• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest बैलगाड़ी,,,,,

Ek number

Well-Known Member
8,180
17,569
173
गुलाबी का मन अब काम में बिल्कुल भी नहीं लग रहा था,,, उसकी जवानी चुदास की मदहोशी छाती चली जा रही थी,,,
अब तक जो भी वह अपने कानों से सुनती आ रही थी और देखते आ रही थी,,, और अब रात को अपने हाथों से अपने भतीजे के मदमस्त मोटे तगड़े लंबे,,लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसकी गर्माहट को अपनी हथेली में महसूस कर के चित्र की उत्तेजना का अनुभव उसने की थी इस तरह का अनुभव से अब तक नहीं ले पाई थी उसके लिए पहला मौका था जब वह इतने पास से अपने ही भतीजे के लंड के दर्शन कर रहे थे उस पल का अनुभव उसके लिए बेहद अनमोल और मदहोशी भरा था और पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी प्यासी बुर में उंगली का सहारा लेकर अपना पानी निकाल दी थी,,,,,

राजू ने कभी अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठीआया नहीं था,,, जो कि उसके उम्र के लड़के हमेशा ही करते हैं लेकिन वह इस ज्ञान से पूरी तरह से अज्ञान था लेकिन,,, उसकी बुआ ने यह शुभ काम अपने हाथों से की थी लेकिन इस बात का एहसास और भान राजू को बिल्कुल भी नहीं था उसके लिए यह सब ना होने के बराबर था जो कि उसके साथ हो चुका था,,,,,, राजू गहरी नींद में सोता है यह बात तो गुलाबी अच्छी तरह से जानती थीलेकिन इतनी गहरी नींद में सोता है यह उसे रात को ही पता चला था कि उसके साथ कुछ भी कर लो तो उसे पता नहीं चलता,,,,,
गुलाबी को पहली बार इस बात का आभास हुआ कि बरसों के लंड से इतनी तेज पिचकारी निकलती है,,, जिसे देखकर गुलाबी का पूरा वजूद हिल गया था उसकी बुर में जिस तरह की सुरसुराहट अपने भतीजे के लंड से निकलती पिचकारी को देखकर हुई थी उस तरह की सुरसुराहट अपने भैया और भाभी की चुदाई देख कर भी नहीं हुई थी,,,,,,,लंड से निकले लावा को वह अपने हाथों से साफ की थी उसकी गर्माहट उसे अभी तक महसूस हो रही थी,,,,उसकी चिकनाहट को महसूस करके उसे इस बात का आभास हो चुका था कि जब कभी भी वहां अपने भतीजे के पजामे को साफ करती थी तो उसमें कभी-कभी इस तरह की चिकनाहट महसूस होती थी,,,,,,

गुलाबी का मन अब चुदवाने के लिए पूरी तरह से बहकने लगा था,,, उससे बिल्कुल भी रहा नहीं जाता था,,, जिस तरह से वह रात को गरमा गरम दृश्य देखी थी जिसमेंउसकी भाभी गहरी नींद में होने के बावजूद भी उसके भैया उसे चोदने के लिए लालायित नजर आ रहे थे यह देखकर गुलाबी अपने मन में यही सोच रही थी कि उसके भैया एक नंबर के चुडक्कड़ इंसान है,,,, दिन भर एकदम एकदम सीधे साधे इंसान बने रहते हैं और रात होते ही उन्हें सिर्फ भाभी की बुर नजर आती है,,,, गुलाबी अपने मन में ही यह बातें सोच कर एकदम गरम हो रही थी,,,,,,,,

रात वाली बात को सोचकर वह खाना बना रही थी तवे पर रोटी रखी हुई थी जो कि ख्यालों में खोने की वजह से उसकी रोटी जल रही थी जिस पर उसका बिल्कुल भी ध्यान नहीं था तभी बाहर से पानी की बाल्टी भर कर लाती हुई मधु की नजर से तौर पर पड़ी तो वह जोर से चिल्लाई,,,।


अरे महारानी कहां खोई हुई हो,,,, देख नहीं रही हो रोटी जल रही है,,,,(इतना कहते हुए मधु बाल्टी नीचे जमीन पर रख दी और कमर पर मुट्ठी बांधकर हाथ रखकर खड़ी हो गई इस रुप में मधु एकदम काम देवी लग रही थी,,, जिस तरह से गाना कमर पर मुट्ठी बांध कर खड़ी हुई थी,, उसकी भरावदार उठी हुई गांड और ज्यादा बड़ी लग रही थी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां पपाया की तरह तनी हुई थी,,।अपनी भाभी की बात सुनते ही जैसे वह नींद से जागी हो इस तरह से चोंकते हुए तवे पर देखने लगी तो वाकई में रोटि जलकर काली हो गई थी,,,।)

बाप रे,,,(और ईतना कहने के साथ ही वह जली हुई रोटी उतार कर नीचे रख दी,,)


ध्यान कहां है तुम्हारा,,,,(मधु अपनी साड़ी को कमर में खोंसते हुए बोली,,,)

अरे भाभी आंख लग गई थी,,,,



आंखें ही लगी है ना कहीं किसी से दिल तो नहीं लगा ली,,,


धत्,,, भाभी कैसी बातें करती हो,,,,



चलो अच्छा उठो,, तुम रहने दो तुम दूसरा काम कर लो मैं रोटियां बना देती हुं,,,,


ठीक है भाभी,,,,( इतना कहकर गुलाबी वहां से खड़ी हो गई और मधु उसकी जगह बैठकर रोटियां बनाने लगी और गुलाबी दूसरे काम करने लगी,,,,,,,, हर पल मधु की खूबसूरती में चार चांद लगा रहता था,,, बनाने वाले ने मधु को बड़ी फुर्सत से बनाया था,,,, थोड़ी ही देर में दोनों का काम पूरा हो गया था,,,,।
दोपहर का समय हो रहा था और राजू अपने दोस्तों के साथ तालाब पर खेल रहा था,,,,,, श्याम भी वहां मौजूद था,,, राजू को देखते ही वह उस पर फब्तियां कसने लगता था,,, ऐसे ही वह राजु का मजाक उड़ाते हुए बोला,,,)


क्यों राजू गया कि नहीं कमला चाची के पास,,,, तुझे बहुत याद करती है,,,। (कपड़े के बने गेंद से खेलने के बाद थक कर सभी लोग घने पेड़ के नीचे बैठे हुए थे,,, श्याम की बात सुनकर राजू बोला)


मैं क्यों जाऊं कमला चाची के पास,,,, मुझे भला उनसे क्या काम है,,,,


अरे कमला चाची तू से चुदवाना चाहती है तुझे इतना भी समझ नहीं आता,,,,(श्याम के मुंह से चुदवाना शब्द सुनते ही राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,,, वह कुछ बोला नहीं फिर भी शयाम अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

तेरा पसंद आ गया है कमला चाची को,,,,, तेरे लंड को अपनी बुर में लेना चाहती है,,,,लेकिन मुझे तो लगता है तो से कुछ होने वाला नहीं है इसीलिए तो कमला चाची के पास जा नहीं रहा है कसम से मुझे अगर ऐसा मौका मिला होता ना तो तुमने चाची की बड़ी बड़ी गांड को अपने लंड डालकर फाड दिया होता,,,, लेकिन साली को तेरा पसंद आ गया है जिसके पास कुछ है ही नहीं,,,,(श्याम की बातों को सुनकर सभी हंसने लगे राजू को बुरा बहुत लग रहा था लेकिन आज आने की उसकी बातों को सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी जिससे धीरे-धीरे उसका लंड खड़ा होना था और पास में ही खड़ा राजू का दोस्त मिलना उसे इशारा करके उस आ रहा था कि वह अपना पजामा उतार कर अपना लंड उसे दिखा दे लेकिन उसे शर्म आ रही थी,,,, श्याम अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)


यार राजू तुझे तो मौका मिल रहा है औरत चोदने का हम लोगों को तो मौका ही नहीं मिलता ,,,, वरना अपने लंड की ताकत कब का दिखा दिए होते,,, और एक तू है पकवान से भरी हुई थाली को ठुकरा दे रहा है,,,,


देख श्याम मुझे यह सब बिल्कुल भी पसंद नहीं है उस दिन की तारा तू आज फिर शुरू हो गया,,,,


शुरू क्यों ना होऊं,,,,आखिरकार तो मेरा दोस्त जो है और दोस्त की इतनी बड़ी बेइज्जती में बर्दाश्त कैसे कर पाऊंगा कल को अगर तेरे पिताजी को पता चला कि उनका बेटा मार दे ही नहीं है तो वह गांव वालों को क्या मुंह दिखाएंगे अपने पोते पोते को कैसे खिला पाएंगे,,, और अब तो मुझे लगने लगा है कि तेरी शादी भी नहीं होगी और अगर हो भी कहीं तो तेरी औरत मेरे पास जरूर आएगी,,,,।


श्याम जबान संभाल कर बात कर,,,,( राजु एकदम से क्रोधित स्वर में बोला,,,,)


बीवी के बारे में बोलते ही कैसा गुस्सा हो गया,,,,,,, लेकिन उस समय क्या करेगा जब सुहागरात को तेरी बीवी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो जाएगी और इसे बाजार में अपनी दोनों टांगे फैला देगी की मेरा पति अपना खड़ा लंड मेरी बुर में डालकर मेरे साथ सुहागरात मनाएगा,,,,, और सोच जब तेरा खड़ा ही नहीं होगा तब तेरी औरत सुहागरात कैसे मनाएगी तु उसे संतुष्ट कैसे कर पाएगा,,,, और तू शायद नहीं जानता की बुर की प्यास कैसी होती है जब तेरी बीवी को बड़े बड़े लंड की आवश्यकता पड़ेगी तब तेरा ना पाकर वह कहां जाएगी हम जैसे नौजवान लड़कों के पास ही आएगी,,,,,,,,(श्याम को इस तरह की गद्दीपति करने में बहुत मजा आता था और उसका मजा दूसरे लड़के भी उठा रहे थे वह भी जोर जोर से हंस रहे थे,,,, मुन्ना बार-बार उसे उकसा रहा था कि कुछ बोले लेकिन वह कुछ भी बोल नहीं रहा था वह बस गुस्सा किया जा रहा था,,,, गंदे शब्दों में जवाब ना देने का कारण यह भी था कि उसने आज तक इन शब्दों का कभी प्रयोग नहीं किया था और ना ही इस तरह की गंदी बातों ने कभी रुचि दिया था लेकिन वक्त के साथ धीरे-धीरे बड़ा होने लगा था जो कि इस तरह की बातों को सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना कि नहीं पाती थी और उसके बाद कभी भी इस तरह की बातें करने की मंजूरी नहीं दी क्योंकि बचपन में ही किसी को गाली दे दिया उसकी गाली सुनकर उसकी मां और उसके बाबुजी उसे बहुत मारे थे,,,,तब से लेकर आज तक वह कभी गद्दे शब्दों का प्रयोग नहीं किया था लेकिन श्याम उसे बार-बार उकसा रहा था उसकी मर्दानगी पर सवाल उठा रहा था जो कि यह बात मुन्ना भीअच्छी तरह से जानता था कि राजू वरदान की से भरा हुआ था और उसके जैसी मर्दाना ताकत शायद ही गांव में किसी के पास हो,,,। लेकिन फिर भी मुन्ना हैरान था कि इतना कुछ सुनने के बाद भी राजू अपना दिखाता क्यों नहीं,,, श्याम की बातों को सुनकर राजू गुस्से में बोला,,,)

कोई अगर तेरी मां के बारे में गंदी गंदी बातें बोले तो तुझे कैसा लगेगा,,,,


यहां किसी की हिम्मत ही नहीं है कि मुझे कोई भला बुरा बोलें,,,,,


अगर मैं तेरी मां के बारे में गंदी गंदी बातें बोलु तो,,,,(राजू गुस्से में बोला और उसकी बातें सुनकर श्याम कुछ देर तक शांत रहने के बाद और कुछ सोचने के बाद वह हंसते हुए बोला,,,)


तू बोल कर भी क्या कर पाएगा,,,,, तेरे से कुछ होने वाला भी नहीं है अगर होने वाला होता तो अब तक कमला चाची की बुर में लंड डाल दिया होता,,,,



देख श्याम मैं कहता हूं शांत हो जा अगर मैं बोलना शुरू किया तो सुनकर तु शर्म से मर जाएगा,,,,,,,,



देख रहा हूं जैसा मैं बोलता हूं वैसा तू भी बोलेगा जैसे कि मैं तेरी मां को चोदना चाहता हूं,,,, और अगर मौका मिला तो मैं तेरी खूबसूरत मां को चोद भी लुंगा और मेरी चुदाई से तेरी मां खुश भी हो जाएगी लेकिन सोच तू अगर मेरी मां को चोदना चाहेंगा तो भी नहीं चोद पाएगा,,, पता है क्यों क्योंकि तेरे पास है ही नहीं,,,,, और मेरे पास देख,,,,(इतना कहने के साथ ही श्याम अपना पजामा नीचे करके अपने लंड को पिलाना शुरू कर दिया,,,,,श्याम की बेशर्मी भरी हरकत पर बाकी के लड़के जोर जोर से हंस रहे थे उन्हें मजा आ रहा था लेकिन राजू को गुस्सा आ रहा था,,,, गांव के लड़कों की आवारागर्दी और गंदी बातों को दूर झाड़ियों के पीछे छुप कर सोनी और उसकी सहेलियां देख रही थी,,,, लाला की बहन दोपहर के समय सौच करने आई थी और सोच करने के बाद वह अपनी सहेली के साथ घर जाने को हुई थी कि लड़कों की बातें सुनते ही बाहर खड़ी हो गई थी और झाड़ियों के पीछे सोनी और उसकी सहेलियां छुपकर उन लड़कों की बातें सुन रही थी और उनकी गंदी गंदी बातें सुनकर मुस्कुरा रही थी और उन्हें मजा भी आ रहा था,,,, लेकिन इस समय सोनी और उसकी सहेलियों की नजर श्याम के लंड पर थी जो कि ज्यादा बड़ा तो नहीं था लेकिन पूरी तरह से सख्त हो चुका था,,,जिसे देखकर सोनी और उसकी सहेलियों के तन बदन में भी उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी,,,, सोनी जोकी पति के देहांत के बाद से बेहद प्यासी थी और अपनी प्यास अपने बड़े भाई के लंड से बुझाती आ रही थी लेकिन उसे भी एक जवान लंड की जरूरत थी,,,, इसीलिए तो उसकी नजर श्याम के लंड पर एकदम से चिपक गई थी,,,, जिसे श्याम जोर जोर से हिला रहा था,,,,,)

देखा राजू तेरी मां की प्यास में अपने लंड से बुझा सकता हूं,,, और मुझे बहुत मजा आएगा जब तेरी मां अपनी दोनों टांगें फैलाकर मेरे लंड को अपनी बुर में लेगी,,,, लेकिन तुझ से कुछ नहीं हो पाएगा,,,,,,,

(राजू का गुस्सा बढ़ता जा रहा था आज पहली बार एक लड़के के मुंह से अपनी ही मां के बारे में गंदी बातें सुन रहा था और उसकी गंदी बातें सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर बढ़ती जा रही थी और लंड का आकार बढ़ता जा रहा था,,,,,, अभी तक राजू एक दूसरे की मां के बारे में गाली गलौज सुनता आ रहा था लेकिन आज शाम के मुंह से उसकी मां के बारे में गंदी बात को सुनकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी और उसका लंड कुछ ज्यादा उछाल मारने लगा था,,,इस बार उससे रहा नहीं गया क्योंकि वह सारी हदों को पार कर चुका था उसकी मां के बारे में बेहद गंदी बातें बोल चुका था इसलिए अब उसके सब्र का बांध टूट चुका था और उसे अपनी मर्दानगी दिखाना बेहद जरूरी हो चुका था ताकि वह हमेशा के लिए उसका मुंह बंद कर सके,,,राजू को अपनी मर्दानगी दिखाना ही नहीं था बल्कि उसकी मां के बारे में गंदी गंदी बातों को बोल कर अपनी सारी भड़ास निकाल लेना चाहता था इसलिए वह बोला,,,)


मादरचोद श्याम,,,, तेरी मां की चुदाई मैं ही अच्छे से करूंगा देखना चाहिए अपना लंड डालूंगा तेरी मां की बुर में पर जोर जोर से चिल्ला उठेगी और मुझे अपना लंड बाहर निकालने के लिए मिन्नतें करेगी फिर भी मैं अपना लगा नहीं निकालुंगा और तेरी मां की बुर में धकाधक पेलता रहूंगा,,,,
(सोनी राजू की बातों को सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी लड़कों के मुंह से एक दूसरे की मां के बारे में गंदी से गंदी बातों को सुनकर उसकी बुर कुल बुलाने लगी थी,,,, वह देखना चाहती थी कि वह क्या करता है,,,इसलिए झाड़ियों के पीछे छुप कर अपनी सहेलियों के साथ होना अपने कान खड़े करके उन लोगों की बातों को सुन रही थी लेकिन राजू की बातों को सुनकर श्याम जोर जोर से हंस रहा था उसे ऐसा ही लग रहा था कि वास्तव में राजु के पास मर्दाना ताकत से भरा हुआ लंड है ही नहीं,,,)

तेरी बातों का मुझे बुरा नहीं लग रहा है राजू बल्कि मुझे तो तुझ पर तरस आ रहा है,,,।





तरस तो तुझे अपनी मां पर आएगा,,, जब मैं अपना मोटा और लंबा लंड तेरी मां की बुर में धीरे-धीरे डालूंगा,,, तेरी मां जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर देगी,,,, मेरा मोटा लंड पाकर तेरी मां एकदम मस्त हो जाएगी देखना,,,
(श्याम राजू की कही बातों को हल्के में ले रहा था जोर जोर से हंस रहा था लेकिन मुन्ना को पूरा यकीन था क्योंकि इसलिए कह रहा था अगर ऐसा हो सकता तो एक-एक कही हुई बात सच निकलती जोर जोर से हंसते हुए श्याम बोला)


पर डालेगा क्या मेरी मां की बुर में,,, लंड तो तेरे पास है नहीं,,,, बैगन डालेगा,,,,,
(राजू और श्याम की बातों को सुनकर सोनीकी बुर गीली हो रही थी गांव के लड़कों को इस तरह से गंदी बातें करते हुए देखकर उनकी बातों को सुनकर उसके होश उड़ गए थे,,,श्याम का इस तरह से जोर जोर से हंसना उसकी बातों को सुनकर राजू एकदम से तैश में आ गया और बोला,,,)


तेरी मां की बुर में पैदा नहीं डालूंगा डालूंगा तुम्हें इतना मोटा तगड़ा लंबा लंड ही,,, पर देखना चाहेगा रुक दिखाता हुं तुझे मादरचोद,,,(इतना कहने के साथ ही राजू एकदम से जोश से भर गया था और तुरंत अपने दोनों हाथ सपने पजामे को पकड़ करएक झटके से नीचे कर दिया और जैसे ही पहचाना उसके कुछ बताया वैसे ही होगा उसका लंबा मोटा लंबा लंड लहरा उठा जिस पर नजर पड़ते ही सबके होश उड़ गए श्याम तो देखता ही रह गया यकीन नहीं हो रहा था कि पजामे के अन्दर राजू इतना दमदार लंड छुपाया हुआ था,,,। सोनी की तो आंखें फटी की फटी रह गई सोनी ने अभी तक इस तरह का दमदार मोटा लंबा लंड कभी नहीं देखी थी,,,, पल भर में ही राजू के लंड के दीदार से ही उसकी बुर कुलबुलाने लगी थी,,,, उसकी सहेली अभी आश्चर्य से देखे जा रही थी और राजू एक आंख से अपने लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे करके ही जाना शुरू कर दिया था यह पहला मौका था उसके लिए जब वह अपने ही हाथ में लंड पकड़ कर हीला रहा था,,,। श्याम के पास बोलने लायक कुछ नहीं था,,, वह बस आंकड़े राजू के लंड को देखे जा रहा था,,,,)


क्यों क्या हुआ हरामी मादरचोद देख ले यही डालूंगा और तेरी मां की बुर फट जाएगी,,,,

(श्याम क्या बोलता है श्याम के पास बोलने के लिए शब्द नहीं थे उसका खड़ा लंड राजू कितने के सामने नुनु साबित हो रहा था,,,,, बहुत शर्मिंदा हो गया था वह तुरंत अपने पजामे को ऊपर करके वहां से चलता बना,,,, लेकिन सोनी के दोनों टांगों के बीच हलचल मच गई थी,,,, अजीब सी हालत हो गई थी उसकी अपनी सहेली से उस लड़के के बारे में पूछा तो पता चला कि बेल गाड़ी चलाने वाले हरिया का लड़का था उसे तुरंत याद आ गया कि यह उसी हरिया का लड़का है जो उस दिन ब्याज के पैसे देने घर पर आया था और उसे चुदवाते हुए पकड़ लिया था लेकिन वह पहचान नहीं पाया था,,,,,,,क्योंकि उस समय सोने के घने बाल उसके चेहरे को ढके हुए थे और कोई नंगे बदन को देख कर चेहरा पहचान ले ऐसा हो नहीं सकता था और वैसे भी हरिया ने उसे पहले कभी देखा भी नहीं था,,, अपने मन में ठान ली थी कि राजू से मुलाकात करनी ही पड़ेगी,,,।
Nice update
 

IncestNepal

Member
155
338
63
गुलाबी का मन अब काम में बिल्कुल भी नहीं लग रहा था,,, उसकी जवानी चुदास की मदहोशी छाती चली जा रही थी,,,
अब तक जो भी वह अपने कानों से सुनती आ रही थी और देखते आ रही थी,,, और अब रात को अपने हाथों से अपने भतीजे के मदमस्त मोटे तगड़े लंबे,,लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसकी गर्माहट को अपनी हथेली में महसूस कर के चित्र की उत्तेजना का अनुभव उसने की थी इस तरह का अनुभव से अब तक नहीं ले पाई थी उसके लिए पहला मौका था जब वह इतने पास से अपने ही भतीजे के लंड के दर्शन कर रहे थे उस पल का अनुभव उसके लिए बेहद अनमोल और मदहोशी भरा था और पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी प्यासी बुर में उंगली का सहारा लेकर अपना पानी निकाल दी थी,,,,,

राजू ने कभी अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठीआया नहीं था,,, जो कि उसके उम्र के लड़के हमेशा ही करते हैं लेकिन वह इस ज्ञान से पूरी तरह से अज्ञान था लेकिन,,, उसकी बुआ ने यह शुभ काम अपने हाथों से की थी लेकिन इस बात का एहसास और भान राजू को बिल्कुल भी नहीं था उसके लिए यह सब ना होने के बराबर था जो कि उसके साथ हो चुका था,,,,,, राजू गहरी नींद में सोता है यह बात तो गुलाबी अच्छी तरह से जानती थीलेकिन इतनी गहरी नींद में सोता है यह उसे रात को ही पता चला था कि उसके साथ कुछ भी कर लो तो उसे पता नहीं चलता,,,,,
गुलाबी को पहली बार इस बात का आभास हुआ कि बरसों के लंड से इतनी तेज पिचकारी निकलती है,,, जिसे देखकर गुलाबी का पूरा वजूद हिल गया था उसकी बुर में जिस तरह की सुरसुराहट अपने भतीजे के लंड से निकलती पिचकारी को देखकर हुई थी उस तरह की सुरसुराहट अपने भैया और भाभी की चुदाई देख कर भी नहीं हुई थी,,,,,,,लंड से निकले लावा को वह अपने हाथों से साफ की थी उसकी गर्माहट उसे अभी तक महसूस हो रही थी,,,,उसकी चिकनाहट को महसूस करके उसे इस बात का आभास हो चुका था कि जब कभी भी वहां अपने भतीजे के पजामे को साफ करती थी तो उसमें कभी-कभी इस तरह की चिकनाहट महसूस होती थी,,,,,,

गुलाबी का मन अब चुदवाने के लिए पूरी तरह से बहकने लगा था,,, उससे बिल्कुल भी रहा नहीं जाता था,,, जिस तरह से वह रात को गरमा गरम दृश्य देखी थी जिसमेंउसकी भाभी गहरी नींद में होने के बावजूद भी उसके भैया उसे चोदने के लिए लालायित नजर आ रहे थे यह देखकर गुलाबी अपने मन में यही सोच रही थी कि उसके भैया एक नंबर के चुडक्कड़ इंसान है,,,, दिन भर एकदम एकदम सीधे साधे इंसान बने रहते हैं और रात होते ही उन्हें सिर्फ भाभी की बुर नजर आती है,,,, गुलाबी अपने मन में ही यह बातें सोच कर एकदम गरम हो रही थी,,,,,,,,

रात वाली बात को सोचकर वह खाना बना रही थी तवे पर रोटी रखी हुई थी जो कि ख्यालों में खोने की वजह से उसकी रोटी जल रही थी जिस पर उसका बिल्कुल भी ध्यान नहीं था तभी बाहर से पानी की बाल्टी भर कर लाती हुई मधु की नजर से तौर पर पड़ी तो वह जोर से चिल्लाई,,,।


अरे महारानी कहां खोई हुई हो,,,, देख नहीं रही हो रोटी जल रही है,,,,(इतना कहते हुए मधु बाल्टी नीचे जमीन पर रख दी और कमर पर मुट्ठी बांधकर हाथ रखकर खड़ी हो गई इस रुप में मधु एकदम काम देवी लग रही थी,,, जिस तरह से गाना कमर पर मुट्ठी बांध कर खड़ी हुई थी,, उसकी भरावदार उठी हुई गांड और ज्यादा बड़ी लग रही थी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां पपाया की तरह तनी हुई थी,,।अपनी भाभी की बात सुनते ही जैसे वह नींद से जागी हो इस तरह से चोंकते हुए तवे पर देखने लगी तो वाकई में रोटि जलकर काली हो गई थी,,,।)

बाप रे,,,(और ईतना कहने के साथ ही वह जली हुई रोटी उतार कर नीचे रख दी,,)


ध्यान कहां है तुम्हारा,,,,(मधु अपनी साड़ी को कमर में खोंसते हुए बोली,,,)

अरे भाभी आंख लग गई थी,,,,



आंखें ही लगी है ना कहीं किसी से दिल तो नहीं लगा ली,,,


धत्,,, भाभी कैसी बातें करती हो,,,,



चलो अच्छा उठो,, तुम रहने दो तुम दूसरा काम कर लो मैं रोटियां बना देती हुं,,,,


ठीक है भाभी,,,,( इतना कहकर गुलाबी वहां से खड़ी हो गई और मधु उसकी जगह बैठकर रोटियां बनाने लगी और गुलाबी दूसरे काम करने लगी,,,,,,,, हर पल मधु की खूबसूरती में चार चांद लगा रहता था,,, बनाने वाले ने मधु को बड़ी फुर्सत से बनाया था,,,, थोड़ी ही देर में दोनों का काम पूरा हो गया था,,,,।
दोपहर का समय हो रहा था और राजू अपने दोस्तों के साथ तालाब पर खेल रहा था,,,,,, श्याम भी वहां मौजूद था,,, राजू को देखते ही वह उस पर फब्तियां कसने लगता था,,, ऐसे ही वह राजु का मजाक उड़ाते हुए बोला,,,)


क्यों राजू गया कि नहीं कमला चाची के पास,,,, तुझे बहुत याद करती है,,,। (कपड़े के बने गेंद से खेलने के बाद थक कर सभी लोग घने पेड़ के नीचे बैठे हुए थे,,, श्याम की बात सुनकर राजू बोला)


मैं क्यों जाऊं कमला चाची के पास,,,, मुझे भला उनसे क्या काम है,,,,


अरे कमला चाची तू से चुदवाना चाहती है तुझे इतना भी समझ नहीं आता,,,,(श्याम के मुंह से चुदवाना शब्द सुनते ही राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,,, वह कुछ बोला नहीं फिर भी शयाम अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

तेरा पसंद आ गया है कमला चाची को,,,,, तेरे लंड को अपनी बुर में लेना चाहती है,,,,लेकिन मुझे तो लगता है तो से कुछ होने वाला नहीं है इसीलिए तो कमला चाची के पास जा नहीं रहा है कसम से मुझे अगर ऐसा मौका मिला होता ना तो तुमने चाची की बड़ी बड़ी गांड को अपने लंड डालकर फाड दिया होता,,,, लेकिन साली को तेरा पसंद आ गया है जिसके पास कुछ है ही नहीं,,,,(श्याम की बातों को सुनकर सभी हंसने लगे राजू को बुरा बहुत लग रहा था लेकिन आज आने की उसकी बातों को सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी जिससे धीरे-धीरे उसका लंड खड़ा होना था और पास में ही खड़ा राजू का दोस्त मिलना उसे इशारा करके उस आ रहा था कि वह अपना पजामा उतार कर अपना लंड उसे दिखा दे लेकिन उसे शर्म आ रही थी,,,, श्याम अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)


यार राजू तुझे तो मौका मिल रहा है औरत चोदने का हम लोगों को तो मौका ही नहीं मिलता ,,,, वरना अपने लंड की ताकत कब का दिखा दिए होते,,, और एक तू है पकवान से भरी हुई थाली को ठुकरा दे रहा है,,,,


देख श्याम मुझे यह सब बिल्कुल भी पसंद नहीं है उस दिन की तारा तू आज फिर शुरू हो गया,,,,


शुरू क्यों ना होऊं,,,,आखिरकार तो मेरा दोस्त जो है और दोस्त की इतनी बड़ी बेइज्जती में बर्दाश्त कैसे कर पाऊंगा कल को अगर तेरे पिताजी को पता चला कि उनका बेटा मार दे ही नहीं है तो वह गांव वालों को क्या मुंह दिखाएंगे अपने पोते पोते को कैसे खिला पाएंगे,,, और अब तो मुझे लगने लगा है कि तेरी शादी भी नहीं होगी और अगर हो भी कहीं तो तेरी औरत मेरे पास जरूर आएगी,,,,।


श्याम जबान संभाल कर बात कर,,,,( राजु एकदम से क्रोधित स्वर में बोला,,,,)


बीवी के बारे में बोलते ही कैसा गुस्सा हो गया,,,,,,, लेकिन उस समय क्या करेगा जब सुहागरात को तेरी बीवी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो जाएगी और इसे बाजार में अपनी दोनों टांगे फैला देगी की मेरा पति अपना खड़ा लंड मेरी बुर में डालकर मेरे साथ सुहागरात मनाएगा,,,,, और सोच जब तेरा खड़ा ही नहीं होगा तब तेरी औरत सुहागरात कैसे मनाएगी तु उसे संतुष्ट कैसे कर पाएगा,,,, और तू शायद नहीं जानता की बुर की प्यास कैसी होती है जब तेरी बीवी को बड़े बड़े लंड की आवश्यकता पड़ेगी तब तेरा ना पाकर वह कहां जाएगी हम जैसे नौजवान लड़कों के पास ही आएगी,,,,,,,,(श्याम को इस तरह की गद्दीपति करने में बहुत मजा आता था और उसका मजा दूसरे लड़के भी उठा रहे थे वह भी जोर जोर से हंस रहे थे,,,, मुन्ना बार-बार उसे उकसा रहा था कि कुछ बोले लेकिन वह कुछ भी बोल नहीं रहा था वह बस गुस्सा किया जा रहा था,,,, गंदे शब्दों में जवाब ना देने का कारण यह भी था कि उसने आज तक इन शब्दों का कभी प्रयोग नहीं किया था और ना ही इस तरह की गंदी बातों ने कभी रुचि दिया था लेकिन वक्त के साथ धीरे-धीरे बड़ा होने लगा था जो कि इस तरह की बातों को सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना कि नहीं पाती थी और उसके बाद कभी भी इस तरह की बातें करने की मंजूरी नहीं दी क्योंकि बचपन में ही किसी को गाली दे दिया उसकी गाली सुनकर उसकी मां और उसके बाबुजी उसे बहुत मारे थे,,,,तब से लेकर आज तक वह कभी गद्दे शब्दों का प्रयोग नहीं किया था लेकिन श्याम उसे बार-बार उकसा रहा था उसकी मर्दानगी पर सवाल उठा रहा था जो कि यह बात मुन्ना भीअच्छी तरह से जानता था कि राजू वरदान की से भरा हुआ था और उसके जैसी मर्दाना ताकत शायद ही गांव में किसी के पास हो,,,। लेकिन फिर भी मुन्ना हैरान था कि इतना कुछ सुनने के बाद भी राजू अपना दिखाता क्यों नहीं,,, श्याम की बातों को सुनकर राजू गुस्से में बोला,,,)

कोई अगर तेरी मां के बारे में गंदी गंदी बातें बोले तो तुझे कैसा लगेगा,,,,


यहां किसी की हिम्मत ही नहीं है कि मुझे कोई भला बुरा बोलें,,,,,


अगर मैं तेरी मां के बारे में गंदी गंदी बातें बोलु तो,,,,(राजू गुस्से में बोला और उसकी बातें सुनकर श्याम कुछ देर तक शांत रहने के बाद और कुछ सोचने के बाद वह हंसते हुए बोला,,,)


तू बोल कर भी क्या कर पाएगा,,,,, तेरे से कुछ होने वाला भी नहीं है अगर होने वाला होता तो अब तक कमला चाची की बुर में लंड डाल दिया होता,,,,



देख श्याम मैं कहता हूं शांत हो जा अगर मैं बोलना शुरू किया तो सुनकर तु शर्म से मर जाएगा,,,,,,,,



देख रहा हूं जैसा मैं बोलता हूं वैसा तू भी बोलेगा जैसे कि मैं तेरी मां को चोदना चाहता हूं,,,, और अगर मौका मिला तो मैं तेरी खूबसूरत मां को चोद भी लुंगा और मेरी चुदाई से तेरी मां खुश भी हो जाएगी लेकिन सोच तू अगर मेरी मां को चोदना चाहेंगा तो भी नहीं चोद पाएगा,,, पता है क्यों क्योंकि तेरे पास है ही नहीं,,,,, और मेरे पास देख,,,,(इतना कहने के साथ ही श्याम अपना पजामा नीचे करके अपने लंड को पिलाना शुरू कर दिया,,,,,श्याम की बेशर्मी भरी हरकत पर बाकी के लड़के जोर जोर से हंस रहे थे उन्हें मजा आ रहा था लेकिन राजू को गुस्सा आ रहा था,,,, गांव के लड़कों की आवारागर्दी और गंदी बातों को दूर झाड़ियों के पीछे छुप कर सोनी और उसकी सहेलियां देख रही थी,,,, लाला की बहन दोपहर के समय सौच करने आई थी और सोच करने के बाद वह अपनी सहेली के साथ घर जाने को हुई थी कि लड़कों की बातें सुनते ही बाहर खड़ी हो गई थी और झाड़ियों के पीछे सोनी और उसकी सहेलियां छुपकर उन लड़कों की बातें सुन रही थी और उनकी गंदी गंदी बातें सुनकर मुस्कुरा रही थी और उन्हें मजा भी आ रहा था,,,, लेकिन इस समय सोनी और उसकी सहेलियों की नजर श्याम के लंड पर थी जो कि ज्यादा बड़ा तो नहीं था लेकिन पूरी तरह से सख्त हो चुका था,,,जिसे देखकर सोनी और उसकी सहेलियों के तन बदन में भी उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी,,,, सोनी जोकी पति के देहांत के बाद से बेहद प्यासी थी और अपनी प्यास अपने बड़े भाई के लंड से बुझाती आ रही थी लेकिन उसे भी एक जवान लंड की जरूरत थी,,,, इसीलिए तो उसकी नजर श्याम के लंड पर एकदम से चिपक गई थी,,,, जिसे श्याम जोर जोर से हिला रहा था,,,,,)

देखा राजू तेरी मां की प्यास में अपने लंड से बुझा सकता हूं,,, और मुझे बहुत मजा आएगा जब तेरी मां अपनी दोनों टांगें फैलाकर मेरे लंड को अपनी बुर में लेगी,,,, लेकिन तुझ से कुछ नहीं हो पाएगा,,,,,,,

(राजू का गुस्सा बढ़ता जा रहा था आज पहली बार एक लड़के के मुंह से अपनी ही मां के बारे में गंदी बातें सुन रहा था और उसकी गंदी बातें सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर बढ़ती जा रही थी और लंड का आकार बढ़ता जा रहा था,,,,,, अभी तक राजू एक दूसरे की मां के बारे में गाली गलौज सुनता आ रहा था लेकिन आज शाम के मुंह से उसकी मां के बारे में गंदी बात को सुनकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी और उसका लंड कुछ ज्यादा उछाल मारने लगा था,,,इस बार उससे रहा नहीं गया क्योंकि वह सारी हदों को पार कर चुका था उसकी मां के बारे में बेहद गंदी बातें बोल चुका था इसलिए अब उसके सब्र का बांध टूट चुका था और उसे अपनी मर्दानगी दिखाना बेहद जरूरी हो चुका था ताकि वह हमेशा के लिए उसका मुंह बंद कर सके,,,राजू को अपनी मर्दानगी दिखाना ही नहीं था बल्कि उसकी मां के बारे में गंदी गंदी बातों को बोल कर अपनी सारी भड़ास निकाल लेना चाहता था इसलिए वह बोला,,,)


मादरचोद श्याम,,,, तेरी मां की चुदाई मैं ही अच्छे से करूंगा देखना चाहिए अपना लंड डालूंगा तेरी मां की बुर में पर जोर जोर से चिल्ला उठेगी और मुझे अपना लंड बाहर निकालने के लिए मिन्नतें करेगी फिर भी मैं अपना लगा नहीं निकालुंगा और तेरी मां की बुर में धकाधक पेलता रहूंगा,,,,
(सोनी राजू की बातों को सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी लड़कों के मुंह से एक दूसरे की मां के बारे में गंदी से गंदी बातों को सुनकर उसकी बुर कुल बुलाने लगी थी,,,, वह देखना चाहती थी कि वह क्या करता है,,,इसलिए झाड़ियों के पीछे छुप कर अपनी सहेलियों के साथ होना अपने कान खड़े करके उन लोगों की बातों को सुन रही थी लेकिन राजू की बातों को सुनकर श्याम जोर जोर से हंस रहा था उसे ऐसा ही लग रहा था कि वास्तव में राजु के पास मर्दाना ताकत से भरा हुआ लंड है ही नहीं,,,)

तेरी बातों का मुझे बुरा नहीं लग रहा है राजू बल्कि मुझे तो तुझ पर तरस आ रहा है,,,।





तरस तो तुझे अपनी मां पर आएगा,,, जब मैं अपना मोटा और लंबा लंड तेरी मां की बुर में धीरे-धीरे डालूंगा,,, तेरी मां जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर देगी,,,, मेरा मोटा लंड पाकर तेरी मां एकदम मस्त हो जाएगी देखना,,,
(श्याम राजू की कही बातों को हल्के में ले रहा था जोर जोर से हंस रहा था लेकिन मुन्ना को पूरा यकीन था क्योंकि इसलिए कह रहा था अगर ऐसा हो सकता तो एक-एक कही हुई बात सच निकलती जोर जोर से हंसते हुए श्याम बोला)


पर डालेगा क्या मेरी मां की बुर में,,, लंड तो तेरे पास है नहीं,,,, बैगन डालेगा,,,,,
(राजू और श्याम की बातों को सुनकर सोनीकी बुर गीली हो रही थी गांव के लड़कों को इस तरह से गंदी बातें करते हुए देखकर उनकी बातों को सुनकर उसके होश उड़ गए थे,,,श्याम का इस तरह से जोर जोर से हंसना उसकी बातों को सुनकर राजू एकदम से तैश में आ गया और बोला,,,)


तेरी मां की बुर में पैदा नहीं डालूंगा डालूंगा तुम्हें इतना मोटा तगड़ा लंबा लंड ही,,, पर देखना चाहेगा रुक दिखाता हुं तुझे मादरचोद,,,(इतना कहने के साथ ही राजू एकदम से जोश से भर गया था और तुरंत अपने दोनों हाथ सपने पजामे को पकड़ करएक झटके से नीचे कर दिया और जैसे ही पहचाना उसके कुछ बताया वैसे ही होगा उसका लंबा मोटा लंबा लंड लहरा उठा जिस पर नजर पड़ते ही सबके होश उड़ गए श्याम तो देखता ही रह गया यकीन नहीं हो रहा था कि पजामे के अन्दर राजू इतना दमदार लंड छुपाया हुआ था,,,। सोनी की तो आंखें फटी की फटी रह गई सोनी ने अभी तक इस तरह का दमदार मोटा लंबा लंड कभी नहीं देखी थी,,,, पल भर में ही राजू के लंड के दीदार से ही उसकी बुर कुलबुलाने लगी थी,,,, उसकी सहेली अभी आश्चर्य से देखे जा रही थी और राजू एक आंख से अपने लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे करके ही जाना शुरू कर दिया था यह पहला मौका था उसके लिए जब वह अपने ही हाथ में लंड पकड़ कर हीला रहा था,,,। श्याम के पास बोलने लायक कुछ नहीं था,,, वह बस आंकड़े राजू के लंड को देखे जा रहा था,,,,)


क्यों क्या हुआ हरामी मादरचोद देख ले यही डालूंगा और तेरी मां की बुर फट जाएगी,,,,

(श्याम क्या बोलता है श्याम के पास बोलने के लिए शब्द नहीं थे उसका खड़ा लंड राजू कितने के सामने नुनु साबित हो रहा था,,,,, बहुत शर्मिंदा हो गया था वह तुरंत अपने पजामे को ऊपर करके वहां से चलता बना,,,, लेकिन सोनी के दोनों टांगों के बीच हलचल मच गई थी,,,, अजीब सी हालत हो गई थी उसकी अपनी सहेली से उस लड़के के बारे में पूछा तो पता चला कि बेल गाड़ी चलाने वाले हरिया का लड़का था उसे तुरंत याद आ गया कि यह उसी हरिया का लड़का है जो उस दिन ब्याज के पैसे देने घर पर आया था और उसे चुदवाते हुए पकड़ लिया था लेकिन वह पहचान नहीं पाया था,,,,,,,क्योंकि उस समय सोने के घने बाल उसके चेहरे को ढके हुए थे और कोई नंगे बदन को देख कर चेहरा पहचान ले ऐसा हो नहीं सकता था और वैसे भी हरिया ने उसे पहले कभी देखा भी नहीं था,,, अपने मन में ठान ली थी कि राजू से मुलाकात करनी ही पड़ेगी,,,।
Masta Update Rohnny Bhai
 
  • Like
Reactions: Sanju@ and Napster

Nasn

Well-Known Member
2,903
4,772
158
बहुत ही बेमिसाल अपडेट था।
हरिया की शादीशुदा बेटी की
भी जबरदस्त एंट्री करवा दो

जिससे नया ट्विस्ट आये
राजू गुलाबो की गुलाबी चूत
चाटने में लगा रहे ।और
हरिया अपनी बिटिया की
दामाद से चुदी चूत चूसे....

waiting......
 

Napster

Well-Known Member
4,724
13,091
158
रात को हरिया मधु के साथ लेटा हुआ था मधु दिन भर की थकान से सो चुकी थी,,,, और हरिया बीड़ी पीते हुए लाला के घर में जो दृश्य देखा था उस बारे में सोच रहा था,,,, उस समय अपनी आंखों से जो दृश्य हरिया ने देखा था उस दृश्य से ज्यादा वह इस बारे में सोच कर ही रहा था कि आखिरकार लाला के साथ वह औरत कौन थी,,, घोड़ी बनकर चुदवाते हुएउसकी बड़ी-बड़ी चूचियां जिस तरह से दशहरी आम की तरह लटक रही थी उस बारे में सोचते ही हरिया का लंड खड़ा हो जा रहा था,,, उस पर लाला की जबरदस्त पकड़ मानो ऐसा लग रहा था जैसे दशहरी आम को दबोच कर पिचका डालेगा,,,, जिस तरह से गर्म सिसकारी की आवाज उस औरत के मुंह से आ रही थी,,, उस सिसकारी के आवाज के बारे में सोच कर वह मन ही मन परेशान था कि आखिरकार वह औरत थी कौन,,,, जिसके बारे में हरिया अभी तक समझ नहीं पाया था वह गांव की थी या गांव से बाहर की,,, क्योंकि अगर यह बात भी अच्छी तरह से जानता था कि लाला की हवेली में कोई भी स्त्री नहीं थी,,,, अगर कोई नौकरानी औरत होती तो भी हरिया समझ सकता था कि लाला उस औरत को भोग रहा है लेकिन उस औरत का मांसल मखमली बदन किसी नौकरानी का बिल्कुल भी नहीं हो सकता था,,,, इसी बारे में सोचते हुए हरिया को,,, दोपहर वाली घटना के बारे में याद आ गया और उसकी आंखों के सामने सब कुछ साफ नजर आने लगा कि किस तरह से रेलवे स्टेशन से बाहर निकल कर स्टेशन मास्टर झाड़ियों में चला गया और उससे मुरमुरे बेचने वाली औरत की जबरदस्त चुदाई कर रहा था हरिया हैरान था क्योंकि स्टेशन मास्टर की उम्र ढलने के कगार पर थे लेकिन फिर भी एक औरत की नंगी जिस्म नंगी गांड को देखकर जिस तरह से वह धक्के पर धक्के पेल रहा था,,,,, वह दृश्य हरिया के सोच के बिल्कुल परे था,,,,,,,लेकिन वह मन में यह सोच कर पूरी तरह से निश्चिंत था कि स्टेशन मास्टर को रंगे हाथ पकड़ कर उन दोनों का फायदा हुआ था अब वह दोनों कभी भी स्टेशन में प्रवेश करके निश्चिंत होकर सवारी ढो सकते थे,,,।

लाला और स्टेशन मास्टर की चुदाई का गरमा-गरम दृश्य जेहन में आते ही हरिया कहीं ना पूरी तरह से हो चुका था वह एक नजर अपनी बीवी के ऊपर डाला वह निश्चिंत होकर सो रही थी उसकी सांसो की गति के साथ उसकी ऊपर उठती और नीचे गिरती हुई चुचियों को देख कर उसके मुंह में पानी आ गया,,,, हरिया जानता था कि जब उसकी बीवी गहरी नींद में होती है तो किसी भी हाल में जाकर चुदवाने के लिए तैयार नहीं होती लेकिन इस समय उसके तन बदन में चुदाई की गर्मी सवार हो चुकी थी इसलिए वह अपना एक आगे बढ़कर ब्लाउज के ऊपर से अपनी बीवी की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया,,,,।

ऊमममम,,,, क्या कर रहे हैं आप सोने दीजिए,,,,(बिना आंख खुले ही गहरी नींद में वह बोली)


तो सो जाओ तुम्हें उठा कौन रहा है,,,,(हरिया गहरी नींद में सो रही अपनी बीवी के ब्लाउज के बटन को खोलते हुए बोला,,,,, हरिया की सांसो की गति तेज होने लगी थी उसकी आंखों के सामने उसकी बीवी की नंगी चूचियां थी जिसे देख कर हरीया के मुंह में पानी आ रहा था,,,,बरसों से वह अपनी बीवी के खूबसूरत नंगे बदन से खेलता रहा था लेकिन यह प्यार थे कि खत्म होने का नाम ही नहीं लेती थी और आखिरकार,, मर्दों और औरतों के बीच का यही आकर्षण तो है जो उन्हें एक साथ जोड़ कर रखता है उम्र में प्यार भी बढ़ाता है नफरत भी बढ़ाता है,,,,किसी पर मर मिटने की चाहत होती है तो इसी आकर्षण के चलते किसी को मारने की भी तैयारी हो जाती है,,,,, कुछ भी हो मर्द और औरत के बीच का यह आकर्षण जन्मों से चलता चला रहा है और चलता ही रहेगा,,,,।


गर्मी का मौसम अपने उफान पर था लेकिन रात की शीतलता रात को और ज्यादा खूबसूरत बना रही थी मधु की उम्मीद चुचियों पर पसीने की बूंदें मोती के दाने की तरह चमक रही थी जिसे देखकर हरिया के मुंह में पानी आ रहा था और इस समय मधु की उन्नति चूचियां किसी और की तरह नजर आ रही थी जो कि अपने आकर्षण के गोले से हरिया के मजबूत इरादों को ध्वस्त कर रही थी,,, हरिया पूरी तरह से अपनी बीवी की मदमस्त जवानी के आगे घुटने देख चुका था,,,, इसीलिए तो मधु के गहरी नींद में होने के बावजूद भी वह अपनी प्यास बुझाने के लिए अग्रसर था,,,,ब्लाउज का बटन खुलते ही अपनी बीवी की नंगी चूचियों को दोनों हाथों में लेकर किसी दशहरी आम की तरह दबा दबा कर उसे मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया,,,, उत्तेजना के मारे हरिया के हथेली का दबाव चुचियों परकुछ ज्यादा ही बढ़ जाता था जिससे नींद में होने के बावजूद भी दर्द का अहसास होते ही मधु के मुंह से हल्की आह की आवाज निकल जाती थी,,,,,,, लेकिन यह हल्की आह की आवाज चिंगारी को भड़काने का काम कर रही थी,,,हरिया पागलों की तरह कभी दांई तो कभी बाईं चूची को अपने मुंह में भर कर बारी बारी से पीना शुरू कर दिया,,,,,,,,, हरिया को अपनी बीवी की बड़ी-बड़ी चूचियां दशहरी आम से कम नहीं लग रही थी बल्कि दशहरी आम तो अपने मौसम में मिल ही जाती हैं लेकिन मधु की मदमस्त चूचियां किस्मत वालों को ही मिलती हैं,,,।

हरिया के दिलों दिमाग पर वैसे भी लाला और बड़े बाबू का कामुक दृश्य छाया हुआ था,,, इसलिए ,, कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो चुका था,,,।


रहने दीजिए क्या कर रहे हैं,,,, रोज-रोज करना जरूरी है क्या,,,,?(आंखों को बंद किए हुए ही मधु नींद में बोली)

अरे तुम सोओ ना तुमहे कौन जगा रहा है,,,,(ऐसा कहते हुए हरिया,, अपना हाथ नीचे की तरफ लाया और अपनी बीवी की साड़ी को खोलने लगा,,,, लेकिन अगले ही पल मधुर अपना हाथ आगे बढ़ाकर हरिया का हाथ पकड़ ली और बोली,,,)


नहीं जी आज नहीं मुझे नींद आ रही है,,,,,


तुम्हें उठने को कौन कह रहा है,,,,


नहीं तो साड़ी मत उतारो,,,,


तो ठीक है ऊपर तो उठा सकता हूं,,,,,



आप परेशान बहुत करते हैं,,,,



क्या करूं रानी तुम्हारी चुचियों को देखकर,,, रहा नहीं जाता,,,



जाग रही थी तभी कर लेना चाहिए था ना,,,,


अब छोड़ो भी मुझे उतारने दो साड़ी,,,,,



नहीं ऐसा मत करिए मैं बहुत थकी हुई हूं,,,,
(मधु आंखों को बंद किए हुए ही अपने पति को रोकते हुए बोली,,)


ठीक है अच्छा नहीं उतारता हूं,,, लेकिन तुम्हें चोदे बिना आज मेरा मन नहीं मानेगा,,,,, तो आज भी ना कपड़े उतारे ही कर लेता हूं,,,,(और ऐसा कहते हुए हरिया अपनी बीवी के साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगा,,,यही बात मैं तुमको बहुत अच्छी लगती थी कि उसका पति उसके साथ जबरदस्ती कभी भी नहीं करता था वरना वह अपनी सहेलियों से गांव की औरतों से कई बार सुन चुकी थी कि उनका पति उनके साथ जबरदस्ती कर लेता है,,, आंखों को बंद किए गहरी नींद में फिर से साफ महसूस हो रहा था कि उसका पति उसके साथ कमर की तरफ उठा रहा था और उसका पति जैसे ही साड़ी को जानो तक ले आया तो मधु खुद ही अपनी भारी-भरकम काम को कमर से ऊपर की तरफ उठा ले ताकि सारी को कमर तक ले जाने में दिक्कत बिल्कुल भी ना हो और यही बात हरिया को मदहोश कर देती थी कि हर हाल में उसकी बीवी उसका साथ जरूर देती थी,,,,हरिया भी तुरंत अपनी बीवी की साड़ी को कमर से उठा दिया और उसकी आंखों के सामने लालटेन की रोशनी में मधु की बुर चमक उठी,,, जिसे देखते ही उसका लैंड उठक बैठक करने लगा,,,,, औरैया तुरंत अपनी बीवी की दुल्हन टांगों के बीच आकर अपनी धोती को उतार फेंका और तुरंत अपने खड़े लंड को अपनी बीवी के गुलाबी बुर के छेद पर रखकर कमर को आगे की तरफ धकेला,,, तभी मधु के कराहने की आवाज निकल गई,,,।


आहहहहह,,,, क्या कर रहे हैं थोड़ा थुक तो लगा लिए होते,,,,


माफ करना रानी थोड़ा जल्दबाजी में था,,,,(और इतना कहने के साथ ही हरियां ढेर सारा थूक अपने लंड पर लगाया और फिर उसे अपनी बीवी की बुर लगाकर उसे भी गीला कर लिया,,, और फिर अपने लंड को उसकी बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया हालांकि अभी भी मधु कह रही नींद में थी लेकिन फिर भी उसे अहसास हो रहा था कि उसके पति का मोटा लंड उसकी बुर के अंदर बाहर हो रहा है इसलिए उसके मुंह से हल्की सिसकारी की आवाज भी निकल रही थी,,,,,


हरिया अपनी बीवी की चुदाई करने में पूरी तरह से मस्त था उसे इस बात का अहसास तक नहीं था कि बगल वाले कमरे में दीवाल में बने हल्के से सुराग से उसकी जवान बहन इस गरमा गरम नजारे को देखकर पूरी तरह से गर्म हो चुकी है,,,, गुलाबी शुरू से अपने भाई और अपनी भाभी की गरमा गरम बातों को सुनकर पूरी कर से गर्म हो चुकी थी और थोड़ी मेहनत से ढूंढे गए उस छोटे से सुराग से अंदर के दृश्य को देख रही थी,,,,गुलाबी अपने मन में यही सोच कर खुश हो रही थी कि अच्छा हुआ कि वह अंदर के नजारे को देखने के लिए यह सुराग ढूंढ ली थी,,,, वह अपने भाई की कामाग्नि को देखकर और अपनी भाभी को गहरी नींद में होने के बावजूद भी उसे चोदने की इच्छा देखते हुए उसकी खुद की हालत खराब हो रही थी और उसकी सलवार कब उसके पैरों में जा गिरी थी उसे इस बात का पता ही नहीं चला था उत्तेजना के मारे वहां अपनी भाभी की चुदाई को देखकर अपनी हथेली में जोर से अपनी बुर को दबा रही थी,,, जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ रही थीअपने भाई को देख कर उसके लंड को देखकर वह अपने मन में अनजाने में यह कल्पना करने लगी थी कि जैसे उसके बिस्तर पर उसकी भाभी नहीं बल्कि वह खुद नंगी लेटी हुई है और अपनी दोनों टांगों को फैला कर अपने बड़े भाई के लंड को अपनी बुर में लेकर बड़ी मस्ती से चुदवा रही है,,,ये एहसास यह कल्पना ही गुलाबी के तन बदन में आग लगा रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था,,,, चुदवाने की खुजली उसके अंदर बढ़ती जा रही थी लेकिन कैसे किससे यह सवाल एक पहाड़ की तरह था,,,,,,,

हरिया अपनी बीवी की चुदाई करके शांत हो गया था और उसके बगल में गहरी सांस लेते हुए सो चुका था लेकिन गुलाबी की आंखों से नींद कोसों दूर जा चुकी थी इसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें बुर के अंदर खुजली बढ़ती जा रही थी,,,,,,, वह बिना सलवार पहने खटिया पर आ गई और अपने भतीजे राजू के बगल में लेट गई,,,,, आज अच्छा बुरा उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था उसकी नजर अपने भतीजे राजू के पजामे की तरफ गई जो कि आगे से अच्छा खासा उठा हुआ था उसे देखकर उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी,,, वह हिम्मत बढाकर अपना हाथ आगे बढ़ाने लगी ,,,, उसके दिल की धड़कन जोरों से धड़क रही थी लेकिन एक लालच उसके मन में बसेर ले चुकी थी लंड को अपने हाथ से छुने का उसे पकडने का,,,, और देखते ही देखते गुलाबी अपनी हथेली को अपने भतीजे राजू के पजामे के ऊपर उठे भाग पर रख दी,,,,, एक गजब की मदहोशी उसके तन बदन को अपनी गिरफ्त में ले ली यह पहला मौका था,, जब गुलाबी किसी जवान लंड को अपने हाथ से पकड़ रही थी,,,यह एहसास उसकी बुर को पूरी तरह से गीली कर रहा था,,,, गहरी सांस लेते हुए गुलाबी कभी हल्के से तो कभी कसके पजामे के ऊपर से ही राजू के लंड को पकड़ रही थी और उसकी तरफ देखती रही थी जो कि उसमें जरा भी हलचल नहीं हो रही थी वह गहरी नींद में सो रहा था यह देखकर उसकी हिम्मत बढने लगी थी वह बेहद नजदीक से करीब से किसी जवान लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसे देखना चाहती थी लेकिन उसे डर भी लग रहा था कहीं राजु जाग ना जाए,,, लेकिन उसे मजा बहुत आ रहा था राजू के लंड की मोटाई से उसकी पूरी हथेली भर चुकी थी,,,,,राजू गहरी नींद में सो रहा था इसलिए उसकी इच्छा हो रही थी कि उसके पजामे को खसका कर देखा जाए,,,, इसलिए वो उठ कर बैठ गई और धीरे-धीरे पजामे को नीचे की तरफ सरका ने लगी ऐसा करने में उसे बहुत डर लग रहा था दिल की धड़कन वह खुद महसूस कर रही थी पूरे कमरे में केवल उसके दिल की धड़कन और गहरी सांस की आवाज ही सुनाई दे रही थी धीरे-धीरे वह अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने लगी और देखते ही देखते हो पजामे को काम भरता नीचे करने में सफल हो गई ताकि उसे ऊपर भी किया जा सके लेकिन राजू का लंड मोटा और लंबा था इसलिए पजामे के बाहर आ नही पा रहा था,,,, गुलाबी को समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे बाहर निकाला जाए,,, और अभी तक राजू के बदन में किसी भी तरह की कसमसाहट हलचल नहीं हुई थी जिससे गुलाबी की हिम्मत थोड़ा बढ़ने लगी थी और वैसे भी अभी तक वह हिम्मत ही दिखा रहे थे उसके मन में यह लालच देकर कर थोड़ा और हिम्मत दिखा लेगी तो वह एक नंगे जवान लंड के दर्शन कर पाएगी,,, इसलिए कांपते हाथों से वह अपना हाथ धीरे से पजामे के अंदर डाल कर अपने भतीजे के लंड को पकड़ ली,,, बस इतने मात्र से ही उसकी बुर से पानी की बूंदे टपकने लगी,,उसकी सांसों की गति तेज हो गई लालटेन की रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था वह अपने भतीजे के लंड को मुट्ठी में दबाए हुए थी और अपने भतीजे के चेहरे की तरफ देख रही थी जो कि बिल्कुल शांत था गहरी सांस लेते हुए वह अपने भतीजे के लंड को बाहर की तरफ खींची ताकि पजामे से बाहर आ जाए,,, और जैसे ही बाहर आया उसे देखते ही गुलाबी की हालत खराब हो गई,,, क्योंकि जैसा उसने सोची थी उससे भी कहीं ज्यादा जबरदस्त राजू का लंड था,,,,पहली बार गुलाबी इतनी नजदीक से जमाने लड़ने के दर्शन कर रही थी जिसे पाकर वह धन्य हो चुकी थी,,,,लंड की गर्माहट उसे अपनी हथेली के अंदर साथ में सो सो रही थी और उसकी गर्मी जैसे मानो तुरंत उसकी हाथों से होते हुए उसकी दोनों टांगों के बीच की उस पतली दरार में पहुंच रही थी जहां से उसका गर्म लावा पिघलने लगा था,,,, गुलाबी को उस लंड को अपनी बुर में लेने की इच्छा कर रही थी लेकिन यह अभी बिल्कुल भी मुमकिन नहीं था,,,,।

वाह राजू की तरफ देखते हुए धीरे-धीरे अपने भतीजे के लंड को हिलाना शुरू कर दी जिसे हिलाने में से बहुत मजा आ रहा था,,,। वह अपने भतीजे के लंड कै सुपाड़े को खोल कर अच्छी तरह से देख रही थी जो कि आलूबुखारे की शक्ल का नजर आ रहा था,,, जिसे देखते ही उसकी बुर कुलबुलाने लगी थी,,,, गुलाबी से यह बिल्कुल भी सहन नहीं हो रहा था वह चाहती थी कि अपने भतीजे को इसी समय चबाकर अपनी दोनों टांगें फैला दें ताकि उसका भतीजा अपने मोटे लंड को उसकी बुर में डाल कर,,, उसकी गर्म जवानी को ठंडा कर दे लेकिन गुलाबी जानती थी कि है इतनी जल्दी सच होने वाला नहीं था इसलिए वह अपने भतीजे के लंड को हिलाना शुरू कर दी थी,,,,साथ ही अपनी हथेली को अपनी दोनों टांगों के बीच रखकर अपनी पुर को मसल ना शुरू कर दी थी और साथ ही अपनी उंगली को अपनी बुर में डाल दी थी,,,, गुलाबी की गर्मी बढ़ती जा रही थी और साथ ही उसकी हथेली का कसावराजू के लंड पर बढ़ता जा रहा था लेकिन राजु को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ रहा था लेकिन उसकी सांसे धीरे-धीरे तेज हो रही थी,,,।,,,

गुलाबी उसी लय में लंड को मुठीया रही थी और अपनी बुर में उंगली पेल रही थी,,, देखते ही देखते उसकी बुर के पानी के साथ-साथ राजू के लंड में पानी छोड़ दिया और उसकी पिचकारी ऊपर तक उठी जिसे देखकर खुद गुलाबी हैरान रह गई,,।,, सारी पिचकारी खुद राजू के ऊपर गिरी थी जिसे गुलाबी कपड़े से अच्छी तरह से साफ कर दी थी और उसे पजामे को उपर कर दी थी,,,, और खटिए पर से उठ कर अपनी सलवार उठाई और उसे पहन कर सो गई,,,।

सुबह जब राजू की नींद खुली तो उसे इस बात का एहसास और भनक तक नहीं हुआ कि रात को उसके साथ क्या हुआ था,,,।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
गुलाबी अपनी गरम और अनचुदी बुर को राजु के मोटे तगडे लंड से चुदवाने के पहीले पडाव को पार कर ली
अब आगे क्या होता है देखते हैं अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट में प्रतिक्षा रहेगी
 
Top