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Adultery भाभियों का रहस्य

Chutiyadr

Well-Known Member
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259
अध्याय 26
यूनिवर्सिटी में अफरा तरफ्री का माहोल था , राज्य के मंत्री और जिले का कलेक्टर आने वाले थे , वो जिससे मिलने आने वाले थे उसके अलावा सभी लोग चौक्कने थे , कुलपती सुबह से तैयार खड़ा था , तभी कई गाडिया आकर मनोविज्ञान डिपार्टमेंट के सामने रुकनी शुरू हुई …
कुलपति तुरंत ही एक्शन में आया
“अरे ठाकुर साहब आप ने कष्ट क्यों किया हमें बुला लिया होता “
वो फुल मालाये सामने करते हुए बोला
“सर इन सबकी जरुरत नहीं है , हमें डॉ चुतिया से मिलना है , और आप तो जानते हो वो किसी की नहीं सुनते , हमने बुलावा भेजा था लेकिन डॉ साहब तो …”
अब्दुल ने बड़े ही मान से कहा , आखिर वो इसी यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट रह चूका था ..
“अरे अब्दुल बेटा तुम तो जानते हो उसे , ऐसे मैं तुम्हारे पास आने ही वाला था , आखिर हमारा स्टूडेंट आईएएस बना है तो … कभी आकर कोई मोटिवेशनल स्पीच दे कर जाओ “
“जी सर आता हु कभी , अभी ठाकुर साहब को देर हो रही है ये सब बाद में करते है “
बलवंत और अब्दुल डॉ के कमरे की ओर बढे , लेकिन बाहर एक स्टूडेंट खड़ा था उसने उनका रास्ता रोक लिया …
“बत्तमीज जानता है हम कौन है “
बलवंत भड़क गया लेकिन अब्दुल डॉ के नेचर को जानता था उसने उसे शांत करवाया ..
“छोटे डॉ साहब को बोल की अब्दुल औरठाकुर बलवंत आये है .”
“सर मैं आप दोनों को जानता हु लेकिन डॉ साहब अभी बीजी है , आप लोग बैठिये “
अब्दुल ने अपने माथे पर हाथ फेरा और सभी गार्ड को बाहर इन्तजार करने के लिए कहा , और बलवंत को सामने लगी कुर्सियों में बैठने का इशारा किया …
“ये साला प्रोफ़ेसर खुद को समझता क्या है हमें इन्त्त्जार करवाएगा “
बलवंत गुस्से में आ गया था ..
“ठाकुर साहब शांत हो जाओ , मैं इनका स्टूडेंट था और इन्हें अच्छे से जानता हु , मुख्यमंत्री भी आये ना तो ये अपने मर्जी से उनसे मिलते है , अगर ना मिलना हो तो बाहर से ही भागा दे , खैर मैंने बात कर ली है आज उन्होंने हमें बुलाया था तो शांत रहिये , हमें इनकी जरुरत है “
अब्दुल की बात सुनकर बलवंत शांत हो गया , तभी एक और लस्कर सामने से आता हुआ दिखा , सबसे सामने अम्मा थी और पीछे कई लोगो की भीड़ , कुछ ओरते थी और साथ ही कुछ गार्ड भी ..
बलवंत के गार्ड्स ने उन्हें रोकने की कोशिस की लेकिन अम्मा के गार्ड ने उन्हें वही सम्हाल लिया था ..
वो लड़का फिर से खड़ा हो गया और अम्मा को अंदर जाने से रोक दिया , अम्मा ने सामने देखा तो बलवंत और अब्दुल वही बैठे थे , अम्मा ने भी सभी को वापस भेज दिया और खुद वही अब्दुल के बगल में बैठ गई ..
अम्मा को देखकर अब्दुल और बलवंत दोनों ही थोड़े चौक गए थे ..
“कैसे हो अब्दुल आज कल तो तुम अपने गांव को ही भूल गए हो , अपनों को छोड़कर दुश्मनों के साथ हाथ मिला लिया है “
अम्मा की बात सुनकर भी अब्दुल कुछ नहीं बोला , वो सर निचे किये वही बैठा रहा , जबकि बलवंत अम्मा की ओर मुह करके उन्हें देखने लगा ..
“आज भी वैसे ही हसीन हो कांति , और सुना है की तुम्हारा भतीजा भी इस हुस्न का दीवाना है “
ठाकुर के व्यंग से अम्मा मुस्कुरा उठी ..
“कभी तुम भी इस हुस्न के दीवाने थे बलवंत , कालेज के दिन भूल गए क्या ?”
उसकी बात सुनकर अब्दुल दोनों को प्रश्न भरी निगाहों से देखने लगा वही बलवंत हलके से हँसा
“क्या करे जवानी में इन्सान के पास दिमाग ही कहा होता है कांति , जो भी हुआ वो अच्छा ही हुआ , तुम्हारा प्यार नहीं तो नफरत ही सही , हमने तो वो भी हंसकर अपना लिया है , ऐसे भी जिसके लिए तुमने हमें छोड़ा वो तो किसी काम का नहीं निकला , इससे ज्यादा सकून मुझे और क्या चीज देगी “
अम्मा के सीने में एक दर्द सा उठा , पिछली बाते उनके सामने आ गई , कभी बलवंत और यशवंत दोनों ही उसके दीवाने हुआ करते थे , अम्मा ने बलवंत को ठुकरा कर यशवंत को चुना था , कालेज के दिनों में बलवंत और यशवंत दोनों की कट्टर दुश्मनी थी लेकिन उन्हें प्यार एक ही लड़की से हुआ , बहुत मारा मारी हुई , अम्मा को पाने के लिए दोनों ने जी जान लगा दिया ,आखिर यशवंत की जीत हुई और अम्मा ने उनसे ही शादी की , लेकिन शादी के बाद से ही उन्हें ऐसी बीमारी लगी जिससे उनका शरीर दिन ब दिन कमजोर होता गया और आज भी जैसे उनका कोई वजूद ही ना हो , हवेली के एक कोने में यशवंत पड़ा रहा , चलने फिरने में भी असमर्थ सा , और पूरी जिम्मेदारी अम्मा ने ही अपने कंधे में ले ली , लेकिन अम्मा को अपने फैसले पर कभी अफ़सोस नहीं हुआ , बलवंत आज भी अम्मा के लिए दिल में सपने और अहसास रखता था ये बात अम्मा अच्छे से जानती थी , गहरी दुश्मनी के बाद भी बलवंत के दिल में अम्मा के लिए प्रेम का चिराग कभी बुझ नहीं पाया था , और अम्मा को अपना ना बना पाने का अफ़सोस भी उसके कालेजे को हल्का दर्द देता रहता , वही निशांत के अम्मा से संबंधो को सुनकर उसे ऐसा लगा था जैसे किसी ने उसके ही सीने में कोई तेज खंजर चला दिया हो …
वो हमेशा की तरह ही मनमसोज के रह गया ,उसे पता था की अम्मा उसकी कभी नहीं हो सकती ..
लेकिन पहले प्यार का दर्द भी तो ऐसा होता है की भुलाये नहीं भूलता , कितनी भी कोशिस करो सब बेकार हो जाती है …..
“ऐसे दुखी ना हो बलवंत हमने एक दुसरे की दुश्मनी स्वीकार ली है लेकिन आज भी मैं तुम्हारे उस प्रेम की क़द्र करती हु जो आज भी तुम्हारे दिल के किसी कोने में पल रहा है “
अम्मा की बात सुनकर बलवंत बिलकुल ही चुप हो गया था , वो नज़ारे गडाए हुए बस जमीन को देखने लगा , इतने शक्तिशाली इंसान का ये रूप देख अब्दुल भी आश्चर्य से भर गया .. दोनों गांव में किसी को इस गुप्त सम्बन्ध का पता नहीं था , अब्दुल भी इस बात से अनजान था की उसका होने वाला ससुर और इस राज्य का सबसे ताकतवर समझे जाने वाला इंसान भी किसी की मोहोब्बत में है वो भी सालो पूरानी नाकाम मोहोब्बत ..
अब मोहोब्बत नाकाम हो या कामियाब साली दिल में हमेशा एक टिस की तरह रहती है …
*************
कुछ देर ही हुए थे की डॉ ने दोनों पक्षों को एक साथ बुला लिया …
तीनो अंदर गये तो डॉ आराम से अपने चेयर में बैठा हुआ सिगरेट का धुवा उड़ा रहा था , अम्मा और अब्दुल दोनों ने आने से पहले ही डॉ को आने का कारण बता दिया था …
बलवंत जन्हा पुरे गुस्से में था वही अम्मा शांत थी , अम्मा डॉ को जानती थी और वो ये भी जानती थी की आदमी भले ही वो अजीब है लेकिन काम का है …
जाते ही अब्दुल ने डॉ के चरण स्पर्श करे …
“खुश रहो बेटा , कलेक्टर बन गए … बहुत खूब “
“धन्यवाद सर आपका आशीर्वाद है , “
“बढ़िया बढ़िया बैठो “
अब्दुल के साथ साथ ही सभी सामने लगी हुई कुर्सी में बैठ गए ..
डॉ अभी भी सिगरेट का धुआ उड़ा कर उससे छल्ला बनाने की कोशिस कर रहा था …
अब बलवंत से बर्दास्त नहीं हुआ
“सुनो डॉ हमारा काम है इसलिए हम तुम्हारे पास आये , उपर से ये बत्तमीजी “
अब्दुल ने इशारे से बलवंत को शांत रहने के लिए कहा , बलवंत की बात सुनकर एक बार डॉ ने सभी को देखा और …
“भखलंड …”
सभी उसकी बात सुनकर एक दुसरे को देखने लगे
“मलतब “ अम्मा भी थोड़ी चौकी थी
“जिसके कारन आप परेशान हो वो भखलंड प्रजाति का शैतान है , मैंने इस प्रजाति के शैतानो पर पूरी रिसर्च की है “
“क्या ??? शैतानो की भी प्रजाति होती है “ अम्मा थोड़ी चौकी जबकि बलवंत को लगा की ये साला मैं कहा फंस गया
“बिलकुल होती है , सभी शैतानी ताकते असल में एक ही है लेकिन फिर ही सभी का काम अलग अलग होता है , उसी के हिसाब से ये वर्गीकरण किया गया है , मैं इस पर एक थीसिस भी लिख रहा हु , भखलंड , चुदैल आदि प्रकार के प्रजातियों पर “
“चुड़ैल ??? “ बलवंत ने थोडा अपसेट होते हुए कहा
“चुड़ैल नहीं ठाकुर साहब चुदैल , ये शैतान के स्त्री लिंग वाला रूप है “
“यार काम की बात करो , तुम्हारे इस थीसिस में मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है “
बलवंत थोडा झल्ला गया था , जिसे देखकर थोडा हँसा
“ठाकुर साहब जिस चीज से आपको लड़ना है कम से कम उसकी जानकारी तो आपको होनी ही चाहिए न , मैं थोडा भखलंडो के बारे में बताता हु , जैसे शैतानी ताकते कई चीजो को पाने के लिए उपद्रव करती है जैसे पॉवर , पैसा ,जमीन जायजाद ,ओरते आदि आदि या ये सभी एक साथ , लेकिन ये प्रजाति थोड़ी अलग है , इन सालो को बस एक ही चीज चाहिए और वो है इंसान के अंदर हवस भर देना , इन्हें सेक्स करवाने में मजा आता है , जो भी इनकी पूजा करे या गुलाम बने वो इन्हें वैसे ही ताकते देते है , खासकर जिसे समाज पाप कहता हो वैसा सेक्स इन्हें और भी ज्यादा पसंद है , जैसे रिश्तो में सेक्स , दुसरे के प्यार या बीबी से सेक्स आदि आदि …”
सब खामोश थे लेकिन अम्मा बोल उठी
“डॉ साहब ये सब तो ठीक है लेकिन आप भी जानते है की इस शैतान ने हमारे कुवर की मदद की है , और ये शक्तिया एक खास मकसद से उसे मिली है ,लेकिन अब वो हमें डराने लगी है , अब हमे क्या करना चाहिए “
“अम्मा निशांत जितना अधिक सेक्स में इन्वोल्व होगा उतनी ही उसकी शक्तिया भी बढ़ते जायेगी , और शायद यही दोनों गांवो की सबसे बड़ा डर है , लेकिन फिक्र मत करे मेरे पास इसका भी एक उपाय है “
“क्या ???” तीनो एक साथ बोल पड़े
“चुदैल शैतान “
अब तीनो एक दुसरे का चहरा देखने लगे
“लेकिन कैसे “ अब्दुल बोला
“बेटे आसान है , जैसे निशांत को पॉवर मिली अगर वैसे ही कोई लड़की चुदैल शैतान से पॉवर ले ले तो वो एक दुसरे के काट बन सकते है , अभी हमारे पास टाइम है की हम कोई ऐसी लड़की ढूंढ ले “
सभी से एक दुसरे को देखने लगे
“लेकिन डॉ साहब ये चुदैल शैतान की उपासना कैसे की जाती है और कौन लड़की अपनी क़ुरबानी देगी “
डॉ के चहरे में एक मुस्कान खिल गई
“चुदैल शैतान की पॉवर वाली लड़की भखलंड को शारीरिक रूप से पूर्ण संतुष्ट करके उसे शांत कर सकती है ,लेकिन उसकी शक्ति को पाना किसी आम लड़की के बस का नहीं है , ये समर्पण वही कर सकती है जो ….”
“जो क्या ???” तीनो ने एक साथ कहा
“जो निशांत से सच्चे मन से प्यार करती हो और उसे शांत करने के लिए कुछ भी कर जाए “
तीनो एक दुसरे का मुह देखने लगे , आखिर ऐसी लड़की है कौन …
लेकिन अम्मा के दिमाग में एक ही नाम गूंज रहा था ..
अन्नू ……..

 

Studxyz

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ग़ज़ब का गांड फाड़ू रोमांच है बलवन्त भी अम्मा का आशिक निकला बल्कि दोनों गाँव ही चुदाई के बादशाह हैं साला एक भी सीधा नहीं है ऊपर से भोसडी वाला डॉ चुतिया कुंवर के दुश्मनों को उसकी काट बता रहा है और अगर अंनु भी चुदाई की शैतान बन के कुंवर के साथ मिल गयी तो सब की माँ बहन एक हो जायेगी चुदाई का बवंडर आ जायेगा :winknudge:
 
Last edited:

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Are dr sahab ki baat hi alag hai in kahani ke kirdaro ko ye baat kaha se samjh aaye wo chahe to kisi bhi kirdaar ko abhi pal bhar me mita sakte hai :approve: or chahe to kahani me hamari balwant ki ladki ke saath setting bhi kar sakte hai :love: lekin aisa mumkin kaha dr sahab ko kajal se fursat mile tab hamara kahayal aaye na :roll:
मैं इस पर एक थीसिस भी लिख रहा हु , भखलंड , चुदैल आदि प्रकार के प्रजातियों पर “
:lol:

Khair amma ke patidev ka pahli baar kahani ke jikra waise aisi konsi bimari ho gayi jiska koi ilaaz nahi hai. usse jaada dilchasp to nishant ka ilaaz hai bhaklaund ke liye chudail ka intzaam karo or dono ko saath bhida ke tripti dilwao :roflol:
 
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अध्याय 26
यूनिवर्सिटी में अफरा तरफ्री का माहोल था , राज्य के मंत्री और जिले का कलेक्टर आने वाले थे , वो जिससे मिलने आने वाले थे उसके अलावा सभी लोग चौक्कने थे , कुलपती सुबह से तैयार खड़ा था , तभी कई गाडिया आकर मनोविज्ञान डिपार्टमेंट के सामने रुकनी शुरू हुई …
कुलपति तुरंत ही एक्शन में आया
“अरे ठाकुर साहब आप ने कष्ट क्यों किया हमें बुला लिया होता “
वो फुल मालाये सामने करते हुए बोला
“सर इन सबकी जरुरत नहीं है , हमें डॉ चुतिया से मिलना है , और आप तो जानते हो वो किसी की नहीं सुनते , हमने बुलावा भेजा था लेकिन डॉ साहब तो …”
अब्दुल ने बड़े ही मान से कहा , आखिर वो इसी यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट रह चूका था ..
“अरे अब्दुल बेटा तुम तो जानते हो उसे , ऐसे मैं तुम्हारे पास आने ही वाला था , आखिर हमारा स्टूडेंट आईएएस बना है तो … कभी आकर कोई मोटिवेशनल स्पीच दे कर जाओ “
“जी सर आता हु कभी , अभी ठाकुर साहब को देर हो रही है ये सब बाद में करते है “
बलवंत और अब्दुल डॉ के कमरे की ओर बढे , लेकिन बाहर एक स्टूडेंट खड़ा था उसने उनका रास्ता रोक लिया …
“बत्तमीज जानता है हम कौन है “
बलवंत भड़क गया लेकिन अब्दुल डॉ के नेचर को जानता था उसने उसे शांत करवाया ..
“छोटे डॉ साहब को बोल की अब्दुल औरठाकुर बलवंत आये है .”
“सर मैं आप दोनों को जानता हु लेकिन डॉ साहब अभी बीजी है , आप लोग बैठिये “
अब्दुल ने अपने माथे पर हाथ फेरा और सभी गार्ड को बाहर इन्तजार करने के लिए कहा , और बलवंत को सामने लगी कुर्सियों में बैठने का इशारा किया …
“ये साला प्रोफ़ेसर खुद को समझता क्या है हमें इन्त्त्जार करवाएगा “
बलवंत गुस्से में आ गया था ..
“ठाकुर साहब शांत हो जाओ , मैं इनका स्टूडेंट था और इन्हें अच्छे से जानता हु , मुख्यमंत्री भी आये ना तो ये अपने मर्जी से उनसे मिलते है , अगर ना मिलना हो तो बाहर से ही भागा दे , खैर मैंने बात कर ली है आज उन्होंने हमें बुलाया था तो शांत रहिये , हमें इनकी जरुरत है “
अब्दुल की बात सुनकर बलवंत शांत हो गया , तभी एक और लस्कर सामने से आता हुआ दिखा , सबसे सामने अम्मा थी और पीछे कई लोगो की भीड़ , कुछ ओरते थी और साथ ही कुछ गार्ड भी ..
बलवंत के गार्ड्स ने उन्हें रोकने की कोशिस की लेकिन अम्मा के गार्ड ने उन्हें वही सम्हाल लिया था ..
वो लड़का फिर से खड़ा हो गया और अम्मा को अंदर जाने से रोक दिया , अम्मा ने सामने देखा तो बलवंत और अब्दुल वही बैठे थे , अम्मा ने भी सभी को वापस भेज दिया और खुद वही अब्दुल के बगल में बैठ गई ..
अम्मा को देखकर अब्दुल और बलवंत दोनों ही थोड़े चौक गए थे ..
“कैसे हो अब्दुल आज कल तो तुम अपने गांव को ही भूल गए हो , अपनों को छोड़कर दुश्मनों के साथ हाथ मिला लिया है “
अम्मा की बात सुनकर भी अब्दुल कुछ नहीं बोला , वो सर निचे किये वही बैठा रहा , जबकि बलवंत अम्मा की ओर मुह करके उन्हें देखने लगा ..
“आज भी वैसे ही हसीन हो कांति , और सुना है की तुम्हारा भतीजा भी इस हुस्न का दीवाना है “
ठाकुर के व्यंग से अम्मा मुस्कुरा उठी ..
“कभी तुम भी इस हुस्न के दीवाने थे बलवंत , कालेज के दिन भूल गए क्या ?”
उसकी बात सुनकर अब्दुल दोनों को प्रश्न भरी निगाहों से देखने लगा वही बलवंत हलके से हँसा
“क्या करे जवानी में इन्सान के पास दिमाग ही कहा होता है कांति , जो भी हुआ वो अच्छा ही हुआ , तुम्हारा प्यार नहीं तो नफरत ही सही , हमने तो वो भी हंसकर अपना लिया है , ऐसे भी जिसके लिए तुमने हमें छोड़ा वो तो किसी काम का नहीं निकला , इससे ज्यादा सकून मुझे और क्या चीज देगी “
अम्मा के सीने में एक दर्द सा उठा , पिछली बाते उनके सामने आ गई , कभी बलवंत और यशवंत दोनों ही उसके दीवाने हुआ करते थे , अम्मा ने बलवंत को ठुकरा कर यशवंत को चुना था , कालेज के दिनों में बलवंत और यशवंत दोनों की कट्टर दुश्मनी थी लेकिन उन्हें प्यार एक ही लड़की से हुआ , बहुत मारा मारी हुई , अम्मा को पाने के लिए दोनों ने जी जान लगा दिया ,आखिर यशवंत की जीत हुई और अम्मा ने उनसे ही शादी की , लेकिन शादी के बाद से ही उन्हें ऐसी बीमारी लगी जिससे उनका शरीर दिन ब दिन कमजोर होता गया और आज भी जैसे उनका कोई वजूद ही ना हो , हवेली के एक कोने में यशवंत पड़ा रहा , चलने फिरने में भी असमर्थ सा , और पूरी जिम्मेदारी अम्मा ने ही अपने कंधे में ले ली , लेकिन अम्मा को अपने फैसले पर कभी अफ़सोस नहीं हुआ , बलवंत आज भी अम्मा के लिए दिल में सपने और अहसास रखता था ये बात अम्मा अच्छे से जानती थी , गहरी दुश्मनी के बाद भी बलवंत के दिल में अम्मा के लिए प्रेम का चिराग कभी बुझ नहीं पाया था , और अम्मा को अपना ना बना पाने का अफ़सोस भी उसके कालेजे को हल्का दर्द देता रहता , वही निशांत के अम्मा से संबंधो को सुनकर उसे ऐसा लगा था जैसे किसी ने उसके ही सीने में कोई तेज खंजर चला दिया हो …
वो हमेशा की तरह ही मनमसोज के रह गया ,उसे पता था की अम्मा उसकी कभी नहीं हो सकती ..
लेकिन पहले प्यार का दर्द भी तो ऐसा होता है की भुलाये नहीं भूलता , कितनी भी कोशिस करो सब बेकार हो जाती है …..
“ऐसे दुखी ना हो बलवंत हमने एक दुसरे की दुश्मनी स्वीकार ली है लेकिन आज भी मैं तुम्हारे उस प्रेम की क़द्र करती हु जो आज भी तुम्हारे दिल के किसी कोने में पल रहा है “
अम्मा की बात सुनकर बलवंत बिलकुल ही चुप हो गया था , वो नज़ारे गडाए हुए बस जमीन को देखने लगा , इतने शक्तिशाली इंसान का ये रूप देख अब्दुल भी आश्चर्य से भर गया .. दोनों गांव में किसी को इस गुप्त सम्बन्ध का पता नहीं था , अब्दुल भी इस बात से अनजान था की उसका होने वाला ससुर और इस राज्य का सबसे ताकतवर समझे जाने वाला इंसान भी किसी की मोहोब्बत में है वो भी सालो पूरानी नाकाम मोहोब्बत ..
अब मोहोब्बत नाकाम हो या कामियाब साली दिल में हमेशा एक टिस की तरह रहती है …
*************
कुछ देर ही हुए थे की डॉ ने दोनों पक्षों को एक साथ बुला लिया …
तीनो अंदर गये तो डॉ आराम से अपने चेयर में बैठा हुआ सिगरेट का धुवा उड़ा रहा था , अम्मा और अब्दुल दोनों ने आने से पहले ही डॉ को आने का कारण बता दिया था …
बलवंत जन्हा पुरे गुस्से में था वही अम्मा शांत थी , अम्मा डॉ को जानती थी और वो ये भी जानती थी की आदमी भले ही वो अजीब है लेकिन काम का है …
जाते ही अब्दुल ने डॉ के चरण स्पर्श करे …
“खुश रहो बेटा , कलेक्टर बन गए … बहुत खूब “
“धन्यवाद सर आपका आशीर्वाद है , “
“बढ़िया बढ़िया बैठो “
अब्दुल के साथ साथ ही सभी सामने लगी हुई कुर्सी में बैठ गए ..
डॉ अभी भी सिगरेट का धुआ उड़ा कर उससे छल्ला बनाने की कोशिस कर रहा था …
अब बलवंत से बर्दास्त नहीं हुआ
“सुनो डॉ हमारा काम है इसलिए हम तुम्हारे पास आये , उपर से ये बत्तमीजी “
अब्दुल ने इशारे से बलवंत को शांत रहने के लिए कहा , बलवंत की बात सुनकर एक बार डॉ ने सभी को देखा और …
“भखलंड …”
सभी उसकी बात सुनकर एक दुसरे को देखने लगे
“मलतब “ अम्मा भी थोड़ी चौकी थी
“जिसके कारन आप परेशान हो वो भखलंड प्रजाति का शैतान है , मैंने इस प्रजाति के शैतानो पर पूरी रिसर्च की है “
“क्या ??? शैतानो की भी प्रजाति होती है “ अम्मा थोड़ी चौकी जबकि बलवंत को लगा की ये साला मैं कहा फंस गया
“बिलकुल होती है , सभी शैतानी ताकते असल में एक ही है लेकिन फिर ही सभी का काम अलग अलग होता है , उसी के हिसाब से ये वर्गीकरण किया गया है , मैं इस पर एक थीसिस भी लिख रहा हु , भखलंड , चुदैल आदि प्रकार के प्रजातियों पर “
“चुड़ैल ??? “ बलवंत ने थोडा अपसेट होते हुए कहा
“चुड़ैल नहीं ठाकुर साहब चुदैल , ये शैतान के स्त्री लिंग वाला रूप है “
“यार काम की बात करो , तुम्हारे इस थीसिस में मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है “
बलवंत थोडा झल्ला गया था , जिसे देखकर थोडा हँसा
“ठाकुर साहब जिस चीज से आपको लड़ना है कम से कम उसकी जानकारी तो आपको होनी ही चाहिए न , मैं थोडा भखलंडो के बारे में बताता हु , जैसे शैतानी ताकते कई चीजो को पाने के लिए उपद्रव करती है जैसे पॉवर , पैसा ,जमीन जायजाद ,ओरते आदि आदि या ये सभी एक साथ , लेकिन ये प्रजाति थोड़ी अलग है , इन सालो को बस एक ही चीज चाहिए और वो है इंसान के अंदर हवस भर देना , इन्हें सेक्स करवाने में मजा आता है , जो भी इनकी पूजा करे या गुलाम बने वो इन्हें वैसे ही ताकते देते है , खासकर जिसे समाज पाप कहता हो वैसा सेक्स इन्हें और भी ज्यादा पसंद है , जैसे रिश्तो में सेक्स , दुसरे के प्यार या बीबी से सेक्स आदि आदि …”
सब खामोश थे लेकिन अम्मा बोल उठी
“डॉ साहब ये सब तो ठीक है लेकिन आप भी जानते है की इस शैतान ने हमारे कुवर की मदद की है , और ये शक्तिया एक खास मकसद से उसे मिली है ,लेकिन अब वो हमें डराने लगी है , अब हमे क्या करना चाहिए “
“अम्मा निशांत जितना अधिक सेक्स में इन्वोल्व होगा उतनी ही उसकी शक्तिया भी बढ़ते जायेगी , और शायद यही दोनों गांवो की सबसे बड़ा डर है , लेकिन फिक्र मत करे मेरे पास इसका भी एक उपाय है “
“क्या ???” तीनो एक साथ बोल पड़े
“चुदैल शैतान “
अब तीनो एक दुसरे का चहरा देखने लगे
“लेकिन कैसे “ अब्दुल बोला
“बेटे आसान है , जैसे निशांत को पॉवर मिली अगर वैसे ही कोई लड़की चुदैल शैतान से पॉवर ले ले तो वो एक दुसरे के काट बन सकते है , अभी हमारे पास टाइम है की हम कोई ऐसी लड़की ढूंढ ले “
सभी से एक दुसरे को देखने लगे
“लेकिन डॉ साहब ये चुदैल शैतान की उपासना कैसे की जाती है और कौन लड़की अपनी क़ुरबानी देगी “
डॉ के चहरे में एक मुस्कान खिल गई
“चुदैल शैतान की पॉवर वाली लड़की भखलंड को शारीरिक रूप से पूर्ण संतुष्ट करके उसे शांत कर सकती है ,लेकिन उसकी शक्ति को पाना किसी आम लड़की के बस का नहीं है , ये समर्पण वही कर सकती है जो ….”
“जो क्या ???” तीनो ने एक साथ कहा
“जो निशांत से सच्चे मन से प्यार करती हो और उसे शांत करने के लिए कुछ भी कर जाए “
तीनो एक दुसरे का मुह देखने लगे , आखिर ऐसी लड़की है कौन …
लेकिन अम्मा के दिमाग में एक ही नाम गूंज रहा था ..
अन्नू ……..
यार तुम गजब हो केसे केसे नाम रखते हो पढ़े हसी आजती है
फनी पर डिफरेंट अपडेट बढ़िया है लगे रहो वेटिंग फॉर नेक्स्ट
 

parkas

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अध्याय 26
यूनिवर्सिटी में अफरा तरफ्री का माहोल था , राज्य के मंत्री और जिले का कलेक्टर आने वाले थे , वो जिससे मिलने आने वाले थे उसके अलावा सभी लोग चौक्कने थे , कुलपती सुबह से तैयार खड़ा था , तभी कई गाडिया आकर मनोविज्ञान डिपार्टमेंट के सामने रुकनी शुरू हुई …
कुलपति तुरंत ही एक्शन में आया
“अरे ठाकुर साहब आप ने कष्ट क्यों किया हमें बुला लिया होता “
वो फुल मालाये सामने करते हुए बोला
“सर इन सबकी जरुरत नहीं है , हमें डॉ चुतिया से मिलना है , और आप तो जानते हो वो किसी की नहीं सुनते , हमने बुलावा भेजा था लेकिन डॉ साहब तो …”
अब्दुल ने बड़े ही मान से कहा , आखिर वो इसी यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट रह चूका था ..
“अरे अब्दुल बेटा तुम तो जानते हो उसे , ऐसे मैं तुम्हारे पास आने ही वाला था , आखिर हमारा स्टूडेंट आईएएस बना है तो … कभी आकर कोई मोटिवेशनल स्पीच दे कर जाओ “
“जी सर आता हु कभी , अभी ठाकुर साहब को देर हो रही है ये सब बाद में करते है “
बलवंत और अब्दुल डॉ के कमरे की ओर बढे , लेकिन बाहर एक स्टूडेंट खड़ा था उसने उनका रास्ता रोक लिया …
“बत्तमीज जानता है हम कौन है “
बलवंत भड़क गया लेकिन अब्दुल डॉ के नेचर को जानता था उसने उसे शांत करवाया ..
“छोटे डॉ साहब को बोल की अब्दुल औरठाकुर बलवंत आये है .”
“सर मैं आप दोनों को जानता हु लेकिन डॉ साहब अभी बीजी है , आप लोग बैठिये “
अब्दुल ने अपने माथे पर हाथ फेरा और सभी गार्ड को बाहर इन्तजार करने के लिए कहा , और बलवंत को सामने लगी कुर्सियों में बैठने का इशारा किया …
“ये साला प्रोफ़ेसर खुद को समझता क्या है हमें इन्त्त्जार करवाएगा “
बलवंत गुस्से में आ गया था ..
“ठाकुर साहब शांत हो जाओ , मैं इनका स्टूडेंट था और इन्हें अच्छे से जानता हु , मुख्यमंत्री भी आये ना तो ये अपने मर्जी से उनसे मिलते है , अगर ना मिलना हो तो बाहर से ही भागा दे , खैर मैंने बात कर ली है आज उन्होंने हमें बुलाया था तो शांत रहिये , हमें इनकी जरुरत है “
अब्दुल की बात सुनकर बलवंत शांत हो गया , तभी एक और लस्कर सामने से आता हुआ दिखा , सबसे सामने अम्मा थी और पीछे कई लोगो की भीड़ , कुछ ओरते थी और साथ ही कुछ गार्ड भी ..
बलवंत के गार्ड्स ने उन्हें रोकने की कोशिस की लेकिन अम्मा के गार्ड ने उन्हें वही सम्हाल लिया था ..
वो लड़का फिर से खड़ा हो गया और अम्मा को अंदर जाने से रोक दिया , अम्मा ने सामने देखा तो बलवंत और अब्दुल वही बैठे थे , अम्मा ने भी सभी को वापस भेज दिया और खुद वही अब्दुल के बगल में बैठ गई ..
अम्मा को देखकर अब्दुल और बलवंत दोनों ही थोड़े चौक गए थे ..
“कैसे हो अब्दुल आज कल तो तुम अपने गांव को ही भूल गए हो , अपनों को छोड़कर दुश्मनों के साथ हाथ मिला लिया है “
अम्मा की बात सुनकर भी अब्दुल कुछ नहीं बोला , वो सर निचे किये वही बैठा रहा , जबकि बलवंत अम्मा की ओर मुह करके उन्हें देखने लगा ..
“आज भी वैसे ही हसीन हो कांति , और सुना है की तुम्हारा भतीजा भी इस हुस्न का दीवाना है “
ठाकुर के व्यंग से अम्मा मुस्कुरा उठी ..
“कभी तुम भी इस हुस्न के दीवाने थे बलवंत , कालेज के दिन भूल गए क्या ?”
उसकी बात सुनकर अब्दुल दोनों को प्रश्न भरी निगाहों से देखने लगा वही बलवंत हलके से हँसा
“क्या करे जवानी में इन्सान के पास दिमाग ही कहा होता है कांति , जो भी हुआ वो अच्छा ही हुआ , तुम्हारा प्यार नहीं तो नफरत ही सही , हमने तो वो भी हंसकर अपना लिया है , ऐसे भी जिसके लिए तुमने हमें छोड़ा वो तो किसी काम का नहीं निकला , इससे ज्यादा सकून मुझे और क्या चीज देगी “
अम्मा के सीने में एक दर्द सा उठा , पिछली बाते उनके सामने आ गई , कभी बलवंत और यशवंत दोनों ही उसके दीवाने हुआ करते थे , अम्मा ने बलवंत को ठुकरा कर यशवंत को चुना था , कालेज के दिनों में बलवंत और यशवंत दोनों की कट्टर दुश्मनी थी लेकिन उन्हें प्यार एक ही लड़की से हुआ , बहुत मारा मारी हुई , अम्मा को पाने के लिए दोनों ने जी जान लगा दिया ,आखिर यशवंत की जीत हुई और अम्मा ने उनसे ही शादी की , लेकिन शादी के बाद से ही उन्हें ऐसी बीमारी लगी जिससे उनका शरीर दिन ब दिन कमजोर होता गया और आज भी जैसे उनका कोई वजूद ही ना हो , हवेली के एक कोने में यशवंत पड़ा रहा , चलने फिरने में भी असमर्थ सा , और पूरी जिम्मेदारी अम्मा ने ही अपने कंधे में ले ली , लेकिन अम्मा को अपने फैसले पर कभी अफ़सोस नहीं हुआ , बलवंत आज भी अम्मा के लिए दिल में सपने और अहसास रखता था ये बात अम्मा अच्छे से जानती थी , गहरी दुश्मनी के बाद भी बलवंत के दिल में अम्मा के लिए प्रेम का चिराग कभी बुझ नहीं पाया था , और अम्मा को अपना ना बना पाने का अफ़सोस भी उसके कालेजे को हल्का दर्द देता रहता , वही निशांत के अम्मा से संबंधो को सुनकर उसे ऐसा लगा था जैसे किसी ने उसके ही सीने में कोई तेज खंजर चला दिया हो …
वो हमेशा की तरह ही मनमसोज के रह गया ,उसे पता था की अम्मा उसकी कभी नहीं हो सकती ..
लेकिन पहले प्यार का दर्द भी तो ऐसा होता है की भुलाये नहीं भूलता , कितनी भी कोशिस करो सब बेकार हो जाती है …..
“ऐसे दुखी ना हो बलवंत हमने एक दुसरे की दुश्मनी स्वीकार ली है लेकिन आज भी मैं तुम्हारे उस प्रेम की क़द्र करती हु जो आज भी तुम्हारे दिल के किसी कोने में पल रहा है “
अम्मा की बात सुनकर बलवंत बिलकुल ही चुप हो गया था , वो नज़ारे गडाए हुए बस जमीन को देखने लगा , इतने शक्तिशाली इंसान का ये रूप देख अब्दुल भी आश्चर्य से भर गया .. दोनों गांव में किसी को इस गुप्त सम्बन्ध का पता नहीं था , अब्दुल भी इस बात से अनजान था की उसका होने वाला ससुर और इस राज्य का सबसे ताकतवर समझे जाने वाला इंसान भी किसी की मोहोब्बत में है वो भी सालो पूरानी नाकाम मोहोब्बत ..
अब मोहोब्बत नाकाम हो या कामियाब साली दिल में हमेशा एक टिस की तरह रहती है …
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कुछ देर ही हुए थे की डॉ ने दोनों पक्षों को एक साथ बुला लिया …
तीनो अंदर गये तो डॉ आराम से अपने चेयर में बैठा हुआ सिगरेट का धुवा उड़ा रहा था , अम्मा और अब्दुल दोनों ने आने से पहले ही डॉ को आने का कारण बता दिया था …
बलवंत जन्हा पुरे गुस्से में था वही अम्मा शांत थी , अम्मा डॉ को जानती थी और वो ये भी जानती थी की आदमी भले ही वो अजीब है लेकिन काम का है …
जाते ही अब्दुल ने डॉ के चरण स्पर्श करे …
“खुश रहो बेटा , कलेक्टर बन गए … बहुत खूब “
“धन्यवाद सर आपका आशीर्वाद है , “
“बढ़िया बढ़िया बैठो “
अब्दुल के साथ साथ ही सभी सामने लगी हुई कुर्सी में बैठ गए ..
डॉ अभी भी सिगरेट का धुआ उड़ा कर उससे छल्ला बनाने की कोशिस कर रहा था …
अब बलवंत से बर्दास्त नहीं हुआ
“सुनो डॉ हमारा काम है इसलिए हम तुम्हारे पास आये , उपर से ये बत्तमीजी “
अब्दुल ने इशारे से बलवंत को शांत रहने के लिए कहा , बलवंत की बात सुनकर एक बार डॉ ने सभी को देखा और …
“भखलंड …”
सभी उसकी बात सुनकर एक दुसरे को देखने लगे
“मलतब “ अम्मा भी थोड़ी चौकी थी
“जिसके कारन आप परेशान हो वो भखलंड प्रजाति का शैतान है , मैंने इस प्रजाति के शैतानो पर पूरी रिसर्च की है “
“क्या ??? शैतानो की भी प्रजाति होती है “ अम्मा थोड़ी चौकी जबकि बलवंत को लगा की ये साला मैं कहा फंस गया
“बिलकुल होती है , सभी शैतानी ताकते असल में एक ही है लेकिन फिर ही सभी का काम अलग अलग होता है , उसी के हिसाब से ये वर्गीकरण किया गया है , मैं इस पर एक थीसिस भी लिख रहा हु , भखलंड , चुदैल आदि प्रकार के प्रजातियों पर “
“चुड़ैल ??? “ बलवंत ने थोडा अपसेट होते हुए कहा
“चुड़ैल नहीं ठाकुर साहब चुदैल , ये शैतान के स्त्री लिंग वाला रूप है “
“यार काम की बात करो , तुम्हारे इस थीसिस में मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है “
बलवंत थोडा झल्ला गया था , जिसे देखकर थोडा हँसा
“ठाकुर साहब जिस चीज से आपको लड़ना है कम से कम उसकी जानकारी तो आपको होनी ही चाहिए न , मैं थोडा भखलंडो के बारे में बताता हु , जैसे शैतानी ताकते कई चीजो को पाने के लिए उपद्रव करती है जैसे पॉवर , पैसा ,जमीन जायजाद ,ओरते आदि आदि या ये सभी एक साथ , लेकिन ये प्रजाति थोड़ी अलग है , इन सालो को बस एक ही चीज चाहिए और वो है इंसान के अंदर हवस भर देना , इन्हें सेक्स करवाने में मजा आता है , जो भी इनकी पूजा करे या गुलाम बने वो इन्हें वैसे ही ताकते देते है , खासकर जिसे समाज पाप कहता हो वैसा सेक्स इन्हें और भी ज्यादा पसंद है , जैसे रिश्तो में सेक्स , दुसरे के प्यार या बीबी से सेक्स आदि आदि …”
सब खामोश थे लेकिन अम्मा बोल उठी
“डॉ साहब ये सब तो ठीक है लेकिन आप भी जानते है की इस शैतान ने हमारे कुवर की मदद की है , और ये शक्तिया एक खास मकसद से उसे मिली है ,लेकिन अब वो हमें डराने लगी है , अब हमे क्या करना चाहिए “
“अम्मा निशांत जितना अधिक सेक्स में इन्वोल्व होगा उतनी ही उसकी शक्तिया भी बढ़ते जायेगी , और शायद यही दोनों गांवो की सबसे बड़ा डर है , लेकिन फिक्र मत करे मेरे पास इसका भी एक उपाय है “
“क्या ???” तीनो एक साथ बोल पड़े
“चुदैल शैतान “
अब तीनो एक दुसरे का चहरा देखने लगे
“लेकिन कैसे “ अब्दुल बोला
“बेटे आसान है , जैसे निशांत को पॉवर मिली अगर वैसे ही कोई लड़की चुदैल शैतान से पॉवर ले ले तो वो एक दुसरे के काट बन सकते है , अभी हमारे पास टाइम है की हम कोई ऐसी लड़की ढूंढ ले “
सभी से एक दुसरे को देखने लगे
“लेकिन डॉ साहब ये चुदैल शैतान की उपासना कैसे की जाती है और कौन लड़की अपनी क़ुरबानी देगी “
डॉ के चहरे में एक मुस्कान खिल गई
“चुदैल शैतान की पॉवर वाली लड़की भखलंड को शारीरिक रूप से पूर्ण संतुष्ट करके उसे शांत कर सकती है ,लेकिन उसकी शक्ति को पाना किसी आम लड़की के बस का नहीं है , ये समर्पण वही कर सकती है जो ….”
“जो क्या ???” तीनो ने एक साथ कहा
“जो निशांत से सच्चे मन से प्यार करती हो और उसे शांत करने के लिए कुछ भी कर जाए “
तीनो एक दुसरे का मुह देखने लगे , आखिर ऐसी लड़की है कौन …
लेकिन अम्मा के दिमाग में एक ही नाम गूंज रहा था ..
अन्नू ……..
Bahut hi shaandar update diya hai Chutiyadr bhai....
Nice and lovely update....
 
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