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Incest बैलगाड़ी,,,,,

rohnny4545

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रीना की बुर की झलक पाकर राजू मदहोश हो चुका था जो कुछ भी उसकी आंखों के सामने दिखा था वह उसकी उत्तेजना बढ़ाने के लिए काफी था वैसे भी रीना की खूबसूरती से वैसे ही उसके तन बदन में हलचल सी हो रही थी,,,,, रीना जिस तरह से हड़बड़ा कर झाड़ियों से बाहर आकर खड़ी हो गई थी और अफरा-तफरी में उसकी सलवार उसकी हाथों से छूट कर उसके कदमों में जा गिरी थी,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे जो कुछ भी हो रहा था वह राजू के लिए ही हो रहा था राजू कभी सोचा नहीं था कि अपनी मामा की लड़की को वह इस हाल में देखेगा उसकी बुर के दर्शन कर पाएगा,,,,, लेकिन अचानक ही राजू की मामा लड़की उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर बढ़ा गई थी अपनी मदमस्त कर देने वाली कुंवारी गुलाबी बुर दिखाकर राजू के लंड को हिला गई थी,,,, यह सब कुछ अचानक ही हुआ था रीना को भी कहां पता था कि राजू के साथ थोड़ी दूर जाने पर ही उसके पेट में गड़बड़ी हो जाएगी और ना चाहते हुए भी उसे राजू की मदद लेनी पड़ेगी और उसकी मदद लेते हुए अपने बेशकीमती खजाने को उसके सामने उजागर करना पड़ेगा इस तरह के हालात रीना के सामने पहली बार आए थे और राजू के साथ भी या पहली बार हो रहा था कि वह किसी खूबसूरत लड़की के लिए पानी का डब्बा लेकर गया था,,,,, एक तरफ रीना जहां इस हादसे से पूरी तरह से शर्म से पानी पानी हो जा रही थी वहीं दूसरी तरफ राजू मारे खुशी से चमक रहा था,,,,, और घर की ओर लौटते समय अचानक हुई रीना की नजर राजू के पाजामे पर चली गई थी जिसके उभार को देखकर जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी रीना के तन बदन में हलचल सी होने लगी थी,,,, हालांकि अभी तक रीना ने जवान लंड के दर्शन नहीं की थी लेकिन इतना तो वह जानती थी कि लड़कों के पैजामा में कौन सा हथियार छुपा रहता है इसलिए पजामें मैं तने हुए खूटे को देखकर ना चाहते हुए भी रीना की बुर फुदकने लगी थी,,,,,



दोनों घर पर पहुंचे तो अभी भी वहां विवाह की ही बात हो रही थी अपने विवाह की बात को लेकर गुलाबी नाराज थी क्योंकि वह इतनी जल्दी इस घर को छोड़कर नहीं जाना चाहती थी क्योंकि उसकी जरूरत घर में ही पूरी हो रही थी और वह अच्छी तरह से जानती थी कि राजू की तरह उसके बदन की प्यास कोई और मर्द नहीं बुझा सकता,,,,, हरिया को भी इतनी जल्दी गुलाबी की विवाह की बात अच्छी नहीं लगी थी लेकिन लोग समाज की बात को अच्छी तरह से जानता था गुलाबी विवाह के लायक कब का हो चुकी थी इस तरह से उसे घर पर बैठा ना ठीक भी नहीं था इसलिए ना चाहते हुए भी उसे अपने साले की बात माननी पड़ी और विवाह के लिए राजी होना पड़ा,,,,, थोड़ी बहुत इस विवाह को लेकर सब में नोकझोंक थी लेकिन मधु इस विवाह से बेहद खुश थी क्योंकि इसके बाद राजू सिर्फ उसका ही होकर रह जाने वाला था,,,,,

खाना खाकर सोने की तैयारी होने लगी,,,,, आंगन में खटिया डालकर राजू के मामा का बिस्तर लगा दिया गया,,,, और मधु रीना को अपने साथ सोने के लिए बोली तो रीना ने साफ इंकार कर दी वह बोली कि उसे गुलाबी के साथ सोना है क्योंकि वह किसी भी तरह से राजू का साथ पाना चाहती थी और वह जानती थी कि राजू और गुलाबी दोनों एक ही कमरे में सोते हैं क्योंकि यह बात को मधु ही अपने मुंह से बताई थी,,,, रीना अच्छी तरह से जानती थी कि सुबह उसे चले जाना है इसलिए वह गुलाबी और राजू से बातें करते हुए अपना समय बिताना चाहती थी,,,,, राजू की मौजूदगी में शर्म से पानी पानी होने के बावजूद भी रीना का आकर्षण राजू की तरफ बढ़ता जा रहा था,,,, खास करके जब से उसकी नजर उसके पैजामा की तरफ गई थी तब से उसका आकर्षण राजू की तरफ कुछ ज्यादा ही बढ़ रहा था उसे इस बात का एहसास हो गया था कि उसे अर्ध नग्न हालत में देख कर ही राजू के पजामे में खूंटा तन गया था पहली बार उसे इस बात का आभास हुआ था कि उसकी गर्म जवानी के कारण किसी का लंड खड़ा हो रहा था क्योंकि वह अपनी आंखों से देख रही थी,,,,।

आखिरकार रीना गुलाबी और राजू के साथ उसे कमरे में चली गई खटिया को एक कोने में खड़ी करके चटाई बिछा दी गई जिस पर तीनों आराम से सो सकें,,,, गुलाबी ज्यादा बातें नहीं कर रही थी क्योंकि उसे अपने विवाह को लेकर नाराजगी थी लेकिन फिर भी मजबूर थी इसलिए थोड़ी बहुत बात करके कब उसकी आंख लग गई उसे पता ही नहीं चला राजू और रीना की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी रीना बीच में सोई हुई थी और राजु और गुलाबी उसके अगल-बगल,,,, इधर उधर की बातें करते हुए राजू जानबूझकर खेत वाली बात को उभारते हुए बोला,,,।


everyone

मैं माफी चाहता हूं रीना,,,

किस लिए,,,

खेत में जो कुछ भी हुआ उसमें मेरी कोई गलती नहीं थी सब कुछ अचानक ही हो गया था,,,,
(खेत वाली जिक्र होते ही रीना शर्मा गई,,,, कमरे में लालटेन जल रही थी जिसकी पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था)

कोई बात नहीं मैं जानती हूं सब कुछ अनजाने में हुआ था,,,

लेकिन तुम एकाएक झाड़ियों के पीछे से बाहर क्यों निकल आई आवाज भी तो दे सकती थी,,,


मैं डर गई थी,,,


किस लिए,,,,(दोनों बड़े धीमे स्वर में बात कर रहे थे)

झाड़ियों में बड़ी तेजी से सुरसुरा हट हुई थी मैं एकदम से घबरा गई इसलिए बाहर आ गई थी,,,,,

ओहहह ,,,, पर इस तरह से घबराना नहीं चाहिए हिम्मत से काम लेना चाहिए अगर मेरी जगह कोई और होता तो,,,,


तो क्या होता,,,,


अरे बहुत कुछ हो जाता तुम नहीं जानती गांव के लड़कों को,,,,,


क्यों,,,?(रीना आश्चर्य जताते हुए बोली तो राजू एकदम इत्मीनान से हाथ की कोहनी का सहारा लेकर अपनी गर्दन को ऊपर की तरफ उठा लिया और रीना की तरफ मुंह करके बात करते हुए बोला)


अरे पगली जो कुछ भी नजर आ रहा था उसे देखकर मेरी जगह गांव का कोई भी लड़का होता तो ना जाने क्या कर बैठता,,,,


ऐसा क्या नजर आ गया था,,,,,( रीना अच्छी तरह से जानती थी कि जिस हालात में वह खड़ी थी उस हालात में राजू ने क्या देखा था लेकिन फिर भी जानबूझकर बोल रही थी लेकिन यह बोलते हुए भी उसकी आंखों में शर्म साफ नजर आ रही थी जो कि लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था यह देखकर राजू के तन बदन में भी हलचल सी होने लगी थी,,,,,)

क्या सच में तुम जानना चाहती हो कि क्या नजर आ रहा था,,,

हां मैं सच में जानना चाहती हूं मुझे भी तो पता चले कि ऐसा क्या नजर आ रहा था जिसे देखकर मेरे साथ कुछ भी हो सकता था,,,,


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अरे पगली तुम्हारी बुर नजर आ रही थी,,,(राजू एकदम बेझिझक होकर बोला उसके मुंह से बुर शब्द सुनकर रीना के तन बदन में हलचल सी मचने लगी,,,, वह कभी सोच ही नहीं थी कि राजू इस तरह से एकदम खुलकर बोल देगा इसलिए वह एकदम से जीत गई वह अपनी नजर को नीचे झुका ली,,, वह कुछ बोल नहीं पाई बस उसके मुंह से इतना ही निकला,,,)

धत्,,,,,,,


अरे सच में मैं झूठ थोड़ी कह रहा हूं जो दिखाई दिया वही तो बता रहा हूं,,, मुझे तो एकदम साफ नजर आ रही थी अच्छा ही होगा कि चांदनी रात थी वरना मैं इतना खूबसूरत दृश्य देख नहीं पाता,,,,


धत्,,,, यह क्या कह रहे हो,,,(शर्मा कर रीना दूसरी तरफ नजर घुमा ली,,,)

अरे सच कह रहा हूं रहना मेरी कसम अच्छा यह बताओ तुम्हारी बुर पर हल्के हल्के बाल है ना,,,,
(राजू की ऐसी बात सुनकर रीना कुछ बोली नहीं बस खामोश नहीं मंद मंद मुस्कुरा रही थी आज तक उससे इस तरह की किसी ने भी बात नहीं किया था,,, इसलिए उसके बदन में गर्माहट फैल रही थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह राजू से क्या बोले क्योंकि जो कुछ भी वह कह रहा था उसमें बिल्कुल भी झूठा पर नहीं था एकदम खरा सच था जिससे वह इंकार नहीं कर सकती थी वह तो केवल शर्मा कर इस तरह की बातें कर रही थी वह जानती थी कि राजू ने उसकी बुर को अपनी आंखों से देख चुका है,,,, रीना को शर्माता देखकर राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा उसके लंड की अकड़ बढ़ने लगी वह अंदर ही अंदर खुश हो रहा था क्योंकि उसकी बात का जरा भी बुरा रीना नहीं मान रही थी,,,, रीना को खामोश देखकर राजू फिर से वही तार छेड़ता हुआ बोला,,,)

बोलो ना रीना क्या मैं झूठ कह रहा हूं,,,,

हा तुम बिलकुल झूठ कह रहे हो ऐसा कुछ भी नहीं है,,,,

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अगर ऐसा है तो एक बार फिर से दिखा दो अगर मेरे कहे अनुसार तुम्हारी बुर पर हल्के हल्के बाल ना हुए तो मैं अभी इस कमरे से बाहर चला जाऊंगा,,,,, बोलो तैयार हो,,,, मैं पल भर में ही तुम्हारी बुर की खूबसूरती को अपनी आंखों से देख चुका हूं एकदम गुलाबी कचोरी की तरह फूली हुई उस पर हल्के हल्के बाल मानो उसकी और भी ज्यादा शोभा बढ़ा रहे हो,,,,, और तुम्हारी बुर एकदम एक पतली लकीर नुमा है अभी तक उसने गुलाबी पति बाहर नहीं निकली है,,,,, बोलो मैं सच कह रहा हूं या झूठ और मैं यह भी देखा था कि तुम्हारे पेशाब की बूंद तुम्हारे रेशमी झांठ के बाल पर लगी हुई थी जो कि मोती की तरह चमक रही थी,,,,,,,


हाय दैया,,,,(राजू के मुंह से इतनी गंदी बात सुनकर रीना का मुंह आश्चर्य से खुला का खुला रह गया उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है राजू से इतनी गंदी बातें कैसे कर रहा है क्योंकि आज तक उससे इस तरह की गंदी बात किसी ने भी नहीं किया था लेकिन ना जाने क्यों राजू कि इस तरह की अश्लील बातों में उसे आनंद प्राप्त हो रहा था जिससे वह इनकार नहीं कर पा रही थी भले ही मुंह से वह नकार रही थी लेकिन चेहरा बता रहा था कि राजू की बातें उसे बेहद उत्तेजित कर रही थी जो कि लालटेन की रोशनी में उसका गोरा मुखड़ा टमाटर की तरह लाल हुआ जा रहा था,,,,)

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मैं सच कह रहा हूं कि ना मुझे सब कुछ साफ नजर आ रहा था अगर तुम्हें झूठ लग रहा है तो रुको मैं देखकर बता सकता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही एकदम से उठ कर बैठ गया और पीठ के बल लेटी हुई रीना की कुर्ती को ऊपर करके उसकी सलवार की डोरी को दोनों हाथों से पकड़ लिया रीना एकदम से घबरा गई और उसका हाथ पकड़ कर झटकते हुए बोली,,,)

हाय दैया यह क्या कर रहे हो तुम्हें शर्म नहीं आ रही है कोई,,,, देख लिया तो,,,,
(रीना के मुंह से कोई देख लिया वाली बात सुनकर राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि वह समझ गया था कि रीना के मन में भी वही चल रहा है जो उसके मन में चल रहा था,,, इसलिए राजू बोला,,,,)

कोई नहीं देखेगा और मैं कहां कुछ कर रहा हूं,,,, सिर्फ तुम्हें वही दिखा रहा हूं जो मैंने देखा हूं,,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू ने फिर से रीना के सलवार की डोरी को अपने हाथ में पकड़ लिया थोड़ी ना फिर से उसे हटाते हुए बोली,,)

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नहीं रहने दो तुम जो भी कह रहे हो सच है लेकिन देखने की जरूरत नहीं है,,,,(दोनों बेहद फुसफुसाने वाली आवाज में बातें कर रहे थे ताकि बगल में सो रही गुलाबी को जरा भी भनक ना हो,,,, रीना का रवैया देखकर राजू का मन उदास हो गया वह कुछ कर नहीं पाया और रीना शर्म के मारे आगे नहीं बढ़ पाई बगल में गुलाबी सो रही थी उसे इस बात का डर था कि अगर गुलाबी उठ गई तो क्या होगा जबकि इस बात का डर राजू को बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि गुलाबी भी उसी कश्ती में सवार थी मन मसोसकर रीना गुलाबी की तरफ करवट लेकर लेट गई लेकिन राजू का मन मान नहीं रहा था राजू भी कुछ देर तक पीठ के बल लेटा रहा लेकिन ऐसा लग रहा था कि रीना की बुर की खुशबू उसके लंड को मिल चुकी थी इसलिए बैठने का नाम नहीं ले रहा था वह उसी तरह से खड़ा का खड़ा था,,,, राजू से बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था तो वह कुछ देर बाद रीना की तरफ करवट करके लेट गया लेकिन थोड़ा सा आगे की तरफ बढ़ गया जिससे उसका लंड सीधे रीना की गांड पर जाकर रगड़ खाने लगा रीना एकदम से मदहोश हो गई क्योंकि वह समझ गई थी कि उसकी गांड पर कौन सी नुकीली चीज रगड़ रही है,,,, वह एकदम से मदहोश होने लगी लेकिन इस बार बार राजू को रोक नहीं पा रही थी क्योंकि उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी थी उसका सब्र भी जवाब दे गया था और राजू अपने लंड को रीना की गांड पर रगड़ता रहा,,,,,



रीना की हालत खराब होती जा रही थी उत्तेजना के मारे उसका गला सूखता जा रहा था पहली बार किसी जवान लड़के ने उसके नितंबों पर इस तरह से अपने लंड को रगड़ना शुरू किया था इसलिए पहली मर्तबा एक जवान लंड को अपनी गांड पर महसूस करके वह पूरी तरह से मदहोश होने लगी,,,,, लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था गुस्से का नाटक करके रीना सोने का नाटक तो कर रही थी लेकिन नींद उसकी आंखों से कोसों दूर थी क्योंकि जिस तरह से राजू ने उससे सीधी जबान में बुर पेशाब की बूंद इस तरह की बातें किया था उन शब्दों को सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना की हथौड़े बज रहे थे जिससे उसका चयन और करार दोनों खोने लगा था रीना भी अब राजू की हरकत का मजा ले रही थी कुछ देर तक राजू इसी तरह से अपना लंड उसकी गांड पर रगड़ता रहा जब किसी भी प्रकार की हरकत रीना के बदन में नहीं हुई तो हिम्मत दिखाते हुए राजू अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी हथेली को रीना की गांड पर रखकर जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,, रीना मदहोश होने लगे उसके बदन की नसों में उत्तेजना की लहर लहू बनकर दौड़ने लगी उसकी सांसे गुजरी चलने लगी और गहरी सांसो को देखकर राजू की हिम्मत और ज्यादा बढ़ने लगी राजू समझ गया था कि रीना को मजा आ रहा है उसे आनंद मिलना है और इसी आनंद को बढ़ाने के लिए राजू हिम्मत दिखाते हुए अपना हाथ जोकि रीना की गांड को मसल रहा था वहां से हटाकर राजू ने अपनी हथेली को रीना की चूची पर रख दिया और रीना एकदम से मस्त हो गई हल्की सी कराहने की आवाज निकल गई जब राजू उसकी चूची पर हाथ रखकर जोर से दबा दिया,,,, नीचे से राजू अपनी कमर को आगे खेलते हुए पूरा का पूरा अपना लंड उसकी गांड की दरार में धंसाने की कोशिश करने लगा और ऊपर से उसके दोनों नारंगी ओ को अपनी एक हथेली से दबाना शुरू कर दिया बारी बारी से राजू अपने मामा की लड़की की दोनों चूचियों को दबा रहा था यह पहली मर्तबा था जब रीना की चूची किसी मर्दाना हाथ में थी और उसे अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था बार-बार वह गुलाबी की तरफ देख ले रही थी कि कहीं गुलाबी जागना चाहिए लेकिन गुलाबी घोड़े बेच कर सो रही थी,,,,,



राजू की हीम्मत और ज्यादा बढ़ने लगी राजू एकदम से रीना के पीछे जाकर चिपक गया और उसकी गर्दन पर अपनी हॉट रखकर चुंबन करने लगा बस फिर क्या था रीना अपना धैर्य एकदम से खो गई थी वह पूरी तरह से मदहोश हो गई पहली बार किसी मर्दाना बाहों में थी वह धीरे-धीरे पिघलना शुरू कर दी उसकी बुर से मदन रस टपकने लगा,,,,, उससे जवानी की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी और वह बार-बार अपनी गांड में धंस रहे राजू के केंद्र को हाथ पीछे की तरफ लाकर पर जाने के ऊपर से ही पकड़ ली,,,, यह रीना की तरफ से जीवन में पहली प्रतिक्रिया थी जो कि बेहद लुभावनी और कामुकता से भरी हुई थी पहली बार वह किसी लंड को अपने हाथ में ले रही थी और वह भी पायजामा के ऊपर से,,,, राजू का लंड इतना मोटा था कि उसकी हथेली पूरी भरी की भरी रह गई रीना की गहरी सांस चलने लगी और रीना की हरकत देखकर राजू की हिम्मत और ज्यादा बढ़ने लगी तो वहां उसका कंधा पकड़ कर उसे अपनी तरफ घुमाने लगा अब शर्माने से कोई फायदा नहीं था इसलिए रीना धीरे से राजू की तरफ करवट लेने लगी लेकिन आंखों को बंद किए हुए थी आज उसे नजर मिलाने में उसे शर्म महसूस हो रही थी,,,,,,,


लालटेन की पीली रोशनी में राजू को सब कुछ साफ नजर आ रहा था रीना का खूबसूरत चेहरा उत्तेजना से तमतमा रहा था उसके लाल लाल होंठों मैं कंपन हो रहा था जिसे देखकर राजू से रहा नहीं गया और वहां अपने होठों को आगे बढ़ा कर रीना के लाल-लाल होठों पर रखकर चुंबन करने लगा ,,, रीना की जिंदगी में आज सब कुछ पहली बार हो रहा था पहली बार वह चुनाव का आनंद ले रहे थे जैसे ही राजू के होंठ अपने होंठों पर महसूस की उसके तन बदन में आग लग गई वह एकदम से सिहर उठी और राजू एक हाथ उसके नितंबों पर रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया,,,, लेटे हुए ही रीना उसकी बाहों में समा गई और राजू पागलों की तरह उसके होठों का रसपान करने लगा अभी तक राजू का लंड पीछे से उसकी गांड में घुसने का प्रयास कर रहा था और आगे से अब तो राजू का लंड सलवार के ऊपर से ही उसकी बुर पर ठोकर मार रहा था,,,, जिससे रीना की काम पिपासा बढ़ते जा रही थी वह अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पा रही थी यह जानते हुए भी कि उसके बगल में गुलाबी सो रही है वह बिल्कुल गई उसकी चिंता किए बिना राजू की हरकतों का मजा ले रही थी,,,,, कुछ देर तक राजू रीना के लाल-लाल होठों का रस पीकर हां लेकिन उसकी उत्तेजना पढ़ाते हुए वह अपना एक हाथ सलवार के अंदर डालकर उसकी बुर को हथेली में भर-भर कर दबाने लगा राजू की यह हरकत रीना के लिए बेहद घातक साबित हो रही थी उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी ऐसा लग रहा था कि वह किसी तूफान में फंसती चली जा रही है जिसमें से निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था राजू केला खाया था औरतों को कैसे काबू में किया जाता है यह वाह भली-भांति जानता था इसीलिए तो रीना की उत्तेजना के केंद्र बिंदु को दबाना शुरू कर दिया था जिससे रीना के लिए वापस लौटना नामुमकिन हो जाए,,,,।


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रह रह कर रीना के मुंह से गर्म सिसकारी फूट पड़ रही थी लेकिन वह बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज को दबाए हुए थी,,,,, राजू सलवार में हाथ डालकर रीना की बुर से खेलते हुए रीना से बोला,,,।

तुम बहुत खूबसूरत हो रीना तुम्हारे जैसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखा,,,,।
(राजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर रीना को बहुत खुशी हो रही थी,,,,, लेकिन फिर भी शर्म के मारे बात का रुख दूसरी तरफ मोडते हुए बोली,,,)

राजू मुझे डर लग रहा है अगर ये जाग गई तो,,,

कौन बोला तुमको बाकी चिंता बिल्कुल भी मत करो वह घोड़े बेच कर सोती हैं अब सुबह से पहले उठने वाली नहीं है,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू उठ कर बैठ गया और जिस कार्य को करने में अभी तक रीना रुकावट बन रही थी अब उसी कार्य को अंजाम देते हुए सलवार की डोरी को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया लेकिन इस बार भी ना उसे रोक नहीं पाई बस शर्मा और डर के मारा गुलाबी की तरफ देख रही थी कहीं गुलाबी जाग ना जाए,,,, राजू का दिल भी बड़े जोरों से धड़क रहा था क्योंकि वह बेहद खूबसूरत बुर के दर्शन करने जा रहा था,,,, यही हाल है ना कभी था जिंदगी में पहली बार कोई जवान लड़का उसकी सलवार खोलने जा रहा था उसकी बुर के दर्शन करने जा रहा था और ना जाने उसकी बुर के साथ क्या-क्या करने वाला था जिसके बारे में सोच कर ही उसके बदन में सिहरन सी दौड़ रही थी,,,,, देखते ही देखते राजू अपने मामा की लड़की की सलवार की डोरी को खींच कर खोल दिया सलवार कमर से एकदम से देरी हो गई और बिना देर किए राजू सलवार को दोनों हाथों से पकड़कर उसे नीचे की तरफ खींचने लगा तो,,,, रीना समझदारी दिखाते हुए अपनी गांड को हल्के से ऊपर की तरफ उठा ली क्योंकि वह भी जानती थी कि इस तरह से सलवार उतरने वाली नहीं थी,,, मौके की नजाकत को समझते हुए राजू बड़ी ही समझदारी से रीना की सलवार उसके पैर में से निकाल कर एक तरफ रख दिया कमर के नीचे रीना पूरी तरह से नंगी हो गई यह पहली मर्तबा था जब वह जवान लड़के के सामने एकदम नंगी थी एकदम नंगी नहीं लेकिन कमर के नीचे जो अंक बेशकीमती और छुपाने लायक थी वह पूरी तरह से उजागर हो चुकी थी जिस पर राजू की प्यासी नजर चिपक सी गई थी ,,,,,।


राजू पागलों की तरह रहना की बुर की तरफ देख रहा था उसके दोनों टांगों के बीच की पतली दरार बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी रीना एक नजर राजू की तरफ दादी तो राजू को अपनी बुर देखता हुआ पाकर वह शर्म से अपनी नजर को दूसरी तरफ घुमा ली,,,, राजू अपने हाथों से उसकी दोनों टांगों को थोड़ा सा खोलते हुए और अपनी उंगली उसकी चिकनी बुर पर रखते हुए बोला,,,।

बाप रे कितनी मुलायम है मैंने आज तक इतनी खूबसूरत दूर नहीं देखा एकदम गुलाब के पत्ते की तरह नरम गरम है,,,,
(राजू की उंगलियों को अपनी बुर पर महसूस करते हैं उसके बदन में कंपन महसूस होने लगी उसकी बुर से काम रस टपक रहा था जिससे उसकी पूरी बुर गीली हो चुकी थी इस तरह से पहली बार रीना की बुर पनियाई हुई थी,,,, राजू से सब्र कर पाना मुश्किल हुआ जा रहा था इसलिए वह तुरंत दोनों जनों पर अपनी हथेली रखकर उसे उत्तेजना से दबाते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी दोनों टांगों के बीच ले जाने लगा तो रीना यह देखकर कसमसाने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करने वाला है,,,,। लेकिन अगले ही पल राजू के गरम होठों को अपनी तपती हुई बुर पर महसूस की तो वह एकदम से मचल उठी,,, उसे अपने आप पर बिल्कुल भी सब्र नहीं हुआ और अपने आप ही उसकी कमर हवा में उठ गई जो कि दर्शा रहा था कि उसे कितना आनंद प्राप्त हुआ है पहले तो रीना को बहुत अजीब लगा क्योंकि मुझे इस बात का पता बिल्कुल भी नहीं था कि मर्द औरत की बुर को इस कदर अपने होंठ से अपनी जीभ से चाटते है इसलिए तो राजू की हरकत पर को पूरी तरह से मदहोश हो गई थी उसकी आंखें एकदम से बंद हो गई थी और गहरी गहरी सांस लेने लगी थी और बड़ी ही उत्तेजना का प्रदर्शन करते हुए राजू भी रीना की कमर कुछ और से दोनों हाथों में दबाकर उसकी बुर के अंदर अपनी जीभ डाल कर चाट रहा था पहली बार था इसलिए रीना की बुर कुछ ज्यादा ही पानी छोड़ रही थी,,,,। राजू अपना पूरा अनुभव और करता रीना के ऊपर लगा दे रहा था रीना पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी पहली बार जवानी की याद उसके वजन को चला रही थी जिसे बुझाने का जिम्मा राजू ने अपने कंधों पर उठा रखा था अपनी चचेरी बहन अपने मामा की लड़की की दोनों टांगों को फैला कर रहा जो उसकी अनछुई गुलाबी बुर को चाट रहा था,,,।



बुर का छोटा सा गुलाबी छेद देखकर राजू समझ गया था कि अभी तक रीना की बुर में लंड का प्रवेश नहीं हुआ है जिससे एकाएक उस में लंड डालने में तकलीफ आ सकती थी इसलिए अपने लंड के लिए रास्ता बनाते हुए राजू अपनी मामा की लड़की की बुर में अपनी एक उंगली धीरे-धीरे डालना शुरू कर दिया लेकिन इस समय राजू की उंगली भी रीना के लिए लंड समान थी वह पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वाकई में उसकी बुर में लंड घुसा जा रहा है वह अपनी नजर उठा कर अपनी दोनों टांगों के बीच देखने लगी,,,,, पहली बार वह अपने बुर की हालत देख रही थी जोकि राजू अपनी हरकतों से खराब कर रहा था,,,,,।

धीरे-धीरे उंगली से रीना को मजा आने लगा कि दर्द उसे हो रहा था लेकिन आनंद भी बहुत मिल रहा था,,,, जब एक उंगली से रीना को मजा आने लगा तो हिम्मत करके राजू दूसरी उंगली भी धीरे-धीरे प्रवेश करने लगा इस बार थोड़ा सा दर्द महसूस हुआ तो वह अपना हाथ आगे बढ़ा कर राजू के बाल को कस के पकड़ ली क्योंकि वह उत्तेजित भी बड़ी तेजी से हो रही थी और देखते ही देखते राजू दर्द और आनंद का मिश्रण देते हुए अपनी दूसरी उंगली भी रीना की बुर में प्रवेश करा दिया और उसे गोल गोल घुमा कर अपने लंड के लिए जगह बनाने लगा लेकिन उसकी हरकत रीना को चरम सुख के करीब लेकर जा रही थी रीना मदहोश होकर चटाई पर मचल रही थी बगल में ही गुलाबी गहरी नींद में सो रही थी उसे इस बात का अंदाजा भी नहीं था उसकी उसके बगल में पहली बार ही आई रीना को राजू पर पेलने जा रहा है,,,,, मदहोशी में उत्तेजना के कारण रीना पसीने से तरबतर हो चुकी थी उसकी कुर्ती भीगने लगी थी राजू रह-रहकर रीना की बुर का मजा लेते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाकर कुर्ती के ऊपर से यही उसके दोनों संतानों को दबा देता था जिससे रीना का मजा दोगुना होता जा रहा था,,,, देखते-देखते रीना की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उसे क्या हो रहा है उसका बदन अकड़ने लगा था माथे पर पसीने की बूंदें ऊपर आई थी वह एकदम से घबरा गई थी लेकिन अगले ही पल उसकी बुर से मदन रस की पिचकारी फूट पड़ी और जिस प्रकार का आनंद उसे प्राप्त हुआ वह पूरी तरह से मदहोश हो गई उस आनंद के सागर में अपने आप को डुबो ले गई,,,,


रीना राजू के प्रयास से झड़ चुकी थी और झड़ने में उसे अद्भुत सुख का प्राप्ति हुआ था वह पूरी तरह से मदहोश हो गई थी उसकी आंखों में नशा छाने लगा था और उसकी बुर से निकलने वाली मादक रस की पिचकारी राजू अपने जीभ से चाट चाट कर उसे गले के नीचे उतार ले गया था,,, राजू को पूरा विश्वास हो गया था कि वह अपने लंबे मोटे लंड को रीना की गुलाबी छेद में आराम से डाल सकेगा इसलिए वह अपना कुर्ता उतारने लगा और फिर खड़े होकर अपना पजामा भी उतार दिया रीना की आंखों के सामने पहली बार कोई जवान लड़का एकदम नंगा हुआ था राजू के नंगे लंड को देखकर वो एकदम से सिहर उठी थी पहली बार बार किसी जवान लड़के के लंड को देख रही थी उसे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मर्द की दोनों टांगों के बीच इतना मोटा और लंबा हथियार होता है वह देखकर एकदम घबरा गए थी,,,, राजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि रीना के मन में क्या चल रहा है इसलिए वह उसके करीब जाकर बैठ गया और उसे उठा कर बैठाते हुए उसके कुरते को भी निकालने लगा तो प्रश्नवाचक दृष्टि से वह गुलाबी की तरफ देखी तो राजू बोला,,,।


तुम चिंता मत करो रीना बुआ सुबह से पहले उठने वाली नहीं है,,,,


तुम सच कह रहे हो ना राजू,,,,


अपनी कसम,,,,
(ना चाहते हुए भी रीना को राजू की बातों पर विश्वास करना पड़ रहा था क्योंकि उसका बदन उसका साथ नहीं दे रहा था वह भी चुदाई के सुख को प्राप्त करना चाहती थी इसलिए वह राजू की बात मानते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठा देता कि राजू बड़े आराम से उसकी कुर्ती को भी उतार सकें और अगले ही पल राजू फुर्ती दिखाते हुए उसकी कुर्ती को निकालकर रीना को भी पूरी तरह से नंगी कर दिया लालटेन की पीली रोशनी में रीना बला की खूबसूरत लग रही थी उसका नंगा जिसमें लालटेन की रोशनी में चमक रहा था जिसे देखकर राजू के मुंह में पानी आ रहा था,,, उसकी नारंगी जैसे चुचियों को देखकर राजू से बिल्कुल भी रहा नहीं गया और वह आगे बढ़कर रीना की चूची को एक हाथ में पकड़ कर उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,, अब तक रही ना सिर्फ बच्चों को ही चूची पीते देखी थी इसलिए राजू की हरकत उसके बदन में सिहरन सी दौड़ आ गई वह एकदम से कसमसा गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें राजू बच्चे की तरह उसकी चूची को पकड़कर पी रहा था यहां रीना के लिए बेहद अद्भुत था वह कभी सोची नहीं थी कि एक जवान लड़का लड़की की चूची को भी पकड़ कर पीता है और एकदम बच्चों की तरह,,,, लेकिन राजू की हरकत से उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी राजू रीना की संतरे जैसी चूची को जोर जोर से दबाते हुए उसे पी रहा था स्तन मर्दन कर रहा था जिससे रीना का मजा और ज्यादा बढ़ता जा रहा था,,,,,, देखते ही देखते रहना फिर से तैयार हो चुकी थी वह पूरी तरह से मदहोश होने लगी थी उसकी आंखों में खुमारी जाने लगी थी राजू उसकी चूची को मुंह में लेकर पीते हुए उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने लंड पर रख दिया था कि उसका डर कम हो जाए,,,, लेकिन जैसे ही राजू में रीना का हाथ पकड़ कर उसे अपने मोटे लंड पर रखा रीना एकदम से चौक गई और अपना हाथ पीछे ले ली उसे लगा कि जैसे कोई गर्म लोहे के रोड पर उसका हाथ पड़ गया हो,,,,, रीना की हड़बड़ाहट और घबराहट देखकर राजू अंदर ही अंदर मुस्कुरा उठा वह समझ गया था कि आज उसे अनचोदी बुर मिलने वाली है,,,,, लेकिन जैसे ही करीना को इस बात का एहसास हुआ कि राजू ने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया था उसके तन बदन में अजीब सी लहर उठने लगी और वहां फिर से राजू के लंड को पकड़ने के लिए लालायित हो गई तो राजू फिर से उसकी हथेली को अपने लंड पर रख दिया लेकिन इस बार रीना उत्तेजना के चलते अपनी हथेली को राजू के लंड से हटाई नहीं और कसके उसे दबा ली,,,, रीना की खुशी देखकर राजू उत्तेजित हो गया और वह जोर-जोर से रीना की चूची दबाते हुए दोनों चूची को बारी बारी से पीना शुरू कर दिया रीना की बुर एक बार फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दी थी,,,,,।

रीना को पता नहीं था कि मर्द के लंड से कैसे खेला जाता है इसलिए वहां अपनी हथेली में लेकर उसे कसकस के सिर पर दबा रही थी हिला बिल्कुल भी नहीं रही थी लेकिन इसी से राजू को मजा आ रहा था कुछ देर तक राज है इसी तरह से उसे अपने लंड से खेले ने दिया था कि उसका डर एकदम से निकल जाए और फिर उसके बाद उसे चटाई पर लिटा कर उसकी दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाने लगा,,,, रीना को इस बात का एहसास हो गया था कि आपस में खेल शुरू होने वाला है इसलिए उसका दिल जोरों से धड़क रहा था उसे घबराहट भी हो रही थी वह बार-बार अपनी दोनों टांगों के बीच देख रही थी और राजू के लंड को देख रही थी शायद राजू के झुंड को देखकर उसके मन में यही आशंका जाग रही थी कि इतने छोटे से छेद में इतना मोटा लंड जाएगा कैसे,,,, लेकिन वह सब कुछ राजू के ऊपर छोड़ दी थी उसे पता था कि राजू सब कुछ सही कर देगा इसलिए वह उसी तरह से लेटी रही है और राजू उसकी दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल आकर उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ खींचा और उसकी आधी गांड को अपने जांघों पर ले लिया,,,,,

बगल में बुआ सोई हुई थी लेकिन राजू को अब केवल अपना लक्ष्य दिखाई दे रहा था और वह भी रीना की दोनों टांगों के बीच स्थित था जिस पर वह पूरा ध्यान केंद्रित करते हुए अपने लंड को अपने हाथ में लेकर उसके टोपे को उसकी बुर पर पटकना शुरू कर दिया जिससे रीना एकदम से मचल उठी और अपना सर इधर उधर पटकने लगी इतने से ही रीना को बहुत मजा आ रहा था अभी तो अंदर घुसना बाकी था,,,, रीना की गुलाबी बुरे एकदम से पनियाई हुई थी लेकिन फिर भी राजू ढेर सारा थूक उसकी बुर पर गिरा दिया अपने लंड पर लगाकर एकदम गीला कर लिया था कि बड़े आराम से उसकी बुर में घुस सके,,,,, अब अंतिम चरण की शुरुआत हो चुकी थी राजू पहली बार रीना की बुर में लंड प्रवेश कराने जा रहा था जिसका दोनों को बड़ी बेसब्री से इंतजार था दोनों के बदन पसीने से तरबतर हो चुके थे रीना की सबसे बड़ी तेजी से चल रही थी क्योंकि उसके जीवन का वह पहला चुका था जिसके बारे में उसने शायद ही कल्पना की थी,,, क्योंकि रीना अभी तक चुदाई के बारे में कुछ सोच ही नहीं थी लेकिन आज अनजाने नहीं उसकी बुर में लंड का प्रवेश होने जा रहा था शुरुआत होने जा रही थी इसलिए वह बड़ी बेसब्री से अपनी दोनों टांगों के बीच के उस पतली दरार को देख रही थी जिसमें मोटा तगड़ा लगे पूछने वाला था,,,,,



राजू धीरे से अपनी आलूबुखारे जैसे सुपाड़े को रीना के गुलाबी छेद पर रखा और उसे हल्का सा दबाव देता हुआ अंदर की तरफ डालना शुरू कर दिया बुरा पूरी तरह से पानी पानी हो चुकी थी जिससे अंदर की तरफ सरकने में ज्यादा दिक्कत नहीं आ रही थी लेकिन सुपाड़ा को ज्यादा मोटा था इसलिए थोड़ी बहुत मेहनत है राजू को करना जरूरी था ताकि यह क्रिया बड़े आराम से सफलतापूर्वक पार हो सके,,,,, राजू अंदर डालने की कोशिश कर रहा था अब ऐसा लग रहा था कि रीना को दर्द महसूस हो रहा है क्योंकि उसके चेहरे के हाव-भाव बदल रहा था लेकिन वह भी जानती थी कि जिस तरह का आनंद उसे प्राप्त हो रहा है शायद लंड के अंदर घुसते ही वह पूरी तरह से मस्त हो जाए,,, इसलिए अपने दर्द को पीने की कोशिश कर रही थी और उसकी यह कोशिश रंग ला रही थी राजू के लंड का सुपाड़ा धीरे-धीरे गुलाबी छेद में घुसना शुरू कर दिया था देखते ही देखते लंड का आधा हिस्सा बुर में घुस चुका था रीना अपना सर उठा कर बड़ी बेसब्री से और उत्सुकता से अपनी दोनों टांगों के बीच देख रही थी राजू अच्छी तरह से जानता था कि उसे क्या करना है इसलिए वह अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर रीना के कंधों को कस के पकड़ लिया और एक करारा धक्का लगाया और इस बार आधा बचा सुपाड़ा भी बुर के अंदर प्रवेश कर गया लेकिन रीना के लिए यह पहली मर्तबा था इसलिए दर्द का झटका उसके बदन में पूरी तरह से फैल गया और वह एकदम से दर्द से बिलबिला उठी लेकिन शोर मचाना बिल्कुल भी उचित नहीं था इसलिए अपने दांत से अपने होंठ को दबाकर दर्द को पीने की कोशिश करने लगी,,, रीना की यह समझदारी राजू को पूरी तरह से मस्त कर गई,,,, फिर भी राजू रीना को दिलासा देते हुए बोला,,,।


बस बस रीना हो गया बस थोड़ा सा दर्द होगा उसके बाद तुम्हें स्वर्ग का मजा मिलेगा ऐसा मजा मिलेगा तुम जिंदगी में कल्पना भी नहीं की होगी बस थोड़ा सा और सह लो,,,,
(और इतना कहने के साथ ही रहना के दर्द को और कम करने के लिए राजू रीना के ऊपर चुटिया और उसके संतरे को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया उसे दबाना शुरू कर दिया था कि रीना का ध्यान दर्द से हट जाए और ऐसा ही हुआ थोड़ी ही देर में रीना के मुंह से हल्की हल्की सिसकारी निकलने लगी लंड का सुपाड़ा अभी भी बुर के अंदर घुसा हुआ था,,, मौका देखकर राजू एक बार फिर से करारा झटका मारा और इस बार,,,, आधा लंड रीना की बुर में घुस गया एक बार फिर से रीना दर्द से बिलबिला उठी लेकिन इस बार राजू उसके लाल-लाल होठों को अपने मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दिया उसके दर्द को अपने अंदर लेना शुरू कर दिया राजू अपनी सूझबूझ से रीना के दर्द को कम करने की भरपूर कोशिश कर रहा था और उसमें कामयाब भी हो रहा था आधा लंड रीना की बुर में घुस चुका था और आधा लंड अभी भी बाकी था जिसको जैसे तैसे करके राजू रीना की बुर में डाल दिया रीना पूरी तरह से हैरान तक इतना मोटा लंबा लंड उसकी छोटी सी बुर में घुसकर से क्या इसलिए वह अपनी नजर उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच राजू के लैंड को अपनी बुर में छुपे हुए देख रही थी हालांकि दर्द का एहसास उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था लेकिन फिर भी एक अद्भुत सुख अद्भुत अहसास उसके तन बदन ने अपना असर दिखा रहा था जिसके चलते उसकी गहरी गहरी सांसें उसे और ज्यादा उन्मादित कर रही थी,,,,


अपनी बुआ के बगल में ही वह अपनी मामा की लड़की की चुदाई करना शुरू कर दिया था,,, रीना का दर्द धीरे-धीरे कम होने लगा था और दर्द आनंद में परिवर्तित होता जा रहा था गुलाबी के बगल में रहना पूरी तरह से नंगी होकर अपने चचेरे भाई की चुदाई का मजा लूट रही थी इस तरह की हिम्मत वह जिंदगी में पहली बार दिखा रही थी अब तक अपने घर पर भी वह औरतों की मौजूदगी में भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी नहीं हुई थी लेकिन राजू की हरकतों ने उसे पूरी तरह से विवश कर दिया था जिसके चलते हैं वहां राजू के द्वारा अपने कपड़े उतरवाकर नंगी होने के लिए मजबूर हो गई,,, लेकिन नंगी होने के बाद उसे इस बात का आभास हो रहा था कि आनंद लूटने के लिए कपड़े उतारकर नंगी होना बेहद जरूरी है,,,,

राजू अपने मामा की लड़की के बदन से खेल रहा था खिलवाड़ कर रहा था वह हर तरीके से मजा लूट रहा था उसके दोनों संतरो को दोनों हाथ में लेकर कमर को आगे पीछे करके हिला रहा था रीना कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि मेहमान बन कर जिस घर में एक रात के लिए आई है उसी घर में अपने चचेरे भाई से चुदाई का मजा इस कदर लूटेगी कि सब कुछ भूल जाएगी,,,,, गरमा गरम सांसे रीना के मुंह से लगातार निकल रहा था,,, कुछ देर पहले वह सबका से पूरी तरह से गिरी हुई थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राजू का मोटा तगड़ा लंड उसकी बुर में घुस जाएगा लेकिन अब सब कुछ साफ था वह अपनी आंखों से सब कुछ देख रही थी राजू का मोटा तगड़ा लंबा लंड उसकी बुर में बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था और अद्भुत सुख दे रहा था बुर पूरी तरह से कसी हुई थी इसलिए राजू के लंड की उभरी हुई नशे,,, रीना की बुर के अंदर धमाल मचा रही थी उसे एकदम साफ महसूस हो रहा था रगड़ता हुआ इसलिए उसका आनंद और ज्यादा बढ़ता जा रहा था लगातार उसकी बुर से मदन रस का रिसाव हो रहा,,,,,

धीरे-धीरे दोनों चरम सुख के करीब पहुंचने लगे थे लालटेन की पीली रोशनी में कुछ भी छुपा नहीं था सब कुछ उजाले में हो रहा था रीना कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिंदगी का यह पहला संभोग वह रोशनी में करेगी,,, बाहर आंगन में उसके पिताजी आराम से चैन की नींद सो रहे थे उन्हें कहां पता था कि उनकी जवान लड़की अंदर कमरे में अपने ही चचेरे भाई के साथ चुदाई का सुख भोग रही है,,,
और देखते ही देखते चटाई पर अपने चचेरे भाई के धक्के का मजा लेते हुए रीना की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी वह दूसरी बार झड़ने के कगार पर आ चुकी थी और इस बार राजू उसे अपनी बाहों में लेकर अपनी कमर जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया और कुछ ही देर में दोनों एक साथ अपना गरम लावा बाहर फेंक दिए,,, वासना का तूफान शांत हो चुका था राजू का लंड अभी भी रीना की बुर में घुसा हुआ था राजू झड़ने के बावजूद भी उसके लाल-लाल होठों का मजा ले रहा था,,,,, रीना भी इस पल का मजा लूटते हुए राजू को अपने ऊपर से हटा नहीं रही थी अब वह बिल्कुल भी डर नहीं रही थी कि बगल में गुलाबी सो रही है वह राजू के बाल को सहला रही थी उसकी पीठ को थपथपा रही थी,,,, कुछ देर बीता था कि रीना को फिर से राजू का लंड अपनी बुर के अंदर ही मोटा और टनटन आता हुआ महसूस होने लगा तो वह बोली,,,।

राजू मुझे बड़े जोरों की पेशाब लगी है,,,,

तो बाहर जाकर कर लो,,,,

पागल मुझे अकेले जाने में डर लगता है,,,,


तो रुको मैं भी चलता हूं,,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपने लंड को देना की बुर में से बाहर निकलता हुआ उसके ऊपर से उठा और अपने कपड़े पहनने लगा रीना भी अपने कपड़े पहन कर अपने बाल को ठीक कर ली और धीरे से राजू रीना का हाथ पकड़कर धीरे-धीरे उसे कमरे के बाहर ले आया आंगन में ही उसके पिताजी सो रहे थे इसलिए इशारे से ही शोर ना मचाने का बोला और धीरे से घर के बाहर आ गया चारों तरफ अंधेरा छाया हुआ था,,,, आसमान में चांद पूरी तरह से खिला हुआ था इसकी हल्की हल्की रोशनी में थोड़ा थोड़ा साफ नजर आ रहा था लेकिन फिर भी दूर दूर कुछ साफ नजर नहीं आ रहा था,,,, घर के बाहर खड़ा होकर राजू रीना से बोला,,,।

यही कर लो,,,,

यहां पर,,,

हां यहीं पर,,,

अरे पागल हो गई हो क्या दरवाजे के सामने नहीं नहीं मुझसे यहां नहीं होगा,,,,

अरे तो क्या हुआ यहां कोई देख थोड़ी रहा है,,,,

नहीं-नहीं राजू मुझे शर्म आ रही है,,,

तो चलो घर के पीछे,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू रीना को घर के पीछे ले गया चांदनी रात में घर के पीछे अंधेरा होने के बावजूद भी सब कुछ साफ नजर आ रहा था रीना राजू से 5 कदम की दूरी पर जाकर अपनी सलवार की डोरी खोल कर पेशाब करने के लिए बैठ गई चांदनी रात में राजू को रीना की गोरी गोरी गाल नजर आ रही थी जिसे देख कर एक बार फिर से राजू का लंड खड़ा होने लगा राजू अपने मन में सोचा कि कल तो फ्री ना चली जाएगी ऐसा मौका फिर कभी मिले ना मिले और यही सोचकर वह ठीक उसके बगल में जाकर अपना लंड बाहर निकाल कर पेशाब करने लगा रीना के लिए यह बेहद मदहोश कर देने वाला था किसी लड़के को उसने आज तक इतने करीब से पेशाब करते हुए भी नहीं देखी थी राजू के मोटे तगड़े लंबे लंड से निकलते पेशाब की धार को देखकर वह मदहोश होने लगी और पेशाब करके वह तुरंत खड़ी हो गई लेकिन उसकी नजर,,,, राजू के लंड पर से हट नहीं रही थी यह देखकर राजू का मन फिर से रीना को चोदने के लिए करने लगा और रीना अपनी सलवार की डोरी बांध पाती इससे पहले ही उसकी कमर में हाथ डाल कर वह अपनी तरफ खींचा और उसके लाल-लाल होठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा इससे रीना को भी बिल्कुल भी ऐतराज नहीं हुआ और अगले ही पल राजू उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़कर उसकी पीट अपनी तरफ कर लिया और पेड़ का सहारा लेकर उसे जिम जाने के लिए बोला रीना भी अभी तक सलवार की डोरी बात नहीं पाई थी इसलिए सलवार उसके हाथों से छूट कर उसके कदमों में जा गिरी और उसकी गोरी गोरी गाल एक बार फिर से नंगी हो गई और इस बार राजू उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़कर उसे अपनी तरफ खींच कर उसकी गोल गोल गांड को अपने लंड के सिधान पर ले लिया और एक बार फिर से अपने लंड को उसकी गुलाबी छेद में डालकर चोदना शुरू कर दिया रीना की उत्तेजना कम नहीं हो रही थी वह एक बार फिर से वह मस्त हो गई इस बार वह घर के बाहर खुले में चुदाई का मजा ले रही थी चांदनी रात में आसमान के नीचे चुदवाने का मजा ही कुछ और होता है इस बात का एहसास उसे अच्छी तरह से हो रहा था।।

इसके बाद दोनों वापस घर में आकर सो गए किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई सुबह उठकर नाश्ता पानी करके खुद राजू बेल गाड़ी लेकर उन्हें उनके घर छोड़ने के लिए चला गया,,,,,
 
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Ek number

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रीना की बुर की झलक पाकर राजू मदहोश हो चुका था जो कुछ भी उसकी आंखों के सामने दिखा था वह उसकी उत्तेजना बढ़ाने के लिए काफी था वैसे भी रीना की खूबसूरती से वैसे ही उसके तन बदन में हलचल सी हो रही थी,,,,, रीना जिस तरह से हड़बड़ा कर झाड़ियों से बाहर आकर खड़ी हो गई थी और अफरा-तफरी में उसकी सलवार उसकी हाथों से छूट कर उसके कदमों में जा गिरी थी,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे जो कुछ भी हो रहा था वह राजू के लिए ही हो रहा था राजू कभी सोचा नहीं था कि अपनी मामा की लड़की को वह इस हाल में देखेगा उसकी बुर के दर्शन कर पाएगा,,,,, लेकिन अचानक ही राजू की मामा लड़की उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर बढ़ा गई थी अपनी मदमस्त कर देने वाली कुंवारी गुलाबी बुर दिखाकर राजू के लंड को हिला गई थी,,,, यह सब कुछ अचानक ही हुआ था रीना को भी कहां पता था कि राजू के साथ थोड़ी दूर जाने पर ही उसके पेट में गड़बड़ी हो जाएगी और ना चाहते हुए भी उसे राजू की मदद लेनी पड़ेगी और उसकी मदद लेते हुए अपने बेशकीमती खजाने को उसके सामने उजागर करना पड़ेगा इस तरह के हालात रीना के सामने पहली बार आए थे और राजू के साथ भी या पहली बार हो रहा था कि वह किसी खूबसूरत लड़की के लिए पानी का डब्बा लेकर गया था,,,,, एक तरफ रीना जहां इस हादसे से पूरी तरह से शर्म से पानी पानी हो जा रही थी वहीं दूसरी तरफ राजू मारे खुशी से चमक रहा था,,,,, और घर की ओर लौटते समय अचानक हुई रीना की नजर राजू के पाजामे पर चली गई थी जिसके उभार को देखकर जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी रीना के तन बदन में हलचल सी होने लगी थी,,,, हालांकि अभी तक रीना ने जवान लंड के दर्शन नहीं की थी लेकिन इतना तो वह जानती थी कि लड़कों के पैजामा में कौन सा हथियार छुपा रहता है इसलिए पजामें मैं तने हुए खूटे को देखकर ना चाहते हुए भी रीना की बुर फुदकने लगी थी,,,,,

दोनों घर पर पहुंचे तो अभी भी वहां विवाह की ही बात हो रही थी अपने विवाह की बात को लेकर गुलाबी नाराज थी क्योंकि वह इतनी जल्दी इस घर को छोड़कर नहीं जाना चाहती थी क्योंकि उसकी जरूरत घर में ही पूरी हो रही थी और वह अच्छी तरह से जानती थी कि राजू की तरह उसके बदन की प्यास कोई और मर्द नहीं बुझा सकता,,,,, हरिया को भी इतनी जल्दी गुलाबी की विवाह की बात अच्छी नहीं लगी थी लेकिन लोग समाज की बात को अच्छी तरह से जानता था गुलाबी विवाह के लायक कब का हो चुकी थी इस तरह से उसे घर पर बैठा ना ठीक भी नहीं था इसलिए ना चाहते हुए भी उसे अपने साले की बात माननी पड़ी और विवाह के लिए राजी होना पड़ा,,,,, थोड़ी बहुत इस विवाह को लेकर सब में नोकझोंक थी लेकिन मधु इस विवाह से बेहद खुश थी क्योंकि इसके बाद राजू सिर्फ उसका ही होकर रह जाने वाला था,,,,,

खाना खाकर सोने की तैयारी होने लगी,,,,, आंगन में खटिया डालकर राजू के मामा का बिस्तर लगा दिया गया,,,, और मधु रीना को अपने साथ सोने के लिए बोली तो रीना ने साफ इंकार कर दी वह बोली कि उसे गुलाबी के साथ सोना है क्योंकि वह किसी भी तरह से राजू का साथ पाना चाहती थी और वह जानती थी कि राजू और गुलाबी दोनों एक ही कमरे में सोते हैं क्योंकि यह बात को मधु ही अपने मुंह से बताई थी,,,, रीना अच्छी तरह से जानती थी कि सुबह उसे चले जाना है इसलिए वह गुलाबी और राजू से बातें करते हुए अपना समय बिताना चाहती थी,,,,, राजू की मौजूदगी में शर्म से पानी पानी होने के बावजूद भी रीना का आकर्षण राजू की तरफ बढ़ता जा रहा था,,,, खास करके जब से उसकी नजर उसके पैजामा की तरफ गई थी तब से उसका आकर्षण राजू की तरफ कुछ ज्यादा ही बढ़ रहा था उसे इस बात का एहसास हो गया था कि उसे अर्ध नग्न हालत में देख कर ही राजू के पजामे में खूंटा तन गया था पहली बार उसे इस बात का आभास हुआ था कि उसकी गर्म जवानी के कारण किसी का लंड खड़ा हो रहा था क्योंकि वह अपनी आंखों से देख रही थी,,,,।

आखिरकार रीना गुलाबी और राजू के साथ उसे कमरे में चली गई खटिया को एक कोने में खड़ी करके चटाई बिछा दी गई जिस पर तीनों आराम से सो सकें,,,, गुलाबी ज्यादा बातें नहीं कर रही थी क्योंकि उसे अपने विवाह को लेकर नाराजगी थी लेकिन फिर भी मजबूर थी इसलिए थोड़ी बहुत बात करके कब उसकी आंख लग गई उसे पता ही नहीं चला राजू और रीना की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी रीना बीच में सोई हुई थी और राजु और गुलाबी उसके अगल-बगल,,,, इधर उधर की बातें करते हुए राजू जानबूझकर खेत वाली बात को उभारते हुए बोला,,,।

मैं माफी चाहता हूं रीना,,,

किस लिए,,,

खेत में जो कुछ भी हुआ उसमें मेरी कोई गलती नहीं थी सब कुछ अचानक ही हो गया था,,,,
(खेत वाली जिक्र होते ही रीना शर्मा गई,,,, कमरे में लालटेन जल रही थी जिसकी पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था)

कोई बात नहीं मैं जानती हूं सब कुछ अनजाने में हुआ था,,,

लेकिन तुम एकाएक झाड़ियों के पीछे से बाहर क्यों निकल आई आवाज भी तो दे सकती थी,,,


मैं डर गई थी,,,


किस लिए,,,,(दोनों बड़े धीमे स्वर में बात कर रहे थे)

झाड़ियों में बड़ी तेजी से सुरसुरा हट हुई थी मैं एकदम से घबरा गई इसलिए बाहर आ गई थी,,,,,

ओहहह ,,,, पर इस तरह से घबराना नहीं चाहिए हिम्मत से काम लेना चाहिए अगर मेरी जगह कोई और होता तो,,,,


तो क्या होता,,,,


अरे बहुत कुछ हो जाता तुम नहीं जानती गांव के लड़कों को,,,,,


क्यों,,,?(रीना आश्चर्य जताते हुए बोली तो राजू एकदम इत्मीनान से हाथ की कोहनी का सहारा लेकर अपनी गर्दन को ऊपर की तरफ उठा लिया और रीना की तरफ मुंह करके बात करते हुए बोला)


अरे पगली जो कुछ भी नजर आ रहा था उसे देखकर मेरी जगह गांव का कोई भी लड़का होता तो ना जाने क्या कर बैठता,,,,


ऐसा क्या नजर आ गया था,,,,,( रीना अच्छी तरह से जानती थी कि जिस हालात में वह खड़ी थी उस हालात में राजू ने क्या देखा था लेकिन फिर भी जानबूझकर बोल रही थी लेकिन यह बोलते हुए भी उसकी आंखों में शर्म साफ नजर आ रही थी जो कि लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था यह देखकर राजू के तन बदन में भी हलचल सी होने लगी थी,,,,,)

क्या सच में तुम जानना चाहती हो कि क्या नजर आ रहा था,,,

हां मैं सच में जानना चाहती हूं मुझे भी तो पता चले कि ऐसा क्या नजर आ रहा था जिसे देखकर मेरे साथ कुछ भी हो सकता था,,,,


अरे पगली तुम्हारी बुर नजर आ रही थी,,,(राजू एकदम बेझिझक होकर बोला उसके मुंह से बुर शब्द सुनकर रीना के तन बदन में हलचल सी मचने लगी,,,, वह कभी सोच ही नहीं थी कि राजू इस तरह से एकदम खुलकर बोल देगा इसलिए वह एकदम से जीत गई वह अपनी नजर को नीचे झुका ली,,, वह कुछ बोल नहीं पाई बस उसके मुंह से इतना ही निकला,,,)

धत्,,,,,,,


अरे सच में मैं झूठ थोड़ी कह रहा हूं जो दिखाई दिया वही तो बता रहा हूं,,, मुझे तो एकदम साफ नजर आ रही थी अच्छा ही होगा कि चांदनी रात थी वरना मैं इतना खूबसूरत दृश्य देख नहीं पाता,,,,


धत्,,,, यह क्या कह रहे हो,,,(शर्मा कर रीना दूसरी तरफ नजर घुमा ली,,,)

अरे सच कह रहा हूं रहना मेरी कसम अच्छा यह बताओ तुम्हारी बुर पर हल्के हल्के बाल है ना,,,,
(राजू की ऐसी बात सुनकर रीना कुछ बोली नहीं बस खामोश नहीं मंद मंद मुस्कुरा रही थी आज तक उससे इस तरह की किसी ने भी बात नहीं किया था,,, इसलिए उसके बदन में गर्माहट फैल रही थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह राजू से क्या बोले क्योंकि जो कुछ भी वह कह रहा था उसमें बिल्कुल भी झूठा पर नहीं था एकदम खरा सच था जिससे वह इंकार नहीं कर सकती थी वह तो केवल शर्मा कर इस तरह की बातें कर रही थी वह जानती थी कि राजू ने उसकी बुर को अपनी आंखों से देख चुका है,,,, रीना को शर्माता देखकर राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा उसके लंड की अकड़ बढ़ने लगी वह अंदर ही अंदर खुश हो रहा था क्योंकि उसकी बात का जरा भी बुरा रीना नहीं मान रही थी,,,, रीना को खामोश देखकर राजू फिर से वही तार छेड़ता हुआ बोला,,,)

बोलो ना रीना क्या मैं झूठ कह रहा हूं,,,,

हा तुम बिलकुल झूठ कह रहे हो ऐसा कुछ भी नहीं है,,,,


अगर ऐसा है तो एक बार फिर से दिखा दो अगर मेरे कहे अनुसार तुम्हारी बुर पर हल्के हल्के बाल ना हुए तो मैं अभी इस कमरे से बाहर चला जाऊंगा,,,,, बोलो तैयार हो,,,, मैं पल भर में ही तुम्हारी बुर की खूबसूरती को अपनी आंखों से देख चुका हूं एकदम गुलाबी कचोरी की तरह फूली हुई उस पर हल्के हल्के बाल मानो उसकी और भी ज्यादा शोभा बढ़ा रहे हो,,,,, और तुम्हारी बुर एकदम एक पतली लकीर नुमा है अभी तक उसने गुलाबी पति बाहर नहीं निकली है,,,,, बोलो मैं सच कह रहा हूं या झूठ और मैं यह भी देखा था कि तुम्हारे पेशाब की बूंद तुम्हारे रेशमी झांठ के बाल पर लगी हुई थी जो कि मोती की तरह चमक रही थी,,,,,,,


हाय दैया,,,,(राजू के मुंह से इतनी गंदी बात सुनकर रीना का मुंह आश्चर्य से खुला का खुला रह गया उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है राजू से इतनी गंदी बातें कैसे कर रहा है क्योंकि आज तक उससे इस तरह की गंदी बात किसी ने भी नहीं किया था लेकिन ना जाने क्यों राजू कि इस तरह की अश्लील बातों में उसे आनंद प्राप्त हो रहा था जिससे वह इनकार नहीं कर पा रही थी भले ही मुंह से वह नकार रही थी लेकिन चेहरा बता रहा था कि राजू की बातें उसे बेहद उत्तेजित कर रही थी जो कि लालटेन की रोशनी में उसका गोरा मुखड़ा टमाटर की तरह लाल हुआ जा रहा था,,,,)

मैं सच कह रहा हूं कि ना मुझे सब कुछ साफ नजर आ रहा था अगर तुम्हें झूठ लग रहा है तो रुको मैं देखकर बता सकता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही एकदम से उठ कर बैठ गया और पीठ के बल लेटी हुई रीना की कुर्ती को ऊपर करके उसकी सलवार की डोरी को दोनों हाथों से पकड़ लिया रीना एकदम से घबरा गई और उसका हाथ पकड़ कर झटकते हुए बोली,,,)

हाय दैया यह क्या कर रहे हो तुम्हें शर्म नहीं आ रही है कोई,,,, देख लिया तो,,,,
(रीना के मुंह से कोई देख लिया वाली बात सुनकर राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि वह समझ गया था कि रीना के मन में भी वही चल रहा है जो उसके मन में चल रहा था,,, इसलिए राजू बोला,,,,)

कोई नहीं देखेगा और मैं कहां कुछ कर रहा हूं,,,, सिर्फ तुम्हें वही दिखा रहा हूं जो मैंने देखा हूं,,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू ने फिर से रीना के सलवार की डोरी को अपने हाथ में पकड़ लिया थोड़ी ना फिर से उसे हटाते हुए बोली,,)

नहीं रहने दो तुम जो भी कह रहे हो सच है लेकिन देखने की जरूरत नहीं है,,,,(दोनों बेहद फुसफुसाने वाली आवाज में बातें कर रहे थे ताकि बगल में सो रही गुलाबी को जरा भी भनक ना हो,,,, रीना का रवैया देखकर राजू का मन उदास हो गया वह कुछ कर नहीं पाया और रीना शर्म के मारे आगे नहीं बढ़ पाई बगल में गुलाबी सो रही थी उसे इस बात का डर था कि अगर गुलाबी उठ गई तो क्या होगा जबकि इस बात का डर राजू को बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि गुलाबी भी उसी कश्ती में सवार थी मन मसोसकर रीना गुलाबी की तरफ करवट लेकर लेट गई लेकिन राजू का मन मान नहीं रहा था राजू भी कुछ देर तक पीठ के बल लेटा रहा लेकिन ऐसा लग रहा था कि रीना की बुर की खुशबू उसके लंड को मिल चुकी थी इसलिए बैठने का नाम नहीं ले रहा था वह उसी तरह से खड़ा का खड़ा था,,,, राजू से बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था तो वह कुछ देर बाद रीना की तरफ करवट करके लेट गया लेकिन थोड़ा सा आगे की तरफ बढ़ गया जिससे उसका लंड सीधे रीना की गांड पर जाकर रगड़ खाने लगा रीना एकदम से मदहोश हो गई क्योंकि वह समझ गई थी कि उसकी गांड पर कौन सी नुकीली चीज रगड़ रही है,,,, वह एकदम से मदहोश होने लगी लेकिन इस बार बार राजू को रोक नहीं पा रही थी क्योंकि उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी थी उसका सब्र भी जवाब दे गया था और राजू अपने लंड को रीना की गांड पर रगड़ता रहा,,,,,

रीना की हालत खराब होती जा रही थी उत्तेजना के मारे उसका गला सूखता जा रहा था पहली बार किसी जवान लड़के ने उसके नितंबों पर इस तरह से अपने लंड को रगड़ना शुरू किया था इसलिए पहली मर्तबा एक जवान लंड को अपनी गांड पर महसूस करके वह पूरी तरह से मदहोश होने लगी,,,,, लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था गुस्से का नाटक करके रीना सोने का नाटक तो कर रही थी लेकिन नींद उसकी आंखों से कोसों दूर थी क्योंकि जिस तरह से राजू ने उससे सीधी जबान में बुर पेशाब की बूंद इस तरह की बातें किया था उन शब्दों को सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना की हथौड़े बज रहे थे जिससे उसका चयन और करार दोनों खोने लगा था रीना भी अब राजू की हरकत का मजा ले रही थी कुछ देर तक राजू इसी तरह से अपना लंड उसकी गांड पर रगड़ता रहा जब किसी भी प्रकार की हरकत रीना के बदन में नहीं हुई तो हिम्मत दिखाते हुए राजू अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी हथेली को रीना की गांड पर रखकर जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,, रीना मदहोश होने लगे उसके बदन की नसों में उत्तेजना की लहर लहू बनकर दौड़ने लगी उसकी सांसे गुजरी चलने लगी और गहरी सांसो को देखकर राजू की हिम्मत और ज्यादा बढ़ने लगी राजू समझ गया था कि रीना को मजा आ रहा है उसे आनंद मिलना है और इसी आनंद को बढ़ाने के लिए राजू हिम्मत दिखाते हुए अपना हाथ जोकि रीना की गांड को मसल रहा था वहां से हटाकर राजू ने अपनी हथेली को रीना की चूची पर रख दिया और रीना एकदम से मस्त हो गई हल्की सी कराहने की आवाज निकल गई जब राजू उसकी चूची पर हाथ रखकर जोर से दबा दिया,,,, नीचे से राजू अपनी कमर को आगे खेलते हुए पूरा का पूरा अपना लंड उसकी गांड की दरार में धंसाने की कोशिश करने लगा और ऊपर से उसके दोनों नारंगी ओ को अपनी एक हथेली से दबाना शुरू कर दिया बारी बारी से राजू अपने मामा की लड़की की दोनों चूचियों को दबा रहा था यह पहली मर्तबा था जब रीना की चूची किसी मर्दाना हाथ में थी और उसे अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था बार-बार वह गुलाबी की तरफ देख ले रही थी कि कहीं गुलाबी जागना चाहिए लेकिन गुलाबी घोड़े बेच कर सो रही थी,,,,,

राजू की हीम्मत और ज्यादा बढ़ने लगी राजू एकदम से रीना के पीछे जाकर चिपक गया और उसकी गर्दन पर अपनी हॉट रखकर चुंबन करने लगा बस फिर क्या था रीना अपना धैर्य एकदम से खो गई थी वह पूरी तरह से मदहोश हो गई पहली बार किसी मर्दाना बाहों में थी वह धीरे-धीरे पिघलना शुरू कर दी उसकी बुर से मदन रस टपकने लगा,,,,, उससे जवानी की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी और वह बार-बार अपनी गांड में धंस रहे राजू के केंद्र को हाथ पीछे की तरफ लाकर पर जाने के ऊपर से ही पकड़ ली,,,, यह रीना की तरफ से जीवन में पहली प्रतिक्रिया थी जो कि बेहद लुभावनी और कामुकता से भरी हुई थी पहली बार वह किसी लंड को अपने हाथ में ले रही थी और वह भी पायजामा के ऊपर से,,,, राजू का लंड इतना मोटा था कि उसकी हथेली पूरी भरी की भरी रह गई रीना की गहरी सांस चलने लगी और रीना की हरकत देखकर राजू की हिम्मत और ज्यादा बढ़ने लगी तो वहां उसका कंधा पकड़ कर उसे अपनी तरफ घुमाने लगा अब शर्माने से कोई फायदा नहीं था इसलिए रीना धीरे से राजू की तरफ करवट लेने लगी लेकिन आंखों को बंद किए हुए थी आज उसे नजर मिलाने में उसे शर्म महसूस हो रही थी,,,,,,,


लालटेन की पीली रोशनी में राजू को सब कुछ साफ नजर आ रहा था रीना का खूबसूरत चेहरा उत्तेजना से तमतमा रहा था उसके लाल लाल होंठों मैं कंपन हो रहा था जिसे देखकर राजू से रहा नहीं गया और वहां अपने होठों को आगे बढ़ा कर रीना के लाल-लाल होठों पर रखकर चुंबन करने लगा ,,, रीना की जिंदगी में आज सब कुछ पहली बार हो रहा था पहली बार वह चुनाव का आनंद ले रहे थे जैसे ही राजू के होंठ अपने होंठों पर महसूस की उसके तन बदन में आग लग गई वह एकदम से सिहर उठी और राजू एक हाथ उसके नितंबों पर रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया,,,, लेटे हुए ही रीना उसकी बाहों में समा गई और राजू पागलों की तरह उसके होठों का रसपान करने लगा अभी तक राजू का लंड पीछे से उसकी गांड में घुसने का प्रयास कर रहा था और आगे से अब तो राजू का लंड सलवार के ऊपर से ही उसकी बुर पर ठोकर मार रहा था,,,, जिससे रीना की काम पिपासा बढ़ते जा रही थी वह अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पा रही थी यह जानते हुए भी कि उसके बगल में गुलाबी सो रही है वह बिल्कुल गई उसकी चिंता किए बिना राजू की हरकतों का मजा ले रही थी,,,,, कुछ देर तक राजू रीना के लाल-लाल होठों का रस पीकर हां लेकिन उसकी उत्तेजना पढ़ाते हुए वह अपना एक हाथ सलवार के अंदर डालकर उसकी बुर को हथेली में भर-भर कर दबाने लगा राजू की यह हरकत रीना के लिए बेहद घातक साबित हो रही थी उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी ऐसा लग रहा था कि वह किसी तूफान में फंसती चली जा रही है जिसमें से निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था राजू केला खाया था औरतों को कैसे काबू में किया जाता है यह वाह भली-भांति जानता था इसीलिए तो रीना की उत्तेजना के केंद्र बिंदु को दबाना शुरू कर दिया था जिससे रीना के लिए वापस लौटना नामुमकिन हो जाए,,,,।

रह रह कर रीना के मुंह से गर्म सिसकारी फूट पड़ रही थी लेकिन वह बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज को दबाए हुए थी,,,,, राजू सलवार में हाथ डालकर रीना की बुर से खेलते हुए रीना से बोला,,,।

तुम बहुत खूबसूरत हो रीना तुम्हारे जैसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखा,,,,।
(राजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर रीना को बहुत खुशी हो रही थी,,,,, लेकिन फिर भी शर्म के मारे बात का रुख दूसरी तरफ मोडते हुए बोली,,,)

राजू मुझे डर लग रहा है अगर ये जाग गई तो,,,

कौन बोला तुमको बाकी चिंता बिल्कुल भी मत करो वह घोड़े बेच कर सोती हैं अब सुबह से पहले उठने वाली नहीं है,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू उठ कर बैठ गया और जिस कार्य को करने में अभी तक रीना रुकावट बन रही थी अब उसी कार्य को अंजाम देते हुए सलवार की डोरी को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया लेकिन इस बार भी ना उसे रोक नहीं पाई बस शर्मा और डर के मारा गुलाबी की तरफ देख रही थी कहीं गुलाबी जाग ना जाए,,,, राजू का दिल भी बड़े जोरों से धड़क रहा था क्योंकि वह बेहद खूबसूरत बुर के दर्शन करने जा रहा था,,,, यही हाल है ना कभी था जिंदगी में पहली बार कोई जवान लड़का उसकी सलवार खोलने जा रहा था उसकी बुर के दर्शन करने जा रहा था और ना जाने उसकी बुर के साथ क्या-क्या करने वाला था जिसके बारे में सोच कर ही उसके बदन में सिहरन सी दौड़ रही थी,,,,, देखते ही देखते राजू अपने मामा की लड़की की सलवार की डोरी को खींच कर खोल दिया सलवार कमर से एकदम से देरी हो गई और बिना देर किए राजू सलवार को दोनों हाथों से पकड़कर उसे नीचे की तरफ खींचने लगा तो,,,, रीना समझदारी दिखाते हुए अपनी गांड को हल्के से ऊपर की तरफ उठा ली क्योंकि वह भी जानती थी कि इस तरह से सलवार उतरने वाली नहीं थी,,, मौके की नजाकत को समझते हुए राजू बड़ी ही समझदारी से रीना की सलवार उसके पैर में से निकाल कर एक तरफ रख दिया कमर के नीचे रीना पूरी तरह से नंगी हो गई यह पहली मर्तबा था जब वह जवान लड़के के सामने एकदम नंगी थी एकदम नंगी नहीं लेकिन कमर के नीचे जो अंक बेशकीमती और छुपाने लायक थी वह पूरी तरह से उजागर हो चुकी थी जिस पर राजू की प्यासी नजर चिपक सी गई थी ,,,,,।

राजू पागलों की तरह रहना की बुर की तरफ देख रहा था उसके दोनों टांगों के बीच की पतली दरार बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी रीना एक नजर राजू की तरफ दादी तो राजू को अपनी बुर देखता हुआ पाकर वह शर्म से अपनी नजर को दूसरी तरफ घुमा ली,,,, राजू अपने हाथों से उसकी दोनों टांगों को थोड़ा सा खोलते हुए और अपनी उंगली उसकी चिकनी बुर पर रखते हुए बोला,,,।

बाप रे कितनी मुलायम है मैंने आज तक इतनी खूबसूरत दूर नहीं देखा एकदम गुलाब के पत्ते की तरह नरम गरम है,,,,
(राजू की उंगलियों को अपनी बुर पर महसूस करते हैं उसके बदन में कंपन महसूस होने लगी उसकी बुर से काम रस टपक रहा था जिससे उसकी पूरी बुर गीली हो चुकी थी इस तरह से पहली बार रीना की बुर पनियाई हुई थी,,,, राजू से सब्र कर पाना मुश्किल हुआ जा रहा था इसलिए वह तुरंत दोनों जनों पर अपनी हथेली रखकर उसे उत्तेजना से दबाते हुए अपने प्यासे होठों को उसकी दोनों टांगों के बीच ले जाने लगा तो रीना यह देखकर कसमसाने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करने वाला है,,,,। लेकिन अगले ही पल राजू के गरम होठों को अपनी तपती हुई बुर पर महसूस की तो वह एकदम से मचल उठी,,, उसे अपने आप पर बिल्कुल भी सब्र नहीं हुआ और अपने आप ही उसकी कमर हवा में उठ गई जो कि दर्शा रहा था कि उसे कितना आनंद प्राप्त हुआ है पहले तो रीना को बहुत अजीब लगा क्योंकि मुझे इस बात का पता बिल्कुल भी नहीं था कि मर्द औरत की बुर को इस कदर अपने होंठ से अपनी जीभ से चाटते है इसलिए तो राजू की हरकत पर को पूरी तरह से मदहोश हो गई थी उसकी आंखें एकदम से बंद हो गई थी और गहरी गहरी सांस लेने लगी थी और बड़ी ही उत्तेजना का प्रदर्शन करते हुए राजू भी रीना की कमर कुछ और से दोनों हाथों में दबाकर उसकी बुर के अंदर अपनी जीभ डाल कर चाट रहा था पहली बार था इसलिए रीना की बुर कुछ ज्यादा ही पानी छोड़ रही थी,,,,। राजू अपना पूरा अनुभव और करता रीना के ऊपर लगा दे रहा था रीना पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी पहली बार जवानी की याद उसके वजन को चला रही थी जिसे बुझाने का जिम्मा राजू ने अपने कंधों पर उठा रखा था अपनी चचेरी बहन अपने मामा की लड़की की दोनों टांगों को फैला कर रहा जो उसकी अनछुई गुलाबी बुर को चाट रहा था,,,।

बुर का छोटा सा गुलाबी छेद देखकर राजू समझ गया था कि अभी तक रीना की बुर में लंड का प्रवेश नहीं हुआ है जिससे एकाएक उस में लंड डालने में तकलीफ आ सकती थी इसलिए अपने लंड के लिए रास्ता बनाते हुए राजू अपनी मामा की लड़की की बुर में अपनी एक उंगली धीरे-धीरे डालना शुरू कर दिया लेकिन इस समय राजू की उंगली भी रीना के लिए लंड समान थी वह पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वाकई में उसकी बुर में लंड घुसा जा रहा है वह अपनी नजर उठा कर अपनी दोनों टांगों के बीच देखने लगी,,,,, पहली बार वह अपने बुर की हालत देख रही थी जोकि राजू अपनी हरकतों से खराब कर रहा था,,,,,।

धीरे-धीरे उंगली से रीना को मजा आने लगा कि दर्द उसे हो रहा था लेकिन आनंद भी बहुत मिल रहा था,,,, जब एक उंगली से रीना को मजा आने लगा तो हिम्मत करके राजू दूसरी उंगली भी धीरे-धीरे प्रवेश करने लगा इस बार थोड़ा सा दर्द महसूस हुआ तो वह अपना हाथ आगे बढ़ा कर राजू के बाल को कस के पकड़ ली क्योंकि वह उत्तेजित भी बड़ी तेजी से हो रही थी और देखते ही देखते राजू दर्द और आनंद का मिश्रण देते हुए अपनी दूसरी उंगली भी रीना की बुर में प्रवेश करा दिया और उसे गोल गोल घुमा कर अपने लंड के लिए जगह बनाने लगा लेकिन उसकी हरकत रीना को चरम सुख के करीब लेकर जा रही थी रीना मदहोश होकर चटाई पर मचल रही थी बगल में ही गुलाबी गहरी नींद में सो रही थी उसे इस बात का अंदाजा भी नहीं था उसकी उसके बगल में पहली बार ही आई रीना को राजू पर पेलने जा रहा है,,,,, मदहोशी में उत्तेजना के कारण रीना पसीने से तरबतर हो चुकी थी उसकी कुर्ती भीगने लगी थी राजू रह-रहकर रीना की बुर का मजा लेते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाकर कुर्ती के ऊपर से यही उसके दोनों संतानों को दबा देता था जिससे रीना का मजा दोगुना होता जा रहा था,,,, देखते-देखते रीना की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उसे क्या हो रहा है उसका बदन अकड़ने लगा था माथे पर पसीने की बूंदें ऊपर आई थी वह एकदम से घबरा गई थी लेकिन अगले ही पल उसकी बुर से मदन रस की पिचकारी फूट पड़ी और जिस प्रकार का आनंद उसे प्राप्त हुआ वह पूरी तरह से मदहोश हो गई उस आनंद के सागर में अपने आप को डुबो ले गई,,,,


रीना राजू के प्रयास से झड़ चुकी थी और झड़ने में उसे अद्भुत सुख का प्राप्ति हुआ था वह पूरी तरह से मदहोश हो गई थी उसकी आंखों में नशा छाने लगा था और उसकी बुर से निकलने वाली मादक रस की पिचकारी राजू अपने जीभ से चाट चाट कर उसे गले के नीचे उतार ले गया था,,, राजू को पूरा विश्वास हो गया था कि वह अपने लंबे मोटे लंड को रीना की गुलाबी छेद में आराम से डाल सकेगा इसलिए वह अपना कुर्ता उतारने लगा और फिर खड़े होकर अपना पजामा भी उतार दिया रीना की आंखों के सामने पहली बार कोई जवान लड़का एकदम नंगा हुआ था राजू के नंगे लंड को देखकर वो एकदम से सिहर उठी थी पहली बार बार किसी जवान लड़के के लंड को देख रही थी उसे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मर्द की दोनों टांगों के बीच इतना मोटा और लंबा हथियार होता है वह देखकर एकदम घबरा गए थी,,,, राजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि रीना के मन में क्या चल रहा है इसलिए वह उसके करीब जाकर बैठ गया और उसे उठा कर बैठाते हुए उसके कुरते को भी निकालने लगा तो प्रश्नवाचक दृष्टि से वह गुलाबी की तरफ देखी तो राजू बोला,,,।


तुम चिंता मत करो रीना बुआ सुबह से पहले उठने वाली नहीं है,,,,


तुम सच कह रहे हो ना राजू,,,,


अपनी कसम,,,,
(ना चाहते हुए भी रीना को राजू की बातों पर विश्वास करना पड़ रहा था क्योंकि उसका बदन उसका साथ नहीं दे रहा था वह भी चुदाई के सुख को प्राप्त करना चाहती थी इसलिए वह राजू की बात मानते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठा देता कि राजू बड़े आराम से उसकी कुर्ती को भी उतार सकें और अगले ही पल राजू फुर्ती दिखाते हुए उसकी कुर्ती को निकालकर रीना को भी पूरी तरह से नंगी कर दिया लालटेन की पीली रोशनी में रीना बला की खूबसूरत लग रही थी उसका नंगा जिसमें लालटेन की रोशनी में चमक रहा था जिसे देखकर राजू के मुंह में पानी आ रहा था,,, उसकी नारंगी जैसे चुचियों को देखकर राजू से बिल्कुल भी रहा नहीं गया और वह आगे बढ़कर रीना की चूची को एक हाथ में पकड़ कर उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,, अब तक रही ना सिर्फ बच्चों को ही चूची पीते देखी थी इसलिए राजू की हरकत उसके बदन में सिहरन सी दौड़ आ गई वह एकदम से कसमसा गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें राजू बच्चे की तरह उसकी चूची को पकड़कर पी रहा था यहां रीना के लिए बेहद अद्भुत था वह कभी सोची नहीं थी कि एक जवान लड़का लड़की की चूची को भी पकड़ कर पीता है और एकदम बच्चों की तरह,,,, लेकिन राजू की हरकत से उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी राजू रीना की संतरे जैसी चूची को जोर जोर से दबाते हुए उसे पी रहा था स्तन मर्दन कर रहा था जिससे रीना का मजा और ज्यादा बढ़ता जा रहा था,,,,,, देखते ही देखते रहना फिर से तैयार हो चुकी थी वह पूरी तरह से मदहोश होने लगी थी उसकी आंखों में खुमारी जाने लगी थी राजू उसकी चूची को मुंह में लेकर पीते हुए उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने लंड पर रख दिया था कि उसका डर कम हो जाए,,,, लेकिन जैसे ही राजू में रीना का हाथ पकड़ कर उसे अपने मोटे लंड पर रखा रीना एकदम से चौक गई और अपना हाथ पीछे ले ली उसे लगा कि जैसे कोई गर्म लोहे के रोड पर उसका हाथ पड़ गया हो,,,,, रीना की हड़बड़ाहट और घबराहट देखकर राजू अंदर ही अंदर मुस्कुरा उठा वह समझ गया था कि आज उसे अनचोदी बुर मिलने वाली है,,,,, लेकिन जैसे ही करीना को इस बात का एहसास हुआ कि राजू ने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया था उसके तन बदन में अजीब सी लहर उठने लगी और वहां फिर से राजू के लंड को पकड़ने के लिए लालायित हो गई तो राजू फिर से उसकी हथेली को अपने लंड पर रख दिया लेकिन इस बार रीना उत्तेजना के चलते अपनी हथेली को राजू के लंड से हटाई नहीं और कसके उसे दबा ली,,,, रीना की खुशी देखकर राजू उत्तेजित हो गया और वह जोर-जोर से रीना की चूची दबाते हुए दोनों चूची को बारी बारी से पीना शुरू कर दिया रीना की बुर एक बार फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दी थी,,,,,।

रीना को पता नहीं था कि मर्द के लंड से कैसे खेला जाता है इसलिए वहां अपनी हथेली में लेकर उसे कसकस के सिर पर दबा रही थी हिला बिल्कुल भी नहीं रही थी लेकिन इसी से राजू को मजा आ रहा था कुछ देर तक राज है इसी तरह से उसे अपने लंड से खेले ने दिया था कि उसका डर एकदम से निकल जाए और फिर उसके बाद उसे चटाई पर लिटा कर उसकी दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाने लगा,,,, रीना को इस बात का एहसास हो गया था कि आपस में खेल शुरू होने वाला है इसलिए उसका दिल जोरों से धड़क रहा था उसे घबराहट भी हो रही थी वह बार-बार अपनी दोनों टांगों के बीच देख रही थी और राजू के लंड को देख रही थी शायद राजू के झुंड को देखकर उसके मन में यही आशंका जाग रही थी कि इतने छोटे से छेद में इतना मोटा लंड जाएगा कैसे,,,, लेकिन वह सब कुछ राजू के ऊपर छोड़ दी थी उसे पता था कि राजू सब कुछ सही कर देगा इसलिए वह उसी तरह से लेटी रही है और राजू उसकी दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल आकर उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ खींचा और उसकी आधी गांड को अपने जांघों पर ले लिया,,,,,

बगल में बुआ सोई हुई थी लेकिन राजू को अब केवल अपना लक्ष्य दिखाई दे रहा था और वह भी रीना की दोनों टांगों के बीच स्थित था जिस पर वह पूरा ध्यान केंद्रित करते हुए अपने लंड को अपने हाथ में लेकर उसके टोपे को उसकी बुर पर पटकना शुरू कर दिया जिससे रीना एकदम से मचल उठी और अपना सर इधर उधर पटकने लगी इतने से ही रीना को बहुत मजा आ रहा था अभी तो अंदर घुसना बाकी था,,,, रीना की गुलाबी बुरे एकदम से पनियाई हुई थी लेकिन फिर भी राजू ढेर सारा थूक उसकी बुर पर गिरा दिया अपने लंड पर लगाकर एकदम गीला कर लिया था कि बड़े आराम से उसकी बुर में घुस सके,,,,, अब अंतिम चरण की शुरुआत हो चुकी थी राजू पहली बार रीना की बुर में लंड प्रवेश कराने जा रहा था जिसका दोनों को बड़ी बेसब्री से इंतजार था दोनों के बदन पसीने से तरबतर हो चुके थे रीना की सबसे बड़ी तेजी से चल रही थी क्योंकि उसके जीवन का वह पहला चुका था जिसके बारे में उसने शायद ही कल्पना की थी,,, क्योंकि रीना अभी तक चुदाई के बारे में कुछ सोच ही नहीं थी लेकिन आज अनजाने नहीं उसकी बुर में लंड का प्रवेश होने जा रहा था शुरुआत होने जा रही थी इसलिए वह बड़ी बेसब्री से अपनी दोनों टांगों के बीच के उस पतली दरार को देख रही थी जिसमें मोटा तगड़ा लगे पूछने वाला था,,,,,

राजू धीरे से अपनी आलूबुखारे जैसे सुपाड़े को रीना के गुलाबी छेद पर रखा और उसे हल्का सा दबाव देता हुआ अंदर की तरफ डालना शुरू कर दिया बुरा पूरी तरह से पानी पानी हो चुकी थी जिससे अंदर की तरफ सरकने में ज्यादा दिक्कत नहीं आ रही थी लेकिन सुपाड़ा को ज्यादा मोटा था इसलिए थोड़ी बहुत मेहनत है राजू को करना जरूरी था ताकि यह क्रिया बड़े आराम से सफलतापूर्वक पार हो सके,,,,, राजू अंदर डालने की कोशिश कर रहा था अब ऐसा लग रहा था कि रीना को दर्द महसूस हो रहा है क्योंकि उसके चेहरे के हाव-भाव बदल रहा था लेकिन वह भी जानती थी कि जिस तरह का आनंद उसे प्राप्त हो रहा है शायद लंड के अंदर घुसते ही वह पूरी तरह से मस्त हो जाए,,, इसलिए अपने दर्द को पीने की कोशिश कर रही थी और उसकी यह कोशिश रंग ला रही थी राजू के लंड का सुपाड़ा धीरे-धीरे गुलाबी छेद में घुसना शुरू कर दिया था देखते ही देखते लंड का आधा हिस्सा बुर में घुस चुका था रीना अपना सर उठा कर बड़ी बेसब्री से और उत्सुकता से अपनी दोनों टांगों के बीच देख रही थी राजू अच्छी तरह से जानता था कि उसे क्या करना है इसलिए वह अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर रीना के कंधों को कस के पकड़ लिया और एक करारा धक्का लगाया और इस बार आधा बचा सुपाड़ा भी बुर के अंदर प्रवेश कर गया लेकिन रीना के लिए यह पहली मर्तबा था इसलिए दर्द का झटका उसके बदन में पूरी तरह से फैल गया और वह एकदम से दर्द से बिलबिला उठी लेकिन शोर मचाना बिल्कुल भी उचित नहीं था इसलिए अपने दांत से अपने होंठ को दबाकर दर्द को पीने की कोशिश करने लगी,,, रीना की यह समझदारी राजू को पूरी तरह से मस्त कर गई,,,, फिर भी राजू रीना को दिलासा देते हुए बोला,,,।


बस बस रीना हो गया बस थोड़ा सा दर्द होगा उसके बाद तुम्हें स्वर्ग का मजा मिलेगा ऐसा मजा मिलेगा तुम जिंदगी में कल्पना भी नहीं की होगी बस थोड़ा सा और सह लो,,,,
(और इतना कहने के साथ ही रहना के दर्द को और कम करने के लिए राजू रीना के ऊपर चुटिया और उसके संतरे को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया उसे दबाना शुरू कर दिया था कि रीना का ध्यान दर्द से हट जाए और ऐसा ही हुआ थोड़ी ही देर में रीना के मुंह से हल्की हल्की सिसकारी निकलने लगी लंड का सुपाड़ा अभी भी बुर के अंदर घुसा हुआ था,,, मौका देखकर राजू एक बार फिर से करारा झटका मारा और इस बार,,,, आधा लंड रीना की बुर में घुस गया एक बार फिर से रीना दर्द से बिलबिला उठी लेकिन इस बार राजू उसके लाल-लाल होठों को अपने मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दिया उसके दर्द को अपने अंदर लेना शुरू कर दिया राजू अपनी सूझबूझ से रीना के दर्द को कम करने की भरपूर कोशिश कर रहा था और उसमें कामयाब भी हो रहा था आधा लंड रीना की बुर में घुस चुका था और आधा लंड अभी भी बाकी था जिसको जैसे तैसे करके राजू रीना की बुर में डाल दिया रीना पूरी तरह से हैरान तक इतना मोटा लंबा लंड उसकी छोटी सी बुर में घुसकर से क्या इसलिए वह अपनी नजर उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच राजू के लैंड को अपनी बुर में छुपे हुए देख रही थी हालांकि दर्द का एहसास उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था लेकिन फिर भी एक अद्भुत सुख अद्भुत अहसास उसके तन बदन ने अपना असर दिखा रहा था जिसके चलते उसकी गहरी गहरी सांसें उसे और ज्यादा उन्मादित कर रही थी,,,,


अपनी बुआ के बगल में ही वह अपनी मामा की लड़की की चुदाई करना शुरू कर दिया था,,, रीना का दर्द धीरे-धीरे कम होने लगा था और दर्द आनंद में परिवर्तित होता जा रहा था गुलाबी के बगल में रहना पूरी तरह से नंगी होकर अपने चचेरे भाई की चुदाई का मजा लूट रही थी इस तरह की हिम्मत वह जिंदगी में पहली बार दिखा रही थी अब तक अपने घर पर भी वह औरतों की मौजूदगी में भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी नहीं हुई थी लेकिन राजू की हरकतों ने उसे पूरी तरह से विवश कर दिया था जिसके चलते हैं वहां राजू के द्वारा अपने कपड़े उतरवाकर नंगी होने के लिए मजबूर हो गई,,, लेकिन नंगी होने के बाद उसे इस बात का आभास हो रहा था कि आनंद लूटने के लिए कपड़े उतारकर नंगी होना बेहद जरूरी है,,,,

राजू अपने मामा की लड़की के बदन से खेल रहा था खिलवाड़ कर रहा था वह हर तरीके से मजा लूट रहा था उसके दोनों संतरो को दोनों हाथ में लेकर कमर को आगे पीछे करके हिला रहा था रीना कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि मेहमान बन कर जिस घर में एक रात के लिए आई है उसी घर में अपने चचेरे भाई से चुदाई का मजा इस कदर लूटेगी कि सब कुछ भूल जाएगी,,,,, गरमा गरम सांसे रीना के मुंह से लगातार निकल रहा था,,, कुछ देर पहले वह सबका से पूरी तरह से गिरी हुई थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राजू का मोटा तगड़ा लंड उसकी बुर में घुस जाएगा लेकिन अब सब कुछ साफ था वह अपनी आंखों से सब कुछ देख रही थी राजू का मोटा तगड़ा लंबा लंड उसकी बुर में बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था और अद्भुत सुख दे रहा था बुर पूरी तरह से कसी हुई थी इसलिए राजू के लंड की उभरी हुई नशे,,, रीना की बुर के अंदर धमाल मचा रही थी उसे एकदम साफ महसूस हो रहा था रगड़ता हुआ इसलिए उसका आनंद और ज्यादा बढ़ता जा रहा था लगातार उसकी बुर से मदन रस का रिसाव हो रहा,,,,,

धीरे-धीरे दोनों चरम सुख के करीब पहुंचने लगे थे लालटेन की पीली रोशनी में कुछ भी छुपा नहीं था सब कुछ उजाले में हो रहा था रीना कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिंदगी का यह पहला संभोग वह रोशनी में करेगी,,, बाहर आंगन में उसके पिताजी आराम से चैन की नींद सो रहे थे उन्हें कहां पता था कि उनकी जवान लड़की अंदर कमरे में अपने ही चचेरे भाई के साथ चुदाई का सुख भोग रही है,,,
और देखते ही देखते चटाई पर अपने चचेरे भाई के धक्के का मजा लेते हुए रीना की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी वह दूसरी बार झड़ने के कगार पर आ चुकी थी और इस बार राजू उसे अपनी बाहों में लेकर अपनी कमर जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया और कुछ ही देर में दोनों एक साथ अपना गरम लावा बाहर फेंक दिए,,, वासना का तूफान शांत हो चुका था राजू का लंड अभी भी रीना की बुर में घुसा हुआ था राजू झड़ने के बावजूद भी उसके लाल-लाल होठों का मजा ले रहा था,,,,, रीना भी इस पल का मजा लूटते हुए राजू को अपने ऊपर से हटा नहीं रही थी अब वह बिल्कुल भी डर नहीं रही थी कि बगल में गुलाबी सो रही है वह राजू के बाल को सहला रही थी उसकी पीठ को थपथपा रही थी,,,, कुछ देर बीता था कि रीना को फिर से राजू का लंड अपनी बुर के अंदर ही मोटा और टनटन आता हुआ महसूस होने लगा तो वह बोली,,,।

राजू मुझे बड़े जोरों की पेशाब लगी है,,,,

तो बाहर जाकर कर लो,,,,

पागल मुझे अकेले जाने में डर लगता है,,,,


तो रुको मैं भी चलता हूं,,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपने लंड को देना की बुर में से बाहर निकलता हुआ उसके ऊपर से उठा और अपने कपड़े पहनने लगा रीना भी अपने कपड़े पहन कर अपने बाल को ठीक कर ली और धीरे से राजू रीना का हाथ पकड़कर धीरे-धीरे उसे कमरे के बाहर ले आया आंगन में ही उसके पिताजी सो रहे थे इसलिए इशारे से ही शोर ना मचाने का बोला और धीरे से घर के बाहर आ गया चारों तरफ अंधेरा छाया हुआ था,,,, आसमान में चांद पूरी तरह से खिला हुआ था इसकी हल्की हल्की रोशनी में थोड़ा थोड़ा साफ नजर आ रहा था लेकिन फिर भी दूर दूर कुछ साफ नजर नहीं आ रहा था,,,, घर के बाहर खड़ा होकर राजू रीना से बोला,,,।

यही कर लो,,,,

यहां पर,,,

हां यहीं पर,,,

अरे पागल हो गई हो क्या दरवाजे के सामने नहीं नहीं मुझसे यहां नहीं होगा,,,,

अरे तो क्या हुआ यहां कोई देख थोड़ी रहा है,,,,

नहीं-नहीं राजू मुझे शर्म आ रही है,,,

तो चलो घर के पीछे,,,,
(और इतना कहने के साथ ही राजू रीना को घर के पीछे ले गया चांदनी रात में घर के पीछे अंधेरा होने के बावजूद भी सब कुछ साफ नजर आ रहा था रीना राजू से 5 कदम की दूरी पर जाकर अपनी सलवार की डोरी खोल कर पेशाब करने के लिए बैठ गई चांदनी रात में राजू को रीना की गोरी गोरी गाल नजर आ रही थी जिसे देख कर एक बार फिर से राजू का लंड खड़ा होने लगा राजू अपने मन में सोचा कि कल तो फ्री ना चली जाएगी ऐसा मौका फिर कभी मिले ना मिले और यही सोचकर वह ठीक उसके बगल में जाकर अपना लंड बाहर निकाल कर पेशाब करने लगा रीना के लिए यह बेहद मदहोश कर देने वाला था किसी लड़के को उसने आज तक इतने करीब से पेशाब करते हुए भी नहीं देखी थी राजू के मोटे तगड़े लंबे लंड से निकलते पेशाब की धार को देखकर वह मदहोश होने लगी और पेशाब करके वह तुरंत खड़ी हो गई लेकिन उसकी नजर,,,, राजू के लंड पर से हट नहीं रही थी यह देखकर राजू का मन फिर से रीना को चोदने के लिए करने लगा और रीना अपनी सलवार की डोरी बांध पाती इससे पहले ही उसकी कमर में हाथ डाल कर वह अपनी तरफ खींचा और उसके लाल-लाल होठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा इससे रीना को भी बिल्कुल भी ऐतराज नहीं हुआ और अगले ही पल राजू उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़कर उसकी पीट अपनी तरफ कर लिया और पेड़ का सहारा लेकर उसे जिम जाने के लिए बोला रीना भी अभी तक सलवार की डोरी बात नहीं पाई थी इसलिए सलवार उसके हाथों से छूट कर उसके कदमों में जा गिरी और उसकी गोरी गोरी गाल एक बार फिर से नंगी हो गई और इस बार राजू उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़कर उसे अपनी तरफ खींच कर उसकी गोल गोल गांड को अपने लंड के सिधान पर ले लिया और एक बार फिर से अपने लंड को उसकी गुलाबी छेद में डालकर चोदना शुरू कर दिया रीना की उत्तेजना कम नहीं हो रही थी वह एक बार फिर से वह मस्त हो गई इस बार वह घर के बाहर खुले में चुदाई का मजा ले रही थी चांदनी रात में आसमान के नीचे चुदवाने का मजा ही कुछ और होता है इस बात का एहसास उसे अच्छी तरह से हो रहा था।।

इसके बाद दोनों वापस घर में आकर सो गए किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई सुबह उठकर नाश्ता पानी करके खुद राजू बेल गाड़ी लेकर उन्हें उनके घर छोड़ने के लिए चला गया,,,,,
Behtreen update
 

sunoanuj

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Bahut hi behtarin updates… 👏🏻👏🏻👏🏻🎧
 

Herry

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Mast update bro
 
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Kumarshiva

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Maa bete ke bich emotional scene bhi lao yaar
Kya ekdum se lust bna diye ho

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Raj_sharma

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ashik awara

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दोस्त कहानी के २०० पेज पुरे होने पर बधाई , आपकी कहानी जिस तरह से चल रही हे वो काबिले तारीफ हे , सबसे बड़ी बात आपके रेखाचित्र जो कहानी को सही रूप से दिखाते हें वरना तो कई लेखक कहानी गाँव की लिखते हें और चित्र विदेशियों के डालते हें आप कम से कम इस सबसे बचे हुए हें , बाकि आपकी कहानी एक बार शुरू से पढने का मन हे वो तो अपने फोल्डर में सेव की कहानियों से ही सम्भव हे , वरना यहाँ तो पेज पलटने में बाकि समय लग जाता हे , आपकी कहानी एक खुबसुरत उपन्यास का रूप लेती जा रही हे , धन्यवाद

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Update kab ayega Bhai?

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rohnny4545

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कड़ी धूप में भी घने पेड़ के छांव के नीचे बैठकर ठंडक का एहसास हो रहा था,,,, मंद मंद बह रही शीतल हवा बदन में ठंडक का एहसास दिला रही थी,,, कुछ देर पहले ही राजू अपनी बुआ की जबरदस्त चुदाई करके आया था और उसके बुर के काम रस में अपनी रोटी को डूबा डूबा कर खा कर पेट भर कर आया था,,,,,,, अपनी मां के साथ बैठकर भी वह अपने आपको शांत किए हुए था,,,,,,, लेकिन अब उसके बदन की गर्मी बढ़ने लगी थी वातावरण की गर्मी से तो वह किसी तरह से काबू पा चुका था लेकिन बदन की गर्मी पर काबू पाना उसके बस में भी नहीं था,,, लेकिन राजू कर भी क्या सकता था उसकी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा था कि एकदम से मदहोश होने लगा,,,,,।

खटिया से उठकर उसकी मां झोपड़ी के पीछे की तरफ जा रही थी तो राजू को यही लग रहा था कि उसकी मां पेशाब करने जा रही है और वैसे भी वह अपनी मां को बहुत बार पेशाब करते हुए देख चुका था अब तो उसे भोग भी चुका था इसलिए वह अपने आप को शांत कर के वहां बैठा रहे क्या लेकिन ज्यादा समय हो जाने की वजह से वह सोचने लगा कि उसकी मां इतनी देर से कर क्या रही है और इसीलिए वह अपनी खटिया पर से उठ कर दूसरी तरफ नजर घुमाया तो वहां के नजारे को देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी सबसे पहले उसकी नजर,,, अपनी मां के पैर के घुटनों के नीचे गई थी जो कि एक पैर वह ट्यूबवेल के लिए बनी टंकी में डालकर दूसरे पैर को उस में डालने जा रही थी और राजू की नजर अपनी मां की घुटनों के ऊपर की तरफ पड़ी तो उसके होश उड़ गए,,, वह साफ तौर पर देख पा रहा था कि उसकी मां के बदन पर कपड़े का एक रेसा तक नहीं था वह पूरी तरह से नंगी थी,,,,,, अपनी मां को नंगी देखते ही उसका लंड खड़ा हो गया था,,,,,, कुछ देर पहले ही वह अपनी बुआ की जबरदस्त चुदाई करके अपने बदन की गर्मी को बाहर निकाल चुका था लेकिन अपनी मां के तराशे हुए नंगे यौवन को देखते ही उसके लंड में हरकत होना शुरू हो गई और वह तुरंत अपनी औकात में आ गया,,,,,,,, राजू की आंखों के सामने उसकी मां पूरी तरह से नंगी थी,,,, राजू को समझते देर नहीं लगी कि उसकी मां झोपड़ी के पीछे जाकर पेशाब की होगी और उसके बाद धीरे-धीरे करके अपने बदन से सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई होगी नहाने के लिए लेकिन राजू अपनी मां को अपनी आंखों के सामने नंगी होकर नहाने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रहा था इसलिए वह उत्तेजित अवस्था में पूरी तरह से मदहोश हो चुका था,,,,,।
Raju or uski ma pani me

मधु इस तरह से खुली विचारों वाली बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन अपने ही बेटे की संगत में आकर वह पूरी तरह से अपने बेटे के साथ रंडी पन पर उतर आती थी,,,, और इस समय अपने कपड़े उतार कर नंगी होकर टंकी में उतरने का उसका रंडी पन का एक नमूना था,,,,,,, राजू की आंखों के सामने ही मधु अपनी दूसरी टांग भी टंकी के अंदर डालकर टंकी में पूरी तरह से उतरने को तैयार हो गई उसकी गदराई हुई जांघों के बीच उसकी पतली दरार बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी,,,, जिसे देखकर राजू के मुंह में पानी आ रहा था,,, मधु का पूरा वजूद बेहद आकर्षक था इस उम्र में भी वह किसी भी उम्र के मर्दों का पानी निकालने में पूरी तरह से सक्षम थी उसकी खूबसूरत जवानी और उसकी नंगी बुर को देखते ही किसी के भी लंड से पानी निकल जाए,,, किस तरह से उसका खूबसूरत बदन तराशा हुआ था,,,,,

राजू तो आंखें फाड़े अपनी मां की खूबसूरती को ही देख रहा था और ऐसा लग रहा था कि जैसे वह पहली बार अपनी मां को इस रूप में देख रहा है जबकि वह कई बार अपनी मां को नग्न अवस्था में देख चुका था और उसकी जुदाई भी कर चुका था और उसे चोदता आ रहा था लेकिन उसका देह लालित्य उसकी खूबसूरती उसके नंगे बदन उसके गोरेपन का इतना गजब का आकर्षण था कि चाहे जितनी बार भी राजू उसे नंगी होते हुए देखता था उसे ऐसा ही लग रहा था कि जैसे वह पहली बार इस नजारे को देख रहा है,,,, देखते ही देखते मधु ट्यूबवेल के पाइप में से निकल रहे पानी से भरी टंकी में उतर चुकी थी,,,,,, टंकी का पानी उसकी छाती तक आ रहा था,,,, जिसमें उसकी आधी चूचियां डूब जा रही थी पानी की टंकी में उतरने के बाद वह राजू की तरफ देख कर मुस्कुराने रखें उसका इस तरह से मुस्कुराना अपने बेटे के लिए एक आमंत्रण था जो कि उसे अपनी तरफ बुला रहा था टंकी में उतरने को मजबूर कर रहा था और राजू भी पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी मां की तरफ आकर्षित हुआ चला जा रहा था देखते ही देखते वह भी टंकी के बेहद करीब पहुंच गया और,,,, अपनी मां के खूबसूरत चेहरे को देखने लगा ,,, जिस पर मदहोशी उत्तेजना शर्म की लालिमा पूरी तरह से छाई हुई थी और उसका खूबसूरत गोरा चेहरा शर्म के मारे लाल टमाटर की तरह हो गया था दोनों के बीच ,,,, किसी भी तरह की वार्तालाप नहीं हो रही थी लेकिन दोनों एक दूसरे के चेहरे के भाव को अच्छी तरह से समझ रहे थे और राजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसकी मां उसे अपनी तरफ बुला रही है उसे भी टंकी में उतरने के लिए बोल रही है और इसीलिए वह भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया और नंगा ही पानी की टंकी में उतरने लगा यह देख कर मधु के तन बदन में मदहोशी‌ पूरी तरह से जाने लगी और देखते ही देखते राजू भी अपनी मां के साथ टंकी में उतर गया,,,,
Raju apni ma se maja lete huye

मधु दोपहर में खेतों के वातावरण से अच्छी तरह से वाकिफ थी खेतों के माहौल को वह अच्छी तरह से जानती थी वह जानती थी कि कड़ी धूप में इस समय खेत में आने वाला कोई नहीं था सब अपने-अपने घर में आराम करते हैं और वह यह भी अच्छी तरह से जानती थी कि अगर इस समय उसके खेत में कोई आ सकता है तो वह गुलाबी है और गुलाबी से तो अब किसी भी प्रकार का पर्दा रह नहीं गया था इसीलिए तो वह बेफिक्र हो कर,,, खड़ी दोपहरी में अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई थी और ट्यूबवेल की टंकी में नहाने के लिए नंगी ही उतर गई थी और साथ में अपने बेटे को आमंत्रण देकर उसे भी टंकी में उतार दी थी,,,।


माहौल पूरी तरह से गर्म होने लगा था दोनों मां बेटों के बीच पहले ही से शारीरिक संबंध स्थापित हो चुके थे इसलिए इस रिश्ते को आगे बढ़ाने में किसी भी प्रकार की अड़चन नजर नहीं आ रही थी बस दोनों अब मौके और दोस्तों और का इंतजार करते थे और जैसे ही मौका दोनों के हाथ लगता था दोनों मौके का फायदा उठाते हुए एक दूसरे में समा जाते थे,,,, टंकी का पानी दोनों की छाती तक आ रहा था राजू की लंबाई थोड़ी सी ज्यादा थी और ट्यूबवेल का पानी दोनों की छाती पर गिर रहा था खास करके यह नजारा और भी ज्यादा दिलचस्प और मदहोश कर देने वाला तब बन जा रहा था जब ट्यूबवेल के पाइप में से पानी सीधे मधु की मदमस्त कर देने वाली दोनों चुचियों पर गिर रहा था संगमरमर की तरह मधु की चूचियां चमक रही थी और उस पर पानी गिरकर कंचे की तरह बिखर जा रहा था,,,,,,, दोनों टंकी में उतरकर आमने सामने खड़े थे दोनों के बीच केवल 1 फीट की दूरी थी क्योंकि टंकी की चौड़ाई कुछ ज्यादा नहीं थी इसलिए दोनों एक तरह से एकदम पास में ही थे और पानी से भरी हुई टंकी में मधु की खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह ऊपर की तरफ उभर रही थी जिसको प्यासी नजरों से देखते हुए राजू बोला,,,।
Madhu apne bete se maja lete huye
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[/url]

तुम्हारी [ अदा तो मेरा लंड खड़ा कर देती है मुझे तो लगा कि तुम मुतने गई हो,,, लेकिन तुम तो अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर टंकी में उतर गई,,,,।
(अपने बेटे की खुली बातों को सुनकर मधु मंद मंद मुस्कुरा रही थी और मुस्कुराते हुए बोली)

मैं मुतने हीं गई थी लेकिन फिर मुझे ख्याल आया कि गर्मी इतनी है क्यों ना नहा लिया जाए और वैसे भी हम दोनों को मौका बहुत कम ही मिलता है लेकिन अब तो जब से गुलाबी के सामने तुझ से चुदवाई तब से मुझे अब किसी का भी डर नहीं लगता लेकिन खेतों के बीच इस तरह का मौका मिलते ही मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई क्यों तुझे अच्छा नहीं लगा क्या,,,?

क्या मां कैसी बातें करती हो मैं तो चाहता हूं कि तुम बिना कपड़ों के ही मेरे सामने इधर-उधर घूमती रहो बिना कपड़ों के तुम बहुत खूबसूरत लगती हो तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूचियां,,,(टंकी के पानी में आधी टूटी हुई चूचियों को अपने हाथ में लेकर दबाते हुए) मुझे बहुत अच्छी लगती है मन करता है कि बस इन्हीं में खो जाऊं,,,,


तो खोजा रोका किसने है,,,,

हाय मेरी रानी,,,(इतना कहने के साथ ही अपनी मां की चूचियों पर से हाथ हटाकर अपने हाथ को पानी के अंदर नीचे ले जाकर उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ खींच कर बांहों में भरते हुए) तेरी यही अदा तो मेरी जान ले लेती है कसम से तेरे में जो मजा है वह किसी में नहीं,,,,(ऐसा कहते हुए राजू अपनी मां को पूरी तरह से अपनी बाहों में भर लिया था जिसकी वजह से पानी के अंदर भी टनटनाया हुआ लंड मधु की दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाने लगा पानी के अंदर भी मोटे तक के लंड की चुभन को अपनी दोनों टांगों के बीच महसूस करके मधु एकदम से कामविभोर हो गई और एकदम से अपने हाथ को नीचे ले जाकर अपने बेटे के लंड को पकड़ते हुए बोली,,,,)
Pani me raju chudai karta hua

north cobb christian

हाय दैया पानी में भी कैसा चुभ रहा है,,,

यह अपना बिल खोज रहा है मेरी जान,,,,

बड़ा आया बिल खोजने वाला,,,,, इसने बनाया है क्या यह बिल जो इतना हक जमाता है,,,,(अपने बेट‌े के लंड को कस के पकड़े हुए मधु बोली,,,)

बिल बनाया नहीं है लेकिन अपने लिए अंदर जगह तो बना लिया है ना,,,

हा तो अंदर जाकर बैठेगा क्या,,,?

क्या करूं मेरी रानी इसे अंदर जाकर बैठने में ही सुकून मिलता है,,,,(इतना कहते हुए राजू अपनी मां के होठों पर अपने होंठ रख कर उसके होठों का रसपान करने लगा दोनों एकदम उत्तेजित बजा रहे थे दोनों के बदन में उत्तेजना अपना असर दिखा रही थी दोनों कामवासना में पूरी तरह से लिप्त हो चुके थे,,,, राजू पानी से भरी टंकी के अंदर अपनी मां को अपनी बाहों में लेकर उसके होठों का रसपान कर रहा था और पानी के अंदर अपनी मां के साथ ऐसा करने नहीं उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी दोनों के बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था,,,, दोनों बिल्कुल नंगे ही थी और दोनों टंकी के अंदर पहली बार इस तरह का मजा ले रहे थे कड़ी धूप में ट्यूबवेल का ठंडा पानी दोनों के बदन की गर्मी को शांत करने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन दोनों की मदहोश कर देने वाली जवानी दोनों की गर्मी को शांत नहीं होने दे रही थी,,,,,
Raju or madhu ki chudai


राजू अपनी मां के लाल लाल होठों का रस पागलों की तरह चूस रहा था और मधु भी एकदम मस्त होकर अपने बेटे के लंड को जोर जोर से हिला रही थी पानी के अंदर भी उसे अपने बेटे के लंड की गर्मी साफ अपनी हथेली में महसूस हो रही थी,,,, और लंड की गर्मी का असर मधु को अपनी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में महसूस हो रहा था जिसमें से काम रस झर रहा था और पानी के टंकी में घुल जा रहा था,,,,, पानी से पूरी टंकी भरी हुई थी जिससे दोनों के अंदर होने से उन दोनों के बदन के हिलोरे से पानी में छपछपाहट हो रही थी,,,, राजू अपनी मां की नंगी जवानी से मजा लेते हुए पागल हो जा रहा था वह कभी अपनी मां की चूची को जोर से पकड़ कर दबा देता तो कभी उसकी बड़ी-बड़ी गांड को दोनों हथेली में लेकर दबा देगा वह जितना हो सकता था उतना अपनी मां के बदन से मजा लेने की कोशिश कर रहा था और उसे मजा दे‌ भी रहा था,,,, मधु‌ भी कुछ कम नहीं थी वह अपने बेटे से पूरी तरह से खुल चुकी थी और एक तरह से अपने बेटे के सामने रंडी पन का पूरा क्रियाकलाप कर रही थी वह अपने बेटे के लंड को पकड़ कर बार-बार उसे अपनी बुर पर घिस रही थी मानो जल्द से जल्द वह अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में ले लेना चाहती हो लेकिन दोनों को किसी भी तरह की जल्दबाजी बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि वह दोनों जानते थे कि उन दोनों के पास काफी समय है,,,,।

कुछ देर तक अपनी मां के लाल लाल होठों का रसपान करने के बाद वह अपनी मां के लाल लाल होंठों को अपने होंठों से जुदा किया तो गहरी गहरी सांस लेते हुए उसे ही देख रहा था,,,, दोनों मां बेटे एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे दोनों की मुस्कुराहट में कामुकता छुपी हुई थी दोनों की आंखों में वासना साफ दिखाई दे रही थी दोनों मां बेटे के पवित्र रिश्ते में बंधे हुए थे लेकिन दोनों के बीच यह पवित्र रिश्ता तार-तार हो चुका था दोनों के बीच शारीरिक आकर्षण और एक दूसरे के अंगों से पूरी तरह से तृप्त होने की कामना साफ दिखाई दे रही थी,,,,, घने पेड़ की छांव में ट्यूबवेल के पानी में नहाते हुए दोनों मां बेटे संभोग का अद्भुत सुख प्राप्त करना चाहते थे पानी के अंदर चुदाई करने का अनुभव राजू में बिल्कुल भी नहीं था और ना ही पानी के अंदर चुदवाने का अनुभव मधु मे था,,, इसलिए दोनों इस अनुभव का आनंद लेना चाहते थे,,,, राजू पानी में उछल रही अपनी मां की खरबूजे जैसी चूची को दोनों हाथ में पकड़ कर जोर से दबाते हुए बोला,,,।


तुम्हारी चूचियां खरबूजे से कम नहीं है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपना मुंह आगे बढ़ा कर अपनी मां की एक चूची को मुंह में भर गया और उसे पीना शुरु कर दिया मधु एकदम से मचल उठी और अपना हाथ अपने बेटे के सर पर रख कर उसे दबाने लगी और राजू अपनी मां का इशारा पाकर जितना हो सकता था उतना अपनी मां की चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से दूसरी चूची को दबाना शुरू कर दिया पानी के अंदर मधु पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,।)

सहहहह आहहहहह मेरे लाल आहहहरहह ,,,, और अंदर लेकर पी,,,आहहहहह ऊमममममम,,,,ओहहहहहह राजु तु तो मुझे पागल कर देगा ,,,,, राजू मेरे लाल मेरे बेटे मेरे राजा आहहहहहहह ,,,(आंखों को बंद करके मधु पूरी तरह से मदहोश और मस्त होकर अपनी गर्दन को पीछे की तरफ टंकी की दीवार पर टीका कर अपने बेटे की हरकत का मजा ले रही थी,,,,। लेकिन इस बीच वह पल भर के लिए अपने बेटे के लंड को छोड़ी नहीं थी उसे उसी सख्ती से पकड़े हुए थी मानो कि कहीं छूट कर भाग जाएगा,,,,, राजू को भी अपनी मां की हथेली में अपना मोटा तगड़ा लंबा लंड कुछ ज्यादा ही मजा दे रहा था,,,,, दोनों की सांसो की गति बड़ी तेजी से चल रही थी,,,, एकदम खड़ी दुपहरी में जब पूरा गांव अपने घर में आराम कर रहा था तब दोनों मां-बेटे खेत में काम करने के बाद काम क्रीड़ा में लगे हुए थे,,,,, खेतों के बीच बने इस झोपड़ी के इर्द-गिर्द और इस जगह पर किसी के भी आने की आशंका बिल्कुल भी नहीं थी और वैसे भी चारों तरफ बड़े-बड़े झाड़ियां और खेत लहलहा रहे थे दूर दूर तक कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था और वैसे भी देखने की कोशिश करने पर भी ज्यादा दूर तक देखा भी नहीं जा सकता था क्योंकि चारों तरफ खेत ही खेत थे और इसी अवसर का लाभ लेते हुए दोनों मां-बेटे एक दूसरे में समाने की पूरी कोशिश कर रहे थे,,,, रह रह कर राजू अपनी मां की चुची पर से अपना मुंह हटा कर गरमा गरम वार्तालाप भी कर ले रहा था,,,,,)


अब तो तुझे पिताजी का लंड छोटा पड़ता होगा ना,,,, पिताजी का लंड मेरे से भी आधा ही है और तेरी बुर की गहराई कुछ ज्यादा है,,,(इतना कहने के बाद फिर से दूसरी चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया और अपने बेटे की बात का जवाब देते हुए मधु बोली,,)

हां तु बिल्कुल सच कह रहा है इतना समझ ले कि तेरे पिताजी का लंड कभी भी मेरे बच्चेदानी तक नहीं पहुंच पाया,,,

इसका मतलब है मां कि तूने आज तक पिताजी के साथ चुदाई का असली मजा नहीं ले पाई,,,(और इतना कह कर फिर से चूची को मुंह में भर लिया)

मुझे तो पहले पता ही नहीं था लेकिन तेरे साथ चुदवाने के बाद ही मुझे पता चला कि लंड बच्चेदानी तक भी पहुंचता है,,,

कैसा लगता है मां जब मेरे लंड का सुपाड़ा तुम्हारे बच्चेदानी पर जाकर टकराता है,,,


पूछ मत मेरे राजा उस समय तो ऐसा होता है कि जैसे मैं हवा में उड़ रही हूं इतना आनंद इतना आनंद की कभी कल्पना भी नहीं की थी बहुत मजा आता है और तेरा तो हर बार हर एक धक्के में मेरे बच्चेदानी पर तेरा लंड चोट करता है ,,,, तू सोच भी नहीं सकता इतना ज्यादा मुझे मजा आता है,,


हाय मेरी जान तभी तो मैं तुझे चोदना शुरू किया तुझे असली सुख देने के लिए चुदाई क्या होती है यह दिखाने के लिए,,,, अब तैयार हो जा मेरी रानी तेरी बुर चाटने का समय आ गया है,,,।
(इतना सुनकर मधु एकदम हैरान रह गई,,, क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा है कल के पानी के अंदर उसका बेटा उसकी बुर कैसे चाटेगा,,, इसलिए उसके मुंह से आश्चर्यजनक तरीके से निकला,,,)

लेकिन कैसे,,,?
(मधु का इतना कहना था कि राजू बिल्कुल भी देर किए बिना ही अपने दोनों हाथ को अपनी मां की कमर पर लेकर आओ दोनों हाथों की सहायता से उसकी कमर पर अपना पूरा पकड़ बनाते हुए उसे उठा लिया और तुरंत उसे पानी की टंकी के ऊपरी दीवाल पर बिठा दिया जहां पर मधु कुछ सोच पाती इससे पहले ही पानी की टंकी की दीवाल पर गांड रखकर बैठ गई वह एकदम से चौक गई थी इसलिए पीछे की तरफ गिरने ही वाली थी कि संजू उसका हाथ भी पकड़ लिया,,,,, और वह एकदम से संभल गई,,,,)

दैयारे अभी तो तुम मुझे गिराया होता,,,,

मेरी रानी मैं तुझे गिरने नहीं दूंगा बस अब थोड़ी सी टांगो को खोल दें ताकि मैं तेरी खूबसूरत खजाने को देख सकूं,,,,
(राजू की बात सुनकर मधु मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली)

अब देखने जैसा क्या बचा है,,,,

हाय मेरी जान इसे तुम्हें जिंदगी भर देखता रहूं फिर भी मेरा मन ना भरे,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मां की दोनों टांगों पर हाथ रखकर उसे हल्के से खुलने लगा तो उसकी मां भी उसका सहकार करते हुए अपनी टांगों को खोल दिया और अगले ही पल राजू को अपनी मां की दोनों टांगों के बीच वह गुलाबी पत्तियों से सजी हुई खूबसूरत रस से भरी हुई बुर नजर आने लगी जो कि उत्तेजना के मारे कचोरी की तरफ फूल गई थी,,,, और अपनी मां की फुली हुई बुर को देखकर राजू की आंखों में एकदम से चमक आ गई और वह अपना हाथ आगे बढ़ाकर अपनी हथेली को अपनी मां की बुर पर रखकर दबाते हुए बोला,,,)

हाय मेरी रानी कितनी मस्त फुलवारी है तेरी,,,, अब तेरे इस खूबसूरत फूल का रस अपने होठों से नीचोडूंगा,,,,,।
(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने प्यासे होठों को अपनी मां की खुली हुई बुर पर रख दिया और उसके गुलाबी पत्तियों के बीच अपने जीभ को डालकर उसके रस को पीने की कोशिश करने लगा ठंडे पानी में पूरी तरह से डूबी हुई मधु की बुर इस समय भी एकदम गरम लग रही थी,,,,, और जैसे ही मधु अपने बेटे के होठों को अपनी लस लसी बुर पर महसूस की वैसे ही वह एकदम से तरंगित हो गई उसके बदन में सनसनाहट से दौड़ने लगी और वह कसके अपने दोनों हाथों को अपने बेटे के कंधे पर रखकर दबाने लगी और राजू अकेले यह पल अपनी जीभ की नोक से अपनी मां की बुर की गुलाबी पत्तियों को भेंदता हुआ अंदर की तरफ डालकर उसकी मलाई को चाटना शुरू कर दिया और मधु पूरी तरह से मस्त हो गई और उसके मुख से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी,,,,।

सहहहह आहहहहह,,,ऊमममममम ओहहहहहह मेरे राजा पूरी जीभ अंदर डालकर चाट‌ ,,,,इस तरह से तो तेरे पिताजी ने भी नहीं चाटे कभी,,,,आहहहहहहह मेरे राजा मेरे लाल तूने तो मुझे पागल कर दिया है,,, ऊफफ,,,,,

(राजू की जीभ लगातार उसकी मां की बुर में हरकत कर रही थी कभी दाएं कभी बाएं कभी सीधे तो कभी एक ही जगह पर राजू रगड़ रगड़ के उसकी लाल लाल बुर को चाट रहा था मधु तब और ज्यादा मदहोश हो जाती जब वह अपनी मां के बुर के अंदर मटर के दाने वाले हिस्से को जीभ से दबा दबा कर चाटता,,,, मधु अपने बेटे की हरकत और उसके लाजवाब तरीके पर पूरी तरह से निछावर हो चुकी थी उसे जिंदगी में चुदाई का असली सुख प्राप्त हो रहा था वह अपने मन में सोच रही थी कि अच्छा ही हुआ कि वह अपने बेटे के साथ इतना खुल गई वरना जिंदगी में असली मजा वह लूट ही नहीं पाती,,,, इसीलिए तो इस समय वह‌ अपने बेटे से भरपूर मजा ले रही थी,,,,, राजू अपनी हरकतों से अपनी मां को पूरी तरह से पागल कर दिया था ,,, उसकी गरम सिसकारियां और उसकी गरम आंहे सुनकर राजू समझ गया था कि उसकी मां को लंड की जरूरत है उसकी बुर में लंड डालने की आवश्यकता आन पड़ी है इसलिए वह अपनी मां की कमर को पकड़ कर उसे वापस टंकी की दीवार पर से नीचे पानी के अंदर उतार दिया ट्यूबवेल में से लगातार पानी गिर रहा था जो कभी-कभी दोनों के बदन पर गिरने लगता था,,,,,,।

कड़ी धूप में लगातार शीतल हवा बह रही थी और पेड़ के नीचे पानी की टंकी के अंदर दोनो के बदन में ठंडक का एहसास हो रहा था लेकिन दोनों एक दूसरे की बदन की गर्मी से ठंडक का जमकर सामना कर रहे थे और इस लड़ाई में दोनों की गर्म जवानी साथ भी दे रही थी,,,,,, अपनी मां की बुर चटाई का मजा लूट कर राजू वापस अपनी मां को टंकी के अंदर उतार दिया था,,,, मधु पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी उसे लग रहा था कि उसका बेटा अब अगले ही पल उसकी बुर में अपना लंड डाल देगा और वह इस पल के लिए पूरी तरह से तैयार भी थी लेकिन अगले ही पल राजू सहारा लेकर वापस जिस तरह से मधु पानी की टंकी की दीवार पर बैठी थी उसी तरह से राजू भी बैठ गया,,, और अपनी दोनों टांगों को खोल कर,,, अपने लंड को पकड़ कर हिलाने लगा मधु समझ गई थी कि उसे क्या करना है इसलिए पानी से भरी टंकी में दो कदम आगे चलकर वह अपने बेटे के करीब पहुंच गई थी वह भी अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूसने के लिए लालायित थी,, और अपने बेटे के करीब पहुंच करो अपना हाथ ऊपर की तरफ करके अपने बेटे का लंड को पकड़ ली लेकिन वह समझ गई थी कि वह अपने बेटे के लंड करीब अपना मुंह नहीं ले जा पाएगी क्योंकि दोनों की लंबाई में थोड़ा सा फर्क था और इस हालत में मधु का मुंह के बल राजू के लंड के नीचे लटकते हुए दोनों गोटे तक पहुंच रहे थे और ऐसे हालात में मधु पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी इसलिए अपने बेटे के गोटे को ही अपने होंठों के बीच दबा कर चाटना शुरू कर दी,,, यह पहला मौका था जब मधु अपने बेटे के गोटे को चाट रही थी और यह राजू के लिए भी पहना अवसर था जब कोई उसके अंडकोष को चाट रहा था लेकिन इस खेल में दोनों को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था,,,, देखते ही देखते मधु अपने बेटे के लंड के अंडकोष को उसके लंड को हाथ में पकड़ कर बराबर उस पर जीभ इधर से उधर घुमा रही थी,,,,,

मधु एक हाथ से अपने बेटे के लंड को पकड़ी हुई थी और उसके अंडकोष को चाट रही थी ऐसे ही उसकी निगाहें अपने बेटे की तरफ थी और राजू भी अपनी मां को ही देख रहा था दोनों की नजरें आपस में टकराई दोनों की नजरों में लंड को मुंह में लेने की ललक साफ नजर आ रही थी,,, इसलिए बीच का रास्ता निकालते हुए राजू तुरंत अपने दोनों हाथ की हथेली को पानी की टंकी की दीवार पर रखकर अपनी कमर के नीचे वाले भाग को नीचे पानी के अंदर उतारने लगा और देखते ही देखते,,, राजू का खड़ा लंड उसकी मां की आंखों के सामने उसके मुंह के सामने आ गया और बिल्कुल भी देर किए बिना मधु अपने लाल-लाल होठों को खोलकर अपने बेटे के लंड को अपने मुंह में अंदर आने का आमंत्रण दे दे और उसे अगले ही पल अपने मुंह के अंदर लेकर चूसना शुरु कर दी,,,,


राजू को अपनी मां के मुंह में लंड देने में बहुत मजा आ रहा था क्योंकि उसकी मां लंड चूसने में पूरी तरह से माहिर हो चुकी थी,,, वैसे भी मधु को अपने बेटे का लंड चूसने में कुछ ज्यादा ही मजा आता था क्योंकि राजू का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा था जो कि उसके गले तक आराम से पहुंचता था और उसे एक बार मुंह में लेने से उसके लाल लाल होंठ पूरी तरह से खुलकर छल्ला का आकार ले लेते थे,, ऐसा अपने पति का चूसने में बिल्कुल भी नहीं होता था ऐसा लगता था कि जैसे बस पतले से गन्ने को मुंह में लेकर चूस रही हो,,,, राजू को अपनी कमर आगे पीछे करके हिलाने में इस अवस्था में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था कुछ देर तक राजू इसी तरह से अपनी मां को अद्भुत सुख देता रहा और प्राप्त करता रहा लेकिन अब समय आ गया था अपनी मां की बुर में लंड डालने का क्योंकि दोनों के बदन में गर्मी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी दोनों की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी और मधु की बुर में अद्भुत खुजली का संचार हो रहा था जो कि उसके बेटे के लंड के द्वारा ही है खुजली मिट सकती थी,,,,,,

अपनी मां के उत्तेजना के मारे लाल-लाल तमतमाते हुए चेहरे को देखकर राजू समझ गया था कि अब उसकी मां की बुर में लंड डालना बेहद जरूरी हो चुका है क्योंकि वह पूरी तरह से मदहोश हो रही है कहीं ऐसा ना हो कि चुदवाने से पहले ही उसकी बुर से पानी निकल जाए,,,, इसलिए राजू मौके की नजाकत को समझते हुए,,, अपने हथेली को अपनी मां के सर पर रख कर उसके रेशमी घने बालों को हल्के से अपनी मुट्ठी में पकड़ा और उसे पीछे की तरफ खींचते हुए उसके मुंह में से अपने लंड को बाहर निकाल लिया,,,,


मधु की सांसे गहरी चल रही थी वह समझ गई थी कि अब उसका बेटा उसे चोदने वाला है,,, इसलिए उसके बदन में सुरसुराहट दौड़ने लगी और पूरी तरह से मस्त हो गई वह जानती थी कि,,, पानी की टंकी के अंदर खड़े-खड़े उसका बेटा किस तरह से उसकी लेगा इसलिए पहले से ही वाद-विवाद की तरफ मुंह करके अपनी गोल-गोल गांव को पानी के अंदर ही ऊपर की तरफ उठा दी जो कि फिर भी पानी के अंदर डूबी हुई थी आज पानी के अंदर चुदवाने का मधु अनुभव लेना चाहती थी और वह भी अपने ही बेटे के द्वारा क्योंकि वह अच्छी तरह से जानती थी उसे अपने बेटे पर विश्वास था कि उसका बेटा अपने मोटे लंबे तगड़े लंड से पानी के अंदर भी उस की जबरदस्त चुदाई कर सकने में सक्षम है और इसी विश्वास को फलीभूत करते हुए राजू पानी के अंदर उतर गया,,, उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात मिला वह भी अपनी मां की कमर पकड़कर पानी के अंदर इतना हाथ डालकर अपनी मां की बुर के गुलाबी छेद को लंड से ही टटोलने लगा लेकिन पानी के अंदर कुछ भी नजर नहीं आ रहा था तो इस बार मधु को ही अपने बेटे की सहायता करते हुए अपने हाथ को नीचे की तरफ ले जाना पड़ा और अपने बेटे के लंड को पकड़ कर उसके सुपारी को अपनी बुर के गुलाबी छेद पर लगाना पड़ा,,,, मधु ने अपने बेटे को रास्ता दिखा दी थी मंजिल तक उसे ही पहुंचना था इसलिए वह अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हल्के से अपनी कमर को आगे बढ़ाया और लंड का मोटा सुपाड़ा अगले ही पल मधु की बुर के अंदर घुस गया और यह पानी के अंदर चुदाई का पहला चरण था जो कि सफलतापूर्वक दोनों ने पार कर चुके थे,,,,,

एक बार रास्ते का पता चल जाए तो,,,, मंजिल तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं आती और वही राजू के साथ भी हुआ अपनी मां के द्वारा रास्ता दिखाए जाने पर राजू पूरी तरह से उत्साहित हो चुका था,,, और वह अपनी मां की कमर पकड़ कर रखना धक्का इतनी जोर से लगाया कि पूरा का पूरा लंड एक बार में ही मधु के बच्चेदानी से जा टकराया वह एक ही बार में अपने लंड को अपनी मां की बुर की गहराई में गाड़ चुका था,,,, मधु अपने बेटे के तेज धक्कों को सहना अच्छी तरह से जानती थी लेकिन कितना भी अपने आप को संभालने की कोशिश करें अपने बेटे की जबरदस्त धक्के के साथ उसके मुंह से आह निकल ही जाती थी,,,,

पानी के अंदर भी राजू अपनी मां के ऊपर पूरी तरह से काबू पा चुका था,,, राजू का लंड मधु की बुर में एकदम सटासट जा रहा था पानी के अंदर भी राजू अपनी मां की जबरदस्त चुदाई कर रहा था,,, वैसे तो चुदाई के मामले में मधु को अपने बेटे पर किसी भी प्रकार की शंका करने की जरूरत नहीं थी लेकिन पानी के अंदर थोड़ा बहुत उसे शंका लग रहा था कि उसका बेटा पानी के अंदर ठीक से कर पाएगा कि नहीं लेकिन अद्भुत ताकत का प्रदर्शन करते हुए राजू अपनी मां की सोच के बिल्कुल विपरीत उस की जबरदस्त चुदाई करने में लगा हुआ था,,,,,।

ट्यूबवेल के पाइप में से पानी बड़ी तेजी से दोनों के ऊपर गिर रहा था और ऐसे में पानी के अंदर कुछ भी देखा जा सकता नामुमकिन था लेकिन दोनों को अद्भुत एहसास हो रहा था पानी के अंदर राजू का लंड को ज्यादा ही ताकतवर हो चुका था वह हर धक्के के साथ मधु के बच्चेदानी तक पहुंचा रहा था और मधु हर धक्के के साथ पानी की टंकी की दीवाल से एकदम से चिपक जा रही थी,,,। अपने बेटे के हर एक धक्के से मधु स्वर्ग का सुख भोग रही थी,,,, पानी के अंदर भी राजू अपनी मां की जबरदस्त चुदाई कर रहा था चारों तरफ लहलहाते खेतों के बीच ट्यूबवेल की पानी की टंकी में राजू पूरी तरह से काम क्रीड़ा में मस्त हो चुका था और राजू यह बात भी अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां से ज्यादा उसे कोई भी चुदाई का अद्भुत सुख नहीं दे सकता,,,।

ओहहह मेरे राजाआआआआहहह बहुत मस्त चोदता है रे तू,,, तेरा लंड है कि गधा का लंड बड़े आराम से मेरी बुर में घुस जा रहा है,,,,आहहहहह मेरे राजा ऐसे ही जोर-जोर से,,आहहहह आहहहह

हाय मेरी रानी,,,, मेरी भोसड़ा चोदी,,, तेरी बुर के लिए इंसान का नहीं गधा का लंड की जरूरत है इसीलिए तेरे लिए मुझे गधा बनना पड़ता है,,,,ओहहहह मेरी भोसड़ा चोदी,,,,आहहहह बहुत मजा देती है तू,,,, इतना मजा तो तेरे से पिताजी नहीं दे पाए होंगे जितना मैं ले रहा हूं,,,,आहहहह आहहहहह,,,


मादरचोद,,,,, तेरे लंड की वजह से तो मैं तेरे नीचे हूं वरना तुझे मैं पूछती तक नहीं,,, तेरा लंड मेरी बुर को एकदम भा गया है,,, तभी तो तेरे लंड को अंदर लेने के लिए तड़पती रहती हूं,,,,


हा तो लेना छिनार मेरा लंड की तेरी बुर के लिए ही बना है तभी तो पिताजी की जगह मैं तुझे चोद रहा हूं और तुझे चोदता ही रहूंगा,,,,,,आहहहह आहहहह,,,, मेरे मादरचोद बेटे,,,,आहहहहह

ले छिनार ले रंडी,,,, ले मेरी बुर की रानी बहुत खूबसूरत बुर है तेरा,,,, अपनी बुर को अब किसी और को मत देना तेरी बुर में किसी और का लंड जाना नहीं चाहिए वरना ऐसा पेलुगा,, की लंड बुर से डालूंगा गांड से निकाल लूंगा,,,

ओहहहह मेरे राजा मेरी बुर की अंदरूनी दीवारों पर तेरा ही नाम लिखा है तेरे लंड के लिए जगह बन गया है अब इसमें किसी और का लंड घुसेगा ही नहीं,,,,

आहहहह मेरी रानी,,,आहहहरहह,,
(दोनों मां-बेटे पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे दोनों चर्मसुख के बेहद करीब पहुंच चुके थे दोनों अश्लील बातें करते हुए आनंद को और भी ज्यादा आनंदित कर रहे थे दोनों पूरी तरह से मदहोश होकर चुदाई का आनंद लूट रहे थे मधु पानी की टंकी की दीवार को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने आप को संभाल कर रखी हुई थी और राजू अपनी मां को पूरी तरह से बाहों में भर कर पीछे से धक्के पर धक्का लगा रहा था दोनों की सांसो की गति तेज होने लगी राजू अपनी मां को कसके अपनी बाहों में दबोच लिया और अगले ही पल चार पांच जबरदस्त धक्के के साथ ही दोनों मां-बेटे झड़ गए,,,,, एक अद्भुत अविस्मरणीय अतुलनीय संभोग कथा संपूर्ण हो चुकी थी पानी की टंकी के अंदर पानी के अंदर रहकर राजू ने जिस तरह से अपनी मर्दाना ताकत का प्रदर्शन किया था उसे देखते हुए मधु पूरी तरह से चारों खाने चित हो चुकी थी वह पूरी तरह से अपने बेटे पर निहाल हो गई थी उस की अद्भुत चोदने की क्षमता को देखकर अपने इस नए रिश्ते पर वह पूरी तरह से बागबाग हो गई थी वह अच्छी तरह से जानती थी कि इस तरह का अद्भुत अशोक उसे अपने पति से कतई नहीं प्राप्त हो सकता था,,,,


राजू अपने लंड को धीरे से अपनी मां की बुर से बाहर निकाला और फिर दोनों एक एक करके पानी के टंकी से बाहर आ गए दोनों पानी के टंकी में चुदाई के साथ-साथ स्नान का भी मजा ले रहे थे इसके बाद दोनों नग्न अवस्था में ही झोपड़ी के पीछे की तरफ आगे जहां पर मधु अपने कपड़े उतार कर रखी हुई थी लेकिन अभी भी उसका पूरा बदन भीगा हुआ था इसलिए वह अपने कपड़ों को लेकर झोपड़ी के आगे आ गई और,,,, सूखे कपड़े से अपने गीले बदन को पोछने लगी,,, थोड़ी ही देर में दोनों अपने-अपने कपड़े पहन‌ कर,,, थोड़ा खेतों का मुआयना करने लगे,,, और जब तक दोनों के काम क्रीड़ा चले तब तक खेतों में पानी सही मायने में पहुंच चुका था इसके बाद राजू ट्यूबवेल को बंद किया और दोनों मां-बेटे घर की तरफ निकल पड़े,,,।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
राजू और मधु ने भरी दोपहरी में खुले लहलहाते खेतों के बीच पानी से भरे ट्युबवेल की टंकी में पहली बार कुछ नया कर चुदाई का अद्भुत अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त कर दोनों माँ और बेटा चरम सुख पा कर भावविभोर हो गये
चुदाई का अद्भुत वर्णन
 
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bantoo

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