने लंड की तरफ करते हुए बोला,,,।


शर्मा क्यों रही हो मेरी रानी तुम्हारा ही है तुम्हारे लिए ही तो खड़ा हुआ है तुम मुझसे प्यार नहीं करोगी तो कौन करेगा क्या तुम चाहती हो कि मैं किसी और लड़की से प्यार करूं किसी और को यह सुख दूं,,,,
(झुमरी शर्म के मारे अपनी आंखों को बंद किए हुए थे और राजू की बात सुनकर ना में सर हिला रहे थे यह देखकर राजू मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और फिर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)

चलो मेरी रानी जिस तरह से मैंने तुम्हारी बुर से प्यार किया हूं तुम भी मेरे लंड से प्यार करो,,,,(इतना कहने के साथ ही वह झुमरी कि खूबसूरत चेहरे को अपने हाथों में लिए हुए ही अपने लंड की तरफ आगे बढ़ाने लगा झुमरी को बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि राजू क्या करने वाला है और देखते ही देखते जैसे ही अपने होठों पर राजू के गर्म लंड का स्पर्श हुआ वह एकदम से चौक गई और अपनी आंखों को खोल दी,,,)

यह क्या कर रहे हो राजू,,,

तुम्हें प्यार करना सिखा रहा हूं,,,

ऐसे कोई प्यार होता है क्या,,,

क्यों मैंने भी तो तुम्हारी बुर से प्यार नहीं किया अपने हॉट से लगाकर ऐसे ही तो मर्द और औरत प्यार करते हैं,,,

क्या सच में ऐसा होता है,,,

हां झुमरी मेरी रानी एक बार इसे मुंह में लेकर चूसने देखो कितना मजा आता है,,,

नहीं मुझे गंदा लगता है,,,

कुछ गंदा नहीं है बस एक बार इसे मुंह में लो फिर तुम खुद ही से नहीं छोड़ोगी,,,
(इतना कहते हो राजू अपनी लैंड के गरम सुपाड़े को झुमरी के लाल-लाल होठों पर रगड़ना शुरु कर दिया इनकार करने के बावजूद भी झुमरी के तन बदन में आग लगने लगी और अपने आप ही उसके लाल लाल होंठ खुल गए और मौका देखते ही राजू अपने लंड के सुपाड़े को उसके लाल-लाल होठों के बीच डाल दिया,,,, पहले तो झुमरी को थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर जैसे-जैसे राजू ने बताया उस पर जीभ घुमाते हुए उसे मजा आने लगा और देखते ही देखते राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया कुछ ही देर में झुमरी को इतना आनंद आ रहा था कि पूछो मत वह खुद ही राजू की लंड को पकड़ कर उसे मुंह में लेकर चूसने आई थी देखते ही देखते उसकी शर्म हवा में फुर्र हो गई थी,,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था झुमरी को चोदने की ललक उसकी आंखों में साफ दिखाई दे रही थी वह तुरंत झुमरी के मुंह में से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसकी दोनों टांगों को उसी स्थिति में फैलाना शुरू कर दिया या देखकर झुमरी बोली,,,।

नहीं राजू यहां नहीं मुझे शर्म आ रही है कोई देख लिया तो गजब हो जाएगा,,,
(राजू की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी वह जल्द से जल्द अपने खड़े लंड को झुमरी की बुर में डाल देना चाहता था इसलिए गहरी सांस लेते हुए बोला,,)

तब,,,,,,

झोपड़ी में चलते हैं,,,
(झुमरी के मुंह से यह सुनकर आज एकदम खुश हो गया क्योंकि उसकी काम क्रीडा की हरकत पूरी तरह से काम कर चुकी थी झुमरी खुद अब चुदवाना चाहती थी इसलिए झुमरी को देखकर राजू मुस्कुराने लगा और वह कुछ समझ पाते इससे पहले ही वह आगे बढ़ कर उसे गोद में उठा लिया झुमरी एकदम से घबरा गई ,,, झुमरी उसे लगातार नीचे उतारने के लिए बोल रही थी लेकिन राजू उसे गोद में लिए हुए झोपड़ी की तरफ चला जा रहा था झुमरी हैरान थी राजू की ताकत को देखकर क्योंकि वह बिना डगमगाए बड़े आराम से उसे गोद में उठाए हुए चला जा रहा था यहां तक कि झुमरी का वजन थोड़ा ज्यादा था लेकिन फिर भी उसे जरा भी फर्क नहीं पड़ रहा था यह देखकर झुमरी के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी जाने लगी थी झुमरी को इस बात का डर था कि राजू उसे गिराना दे लेकिन राजू का आत्मविश्वास देखकर वह खुद करके रोए जा रही थी देखते-देखते राजू उसे गोद में उठाए हुए ही झोपड़ी के अंदर लेकर आया और घास फूस की ढेर में उसे लाकर पटक दिया अब राजू के लिए रोक पाना अपने आप पर काबू कर पाना असंभव था वह देखते ही देखते झुमरी कि दोनों टांगों को फैला दिया और,,, जैसे ही राजू को झुमरी की गुलाबी बुर नजर आई उसके मुंह में पानी आ गया और वहां अपने आप को रोक नहीं पाया घुटनों के बल बैठकर झुमरी को अपनी तरफ खींचा और उसकी आदि गांड को अपने घुटनों पर रख दिया झुमरी के लिए पहला मौका था जब वह किसी के लंड को अपनी बुर में लेने जा रही थी इसलिए उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसके मन में उत्सुकता बढ़ती जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अंदर जाने पर कैसा लगेगा और इसी कशमकश में वह अपनी आंखों को बंद कर चुकी थी,,,,


झुमरी के चरित्र को देखकर राजू अच्छी तरह से जानता था कि जो मेरी पूरी तरह से कुंवारी लड़की है उसकी बुर में लंड डालना बड़ी मेहनत का काम है इसलिए मैं धीरे-धीरे ढेर सारा थूक लगाकर झुमरी की बुर पर अपने लंड के सुपाड़े को रखकर उसे धीरे-धीरे अंदर की तरफ ठेलने लगा,,, अभी सुपाड़ा मात्र एक अंगूर अंदर घुसा था कि झुमरी को दर्द महसूस होने लगा राजू समझ गया कि बड़े सावधानी से आगे बढ़ना है इसलिए वह अपने हाथों को आगे बढ़ाकर उसकी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया उसको उत्तेजित कर रहा था उसी उत्साह रहा था देखते ही देखते वह अपनी कमर का भी असर उसे दिखा रहा,,, था,,, झुमरी की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनते ही वह अपनी कमर को आगे की तरफ तेरा और आधा सुपाड़ा झुमरी की बुर में,, समा गया उसे दर्द हो रहा था लेकिन वह अपने दर्द को जेल गई थी उसे नहीं मालूम था कि आगे और भी दर्द होगा क्योंकि उसकी बुर में पहली बार लड़ने जा रहा था देखते ही देखते राजू ने थोड़ा सा और धक्का लगाया और लंड का पूरा सुपड़ा बुर की अंदर घुस गया अब जाकर झुमरी को दर्द का एहसास होने लगा उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल गई और राजू तुरंत आगे बढ़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिया और उसे चूसना शुरू कर दिया और उसी स्थिति में रुका रह गया वह जानता था कि झुमरी का पहली बार होने की वजह से हुआ है बर्दाश्त नहीं कर पाएगी और अगर एक बार उसने लंड बाहर निकाल लिया तो झुमरी फिर उसे दोबारा डालने नहीं देगी,,, इसलिए उसे समझाते हुए बोला,,,

बस बस मेरी जान हो गया देखना इतना मजा आएगा कि तुम खुद मेरे लंड पर कुदोगी,,,,(और इतना कहते हुए उसकी चूची को से लाते हैं और उसके लाल-लाल होठों का रसपान करते हुए फिर से अपनी कमर को सहमत दिया और उसे धक्का मार कर आगे की तरफ फेंक दिया इस बार राजू का आधा लंड उसकी बुर के अंदर घुस गया अब झुमरी को और दर्द करना शुरू हो गया झुमरी अपना सर पटकने लगी अपना पाव इधर-उधर फेंकने लगे लेकिन राजू उसे अपने नीचे लिए हुए उसे काबू में रखे हुए था और उसकी चूची को पकड़कर दबा रहा था ताकि उसका दर्द कम हो जाए,,,)

बस बस हो गया मेरी जान बहुत खूबसूरत हो तुम झुमरी तुम्हारी खूबसूरती देखकर मैं पागल हो गया हूं इसीलिए तुम्हें बीवी बनाने का मैंने कब से उठा लिया था जबसे तुम्हें पहली बार नंगी नहाता हुआ देखा था उसी दिन मैंने निश्चय कर लिया था कि मेरे घर में बीवी बनकर आएगी तो सिर्फ झुमरी,, तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की पूरे गांव में तो क्या अगल-बगल के 10 गांव में मैंने आज तक नहीं देखा तुम जानती हो दिन भर में बैलगाड़ी लेकर इधर-उधर घूमता रहता हूं लेकिन तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखा इसलिए तो मैं तुम्हारा दीवाना हूं मेरी जान,,,
(राजू की बातों का जादू झुमरी के ऊपर छाने लगा था उसका दर्द कम होने लगा तो राजू अपनी बात को जारी रखते हुए बोला,,,)
तुम नहीं जानती झुमरी तुम्हें चोदने का मैं कबसे कल्पना करता था सपने देखता था ख्वाब देखता था मैं यही सोचता था कि तुम जिस दिन मेरे घर पर दुल्हन बन कर आओगे सारी रात तुम्हें प्यार करूंगा तुम्हें कपड़े पहनने नहीं दूंगा सारी रात तुम्हें नंगी करके रखूंगा और रात भर तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर रखूंगा,,,,(राजू की बातों में शहद खुला हुआ था मदहोशी भूली हुई थी मादकता छाई हुई थी जो कि पूरी तरह से झुमरी को अपनी आगोश में ले रही थी राजू के मुंह से निकला एक-एक शब्द झुमरी के बदन में आग लगा रहे थे इसलिए तो वह सिसकारी देना शुरू कर दी थी और यही मौका देखकर राजू ने फिर से जोर लगाया और पूरा का पूरा लंड झुमरी की बुर में गाड़ दिया,,,, एक बार फिर से झुमरी की चीज बड़ी जोरों से निकले लेकिन उस सुनसान खेतों में उसकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था राजू जानता था कि थोड़ी ही देर में उसे मजा आ जाएगा इसलिए अपनी बातों का सिलसिला जारी रखते हुए वह बोला,,,)
ओहहहह झुमरी बस हो गया मेरी जान तू नहीं जानती तुम जब चलती हो तो तुम्हारी गांड इधर-उधर जब मटकती है ना देखकर लड़के का मन हो जाता है मैं तो तुम्हारी चाल पर एकदम फिदा हो गया हूं लेकिन देखना जब तुम मुझसे शादी कर लो कि जब तुम मेरी बीवी बन जाओगी तो तुम्हें चलने नहीं दूंगा तुम्हें घर पर रख लूंगा रानी बनाकर तुम्हें खेतों में नहीं जाना पड़ेगा काम नहीं करना पड़ेगा तुम दिन भर रात भर मेरी पलकों पर बैठी रहोगी क्योंकि मैं नहीं चाहता कि तुम्हारी खूबसूरती को गांव का कोई मर्द अपनी आंखों से पी ए क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम्हें देखकर ना जाने कितने लोग अपने मन में गंदे विचार लाते होंगे,,, तुम्हारी खूबसूरती का रस पीने के लिए लालायित होते होंगे,,, और मेरी किस्मत कितनी अच्छी है कि तुम मुझे अपने पति के रूप में स्वीकार करना चाहती हो और मैं तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता हूं,,,
(राजू की मिश्री घुली बातें झुमरी के दर्द पर असर कर रही थी उसका दर्द कम हो रहा था असहनीय पीड़ा को वह राजू की बातों से झेल ले जा रही थी थोड़ी देर में सब कुछ सही हो गया राजू अपने हाथ का करामत दिखाते हुए उसके नारंगी को पकड़कर जोर जोर से दबा रहा था जिसके चलते हैं उसके चेहरे का रंग फिर से बदलने लगा और वह मदहोशी में आहें भरने लगी और इसी मौके की तलाश में राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते वह झुमरी को चोदना शुरू कर दिया था राजू के लिए झुमरी पर काबू पाना बहुत ही बड़ा सफर तय करके मंजिल तक पहुंचने जैसा था आखिरकार राजू झुमरी की मां के साथ साथ झुमरी की भी चुदाई कर रहा था,,,।

थोड़ी देर में राजू का मोटा तगड़ा लंड बड़े आराम से झुमरी की बुर की गहराई नापना शुरू कर दिया था,,, लेकिन झुमरी की बुर की अंदर की दीवारों पर राजू का लंड रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था जिससे झुमरी के आनंद में बढ़ोतरी होती जा रही थी और ‌ उसकी पुर बार-बार पानी छोड़ रही थी,,,, राजू लगातार अपनी कमर हिला रहा था उसकी गर्दन उसके हो उसके गाल पर चुंबनो की बारिश कर रहा था,,, जिससे झुमरी को और ज्यादा मजा आ रहा था थोड़ी ही देर में झुमरी की बुर से चप्प चप्प आवाज आना शुरू हो गई जिससे वातावरण पूरी तरह से गर्मा रहा था और झुमरी की गरम सिसकारियां राजू के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी भर रही थी,,,,

झुमरी अपनी नजरें उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच राजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी बुर के अंदर बाहर होता हुआ देखकर आश्चर्यचकित हुए जा रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि इतना मोटा तगड़ा लंड इतने आराम से उसकी बुर के अंदर अंदर बाहर हो रहा है,,,, झुमरी के चेहरे को देखकर राजू समझ गया कि वह क्या सोच रही है इसलिए राजू मुस्कुराता हुआ बोला,,

बोला था ना मेरी रानी बहुत मजा आएगा अब कैसा लग रहा है बताओ,,,

बहुत अच्छा लग रहा है,,,(शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमा कर बोली)


अभी तो देखना और मजा आएगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ झुमरी के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन दर्द से ज्यादा उसे मजा आ रहा था,,, थोड़ी देर तक इस स्थिति में चुदाई करने के बाद राजू अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे घोड़ी बनने के लिए बोला मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करना है इसलिए राजू ने खुद ही उसे अपने हाथों से घुटने मोड़कर उसकी हाथ की कोहनी मोड़ कर उससे घोड़ी बना दिया और उसकी गांड को अपने हाथों से हवा में उठा दिया,, मदहोशी से भरी हुई झुमरी राजू के इशारे पर नाच रही थी और जैसा वह कर रहा था वैसे ही होती जा रही थी देखते ही देखते राजू पीछे से झुमरी की गांड को पकड़कर अपने लंड को उसके गुलाबी छेद में डाल दिया और फिर से चोदना शुरू कर दिया इस स्थिति में झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे बहुत मजा आ रहा था ऐसा आनंद उसने कभी महसूस तक नहीं की थी और ना ही कभी ऐसे आनंद के बारे में वह सोची थी,,

कुछ ही देर में झुमरी के मुंह से गरमा गरम सिसकारियां फूटने लगी और उन गरम सिसकारियां को सुनकर राजू की मदहोशी और बढ़ती जा रही थी गर्मी का महीना होने की वजह से राजू और झुमरी दोनों का बदन पसीने से तरबतर हो चुका था इतनी मेहनत जो दोनों कर रहे थे लेकिन जितनी मेहनत कर रहे थे उससे 10 गुना आनंद भी प्राप्त कर रहे थे देखते ही देखते झुमरी की सांसें तेज चलने लगी राजू समझ गया कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए राजू तुरंत उसकी गोल गोल सुडोल गांड को कस के अपने दोनों हाथों से पकड़कर धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ गए राजू पीछे से झुमरी को पकड़े हुए सूखी हुई घास पर एकदम पसर गया ,,,,,।
Bohot Khoob bhai , ati Kamuk update 👌🏻👌🏻👌🏻🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
Aag laga Di bhai
 

Desi Man

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बहुत बढ़िया और गरम अपडेट है दोस्त
 

Bittoo

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राजू का यूं चले जाना झुमरी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था,,,,, ना जाने क्यों अब उसके मन में यह भावना जागने लगी थी कि काश राजू उसकी आंखों के सामने खड़ा होता और वह उसकी आंखों के सामने अपने बदन से एक-एक कपड़े उतार कर उसके सामने नंगी होती लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था राजू को वो खुद जाने के लिए बोली थी क्योंकि उसे शर्म का एहसास हो रहा था आखिरकार वह कैसे कह दे कि तुम खड़े हो मैं अपने कपड़े उतार कर नंगी होती है एक लड़की के लिए यह पल बेहद अजीब होता है और वैसे भी झुमरी और राजू आपस में इतने खुले भी नहीं थे भले ही दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन दोनों के बीच अभी भी एक दूरी थी जो कि बेहद सीमित रूप से थी दोनों के बीच, भले ही प्रेम संबंध का रिश्ता पनप रहा था लेकिन इस तरह का खुलापन बिल्कुल भी नहीं था कि दोनों एक दूसरे के सामने कुछ भी करने को तैयार हो जाए लेकिन एक प्रेमिका होने के नाते झुमरी को अपने प्रेमी को इस तरह से नाराज नहीं करना चाहिए था यह सा महसूस हो रहा था और उसे दुख भी हो रहा था,,,,,, मन मसोसकर झुमरी अपने बदन से एक-एक करके कपड़ों को उतारना शुरू कर दी थी चिलचिलाती धूप में खेतों के बीच ट्यूबवेल के पास झुमरी राजू के ख्यालों में खोई हुई नंगी होने की तैयारी कर रही थी हालांकि वह अपने सारे कपड़े उतार कर कभी भी नंगी होकर इस तरह से खेत में नहीं आती थी लेकिन आज राजू की बात सुनकर ना जाने क्यों अपने बदन से एक-एक करके सारे कपड़ों को उतार दी चली जा रही थी ‌ पहले कुर्ती कुर्ती के उतारते हैं उसकी मदमस्त कर देने वाली दोनों नौरंगिया अपना जलवा बिखेरने लकी छातियों की शोभा बढ़ा रही उसकी दोनों नौरंगिया बहुत ही सीमित आकार में थी लेकिन बेहद जानलेवा आकर्षक नजर आ रही थी,,,,,, अपनी चुचियों की तरफ नजरे नीचे करके देखने पर झुमरी को अफसोस हो रहा था कि क्या फायदा अगर राजू की नजर इस पर ना पड़े तो यही सोचकर वह अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी वह अपने मन में यह सोच रही थी कि कहां सर आज उसकी आंखों के सामने खड़ा होता है तो उसके सामने कपड़े उतारने में कितना मजा आता भले ही वह शर्म से शर्मिंदा हो रही होती लेकिन फिर भी एक अद्भुत सुख उसके तन बदन में हिचकोले खा रहा होता,,,,, वह राजू के ख्यालों में खोई हुई धीरे-धीरे अपनी सलवार की डोरी खोल रही थी इस बात से अनजान की राजू भले ही उसकी आंखों के सामने से ओझल हो गया था लेकिन घूम कर वह ठीक उसके पीछे मोटे से पेड़ के पीछे आकर खड़ा हो गया था और वहां खड़े होकर झुमरी की गतिविधियों को देखकर मस्त हो रहा था राजू अपनी आंखों से उसे कुर्ती उतारता हुआ देख लिया था उसकी नंगी चिकनी पीठ देखकर राजू अंदर ही अंदर उत्तेजित हुआ जा रहा था दूसरी तरफ झुमरी की नाजुक उंगलियां उसकी सलवार की डोरी में उलझी हुई थी जिसे व खींचकर अपनी सलवार को ढीली कर चुकी थी सलवार के ढीली होते ही राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा वह जानता था कि किसी भी पल झुमरी अपनी सलवार उतार कर नंगी हो जाएगी और उसके नंगे बदन को एक बार फिर से राजू अपनी आंखों से देख कर मस्त हो जाएगा,,,, झुमरी अपनी सलवार को उतारने के लिए थोड़ा सा आगे की तरफ झुक गई और सलवार को नीचे की तरफ खींचने लगी और देखते ही देखते उसकी उभरी हुई मदमस्त कर देने वाली गांड सुनहरी धूप में चमकने लगी यह देखकर राजू के तन बदन में आग लगे हुए झुमरी की गांड की दोनों फांकें एकदम जलवा बिखेर रही थी गांड की बीच की फांक इतनी गहरी थी कि राजू का मन उसमें डूब जाने को कर रहा था,,, देखते ही देखते झुमरी अपने बदन पर से सलवार उतार कर एकदम नंगी हो गई नंगी होने का भी एक अपना अलग मजा होता है जिसका एहसास झुमरी को अच्छी तरह से हो रहा था यह दूसरा मौका था जब राजू झुमरी को पूरी तरह से नंगी देख रहा था,,,,,।

झुमरी की खूबसूरत जवानी से छलकती हुई नंगा बदन देखकर राजू का लैंड अपने आप ही खड़ा होने लगा था हालांकि वह झुमरी से गंदा नहीं बल्कि सच्चा प्यार करता था लेकिन फिर भी अपनी आंखों के सामने अपनी प्रेमिका को लगना अवस्था में देखकर उसकी भावनाएं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही थी वह ना चाहते हुए भी उसका लंड खड़ा होने लगा था आखिरकार कर भी क्या सकता था राजू अपने मन पर काबू कर सकता था लेकिन उसका लंड बिल्कुल भी नहीं क्योंकि लंड की बेहद पसंदीदा और खूबसूरत चीज उसकी आंखों के सामने थी एक खूबसूरत लड़की की गांड हालांकि अभी तक ना तो राजू ने और ना ही उसके लंड ने झुमरी की बुर के दर्शन नहीं किए थे लेकिन फिर भी इस बात का एहसास उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर दे रहा था कि उसकी आंखों के सामने झुमरी पूरी तरह से नंगी है उसकी खूबसूरत बेशकीमती खजाने को छुपाने के लिए उसके पास कपड़े का एक रेशा तक नहीं है,,,,,, क्योंकि अपने बदन से उतारे हुए कपड़े भी वह पानी में गिरा कर उसे गिला कर चुकी थी और सूखे कपड़े घास फूस की बनी झोपड़ी में रखे हुए थे वहां तक जाने के लिए भी उसे नंगी ही जाना पड़ता ऐसे हालात में राजू का उसकी आंखों के सामने आ जाना बेहद उत्तेजनात्मक स्थिति को पैदा कर सकता था लेकिन राजू अभी अपने आप को रोके हुए था मोटे से पेड़ के पीछे छुप कर वह अपने पूरे अस्तित्व को छुपा लिया था झुमरी को इस बात की भनक तक नहीं थी कि उसके ठीक पीछे ही बड़े से पेड़ के पीछे है राजू छुपा हुआ है उसके नंगे बदन को अपनी आंखों से देख रहा है अगर शायद यह उसे पता चल जाता तो उसकी बुर से मदन रस टपकने लगता,,,,।

खेतों के बीच का यह स्थान पूरी तरह से मदहोशी में गर्म होता चला जा रहा था वातावरण की गर्मी से ज्यादा राजू को झुमरी की मदमस्त कर देने वाली जवानी की गर्मी महसूस हो रही थी,,, देखते ही देखते राजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था,,, झुमरी अपनी गोलाकार गांड को वहीं रखे बड़े से पत्थर पर रखकर बैठ गई और ट्यूबवेल की पाइप से गिर रहे पानी को अपने हाथों में लेकर अपने बदन पर गिराने लगी बदन की गर्मी ठंडे पानी से थोड़ी बहुत राहत महसूस करवा रही थी लेकिन झुमरी को बिल्कुल भी सुकून नहीं था वह एकदम से गिरे पानी के नीचे सर रखकर बैठ गई और देखते-देखते पानी ने पूरी तरह से झुमरी को अपनी बाहों में लेकर उसे अपने शीतलता में भिगो दिया,,, झुमरी का बदन पूरी तरह से पानी में गीला हो गया उसके खुले हुए बाल पानी में भीग कर और भी ज्यादा खूबसूरत नजर आने लगे अभी तक राजू को सिर्फ उसकी पीठ ही नजर आ रही थी और झुमरी तुरंत साबुन लेने के लिए राजू की तरफ घूम गई और राजू को उसकी गोल-गोल चूचियां नजर आने लगी हालांकि वह उस समय भी बैठे हुई थी इसलिए उसकी बुर को कितनी दूरी से देख पाना नामुमकिन सा लग रहा था क्योंकि पानी भी लगातार उसके बदन पर गिर रहा था जिससे उसकी बुर वाली जगह पानी की धार के पीछे छि‌प सी गई थी और ऐसा लग रहा था कि जैसे पानी की धार भी झुमरी की मदद करते हुए राजू को तड़पाने में अपना अहम भूमिका निभा रही हो,,,, साबुन को पाते ही झुमरी फिर से सामने की तरफ मुंह करके बैठ गई और अपने बदन पर साबुन लगाना शुरू कर दी अपनी गीले बालों पर साबुन लगाकर उसके झाग में नहाई हुई जो मरी और भी ज्यादा खूबसूरत और मादक लग रही थी देखते ही देखते झुमरी अपने पूरे बदन पर साबुन लगा दी थी लेकिन पीठ तक उसका हाथ पहुंचने पा रहा था वह बार-बार कोशिश कर रही थी लेकिन ठीक तरह से उसका हाथ पीठ पर पहुंच नहीं पा रहा था इसलिए राजू किस बात का एहसास हो गया था कि यही उसके पास मौका है झुमरी की आंखों के सामने आने का इसलिए वह चोर कदमों से उस बड़े से पेड़ के पीछे से बाहर निकला और धीरे-धीरे झूमर की तरह बाकी बढ़ने लगा और ठीक उसके पीछे पहुंचकर बोला,,,।

तुम्हें दिक्कत ना हो तो मैं लगा दूं साबुन,,,

(इतना सुनते ही झुमरी एकदम से चौक गए वह एकदम से घबरा गई और पीछे मुड़कर देखी तो उसके ठीक पीछे राजू खड़ा था राजू को अपने पीछे खड़ा देखकर उसकी जान में जान आई लेकिन उसकी आंखों के सामने एक बार फिर से नंगी होने के नाते वह अपने नंगे बदन को छुपाने की कोशिश करने लगी वह अपने आप में ही सिमटने लगी,,, झुमरी की मर्जी जाने बिना राजू ठीक उसके पीछे बैठ गया और उसके हाथ से साबुन लेकर उसकी नंगी चिकनी पीठ पर लगाना शुरू कर दिया एक मर्दाना हाथों को अपने बदन पर झुमरी पहली बार महसूस कर रही थी झुमरी का रोम-रोम एकदम झनझना जा रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, उसके सपनों का राजकुमार ठीक उसके पीछे बैठकर उसकी नंगे बदन पर साबुन लगा रहा था यह एहसास ही उसके लिए बहुत ज्यादा मायने रखता था एक अद्भुत सुख उसके पूरे बदन में घर कर गया था,,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की हालत खराब होती जा रही थी उसे साफ महसूस हो रहा था कि पानी की धार में भी उसकी बुर पानी फेंक रही थी राजू अपने आप को खुश किस्मत समझता हुआ झुमरी के गोरे नंगे बदन पर साबुन ऊपर से नीचे की तरफ लगा रहा था वह जिस पर पत्थर पर बैठी हुई थी उस पर बैठने की वजह से उसकी गोलाकार शुगड गांड थोड़ी सी फैली हुई नजर आने लगी थी और उसके बीच की पतली दरार का ऊपर का बिंदु साफ नजर आ रहा था जिसे देखकर राजू का लंड तना जा रहा था,,,,,।

चिलचिलाती धूप में भी शीतल हवा बह रही थी जिससे राजू और झुमरी दोनों को राहत महसूस हो रही थी,,, झुमरी एकदम शांत हो चुकी थी अपने व्यक्तित्व से विरुद्ध वह कुछ भी नहीं बोल पा रही थी वह कभी भी शांत रहने वाली नहीं थी वह कभी भी किसी को कुछ भी बोल देती थी खास करके उन लड़कों को जो उससे इधर-उधर की गंदी बातें कर देते थे उन्हें वह झाड़ देती थी लेकिन इस समय वह एकदम मूक हो चुकी थी क्योंकि इस समय वह अपने प्रेमी के आगोश में थी अपने प्रेमी के हाथ को अपने नंगे बदन पर महसूस कर रही थी और इसी का फायदा राजू पूरी तरह से उठा देना चाहता था झुमरी को कुछ भी ना बोलता देखकर और ना ही उसका विरोध करता देखकर राजू की हिम्मत बढ़ने लगे बस तुरंत अपने दोनों हाथों को साबुन लगाने के बहाने पेट से होते हुए आगे की तरफ लाया और उसकी नंगी चूचियों पर साबुन लगाने के बहाने अपनी दोनों हथेली में उसकी दोनों नारंगीयो को लेकर दबाना शुरू कर देना,,, झुमरी के लिए यह सब कुछ नया था उसके तन बदन में राजू की हरकत से आग लग गई उसके बदन से उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राजू इस तरह की हरकत कर देगा लेकिन जो कुछ भी हो रहा था उससे ना जाने क्यों झुमरी कमजोर पड़ती जा रही थी राजू का विरोध करने की उसमें बिलकुल भी हिम्मत नहीं थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह खुद ही राजू को आगे बढ़ने की इजाजत दे रही हो,,,, साबुन के झाग फिसलती हुई झुमरी की नंगी चूचियां राजू की हथेली में सामान ही रही थी ऐसा नहीं थी कि झुमरी की चूचियां खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी हो थी तो वह नारंगी जैसी ही गोल-गोल लेकिन साबुन के झाग की फिसलन की वजह से वह राजू की हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,,, राजू झुमरी की चुचियों को उत्तेजना के मारे कसकस कर दबाना चाहता था लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था लेकिन उसकी यह हरकत झुमरी के तन बदन में उत्तेजना की फुहार भर दे रही थी जो कि उसकी गुलाबी छेद से बाहर आ रही थी,,,। धीरे-धीरे झुमरी की सांसे गर्म हो रही थी क्योंकि लगातार राजू झुमरी की चूची को दबा रहा था साबुन लगाने के बहाने उसके बदन से छेड़छाड़ ले रहा था और इसका विरोध झुमरी बिल्कुल भी नहीं कर रही थी क्योंकि उसके जवान बदन में जवानी की तरंगे उठ रही थी उसे पहली बार मर्द के स्पर्श का अनुभव हो रहा था उससे मिलने वाले आनंद को वह अपने अंदर महसूस करके एकदम मदहोश हुए जा रही थी,,,,।

राजू ईसमौके का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहता था,,, उसकी हथेलियां बड़ी तेजी से झुमरी की चुचियों पर चल रही थी झुमरी की चूचियां दबाने मुझे बेहद आनंद की अनुभूति हो रही थी क्योंकि उसकी चूचियां छोटी होने के बावजूद भी उसकी हथेली में ठीक से आ नहीं रही थी,,,, राजू की हरकत की वजह से उसके मुंह से सिसकारी की आवाज आने लगी,,,।

सहरहहहह आहहहरहह राजू यह क्या कर रहा है,,,,ऊममममम


कुछ नहीं झुमरी तुम्हारी खूबसूरत चूची का नाप ले रहा हूं ताकि जब हम दोनों का विवाह होगा तो तुम्हारे नाप का ब्लाउज सिलवा सकूं,,,

आहहहहह राजू क्या सच में तू मुझसे शादी करेगा,,,


हां झुमरी मैं तुझसे प्यार करता हूं सच्चा प्यार करता हूं मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं और तुझसे ही शादी करके रहूंगा,,,,(वास्तविकता यही थी कि राजू सच में झुमरी से शादी करना चाहता था अपना घर गृहस्ती बसाना चाहता था लेकिन इस समय राजू विवाह का वास्ता देकर झुमरी को पूरी तरह से अपने वश में कर लेना चाहता था क्योंकि वह सुम्मरी के व्यक्तित्व से अच्छी तरह से वाकिफ था,,,,)

ओहहहह राजू छोड़ मुझे कोई देख लेगा,,,

यहां कोई नहीं आने वाला झुमरी इतनी खड़ी दुपहरी में गांव के लोग घर में ही सोते हैं उन्हें फुर्सत नहीं होती खेतों में आने की,,,,,(ईतना कहने के साथ ही राजू झुमरी के गर्दन के ऊपरी हिस्से पर चुंबन की बारिश कर दिया राजू को इस बात की अच्छी तरह से पता था कि औरतें कान और गले के बीच में चुंबन करने से और ज्यादा उत्तेजित हो जाती है और यही हो रहा था झुमरी के तन बदन में आग लग रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था एक तरह से झुमरी ने किसी के आने का बहाना देकर राजू को और भी आगे बढ़ने की इजाजत दे दी थी क्योंकि उसमें उसकी भी हा थी,,,, झुमरी की सांसें फूल रही थी फिर भी वह गहरी सांस लेते हुए बोली,,)

कोई आ गया तो राजू,,,,

कोई नहीं आने वाला झुमरी मेरा विश्वास करो ,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसकी दोनों टांगों के बीच उसकी दहकती हुई बुर पर रख दिया,,, अपनी बुर पर राजू की हथेली का स्पर्श होते ही वह एकदम से चौक गई क्योंकि उसके जीवन का यह पहला मौका था जब किसी मर्दाना हाथ को वह अपनी बुर पर महसूस कर रही थी वह पूरी तरह से बौखला गई थी उत्तेजना के चलते उसकी सांसे और ज्यादा तेजी से चलने लगी थी,,, और वह अपनी उखडती हुई सांसो के साथ राजू से बोली,,,)

ओहहहह राजू है क्या कर रहा है मैं पागल हो जाऊंगी,,,


कुछ नहीं अपनी होने वाली बीवी से प्यार कर रहा हूं,,
(राजू के मुंह से अपने लिए बीवी शब्द सुनकर झुमरी के तन बदन में खुशी के साथ-साथ उत्तेजना की लहर और ज्यादा उठने लग रही थी,,,,)

आहहहहह राजू ऐसा ना करो मैं मर जाऊंगी,,,,
(इतना कहते हुए झुमरी मदहोशी के हालत में पूरी तरह से अपनी पीठ को राजू की छाती से टिका दी थी वैसे भी राजू कमर के ऊपर से पूरी तरह से लगा था नंगी पीठ का स्पर्श अपने बदन पर होते ही राजू का लंड और ज्यादा टनटना गया जो कि सीधे पजामे में होने के बावजूद भी झुमरी की पीठ पर ठोकर मार रहा था,,, जोकि बिल्कुल भी अनुभव ना होने के बावजूद भी झुमरी को इस बात का एहसास तो हो गया था कि उसकी पीठ पर क्या चुप रही है और इस बात का एहसास सेवा पूरी तरह से उत्तेजना के मारे गनगना गई थी और देखते ही देखते वह अपने संपूर्ण वजूद को राजू की नंगी छाती पर टिका दी थी,,,, राजू लगातार एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी बुर की हालत खराब कर रहा था,,,,, और ऊपर से ट्यूबवेल की पाइप में से पानी गिर रहा था जो कि दोनों के बदन को भी हो रही थी दोनों एक साथ ट्यूबवेल के पानी के नीचे नहा रहे थे और आनंद ले रहे थे,,,,, झुमरी की हालत को देखते हुए राजू समझ गया था कि अब झुमरी पूरी तरह से लाइन पर आ गई है और देखते ही देखते वह अपनी एक उंगली को उसकी बुर के अंदर घुसेडना शुरू कर दिया बुर पहले से ही पानी छोड़ रही थी इसलिए देखते ही देखते राजू अपनी उंगली को उसकी बुर के अंदर प्रवेश कराना शुरू कर दिया था और,,, जैसे ही झुमरी को इस बात का एहसास हुआ वह तुरंत अपना हाथ राजू के हाथ पर रख कर उसे रोकने की कोशिश करते हुए बोली,,,,)

नहीं राजू नहीं,,,,, मुझे शर्म आ रही है,,,

झुमरी मेरी रानी अपने होने वाले पति से शर्माने की जरूरत नहीं है अगर शर्म आओगी तो अपने पति से मजा कैसे ले पाओगी,,,
(राजू अपनी बातों में झुमरी को पूरी तरह से उलझा रहा था और झुमरी राजू की इस तरह की बातें सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी,,,, देखते ही देखते राजू अपनी मनमानी करते हुए झुमरी की बुर में अपनी एक उंगली को अंदर तक प्रवेश करा दिया अंदर उंगली जाते हैं राजू को इस बात का अहसास हो गया कि झुमरी की जवानी बहुत ज्यादा गर्म है क्योंकि उसकी बुर के अंदर उसकी उंगली पूरी तरह से तप रही थी,,,, राजू को मजा आ रहा था राजू एक हाथ से उसकी चूची और दूसरे हाथ से उसकी बुर से खेल रहा था जिस पर झुमरी ने आज तक किसी की नजर तक नहीं पड़ने दी थी हाथ लगाने की तो बात ही दूर थी लेकिन राजू की किस्मत बड़े जोरों पर थी क्योंकि झुमरी मन ही मन राजू को पसंद करती थी उसे पति के रूप में देखना चाहती थी इसलिए राजू को अपने बदन से खेलने की इजाजत दे रही थी वरना उसकी जगह कोई और होता तो हंसीया से उसका हाथ काट देती,,,,

राजू को इस खेल में मजा आने लगा था खड़ी दुपहरी में खेतों के बीच यहां और कोई नहीं था खुले में कुछ और ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी झुमरी का तो यह पहली बार था इसलिए उसके तन बदन में अजीब सी लहर उठ रही थी जिसे संभालना उसके लिए नामुमकिन सा होता जा रहा था बार-बार उसकी बुर पानी फेंक दे रही थी और राजू तो इस खेल में पूरी तरह से माहिर हो चुका था उसे इस बात का अच्छी तरह से ज्ञान था कि औरतों को कैसे खुश किया जाता है कैसे उन्हें अपने बस में किया जाता है और वही सारा तरीका वहां झुमरी के पक्ष में लगा रहा था और झुमरी भी उसके तरीकों से पूरी तरह से मदहोश ‌हुए जा रही थी,,,,,, राजू अपनी उंगली को झुमरी की बुर में डाल कब से अंदर बाहर कर रहा था एक तरह से वह झुमरी की चुदाई करना शुरू कर दिया था यह चुदाई करने से पहले प्रारंभ का सबक था जिसमें औरत या लड़की को पूरी तरह से अपने वश में करने का यही एक बेहद सक्षम तरीका होता है लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है जिस पर मेहनत करके राजू पार हो चुका था देखते ही देखते राजू अपनी उंगली का सहारा लेकर झुमरी की बुर में अपने लिए जगह बना रहा था क्योंकि इस बात से वह भी अच्छी तरह से वाकिफ था कि झुमरी पहली बार चुदाई के लिए तैयार हो रही है और उसका लंड मोटा और लंबा है ऐसे हालात में उसकी बुर में सीधे-सीधे डाल देना उचित नहीं था,,,, इसलिए राजू समझदारी और चालाकी से काम ले रहा था झुमरी पूरी तरह से अपनी नंगी पीठ को राजू की नंगी छाती पर टिकाए हुए थी झुमरी की हालत को देखकर राजू समझ गया था कि झुमरी पूरी तरह से उसके पास में हो चुकी है इसलिए धीरे से उठा और ठीक उसके सामने आकर खड़ा हो गया,,, पानी में पैजामा पूरी तरह से भीग चुका था झुमरी की नजर जैसे ही भीगे हुए पजामे के अंदर छुपे उसके मोटे टनटनाते लंड पर पड़ी वह एकदम से घबरा गई,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे वहां इंसान का नहीं बल्कि गधे का लंड देख ली हो,,,, झुमरी की घबराहट राजू ने उसके चेहरे से पढ़ लिया था इसलिए झुमरी से बोला,,,।

क्या हुआ झुमरी मेरी रानी ऐसे क्यों देख रही हो,,,
(राजू की बात सुनते ही वह नजर उठा कर राजू की तरफ देखी और वापस पजामे की तरफ देखने लगी उसके पास कहने के लिए कोई शब्द नहीं थे वह शर्मा भी रही थी और उत्सुक भी थी राजू के लंड को देखने के लिए और वह भी एकदम नंगा,,, झुमरी की खामोशी में ही उसकी हा थी इस बात को राजू अच्छी तरह से समझ गया था इसलिए उसकी आंखों के सामने ही वह अपना पजामा उतारना चाहता था लेकिन तभी उसे कुछ याद आया वह झुमरी को और ज्यादा गर्म कर देना चाहता था इसलिए पैजामा उतारे बिना ही वह अपने घुटनों के बल बैठ गया और उसकी दोनों टांगों को घुटनों से पकड़ कर उसे फैलाने लगा ऐसा करने से झुमरी एकदम से सकते में आ गई और अपने दोनों टांगों को आपस में हटा दी क्योंकि वह समझ गई थी कि राजू क्या देखना चाहता है,,,,,)

नहीं राजू मुझे शर्म आ रही है,,,,

पहली बार तो शर्म आती है मेरी जान लेकिन फिर धीरे-धीरे मजा आने लगता है और वैसे भी किसी गैर के सामने तुम अपनी टांगें थोड़ी खोल रही हो मैं तो तुम्हारा होने वाला पति हूं तुमसे शादी करके तुम्हें अपने घर लेकर आऊंगा तब तो रोज तुम्हारी चुदाई करूंगा तब क्या करोगी,,,
(राजू के मुंह से चुदाई करने वाली बात सुनकर झुमरी एकदम से शर्मा गई और शर्मा कर दूसरी तरफ अपनी नजर कुमारी और इसी पल का फायदा उठाते हुए राजू ने तुरंत उसके दोनों घुटनों को एक दूसरे के विरुद्ध फैला दिया उसकी टांगे खुलते ही राजू को उसकी गुलाबी फूल और वह भी एकदम कचोरी की तरह फूली हुई नजर आने लगी,,, राजू के लिए नजारा उसका देखे गया सबसे बेहतरीन हजारों में से एक था क्योंकि वह झुमरी से प्यार करता था उसकी गुलाबी बुर को देखना उसका सपना का इसलिए इस समय वह पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो गया झुमरिया देखकर अंदर ही अंदर गदगद हुए जा रही थी कि राजू उसकी बुर को प्यासी नजरों से देख रहा है झुमरी कुछ कर पाती या कुछ बोल पाती इससे पहले ही राज उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से खोलते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी गीली बुर पर रख दिया और ऐसा करते ही झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे समझ में नहीं आया कि यह राजू ने क्या किया क्योंकि उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि मर्द औरत की बुर भी चाटते हैं क्योंकि उसने आज तक ना तो इस बारे में कभी सोची थी ना ही कभी अपनी आंखों से उसे यह सब देखने का मौका मिला था इसलिए उसके लिए सब कुछ नया था राजू पलभर में ही झुमरी को पूरी तरह से अपनी आगोश में ले लिया वह पूरी तरह से ध्वस्त होने लगी राजू की मर्दानगी के आगे घुटने टेकने लगी उसकी टांगे कांपने लगे यह अवसर उसके लिए बेहद अद्भुत और अविस्मरणीय था,,,।

गर्मी के दिन में जब पूरा गांव अपने घर में आराम कर रहा था तब झुमरी और राजू खेतों में कपड़े धोते-धोते कब काम क्रीड़ा का आनंद लेने लगे दोनों को पता ही नहीं चला राजू पूरी तरह से अपनी जीभ का जादू झुमरी की‌ बुर के ऊपर चला रहा था और राजू का जादू काम भी कर रहा था बुरी तरह से झुमरी गहरी गहरी सांस ले रही थी वह आनंद के सागर में गोते लगाना शुरू कर दी थी उसे मजा आने लगा था वह कभी सोची भी नहीं थी कि इस तरह के खेल में इतना मजा आता है वह पागलों की तरह गहरी गहरी सांस लेते हुए गरम सिसकारी ले रही थी जो कि इस समय उसकी गर्म सिसकारी को सुनने वाला वहां कोई नहीं था,,,, राजू पूरी तरह से झुमरी की गर्म जवानी का रस अपनी जीभ से निचोड़ रहा था और अपने गले में गटक रहा था,,,,, झुमरी पागलों की तरह अपना सर इधर उधर भटक रही थी वह भी बड़े से पत्थर पर बैठे हुए थी जिस पर बैठने की वजह से उसकी गांड थोड़ी चौड़ी नजर आने लगी थी और राजू उसकी कमर थामें हुए अपनी जीभ अंदर तक डाल रहा था,,, झुमरी की बुर लगातार पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से वह चिपचिपी हो गई थी उसके चिपचिपे पन का फायदा उठाते हुए राजू कब उसकी बुर में अपनी एक ऊंगली डाल दीय५उसे पता ही नहीं चला और उसे अंदर बाहर कर बुर को चाटने आनंद लेने लगा,,,।

झूमरी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी जिसकी गहरी सांस एस बात का सबूत था कि वह पूरी तरह से आनंद के सागर में गोते लगा रही हो ईसी पल का राजू को इंतजार भी था हुआ समझ गया था कि लोहा पूरी तरह से गरम हो चुका है उस पर थोड़ा चलाना जरुरी है इससे तुरंत अपना मुंह उसकी बुर से हटाकर खड़ा हो गया राजू का लंड पजामे के अंदर पूरी तरह से टनटना गया था जो कि पानी में गीला होने के बावजूद भी अपना असर दिखा‌ रहा था उसे देख झुमरी की बुर फिर से पानी छोड़ने लगी,,,, झुमरी को चोदने के लिए राजू उसकी इजाजत मांगना जरूरी नहीं समझ रहा था क्योंकि वह जानता था कि वह इंकार करेगी लेकिन अंदर से वह भी उसके लंड को अपनी बुर में लेना चाहती है,,,, इसलिए राजू झुमरी के ऊपर अपना आखिरी पाशा फेंकने जा रहा था वह तुरंत झुमरी की आंखों के सामने अपने पजामे को उतारने लगा झुमरी शर्मा रही थी उसकी तरफ देखने से कतरा रही थी,,, देखते ही देखते राजू झुमरी की आंखों के सामने एकदम नंगा हो गया उसका लंड हवा में लहरा रहा था आसमान की तरफ मुंह उठाए खड़ा था जब देखा कि झुमरी उसकी तरफ नहीं देख रही है तो राजू उसके खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हाथों में भर लिया और उसकी नजरों को अपने लंड की तरफ करते हुए बोला,,,।


शर्मा क्यों रही हो मेरी रानी तुम्हारा ही है तुम्हारे लिए ही तो खड़ा हुआ है तुम मुझसे प्यार नहीं करोगी तो कौन करेगा क्या तुम चाहती हो कि मैं किसी और लड़की से प्यार करूं किसी और को यह सुख दूं,,,,
(झुमरी शर्म के मारे अपनी आंखों को बंद किए हुए थे और राजू की बात सुनकर ना में सर हिला रहे थे यह देखकर राजू मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और फिर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)

चलो मेरी रानी जिस तरह से मैंने तुम्हारी बुर से प्यार किया हूं तुम भी मेरे लंड से प्यार करो,,,,(इतना कहने के साथ ही वह झुमरी कि खूबसूरत चेहरे को अपने हाथों में लिए हुए ही अपने लंड की तरफ आगे बढ़ाने लगा झुमरी को बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि राजू क्या करने वाला है और देखते ही देखते जैसे ही अपने होठों पर राजू के गर्म लंड का स्पर्श हुआ वह एकदम से चौक गई और अपनी आंखों को खोल दी,,,)

यह क्या कर रहे हो राजू,,,

तुम्हें प्यार करना सिखा रहा हूं,,,

ऐसे कोई प्यार होता है क्या,,,

क्यों मैंने भी तो तुम्हारी बुर से प्यार नहीं किया अपने हॉट से लगाकर ऐसे ही तो मर्द और औरत प्यार करते हैं,,,

क्या सच में ऐसा होता है,,,

हां झुमरी मेरी रानी एक बार इसे मुंह में लेकर चूसने देखो कितना मजा आता है,,,

नहीं मुझे गंदा लगता है,,,

कुछ गंदा नहीं है बस एक बार इसे मुंह में लो फिर तुम खुद ही से नहीं छोड़ोगी,,,
(इतना कहते हो राजू अपनी लैंड के गरम सुपाड़े को झुमरी के लाल-लाल होठों पर रगड़ना शुरु कर दिया इनकार करने के बावजूद भी झुमरी के तन बदन में आग लगने लगी और अपने आप ही उसके लाल लाल होंठ खुल गए और मौका देखते ही राजू अपने लंड के सुपाड़े को उसके लाल-लाल होठों के बीच डाल दिया,,,, पहले तो झुमरी को थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर जैसे-जैसे राजू ने बताया उस पर जीभ घुमाते हुए उसे मजा आने लगा और देखते ही देखते राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया कुछ ही देर में झुमरी को इतना आनंद आ रहा था कि पूछो मत वह खुद ही राजू की लंड को पकड़ कर उसे मुंह में लेकर चूसने आई थी देखते ही देखते उसकी शर्म हवा में फुर्र हो गई थी,,,, राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था झुमरी को चोदने की ललक उसकी आंखों में साफ दिखाई दे रही थी वह तुरंत झुमरी के मुंह में से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसकी दोनों टांगों को उसी स्थिति में फैलाना शुरू कर दिया या देखकर झुमरी बोली,,,।

नहीं राजू यहां नहीं मुझे शर्म आ रही है कोई देख लिया तो गजब हो जाएगा,,,
(राजू की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी वह जल्द से जल्द अपने खड़े लंड को झुमरी की बुर में डाल देना चाहता था इसलिए गहरी सांस लेते हुए बोला,,)

तब,,,,,,

झोपड़ी में चलते हैं,,,
(झुमरी के मुंह से यह सुनकर आज एकदम खुश हो गया क्योंकि उसकी काम क्रीडा की हरकत पूरी तरह से काम कर चुकी थी झुमरी खुद अब चुदवाना चाहती थी इसलिए झुमरी को देखकर राजू मुस्कुराने लगा और वह कुछ समझ पाते इससे पहले ही वह आगे बढ़ कर उसे गोद में उठा लिया झुमरी एकदम से घबरा गई ,,, झुमरी उसे लगातार नीचे उतारने के लिए बोल रही थी लेकिन राजू उसे गोद में लिए हुए झोपड़ी की तरफ चला जा रहा था झुमरी हैरान थी राजू की ताकत को देखकर क्योंकि वह बिना डगमगाए बड़े आराम से उसे गोद में उठाए हुए चला जा रहा था यहां तक कि झुमरी का वजन थोड़ा ज्यादा था लेकिन फिर भी उसे जरा भी फर्क नहीं पड़ रहा था यह देखकर झुमरी के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी जाने लगी थी झुमरी को इस बात का डर था कि राजू उसे गिराना दे लेकिन राजू का आत्मविश्वास देखकर वह खुद करके रोए जा रही थी देखते-देखते राजू उसे गोद में उठाए हुए ही झोपड़ी के अंदर लेकर आया और घास फूस की ढेर में उसे लाकर पटक दिया अब राजू के लिए रोक पाना अपने आप पर काबू कर पाना असंभव था वह देखते ही देखते झुमरी कि दोनों टांगों को फैला दिया और,,, जैसे ही राजू को झुमरी की गुलाबी बुर नजर आई उसके मुंह में पानी आ गया और वहां अपने आप को रोक नहीं पाया घुटनों के बल बैठकर झुमरी को अपनी तरफ खींचा और उसकी आदि गांड को अपने घुटनों पर रख दिया झुमरी के लिए पहला मौका था जब वह किसी के लंड को अपनी बुर में लेने जा रही थी इसलिए उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसके मन में उत्सुकता बढ़ती जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अंदर जाने पर कैसा लगेगा और इसी कशमकश में वह अपनी आंखों को बंद कर चुकी थी,,,,


झुमरी के चरित्र को देखकर राजू अच्छी तरह से जानता था कि जो मेरी पूरी तरह से कुंवारी लड़की है उसकी बुर में लंड डालना बड़ी मेहनत का काम है इसलिए मैं धीरे-धीरे ढेर सारा थूक लगाकर झुमरी की बुर पर अपने लंड के सुपाड़े को रखकर उसे धीरे-धीरे अंदर की तरफ ठेलने लगा,,, अभी सुपाड़ा मात्र एक अंगूर अंदर घुसा था कि झुमरी को दर्द महसूस होने लगा राजू समझ गया कि बड़े सावधानी से आगे बढ़ना है इसलिए वह अपने हाथों को आगे बढ़ाकर उसकी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया उसको उत्तेजित कर रहा था उसी उत्साह रहा था देखते ही देखते वह अपनी कमर का भी असर उसे दिखा रहा,,, था,,, झुमरी की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनते ही वह अपनी कमर को आगे की तरफ तेरा और आधा सुपाड़ा झुमरी की बुर में,, समा गया उसे दर्द हो रहा था लेकिन वह अपने दर्द को जेल गई थी उसे नहीं मालूम था कि आगे और भी दर्द होगा क्योंकि उसकी बुर में पहली बार लड़ने जा रहा था देखते ही देखते राजू ने थोड़ा सा और धक्का लगाया और लंड का पूरा सुपड़ा बुर की अंदर घुस गया अब जाकर झुमरी को दर्द का एहसास होने लगा उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल गई और राजू तुरंत आगे बढ़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिया और उसे चूसना शुरू कर दिया और उसी स्थिति में रुका रह गया वह जानता था कि झुमरी का पहली बार होने की वजह से हुआ है बर्दाश्त नहीं कर पाएगी और अगर एक बार उसने लंड बाहर निकाल लिया तो झुमरी फिर उसे दोबारा डालने नहीं देगी,,, इसलिए उसे समझाते हुए बोला,,,

बस बस मेरी जान हो गया देखना इतना मजा आएगा कि तुम खुद मेरे लंड पर कुदोगी,,,,(और इतना कहते हुए उसकी चूची को से लाते हैं और उसके लाल-लाल होठों का रसपान करते हुए फिर से अपनी कमर को सहमत दिया और उसे धक्का मार कर आगे की तरफ फेंक दिया इस बार राजू का आधा लंड उसकी बुर के अंदर घुस गया अब झुमरी को और दर्द करना शुरू हो गया झुमरी अपना सर पटकने लगी अपना पाव इधर-उधर फेंकने लगे लेकिन राजू उसे अपने नीचे लिए हुए उसे काबू में रखे हुए था और उसकी चूची को पकड़कर दबा रहा था ताकि उसका दर्द कम हो जाए,,,)

बस बस हो गया मेरी जान बहुत खूबसूरत हो तुम झुमरी तुम्हारी खूबसूरती देखकर मैं पागल हो गया हूं इसीलिए तुम्हें बीवी बनाने का मैंने कब से उठा लिया था जबसे तुम्हें पहली बार नंगी नहाता हुआ देखा था उसी दिन मैंने निश्चय कर लिया था कि मेरे घर में बीवी बनकर आएगी तो सिर्फ झुमरी,, तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की पूरे गांव में तो क्या अगल-बगल के 10 गांव में मैंने आज तक नहीं देखा तुम जानती हो दिन भर में बैलगाड़ी लेकर इधर-उधर घूमता रहता हूं लेकिन तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखा इसलिए तो मैं तुम्हारा दीवाना हूं मेरी जान,,,
(राजू की बातों का जादू झुमरी के ऊपर छाने लगा था उसका दर्द कम होने लगा तो राजू अपनी बात को जारी रखते हुए बोला,,,)
तुम नहीं जानती झुमरी तुम्हें चोदने का मैं कबसे कल्पना करता था सपने देखता था ख्वाब देखता था मैं यही सोचता था कि तुम जिस दिन मेरे घर पर दुल्हन बन कर आओगे सारी रात तुम्हें प्यार करूंगा तुम्हें कपड़े पहनने नहीं दूंगा सारी रात तुम्हें नंगी करके रखूंगा और रात भर तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर रखूंगा,,,,(राजू की बातों में शहद खुला हुआ था मदहोशी भूली हुई थी मादकता छाई हुई थी जो कि पूरी तरह से झुमरी को अपनी आगोश में ले रही थी राजू के मुंह से निकला एक-एक शब्द झुमरी के बदन में आग लगा रहे थे इसलिए तो वह सिसकारी देना शुरू कर दी थी और यही मौका देखकर राजू ने फिर से जोर लगाया और पूरा का पूरा लंड झुमरी की बुर में गाड़ दिया,,,, एक बार फिर से झुमरी की चीज बड़ी जोरों से निकले लेकिन उस सुनसान खेतों में उसकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था राजू जानता था कि थोड़ी ही देर में उसे मजा आ जाएगा इसलिए अपनी बातों का सिलसिला जारी रखते हुए वह बोला,,,)
ओहहहह झुमरी बस हो गया मेरी जान तू नहीं जानती तुम जब चलती हो तो तुम्हारी गांड इधर-उधर जब मटकती है ना देखकर लड़के का मन हो जाता है मैं तो तुम्हारी चाल पर एकदम फिदा हो गया हूं लेकिन देखना जब तुम मुझसे शादी कर लो कि जब तुम मेरी बीवी बन जाओगी तो तुम्हें चलने नहीं दूंगा तुम्हें घर पर रख लूंगा रानी बनाकर तुम्हें खेतों में नहीं जाना पड़ेगा काम नहीं करना पड़ेगा तुम दिन भर रात भर मेरी पलकों पर बैठी रहोगी क्योंकि मैं नहीं चाहता कि तुम्हारी खूबसूरती को गांव का कोई मर्द अपनी आंखों से पी ए क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम्हें देखकर ना जाने कितने लोग अपने मन में गंदे विचार लाते होंगे,,, तुम्हारी खूबसूरती का रस पीने के लिए लालायित होते होंगे,,, और मेरी किस्मत कितनी अच्छी है कि तुम मुझे अपने पति के रूप में स्वीकार करना चाहती हो और मैं तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता हूं,,,
(राजू की मिश्री घुली बातें झुमरी के दर्द पर असर कर रही थी उसका दर्द कम हो रहा था असहनीय पीड़ा को वह राजू की बातों से झेल ले जा रही थी थोड़ी देर में सब कुछ सही हो गया राजू अपने हाथ का करामत दिखाते हुए उसके नारंगी को पकड़कर जोर जोर से दबा रहा था जिसके चलते हैं उसके चेहरे का रंग फिर से बदलने लगा और वह मदहोशी में आहें भरने लगी और इसी मौके की तलाश में राजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते वह झुमरी को चोदना शुरू कर दिया था राजू के लिए झुमरी पर काबू पाना बहुत ही बड़ा सफर तय करके मंजिल तक पहुंचने जैसा था आखिरकार राजू झुमरी की मां के साथ साथ झुमरी की भी चुदाई कर रहा था,,,।

थोड़ी देर में राजू का मोटा तगड़ा लंड बड़े आराम से झुमरी की बुर की गहराई नापना शुरू कर दिया था,,, लेकिन झुमरी की बुर की अंदर की दीवारों पर राजू का लंड रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था जिससे झुमरी के आनंद में बढ़ोतरी होती जा रही थी और ‌ उसकी पुर बार-बार पानी छोड़ रही थी,,,, राजू लगातार अपनी कमर हिला रहा था उसकी गर्दन उसके हो उसके गाल पर चुंबनो की बारिश कर रहा था,,, जिससे झुमरी को और ज्यादा मजा आ रहा था थोड़ी ही देर में झुमरी की बुर से चप्प चप्प आवाज आना शुरू हो गई जिससे वातावरण पूरी तरह से गर्मा रहा था और झुमरी की गरम सिसकारियां राजू के तन बदन में और ज्यादा मदहोशी भर रही थी,,,,

झुमरी अपनी नजरें उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच राजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी बुर के अंदर बाहर होता हुआ देखकर आश्चर्यचकित हुए जा रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि इतना मोटा तगड़ा लंड इतने आराम से उसकी बुर के अंदर अंदर बाहर हो रहा है,,,, झुमरी के चेहरे को देखकर राजू समझ गया कि वह क्या सोच रही है इसलिए राजू मुस्कुराता हुआ बोला,,

बोला था ना मेरी रानी बहुत मजा आएगा अब कैसा लग रहा है बताओ,,,

बहुत अच्छा लग रहा है,,,(शर्मा कर दूसरी तरफ नजर घुमा कर बोली)


अभी तो देखना और मजा आएगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ झुमरी के मुंह से आह निकल जा रही थी लेकिन दर्द से ज्यादा उसे मजा आ रहा था,,, थोड़ी देर तक इस स्थिति में चुदाई करने के बाद राजू अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे घोड़ी बनने के लिए बोला मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करना है इसलिए राजू ने खुद ही उसे अपने हाथों से घुटने मोड़कर उसकी हाथ की कोहनी मोड़ कर उससे घोड़ी बना दिया और उसकी गांड को अपने हाथों से हवा में उठा दिया,, मदहोशी से भरी हुई झुमरी राजू के इशारे पर नाच रही थी और जैसा वह कर रहा था वैसे ही होती जा रही थी देखते ही देखते राजू पीछे से झुमरी की गांड को पकड़कर अपने लंड को उसके गुलाबी छेद में डाल दिया और फिर से चोदना शुरू कर दिया इस स्थिति में झुमरी के तन बदन में आग लग गई उसे बहुत मजा आ रहा था ऐसा आनंद उसने कभी महसूस तक नहीं की थी और ना ही कभी ऐसे आनंद के बारे में वह सोची थी,,

कुछ ही देर में झुमरी के मुंह से गरमा गरम सिसकारियां फूटने लगी और उन गरम सिसकारियां को सुनकर राजू की मदहोशी और बढ़ती जा रही थी गर्मी का महीना होने की वजह से राजू और झुमरी दोनों का बदन पसीने से तरबतर हो चुका था इतनी मेहनत जो दोनों कर रहे थे लेकिन जितनी मेहनत कर रहे थे उससे 10 गुना आनंद भी प्राप्त कर रहे थे देखते ही देखते झुमरी की सांसें तेज चलने लगी राजू समझ गया कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए राजू तुरंत उसकी गोल गोल सुडोल गांड को कस के अपने दोनों हाथों से पकड़कर धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ गए राजू पीछे से झुमरी को पकड़े हुए सूखी हुई घास पर एकदम पसर गया ,,,,,।
हाहाकारी अपडेट। ग़ज़ब है भाई👌👌
 
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