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Romance भंवर (पूर्ण)

nain11ster

Prime
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Update:- 119




जबसे लोकेश को नंदनी के बारे में पता चला था, वो जीत के अलग ही घोड़े पर सवार था। मेघा 8 अगस्त को ही सार्जेंट जेम्स हॉप्स और उसकी टीम के साथ भारत पहुंची थी। पिछले 3 दिनों के दौरान, इनके बीच बातचीत का वो दौर चला जो नए परिणाम लिख चुका था।


मेघा जब लोकेश की महतवाकांक्षाएं सुनी, फिर तो वो तुरंत पाला बदलने की नीयत भी बना चुकी थी, साथ ही साथ उसे समझ में आ चुका था कि हवाले के पैसे गायब करने में लोकेश का हाथ नहीं हो सकता, फिर ये दुश्मन कौन था, जो पर्दे के पीछे से उन्हें घाटा दे रहा था।


इन सभी मामलों कि गुत्थी सुलझाते हुए लोकेश ने इसमें राजीव मिश्रा को पूरे प्रकरण का दोषी करार देते हुए कहने लगा…. "वो अब हमारा साथ छोड़कर होम मिनिस्टर का कुत्ता बना हुआ है और शुरू से उसके पॉलिटिकल एजेंडा को साधने के लिए, ये होम मिनिस्टर के साथ तब से काम कर रहा है जबसे वह होम मिनिस्टर नहीं था।"


मेघा, लोकेश और विक्रम तीनों ही मीटिंग चेंबर में बैठे हुए था, सुरक्षा के लिहाज से काफी प्रभावित करने वाला एक ऐसी जगह, जहां ना तो कोई कंप्यूटर था और ना ही कोई मोबाइल लेकर जा सकते थे। लोकेश अपनी चर्चा आगे बढ़ाते हुए कहने लगा….


"नंदनी के मिल जाने के बाद मायलो ग्रुप का पूर्ण अधिग्रहण का रास्ता खुल चुका है। जैसे ही नंदनी रघुवंशी और उसके पूरे परिवार की डिटेल मिल जाती है, उसके तुरंत बाद ही उसके पूरे परिवार को मारकर नंदनी रघुवंशी को यहां इस बेस पर लाया जाएगा और उसके बाद से ही मायलो ग्रुप का पूर्ण बागडोर उनके हाथ में होगी।"


15 अगस्त की शाम को सभी पार्टनर के बीच एक मीटिंग का प्रस्ताव भी रखा गया जिसमें मायलो ग्रुप के पूर्ण कंट्रोल में आने के बाद, आगे की रूप रेखा कैसी होगी। इसी के साथ उसी मीटिंग में राजीव मिश्रा का भी फैसला हो जाना था और साथ ही साथ उसके सरपरस्त होम मिनिस्टर का भी।


मेघा जो अब तक केवल दर्शक बनी हुई थी, गहराई से लोकेश को सुनने के बाद जिज्ञासावश पूछने लगी कि वो अपने और जिंदल के रिश्ते को कैसे देख रहा है। इस सवाल के जवाब में लोकेश ने मेघा के साथ बिजनेस डील की पूरी कहानी समझा गया… वो अपने पार्टनशिप को नई दिशा देना चाहता है। चूंकि बेटिंग का धंधा बहुत ही तेजी से फल फुल रहा है इसलिए बेटिंग के धंधे को पूरा ऑपरेट यूएसए से किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी उसी पर होगी।


बेटिंग धंधे को जब मेघा गहराई से परख रही थी, तब उसे अंदाज़ा भी नहीं था कि इस धंधे में इतना ज्यादा फायदा हो सकता है। लोकेश के इस नए प्रस्ताव के साथ मेघा अपनी हाथ मिलती हुई उसने अपने हिस्से का काम पूछ लिया।


लोकेश उसे नंदनी की पूर्ण डिटेल देते हुए बताने लगा कि ये अपस्यु और कोई नहीं बल्कि नंदनी रघुवंशी का बेटा है। जैसे ही मेघा ने इन सब के बीच अपस्यु को फंसती हुई देखी, वो लोकेश को समझाती हुई उसके बारे में बताती चली गई।


मेघा, लोकेश को अपने इस छोटे से दुश्मन के बारे में अवगत कराती हुई कहने लगी, ये वो बंदा है जिसने एक रात में उसे 15 मिलियन यूएसडी का प्रोफिट निकाल कर दिया था, और उसी की वजह से वो भारत आयी है, क्योंकि वो अपस्यु को अपने टीम में लेना चाहती है।


लोकेश, मेघा के मुंह से उसकी तारीफ सुनकर बस इतना ही कहा…. "जिनके मकसद बड़े होते है वो छोटे प्यादे कि चिंता नहीं करते। आज जी भर के मिल ले अपने इस छोटे आशिक़ से, क्योंकि किसे पता उसका कल हो ना हो।".. लोकेश की बात पर मेघा हंसती हुई उसकी हां में हां मिलाई और वहां से वापस दिल्ली लौट आयी।


दिल्ली में जेके और पल्लवी से मुलाकात…


अपस्यु और ऐमी, जेके और पल्लवी के सामने बैठे हुए थे। जेके मीटिंग की शुरवात करते हुए…. "अपने भाई के साथ मुलाकात कैसे रही।"..


अपस्यु:- भईया, इस वक़्त मुद्दा उनका नहीं है, उसके बारे में हम फिर कभी बात करेंगे। अभी हम जिस विषय पर बात करने आए है उसपर चर्चा कर ले।


जेके:- नाह ! पहले मुझे जानना है कि यूएसए में वो चमत्कार आखिर तुमने किया कैसे। टेक्नोलजी की वो कौन सी कड़ी है जो छिपा गए। यार केवल कुछ वायर मिले वहां सबूत के नाम पर। ऐसा केस तो पहले कभी सुना भी नहीं। ना कोई धमाका हुआ ना हो कोई शोर, चुपचाप मौत आयी और 4 लोगों को काल के गाल में समेट लिया।


अपस्यु:- आपको याद है हमलोग फ्यूचर प्लान करते हुए सोच रहे थे कि क्या हो यदि हमसे ज्यादा क्षमता वाला कोई इंसान हमारे सामने हो, फिर उसे रोकेंगे कैसे?


जेके:- हां याद है मुझे, और तब तुमने बताया था कि पहले के योगी कुछ मंत्र फुकते थे और बड़े से बड़ा राक्षस अपनी जगह स्थिर हो जाता था।


अपस्यु:- बिल्कुल सही । बस हमने भी वो मंत्र खोज निकाला। चोरी कि हुई टेक्नोलॉजी से हम छोटे-छोटे डिवाइस जब बनाना सीख चुके थे, उसी वक़्त ये ख्याल आया कि जब एक सिलिकॉन पुरा माइक्रो चिप तैयार कर जाता है तो क्यों ना माइक्रो डस्ट पर काम किया जाए…


जेके और पल्लवी दोनो ऐमी का चेहरा आश्चर्य से देखते…. "तुमने थेओरी दिया और ऐमी ने कर दिखाया। क्यों …"


अपस्यु मुसकुराते हुए ऐमी को भींचते…. "येस ! आप सबके सामने पेश है माइक्रो सब्सटेंस पार्टिकल, जिसे आप डस्ट भी कह सकते है। और इस डस्ट को हम 1 किलोमीटर के दायरे से कमांड कर सकते है। इसके नतीजे आप सोच भी नहीं सकते कैसे थे। ये आपकी बुक के अंदर घुसकर उसे पूरा स्कैन कर सकते है। किसी भी नट बोल्ट को ओपन कर सकते है। पिलर के बेस को काटकर उसे अलग कर सकते है। सामने के फेंसिंग के ज्वाइंट को खोलकर आप जहां चाहें वहां रख सकते है।


फिर छत पर 20 स्नाइपर क्यों ना हो, उन्हें पता भी नहीं चलता कि किसी ने पिलर के बेस को काटकर और फेंसिंग के नीचे के सारे बोल्ट खोलकर, आपके जाने का इंतजार कर रहे है। फिर तो कई बार वो स्नाइपर वाले, उस फेंसिंग से भी टिक जाते है, लेकिन वो फेंसिंग नहीं हिलती क्योंकि बोल्ट की जगह वो डस्ट ले चुका होता है। और जैसे ही सभी एजेंसी वाले छत से जाते है फिर ऐसा भी हो सकता है कि वो माइक्रो डस्ट जेनरेटर को खिसकाकर नहीं, बल्कि उसके नीचे जाकर उसे उठा कर किनारे तक लेकर आ जाए, ताकि कोई भारी चीज ऊपर खिसक रही है किसी को पता ना चले।


ये डस्ट भईया, ये डस्ट.. बड़े कमाल की चीज है… 4 लोगों को कल के गाल में भेजने के बाद, वो हवा में तैरते हुए फिर हो सकता है कमांडिंग की जगह पहुंच जाए, मुझे नहीं पता इस बारे में। और इन्वेस्टिगेशन करने आया ऑफिसर वहां परे रसियन मेड वायर को देखकर, सर खुजाते हुए सोचने लगे कि साला इन रसियन के पास ऐसी कौन सी तकनीक विकसित हो गई जो मात्र कुछ वायर सबूत में छोड़े है, और जेनरेटर को ऊपर से नीचे फेंक दिया।


जेके ताली बजाता हुए…. "क्या बात है कमाल कर दिया तुम दोनों ने"..


ऐमी:- बेबी लेकिन ये तो कॉम्प्लेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम है, बिना 2 लोगों के कमांड के संभव नहीं, फिर ये कैसे किया?


अपस्यु:- कांड होने के बाद वीरभद्र के चेहरा नहीं देखी क्या। उस वक़्त मेरे साथ वीरभद्र काम कर रहा था।


पल्लवी:- तुम लोगो ने जान बूझकर ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया ना, ताकि वो तकनीक हम तुमसे उधार नहीं मांग सके…


ऐमी:- ये फ्यूचर तकनीक है भाभी, इसका ऑपरेटिंग सिस्टम कॉम्प्लेक्स ही बना, तब जाकर संभव हुआ था। आपको क्या लगता है हमने इसे सिंगल हैंड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने की कोशिश नहीं की थी क्या, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। कोई नहीं आप मायूस क्यों होते हो, आप दोनो जब भी बुलाओगे हम वहां जरूर होंगे, इतना तो भरोसा है ना।


पल्लवी:- नाह बिल्कुल भरोसा नहीं ! मै कई रात इस अपस्यु को बुलाई, लेकिन कामीना मुझे जलता छोड़ दिया, आया नहीं।


जेके:- पल्लवी अभी मीटिंग कॉल ऑफ नहीं हुआ है। बेहतर होगा फोकस कहीं ना जाए। अपस्यु जैसा तुमने कहा था वैसा हमने पता करवाया, नंदनी के राज ओपन होने से क्या परेशानी आने वाली है, वो भी मैंने तुम्हे बता दिया था और उम्मीद है कि तुम इतने दिनों में उसपर काम कर चुके होगे।


अपस्यु:- हां काम पुरा पुख्ता हो चुका है, और मै आंख मूंदकर आगे बढ़ सकता हूं।


जेके:- अच्छी खबर है ये तो। लेकिन अभी भी बहुत कुछ अनिश्चित है। ऐमी क्या तुम लोकेश के ऑपरेटिंग सिस्टम में घुसने में कामयाब हुई।


ऐमी:- नहीं भईया, यह संभव नहीं। जबतक डिवाइस उनके सर्वर से कनेक्ट नहीं होगा, तबतक पॉसिबल नहीं। रिमोट एसेस से हैक नहीं किया जा सकता।


जेके:- हम्मम ! फिर तो अपस्यु को अपने आगे के योजना के तहत मेघा के सामने ओपन होना होगा, वरना पहली बार ऐसा होगा की हम बिना दुश्मन को जाने अपनी योजना पर आगे बढ़ेंगे, जिसका परिणाम बुरा हो सकता है। अब तो नंदनी की बात खुलने से तुम्हे उन्हें सामने से भटकने का एक पूरी वजह मिल गई है।


अपस्यु:- लेकिन पार्थ के दी हुई खबर के अनुसार, मेघा और लोकेश के अलावा मेघा की विदेशी टीम भी उनके बेस पर जाती हुई दिखी थी। ऐसे में यदि मेघा को वहां कुछ अच्छा ऑफर हो, जो कि हुआ ही होगा, क्योंकि लोकेश अपने बेस पर उसकी पूरी टीम ले गया है तो उसकी कोई लंबी प्लांनिंग तो जरूर रही होगी। ऐसी हालत में वो हमे डबल क्रॉस भी कर सकती है। और यदि वो जेम्स हॉप्स ने कहीं इतिहास खोदना शुरू कर दिया, तो तुरंत ही सब कनेक्ट कर देगा। क्योंकि मै यदि नंदनी रघुवंशी के इतिहास को लेकर आगे बढ़ता हूं, तो वो चन्द्रभान रघुवंशी को भी तो ढूंढेंगे।


पल्लवी, अपस्यु की बात पर जोर से हंसती हुई कहने लगी…. "फिल्मों के भाड़े के सिपाही और रियल के भाड़े के सिपाही में जमीन आसमान का अंतर होता है। जो तुम्हारे पास बचा है उसे तो वो सिपाही बचा लेंगे, लेकिन जो खो गया है उसका पता कभी नहीं लगा सकते, ऐसे में तुम्हे लगता है कि वो इतने कंफ्यूज से माहौल में इतिहास उल्टेगा।


अपस्यु:- मै समझ नहीं भाभी, आप ये कहना चाहती है कि जेम्स हॉप्स की टीम का ध्यान मुझ पर जाता भी है तो भी वो मुझे कनेक्ट नहीं कर सकते?


जेके:- हां सही आकलन है। जैसे तुम आरव के केस में एयरपोर्ट सिक्योरिटी में नहीं घुसे थे हैक करने, जबकि तुम्हारा पता लगाना तो फिर भी टेढ़ी खीर होती। फिर ये कैसे सोच सकते हो कि ये प्राइवेट सिक्यूरिटी का काम करने वाला, कम अक्ल बैल, यूएसए जैसे देश में, सरकारी विभाग के फाइल को एसेस कर सकता है। जेम्स हॉप्स की पूरी टीम एक साथ है तो लड़ाई के दौरान जो कठिनाई ये देने वाले है, उन पर सोचो, तुम्हारा सच का पता लगाना इनके बाप के बस की बात नहीं, और यही सत्य है।


अपस्यु:- ठीक है उस जेम्स हॉप्स से ध्यान हटा भी लिया तो भी क्या मेघा जाल में फसेगी…


ऐमी:- जब वो लोकेश के ऑफर को स्वीकार कर सकती है, तो तुम्हारे क्यों नहीं, तुमने तो उसे 15 मिलियन डॉलर का फायदा करवाया था। वैसे भी वो 2 लोगों के बीच चुपचाप तमाशा ही देखने वाली है, और जो अंत में बचेगा उसके लिए वफादार साबित हो जाएगी…


जेके:- ऐमी के प्वाइंट में दम है। खिलाड़ी वो भी कमजोर नहीं और मुझे लगता है तुम्हे उसपर दाव खेलना चाहिए।


अपस्यु:- ठीक है आज शाम की मीटिंग में उसे थोड़ा झटका डेटा हूं।


जेके:- याद है ना मेरी बात, विक्रम और जिंदल को मौत ना मिले.. बस उनकी बची हुई ज़िन्दगी, मौत से बदतर कर दो…


अपस्यु:- ऐसा ही होगा भईया।


जेके:- ठीक है फिर मीटिंग कॉल ऑफ करते है और इसी के साथ हमारा दिल्ली से पैकअप भी हो गया। सॉरी तुम्हे ऐसे वक़्त में छोड़ कर जा रहा हूं। हालांकि जाने की इक्छा तो नहीं, लेकिन तुम दोनो पर मुझे पुरा यकीन है।


अपस्यु:- जेके भईया, भाभी.. अपना ख्याल रखना..


पल्लवी अपस्यु की बात सुनकर हंसती हुई उसे गले लगाती…. "क्या हुआ, हमारा शेर ऐसा मायूस होकर आज हमे विदा कर रहा है।"…


अपस्यु:- कुछ नहीं, बस यूं ही.. आपका जाना अंदर से कुछ अच्छा नहीं लग रहा है। वादा करो कुछ भी खतरा हो तो आप तुरंत बैंकअप के लिए संपर्क करोगे।


पल्लवी, अपस्यु से अलग होती हुई कहने लगी…. "मै अपने और जेके के ओर से वादा करती हूं कि इस पूरे केस में हम तुम्हारी मदद लेंगे, और बिना जानकारी के कहीं कोई कदम नहीं उठाएंगे… चल अब हंस। और हां इन सब के बावजूद अगर हम मरते है, तो हंसकर हमे विदा करना, क्योंकि किसी केस में हम चारों काम करे और वो हमे मात दे जाए, मतलब हमे किसी कमजोर ने नहीं मारा है।"


ऐमी अपस्यु के पास आकर खड़ी हो गई और दोनो को जाते हुए देख रहे थे… "चिंता मत करो, हम पुरा सेविलेंस देंगे उन्हें। मैंने कुछ डस्ट गिफ्ट कर दिया है।"..


दोनो भी वहां से मुसकुराते हुए निकले। ऐमी सीधे अपने घर लौटकर, वहां अपना काम करने लगी और इधर अपस्यु, आज शाम मेघा को फसाने की पूरी तैयारी में जुट गया।…
 
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Nevil singh

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Nevil bhai ek baat to satya hai .. yadi shuru se aap sath hote to likhen ka maza kuch aur hi hota :)

:thanks: for your compliments.... Keep reading and keep commenting :yo: :yay: :yo:
Der aaye durusat aaye bandhu.
Jahan aankh khule vahi sawera.
Niyati ke hath me sabhi bandhe hai mitr.
Samay ka pahiya kish moud pe kya dikhaye yeh toh rachiyata hi jane.
Bash vartman achha hai toh aage bhi achha hoga.
Aap jaishe mitr nasib se milte hai pata nahi kounse janam ke mooti daan kiye hue kaam aa gue joh ek durlabh sahityekar se mulakat ho gai.
Shukriya mitr hrideye se.
 

Mpp

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Kya bhai ek update deke bole ho injoy ye to badi nainsafi hai bhai
 

Hellohoney

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Behtarin story he bhai or bichme dris ko lakar aapne ye nischit kardiya ki vo bhi madad me aayega agle update ka besabri se intejar he
 
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Back to back six update.... Wow Nain bhai ?

छः अपडेट में रिभियू तो बहुत बड़ा होगा लेकिन मैं कम से कम शब्दों में करने की कोशिश करता हूं ।

दृश्य... किसी ने उसे अनाथ बना दिया और उसके बदले में कई बच्चों को उसने अनाथ कर दिया....कई बच्चों के सर से मां बाप का साया हमेशा के लिए खतम कर दिया उसने..... ये उसने बदले की भावना से ग्रस्त हो कर किया ।...
लेकिन उससे भी कहीं अधिक जिसने गम के प्यालों को पिया हो... अपस्यू....बदला भी इंसाफ के तराजू पर तौल कर ले रहा है ।......... इसीलिए तो वो मेरा फेवरेट है ।

दृश्य...वीरदोयी समाज ने उसका क्या बिगाड़ा था ?..... और वो अनाथ कैसे हो गया जबकि उसके माता-पिता सही सलामत है...... शायद कुछ और ही ट्विस्ट होगा ।

सुनंदा.........

इस बेचारी की कहानी तो बहुत ही दर्दनाक है.........

सुलेखा ... उसकी सहेली किसी अय्याश के कुकर्मों का पैदाइश थी.... और उसकी मां को उस अय्याश के कुकर्मों का फल अपनी जान देकर चुकानी पड़ी..... फिर उस अनाथ बच्ची को एक ब्राह्मण परिवार ने गोद लिया लेकिन दुर्भाग्य ने यहां भी उसका पीछा नहीं छोड़ा...उस ब्राह्मण परिवार में से ही किसी ने अपनी कुदृष्टि उस अभागी बच्ची पर डाली....।

लेकिन सुनंदा....जो अब तक सुलेखा की सहेली बन चुकी थी..... अपनी सहेली को उस दुराचारी से बचाने के लिए अपने उपर बलात्कार का आरोप लगवाई .... जिसके फलस्वरूप उस ब्राह्मण परिवार को गांव से हमेशा के लिए परित्याग करना पड़ा ।....... और फिर वो सुनंदा परिवार का हिस्सा बन गई.....शायद इस ब्राह्मण परिवार को भी बाद के अपडेट्स में पढ़ने को मिलेगा ।

सुनंदा.... जिसने अपने सहेली की इज्जत को बचाया.... लेकिन उसके बाद तो उसकी दुनिया ही बदल गई.... लोग-बाग उसे हर समय ताना मारते रहे....उसे छेड़ते रहे । उसकी शादी जो हो चुकी थी... सिर्फ गौना नहीं हुआ था... वो भी टुट गई.... बड़ी मुश्किल से उसकी शादी एक बदनाम रघुवंशी परिवार में हुई.... हसबैंड बहुत ही घटिया मिला......उस बेचारी को जिंदगी भर कष्ट का सामना करना पड़ा.... थोड़ी सी अपनी जीवन जी भी तो अपस्यू और आरव को जन्म देकर ।.......काश आप सुनंदा को एक बार फिर से चमत्कारिक ढंग से जिंदा कर देते और उसकी खुशियां वापस कर देते ।

* सवाल है कि कंचन और सुनंदा के घर में पहले भी... एक शादी होने के बाद भी टुट गया था... सुनंदा की तरह.... किसका ?

* वो धोखेबाज कौन था जिसने दृश्य को धोखा दिया और क्या धोखा दिया था ? उसका अंजाम क्या हुआ ?
* वीरदोयी समाज ने दृश्य के साथ ऐसा क्या कर दिया था कि दृश्य उनका नामोनिशान मिटा देना चाहता था ?
* सुनंदा और कंचन का उस ब्राह्मण परिवार से क्या ताल्लुक था ?
* ये निम्मी और दृश्य का जुगलबंदी कब हो गया ?
* सुलेखा के मां बाप कौन थे ?
* ब्राह्मण परिवार कौन था और इसी परिवार का वो दुष्कर्म व्यक्ति कौन था जिसने सुलेखा पर बुरी नजर रखी हुई थी ?
__________

आखिर में जिंदल परिवार ने सार्जेंट हाॅप्स की सेवा ले ही लिया... अपस्यू और सार्जेंट हाॅप्स के बीच दिमाग और टेक्नोलॉजी का युद्ध होगा.....जो कि मुझे लगता है काफी मजेदार होगा ।

छः ऋतुएं की तरह छः अपडेट.... Awesome... Outstanding.... Superb.
 
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