श्रद्धा कपूर का फैन (पार्ट 2)
अब तक आने पड़ा....
मैं:- आज अपने कुछ ज्यादा ही पी लिया था।
श्रद्धा:- हाँ, वो आज एक सीन मुझ से नही हो पारहा था और 12 टेक के बाद डायरेक्टर ने गुस्से में पैकअप करवा दिया, इसी बात से परेश हो कर कुछ ज्यादा ही पी लि।
मैं:- वैसे ऐसा कोनसा सिन है जो आप नही कर पारहि थी।
श्रद्धा:- छोड़ो ना वो बात को।
"अरे बताओ ना प्लीज" मेने उनसे रिकवेस्ट की।
अब आगे....
श्रद्धा:- किसिंग सीन था ना, मुझ से बराबर नही हो रहा था।
मैं:- इस मे क्या है, वो तो कोई भी कर सकता है।
श्रद्धा:- तुमने कभी किसी को किस्स किया है।
अब मेरे पास उसके सवाल का कोई जवाब नागी था, क्योंकि मेने कभी किसी को किस्स नही किया था। इसलिए मैंने बिना कुछ बोले 'ना' में गर्दन हिला दी।
श्रद्धा:- किस्स करना इतना आसान भी नही होता, बहुत ही सेंशुल तरीके से करना पड़ता है।
मैं:- मुझे कैसे पता होगा मेने तो कभी किया ही नही।
"पहले तो बड़े बोल रहे थे कि कोई भी कर सकता है, अब बोलो" वो मिरी तांग खीचते हुए बोली।
मैं अब चुप था....
श्रद्धा:- मेरे पास एक आईडिया है, जिससे तुम भी किस्स कर पाओगे और मेरी भी प्रैक्टिस हो जाएगी।
मैं बस श्रद्धा को देखता रह गया... और बोला "क्या ?"
"हम दोनों किस्स करे क्या ?" उसने मुझसे पूछा और साथ मे आईडिया भी बता दिया।
अब भी मैं कुछ नही बोल पाया मुझे कुछ नही समझ आरहा था कि क्या बोलना चाहिए। पहली बार कोई लड़की वो भी बॉलीवुस की हेरोइन मुझे किस्स करने का ऑफर दे रही थी। मैं बस अपने सोच मैं डूबा था कि मुझे क्या करना चाहिए।
"ओह्ह कम ऑन केविन, डोंट थिंक सो मुच्" बोल कर उसने मेरा हाथ पकड़ कर बेड पर घुटने के बल बैठा दिया।
और अपने लिप्स मेरे लिप्स के एक दम करीब ला कर मुझसे पूछा "कान आई"
श्रद्धा की गर्म साँसे मैं अपने लिप्स पर महसूस कर पारहा था। उसकी बात का जवाब में दें नही पाया और अपनी आंखें बंद कर दी। उसने भी मेरी चुपी को हाँ समझी और अपने नरम होठ मेरे होठो से चिपका दिया।
वो मेरे होठो को बड़े प्यार से चूस रही थी और मैं भी उसी के तरह अपने होठ हिलाने लगा। श्रद्धा के होठो का स्वाद बड़ा ही मीठा था। धीरे-धीरे श्रद्धा ने अपनी जीब मेरे मुंह मे दाल कर गोल-गोल घुमाना शुरू किया।
मैं भी उसके जीब को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया, उसके मुँह की सारी लार मेरे मुँह में आने लगी और मैं सब गटक गया। फिर उसने मेरी जीभ को अपने मुह में खींच लिया, में भी अपनी जीब को उसके पूरे मुँह में घुमाने लसग। हम दोनों बहुत देर तक किस्स करते रहे। जब सास लेने में तकली होने लगी हो मेने किस्स थोड़ दिया।
और हमारे होतो के बीच थूक का एक धागा सा बन गया। मैं बेड पे गिर के लंबी-लंबी सांस भरने लगा। जब मैने आंखे खोल कर देखा तो श्रद्धा भी मेरे बाजू में लेट कर गहरी सांस ले रही थी। उसका उभरा हुआ सीन ऊपर नीचे हो रहा था। मेरी नजर उसके बूब्स पर टिकी हुई थी। उसके निप्पल्स भी कड़क हो गए थे, जो टॉप के ऊपर से आसानी से दिख रहे थे।
श्रद्धा ने मेरी नजर पहचान ली थी और वो झट से मेरे ऊपर चढ़ कर फिर से किस्स करने लगी, में भी उसका साथ देने लगा। उंसने किस्स करते हुए मेरी शर्ट के बटन खोना शुरू किया और जल्द ही मेरा शर्ट बदन से अलग हो गया। मेरा शर्ट उतारने के बाद उसने अपनी जैकेट के साथ टॉप भी उतार दी।
काले रंग की ब्रा में उसके कसे हुए मामे बहुत ही कड़क और बड़े लग रहे थे।
ये सिन देख कर मेरा लंड पूरा कड़क हो कर उसकी चूत पर लग रहा था। श्रद्धा ने मेरे लंड की कड़क पन अपने चूत पर महसूस कर ली थी। उंसने मेरी ब्लेट खोलना शुरू किया तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया।
"क्या ये ठीक रहेगा" मेने श्रद्धा का हाथ पकड़ते हुए उसे कहा।
"आई डोंट नो, जो हो रहा है होने दो" श्रद्धा ने मेरा पैंट उतार दिया।
उंसने मेरे अंडर वेयर के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया और दबा-दबा में उसकी लंबाई नापने लगी। उसके हाथ लगते ही मेरा लंड अंडर वेयर के अंदर की झटके मारने लगा। उसके नरम-नरम हाथो का स्पर्श पा कर मेरे शरीर मे झुरझुरी सी उठने लगी।
लंबाई नापने के बाद श्रद्धा ने मेरी अंडर वेयर भी निकाल दी और मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया। उंसने मेरे झटके खाते हुए लंड को अपने हाथ मे लेलिया और बड़े प्यार से उसे इधर-उधर कर के देखने लगी जैसे कि वो पहली बार किसी के लंड को देख रही है।
"पहली बार देख रागी हो" मैं उसकी हरकते देख कर उसे पूछा।
"हाँ, पर ये चमड़ी पूरी तरह से नीचे क्यों नही होरही है" ये बोल कर उसने एक ही झटके में मेरे लंड की खाल को नीचे कर दिया और लंड का टोपा पूरी तरीके से उसके आँखों के सामने आगया।
मैं ज्यादा मुठ भी नागी मरता था और कभी खुद से लंड की खाल नीचे करने की हिम्मत नही हुई थी इसलिए वो टोपे से चिपका हुआ था। श्रद्धा के द्वारा झटके से खाल को नीचे करने की वजह से मुझे बहुत तेज दर्द उठा और मेरी ज़ोर से चीख नई निकल गई।
"आआआआआहहहहहहहहहहहहह" मेरी चीख सुन कर श्रद्धा ने अपने हाथ मेरे लंड से हटा लिए।
"क्या हुआ" मेरी चीख सुन कर वो भी घबरा गई थी।
"चमड़ी... चिपकी... हुए... थी..." लंड में बहुत तेज दर्द होरहा था और लंड का सूपड़ा भी एक दम लाल होगया था, जैसे मेरे बदन का सारा खून लंड के टोपे में आगया है।
"सॉरी मुझे पता नही था कि वो चिपका हुआ है" उंसने मेरे लंड के टोपे को सहला कर बोला।
"आआहहहहहह प्लीज हाथ मत लगाओ दर्द हो रहा है" उसके सहलाने की वजह से मुझे फिर से दर्द होने लगा था और लंड भी सिकुड़ कर छोटा होगया था।
"अरे दर्द हो रहा है मेरे बेबी को" बोल कर श्रद्धा ने मेरे लंड को नीचे से पकड़ कर अपने मुँह में लेलिया और बड़े प्यार से चूसने लगी।
तब जाकर मुझे राहत मिली, अब दर्द थोड़ा कम होगया था और लंड की अकड़न भी वापिस आरही थी। ऐसा लग रहा था कि लंड किसी गर्म और गीले जगह में घुस गया है। श्रद्धा के मुँह की गर्माहट से मेरा लंड फिरसे खड़ा होगया और वो मेरे सुपडे को अपने जीभ से सहलाने लगी। मेरा लंड उसके मुंह मे ही झटके मार रहा था।
और मैं भी उसके मुँह की गर्मी ज्यादा देर तक झेल नही पाया, जब मेरा निकलने वाला था तब मेरे उसे बताया।
"श्रद्धा मेरा निकलने वाला है" बोल कर में उसे अलग करने लगा पर उंसने अपना मुंह नही हटाया और तेज-तेज मेरे लंड को चूसने लगी। मैं समाज गया कि वो सारा माल पीना चाहती है, ये सोच के ही मेरे लंड ने एक के बाद एक पिचकारी उसके मुंह मे मारना सुरु की।
मेरा सारा वीर्या श्रद्धा ने अपने मुँह में जमा कर लिया पर अब भी उंसने अपना मुंह मेरे लंड से नही हटाया था। मेरे पूरी तरह से झड़ने के बाद उसने अपना मुँह 'ओ' शेप बनाते हुए अपना मुँह मेरे लंड से अलग किया और सारा वीर्या पी गई। थोड़ा वीर्या उसके ठुड्डी पर भी लग गया था जो उंसने अपनी उँगलियीं में लेकर चाट लिया।
मेरे लंड पर अब भी थोड़ा वीर्या था उसके नजर में आते ही उसने मेरे लंड को अपने हाथ मे लेकर अपनी जीब बाहर निकाल कर टोपे पर लगी हुई मलाई चाट गई।
श्रद्धा ने फर से मेरे अदखडे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी। वो मेरे लंड को जितना हो सके उतना अपने मुँह में लेने की कोशिश कर रही थी और मेरा लंड फिर से उसके मुँह में खड़ा होने लगा। वो मेरे लंड को अपने मुँह में फूलता हुआ महसूस कर रही थी।
क्या मस्त नजारा था दोस्तों श्रद्धा मेरे पैरों के बीच मे पेट के बल लेट कर मेरे लंड को अपने मुँह में तेजी से अंदर बाहर कर रही थी और अपने मुँह की लार से मेरे लंड को नहला रही थी।
जब श्रद्धा ने मेरे लंड को अपने मुँह से बाहर निकल तो मेरे लंड के और उसके मुँह के बीच उसके लार का धागा सा बन गया।
अब वो मेरे ऊपर आकर मेरी आंखों में देखने लगी।
श्रद्धा:- केविन आज जो हम दोनों के बीच मे होगा वो किसी को नही पता चलना चाहिए, प्रॉमिस मि की ये बात तुम किसी को नही बताओगे प्लीज।
मैं:- मैं आपकी बात समझ सकता हु, आई प्रॉमिस यु की ये बात मैं किसी को नही बताऊंगा।
"देट्स लाइक माई गुड बॉय" बोल कर उंसने मेरे होठ चुम लिए।
"नाउ उन्ड्रेस मि" बोल कर वो मेरे साइड में लेट गई।
"ओके मय बेबी" बोल कर मेरे उसके गाल पर किस्स कर दिया।
अब गाल पर किस्स करते-करते में नीचे की तरफ आने लगा और गर्दन पर किस्स करने लगा और अपने जिब से गर्दन को चाटने लगा। मेरे इस हरकत से वो सिहर गसी और उड़ने अपना सीना ऊपर उठा दिया। मेरे अपने हाथ नीचे लेजाकर उसकी ब्रा का हक खोल दिया।
अब तो उसके बूब्स और भी उभरे हुए और बड़े लग तहे थे। मेने थोड़ा नीचे जाकर उसकी ब्रा को बदन से अलग कर दिया। मस्त गोल मटोल मामे अब मेरी आँखों के सामने थे, जो उसकी साँसों के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे। एक दम पहाड़ जैसे चुचे के ऊपर लाल रंग के निप्पल्स कयामत धा रहे थे।
ऐसा लग रहा था कि दो बड़े वेनिला आइस क्रीम के स्कूप्स के ऊपर लाल चेरी रख दी हो जो एक रिदम के साथ ऊपर नीचे होरहा था। मेने जल्दी से उन आइस क्रीम के पहाड़ों को अपने हाथो में भर लिया ताकि उसके पिगलने से पहले मैं खलु।
पर वो आइस क्रीम के पहाड़ इतने बड़े थे कि मेरे हाथों में समा नही पारहे थे। इस लिए आइस क्रीम खाने के लिए मेने अपना मुह सीधा चेरी पर लगा दिया और चेरी को खाने की कोशिश करने लगा।
"आह काटो मत दर्द होता है" दर्द के मारे उसकी सिसकी निकल गई।
फिर मैं अपने जिब और होठो का इस्तेमाल कर के उसके बॉब्स चूसने लगा और वो मुझे अपने बूब्स चूसते हुए देखने लगी। श्रद्धा के मामे मेरी लार के परत से ढक चुके थे।
"ओह यस बेबी सक्क मय बूब्स" वो मजे से अपने बूब्स चुस्वते हुए कहने लगी।
उसके बूब्स अछि तरह से चूसने के बाद मैं फिर से किस्स करने लगा।
"अब नीचे से भी चुसो" श्रद्धा ने किस्स तोड़ कर बोला।
"नीचे कहा पर, यहा पर" मेरे उसके गहरी नाभि में अपनी उंगली डालते हुए बोला।
"गंदे बच्चे मेरे मुँह से गंदे शब्द सुनन्ना चाहते हो" वो मधक आवाज में बोली।
मैं:- हाँ, प्लीज बोलो ना।
श्रद्धा:- केविन... मय... बेबी... प्लीज... सक्क मय... पुसी.... यु मेक में.... सो... वेट... डाउन.... देअर...
मैं:- ऐसे नही हिंदी में बोलो ना प्लीज।
श्रद्धा:- क्यों परेशान कर रहे हो।
मैं:- पहले बोलो नही तो नही चुसुंग।
श्रद्धा:- अच्छा बोलती हु, प्लीज मेरी चूत चुसो.... अपने जीब से चाटो.... मेरी चुत रो रही है....
उसकी उतेजना अपने चरम सीमा पर थी। तो मेरे उसे और परेशान करना ठीक नही समझा और उसकी जीन्स का बटन खोल कर उसके बदन से अलग कर दिया।
उसकी फूली हुए चुत वाइट पैंटी में मेरे आंखों के सामने आगई जो पानी छोड़ने की वजह से पूरी तरह से भीग चुकी थी।
मेने पैंटी के ऊपरसे ही उसकी चुत को चूम लिया और उसके चुत का रस मेरे होठो पर लग गया। मेरे उसके आंखों में दखते हुए अपने होठो पर लगा हुआ उसका चुत रास अपने जिब से चाट लिया।
"यम्मी, आप बहुत टेस्टी हो" मेने जिब अपने होठो पर फेरते हुए कहा।
"तो अछे से चुसो ना" बोल कर श्रद्धा ने अपनी गांड उठा कर खुद ही पैंटी को नकाल दिया। क्या मस्त फूली हुई चुत थी उसकी और उसकी चुत पूरी उसके चुत रस से सनी हुई थी इसलिए चुत चमक भी रही थी।
उसकी फूली हुई चुत देख कर मेरे मुह से लार टपकने लगी और मेने अपने मुँह को सीधा उसकी चुत में घुसा दिया। उसकी चुत का दाना फूल कर अंगूर के दाने के जितना मोटा हो गया था। उसके चुत के दाने को मैं अपने मुह में भर के चूसने लगा और वो मचलने लगी।
जब वो अपने चरम सीमा पर थी तो चीखते चिल्लाते हुए कहने लगी।
"सक्क... मि हार्डर... आई एम.... कम्मिनग..... ओह... यस बेबी सक्क मि.... आई एम फीलिंग सो गुड.... आई एम कम्मिनग..... यस.... यस....यस..." बोलते हुए वो झाड़ गई।
और उसके चुत से निकलता हुआ मीठा रस चपर-चपर करके मैं पी गया। उसके चुत का गर्म-गर्म रस पीकर मजा आगया।
दोस्तो आप को कहानी केसी लग रही है रिप्लाई कर के जरूर बताए। आपके रेपलयस के आधार पर ही में नेक्स्ट पार्ट लिखना शुरू करूँगा। कहानी के साथ बने रहिएगा क्यों कि कहानी अभी जारी है।