बिपाशा के साथ थ्रीसम (पार्ट 1)
दोस्तो जैसा कि आप जानते है की मेने श्रद्धा कपूर की चुदाई कैसे की। उसके बाद मझे सेक्स करने का मन बहुत करता था, इस लिए मेने जो बार मे लाडिया आती उनपर ट्राय किया, पर कोई काम नही बना उल्टा मेरे हाथ से मेरा जॉब छूट गया। बहुत कोशिश करने पर एक होटेल में काम मिल गया रूम सर्विसेस के तौर पर।
मैं अपना काम मन लगा कर करने लगा कोई कंप्लेन नही आने दी। और ऐसे ही किस्मत ने मेरा फिर से साथ दिया। मैं रूम क्लीनिंग के लिए जारहा था, रूम का बेल्ल बजाते ही मैं शॉक हो गया। क्यों कि मेरे सामने बिपाशा बासु खड़ी थी वो भी बाथ रॉब में उसके बाल गीले थे। शायद वो अभी नहा रही थी।
में:- रूम क्लीनिंग...
मेने मुह से निकला...
वो साइड हो गई और मैं अंदर जाकर साफ सफाई करने लग। वो एक कोने में पड़े चेयर पर बेठ कर मुझे साफ कसरते हुए देख रही थी।
बिपाशा अचानक से उठी और टेबल पर पड़े अपने पर्स में से कुछ ढूंढने लगी। उसकी पीठ मेरी तरफ थी। उसके हाथ से पर्स छूट कर नीचे गिर गया.... और जैसे ही वो पर्स उठाने के लिए नीचे झुकी... उसका बाथ रॉब पीछे से ऊपर हो गया और उसकी गोल मटोल गांड मेरी आँखों के सामने आगई...
उसने नीचे पैंटी पहनी हुई थी जो कि ना के बराबर थी क्योंकि, वो उसकी गांड की दरार में घुसी हुई थी... और झुकने के कारण वो पैंटी चूत के दरार में भी अटक गई थी।
मेरा तो मुह खुला रहा गया ये नज़ारा देख कर...
वो कुछ ज्यादा ही देर तक झुकी हुई थी... उसकी हरकते देख कर मुझे कुछ-2 समझ मे आरहा था।
मेरी नजर तो उसकी गांड से हट ही नही रही थी... उसने मुझे अपनी तरफ देखते हुए देख लिया था... मेरा लंड खड़ा हो चुका था जो पैंट के ऊपर से आसानी से देखा जासकता था।
इसलिए मैंने अपना काम जल्दी-2 खत्म किया और जाने लगा...
बिपाशा:- रुको....
उसकी आवाज सुन कर मैं अपनी जगह पर ही खड़ा रहा... मुझे अपनी जगह से न हिलता देख वो मेरे सामने आई... उसकी नजर मेरे पैंट में बने तम्बू पर ही थी।
कुछ देर ऐसे ही खड़े रहने के बाद... मेने उसकी तरफ देखा तो वो अपने हाथ घड़ी कर के मेरी तरफ ही देख रही थी...
बिपाशा:- ये क्या है ?
उसने मेरी पैंट में बने तम्बू की तरफ देख कर बोला...
मैं:- वो...... वो....
मुझे कुछ समझ नही आरहा था कि क्या बोलू... इसलये मेने अपने हाथों से उस तम्बू को छिपा लिया।
बिपाशा:- ये वो.... वो.... क्या कर रहे हो.... रुको अभी तुम्हारे मैनेजर से कंप्लेन करती हूं।
उसकी बात सुन कर में डर गया था... कही ये जॉब भी हाथ से न चले जाए।
में:- सॉरी मेम गलती से हो गया... प्लीज कंप्लेन मत करो...
बिपाशा:- नही रुको अभी तुम्हारे मैनेजर को कॉल करती हूं...
बिपाशा फ़ोन कसरने ही वाली थी कि मैं बोला....
में:- प्लीज मेम कंप्लेन मत करो.... आप जो बोलोगी मैं वो करूँगा.... आप चाहे तो मुझे कोई भी सज़ा देदो... पर कंप्लेन मत करो....
बिपाशा:- जो बोलूंगी वो करोगे ?
में:- हा कुछ भी जो आप बोलो...
बिपाशा:- ठीक है तो फिर... यहा बेठो...
उसने बेड की तरफ इशारा कर के कहा...
में चुप चाप जाकर बेड पर बैठ गया और वो मेरे सामने आकर खड़ी हुई और अपने घुटनों पर बैठ कर मेरे पैंट को खोलने लगी...
अब तो सब कुछ क्लियर होगया था वो क्या चाहती है... वैसे तो में उसे रोकना नही चाहता था पर थोड़ा नाटक करना तो बंता था...
तो मैने उसका हाथ पकड़ कर रोक दिया...
में:- ये आप क्या कर रही हो...
भिपश:- तुम ने कहा था की, जो में बोलूंगी वो तुम करोगे... तो अब नाटक करना बंद करो और मज़े लो...
उसने मेरी पैंट के साथ अंडर वेयर भी उतार दिया और मेरा अधखडा लंड उसकी आँखों के सामने आगया...
हालांकि मेरा लंड अधखडी हालात में था पर एक्ससाइटमेंट के कारण वो एक दम से पूरी तरह खड़ा होगया...
ये सब बिपाशा ही आंखों के सामने हुआ था और ये नजर देख कर उसकी आँखें चमक उठी थी...
उसने झट से मेरा लंड अपने मुलायम ठंडे हाथ से पकड़ कर लंड की खाल को नीचे सरका कर उसके टोपे को अपने नर्म होठो से चुम कर अपने होठों से रगड़ दिया...
उसके ठंडे हाथ और मुलायम होठो की स्पर्श से मेरी मस्ती में "आह" निकल गई...
मेरी आवाज सुन कर उसने मुझसे पूछा "कैसा लगा..."
मैं:- आप मुझे पागल कर दोगी...
मेरी बात सुन कर बिपाशा खड़ी होगई और अपना बाथ रॉब खोल कर एक ही झटके में अपने बदन से अलग कर दिया... उसने ब्रा नही पहनी थी... उसके गोलमटोल चुचे खुली हवामें लहरा रहे थे... वो अपने सीने को ऊपर नीचे करके उन गोल मटोल पानी के गुब्बारे जैसे बूब्स को हवे में लहराने लगी... उसके बूब्स जैसे नाच रहे थे...
ये नजर देख कर मुझसे रहा नही गया और मैने अपने हाथ उसके बूब्स की तरफ बड़ा दिए...
पर उसने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया... तो में उसकी तरफ देखने लगा...
बिपाशा:- इतनी भी क्या जल्दी है... थोड़ा सब्र करो...
में:- मेरे पास ज्यादा टाइम नही है... मुझे और भी काम करने है...
बिपाशा:- में तुम्हे जल्दी फ्री कर दूंगी मेरी जान... चलो अब जल्दी से बेड पर अछे से लेट जाओ...
में बेड पर चित लेट गया और बिपाशा ने झट से अपनी पैंटी उतार दी... मुझे तो उसकी चूत की एक झलक तक नही मिली वो सीधा मेरे पैरों के बीच आगई और मेरी पैंट के साथ ही चड्डी भी उतार दी... अब में नीचे से पूरी तरह से नंगा था और मेरा लंड बिपाशा के नंगे बदन को देख कर झटके मार रहा था...
मेरे झटके खाते हुए लंड को देख कर बिपाशा के चेहरे पर मुस्कान आगई और उसने अपने हाथ बड़ा कर मेरे लंड को हाथ मे पकड़ कर मुठ मारने लगी और मेरे टट्टो को किस्स कर के अपनी जीभ निकाल के चाट ने लगी...
मेरे लंड की नोक पर प्रिकाम की बूंद जमा हो गई थी जो उसने अपनी उंगलियों से लंड के टोपे पर फैला दिया और लंड के टोपे को सूंघ लिया...
जैसे ही उसके नथुने में मेरे लंड की मधहक कुशभु आई तो वो अपने आप को उसे मुह में लेने से रोक नही पाई... और यहा पर मेरी हालत खराब होगई... ऐसे लग रहा था कि बस अब पानी छूटने ही वाला है पर मैने अपने आप को कन्ट्रोल किया और अपने लंड की चुआई का मज़ा लेने लगा...
उसके मुह का गीलापन और लपलपाती हुई जीभ मुझे अलग ही दुनिया मे ले गई... धीरे-2 उसने मेरे लंड को पूरा अपने मुह में भर के चूसने लगी...
मेरा मोटा लंड उसके मुह में नही आरहा था पर फिर भी वो लंड के टोपे को अपने मुह में भर कर चूस रही थी... उसने अपने होठो को ज़ोर से बीच लिया...
इस तरह की चुसाई से मेरा मज़ा दुगना होगया और मेरी आँखें अपने आप बंद होगई... बिपाशा मेरे टट्टो के साथ खेलते हुए लंड को अपने मुह में दबा कर चूस रही थी... मेरा लंड पूरा उड़की लार से सरोबार को गया था और उसकी चिकनाई से उसे मुठ मारने में भी आसानी होरही थी...
अब और कन्ट्रोल करना मुश्किल था... "बस अब मेरा होने वाला है" मेने उसके चेहरे को पकड़ कर धक्के मरते हुए कहा...
तो उसने और ज़ोर लगा कर अपबे होठो को बीच लिया और एक के बाद एक धक्के लगा कर मेरे लंड ने उसके मुह में ही पानी छोड़ दिया... उसने सारा वीर्या अपने मुह में पहले जमा किया और जब मेरे लैंड ने सारा पानी उसके मुह में उड़ेल दिया तो उसने अपना मुह मेरे लंड से अलग किया और घुट-2 कर के मेरा सारा पानी पी गई...
मेरा वीर्या थोड़ा सा उड़की थुड़ी पर लगा हुआ था... मेने इशारे से उसे बताया... तो वो सीधा मेरे पेट पर आकर बैठ गई और मेरे होठो को चूसने लगी...
मुझे मेरे वीर्या का टेस्ट भी आरहा था पर मैने उसको नज़र अंदाज़ करते हुए उसके मुलायम होठो का स्वाद लेने लगा और उसके मुलायम चुचो को ज़ोर से दबा दिया...
मेरी जीभ उसके मुह में जाकर गोल-2 घूम रही थी... थोड़ी देर किस्स करने के बाद हम दोनो अलग हुए और एक दूसरे को देख कर हाँफने लगे... मेने एक बार फिर उसके दोनों बूब्स को ज़ोर से दबा दिया और अपनी पैंट पहने लसग...
बिपाशा:- रात में आओ गे...
मैं:- हा... ज़रूर... (में खिशी से बोला)
बिपाशा:- 12:30 बजे मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगी...
मैं:- ठीक है...
और मैं अपने काम मे लग गया... स्टोर रूम मेसे कुछ सामान लेने जारहा तो मेरी मैनेजर लीना मिल गई...
लीना मेम:- कहा थे इतनी देर से... पता है ना लॉन्ड्री का कितना सारा काम पड़ा है...
में:- मेम वो रूम नम्बर *** में कोन है आप को पता है...
में खुश होते हुए बोला..
लीना मेम:- टॉपिक मत चेंज करो जो पूछा है उसका जवाब दो...
में:- वही तो बता रहा हु मेम वो रूम में सेलेब्रेटी बिपाशा बसु है... और उनका रूम ठीक से साफ भी नही किया था... तो मुझे ही जाकर साफ करना पड़ा..
लीना मेम:- ठीक है... जाओ काम करो...
"हाश... जान बची" में मन मे बोला...
अब तो बस रात का इंतजार है...