श्याम की मां को रोता छोड़ कर राजू श्याम को लेकर कमरे से बाहर निकल गया उसे समझाने के लिए,,, श्याम की मां अपनी हालत पर रोती रही,,, उसे इस बात का डर था कि श्याम ने उसे अपने ही दोस्त के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया था वह अपने मन में क्या सोच रहा होगा इस बारे में सोचकर वह दुखी हो रही थी और रो रही थी,,,,यह बात श्याम की मां की अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा उसकी चुदाई करता है और वह नहीं चाहता कि कोई और उसकी मां को चोदे,,, लेकिन आज श्याम की माने श्याम की सोच और उसके विश्वास को अपने हाथों से तोड़ चुकी थी इसलिए वह कुछ ज्यादा ही दुखी थी,,,।
राजू तो श्याम को कमरे से बाहर समझाने के लिए लेकर गया था लेकिन समझाने लायक कुछ भी नहीं था वह दोनों पहले से ही आपस में बात कर चुके थे सब कुछ सोची समझी साजिश का ही नतीजा था,,,, थोड़ी ही देर में वह दोनों वापस उस कमरे में आ गए जहां पर श्याम की मां अपने नंगे बदन को चादर से ढकने की कोशिश कर रही थी,,,, श्याम की मां अभी भी रोए जा रही थी तो राजू उसे चुप कराते हुए बोला,,,,।
चुप हो जाओ चाची चिंता करने की कोई भी बात नहीं है मैंने श्याम को मना लिया हूं,,,,
(राजू की यह बात सुनते ही श्याम की मां आश्चर्य से राजू की तरफ देखने लगी,,,, और फिर रोने लगी उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि राजू ने श्याम को कैसे मना लिया है और क्या करने के लिए मना लिया है,,,, एक बार फिर से श्याम की मां को चुप कराते हुए राजु बोला,,)
चाची अब रोने से कोई फायदा नहीं है जो होना था वह हो गया लेकिन यह तो देखो कि हम दोनों को इस हालत में देखकर श्याम को अब कोई भी ऐतराज नहीं है,,,
(राजू की बात सुनकर एक बार फिर से आश्चर्य से वह राजू की तरफ तो कभी श्याम की तरफ देखने लगी,,, उसे इस तरह से देखता हुआ देखकर राजू बोला)
हां चाची चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है,,, मैं श्याम को सब को समझा दिया हूं,,,,एक औरत वर्षों तक मर्द के बगैर नहीं रह सकती उसे कभी ना कभी मर्द की जरूरत पड़ती ही है,,और आपकी स्थिति कैसी है मैं इस बारे में श्याम से अच्छी तरह से बात कर चुका हूं शयाम को अब तुमसे कोई भी गिला शिकवा नहीं है,,,,।
(श्याम की मां श्याम की तरफ देख रही थी उसकी आंखों में जरा भी क्रोध नजर नहीं आ रहा था श्याम की मां को अजीब लग रहा था कि आखिर एक गैर मर्द के साथ और वह भी अपने ही दोस्त के साथ उसे आपत्तिजनक स्थिति में देखने के बावजूद भी श्याम मान कैसे गया जबकि वह श्याम के गुस्से से अच्छी तरह वाकिफ यह श्याम की मां को बड़ा अजीब लग रहा था,,,,,,,, श्याम की मां अपने नंगे बदन को चादर से ढकने की कोशिश कर रही थी और इस समय राजू अपने बदन पर एक छोटा सा तो लिया लपेट लिया था लेकिन उसके लंड की अकड़ अभी भी बरकरार थी जबकि वह श्याम की उपस्थिति में ही लगातार धक्के मारता हुआ अपना पानी निकाल चुका था और श्याम की मां को भी झाड़ चुका था,,,, श्याम की तरफ देखकर श्याम की मां रोते हुए बोली,,,)
मुझे माफ कर दे बेटा मैं बहक गई थी,,,,(श्याम की मां को इस तरह से बोलता हुआ देख कर श्याम कुछ बोलता उससे पहले ही राजू बोला)
यह सब करने की जरूरत है तुम्हें बिल्कुल भी नहीं है चाची श्याम को तुम से कोई भी प्रकार की शिकायत नहीं है,,,, क्योंकि इस खेल में वह भी शामिल होना चाहता है,,,,।
(राजू की आवाज सुनते ही श्याम की मा एकदम से सन्न रह गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि राजू यह क्या बोल रहा है वह आश्चर्य से राजू की तरफ तो कभी श्याम की तरफ देख रही थी,,,, राजू ही उसकी मुश्किल को दूर करता हुआ बोला,,,)
चाची जो कुछ भी हुआ इसमें आपकी गलती बिल्कुल भी नहीं है इस बात को श्याम भी मानता है जिस तरह से आपकी भी खुशी जरूरत है उसी तरह से श्याम की भी कुछ जरूरते है,,,,, मुझे तुम्हारी चुदाई करता हुआ देखकर इसे गुस्सा तो आया लेकिन जवान लड़का होने की वजह से इसका मन भी तुम्हें चोदने को कर रहा है,,,।
(श्याम की मां राजू की बातें सुनकर अंदर ही अंदर खुश होने लगी क्योंकि बात दूसरी और चली जा रही थी वैसे भी श्याम तो उसी रोज चोदता था इसलिए श्याम से चुदवाने में उसे किसी भी प्रकार से नहीं लेकिन फिर भी वह राजू की नजर में उसकी मां थी इसलिए इतनी जल्दी कैसे मान जाती इसलिए एतराज जताते हुए बोली,,,)
राजू यह तू क्या कह रहा है पहले ही वहां मुझे आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया है लेकिन फिर भी वह मेरा बेटा है और नहीं उसकी मां हु भला एक बेटा अपनी मां के साथ ऐसा कैसे कर सकता है,,,, और तू कैसे सोच लिया कि मैं उसे ऐसा करने दूंगी,,,।
(श्याम की माया नहीं जानते थे कि राजू उन दोनों के बारे में सब कुछ जानता है तभी तो वह बड़े आराम से उसकी दोनों टांगों के बीच पहुंच चुका था वरना उसे चोदने के बारे में कभी सोचा ही नहीं था फिर भी राजू एक बात बताना गवारा नहीं समझता था कि वह अपनी आंखों से उन दोनों मां-बेटे की चुदाई देख चुका है वह जितना हो सकता था उस राज को राज ही रखना चाहता था क्योंकि उसका काम तो वैसे भी बन ही जाता था,,,,)
चाची,,,, मैं जानता हूं कि एक मां के लिए यह पल बड़ा कठिन होता है जब उसका बेटा खुद उसे चोदना चाहता हूं लेकिन यह भी तो सोचो एक औरत की तरह जिस तरह से तुम मुझे अपनी बुर दे रही हो अपनी प्यास बुझाने के लिए मेरी प्यास बुझाने के लिए उसी तरह से तुम्हारा बेटा भी तुम्हें उसका भी मन कर रहा है कि वह भी तुम्हें चोदे आखिरकार चाची वह भी तो मेरा हम उम्र है,,,, जरा सोचो वह अपनी आंखों से अपनी मां को किसी गैर लड़के से चुराता हुआ देखेगा तो अपने मन में यही सोचेंगे ना कि उसकी मां अपनी जवानी की प्यास किसी के लड़के से बुझा रही है अगर उसकी प्यास वह खुद बुझाए तो इसमें हर्ज क्या है,,,!
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तेरी बातें सुनने में अच्छी लगती है लेकिन राजू यह भी नहीं बोलना चाहिए कि मैं उसकी मां हूं ना एक माह होने के नाते में अपने बेटे के लिए अपनी दोनों टांग कैसे खोल दु कुछ लाज शर्म मर्यादा है कि नहीं,,,
बात तुम्हारी बिल्कुल सही है चाची,,,लेकिन इस चारदीवारी के भीतर क्या हो रहा है इस बारे में किसी को कानों कान तक खबर नहीं पड़ेगी और मेरा विश्वास करना यह काज मेरे सीने में दफन रहेगा लेकिन अगर आज तुम अपने बेटे को नहीं करने दोगी तो शायद हो सकता है वह कल गुस्से में आकर पूरे गांव में यह बात बता दे तो सोचो क्या होगा बदनामी हो जाएगी,,,, मेरा क्या है मैं तो लड़का हूं लेकिन तुम तो एक औरत हो एक ब्रदर आज व्रत है और इस उमर में एक जवान लड़के के साथ अपने घर बुलाकर चुदाई करवाओ गी और यह बात गांव में पता चल गई तो गजब हो जाएगा,,,,।
राजू की बात सुनकर कमरे में पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ था श्याम की मां को अपने बेटे के साथ चुदवाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नजर नहीं आ रही थी और किसी भी प्रकार के एतराज भी नहीं था लेकिन एक गैर लड़के के सामने अपने ही बेटे के साथ चुद वाना मतलब गांव में बदनामी होने का डर था लेकिन वह यह बात नहीं जानती थी कि राजू को सब कुछ पता है यह सब उसके बेटे और राजू की मिलीभगत है,,,, ,,,लालटेन की पीली रोशनी में सबके चेहरे साफ नजर आ रहे थे पूरा गांव सो रहा था लेकिन गांव के इस घर में मां बेटे के साथ राजू मिलकर जवानी का मजा लूटने की तैयारी में लगे हुए थे बस श्याम की मां को समझाना भर था वैसे तो वह समझ गई थी,,, बस गैर लड़की के सामने उसे शर्म आ रही थी समाज का डर भी लग रहा था वैसे तो उसके मन में भी एक साथ दो दो जवान लड़के से अपनी जवानी लूटवाने का मजा वह भी लेना चाहती थी,,,,,,,बस थोड़ा घबरा रही थी उसकी घबराहट को कुछ उसका बेटा दूर करते हुए बीच में बोला,,,
मा तुम बिल्कुल भी चिंता मत करोमैं जो ख़ुशी अपनी आंखों से देखा हूं यह किसी को नहीं बताऊंगा बस बातें मैं राजू ने जो कहा वह मान लो,,,
इसका मतलब हे कि तू एक बेटा होने के बावजूद भी मुझे चोदना चाहता है अपनी मां को चोदना चाहता है,,,(श्याम की मां जान बुझकर गुस्सा दिखाते हुए बोली और अपनी मां की बात सुनकर श्याम जवाब देते हुए बोला)
तो क्या करूं मैं भी तो जवान हूं मेरा भी तो लंड खड़ा होता है,,, तुम गांव के दुसरे लड़कों से चुदवाती फिरोगी तो क्या मैं अपनी आंख बंद करके बैठा रहूंगा मेरी मर्दानगी मुझे धिक्कार है कि नहीं कि घर में जवान लड़का होने के बावजूद भी उसकी मां गांव के दूसरे लड़कों से अपनी प्यास बुझाती है,,,, आज राजू को तुम्हारी चुदाई करता हुआ देखकर मेरा भी मन करने लगा है,,,,,,
श्याम यह तू क्या कह रहा हैतो अच्छी तरह से जानता है अगर आज मर्यादा और संस्कारों की दीवार गिर गई तो कभी यह दीवार खड़ी होने वाली नहीं है हम दोनों के बीच मां बेटी का रिश्ता पूरी तरह से खत्म हो जाएगा और एक औरत और मर्द का रिश्ता रह जाएगा,,,और अगर इस बारे में गांव में किसी को भनक भी लग गई तो हम दोनों का जीना दुश्वार हो जाएगा,,,।
कुछ भी नहीं होगा चाचीचार दिवारी में खेले जाने वाला या खेल सिर्फ हम तीनों के बीच रहेगा,,,(इतना कहते हुए श्याम की मां की तरफ आगे बढ़ा और उसकी तरफ आगे बढ़ते हुए अपनी कमर पर बसा हुआ तो दिया भी एक झटके से खोलकर उसे नीचे जमीन पर फेंक दिया और वह पूरी तरह से नंगा हो गया उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था एक बार झड़ जाने के बावजूद भी उसकी अकड़ बरकरार थी,,,,अपने लंड को हिलाते हुए राजू श्याम की मां के बेहद करीब पहुंच गया और उसके चेहरे को अपने दोनों हथेली में लेते हुए उसकी आंखों में देखते हुए बोला,,,)
अब ज्यादा सोच विचार मत करो चाची बस इस पल का मजा लो,,(और इतना कहने के साथ ही अपने होठों को शयाम की मां के होठों पर रखकर चूमना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से चादर को हटाकर एक बार फिर से उसे नंगी कर दिया,,,, उसकी नंगी चूची को एक हाथ से पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया और इशारे से ही श्याम को भी इस खेल में शामिल होने के लिए बोला हम तो पागल हुआ जा रहा था इस खेल में शामिल होने के लिए वह तुरंत अपनी मां की करीब आया और दूसरी चूची को अपने मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया,,,, श्याम की मां एक साथ ही तो तो जवान लड़कों के हाथों की गर्मी को अपने बदन पर महसूस करके पूरी तरह से मस्त होने लगी,,, उसके मुंह से गर्म सिसकारी की आवाज छूटने लगी,,,, श्याम अपनी मां की चूची को पीने में मस्त था तो राजू उसके होठों को चूसता हुआ एक हाथ से उसकी चूची को दबा रहा था,,,,,,,,,
श्याम की मां के पास सेवा समर्पण के और कोई रास्ता नहीं था,,, पल भर में श्याम की मां के मुंह से गर्म सिसकार की आवाज फुटने लगी,,, राजू और श्याम दोनों उसके नंगे बदन से खेल रहे थे,,, राजू होंठों का चुंबन कुछ अलग और मदहोशी भरे अंदाज में लेता जिसकी खुद श्याम की मां कायल हो चुकी थी,,, श्याम की मां को राजू का इस तरह से चुंबन करना बेहद आनंददायक लगता था,,, श्याम की मां अपने मन में यही सोच रही थी कि श्याम की उम्र का होने के बावजूद भी राजू औरत को खुश करने के मामले में श्याम से कई कदम आगे है,,, एक तरह से वह पूरी तरह से अनुभव से भरा हुआ है उसे इस बात का ज्ञान है कि एक औरत को कैसे खुश किया जाता है,,,,,।
श्याम पूरी तरह से मदहोश बजा रहा था वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपने दोस्त के साथ मिलकर अपनी मां के नंगे बदन से खेलेगा,,, इस बारे में उसका सोचना भी उसे गवारा नहीं था लेकिन आज वक्त और हालात दोनों बदल चुके थे कि वह अपने दोस्त के साथ ही अपनी मां के नंगे बदन से आनंद ले रहा था अपनी मां की बड़ी बड़ी चूचियों को दबा दबा कर अपने मुंह में लेकर पी रहा था,,, जिससे उसकी मां को भी बहुत मजा आ रहा था दूसरी चूची की सेवा की जिम्मेदारी राजू अपने हाथों में ले लिया था साथ ही उसके होठों के रस को अपने होठों से लगाकर पी रहा था,,,,,गरम सिसकारी के साथ श्याम की मां पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी उसे भी खेलने के लिए खिलौना चाहिए था इसलिए अपने दोनों हाथों को राजू के और श्याम के लंड के ऊपर रखकर उसे टटोलने की कोशिश करने लगी राजू तो पूरी तरह से नंगा था इसलिए उसके हाथ में राजू का मोटा तगड़ा लंड आ गया और वह उसे पकड़कर हिलाना शुरू कर दी,,,लेकिन श्याम अभी भी पूरी तरह से अपने कपड़ों में था इसलिए अपनी मां का हाथ अपने पजामे के ऊपर आते ही वह तुरंत अपने कपड़े उतारने लगा और अगले ही पल वह एकदम नंगा होकर खुद अपनी मां का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया जो कि वह भी धीरे-धीरे खड़ा हो चुका था एक साथ दो दो लंड को अपने हाथ में पकड़ कर श्याम की मां पूरी तरह से अपनी गदराई जवानी का आनंद लूट रही थी,,,,।
श्याम की मां कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वहां इस उम्र में एक साथ दो दो जवान लड़कों से मजा लेगी,,,, और भाभी अपने ही बेटे के साथ उसके दोस्त के साथ मिलकर,,,, श्याम की मां के दोनों हाथों में जवानी से जिसे वह अपनी बुर में पहले भी ले चुकी थी लेकिन जो मजा उसे राजू के लंड से आता था वह आप अपने बेटे के लंड से नहीं आता था लेकिन से नहीं आता था लेकिनअपने तन बदन में उत्तेजना का एहसास लिए हुए वह दोनों लंड से बराबर खेल रही थी,,,,,, राजू श्याम की मां के होठों का रस पीने के बाद उसकी चुचियों पर ज्यादा ध्यान देते हुए उसकी गर्दन को चूम रहा था,,,,, उसके कान में धीरे धीरे गर्म आहें भरते हुए बोला,,,।
कैसा लग रहा है चाची एक साथ दो दो जवान लंड से खेलने में,,,,,
सहहहह आहहहहहहहहह,,, बहुत अच्छा लग रहा है रे मैं तो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि मुझे इस तरह की भी रात बितानी पड़ेगी,,,,,(श्याम की मां एकदम मस्त होते हुए बोली अपनी मां की बात सुनकर श्याम जोर जोर से अपनी मां की चूची दबाते हुए से मुंह में लेकर पीने लगा उसका जोश बढ़ता जा रहा था और साथ ही यही जोश और उत्साहश्याम की मां के हाथों में भी नजर आ रहा था वह अपने बेटे के लैंड को और जोर से दबाना शुरू कर दी थी साथ ही राजू के भी,,,, राजू अपने मन की मनसा को बताते हुए बोला,,,)
देखना चाहती आज हम दोनों मिलकर तुम एकदम मस्त कर देंगे आज की रात तुम जिंदगी भर याद रखोगी आज देखना हम दोनों मिलकर तुम्हारी दोनों छेद की सेवा करेंगे,,,।
(दोनों छेद के बारे में सुनकर श्याम की मां थोड़ा आश्चर्य चकित हो गई उसे समझ में नहीं आया कि राजू क्या कह रहा है,,,,लेकिन फिर भी वह उसकी बातों का आनंद लेते हुए गर्म सिसकारी लेने लगी क्योंकि राजू अपनी हथेली के कसाव को उसके खरबूजे पर बढ़ाना शुरू कर दिया था,,,,,, राजू श्याम की तरफ देख रहा था वह बड़ी मस्ती के साथ अपनी मां की चूची पी रहा था,,,, उसे देखकर राजू बोला,,,)
और मेरे दोस्त श्याम कैसा लग रहा है अपनी मां की चूची पीते हुए,,,,।
(राजू का सवाल सुनकर श्याम बोला कुछ नहीं बस अपनी नजर उठाकर राजू की तरफ देखा और वापस अपनी मां की चूची को गहरी सांस लेते हुए पीने लगा,,, कमरे में वासना का नंगा नाच चल रहा था,,, एक मां अपने बेटे के साथ और उसके दोस्त के साथ मिलकर अपनी जवानी का रस दोनों को पिला रही थी अपनी वासना की आग में अपनी बुर की प्यास बुझाने के चक्कर में वह यह भी भूल गई कि अगर इस बारे में किसी को पता चल गया तो गांव में उसकी थु थु हो जाएगी,,, लेकिन जो भी हो इस समय श्याम की मां को इन सब बातों की बिल्कुल भी परवाह नहीं थी वह तो मस्त होकर अपनी जवानी का मजा लूट रही थी और वह भी अपने बेटे और गांव के एक जवान लड़के के साथ मिलकर और सही मायने में उसे स्वर्ग की अनुभूति हो रही थी इतना मजा उसे कभी नहीं आ रहा था एक साथ दो दो जवान लड़के अपने हाथ का करतब उसके नंगे बदन पर दिखा रहे थे और वह खुद उन दोनों के लंड को पकड़ कर जोर जोर से हिला रही थी जिंदगी में पहली बार श्याम की मां के हाथों में एक साथ दो-दो जवान लंड थे,,,,,,।
राजू आनंद की पराकाष्ठा को और ज्यादा बढ़ाना चाहता था,,, वह क्या बात बेहद करीब आया और अपने लंड को श्याम की मां के हाथों से छुड़ाकर उसकी पूरी जवाबदारी अपने हाथों में लेकर उसे हिलाता हुआ श्याम की मां के गाल पर लंड से वार करने लगा,,,, मोटा तगड़ा लंबा लंड श्याम की मां के भरे हुए गाल पर पडते ही उसपर से पटपट की आवाज आने लगी जो कि मजा को और ज्यादा बढ़ा रहा था राजू पूरी तरह से मस्ती में आ गया था वह अपने लंड को बार-बार उसके गोरे गोरे गाल पर पटक रहा था और श्याम की मा पूरी तरह से मचल जा रही थी उसे अपनी मुंह में लेने के लिए यह देख कर श्याम की भी हालत खराब होने लगी औरतों से खेलने के हर एक नए ढंग को राजू अच्छी तरह से जानता था यह देखकर श्याम भी उससे कुछ सीखना चाहता था इसलिए वह भी अपनी मां के हाथों से अपने लंड को छुड़ा दिया और अपने लंड को अपनी मां की चूची पर पटकने लगा,,,, दोनों तरफ से श्याम की मां दोनों जवान लड़को के लंड का वार अपने बदन पर महसूस कर रही थी और हर एक बार पर उसकी आह निकल जा रही थी,,,,।
राजू तू भी अपनी मां के मुंह में देना जैसे मैं डाल रहा हूं,,,,
मा,,मेरा,,,लेगी,,,,,! (श्याम जानबूझकर आश्चर्य जताते हुए बोला क्योंकि वह अपनी मां को यही जताना चाहता था कि राजू को उन दोनों के बारे में कुछ भी पता नहीं है इसलिए श्याम की बात सुनकर राजू बोला)
अरे क्यों नहीं लेगी मेरी जान,,,, तेरी मां को लंड बहुत पसंद है भले ही क्यों ना वह उसके बेटे का हीं हो,,, चल अब मैं निकालता हूं और तू डाल,,,,(इतना कहकर राजू श्याम की मां के मुंह में से अपने मोटे तगड़े लंड को बाहर खींच लिया और श्याम तुरंत खड़ा हुआ और एक टांग खटिया पर रख कर,,,अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां के चेहरे की तरफ बड़ा नहीं लगा तो राजू खुद अपने हाथ को श्याम की मां के सर पर रख कर उसे उसके बेटे के लंड की तरफ दबाव देने लगा श्याम की मां जानबूझकर राजू के सामने हिचकीचाने का नाटक कर रही थी,,,, इसलिए राजु बोला,,,।)
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शरमाओ मत मेरी रानी,,,,, आज की रात तुम्हारी बुर में हम दोनों का ही लंड जाने वाला है,,, बुर में ही क्यों,, आज तो हम तुम्हारी गांड भी मारेंगे,,,।
(गांड मारने वाली बात पर श्याम की मां थोड़ा सा झेंप गई,,, उसे लगा कि वह ऐसे ही बोल रहा है,,,, और इतना कहते हुए राजू श्याम की मां के सर पर थोड़ा सा और ज्यादा दबाव देते हुए ठीक उसे उसकी बेटी के लंड के सामने कर दिया और बस फिर क्या था श्याम पूरी तरह से जोश में आ गया था वह खुद ही अपने लंड के सुपाड़े को अपनी मां के होठों पर रगड़ने लगा,,,, श्याम की मां की हालत खराब हुई जा रही थीभले ही वह पिछले 2 सालों से अपने बेटे से चुदाई का सुख भोग रही थी लेकिन किसी गैर जवान लड़के के सामने अपने बेटे के साथ इस तरह की हरकत करने में उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन इस शर्म का अपना ही अलग मजा थी,,,,, एक तरफ जहां अपने बेटे के साथ इस तरह की हरकत करने में वह शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी वहीं दूसरी तरफ उसे स्वर्ग की आनंद की अनुभूति हो रही थी इतना मजा उसे कभी नहीं आया था इसलिए वह अपने होठों को खोलकर अपने बेटे के लंड को अपने मुंह के अंदर प्रवेश करने की इजाजत दे दी,,,और अगले ही पल श्याम भी जल्दबाजी दिखाता हुआ अपना पूरा का पूरा लंड अपनी मां के मुंह में ठूंस दिया,,,, यह देखकर राजू बोला,,,।
वाह अब आया ना मजा ऐसा नजारा मैंने आज तक कभी नहीं देखा था कि एक बेटा अपनी मां के मुंह में लंड पेल रहा हो,,,, बहुत किस्मत वाले हो श्याम जो तुम्हें इतनी अच्छी मां मिली है जो तुम्हारा इतना ख्याल रखती है,,,,, आज से मैं यह जिम्मेदारी तुम्हें देता हूं जब मैं तुम्हारी मां की चुदाई ना करता हूं तो तुम खुद अपनी मां को चोद कर उसकी प्यास बुझाना,,,,।
(राजू की बातें बेहद अश्लील थी लेकिन इस समय जिस तरह का माहौल था ऐसे में दोनों मां-बेटे को राजू की गंदी गंदी बातें बहुत ही रोचक और उत्तेजनात्मक लग रही थी दोनों को मजा आ रहा,,, था,,, राजू दोनों के बेहद करीब जाकर श्याम के लंड को उसकी मां के मुंह में अंदर-बाहर होते हुए देखकर बोला,,,।)
देख श्याम कितने मजे लेकर तेरी मां तेरे लंड को अपने मुंह में ले रही है,,,,आहहहह इसी तरह से तो मजा आता है इस खेल में,,,आहहहह,,,, और ज्यादा कमर हिला,,,आहहहह ,,, बहुत अच्छे,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू भीअपने खड़े लंड को हाथ में लेकर उसके होठों के करीब ले गया तो उसकी मां खुद ही अपने बेटे का लंड को बाहर निकालकर राजू के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी,,,, श्याम की मां की हरकत को देखकर राजू मुस्कुराता हुआ श्याम से बोला,,,)
देख मेरे दोस्त तेरी मां एकदम रंडी की तरह हम दोनों को मजा दे रही है,,,,आहहहह कसम से बहुत मजा आ रहा है तेरी मां इस उम्र में भी इतनी जबरदस्त है कि जवान लड़की को भी पानी भरने पर मजबूर कर दे,,,, आहहहह मेरी जान,,,(दोनों हाथ को श्याम की मां के सर पर रखते हुए) कसम से तुझे चोदने में इतना मजा आता है कि किसी लड़की को चोदने में इतना मजा नहीं आता,,, इस उम्र में भी तेरी बुर कसी हुई है,,,,आहहहहहह,,,,आहहहहहहह,(राजू श्याम की मौजूदगी में उसकी मां से गंदी गंदी बातें बोल रहा था और अपनी कमर को आगे पीछे हिलाता हुआ श्याम की मां के मुंह को ही चोद रहा था श्याम हैरान था कि सीधा-साधा राजू इतनी गंदी गंदी बातें कैसे कर लेता है और यह गंदी बातें श्याम की मां को बहुत अच्छी लग रही थी वह पूरी तरह से जोश में आ गई थी और जल्दी जल्दी अपना मुंह हिला रही थी,,,,, राजू श्याम की मस्ती को बढ़ाना चाहता था इसलिए राजू श्याम की मां के मुंह में लंड दिए हुए ही उसके ठीक सामने आकर खड़ा हो गया और उसके कंधे को पकड़कर उसे खटिया पर पीठ के बल लेटाने लगा,,,लेकिन वह अपने लंड को उसके मुंह में से निकाला बिल्कुल भी नहीं था देखते ही देखते श्याम की मां के मुंह में लंड दिए हुए ही वह उसे खटिया पर पीठ के बल लिटा दिया,,, और वह भी अपने घुटनों को उसके अगल-बगल रखकर खटिया के पाटी पकड़कर उसके ऊपर झुक गया और अपनी कमर को खिलाता हुआ मानो उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया श्याम राजू की यह आसन को देखकर पूरी तरह से हैरान था और इस बात की हैरानी श्याम की मां को भी थी,,,,,
राजु अपनी कमर हिलाता हुआ श्याम की मां से बोला,,,
हाय मेरी रानी अपनी टांगे खोल मेरी जान,,,, दिखा अपनी बुर अपने बेटे को ठीक से देख लेने दे अपने बेटे को,,,,आहहहह बहुत मजा आ रहा है जान,,,ऊहहहहहह,,, ऐसा मजा मुझे कभी नहीं मिला,,,,।(ऐसा कहते हो पीछे नजर घुमा कर देखने लगा कि उसकी बात मान कर उसकी मां ने अपनी दोनों टांगों को खुली है या नहीं क्योंकि ठीक उसके पीछे श्याम खड़ा था जो कि अपने लंड को पकड़ कर खिला रहा था,,,, श्याम की मां राजू की हरकत से पूरी तरह से मस्त हो कर गप गप उसके लंड को अपने मुंह में ले रही थी,,,,श्याम की मां शायद राजू की बातों पर ध्यान नहीं दी थी या तो शर्म के मारे अपनी दोनों टांगों को खोली नहीं थी लेकिन राज्य अपने मन में सोचने लगा कि श्याम से किस बात का शर्म,,, इसलिए राजू फिर से अपनी कमर हिलाता हुआ बोला,,,)
क्यों मेरी रानी अपनी टांगे खोलो ना अपने बेटे को भी तो देखने दो अपनी बुर को उसी में तो उसे लंड़ डालना है,,,,।
(राजू की गंदी बातें श्याम की मां के साथ-साथ श्याम को भी बेहद रोचक लग रही थी उसकी बातों को सुनकर उन दोनों का जोश बढ़ जा रहा था श्याम एकदम खुले शब्दों में श्याम की मां से बातें कर रहा था मानो कि जैसे वह उसकी बीवी या प्रेमिका हो,,,और यह बात श्याम के लिए अजीब होने के बावजूद भी बहुत ही मादकता परी लग रही थी उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी मां का किसी गैर मर्द के साथ चक्कर चल रहा है,,,,राजू की बातों को सुनकर श्याम की मां अपनी मोटी मोटी चाहूंगा को खोलते हुए अपनी बुर के दर्शन अपने बेटे को कराने लगी और यह उसके लिए कोई नई बात नहीं थी लेकिन वह यह जताना चाहती थी कि यह सब श्याम के साथ पहली बार हो रहा है,,,, श्याम की मां की दोनों टांगों को खुली हुई देखकर राजू उसी तरह से अपनी कमर हिलाता हुआ बोला,,,)
हाय मेरी रानी ये हुई ना बात,,,, देख ले श्याम अपनी मां की बुर को ध्यान से देख ले कीसी जवान लड़की से कम नहीं है,,, देखना जब तू अपनी मां की बुर में अपना लंड डालने का तो स्वर्ग का मजा मिलेगा तुझे इतना मजा आएगा कि पूछ मत,,,,
(राजू की गंदी गंदी बातें माहौल को और ज्यादा गर्म कर दे रहे थे श्याम वैसे तो कई बार अपनी मां को नंगी देख चुका था और उसकी चुदाई तो वह करता ही आ रहा था लेकिन राजू के सामने और उसकी बातों को सुनकरउसे सब कुछ नया नया सा लग रहा था इसलिए आज उसे अपनी मां की बुर देखने में बेहद आनंद आ रहा था,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे आज मैं पहली बार अपनी मां की बुर देख रहा हो,,,, अपनी मां की दोनों खुली टांगों को देखकर और उसके बीच की पतली दरार को देखकर जिसमें से काम रस बह रहा था श्याम से रहा नहीं जा रहा था राजू अपनी हरकत को अंजाम देते हुए पीछे नजर करके श्याम के चेहरे के हाव-भाव को पढ़कर किसी निष्कर्ष पर निकलता हुआ बोला,,,।
बस दोस्त देख क्या रहा है तेरी मां की बुर तेरा इंतजार कर रही है दोनों टांगों के बीच आजा और अपनी जीभ लगा लगाकर चाट अपनी मां की बुर को देख कितना मजा आता है तुझे भी और तेरी मां को भी,,,,।
(राजू की बातों को सुनकर श्याम के तन बदन में जोश बढ़ रहा था और उसकी बातों को सुनकर श्याम की मां के तन बदन में कसमसाहट बढ़ रही थी,,,, उससे अब खुद नहीं रहा जा रहा था वह कभी दया पर उठाकर पटकती तो कभी दाया पैर उसके तन बदन में उत्तेजना पूरी तरह से अपना असर दिखा रही थी,,,,श्याम से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था वह अपनी आंखों से देख रहा था कि उसका दोस्त अपने लंड को उसकी मां के मुंह में अंदर बाहर कर रहा है तो वह क्यों खड़ा होकर यह सब देखें इसलिए वह तुरंत खटिया पर चढ़ गया और अपनी मां की दोनों टांगों के बीच आ गया,,,आज का दिन यहां पर उसके लिए बेहद उत्तेजना से भरा हुआ था उसे सब कुछ पहली बार सा लग रहा था वह अपनी मां की मोटी मोटी जांघों पर अपनी हथेली रखकर उसे हल्के हल्के सहलाते हुए दबाने लगा,,,वह उत्तेजित हो रहा था और देखते ही देखते हो अपनी मां की दोनों टांगों के बीच पूरी तरह से जगह बना लिया और अपने चेहरे को उसकी पतली दरार के करीब ले जाने लगा,,,कुछ देर पहले ही उसकी आंखों के सामने ही उसकी मां राजू के लंड को अपनी बुर में लेकर झड़ गई थी और राजू भी अपना पूरा माल उसमें गिरा दिया था जो कि उसकी बुर के पतली दरार से बह रहा था,,, लेकिन इस समय उसमें से वासना की मादकता भरी खुशबू आ रही थी जोकि श्याम को अपनी वशीभूत कर रही थी इसलिए उसे इस हालत में भी अपनी मां की बुर चाटनाआनंद आया कि लगने वाला था इसलिए वह अपने होठों को अपनी मां की बुर पर रखा चढ़ना शुरू कर दिया,,,,।
अद्भुत अविस्मरणीय एहसास से श्याम की मां पूरी तरह से गदगद हुए जा रहे थे 2 जवान लड़के दोनों तरफ से उसकी जवानी का मजा लूट रहे थे,,, राजू लगातार अपनी कमर को हिलाया जा रहा था और श्याम की मां उसकी मस्ती को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपने होंठों का छल्ला बनाकर राजू के मोटे तगड़े लंड को एक बुर की भांति अपने मुंह में अंदर बाहर ले रही थी,,,, राजू श्याम की तरफ देखते हुए बोला,,,।
वाह श्याम यह हुई ना बात देख कितना मजा आ रहा है ना अपनी मां की बुर चाटने में,,, बस ऐसे ही पुरी जीभ अंदर डालकर चाट,,, तेरी मां को ऐसे ही मजा आता है मैं तो पूरी जीभ अंदर डाल कर चाटता हूं तेरी मां की बुर की मलाई भी बहुत स्वादिष्ट है,,, चाट पुरी जीभ डालकर चाट,,,,
(राजू अपनी बातों से श्याम का हौसला बढ़ा रहा था एक तरह से श्याम के सामने उसकी मां की बारे में गंदी गंदी बातें करने मैं राजू को बहुत मजा आ रहा था,,,,,,)
गजब का कामुकता भरा दृश्य कमरे के अंदर नजर आ रहा था ,, आधी रात से ज्यादा का समय हो गया था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था लेकिन गांव के इस घर में ना तो श्याम की मां की आंखों में नहीं था और ना ही राजू और श्याम के,,,, तीनों जवानी का मजा लूट रहे थे लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था तीनों के बदन पर कपड़ों का रेशा तक नहीं था तीनों मादरजात नंगे थे,,,कुछ देर तक श्याम अपनी मां की बुर चाटता रहा लेकिन अब उससे अपनी मां की जवानी सहन नहीं हो रही थी,,,,,श्याम के बर्दाश्त के बाहर था वह जल्द से जल्द अपनी मां की बुर में लंड डालकर चोदना चाहता था अपनी मां की गांड मारने की लालच उसके मन में भी थे लेकिन इस समय उसकी जवानी की गर्मी बाहर आने के लिए उबाल मार रहे थे इसलिए वह तुरंत अपनी मां की दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया और अपनी मां की मोटी जनों को पकड़कर अपनी तरफ थोड़ा सा खींचा यह देखकर राजू श्याम की तरफ देखते हूए बोला,,,।)
अरे अरे इतनी जल्दी इतनी जल्दबाजी मत दिखाया करो अपनी मां के बारे में सोच उसकी जवानी उफान मार रही है ऐसे में कम से कम एक घंटा तो उसकी चुदाई करना पड़ता है तब जाकर उसे शांति मिलती है और तू अगर इतनी जल्दी बाजी दिखाएगा तो तेरी मां को संतुष्टि कैसे मिलेगी,,,,(राजू जानबूझकर जल्दबाजी दिखाने वाली बात बोल रहा था वही तरह से शाम की मां की आगे जताना चाहता था कि औरतों को खुश करने के मामले में इतनी जल्दी बाजी कभी नहीं दिखाना चाहिए जैसा कि वह धैर्य रखकर औरत को संतुष्ट करता था लेकिन राजू की बात सुनने के बावजूद भी श्याम से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वह तुरंत अपने खड़ी नंगे को अपनी मां की बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया था उसे इस बात का भी अहसास नहीं था कि उसकी मां को मजा आ रहा है या नहीं बस धक्के लगाना शुरू कर दिया और थोड़ी ही देर में अपना पानी निकाल कर उस पर हांफने लगा ,,, दूसरी तरफ राजू अभी भी बरकरार था अभी भी मैदान में जमा हुआ था उसकी कमर लगातार आगे पीछे हो रही थी लेकिन अभी तक वह पानी नहीं निकाला था,,,,
अपने बेटे की हरकत पर श्याम की मां को गुस्सा आ रहा था कि वह ठीक से उसे चोद भी नहीं पाया और पानी निकाल दिया इससे उसकी प्यास और बढ़ गई थी उसकी आखिरी उम्मीद राजू ही था,,,, श्याम पानी निकालने के बाद एक तरफ हो गया अभी भी राजू अपनी कमर हिला रहा था यह देखकर अपनी जागी हुई प्यास को बुझाने के लिए श्याम की मां अपनी हथेली को अपनी बुर पर रख कर रगडते हुए और राजू को अपना लंड उसके मुंह में से निकाल लेने का इशारा करते हुए बोली,,,,,, तब तक राजू भी अपने लंड को उसके मुंह में से बाहर खींच लिया था,,,)
ओहहहह राजु मुंह को ही चोदता रहेगा या बुर पर भी ध्यान देगा,,,।
(श्याम की मां की बात सुनकर राजू समझ गया कि उसकी बुर में आग लगी हुई है जिसे बुझाना बहुत जरूरी है,,,,,)
चिंता मत करो रानी जब तक मैं हूं तब तक तुम्हें तड़पने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है इतना कहने के साथ ही राजू तुरंत पीछे की तरफ घुटनों के बल आया और देखते ही देखते श्याम की मां की दोनों टांगों के बीच जगह बना लिया और अपने लंड को हाथ में लेकर उसकी बुक पर पटकते हुए श्याम से बोला,,,)
देख श्याम मैं कैसे तेरी मां की चुदाई करता हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही उसकी गीली बुर में लंड के सुपाडे को डालना शुरू कर दियापास में ही खड़ा श्याम अपनी आंखों से अपने दोस्त के लंड को अपनी मां की बुर में जाता हुआ देख रहा था,,, श्याम अच्छी तरह से जानता था कि राजू का लड़का कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा है इसलिए अपनी मां के चेहरे की तरफ देख रहा था कि राजू के लंड को लेने में उसे तकलीफ होती है या नहीं लेकिन वास्तव में मोटे तगड़े लंड अपनी बुर में लेने से जिस तरह की तकलीफ होनी चाहिए थी वही तकलीफ श्याम को अपनी मां के चेहरे पर साफ नजर आ रहा था उसकी आंखें बंद थी चेहरे का हाव भाव बदल रहा था उसके चेहरे को देखकर साफ पता चल रहा था कि राजू की लड़की को लेने में उसकी मां को अभी भी दर्द महसूस हो रहा था देखते ही देखते राजू अपना करतब दिखाते हुए अपने पूरे समूचे लंड को उसकी बुर की गहराई में उतार दिया,,, और खुश होता हुआ और आपकी मां की कमर को दोनों हाथों से पकड़ लिया,,,,और श्याम की तरफ देखते हुए अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया है श्याम हैरान था कितने मोटे तगड़े लंबे लंड को उसकी मा आराम से अपनी बुर की गहराई में ले चुकी थी,,,, श्याम वहीं खड़ा खड़ा अपने दोस्त के लंड को अपनी मां की बुर के अंदर बाहर होता हुआ देख रहा था,,,,।
देखते ही देखते राजू की कमर रफ्तार पकड़ने लगी खटिया चरमराने लगी और हर धक्के के साथश्याम की मां की बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह छातियों पर लोट जा रही थी,,,जिसे देखकर खुद श्याम की हालत खराब हो रही थी और अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मां की चूची को दबाना शुरू कर दिया था राजू की जबरदस्त चुदाई को देखकर अपनी मां की मस्ती को श्याम और ज्यादा बढ़ा रहा था,,,,। थोड़ी सी देर में कमरे में श्याम की मां की गरम सिसकारियां गुंजने लगी,,, तकरीबन 40 मिनट की घमासान चुदाई के बाद राजू का पानी निकल गया इतनी देर तक चुदाई देखकर श्याम खुद हैरान था,,,,अपने मन में सोच रहा था कि अगर उसे इतना मौका मिले तो उसे तो बहुत मजा आ जाए लेकिन उसका तो बहुत जल्दी निकल जाता है,,।
राजू श्याम की मां की छातियों पर पसर कर लंबी लंबी सांसे ले रहा था और श्याम की मां पूरी तरह से संतुष्ट होकर उसकी नंगी पीठ पर हाथ रखकर उसे सहलाते हुए एक तरह से उसे शाबाशी दे रही थी क्योंकि अगर वह उसके बेटे के भरोसे रहती तो उसका बेटा तो उसे बीच मझधार में ही छोड़कर खुद कीनारे लग गया थावह तो भला हो राजू का की जिसके पतवार को थामे वह धीरे-धीरे किनारे पर पहुंच चुकी थी,,,,। कुछ देर तक ज्यों का त्यों बना रहा,,,,श्याम की मां को बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी आखिरकार दो दो बार चुदाई का सुख जो भोग चुकी थी,,,, राजू को अपने ऊपर से हटाते हुए वह बोली,,,।
हट राजू मुझे जाने दे जोरों की पेशाब लगी है,,,,।
(श्याम हैरान था इस बात से कि उसकी मां राजू के सामने भी एकदम खुलकर बातें करने लगी थी फिर अपने मन में सोचा कि जो औरत किसी के लिए अपनी टांगे खोल दे तो जुबान का क्या मोल,,,, राजू श्याम की मां के ऊपर से हट चुका था और श्याम की मां खटिया पर से उठ कर एक चादर को अपने बदन पर लपेट रही थी तो खुद श्याम अपनी मां के बदन पर से चादर को हटाते हुए बोला)
अब इसका क्या काम,,,,
(श्याम की हरकत को देखकर राजू खुश होता हुआ बोला)
यह हुई ना बात अब और ज्यादा मजा आएगा,,,, चलो मुझे भी पेशाब लगी है हम तीनों मिलकर पेशाब करते हैं,,, यह सुनकर शरमाते हुए श्याम की मां बोली,,)
धत् तीनो नही,,,, मुझे शर्म आती है,,,
वाह रे मेरी लाजवंती,,,टांगे खोल खोल कर मेरा और अपने बेटे का लंड अपनी बुर में ले ली और अब मुतने में शर्म आती है,,,(खटिया पर से खड़ा होकर नंगी खाटू श्याम की मां की गांड पर चपत लगाते हुए बोला) चल मेरी जान आज यह भी मजा ले लेते हैं,,,,(अपनी गांड पर अपने बेटे की आंखों के सामने राजू की चपत पडते ही वह शरमा गई,,,राजू की हरकत को देखकर श्याम अपने मन में सोचने लगा कि साले की हरकत इस तरह की है तो औरतें तो इससे खुश रहने वाली हैं वाह क्या करता था अपनी मां के साथ बस डाला कमर हिलाया और निकालकर फिर सो गया इससे ज्यादा कभी कुछ किया नहीं था इसीलिए तो उसकी मां को राजू की जरूरत पड़ने लगी और राजू भी अपनी हरकत से उसकी मां को पूरी तरह से खुश कर दे रहा था यह सब श्याम देखकर धीरे-धीरे सीख भी रहा था,,, ताकि भविष्य में वह खुद अपनी मां को पूरी तरह से खुश रख सके,,,,,, राजू के कहने पर श्याम की मां तैयार हो चुकी थी,,, एक साथ मुतने के लिए,,, और तीनों को घर में ही सबसे अंतिम छोर पर जाना था जहां पर हैंडपंप लगा हुआ था वहीं पर नहाना धोना होता था और वहीं पर पहली बार ही राजू झुमरी को नगीना आता हुआ देखा था और दूसरी बार झुमरी की मां के साथ उसी जगह पर संबंध बनाया था इसलिए यह जगह राजू के लिए बेहद खास थी,,, घर के अंतिम छोर पर अंधेरा था यह बात राजू अच्छी तरह से जानता था इसलिए चलते समय कमरे में से लालटेन को ले लिया था ताकि लालटेन के उजाले में सब कुछ साफ नजर आए,,,आगे-आगे श्याम की मां चल रही थी उसकी बड़ी-बड़ी मटकती हुई गांड को लालटेन की रोशनी में देखकर राजू के साथ-साथ उसका बेटा भी खुश हो रहा था और उत्तेजित भी,,,,,,, औरत के हर एक हरकत में उत्तेजना महसूस होती है यह बात धीरे-धीरे श्याम को पता चल रही थी और वह भी राजू के साथ रहने पर क्योंकि इस तरह की उत्तेजना पर अपनी बातों से राजू भी ध्यान देता था,,,,।
हाय श्याम तेरी मां की गांड देख चलते समय कितनी हीलती हैकसम से सच कह रहा हूं गांव में जब तेरी मां चलती होगी ना तो तेरी मां की गांड देखकर ना जाने कितने लोग पानी फेंक देते होंगे,,,,सच कहूं तो गांव के बूढ़े जवान सभी तेरी मां को चोदने का सपना देखते होंगे ऐसी कसी हुई गांड शायद ही गांव में किसी की होगी,,,,तो कुछ बोलता क्यों नहीं बस खामोश होकर मजा ले रहा है कुछ बोलेगा तभी तो मजा आएगा तुझे भी और तेरी मां को भी,,, क्या तुझे अच्छा नहीं लग रहा है तेरी मां की बड़ी-बड़ी गांड हीलते हुए देखना,,,।
हां हां बहुत अच्छा लग रहा है,,,,(राजू की बात सुनकर श्याम हड़बड़ाते हुए बोला,,, श्याम और राजू की बातें सुनकर आगे-आगे चल रही श्याम की मां मन ही मन बहुत खुश हो रही थी क्योंकि दो-दो जवान लड़के इस उम्र में भी उसकी गांड की तारीफ कर रहे थे उसकी कसी हुई गांड में अभी भी पूरी तरह से आकर्षण कायम था,,,इसलिए श्याम की मां कुछ ज्यादा ही इतरा कर चलने लगी थी जिससे उसकी गांड का उभार कुछ ज्यादा ही बाहर को निकल कर सामने आ रहा था जिसे देख देख कर श्याम और राजू दोनों की हालत खराब हो रही थी राजू तो, चलते समय बार-बार उसकी गांड पर चपत भी लगा दे रहा था जिससे चाटट की आवाज वातावरण में कुछ नहीं लगती थी और चपत पड़ने के साथ ही श्याम की मां के मुंह से आह निकल जाती थी,,, देखते ही देखते तीनों घर के अंतिम छोर पर पहुंच चुके थे और वही पास में राजू लालटेन को रख दिया,,, तीनों नंगे खड़े थे लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,,।