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Incest बैलगाड़ी,,,,,

sunoanuj

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Bahut hi gajab update …
 

rohnny4545

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कोई नहीं देखेगा,,,, देख नहीं रही हो चारों तरफ अंधेरा छाया हुआ है,,,, कोई देखना चाहेगा तो भी नहीं देख पाएगा और वैसे भी मैं तुम्हें खड़ी करके तुम्हारी चुदाई नहीं करूंगा पर जिस तरह से तुम बैठी हो आगे झुक जाओ मैं पीछे से तुम्हारी ले लूंगा,,,


ऐसे आराम से कर लेगा ना,,,,


हां चाची तुम चिंता मत करो बड़े आराम से तुम्हारी लूंगा,,,


बड़े आराम से नहीं उस दिन की तरह एकदम जमकर,,,,


ओहहहह मेरी चाचा कसम से तुम्हारी यही अदा तो मुझे पागल कर देती है,,,,।
(राजू की बात सुनकर श्याम की मां मुस्कुराने लगी और जिस तरह से बैठी थी उसी तरह से आगे की तरफ झुक गई और ओक्कड़ु बैठ गई,,,श्याम तो

शानदार अपडेट रोनी भैया मज़ा आ गया💦
Thanks for like a hot line
 

rohnny4545

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राजु ने श्याम की मां को नदी के खुले मैदान में अद्भुत सुख का अहसास कराया था,,,जोकि श्याम अपनी आंखों से सब कुछ देख रहा था,,, लेकिन कुछ भी बोल दे सकने की स्थिति में ना होने की वजह से वहां सिर्फ देखकर ही आनंद ले रहा था एक तरह से वह राजू से सीख भी रहा था कि किसी औरत को संतुष्ट किया जाता है,,,, श्याम अपनी मां की तरफ से बेहद हैरान था कि कहीं भी मौका देखते ही उसकी मराजो का साथ देने लग रही थी,,,,,, राजू इतना बड़ा हरामि लड़का होगा इस बारे में श्याम जो कि उसका दोस्त था उसे भी यकीन नहीं हो रहा था कि वह औरतों को कितनी जल्दी अपने बस में कर लेता है,,,उसके एक बार कहने से कैसे उसकी मां घुटनों के बल बैठकर अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में उठा दी,,,,श्याम अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां राजू से पूरी तरह से संतुष्ट हो जा रही है तभी तो वह जैसा कह रहा है वैसा वह करने को तैयार हो जा रही थी,,,,,, श्याम को अपनी मां की इस बात से और ज्यादा हैरानी हो रही थी कि वह रात को भी राजू से चुदवाने के लिए तैयार हो गई थी और वह भी उसके सो जाने के बाद,,,, श्याम अपने मन में यही सोच रहा था कि औरत जात का बिल्कुल भी भरोसा नहीं है किसी से कुछ और तो किसी और से कुछ और,,,,,।



राजू शाम के कंधे पर हाथ रखकर गांव की तरफ चला जा रहा था और उससे बता रहा था कि,,,


देखा कैसे तेरी मां को मना लिया,,,अरे मैं जानता हूं तेरी मां मेरे लंड की दीवानी हो गई,, है,,,, तभी तो देखा नहीं कैसे यहां पर चुदवाने के लिए तैयार हो गई,,,,
( राजु की बात सुनकर श्याम कुछ भी बोल नहीं रहा था उसे गुस्सा तो आ रहा था लेकिन कर भी क्या सकता था वह अपने मन में यही सोच रहा था कि वह सारा कसर अपनी मां की गांड मारकर निकालेगा,,,, इसीलिए खामोश था,,,, राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,) तू देखना आज तु कैसे खुश हो जाता है तेरी मां हम दोनों को अपनी गांड देगी,,, मजा आ जाएगा तेरी मां की गांड मारने में,,,,,
(राजू की बातों को सुनकर श्यामको गुस्सा बहुत आ रहा था क्योंकि कोई उसकी मां के बारे में इस तरह की बातें करें उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था लेकिन एक गलती के कारण उसे सब कुछ बर्दाश्त करना पड़ रहा था और इस समय भी वह बर्दाश्त ही कर रहा था वरना वह राजू को वहीं ढेर कर देता लेकिन गांड मारने की लालच उसके मन में भी आ चुकी थी,,,, बातें करते हुए दोनों गांव में पहुंच गए थे,,, राजू उससे बोल कर चला गया कि थोड़ी देर में वह तेरे घर पर आएगा खाना खाने,,, इतना कह कर राजू अपने घर चला गया ,,, श्याम अपने घर पर पहुंच गया और हाथ मुंह धो कर राजू का एक बहाने से इंतजार करने लगा,,,, वह अपनी मां की तरफ ध्यान दे रहा था वह उसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए था,,, वह देखना चाहता था कि उसकी मां किस तरह से राजू का इंतजार कर रही है,,,,समय हो जाने के बावजूद भी आज शाम की मां खाना परोस नहीं रही थी वह राजू का इंतजार कर रही थी जो कि श्याम की मां से वादा किया था कि वह आएगा बार-बार वहां घर के बाहर की तरफ देख ले रही थी कि कहीं राजू बातों ने किया और यह सब देखकर श्याम अंदर ही अंदर जल भुन जा रहा था,,, श्याम अपनी आंखों से अपनी मां का रंडी पन देख रहा था,,,, उसे रहा नहीं किया तो वह अपनी मां से बोला,,,।



मां जल्दी से खाना परोसो मुझे भूख लगी है,,,

देती घनश्याम थोड़ा रुक तो सही,,,


अरे अब किसका इंतजार करना है झुमरी तो घर पर है नहीं सिर्फ हम दोनों हैं फिर खाना क्यों नहीं परोस रही हो,,,,,,,


अच्छा रुक मुझे बड़े जोरों की पेशाब लगी है मैं पेशाब करके आती हूं तब खाना परोसती हूं,,,(इतना कहकर श्याम की मां अपनी जगह से उठ खड़ी हुई और घर के पीछे की तरफ जाने लगी अपनी मां को पेशाब करने जाता हुआ देखकर श्याम अपने मन में ही बोला साली छिनार कैसे राजू का लंड लेने के लिए तड़प रही है,,, इस तरह से तो इसने मेरा इंतजार नहीं की,,,, लेकिन श्याम कुछ कर सकने की स्थिति में नहीं था वह भी राजू का ही इंतजार कर रहा था,,,,,,,,, थोड़ी देर में श्याम की मां पेशाब करके वापस रसोई घर में आ चुकी थी और अपने मन में यह सोच कर कि शायद रात में नहीं आएगा वह दो थाली निकालकर खाना परोसने लगी कि तभी उसे राजू की आवाज सुनाई दी उसके चेहरे पर राजू की आवाज सुनते ही मुस्कान तैरने लगी,,, वह खुश हो गई और यह बदलाव श्याम अपनी आंखों से देख रहा था और मन ही मन अपनी मां को गाली भी दे रहा था,,,,,, राजू को मालूम था कि उसे क्या करना है इसलिए श्याम के पास आते ही बोला,,,।


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क्या दोस्त अकेले-अकेले खाना खा रहा है,,,, चाची मुझे नहीं खिलाओगी क्या,,,?(श्याम की मां की तरफ मुस्कुराकर देखते हुए राजू बोला,,,,)


अरे यार खा ले तेरे खाने से कम नहीं पड़ जाएगा,,,


हां हां बेटा जैसे श्याम मेरा बेटा है वैसे तू भी तो मेरा बेटा ही है,,,, तू भी खा लेगा तो मुझे बहुत खुशी मिलेगी,,,।
(अपनी मां की बात सुनकर श्याम अपने मन में बोला साली बेटा बेटा बोलकर उसका लंड पूरा बुर में ले लेती है,,,,,,,, श्याम राजू की योजना को अच्छी तरह से जानता था और श्याम की मा भी राजू की योजना से अच्छी तरह से वाकिफ थी,,,, राजू भी साथ में खाने बैठ गया था,,, श्याम की मां अंदर ही अंदर कसमसा रही थी क्योंकि वह जानती थी कि थोड़ी देर बाद श्याम के सो जाने के बाद राजू आएगा और रात भर उस की चुदाई करेगा,,, इस बात से ही श्याम की मां की बुर गीली हुई जा रही थी,,,।राजू अपने घर पर यह कह कर आया था कि आज वह अपने दोस्त के घर खाना खाएगा और वही रात को रुक भी जाएगा,,, और राजू की आवाज सुनते ही हरिया की धोती में तंबू बन गया था,,, उसकी तो रात रंगीन होने वाली थी और वह भी राजू के जाने का इंतजार कर रहा था राजू के जाते ही वह और गुलाबी दोनों कमरे में बंद हो गए और एक एक करके सारे कपड़े उतार कर दोनो नंगे हो गए,,,,,,,।



थोड़ी देर में तीनों ने खाना खा लिया था और राजू वहां से कुछ देर के लिए निकल गया था बर्तन को साफ करके झाड़ू पोछा मारकर श्याम की मां श्याम का विस्तार आंगन में लगाने लगी,,, रोज वह कमरे में भी सोचा था इसलिए सब कुछ जानते हुए भी शयाम अपनी मां से बोला,,,।


तुम बिस्तर यहां क्यों लगा रही हो मां,,,,


अरे आज देख नही रहा है कितनी गर्मी है,,, कमरे में तो बिल्कुल भी हवा नहीं चल रही है यहां आंगन में अच्छी हवा चल रही है यहां भी अच्छी आएगी,,,।
(अपनी मां की बातें सुनकर उसकी चालाकी को देखकर श्याम अपने मन में ही बोला साली छिनार चुदवाने के लिए कैसे-कैसे चालबाजी कर रही हैं जैसे कि मैं कुछ जानता ही नहीं हूं फिर भी श्याम अपनी मां की बात को मानता हुआ बोला,,,)



हां तुम ठीक कह रही हो यहां हवा भी अच्छी चल रही है ऐसा क्यों नहीं करती कि तुम भी यही सो जाओ,,,,


नहीं नहीं मैं अंदर सो जाऊंगी तू आराम से यहां सो,,,,(श्याम की मां आज अंदर कमरे में ही सोना चाहती थी क्योंकि मैं जानती थी कि राजू श्याम के सो जाने के बाद उसके पास आएगा और रात में उसकी जुदाई करेगा और उसे राजू का ही इंतजार था इसलिए एक बहाना करके वहां से उठने को हुई थी कि श्याम अपनी मां की चालबाजी और उसकी उत्सुकता उसके दोस्त से चुदवाने के लिए देखकर,,, श्याम से रहा नहीं गया और वह उत्तेजित अवस्था में अपनी मां का हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खटिया पर खींच लिया,,,,


अरे अरे यह क्या कर रहा है,,,,(श्याम की मां अपने आप को संभालते हुए बोली तो श्याम खुद उसे अपनी बांहों में भरते हुए बोला)

ऐसा मौका फिर कहां मिलने वाला है जल्दी घर पर नहीं है और तुम हो कि मेरा बिस्तर अलग लगा रही हो अब हम दोनों ही साथ में सोते हैं लेकिन इससे पहले मेरा लंड अपनी बुर में ले लो,,,,।



धत्त पागल आज मेरा मन बिल्कुल भी नहीं है,,,, मेरा बदन दर्द कर रहा है आज मुझे नहीं करवाना मुझे जाने दे,,,(ऐसा कहते हैं मैं शाम की मां दरवाजे पर देख रही थी जो कि दरवाजा अभी भी बंद था उसे इस बात का डर था कि कहीं राजू ना आ धमके और उसे इस हालत में ना देख ले,,,, क्योंकि श्याम की बात इस बात से बिल्कुल अनजान थे कि राजू को इस बात का पता चल गया है कि दोनों मां-बेटे के बीच में शारीरिक संबंध हैं दोनों बाप बेटे आपस में चुदाई का सुख भोगते हैं,,,, इसलिए वह अपने बेटे के पास से चली जाना चाहती थी लेकिन श्याम तो सब कुछ जानता था वह जानता था कि उन दोनों की चुदाई राजू अपनी आंखों से देख चुका है इसलिए अगर अभी भी वहां उसे अपनी मां को चोदते हुए देख लेगा तो भी कोई हर्ज नहीं है,,,, इसलिए श्याम फिर से उसे अपनी बाहों में कसते हुए बोला,,,)


ओहहहह मां कहां जा रही हो मेरा लैंड खड़ा करके अब तो यह तुम्हारी बुर में गए बिना शांत होने वाला नहीं है,,,(इतना कहने के साथ ही श्याम अपनी मां को अपने ऊपर ले कर उसकी साड़ी का कमर की तरफ उठाने लगा,,, श्याम की मां अपने बेटे की बाहों में छटपटा रही थी वजह से से जल्द उसकी बाहों से आजाद होना चाहती थी ताकि राजू अपनी आंखों से यह सब कुछ देख ना ले लेकिन श्याम की मां को इस बात का एहसास हो गया था कि बिना चोदे उसका बेटा उसे छोड़ने वाला नहीं है,,, इसलिए वहां तुरंत अपने बेटे का साथ देने लगी ताकि वह जल्द से जल्द अपने बेटे को झाड़ सकें और फिर अपने कमरे में जाकर राजु का इंतजार कर सके,,,,।)



चल कोई बात नहीं कर ले अपनी मनमानी,,,,।
(अपनी मां की बात सुनकर श्याम अपने मन में बोला शादी मुझे बोलती है कर ले अपनी मनमानी और खुद अपनी बुर अपने यार के लिए संभाल कर रखी है,,,, इस समय श्याम पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था,,, ज्यादा कुछ उसे करना नहीं था वह पहले से ही अपनी मां की साड़ी को कमर तक उतार चुका था और उसकी मां उसकी जांघों पर अपनी बड़ी बड़ी गांड रख कर बैठी हुई थी,,,, श्याम जल्दी से अपने पजामे को नीचे करके अपने लंड को बाहर निकाला और उसे अपनी मां की बुर पर रगड़ने लगा शाम की मां को मालूम था कि उसे क्या करना है और तुरंत अपना एक हाथ नीचे की तरफ ले जा कर के अपने बेटे से लंड को पकड़ लिया और उसे अपनी गुलाबी छेद में पूरा का पूरा भर ली और धीरे-धीरे उठक बैठक करने लगी,,,, मजा तो शयाम की मां को भी आ रहा था वह जल्द से जल्द अपने बेटे का पानी निकाल देना चाहती थी क्योंकि वह जानती थी कि एक बार घर जाने के बाद उसे गहरी नींद आ जाएगी,,, इसीलिए वह जल्दी जल्दी अपनी भारी-भरकम गांड को अपने बेटे के लंड पर पटकने लगी,,,, और देखते ही देखते उसका बेटा जोर जोर से हांफने लगा,,, दोनों का एक साथ पानी निकल गया कुछ देर तक श्याम की मां अपने बेटे के लंड पर ही बेठी रह गई,,,। थोड़ी देर में लंड अपने आप सिकुड़ कर उसकी बुर से बाहर निकल गया,,,, श्याम जानबूझकर सोने का नाटक करने लगा,, वह देखना चाहता था कि अब उसकी मां क्या करती है,,,,।

थोड़ी देर बाद उसकी मां खटिया पर से उठी और श्याम की तरफ देखकर पूरी तरह से तसल्ली करने लगी थी वह सो चुका है या नहीं और श्याम गहरी नींद में होने का नाटक करने लगा यह देखकर श्याम की मां के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे वह तुरंत दरवाजे पर गई और दरवाजा खोल कर बाहर की तरफ देख रही श्याम हल्की सी खुली आंखों से सब कुछ देख रहा था वह देख रहा था कि कैसे उसकी मां रंडी की तरह हरकत कर रही है,,,, श्याम साफ तौर पर देख रहा था कि उसकी मां दरवाजे पर खड़े होकर बाहर चारों तरफ नजर घुमाकर देख रही थी और क्या देख रही थी श्याम को इस बात का आभास अच्छी तरह से था वह राजू को ढूंढ रही थी,,, थोड़ी ही देर में राजू से नजर आ गया और वहां का ईसारा करके उसे बुलाने लगी,,,, थोड़ी देर में राजू घर में प्रवेश किया तोश्याम की बात दरवाजा बंद करके कड़ी लगा दी दोनों की मुस्कुराहट भरी बातें श्याम के कानों में अच्छी तरह से सुनाई दे रही थी,,, राजू कह रहा था कि श्याम सो गया कि जाग रहा है,,,।

सो गया है,,,,


कहीं जाग गया तो,,,(राजू शंका जताते हुए बोला)

वह अब सुबह से पहले नहीं उठने वाला,,,, इसलिए चिंता की बात नहीं है,,,,(श्याम अपनी मां की बात सुनकर हैरान था और वह भी इसलिए कि वह कैसे उतावली हुई जा रही थी राजू के लंड को अपनी बुर में लेने के लिए,,,,,, श्याम की मां की बात सुनकर जाती है क्यों खुश हो गया जो कि उसको मालूम था श्याम सोया नहीं है बल्कि जाग रहा है,, फिर भी जानबूझकर खुश होने का नाटक कर रहा था और वह एकदम से श्याम की मां की तरफ बढ़ा और उसे तुरंत अपनी गोद में उठाता हुआ बोला,,,,)

हाय मेरी रानी,,,, बहुत अच्छी हो तुम जो कि मेरे लिए अपने बेटे को सुला दी,,,, चलो अब अंदर चलते हैं जवानी का मजा लूटते हैं,,,,।
(राजू के द्वारा इस तरह से एकाएक गोद में उठा लेने की वजह से श्याम की मां एकदम से घबरा गई थी और घबराते हुए बोली,,)

अरे अरे यहां क्या कर रहा है छोड़ मुझे गिर जाऊंगी,,,

अरे ऐसे कैसे गिरोगी मेरी रानी,,, मैं तुम्हें गिरने थोड़ी ना दूंगा,,,।
(यह सब बातें सुनकर श्याम अपनी आंखों को हल्कै से खोलकर देखा तो हैरान रह गया राजू उसकी मां को अपनी गोद में बड़े आराम से उठाए हुए था,,, और गोद में उठा रहे होने की वजह से उसकी पूरी साड़ी कमर तक आ गई थी और नीचे से उसकी बड़ी बड़ी गांड एकदम साफ नजर आ रही थी,,,, श्याम पूरी तरह से हैरान हो चुका था राजू की ताकत को देखकर उसके मर्दाना जो उसको देखकर क्योंकि आज तक श्याम ने कभी भी अपनी मां को इस तरह से गोद में नहीं उठाया था लेकिन राजू बड़े आराम से उसकी मां को गोद में उठाकर गोल गोल घूम रहा था,,,, तभी उसकी मां बोली,,,)

अरे क्या कर रहा है उतार मुझे कहीं शयाम जाग गया तो अनर्थ हो जाएगा,,,,


अरे मेरी रानी,,, तुम चिंता मत करो तुम्हें मैं कमरे में ले चलता हूं वहीं पर मजा लूटेंगे,,,,,(पर इतना कहने के साथ ही बड़े आराम से राजू श्याम की मां को अपनी गोद में उठाए हुए उसके कमरे की तरफ ले जाने लगा श्याम या देखकर पूरी तरह से हैरान था उसे बड़ा अजीब लग रहा था,,,,श्याम अच्छी तरह से जानता था कि राजू उसकी मां को कमरे में उसे चोदने के लिए नहीं जा रहा है लेकिन यह जानते हुए भी एक बेटे के लिए बड़ा अजीब सा पल हो जाता है जब से इस बात का एहसास रहता है कि कोई उसकी मां को कमरे में उसे चोदने के लिए ले जा रहा है,,, श्याम की मां भी हैरान थी राजू की भुजाओं के बल को देखकर वह बड़े आराम से उसे गोद में लिए हुए उसे अंदर कमरे तक लेकर आया था उम्रदराज होने के नाते राजू उसके बेटे की उम्र का था और इसीलिए वह शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी,,,,,, राजू गांड मारने कीखुशी की वजह से और ज्यादा जोश में आ गया था वह अंदर कमरे में पहुंचते ही श्याम की मां को खटिया पर पटक दिया और अपने कपड़े उतारने लगा पजामा मे उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था,,,जिसे श्याम की मां अपनी आंखों से देख रही थी लालटेन अंदर कमरे में भी जल रही थी इसलिए सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,, राजू अपने पजामे को उतारते हुए बोला,,,।)


आज देखना चाची मैं तुम्हारी बुर की कितनी सेवा करता हूं आज तुम एकदम मस्त हो जाओगी और आज की रात जिंदगी भर याद रखोगी,,,(ऐसा कहते हुए राजू अपना पजामा उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दिया ,,, अब वहां श्याम की मां की आंखों के सामने पूरी तरह से नंगा खड़ा था गठीला बदन का मालिक होने के नाते उसके भुजाओं में बेशुमार बल था जिसका वह प्रदर्शन भी कर चुका था,,,, चौड़ी छाती देखकर श्याम की मां के तन बदन में आग लगने लगी ,,,उसकी नजर राजू के टनटनाए लंड पर थी,,, जिसे देख कर उसके मुंह में पानी आ रहा था,,,, राजू अपने लंड को पकड़ कर ले जाता श्याम की मां के करीब पहुंचा और एक हाथ उसके सर पर रख कर उसे अपने लंड की तरफ खींचने लगा,,,ऐसा लग रहा था कि जैसे श्याम की मां राजू के इशारे को अच्छी तरह से समझ रही थी वह भी अपने प्यासे होठों को राजू के लंड के करीब लाने लगी और जल्द ही दहकते लंड के सुपाड़े का और प्यासे होठों का मिलन हो गया,,, राजू अपने लंड को श्याम की मां के होठों पर रगड़ने लगा श्याम की मां मस्त हो जा रही थी वह बार-बार अपने होठों को खोल दे रही थी ताकि राजू के लंड को अपने मुंह में लेकर चूस सके लेकिन राजु था कि उसे और तड़पा रहा था,,,, लेकिन जल्द ही राजू ने श्याम की मां की तड़प को दूर करते हुए अपने लंड को उसके गुलाबी होठों के बीच प्रवेश करा दिया,,,, और जैसे किसी बच्चे को भूख मिटाने के लिए चुची मिल जाए उसी तरह से श्याम की मां ने भी गप्प से उसे मुंह में लेकर चुसना शुरू कर दी,,,।

बाहर खटिया पर लेटा श्याम उसकी आंखों में तो नहीं वैसे भी नहीं थी लेकिन अब तो उसकी उत्सुकता और ज्यादा बढ़ गई थी क्योंकि उसकी मां और उसका दोष राजा दोनों अंदर कमरे में अकेले थे पता नहीं राजू क्या कर रहा होगा उसकी मां क्या करवा रही होगी इस बारे में सोच सोच कर श्याम परेशान हुआ जा रहा था,,,, वह जल्द से जल्द अंदर कमरे में हूं दोनों के सामने पहुंचाना चाहता था ताकि उस खेल में वह भी प्रवेश ले सके,,,, लेकिन इतनी जल्दी नहीं पहचानता था कि जिस खेल को खेलना है उसमें जल्द बाजी का बिल्कुल भी काम नहीं था,,, वह खेल एकदम धैर्य के साथ खेलना जरूरी था,,,,,,, श्याम का मन तो नहीं मान रहा था वह जल्द से जल्द अंदर वाले कमरे में पहुंचाना चाहता था लेकिन वह अपने आप को बनाकर वहीं रुका रह गया वह कुछ देर और इंतजार करना चाहता मैं कहां के माहौल पूरी तरह से गर्म हो जाए वैसे तो वह चित्र से जानता था कि जैसे ही उसकी मां कपड़े उतार कर नंगी हो जाती है तो माहौल ,तुरंत गर्म हो जाता है ,,,।,,,,श्याम का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि उसकी आंखों के सामने ही उसका दोस्त उसकी मां को गोद में उठाकर अंदर वाले कमरे में ले गया था,,,।

अंदर पूरी तरह से मस्ती छाई हुई थी लालटेन की रोशनी में राजू अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया था और श्याम की मां के मुंह में अपना लंड डालकर उसे चुसा रहा था जिसे श्याम की मां बड़े चाव से मुंह में लेकर चूस रही थी,,, राजू का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा था जिसकी वजह से श्याम की मां को अपना मुंह पूरा का पूरा खोलकर उसे चुसना पड रहा था,,,।, श्याम की मां ईस समय अपने पूरे वस्त्रों में थी,,, राजू ने या उसने खुद ने अभी तक अपने कपड़ों को नहीं उतारी थी और राजू था कि उसके सामने पूरी तरह से नंगा खड़ा था और उसका लंड उसके मुंह में था जिसे वह बड़ी दिलचस्पी लेते हुए चूस रही थी,,,।

श्याम की मां का बड़ा ही रंडीपन वाला बर्ताव नजर आ रहा था,,, क्योंकि वह पानी से अपने बेटे को जल्दी से सुला दी थी और उसके सोने के बाद राजू को अपने कमरे में ले कर चली गई थी जहां पर दोनों,,, चुदाई का नंगा खेल खेल रहे थे,,,बाहर खटिया पर सोने का नाटक करके लेटा हुआ श्याम इतना तो अच्छी तरह से जानता था कि अंदर कमरे में क्या हो रहा है लेकिन कैसे हो रहा है उसे नहीं मालूम था वह थोड़ा देर और वही इंतजार करना चाहता था,,, क्योंकि वह अपने मन में यही सोच रहा था किउसे तब अंदर वाले कमरे में पहुंचना चाहिए जब राजू का लंड उसकी मां की बुर में घुसा हुआ हो ताकि वह अपनी मां को रंगे हाथ पकड़ कर आज की रात रंगीन कर दे,,,,।

ओहहहह चाची तुम कितना मस्त चुस्ती है मुझे तो एकदम मदहोश कर दे रही हो,,,(राजू श्याम की मां के सर पर हाथ रख कर अपनी कमर को हल्के हल्के आगे पीछे करके हिलाते हुए बोला,,,, मुंह में लंड ठुंसा होने की वजह से हुआ कुछ बोल नहीं पा रही थी बस,,गुंंऊऊऊऊऊ,,गुंऊऊऊऊऊ करके जवाब दे रही थी राजू अपनी उत्तेजना को और बढ़ाने के लिए अपने दोनों हाथों को नीचे ले जाकर ब्लाउज के ऊपर से श्याम की मां की दोनों चूचियों को पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगा,,,।)

वाह चाची तुम्हारी चूचियां एकदम पपैया की तरह हो गई है दबाने में बहुत मजा आता है,,सहहहहह आहहहहहहह,,,।
(श्याम कि मैं कुछ बोल नहीं रही थी वह राजू के मुसल में पूरी तरह से जुटी हुई थी,,, और अपने स्तन मर्दन का आनंद ले रही थी,,,। बड़ा ही कामुक नजारा बना हुआ था,,, राजू तो श्याम की मां के लाल-लाल होठों के बीच अपना लंड डालकर उसके होठों को ही उसकी बुर समझकर अंदर धक्के लगा रहा था,,,,,राजू श्याम की मां को पसीना से पूरी तरह से मदहोश कर देना चाहता था इसलिए उसकी हरकत लगातार बढ़ती जा रही थी वह श्याम की मां की चूचियों को दबाता हुआ धीरे-धीरे उसकी ब्लाउज का बटन खोलने लगा था और देखते ही देखते वह ब्लाउज को उसके बदन से अलग कर दिया,,,,श्याम की मां की नंगी चूचियों को अपने हाथ में लेने में उसे कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था उम्रदराज होने के बावजूद भी चुचीयों में बस थोड़ा सा लटकन आ गया था बाकी तो पूरी की पूरी तैयारी आम की तरह दिखाई देती थी,,,,।

श्याम की मां पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी वह जोर-जोर से राजू के लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी यह देखकर राजू समझ गया था कि हथोड़ा मारने का समय आ गया है,,,, वह तुरंत श्याम की मां के मुंह में से अपने लंड को बाहर खींच लिया,,,, लंड पूरी तरह से उसके थूक और लार से सना हुआ था,,,, मुंह से लंड बाहर निकल जाने की वजह से ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई पसंदीदा चीज उसके मुंह से बाहर निकाल ली गई हो और उसका मुंह खुला का खुला रह गया था इसलिए राजु तुरंत श्याम की मां के चेहरे को अपने हाथों में लेकर,,, उसके होठों पर अपने होंठ रख कर उसे चुंबन करने लगा राजू की यह हरकत श्याम की मां के लिए अत्यधिक उत्तेजना प्रदान करने वाली थी वह कभी सोची नहीं थी कि एक जवान लड़का उसके होंठों को इस तरह से चुमेगा,,,,।

लालटेन की पीली रोशनी मे माहौल पूरी तरह से गर्मा चुका था,,,, श्याम की मां से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था वह उतावली हुए जा रही थी राजू के लंड़ कों के लिए बोर में लेने के लिएइसलिए वह खुद खटिया पर से खड़ी होकर बाकी अपने सारे कपड़े उतारने लगी और देखते ही देखते राजू की आंखों के सामनेवह पूरी तरह से नंगी हो गई अंदर वाले कमरे में रांची और श्याम की मात्रा ना लर्न अवस्था में खड़े थे राजू का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ कर छत की ओर मुंह उठाए खड़ा था और श्याम की चुदवासी हुए जा रही थी,,,वह अपनी बुर को अपनी हथेली से मसलते हुए राजु से बोली,,,।


ओहहहह मेरे राजा इतनातड़पा क्यों रहा है डाल दे जल्दी से अपना लंड मेरी बुर में और चोद मुझे,,,,।

(तब तक श्याम खटिया से उठकर अंदर वाले कमरे की दीवार की ओर तक पहुंच चुका था और उसके कानों में उसकी मां की बात सुनाई पड़ चुकी थी अपनी मां की यह बात सुनकर श्याम थोड़ा सा अपने मन में गुस्सा करते हुए अपने मन में ही बोला,,, सारी छिनार रंडी कैसे अपनी बुर में लंड डालने के लिए बोल रही है और आज तक कभी भी अपने मुंह से मुझे नहीं बोली,,, साली रंडी भोसड़ा चोदी,,,, श्याम अपने मन में ही अपनी मां को गंदी-गंदी गालियां दिया जा रहा था,,,अभी तक उसने कमरे के अंदर के नजारे को अपनी आंखों से देखा नहीं था बस दीवाल की ओट में आकर खड़ा हो गया था,,, अपनी मां की बातों को सुनकर इतना तो उसे एहसास हो गया था कि अंदर का नजारा गरमा गरम हो गया होगा इसीलिए वह दीवार की ओट में खड़ा होकर धीरे धीरे कमरे के अंदर के नजारे को देखने की कोशिश करने लगा तो जल्द ही उसे लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आने लगा अंदर कमरे में उसकी मां एकदम नंगी खड़ी थी और अपनी बुर को अपने ही देरी से मसल रही थी अपनी मां का यह रूप देख करश्याम को जहां गुस्सा आ रहा था वही एक तरफ उसे अपनी मां का यह रूप बेहद उत्तेजनात्मक भी लग रहा था,,,वही ठीक उसके सामने राजू खड़ा था एकदम नंगा और अपने लंड को हाथ में लेकर उसे ऊपर नीचे करके हिला रहा था यह देखकर श्याम के तन बदन में आग लगी क्योंकि राजू थोड़ी ही देर में उसकी मां की चुदाई करने वाला था,,,, श्याम की मां की बातें और उसकी हरकत को देखकर राजू बोला,,,)

चिंता मत कर मेरी रानी आज तेरी बुर का भोसड़ा बना दूंगा तेरी ऐसी चुदाई करूंगा कि तू जिंदगी भर याद रखेगी,,,,


जिंदगी भर याद रखने के लिए तो तुझे आज की रात बुलाई हूं,,,, मेरे राजा,,,,।

(मेरे राजा कहते हुए श्याम को उसकी मां रंडी से बिल्कुल भी कम नहीं लग रही थी,,,, देखते ही देखते श्याम का भी लंड खड़ा हो गया,,,,)
तब देर किस बात की है मेरी जान,,, मेरा लंड और तेरी बुर दोनों तैयार है,,,, चल लेट जा खटीया पर,,,,।
(और इतना सुनते ही श्याम की मां तुरंत खटिया पर जाकर पीठ के बल लेट गई और खुद ही अपनी दोनों टांगों को फैला कर दोनों हाथों से अपनी बुर मसलने लगी,,,, यह देखकर राजू के साथ साथ श्याम के भी पसीने छूटने लगे,,,, अपनी मां की हरकत देखकर श्याम से बर्दाश्त नहीं हो रहा था उसका मन कर रहा था कि राखी से पहले वह खुद अपनी मां की चुदाई कर दे,,,, लेकिन ऐसा अभी करना ठीक नहीं था इसलिए वह वही खड़ा रहा और राजू की तरफ देखने लगा जो कि राजू पूरी तरह से तैयार था उसकी मां की चुदाई करने के लिए वह अपने हाथ में लंड पकड़े हुए ही उसे हिलाते हुए श्याम की मां की तरफ बढ़ने लगा जैसे जैसे बस श्याम की मां की तरफ बढ़ रहा था वैसे वैसे श्याम की मां के चेहरे की रंगत बढ़ती जा रही थी,,,, देखते ही देखते राजा खटिया पर घुटनों के बल चल गया और श्याम की मां की दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाने लगा,,,, बिना देर किए राजू अपने लंड को श्याम की मां की बुर पर रखकर जोर से धक्का दे दिया और लंड फचच करके अंदर घुस गया,,,, एक हल्की सी आहह सुनाई दी उसके बाद राजू की कमर किसी मशीन की तरह चलने लगी श्याम के मां के मुंह से सिसकारी की आवाज निकलना शुरू हो गई थी पहले ही धक्के के साथ राजू ने श्याम की मां पर अपनी पकड़ बना लिया था,,,, श्याम की मां पूरी तरह से राजू के आगोश में आ चुकी थी,,,,दीवार की ओट में खड़ा श्याम अपनी मां को चुदते हुए देख रहा था,,, श्याम की मां की मोटी मोटी जांगे और राजू की मोटी मांसल जांघें एक दूसरे की जांघों पर थाप पर थीप दे रही थी,,, श्याम राजू के गठीले बदन को देखकरअपनी मां की हालत के बारे में समझने लगा अच्छी तरह से समझ गया था कि और तो कभी हट्टा कट्टा मर्दाना ताकत से भरा हुआ मर्द ही भाता है,,,।


सहहहह ओहहहह,,,,,ऊममममम ओ मेरे राजा कितना मजा आ रहा है तेरा लंड मेरे बच्चेदानी तक जा रहा है और जोर जोर से धक्के लगा,,,,।
(इतना सुनकर राजू और ज्यादा जोश में आ गया और थोड़ी ही देर में फच फच की आवाज से पूरा कमरा गूंजने लगा ,,, श्याम अपनी मां की बातें और उसकी बुर में से आ रही फच फच की आवाज सुनकर पूरी तरह से मदहोश हो गया और यही ठीक समय भी था उन दोनों के सामने आने का,,,,,,, वह दोनों पूरी तरह से चुदाई में तल्लीन हो चुके थे राजू धड़ाधड़ अपनी कमर हिला रहा था,,, खटिया के चर्मराने की आवाज आ रही थी और ऐसे में ही श्याम ठीक हूं दोनों के पीछे जाकर खड़ा हो गया और जोर से बोला,,,।)


यह सब क्या हो रहा है,,,,,।
(श्याम की मां श्याम की आवाज सुनते ही एकदम से सन्न रह गई उसे तो समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी लेकिन बुर के अंदर जो आनंद का रस घुलता जा रहा था उस आनंद को अपने अंदर उतारने से रोक नहीं पा रही थी,,, और राजू श्याम की बात सुने बिना ही अपनी कमर हिलाए जा रहा था,,, श्याम की मां की बाहे राजू की बाहों में कसी हुई थी,,, श्याम के बोलने के बावजूद भी राजू की कमर की रफ्तार बढ़ती जा रही थी और श्याम की मां के मुंह से गर्म संस्कार की आवाज लगातार निकली जा रही थी तो एक बार फिर से श्याम जोर से चिल्लाया,,,)

हरामजादे तू यहां क्या कर रहा है,,,,,।
(राजू श्याम की बात सुनने के बावजूद भी अपने आप को रोक सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि वह झड़ने वाला था इसलिए लगातार अपनी कमर को हिलाए जा रहा था और कुछ ही देखो मैं उसका पानी निकल गया और वह गहरी सिसकारी की आवाज लेते हुए बोला)

सहहहह आहहहहहहहहह,,,,,।

कुत्ते हरामजादे भोसड़ी के यहां क्या कर रहा है तो वह भी मेरे मां के साथ,,,, और तू (अपनी मां की तरफ देखते हुए) हरामजादी मुझे इसलिए जल्दी से सो जाने के लिए बोल रही थी ना ताकि इसे बुलाकर चुदाई का मजा लूट सके,,, तू इतनी गिरी हुई हो गई है मुझे तो विश्वास नहीं आता,,,,.

(अब राजू का इस नाटक में उतरना बेहद जरूरी था इसलिए वह अपने लंड को श्याम की मां की बुर से बाहर खींचते हुए बोला,,,)


यार श्याम समझने की कोशिश कर,,,(इतना कहते हुए बा खटिया पर से उठ कर खड़ा हो गया और श्याम की मां की पेटीकोट को अपने लंड पर रखकर उसे ढकने की कोशिश करने लगा,,,)

मैं क्या समझने की कोशिश करो साले दोस्त होकर दोस्त की पीठ पर छुरा भोकता है,,,

अरे यार मैंने कौन सा तुझे धोखा दे दिया,,,, मैं तो रात को खाना खाने के बाद चला गया था और फिर वापस आया था यहीं पर सोने के लिए लेकिन,,, तेरी मां को देखकर ना जाने क्या हो गया मुझे,,,,


साले हरामजादे,,,,

(दूसरी तरफ श्याम की मा रोए जा रही थीउसे इस बात की फिक्र थी कि उसका बेटा उसे उसके दोस्त से चुदवाते हुए देख लिया था इस बात की चिंता उसे बिल्कुल भी नहीं थी कि वह चुदवा रही थी क्योंकि वह तो खुद अपने ही बेटे से चुदवाती थी,,,, लेकिन उसने अपने बेटे से यह वादा की थी कि वह किसी के मर्द से कभी भी शारीरिक संबंध नहीं बनाएगी,,, और वह अपना वादा तोड़ चुकी थी,,,,श्याम की मां को रोता हुआ देखकर राजू श्याम को समझाने के लिए उसका हाथ पकड़कर बाहर ले कर गया,,,,, श्याम की मां बेबस होकर वहीं खटिया पर बैठ कर रो रही थी,,,)
 
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sunoanuj

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Bahut hi behtarin updates… jabardast natak chal raha hai tino main thark ke aagey dono bebas…
 

Karan prakash

अपनी मां को चोदने में बड़ा आनंद आता है
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इतना बडा है भाई तेरी मां के हाथ में भी नही आ रहा
Av खड़ा कहां है
इसे देखो
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जरा इसे देखो
ये किसी भी बूर का भोसड़ा बना सकता है कि नही
 

Vinita

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, राजू कह रहा था कि श्याम सो गया कि जाग रहा है,,,।

सो गया है,,,,


कहीं जाग गया तो,,,(राजू शंका जताते हुए बोला)

वह अब सुबह से पहले नहीं उठने वाला,,,, इसलिए चिंता की बात नहीं है,,,,(श्याम अपनी मां की बात सुनकर हैरान था

हर औरत को मालूम है चूदाई के बाद मर्द सबसे गहरी नींद सोता है 👏👏👏
 
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