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Adultery भाभियों का रहस्य

Studxyz

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डॉ चमन चूतिया पी.अच्.डी ने कुंवर उर्फ निशांत को किसी लफड़े में ना फसा दिया हो यहाँ तक की कोकु चुड़ैल दुत्कारने पर भी नहीं जा रही बल्कि चुदने को पूरी व्याकुल है देखो कहीं आगे चल कर कुंवर जी चूत के चक्कर में किसी गहरी चाल में ना फस जाये :D
 
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Chutiyadr

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डॉ चमन चूतिया पी.अच्.डी ने कुंवर उर्फ निशांत को किसी लफड़े में ना फसा दिया हो यहाँ तक की कोकु चुड़ैल दुत्कारने पर भी नहीं जा रही बल्कि चुदने को पूरी व्याकुल है देखो कहीं आगे चल कर कुंवर जी चूत के चक्कर में किसी गहरी चाल में ना फस जाये :D
Dhanyawad sandy bhai
 

parkas

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अध्याय 19
रात का वक्त था जब मुझे पायलो की आवाज सुने दी ,
मैं आराम से उस पत्थर पर बैठा हुआ था , यही सोच रहा था की मुझे आगे क्या करना है …
“कैसे हो मेरे सजन “
कोकू की मदहोश आवाज मेरे कानो में पड़ी “
“बस तुम्हारे बारे में ही सोच रहा था ..” मैंने मुस्कुराते हुए कहा
“ओह क्या सोच रहे थे ..??”
वो इठलाते हुए मेरे गोद में आकर बैठ गई , कोई देखे तो शायद यकीन ना कर पाए की ये कोई आम इन्सान नहीं बल्कि एक शक्तिशाली प्रजाति की चुड़ैल है ..
मैंने प्यार से उसके गालो में एक चुम्मन लिया , वो थोड़ी मचली और अपने शरीर को मेरे लिए सोपते हुए खुद को ढीला छोड़ दिया , मैंने उसकी कमर को सहलाते हुए उसके गालो में फिर से एक चुम्मन किया …
“मैं सोच रहा था की तुम कितनी प्यारी हो , लेकिन … “
“लेकिन क्या ..??”
“लेकिन फिर भी मैं तुमसे प्यार नहीं करता , हा मैं तुम्हे चाहता जरुर हु, तुम्हे पाने की एक तीव्र इक्छा मेरे अंदर है लेकिन … मैं किसी और से प्रेम करता हु “
मेरी बात सुनकर वो उठ कर खड़ी हो गई , वो मेरे सामने ही थी , अचानक से एक हवा आई और उसके बाल पूरी तरह से बिखर गए , उसकी आँखे एकटक मुझे ही देखे जा रही थी …
“मतलब मैं तुम्हारे लिए सिर्फ एक रंडी हु , जिसे तुम जब चाहोगे बस भोगोगे और उसके बाद … उसके बाद मैं तुम्हारी कुछ नहीं …”
मैं जानता था की ये होने वाला है, मैं ये भी जानता था की ये खतरनाक हो सकता है , लेकिन उसे आजाद करने का यही एक रास्ता मुझे मिला था की मैं उसे सच सच बता दू …
“नही ऐसी बात तो नहीं , लेकिन मैं तुमसे प्यार नहीं करता और यही सच है , मेरे दिल में तुम्हारे लिए सम्मान है लेकिन …”
“सम्मान …” वो जोरो से चिल्लाई , माहोल अजीब सा हो गया था , चारो ओर पत्ते उड़ने लगे थे, झील का पानी अचानक से शोर करने लगा था , हवाए तेज हो गई थी , कोकू की सफ़ेद आँखों में रक्त उतरने लगा था ..
“मेरे जिस्म को भोगने को तुम सम्मान कहते हो , तुम्हे बस मेरा जिस्म प्यारा है , मैं नहीं … तुम मुझे एक रखैल बना कर रखना चाहते हो , अपनी गुलाम .. जैसा मेरे साथ हमेशा से लोग करते आये है … तुम भी वैसे ही हो … हो ना … सभी पहले प्रेम का दिखावा करते है , 15 दिनों तक रोज सम्भोग करके मुझे अपनी गुलाम बना लेते है और उसके बाद उनकी असलियत सामने आती है ,.. तुम भी वैसे ही हो ..”
वो गुस्से से लाल हो रही थी लेकिन मेरे चहरे मे महज एक मुस्कान थी ..
“मैं सच में तुम्हारा सम्मान करता हु ,इसलिए और मैं तुम्हे गुलाम नहीं बनाना चाहता , बल्कि तुम्हे मुक्त करना चाहता हु ,जिससे तुम फिर से किसी दुष्ट के प्रेम में ना पड़ जाओ , मैं चाहता हु की तुम मेरे भी प्रेम में ना पड़ो …”
मेरी बात का जैसे उसपर कोई असर नहीं हुआ , हवाए बहुत तेज हो गई थी , वो हवा में उठने लगी , चारो ओर एक बवंडर सा उठने लगा था , झील का शांत पानी हिलोरे मारता हुआ बड़ी बड़ी लहरे बना रहा था , पत्तिया और धुल बवंडर की चपेट में आकर मेरे गोल गोल घूम रहे थे …
“तुमने मुझे धोखा दिया , मुझे फ़साने की कोशिस की …”
उसकी बात सुनकर मेरा दिमाग ख़राब हो गया …
“साला ये तुम लडकियों की प्रोब्लम क्या है , अगर तुमसे झूठ बोलकर प्यार का दिखावा करो तो तुम लोग सोना बाबु बोलकर सब कुछ खोलकर सामने रख देती हो , लेकिन अगर कोई सच्चा आदमी मिल जाए जो तुम्हे सच बता दे तो तुम्हे लगता है की उसने तुम्हारे साथ खिलवाड़ किया ..??? मैं चाहता तो तुम्हे प्यार के झूठे सपने दिखता रहता और 15 दिनों के बाद तुम खुद ब खुद मेरी गुलाम बन जाती , उसके बाद मैं तुम्हारा जैसा चाहता वैसा इस्तमाल करता , लेकिन मैं तुम्हे गुलाम नहीं बनाना चाहता , मैंने तुम्हे सच बता दिया , मैं तुम्हे इस दुष्चक्र से मुक्त करना चाहता हु और तुम मुझे मरने पर उतारू हो गई , अरे प्यार क्या कोई खेल है जो किसी से भी हो जायेगा , मैं किसी और से प्यार करता हु और करता रहूँगा , हां तुम्हे मेरे साथ कुछ करना है तो तुम्हारा स्वागत है , वरना जाओ यंहा से तुम मुक्त हो जाओ …या फिर अभी मुझे मार दो मैं यही खड़ा हु ”
मैंने चिल्ला कर ये कहा था , वो मेरी बात सुनकर वो शांत हो गई और उसके साथ पूरा माहोल ही शांत हो गया , लेकिन अभी भी वो मुझे गुस्से से देख रही थी …
“मैं तुमसे प्यार करने लगी थी कुवर “
उसने चिल्लाते हुए कहा , उसकी बात सुनकर मैं जोरो से हँस पड़ा
“नहीं कोकू तुम मुझसे प्यार नहीं करती थी , हा तुम्हे ये लगता जरुर है , क्योकि तुम्हे बनाया ही ऐसा गया है की जो तुम्हारी परीक्षा में पास हो जाये तूम उसके प्यार में पड़ जाओगी , तुम ही नहीं तुम्हारे जैसी जो भी चुड़ैले है उनका यही हाल होता है , और इसी बात का फायदा जादूगर और तांत्रिक उठाते है तूम जैसी चुड़ैल को बस में करने के लिए … ये देखो “
मैंने वो पुस्तक उसके सामने खोल कर रख दी ,
“मैंने भी ये पढ़ी और ये जाना ही की तुम्हे मुक्त कैसे किया जाए , हा ये अलग बात है की इसके लिए मुझे अपने जान को जोखिम में डालना पड़ा “
वो उस पुस्तक को देखने लगी , देखते देखते उसकी आँखों में आंसू आ गए ..
वो मुझसे लिपट गई ..
“तुमने मुझे मुक्त किया , तुम चाहते तो मुझे गुलाम बना कर इस्तमाल कर सकते थे लकिन तुमने …”
वो रोने लगी , मैंने उसके बालो को सहलाया
“तुम्हारी प्रजाति की चुड़ैले बहुत ही अजीब होती है , इतनी संवेदनशील की प्रेम के लिए खुद को सौप दे , इसीलिए मैं तुम्हारा और तुम्हारी प्रजाति का सम्मान करता हु , लेकिन तुम्हे मुक्त होने के लिए भावना से उठकर दिमाग भी लगाना होगा , मैं जानता हु की तुम हो ही ऐसी की तुम दिमाग की बिलकुल नहीं सुनती बल्कि दिल से ही काम लेती हो , लेकिन अब नहीं तुम्हे अपना दिमाग भी चलाना होगा ताकि तुम बुरे व्यक्तियों से बच सको और सच्ची मोहोब्बत ढूंढ कर उन्हें अपना सबकुछ सौप सको …”
उसने अपने आंसू पोंछे
“मेरे लिए तो तुम ही मेरी सच्ची मोहोब्बत हो , मैं अभी तुम्हे अपना सब कुछ सोपती हु , तुम्हे 15 दिन का इन्तजार नहीं करना होगा “
उसकी बात सुनकर मैंने अपना माथा पकड़ लिया ,
“मैं तुम्हे मुक्त करना चाहता हु और तुम हो की बंधन में बंधने को तुली हो …”
वो मुस्कुराई
“प्रेम का बंधन अजीब है कुवर , ये दर्द तो देता है लेकिन इस दर्द में जीने में भी एक मजा है और ये मजा सिर्फ आशिक ही जानते है , जब उन्हें पता हो की उन्हें इस दर्द के बदले कुछ नहीं मिलने वाला लेकिन फिर भी वो अपना सब कुछ अपने प्रेम पर लुटाने को तैयार रहते है , चाहे इसका अंजाम उनके लिए कुछ भी हो , वो एक आह भी नहीं भरते सब कुछ प्रेम की खातिर सहते है “
मैंने उसके आँखों से लपकते हुए आंसू को अपनी उंगली से पोंछा
“तुम पागल हो , प्रेम की खातिर बिना सोचे समझे खुद को मिटा देना प्रेम नहीं बल्कि मुर्खता है “
उसके आँखों में आंसू था लेकिन फिर भी वो मेरी बात सुनकर मुस्कराई
“मुर्खता और विद्वता तो उन्हें समझ आता है जो दिमाग लगाते है , प्रेमी दिमाग की सुनता ही कहा है , उसके लिए तो दिल ही सब कुछ है , आप भी समझ जाओगे जब आपको प्रेम होगा , सच्चा प्रेम , फिर आप भी दिमाग नहीं लगाओगे , कभी सही गलत की नहीं सोचोगे , बस अपने प्रेम के लिए कुछ भी कर जाओगे …
ये मुर्खता है तो ये मुर्खता ही मंजूर है , खुद को तुम्हारे लिए सौप दिया है अब चाहो तो धुत्कार दो या लाड दुलार दो , मैं अब आपकी हु “
वो मेरे पैरो में सर रख कर बैठ गई , मैं इसे मुक्त करना चाहता था लेकिन इसे अनजाने में ही प्रेम के बंधन में फंसा बैठा , एक अजीब सी पीड़ा ने मेरे मन को झकझोर दिया , इसने मेरे लिए खुद को समर्पित कर दिया था ,मैं इसी कसमकस में था की आखिर मैं अब क्या करू , मैं अगर उसे अपनाता हु तो क्या ये उसका शोषण नहीं होगा ..??? और उसे ठुकरा दू तो क्या ये उसके पवित्र प्रेम का अपमान नहीं होगा ???
क्या मैं सच उसका शोषण करूँगा ???
क्या उसके देह को भोगना उसका शोषण नहीं होगा ???
उसने तो सब कुछ मेरे उपर ही छोड़ दिया है , मेरा एक कदम क्या मुझे ही दुःख देने को काफी नहीं होगा , क्या मैं जानकर ये कर पाउँगा की मैं उसका इस्तमाल कर रहा हु ???
मैं बेचैन हो गया था , तभी लौडू जाग गया …
“इधर से चोदो , उधर से चोदो , जिधर से मन है उधर से चोदो , उल्टे चोदो सीधे चोदो , अगर चाहो तो उड़कर चोदो , मुह में चोदो , चुद में चोदो अगर चाहो तो गांड में चोदो , चोदो चोदो कसकर चोदो … इसी हुस्न की मलिका तुम्हे यही कह रही है की तुम जैसे चाहो वो तुम्हे देने को तैयार है , और तू साले गांडू यंहा भी अपनी चुतिया हरकत से बाज नहीं आ रहा है , अरे ये तुझे दुनिया की हर स्त्री से ज्यादा यौन सुख दे सकती है , तेरे लिए कुछ भी कर सकती है और तू इस उधेड़ बुन में लगा हुआ है …. महाचुतिया है तू , महा गांडू है साले तू , इसी झील में डूबकर मर जा , मेरा दोस्त कहलाने के तो लायक भी नहीं है तू “
“तू क्या चाहता है ??? की मैं इसे चोदु , इसके जिस्म का इस्तमाल अपनी हवस की पूर्ति के लिए करू , इसका दैहिक शोषण करू , इसके प्रेम का ऐसे फायदा उठाऊ “
मैं लौडू के लिए भड़क गया था ,
“अबे काहे का इस्तमाल जब वो खुद तुझे सब देने को तैयार है “
“तू चुप कर मादरचोद, कभी चुद और चुदाई के बाहर भी सोच ले , दुनिया बहुत बड़ी है , और भावना नाम की भी एक चीज होती है दुनिया में …”मैंने गुस्से में कहा
“भावना …?? ये कौन सी नयी चुद आ गई “
मैंने अपना सर पकड़ लिया , मैं भी किसे समझा रहा था जिसका अस्तित्व ही यौन क्रिया के कारन हुआ , जिसे सम्भोग के अलावा और कुछ आता ही नहीं सम्भोग ही उसे ताकत देती है मैं उसे भावनात्मकता के बारे में समझा रहा था ,
“तू अभी चुप रह बस ..”
मैंने हारकर लौडू को कहा
“हा कर ले मुझे चुप , मत मान मेरी , रहने दे अपने लंड को ऐसे ही कड़ा और खड़ा , तड़प भोसड़ीके , बहुत नैतिकता की बाते करता है , नैतिकता से क्या दुनिया चलती है …”
मैं उससे बहस नहीं करना चाहता था इसलिए मैं चुप ही रहा और वो भी चुप हो गया ..
मैंने कोकू को उठाया …
“तुम बहुत प्यारी हो कोकू , तुमने खुद को मेरे लिए समर्पित कर दिया लेकिन मुझे ये डर है की मेरे कारन तुम्हारा अपमान ना हो जाए , कही मैं अपनी हवस की आग में बहकर तुम्हारे प्रेम का नाजायज फायदा ना उठा लू , कही मैं तुम्हारा शोषण ना कर बैठू “
मेरी बात सुनकर वो हँस पड़ी …
“कुवर यही चीज तो आपको खास बनाती है , आपकी इसी बात के कारण तो मैंने खुद को आपके सामने समर्पित कर दिया , मुझे पता है की आप कभी मेरा शोषण नहीं करोगे , लेकिन अगर आप मेरा उपभोग करो , अगर मेरा जिस्म आपके आग को ठंडा करने के काम में आये , अगर मेरे प्रेम के लहरों से आपके मन में थोड़ी भी तृप्ति मिले , अगर मेरी योनी का भोग आपको संतुष्टि पहुचाये तो मैं खुद को धन्य मानूंगी … मैं आपके प्रेम के लिए कुछ भी कर सकती हु , आप को अगर मुझे दर्द देकर भी सुख मिले तो मुझे दर्द दीजिए , मेरा सौभाग्य होगा की मैं आपके सुख की कारक बनी “
कोकू के मेरे लिए प्रेम को देखकर मैं भी द्रवित होने लगा था , उसका प्रेम और समर्पण मेरे मन में उसके लिए इज्जत को और भी बढ़ा रहा था , मैंने खींचकर उसे खुद से लगा लिया ..
“मुझे माफ़ कर दो कोकू , मैं इस लायक नहीं की तुम्हारा प्रेम समझ पाऊ …”
मैंने उसे खुद से लपेटते हुए कहा
वो मुस्कुराई
“प्रेम समझने की चीज है भी नहीं कुवर , प्रेम तो करने की चीज है , जीने की चीज है , मरने की चीज है , इसके साथ जिया जाता है , इसे अपने जीवन में उतार लेना ही प्रेम को जीना है , प्रेम एक सागर है जिसमे डूब जाना ही जीना है , प्रेम एक नदी है जिसकी धार में मंजिल की परवाह करे बिना बहते जाना ही प्रेम को जीना है , मैं भी आपके प्रेम में बहना चाहती हु , बिना मंजिल की परवाह किये , आपके प्रेम की धार मुझे जन्हा ले जाए मैं जाने को तैयार हु ,मुझे बहा ले चलो , अपनी धार में बहा लो , चाहे मजधार में या किनारे में जन्हा ले जाओगे मैं बहती जाउंगी “
उसने अपने शरीर को मेरे शरीर से ठिका कर खुद को छोड़ दिया था , मैं भी उसके प्रेम की धार में बहने को तैयार हो गया , उसका इतना प्रेम देख मैं भी बह गया था .मैंने उसके चहरे को उठाया वो किसी नए खिले फुल सी ताजा और मासूम थी , बड़ी आँखे आंसू से डबडबाई हुई थी , आंसू की एक बूंद जब उसकी आँखों को छोडती हुई लुद्की तो मैंने उसे अपने होठो में भर लिया , मेरी इस हरकत से वो मुस्कुराई और मेरे सर को अपनी ओर खींचते हुए अपने होठो को मेरे होठो से मिला दिया , हमारे होठ मिले और जीभ एक दुसरे से खेलने लगे , मैं उस प्रेम से भरे सागर में डूब रहा था , हमारी सांसे एक लय में नृत्य कर रही थी , जिस्म एक दुसरे से सटने को बेताब हो रहे थे , एक दुसरे को चुमते हुए हम हवा में उठने लगे , जो भी हो रहा था वो बस हो रहा था , भावनाओ का सैलाब आ चूका था और हम उसमे बह रहे थे ..
वो मुझसे लग हुई हम जमीन से कुछ फुट उपर थे ..
मैं चमत्कृत था लेकिन डरा नहीं , मैं जानता था की ये कोकू की भावनाओ का उफान है और उसकी ही शक्तियों का परिणाम है की हम हवा में उठे हुए है ..
वो मुझसे थोड़ी अलग हुई और हाथो को फैला कर उसने अपने शरीर को एक झटका दिया , उसके बाल हवा में लहराने लगे और शरीर का हर वस्त्र उसके शरीर को छोड़कर निचे गिर गया , उसने मुझे बड़े प्रेम से देखा और अपने हाथो को मेरे ओर बढाया , मुझे एक हवा के झोके सा आता महसूस हुआ और उसने मुझे एक ही झटके में निर्वस्त्र कर दिया …
वो उड़ते हुए मेरे पास आई और हम दोनों फिर से एक दुसरे में समाने लगे , जितना हम एक दुसरे के होठो में खोते जाते उतना हम जमीन से उपर उठते जाते थे ..
“यही सो जाओ ..” मैंने कोकू को कहा , वो वही हवा में लेट गई , ऐसा लग रहा था जैसे की किसी बिस्तर में लेटी हो , मैं उसके उपर आ चूका था , मैंने निचे देखा तो नजारा देख कर मेरा मन झूम उठा ..
हम जमीन से बहुत उपर थे पास वाली पहाड़ी की चोटी हमारे बराबर में लग रही थी ..
रात के अँधेरे के कारण कुछ साफ़ तो नहीं दिख रहा था लेकिन थोड़ी दूर जलती हुई लाइट से मैं अपने गाँव और बाजु के गाँव को पहचान जरुर पा रहा था ..
“यंहा से गिरा मत देना “ मैंने उसके गालो को चुमते हुए कहा , वो मुस्कुराई
“मेरे रहते आपको खरोच तक नहीं आएगी , बेफिक्र रहिये “ उसने मुस्कुराते हुए मेरे गालो को सहलाया ,,
मैं उसके होठो को चुमते हुए उसके उपर लेट गया , हम दोनों के शरीर एक दुसरे में घुल गए थे , मैंने उसकी योनी में अपने लिंग को सहलाया , वो आह भरते हुए मुझसे और भी लिपट गई , मेरा लिंग उसकी योनी में उतरने लगा , वो मुझे और भी जोरो से चूमने लगी और हमारा शरीर हवा में इधर उधर उड़ने लगा , मैंने अपनी कमर को तेजी से चलाया और उसने अपने पैरो को मेरे कमर में बांध दिया , हमारा शरीर इधर उधर उड़ रहा था , हम उड़ते हुए अपने गांव से दूर निकल गए थे , मुझे एक पहाड़ की चोटी दिखाई दी जिससे झरना बह रहा था …
“उस ओर चलो “ मैंने कोकू से कहा
“आप जिधर जाना चाहे बस सोचे , हम उधर चले जायेंगे , पूरी कमान आपके हाथो में सौप दी है “
मूझे पहली बार इस ताकत का अहसास हुआ , मैं अपने हिसाब से इधर उधर जा रहा था ,
वो अकास में लेटी हुई थी और मैं उसके उपर सवारी करता हुआ उस गिरते हुए झरने के समीप पहुच गया , पहाड़ की चोटी पर झरने के नजदीक मैंने उसे फिर से खड़ा कर दिया और उस झरने के निचे ला दिया ,,,
झरना हमारे उपर से बहकर निचे जमीन में गिर रहा था , मैंने उसके हाथो को चट्टान से टिका दिया और उसके पीछे खड़ा होकर उसके योनी में अपने लिंग का प्रवेश करवा दिया ..
पानी हमारे उपर से जा रहा था , हम दोनों ही भीग चुके थे , एक अजीब सा उतावलापन मेरे अंदर मचल रहा था और उस मजे में मैं खुद को भूलकर उसे पूरा पाने की चाह में धक्के लगाये जा रहा था , मैंने उसे कसकर जकड़ा और हम निचे गिरने लगे ,हम निचे गिर रहे थे और मैं उसके पीछे खड़ा जोरो से धक्के दे रहा था अचानक से मैंने उसे लिटा दिया और पीछे से उसके उपर आकर उसकी सवारी करने लगा , हम ऐसे ही नीचे गिरे जा रहे थे , जमीन बस आने ही वाली थी जन्हा से झरना एक नदी के रूप में तब्दील हो जाता है ..
लेकिन हम नीचे नहीं गिरे और नदी के समांतर उड़ने लगे , उड़ते हुए मैं पीछे से जोरो से धक्के लगा रहा था , हम नदी से थोड़े ही उपर थे , कभी कभी मैं नदी के पानी में हाथ फेरता हुआ कोकू के उपर झिड़क दिया , मैंने उसे थोडा और दबाया और कोकू नदी के पानी के अंदर चली गई , उड़ने की स्पीड भी काफी थी , पानी छिटकने लगा था , हम दोनों ही एक बार नदी के पानी के अंदर ही कुछ दूर तक चले फिर उपर उठाकर आसमान की ओर बढ़ गए , इस बार मैं खड़ा था और वो मेरे कमर में अपने पैरो को फ़साये हुए उछल रही थी , हम सीधे ही उपर जा रहे थे , उपर और उपर और उपर , मुझे जमीन दिखाई देनी बंद हो गई एक साथ पूरी पृथ्वी ही दिख रही थी , कई देश एक साथ दिखाई दे रहे थे , उपर तो अँधेरा था लेकिन पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश पड़ रहा था , उसके एक ओर तो अँधेरा था लेकिन दुसरे ओर प्रकाश …
मेरी सांसे उचटने लगी थी मुझे साँस लेने में दिक्कत होने लगी ..
“ये उचाई मानवों के लिए नहीं है कुवर नीचे चलिए “
कोकू ने मेरी उत्सुकता को देखकर हँसते हुए कहा और हम उल्टे होकर तेजी से निचे गिरने लगे , वो पल इतना उत्तेजक था की तेजी से गिरते हुए मैंने अपना वीर्य कोकू की योनी में उधेड़ दिया , कोकू ने भी मुझे पूरी ताकत से जकड़ लिया था , मेरा वीर्य उसकी योनी में बार बार तेजी से जा रहा था ,मुझे लग रहा था की अब यही आखरी पल है मैं इस पल में खुद को तबाह करने को तैयार था , जमीन अब पास ही थी की हमारी स्पीड कम होने लगी , शायद कोकू ने कमान फिर से अपने हाथो में ले ली थी , स्पीड कम होते हुए हम धीरे से जमीन में आ गए हम फिर से उसी जगह पर थे जहा से हमने शुरू किया था …
“मजा आ गया “ मैंने कोकू से कहा उसकी आँखों में आंसू थे ..
“आपने मुझे अपना बना कर मुझे धन्य कर दिया कुवर “
उसकी ये प्यारी बात सुनकर मैंने फिर से उसके होठो को अपने होठो में भर लिया था ……….
Bahut hi badhiya update diya hai Chutiyadr bhai....
Nice and beautiful update....
 

deeppreeti

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मजा आ गया “
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प्रेम समर्पण के उत्कर्ष की सुंदर व्याख्या
अध्याय 19
रात का वक्त था जब मुझे पायलो की आवाज सुने दी ,
मैं आराम से उस पत्थर पर बैठा हुआ था , यही सोच रहा था की मुझे आगे क्या करना है …
“कैसे हो मेरे सजन “
कोकू की मदहोश आवाज मेरे कानो में पड़ी “
“बस तुम्हारे बारे में ही सोच रहा था ..” मैंने मुस्कुराते हुए कहा
“ओह क्या सोच रहे थे ..??”
वो इठलाते हुए मेरे गोद में आकर बैठ गई , कोई देखे तो शायद यकीन ना कर पाए की ये कोई आम इन्सान नहीं बल्कि एक शक्तिशाली प्रजाति की चुड़ैल है ..
मैंने प्यार से उसके गालो में एक चुम्मन लिया , वो थोड़ी मचली और अपने शरीर को मेरे लिए सोपते हुए खुद को ढीला छोड़ दिया , मैंने उसकी कमर को सहलाते हुए उसके गालो में फिर से एक चुम्मन किया …
“मैं सोच रहा था की तुम कितनी प्यारी हो , लेकिन … “
“लेकिन क्या ..??”
“लेकिन फिर भी मैं तुमसे प्यार नहीं करता , हा मैं तुम्हे चाहता जरुर हु, तुम्हे पाने की एक तीव्र इक्छा मेरे अंदर है लेकिन … मैं किसी और से प्रेम करता हु “
मेरी बात सुनकर वो उठ कर खड़ी हो गई , वो मेरे सामने ही थी , अचानक से एक हवा आई और उसके बाल पूरी तरह से बिखर गए , उसकी आँखे एकटक मुझे ही देखे जा रही थी …
“मतलब मैं तुम्हारे लिए सिर्फ एक रंडी हु , जिसे तुम जब चाहोगे बस भोगोगे और उसके बाद … उसके बाद मैं तुम्हारी कुछ नहीं …”
मैं जानता था की ये होने वाला है, मैं ये भी जानता था की ये खतरनाक हो सकता है , लेकिन उसे आजाद करने का यही एक रास्ता मुझे मिला था की मैं उसे सच सच बता दू …
“नही ऐसी बात तो नहीं , लेकिन मैं तुमसे प्यार नहीं करता और यही सच है , मेरे दिल में तुम्हारे लिए सम्मान है लेकिन …”
“सम्मान …” वो जोरो से चिल्लाई , माहोल अजीब सा हो गया था , चारो ओर पत्ते उड़ने लगे थे, झील का पानी अचानक से शोर करने लगा था , हवाए तेज हो गई थी , कोकू की सफ़ेद आँखों में रक्त उतरने लगा था ..
“मेरे जिस्म को भोगने को तुम सम्मान कहते हो , तुम्हे बस मेरा जिस्म प्यारा है , मैं नहीं … तुम मुझे एक रखैल बना कर रखना चाहते हो , अपनी गुलाम .. जैसा मेरे साथ हमेशा से लोग करते आये है … तुम भी वैसे ही हो … हो ना … सभी पहले प्रेम का दिखावा करते है , 15 दिनों तक रोज सम्भोग करके मुझे अपनी गुलाम बना लेते है और उसके बाद उनकी असलियत सामने आती है ,.. तुम भी वैसे ही हो ..”
वो गुस्से से लाल हो रही थी लेकिन मेरे चहरे मे महज एक मुस्कान थी ..
“मैं सच में तुम्हारा सम्मान करता हु ,इसलिए और मैं तुम्हे गुलाम नहीं बनाना चाहता , बल्कि तुम्हे मुक्त करना चाहता हु ,जिससे तुम फिर से किसी दुष्ट के प्रेम में ना पड़ जाओ , मैं चाहता हु की तुम मेरे भी प्रेम में ना पड़ो …”
मेरी बात का जैसे उसपर कोई असर नहीं हुआ , हवाए बहुत तेज हो गई थी , वो हवा में उठने लगी , चारो ओर एक बवंडर सा उठने लगा था , झील का शांत पानी हिलोरे मारता हुआ बड़ी बड़ी लहरे बना रहा था , पत्तिया और धुल बवंडर की चपेट में आकर मेरे गोल गोल घूम रहे थे …
“तुमने मुझे धोखा दिया , मुझे फ़साने की कोशिस की …”
उसकी बात सुनकर मेरा दिमाग ख़राब हो गया …
“साला ये तुम लडकियों की प्रोब्लम क्या है , अगर तुमसे झूठ बोलकर प्यार का दिखावा करो तो तुम लोग सोना बाबु बोलकर सब कुछ खोलकर सामने रख देती हो , लेकिन अगर कोई सच्चा आदमी मिल जाए जो तुम्हे सच बता दे तो तुम्हे लगता है की उसने तुम्हारे साथ खिलवाड़ किया ..??? मैं चाहता तो तुम्हे प्यार के झूठे सपने दिखता रहता और 15 दिनों के बाद तुम खुद ब खुद मेरी गुलाम बन जाती , उसके बाद मैं तुम्हारा जैसा चाहता वैसा इस्तमाल करता , लेकिन मैं तुम्हे गुलाम नहीं बनाना चाहता , मैंने तुम्हे सच बता दिया , मैं तुम्हे इस दुष्चक्र से मुक्त करना चाहता हु और तुम मुझे मरने पर उतारू हो गई , अरे प्यार क्या कोई खेल है जो किसी से भी हो जायेगा , मैं किसी और से प्यार करता हु और करता रहूँगा , हां तुम्हे मेरे साथ कुछ करना है तो तुम्हारा स्वागत है , वरना जाओ यंहा से तुम मुक्त हो जाओ …या फिर अभी मुझे मार दो मैं यही खड़ा हु ”
मैंने चिल्ला कर ये कहा था , वो मेरी बात सुनकर वो शांत हो गई और उसके साथ पूरा माहोल ही शांत हो गया , लेकिन अभी भी वो मुझे गुस्से से देख रही थी …
“मैं तुमसे प्यार करने लगी थी कुवर “
उसने चिल्लाते हुए कहा , उसकी बात सुनकर मैं जोरो से हँस पड़ा
“नहीं कोकू तुम मुझसे प्यार नहीं करती थी , हा तुम्हे ये लगता जरुर है , क्योकि तुम्हे बनाया ही ऐसा गया है की जो तुम्हारी परीक्षा में पास हो जाये तूम उसके प्यार में पड़ जाओगी , तुम ही नहीं तुम्हारे जैसी जो भी चुड़ैले है उनका यही हाल होता है , और इसी बात का फायदा जादूगर और तांत्रिक उठाते है तूम जैसी चुड़ैल को बस में करने के लिए … ये देखो “
मैंने वो पुस्तक उसके सामने खोल कर रख दी ,
“मैंने भी ये पढ़ी और ये जाना ही की तुम्हे मुक्त कैसे किया जाए , हा ये अलग बात है की इसके लिए मुझे अपने जान को जोखिम में डालना पड़ा “
वो उस पुस्तक को देखने लगी , देखते देखते उसकी आँखों में आंसू आ गए ..
वो मुझसे लिपट गई ..
“तुमने मुझे मुक्त किया , तुम चाहते तो मुझे गुलाम बना कर इस्तमाल कर सकते थे लकिन तुमने …”
वो रोने लगी , मैंने उसके बालो को सहलाया
“तुम्हारी प्रजाति की चुड़ैले बहुत ही अजीब होती है , इतनी संवेदनशील की प्रेम के लिए खुद को सौप दे , इसीलिए मैं तुम्हारा और तुम्हारी प्रजाति का सम्मान करता हु , लेकिन तुम्हे मुक्त होने के लिए भावना से उठकर दिमाग भी लगाना होगा , मैं जानता हु की तुम हो ही ऐसी की तुम दिमाग की बिलकुल नहीं सुनती बल्कि दिल से ही काम लेती हो , लेकिन अब नहीं तुम्हे अपना दिमाग भी चलाना होगा ताकि तुम बुरे व्यक्तियों से बच सको और सच्ची मोहोब्बत ढूंढ कर उन्हें अपना सबकुछ सौप सको …”
उसने अपने आंसू पोंछे
“मेरे लिए तो तुम ही मेरी सच्ची मोहोब्बत हो , मैं अभी तुम्हे अपना सब कुछ सोपती हु , तुम्हे 15 दिन का इन्तजार नहीं करना होगा “
उसकी बात सुनकर मैंने अपना माथा पकड़ लिया ,
“मैं तुम्हे मुक्त करना चाहता हु और तुम हो की बंधन में बंधने को तुली हो …”
वो मुस्कुराई
“प्रेम का बंधन अजीब है कुवर , ये दर्द तो देता है लेकिन इस दर्द में जीने में भी एक मजा है और ये मजा सिर्फ आशिक ही जानते है , जब उन्हें पता हो की उन्हें इस दर्द के बदले कुछ नहीं मिलने वाला लेकिन फिर भी वो अपना सब कुछ अपने प्रेम पर लुटाने को तैयार रहते है , चाहे इसका अंजाम उनके लिए कुछ भी हो , वो एक आह भी नहीं भरते सब कुछ प्रेम की खातिर सहते है “
मैंने उसके आँखों से लपकते हुए आंसू को अपनी उंगली से पोंछा
“तुम पागल हो , प्रेम की खातिर बिना सोचे समझे खुद को मिटा देना प्रेम नहीं बल्कि मुर्खता है “
उसके आँखों में आंसू था लेकिन फिर भी वो मेरी बात सुनकर मुस्कराई
“मुर्खता और विद्वता तो उन्हें समझ आता है जो दिमाग लगाते है , प्रेमी दिमाग की सुनता ही कहा है , उसके लिए तो दिल ही सब कुछ है , आप भी समझ जाओगे जब आपको प्रेम होगा , सच्चा प्रेम , फिर आप भी दिमाग नहीं लगाओगे , कभी सही गलत की नहीं सोचोगे , बस अपने प्रेम के लिए कुछ भी कर जाओगे …
ये मुर्खता है तो ये मुर्खता ही मंजूर है , खुद को तुम्हारे लिए सौप दिया है अब चाहो तो धुत्कार दो या लाड दुलार दो , मैं अब आपकी हु “
वो मेरे पैरो में सर रख कर बैठ गई , मैं इसे मुक्त करना चाहता था लेकिन इसे अनजाने में ही प्रेम के बंधन में फंसा बैठा , एक अजीब सी पीड़ा ने मेरे मन को झकझोर दिया , इसने मेरे लिए खुद को समर्पित कर दिया था ,मैं इसी कसमकस में था की आखिर मैं अब क्या करू , मैं अगर उसे अपनाता हु तो क्या ये उसका शोषण नहीं होगा ..??? और उसे ठुकरा दू तो क्या ये उसके पवित्र प्रेम का अपमान नहीं होगा ???
क्या मैं सच उसका शोषण करूँगा ???
क्या उसके देह को भोगना उसका शोषण नहीं होगा ???
उसने तो सब कुछ मेरे उपर ही छोड़ दिया है , मेरा एक कदम क्या मुझे ही दुःख देने को काफी नहीं होगा , क्या मैं जानकर ये कर पाउँगा की मैं उसका इस्तमाल कर रहा हु ???
मैं बेचैन हो गया था , तभी लौडू जाग गया …
“इधर से चोदो , उधर से चोदो , जिधर से मन है उधर से चोदो , उल्टे चोदो सीधे चोदो , अगर चाहो तो उड़कर चोदो , मुह में चोदो , चुद में चोदो अगर चाहो तो गांड में चोदो , चोदो चोदो कसकर चोदो … इसी हुस्न की मलिका तुम्हे यही कह रही है की तुम जैसे चाहो वो तुम्हे देने को तैयार है , और तू साले गांडू यंहा भी अपनी चुतिया हरकत से बाज नहीं आ रहा है , अरे ये तुझे दुनिया की हर स्त्री से ज्यादा यौन सुख दे सकती है , तेरे लिए कुछ भी कर सकती है और तू इस उधेड़ बुन में लगा हुआ है …. महाचुतिया है तू , महा गांडू है साले तू , इसी झील में डूबकर मर जा , मेरा दोस्त कहलाने के तो लायक भी नहीं है तू “
“तू क्या चाहता है ??? की मैं इसे चोदु , इसके जिस्म का इस्तमाल अपनी हवस की पूर्ति के लिए करू , इसका दैहिक शोषण करू , इसके प्रेम का ऐसे फायदा उठाऊ “
मैं लौडू के लिए भड़क गया था ,
“अबे काहे का इस्तमाल जब वो खुद तुझे सब देने को तैयार है “
“तू चुप कर मादरचोद, कभी चुद और चुदाई के बाहर भी सोच ले , दुनिया बहुत बड़ी है , और भावना नाम की भी एक चीज होती है दुनिया में …”मैंने गुस्से में कहा
“भावना …?? ये कौन सी नयी चुद आ गई “
मैंने अपना सर पकड़ लिया , मैं भी किसे समझा रहा था जिसका अस्तित्व ही यौन क्रिया के कारन हुआ , जिसे सम्भोग के अलावा और कुछ आता ही नहीं सम्भोग ही उसे ताकत देती है मैं उसे भावनात्मकता के बारे में समझा रहा था ,
“तू अभी चुप रह बस ..”
मैंने हारकर लौडू को कहा
“हा कर ले मुझे चुप , मत मान मेरी , रहने दे अपने लंड को ऐसे ही कड़ा और खड़ा , तड़प भोसड़ीके , बहुत नैतिकता की बाते करता है , नैतिकता से क्या दुनिया चलती है …”
मैं उससे बहस नहीं करना चाहता था इसलिए मैं चुप ही रहा और वो भी चुप हो गया ..
मैंने कोकू को उठाया …
“तुम बहुत प्यारी हो कोकू , तुमने खुद को मेरे लिए समर्पित कर दिया लेकिन मुझे ये डर है की मेरे कारन तुम्हारा अपमान ना हो जाए , कही मैं अपनी हवस की आग में बहकर तुम्हारे प्रेम का नाजायज फायदा ना उठा लू , कही मैं तुम्हारा शोषण ना कर बैठू “
मेरी बात सुनकर वो हँस पड़ी …
“कुवर यही चीज तो आपको खास बनाती है , आपकी इसी बात के कारण तो मैंने खुद को आपके सामने समर्पित कर दिया , मुझे पता है की आप कभी मेरा शोषण नहीं करोगे , लेकिन अगर आप मेरा उपभोग करो , अगर मेरा जिस्म आपके आग को ठंडा करने के काम में आये , अगर मेरे प्रेम के लहरों से आपके मन में थोड़ी भी तृप्ति मिले , अगर मेरी योनी का भोग आपको संतुष्टि पहुचाये तो मैं खुद को धन्य मानूंगी … मैं आपके प्रेम के लिए कुछ भी कर सकती हु , आप को अगर मुझे दर्द देकर भी सुख मिले तो मुझे दर्द दीजिए , मेरा सौभाग्य होगा की मैं आपके सुख की कारक बनी “
कोकू के मेरे लिए प्रेम को देखकर मैं भी द्रवित होने लगा था , उसका प्रेम और समर्पण मेरे मन में उसके लिए इज्जत को और भी बढ़ा रहा था , मैंने खींचकर उसे खुद से लगा लिया ..
“मुझे माफ़ कर दो कोकू , मैं इस लायक नहीं की तुम्हारा प्रेम समझ पाऊ …”
मैंने उसे खुद से लपेटते हुए कहा
वो मुस्कुराई
“प्रेम समझने की चीज है भी नहीं कुवर , प्रेम तो करने की चीज है , जीने की चीज है , मरने की चीज है , इसके साथ जिया जाता है , इसे अपने जीवन में उतार लेना ही प्रेम को जीना है , प्रेम एक सागर है जिसमे डूब जाना ही जीना है , प्रेम एक नदी है जिसकी धार में मंजिल की परवाह करे बिना बहते जाना ही प्रेम को जीना है , मैं भी आपके प्रेम में बहना चाहती हु , बिना मंजिल की परवाह किये , आपके प्रेम की धार मुझे जन्हा ले जाए मैं जाने को तैयार हु ,मुझे बहा ले चलो , अपनी धार में बहा लो , चाहे मजधार में या किनारे में जन्हा ले जाओगे मैं बहती जाउंगी “
उसने अपने शरीर को मेरे शरीर से ठिका कर खुद को छोड़ दिया था , मैं भी उसके प्रेम की धार में बहने को तैयार हो गया , उसका इतना प्रेम देख मैं भी बह गया था .मैंने उसके चहरे को उठाया वो किसी नए खिले फुल सी ताजा और मासूम थी , बड़ी आँखे आंसू से डबडबाई हुई थी , आंसू की एक बूंद जब उसकी आँखों को छोडती हुई लुद्की तो मैंने उसे अपने होठो में भर लिया , मेरी इस हरकत से वो मुस्कुराई और मेरे सर को अपनी ओर खींचते हुए अपने होठो को मेरे होठो से मिला दिया , हमारे होठ मिले और जीभ एक दुसरे से खेलने लगे , मैं उस प्रेम से भरे सागर में डूब रहा था , हमारी सांसे एक लय में नृत्य कर रही थी , जिस्म एक दुसरे से सटने को बेताब हो रहे थे , एक दुसरे को चुमते हुए हम हवा में उठने लगे , जो भी हो रहा था वो बस हो रहा था , भावनाओ का सैलाब आ चूका था और हम उसमे बह रहे थे ..
वो मुझसे लग हुई हम जमीन से कुछ फुट उपर थे ..
मैं चमत्कृत था लेकिन डरा नहीं , मैं जानता था की ये कोकू की भावनाओ का उफान है और उसकी ही शक्तियों का परिणाम है की हम हवा में उठे हुए है ..
वो मुझसे थोड़ी अलग हुई और हाथो को फैला कर उसने अपने शरीर को एक झटका दिया , उसके बाल हवा में लहराने लगे और शरीर का हर वस्त्र उसके शरीर को छोड़कर निचे गिर गया , उसने मुझे बड़े प्रेम से देखा और अपने हाथो को मेरे ओर बढाया , मुझे एक हवा के झोके सा आता महसूस हुआ और उसने मुझे एक ही झटके में निर्वस्त्र कर दिया …
वो उड़ते हुए मेरे पास आई और हम दोनों फिर से एक दुसरे में समाने लगे , जितना हम एक दुसरे के होठो में खोते जाते उतना हम जमीन से उपर उठते जाते थे ..
“यही सो जाओ ..” मैंने कोकू को कहा , वो वही हवा में लेट गई , ऐसा लग रहा था जैसे की किसी बिस्तर में लेटी हो , मैं उसके उपर आ चूका था , मैंने निचे देखा तो नजारा देख कर मेरा मन झूम उठा ..
हम जमीन से बहुत उपर थे पास वाली पहाड़ी की चोटी हमारे बराबर में लग रही थी ..
रात के अँधेरे के कारण कुछ साफ़ तो नहीं दिख रहा था लेकिन थोड़ी दूर जलती हुई लाइट से मैं अपने गाँव और बाजु के गाँव को पहचान जरुर पा रहा था ..
“यंहा से गिरा मत देना “ मैंने उसके गालो को चुमते हुए कहा , वो मुस्कुराई
“मेरे रहते आपको खरोच तक नहीं आएगी , बेफिक्र रहिये “ उसने मुस्कुराते हुए मेरे गालो को सहलाया ,,
मैं उसके होठो को चुमते हुए उसके उपर लेट गया , हम दोनों के शरीर एक दुसरे में घुल गए थे , मैंने उसकी योनी में अपने लिंग को सहलाया , वो आह भरते हुए मुझसे और भी लिपट गई , मेरा लिंग उसकी योनी में उतरने लगा , वो मुझे और भी जोरो से चूमने लगी और हमारा शरीर हवा में इधर उधर उड़ने लगा , मैंने अपनी कमर को तेजी से चलाया और उसने अपने पैरो को मेरे कमर में बांध दिया , हमारा शरीर इधर उधर उड़ रहा था , हम उड़ते हुए अपने गांव से दूर निकल गए थे , मुझे एक पहाड़ की चोटी दिखाई दी जिससे झरना बह रहा था …
“उस ओर चलो “ मैंने कोकू से कहा
“आप जिधर जाना चाहे बस सोचे , हम उधर चले जायेंगे , पूरी कमान आपके हाथो में सौप दी है “
मूझे पहली बार इस ताकत का अहसास हुआ , मैं अपने हिसाब से इधर उधर जा रहा था ,
वो अकास में लेटी हुई थी और मैं उसके उपर सवारी करता हुआ उस गिरते हुए झरने के समीप पहुच गया , पहाड़ की चोटी पर झरने के नजदीक मैंने उसे फिर से खड़ा कर दिया और उस झरने के निचे ला दिया ,,,
झरना हमारे उपर से बहकर निचे जमीन में गिर रहा था , मैंने उसके हाथो को चट्टान से टिका दिया और उसके पीछे खड़ा होकर उसके योनी में अपने लिंग का प्रवेश करवा दिया ..
पानी हमारे उपर से जा रहा था , हम दोनों ही भीग चुके थे , एक अजीब सा उतावलापन मेरे अंदर मचल रहा था और उस मजे में मैं खुद को भूलकर उसे पूरा पाने की चाह में धक्के लगाये जा रहा था , मैंने उसे कसकर जकड़ा और हम निचे गिरने लगे ,हम निचे गिर रहे थे और मैं उसके पीछे खड़ा जोरो से धक्के दे रहा था अचानक से मैंने उसे लिटा दिया और पीछे से उसके उपर आकर उसकी सवारी करने लगा , हम ऐसे ही नीचे गिरे जा रहे थे , जमीन बस आने ही वाली थी जन्हा से झरना एक नदी के रूप में तब्दील हो जाता है ..
लेकिन हम नीचे नहीं गिरे और नदी के समांतर उड़ने लगे , उड़ते हुए मैं पीछे से जोरो से धक्के लगा रहा था , हम नदी से थोड़े ही उपर थे , कभी कभी मैं नदी के पानी में हाथ फेरता हुआ कोकू के उपर झिड़क दिया , मैंने उसे थोडा और दबाया और कोकू नदी के पानी के अंदर चली गई , उड़ने की स्पीड भी काफी थी , पानी छिटकने लगा था , हम दोनों ही एक बार नदी के पानी के अंदर ही कुछ दूर तक चले फिर उपर उठाकर आसमान की ओर बढ़ गए , इस बार मैं खड़ा था और वो मेरे कमर में अपने पैरो को फ़साये हुए उछल रही थी , हम सीधे ही उपर जा रहे थे , उपर और उपर और उपर , मुझे जमीन दिखाई देनी बंद हो गई एक साथ पूरी पृथ्वी ही दिख रही थी , कई देश एक साथ दिखाई दे रहे थे , उपर तो अँधेरा था लेकिन पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश पड़ रहा था , उसके एक ओर तो अँधेरा था लेकिन दुसरे ओर प्रकाश …
मेरी सांसे उचटने लगी थी मुझे साँस लेने में दिक्कत होने लगी ..
“ये उचाई मानवों के लिए नहीं है कुवर नीचे चलिए “
कोकू ने मेरी उत्सुकता को देखकर हँसते हुए कहा और हम उल्टे होकर तेजी से निचे गिरने लगे , वो पल इतना उत्तेजक था की तेजी से गिरते हुए मैंने अपना वीर्य कोकू की योनी में उधेड़ दिया , कोकू ने भी मुझे पूरी ताकत से जकड़ लिया था , मेरा वीर्य उसकी योनी में बार बार तेजी से जा रहा था ,मुझे लग रहा था की अब यही आखरी पल है मैं इस पल में खुद को तबाह करने को तैयार था , जमीन अब पास ही थी की हमारी स्पीड कम होने लगी , शायद कोकू ने कमान फिर से अपने हाथो में ले ली थी , स्पीड कम होते हुए हम धीरे से जमीन में आ गए हम फिर से उसी जगह पर थे जहा से हमने शुरू किया था …
“मजा आ गया “ मैंने कोकू से कहा उसकी आँखों में आंसू थे ..
“आपने मुझे अपना बना कर मुझे धन्य कर दिया कुवर “
उसकी ये प्यारी बात सुनकर मैंने फिर से उसके होठो को अपने होठो में भर लिया था ……….
 

vickyrock

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अध्याय 19
रात का वक्त था जब मुझे पायलो की आवाज सुने दी ,
मैं आराम से उस पत्थर पर बैठा हुआ था , यही सोच रहा था की मुझे आगे क्या करना है …
“कैसे हो मेरे सजन “
कोकू की मदहोश आवाज मेरे कानो में पड़ी “
“बस तुम्हारे बारे में ही सोच रहा था ..” मैंने मुस्कुराते हुए कहा
“ओह क्या सोच रहे थे ..??”
वो इठलाते हुए मेरे गोद में आकर बैठ गई , कोई देखे तो शायद यकीन ना कर पाए की ये कोई आम इन्सान नहीं बल्कि एक शक्तिशाली प्रजाति की चुड़ैल है ..
मैंने प्यार से उसके गालो में एक चुम्मन लिया , वो थोड़ी मचली और अपने शरीर को मेरे लिए सोपते हुए खुद को ढीला छोड़ दिया , मैंने उसकी कमर को सहलाते हुए उसके गालो में फिर से एक चुम्मन किया …
“मैं सोच रहा था की तुम कितनी प्यारी हो , लेकिन … “
“लेकिन क्या ..??”
“लेकिन फिर भी मैं तुमसे प्यार नहीं करता , हा मैं तुम्हे चाहता जरुर हु, तुम्हे पाने की एक तीव्र इक्छा मेरे अंदर है लेकिन … मैं किसी और से प्रेम करता हु “
मेरी बात सुनकर वो उठ कर खड़ी हो गई , वो मेरे सामने ही थी , अचानक से एक हवा आई और उसके बाल पूरी तरह से बिखर गए , उसकी आँखे एकटक मुझे ही देखे जा रही थी …
“मतलब मैं तुम्हारे लिए सिर्फ एक रंडी हु , जिसे तुम जब चाहोगे बस भोगोगे और उसके बाद … उसके बाद मैं तुम्हारी कुछ नहीं …”
मैं जानता था की ये होने वाला है, मैं ये भी जानता था की ये खतरनाक हो सकता है , लेकिन उसे आजाद करने का यही एक रास्ता मुझे मिला था की मैं उसे सच सच बता दू …
“नही ऐसी बात तो नहीं , लेकिन मैं तुमसे प्यार नहीं करता और यही सच है , मेरे दिल में तुम्हारे लिए सम्मान है लेकिन …”
“सम्मान …” वो जोरो से चिल्लाई , माहोल अजीब सा हो गया था , चारो ओर पत्ते उड़ने लगे थे, झील का पानी अचानक से शोर करने लगा था , हवाए तेज हो गई थी , कोकू की सफ़ेद आँखों में रक्त उतरने लगा था ..
“मेरे जिस्म को भोगने को तुम सम्मान कहते हो , तुम्हे बस मेरा जिस्म प्यारा है , मैं नहीं … तुम मुझे एक रखैल बना कर रखना चाहते हो , अपनी गुलाम .. जैसा मेरे साथ हमेशा से लोग करते आये है … तुम भी वैसे ही हो … हो ना … सभी पहले प्रेम का दिखावा करते है , 15 दिनों तक रोज सम्भोग करके मुझे अपनी गुलाम बना लेते है और उसके बाद उनकी असलियत सामने आती है ,.. तुम भी वैसे ही हो ..”
वो गुस्से से लाल हो रही थी लेकिन मेरे चहरे मे महज एक मुस्कान थी ..
“मैं सच में तुम्हारा सम्मान करता हु ,इसलिए और मैं तुम्हे गुलाम नहीं बनाना चाहता , बल्कि तुम्हे मुक्त करना चाहता हु ,जिससे तुम फिर से किसी दुष्ट के प्रेम में ना पड़ जाओ , मैं चाहता हु की तुम मेरे भी प्रेम में ना पड़ो …”
मेरी बात का जैसे उसपर कोई असर नहीं हुआ , हवाए बहुत तेज हो गई थी , वो हवा में उठने लगी , चारो ओर एक बवंडर सा उठने लगा था , झील का शांत पानी हिलोरे मारता हुआ बड़ी बड़ी लहरे बना रहा था , पत्तिया और धुल बवंडर की चपेट में आकर मेरे गोल गोल घूम रहे थे …
“तुमने मुझे धोखा दिया , मुझे फ़साने की कोशिस की …”
उसकी बात सुनकर मेरा दिमाग ख़राब हो गया …
“साला ये तुम लडकियों की प्रोब्लम क्या है , अगर तुमसे झूठ बोलकर प्यार का दिखावा करो तो तुम लोग सोना बाबु बोलकर सब कुछ खोलकर सामने रख देती हो , लेकिन अगर कोई सच्चा आदमी मिल जाए जो तुम्हे सच बता दे तो तुम्हे लगता है की उसने तुम्हारे साथ खिलवाड़ किया ..??? मैं चाहता तो तुम्हे प्यार के झूठे सपने दिखता रहता और 15 दिनों के बाद तुम खुद ब खुद मेरी गुलाम बन जाती , उसके बाद मैं तुम्हारा जैसा चाहता वैसा इस्तमाल करता , लेकिन मैं तुम्हे गुलाम नहीं बनाना चाहता , मैंने तुम्हे सच बता दिया , मैं तुम्हे इस दुष्चक्र से मुक्त करना चाहता हु और तुम मुझे मरने पर उतारू हो गई , अरे प्यार क्या कोई खेल है जो किसी से भी हो जायेगा , मैं किसी और से प्यार करता हु और करता रहूँगा , हां तुम्हे मेरे साथ कुछ करना है तो तुम्हारा स्वागत है , वरना जाओ यंहा से तुम मुक्त हो जाओ …या फिर अभी मुझे मार दो मैं यही खड़ा हु ”
मैंने चिल्ला कर ये कहा था , वो मेरी बात सुनकर वो शांत हो गई और उसके साथ पूरा माहोल ही शांत हो गया , लेकिन अभी भी वो मुझे गुस्से से देख रही थी …
“मैं तुमसे प्यार करने लगी थी कुवर “
उसने चिल्लाते हुए कहा , उसकी बात सुनकर मैं जोरो से हँस पड़ा
“नहीं कोकू तुम मुझसे प्यार नहीं करती थी , हा तुम्हे ये लगता जरुर है , क्योकि तुम्हे बनाया ही ऐसा गया है की जो तुम्हारी परीक्षा में पास हो जाये तूम उसके प्यार में पड़ जाओगी , तुम ही नहीं तुम्हारे जैसी जो भी चुड़ैले है उनका यही हाल होता है , और इसी बात का फायदा जादूगर और तांत्रिक उठाते है तूम जैसी चुड़ैल को बस में करने के लिए … ये देखो “
मैंने वो पुस्तक उसके सामने खोल कर रख दी ,
“मैंने भी ये पढ़ी और ये जाना ही की तुम्हे मुक्त कैसे किया जाए , हा ये अलग बात है की इसके लिए मुझे अपने जान को जोखिम में डालना पड़ा “
वो उस पुस्तक को देखने लगी , देखते देखते उसकी आँखों में आंसू आ गए ..
वो मुझसे लिपट गई ..
“तुमने मुझे मुक्त किया , तुम चाहते तो मुझे गुलाम बना कर इस्तमाल कर सकते थे लकिन तुमने …”
वो रोने लगी , मैंने उसके बालो को सहलाया
“तुम्हारी प्रजाति की चुड़ैले बहुत ही अजीब होती है , इतनी संवेदनशील की प्रेम के लिए खुद को सौप दे , इसीलिए मैं तुम्हारा और तुम्हारी प्रजाति का सम्मान करता हु , लेकिन तुम्हे मुक्त होने के लिए भावना से उठकर दिमाग भी लगाना होगा , मैं जानता हु की तुम हो ही ऐसी की तुम दिमाग की बिलकुल नहीं सुनती बल्कि दिल से ही काम लेती हो , लेकिन अब नहीं तुम्हे अपना दिमाग भी चलाना होगा ताकि तुम बुरे व्यक्तियों से बच सको और सच्ची मोहोब्बत ढूंढ कर उन्हें अपना सबकुछ सौप सको …”
उसने अपने आंसू पोंछे
“मेरे लिए तो तुम ही मेरी सच्ची मोहोब्बत हो , मैं अभी तुम्हे अपना सब कुछ सोपती हु , तुम्हे 15 दिन का इन्तजार नहीं करना होगा “
उसकी बात सुनकर मैंने अपना माथा पकड़ लिया ,
“मैं तुम्हे मुक्त करना चाहता हु और तुम हो की बंधन में बंधने को तुली हो …”
वो मुस्कुराई
“प्रेम का बंधन अजीब है कुवर , ये दर्द तो देता है लेकिन इस दर्द में जीने में भी एक मजा है और ये मजा सिर्फ आशिक ही जानते है , जब उन्हें पता हो की उन्हें इस दर्द के बदले कुछ नहीं मिलने वाला लेकिन फिर भी वो अपना सब कुछ अपने प्रेम पर लुटाने को तैयार रहते है , चाहे इसका अंजाम उनके लिए कुछ भी हो , वो एक आह भी नहीं भरते सब कुछ प्रेम की खातिर सहते है “
मैंने उसके आँखों से लपकते हुए आंसू को अपनी उंगली से पोंछा
“तुम पागल हो , प्रेम की खातिर बिना सोचे समझे खुद को मिटा देना प्रेम नहीं बल्कि मुर्खता है “
उसके आँखों में आंसू था लेकिन फिर भी वो मेरी बात सुनकर मुस्कराई
“मुर्खता और विद्वता तो उन्हें समझ आता है जो दिमाग लगाते है , प्रेमी दिमाग की सुनता ही कहा है , उसके लिए तो दिल ही सब कुछ है , आप भी समझ जाओगे जब आपको प्रेम होगा , सच्चा प्रेम , फिर आप भी दिमाग नहीं लगाओगे , कभी सही गलत की नहीं सोचोगे , बस अपने प्रेम के लिए कुछ भी कर जाओगे …
ये मुर्खता है तो ये मुर्खता ही मंजूर है , खुद को तुम्हारे लिए सौप दिया है अब चाहो तो धुत्कार दो या लाड दुलार दो , मैं अब आपकी हु “
वो मेरे पैरो में सर रख कर बैठ गई , मैं इसे मुक्त करना चाहता था लेकिन इसे अनजाने में ही प्रेम के बंधन में फंसा बैठा , एक अजीब सी पीड़ा ने मेरे मन को झकझोर दिया , इसने मेरे लिए खुद को समर्पित कर दिया था ,मैं इसी कसमकस में था की आखिर मैं अब क्या करू , मैं अगर उसे अपनाता हु तो क्या ये उसका शोषण नहीं होगा ..??? और उसे ठुकरा दू तो क्या ये उसके पवित्र प्रेम का अपमान नहीं होगा ???
क्या मैं सच उसका शोषण करूँगा ???
क्या उसके देह को भोगना उसका शोषण नहीं होगा ???
उसने तो सब कुछ मेरे उपर ही छोड़ दिया है , मेरा एक कदम क्या मुझे ही दुःख देने को काफी नहीं होगा , क्या मैं जानकर ये कर पाउँगा की मैं उसका इस्तमाल कर रहा हु ???
मैं बेचैन हो गया था , तभी लौडू जाग गया …
“इधर से चोदो , उधर से चोदो , जिधर से मन है उधर से चोदो , उल्टे चोदो सीधे चोदो , अगर चाहो तो उड़कर चोदो , मुह में चोदो , चुद में चोदो अगर चाहो तो गांड में चोदो , चोदो चोदो कसकर चोदो … इसी हुस्न की मलिका तुम्हे यही कह रही है की तुम जैसे चाहो वो तुम्हे देने को तैयार है , और तू साले गांडू यंहा भी अपनी चुतिया हरकत से बाज नहीं आ रहा है , अरे ये तुझे दुनिया की हर स्त्री से ज्यादा यौन सुख दे सकती है , तेरे लिए कुछ भी कर सकती है और तू इस उधेड़ बुन में लगा हुआ है …. महाचुतिया है तू , महा गांडू है साले तू , इसी झील में डूबकर मर जा , मेरा दोस्त कहलाने के तो लायक भी नहीं है तू “
“तू क्या चाहता है ??? की मैं इसे चोदु , इसके जिस्म का इस्तमाल अपनी हवस की पूर्ति के लिए करू , इसका दैहिक शोषण करू , इसके प्रेम का ऐसे फायदा उठाऊ “
मैं लौडू के लिए भड़क गया था ,
“अबे काहे का इस्तमाल जब वो खुद तुझे सब देने को तैयार है “
“तू चुप कर मादरचोद, कभी चुद और चुदाई के बाहर भी सोच ले , दुनिया बहुत बड़ी है , और भावना नाम की भी एक चीज होती है दुनिया में …”मैंने गुस्से में कहा
“भावना …?? ये कौन सी नयी चुद आ गई “
मैंने अपना सर पकड़ लिया , मैं भी किसे समझा रहा था जिसका अस्तित्व ही यौन क्रिया के कारन हुआ , जिसे सम्भोग के अलावा और कुछ आता ही नहीं सम्भोग ही उसे ताकत देती है मैं उसे भावनात्मकता के बारे में समझा रहा था ,
“तू अभी चुप रह बस ..”
मैंने हारकर लौडू को कहा
“हा कर ले मुझे चुप , मत मान मेरी , रहने दे अपने लंड को ऐसे ही कड़ा और खड़ा , तड़प भोसड़ीके , बहुत नैतिकता की बाते करता है , नैतिकता से क्या दुनिया चलती है …”
मैं उससे बहस नहीं करना चाहता था इसलिए मैं चुप ही रहा और वो भी चुप हो गया ..
मैंने कोकू को उठाया …
“तुम बहुत प्यारी हो कोकू , तुमने खुद को मेरे लिए समर्पित कर दिया लेकिन मुझे ये डर है की मेरे कारन तुम्हारा अपमान ना हो जाए , कही मैं अपनी हवस की आग में बहकर तुम्हारे प्रेम का नाजायज फायदा ना उठा लू , कही मैं तुम्हारा शोषण ना कर बैठू “
मेरी बात सुनकर वो हँस पड़ी …
“कुवर यही चीज तो आपको खास बनाती है , आपकी इसी बात के कारण तो मैंने खुद को आपके सामने समर्पित कर दिया , मुझे पता है की आप कभी मेरा शोषण नहीं करोगे , लेकिन अगर आप मेरा उपभोग करो , अगर मेरा जिस्म आपके आग को ठंडा करने के काम में आये , अगर मेरे प्रेम के लहरों से आपके मन में थोड़ी भी तृप्ति मिले , अगर मेरी योनी का भोग आपको संतुष्टि पहुचाये तो मैं खुद को धन्य मानूंगी … मैं आपके प्रेम के लिए कुछ भी कर सकती हु , आप को अगर मुझे दर्द देकर भी सुख मिले तो मुझे दर्द दीजिए , मेरा सौभाग्य होगा की मैं आपके सुख की कारक बनी “
कोकू के मेरे लिए प्रेम को देखकर मैं भी द्रवित होने लगा था , उसका प्रेम और समर्पण मेरे मन में उसके लिए इज्जत को और भी बढ़ा रहा था , मैंने खींचकर उसे खुद से लगा लिया ..
“मुझे माफ़ कर दो कोकू , मैं इस लायक नहीं की तुम्हारा प्रेम समझ पाऊ …”
मैंने उसे खुद से लपेटते हुए कहा
वो मुस्कुराई
“प्रेम समझने की चीज है भी नहीं कुवर , प्रेम तो करने की चीज है , जीने की चीज है , मरने की चीज है , इसके साथ जिया जाता है , इसे अपने जीवन में उतार लेना ही प्रेम को जीना है , प्रेम एक सागर है जिसमे डूब जाना ही जीना है , प्रेम एक नदी है जिसकी धार में मंजिल की परवाह करे बिना बहते जाना ही प्रेम को जीना है , मैं भी आपके प्रेम में बहना चाहती हु , बिना मंजिल की परवाह किये , आपके प्रेम की धार मुझे जन्हा ले जाए मैं जाने को तैयार हु ,मुझे बहा ले चलो , अपनी धार में बहा लो , चाहे मजधार में या किनारे में जन्हा ले जाओगे मैं बहती जाउंगी “
उसने अपने शरीर को मेरे शरीर से ठिका कर खुद को छोड़ दिया था , मैं भी उसके प्रेम की धार में बहने को तैयार हो गया , उसका इतना प्रेम देख मैं भी बह गया था .मैंने उसके चहरे को उठाया वो किसी नए खिले फुल सी ताजा और मासूम थी , बड़ी आँखे आंसू से डबडबाई हुई थी , आंसू की एक बूंद जब उसकी आँखों को छोडती हुई लुद्की तो मैंने उसे अपने होठो में भर लिया , मेरी इस हरकत से वो मुस्कुराई और मेरे सर को अपनी ओर खींचते हुए अपने होठो को मेरे होठो से मिला दिया , हमारे होठ मिले और जीभ एक दुसरे से खेलने लगे , मैं उस प्रेम से भरे सागर में डूब रहा था , हमारी सांसे एक लय में नृत्य कर रही थी , जिस्म एक दुसरे से सटने को बेताब हो रहे थे , एक दुसरे को चुमते हुए हम हवा में उठने लगे , जो भी हो रहा था वो बस हो रहा था , भावनाओ का सैलाब आ चूका था और हम उसमे बह रहे थे ..
वो मुझसे लग हुई हम जमीन से कुछ फुट उपर थे ..
मैं चमत्कृत था लेकिन डरा नहीं , मैं जानता था की ये कोकू की भावनाओ का उफान है और उसकी ही शक्तियों का परिणाम है की हम हवा में उठे हुए है ..
वो मुझसे थोड़ी अलग हुई और हाथो को फैला कर उसने अपने शरीर को एक झटका दिया , उसके बाल हवा में लहराने लगे और शरीर का हर वस्त्र उसके शरीर को छोड़कर निचे गिर गया , उसने मुझे बड़े प्रेम से देखा और अपने हाथो को मेरे ओर बढाया , मुझे एक हवा के झोके सा आता महसूस हुआ और उसने मुझे एक ही झटके में निर्वस्त्र कर दिया …
वो उड़ते हुए मेरे पास आई और हम दोनों फिर से एक दुसरे में समाने लगे , जितना हम एक दुसरे के होठो में खोते जाते उतना हम जमीन से उपर उठते जाते थे ..
“यही सो जाओ ..” मैंने कोकू को कहा , वो वही हवा में लेट गई , ऐसा लग रहा था जैसे की किसी बिस्तर में लेटी हो , मैं उसके उपर आ चूका था , मैंने निचे देखा तो नजारा देख कर मेरा मन झूम उठा ..
हम जमीन से बहुत उपर थे पास वाली पहाड़ी की चोटी हमारे बराबर में लग रही थी ..
रात के अँधेरे के कारण कुछ साफ़ तो नहीं दिख रहा था लेकिन थोड़ी दूर जलती हुई लाइट से मैं अपने गाँव और बाजु के गाँव को पहचान जरुर पा रहा था ..
“यंहा से गिरा मत देना “ मैंने उसके गालो को चुमते हुए कहा , वो मुस्कुराई
“मेरे रहते आपको खरोच तक नहीं आएगी , बेफिक्र रहिये “ उसने मुस्कुराते हुए मेरे गालो को सहलाया ,,
मैं उसके होठो को चुमते हुए उसके उपर लेट गया , हम दोनों के शरीर एक दुसरे में घुल गए थे , मैंने उसकी योनी में अपने लिंग को सहलाया , वो आह भरते हुए मुझसे और भी लिपट गई , मेरा लिंग उसकी योनी में उतरने लगा , वो मुझे और भी जोरो से चूमने लगी और हमारा शरीर हवा में इधर उधर उड़ने लगा , मैंने अपनी कमर को तेजी से चलाया और उसने अपने पैरो को मेरे कमर में बांध दिया , हमारा शरीर इधर उधर उड़ रहा था , हम उड़ते हुए अपने गांव से दूर निकल गए थे , मुझे एक पहाड़ की चोटी दिखाई दी जिससे झरना बह रहा था …
“उस ओर चलो “ मैंने कोकू से कहा
“आप जिधर जाना चाहे बस सोचे , हम उधर चले जायेंगे , पूरी कमान आपके हाथो में सौप दी है “
मूझे पहली बार इस ताकत का अहसास हुआ , मैं अपने हिसाब से इधर उधर जा रहा था ,
वो अकास में लेटी हुई थी और मैं उसके उपर सवारी करता हुआ उस गिरते हुए झरने के समीप पहुच गया , पहाड़ की चोटी पर झरने के नजदीक मैंने उसे फिर से खड़ा कर दिया और उस झरने के निचे ला दिया ,,,
झरना हमारे उपर से बहकर निचे जमीन में गिर रहा था , मैंने उसके हाथो को चट्टान से टिका दिया और उसके पीछे खड़ा होकर उसके योनी में अपने लिंग का प्रवेश करवा दिया ..
पानी हमारे उपर से जा रहा था , हम दोनों ही भीग चुके थे , एक अजीब सा उतावलापन मेरे अंदर मचल रहा था और उस मजे में मैं खुद को भूलकर उसे पूरा पाने की चाह में धक्के लगाये जा रहा था , मैंने उसे कसकर जकड़ा और हम निचे गिरने लगे ,हम निचे गिर रहे थे और मैं उसके पीछे खड़ा जोरो से धक्के दे रहा था अचानक से मैंने उसे लिटा दिया और पीछे से उसके उपर आकर उसकी सवारी करने लगा , हम ऐसे ही नीचे गिरे जा रहे थे , जमीन बस आने ही वाली थी जन्हा से झरना एक नदी के रूप में तब्दील हो जाता है ..
लेकिन हम नीचे नहीं गिरे और नदी के समांतर उड़ने लगे , उड़ते हुए मैं पीछे से जोरो से धक्के लगा रहा था , हम नदी से थोड़े ही उपर थे , कभी कभी मैं नदी के पानी में हाथ फेरता हुआ कोकू के उपर झिड़क दिया , मैंने उसे थोडा और दबाया और कोकू नदी के पानी के अंदर चली गई , उड़ने की स्पीड भी काफी थी , पानी छिटकने लगा था , हम दोनों ही एक बार नदी के पानी के अंदर ही कुछ दूर तक चले फिर उपर उठाकर आसमान की ओर बढ़ गए , इस बार मैं खड़ा था और वो मेरे कमर में अपने पैरो को फ़साये हुए उछल रही थी , हम सीधे ही उपर जा रहे थे , उपर और उपर और उपर , मुझे जमीन दिखाई देनी बंद हो गई एक साथ पूरी पृथ्वी ही दिख रही थी , कई देश एक साथ दिखाई दे रहे थे , उपर तो अँधेरा था लेकिन पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश पड़ रहा था , उसके एक ओर तो अँधेरा था लेकिन दुसरे ओर प्रकाश …
मेरी सांसे उचटने लगी थी मुझे साँस लेने में दिक्कत होने लगी ..
“ये उचाई मानवों के लिए नहीं है कुवर नीचे चलिए “
कोकू ने मेरी उत्सुकता को देखकर हँसते हुए कहा और हम उल्टे होकर तेजी से निचे गिरने लगे , वो पल इतना उत्तेजक था की तेजी से गिरते हुए मैंने अपना वीर्य कोकू की योनी में उधेड़ दिया , कोकू ने भी मुझे पूरी ताकत से जकड़ लिया था , मेरा वीर्य उसकी योनी में बार बार तेजी से जा रहा था ,मुझे लग रहा था की अब यही आखरी पल है मैं इस पल में खुद को तबाह करने को तैयार था , जमीन अब पास ही थी की हमारी स्पीड कम होने लगी , शायद कोकू ने कमान फिर से अपने हाथो में ले ली थी , स्पीड कम होते हुए हम धीरे से जमीन में आ गए हम फिर से उसी जगह पर थे जहा से हमने शुरू किया था …
“मजा आ गया “ मैंने कोकू से कहा उसकी आँखों में आंसू थे ..
“आपने मुझे अपना बना कर मुझे धन्य कर दिया कुवर “
उसकी ये प्यारी बात सुनकर मैंने फिर से उसके होठो को अपने होठो में भर लिया था ……….
यहाँ भी होगी वहाँ भी होगी अब तो सारे जहाँ में होगी कोकू की चुदाई 🤣🤣
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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अध्याय 19
रात का वक्त था जब मुझे पायलो की आवाज सुने दी ,
मैं आराम से उस पत्थर पर बैठा हुआ था , यही सोच रहा था की मुझे आगे क्या करना है …
“कैसे हो मेरे सजन “
कोकू की मदहोश आवाज मेरे कानो में पड़ी “
“बस तुम्हारे बारे में ही सोच रहा था ..” मैंने मुस्कुराते हुए कहा
“ओह क्या सोच रहे थे ..??”
वो इठलाते हुए मेरे गोद में आकर बैठ गई , कोई देखे तो शायद यकीन ना कर पाए की ये कोई आम इन्सान नहीं बल्कि एक शक्तिशाली प्रजाति की चुड़ैल है ..
मैंने प्यार से उसके गालो में एक चुम्मन लिया , वो थोड़ी मचली और अपने शरीर को मेरे लिए सोपते हुए खुद को ढीला छोड़ दिया , मैंने उसकी कमर को सहलाते हुए उसके गालो में फिर से एक चुम्मन किया …
“मैं सोच रहा था की तुम कितनी प्यारी हो , लेकिन … “
“लेकिन क्या ..??”
“लेकिन फिर भी मैं तुमसे प्यार नहीं करता , हा मैं तुम्हे चाहता जरुर हु, तुम्हे पाने की एक तीव्र इक्छा मेरे अंदर है लेकिन … मैं किसी और से प्रेम करता हु “
मेरी बात सुनकर वो उठ कर खड़ी हो गई , वो मेरे सामने ही थी , अचानक से एक हवा आई और उसके बाल पूरी तरह से बिखर गए , उसकी आँखे एकटक मुझे ही देखे जा रही थी …
“मतलब मैं तुम्हारे लिए सिर्फ एक रंडी हु , जिसे तुम जब चाहोगे बस भोगोगे और उसके बाद … उसके बाद मैं तुम्हारी कुछ नहीं …”
मैं जानता था की ये होने वाला है, मैं ये भी जानता था की ये खतरनाक हो सकता है , लेकिन उसे आजाद करने का यही एक रास्ता मुझे मिला था की मैं उसे सच सच बता दू …
“नही ऐसी बात तो नहीं , लेकिन मैं तुमसे प्यार नहीं करता और यही सच है , मेरे दिल में तुम्हारे लिए सम्मान है लेकिन …”
“सम्मान …” वो जोरो से चिल्लाई , माहोल अजीब सा हो गया था , चारो ओर पत्ते उड़ने लगे थे, झील का पानी अचानक से शोर करने लगा था , हवाए तेज हो गई थी , कोकू की सफ़ेद आँखों में रक्त उतरने लगा था ..
“मेरे जिस्म को भोगने को तुम सम्मान कहते हो , तुम्हे बस मेरा जिस्म प्यारा है , मैं नहीं … तुम मुझे एक रखैल बना कर रखना चाहते हो , अपनी गुलाम .. जैसा मेरे साथ हमेशा से लोग करते आये है … तुम भी वैसे ही हो … हो ना … सभी पहले प्रेम का दिखावा करते है , 15 दिनों तक रोज सम्भोग करके मुझे अपनी गुलाम बना लेते है और उसके बाद उनकी असलियत सामने आती है ,.. तुम भी वैसे ही हो ..”
वो गुस्से से लाल हो रही थी लेकिन मेरे चहरे मे महज एक मुस्कान थी ..
“मैं सच में तुम्हारा सम्मान करता हु ,इसलिए और मैं तुम्हे गुलाम नहीं बनाना चाहता , बल्कि तुम्हे मुक्त करना चाहता हु ,जिससे तुम फिर से किसी दुष्ट के प्रेम में ना पड़ जाओ , मैं चाहता हु की तुम मेरे भी प्रेम में ना पड़ो …”
मेरी बात का जैसे उसपर कोई असर नहीं हुआ , हवाए बहुत तेज हो गई थी , वो हवा में उठने लगी , चारो ओर एक बवंडर सा उठने लगा था , झील का शांत पानी हिलोरे मारता हुआ बड़ी बड़ी लहरे बना रहा था , पत्तिया और धुल बवंडर की चपेट में आकर मेरे गोल गोल घूम रहे थे …
“तुमने मुझे धोखा दिया , मुझे फ़साने की कोशिस की …”
उसकी बात सुनकर मेरा दिमाग ख़राब हो गया …
“साला ये तुम लडकियों की प्रोब्लम क्या है , अगर तुमसे झूठ बोलकर प्यार का दिखावा करो तो तुम लोग सोना बाबु बोलकर सब कुछ खोलकर सामने रख देती हो , लेकिन अगर कोई सच्चा आदमी मिल जाए जो तुम्हे सच बता दे तो तुम्हे लगता है की उसने तुम्हारे साथ खिलवाड़ किया ..??? मैं चाहता तो तुम्हे प्यार के झूठे सपने दिखता रहता और 15 दिनों के बाद तुम खुद ब खुद मेरी गुलाम बन जाती , उसके बाद मैं तुम्हारा जैसा चाहता वैसा इस्तमाल करता , लेकिन मैं तुम्हे गुलाम नहीं बनाना चाहता , मैंने तुम्हे सच बता दिया , मैं तुम्हे इस दुष्चक्र से मुक्त करना चाहता हु और तुम मुझे मरने पर उतारू हो गई , अरे प्यार क्या कोई खेल है जो किसी से भी हो जायेगा , मैं किसी और से प्यार करता हु और करता रहूँगा , हां तुम्हे मेरे साथ कुछ करना है तो तुम्हारा स्वागत है , वरना जाओ यंहा से तुम मुक्त हो जाओ …या फिर अभी मुझे मार दो मैं यही खड़ा हु ”
मैंने चिल्ला कर ये कहा था , वो मेरी बात सुनकर वो शांत हो गई और उसके साथ पूरा माहोल ही शांत हो गया , लेकिन अभी भी वो मुझे गुस्से से देख रही थी …
“मैं तुमसे प्यार करने लगी थी कुवर “
उसने चिल्लाते हुए कहा , उसकी बात सुनकर मैं जोरो से हँस पड़ा
“नहीं कोकू तुम मुझसे प्यार नहीं करती थी , हा तुम्हे ये लगता जरुर है , क्योकि तुम्हे बनाया ही ऐसा गया है की जो तुम्हारी परीक्षा में पास हो जाये तूम उसके प्यार में पड़ जाओगी , तुम ही नहीं तुम्हारे जैसी जो भी चुड़ैले है उनका यही हाल होता है , और इसी बात का फायदा जादूगर और तांत्रिक उठाते है तूम जैसी चुड़ैल को बस में करने के लिए … ये देखो “
मैंने वो पुस्तक उसके सामने खोल कर रख दी ,
“मैंने भी ये पढ़ी और ये जाना ही की तुम्हे मुक्त कैसे किया जाए , हा ये अलग बात है की इसके लिए मुझे अपने जान को जोखिम में डालना पड़ा “
वो उस पुस्तक को देखने लगी , देखते देखते उसकी आँखों में आंसू आ गए ..
वो मुझसे लिपट गई ..
“तुमने मुझे मुक्त किया , तुम चाहते तो मुझे गुलाम बना कर इस्तमाल कर सकते थे लकिन तुमने …”
वो रोने लगी , मैंने उसके बालो को सहलाया
“तुम्हारी प्रजाति की चुड़ैले बहुत ही अजीब होती है , इतनी संवेदनशील की प्रेम के लिए खुद को सौप दे , इसीलिए मैं तुम्हारा और तुम्हारी प्रजाति का सम्मान करता हु , लेकिन तुम्हे मुक्त होने के लिए भावना से उठकर दिमाग भी लगाना होगा , मैं जानता हु की तुम हो ही ऐसी की तुम दिमाग की बिलकुल नहीं सुनती बल्कि दिल से ही काम लेती हो , लेकिन अब नहीं तुम्हे अपना दिमाग भी चलाना होगा ताकि तुम बुरे व्यक्तियों से बच सको और सच्ची मोहोब्बत ढूंढ कर उन्हें अपना सबकुछ सौप सको …”
उसने अपने आंसू पोंछे
“मेरे लिए तो तुम ही मेरी सच्ची मोहोब्बत हो , मैं अभी तुम्हे अपना सब कुछ सोपती हु , तुम्हे 15 दिन का इन्तजार नहीं करना होगा “
उसकी बात सुनकर मैंने अपना माथा पकड़ लिया ,
“मैं तुम्हे मुक्त करना चाहता हु और तुम हो की बंधन में बंधने को तुली हो …”
वो मुस्कुराई
“प्रेम का बंधन अजीब है कुवर , ये दर्द तो देता है लेकिन इस दर्द में जीने में भी एक मजा है और ये मजा सिर्फ आशिक ही जानते है , जब उन्हें पता हो की उन्हें इस दर्द के बदले कुछ नहीं मिलने वाला लेकिन फिर भी वो अपना सब कुछ अपने प्रेम पर लुटाने को तैयार रहते है , चाहे इसका अंजाम उनके लिए कुछ भी हो , वो एक आह भी नहीं भरते सब कुछ प्रेम की खातिर सहते है “
मैंने उसके आँखों से लपकते हुए आंसू को अपनी उंगली से पोंछा
“तुम पागल हो , प्रेम की खातिर बिना सोचे समझे खुद को मिटा देना प्रेम नहीं बल्कि मुर्खता है “
उसके आँखों में आंसू था लेकिन फिर भी वो मेरी बात सुनकर मुस्कराई
“मुर्खता और विद्वता तो उन्हें समझ आता है जो दिमाग लगाते है , प्रेमी दिमाग की सुनता ही कहा है , उसके लिए तो दिल ही सब कुछ है , आप भी समझ जाओगे जब आपको प्रेम होगा , सच्चा प्रेम , फिर आप भी दिमाग नहीं लगाओगे , कभी सही गलत की नहीं सोचोगे , बस अपने प्रेम के लिए कुछ भी कर जाओगे …
ये मुर्खता है तो ये मुर्खता ही मंजूर है , खुद को तुम्हारे लिए सौप दिया है अब चाहो तो धुत्कार दो या लाड दुलार दो , मैं अब आपकी हु “
वो मेरे पैरो में सर रख कर बैठ गई , मैं इसे मुक्त करना चाहता था लेकिन इसे अनजाने में ही प्रेम के बंधन में फंसा बैठा , एक अजीब सी पीड़ा ने मेरे मन को झकझोर दिया , इसने मेरे लिए खुद को समर्पित कर दिया था ,मैं इसी कसमकस में था की आखिर मैं अब क्या करू , मैं अगर उसे अपनाता हु तो क्या ये उसका शोषण नहीं होगा ..??? और उसे ठुकरा दू तो क्या ये उसके पवित्र प्रेम का अपमान नहीं होगा ???
क्या मैं सच उसका शोषण करूँगा ???
क्या उसके देह को भोगना उसका शोषण नहीं होगा ???
उसने तो सब कुछ मेरे उपर ही छोड़ दिया है , मेरा एक कदम क्या मुझे ही दुःख देने को काफी नहीं होगा , क्या मैं जानकर ये कर पाउँगा की मैं उसका इस्तमाल कर रहा हु ???
मैं बेचैन हो गया था , तभी लौडू जाग गया …
“इधर से चोदो , उधर से चोदो , जिधर से मन है उधर से चोदो , उल्टे चोदो सीधे चोदो , अगर चाहो तो उड़कर चोदो , मुह में चोदो , चुद में चोदो अगर चाहो तो गांड में चोदो , चोदो चोदो कसकर चोदो … इसी हुस्न की मलिका तुम्हे यही कह रही है की तुम जैसे चाहो वो तुम्हे देने को तैयार है , और तू साले गांडू यंहा भी अपनी चुतिया हरकत से बाज नहीं आ रहा है , अरे ये तुझे दुनिया की हर स्त्री से ज्यादा यौन सुख दे सकती है , तेरे लिए कुछ भी कर सकती है और तू इस उधेड़ बुन में लगा हुआ है …. महाचुतिया है तू , महा गांडू है साले तू , इसी झील में डूबकर मर जा , मेरा दोस्त कहलाने के तो लायक भी नहीं है तू “
“तू क्या चाहता है ??? की मैं इसे चोदु , इसके जिस्म का इस्तमाल अपनी हवस की पूर्ति के लिए करू , इसका दैहिक शोषण करू , इसके प्रेम का ऐसे फायदा उठाऊ “
मैं लौडू के लिए भड़क गया था ,
“अबे काहे का इस्तमाल जब वो खुद तुझे सब देने को तैयार है “
“तू चुप कर मादरचोद, कभी चुद और चुदाई के बाहर भी सोच ले , दुनिया बहुत बड़ी है , और भावना नाम की भी एक चीज होती है दुनिया में …”मैंने गुस्से में कहा
“भावना …?? ये कौन सी नयी चुद आ गई “
मैंने अपना सर पकड़ लिया , मैं भी किसे समझा रहा था जिसका अस्तित्व ही यौन क्रिया के कारन हुआ , जिसे सम्भोग के अलावा और कुछ आता ही नहीं सम्भोग ही उसे ताकत देती है मैं उसे भावनात्मकता के बारे में समझा रहा था ,
“तू अभी चुप रह बस ..”
मैंने हारकर लौडू को कहा
“हा कर ले मुझे चुप , मत मान मेरी , रहने दे अपने लंड को ऐसे ही कड़ा और खड़ा , तड़प भोसड़ीके , बहुत नैतिकता की बाते करता है , नैतिकता से क्या दुनिया चलती है …”
मैं उससे बहस नहीं करना चाहता था इसलिए मैं चुप ही रहा और वो भी चुप हो गया ..
मैंने कोकू को उठाया …
“तुम बहुत प्यारी हो कोकू , तुमने खुद को मेरे लिए समर्पित कर दिया लेकिन मुझे ये डर है की मेरे कारन तुम्हारा अपमान ना हो जाए , कही मैं अपनी हवस की आग में बहकर तुम्हारे प्रेम का नाजायज फायदा ना उठा लू , कही मैं तुम्हारा शोषण ना कर बैठू “
मेरी बात सुनकर वो हँस पड़ी …
“कुवर यही चीज तो आपको खास बनाती है , आपकी इसी बात के कारण तो मैंने खुद को आपके सामने समर्पित कर दिया , मुझे पता है की आप कभी मेरा शोषण नहीं करोगे , लेकिन अगर आप मेरा उपभोग करो , अगर मेरा जिस्म आपके आग को ठंडा करने के काम में आये , अगर मेरे प्रेम के लहरों से आपके मन में थोड़ी भी तृप्ति मिले , अगर मेरी योनी का भोग आपको संतुष्टि पहुचाये तो मैं खुद को धन्य मानूंगी … मैं आपके प्रेम के लिए कुछ भी कर सकती हु , आप को अगर मुझे दर्द देकर भी सुख मिले तो मुझे दर्द दीजिए , मेरा सौभाग्य होगा की मैं आपके सुख की कारक बनी “
कोकू के मेरे लिए प्रेम को देखकर मैं भी द्रवित होने लगा था , उसका प्रेम और समर्पण मेरे मन में उसके लिए इज्जत को और भी बढ़ा रहा था , मैंने खींचकर उसे खुद से लगा लिया ..
“मुझे माफ़ कर दो कोकू , मैं इस लायक नहीं की तुम्हारा प्रेम समझ पाऊ …”
मैंने उसे खुद से लपेटते हुए कहा
वो मुस्कुराई
“प्रेम समझने की चीज है भी नहीं कुवर , प्रेम तो करने की चीज है , जीने की चीज है , मरने की चीज है , इसके साथ जिया जाता है , इसे अपने जीवन में उतार लेना ही प्रेम को जीना है , प्रेम एक सागर है जिसमे डूब जाना ही जीना है , प्रेम एक नदी है जिसकी धार में मंजिल की परवाह करे बिना बहते जाना ही प्रेम को जीना है , मैं भी आपके प्रेम में बहना चाहती हु , बिना मंजिल की परवाह किये , आपके प्रेम की धार मुझे जन्हा ले जाए मैं जाने को तैयार हु ,मुझे बहा ले चलो , अपनी धार में बहा लो , चाहे मजधार में या किनारे में जन्हा ले जाओगे मैं बहती जाउंगी “
उसने अपने शरीर को मेरे शरीर से ठिका कर खुद को छोड़ दिया था , मैं भी उसके प्रेम की धार में बहने को तैयार हो गया , उसका इतना प्रेम देख मैं भी बह गया था .मैंने उसके चहरे को उठाया वो किसी नए खिले फुल सी ताजा और मासूम थी , बड़ी आँखे आंसू से डबडबाई हुई थी , आंसू की एक बूंद जब उसकी आँखों को छोडती हुई लुद्की तो मैंने उसे अपने होठो में भर लिया , मेरी इस हरकत से वो मुस्कुराई और मेरे सर को अपनी ओर खींचते हुए अपने होठो को मेरे होठो से मिला दिया , हमारे होठ मिले और जीभ एक दुसरे से खेलने लगे , मैं उस प्रेम से भरे सागर में डूब रहा था , हमारी सांसे एक लय में नृत्य कर रही थी , जिस्म एक दुसरे से सटने को बेताब हो रहे थे , एक दुसरे को चुमते हुए हम हवा में उठने लगे , जो भी हो रहा था वो बस हो रहा था , भावनाओ का सैलाब आ चूका था और हम उसमे बह रहे थे ..
वो मुझसे लग हुई हम जमीन से कुछ फुट उपर थे ..
मैं चमत्कृत था लेकिन डरा नहीं , मैं जानता था की ये कोकू की भावनाओ का उफान है और उसकी ही शक्तियों का परिणाम है की हम हवा में उठे हुए है ..
वो मुझसे थोड़ी अलग हुई और हाथो को फैला कर उसने अपने शरीर को एक झटका दिया , उसके बाल हवा में लहराने लगे और शरीर का हर वस्त्र उसके शरीर को छोड़कर निचे गिर गया , उसने मुझे बड़े प्रेम से देखा और अपने हाथो को मेरे ओर बढाया , मुझे एक हवा के झोके सा आता महसूस हुआ और उसने मुझे एक ही झटके में निर्वस्त्र कर दिया …
वो उड़ते हुए मेरे पास आई और हम दोनों फिर से एक दुसरे में समाने लगे , जितना हम एक दुसरे के होठो में खोते जाते उतना हम जमीन से उपर उठते जाते थे ..
“यही सो जाओ ..” मैंने कोकू को कहा , वो वही हवा में लेट गई , ऐसा लग रहा था जैसे की किसी बिस्तर में लेटी हो , मैं उसके उपर आ चूका था , मैंने निचे देखा तो नजारा देख कर मेरा मन झूम उठा ..
हम जमीन से बहुत उपर थे पास वाली पहाड़ी की चोटी हमारे बराबर में लग रही थी ..
रात के अँधेरे के कारण कुछ साफ़ तो नहीं दिख रहा था लेकिन थोड़ी दूर जलती हुई लाइट से मैं अपने गाँव और बाजु के गाँव को पहचान जरुर पा रहा था ..
“यंहा से गिरा मत देना “ मैंने उसके गालो को चुमते हुए कहा , वो मुस्कुराई
“मेरे रहते आपको खरोच तक नहीं आएगी , बेफिक्र रहिये “ उसने मुस्कुराते हुए मेरे गालो को सहलाया ,,
मैं उसके होठो को चुमते हुए उसके उपर लेट गया , हम दोनों के शरीर एक दुसरे में घुल गए थे , मैंने उसकी योनी में अपने लिंग को सहलाया , वो आह भरते हुए मुझसे और भी लिपट गई , मेरा लिंग उसकी योनी में उतरने लगा , वो मुझे और भी जोरो से चूमने लगी और हमारा शरीर हवा में इधर उधर उड़ने लगा , मैंने अपनी कमर को तेजी से चलाया और उसने अपने पैरो को मेरे कमर में बांध दिया , हमारा शरीर इधर उधर उड़ रहा था , हम उड़ते हुए अपने गांव से दूर निकल गए थे , मुझे एक पहाड़ की चोटी दिखाई दी जिससे झरना बह रहा था …
“उस ओर चलो “ मैंने कोकू से कहा
“आप जिधर जाना चाहे बस सोचे , हम उधर चले जायेंगे , पूरी कमान आपके हाथो में सौप दी है “
मूझे पहली बार इस ताकत का अहसास हुआ , मैं अपने हिसाब से इधर उधर जा रहा था ,
वो अकास में लेटी हुई थी और मैं उसके उपर सवारी करता हुआ उस गिरते हुए झरने के समीप पहुच गया , पहाड़ की चोटी पर झरने के नजदीक मैंने उसे फिर से खड़ा कर दिया और उस झरने के निचे ला दिया ,,,
झरना हमारे उपर से बहकर निचे जमीन में गिर रहा था , मैंने उसके हाथो को चट्टान से टिका दिया और उसके पीछे खड़ा होकर उसके योनी में अपने लिंग का प्रवेश करवा दिया ..
पानी हमारे उपर से जा रहा था , हम दोनों ही भीग चुके थे , एक अजीब सा उतावलापन मेरे अंदर मचल रहा था और उस मजे में मैं खुद को भूलकर उसे पूरा पाने की चाह में धक्के लगाये जा रहा था , मैंने उसे कसकर जकड़ा और हम निचे गिरने लगे ,हम निचे गिर रहे थे और मैं उसके पीछे खड़ा जोरो से धक्के दे रहा था अचानक से मैंने उसे लिटा दिया और पीछे से उसके उपर आकर उसकी सवारी करने लगा , हम ऐसे ही नीचे गिरे जा रहे थे , जमीन बस आने ही वाली थी जन्हा से झरना एक नदी के रूप में तब्दील हो जाता है ..
लेकिन हम नीचे नहीं गिरे और नदी के समांतर उड़ने लगे , उड़ते हुए मैं पीछे से जोरो से धक्के लगा रहा था , हम नदी से थोड़े ही उपर थे , कभी कभी मैं नदी के पानी में हाथ फेरता हुआ कोकू के उपर झिड़क दिया , मैंने उसे थोडा और दबाया और कोकू नदी के पानी के अंदर चली गई , उड़ने की स्पीड भी काफी थी , पानी छिटकने लगा था , हम दोनों ही एक बार नदी के पानी के अंदर ही कुछ दूर तक चले फिर उपर उठाकर आसमान की ओर बढ़ गए , इस बार मैं खड़ा था और वो मेरे कमर में अपने पैरो को फ़साये हुए उछल रही थी , हम सीधे ही उपर जा रहे थे , उपर और उपर और उपर , मुझे जमीन दिखाई देनी बंद हो गई एक साथ पूरी पृथ्वी ही दिख रही थी , कई देश एक साथ दिखाई दे रहे थे , उपर तो अँधेरा था लेकिन पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश पड़ रहा था , उसके एक ओर तो अँधेरा था लेकिन दुसरे ओर प्रकाश …
मेरी सांसे उचटने लगी थी मुझे साँस लेने में दिक्कत होने लगी ..
“ये उचाई मानवों के लिए नहीं है कुवर नीचे चलिए “
कोकू ने मेरी उत्सुकता को देखकर हँसते हुए कहा और हम उल्टे होकर तेजी से निचे गिरने लगे , वो पल इतना उत्तेजक था की तेजी से गिरते हुए मैंने अपना वीर्य कोकू की योनी में उधेड़ दिया , कोकू ने भी मुझे पूरी ताकत से जकड़ लिया था , मेरा वीर्य उसकी योनी में बार बार तेजी से जा रहा था ,मुझे लग रहा था की अब यही आखरी पल है मैं इस पल में खुद को तबाह करने को तैयार था , जमीन अब पास ही थी की हमारी स्पीड कम होने लगी , शायद कोकू ने कमान फिर से अपने हाथो में ले ली थी , स्पीड कम होते हुए हम धीरे से जमीन में आ गए हम फिर से उसी जगह पर थे जहा से हमने शुरू किया था …
“मजा आ गया “ मैंने कोकू से कहा उसकी आँखों में आंसू थे ..
“आपने मुझे अपना बना कर मुझे धन्य कर दिया कुवर “
उसकी ये प्यारी बात सुनकर मैंने फिर से उसके होठो को अपने होठो में भर लिया था ……….
Shuruwaat ki kuch pyaar bhari baate bahot Pasad aayi Hume :kiss:
इधर से चोदो , उधर से चोदो , जिधर से मन है उधर से चोदो , उल्टे चोदो सीधे चोदो , अगर चाहो तो उड़कर चोदो , मुह में चोदो , चुद में चोदो अगर चाहो तो गांड में चोदो , चोदो चोदो कसकर चोदो … इसी हुस्न की मलिका तुम्हे यही कह रही है की तुम जैसे चाहो वो तुम्हे देने को तैयार है , और तू साले गांडू यंहा भी अपनी चुतिया हरकत से बाज नहीं आ रहा है , अरे ये तुझे दुनिया की हर स्त्री से ज्यादा यौन सुख दे सकती है , तेरे लिए कुछ भी कर सकती है और तू इस उधेड़ बुन में लगा हुआ है …. महाचुतिया है तू , महा गांडू है साले तू , इसी झील में डूबकर मर जा , मेरा दोस्त कहलाने के तो लायक भी नहीं है तू “
:lol:

Waah dr sahab kya scene likha hai aapne sex karte karte space me pahocha diya :lol1: Revenge Kab lenga hero ya fir yahi chalta rahega :?:
 

Chutiyadr

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