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शानदार bhaiUpdate - 6
हम लोग अब बेडरूम में आ गए थे। इसके बाद यूसुफ और मुझे सबीना ने एक एक हॉट कोई पाउडर के पानी वाली ड्रिंक दे दी, थोड़ी सी उसने पी ली। हम सब लोगों ने वो पाउडर वाली गरम ड्रिंक पीना शुरू कर दी थी। नेहा ब्लाउज के नीचे ब्रा पहनी थी।
अब अचानक से यूसुफ ने अपनी पाउडर वाली गुनगुने पानी की ड्रिंक ख़तम करी और सीधे नेहा के ब्लाउज में हाथ डाल कर उसकी गोरी बड़ी चूचियाँ 5-5 बार दबा चुका था। नेहा उसका हाथ बार बार हटा देती थी। सबीना नेहा के पास गई और बोली- इतना शरमाओगी तो रंगीन माहौल का मज़ा कैसे लोगी? ब्लाउज उतार लो और इन गोरी बड़ी चुचीयो का जूस यूसुफ जी को पिलाओ तभी तो पूरा मज़ा मिलेगा। सबीना ने पीछे जाकर नेहा के ब्लाउज के बटन खोल दिए और नेहा का ब्लाउज उतार दिया।
नेहा की नरम नरम चिकनी और बड़ी दूधिया चूचियाँ ब्रा के अन्दर से काफी आकर्षित दिख रही थी. मेरी तो हालत ही खराब हो गयी. पहली बार किसी महिला को ब्रा में देखा था अपनी खुली आँखों के सामने. अब सबीना ने नेहा के पीछे से उसके दोनों ब्रा के हूक को खोल दिया. और अब नेहा गुप्ता के गोरे बड़े बूब्स या निप्पल बाहर निकल आई थीं, मेरा और यूसुफ दोनों का मूसल लण्ड उछालें मार रहा था।
यूसुफ लुंगी ठीक से नहीं पहने थे, उनका लण्ड खड़ा हुआ था जो 8 इंच के करीब होगा, मेरा भी 9 इंची तना हुआ लण्ड लुंगी से बाहर निकलने को उतावला हो रहा था। यूसुफ नेहा से चिपक कर उसके गुलाबी होंठ चूमने लगा और साथ ही साथ उसके नंगे बूब्स फिर निप्पल को कस कस कर मसल रहा था। यूसुफ की लुंगी खुलकर हट गई थी अब उसका नंगा लण्ड हम सब देख सकते थे।
सबीना ने आगे बढ़कर नेहा का हाथ यूसुफ के लण्ड पर रख दिया और नेहा से बोली- अब शर्म छोड़ दे और रंडी बन जा ! मजे कर ! शरमा नहीं ! आज दो-दो लण्डों से खेल सकती है ! ऐसा मौका शरीफ औरतों को रोज रोज नहीं मिलता है, तुझे चूत और गाण्ड का ऐसा मज़ा दिलवाऊँगी कि तू जिन्दगी भर याद रखेगी ! बस अब शराफत छोड़ दे और एक रात के लिए वेश्या बन जा।
यूसुफ ने नेहा की एक चूची मुँह में पूरी भर ली और दूसरी का चुची दबाने लगा। उसका मोटा सा 8 इंची लौड़ा नेहा ना चाहते हुए भी मसल रही थी, मेरा लौड़ा तना हुआ था और मैं उसे लुंगी के ऊपर से सहला रहा था। सबीना ने मेरी लुंगी हटा दी थी मेरा 9 इंच लम्बा लण्ड अब सबीना के हाथों में था। सबीना उसे नेहा को दिखाती हुई सहला रही थी। नेहा अपनी तिरछी आँखों से मेरा लण्ड देख रही थी। सबीना नेहा को गर्म करने के लिए मेरा लौड़ा चूसने लगी। मैं सबीना का पेटीकोट ऊपर उठाकर उसके नंगे चूतड़ों को मलने लगा।
कुछ देर लण्ड चूसने के बाद सबीना उठी उसने अपना पेटीकोट और ब्लाउज उतार दिया अब वो पूरी नंगी थी। उसने आगे बढ़कर पलंग पर बेठी हुई नेहा के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसे हाथों से खींचकर उतार दिया। नेहा की नंगी चिकनी साफ़ चूत मेरी आँखों के सामने थी। मैंने पहली बार अपनी आंखों से किसी औरत की इतनी साफ़ चूत को देखा था. मेरा मूसल लण्ड उसकी चूत देखकर कड़ा हुए जा रहा था। यूसुफ उसकी चूचियों से अब भी खेल रहा था। नेहा की नंगी खुली चूत मेरे लण्ड को चोदने का आमंत्रण दे रही थी। सबीना ने मुस्कुरा कर मुझे देखा और धीरे से बोली- अभी पूरा दिन बाकी है ! तुम भी जमकर इसकी चोदना लेकिन अभी थोड़ा सब्र करो ! और सबीना ने यूसुफ को आँख मारते हुए मेरा लौड़ा दुबारा मुँह में घुसा लिया। यूसुफ उठा और उसने अपना लौड़ा भी नेहा के मुँह पर रख दिया।
सच बोलू दोस्तों मुझको यह देख बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा था कि यूसुफ ने नेहा के मुह पर अपना लौड़ा रख दिया है. मुझको पता नहीं क्यों शुरुआत से नेहा गुप्ता से अपनत्व महसूस हो रहा था. मुझको पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा था कि नेहा यहां आकर खुश नहीं है या फिर उसको जबरदस्ती लाया गया है. मेरा तो मन कर रहा था कि अभी जाकर नेहा को यह राक्षस यूसुफ शैख से छुड़ा लू. फिर नेहा को लेकर कहीं निकल जाऊँ. पर यह सब करने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी मैं यूसुफ के हाथों से बुरी कदर से पीटना नहीं चाहता था. या फिर शायद यह भी हो सकता है कि यह सब नेहा के प्रति मेरी कल्पना मात्र हो.
नेहा यूसुफ की गोद में लेटकर सबीना की देखादेखी उसे लबालब चूसने लगी। यूसुफ मेरे पास बैठा हुआ था, हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराए।
मैंने यूसुफ से कहा- यार, थोड़ा अपना माल मुझे भी चखा देना। यह सुन कर तो जैसे नेहा को काफी गुस्सा आया पर वो बोल कुछ नहीं पायी.
यूसुफ बोला- साली की गाण्ड मार लूँ, फिर साथ साथ दोनों कुतियाओं को बजाएँगे।
मैंने कहा- सबीना को अपना लौड़ा चुसवाओ ! बहुत मस्त चूसती है।
To Be Continued..........
Bhai update to एकदम badiya hey,Update - 8
अब यहां पर यूसुफ ने नेहा की कमर पकड़ के लण्ड उसकी गाण्ड में छुआ दिया। सबीना ने अपने हाथ से यूसुफ का तीन इंच लण्ड नेहा की गाण्ड में घुसवा दिया।
नेहा की चीख निकल गयी और नेहा बोली - प्लीज यूसुफ जी ऐसा मत करिये. यह आपके पेनिस को निकालिये मुझको बहुत दर्द हो रहा है. मैं आपके सामने हाथ जोड़ती हु.
सबीना बोली - कुछ नहीं होगा मेरी रानी बस थोड़ा सा दर्द होगा उसको तू सह जा इसके बाद तो तुझको इतना मजा आयेगा की जिसकी तू कल्पना भी नहीं कर सकती.
फिर अब सबीना यूसुफ को मुस्कुराते हुए बोली- यूसुफ जी, बचा हुआ लण्ड प्यार से इसकी गाण्ड में डालना और नेहा जी की प्यार से मारिएगा। यूसुफ इसे मामूली बात समझा, उसने गाण्ड को चूत समझते हुआ एक तेज झटका मार दिया। लण्ड नेहा की गाण्ड में तेजी से घुसा तो नेहा बुरी तरह से चीख उठी और उसने तेज झटका गाण्ड को दिया, इस बीच लण्ड गाण्ड से निकल गया। नेहा की आँखों में पानी आ गया था।
सबीना यूसुफ पर हल्के गुस्से से चिल्लाती हुई बोली- आप से मैंने कहा था न कि प्यार से मारिएगा।
नेहा बोली- ना बाबा ना बिल्कुल ना ! मुझे कृपया करके छोड़ दो ! मुझे गाण्ड नहीं मरवानी !
सबीना बोली- नेहा जी, आप थोडा आराम करें ! मैं यूसुफ जी को समझाती हूँ ! अबकी वो आपकी प्यार से मारेंगे। एक बार आपने गाण्ड मरवा ली तो बार बार मरवाना चाहेंगी।
सबीना बोली - यूसुफ जी, आप रेखा जी को सॉरी बोलिए और मेरे साथ आइये, मैं आपको कुछ समझाती हूँ।
यूसुफ ने सबीना से बोला - ऐ रंडी तू पागल हो गयी है क्या !!!!! मेरा नाम यूसुफ शैख है मैं किसी को सॉरी पोरी नहीं बोलता.
सबीना बोली - आप यूसुफ मिया मेरे साथ बाहर आइये.
मुझको यह सब देख कर बहुत ज्यादा अजीब लग रहा था कि ये चुड़ैल सबीना रंडी कबसे ये नेहा के प्रति इतना सॉफ्ट कॉर्नर यानी दयालू पन रखने लगी. अब क्या प्लान है ये रंडी का, मुझको तो सबीना साली भोसड़ी की आकर नेहा की जबरदस्त चुदाई करने का बोल रही थी और यहां ये यूसुफ को नेहा को सॉरी बोलने को कह रही है.....?
अब जैसे ही सबीना और यूसुफ बाहर आये मैं भी दर्द से करा रही नेहा को छोड़ बाहर आ गया।
सबीना यूसुफ से बोली- यूसुफ जी, नेहा को गाण्ड मरवाने के लिये मैं तैयार कर दूंगी पर आप उसकी गाण्ड प्यार से मारिएगा और वेसे भी एक दम नयी गाण्ड है नेहा की आप अकेले तो नहीं मार पाएंगे। नेहा आपकी बीवी तो है नहीं, इसलिए अपने माल का मज़ा अब्दुल मिया को देंगे तभी आप गाण्ड मारने में सफल हो पाएंगे और एक बार आपने औरतों की गाण्ड मारना सीख ली तो आप कई औरतों को खुश कर सकते हैं।
यूसुफ बोला - अबे रंडी भोसड़ी की तु अब मुझको गाण्ड मारना सिखाएगी. सिखाना है तो तेरे इस यार अब्दुल को सिखा. और हा नेहा गुप्ता मेरी बीवी नहीं है पर मैं बहुत जल्द उसको अपनी बीवी बनाने की फ़िराक़ में हू.
यह सुन कर मुझको काफी गुस्सा आने लगा. मैं अपने अन्दर ही अन्दर बोलने लगा कि यूसुफ चुतिये मेरे रहते तो तू नेहा को अपनी बीवी नहीं बना पायेगा.
सबीना बोली - यूसुफ जी पर अभी तो आपकी बेगम नहीं है ना नेहा गुप्ता. आप लगता है भूल गये हमारी डील को..!
यूसुफ - हाँ हाँ तो मैं कहा मना बोल रहा हू पर पहले गाण्ड मैं मरूंगा. पहला उद्घाटन तो मेरे लण्ड से ही होगा.
सबीना - हाँ हाँ बिल्कुल यूसुफ मिया........!
फिर यूसुफ सबीना से कड़क आवाज में बोला- कुतिया को कोई भी चोद दे, मुझे कोई दिक्कत नहीं ! लेकिन मुझे आज गाण्ड मारना है पहले.
सबीना बोली- मैं आपको गाण्ड का खिलाड़ी बना कर भेजूँगी। आप जब नेहा की गाण्ड मारें तब अब्दुल मिया उसे लौड़ा चुसवाएंगे। सबीना ने फिर मुझे कुछ बातें सिखाईं, अब रास्ता साफ़ था, यूसुफ के माल नेहा को अब मैं बजा सकता था।
हम सब लोग कमरे में आ गए। सबीना नेहा से बोली- आप यूसुफ का लण्ड धीरे धीरे चूसें, साथ ही साथ अब्दुल आपकी चूत को चोदेगा। दो-दो लण्डों का मज़ा जब आप लेंगी तो गाण्ड मरवाने में दिक्कत नहीं आएगी।
नेहा ने इस बात से तुरन्त इन्कार कर दिया और बोली - मैं यह सब नहीं करने वाली, मैंने आज तक एक समय मैं दो आदमियों का पेनिस नहीं लिया है. मुझको यह करने से गिन आती है.
सबीना - एक बार करके तो देख नेहा, मैं कई बार कर चुकी हूं. तुझको बहुत मज़ा आयेगा.........
नेहा ना नकुर करने लगी ! तभी सबीना बोली - अरे यूसुफ मिया इसके नखरे कभी ख़तम नहीं होंगे. आप इसके मुँह में लण्ड डालिये और अब्दुल जी आप इसकी चूत सहलाइये.
यूसुफ ने अपना लण्ड रेखा के मुँह में डाल दिया। मैंने नेहा की चूत अपनी 3-4 उँगलियों से सहलानी शुरू कर दी, उसकी चूत के दाने पर मेरी रगड़ तेज होती जा रही थी। मैं और यूसुफ सेक्स का आनन्द ले रहे थे। नेहा का पता नहीं.......
To Be Continued........
NiceUpdate - 10
अब अन्दर कमरे में अब्दुल ने थोड़ी देर के लिए लण्ड बाहर निकाल लिया और उसके मुँह के आगे खड़ा कर दिया तो नेहा बोली- ऊह ऊहं ! बस अब बहुत हो गया इसको निकालो ! मुझको घुटन हो रही है ! पर वो सांड अब्दुल को फिर उस सबीना ने कोई इशारा किया और अब्दुल ने फिर आगे बढ़कर नेहा के मुँह में लण्ड डाल लिया।
मैंने देखा कि सबीना दूर से नेहा की चुदती गाण्ड और लण्ड चुसाई का मज़ा ले रही थी। सबीना बोली- अब्दुल मिया, इसने लण्ड चूस तो बहुत लिया अब इसके मुँह में प्यार से लण्ड ठोक दो, बेचारी चूस चूस कर थक थक गई होगी।
अब्दुल ने नेहा के बाल पकड़े और धीरे धीरे उसके मुँह में लण्ड पेलना शुरू कर दिया। इधर यूसुफ भी प्यार से धीरे धीरे नेहा की गाण्ड ठोके जा रहा था। बीच में यूसुफ बोला- सबीना मज़ा आ गया।
बेचारी नेहा की गाण्ड और मुँह दोनों में चुदाई चल रही थी ! उम.......आह.........उम.........आह..........!
फिर अचानक क्या हुआ कि सबीना ने अब्दुल की काली गाण्ड में ऊँगली की, तुरंत अब्दुल ने लण्ड बाहर निकाल लिया। सबीना पगला रही थी, बोली- और जोर से करो अब्दुल मिया, मत निकालो इसके मुँह से! लो लो मारो ! लगता है अब इसको दो लण्ड से बहुत मज़ा आ रहा है।
वेसे सबीना सही बोल रही थी भले ही नेहा ज्यादा दिखा नहीं रही थी पर नेहा को देख मुझको भी लग रहा था कि उसको इस हवस के खेल में मजा बहुत आ रहा है.
सबीना ने यूसुफ से कहा- अब साली की फाड़ दो ! पूरी गरम है ! सबीना ने अब यूसुफ को ट्रिगर कर दिया था, यूसुफ ने सबीना के इशारे पर लण्ड पूरी ताकत से नेहा की गाण्ड में ठोंक दिया नेहा बुरी तरह दर्द से चिल्ला रही थी- ऊह, आह ! मर गई ! फट गई मेरी ! एस होल फक ! निकालो निकालो प्लीज यूसुफ जी ! लेकिन गाण्ड नेहा की यूसुफ ने चोदनी जारी रखी। नेहा दर्द से झपटते हुए पलंग पर से फिसल गई पर यूसुफ उसकी कमर कस के पकड़ा हुआ था उसने नेहा की गाण्ड मारने की स्पीड तेज कर दी।
नेहा चिल्लाए जा रही थी- छोड़ो मर गई ! अब नहीं ! फट गई ! एस होलो ! निकालो कोई इस हथोड़े जैसे ब्लैक पेनिस को ओह ! मम्मी आह बचाओ ! कोई है मैं मर जाऊँगी।
सबीना खुश होते हुए बोली- अब कुतिया की सही मायने में गाण्ड गुदी और चुदी है ! यूसुफ की नेहा की गाण्ड पर चोट जारी थीं, कुछ देर बाद सबीना ने यूसुफ से कहा- यूसुफ जी। प्यार से ! अब यूसुफ भी धीरे हो गया था, नेहा के बाल सहलाते हुए सबीना ने कहा- नेहा, तुम एक बार फिर हमारे अब्दुल मिया का लण्ड चूसो ! यह सुनते ही उस अब्दुल ने नेहा के मुँह में लण्ड घुसा दिया।
उधर यूसुफ नेहा की गाण्ड चोद रहा था और नेहा अब्दुल का लौड़ा लोलीपोप की तरह चूस रही थी। दो मिनट बाद यूसुफ ने अपने वीर्य की पिचकारी नेहा की गाण्ड में छोड़ दी और अपना लण्ड कुछ ही देर बाद बाहर निकाल लिया। नेहा बेचारी सिर्फ ना ना ही बोलती रह गयी यूसुफ ने पिचकारी मार ही दी. नेहा की गोरी गाण्ड लण्ड से फट चुकी थी।
यह सब देखकर मैं पूरा उत्तेजित हो गया था, अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मुझको कमरे में जाने का बहुत मन हो रहा था. पर अन्दर कैसे जाऊँ.........?जाऊँ या नहीं मैं यही सब सोचते हुए वापस अन्दर कमरे में देखने लगा.
अब अब्दुल ने भी अपनी पिचकारी नेहा के मुँह में छोड़ दी, नेहा का पूरा मुँह सफेद वीर्य से भर गया I नेहा ने सारा वीर्य जमीन पर थूक दिया और सीधी होकर पलंग पर बेसुध होकर लेट गई। यूसुफ भी अब बेसुध हो रहा था, अब्दुल का लण्ड खाली हो गया था लेकिन उसको लग रहा था कि उसे अभी ओर नेहा की चिकनी चुत और गोरी गाँड चोदनी चाहिए. ताकि वो सबीना की आँखों में यूसुफ से उपर आ जाये. और सबीना खुश होकर उसको सीधे रुचि अग्रवाल के पास ले जाये. सबीना के लिये अब्दुल आज के खेल का विजेता बनना चाहता था. वेसे भी अब्दुल अपने हाथ आयी नेहा को आसानी से जाने नहीं देना चाहता था.
अब अब्दुल का मूसल काला नौ इंच का लण्ड बेचारी चुदी हुई नेहा को देखकर दुबारा खड़ा हो रहा था।
सबीना बोली- नेहा और अब्दुल मिया, आप आराम करिए मैं और यूसुफ जी आपके लिए दूध लाते हैं। यूसुफ और सबीना कमरे के कोने में बनी छोटी सी रसोई में दूध लेने चले गए। सबीना और यूसुफ नंगे थे !
सबीना ने रसोई में आते ही मादरजात यूसुफ का मूसल लण्ड मुँह में ले लिया और चूसते हुए बोली- पहले तुम मुझे चोद दो ! तुम्हारी और नेहा की चूत चुदाई देख देख कर बहुत खुजली हो रही है। किचन के टूटे पत्थर पर टाँगे चौड़ी करके सबीना इस तरह झुक गई कि उसकी चूत में आराम से घुसाया जा सकता था।
यूसुफ सबीना की बालों भरी काली चुत को देख कर बोला कि - मुझको चोदने की बहुत जोर से इच्छा तो अभी नेहा की थी पर सबीना तुझको मैं नाराज नहीं कर सकता । यूसुफ ने अपना आठ इंची लण्ड सबीना की चूत में डाल दिया और सबीना को चोदने लगा। चुदते चुदते सबीना दूध में पाउडर डाल का गरम करने लगी। सबीना को पता था कि कैसे चुदा जाता है। किसी भी मर्द को इस तरह चुदाई की उस्ताद औरत को चोदने में मज़ा खुफ देती है।
मुझे भी अब यहां बाहर खडे खडे सबीना की काली बालों भरी चुत को चोदने की इच्छा हो गयी थी.
और वहां अन्दर यूसुफ को मस्त मज़ा आ रहा था. दूध तैयार होने के पाँच मिनट बाद यूसुफ का लण्ड सबीना की चूत में खाली हो गया। फिर सबीना ने बैठ कर यूसुफ का मूसल लण्ड अपने मुँह में लिया और अच्छे से चाट चाट कर साफ किया. सबीना यूसुफ के लण्ड पर लगा सारा वीर्य चाट कर अपने अन्दर निगल गयी. फिर सबीना और यूसुफ चार ग्लास दूध बना कर कमरे में आ गए। अब कमरे में सब नंगे थे, शर्म सबकी छूट गई थी, शायद नेहा में थोड़ी शर्म अभी भी बची थी. फिर नेहा को छोड़ कर सबने साथ साथ दूध पिया। नेहा ने इस बार फिर दूध या ड्रिंक पीने से मना कर दिया.
सबीना ने उठकर नेहा को बाँहों में भरा और बोली- नेहा, सच बता तुझको बहुत मज़ा आया या नहीं.....!
नेहा बोली - मैंने आजतक ऐसा सेक्स नहीं किया था. अगर आज आप नहीं होतीं तो यह ऑर्गेजम से भरा दर्द कभी नहीं मिलता. सच आज सेक्स का अलग अनुभव मिला जब यूसुफ जी ने मेरी ऐस (गाण्ड) में अपना पेनिस दौड़ाया तो मुझे ऐसा लगा कि ऐस (गाण्ड) मरवाते मरवाते मर ही न जाऊँ !
तभी सबीना अपना मुँह बिगाड़ कर बोली - इसका मतलब तुझको मजा नहीं आया. तूने यह सब अपनी मर्जी के बिना करा.
तभी बेचारी नेहा सबीना और यूसुफ के गुस्से भरे काले चेहरे को देख थोड़ा हडबडाते हुए बोली - नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है मैं सच बता नहीं सकती कि कितना मज़ा आया पर दर्द भी बहुत हो रहा है।
सबीना बोली - नेहा तेरे होने से मुझको भी बहुत मजा मिला है ! फिर सबीना ने नेहा के गुलाबी होठों अपने काले होंठ रख कर चुंबन या किस कर दी. किस करने के बाद नेहा के गुलाबी होठों को अपनी जुबान से चाटते हुए और सबीना नेहा की चूचियाँ सहलाती हुई बोली- अरे रानी, सेक्स में बहुत मज़ा है ऐसे डरा मत कर तू, अभी तो तुने दो ***** लण्डों का स्वाद थोड़ा सा ही चखा है। जब साथ साथ चूत और गाण्ड में घुसेंगे, तब देखना कितना मज़ा आएगा। अभी तो और मज़े करवाऊँगी बस तू रण्डी बन कर मज़े ले।
तभी नेहा थोड़ी ऊँची आवाज करके बोली - नहीं सबीना जी नहीं, अब नहीं हो पायेगा मुझसे. अब मैं इससे ज्यादा सहन नहीं कर पाऊँगी. सॉरी पर अब मुझको जाना होगा.
तभी सबीना बोली - अभी कहा मेरी रानी अभी तो बहुत समय बचा हुआ है. और सेक्स का मजा तो दर्द के साथ ही लिया जाता है नेहा ! जितना दर्द उतना ज्यादा मजा !
तभी यूसुफ बोला- सबीना देख मेरा लण्ड तो इसकी गाण्ड में जब घुस घुस कर चोट खा रहा था और दे रहा था, देख अब पूरा लाल और मस्त हो गया है। सबीना ने एक पप्पी यूसुफ के ** लण्ड के सूपडे या सुपारे पर ली और बोली- राजा, मज़े भी तो खूब लिए हैं। थोड़ी चोट लग भी गई है तो क्या हुआ। अभी तो इसके साथ बहुत देर तक बैटिंग करनी है। कुछ दिनों तक नेहा जब भी चलेंगी तो इसकी गाण्ड दुखेगी. हमारी प्यारी नेहा गुप्ता को भी तो याद रहना चाहिये कि उसकी चुदाई दो सच्चे ***** लण्ड से हुई थी.
अब जट से नेहा के गोरे बूब्स के निप्पल को नोचते हुए सबीना बोली- अब्दुल मिया का लण्ड गाण्ड में ओर डलवा लेना फिर कभी गाण्ड फटवाने में दर्द नहीं होगा।
नेहा बोली- नहीं बाबा नहीं ! अब्दुल जी का लण्ड अगर घुस गया तो मैं तो मर जाऊँगी।
सबीना हँसते हुए बोली- लण्ड से औरतें मरने लगतीं तो दुनिया कब की खत्म हो गई होती, मेरी नाजुक रानी ! चलो अब जल्दी से तैयार हो जाओ !
मैं साला बाहर खड़े खड़े यही सोचता रहा कि ये नेहा गुप्ता तो एक नंबर की माल निकली यार. काश मैंने इसको कभी दबोच लिया होता तो ये आज वो चुतिये चौकीदार अब्दुल की बाहों में नहीं मेरी बाहों में होती.....हट बहनचोद.... पर मैं मेरी गलती सुधारुगा..... आज तो नेहा गुप्ता तो मेरी बाहों में होगी ही................चाहे कुछ भी हो जाये..........!
To Be Continued............