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Adultery भाभियों का रहस्य

ASR

I don't just read books, wanna to climb & live in
Divine
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Chutiyadr अद्भुत 100 पेज के बाद 16 वा अध्याय, कहानी मे पूरा रंग चाङ गया है, अब तो इन्तेज़ार हैं कि आसपास के इलाकों के लोगों का क्या होगा, बहुत-बहुत मस्त ऊर्जा से परिपूर्ण अपडेट...
 

imdelta

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अध्याय 15
चेतना धीरे धीरे लौटने लगी थी , लेकिन अभी भी मुझे शरीर का अहसास नहीं हो पा रहा था,मुझे लग रहा था की मैं हु , लेकिन मेरा शरीर कहा है इसका आभास ही नहीं था …
मैं दुनिया देखना चाहता था , क्या मैं जिन्दा हु …???
समय का कोई ज्ञान नही हो रहा था ,बस मैं हु ये एक मात्र ज्ञान मुझे था ..
ना जाने कितना समय बिता था जब मुझे पहली बार अपने शरीर का भान हुआ , मुझे अपने कानो में कुछ आवाजे सुनाई दी , और हलकी रोशनी का आभास किया , मुझे कुछ धुंधला सा दिखने लगा था …
“इसने पलके झपकाई … डॉ …नर्स इसने पलके झपकाई …” किसी लड़की की आवाज मेरे कानो में पड़ी , वो चिल्ला रही थी , उस आवाज को मैं कैसे भूल सकता था , इससे तो मेरी शादी होने वाली थी …
थोड़ी देर में कमरे में थोड़ी हलचल बढ़ गई , मेरी आँखे थोड़ी और खुली लेकिन कुछ भी साफ़ नहीं दिखाई पड़ रहा था ना ही शरीर महसूस हो रहा था , कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद फिर से मेरी चेतना गायब हो गई …
पता नहीं कितना समय बिता था , मुझे मेरी उंगलिया महसूस हो रही थी , शरीर के कई हिस्सों को मैं महसूस कर पा रहा था … आँखों को खोलने की कोशिस करने लगा , आँखे ऐसी बोझिल थी जैसे सदियों से सो कर उठने पर होता है ..
“तुम मुझे सुन पा रहे हो … “
एक करुण आवाज मेरे कानो में पड़ी ..उस आवाज में दर्द था ऐसा दर्द जो सीधे मेरे दिल से लग रहा था , एक कम्पन थी जिसने मुझे जगा दिया था , मैंने आँखे खोलने की भरसक कोशिस की , वो चहरा अभी भी धुंधला ही था …
“लौट आओ निशांत ,मेरे निक्कू लौट आओ ..” वो रो पड़ी , उसका रोना मेरे लिए दर्दनाक था लेकिन मेरी मज़बूरी की मैं उठकर उसके आंसू नही पोछ सकता था ..
मैंने पूरी ताकत लगा कर हलके से पलके झपकाई …
वो चहक उठी ..
“इसने पलके झपकाई , इसने मेरे बात का जवाब दिया “ वंहा मौजूद सभी लोग उम्मीद से मेरी ओर देख रहे थे , उसकी इस अदा पर मुझे बड़ा प्यार आया , मैं मुस्कुरा कर उसका जवाब देना चाहता था लेकिन शरीर में जैसे कोई संवेदना ही ना रही हो …
ना जाने कितना समय बीत गया ,कभी अन्नू तो कभी अम्मा मेरे पास होती ..
अन्नू तो लगभग यही रहा करती थी , वो मेरे पास बैठे मुझे कविता सुनाती , गाने गुनगुनाती , कभी हंसकर बाते करती तो कभी शिकायतों के पुलिंदे सामने खोल देती , उसे शिकायत थी की मैं उसके बातो का जवाब नहीं देता , कभी हँसते हँसते ही वो रो पड़ती थी , मैं कभी कभी पलके झपकाकर उससे ये बताता की मैं उसे सुन रहा हु .. वो खुश हो जाती , उसकी उम्मीद और भी गहरी हो जाती की एक दिन आएगा जब मैं उठ खड़ा होऊंगा ..
वो कहती की हम अपनी शादी में साथ नाचेंगे , गायेंगे , पता नहीं वो दिन कब आने वाला था , मैं भी उसके इन्तजार में था , उम्मीद की छोटी सी किरण के सहारे हम दोनों ही अपने इस रिश्ते को निभा रहे थे ….
ना जाने कितना समय बीत गया , मैं अपने शरीर को महसूस कर पा रहा था लेकिन उसे कंट्रोल नहीं कर पा रहा था , मैंने अपनी उंगलिया हिलाई थी , लेकिन किसी ने देखा नही , अगर अन्नू देख लेटी तो झूम जाती , लेकिन वो वंहा नही थी …
ना जाने कितना समय बीत गया , अन्नू प्यार से मुझे कबिता रही थी , मेरी पसंदीदा कबिता रश्मिरथी

“सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,

शूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,

विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं।

मुख से न कभी उफ कहते हैं,
संकट का चरण न गहते हैं,

जो आ पड़ता सब सहते हैं,
उद्योग-निरत नित रहते हैं, “

वो गए जा रही थी और मैं दिनकर जी के कवित्वा को साधुवाद दे रहा था , हर बार की तरह मैं इसे सुनकर प्रफुल्लित था , मैं भी इस विपत्ति से विचलित नहीं होना चाहता था , मैं इसे पार करके अपने प्यार के पास आना चाहता था , मैंने कोशिस जारी रखी , आज मैंने आपने आँखे पूरी खोली , अन्नू पुस्तक पकडे एक ले में गा रही थी , अचानक उसने मुझे देखा …
मैं एकटक उसे ही देख रहा था ,ना जाने कितने वक्त के बाद मैंने उसके सुन्दर चहरे को देखा था , कभी हमेशा ही खिला रहने वाला चहरा कितना मुरझा गया था , मेरे आँखों में आंसू की बुँदे अनायास ही आ गई ,
वो कुछ देर तक बस मुझे देखती रही , और अचानक से वो जोरो से रो पड़ी …
“नर्स .. डॉ .. अम्मा कोई है… देखो मेरा निक्कू उठ गया , मेरा निक्कू उठ गया “
उसने मेरे माथे को चूमना शुरू कर दिया
“मैं जानती थी तुम मुझे सुन रहे हो , मैं जानती थी की तुम उठोगे …” वो रोते हुए बोलती रही
तभी कुछ लोग भागते हुए वंहा आये ..
“मेडम प्लीज थोडा हटिए “ एक नर्स ने कहा , डॉ ने एक इंजेक्शन तैयार किया
सबके पीछे अम्मा भी वंहा आया गयी थी वो मेरे पास ना आई बस ही खड़ी हो गई ..
“देखो ना अम्मा निक्कू जाग गया है “
अन्नू उनके पास गई , और अम्मा .. वो रोते हुए वही बैठ गई थी …
ना जाने कितना समय बीत गया था , अब मैं पलके झपकाता , आंखे खोलकर अन्नू और अम्मा को निहारता , अपनी उंगलिया भी हिलाने लगा था , बोलने की कोशिस करता लेकिन अभी आवाज बहुत ही धीमी थी , अन्नू अपने कान मेरे मुह के पास लाकर सुनने की कोशिस करती लेकिन कुछ समझ ना पाती ..
सब लोग खुश थे , मुझे बताया गया की मैं अभी अपने हवेली में हु , मुझे मार कर नदी में फेंक दिया गया था , जिसकी जानकारी रामिका ने अम्मा को दी और अम्मा ने उसके साथ मिलकर मुझे बचाया , बताया गया की जब वलवंत मुझे लेने आया तो मैंने अपना मोबाइल वही छोड़ दिया था , रामिका ने जब मुझे जाते देखा तो उन लोगो का पीछा किया , जब वो वंहा पहुची तब तक उन लोगो ने मुझे बुरी तरह से जख्मी कर दिया था , रामिका ने तुरंत मेरे मोबाइल से अम्मा को फोन किया और उन लोगो का छिपकर पीछा किया , उनके जाने के बाद वो नदी में कूदकर मेरे शरीर को नदी के किनारे तक ले आई , अम्मा और बाकि के लोग कुछ देर में वंहा पहुचे , मुझे हॉस्पिटल में रखा गया लेकिन वंहा भी मेरी जान को खतरा हो सकता था , ना जाने बलवंत के लोग मुझपर कब हमला कर देते , इसलिए मुझे हवेली में ही शिफ्ट कर दिया गया , बलवंत को भी पता चल चूका था की मैं जिन्दा बच गया हु , लेकिन उसे ये नै पता था की मुझे बचाने वाली उसकी ही बेटी है …
मेरी जो हालत थी उसमे बच पाना लगभग नामुमकिन था ,लगभग डेढ़ साल से मैं कोमा में था , मुझे होश तो आ गया था लेकिन अभी भी मेरा शरीर किसी काम का नही था , मैं अच्छे से बोल भी नहीं पा रहा था ,
अन्नू दिन भर मेरे पास बैठी रहती वो मुझे गांव के किस्से बताती , उसने बताया की अब्दुल ने UPSC का एग्जाम निकाल लिया , उसका चयन आई.ए .एस . के लिए हो गया है , कुछ दिन ही हुए वो ट्रेनिंग के लिए चला गया ..
अन्नू बताती की कभी कभी अंकित भी मुझे देखने आता,मेरे पास बैठ कर रोता लेकिन बिना कुछ कहे वंहा से चला जाता ..
समय बीत रहा था लेकिन मैं उंगलियों को थोडा मोड़ा हिलाने के अलावा और कुछ भी नहीं कर पा रहा था , मैं अंदर से टूटने लगा था , मुझे लगने लगा था की इससे अच्छी तो मौत थी , मुझे कोई कुछ बताता नहीं लेकिन मैंने महसूस किया था की शायद मेरा जीवन ऐसे ही बीतने वाला है , अम्मा और अन्नू डॉ से बात करने के बाद अक्सर दुखी दिखाई पड़ते , मेरे सामने आने पर वो अपने आंसू तो कमरे के बाहर छोड़ कर आते लेकिन उनके चहरे को देखकर मैं समझ सकता था की कोई बड़ी दिक्कत जरुर चल रही है ..
मेरे आवाज में थोड़ी ताकत आने लगी भी , मैं थोडा बहुत बोल पा रहा था …
“अन्नू मुझे क्या हुआ है , मैं अपने शरीर को महसूस क्यों नहीं कर पा रहा “
एक दिन मैंने अन्नू से कहा , मेरी आवाज बहुत कमजोर थी लेकिन अब वो समझ में आने लगी थी …
“कुछ भी नही हुआ है , तुम जल्द ही ठीक हो जाओगे “
वो मुस्कुरा कर बोली ..
झूठ मत बोलो अन्नू मुझे बताओ की आखिर मुझे हुआ क्या है …
“अरे कुछ भी तो नहीं हुआ है बाबु , तू बस आराम करो ,सब ठीक हो जाएगा …”
हर बार मैं पूछता और हर बार मुझे यही कह दिया जाता , समय बीतने लगा था , मुझे होश आये अब 4 महीने बीत चुके थे , मुझे बाहर घुमाने ले जाया जाता , जो भी मुझे देखता उसकी आँखों में मेरे लिए बस हमदर्दी होती , वो हमदर्दी मुझे इतनी चुभने लगी थी की मुझे लगता की मैं जीवन भर ऐसा ही रहने वाला हु …
मुझे वीलचेयर पर बिठाने के लिए ३ लोग लगते थे , मैं अच्छे से अपना गला भी सम्हाल नही पाता , अगर बैठने से मेरा गला निचे गिर जाता तो उसे उठाने के लिए भी एक आदमी की मदद लगती थी …
सच में ऐसे जीवन से मौत बेहतर थी …
एक दिन मेरे कमरे में कुछ लोग आये , साथ में अम्मा और अन्नू भी थे … उनमे से एक शख्स को मैं पहले भी मिल चूका था ..
वो थे डॉ चुतिया …
“अब कैसे हो कुवर …”
डॉ ने मेरे पास रखी स्टूल में बैठते हुए कहा ..
“जी रहा हु डॉ ..”
मेरी बात सुनकर वो मुस्कुराये
“तुम सिर्फ जीने के लिए पैदा नहीं हुए हो , तुम्हे अभी बहुत कुछ करना है , मैंने कहा था ना की मैं तुमसे फिर मिलूँगा … लो मैं फिर से आ गया …”
मैंने उनकी बातो का कोई जवाब नहीं दिया ..
“फिक्र मत करो बस आज की रात और कल से तुम बिलकुल ठीक होगे “
इतना कहकर डॉ और उनके साथ आये लोग वंहा से चले गए ..
मैं बस उन्हें देखता रह गया था , और मेरे दिमाग में बस एक ही सवाल था …आखिर कैसे ??????

Jab lagta he sb khtm ho gya
Dr chutiya jarur kuch chjtiyapa karta he.
 

imdelta

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अध्याय 16
शाम का वक्त था जब डॉ अपने एक साथी के साथ मेरे कमरे में आये ,
वो मुझसे अकेले में मिलना चाहते थे , उनके हाथो में कुछ सामान थे जो की मेडिकल रिपोर्ट लग रहे थे ..
“निशांत तुम जानना चाहते थे ना की तुम्हारे साथ क्या हुआ है ..?”
मैंने हां में सर हिलाया ..
उन्होंने सभी रिपोर्ट्स को एक एक कर मुझे दिखाया ..
“तुम्हे लोहे की रॉड से मारा गया था जिससे तुम्हारी कई हड्डिया टूट गई थी , और गोलीयो तुम्हारे वाइटल ऑर्गन को डेमेज कर दिया था , लेकिन सबसे ज्यादा नुक्सान उस गर्म सरिये से हुआ जिसे तुम्हारे पेट में घुसाया गया था , वो सीधे तुम्हारे स्पाइन को डेमेज करते हुए बाहर निकली थी जिससे कई नर्व डेमेज हो गए … तुम जिन्दा हो वो ही एक चमत्कार है ,लेकिन जो अभी तुम्हारी हालत है , दुनिया का कोई भी डॉ तुम्हे अपने पैरो में खड़ा नहीं कर सकता , तुम हमेशा हु ही रहोगे , ना कभी चल पाओगे ना कभी अपने शरीर को हिला पाओगे ,,,वो शैतानी ताकत ही थी जिसके कारन आज तुम जिन्दा बच गए और वही है जो तुम्हे फिर से तुम्हारी पुरानी जिंदगी दे सकता है , जो कोई नहीं कर सकता वो ये कर सकते है …”
उन्होंने अपने साथ आये एक आदमी की ओर इशारा किया …
“इनसे मिलो ये है चमन चुतिया , आत्याचारी लंड नामक संस्था के फाउनडर है “
मैंने उस आदमी को अजीब निगाहों से देखा , एक अजीब सा इंसान था , बड़े बड़े बाल और बड़ी बड़ी दाढ़ी लिए वो इंसान कोई 40-45 वर्ष का होगा , पुरे बाल बिखरे हुए और हलके घुंघराले थे , उसके कपडे मटमैले थे किसी जादूगर जैसा अजीब सी शेरवानी पहन रखी थी , बहुत सारी मानिक की मालाये डाल कर रखी थी , और सबसे अजीब तो उसका और उसके संगठन का नाम था , साला ऐसा नाम कौन रखता है , लेकिन जब डॉ का नाम चुतिया हो सकता है तो इसका नाम चमन चुतिया क्यों नहीं हो सकता …
“आप के साथ रहने वाले लोग इतने अजीब क्यों होते है “
मैंने डॉ से कहा
“बेटा ये अजीब से लोग ही तुझे तेरे पैर में खड़े करने वाले है , तो इनसे थोड़ी इज्जत से बात करो … ये कोई आम इन्सान नहीं है एक बहुत बड़े जादूगर है और जादू टोना एक्सपर्ट है , और शैतानी ताकतों को सम्हालने और उसके इस्तमाल में इसने कालाकंडी युनिवर्सिटी से पीएचडी की हुई है , समझा “
“अब ये युनिवर्सिटी कहा है ???”
“बच्चे यंहा आम पढाई नहीं होती , ना ही आम लोग वंहा पढने जाते है , तुम ये सब छोडो और अब मेरी बात सुनो ..” वो आदमी पहली बार बोला था अब वो मेरे पास आ गया
मैंने हां में सर हिलाया , उसने बोलना शुरू किया
“एक ही ताकत तुम्हे बचा सकती है जो तुम्हारे अंदर है , लेकिन इस हादसे से वो सो चुकी है , उसे फिर से जगाना होगा , आज अमावस की रात है , आज शैतानी ताकते अपने सबसे ज्यादा प्रभाव में होती है , लेकिन इसे जगाने के लिए कई जतन करने होंगे, साथ ही कई महिलाओ का साथ चाहिये होगा , यंहा की कई ओरते साथ देने को तैयार है , क्योकि वो तुम्हे बहुत चाहती है, हमने उनमे से 10 कोई चुन लिया है , लेकिन सबसे जरुरी ये है की तुम इसकी इजाजत दो “
“आखिर मेरे इजाजत देने से क्या होगा ??”
“तुम्हारे अंदर जो ताकत आएगी वो कोई आम ताकत नहीं है , शैतान की शक्ति का एक अंश जो तुम्हारे पहले से था , तुमने उसकी शक्ति का आभास किया है , लेकिन अब जो होगा वो उससे कई गुना ज्यादा ताकतवर होगा , तुम उसे काबू नहीं कर पाओगे , और तुम्हे ये जिंदगी शैतान के नाम करनी होगी , उसका कहा मानना होगा , हा इसके बदले तुम्हे इतनी अदम्य शक्तिया मिलेगी जिसके कोई इंसान सपने ही देख सकता है …”
मैं गंभीर सोच में पड़ गया … अपने पास शैतानी शक्तियों को रखना मतलब खुद का और दूसरो का भी बुरा करना था , लेकिन मेरी जो हालत थी वैसे जीना भी तो मुमकिन नहीं था ..
“मैं नहीं चाहता की मेरे कारण किसी का बुरा हो , ऐसे भी मैंने कई लोगो का बुरा कर दिया है , अब और नहीं …”
“तो क्या जीवन भर तुम ऐसे ही बिस्तर में पड़े रहना चाहते हो …”
चमन ने गुस्से में कहा
मैं चुप हो गया … तभी डॉ ने कहा
“निशांत किसी का बुरा या अच्छा करना तो तुम्हारे हाथो में है , शक्ति का स्वरुप हमेशा से ही उदासीन रहा है , उसके ऊपर किये कर्म बताते है की वो अच्छा है या बुरा ,कोई भी शक्ति अच्छी या बुरी नहीं होती , अच्छे या बुरे तो केवल कर्म ही होते है , और लोगो की प्रकृति होती है की वो आदतन ही अच्छे या बुरे कर्म करते है , तुम्हारे पास पहले भी शैतानी शक्ति रह चुकी है लेकिन तुमने अपने प्रकृति की अनुरूप इसका उपयोग किया ,कभी इसी पर जबरदस्ती नहीं की , तुम चाहते तो पुरे गांव की स्त्रियों को अपने काबू में कर सकते थे लेकिन तुमने ऐसा नहीं किया , ये तुम्हारा प्रकृति दर्शाता है , और इसीलिए उस शक्ति ने तुम्हे चुना था, इस गांव का भाग्य भी तुम्हारे हाथो में ही है , अगर तुम ये काम नहीं करोगे तो शायद इस काम के लिए तो वो पत्थर कही दुसरे को ना चुन ले , जिसकी प्रकृति दुष्ट हो और फिर वो क्या आतंक मचाएगा वो तुम सोच सकते हो , और ये मत बुलो की तुम्हारी अम्मा और अन्नू भी इसी गांव में रहते है अगर पथ्थर ने फिर से किसी दुसरे को चुन लिया तो वो सबसे पहले इस गांव की सबसे प्रभावशाली महिला को अपने कब्जे में करेगा , तुम इस हालत में बैठे हुए अपनी घर को सिर्फ लुटते हुए देख पाओगे …. क्या तुम यही चाहते हो …”
डॉ ने जो कहा था उससे मैं पूरी तरह से हिल गया था और सोचने में मजबूर हो गया था …
मैं इस शक्ति के प्रभाव को समझता था ये शक्ति अगर किसी बुरे व्यक्ति के हाथ में पड़े तो वो तबाही मचा सकता था , मुझे ये करना पड़ेगा …. मैंने अपना मन मजबूत किया ..
“ठीक है डॉ मैं तैयार हु …”
“बहुत बढ़िया , चमन तयारी शुरू करो “
चमन मेरे ओर देखा उसका चहरा खिला हुआ था ..
“बहुत बढ़िया निशांत , तुमने सही फैसला किया , अब तुम भी एक अत्याचारी लंड बन जाओगे … तो बोलो होउस द जोश …”
“क्या …” मैंने आश्चर्य से उसे देखा
“कुछ नही बस तुम इस रात के बाद से मेरे संगठन के सदस्यों में से एक हो जाओगे , तो खुश हो ना …”
डॉ ने उसके कंधे पर हाथ रखा
“भाई चम्मन चूतिये , तुम अपना काम करो ना यार क्यों बच्चे को डरा रहे हो “
वो ख़ुशी ख़ुशी वंहा से चला गया ..
“ठीक है कुवर अब हम कल ही मिलेंगे , एक चीज याद रखना की तुम्हे फिर से अच्छा करने के लिए गांव की कई स्त्रियाँ अपना जीवन और अपना योवन समर्पित करने को तैयार है , ठीक होने के बाद उनका ख्याल रखना , उनके अहसानों को भूल मत जाना …“
डॉ भी वंहा से चले गए थे ……….

रात हो चुकी थी लगभग 11 बजने वाले थे , मुझे एक गाडी से ले जाने का पूरा बंदोबस्त हो चूका था , साथ ही और भी कई गाड़िया तैयार थी , मुझे गाडी में बिठाया गया , मेरे साथ ना अन्नू थी ना ही अम्मा , मेरे बाजु में चमन बैठा था , वो आंखे मूंदे कुछ मंत्र जप रहा था ..
कुछ देर में हम उस जगह पर पहुच चुके थे , कुछ लोग मुझे झील के किनारे ले कर गए , वहा मुझे उठाकर उसी पत्थर पर रख दिया गया था , झील का कलरव मेरे कानो में गूंज रहा था , उन्होंने मुझे निर्वस्त्र कर दिया , चमन के अलावा सभी मर्द वंहा से चले गए थे ..
“आधी रात होने पर हमे शैतान का आह्वाहन शरू करना है ..” चमन मेरे कानो में बोला और कुछ इशारा किया
“तुम्हे शांत रहना होगा .. और जो हो खुद को समर्पित कर देना है , अपना दिमाग लगाना बंद कर दो , खुद को ढीला छोड़ दो ..” उसने मेरे कानो में कहा ..
मैं भी चुप चाप अपने को ढीला छोड़कर वंहा लेटा रहा ..
कुछ देर बाद ही पायलो की झंकार हुई , मैंने देखा की वंहा कई स्त्रिया इकट्ठी हुई है , वो सभी झील की ओर जाने लगी , मेरे पास ही आग जलाई गई थी , सभी स्त्रियाँ निर्वस्त्र थी और वो झील में जाकर डुबकी मारने लगी …
थोड़े देर बाद सभी मेरे चारो ओर आकर खड़े हो गए , एक नजर मैंने सभी को देखा , कई पहचान के चहरे थे , गुंजन भाभी और कामिनी भाभी भी उसमे खड़े थे , सभी गिले थे , ढोल बजने की आवाज शुरू हो गई , सभी बाल बिखरा कर नाचने लगे , मैंने ऐसा नृत्य पहले भी सपने में देखा था , लेकिन इस बार वो मेर चारो ओर नाच रहे थे , तभी सबके बीच से महिला सामने आई उन्हें देख कर मेरे रोंगटे ही खड़े हो गए , उन्हें हाथो में एक बड़ा सा चाकू था और वो कोई और नहीं बल्कि मेरी अम्मा थी ..
हम दोनों की नजरे मिली लेकिन उनके आँखों में कोई भाव ना था , चमन लगातार मन्र पढ़कर आग में आहुति दे रहा था , स्त्रियाँ मेरे चारो ओर नाच रही थी , अम्मा पूरी तरह से निर्वस्त्र थी वो मेरे चहरे के पास आई और अपनी हथेली काट कर मेरे चेहरे के कुछ उपर रख दिया , रक्त बहने लगा था जो सीधे मेरे चहरे पर पड़ रहा था …
मेरा चहरा उनके खून से सन रहा था , वो अपने हथेली को मेरे चहरे से लेकर पैरो तक ले गई , उनका रक्त मेरे नग्न शरीर को भिगोने लगा , वो एक जगह रुकी , और मेरे शरीर में अचानक से जैसे संवेदना का संचार हो गया , मेरे निर्जीव शरीर का हर अंग जैसे जीवित हो गया था , मुझे अपने पुरे शरीर का भान होने लगा , लेकिन जिस जगह अम्मा अभी खून की धार टपका रही थी उसका आभास पाते ही मैं चुह्क उठा ..
“आह …” मेरे मुह से निकला ..
अम्मा मेरे लिंग पर खून से मालिस कर रही थी और उन्होंने झुककर अपने मुह से मेरे लिंग को भर लिया ..
इतने सालो के बाद मैंने अपने शरीर को महसूस किया था वो भी ऐसे , मेरा लिंग तनने लगा , मैं आश्चर्य से भर गया था ये सच में एक चमत्कार था , अम्मा के नाजुक मुख चोदन से मैं उत्तेजना के शिखर तक पहुचने लगा , सभी दूसरी महिलाये भी मेरे आस पास आने लगी , सभी के हाथो में चाकू थे सभी ने अपनी कलाई काटी और मेरे शरीर में रक्त गिराने लगी , वो सभी कुल 10 महिलाये थी जिनके रक्त से मेरा पूरा शरीर नहाने लगा , , वो अपने हाथो को मेरे शरीर में चलाने लगी , उन सभी की आँखे बंद होने लगी थी , सभी अपने ही मस्ती में आ रही थी , सभी मुझे यत्र तत्र छू रही थी और अपने खून को मेरे शरीर में फ़ैलाने लगी …
वो मस्ती में आकर मेरे शरीर के विभिन्न हिस्सों को चूमने चाटने लगी थी ,मुझे हर एक जीभ की संवेदना महसूस हो रही थी , एक अलग सा खुमार मेरे शरीर में चढ़ने लगा था …सभी महिलाये मुझपर बुरी तरह से टूट पड़ी थी , मेरे शरीर में संवेदनाये तो वापस आ गई लेकिन मैं अभी भी अपने शरीर को नहीं हिला पा रहा था , थोड़ी ही देर बाद मुझे चमन दिखाई दिया , उसके हाथो में एक बड़ा सा प्याला था , उसने उसे मेरे मुह में लगा दिया ,
“ये इन सभी स्त्रियों का पेशाब है , इसे पि लो “
मैं अपनी ही मस्ती में खोया था , मुझे कुछ सूझ नही रहा था , एक तो शरीर पर इतनी स्त्रियों का स्पर्श और मेरे लिंग में अभी भी अम्मा मुह चलना , मैं बुरी तरह से कांपने लगा , मजे और उत्तेजना में मैं बेहाल हो रहा था लेकिन मेरा शरीर बिलकुल भी हिल नहीं पा रहा था , उसी स्तिथि में मैंने वो प्याला पि लिया , मुझे उसके स्वाद का जरा भी आभास नहीं हुआ , लेकिन जैसे ही वो मेरे गले से उतरा , शरीर में एक अजीब सी ताकत का संचार मैंने महसूस किया , मेरी आँखे बंद होने लगी …. और अचानक से खुली …
“आह … साला मजा आ गया , कितने देर से सोया था मैं ???? वाह क्या माहोल है , मुझे इतनी ताकत कैसे महसूस हो रही है , तुम तो शैतानी साधना कर रहे हो , मजा ही आ गया , सही किया तुमने पाट्नर “
मेरे अंदर से एक आवज आई ,
“लौडू तू .. तू जाग गया “ मैंने उसे देखकर बहुत ही खुश हो गया था ऐसा लगा जैसे कोई बिछड़ा दोस्त मिल गया हो ..
“हा जाग गया , तेरे कारन मैं भी मर गया था , खैर ये बात करने का समय नहीं है , अभी तो मस्ती कर … वह क्या रांड है जो लिंग चूस रही है , भाई आज तो मजा ही आ गया ..”
“मादरचोद वो अम्मा है ..”
“वाह तब तो और भी मजा आएगा , अब मुझे मजे लुटने दे मैं तो चला “
अचानक से जैसे लौडू गायब हो गया , वो सभी महिलाये अपने ही धुन में डूबी हुई है , मैंने अपने हाथ पैर हिलाए और मैं खुश के साथ साथ अचम्ब्भित भी था , मुझे यकीं नही हो पा रहा था की मैं इतना स्वस्थ हु , अभी अम्मा का चहरा मेरे सामने आया , उन्होंने मेरे आँखों में देखा , वो मेरे उपर लेटी हुई थी , मेरे आँखों में देखते हुए ही उन्होंने मेरे लिंग को हाथो में लेकर सीधे अपने योनी द्वार में रगड़ दिया ..
हम दोनों ही उत्तेजना से मरे जा रहे थे , मेरे मन में नैतिकता का बोध तो था लेकिन अभी तो उत्तेजना ही हावी थी , उन्होंने मेरे लिंग को दिशा दिखाई और सीधे अपनी योनी में उसे प्रवेश करवा दिया …
“आह …” दोनों के ही मुह से एक साथ निकला , अभी भी हम एक दुसरे के आँखों में ही देख रहे थे , सभी महिलाये एक साथ चिल्लाने लगी , वो हु हु की आवाज निकाल रही थी ,
अम्मा भी मेरे लिंग में अपनी कमर घुमाने लगी थी और मुह उठा कर वो भी भेडियो की तरह हु हु की आवाज कर रही थी ..
लम्बी लम्बी हूऊऊउ की आवाज के साथ वो मेरे तेजी से मेरे लिंग पर कूद रही थी , कोई जोरो से ढोल बजा रहा था , शायद वो चमन ही था , सभी जोरो से ढोल की धुन में ही हु हु की आवाज कर रहे थे , अम्मा और भी जोरो मेरे उपर खुद रही थी , मजे और उत्तेजना से मेरा बुरा हाल हुआ पड़ा था , अचानक से मुझे लगा जैसे पत्थर से कोई करेंट निकल कर मेरे पुरे शरीर में छा रहा है , मैं कांपने लगा साथ ही वो करेंट अम्मा के शरीर में भी दौड़ने लगा था , वो भी मेरे साथ कापने लगी थी , सभी और जोरो से हु हु की आवाजे निकाल रहे थे , अम्मा भी और तेजी से कूदने लगी थी , अपनी कमर को वो पूरी ताकत से मेरे लिंग पर रगड कर मेरे लिंग को अंदर बाहर कर रही थी , वो करेंट मेरे और अम्मा के पुरे शरीर में फ़ैल रहा था और अचानक से ऐसा लगा जैसे मेरी पूरी शक्ति उस करेंट के साथ सिमटते हुए मेरे लिंग में आ गई और दो तीन जोरदार धक्को के साथ वो वीर्य के साथ अम्मा के गर्भ में समां गई …
मुझे लगा जैसे मैं खुद ही उनकी योनी में समां गया हु , मेरी पूरी चेतना ही खो गई थी , मैं बेहोश सा हो गया , फिर से मेरे शरीर में कोई ताकत नही बची , मैं जाग जरुर रहा था लेकिन पूरी तरह से निर्जिब , वीर्य के साथ ही मेरा जीवन अम्मा के योनी के जरिये उनकी कोख में समा गया था … एक सेकण्ड में ही मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी पूरी ताकत फिर से योनी से निकल कर मेरे लिंग के जरिये मेरे पुरे शरीर में फ़ैल गई …
“आआआअ “ मैं चिल्ला उठा , एक अजीब सी उत्तेजना मेरे अंदर भर गई थी , जिसे मैं सम्हाल नहीं पा रहा था , मुझे लगा जैसे एक शक्ति का पूरा द्वार ही खुल गया हो और मेरे उपर छोड़ दिया गया हो , मैं अपने हाथ पैर पत्थर में पटक रहा था , और वो शक्ति अभी भी मेरे लिंग के जरिये मेरे पुरे शरीर में फ़ैल रही थी , वीर्य की धार छोड़ने पर जो मजा आता है वैसा ही मजा मुझे लगातार आ रहा था , मैं परेशान हो चूका था, लेकिन वो शक्ति मेरे अंदर प्रवेश कर ही रही थी ,मेरे एक एक मसल्स फडफडा रहे थे , जैसे उनमे कोई ताकत भरी जा रही हो , अम्मा का आँख और मुह खुला हुआ था वो असमान को देख रही थी जैसे वो बेसुध हो , वो बस एक तक असमान की ओर निहारे जा रही थी , कुछ सेकण्ड में ही मेरी हालत खराब हो चुकी थी और अचानक ये ख़त्म हो गया , अम्मा निढल होकर गिर गई , कुछ महिलाओ ने उन्हें सम्हाला , तब मुझे पता चला की नंग नाचने वाली महिलाओ के अलवा भी कुछ महिलाये आई हुई है जो दूर खड़ी थी अम्मा के गिरने के बाद उन्होंने तुरंत उन्हें उठा लिया …
अम्मा के जाते ही एक दूसरी महिला मेरे उपर चढ़ गई , उसने अपने कलाई का खून मेरे चहरे में डाला और अपनी नश को मेरे मुख पर रख दिया , मैंने अपने होठ खोले ..
“इसका खून चुसो “ चमन वहां से चिल्लाया
मैंने उसका खून चूसा और सभी फिर से हु हु चिल्लाने लगे , फिर से नंगाड़े बजने शुरू हो गए थे ..
मुझे यकीन नहीं हो पा रहा था की मेरा लिंग अभी भी इतना कड़ा है , वो भी अम्मा के जैसे मेरे लिंग पर कूद रही थी वो भी हु हु की आवाज निकाल रही थी , मैं फिर से मजे में खो रहा था , इस बार भी वैसा ही हुआ , पहले जब मेरा वीर्य उसकी योनी में गया तो मैं पूरी तरह से निढल हो गया और फिर एक उर्जा वापस से लिंग के जरिये मेरे शरीर में प्रवेश करने लगी , मैं वैसे ही कांपने लगा लेकिन इस बार मुझे इसका कुछ मजा आने लगा था ,थोड़ी आदत सी हो गई थी और उर्जा के वापस आने पर मैं खुद को और भी ताकतवर महसूस करता … और उर्जा पूरी तरह से मेरे अंदर आने के बाद वो महिला बेसुध होकर गिर पड़ी और दूसरी महिलाये उसे उठा कर वंहा से ले जाती …
ये सिलसिला पुरे 10 बार चला , गुंजन भाभी और कामिनी भाभी ने भी यही किया सभी बेसुध होकर गिर गई , लेकिन हर बार मैं खुद को और भी ताकतवर महसूस कर रहा था …
आखिरी महिला के गिरने के बाद मैं खुद से खड़ा हो गया , मेरा पूरा शरीर खून से भीगा हुआ था , लेकिन मैं पहले से कई ज्यादा ताकतवर महसूस कर रहा था , मैंने अपने मसल्स को देखा , अपने शरीर को छूने लगा , मुझे विस्वास ही नहीं हो पा रहा था , मैं जीवन में कभी जिम नहीं गया था लेकिन मेरे मसल्स इतने मजबूत लग रहे थे जैसे मैं कोई प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर हु , सारे घाव के निशान मिट चुके थे और शरीर में गजब की फुर्ती का आभास हो रहा था , मैंने अपने लिंग को अपने हाथो से छुवा वो बिलकुल ताजा मोटे केले की तरह दिखाई पड़ रहा था , उपर की ओर थोडा कर्व लिए हुए बिलकुल कड़ा और उन्नत …
मैंने एक नजर उन सभी महिलाओ को देखा जिनके साथ मैंने सम्भोग किया था , वो सभी बेसुध पड़ी थी ,उनके लिए मेरे मन में एक सम्मान और आदर का भाव आया , उनके लिए प्रेम उमड़ पड़ा , इनके कारन मैं स्वस्थ हुआ था , और स्वस्थ कहना भी गलत था और पहले से कही ज्यादा बेहतर और ताकतवर था , मेरे रगों में रक्त ऐसे फुदक रहा था की मैं अभी कोई पहाड़ तोड़ दू , आदर और सम्मान से मेरा सर झुका मैं उन महिलाओ के सामने दंडवत हो गया , मैंने लेट कर उन्हें प्रणाम किया ..
चमन ने मेरे पास आकर मुझे उठाया , मैं उनके चरणों में भी गिर पड़ा , लेकिन उन्होंने मुझे सम्हला , मेरे आँखों में कृतज्ञता के आंसू थे .. उसने उसे अपने हाथो से पोंछा
“सही कहा था डॉ ने की तुम इस शक्ति के असली हक़दार हो , कोई और होता तो उसके अंदर ताकत का अभिमान आ जाता , कभी कृतज्ञता का भाव उसके अंदर नहीं उमड़ता , लेकिन तुम्हारे अंदर ये भाव उमड़ा , सच में शक्ति सही या गलत नहीं होती व्यक्ति के कर्म मायने रखते है …. तुम बहुत आगे जाओगे , तुम इस गांव का ही नहीं बल्कि बहुत लोगो का कल्याण करने वाले होगे ,मुझे पूरा यकीन है की इस शक्ति का तुम सही प्रयोग करोगे , भले ही ये शैतानी शक्ति हो …”
मैंने हां में सर हिलाया ..
“अब इन सभी को झील में ले जाकर डुबाओ जिससे इनको होश आ जाये , इन्होने अपना जीवन तुम्हारे नाम कर दिया , अब तुम जब चाहो जितना चाहो इन्हें भोग सकते हो , ये सभी तुम्हारी गुलाम की तरह होंगी , “
मैंने आश्चर्य से चमन की ओर देखा
‘मैं जानता हु की तुम इन्हें अपने भोग की वस्तु नहीं बनाओगे लेकिन अगर तुम इन्हें भोगोगे तो इन्हें भी परम सुख मिलेगा , अब जाओ और इन्हें झील में स्नान करवाओ “
मैं उनके पास गया और एक साथ दो महिलाओ को मैंने एक एक हाथ में उठा लिया , मेरे अंदर सच में गजब की ताकत आ गई थी , मैं उन्हें एक एक करके झील के अंदर छोड़ता गया पानी पड़ने से सभी होश में आने लगी और खुद को मल मल कर खून को धोने लगी , चमन ने फिर से नंगाडा बजाना शुरू कर दिया था , और भी जो महिलाये वंहा आई थी वो चुप चाप एक कोने में बैठी हुई तमाशा देख रही थी और झील के अंदर सभी महिलाये झूम रही थी वो मेरे ही शरीर को घुर रही थी , सभी निर्वस्त्र थी और पानी में अटखेलिया कर रही थी , वो वंहा मस्ती करने लगी थी , सभी बिलकुल ठीक लग रही थी , अब मैं भी उनके साथ पानी में आया , सभी मुझसे लिपटने लगी , वो मेरे अलग अलग जगहों को चूम रही थी , सामने अम्मा भी मुस्कुराते हुए देख रही थी …
“आप सभी का मैं जीवन भर आभारी रहूँगा “
मैंने सभी के सामने हाथ जोड़ लिए
“अरे कुवर जी हम तो अब आपकी दासी है , और हम आभारी है की आपने हमें अपनी दासी के रूप में सेवा का मौका दिया “
कामिनी भाभी अपने स्तन मेरे सीने में रगड़ने लगी , मैंने उनको बालो से पकड़ा और उनके चहरे को अपने पास लाकर उनके मुह में अपना मुह घुसा दिया , तभी कोई पाने के अंदर डूबकर मेरे लिंग को अपने मुह में ले चूका था , मस्ती फिर से मेरे शरीर में छाने लगी थी , मैं कामिनी भाभी के होठो को चूस रहा था वही एक हाथ से उस महिला के सर को पकड कर अपने लिंग में जोरो से दबा रहा था , बाकि की महिलाओ के हिस्से में मेरे शरीर का जो भी हिस्सा आया वो उसे ही चूमने में लगी थी , ,, रात पूरी तरह से अँधेरी थी , और नंगाड़े की आवाज दूर दूर तक फ़ैल रही थी , छोटी सी आग जरुर जल रही थी जिससे यंहा थोड़ी रौशनी फैली हुई थी …
लेकिन अचानक हमारे उपर टार्च की लाईट मारी गई …
वो झील के उस पार से मारी जा रही थी , मैं गुस्से में उस ओर मुड़ा तो मुझे कोई 10 लोग वंहा दिखे ..
“मादरचोद वंहा क्या हो रहा है “ कोई वंहा से बोला और बंदूख तान कर खड़ा हो गया , मेरे रक्त का प्रवाह जैसे तेज हो गया मैं सभी को छोडकर उस ओर बढ़ गया ,मेरी रफ़्तार बहुत तेज हो गई थी
“अबे इतनी ओरते वो भी नंगी , कही चुडैल तो नहीं “
“क्या पता चुड़ैल है या चुदैल हा हा हा “
एक आदमी बोला तभी मैं उनके सामने जा कर खड़ा हो गया , सभी ने टार्च की लाइट मेरे उपर कर दी …
“मादरचोद ये तो वही …” उनमे से एक बोला लेकिन उसके बोलने से पहले ही मैं फुर्ती से घुमा और सीधे उसके गले में एक लकड़ी का टुकड़ा घुसा दिया , वो सभी हडबडा गए और उन्होंने बन्दुक की नोक मेरे उपर तान दी एक न गोली चलाई लेकिन मैंने बंदूख की नोक पकड़ कर दूसरी ओर कर दिया , मैंने एक ही झटके में उससे बंदूख छीन ली थी और उल्टे उसके उपर तान कर गोलिया चला दी , उनके अंदर बुरी तरह से हडबडाहट फ़ैल गई थी वो बेतहाशा गोलिया चलाने लगे थे लेकिन मैं हर बार बच जाता , एक एक करके मैं उन्हें मारने लगा था ,तभी मेरे सामने बस एक आदमी बचा था . वो मुझे देख कर काँप रहा था लेकिन अपने हाथो में बंदूख को बड़े जोरो से जकड़ा हुआ मेरे ओर ही ताने था …
“आगे मत आना वरना गोली मार दूंगा “
वो डर से काँप रहा था , मैंने टार्च से उठने वाली रौशनी में उसका चहरा देखा …
“तू ही है ना जिसने मेरे पेट में वो सरिया घुसाया था …”
मैं उसे पहचान गया था ..
“तू… तुम .. तुम ठीक कैसे वो गए “ उसकी आवाज अभी भी काँप रही थी ,
“मादरचोद आज तो तू गया .. मैं उसके उपर झपटा , उसने लगातार गोलिया चलाई लेकिन बचते हुए मैंने उसके हाथो को पकड लिया और मरोड़कर सीधा उसका हाथ ही तोड़ दिया …
“बचाओ ..” वो बुरी तरह से चिल्लाया
मैंने दोनों हाथो से उसके मुह को पकड लिया ,एक हाथ से मैंने उसके निचे के जबड़े को पकड़ा और दुसरे से उपर के जबड़े को , मैंने जोर लगाया , वो दर्द से छटपटाने लगा , लेकिन मैंने और जोर लगाया , उसका मुह बाजुओ से फटने लगा था , मुह से खून की धार बहने लगी , और पूरी ताकत लगा ली और उसके मुह को दो हिस्सों में चिर दिया …
मैं उसके खून से सन चूका था …
मैंने चारो ओर देखा , मैं ऐसा खुनी खेल खेल चूका था , मैंने जानवरों की तरह उन लोगो को मारा था … सामने चमन अभी भी नगाड़ा बजा रहा था , दया जैसे मेरे अंदर से गायब थी , मैंने खुद को देखा , सच में मैं एक शैतान बन चूका था , लेकिन जैसा डॉ ने कहा था की शक्ति अच्छी या बुरी नहीं होती ..
मुझे इस शक्ति से लोगो की भलाई करनी थी ………..

Pta nhi dr kya kya karvayega
 

Jivu

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dhnyawad bhai :)
bhai kahaniya kalpna aur satya ghatnao ka mix hi hoti hai , janha jaisi jarurat pade upyog kar lo ...
aur likhne ke liye bahut mehnat nahi karni padti , bas shabdkosh badha lo thoda aur bhawnao ko likhna sikho ki kaise likhte hai bas ho jata hai kaam ... aur iske liye bas ek chij kani padti hai wo hai padho ,,,
jitna padhoge utna alag alag chije pata chalti hai , dimag me kai ideas aate rahte hai ...
maine ved prakash sharma aur surendra mohan pathak ki bahut sari upnnyas padhi hai , inke alawa bhi kai bade aur achche lekhako ko main padhta hu , to unse kuch na kuchh sikhne milta rhata hai ..
is forum me aap HalfbludPrince aur nain11ster ko padho , dono mere favorite writer hai aur inse bahut kuchh kuchh sikhne ko milta hai ..
Han bhai ek story pdh rha tha uski kahani merko achi lgi najayaz krke us writer ki ek hi kahani hai o writer bhi aapka hi reader hai I think aap sayad o story padhe honge
 

Ek number

Well-Known Member
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अध्याय 16
शाम का वक्त था जब डॉ अपने एक साथी के साथ मेरे कमरे में आये ,
वो मुझसे अकेले में मिलना चाहते थे , उनके हाथो में कुछ सामान थे जो की मेडिकल रिपोर्ट लग रहे थे ..
“निशांत तुम जानना चाहते थे ना की तुम्हारे साथ क्या हुआ है ..?”
मैंने हां में सर हिलाया ..
उन्होंने सभी रिपोर्ट्स को एक एक कर मुझे दिखाया ..
“तुम्हे लोहे की रॉड से मारा गया था जिससे तुम्हारी कई हड्डिया टूट गई थी , और गोलीयो तुम्हारे वाइटल ऑर्गन को डेमेज कर दिया था , लेकिन सबसे ज्यादा नुक्सान उस गर्म सरिये से हुआ जिसे तुम्हारे पेट में घुसाया गया था , वो सीधे तुम्हारे स्पाइन को डेमेज करते हुए बाहर निकली थी जिससे कई नर्व डेमेज हो गए … तुम जिन्दा हो वो ही एक चमत्कार है ,लेकिन जो अभी तुम्हारी हालत है , दुनिया का कोई भी डॉ तुम्हे अपने पैरो में खड़ा नहीं कर सकता , तुम हमेशा हु ही रहोगे , ना कभी चल पाओगे ना कभी अपने शरीर को हिला पाओगे ,,,वो शैतानी ताकत ही थी जिसके कारन आज तुम जिन्दा बच गए और वही है जो तुम्हे फिर से तुम्हारी पुरानी जिंदगी दे सकता है , जो कोई नहीं कर सकता वो ये कर सकते है …”
उन्होंने अपने साथ आये एक आदमी की ओर इशारा किया …
“इनसे मिलो ये है चमन चुतिया , आत्याचारी लंड नामक संस्था के फाउनडर है “
मैंने उस आदमी को अजीब निगाहों से देखा , एक अजीब सा इंसान था , बड़े बड़े बाल और बड़ी बड़ी दाढ़ी लिए वो इंसान कोई 40-45 वर्ष का होगा , पुरे बाल बिखरे हुए और हलके घुंघराले थे , उसके कपडे मटमैले थे किसी जादूगर जैसा अजीब सी शेरवानी पहन रखी थी , बहुत सारी मानिक की मालाये डाल कर रखी थी , और सबसे अजीब तो उसका और उसके संगठन का नाम था , साला ऐसा नाम कौन रखता है , लेकिन जब डॉ का नाम चुतिया हो सकता है तो इसका नाम चमन चुतिया क्यों नहीं हो सकता …
“आप के साथ रहने वाले लोग इतने अजीब क्यों होते है “
मैंने डॉ से कहा
“बेटा ये अजीब से लोग ही तुझे तेरे पैर में खड़े करने वाले है , तो इनसे थोड़ी इज्जत से बात करो … ये कोई आम इन्सान नहीं है एक बहुत बड़े जादूगर है और जादू टोना एक्सपर्ट है , और शैतानी ताकतों को सम्हालने और उसके इस्तमाल में इसने कालाकंडी युनिवर्सिटी से पीएचडी की हुई है , समझा “
“अब ये युनिवर्सिटी कहा है ???”
“बच्चे यंहा आम पढाई नहीं होती , ना ही आम लोग वंहा पढने जाते है , तुम ये सब छोडो और अब मेरी बात सुनो ..” वो आदमी पहली बार बोला था अब वो मेरे पास आ गया
मैंने हां में सर हिलाया , उसने बोलना शुरू किया
“एक ही ताकत तुम्हे बचा सकती है जो तुम्हारे अंदर है , लेकिन इस हादसे से वो सो चुकी है , उसे फिर से जगाना होगा , आज अमावस की रात है , आज शैतानी ताकते अपने सबसे ज्यादा प्रभाव में होती है , लेकिन इसे जगाने के लिए कई जतन करने होंगे, साथ ही कई महिलाओ का साथ चाहिये होगा , यंहा की कई ओरते साथ देने को तैयार है , क्योकि वो तुम्हे बहुत चाहती है, हमने उनमे से 10 कोई चुन लिया है , लेकिन सबसे जरुरी ये है की तुम इसकी इजाजत दो “
“आखिर मेरे इजाजत देने से क्या होगा ??”
“तुम्हारे अंदर जो ताकत आएगी वो कोई आम ताकत नहीं है , शैतान की शक्ति का एक अंश जो तुम्हारे पहले से था , तुमने उसकी शक्ति का आभास किया है , लेकिन अब जो होगा वो उससे कई गुना ज्यादा ताकतवर होगा , तुम उसे काबू नहीं कर पाओगे , और तुम्हे ये जिंदगी शैतान के नाम करनी होगी , उसका कहा मानना होगा , हा इसके बदले तुम्हे इतनी अदम्य शक्तिया मिलेगी जिसके कोई इंसान सपने ही देख सकता है …”
मैं गंभीर सोच में पड़ गया … अपने पास शैतानी शक्तियों को रखना मतलब खुद का और दूसरो का भी बुरा करना था , लेकिन मेरी जो हालत थी वैसे जीना भी तो मुमकिन नहीं था ..
“मैं नहीं चाहता की मेरे कारण किसी का बुरा हो , ऐसे भी मैंने कई लोगो का बुरा कर दिया है , अब और नहीं …”
“तो क्या जीवन भर तुम ऐसे ही बिस्तर में पड़े रहना चाहते हो …”
चमन ने गुस्से में कहा
मैं चुप हो गया … तभी डॉ ने कहा
“निशांत किसी का बुरा या अच्छा करना तो तुम्हारे हाथो में है , शक्ति का स्वरुप हमेशा से ही उदासीन रहा है , उसके ऊपर किये कर्म बताते है की वो अच्छा है या बुरा ,कोई भी शक्ति अच्छी या बुरी नहीं होती , अच्छे या बुरे तो केवल कर्म ही होते है , और लोगो की प्रकृति होती है की वो आदतन ही अच्छे या बुरे कर्म करते है , तुम्हारे पास पहले भी शैतानी शक्ति रह चुकी है लेकिन तुमने अपने प्रकृति की अनुरूप इसका उपयोग किया ,कभी इसी पर जबरदस्ती नहीं की , तुम चाहते तो पुरे गांव की स्त्रियों को अपने काबू में कर सकते थे लेकिन तुमने ऐसा नहीं किया , ये तुम्हारा प्रकृति दर्शाता है , और इसीलिए उस शक्ति ने तुम्हे चुना था, इस गांव का भाग्य भी तुम्हारे हाथो में ही है , अगर तुम ये काम नहीं करोगे तो शायद इस काम के लिए तो वो पत्थर कही दुसरे को ना चुन ले , जिसकी प्रकृति दुष्ट हो और फिर वो क्या आतंक मचाएगा वो तुम सोच सकते हो , और ये मत बुलो की तुम्हारी अम्मा और अन्नू भी इसी गांव में रहते है अगर पथ्थर ने फिर से किसी दुसरे को चुन लिया तो वो सबसे पहले इस गांव की सबसे प्रभावशाली महिला को अपने कब्जे में करेगा , तुम इस हालत में बैठे हुए अपनी घर को सिर्फ लुटते हुए देख पाओगे …. क्या तुम यही चाहते हो …”
डॉ ने जो कहा था उससे मैं पूरी तरह से हिल गया था और सोचने में मजबूर हो गया था …
मैं इस शक्ति के प्रभाव को समझता था ये शक्ति अगर किसी बुरे व्यक्ति के हाथ में पड़े तो वो तबाही मचा सकता था , मुझे ये करना पड़ेगा …. मैंने अपना मन मजबूत किया ..
“ठीक है डॉ मैं तैयार हु …”
“बहुत बढ़िया , चमन तयारी शुरू करो “
चमन मेरे ओर देखा उसका चहरा खिला हुआ था ..
“बहुत बढ़िया निशांत , तुमने सही फैसला किया , अब तुम भी एक अत्याचारी लंड बन जाओगे … तो बोलो होउस द जोश …”
“क्या …” मैंने आश्चर्य से उसे देखा
“कुछ नही बस तुम इस रात के बाद से मेरे संगठन के सदस्यों में से एक हो जाओगे , तो खुश हो ना …”
डॉ ने उसके कंधे पर हाथ रखा
“भाई चम्मन चूतिये , तुम अपना काम करो ना यार क्यों बच्चे को डरा रहे हो “
वो ख़ुशी ख़ुशी वंहा से चला गया ..
“ठीक है कुवर अब हम कल ही मिलेंगे , एक चीज याद रखना की तुम्हे फिर से अच्छा करने के लिए गांव की कई स्त्रियाँ अपना जीवन और अपना योवन समर्पित करने को तैयार है , ठीक होने के बाद उनका ख्याल रखना , उनके अहसानों को भूल मत जाना …“
डॉ भी वंहा से चले गए थे ……….

रात हो चुकी थी लगभग 11 बजने वाले थे , मुझे एक गाडी से ले जाने का पूरा बंदोबस्त हो चूका था , साथ ही और भी कई गाड़िया तैयार थी , मुझे गाडी में बिठाया गया , मेरे साथ ना अन्नू थी ना ही अम्मा , मेरे बाजु में चमन बैठा था , वो आंखे मूंदे कुछ मंत्र जप रहा था ..
कुछ देर में हम उस जगह पर पहुच चुके थे , कुछ लोग मुझे झील के किनारे ले कर गए , वहा मुझे उठाकर उसी पत्थर पर रख दिया गया था , झील का कलरव मेरे कानो में गूंज रहा था , उन्होंने मुझे निर्वस्त्र कर दिया , चमन के अलावा सभी मर्द वंहा से चले गए थे ..
“आधी रात होने पर हमे शैतान का आह्वाहन शरू करना है ..” चमन मेरे कानो में बोला और कुछ इशारा किया
“तुम्हे शांत रहना होगा .. और जो हो खुद को समर्पित कर देना है , अपना दिमाग लगाना बंद कर दो , खुद को ढीला छोड़ दो ..” उसने मेरे कानो में कहा ..
मैं भी चुप चाप अपने को ढीला छोड़कर वंहा लेटा रहा ..
कुछ देर बाद ही पायलो की झंकार हुई , मैंने देखा की वंहा कई स्त्रिया इकट्ठी हुई है , वो सभी झील की ओर जाने लगी , मेरे पास ही आग जलाई गई थी , सभी स्त्रियाँ निर्वस्त्र थी और वो झील में जाकर डुबकी मारने लगी …
थोड़े देर बाद सभी मेरे चारो ओर आकर खड़े हो गए , एक नजर मैंने सभी को देखा , कई पहचान के चहरे थे , गुंजन भाभी और कामिनी भाभी भी उसमे खड़े थे , सभी गिले थे , ढोल बजने की आवाज शुरू हो गई , सभी बाल बिखरा कर नाचने लगे , मैंने ऐसा नृत्य पहले भी सपने में देखा था , लेकिन इस बार वो मेर चारो ओर नाच रहे थे , तभी सबके बीच से महिला सामने आई उन्हें देख कर मेरे रोंगटे ही खड़े हो गए , उन्हें हाथो में एक बड़ा सा चाकू था और वो कोई और नहीं बल्कि मेरी अम्मा थी ..
हम दोनों की नजरे मिली लेकिन उनके आँखों में कोई भाव ना था , चमन लगातार मन्र पढ़कर आग में आहुति दे रहा था , स्त्रियाँ मेरे चारो ओर नाच रही थी , अम्मा पूरी तरह से निर्वस्त्र थी वो मेरे चहरे के पास आई और अपनी हथेली काट कर मेरे चेहरे के कुछ उपर रख दिया , रक्त बहने लगा था जो सीधे मेरे चहरे पर पड़ रहा था …
मेरा चहरा उनके खून से सन रहा था , वो अपने हथेली को मेरे चहरे से लेकर पैरो तक ले गई , उनका रक्त मेरे नग्न शरीर को भिगोने लगा , वो एक जगह रुकी , और मेरे शरीर में अचानक से जैसे संवेदना का संचार हो गया , मेरे निर्जीव शरीर का हर अंग जैसे जीवित हो गया था , मुझे अपने पुरे शरीर का भान होने लगा , लेकिन जिस जगह अम्मा अभी खून की धार टपका रही थी उसका आभास पाते ही मैं चुह्क उठा ..
“आह …” मेरे मुह से निकला ..
अम्मा मेरे लिंग पर खून से मालिस कर रही थी और उन्होंने झुककर अपने मुह से मेरे लिंग को भर लिया ..
इतने सालो के बाद मैंने अपने शरीर को महसूस किया था वो भी ऐसे , मेरा लिंग तनने लगा , मैं आश्चर्य से भर गया था ये सच में एक चमत्कार था , अम्मा के नाजुक मुख चोदन से मैं उत्तेजना के शिखर तक पहुचने लगा , सभी दूसरी महिलाये भी मेरे आस पास आने लगी , सभी के हाथो में चाकू थे सभी ने अपनी कलाई काटी और मेरे शरीर में रक्त गिराने लगी , वो सभी कुल 10 महिलाये थी जिनके रक्त से मेरा पूरा शरीर नहाने लगा , , वो अपने हाथो को मेरे शरीर में चलाने लगी , उन सभी की आँखे बंद होने लगी थी , सभी अपने ही मस्ती में आ रही थी , सभी मुझे यत्र तत्र छू रही थी और अपने खून को मेरे शरीर में फ़ैलाने लगी …
वो मस्ती में आकर मेरे शरीर के विभिन्न हिस्सों को चूमने चाटने लगी थी ,मुझे हर एक जीभ की संवेदना महसूस हो रही थी , एक अलग सा खुमार मेरे शरीर में चढ़ने लगा था …सभी महिलाये मुझपर बुरी तरह से टूट पड़ी थी , मेरे शरीर में संवेदनाये तो वापस आ गई लेकिन मैं अभी भी अपने शरीर को नहीं हिला पा रहा था , थोड़ी ही देर बाद मुझे चमन दिखाई दिया , उसके हाथो में एक बड़ा सा प्याला था , उसने उसे मेरे मुह में लगा दिया ,
“ये इन सभी स्त्रियों का पेशाब है , इसे पि लो “
मैं अपनी ही मस्ती में खोया था , मुझे कुछ सूझ नही रहा था , एक तो शरीर पर इतनी स्त्रियों का स्पर्श और मेरे लिंग में अभी भी अम्मा मुह चलना , मैं बुरी तरह से कांपने लगा , मजे और उत्तेजना में मैं बेहाल हो रहा था लेकिन मेरा शरीर बिलकुल भी हिल नहीं पा रहा था , उसी स्तिथि में मैंने वो प्याला पि लिया , मुझे उसके स्वाद का जरा भी आभास नहीं हुआ , लेकिन जैसे ही वो मेरे गले से उतरा , शरीर में एक अजीब सी ताकत का संचार मैंने महसूस किया , मेरी आँखे बंद होने लगी …. और अचानक से खुली …
“आह … साला मजा आ गया , कितने देर से सोया था मैं ???? वाह क्या माहोल है , मुझे इतनी ताकत कैसे महसूस हो रही है , तुम तो शैतानी साधना कर रहे हो , मजा ही आ गया , सही किया तुमने पाट्नर “
मेरे अंदर से एक आवज आई ,
“लौडू तू .. तू जाग गया “ मैंने उसे देखकर बहुत ही खुश हो गया था ऐसा लगा जैसे कोई बिछड़ा दोस्त मिल गया हो ..
“हा जाग गया , तेरे कारन मैं भी मर गया था , खैर ये बात करने का समय नहीं है , अभी तो मस्ती कर … वह क्या रांड है जो लिंग चूस रही है , भाई आज तो मजा ही आ गया ..”
“मादरचोद वो अम्मा है ..”
“वाह तब तो और भी मजा आएगा , अब मुझे मजे लुटने दे मैं तो चला “
अचानक से जैसे लौडू गायब हो गया , वो सभी महिलाये अपने ही धुन में डूबी हुई है , मैंने अपने हाथ पैर हिलाए और मैं खुश के साथ साथ अचम्ब्भित भी था , मुझे यकीं नही हो पा रहा था की मैं इतना स्वस्थ हु , अभी अम्मा का चहरा मेरे सामने आया , उन्होंने मेरे आँखों में देखा , वो मेरे उपर लेटी हुई थी , मेरे आँखों में देखते हुए ही उन्होंने मेरे लिंग को हाथो में लेकर सीधे अपने योनी द्वार में रगड़ दिया ..
हम दोनों ही उत्तेजना से मरे जा रहे थे , मेरे मन में नैतिकता का बोध तो था लेकिन अभी तो उत्तेजना ही हावी थी , उन्होंने मेरे लिंग को दिशा दिखाई और सीधे अपनी योनी में उसे प्रवेश करवा दिया …
“आह …” दोनों के ही मुह से एक साथ निकला , अभी भी हम एक दुसरे के आँखों में ही देख रहे थे , सभी महिलाये एक साथ चिल्लाने लगी , वो हु हु की आवाज निकाल रही थी ,
अम्मा भी मेरे लिंग में अपनी कमर घुमाने लगी थी और मुह उठा कर वो भी भेडियो की तरह हु हु की आवाज कर रही थी ..
लम्बी लम्बी हूऊऊउ की आवाज के साथ वो मेरे तेजी से मेरे लिंग पर कूद रही थी , कोई जोरो से ढोल बजा रहा था , शायद वो चमन ही था , सभी जोरो से ढोल की धुन में ही हु हु की आवाज कर रहे थे , अम्मा और भी जोरो मेरे उपर खुद रही थी , मजे और उत्तेजना से मेरा बुरा हाल हुआ पड़ा था , अचानक से मुझे लगा जैसे पत्थर से कोई करेंट निकल कर मेरे पुरे शरीर में छा रहा है , मैं कांपने लगा साथ ही वो करेंट अम्मा के शरीर में भी दौड़ने लगा था , वो भी मेरे साथ कापने लगी थी , सभी और जोरो से हु हु की आवाजे निकाल रहे थे , अम्मा भी और तेजी से कूदने लगी थी , अपनी कमर को वो पूरी ताकत से मेरे लिंग पर रगड कर मेरे लिंग को अंदर बाहर कर रही थी , वो करेंट मेरे और अम्मा के पुरे शरीर में फ़ैल रहा था और अचानक से ऐसा लगा जैसे मेरी पूरी शक्ति उस करेंट के साथ सिमटते हुए मेरे लिंग में आ गई और दो तीन जोरदार धक्को के साथ वो वीर्य के साथ अम्मा के गर्भ में समां गई …
मुझे लगा जैसे मैं खुद ही उनकी योनी में समां गया हु , मेरी पूरी चेतना ही खो गई थी , मैं बेहोश सा हो गया , फिर से मेरे शरीर में कोई ताकत नही बची , मैं जाग जरुर रहा था लेकिन पूरी तरह से निर्जिब , वीर्य के साथ ही मेरा जीवन अम्मा के योनी के जरिये उनकी कोख में समा गया था … एक सेकण्ड में ही मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी पूरी ताकत फिर से योनी से निकल कर मेरे लिंग के जरिये मेरे पुरे शरीर में फ़ैल गई …
“आआआअ “ मैं चिल्ला उठा , एक अजीब सी उत्तेजना मेरे अंदर भर गई थी , जिसे मैं सम्हाल नहीं पा रहा था , मुझे लगा जैसे एक शक्ति का पूरा द्वार ही खुल गया हो और मेरे उपर छोड़ दिया गया हो , मैं अपने हाथ पैर पत्थर में पटक रहा था , और वो शक्ति अभी भी मेरे लिंग के जरिये मेरे पुरे शरीर में फ़ैल रही थी , वीर्य की धार छोड़ने पर जो मजा आता है वैसा ही मजा मुझे लगातार आ रहा था , मैं परेशान हो चूका था, लेकिन वो शक्ति मेरे अंदर प्रवेश कर ही रही थी ,मेरे एक एक मसल्स फडफडा रहे थे , जैसे उनमे कोई ताकत भरी जा रही हो , अम्मा का आँख और मुह खुला हुआ था वो असमान को देख रही थी जैसे वो बेसुध हो , वो बस एक तक असमान की ओर निहारे जा रही थी , कुछ सेकण्ड में ही मेरी हालत खराब हो चुकी थी और अचानक ये ख़त्म हो गया , अम्मा निढल होकर गिर गई , कुछ महिलाओ ने उन्हें सम्हाला , तब मुझे पता चला की नंग नाचने वाली महिलाओ के अलवा भी कुछ महिलाये आई हुई है जो दूर खड़ी थी अम्मा के गिरने के बाद उन्होंने तुरंत उन्हें उठा लिया …
अम्मा के जाते ही एक दूसरी महिला मेरे उपर चढ़ गई , उसने अपने कलाई का खून मेरे चहरे में डाला और अपनी नश को मेरे मुख पर रख दिया , मैंने अपने होठ खोले ..
“इसका खून चुसो “ चमन वहां से चिल्लाया
मैंने उसका खून चूसा और सभी फिर से हु हु चिल्लाने लगे , फिर से नंगाड़े बजने शुरू हो गए थे ..
मुझे यकीन नहीं हो पा रहा था की मेरा लिंग अभी भी इतना कड़ा है , वो भी अम्मा के जैसे मेरे लिंग पर कूद रही थी वो भी हु हु की आवाज निकाल रही थी , मैं फिर से मजे में खो रहा था , इस बार भी वैसा ही हुआ , पहले जब मेरा वीर्य उसकी योनी में गया तो मैं पूरी तरह से निढल हो गया और फिर एक उर्जा वापस से लिंग के जरिये मेरे शरीर में प्रवेश करने लगी , मैं वैसे ही कांपने लगा लेकिन इस बार मुझे इसका कुछ मजा आने लगा था ,थोड़ी आदत सी हो गई थी और उर्जा के वापस आने पर मैं खुद को और भी ताकतवर महसूस करता … और उर्जा पूरी तरह से मेरे अंदर आने के बाद वो महिला बेसुध होकर गिर पड़ी और दूसरी महिलाये उसे उठा कर वंहा से ले जाती …
ये सिलसिला पुरे 10 बार चला , गुंजन भाभी और कामिनी भाभी ने भी यही किया सभी बेसुध होकर गिर गई , लेकिन हर बार मैं खुद को और भी ताकतवर महसूस कर रहा था …
आखिरी महिला के गिरने के बाद मैं खुद से खड़ा हो गया , मेरा पूरा शरीर खून से भीगा हुआ था , लेकिन मैं पहले से कई ज्यादा ताकतवर महसूस कर रहा था , मैंने अपने मसल्स को देखा , अपने शरीर को छूने लगा , मुझे विस्वास ही नहीं हो पा रहा था , मैं जीवन में कभी जिम नहीं गया था लेकिन मेरे मसल्स इतने मजबूत लग रहे थे जैसे मैं कोई प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर हु , सारे घाव के निशान मिट चुके थे और शरीर में गजब की फुर्ती का आभास हो रहा था , मैंने अपने लिंग को अपने हाथो से छुवा वो बिलकुल ताजा मोटे केले की तरह दिखाई पड़ रहा था , उपर की ओर थोडा कर्व लिए हुए बिलकुल कड़ा और उन्नत …
मैंने एक नजर उन सभी महिलाओ को देखा जिनके साथ मैंने सम्भोग किया था , वो सभी बेसुध पड़ी थी ,उनके लिए मेरे मन में एक सम्मान और आदर का भाव आया , उनके लिए प्रेम उमड़ पड़ा , इनके कारन मैं स्वस्थ हुआ था , और स्वस्थ कहना भी गलत था और पहले से कही ज्यादा बेहतर और ताकतवर था , मेरे रगों में रक्त ऐसे फुदक रहा था की मैं अभी कोई पहाड़ तोड़ दू , आदर और सम्मान से मेरा सर झुका मैं उन महिलाओ के सामने दंडवत हो गया , मैंने लेट कर उन्हें प्रणाम किया ..
चमन ने मेरे पास आकर मुझे उठाया , मैं उनके चरणों में भी गिर पड़ा , लेकिन उन्होंने मुझे सम्हला , मेरे आँखों में कृतज्ञता के आंसू थे .. उसने उसे अपने हाथो से पोंछा
“सही कहा था डॉ ने की तुम इस शक्ति के असली हक़दार हो , कोई और होता तो उसके अंदर ताकत का अभिमान आ जाता , कभी कृतज्ञता का भाव उसके अंदर नहीं उमड़ता , लेकिन तुम्हारे अंदर ये भाव उमड़ा , सच में शक्ति सही या गलत नहीं होती व्यक्ति के कर्म मायने रखते है …. तुम बहुत आगे जाओगे , तुम इस गांव का ही नहीं बल्कि बहुत लोगो का कल्याण करने वाले होगे ,मुझे पूरा यकीन है की इस शक्ति का तुम सही प्रयोग करोगे , भले ही ये शैतानी शक्ति हो …”
मैंने हां में सर हिलाया ..
“अब इन सभी को झील में ले जाकर डुबाओ जिससे इनको होश आ जाये , इन्होने अपना जीवन तुम्हारे नाम कर दिया , अब तुम जब चाहो जितना चाहो इन्हें भोग सकते हो , ये सभी तुम्हारी गुलाम की तरह होंगी , “
मैंने आश्चर्य से चमन की ओर देखा
‘मैं जानता हु की तुम इन्हें अपने भोग की वस्तु नहीं बनाओगे लेकिन अगर तुम इन्हें भोगोगे तो इन्हें भी परम सुख मिलेगा , अब जाओ और इन्हें झील में स्नान करवाओ “
मैं उनके पास गया और एक साथ दो महिलाओ को मैंने एक एक हाथ में उठा लिया , मेरे अंदर सच में गजब की ताकत आ गई थी , मैं उन्हें एक एक करके झील के अंदर छोड़ता गया पानी पड़ने से सभी होश में आने लगी और खुद को मल मल कर खून को धोने लगी , चमन ने फिर से नंगाडा बजाना शुरू कर दिया था , और भी जो महिलाये वंहा आई थी वो चुप चाप एक कोने में बैठी हुई तमाशा देख रही थी और झील के अंदर सभी महिलाये झूम रही थी वो मेरे ही शरीर को घुर रही थी , सभी निर्वस्त्र थी और पानी में अटखेलिया कर रही थी , वो वंहा मस्ती करने लगी थी , सभी बिलकुल ठीक लग रही थी , अब मैं भी उनके साथ पानी में आया , सभी मुझसे लिपटने लगी , वो मेरे अलग अलग जगहों को चूम रही थी , सामने अम्मा भी मुस्कुराते हुए देख रही थी …
“आप सभी का मैं जीवन भर आभारी रहूँगा “
मैंने सभी के सामने हाथ जोड़ लिए
“अरे कुवर जी हम तो अब आपकी दासी है , और हम आभारी है की आपने हमें अपनी दासी के रूप में सेवा का मौका दिया “
कामिनी भाभी अपने स्तन मेरे सीने में रगड़ने लगी , मैंने उनको बालो से पकड़ा और उनके चहरे को अपने पास लाकर उनके मुह में अपना मुह घुसा दिया , तभी कोई पाने के अंदर डूबकर मेरे लिंग को अपने मुह में ले चूका था , मस्ती फिर से मेरे शरीर में छाने लगी थी , मैं कामिनी भाभी के होठो को चूस रहा था वही एक हाथ से उस महिला के सर को पकड कर अपने लिंग में जोरो से दबा रहा था , बाकि की महिलाओ के हिस्से में मेरे शरीर का जो भी हिस्सा आया वो उसे ही चूमने में लगी थी , ,, रात पूरी तरह से अँधेरी थी , और नंगाड़े की आवाज दूर दूर तक फ़ैल रही थी , छोटी सी आग जरुर जल रही थी जिससे यंहा थोड़ी रौशनी फैली हुई थी …
लेकिन अचानक हमारे उपर टार्च की लाईट मारी गई …
वो झील के उस पार से मारी जा रही थी , मैं गुस्से में उस ओर मुड़ा तो मुझे कोई 10 लोग वंहा दिखे ..
“मादरचोद वंहा क्या हो रहा है “ कोई वंहा से बोला और बंदूख तान कर खड़ा हो गया , मेरे रक्त का प्रवाह जैसे तेज हो गया मैं सभी को छोडकर उस ओर बढ़ गया ,मेरी रफ़्तार बहुत तेज हो गई थी
“अबे इतनी ओरते वो भी नंगी , कही चुडैल तो नहीं “
“क्या पता चुड़ैल है या चुदैल हा हा हा “
एक आदमी बोला तभी मैं उनके सामने जा कर खड़ा हो गया , सभी ने टार्च की लाइट मेरे उपर कर दी …
“मादरचोद ये तो वही …” उनमे से एक बोला लेकिन उसके बोलने से पहले ही मैं फुर्ती से घुमा और सीधे उसके गले में एक लकड़ी का टुकड़ा घुसा दिया , वो सभी हडबडा गए और उन्होंने बन्दुक की नोक मेरे उपर तान दी एक न गोली चलाई लेकिन मैंने बंदूख की नोक पकड़ कर दूसरी ओर कर दिया , मैंने एक ही झटके में उससे बंदूख छीन ली थी और उल्टे उसके उपर तान कर गोलिया चला दी , उनके अंदर बुरी तरह से हडबडाहट फ़ैल गई थी वो बेतहाशा गोलिया चलाने लगे थे लेकिन मैं हर बार बच जाता , एक एक करके मैं उन्हें मारने लगा था ,तभी मेरे सामने बस एक आदमी बचा था . वो मुझे देख कर काँप रहा था लेकिन अपने हाथो में बंदूख को बड़े जोरो से जकड़ा हुआ मेरे ओर ही ताने था …
“आगे मत आना वरना गोली मार दूंगा “
वो डर से काँप रहा था , मैंने टार्च से उठने वाली रौशनी में उसका चहरा देखा …
“तू ही है ना जिसने मेरे पेट में वो सरिया घुसाया था …”
मैं उसे पहचान गया था ..
“तू… तुम .. तुम ठीक कैसे वो गए “ उसकी आवाज अभी भी काँप रही थी ,
“मादरचोद आज तो तू गया .. मैं उसके उपर झपटा , उसने लगातार गोलिया चलाई लेकिन बचते हुए मैंने उसके हाथो को पकड लिया और मरोड़कर सीधा उसका हाथ ही तोड़ दिया …
“बचाओ ..” वो बुरी तरह से चिल्लाया
मैंने दोनों हाथो से उसके मुह को पकड लिया ,एक हाथ से मैंने उसके निचे के जबड़े को पकड़ा और दुसरे से उपर के जबड़े को , मैंने जोर लगाया , वो दर्द से छटपटाने लगा , लेकिन मैंने और जोर लगाया , उसका मुह बाजुओ से फटने लगा था , मुह से खून की धार बहने लगी , और पूरी ताकत लगा ली और उसके मुह को दो हिस्सों में चिर दिया …
मैं उसके खून से सन चूका था …
मैंने चारो ओर देखा , मैं ऐसा खुनी खेल खेल चूका था , मैंने जानवरों की तरह उन लोगो को मारा था … सामने चमन अभी भी नगाड़ा बजा रहा था , दया जैसे मेरे अंदर से गायब थी , मैंने खुद को देखा , सच में मैं एक शैतान बन चूका था , लेकिन जैसा डॉ ने कहा था की शक्ति अच्छी या बुरी नहीं होती ..
मुझे इस शक्ति से लोगो की भलाई करनी थी ………..
Behtreen update
 

Jivu

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अध्याय 16
शाम का वक्त था जब डॉ अपने एक साथी के साथ मेरे कमरे में आये ,
वो मुझसे अकेले में मिलना चाहते थे , उनके हाथो में कुछ सामान थे जो की मेडिकल रिपोर्ट लग रहे थे ..
“निशांत तुम जानना चाहते थे ना की तुम्हारे साथ क्या हुआ है ..?”
मैंने हां में सर हिलाया ..
उन्होंने सभी रिपोर्ट्स को एक एक कर मुझे दिखाया ..
“तुम्हे लोहे की रॉड से मारा गया था जिससे तुम्हारी कई हड्डिया टूट गई थी , और गोलीयो तुम्हारे वाइटल ऑर्गन को डेमेज कर दिया था , लेकिन सबसे ज्यादा नुक्सान उस गर्म सरिये से हुआ जिसे तुम्हारे पेट में घुसाया गया था , वो सीधे तुम्हारे स्पाइन को डेमेज करते हुए बाहर निकली थी जिससे कई नर्व डेमेज हो गए … तुम जिन्दा हो वो ही एक चमत्कार है ,लेकिन जो अभी तुम्हारी हालत है , दुनिया का कोई भी डॉ तुम्हे अपने पैरो में खड़ा नहीं कर सकता , तुम हमेशा हु ही रहोगे , ना कभी चल पाओगे ना कभी अपने शरीर को हिला पाओगे ,,,वो शैतानी ताकत ही थी जिसके कारन आज तुम जिन्दा बच गए और वही है जो तुम्हे फिर से तुम्हारी पुरानी जिंदगी दे सकता है , जो कोई नहीं कर सकता वो ये कर सकते है …”
उन्होंने अपने साथ आये एक आदमी की ओर इशारा किया …
“इनसे मिलो ये है चमन चुतिया , आत्याचारी लंड नामक संस्था के फाउनडर है “
मैंने उस आदमी को अजीब निगाहों से देखा , एक अजीब सा इंसान था , बड़े बड़े बाल और बड़ी बड़ी दाढ़ी लिए वो इंसान कोई 40-45 वर्ष का होगा , पुरे बाल बिखरे हुए और हलके घुंघराले थे , उसके कपडे मटमैले थे किसी जादूगर जैसा अजीब सी शेरवानी पहन रखी थी , बहुत सारी मानिक की मालाये डाल कर रखी थी , और सबसे अजीब तो उसका और उसके संगठन का नाम था , साला ऐसा नाम कौन रखता है , लेकिन जब डॉ का नाम चुतिया हो सकता है तो इसका नाम चमन चुतिया क्यों नहीं हो सकता …
“आप के साथ रहने वाले लोग इतने अजीब क्यों होते है “
मैंने डॉ से कहा
“बेटा ये अजीब से लोग ही तुझे तेरे पैर में खड़े करने वाले है , तो इनसे थोड़ी इज्जत से बात करो … ये कोई आम इन्सान नहीं है एक बहुत बड़े जादूगर है और जादू टोना एक्सपर्ट है , और शैतानी ताकतों को सम्हालने और उसके इस्तमाल में इसने कालाकंडी युनिवर्सिटी से पीएचडी की हुई है , समझा “
“अब ये युनिवर्सिटी कहा है ???”
“बच्चे यंहा आम पढाई नहीं होती , ना ही आम लोग वंहा पढने जाते है , तुम ये सब छोडो और अब मेरी बात सुनो ..” वो आदमी पहली बार बोला था अब वो मेरे पास आ गया
मैंने हां में सर हिलाया , उसने बोलना शुरू किया
“एक ही ताकत तुम्हे बचा सकती है जो तुम्हारे अंदर है , लेकिन इस हादसे से वो सो चुकी है , उसे फिर से जगाना होगा , आज अमावस की रात है , आज शैतानी ताकते अपने सबसे ज्यादा प्रभाव में होती है , लेकिन इसे जगाने के लिए कई जतन करने होंगे, साथ ही कई महिलाओ का साथ चाहिये होगा , यंहा की कई ओरते साथ देने को तैयार है , क्योकि वो तुम्हे बहुत चाहती है, हमने उनमे से 10 कोई चुन लिया है , लेकिन सबसे जरुरी ये है की तुम इसकी इजाजत दो “
“आखिर मेरे इजाजत देने से क्या होगा ??”
“तुम्हारे अंदर जो ताकत आएगी वो कोई आम ताकत नहीं है , शैतान की शक्ति का एक अंश जो तुम्हारे पहले से था , तुमने उसकी शक्ति का आभास किया है , लेकिन अब जो होगा वो उससे कई गुना ज्यादा ताकतवर होगा , तुम उसे काबू नहीं कर पाओगे , और तुम्हे ये जिंदगी शैतान के नाम करनी होगी , उसका कहा मानना होगा , हा इसके बदले तुम्हे इतनी अदम्य शक्तिया मिलेगी जिसके कोई इंसान सपने ही देख सकता है …”
मैं गंभीर सोच में पड़ गया … अपने पास शैतानी शक्तियों को रखना मतलब खुद का और दूसरो का भी बुरा करना था , लेकिन मेरी जो हालत थी वैसे जीना भी तो मुमकिन नहीं था ..
“मैं नहीं चाहता की मेरे कारण किसी का बुरा हो , ऐसे भी मैंने कई लोगो का बुरा कर दिया है , अब और नहीं …”
“तो क्या जीवन भर तुम ऐसे ही बिस्तर में पड़े रहना चाहते हो …”
चमन ने गुस्से में कहा
मैं चुप हो गया … तभी डॉ ने कहा
“निशांत किसी का बुरा या अच्छा करना तो तुम्हारे हाथो में है , शक्ति का स्वरुप हमेशा से ही उदासीन रहा है , उसके ऊपर किये कर्म बताते है की वो अच्छा है या बुरा ,कोई भी शक्ति अच्छी या बुरी नहीं होती , अच्छे या बुरे तो केवल कर्म ही होते है , और लोगो की प्रकृति होती है की वो आदतन ही अच्छे या बुरे कर्म करते है , तुम्हारे पास पहले भी शैतानी शक्ति रह चुकी है लेकिन तुमने अपने प्रकृति की अनुरूप इसका उपयोग किया ,कभी इसी पर जबरदस्ती नहीं की , तुम चाहते तो पुरे गांव की स्त्रियों को अपने काबू में कर सकते थे लेकिन तुमने ऐसा नहीं किया , ये तुम्हारा प्रकृति दर्शाता है , और इसीलिए उस शक्ति ने तुम्हे चुना था, इस गांव का भाग्य भी तुम्हारे हाथो में ही है , अगर तुम ये काम नहीं करोगे तो शायद इस काम के लिए तो वो पत्थर कही दुसरे को ना चुन ले , जिसकी प्रकृति दुष्ट हो और फिर वो क्या आतंक मचाएगा वो तुम सोच सकते हो , और ये मत बुलो की तुम्हारी अम्मा और अन्नू भी इसी गांव में रहते है अगर पथ्थर ने फिर से किसी दुसरे को चुन लिया तो वो सबसे पहले इस गांव की सबसे प्रभावशाली महिला को अपने कब्जे में करेगा , तुम इस हालत में बैठे हुए अपनी घर को सिर्फ लुटते हुए देख पाओगे …. क्या तुम यही चाहते हो …”
डॉ ने जो कहा था उससे मैं पूरी तरह से हिल गया था और सोचने में मजबूर हो गया था …
मैं इस शक्ति के प्रभाव को समझता था ये शक्ति अगर किसी बुरे व्यक्ति के हाथ में पड़े तो वो तबाही मचा सकता था , मुझे ये करना पड़ेगा …. मैंने अपना मन मजबूत किया ..
“ठीक है डॉ मैं तैयार हु …”
“बहुत बढ़िया , चमन तयारी शुरू करो “
चमन मेरे ओर देखा उसका चहरा खिला हुआ था ..
“बहुत बढ़िया निशांत , तुमने सही फैसला किया , अब तुम भी एक अत्याचारी लंड बन जाओगे … तो बोलो होउस द जोश …”
“क्या …” मैंने आश्चर्य से उसे देखा
“कुछ नही बस तुम इस रात के बाद से मेरे संगठन के सदस्यों में से एक हो जाओगे , तो खुश हो ना …”
डॉ ने उसके कंधे पर हाथ रखा
“भाई चम्मन चूतिये , तुम अपना काम करो ना यार क्यों बच्चे को डरा रहे हो “
वो ख़ुशी ख़ुशी वंहा से चला गया ..
“ठीक है कुवर अब हम कल ही मिलेंगे , एक चीज याद रखना की तुम्हे फिर से अच्छा करने के लिए गांव की कई स्त्रियाँ अपना जीवन और अपना योवन समर्पित करने को तैयार है , ठीक होने के बाद उनका ख्याल रखना , उनके अहसानों को भूल मत जाना …“
डॉ भी वंहा से चले गए थे ……….

रात हो चुकी थी लगभग 11 बजने वाले थे , मुझे एक गाडी से ले जाने का पूरा बंदोबस्त हो चूका था , साथ ही और भी कई गाड़िया तैयार थी , मुझे गाडी में बिठाया गया , मेरे साथ ना अन्नू थी ना ही अम्मा , मेरे बाजु में चमन बैठा था , वो आंखे मूंदे कुछ मंत्र जप रहा था ..
कुछ देर में हम उस जगह पर पहुच चुके थे , कुछ लोग मुझे झील के किनारे ले कर गए , वहा मुझे उठाकर उसी पत्थर पर रख दिया गया था , झील का कलरव मेरे कानो में गूंज रहा था , उन्होंने मुझे निर्वस्त्र कर दिया , चमन के अलावा सभी मर्द वंहा से चले गए थे ..
“आधी रात होने पर हमे शैतान का आह्वाहन शरू करना है ..” चमन मेरे कानो में बोला और कुछ इशारा किया
“तुम्हे शांत रहना होगा .. और जो हो खुद को समर्पित कर देना है , अपना दिमाग लगाना बंद कर दो , खुद को ढीला छोड़ दो ..” उसने मेरे कानो में कहा ..
मैं भी चुप चाप अपने को ढीला छोड़कर वंहा लेटा रहा ..
कुछ देर बाद ही पायलो की झंकार हुई , मैंने देखा की वंहा कई स्त्रिया इकट्ठी हुई है , वो सभी झील की ओर जाने लगी , मेरे पास ही आग जलाई गई थी , सभी स्त्रियाँ निर्वस्त्र थी और वो झील में जाकर डुबकी मारने लगी …
थोड़े देर बाद सभी मेरे चारो ओर आकर खड़े हो गए , एक नजर मैंने सभी को देखा , कई पहचान के चहरे थे , गुंजन भाभी और कामिनी भाभी भी उसमे खड़े थे , सभी गिले थे , ढोल बजने की आवाज शुरू हो गई , सभी बाल बिखरा कर नाचने लगे , मैंने ऐसा नृत्य पहले भी सपने में देखा था , लेकिन इस बार वो मेर चारो ओर नाच रहे थे , तभी सबके बीच से महिला सामने आई उन्हें देख कर मेरे रोंगटे ही खड़े हो गए , उन्हें हाथो में एक बड़ा सा चाकू था और वो कोई और नहीं बल्कि मेरी अम्मा थी ..
हम दोनों की नजरे मिली लेकिन उनके आँखों में कोई भाव ना था , चमन लगातार मन्र पढ़कर आग में आहुति दे रहा था , स्त्रियाँ मेरे चारो ओर नाच रही थी , अम्मा पूरी तरह से निर्वस्त्र थी वो मेरे चहरे के पास आई और अपनी हथेली काट कर मेरे चेहरे के कुछ उपर रख दिया , रक्त बहने लगा था जो सीधे मेरे चहरे पर पड़ रहा था …
मेरा चहरा उनके खून से सन रहा था , वो अपने हथेली को मेरे चहरे से लेकर पैरो तक ले गई , उनका रक्त मेरे नग्न शरीर को भिगोने लगा , वो एक जगह रुकी , और मेरे शरीर में अचानक से जैसे संवेदना का संचार हो गया , मेरे निर्जीव शरीर का हर अंग जैसे जीवित हो गया था , मुझे अपने पुरे शरीर का भान होने लगा , लेकिन जिस जगह अम्मा अभी खून की धार टपका रही थी उसका आभास पाते ही मैं चुह्क उठा ..
“आह …” मेरे मुह से निकला ..
अम्मा मेरे लिंग पर खून से मालिस कर रही थी और उन्होंने झुककर अपने मुह से मेरे लिंग को भर लिया ..
इतने सालो के बाद मैंने अपने शरीर को महसूस किया था वो भी ऐसे , मेरा लिंग तनने लगा , मैं आश्चर्य से भर गया था ये सच में एक चमत्कार था , अम्मा के नाजुक मुख चोदन से मैं उत्तेजना के शिखर तक पहुचने लगा , सभी दूसरी महिलाये भी मेरे आस पास आने लगी , सभी के हाथो में चाकू थे सभी ने अपनी कलाई काटी और मेरे शरीर में रक्त गिराने लगी , वो सभी कुल 10 महिलाये थी जिनके रक्त से मेरा पूरा शरीर नहाने लगा , , वो अपने हाथो को मेरे शरीर में चलाने लगी , उन सभी की आँखे बंद होने लगी थी , सभी अपने ही मस्ती में आ रही थी , सभी मुझे यत्र तत्र छू रही थी और अपने खून को मेरे शरीर में फ़ैलाने लगी …
वो मस्ती में आकर मेरे शरीर के विभिन्न हिस्सों को चूमने चाटने लगी थी ,मुझे हर एक जीभ की संवेदना महसूस हो रही थी , एक अलग सा खुमार मेरे शरीर में चढ़ने लगा था …सभी महिलाये मुझपर बुरी तरह से टूट पड़ी थी , मेरे शरीर में संवेदनाये तो वापस आ गई लेकिन मैं अभी भी अपने शरीर को नहीं हिला पा रहा था , थोड़ी ही देर बाद मुझे चमन दिखाई दिया , उसके हाथो में एक बड़ा सा प्याला था , उसने उसे मेरे मुह में लगा दिया ,
“ये इन सभी स्त्रियों का पेशाब है , इसे पि लो “
मैं अपनी ही मस्ती में खोया था , मुझे कुछ सूझ नही रहा था , एक तो शरीर पर इतनी स्त्रियों का स्पर्श और मेरे लिंग में अभी भी अम्मा मुह चलना , मैं बुरी तरह से कांपने लगा , मजे और उत्तेजना में मैं बेहाल हो रहा था लेकिन मेरा शरीर बिलकुल भी हिल नहीं पा रहा था , उसी स्तिथि में मैंने वो प्याला पि लिया , मुझे उसके स्वाद का जरा भी आभास नहीं हुआ , लेकिन जैसे ही वो मेरे गले से उतरा , शरीर में एक अजीब सी ताकत का संचार मैंने महसूस किया , मेरी आँखे बंद होने लगी …. और अचानक से खुली …
“आह … साला मजा आ गया , कितने देर से सोया था मैं ???? वाह क्या माहोल है , मुझे इतनी ताकत कैसे महसूस हो रही है , तुम तो शैतानी साधना कर रहे हो , मजा ही आ गया , सही किया तुमने पाट्नर “
मेरे अंदर से एक आवज आई ,
“लौडू तू .. तू जाग गया “ मैंने उसे देखकर बहुत ही खुश हो गया था ऐसा लगा जैसे कोई बिछड़ा दोस्त मिल गया हो ..
“हा जाग गया , तेरे कारन मैं भी मर गया था , खैर ये बात करने का समय नहीं है , अभी तो मस्ती कर … वह क्या रांड है जो लिंग चूस रही है , भाई आज तो मजा ही आ गया ..”
“मादरचोद वो अम्मा है ..”
“वाह तब तो और भी मजा आएगा , अब मुझे मजे लुटने दे मैं तो चला “
अचानक से जैसे लौडू गायब हो गया , वो सभी महिलाये अपने ही धुन में डूबी हुई है , मैंने अपने हाथ पैर हिलाए और मैं खुश के साथ साथ अचम्ब्भित भी था , मुझे यकीं नही हो पा रहा था की मैं इतना स्वस्थ हु , अभी अम्मा का चहरा मेरे सामने आया , उन्होंने मेरे आँखों में देखा , वो मेरे उपर लेटी हुई थी , मेरे आँखों में देखते हुए ही उन्होंने मेरे लिंग को हाथो में लेकर सीधे अपने योनी द्वार में रगड़ दिया ..
हम दोनों ही उत्तेजना से मरे जा रहे थे , मेरे मन में नैतिकता का बोध तो था लेकिन अभी तो उत्तेजना ही हावी थी , उन्होंने मेरे लिंग को दिशा दिखाई और सीधे अपनी योनी में उसे प्रवेश करवा दिया …
“आह …” दोनों के ही मुह से एक साथ निकला , अभी भी हम एक दुसरे के आँखों में ही देख रहे थे , सभी महिलाये एक साथ चिल्लाने लगी , वो हु हु की आवाज निकाल रही थी ,
अम्मा भी मेरे लिंग में अपनी कमर घुमाने लगी थी और मुह उठा कर वो भी भेडियो की तरह हु हु की आवाज कर रही थी ..
लम्बी लम्बी हूऊऊउ की आवाज के साथ वो मेरे तेजी से मेरे लिंग पर कूद रही थी , कोई जोरो से ढोल बजा रहा था , शायद वो चमन ही था , सभी जोरो से ढोल की धुन में ही हु हु की आवाज कर रहे थे , अम्मा और भी जोरो मेरे उपर खुद रही थी , मजे और उत्तेजना से मेरा बुरा हाल हुआ पड़ा था , अचानक से मुझे लगा जैसे पत्थर से कोई करेंट निकल कर मेरे पुरे शरीर में छा रहा है , मैं कांपने लगा साथ ही वो करेंट अम्मा के शरीर में भी दौड़ने लगा था , वो भी मेरे साथ कापने लगी थी , सभी और जोरो से हु हु की आवाजे निकाल रहे थे , अम्मा भी और तेजी से कूदने लगी थी , अपनी कमर को वो पूरी ताकत से मेरे लिंग पर रगड कर मेरे लिंग को अंदर बाहर कर रही थी , वो करेंट मेरे और अम्मा के पुरे शरीर में फ़ैल रहा था और अचानक से ऐसा लगा जैसे मेरी पूरी शक्ति उस करेंट के साथ सिमटते हुए मेरे लिंग में आ गई और दो तीन जोरदार धक्को के साथ वो वीर्य के साथ अम्मा के गर्भ में समां गई …
मुझे लगा जैसे मैं खुद ही उनकी योनी में समां गया हु , मेरी पूरी चेतना ही खो गई थी , मैं बेहोश सा हो गया , फिर से मेरे शरीर में कोई ताकत नही बची , मैं जाग जरुर रहा था लेकिन पूरी तरह से निर्जिब , वीर्य के साथ ही मेरा जीवन अम्मा के योनी के जरिये उनकी कोख में समा गया था … एक सेकण्ड में ही मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी पूरी ताकत फिर से योनी से निकल कर मेरे लिंग के जरिये मेरे पुरे शरीर में फ़ैल गई …
“आआआअ “ मैं चिल्ला उठा , एक अजीब सी उत्तेजना मेरे अंदर भर गई थी , जिसे मैं सम्हाल नहीं पा रहा था , मुझे लगा जैसे एक शक्ति का पूरा द्वार ही खुल गया हो और मेरे उपर छोड़ दिया गया हो , मैं अपने हाथ पैर पत्थर में पटक रहा था , और वो शक्ति अभी भी मेरे लिंग के जरिये मेरे पुरे शरीर में फ़ैल रही थी , वीर्य की धार छोड़ने पर जो मजा आता है वैसा ही मजा मुझे लगातार आ रहा था , मैं परेशान हो चूका था, लेकिन वो शक्ति मेरे अंदर प्रवेश कर ही रही थी ,मेरे एक एक मसल्स फडफडा रहे थे , जैसे उनमे कोई ताकत भरी जा रही हो , अम्मा का आँख और मुह खुला हुआ था वो असमान को देख रही थी जैसे वो बेसुध हो , वो बस एक तक असमान की ओर निहारे जा रही थी , कुछ सेकण्ड में ही मेरी हालत खराब हो चुकी थी और अचानक ये ख़त्म हो गया , अम्मा निढल होकर गिर गई , कुछ महिलाओ ने उन्हें सम्हाला , तब मुझे पता चला की नंग नाचने वाली महिलाओ के अलवा भी कुछ महिलाये आई हुई है जो दूर खड़ी थी अम्मा के गिरने के बाद उन्होंने तुरंत उन्हें उठा लिया …
अम्मा के जाते ही एक दूसरी महिला मेरे उपर चढ़ गई , उसने अपने कलाई का खून मेरे चहरे में डाला और अपनी नश को मेरे मुख पर रख दिया , मैंने अपने होठ खोले ..
“इसका खून चुसो “ चमन वहां से चिल्लाया
मैंने उसका खून चूसा और सभी फिर से हु हु चिल्लाने लगे , फिर से नंगाड़े बजने शुरू हो गए थे ..
मुझे यकीन नहीं हो पा रहा था की मेरा लिंग अभी भी इतना कड़ा है , वो भी अम्मा के जैसे मेरे लिंग पर कूद रही थी वो भी हु हु की आवाज निकाल रही थी , मैं फिर से मजे में खो रहा था , इस बार भी वैसा ही हुआ , पहले जब मेरा वीर्य उसकी योनी में गया तो मैं पूरी तरह से निढल हो गया और फिर एक उर्जा वापस से लिंग के जरिये मेरे शरीर में प्रवेश करने लगी , मैं वैसे ही कांपने लगा लेकिन इस बार मुझे इसका कुछ मजा आने लगा था ,थोड़ी आदत सी हो गई थी और उर्जा के वापस आने पर मैं खुद को और भी ताकतवर महसूस करता … और उर्जा पूरी तरह से मेरे अंदर आने के बाद वो महिला बेसुध होकर गिर पड़ी और दूसरी महिलाये उसे उठा कर वंहा से ले जाती …
ये सिलसिला पुरे 10 बार चला , गुंजन भाभी और कामिनी भाभी ने भी यही किया सभी बेसुध होकर गिर गई , लेकिन हर बार मैं खुद को और भी ताकतवर महसूस कर रहा था …
आखिरी महिला के गिरने के बाद मैं खुद से खड़ा हो गया , मेरा पूरा शरीर खून से भीगा हुआ था , लेकिन मैं पहले से कई ज्यादा ताकतवर महसूस कर रहा था , मैंने अपने मसल्स को देखा , अपने शरीर को छूने लगा , मुझे विस्वास ही नहीं हो पा रहा था , मैं जीवन में कभी जिम नहीं गया था लेकिन मेरे मसल्स इतने मजबूत लग रहे थे जैसे मैं कोई प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर हु , सारे घाव के निशान मिट चुके थे और शरीर में गजब की फुर्ती का आभास हो रहा था , मैंने अपने लिंग को अपने हाथो से छुवा वो बिलकुल ताजा मोटे केले की तरह दिखाई पड़ रहा था , उपर की ओर थोडा कर्व लिए हुए बिलकुल कड़ा और उन्नत …
मैंने एक नजर उन सभी महिलाओ को देखा जिनके साथ मैंने सम्भोग किया था , वो सभी बेसुध पड़ी थी ,उनके लिए मेरे मन में एक सम्मान और आदर का भाव आया , उनके लिए प्रेम उमड़ पड़ा , इनके कारन मैं स्वस्थ हुआ था , और स्वस्थ कहना भी गलत था और पहले से कही ज्यादा बेहतर और ताकतवर था , मेरे रगों में रक्त ऐसे फुदक रहा था की मैं अभी कोई पहाड़ तोड़ दू , आदर और सम्मान से मेरा सर झुका मैं उन महिलाओ के सामने दंडवत हो गया , मैंने लेट कर उन्हें प्रणाम किया ..
चमन ने मेरे पास आकर मुझे उठाया , मैं उनके चरणों में भी गिर पड़ा , लेकिन उन्होंने मुझे सम्हला , मेरे आँखों में कृतज्ञता के आंसू थे .. उसने उसे अपने हाथो से पोंछा
“सही कहा था डॉ ने की तुम इस शक्ति के असली हक़दार हो , कोई और होता तो उसके अंदर ताकत का अभिमान आ जाता , कभी कृतज्ञता का भाव उसके अंदर नहीं उमड़ता , लेकिन तुम्हारे अंदर ये भाव उमड़ा , सच में शक्ति सही या गलत नहीं होती व्यक्ति के कर्म मायने रखते है …. तुम बहुत आगे जाओगे , तुम इस गांव का ही नहीं बल्कि बहुत लोगो का कल्याण करने वाले होगे ,मुझे पूरा यकीन है की इस शक्ति का तुम सही प्रयोग करोगे , भले ही ये शैतानी शक्ति हो …”
मैंने हां में सर हिलाया ..
“अब इन सभी को झील में ले जाकर डुबाओ जिससे इनको होश आ जाये , इन्होने अपना जीवन तुम्हारे नाम कर दिया , अब तुम जब चाहो जितना चाहो इन्हें भोग सकते हो , ये सभी तुम्हारी गुलाम की तरह होंगी , “
मैंने आश्चर्य से चमन की ओर देखा
‘मैं जानता हु की तुम इन्हें अपने भोग की वस्तु नहीं बनाओगे लेकिन अगर तुम इन्हें भोगोगे तो इन्हें भी परम सुख मिलेगा , अब जाओ और इन्हें झील में स्नान करवाओ “
मैं उनके पास गया और एक साथ दो महिलाओ को मैंने एक एक हाथ में उठा लिया , मेरे अंदर सच में गजब की ताकत आ गई थी , मैं उन्हें एक एक करके झील के अंदर छोड़ता गया पानी पड़ने से सभी होश में आने लगी और खुद को मल मल कर खून को धोने लगी , चमन ने फिर से नंगाडा बजाना शुरू कर दिया था , और भी जो महिलाये वंहा आई थी वो चुप चाप एक कोने में बैठी हुई तमाशा देख रही थी और झील के अंदर सभी महिलाये झूम रही थी वो मेरे ही शरीर को घुर रही थी , सभी निर्वस्त्र थी और पानी में अटखेलिया कर रही थी , वो वंहा मस्ती करने लगी थी , सभी बिलकुल ठीक लग रही थी , अब मैं भी उनके साथ पानी में आया , सभी मुझसे लिपटने लगी , वो मेरे अलग अलग जगहों को चूम रही थी , सामने अम्मा भी मुस्कुराते हुए देख रही थी …
“आप सभी का मैं जीवन भर आभारी रहूँगा “
मैंने सभी के सामने हाथ जोड़ लिए
“अरे कुवर जी हम तो अब आपकी दासी है , और हम आभारी है की आपने हमें अपनी दासी के रूप में सेवा का मौका दिया “
कामिनी भाभी अपने स्तन मेरे सीने में रगड़ने लगी , मैंने उनको बालो से पकड़ा और उनके चहरे को अपने पास लाकर उनके मुह में अपना मुह घुसा दिया , तभी कोई पाने के अंदर डूबकर मेरे लिंग को अपने मुह में ले चूका था , मस्ती फिर से मेरे शरीर में छाने लगी थी , मैं कामिनी भाभी के होठो को चूस रहा था वही एक हाथ से उस महिला के सर को पकड कर अपने लिंग में जोरो से दबा रहा था , बाकि की महिलाओ के हिस्से में मेरे शरीर का जो भी हिस्सा आया वो उसे ही चूमने में लगी थी , ,, रात पूरी तरह से अँधेरी थी , और नंगाड़े की आवाज दूर दूर तक फ़ैल रही थी , छोटी सी आग जरुर जल रही थी जिससे यंहा थोड़ी रौशनी फैली हुई थी …
लेकिन अचानक हमारे उपर टार्च की लाईट मारी गई …
वो झील के उस पार से मारी जा रही थी , मैं गुस्से में उस ओर मुड़ा तो मुझे कोई 10 लोग वंहा दिखे ..
“मादरचोद वंहा क्या हो रहा है “ कोई वंहा से बोला और बंदूख तान कर खड़ा हो गया , मेरे रक्त का प्रवाह जैसे तेज हो गया मैं सभी को छोडकर उस ओर बढ़ गया ,मेरी रफ़्तार बहुत तेज हो गई थी
“अबे इतनी ओरते वो भी नंगी , कही चुडैल तो नहीं “
“क्या पता चुड़ैल है या चुदैल हा हा हा “
एक आदमी बोला तभी मैं उनके सामने जा कर खड़ा हो गया , सभी ने टार्च की लाइट मेरे उपर कर दी …
“मादरचोद ये तो वही …” उनमे से एक बोला लेकिन उसके बोलने से पहले ही मैं फुर्ती से घुमा और सीधे उसके गले में एक लकड़ी का टुकड़ा घुसा दिया , वो सभी हडबडा गए और उन्होंने बन्दुक की नोक मेरे उपर तान दी एक न गोली चलाई लेकिन मैंने बंदूख की नोक पकड़ कर दूसरी ओर कर दिया , मैंने एक ही झटके में उससे बंदूख छीन ली थी और उल्टे उसके उपर तान कर गोलिया चला दी , उनके अंदर बुरी तरह से हडबडाहट फ़ैल गई थी वो बेतहाशा गोलिया चलाने लगे थे लेकिन मैं हर बार बच जाता , एक एक करके मैं उन्हें मारने लगा था ,तभी मेरे सामने बस एक आदमी बचा था . वो मुझे देख कर काँप रहा था लेकिन अपने हाथो में बंदूख को बड़े जोरो से जकड़ा हुआ मेरे ओर ही ताने था …
“आगे मत आना वरना गोली मार दूंगा “
वो डर से काँप रहा था , मैंने टार्च से उठने वाली रौशनी में उसका चहरा देखा …
“तू ही है ना जिसने मेरे पेट में वो सरिया घुसाया था …”
मैं उसे पहचान गया था ..
“तू… तुम .. तुम ठीक कैसे वो गए “ उसकी आवाज अभी भी काँप रही थी ,
“मादरचोद आज तो तू गया .. मैं उसके उपर झपटा , उसने लगातार गोलिया चलाई लेकिन बचते हुए मैंने उसके हाथो को पकड लिया और मरोड़कर सीधा उसका हाथ ही तोड़ दिया …
“बचाओ ..” वो बुरी तरह से चिल्लाया
मैंने दोनों हाथो से उसके मुह को पकड लिया ,एक हाथ से मैंने उसके निचे के जबड़े को पकड़ा और दुसरे से उपर के जबड़े को , मैंने जोर लगाया , वो दर्द से छटपटाने लगा , लेकिन मैंने और जोर लगाया , उसका मुह बाजुओ से फटने लगा था , मुह से खून की धार बहने लगी , और पूरी ताकत लगा ली और उसके मुह को दो हिस्सों में चिर दिया …
मैं उसके खून से सन चूका था …
मैंने चारो ओर देखा , मैं ऐसा खुनी खेल खेल चूका था , मैंने जानवरों की तरह उन लोगो को मारा था … सामने चमन अभी भी नगाड़ा बजा रहा था , दया जैसे मेरे अंदर से गायब थी , मैंने खुद को देखा , सच में मैं एक शैतान बन चूका था , लेकिन जैसा डॉ ने कहा था की शक्ति अच्छी या बुरी नहीं होती ..
मुझे इस शक्ति से लोगो की भलाई करनी थी ………..
Kya hi mast kahani or o sanstha ka nam to bhai mja aagya or us tantrik ka name bhi wait for next update
 

Jivu

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डॉ चूतिया कभी कोई सीधा काम करे हो ही नहीं सकता यहाँ भी भोसड़ी वाले ने नंगी औरतें नचवा दी और हु हु कर के जैसे आर.डी बर्मन का संगीत था फिल्म शालीमार में वैसे माहौल कर दिया और अम्मा भी बेचारी चुदवा दी और बेचारे कुंवर जी उर्फ़ निशांत को मूत का कॉकटेल भी पिलवा दिया ये तो हद हो गयी :vhappy:

दो दो चूतिया डॉ हो गए एक दिमागी डॉ और दूसरा डॉ चुदाई का पी.अच्.डी :D
Aise hi nhi Dr shahab ko pyar se sab Dr chutiya bolte hai chahe ghee sidhi ungli se nikle ya na nikle inko ungli kya ye chamach bhi tedha kr ke nikalte hai
 

kamdev99008

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बस इतना ही लिख सकता हूँ कि.....
ऐसा अद्भुत चुतियापा केवल डा. साहब ही लिख सकते हैं
पहले तो सिर्फ दूसरों की बीवियों को चुदवाते थे... लेकिन जबसे इन्होने जादुई लकड़ी घोल के पी है.... किसी को भी नहीं छोड़ते :D
 
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