Nice updateअध्याय 18कोकु की सुन्दरता को मैं मोहित होकर देख रह था , अद्वितीय सुन्दरता जिसका बखान नहीं किया जा सकता , जिस्म संगमरमर की तरह तरासा हुआ , हर अंग जैसे संतुलित हो , कही कुछ कम नहीं तो कही कुछ ज्यादा नहीं चहरे की मासूमियत किसी 20 साल की नवयोवना की तरह ,
लेकिन उसके आँखों में आये आंसू ने मुझे उसके मानवीय संवेदनाओ का भी अहसास दिलाया ,
वो पास आकर मुझसे लिपट गई ,
“तुमने मुझे मुक्त करके मेरे सारे बंधन तोड़ दिए , मैं सदा तुम्हारी आभारी रहूंगी “
उसके चिपकते ही उसके सीने मेरे सीने से जा मिले थे , मेरा लिंग पूर्ण रूप से अकड चूका था वही मेरे अंदर बैठा लौडू को तो जैसे जन्नत ही मिल गई हो , वो ख़ुशी से नाचने लगा
“लेकिन मैंने तो उस जादूगर के शरीर को नहीं जलाया है , तुम आखिर आजाद कैसे हो गई “
वो मुस्कुराई
“वो तो केवल एक परीक्षा थी , सालो से हम मर्दों को ये प्रस्ताब देते आ रहे है , किसी न किसी तरह का प्रस्ताब जिसे करके वो मनचाही चीजे पा सकते है , कोई दौलत मांगता है , कोई ताकत तो कोई यौन सुख , लेकिन मुझे इस जादू से वही आजाद कर सकता था जो बस हमें आजाद करना चाहे और बदले में कुछ भी ना चाहे , इतने सालो में तुम वो पहले मर्द हो जिसके अंदर शैतान का अंश भी है और हमें आजाद करने के बदले कुछ नहीं चाहिए , “
“ओह लेकिन बाकि की लडकिया कहा गई “
“वो केवल मेरी परछाई थी , जो आजाद होते ही मुझमे समां गई “
“तो क्या अब तुम पूरी तरह से आजाद हो , तुम कौन हो और जो मर्द कुछ मांगते थे उनका क्या होता था ??”
“जो मर्द हमें आजाद करवाने के एवज में कुछ चाहते उन्हें हम मार देते थे इससे हमारी शक्तिया बढ़ जाती , लेकिन हम फिर भी इस झील में कैद ही रहते , हर मर्द को मारने के बाद मेरी एक परछाई और बन जाती थी “
“ओह आखिर तुम्हे कैद किसने किया था??”
“बढ़ी लम्बी कहानी है , इस पर कभी और बात करेंगे , अभी तो मैं इस अहसान के बदले तुम्हे कुछ देना चाहती हु “
वो मेरे मुह के पास अपने मुह को ले आई , और मेरे हाथो को पकड़ कर अपनी कमर में रख दिया , उसकी नंगी कमर में हाथ पड़ते ही मैं जैसे पिघल गया था , हम दोनों के होठ मिलने लगे और मैंने उसे उसी पत्थर में लिटा दिया , धीरे धीरे जिस्म की आग बढ़ रही ही और हम दोनों ही उस आग में जलने को तैयार हो चुके थे , मैंने अपने लिंग का प्रवेश उसकी योनी में करवा दिया , मुझे ऐसा लगा जैसे उसके योनी की दीवारों के नर्म मांस ने मेरे लिंग को पूरी तरह से जकड लिया हो , इतनी संतुष्टि मुझे कभी नहीं मीली थी , ये एक अजीब सा मजा था , हम दोनों ही उस मजे में खोने लगे …
पूरी रात हमने अलग अलग तरह से एक दुसरे का भोग किया , लेकिन मजे की बात ये थी की ना तो मैं थक रहा था ना ही वो , दोनों ही उसी जोश में थे , ना ही कोई स्खलन ही हो रहा था, लेकिन मजा और संतुष्टि गजब की थी , अभी भोर होने को आई थी …
“अब मुझे चलना होगा , मैं तुम्हे किस नाम से पुकारू “
‘निशांत … तुम चाहो तो मुझे कुवर बुला सकती हो “
वो मुस्कुराई
“फिर कब मिलोगी ..?”
मैंने उसके नाजुक हाथो को पकड लिया
“अगर तुम चाहो तो हर रात इसी जगह “ उसने बड़े ही प्यार से कहा
“मैं केवल 15 दिनों के लिए यंहा हु , उसके बाद मैं अपने घर चला जाऊंगा “
“तो इस 15 दिनों में मैं तुम्हे रोज जन्नत के सैर करवाउंगी ..”
उसने मुस्कुराते हुए मेरे होठो को चूम लिया
“और उसके बाद ..??”
“मिलूंगी , सिर्फ तुमसे मिलने आउंगी “
“अभी तुम कहा जाओगी ??”
“मुझे कुछ काम पुरे करने है कुवर , अब चलती हु भोर होने को है “
वो इतना कहकर मुझसे अलग हुई और खड़ी होकर अपनी आँखे बंद कर ली उसके शरीर में अपने आप एक साड़ी आ गई, वो वंहा से मुझे अलविदा कहकर निकल गई , कितनी हसीन रात थी ये ..
सुबह के समय मैं झील में नहाकर निकला था , तभी मुझे चमन आता हुआ दिखाई दिया
“तो पहली रात कैसे गुजरी , चुड़ैल दिखी की नहीं “
चमन की बात सुनकर मैं थोडा चौका
“तुम्हे पता था की वो आएगी “
उसने एक गहरी साँस ली
“हा शैतान की पूजा करने वाले कई लोगो को वो अपना शिकार बना चुकी है , तुम बच गए मतलब की तुमने उसे जीत लिया “
“तुम्हे पता था लेकिन तुमने मुझे कुछ नही बताया , अगर मैं भी उसका शिकार बन जाता तो “
उसकी बात सुनकर मैं गुस्से से भर गया था ..
“अरे इतनी फिक्र क्यों करते हो यार , मुझे तुम्हारी काबिलियत पर यकीं था, नहीं बताया इसीलिए तुम जिन्दा हो वरना तुम्हारे मन में भी कोई न कोई लालसा जाग जाती और वो तुम्हारा शिकार कर लेती , ये देखो “
उसने अपने साथ लाये एक थैले से एक मोटी सी पुस्तक निकाली , कुछ पन्ने पलटने पर एक खुबसूरत लड़की का चित्र दिखा …
“ये है बनराकस चुड़ैल … शैतानी जादूगर और तांत्रिक इसे सिद्ध किया करते थे , इनमे बहुत सी ताकते होती है , वैसे ही एक चुड़ैल को एक जादूगर ने यंहा सिद्ध करके कैद कर लिया था , लेकिन शायद नसीब ऐसी रही होगी की खुद मारा गया , और ये बेचारी यही कैद रही , ये चुड़ैले खासकर यौन सुख को पूरा करने , अपनी गृहणी या संगनी बनाने के काम में लायी जाती थी , ये तुम्हे ऐसा यौन सुख प्रदान कर सकती है जैसा दुनिया की कोई ओरत नहीं कर पायेगी , इन्हें सिद्ध करने के लिए पहले तो इनका दिल जितना होता है , ये अपना दिल उसी को देती है जो निस्वार्थ हो , उस चुड़ैल ने तुम्हे अपना दिल दे दिया है कुवर , अब बारी है उन्हें सिद्ध करने की , तुम्हे हर रात 15 रातो तक उसके साथ सम्भोग करना होगा , उससे वो सिद्ध हो जाएँगी और तुम्हारे इशारो पर काम करेंगी , इसीलिए मैंने तुम्हे यंहा 15 रातो तक रहने के लिए कहा था “
मैंने उस चमन चूतिये को घुर ,उसकी बात सुनकर मैं गुस्से से भर गया
“और इससे मुझे क्या मिलेगा , अरे मुझे पुरे गांव की महिलाओ के साथ सम्भोग करना है , मेरे खुद का प्यार घर पर मेरा इन्तजार कर रहा है और मैं एक चुड़ैल से यौन सुख लू “
“शांत रहो कुवर , उस चुडैल को सिद्ध करके तुम महिलाओ को वो सुख भी दे पाओगे जो उन्हें सामान्य सम्भोग से पुरे जीवन में कभी नहीं मिलता , उनके जीवन को भी धन्य कर दोगे… मेरी बात मानकर एक बार उस चुड़ैल को सिद्ध कर लो ,आखिर नई ताकते हासिल करने में बुराई ही क्या है ??”
मैंने हां में सर हिलाया लेकिन मेरा दिल कोकू के लिए दुःख रहा था , उसकी सुन्दरता क्या केवल भोग के लिए थी , ऐसी भी क्या बदकिस्मती है …… मैंने उसे आजाद करने की ठानी और मैंने चमन के हाथो से वो पुस्तक ले ली , मैं बनराकस चुड़ैल के बारे में हर चीज जानना चाहता था , ताकि मैं उसे इस कुचक्र से मुक्त कर सकू , मुझे उसे अपना गुलाम नहीं बनाना था , बल्कि मुझे उसे मुक्त करना था ………