Adbhut aur bahut hi raseeli adyatan tha yeh, pratiksha hain aagami adyatan kaa jisme ek kabaddi yaa mal yudh ka varnan hoga Madhu aur Raju ke beech mein jisme madhu Raju dwara patak patak ke thoki jayegi aur puraskar roop mein gaadha safed paani ka pey pinney ko milega..., apkeaha karta hoon ki Madhu ke dono chhed ke darwaje bhed diye jayenge Raju ke bampilat dande se..., kaafi ashleel vaaky ka upyog hoga...अपनी मां की बात को सुनकर राजू की उत्सुकता बढ़ चुकी थी और गुलाबी ने उसके उम्मीदों को पर लगा दी थी अगर गुलाबी के कहे अनुसार सब कुछ सही हो गया तो राजू की दसो उंगलियां घी में होगी तब वह जब चाहे तब अपनी मां की चुदाई घर में ही कर सकता था और वह भी बिना किसी से डरे,,,, राजू अपनी मां की चुदाई कर चुका था उसकी खूबसूरत रसीली बुर का स्वाद चख चुका था लेकिन अपने बुआ के कहे अनुसार एक बार फिर से अपनी मां को चोदने की तमन्ना उसके मन में जागने लगी थी अभी तक वह चोरी-छिपे अपनी मां के खूबसूरत बदन का मजा ले रहा था लेकिन अब वह अपनी बुआ की हाजिरी में अपनी मां की चुदाई करने के लिए उत्सुक हो चुका था क्योंकि बुआ पुरी तरह से राजी हो चुकी थी,,,, राजू को उसकी मां ने ही बता दी थी कि वह उन दोनों का राज जान चुकी है इसलिए राजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसकी बुआ अपने किए पर पर्दा डालने के लिए ही उसे उसकी मां को चोदने के लिए उकसा रही है जिसमें उसका ही भला होने वाला था,,,।
दूसरी तरफ मधु की भी बुर पानी छोड़ रही थी,,,, वह भी यही सोच रही थी कि आज अगर सब कुछ सही हो गया तो,, वह भी अपने बेटे से जब चाहे तब अपनी ननद की हाजिरी में चुदवा सकती है,,,,, इसलिए उसके भी तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी सब कुछ जल्द ही शुरू होने वाला था इस बात के इंतजार में उससे रहा नहीं जा रहा था वह बार-बार घर में झाड़ू लगाते हुए भी अपनी ननद के द्वारा इशारा पाने का इंतजार कर रही थी,,,, तभी थोड़ी ही देर में गुलाबी उसके पास आई और धीरे से उससे बोली,,,
भाभी तैयार हो जाओ खेल शुरू हो गया है मैं तुम्हें जैसा कहती हूं वैसा ही करना,,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपनी भाभी को आगे का खेल समझा दी और उसी खेल के तहत मधु,,, घर में ही छोटे से बने गुसल खाने में जो कि वहां नहाना बिल्कुल भी नहीं होता था बर्तन धोने के ही काम आता था लेकिन आज उसके कहे अनुसार मधु को वहां पर एकदम नंगी नहाना था,,, जो कि वह जगह हल्की सी झुग्गी लगाकर घिरी हुई थी और अभी चारों तरफ सिर्फ 3 फीट तक बाकी सब कुछ खुला हुआ था मधु का दिल जोरों से धड़क रहा था इस खेल को गुलाबी ने राजू को भी समझा दी थी राजू और मधु अच्छी तरह से जानते थे कि इस खेल के असली खिलाड़ी वह दोनों खुद थे बाकी गुलाबी तो सिर्फ मोहरा थी,,,, मधु का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि आज गुलाबी की हाजिरी में उसे अपने बेटे के सामने नंगी नजराना था ताकि उसके नंगे पन को देखकर राजू का लंड खड़ा हो जाए और गुलाबी के कहे अनुसार दोनों के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो जाए और इसी मौके का फायदा उठाते हुए मधु धीरे-धीरे करके अपने बदन से कपड़े उतार रही थी और देखते ही देखते वह घर में बने छोटे से गुसल खाने में अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई है और बाल्टी में भरे पानी को लौटे में लेकर अपने ऊपर डालने लगी वह अच्छी तरह से जानती थी कि गुलाबी भी वहीं कहीं सब कुछ देख रही है इसलिए वहां अपने बेटे की हाजिरी में ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहती थी ताकि गुलाबी को शक हो जाएगी उन दोनों के बीच पहले से चल रहा है दोनों गुलाबी की नजरों में एकदम अनजान बने रहना चाहते थे,,,,,
गुलाबी और राजू बाहर वाले कमरे में खड़े थे और अपनी उत्तेजना को भड़काने के लिए राजू अपनी बुआ की चूची को दबा रहा था क्योंकि अब तो मधु को भी पता चल गया था कि राजू और गुलाबी के बीच शारीरिक संबंध है उसी का फायदा उठाते हुए राजू गुलाबी के बदन से खेल रहा था और गुलाबी चाहती थी कि उसका यही खेल उसकी मां के साथ भी शुरू हो जाए ताकि वह भी जब चाहे तब राजू के लंड को अपनी बुर में लेकर अपनी गर्मी को शांत कर सके,,,, थोड़ी ही देर में मधु आवाज लगाई,,,,
गुलाबी अरे ओ गुलाबी मैं कपड़े लाना भूल गई जरा कपड़ा तो लादे,,,,,
(इतना सुनते ही गुलाबी के गुलाबी गाल लाल हो गए और वह राजू से बोली)
राजू देख खेल शुरू हो गया है तेरी मां तुझसे चुदवाना चाहती है यह मैं अच्छी तरह से जानता हूं और इस समय वह नंगी ही नहा रही है,,, और यही मौका है तेरे पास वैसे भी तू औरतों के मामले में कुछ ज्यादा ही चला था इसलिए तुझे अच्छी तरह से मालूम है कि तुझे क्या करना है बस किसी तरह से तू अपनी मां को अपना लंड दिखा देना और वह भी टनटनाया हुआ पूरी तरह से खड़ा फिर देखना तेरी मां तेरे लिए अपनी दोनों टांगे खोल देगी,,,
लेकिन बुआ अगर मा नाराज हो गई तो,,,
अरे बुद्धू तेरी मां बिल्कुल भी नाराज नहीं होगी बस इतना करना कि तुझे उसे अपना खड़ा लंड दिखाना है बस तेरी मां एक बार तेरा लंड देख लेगी तो खुद ही उसकी बुर पानी छोड़ देगी,,,,
ठीक है बुआ तुम्हारी बात मान कर मैं जा रहा हूं अगर कुछ भी हुआ तो मैं तो तुम्हारा ही नाम दे दूंगा कि बुआ ने हीं यह सब करने को कही थी।
ठीक है तू मेरा ही नाम दे देना बस अभी तो जा,,,
(इतना सुनकर राजू जाने लगा तो उसे रोकते हुए गुलाबी फिर बोली,,)
सुन सुन देखु तो सही तेरा खड़ा हुआ है कि नहीं,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपना हाथ आगे बढ़ाकर पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को टटोलने लगी जो की पूरी तरह से खड़ा था फिर भी वह मुस्कुराते हुए बोली,,,)
चलो ठीक है ,,, अपनी मां को नंगी देखेगा तो और ज्यादा कड़क हो जाएगा,,,,
(गुलाबी का इतना कहना था कि एक बार फिर से मधु आवाज लगाते हुए बोली)
गुलाबी कहां गई कब से चिल्ला रही हूं,,,,
तू जा राजू और कहना कि गुलाबी घर पर नहीं है,,,,
(इतना सुनकर राजू का भी दिल जोरो से धड़कने लगा था अपनी मां को वह ना जाने कितनी बार नंगी देख चुका था और अपने हाथों से नंगी कर भी जुड़ा था लेकिन अभी जो कुछ भी होने वाला था उसको लेकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी और वैसे भी अपनी मां को नंगी देखने का मौका वह कभी छोड़ता नहीं था अपनी मां को नंगी देखने का सुख उसे बेहद अद्भुत महसूस होता था इसलिए वह मुस्कुराते हुए गुसल खाने की तरफ आगे बढ़ गया जहां पर उसकी मां अभी भी बैठकर अपने बदन पर पानी डाल रही थी,,,, राजू सीधा गुसल खाने की तरफ पहुंच गया और ऐसा जताने लगा कि जैसे उसे मालूम ही नहीं है की उसकि मां गुसलखाने में नहा रही है,,, और गुसल खाने की तरफ जाकर एकदम से वह गुसल खाने के अंदर झुक कर देखने लगा जहां पर मधु पूरी तरह से नंगी होकर नहा रही थी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां पानी की बुंदो से और ज्यादा चमक रही थी,,, अपनी मां को गुसल खाने में देख कर चौक ने का नाटक करते हुए राजू बोला
अरे मां तुम यहां नहा रही हो,,,,
(राजु और मधु दोनों को मालूम था कि गुलाबी वही कही ना कहीं है इसलिए दोनों ऐसा बर्ताव कर रहे थे मानो कि सब कुछ अचानक हो रहा है,,,, राजू को ठीक अपने सामने खड़ा देखकर मधु भी चौक ने का नाटक करती हुई बोली,,)
अरे राजू तो तुझे शर्म नहीं आती इधर आ गया देख नहीं रहा है मैं कैसे नहा रही हूं,,,
अरे मुझे क्या मालूम था कि तुम यहां आ रही हो और वह भी बिना कपड़ों के कम से कम कपड़े तो पहने होना चाहिए तुम तो कुछ भी नहीं पहनी हो एकदम नंगी नहा रही हो,,,,
(बाहर से खड़ी-खड़ी गुलाबी सब कुछ सुन रही थी और मन ही मन मुस्कुरा रही थी,,,)
अब तो मुझे बताएगा कि मुझे कपड़े पहनकर नाना या बिना कपड़े पहने और तुझे शर्म नहीं आती अभी तक नहीं खड़ा है ज्यादा गुलाबी कहां है उसे भेज एक तो मैं आज कपड़े लेना ही भूल गई,,,, और यह गुलाबी ना जाने कहां चली गई,,,
मां वो तो घर पर नहीं है वह तो खेत में सब्जी लेने गई है,,,
क्या अब क्या करूं मैं,,,,(मधु परेशान होने का नाटक करते हैं बॉडी वह अभी भी गुसल खाने में बैठी हुई थी और जानबूझकर अपनी खूबसूरत नंगे बदन को छिपाने की कोशिश कर रही थी और वह भी ऐसे लड़के से जिससे वह चुदवा चुकी थी,,,,)
अरे क्या हुआ मां मुझे बोलो ना,,,,
अरे तुझे क्या बोलूं मुझे तो गुस्सा आ रहा है गुलाबी पर बिना बताए घर से चली गई,,,,
नहीं बताना है तो हटो मुझे बड़ी जोरों की पेशाब लगी है,,,,
(इतना सुनते ही बाहर खड़ी गुलाबी आश्चर्य से एकदम से चूक गई और अपने मुंह पर शर्म से हाथ रख दी क्योंकि इस तरह का खेल खेलने को गुलाबी ने उसे गोली ही नहीं थी और उसे पक्का विश्वास था कि राजू अपनी मां को चोदने के लिए जरूर मना लेना क्योंकि वह मजा हुआ खिलाड़ी था उसकी इसी बात से गुलाबी समझ गई थी,,,, मधु की तो हालत खराब हो गई वह बिल्कुल सहज थी राजू की बात को सुनकर लेकिन फिर भी असहज होने का नाटक करते हुए बोली,,)
क्या कहा तूने अरे तुझे शर्म आती है घर में मुतेगा,,,,
और क्या करूं कोई रास्ता भी तो नहीं है,,,
अरे घर के पीछे चले जा,,,
मां मेरे पास इतना समय नहीं है मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है अगर मैं दो कदम भी चलूंगा तो मेरी पेशाब छूट जाएगी और मैं पजामे में ही पेशाब कर दूंगा इतनी जोर की लगी है,,,, मुझे लगा था कि बुआ के साथ साथ तुम भी खेतों में चली गई होगी इसलिए तो यहां आ गया था,,,,
नहीं नहीं राजू यहां बिल्कुल भी नहीं तू घर के पीछे चले जा और जरा तो यहां से हट जा तुझे शर्म आनी चाहिए मैं इस समय बिल्कुल नंगी हूं और तू मेरे ठीक सामने खड़ा है मुझे कपड़े लेने हैं,,,
देखो मा कपड़े बाद में लेना लेकिन मुझे मुतने दो,,,,
इतना बड़ा हो गया लेकिन तुझे शर्म नहीं आती मेरे सामने इस तरह की बातें करते हुए यह कोई जगह है पेशाब करने की,,,, तुझे पता होना चाहिए कि इस जगह पर तो हम लोग नहीं बैठे थे पेशाब करने के लिए,,,,, और तू लड़का होकर यहां मुतने की जीदकर रहा है,,,
आहहहह मां,,,(जानबूझकर पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को पकड़ते हुए,,) तुम समझने की कोशिश करो मुझे बड़े जोरों की लगी है,,,,
नहीं राजू ऐसा बिल्कुल भी मत कर कोई देख लेगा तो क्या होगा और तू इस तरह से मेरे सामने खड़ा है मैं नहा रही हूं अगर तेरी बुआ आ गई तो वह क्या सोचेगी,,,,
अरे कुछ नहीं सोचेगी अभी जिस तरह के हालात में बुआ के सामने भी पेशाब कर दूंगा,,,
हार दैया तुझे तो शर्म नहीं आती,,,
शर्म करने का बिल्कुल भी समय नहीं है मां तुम समझने की कोशिश क्यों नहीं करती अगर बाहर चला गया और पजामे में ही पेशाब हो गई तो कोई देखेगा तो क्या कहेगा,,,, अब तो गांव भर में मेरी भी कुछ इज्जत है समझने की कोशिश करो,,,
नहीं मैं बिल्कुल भी नहीं समझूंगी तुझे तो शर्म आनी चाहिए मुझे कपड़े देने की जगह पर तू मुझसे बहस कर रहा है अब तो मुझे लग रहा है कि तुम मुझे नंगी देखना चाहता है इसीलिए हट नहीं रहा है,,,,
(मां बेटे दोनों की बातें और उन दोनों की जीद को देखकर गुलाबी की बुर गीली हो रही एक अपना लंड दिखाने के बहाने किसी ना किसी तरह से अपनी मां की आंखों के सामने पेशाब करना चाहता था ताकि उसकी मां पेशाब करते हुए अपने बेटे को देखकर उसके लंड को देखकर मचल उठे और दूसरी तरफ मधु शर्म और लिहाज का सिर्फ दिखावा कर रही थी क्योंकि वह जानती थी कि उसकी ननद कहीं ना कहीं मौजूद है,,,, एक पल को तो गुलाबी को ऐसा महसूस हो रहा था कि वह खुद अंदर चली जाए और सब कुछ साफ-साफ बता दे और तीनों खुलकर मजा ले ले,,, लेकिन वह इस खेल में अभी शामिल होना नहीं चाहती थी वह सब कुछ अपने मुताबिक हो जाने देना चाहती थी इसलिए बाहर खड़ी होकर इंतजार कर रही थी राजू अपनी मां की बातों को सुनकर जल्दबाजी दिखाता हुआ बोला,,,)
देखो मां में आखिरी बार कह रहा हूं,,, हट जाओ मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है मुझे पेट में दर्द होने लगा है,,,,
(मधु कुछ कहती इससे पहले ही राजू ऐसा नाटक करने लगा कि जैसे उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी है और वह भी गुसल खाने में घुस गया यह देखकर मधु शर्मा का एकदम से खड़ी हो गई बस यही तो राजू चाहता ही था मधु पूरी तरह से नंगी थी और उसके खड़ी होते ही पुस्तक खूबसूरत बदन एकदम से नजर आने का था और अपनी बुआ के कहे अनुसार उसे किसी ना किसी तरह से अपनी मां को अपना लंड दिखाना था और वह तुरंत अपने पैजामा को नीचे करके अपने खड़े लंड को बाहर निकाल लिया यह सब हरकत गुलाबी दीवाल की ओर से बाहर निकल कर अपने आप को दीवाल की ओट में छुपा कर देख रही थी,,, मधु को इस बात का एहसास था की गुलामी उसे देख रही है क्योंकि वह तिरछी नजर से गुलाबी की तरफ देख ली थी और गुलाबी उसी को ही देख रही थी और मधु शर्मा ने और चौंकाने का नाटक कर रही थी और राजू था कि अपने लंड को हिलाता हुआ पेशाब करने लगा,,,, और मधु अपने बेटे के लंड को देख कर चौक ने का नाटक करते हुए अपनी आंखों को एकदम से चोरी कर ली और मुंह को खुला का खुला छोड़ दी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह आश्चर्य से देख रही है जबकि वह अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में कई बार ले चुकी थी,,,,
राजू अपनी मां की आंखों के सामने ही बेशर्म बनकर पेशाब कर रहा था और बार-बार अपनी मां की खूबसूरत बदन की तरफ देख ले रहा था,,,, वह अपनी मां की नजर को भी देख रहा था उसकी मां भी उसके लंड को देख रही थी इसलिए वह थोड़ा सा जोर से बोला था कि उसकी बुआ जो की दीवाल के पीछे छुपी हुई है अब तो कुछ ऐसा ही लगता था वह नहीं जानता था कि उसकी बुआ चोरी-छिपे उन दोनों को देख भी रही है,,, राजू बोला,,,
क्या देख रही हो मां मेरा लंड दिख रही हो कुछ ज्यादा ही लंबा और मोटा है ना,,,
हाय दैया मैंने आज तक इतना मोटा और लंबा नहीं देखी,,,,
(गुलाबी की तरफ तिरछी नजर से देखकर मधु जानबूझकर आश्चर्य जताते हुए बोल रही थी ताकि गुलाबी को ऐसा ही लगे कि सब कुछ उसके कहे अनुसार ही चल रहा है,,,, और सब कुछ पहली बार ही हो रहा है,,,)
अब तो देख रही हो ना मां,,,, एक बार पकड़ कर देखो बहुत अच्छा लगेगा,,,
हाय दैया बेशर्म कहीं का अपनी मां से ऐसी बात करता है,,,,
तुम बहुत खूबसूरत हो मां,,(अपनी मां की कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ खींचने की कोशिश करते हुए राजू बोला यह देखकर दीवार के पीछे छुप कर देख रही गुलाबी के तन बदन में आग लग गई उसकी बुर से पानी टपकने लगा,,,, मधु जानती थी कि गुलाबी देख रही है इसलिए एकदम से उसका हाथ पकड़कर झटकते हुए बोली,,)
अरे थोड़ा तो शर्म कर बेशर्म अपनी मां से इस तरह की हरकत करता है,,,,
क्या करु मा तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो बिना कपड़े के तो तुम स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही हो,,,,
बाप रे थोड़ा तो शर्म कर,,(ऐसा कहते हुए मधु अपने बेटे के हिलते हुए लंड को देख रही थी और यह देख कर राजू बोला)
मुझे शर्म करने को कह रही हो और खुद मेरे लंड को प्यासी नजरों से देख रही हो ऐसा लग रहा है कि जैसे खुद ही इस पर चढ़ जाओगी और इसे अपनी बुर में ले लोगी,,,
(गुलाबी की मौजूदगी में अपने बेटे से इस तरह की गंदी बातें सुनकर मधु पूरी तरह से शर्म से पानी पानी हो रही थी उसे रहा नहीं जा रहा था वह जल्दी से जल्दी यहां से निकलना चाहती थी गुलाबी से सिर्फ इतनी बात हुई थी कि वह बिना कपड़ों के नंगी होकर नहाने की और अपने बेटे से कपड़ा मांगेगी उसका बेटा उसे कपड़ा लाकर देगा और उसे अपना अंग दिखाने के बहाने दोनों के बीच बात आगे बढ़ेगी लेकिन यहां तो कुछ और ही नाटक शुरू हो गया था और इसलिए गुलाबी के सामने मधु शर्मा रही थी अगर गुलाबी समय मौजूद ना होती तो शायद मधु अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरु कर देती,,,)
धत् बेशर्म,,,, मैं जा रही हूं,,,(और इतना कहकर मधु गुशल खाने से नंगी ही बाहर आ गई और बिना कपड़ों के ही अपने कमरे की तरफ नंगी ही जाने लगी तो राजू भी गुसल खाने से बाहर आ गया और बोला)
मैं भी आ रहा हूं,,,
तू ऐसे नहीं मानेगा आज तेरे पिताजी से सब कुछ बता दूंगी
(ऐसा कहते हुए मधु अपने कमरे की तरफ जा रही थी एकदम नंगी वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी उसकी गोल गोल गाना चलते समय पानी भरे गुब्बारों की तरह लचक रही थी या देखकर गुलाबी के गाल भी सुर्ख लाल हो गए वह समझ गई थी कि वाकई में उसकी भाभी उससे भी ज्यादा खूबसूरत है ना कि होने के बाद तो वह सच में स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही थी उसकी नंगी गोरी गोरी गोर गोर गाल देखकर तो दुनिया का कोई भी मर्द उस पर लट्टू हो जाएं राजू भी अपनी मां को नंगी अपने कमरे की तरफ जाता देखकर अपने लंड को पकड़ कर हिला रहा था यह देखकर गुलाबी उसे सारा करके उसके पीछे पीछे जाने के लिए कह रही जो कि अगर वह ना भी कहती तो भी वह उसके पीछे पीछे चले जाता,,,)
अरे मां मैं भी आ रहा हूं,,,(और इतना कहने के साथ ही वह भी अपनी मां के पीछे जाने लगा और यह देखकर मधु के तन बदन में आग लगने लगी उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी क्योंकि वह जानती थी कि अब सब कुछ वैसा ही हो जाएगा जैसा कि वह चाहती थी वह अपने कमरे का दरवाजा खोल कर कमरे में प्रवेश करती ईससे पहले ही संजू भी दरवाजे के पास आ गया और तुरंत पूर्ति दिखाता हुआ कमरे में प्रवेश कर गया,,,)
अरे अरे यह क्या कर रहा है तुझे शर्म नहीं आ रही है,,,
क्या करूं मां तुम्हें नंगी देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,
(और इतना कहने के साथ ही वह अपने आप से ही दरवाजा बंद करके दरवाजे पर कड़ी लगा दिया,,,,, मधु बहुत खुश थी और काफी उत्तेजित भी क्योंकि गुलाबी भी उन दोनों को देख रही थी और यह सब देख कर,, गुलाबी की खुशी समा नही रही थी क्योंकि उसके दिशा निर्देश के अनुसार ही सब कुछ हो रहा था और कुछ ही देर में दोनों मां बेटी के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो जाएगा और गुलाबी का राज राज बनकर रह जाएगा और इस राज में तीनों एक साथ शामिल हो जाएंगे,,,, हरिया भी इस राज का हिस्सा था लेकिन अभी वह जो कुछ भी हो रहा था इन सब से बिल्कुल अनजान था,,,, गुलाबी का दिल जोरों से धड़क रहा था मैं पहली बार एक मां और बेटे को कमरे में बंद देख रही थी और वह भी दोनों के बीच किसी भी वक्त चुदाई का खेल शुरू होने वाला था क्योंकि दोनों एक दूसरे के प्यासे थे,,, गुलाबी खेल को अपनी आंखों से देखना चाहती थी इसलिए धीरे-धीरे वह भी अपनी भाभी के कमरे के पास पहुंच गई और दरवाजे के छेद को ढूंढने लगी ताकि उसमें से अंदर के दृश्य को आराम से देखा जा सके,,,
Behtareen shaandar update bhaiअपनी मां की बात को सुनकर राजू की उत्सुकता बढ़ चुकी थी और गुलाबी ने उसके उम्मीदों को पर लगा दी थी अगर गुलाबी के कहे अनुसार सब कुछ सही हो गया तो राजू की दसो उंगलियां घी में होगी तब वह जब चाहे तब अपनी मां की चुदाई घर में ही कर सकता था और वह भी बिना किसी से डरे,,,, राजू अपनी मां की चुदाई कर चुका था उसकी खूबसूरत रसीली बुर का स्वाद चख चुका था लेकिन अपने बुआ के कहे अनुसार एक बार फिर से अपनी मां को चोदने की तमन्ना उसके मन में जागने लगी थी अभी तक वह चोरी-छिपे अपनी मां के खूबसूरत बदन का मजा ले रहा था लेकिन अब वह अपनी बुआ की हाजिरी में अपनी मां की चुदाई करने के लिए उत्सुक हो चुका था क्योंकि बुआ पुरी तरह से राजी हो चुकी थी,,,, राजू को उसकी मां ने ही बता दी थी कि वह उन दोनों का राज जान चुकी है इसलिए राजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसकी बुआ अपने किए पर पर्दा डालने के लिए ही उसे उसकी मां को चोदने के लिए उकसा रही है जिसमें उसका ही भला होने वाला था,,,।
दूसरी तरफ मधु की भी बुर पानी छोड़ रही थी,,,, वह भी यही सोच रही थी कि आज अगर सब कुछ सही हो गया तो,, वह भी अपने बेटे से जब चाहे तब अपनी ननद की हाजिरी में चुदवा सकती है,,,,, इसलिए उसके भी तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी सब कुछ जल्द ही शुरू होने वाला था इस बात के इंतजार में उससे रहा नहीं जा रहा था वह बार-बार घर में झाड़ू लगाते हुए भी अपनी ननद के द्वारा इशारा पाने का इंतजार कर रही थी,,,, तभी थोड़ी ही देर में गुलाबी उसके पास आई और धीरे से उससे बोली,,,
भाभी तैयार हो जाओ खेल शुरू हो गया है मैं तुम्हें जैसा कहती हूं वैसा ही करना,,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपनी भाभी को आगे का खेल समझा दी और उसी खेल के तहत मधु,,, घर में ही छोटे से बने गुसल खाने में जो कि वहां नहाना बिल्कुल भी नहीं होता था बर्तन धोने के ही काम आता था लेकिन आज उसके कहे अनुसार मधु को वहां पर एकदम नंगी नहाना था,,, जो कि वह जगह हल्की सी झुग्गी लगाकर घिरी हुई थी और अभी चारों तरफ सिर्फ 3 फीट तक बाकी सब कुछ खुला हुआ था मधु का दिल जोरों से धड़क रहा था इस खेल को गुलाबी ने राजू को भी समझा दी थी राजू और मधु अच्छी तरह से जानते थे कि इस खेल के असली खिलाड़ी वह दोनों खुद थे बाकी गुलाबी तो सिर्फ मोहरा थी,,,, मधु का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि आज गुलाबी की हाजिरी में उसे अपने बेटे के सामने नंगी नजराना था ताकि उसके नंगे पन को देखकर राजू का लंड खड़ा हो जाए और गुलाबी के कहे अनुसार दोनों के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो जाए और इसी मौके का फायदा उठाते हुए मधु धीरे-धीरे करके अपने बदन से कपड़े उतार रही थी और देखते ही देखते वह घर में बने छोटे से गुसल खाने में अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई है और बाल्टी में भरे पानी को लौटे में लेकर अपने ऊपर डालने लगी वह अच्छी तरह से जानती थी कि गुलाबी भी वहीं कहीं सब कुछ देख रही है इसलिए वहां अपने बेटे की हाजिरी में ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहती थी ताकि गुलाबी को शक हो जाएगी उन दोनों के बीच पहले से चल रहा है दोनों गुलाबी की नजरों में एकदम अनजान बने रहना चाहते थे,,,,,
गुलाबी और राजू बाहर वाले कमरे में खड़े थे और अपनी उत्तेजना को भड़काने के लिए राजू अपनी बुआ की चूची को दबा रहा था क्योंकि अब तो मधु को भी पता चल गया था कि राजू और गुलाबी के बीच शारीरिक संबंध है उसी का फायदा उठाते हुए राजू गुलाबी के बदन से खेल रहा था और गुलाबी चाहती थी कि उसका यही खेल उसकी मां के साथ भी शुरू हो जाए ताकि वह भी जब चाहे तब राजू के लंड को अपनी बुर में लेकर अपनी गर्मी को शांत कर सके,,,, थोड़ी ही देर में मधु आवाज लगाई,,,,
गुलाबी अरे ओ गुलाबी मैं कपड़े लाना भूल गई जरा कपड़ा तो लादे,,,,,
(इतना सुनते ही गुलाबी के गुलाबी गाल लाल हो गए और वह राजू से बोली)
राजू देख खेल शुरू हो गया है तेरी मां तुझसे चुदवाना चाहती है यह मैं अच्छी तरह से जानता हूं और इस समय वह नंगी ही नहा रही है,,, और यही मौका है तेरे पास वैसे भी तू औरतों के मामले में कुछ ज्यादा ही चला था इसलिए तुझे अच्छी तरह से मालूम है कि तुझे क्या करना है बस किसी तरह से तू अपनी मां को अपना लंड दिखा देना और वह भी टनटनाया हुआ पूरी तरह से खड़ा फिर देखना तेरी मां तेरे लिए अपनी दोनों टांगे खोल देगी,,,
लेकिन बुआ अगर मा नाराज हो गई तो,,,
अरे बुद्धू तेरी मां बिल्कुल भी नाराज नहीं होगी बस इतना करना कि तुझे उसे अपना खड़ा लंड दिखाना है बस तेरी मां एक बार तेरा लंड देख लेगी तो खुद ही उसकी बुर पानी छोड़ देगी,,,,
ठीक है बुआ तुम्हारी बात मान कर मैं जा रहा हूं अगर कुछ भी हुआ तो मैं तो तुम्हारा ही नाम दे दूंगा कि बुआ ने हीं यह सब करने को कही थी।
ठीक है तू मेरा ही नाम दे देना बस अभी तो जा,,,
(इतना सुनकर राजू जाने लगा तो उसे रोकते हुए गुलाबी फिर बोली,,)
सुन सुन देखु तो सही तेरा खड़ा हुआ है कि नहीं,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपना हाथ आगे बढ़ाकर पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को टटोलने लगी जो की पूरी तरह से खड़ा था फिर भी वह मुस्कुराते हुए बोली,,,)
चलो ठीक है ,,, अपनी मां को नंगी देखेगा तो और ज्यादा कड़क हो जाएगा,,,,
(गुलाबी का इतना कहना था कि एक बार फिर से मधु आवाज लगाते हुए बोली)
गुलाबी कहां गई कब से चिल्ला रही हूं,,,,
तू जा राजू और कहना कि गुलाबी घर पर नहीं है,,,,
(इतना सुनकर राजू का भी दिल जोरो से धड़कने लगा था अपनी मां को वह ना जाने कितनी बार नंगी देख चुका था और अपने हाथों से नंगी कर भी जुड़ा था लेकिन अभी जो कुछ भी होने वाला था उसको लेकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी और वैसे भी अपनी मां को नंगी देखने का मौका वह कभी छोड़ता नहीं था अपनी मां को नंगी देखने का सुख उसे बेहद अद्भुत महसूस होता था इसलिए वह मुस्कुराते हुए गुसल खाने की तरफ आगे बढ़ गया जहां पर उसकी मां अभी भी बैठकर अपने बदन पर पानी डाल रही थी,,,, राजू सीधा गुसल खाने की तरफ पहुंच गया और ऐसा जताने लगा कि जैसे उसे मालूम ही नहीं है की उसकि मां गुसलखाने में नहा रही है,,, और गुसल खाने की तरफ जाकर एकदम से वह गुसल खाने के अंदर झुक कर देखने लगा जहां पर मधु पूरी तरह से नंगी होकर नहा रही थी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां पानी की बुंदो से और ज्यादा चमक रही थी,,, अपनी मां को गुसल खाने में देख कर चौक ने का नाटक करते हुए राजू बोला
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अरे मां तुम यहां नहा रही हो,,,,
(राजु और मधु दोनों को मालूम था कि गुलाबी वही कही ना कहीं है इसलिए दोनों ऐसा बर्ताव कर रहे थे मानो कि सब कुछ अचानक हो रहा है,,,, राजू को ठीक अपने सामने खड़ा देखकर मधु भी चौक ने का नाटक करती हुई बोली,,)
अरे राजू तो तुझे शर्म नहीं आती इधर आ गया देख नहीं रहा है मैं कैसे नहा रही हूं,,,
अरे मुझे क्या मालूम था कि तुम यहां आ रही हो और वह भी बिना कपड़ों के कम से कम कपड़े तो पहने होना चाहिए तुम तो कुछ भी नहीं पहनी हो एकदम नंगी नहा रही हो,,,,
(बाहर से खड़ी-खड़ी गुलाबी सब कुछ सुन रही थी और मन ही मन मुस्कुरा रही थी,,,)
अब तो मुझे बताएगा कि मुझे कपड़े पहनकर नाना या बिना कपड़े पहने और तुझे शर्म नहीं आती अभी तक नहीं खड़ा है ज्यादा गुलाबी कहां है उसे भेज एक तो मैं आज कपड़े लेना ही भूल गई,,,, और यह गुलाबी ना जाने कहां चली गई,,,
मां वो तो घर पर नहीं है वह तो खेत में सब्जी लेने गई है,,,
क्या अब क्या करूं मैं,,,,(मधु परेशान होने का नाटक करते हैं बॉडी वह अभी भी गुसल खाने में बैठी हुई थी और जानबूझकर अपनी खूबसूरत नंगे बदन को छिपाने की कोशिश कर रही थी और वह भी ऐसे लड़के से जिससे वह चुदवा चुकी थी,,,,)
अरे क्या हुआ मां मुझे बोलो ना,,,,
अरे तुझे क्या बोलूं मुझे तो गुस्सा आ रहा है गुलाबी पर बिना बताए घर से चली गई,,,,
नहीं बताना है तो हटो मुझे बड़ी जोरों की पेशाब लगी है,,,,
(इतना सुनते ही बाहर खड़ी गुलाबी आश्चर्य से एकदम से चूक गई और अपने मुंह पर शर्म से हाथ रख दी क्योंकि इस तरह का खेल खेलने को गुलाबी ने उसे गोली ही नहीं थी और उसे पक्का विश्वास था कि राजू अपनी मां को चोदने के लिए जरूर मना लेना क्योंकि वह मजा हुआ खिलाड़ी था उसकी इसी बात से गुलाबी समझ गई थी,,,, मधु की तो हालत खराब हो गई वह बिल्कुल सहज थी राजू की बात को सुनकर लेकिन फिर भी असहज होने का नाटक करते हुए बोली,,)
क्या कहा तूने अरे तुझे शर्म आती है घर में मुतेगा,,,,
और क्या करूं कोई रास्ता भी तो नहीं है,,,
अरे घर के पीछे चले जा,,,
मां मेरे पास इतना समय नहीं है मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है अगर मैं दो कदम भी चलूंगा तो मेरी पेशाब छूट जाएगी और मैं पजामे में ही पेशाब कर दूंगा इतनी जोर की लगी है,,,, मुझे लगा था कि बुआ के साथ साथ तुम भी खेतों में चली गई होगी इसलिए तो यहां आ गया था,,,,
नहीं नहीं राजू यहां बिल्कुल भी नहीं तू घर के पीछे चले जा और जरा तो यहां से हट जा तुझे शर्म आनी चाहिए मैं इस समय बिल्कुल नंगी हूं और तू मेरे ठीक सामने खड़ा है मुझे कपड़े लेने हैं,,,
देखो मा कपड़े बाद में लेना लेकिन मुझे मुतने दो,,,,
इतना बड़ा हो गया लेकिन तुझे शर्म नहीं आती मेरे सामने इस तरह की बातें करते हुए यह कोई जगह है पेशाब करने की,,,, तुझे पता होना चाहिए कि इस जगह पर तो हम लोग नहीं बैठे थे पेशाब करने के लिए,,,,, और तू लड़का होकर यहां मुतने की जीदकर रहा है,,,
आहहहह मां,,,(जानबूझकर पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को पकड़ते हुए,,) तुम समझने की कोशिश करो मुझे बड़े जोरों की लगी है,,,,
नहीं राजू ऐसा बिल्कुल भी मत कर कोई देख लेगा तो क्या होगा और तू इस तरह से मेरे सामने खड़ा है मैं नहा रही हूं अगर तेरी बुआ आ गई तो वह क्या सोचेगी,,,,
अरे कुछ नहीं सोचेगी अभी जिस तरह के हालात में बुआ के सामने भी पेशाब कर दूंगा,,,
हार दैया तुझे तो शर्म नहीं आती,,,
शर्म करने का बिल्कुल भी समय नहीं है मां तुम समझने की कोशिश क्यों नहीं करती अगर बाहर चला गया और पजामे में ही पेशाब हो गई तो कोई देखेगा तो क्या कहेगा,,,, अब तो गांव भर में मेरी भी कुछ इज्जत है समझने की कोशिश करो,,,
नहीं मैं बिल्कुल भी नहीं समझूंगी तुझे तो शर्म आनी चाहिए मुझे कपड़े देने की जगह पर तू मुझसे बहस कर रहा है अब तो मुझे लग रहा है कि तुम मुझे नंगी देखना चाहता है इसीलिए हट नहीं रहा है,,,,
(मां बेटे दोनों की बातें और उन दोनों की जीद को देखकर गुलाबी की बुर गीली हो रही एक अपना लंड दिखाने के बहाने किसी ना किसी तरह से अपनी मां की आंखों के सामने पेशाब करना चाहता था ताकि उसकी मां पेशाब करते हुए अपने बेटे को देखकर उसके लंड को देखकर मचल उठे और दूसरी तरफ मधु शर्म और लिहाज का सिर्फ दिखावा कर रही थी क्योंकि वह जानती थी कि उसकी ननद कहीं ना कहीं मौजूद है,,,, एक पल को तो गुलाबी को ऐसा महसूस हो रहा था कि वह खुद अंदर चली जाए और सब कुछ साफ-साफ बता दे और तीनों खुलकर मजा ले ले,,, लेकिन वह इस खेल में अभी शामिल होना नहीं चाहती थी वह सब कुछ अपने मुताबिक हो जाने देना चाहती थी इसलिए बाहर खड़ी होकर इंतजार कर रही थी राजू अपनी मां की बातों को सुनकर जल्दबाजी दिखाता हुआ बोला,,,)
देखो मां में आखिरी बार कह रहा हूं,,, हट जाओ मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है मुझे पेट में दर्द होने लगा है,,,,
(मधु कुछ कहती इससे पहले ही राजू ऐसा नाटक करने लगा कि जैसे उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी है और वह भी गुसल खाने में घुस गया यह देखकर मधु शर्मा का एकदम से खड़ी हो गई बस यही तो राजू चाहता ही था मधु पूरी तरह से नंगी थी और उसके खड़ी होते ही पुस्तक खूबसूरत बदन एकदम से नजर आने का था और अपनी बुआ के कहे अनुसार उसे किसी ना किसी तरह से अपनी मां को अपना लंड दिखाना था और वह तुरंत अपने पैजामा को नीचे करके अपने खड़े लंड को बाहर निकाल लिया यह सब हरकत गुलाबी दीवाल की ओर से बाहर निकल कर अपने आप को दीवाल की ओट में छुपा कर देख रही थी,,, मधु को इस बात का एहसास था की गुलामी उसे देख रही है क्योंकि वह तिरछी नजर से गुलाबी की तरफ देख ली थी और गुलाबी उसी को ही देख रही थी और मधु शर्मा ने और चौंकाने का नाटक कर रही थी और राजू था कि अपने लंड को हिलाता हुआ पेशाब करने लगा,,,, और मधु अपने बेटे के लंड को देख कर चौक ने का नाटक करते हुए अपनी आंखों को एकदम से चोरी कर ली और मुंह को खुला का खुला छोड़ दी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह आश्चर्य से देख रही है जबकि वह अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में कई बार ले चुकी थी,,,,
राजू अपनी मां की आंखों के सामने ही बेशर्म बनकर पेशाब कर रहा था और बार-बार अपनी मां की खूबसूरत बदन की तरफ देख ले रहा था,,,, वह अपनी मां की नजर को भी देख रहा था उसकी मां भी उसके लंड को देख रही थी इसलिए वह थोड़ा सा जोर से बोला था कि उसकी बुआ जो की दीवाल के पीछे छुपी हुई है अब तो कुछ ऐसा ही लगता था वह नहीं जानता था कि उसकी बुआ चोरी-छिपे उन दोनों को देख भी रही है,,, राजू बोला,,,
क्या देख रही हो मां मेरा लंड दिख रही हो कुछ ज्यादा ही लंबा और मोटा है ना,,,
हाय दैया मैंने आज तक इतना मोटा और लंबा नहीं देखी,,,,
(गुलाबी की तरफ तिरछी नजर से देखकर मधु जानबूझकर आश्चर्य जताते हुए बोल रही थी ताकि गुलाबी को ऐसा ही लगे कि सब कुछ उसके कहे अनुसार ही चल रहा है,,,, और सब कुछ पहली बार ही हो रहा है,,,)
अब तो देख रही हो ना मां,,,, एक बार पकड़ कर देखो बहुत अच्छा लगेगा,,,
हाय दैया बेशर्म कहीं का अपनी मां से ऐसी बात करता है,,,,
तुम बहुत खूबसूरत हो मां,,(अपनी मां की कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ खींचने की कोशिश करते हुए राजू बोला यह देखकर दीवार के पीछे छुप कर देख रही गुलाबी के तन बदन में आग लग गई उसकी बुर से पानी टपकने लगा,,,, मधु जानती थी कि गुलाबी देख रही है इसलिए एकदम से उसका हाथ पकड़कर झटकते हुए बोली,,)
अरे थोड़ा तो शर्म कर बेशर्म अपनी मां से इस तरह की हरकत करता है,,,,
क्या करु मा तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो बिना कपड़े के तो तुम स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही हो,,,,
बाप रे थोड़ा तो शर्म कर,,(ऐसा कहते हुए मधु अपने बेटे के हिलते हुए लंड को देख रही थी और यह देख कर राजू बोला)
मुझे शर्म करने को कह रही हो और खुद मेरे लंड को प्यासी नजरों से देख रही हो ऐसा लग रहा है कि जैसे खुद ही इस पर चढ़ जाओगी और इसे अपनी बुर में ले लोगी,,,
(गुलाबी की मौजूदगी में अपने बेटे से इस तरह की गंदी बातें सुनकर मधु पूरी तरह से शर्म से पानी पानी हो रही थी उसे रहा नहीं जा रहा था वह जल्दी से जल्दी यहां से निकलना चाहती थी गुलाबी से सिर्फ इतनी बात हुई थी कि वह बिना कपड़ों के नंगी होकर नहाने की और अपने बेटे से कपड़ा मांगेगी उसका बेटा उसे कपड़ा लाकर देगा और उसे अपना अंग दिखाने के बहाने दोनों के बीच बात आगे बढ़ेगी लेकिन यहां तो कुछ और ही नाटक शुरू हो गया था और इसलिए गुलाबी के सामने मधु शर्मा रही थी अगर गुलाबी समय मौजूद ना होती तो शायद मधु अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरु कर देती,,,)
धत् बेशर्म,,,, मैं जा रही हूं,,,(और इतना कहकर मधु गुशल खाने से नंगी ही बाहर आ गई और बिना कपड़ों के ही अपने कमरे की तरफ नंगी ही जाने लगी तो राजू भी गुसल खाने से बाहर आ गया और बोला)
मैं भी आ रहा हूं,,,
तू ऐसे नहीं मानेगा आज तेरे पिताजी से सब कुछ बता दूंगी
(ऐसा कहते हुए मधु अपने कमरे की तरफ जा रही थी एकदम नंगी वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी उसकी गोल गोल गाना चलते समय पानी भरे गुब्बारों की तरह लचक रही थी या देखकर गुलाबी के गाल भी सुर्ख लाल हो गए वह समझ गई थी कि वाकई में उसकी भाभी उससे भी ज्यादा खूबसूरत है ना कि होने के बाद तो वह सच में स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही थी उसकी नंगी गोरी गोरी गोर गोर गाल देखकर तो दुनिया का कोई भी मर्द उस पर लट्टू हो जाएं राजू भी अपनी मां को नंगी अपने कमरे की तरफ जाता देखकर अपने लंड को पकड़ कर हिला रहा था यह देखकर गुलाबी उसे सारा करके उसके पीछे पीछे जाने के लिए कह रही जो कि अगर वह ना भी कहती तो भी वह उसके पीछे पीछे चले जाता,,,)
अरे मां मैं भी आ रहा हूं,,,(और इतना कहने के साथ ही वह भी अपनी मां के पीछे जाने लगा और यह देखकर मधु के तन बदन में आग लगने लगी उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी क्योंकि वह जानती थी कि अब सब कुछ वैसा ही हो जाएगा जैसा कि वह चाहती थी वह अपने कमरे का दरवाजा खोल कर कमरे में प्रवेश करती ईससे पहले ही संजू भी दरवाजे के पास आ गया और तुरंत पूर्ति दिखाता हुआ कमरे में प्रवेश कर गया,,,)
अरे अरे यह क्या कर रहा है तुझे शर्म नहीं आ रही है,,,
क्या करूं मां तुम्हें नंगी देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,
(और इतना कहने के साथ ही वह अपने आप से ही दरवाजा बंद करके दरवाजे पर कड़ी लगा दिया,,,,, मधु बहुत खुश थी और काफी उत्तेजित भी क्योंकि गुलाबी भी उन दोनों को देख रही थी और यह सब देख कर,, गुलाबी की खुशी समा नही रही थी क्योंकि उसके दिशा निर्देश के अनुसार ही सब कुछ हो रहा था और कुछ ही देर में दोनों मां बेटी के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो जाएगा और गुलाबी का राज राज बनकर रह जाएगा और इस राज में तीनों एक साथ शामिल हो जाएंगे,,,, हरिया भी इस राज का हिस्सा था लेकिन अभी वह जो कुछ भी हो रहा था इन सब से बिल्कुल अनजान था,,,, गुलाबी का दिल जोरों से धड़क रहा था मैं पहली बार एक मां और बेटे को कमरे में बंद देख रही थी और वह भी दोनों के बीच किसी भी वक्त चुदाई का खेल शुरू होने वाला था क्योंकि दोनों एक दूसरे के प्यासे थे,,, गुलाबी खेल को अपनी आंखों से देखना चाहती थी इसलिए धीरे-धीरे वह भी अपनी भाभी के कमरे के पास पहुंच गई और दरवाजे के छेद को ढूंढने लगी ताकि उसमें से अंदर के दृश्य को आराम से देखा जा सके,,,
अपनी मां की बात को सुनकर राजू की उत्सुकता बढ़ चुकी थी और गुलाबी ने उसके उम्मीदों को पर लगा दी थी अगर गुलाबी के कहे अनुसार सब कुछ सही हो गया तो राजू की दसो उंगलियां घी में होगी तब वह जब चाहे तब अपनी मां की चुदाई घर में ही कर सकता था और वह भी बिना किसी से डरे,,,, राजू अपनी मां की चुदाई कर चुका था उसकी खूबसूरत रसीली बुर का स्वाद चख चुका था लेकिन अपने बुआ के कहे अनुसार एक बार फिर से अपनी मां को चोदने की तमन्ना उसके मन में जागने लगी थी अभी तक वह चोरी-छिपे अपनी मां के खूबसूरत बदन का मजा ले रहा था लेकिन अब वह अपनी बुआ की हाजिरी में अपनी मां की चुदाई करने के लिए उत्सुक हो चुका था क्योंकि बुआ पुरी तरह से राजी हो चुकी थी,,,, राजू को उसकी मां ने ही बता दी थी कि वह उन दोनों का राज जान चुकी है इसलिए राजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसकी बुआ अपने किए पर पर्दा डालने के लिए ही उसे उसकी मां को चोदने के लिए उकसा रही है जिसमें उसका ही भला होने वाला था,,,।
दूसरी तरफ मधु की भी बुर पानी छोड़ रही थी,,,, वह भी यही सोच रही थी कि आज अगर सब कुछ सही हो गया तो,, वह भी अपने बेटे से जब चाहे तब अपनी ननद की हाजिरी में चुदवा सकती है,,,,, इसलिए उसके भी तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी सब कुछ जल्द ही शुरू होने वाला था इस बात के इंतजार में उससे रहा नहीं जा रहा था वह बार-बार घर में झाड़ू लगाते हुए भी अपनी ननद के द्वारा इशारा पाने का इंतजार कर रही थी,,,, तभी थोड़ी ही देर में गुलाबी उसके पास आई और धीरे से उससे बोली,,,
भाभी तैयार हो जाओ खेल शुरू हो गया है मैं तुम्हें जैसा कहती हूं वैसा ही करना,,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपनी भाभी को आगे का खेल समझा दी और उसी खेल के तहत मधु,,, घर में ही छोटे से बने गुसल खाने में जो कि वहां नहाना बिल्कुल भी नहीं होता था बर्तन धोने के ही काम आता था लेकिन आज उसके कहे अनुसार मधु को वहां पर एकदम नंगी नहाना था,,, जो कि वह जगह हल्की सी झुग्गी लगाकर घिरी हुई थी और अभी चारों तरफ सिर्फ 3 फीट तक बाकी सब कुछ खुला हुआ था मधु का दिल जोरों से धड़क रहा था इस खेल को गुलाबी ने राजू को भी समझा दी थी राजू और मधु अच्छी तरह से जानते थे कि इस खेल के असली खिलाड़ी वह दोनों खुद थे बाकी गुलाबी तो सिर्फ मोहरा थी,,,, मधु का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि आज गुलाबी की हाजिरी में उसे अपने बेटे के सामने नंगी नजराना था ताकि उसके नंगे पन को देखकर राजू का लंड खड़ा हो जाए और गुलाबी के कहे अनुसार दोनों के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो जाए और इसी मौके का फायदा उठाते हुए मधु धीरे-धीरे करके अपने बदन से कपड़े उतार रही थी और देखते ही देखते वह घर में बने छोटे से गुसल खाने में अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई है और बाल्टी में भरे पानी को लौटे में लेकर अपने ऊपर डालने लगी वह अच्छी तरह से जानती थी कि गुलाबी भी वहीं कहीं सब कुछ देख रही है इसलिए वहां अपने बेटे की हाजिरी में ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहती थी ताकि गुलाबी को शक हो जाएगी उन दोनों के बीच पहले से चल रहा है दोनों गुलाबी की नजरों में एकदम अनजान बने रहना चाहते थे,,,,,
गुलाबी और राजू बाहर वाले कमरे में खड़े थे और अपनी उत्तेजना को भड़काने के लिए राजू अपनी बुआ की चूची को दबा रहा था क्योंकि अब तो मधु को भी पता चल गया था कि राजू और गुलाबी के बीच शारीरिक संबंध है उसी का फायदा उठाते हुए राजू गुलाबी के बदन से खेल रहा था और गुलाबी चाहती थी कि उसका यही खेल उसकी मां के साथ भी शुरू हो जाए ताकि वह भी जब चाहे तब राजू के लंड को अपनी बुर में लेकर अपनी गर्मी को शांत कर सके,,,, थोड़ी ही देर में मधु आवाज लगाई,,,,
गुलाबी अरे ओ गुलाबी मैं कपड़े लाना भूल गई जरा कपड़ा तो लादे,,,,,
(इतना सुनते ही गुलाबी के गुलाबी गाल लाल हो गए और वह राजू से बोली)
राजू देख खेल शुरू हो गया है तेरी मां तुझसे चुदवाना चाहती है यह मैं अच्छी तरह से जानता हूं और इस समय वह नंगी ही नहा रही है,,, और यही मौका है तेरे पास वैसे भी तू औरतों के मामले में कुछ ज्यादा ही चला था इसलिए तुझे अच्छी तरह से मालूम है कि तुझे क्या करना है बस किसी तरह से तू अपनी मां को अपना लंड दिखा देना और वह भी टनटनाया हुआ पूरी तरह से खड़ा फिर देखना तेरी मां तेरे लिए अपनी दोनों टांगे खोल देगी,,,
लेकिन बुआ अगर मा नाराज हो गई तो,,,
अरे बुद्धू तेरी मां बिल्कुल भी नाराज नहीं होगी बस इतना करना कि तुझे उसे अपना खड़ा लंड दिखाना है बस तेरी मां एक बार तेरा लंड देख लेगी तो खुद ही उसकी बुर पानी छोड़ देगी,,,,
ठीक है बुआ तुम्हारी बात मान कर मैं जा रहा हूं अगर कुछ भी हुआ तो मैं तो तुम्हारा ही नाम दे दूंगा कि बुआ ने हीं यह सब करने को कही थी।
ठीक है तू मेरा ही नाम दे देना बस अभी तो जा,,,
(इतना सुनकर राजू जाने लगा तो उसे रोकते हुए गुलाबी फिर बोली,,)
सुन सुन देखु तो सही तेरा खड़ा हुआ है कि नहीं,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी अपना हाथ आगे बढ़ाकर पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को टटोलने लगी जो की पूरी तरह से खड़ा था फिर भी वह मुस्कुराते हुए बोली,,,)
चलो ठीक है ,,, अपनी मां को नंगी देखेगा तो और ज्यादा कड़क हो जाएगा,,,,
(गुलाबी का इतना कहना था कि एक बार फिर से मधु आवाज लगाते हुए बोली)
गुलाबी कहां गई कब से चिल्ला रही हूं,,,,
तू जा राजू और कहना कि गुलाबी घर पर नहीं है,,,,
(इतना सुनकर राजू का भी दिल जोरो से धड़कने लगा था अपनी मां को वह ना जाने कितनी बार नंगी देख चुका था और अपने हाथों से नंगी कर भी जुड़ा था लेकिन अभी जो कुछ भी होने वाला था उसको लेकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी और वैसे भी अपनी मां को नंगी देखने का मौका वह कभी छोड़ता नहीं था अपनी मां को नंगी देखने का सुख उसे बेहद अद्भुत महसूस होता था इसलिए वह मुस्कुराते हुए गुसल खाने की तरफ आगे बढ़ गया जहां पर उसकी मां अभी भी बैठकर अपने बदन पर पानी डाल रही थी,,,, राजू सीधा गुसल खाने की तरफ पहुंच गया और ऐसा जताने लगा कि जैसे उसे मालूम ही नहीं है की उसकि मां गुसलखाने में नहा रही है,,, और गुसल खाने की तरफ जाकर एकदम से वह गुसल खाने के अंदर झुक कर देखने लगा जहां पर मधु पूरी तरह से नंगी होकर नहा रही थी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां पानी की बुंदो से और ज्यादा चमक रही थी,,, अपनी मां को गुसल खाने में देख कर चौक ने का नाटक करते हुए राजू बोला
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अरे मां तुम यहां नहा रही हो,,,,
(राजु और मधु दोनों को मालूम था कि गुलाबी वही कही ना कहीं है इसलिए दोनों ऐसा बर्ताव कर रहे थे मानो कि सब कुछ अचानक हो रहा है,,,, राजू को ठीक अपने सामने खड़ा देखकर मधु भी चौक ने का नाटक करती हुई बोली,,)
अरे राजू तो तुझे शर्म नहीं आती इधर आ गया देख नहीं रहा है मैं कैसे नहा रही हूं,,,
अरे मुझे क्या मालूम था कि तुम यहां आ रही हो और वह भी बिना कपड़ों के कम से कम कपड़े तो पहने होना चाहिए तुम तो कुछ भी नहीं पहनी हो एकदम नंगी नहा रही हो,,,,
(बाहर से खड़ी-खड़ी गुलाबी सब कुछ सुन रही थी और मन ही मन मुस्कुरा रही थी,,,)
अब तो मुझे बताएगा कि मुझे कपड़े पहनकर नाना या बिना कपड़े पहने और तुझे शर्म नहीं आती अभी तक नहीं खड़ा है ज्यादा गुलाबी कहां है उसे भेज एक तो मैं आज कपड़े लेना ही भूल गई,,,, और यह गुलाबी ना जाने कहां चली गई,,,
Nahate samay madhu ki dono chalakti jawani
मां वो तो घर पर नहीं है वह तो खेत में सब्जी लेने गई है,,,
क्या अब क्या करूं मैं,,,,(मधु परेशान होने का नाटक करते हैं बॉडी वह अभी भी गुसल खाने में बैठी हुई थी और जानबूझकर अपनी खूबसूरत नंगे बदन को छिपाने की कोशिश कर रही थी और वह भी ऐसे लड़के से जिससे वह चुदवा चुकी थी,,,,)
अरे क्या हुआ मां मुझे बोलो ना,,,,
अरे तुझे क्या बोलूं मुझे तो गुस्सा आ रहा है गुलाबी पर बिना बताए घर से चली गई,,,,
नहीं बताना है तो हटो मुझे बड़ी जोरों की पेशाब लगी है,,,,
(इतना सुनते ही बाहर खड़ी गुलाबी आश्चर्य से एकदम से चूक गई और अपने मुंह पर शर्म से हाथ रख दी क्योंकि इस तरह का खेल खेलने को गुलाबी ने उसे गोली ही नहीं थी और उसे पक्का विश्वास था कि राजू अपनी मां को चोदने के लिए जरूर मना लेना क्योंकि वह मजा हुआ खिलाड़ी था उसकी इसी बात से गुलाबी समझ गई थी,,,, मधु की तो हालत खराब हो गई वह बिल्कुल सहज थी राजू की बात को सुनकर लेकिन फिर भी असहज होने का नाटक करते हुए बोली,,)
क्या कहा तूने अरे तुझे शर्म आती है घर में मुतेगा,,,,
और क्या करूं कोई रास्ता भी तो नहीं है,,,
अरे घर के पीछे चले जा,,,
मां मेरे पास इतना समय नहीं है मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है अगर मैं दो कदम भी चलूंगा तो मेरी पेशाब छूट जाएगी और मैं पजामे में ही पेशाब कर दूंगा इतनी जोर की लगी है,,,, मुझे लगा था कि बुआ के साथ साथ तुम भी खेतों में चली गई होगी इसलिए तो यहां आ गया था,,,,
Madhu ki badi badi chuchiya
नहीं नहीं राजू यहां बिल्कुल भी नहीं तू घर के पीछे चले जा और जरा तो यहां से हट जा तुझे शर्म आनी चाहिए मैं इस समय बिल्कुल नंगी हूं और तू मेरे ठीक सामने खड़ा है मुझे कपड़े लेने हैं,,,
देखो मा कपड़े बाद में लेना लेकिन मुझे मुतने दो,,,,
इतना बड़ा हो गया लेकिन तुझे शर्म नहीं आती मेरे सामने इस तरह की बातें करते हुए यह कोई जगह है पेशाब करने की,,,, तुझे पता होना चाहिए कि इस जगह पर तो हम लोग नहीं बैठे थे पेशाब करने के लिए,,,,, और तू लड़का होकर यहां मुतने की जीदकर रहा है,,,
आहहहह मां,,,(जानबूझकर पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को पकड़ते हुए,,) तुम समझने की कोशिश करो मुझे बड़े जोरों की लगी है,,,,
नहीं राजू ऐसा बिल्कुल भी मत कर कोई देख लेगा तो क्या होगा और तू इस तरह से मेरे सामने खड़ा है मैं नहा रही हूं अगर तेरी बुआ आ गई तो वह क्या सोचेगी,,,,
अरे कुछ नहीं सोचेगी अभी जिस तरह के हालात में बुआ के सामने भी पेशाब कर दूंगा,,,
हार दैया तुझे तो शर्म नहीं आती,,,
शर्म करने का बिल्कुल भी समय नहीं है मां तुम समझने की कोशिश क्यों नहीं करती अगर बाहर चला गया और पजामे में ही पेशाब हो गई तो कोई देखेगा तो क्या कहेगा,,,, अब तो गांव भर में मेरी भी कुछ इज्जत है समझने की कोशिश करो,,,
नहीं मैं बिल्कुल भी नहीं समझूंगी तुझे तो शर्म आनी चाहिए मुझे कपड़े देने की जगह पर तू मुझसे बहस कर रहा है अब तो मुझे लग रहा है कि तुम मुझे नंगी देखना चाहता है इसीलिए हट नहीं रहा है,,,,
(मां बेटे दोनों की बातें और उन दोनों की जीद को देखकर गुलाबी की बुर गीली हो रही एक अपना लंड दिखाने के बहाने किसी ना किसी तरह से अपनी मां की आंखों के सामने पेशाब करना चाहता था ताकि उसकी मां पेशाब करते हुए अपने बेटे को देखकर उसके लंड को देखकर मचल उठे और दूसरी तरफ मधु शर्म और लिहाज का सिर्फ दिखावा कर रही थी क्योंकि वह जानती थी कि उसकी ननद कहीं ना कहीं मौजूद है,,,, एक पल को तो गुलाबी को ऐसा महसूस हो रहा था कि वह खुद अंदर चली जाए और सब कुछ साफ-साफ बता दे और तीनों खुलकर मजा ले ले,,, लेकिन वह इस खेल में अभी शामिल होना नहीं चाहती थी वह सब कुछ अपने मुताबिक हो जाने देना चाहती थी इसलिए बाहर खड़ी होकर इंतजार कर रही थी राजू अपनी मां की बातों को सुनकर जल्दबाजी दिखाता हुआ बोला,,,)
देखो मां में आखिरी बार कह रहा हूं,,, हट जाओ मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है मुझे पेट में दर्द होने लगा है,,,,
(मधु कुछ कहती इससे पहले ही राजू ऐसा नाटक करने लगा कि जैसे उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी है और वह भी गुसल खाने में घुस गया यह देखकर मधु शर्मा का एकदम से खड़ी हो गई बस यही तो राजू चाहता ही था मधु पूरी तरह से नंगी थी और उसके खड़ी होते ही पुस्तक खूबसूरत बदन एकदम से नजर आने का था और अपनी बुआ के कहे अनुसार उसे किसी ना किसी तरह से अपनी मां को अपना लंड दिखाना था और वह तुरंत अपने पैजामा को नीचे करके अपने खड़े लंड को बाहर निकाल लिया यह सब हरकत गुलाबी दीवाल की ओर से बाहर निकल कर अपने आप को दीवाल की ओट में छुपा कर देख रही थी,,, मधु को इस बात का एहसास था की गुलामी उसे देख रही है क्योंकि वह तिरछी नजर से गुलाबी की तरफ देख ली थी और गुलाबी उसी को ही देख रही थी और मधु शर्मा ने और चौंकाने का नाटक कर रही थी और राजू था कि अपने लंड को हिलाता हुआ पेशाब करने लगा,,,, और मधु अपने बेटे के लंड को देख कर चौक ने का नाटक करते हुए अपनी आंखों को एकदम से चोरी कर ली और मुंह को खुला का खुला छोड़ दी ऐसा लग रहा था कि जैसे वह आश्चर्य से देख रही है जबकि वह अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में कई बार ले चुकी थी,,,,
राजू अपनी मां की आंखों के सामने ही बेशर्म बनकर पेशाब कर रहा था और बार-बार अपनी मां की खूबसूरत बदन की तरफ देख ले रहा था,,,, वह अपनी मां की नजर को भी देख रहा था उसकी मां भी उसके लंड को देख रही थी इसलिए वह थोड़ा सा जोर से बोला था कि उसकी बुआ जो की दीवाल के पीछे छुपी हुई है अब तो कुछ ऐसा ही लगता था वह नहीं जानता था कि उसकी बुआ चोरी-छिपे उन दोनों को देख भी रही है,,, राजू बोला,,,
क्या देख रही हो मां मेरा लंड दिख रही हो कुछ ज्यादा ही लंबा और मोटा है ना,,,
हाय दैया मैंने आज तक इतना मोटा और लंबा नहीं देखी,,,,
(गुलाबी की तरफ तिरछी नजर से देखकर मधु जानबूझकर आश्चर्य जताते हुए बोल रही थी ताकि गुलाबी को ऐसा ही लगे कि सब कुछ उसके कहे अनुसार ही चल रहा है,,,, और सब कुछ पहली बार ही हो रहा है,,,)
अब तो देख रही हो ना मां,,,, एक बार पकड़ कर देखो बहुत अच्छा लगेगा,,,
हाय दैया बेशर्म कहीं का अपनी मां से ऐसी बात करता है,,,,
तुम बहुत खूबसूरत हो मां,,(अपनी मां की कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ खींचने की कोशिश करते हुए राजू बोला यह देखकर दीवार के पीछे छुप कर देख रही गुलाबी के तन बदन में आग लग गई उसकी बुर से पानी टपकने लगा,,,, मधु जानती थी कि गुलाबी देख रही है इसलिए एकदम से उसका हाथ पकड़कर झटकते हुए बोली,,)
अरे थोड़ा तो शर्म कर बेशर्म अपनी मां से इस तरह की हरकत करता है,,,,
क्या करु मा तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो बिना कपड़े के तो तुम स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही हो,,,,
बाप रे थोड़ा तो शर्म कर,,(ऐसा कहते हुए मधु अपने बेटे के हिलते हुए लंड को देख रही थी और यह देख कर राजू बोला)
मुझे शर्म करने को कह रही हो और खुद मेरे लंड को प्यासी नजरों से देख रही हो ऐसा लग रहा है कि जैसे खुद ही इस पर चढ़ जाओगी और इसे अपनी बुर में ले लोगी,,,
(गुलाबी की मौजूदगी में अपने बेटे से इस तरह की गंदी बातें सुनकर मधु पूरी तरह से शर्म से पानी पानी हो रही थी उसे रहा नहीं जा रहा था वह जल्दी से जल्दी यहां से निकलना चाहती थी गुलाबी से सिर्फ इतनी बात हुई थी कि वह बिना कपड़ों के नंगी होकर नहाने की और अपने बेटे से कपड़ा मांगेगी उसका बेटा उसे कपड़ा लाकर देगा और उसे अपना अंग दिखाने के बहाने दोनों के बीच बात आगे बढ़ेगी लेकिन यहां तो कुछ और ही नाटक शुरू हो गया था और इसलिए गुलाबी के सामने मधु शर्मा रही थी अगर गुलाबी समय मौजूद ना होती तो शायद मधु अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरु कर देती,,,)
धत् बेशर्म,,,, मैं जा रही हूं,,,(और इतना कहकर मधु गुशल खाने से नंगी ही बाहर आ गई और बिना कपड़ों के ही अपने कमरे की तरफ नंगी ही जाने लगी तो राजू भी गुसल खाने से बाहर आ गया और बोला)
मैं भी आ रहा हूं,,,
तू ऐसे नहीं मानेगा आज तेरे पिताजी से सब कुछ बता दूंगी
(ऐसा कहते हुए मधु अपने कमरे की तरफ जा रही थी एकदम नंगी वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी उसकी गोल गोल गाना चलते समय पानी भरे गुब्बारों की तरह लचक रही थी या देखकर गुलाबी के गाल भी सुर्ख लाल हो गए वह समझ गई थी कि वाकई में उसकी भाभी उससे भी ज्यादा खूबसूरत है ना कि होने के बाद तो वह सच में स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही थी उसकी नंगी गोरी गोरी गोर गोर गाल देखकर तो दुनिया का कोई भी मर्द उस पर लट्टू हो जाएं राजू भी अपनी मां को नंगी अपने कमरे की तरफ जाता देखकर अपने लंड को पकड़ कर हिला रहा था यह देखकर गुलाबी उसे सारा करके उसके पीछे पीछे जाने के लिए कह रही जो कि अगर वह ना भी कहती तो भी वह उसके पीछे पीछे चले जाता,,,)
अरे मां मैं भी आ रहा हूं,,,(और इतना कहने के साथ ही वह भी अपनी मां के पीछे जाने लगा और यह देखकर मधु के तन बदन में आग लगने लगी उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी क्योंकि वह जानती थी कि अब सब कुछ वैसा ही हो जाएगा जैसा कि वह चाहती थी वह अपने कमरे का दरवाजा खोल कर कमरे में प्रवेश करती ईससे पहले ही संजू भी दरवाजे के पास आ गया और तुरंत पूर्ति दिखाता हुआ कमरे में प्रवेश कर गया,,,)
अरे अरे यह क्या कर रहा है तुझे शर्म नहीं आ रही है,,,
क्या करूं मां तुम्हें नंगी देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,
(और इतना कहने के साथ ही वह अपने आप से ही दरवाजा बंद करके दरवाजे पर कड़ी लगा दिया,,,,, मधु बहुत खुश थी और काफी उत्तेजित भी क्योंकि गुलाबी भी उन दोनों को देख रही थी और यह सब देख कर,, गुलाबी की खुशी समा नही रही थी क्योंकि उसके दिशा निर्देश के अनुसार ही सब कुछ हो रहा था और कुछ ही देर में दोनों मां बेटी के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो जाएगा और गुलाबी का राज राज बनकर रह जाएगा और इस राज में तीनों एक साथ शामिल हो जाएंगे,,,, हरिया भी इस राज का हिस्सा था लेकिन अभी वह जो कुछ भी हो रहा था इन सब से बिल्कुल अनजान था,,,, गुलाबी का दिल जोरों से धड़क रहा था मैं पहली बार एक मां और बेटे को कमरे में बंद देख रही थी और वह भी दोनों के बीच किसी भी वक्त चुदाई का खेल शुरू होने वाला था क्योंकि दोनों एक दूसरे के प्यासे थे,,, गुलाबी खेल को अपनी आंखों से देखना चाहती थी इसलिए धीरे-धीरे वह भी अपनी भाभी के कमरे के पास पहुंच गई और दरवाजे के छेद को ढूंढने लगी ताकि उसमें से अंदर के दृश्य को आराम से देखा जा सके,,,