,,,,
मधु और गुलाबी दोनों नदी के किनारे पहुंच चुके थे दोपहर का समय था इसलिए नदी पर इस समय कोई भी नजर नहीं आ रहा था केवल वधू और गुलाबी थे मधु के मन में सवालों का बवंडर उठ रहा था वह मधु से सवाल जवाब करना चाहती थी,,, उससे पूछना चाहती थी कि आखिरकार ऐसा कैसे हो गया कैसे वापस जवानी की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाई और अपने ही बड़े भाई के साथ शारीरिक संबंध बना ली,,,, अपने ही सवाल का अपने आप ही जवाब देते हुए अपने मन में सोच रही थी कि हो सकता है कि शायद शादी की उम्र हो जाने के बावजूद भी अभी तक उसके हाथ पीले नहीं हुए हैं और यह शारीरिक इच्छा भी तो एक उम्र मैं पूरी तरह से विकसित हो जाती है शायद उसी के वजह से गुलाबी अपनी गुलाबी जवानी पर काबू नहीं कर पाई और अपने ही भाई के साथ हमबिस्तर हो गई,,,, कुछ भी हो पूछना तो जायज था वैसे मधु जिस तरह से अपने बेटे के साथ ही हमबिस्तर हो कर शारीरिक आनंद उठा रही थी उसे देखते हुए किसी भी सूरत में मधु से यह सवाल जवाब करना उचित नहीं था क्योंकि वह भी उसी कश्ती में सवार थी जिसमें गुलाबी भी बैठकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ रही थी,,,,।
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वाह भाभी कितनी ठंडी हवा बह रही है मन कर रहा है कि खटिया बिछा कर यही सो जाऊं,,,।
लेकिन ऐसे अकेले में तो नींद तुझे आएगी नहीं खटिया पर कोई ना कोई तो होना चाहिए तेरी प्यास बुझाने के लिए,,,,(मधु गुलाबी पर व्यंग कसते हुए बोली और जवाब में गुलाबी शरमाते हुए बोली)
क्या भाभी तुम भी कभी भी मजाक करने लगती हो,,,
मजाक नहीं सही कह रही हूं तेरी उम्र हो चुकी है लंड लेने के लिए तेरी फैली हुई गांड देखकर इतना तो समझ में आता है कि तेरी बुर लंड खाने लायक हो गई है,,,
हाय भाभी कैसी बातें कर रही हो कोई सुन लेगा तो क्या सोचेगा,,,,
सोचेगा क्या वह भी समझ जाएगा कि गुलाबी रानी जवान हो गई है और अभी इन्हें लंड की जरूरत है तो वह भी तुम्हारे चक्कर में दिन रात घूमता रहेगा,,,,
भाभी लगता है कि,,, भैया ने रात भर तुम्हारी ली है,,,, इसलिए आज रंगीन मिजाज लग रहा है,,,,,,,
वह तो मेरी किस्मत है रात भर लेने के लिए तू भी अपनी किस्मत बना ले या फिर तेरी भी किस्मत जाग गई है कोई तो होगा तेरी दोनों टांगों को फैला कर तेरी बुर में लंड डालने वाला,,,,,
धत् भाभी,,,,, आज पता नहीं क्या खाकर आई हो,,,,
(ननद भाभी में इस तरह की मजाक अक्सर होती रहती थी इसलिए गुलाबी को अपनी भाभी की इस तरह की बातें सुनकर उसके पीछे का उद्देश्य बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था और वह पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरी हुई थी कि उसकी रंगरेलियो के बारे में उसकी भाभी को बिल्कुल भी पता नहीं है और इसीलिए वह कपड़ों का घर लेकर नदी के किनारे बड़े से पत्थर पर बैठ गई और खुद ही धोना शुरू कर दी मधु उससे 2 मीटर की दूरी पर अपनी कमर पर हाथ रखकर खड़ी होकर उसे ही देख रही थी और उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि इस समय उसकी ननद ही उसकी सौतन बनी हुई है,,,, ,,,
यह बात मैं तो अच्छी तरह से जानते थे कि उसके पति से ज्यादा मजा उसका बेटा दे रहा था अपनी पति के लंड से कहीं ज्यादा आनंद से अपनी बेटी के लंड से प्राप्त हो रहा था और कई मायनों में भी राजू का लंड उसके पिताजी से बेहतरीन था लंबाई में भी मोटाई में भी और मर्दाना ताकत में भी जो की औरतों की बुर में जाकर कुछ ज्यादा ही देर तक टिका रहता था ना कि कुछ ही मिनटों में ढेरों जाना यह राजू के पछ में बिल्कुल भी नहीं था इस बात को,,, मधु भली-भांति जानती थी लेकिन फिर भी हरिया उसका पति था भले ही उसे उसके बेटे जैसा संभोग सुख वह नहीं दे पा रहा था लेकिन फिर भी एक पत्नी अपने पति को किसी गैर औरत से कभी नहीं बांट सकती और यही मधु के साथ भी हो रहा था वह अपने पति को अपनी ही ननंद से बांटना नहीं चाहती थी इसलिए तो वह मन ही मन गुलाबी को देखकर जल बुन रही थी लेकिन बात की शुरुआत कैसे की जाए इस बारे में उसे समझ में नहीं आ रहा था इसीलिए वह इधर-उधर की बातें कर रही थी लेकिन उसका मकसद यही था जो की गुलाबी समझ नहीं पा रही थी,,,, गुलाबी कपड़े धो रही थी इसलिए मधु भी ठीक उसके सामने जाकर बैठ गई और गंदे कपड़ों को लेकर धोना शुरू कर दी,,,,,, बात की शुरुआत करते हुए बोली,,,।
गुलाबी अब तेरे हाथ पीले करने पड़ेंगे तु अब पूरी तरह से जवान हो गई है वैसे मैं तेरे भी कुछ अरमान होंगे तेरे भी मन में कुछ हसरते होंगे जो कि इस उम्र में पूरी होनी चाहिए,,,,
नहीं भाभी मेरा बिल्कुल भी इरादा नहीं है इतनी जल्दी शादी करने का,,,, मैं आप लोगों को छोड़कर इतनी जल्दी नहीं जाना चाहती,,,,।
कब तक अपनी भैया से ही चुदवाती रहेगी,,,,,।
(ना चाहते हुए भी आखिरकार मधु के मुंह से निकल ही गया और अपनी भाभी की यह बात सुनकर गुलाबी एकदम से सन्न रह गई उसे काटो तो खून नहीं ऐसी हालत हो गई और वहां आश्चर्य से अपनी भाभी की तरफ देखने लगी और सच्चाई को अपने झूठ से ढकने की कोशिश करते हुए बोली)
यह कैसा मजाक है भाभी इस तरह का मजाक मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है,,,
चल अब रहने दे बातें बनाने को मैं सब जानती हूं तू अपने ही भैया से चुदवाती है,,,
किसने कहा आपसे मैं उसकी टांगे तोड़ दूंगी कौन है जो मुझे बदनाम करना चाहता है,,,,(इतना कहते ही गुलाबी अपनी जगह से खड़ी हो गई वह भी एकदम गुस्से में आ गई थी और वैसे भी सच कड़वा होता है सच सुन लेने के बाद गुलाबी अपने आप में बिल्कुल भी नहीं थी,,,,, मधु भी एकदम गुस्से में आ गई थी और वह भी अपनी साड़ी को कमर पर बांधते हुए खड़ी हो गई थी और वह गुस्से में बोली,,,)
कितना झूठ बोलेगी रे गुलबिया,,, तुझे शर्म नहीं आई मेरी ही सौतन बनने में ,,,, तुझे बिल्कुल भी लाज नहीं आई अपने ही भाई के लिए अपनी दोनों टांगें खोलने में,,,
बस भाभी बस मैं तुम्हारी इज्जत करती हूं तो इसका मतलब यह नहीं कि तुम मुझे बदनाम करती जाओ मेरे बारे में भला बुरा कहती जाओ,,,, मैं तुमसे पूछती हूं कि उसका नाम तो बताओ जिसने तुम्हारे कान भरे हैं,,,,छी छी, ऐसी गंदी हरकत कर ही नहीं सकती और इस बारे में तो कभी सोच ही नहीं सकती,,,,।
रंडी की शायद अपना घर छोड़ देती होगी लेकिन तू तो रंडी से भी बदतर काम की है,,,, और हां काश ऐसा हो जाता कि कोई मेरे कान भरे होते तो मैं जिंदगी में इस बात पर विश्वास नहीं करती लेकिन मैंने खुद अपने आंखों से देखी हूं,,,,
(इतना सुनकर गुलाबी की हालत खराब होने लगी और मधु अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोलीं,,) घर के पीछे झोपड़ी में झाड़ीयो को साफ करने के बहाने जो तुम दोनों मिलकर कामलीला कर रहे थे मैं अपनी आंखों से देखी थी कैसे तुम दोनों मजे ले रहे थे और तू गुलाबी कितनी रंडी की तरह अपनी सलवार खोल कर झुक कर खड़ी थी और तेरा भाई तेरी गांड पकड़े कैसा लंड पर रहा था उसे भी बिल्कुल भी शर्म नहीं आई अपनी बहन के साथ मुंह काला करते हुए,,,,
(अब गुलाबी के पास अपने बचाव के लिए कुछ भी नहीं बचा था वह जान गई थी कि उसकी भाभी अपनी आंखों से देख चुकी है अब तो कुछ ऐसा ही लग रहा था कि शायद किसी ने उसके कान भरे हो लेकिन बात बिल्कुल साफ हो चुकी थी इसलिए वह कुछ बोल नहीं पाई और फफक फफक कर रोने लगी,,,,,,,, गुलाबी की हालत एकदम खराब हो गई थी गुलाबी को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें रोने के सिवा उसके पास और कोई रास्ता नहीं बचा था आखिरकार रंगे हाथ जो पकड़ी गई थी,,,,, क्योंकि मधु ने दोनों की रंगरेलियां का एकदम सही समय और स्थान बताई थी जो की पूरी तरह से सही था जो की जिसे झूठ लाया नहीं जा सकता था,,,, उसे रोता हुआ देखकर मधु भी एकदम गुस्से में आ गई थी वह,,, फिर से गुस्से में बोली,,,।)
अब बोल हरामजादी कुत्तिया तेरे पास और कोई बहाना बचा है,,,,,, या अभी भी मेरी बात मानने को तैयार नहीं है,,,,,।
(नदी के किनारे पर बड़े से पत्थर पर दोनों भाभी और ननद खड़ी थी ननंद अपनी गलती पकड़े जाने पर आंसू बहा रही थी और भाभी गुस्से में उसे देख रही थी,,, लेकिन गुलाबी मर्दों की संगत में जितनी ज्यादा निखर चुकी थी उतनी ज्यादा दिमाग की तेज भी हो चुकी थी वह अपने मन में यही सोच रही थी कि जब उसकी चोरी पकड़ी गई है तो क्यों ना राजू के बारे में भी सच्चाई बता दे लेकिन वह कुछ कहती इससे पहले ही मधु जोर से बोली,,)
हरामजादी रंडी में कभी सोची नहीं थी कि तू इस तरह से मुझसे विश्वासघात करेगी,,,, मेरा ही बिस्तर तु बांट लेगी,,, अरे रंडी अगर इतनी ही तेरी बुर में आग लगी थी तो मुझे बता दी होती तेरी शादी कर दी होती इस तरह से मेरे संसार में तु आग तो ना लगाती,,,,, मुझे तो तेरे भाई पर भी गुस्सा आ रहा है कैसा धर्म पुरुष बनकर रहता है मुझे तो अभी भी अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि वाकई में वह कुछ ऐसा कर सकते हैं और वह भी अपनी बहन के साथ अरे क्या कुछ नहीं दी मने ना होने के बावजूद भी रात को उनका साथ देती थी रोज लेने के बावजूद भी ना जाने किसी प्यास है कि बुझती ही नहीं,,,,।(गुलाबी कुछ बोल नहीं रही थी वह रोते हुए अपनी भाभी की कड़वी बातों का घूंट पी रही थी लेकिन अपने मन में कुछ सोच भी रहीं थी वह सारा दोष सारी बदनामी अपने सर पर नहीं लेना चाहती थी क्योंकि इसमें जितना हाथ उसका था उतना ही हाथ उसके बड़े भैया और उसके भतीजे राजू का भी था इसलिए वह इस कीचड़ में उन दोनों को भी घसीटना चाहती थी,,,,, मधु के मुंह से सच निकल रहा था लेकिन वह सच गुलाबी के कानों में शीशा की तरह पिघल रहा था,,,,) मुझे बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि तेरी बुर ईतनी प्यासी है वरना कसम से मैं खुद तेरे लिए लड़का ढूंढ थी और तेरी शादी करके तुझे विदा कर देती,,,,, यह तो चलो भगवान का शुक्र है कि मैंने अपनी आंखों से देखी अगर मेरी जगह कोई और देख लेता तो पूरे परिवार की बदनामी हो जाती,,,,
(गुलाबी कुछ बोल नहीं रही थी बस रोए जा रही थी,,,, इस बात की तसल्ली उसके मन में अभी भी थी कि पूरे परिवार में उसकी भाभी ही उसे खरी खोटी सुना सकती है बाकी ना तो राजू और ना तो हरिया उसे कुछ बोल सकते हैं क्योंकि दोनों भी इस खेल में पूरी तरह से शरीख है,,,, गुलाबी को इस तरह से खामोश खड़ी और रोती देखकर मधु का गुस्सा और बढ़ता जा रहा था इसलिए वह चिल्ला कर बोली,,)
हरामजादी अब कुछ बोलेगी भी या इसी तरह से रोती रहेगी,,,, मुझे तो अब शक होने लगा है अगर तू अपने बड़े भैया के साथ जुदवा सकती है तब तो बाजू पूरी तरह से जवान है और वहां तेरे साथ ही सोता है कहीं खटिया पर तू उसे भी नहीं छोड़ी होगी,,,, तुझे तो लंड चाहिए अपनी बुर में चाहे किसी का भी हो भाई का या भतीजे का तुझे तो अपनी प्यास बुझाने से मतलब है,,,,,बोल हरामजादी,,,(इतना कहते हुए वह गुलाबी के करीब गई और उसका बाल पकड़ ली और बोली,,,)
बोल रंडी राजू के साथ तो कुछ नहीं की है ना,,,,, की उसे भी बर्बाद कर दी,,,।
(गुलाबी को भी बहुत गुस्सा आ रहा था इस तरह की गंदी गालियां आज तक उसे किसी ने नहीं दिया था लेकिन आज अपनी भाभी के मुंह से गंदी गंदी गालियां सुनकर वह पूरी तरह से हैरान हो चुकी थी लेकिन वह जानती भी थी कि अगर किसी भी औरत के पति को कोई औरत अपना बनाना चाहेगी तो उसकी हालत होगी वरना इस बात से वह भी पूरी तरह से अवगत थी कि उसकी भाभी कभी भी अपने मुंह से गाली नहीं देती थी लेकिन आज तो उसकी भाभी बेहद गुस्से में थी और उसे गंदी गंदी गालियां दे रही थी गुलाबी के पास कोई रास्ता नहीं बचा था वह भी अपना आखिरी पत्ता खोलना चाहती थी ,,, अपना बचाव करना चाहती थी वह इस खेल में अकेली नहीं थी यह भी बताना चाहती थी इसलिए वह भी एकदम गुस्से में आकर अपने बाल पर से अपने भाभी का हाथ पकड़कर उसके हाथ को झटकते हुए बोली,,,)
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बस भाभी बस बहुत हो चुका,,, जानना चाहती हो यह सब किसकी वजह से हुआ,,,, जानना चाहती हो कि मेरी बुर के साथ-साथ किसके लंड में ज्यादा आग लगी हुई थी ,,,, सुन पाओगी,,,,,,,,, तुम्हें सुनना ही होगा,,, यह जो कुछ भी हो रहा है उस में किसका हाथ है,,,
तुम्हारे बेटे राजु का,,,,
(इतना सुनते ही मधु के होश उड़ गए उसे अपने कान पर विश्वास नहीं हो रहा था वह आश्चर्य से गुलाबी की तरफ देख रही थी तो गुलाबी भी अपनी बात को दोबारा बोली,,,)
हां हां भाभी तुम्हारे बेटे राजू का हांथ है,,,,, उसके ही लंड में कुछ ज्यादा ही आग लगी हुई थी,,,,,
नहीं गुलाबी तू झूठ बोल रही है ऐसा नहीं हो सकता मेरा राजु ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता,,,,,,,(राजू की हरकत से मधु पूरी तरह से वाकिफ थी यहां तक कि राजू के साथ वह चुदाई का आनंद भी लूट चुकी थी लेकिन जानबूझकर गुलाबी के सामने चोकने का नाटक कर रही थी,,, क्योंकि अब उसके लिए यह जानना बहुत जरुरी हो गया था कि राजू उसी के पीछे इस तरह पागलों की तरह पडा था या पहले से ही वह औरतों के मामले में कामुक प्रव्रति का था और यह भी जानना चाहती थी कि राजू गुलाबी के मामले में किस तरह से शामिल है,,,,,,,, अपनी भाभी को इस तरह से अपने बेटे पर विश्वास करता देखकर गुलाबी के होठो पर हल्की सी मुस्कान आ गई और वह बोली,,,।
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जिसे तुम सीधा साधा समझ रही हो ना भाभी वह पूरी तरह से मर्द बन चुका है उसकी करतूतो के बारे में सुनोगी तो तुम्हें विश्वास नहीं होगा,,,,,
तू झूठ बोल रही है ना गुलाबी मैं जानती हूं तु रंगे हाथ पकड़ी गई है ना इसलिए मेरे बेटे को फंसाना चाहती है,,,,
मैं क्या उसे फंसाऊंगी भाभी वह तो खुद मुझे बर्बाद कर चुका है,,,,
गुलाबी कुछ भी कहने से पहले 10 बार अच्छी तरह से सोच ले की तु क्या कह रही है,,,,( मधु गुस्से में बोली,,,,)
मैं एकदम से सोच-समझकर बोल रही हूं मैं अच्छी तरह से जानती हूं की अगर मैं आज चुप रह ही तो यह कलंक मेरे ही माथे पर हमेशा लगा रहेगा,,,,,, जो कुछ भी तुमने भाभी अपनी आंखों से देखी हो उसमें भैया और राजू दोनों का हाथ है,,,,।
नहीं गुलाबी नहीं,,,, ऐसा बिल्कुल भी नहीं हों सकता ने मान ही नहीं सकती कि राजू ऐसी नीच हरकत कर सकता है,,,,
बस यही तो बात है भाभी ,,,,,,,, तुम्हें राजू के चरित्र पर विश्वास है लेकिन मेरी बातों पर विश्वास नहीं हो रहा है जानना चाहती हो ।हसब शुरू कैसे हुआ किसकी वजह से हुआ,,,,,,।
(गुलाबी की आंखों में आंसू थे वह मधु की तरफ देख रही थी मधु भी हैरान थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें,,,, गुलाबी अपनी जगह पर बैठ गई थी,,,,, अपनी भाभी की तरफ ना देख कर वह नदी की तरफ देख रही थी,,,, अब तो मधु की भी उत्सुकता बढ़ चुके थे राजू के कारनामे के बारे में सुनने के लिए राजू के चरित्र के बारे में तो वह अच्छी तरह से जानती थी लेकिन जो वह नहीं जानती थी वह गुलाबी के मुंह से सुनना चाहती इसलिए वह भी ठीक गुलाबी के सामने बड़े से पत्थर पर बैठ गई,,,,,, दोपहर का समय होने की वजह से चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था नदी के किनारे गांव का कोई भी इंसान नहीं था इस समय नदी पर केवल गुलाबी और मधु ही थे दोनों भाभी और ननद,,, खुलासा कर रहे थे गुलाबी अपने आप को इस चक्रव्यूह में फंसा देखकर एक नया पाशा फेंकने जा रही थी जो कि पूरी तरह से उसके बचाव के लिए काफी था कि इस सारे काम रूपी चक्रव्यूह में वह सिर्फ मोहरे के रूप में उपयोग में ली जा रही थी,,,,,,,, अपने भाभी के द्वारा पकड़े जाने पर अपना राज फास होने पर गुलाबी सुबह-सुबह कर रो रही थी लेकिन अब इस चक्रव्यू से वह निकलना चाहती थी इसलिए अपने आंसुओं को पोछते हुए वह बोली,,,)
भाभी तुम जिसे सीधा साधा भोला भाला समझ रही हो हकीकत में वह ऐसा है नहीं राजू दूसरे लड़कों की तरह ही औरत बाज है बहुत जल्द ही उसकी गर्मी उफान मारने लगी मुझे तो इन सब के बारे में कुछ पता ही नहीं था,,,, मुझे इस कर्मकांड में खींचने वाला राजू भी है मैं भी उसे बहुत भोला-भाला सीधा-साधा समझती थी और मुझे उस पर नाच भी होता था कि मेरा भतीजा दूसरे लड़कों की तरह खराब चरीत्र का नहीं है,,,,
अरे आगे बोलेगी भी या पूरी महाभारत यहीं सुनाएगी यह सब शुरू कैसे हुआ यह बता,,,,
वही तो बता रही हु भाभी,,,, वो रात में कभी नहीं भूल सकती,,,,(अब गुलाबी अपनी बातों में नमक मिर्च लगाना शुरू कर दी थी किसी भी तरह से वह अपने आप को इस सारे खेल से बचाना चाहती थी यह जताना चाहती थी कि जो कुछ भी हो रहा है उसमें उसकी गलती बिल्कुल भी नहीं है,,,) आधी रात से ज्यादा का समय हो रहा था मुझे जोरो की पिशाब लगी हुई थी इसलिए मेरी नींद खुल गई कमरे में पूरी तरह से अंधेरा छाया हुआ था कुछ भी नजर नहीं आ रहा था मैं धीरे से उठी और टटोलकर लालटेन तक पहुंच गई पास में ही दियासलाई रखी हुई थी मैं उससे भी टटोलकर उठा ली और दियासलाई को जैसे ही जलाई तो उसकी रोशनी में मुझे सामने कुछ खड़ा हुआ नजर आया कोई इंसान मैं तो एकदम से घबरा गई लेकिन दियासलाई के चलने की वजह से कमरे में रोशनी फैल चुकी थी और उस रोशनी में मुझे साफ दिखाई दिया कि जो परछाई मुझे दिख रही है वह और कोई नहीं बल्कि राजू है,,,, मैंने तुरंत लालटेन को उस दिया सलाई से जला दी और कमरे में रोशनी फैल गई अंधेरे में एकाएक रोशनी फैलने से राजू भी एकदम हक्का-बक्का रह गया था लेकिन उसकी हालत को देखकर मेरे तो एकदम होश उड़ गए,,,,
ऐसा क्या देख ली थी,,,?(मधु उत्सुकता दिखाते हुए बोली)
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राजू,,, भाभी राजू उसकी हालत देखकर तो मैं चौक गई थी उसका पैजामा नीचे जमीन पर गिरा हुआ था और उसका,,, वो,,,,,मतलब,,,,वो,,,,(आगे बोलने में जानबूझकर गुलाबी शर्माने का नाटक कर रही थी यह देखकर मधु बोली,,,)
अब आगे बोलने में शर्मा क्यों रही है चुदवाते समय नहीं शर्म आती,,,
मतलब भाभी राजू का वो,,,ललल,,लंड,,, एकदम खड़ा था और राजू से अपने हाथ में लेकर हिला रहा था,,,,
क्या,,,(आश्चर्य से अपनी आंखों को चोड़ी करते हुए,,) यह क्या कह रही है गुलाबी,,,,
हां भाभी मैं सच कह रही हूं राजू की हालत देखकर मेरी हालत खराब हो गई मैं एकदम से घबरा गई थी,,, मैं घबराते हुए लेकिन थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,
राजू यह क्या कर रहा है तुझे शर्म नहीं आती यह सब करते हुए,,,, मेरी बात सुनकर राजू बिल्कुल भी नहीं घबराया और एकदम बेशर्मी दिखाते हुए पता है क्या बोला,,,।
क्या बोला,,,?(धड़कते दिल के साथ मधु बोली)
वह बोला भाभी मजा ले रहा हूं तुम भी आ जाओ वह तुम्हें मैं एक चीज दिखाता हूं,,,, मैं तो यह सुनकर एकदम हैरान रह गई मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि सामने जो लड़का है वह राजू ही है या उसकी शक्ल में कोई और खड़ा है क्योंकि राजू से मुझे ऐसी उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि वह ऐसा लड़का था ही नहीं,,,
लेकिन वह कौन है मैं खड़ा होकर कर क्या रहा था,,?(मधु हैरानी जताते हुए बोली,,)
वही तो भाभी सुनो गी तो तुम्हारे पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी तुम्हारे लाडले बेटे के कारनामे,,,,
(अब तो मधु से रहा नहीं जा रहा था वह जल्दी से जल्दी गुलाबी के मुंह से अपने बेटे के काले कारनामे के बारे में सुनना चाहती थी,,,,) मैं तो उसकी बात सुनकर एकदम घबरा रही थी क्योंकि राजू जिस हालत में था उस हालत में एक सीधी-सादी लड़की को उसके पास जाने में शर्म और डर दोनों महसूस होता ही जैसा कि मुझे हो रहा था मैं उसके पास जा नहीं रही थी तो वह खुद ही आगे बढ़ा और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया,,,, सच कहूं तो भाभी शुरू से ही राजू का इरादा मुझे गंदा नजर आ रहा था वह मुझे अपनी तरफ खींचते ही मेरी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और मेरे कानों में धीरे से बोला,,,
शोर बिल्कुल भी मत मचाना बुआ क्योंकि जो चीज में तुम्हें दिखाने जा रहा हूं तुम देख कर एकदम मस्त हो जाओगी,,, ऐसा कहते हुए वह भाभी गहरी गहरी सांस ले रहा था और उसकी गर्म सांसे मेरी गर्दन पर पढ़ रही थी,,, और क्या बताऊं भाभी पहली बार किसी जवान लड़के ने मुझे इस तरह से पकड़ा था और इस हालत में में पहली बार किसी लड़की को देखी थी इसलिए राजू की हरकत से ना जाने क्यों मेरे बदन में कपकपी सी दौड़ रही थी मेरी तो हालत खराब हो रही थी हो जिस तरह से मेरी कमर को दोनों हाथों से पकड़ा हुआ था मुझे तो सोचकर ही डर लग रहा था कि राजू क्या करने वाला है,,,
फिर क्या हुआ,,,,?(मधु पूरी तरह से गुलाबी की बातों में आ चुकी थी और गुलाबी की बातों को आश्चर्य और रस लेकर सुन रही थी)
फिर भाभी उसने मेरे कानों में धीरे से बोला कि दीवाल के छेद के अंदर देखो,,,
दीवार के छेद के अंदर,,,,(आश्चर्य से मधु बोली)
हां भाभी दीवार के छेद के अंदर राजू मुझे देखने के लिए बोल रहा था मैं तो एकदम घबराई हुई थी और राज्यों ने मुझे जिस तरह से पकड़ा था उसका वह लंड सलवार के ऊपर से ही मेरी गांड पर दबाव दे रहा था मेरे पूरे बदन में सनसनाहट फेल रही थी,,,,, मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं लेकिन फिर से राजे ने मुझे दीवार के छेद में देखने के लिए बोला मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर का दीवार के छेद में राजू दिखाना क्या चाहता है लेकिन फिर भी उसकी बात मानने के सिवा मेरे पास और कोई रास्ता नहीं था इसलिए मैं दीवार के छेद में अपनी आंखें गड़ा कर देखी तो मुझे तुम्हारा कमरा नजर आने लगा,,,
मेरा कमरा,,,(एकदम आश्चर्य से)
हां भाभी तुम्हारा कमरा लालटेन की रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था मुझे पहले तो कुछ अंदर समझ में नहीं आया लेकिन जैसे ही मेरी नजर तुम्हारी खटिया पर पड़ी तो मेरे तो होश उड़ गए,,,,
क्या,,,?(उम्र के इस दौर में पहुंच चुकी मधु अच्छी तरह से समझ चुकी थी कि दीवार के छेद से राजू क्या देख रहा था मधु के भी दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी )
, हां भाभी मैं सच कह रही हूं,,, दीवार के छोटे से छेद से तुम्हारा कमरा पूरी तरह से एकदम साफ नजर आ रहा था,,,, और खटिया पर नजर पड़ते ही मेरी हालत खराब हो गई थी क्योंकि खटिया पर भाभी तुम और भैया एकदम नंगे थे,,,,
क्या,,,?(आश्चर्य शर्म के मारे अपने मुंह पर हाथ रखते हुए मधु बोली,,,)
हां भाभी तुम्हारी दोनों टांगे भैया के कंधे पर थी और भैया तुम्हारी बुर में लंड डालकर चोद रहे थे और यही नजारा देखकर राजू की हालत खराब हो गई थी और उसका लंड एकदम खड़ा था और वह उसे अपने हाथ में पकड़ कर हिला रहा था,,,,,,
बाप रे,,, राजू ऐसी हरकत करता है तब तूने क्या किया,,,,
मैं तो तुम्हारे कमरे का नजारा देखकर एकदम से हैरान हो गई थी मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था जिंदगी में पहली बार में इस तरह का नजारा देखी थी इसलिए भाभी ना जाने मेरे बदन में क्या होने लगा और मैं अपनी नजरों को वहां से हटा नहीं पाई और राजू ठीक मेरे पीछे खड़ा था,,, वह समझ गया था कि अंदर का नजारा देखकर मुझे कुछ-कुछ हो रहा है और इसी का फायदा उठाते हुए राजू मेरी कमर से दोनों हाथ उठाकर तुरंत दोनों हाथों को मेरी चूची पर रख दिया और दबाना शुरू कर दिया मैं उसे रोकने की कोशिश करने लगी,,, मैं उससे बोली,,,,
क्या कर रहा है राजू तुझे शर्म नहीं आती अपने ही मां और पिताजी को इस हालत में देख रहा है,,,, तब पता है भाभी उसने क्या कहा,,,
क्या कहा,,,?
एकदम बेशर्म बन चुका था जवानी उसके सर पर सवार हो चुकी थी वह मुझसे बोला तो क्या हुआ मां और पिताजी चुदाई का मजा ले रहे हैं देख नहीं रही हो पिताजी का लंड कैसे मां की बुर में अंदर बाहर हो रहा है और मां को भी अच्छा लग रहा है,,,,(गुलाबी बनी बनाई बात को नमक मिर्च लगाकर और भी ज्यादा चटकारा लगाते हुए बोल रही थी जिसका असर मधु पर बराबर हो रहा था)
क्या,,,,?(गुलाबी के मुंह से अपने बेटे की बेशर्मी भरी बात को सुनकर मधु इस समय शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी,,,)
हां भाभी मैं तो एकदम हैरान हो गई थी उसकी बात सुनकर मैं उसकी तरफ नजर घुमा कर देखने लगी क्योंकि वह मुझे इस तरह से पीछे से झगड़े हुए था कि मैं घूम नहीं सकती थी और तो और उसका नंगा लंड मेरी गांड पर रगड़ रहा था पहली बार में 1 जवान लंड को अपनी गांड पर महसूस कर रही थी इसलिए ना जाने मुझे क्या हो रहा था एक नशा सा छा रहा था फिर भी मैं उसे रोकते हुए बोली,,,,।
राजू तू तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं था अपनी मां और पिताजी के बारे में इस तरह की गंदी बातें कर रहा है और मुझे छोड़ तुझे शर्म नहीं आ रही है मैं तेरी बुआ हूं,,,,, मेरी बात सुनकर तुम जानती हो क्या कहा,,,,
क्या कहा गुलाबी उस हरामजादे ने,,,,(मधु बनावटी गुस्सा दिखाते हुए बोली क्योंकि उसके खुद भी अपने बेटे के साथ शारीरिक संबंध स्थापित हो चुके थे जिसका वह पूरी तरह से आनंद ले रही थी अब वापस लौट ना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था,,,,)
भाभी उसकी बात कहने में मुझे शर्म आ रही है सच में राजू इतना बदल जाएगा मैं कभी सोची नहीं थी इतना गंदा उसने जवाब दिया कि मेरे तो होश उड़ गए,,,
अरे बताएगी भी या पहेलियां बुझाती रहेगी,,,,
बता रही हूं भाभी वह मुझे अपनी बाहों में कस के झगड़े हुए था उसके दोनों हाथ मेरी चूचियों पर थे पहली बार मेरी चूची पर किसी मर्द का हाथ लगा था इसलिए ना चाहने के बावजूद भी एक अजीब सी कसक मेरी चूचियों पर हो रहा था और नीचे से लगातार वह अपने लंड का दबाव मेरी गांड पर बना रहा था अगर सच में मेरी सलवार अगर ना होती तो वह कब से मेरी बुर में लंड डाल दिया होता,,,,,(गुलाबी जानबूझकर गंदे शब्दों में बता रही थी जिसका असर मधु पर बराबर हो रहा था,,,,) वाह बेशर्म की तरह मेरी गर्दन पर अपने होंठ रख कर चुंबन करते हुए बोला,,,, बुआ इस समय मुझे कुछ भी सोच नहीं रहा है यह तो तुम हो मेरी बाहों में अगर मैं भी होती तो मैं भी साड़ी उठाकर उनकी बुर में लंड डाल दिया होता,,,,,( गुलाबी जानबूझकर मधु के बारे में इतनी गंदी बातें बता रहे थे जो कि उसके बेटे ने बोला भी नहीं था फिर भी वह जानबूझकर राजू का नाम लेकर बता रही थी और यह बात सुनकर तो मधु की बुर से पानी टपक गया वह सोची नहीं थी कि उसका बेटा इतना हरामि होगा लेकिन अब उसे समझ में आ गया था कि दीवार के छोटे से छेद से ही उसे नंगी चुदवाते हुए देखने के बाद ही उसके मन में उसके लिए काम भावना जागने लगी,,,,, गुलाबी के मुंह से अपने बारे में इतने गंदी बातें सुनकर आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रह गया था और वह हैरान होते हुए बोली,,,।)
नहीं गुलाबी ,,, तू झूठ बोल रही है मेरा बेटा मेरे बारे में सर की गंदी बात कभी नहीं बोल सकता,,,,(मधु जानबूझकर गुलाबी के सामने चौक ने का नाटक भर कर रही थी क्योंकि वह अपने बेटे की हरकत से पूरी तरह से वाकिफ हो चुकी थी और उसकी हरकत का भोग भी बन चुकी थी,,,,)
भाभी अगर तुम्हें विश्वास नहीं होता तो 1 दिन उसके कमरे में जब वह अकेले हो तब जाना,,, और सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज पहनकर फिर देखना वह तुम्हारे साथ क्या करता है,,,
(मधु अच्छी तरह से जानती थी कि ऐसे हालत में उसका बेटा उसके साथ क्या करेगा जो कि वह कर भी चुका था फिर भी मधु बोली,,)
तू उसे रोकी नहीं,,,,
उसे रोकने की बहुत कोशिश की भाभी लेकिन उसकी बाजुओं में कुछ ज्यादा ही दम था मैं उसे डराने की कोशिश भी की कि मैं जोर से शोर मचा दूंगी भैया भाभी को सब बता दूंगी तो उससे भी वह नहीं रहना और हंसते हुए बोला,,,।
बुलाओ मैं तो साफ कह दूंगा कि बुआ इस छोटे से छेद में से तुम्हारे कमरे में हमेशा देखती रहती है आज मैंने पूछ लिया तो वह मुझ पर बिगड़ पड़ी और मुझसे गलत करने के लिए बोल रही है,,,, ऐसा सुनकर तुम एकदम से चूक गई मेरे लिए तो सब रास्ते बंद हो चुके थे और फिर उसने अपनी मनमानी करने शुरू कर दिया मैं भी क्या करती एक तो अंदर तुम्हारे कमरे का दृश्य देखकर मैं भी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और दूसरा राजू ने अपनी हरकत से मुझे मदहोश कर दिया था देखते ही देखते वह मेरी सलवार की डोरी खोलने लगा मैं उसे रोकने की कोशिश की लेकिन उसके आगे मेरी एक ना चली और फिर मैं क्या करती मुझे भी ना जाने क्यों अच्छा लगने लगा और वह मुझे उसी तरह से गोद में उठाकर खटिया पर ले गया और मेरी कुर्ती को भी उतार फेंका मैं खटिया पर उसकी आंखों के सामने एकदम नंगी हो गई वह तो पहले से ही पैजामा उतार चुका था और सच में भाभी उसका लंड देखकर तो में डर गई थी,,,
क्यों डर गई थी,,,?(मधुर सब कुछ जानते हुए भी कि राजू का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा और लंबा है लेकिन फिर भी गुलाबी के सामने अनजान बनने का नाटक करते हुए बोली)
क्यों नहीं डरती भाभी छोटे से छेद से मैंने भैया के लंड को देखी थी जिसके मुकाबले राजू का लंड उससे दोगुना लंबा चौड़ा और मोटा था,,,,। ओर इसीलिए मैं एकदम घबरा गई,,,, लेकिन राजू बहुत चालाक था उसने जो हरकत किया भाभी उसी से मैं पूरी तरह से पानी पानी हो गई मेरी बुर से पानी फेंक दिया,,,
ऐसी क्या हरकत कर दिया,,,,?
अरे पूछो मत भाभी,,, उसने जो हरकत किया उसके बारे में तो मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी,,,,, उसने अपने हाथों से मेरी दोनों टांगे फैलाया और फिर मेरी बुर पर अपने होंठ रखकर जीभ से चाटना शुरू कर दिया,,, भाभी सच पूछो तो राजू की हरकत से मेरी यही सही हिम्मत भी जवाब दे गई अब उसका विरोध करने की ताकत मेरे को बिल्कुल भी नहीं थी वह मुझे खटिया पर अपनी कठपुतली बना लिया था जैसा वह चाह रहा था वैसा मुझसे मजा ले रहा था और उसके बाद तो भाभी अपनी मनमानी को अंजाम देते हुए मेरी बुर में अपना लंड डाल दिया और मुझे चोदना शुरू कर दिया सच पूछो तो पहली बार मेरी बुर में लंड जाते हैं मैं दर्द से बिलबिला उठी मुझे तो होश ही नहीं था मैं बेहोश होते-होते बची थी रांची लेकिन बहुत चलाक है भाभी वह मुझे इस दर्द से निकालने के लिए मेरे बदन से हरकत करने लगा वह मेरी चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया और देखते ही देखते थोड़ी देर में मेरा दर्द गायब हो गया और मुझे मजा आने लगा और फिर उसने मुझे चोदना शुरू कर दिया मेरी जिंदगी की पहली चुदाई अपने ही भतीजे से होगी मैं कभी जिंदगी में सोचा नहीं थी लेकिन सच भाभी जो मजा उसने मुझे दिया मैं उसे भूल नहीं सकती मैं जानती हूं कि जो कुछ भी हुआ सब गलत हो रहा था लेकिन एक बात माननी पड़ेगी कि राजू के लंड में बहुत दम है और फिर वह सिलसिला शुरू हो गया,,,,(गुलाबी जानबूझकर राजू के लंड से ज्यादा मजा मिलने की बात मधु के सामने कर रही थी ताकि मधु का भी मन मचल उठे वह यह बात नहीं जानते थे कि मधु अपने बेटे से चुदाई का आनंद ले चुकी थी और जारी भी थी,,,)
बाप रे मेरी पीठ पीछे बगल वाले कमरे में इतना कुछ होता रहा और मुझे कभी शक भी नहीं हुआ मैं सोच भी नहीं सकती थी एक ही कमरे में लड़का और लड़की और वह भी एकदम जवान कभी साथ में सो नहीं सकते लेकिन मैं इस विश्वास में थी कि गुलाबी और राजू दोनों इस तरह की हरकत कभी नहीं करेंगे लेकिन,,,,,
भाभी मेरी गलती नहीं है मेरी जगह अगर तुम भी होती तो शायद तुम्हारी भी मेरी जैसी हालत हो जाती राजू का लंड है ही कुछ ऐसा कि एक बार बुर में जाते ही औरत मचल उठती है तुम तो शादीशुदा हो रोज मजा लेती हो,,, लेकिन एक बार अपने बेटे का लंड देखोगी तो भैया का लंड भूल जाओगी और अपने बेटे से चुदवाने के लिए तैयार हो जाओगी सच भाभी कसम से कह रही हो राजू का लंड एक बार तुम अपनी बुर में ले लो फिर सब कुछ भूल जाओगी,,,,
(गुलाबी अब जानबूझकर अपनी भाभी को अपने ही बेटे से चुदवाने के लिए प्रेरित कर रही थी उसके खंड से कितना आनंद मिलता है इस बारे में बोल बोल कर उसके दिमाग में अपनी बात भरना चाहती थी और इस बात को मधु भी अच्छी तरह से जानती थी लेकिन फिर भी खामोश थी वह इस तरह से जता रही थी जैसे उसके और उसके बेटे के बीच में शारीरिक संबंध बिल्कुल भी नहीं है लेकिन गुलाबी की बात सुनकर मधु का दिमाग तेजी से दौड़ रहा था अपने मन में सोच रही थी कि अगर गुलाबी की बात मानकर गुलाबी को विश्वास में लेकर वह अपनी बेटी के साथ संबंध बनाती है तो फिर वह घर में गुलाबी की हाजिरी में भी अपने बेटे से चुदवाने का मजा ले सकेगी और किसी प्रकार की दिक्कत भी नहीं आएगी अगर इस बात की खबर उसके पति को चलेगी तो वह अपने पति को यह कहकर दबा देगी कि उसने भी उसे अपनी बहन के साथ चुदाई करते हुए देखिए और उसी का बदला लेने के लिए वह अपने बेटे के साथ यह सब कर रही है यह ख्याल मन में आते ही मधु के होठों पर मुस्कान तैरने लगी,,,, लेकिन फिर भी गुलाबी की बात सुनकर आनाकानी करते हुए बोली)
कैसी बातें करती है गुलाबी वह मेरा बेटा है और मैं ऐसा उसके साथ कभी नहीं कर सकती,,,
भाभी यह तो तुम मानती हो कि वह तुम्हारा बेटा ही लेकिन राजू तुम्हें एक औरत की नजर से ही देखता है तुम्हें जब भी देखता है तो उसका लंड खड़ा हो जाता है इस बात को उसने मेरे सामने कबूल किया है सच कहूं तो वह तुम्हें चोदना चाहता है बस तुम्हारे इशारे की देर है तुम्हें ऐसा मजा देगा कि तुम खुद उसके लंड पर चढ जाओगी,,,,
(एक जवान खूबसूरत लड़की के मुंह से अपने बेटे के लंड की तारीफ सुनकर उसके मर्दाना ताकत की तारीफ सुनकर मधु अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रही थी अब अपनी चाल चलने का समय आ चुका था इसलिए वह बोली)
क्या गुलाबी सच में मेरे बेटे का लंड मेरे पति से ज्यादा मोटा तगड़ा लंबा है,,,
हां भाभी,,,, उसका कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा और लंबा है और ज्यादा देर तक टिका रहता है मैं तुम्हारे और भैया की चुदाई को देखती थी भैया तो कुछ ही देर में पानी छोड़ देते थे लेकिन राजू दो-तीन बार पानी निकाले बिना झडता नहीं है,,, और एक औरत को यही तो चाहिए कि घंटो एक मर्द उसे चोदता रहे,,,,
(अपने बेटे से चुदाई का मजा लूट चुकी मधु अपनी ननद के मुंह से उसकी बढ़ाई सुनकर एक बार फिर से उसकी बुर मचलने लगी थी अपने बेटे के लंड को अंदर लेने के लिए इसलिए वह बोली,,,)
क्या तू सच कह रही है गुलाबी,,,
मेरे सर की कसम भाभी मैं झूठ नहीं कह रही हूं क्योंकि राजू रोज रात को मेरी लेता है,,,,
(मधु कि सासे ऊपर नीचे होने लगी थी गुलाबी और राजू के बारे में उसे पता ही नहीं था वह तो गुलाबी अपने ही मुंह से सब कुछ बता रही थी यह बेहद चौका देने वाला खुलासा था लेकिन बेहद रोमांचित भी कर रहा था कुछ देर सोचने के बाद मधु बोली,,,)
लेकिन क्या गुलाबी राजू मुझे करने को तैयार होगा,,,
(इतना सुनते ही गुलाबी के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी क्योंकि मधु के द्वारा यह कहना उसके मन की मनसा को साफ जाहिर कर रहा था और अगर ऐसा हो जाएगा तो गुलाबी भी बेझिझक मजा ले सकेगी इसलिए वह खुश होते हुए बोली,,,)
जरूर वह तो तड़प रहा है तुम्हारी लेने के लिए तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो भाभी मैं सब कुछ संभाल लूंगी,,,,
मुझसे नहीं हो पाएगा मुझे तो शर्म आ रही है अपने ही बेटे के साथ छी,,,
क्या भाभी इसमें शर्माना कैसा तुम तो अभी पूरी तरह से जवान हो और यह सोचो कि तुम्हारा जवान लड़का तुम्हारी जवानी देख कर पानी पानी हो गया है तो जरूर तुम बहुत खूबसूरत है यह बात मैं भी अच्छी तरह से जानती हूं तो यह जवानी का मजा ले लो,,, और वैसे भी घर की बात है कहां किसी को पता चलने वाली है लेकिन एक बात है भाभी अगर सच में ऐसा हो गया ना तो राजू तुम्हें खुश कर देगा तुम्हारा पानी तीन बार निकालने के बाद ही वह झढ़ेगा,,,,
(गुलाबी की बात सुनकर मधु आगे की सोच कर मंद मंद मुस्कुरा रही थी और अपनी भाभी के चेहरे की प्रसन्नता को देखकर गुलाबी भी पूरी तरह से सहज हो चुकी थी वरना जिस तरह से मधु ने उसे रंगे हाथ पकड़ी थी उसे देखते हुए गुलाबी की हालत खराब हो चुकी थी फिर थोड़ी देर बाद मधु बोली,,,)
मैं तो तुझसे तेरे भैया के बारे में पूछ रही थी लेकिन तूने अपने मुंह से ही राजू की भी करतूतों को बता दी जो कि अच्छा ही हुआ कि राजू के बारे में मैं सब कुछ जान गई लेकिन यह बता कि तेरे भैया के साथ कैसे यह सब हो गया,,,
भाभी अभी अचानक ही हो गया भैया खेत में काम कर रहे थे और मैं उनके लिए खाना लेकर गई थी वह थक कर खटिया पर आराम कर रहे थे और मुझे कमर दबाने के लिए बोले कमर दबाते दबाते में उनके पैर दबाने लगी और वह पीठ के बल लेट गए ऐसा करने से उनकी धोती के अंदर उनका लंड खड़ा होने लगा ना जाने क्या हुआ कि भैया खुद मेरा हाथ पकड़ कर अपने लैंड पर रख दिए और फिर जो नहीं होना था वह हो गया और अब तक चल रहा है,,,
बाबरे मतलब कि सब लोग घर में ही अपना सुख खोज लिए हैं और मजा भी ले रहे हैं एक मैं ही इन सब से अनजान हुं,,,
अब नहीं हो भाभी तुम्हारे लिए भी सुख के द्वार खुल चुके हैं और यह राज हम दोनों के बीच ही रहने वाला है इसलिए निश्चिंत होकर मजा लो,,,,
(दोनों बहुत खुश थे दोनों ने मिलकर सारे गंदे कपड़ों को धोए और फिर दोनों ने एक साथ अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गए और दोपहर का समय होने की वजह से कोई था नहीं इसलिए इसका फायदा उठाते हुए दोनों नंगी ही नदी में उतर गए और नहाने का आनंद लेने लगे इसके बाद अच्छी तरह से नहा लेने के बाद दोनों वापस घर पर आओगे लेकिन अब दोनों के लिए आगे का सफर एकदम आसान हो चुका था दोनों बहुत खुश हैं गुलाबी इसलिए कि उसका राज अब राज नहीं था और उसकी राजदार उसकी भाभी बन चुकी थी और मधु इसलिए खुश थी कि उसके बेटे के साथ शारीरिक संबंध को लेकर जो यह डर था कि अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा वह डर भी खत्म हो चुका था क्योंकि अब उसके बेटे के साथ हमबिस्तर होने में खुद उसकी ननद मदद करने वाली थी और वह भी उसकी राजदार बनकर,,,,)