#४
सुमन घर आ कर सीधा अपने कमरे में चली गयी। उसकी नजरो के सामने बार बार सीमा और सुनील का दृश्य घूम रहा था। सुमन की चूत गीली हुए जा रही थी उसकी चूत एकदम चुदासी हो गयी थी, उससे सहन नहीं हो रहा था।
सुमन ने अपने बाल खोले और बिस्तर पे लेट गयी और कब उसके हाथ उसके टांगों के बीच पहुच गए उसे पता ही नही चला। सुमन अपनी सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत सहलाने लगी। ऐसा लग रहा था कि वो साक्षात् काम की देवी रति हो।
वो काम के आगोश खोई हुई परमसुख ले रही थी तभी बाहर से उसके भईया सुरेश की आवाज आई-
सुमन कहाँ हो? कब से बुला रहा हूँ।
सुमन की तन्द्रा टूटी और वो दौड़ते हुए बाहर आई।
सुरेश- कहाँ खोयी थी? कब से बुला रहा हूँ। ये कुछ सामान लाया हूँ अंदर रख दो।
इतना कह कर सुरेश वही पे अपनी बहन सुमन के सामने ही कपड़े बदलने लगा। जैसे ही उसने अपना टी शर्ट ऊतारा, उसका कसरती मांसल बदन बाहर आ गया।
सुमन नजर जैसे ही अपने भईया के नंगे बदन पे पड़ी वो एकटक देखती रह गयी। उसके भईया उस समय साक्षात् कामदेव लग रहे थे। सुमन अपने भईया को कनखियों से देखे जा रही थी। तभी सुरेश ने अपना पेंट भी निकाल दिया। सुमन जैसे ही नीचे देखा एकदम अवाक् रह गयी , वासना के कारण उसका मुंह खुल गया और उसका दायाँ हाथ उसके मुँह पे आ गया और उसके मन में एक आवाज गूंजी-
हाय दईया।
इस समय सुरेश सिर्फ अंडर वियर में था। इस बात से बेखबर की उसकी सगी जवान बहन आज उसके बलिष्ठ शरीर को देखकर वासना में गीली हुए जा रही है।
सुरेश ने अब धीरे धीरे अपने कपडे पहन लिए। रात हो गयी थी सबने खाना खाया और सोने के लिए अपने बिस्तर पे चले गए।
आज सुमन पे काम वासना ने डोरे डाल रखे थे। कमरे में आते ही उसने अपने सारे कपडे एक झटके में निकाल कर एकदम नंगी हो गयी। उसका हाथ धीरे से उसकी चूत पे चला गया और परमसुख से उसकी आंखें बंद हो गयी और उसके भईया का मांसल बदन उसकी आँखों के सामने आ गया। सुमन की चूत आज खूब रस बहा रही थी , रस बहकर नीचे एड़ियों तक आ गया था।
सुमन अब लेट गयी और अपनी टाँगे फैलाकर रसीली चूत सहलाने लगी।
सुमन वासना से अभिभूत होकर सिसकने लगी, उसकी सिसकारियां और चूत की भीनी भीनी खुशबू पूरे कमरे फैल गयी। वो परमानंद में लीन होकर अपने भईया को अपने अंतर्मन से बुलाने लगी-
आह भईया, कहाँ हो? आपकी छिनार बहन आपका मस्त लंड लेने के लिए तड़प रही है। मेरे भईया जाओ अपना गर्म लंड अपनी बहन की रसीली चूत में डाल दो। आह भईया आपका लंड खूब चुसूँगी, चाटूँगी और अपनी रसीली चूत पे मसलूंगी। आह भैया।
इधर सुमन की अंतर्मन की आवाज सुरेश तक पहुँच गयी थी। सुरेश की नींद अचानक टूट गयी और उसने महसूस किया कि उसका लंड एकदम खड़ा हो गया है। सुरेेश ने वासनामय होकर अपने लंड को भींच दिया और परमानन्द से उसकी आंखें बंद हो गयीं। तभी उसकी आँखों के सामने उसकी बहन सुमन का चेहरा और सुमन का पूरा गदराया शरीर आगे और पीछे दोनों तरफ से आ गया। उसने आँखे खोली और बिस्तर से उठ कर अपने कपडे निकाल कर एकदम नंगा हो गया। फिर वापस बिस्तर पे लेटकर अपने लंड को हाँथो में लेकर आगे पीछे करने लगा। और अपनी बहन को मन ही मन पुकारने लगा-
आह बहना, आ जा तेरी चूत बड़े प्यार से चाटूँगा, तेरी चुँचिया सहलाउंगा और फिर तेरी रसीली चूत में अपना लंड डाल दूँगा।
दोनों के कमरों का वातावरण लंड-चूत की सुगंध और भाई बहन की सिसकारियों से भरकर बहुत ही मादक हो गया था।
दोनों के कमरों के बीच सिर्फ एक दिवार थी। दिवार न होती तो दोनों भाई बहन कब का एकदूसरे में समां गये होते।
दोनों भाई बहन के हाथ अचानक उनके लंड और चूत पे तेजी से चलने लगे। सिसकारियां तेज हो गयी। फिर दोनों एक साथ झड़ गये।
#सुरेशसुमन