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Adultery भाभियों का रहस्य

Lib am

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अध्याय 27
झरने की आवाज और उसका ठंडा पानी में मेरे मन को शीतलता नहीं दे पा रहा था , मैं झरने के निचे खड़ा हुआ अपने अंदर की आग को शांत करने की कोशिस कर रहा था , अन्नू के जाने के बाद से ही मैं पागल सा हो गा गया था , सामने जो लड़की दिखे उसके उपर चढ़ जाता , कल मैंने गांव की स्त्रियों के साथ सड़क में ही सम्भोग कर दिया , मुझे अपनी अपने कुल की और ना ही अम्मा और उन ओरतो की इज्जत की कोई चिंता हुई , मैं एक जानवर बन रहा था और मेरा सामना करने वाला कोई नहीं था ,
आज सुबह से मैं 5 लडकियों को भोग चूका था , अम्मा गांव की कुछ ओरतो के साथ शहर गई थी और सभी को सख्त हिदायत दी गई थी की उनके आने तक मुझे कमरे से ना निकलने दिया जाए , हर एक घंटे में एक नयी लड़की को मेरे पास भेजा जा रहा था , ये सभी वही ओरते थी जिनकी कोख मुझे भरनी थी , 5 ओरतो के कोख में अपना वीर्य भरने के बाद भी मैं वासना की आग में जल रहा था, लेकिन मुझे थोड़ी चेतना जरुर आई , मैं खुद को स्वतंत्र करना चाहता था लेकिन उल्टे मैं वासना के भवर में फंस रहा था , ये ख्याल आते ही मैंने खुद को नियंत्रित करने की सोची , मेरा ये पागलपन गांव वालो के लिए और अम्मा के लिए भी एक मुसिबित बन चूका था , मैं बाहर जाने लगा तो मुझे लोगो ने रोका , कालू भी उनमे शामिल था …
“कुवर अम्मा का आदेश है आप बाहर नहीं जा सकते , आपको जो चाहिए वो हम आपको आपके कमरे में लाकर दे देंगे ..”
मैंने गुस्से से भरी आँखों से कालू को देखा , उसके चहरे में पसीने आ गए थे
“शांति मुझे शांति चाहिए “ मैंने दबे हुए स्वर में ही उससे कहा
“कहा रहती है महराज बताइए अभी आपकी सेवा में हाजिर कर देते है , अरे ये शांति कौन है “
पास खड़ा मुंशी थोडा सोचने लगा
“शायद महुआ की बहन का नाम है “
उसने सोचते हुए कहा
लेकिन उनकी इन हरकतों से मेरा दिमाग ख़राब हो गया था ,
“अबे चुतियो शांति मतलब , मन की शांति , मुझे मन की शांति चाहिए और ये मुझे इस कमरे में रहकर नहीं मिल सकता , जितना मैं सम्भोग करता हु उतना ही वासना और भी बलवती होने लगती है , ये एक श्राप सा है , मुझे एकांत चाहिए हटो सामने से वरना सबका सर फोड़ दूंगा “
मेरा गुस्सा देखकर वो थोड़े बाजु हुए
“कुवर , कोई पसंद आ जाए तो उसके घर चले जाना , सड़क में नहीं वरना अम्मा हमे मार डालेगी “
कालू ने हिम्मत करके कहा , मैं बिना कुछ बोले ही अपनी बुलेट उठा कर झरने की ओर चल पड़ा …
गांव में जो भी मुझे देखता वो वही जम जाता था ,कल की हरकत के बाद से सभी मुझसे डरने लगे थे , क्या मैं एक शैतान बन चूका हु ,
ये सवाल मेरे मन को खाए जा रहा था , अंकित भी अपने घर के सामने बैठा था हम दोनों की आँखे मिली वो उठ कर खड़ा हो गया लेकिन मैं अभी उससे बात नहीं करना चाहता था ..
मैं सीधे झरने के पास आकर निर्वस्त्र होकर झरने के निचे खड़ा हो गया , लेकिन ये पानी मुझे शांत नही कर पा रही थी , शायद वो अन्नू ही थी जिसका प्यार मुझे शांत कर सकता था लेकिन वो यंहा नहीं थी …
****************
इधर अंकित के घर में …
“नहीं भाभी वो मेरा बचपन का दोस्त है मैं उसके साथ ऐसा नहीं कर सकता , आखिर अम्मा भी तो गई है ना डॉ साहब के पास , वो कोई ना कोई हल निकाल ही लेगी “
शायद ये जीवन में पहली बार था जब अंकित ने अपनी भाभी की बात नहीं मानी थी , गुंजन के हाथो में एक इंजेक्शन था , उसने बड़े ही प्यार से अंकित के सर को सहलाया और उसके हाथो को अपने पेट में रख दिया ..
“देख ये जो मेरे पेट के अंदर पल रहा है वो तेरा बच्चा है , तू क्या चाहता है की दुनिया वाले ये बोले की मेरा गर्भ भी उस कुवर ने भरा है , “
अंकित थोडा सकपकाया
“तो दुनिया वालो के सामने क्या बोलोगी की ये गर्भ भाई का है ??”
गुंजन मुस्कुराई
“नहीं छाती ठोककर बोलूंगी की ये गर्भ तेरा है , और मैं भी “
गुंजन अंकित के गोद में बैठ गई थी ..और उसके बालो को सहलाती हुई उसने अंकित के होठो को हलके से चूमा
“यंहा तो पूरा गांव ही कुवर ने नंगा कर दिया है , अब किस बात की शर्म “
गुंजन की बात सुनकर अंकित का सर झुक गया , वो कभी अपनी भाभी की पूजा करता था , उन्हें माँ के समान सम्मान देता था लेकिन कुवर के कारण उन दोनों के बीच जिस्मानी रिश्ता बन गया और ये वासना की आग कभी नहीं बुझी , छिप छिप कर ही सही लेकिन दोनों एक दुसरे के जिस्म की आग को बुझाते रहे ,एक निश्छल प्रेम कब वासना बन गई उन्हें पता ही नहीं चला …
“वो सब तो ठीक है भाभी पर निशांत को मारने की क्या जरुरत है , वो हमारा नुकसान नहीं करेगा “
गुंजन जोरो से हँसी
“कल देखा उसने क्या किया , बीच सड़क में जिसने अपनी खुद की माँ की इज्जत उतार दी वो तेरी या मेरी क्या फिक्र करेगा …”
अंकित को पता था की अम्मा निशांत की असली माँ है ,इसलिए वो गुंजन की बात पर चौका नहीं , असल में गुंजन ने ही उसे ये बताया था ..
“भाभी वो अन्नू के जाने के कारन सदमे में था , वो ठीक हो जायेगा , मैं उसे अच्छे से जानता हु , अभी जब वो घर के सामने से गुजरा तो मैंने उसकी आँखों में देखा था , उसकी आँखों में प्रायश्चित था , वो अपने कृत्य से दुखी है , मैं जानता हु वो दिल का बहुत अच्छा है “
गुंजन उसे गुस्से से घूरने लगी
“तुझे समझ नहीं आता क्या , वो शैतान है और एक शैतान की ओलाद भी , ये एक इंजेक्शन उसके शरीर में लगा दे बस , उसका सारा शरीर लकवाग्रस्त हो जाएगा फिर अगर तुझसे ना हो सके तो मैं ही उसका सर पत्थर से कुचल दूंगी …”
गुंजन की आँखों में अंगारे थी उसका ये रूप देख कर अंकित भी काँप गया …
“लेकिन भाभी इससे आखिर होगा भी क्या ..आपको इससे क्या मिलेगा ??”
गुंजन हँसने लगी और फिर गंभीर होकर अंकित के चहरे को हाथो से पकड लिया …
“अगर एक कुवर जायेगा तो दूसरा कुवर आएगा , तू मेरी जान तू , तू होगा दूसरा कुवर , इस गांव की सभी महिलाओ के योनी को भोगने वाला , सभी के गर्भ में अपना बच्चा डालने वाला , और अम्मा की सारी सम्पत्ति का अकेला वारिस , मैं तुझे राजा के दोस्त की तरह नहीं बल्कि राजा की तरह देखना चाहती हु , मैं तुझे वो शैतानी शक्ति दिलवाऊगी और फिर अम्मा के हवेली में तू अम्मा को ही कुतिया बना कर रखना , उसके गले में कुत्ते का पट्टा होगा और वो नंगी तेरे आदेश पर अपनी गांड हिलाएगी ,और मैं उसके बड़े से सिहासन में मैं सबके सामने तेरे गोद में बैठूंगी , तू यंहा का राजा होगा और मैं तेरी रानी “
गुंजन की बातो में जैसे सम्मोहन था , अंकित के सामने वो नजारा घुमने लगा , उसके शरीर में जैसे कोई करेंट दौड़ गया था , गुंजन ये बात समझती थी उसने अंकित का हाथ पकड कर अपने साड़ी के अंदर अपनी योनी पर टिका दिया …
“सोच मेरे राज जब हमें यु छिप छिप कर नहीं मिलना पड़ेगा , जब तू मुझे पुरे हवेली में दौड़ा दौड़ा कर भोगेगा , और मैं खिलखिलाते हुए अपने राजा की बांहों में समां जाउंगी “
अंकित का लिंग तनने लगा था , लेकिन था तो वो निशांत का दोस्त ही ..
“भाभी बस , ये सपना अच्छा है लेकिन , लेकिन मैं कुवर की जगह कभी नहीं ले सकता “
गुंजन के होठो पर एक मुस्कान आ गई
“ले सकता है , आखिर तुम दोनों का बाप एक ही तो है “
अंकित आँखे फाड़े गुंजन को देखने लगा , उसके माथे पर पसीना था और पूरा शरीर काँप रहा था , उसे अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ …
“क्या बोल रही हो ??”
उसके हर शब्द काँप रहे थे … गुंजन के होठो की मुस्कान और भी तेज हो गई
“हा वो तांत्रिक ही तुम्हारा असली बाप है और तुम्हारी माँ अपनी मर्जी से उसके पास जाया करती थी , तुम उसकी पहली ओलाद हो , उन दोनों के प्रेम का बीज जबकि निशांत … वो तो बलात्कार से पैदा हुआ है , निशांत ना केवल तुम्हारा नाजायज भाई है बल्कि वो तुम्हारे असली पिता का कातिल भी है “
अंकित को जैसे अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा था , उसके आँखों के सामने अपनी माँ की छबि आ गई , कितनी सुन्दर थी उसकी माँ और कितनी भोली भाली सी , उसे यकीन नहीं हो रहा था की वो ऐसा कर सकती थी , वो चाहता था की गुंजन की बात झूठ हो लेकिन गुंजन के आँखों में उसने आत्मविश्वास देखा था ..
“लेकिन …”
वो कुछ बोलने ही वाला था की गुंजन ने उसके होठो पर उंगली रख दी
“ये बात गांव की कुछ ओरते जानती है ,अम्मा भी , सभी को पता है की तुम भी उसी तांत्रिक का खून हो लेकिन सभी ने तुम्हारी जगह निशांत को वो ताकत दी , तुम बड़े बेटे थे उस शक्ति पर पहला हक तुम्हारा था , मैंने कई बार ये बात सभी के सामने रखी लेकिन इस राज को कोई समाज के बीच नहीं खोलना चाहता इसलिए तुम्हारे पिता का सच सिमित लोगो को ही पता रहा , इसीलिए तुम्हारी जगह भाभियों की समिति ने निशांत को ताकत दिलवाई …”
अंकित का मन उधेड़ बन में लगा हुआ था , गुंजन ने उसका हाथ थाम लिया और अपने पेट में रख दिया
“अगर मेरे लिए नहीं तो इसके लिए ही सही , तुम्हे ये करना ही होगा अंकित , तुम्हे तुम्हारे होने वाले बच्चे की कसम है “
**************************
इधर झरने में
मैंने ठन्डे पानी से खुद को शांत किया और अपने जीवन के बारे में सोचने लगा , क्या क्या नहीं हो गया मेरे साथ , एक बार तो मैं मौत के मुह से बाहर निकला , जीवन पता नही और क्या क्या रंग दिखाने वाली थी …
एक गाड़ी की आवाज से मेरा ध्यान उस ओर गया , सामने से अंकित आ रहा था , उसके चहरे का रंग उड़ा हुआ था , मैं झरने से निकल कर उसके पास गया ,मैं अभी भी नग्न था …
“तुम यंहा क्या करे रहे हो , और इतने परेशान को दिख रहे हो “
मैंने उसके पास पंहुचा
“भाई मुझे माफ़ कर देना “
वो रो पड़ा और मेरे गले से लग गया , मैं कुछ समझ पता उससे पहले से मेरे पीठ पर कुछ चुभा और अंकित मुझसे अलग हुआ ..
“अबे ये क्या था ??”
वो बस रो रहा था ,मैंने उसके हाथो में एक इंजेक्शन देखा और आश्चर्य से अंकित की ओर देखने लगा , आखिर ये कर क्या रहा है … मैं कुछ समझने की कोशिस कर ही रहा था की मेरी आवाज लडखडाने लगी , हाथ पैर जैसे सुन्न होने लगे ,
“ये क्या है “ मैं बोला लेकिन बोल मुह से अच्छे से नहीं निकल पाए , मेरे पैरो ने जवाब दे दिया था , मैं जमीन में गिरने लगा
अंकित ने दौड़कर मुझे सम्हाला और मुझे उसी पत्थर पर सुला दिया ,
“माफ़ करना भाई , मुझे दौलत और ताकत की चाहत नही है ,लेकिन जिसकी मुझे चाहत है उसने मुझे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया “
वो रोते हुए मेरे हाथो को थाम लिया , तभी मुझे वंहा किसी और के भी होने का अहसास हुआ , मैं अपना सर नहीं घुमा पा रहा था , पूरा शरीर ही शुन्य हो गया था , मेरा मेरे शरीर पर जैसे कोई अधिकार ही ना रहा हो ..
मैं निर्जीव सा बस उन्हें देखे जा रहा था ..
मुस्कुराता हुआ गुंजन भाभी का चहरा मेरे सामने आया …
“बहुत बढ़िया , देखो तो कितना सुंदर शरीर है इसका और ये ..”
उन्होंने मेरे लिंग को सहलाया
“इसके कारण पूरा गांव डरा हुआ था , अब सबको चैन मिलेगा और मैं बनूँगी इस गांव की रानी , और अम्मा होगी मेरी दासी हा हा हा “ वो जोरो से हँस पड़ी
मेरे कानो आवाज तो आ रही थी गुंजन का ये रूप देखकर मैं भी हैरान था लेकिन क्या करता …
“तुम अब यंहा से जाओ अंकित आगे जो होगा तुम उसे नहीं देख पाओगे “
“भाभी प्लीज … “
“जाओ यंहा से “
गुंजन जोरो से चिल्लाई अंकित अपने आंसू पोछता हुआ वंहा से निकल गया
भाभी ने एक खंजर आगे किया …
“तेरी एक एक बोटी काट दूंगी , किसी को पता भी नहीं लगेगा की तू कहा गया “
उनकी आंखे लाल थी और चहरा तमतमाया हुआ ….
उन्होंने खंजर मेरे गले में रखा और ..
खच ….
रक्त की धार मेरे गले से बहने लगी थी ………….
बहुत सही अब निशांत का अंत होगा और अंकित नया कुंवर बनेगा। या फिर निशांत अब सबसे बड़ा शैतान बनेगा इस धोखे के बाद।
 

sunoanuj

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Bahut hi behtarin suspense hai.. Dr sahab ne fir dimag ki band baja di …
 

Rajesh

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अध्याय 27
झरने की आवाज और उसका ठंडा पानी में मेरे मन को शीतलता नहीं दे पा रहा था , मैं झरने के निचे खड़ा हुआ अपने अंदर की आग को शांत करने की कोशिस कर रहा था , अन्नू के जाने के बाद से ही मैं पागल सा हो गा गया था , सामने जो लड़की दिखे उसके उपर चढ़ जाता , कल मैंने गांव की स्त्रियों के साथ सड़क में ही सम्भोग कर दिया , मुझे अपनी अपने कुल की और ना ही अम्मा और उन ओरतो की इज्जत की कोई चिंता हुई , मैं एक जानवर बन रहा था और मेरा सामना करने वाला कोई नहीं था ,
आज सुबह से मैं 5 लडकियों को भोग चूका था , अम्मा गांव की कुछ ओरतो के साथ शहर गई थी और सभी को सख्त हिदायत दी गई थी की उनके आने तक मुझे कमरे से ना निकलने दिया जाए , हर एक घंटे में एक नयी लड़की को मेरे पास भेजा जा रहा था , ये सभी वही ओरते थी जिनकी कोख मुझे भरनी थी , 5 ओरतो के कोख में अपना वीर्य भरने के बाद भी मैं वासना की आग में जल रहा था, लेकिन मुझे थोड़ी चेतना जरुर आई , मैं खुद को स्वतंत्र करना चाहता था लेकिन उल्टे मैं वासना के भवर में फंस रहा था , ये ख्याल आते ही मैंने खुद को नियंत्रित करने की सोची , मेरा ये पागलपन गांव वालो के लिए और अम्मा के लिए भी एक मुसिबित बन चूका था , मैं बाहर जाने लगा तो मुझे लोगो ने रोका , कालू भी उनमे शामिल था …
“कुवर अम्मा का आदेश है आप बाहर नहीं जा सकते , आपको जो चाहिए वो हम आपको आपके कमरे में लाकर दे देंगे ..”
मैंने गुस्से से भरी आँखों से कालू को देखा , उसके चहरे में पसीने आ गए थे
“शांति मुझे शांति चाहिए “ मैंने दबे हुए स्वर में ही उससे कहा
“कहा रहती है महराज बताइए अभी आपकी सेवा में हाजिर कर देते है , अरे ये शांति कौन है “
पास खड़ा मुंशी थोडा सोचने लगा
“शायद महुआ की बहन का नाम है “
उसने सोचते हुए कहा
लेकिन उनकी इन हरकतों से मेरा दिमाग ख़राब हो गया था ,
“अबे चुतियो शांति मतलब , मन की शांति , मुझे मन की शांति चाहिए और ये मुझे इस कमरे में रहकर नहीं मिल सकता , जितना मैं सम्भोग करता हु उतना ही वासना और भी बलवती होने लगती है , ये एक श्राप सा है , मुझे एकांत चाहिए हटो सामने से वरना सबका सर फोड़ दूंगा “
मेरा गुस्सा देखकर वो थोड़े बाजु हुए
“कुवर , कोई पसंद आ जाए तो उसके घर चले जाना , सड़क में नहीं वरना अम्मा हमे मार डालेगी “
कालू ने हिम्मत करके कहा , मैं बिना कुछ बोले ही अपनी बुलेट उठा कर झरने की ओर चल पड़ा …
गांव में जो भी मुझे देखता वो वही जम जाता था ,कल की हरकत के बाद से सभी मुझसे डरने लगे थे , क्या मैं एक शैतान बन चूका हु ,
ये सवाल मेरे मन को खाए जा रहा था , अंकित भी अपने घर के सामने बैठा था हम दोनों की आँखे मिली वो उठ कर खड़ा हो गया लेकिन मैं अभी उससे बात नहीं करना चाहता था ..
मैं सीधे झरने के पास आकर निर्वस्त्र होकर झरने के निचे खड़ा हो गया , लेकिन ये पानी मुझे शांत नही कर पा रही थी , शायद वो अन्नू ही थी जिसका प्यार मुझे शांत कर सकता था लेकिन वो यंहा नहीं थी …
****************
इधर अंकित के घर में …
“नहीं भाभी वो मेरा बचपन का दोस्त है मैं उसके साथ ऐसा नहीं कर सकता , आखिर अम्मा भी तो गई है ना डॉ साहब के पास , वो कोई ना कोई हल निकाल ही लेगी “
शायद ये जीवन में पहली बार था जब अंकित ने अपनी भाभी की बात नहीं मानी थी , गुंजन के हाथो में एक इंजेक्शन था , उसने बड़े ही प्यार से अंकित के सर को सहलाया और उसके हाथो को अपने पेट में रख दिया ..
“देख ये जो मेरे पेट के अंदर पल रहा है वो तेरा बच्चा है , तू क्या चाहता है की दुनिया वाले ये बोले की मेरा गर्भ भी उस कुवर ने भरा है , “
अंकित थोडा सकपकाया
“तो दुनिया वालो के सामने क्या बोलोगी की ये गर्भ भाई का है ??”
गुंजन मुस्कुराई
“नहीं छाती ठोककर बोलूंगी की ये गर्भ तेरा है , और मैं भी “
गुंजन अंकित के गोद में बैठ गई थी ..और उसके बालो को सहलाती हुई उसने अंकित के होठो को हलके से चूमा
“यंहा तो पूरा गांव ही कुवर ने नंगा कर दिया है , अब किस बात की शर्म “
गुंजन की बात सुनकर अंकित का सर झुक गया , वो कभी अपनी भाभी की पूजा करता था , उन्हें माँ के समान सम्मान देता था लेकिन कुवर के कारण उन दोनों के बीच जिस्मानी रिश्ता बन गया और ये वासना की आग कभी नहीं बुझी , छिप छिप कर ही सही लेकिन दोनों एक दुसरे के जिस्म की आग को बुझाते रहे ,एक निश्छल प्रेम कब वासना बन गई उन्हें पता ही नहीं चला …
“वो सब तो ठीक है भाभी पर निशांत को मारने की क्या जरुरत है , वो हमारा नुकसान नहीं करेगा “
गुंजन जोरो से हँसी
“कल देखा उसने क्या किया , बीच सड़क में जिसने अपनी खुद की माँ की इज्जत उतार दी वो तेरी या मेरी क्या फिक्र करेगा …”
अंकित को पता था की अम्मा निशांत की असली माँ है ,इसलिए वो गुंजन की बात पर चौका नहीं , असल में गुंजन ने ही उसे ये बताया था ..
“भाभी वो अन्नू के जाने के कारन सदमे में था , वो ठीक हो जायेगा , मैं उसे अच्छे से जानता हु , अभी जब वो घर के सामने से गुजरा तो मैंने उसकी आँखों में देखा था , उसकी आँखों में प्रायश्चित था , वो अपने कृत्य से दुखी है , मैं जानता हु वो दिल का बहुत अच्छा है “
गुंजन उसे गुस्से से घूरने लगी
“तुझे समझ नहीं आता क्या , वो शैतान है और एक शैतान की ओलाद भी , ये एक इंजेक्शन उसके शरीर में लगा दे बस , उसका सारा शरीर लकवाग्रस्त हो जाएगा फिर अगर तुझसे ना हो सके तो मैं ही उसका सर पत्थर से कुचल दूंगी …”
गुंजन की आँखों में अंगारे थी उसका ये रूप देख कर अंकित भी काँप गया …
“लेकिन भाभी इससे आखिर होगा भी क्या ..आपको इससे क्या मिलेगा ??”
गुंजन हँसने लगी और फिर गंभीर होकर अंकित के चहरे को हाथो से पकड लिया …
“अगर एक कुवर जायेगा तो दूसरा कुवर आएगा , तू मेरी जान तू , तू होगा दूसरा कुवर , इस गांव की सभी महिलाओ के योनी को भोगने वाला , सभी के गर्भ में अपना बच्चा डालने वाला , और अम्मा की सारी सम्पत्ति का अकेला वारिस , मैं तुझे राजा के दोस्त की तरह नहीं बल्कि राजा की तरह देखना चाहती हु , मैं तुझे वो शैतानी शक्ति दिलवाऊगी और फिर अम्मा के हवेली में तू अम्मा को ही कुतिया बना कर रखना , उसके गले में कुत्ते का पट्टा होगा और वो नंगी तेरे आदेश पर अपनी गांड हिलाएगी ,और मैं उसके बड़े से सिहासन में मैं सबके सामने तेरे गोद में बैठूंगी , तू यंहा का राजा होगा और मैं तेरी रानी “
गुंजन की बातो में जैसे सम्मोहन था , अंकित के सामने वो नजारा घुमने लगा , उसके शरीर में जैसे कोई करेंट दौड़ गया था , गुंजन ये बात समझती थी उसने अंकित का हाथ पकड कर अपने साड़ी के अंदर अपनी योनी पर टिका दिया …
“सोच मेरे राज जब हमें यु छिप छिप कर नहीं मिलना पड़ेगा , जब तू मुझे पुरे हवेली में दौड़ा दौड़ा कर भोगेगा , और मैं खिलखिलाते हुए अपने राजा की बांहों में समां जाउंगी “
अंकित का लिंग तनने लगा था , लेकिन था तो वो निशांत का दोस्त ही ..
“भाभी बस , ये सपना अच्छा है लेकिन , लेकिन मैं कुवर की जगह कभी नहीं ले सकता “
गुंजन के होठो पर एक मुस्कान आ गई
“ले सकता है , आखिर तुम दोनों का बाप एक ही तो है “
अंकित आँखे फाड़े गुंजन को देखने लगा , उसके माथे पर पसीना था और पूरा शरीर काँप रहा था , उसे अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ …
“क्या बोल रही हो ??”
उसके हर शब्द काँप रहे थे … गुंजन के होठो की मुस्कान और भी तेज हो गई
“हा वो तांत्रिक ही तुम्हारा असली बाप है और तुम्हारी माँ अपनी मर्जी से उसके पास जाया करती थी , तुम उसकी पहली ओलाद हो , उन दोनों के प्रेम का बीज जबकि निशांत … वो तो बलात्कार से पैदा हुआ है , निशांत ना केवल तुम्हारा नाजायज भाई है बल्कि वो तुम्हारे असली पिता का कातिल भी है “
अंकित को जैसे अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा था , उसके आँखों के सामने अपनी माँ की छबि आ गई , कितनी सुन्दर थी उसकी माँ और कितनी भोली भाली सी , उसे यकीन नहीं हो रहा था की वो ऐसा कर सकती थी , वो चाहता था की गुंजन की बात झूठ हो लेकिन गुंजन के आँखों में उसने आत्मविश्वास देखा था ..
“लेकिन …”
वो कुछ बोलने ही वाला था की गुंजन ने उसके होठो पर उंगली रख दी
“ये बात गांव की कुछ ओरते जानती है ,अम्मा भी , सभी को पता है की तुम भी उसी तांत्रिक का खून हो लेकिन सभी ने तुम्हारी जगह निशांत को वो ताकत दी , तुम बड़े बेटे थे उस शक्ति पर पहला हक तुम्हारा था , मैंने कई बार ये बात सभी के सामने रखी लेकिन इस राज को कोई समाज के बीच नहीं खोलना चाहता इसलिए तुम्हारे पिता का सच सिमित लोगो को ही पता रहा , इसीलिए तुम्हारी जगह भाभियों की समिति ने निशांत को ताकत दिलवाई …”
अंकित का मन उधेड़ बन में लगा हुआ था , गुंजन ने उसका हाथ थाम लिया और अपने पेट में रख दिया
“अगर मेरे लिए नहीं तो इसके लिए ही सही , तुम्हे ये करना ही होगा अंकित , तुम्हे तुम्हारे होने वाले बच्चे की कसम है “
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इधर झरने में
मैंने ठन्डे पानी से खुद को शांत किया और अपने जीवन के बारे में सोचने लगा , क्या क्या नहीं हो गया मेरे साथ , एक बार तो मैं मौत के मुह से बाहर निकला , जीवन पता नही और क्या क्या रंग दिखाने वाली थी …
एक गाड़ी की आवाज से मेरा ध्यान उस ओर गया , सामने से अंकित आ रहा था , उसके चहरे का रंग उड़ा हुआ था , मैं झरने से निकल कर उसके पास गया ,मैं अभी भी नग्न था …
“तुम यंहा क्या करे रहे हो , और इतने परेशान को दिख रहे हो “
मैंने उसके पास पंहुचा
“भाई मुझे माफ़ कर देना “
वो रो पड़ा और मेरे गले से लग गया , मैं कुछ समझ पता उससे पहले से मेरे पीठ पर कुछ चुभा और अंकित मुझसे अलग हुआ ..
“अबे ये क्या था ??”
वो बस रो रहा था ,मैंने उसके हाथो में एक इंजेक्शन देखा और आश्चर्य से अंकित की ओर देखने लगा , आखिर ये कर क्या रहा है … मैं कुछ समझने की कोशिस कर ही रहा था की मेरी आवाज लडखडाने लगी , हाथ पैर जैसे सुन्न होने लगे ,
“ये क्या है “ मैं बोला लेकिन बोल मुह से अच्छे से नहीं निकल पाए , मेरे पैरो ने जवाब दे दिया था , मैं जमीन में गिरने लगा
अंकित ने दौड़कर मुझे सम्हाला और मुझे उसी पत्थर पर सुला दिया ,
“माफ़ करना भाई , मुझे दौलत और ताकत की चाहत नही है ,लेकिन जिसकी मुझे चाहत है उसने मुझे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया “
वो रोते हुए मेरे हाथो को थाम लिया , तभी मुझे वंहा किसी और के भी होने का अहसास हुआ , मैं अपना सर नहीं घुमा पा रहा था , पूरा शरीर ही शुन्य हो गया था , मेरा मेरे शरीर पर जैसे कोई अधिकार ही ना रहा हो ..
मैं निर्जीव सा बस उन्हें देखे जा रहा था ..
मुस्कुराता हुआ गुंजन भाभी का चहरा मेरे सामने आया …
“बहुत बढ़िया , देखो तो कितना सुंदर शरीर है इसका और ये ..”
उन्होंने मेरे लिंग को सहलाया
“इसके कारण पूरा गांव डरा हुआ था , अब सबको चैन मिलेगा और मैं बनूँगी इस गांव की रानी , और अम्मा होगी मेरी दासी हा हा हा “ वो जोरो से हँस पड़ी
मेरे कानो आवाज तो आ रही थी गुंजन का ये रूप देखकर मैं भी हैरान था लेकिन क्या करता …
“तुम अब यंहा से जाओ अंकित आगे जो होगा तुम उसे नहीं देख पाओगे “
“भाभी प्लीज … “
“जाओ यंहा से “
गुंजन जोरो से चिल्लाई अंकित अपने आंसू पोछता हुआ वंहा से निकल गया
भाभी ने एक खंजर आगे किया …
“तेरी एक एक बोटी काट दूंगी , किसी को पता भी नहीं लगेगा की तू कहा गया “
उनकी आंखे लाल थी और चहरा तमतमाया हुआ ….
उन्होंने खंजर मेरे गले में रखा और ..
खच ….
रक्त की धार मेरे गले से बहने लगी थी ………….
Superb update bro
 

Luckyloda

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Itna khatarnaak to shaitan bhi nhi hai jitne khatarnaak apne Chutiyadr lag rahe h Iss story m...😏😏😏


1 suspense khulta nahi ki 3 4 Aur line m laga k readers ku Gand Faad dete hai....😜😜😜



Bahanchod koi Kaha tak soche ...... kya mast Gand mari Jaa rahi h Kunwar ki.... 😜😜😜😜




Chutiyadr aap kajal ko le aao wapis ... wahi h jo aapko kaabu m rakhi hai🤣🤣🤣🤣🤣



Wait for next update
 

Antadu2010

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अध्याय 27
झरने की आवाज और उसका ठंडा पानी में मेरे मन को शीतलता नहीं दे पा रहा था , मैं झरने के निचे खड़ा हुआ अपने अंदर की आग को शांत करने की कोशिस कर रहा था , अन्नू के जाने के बाद से ही मैं पागल सा हो गा गया था , सामने जो लड़की दिखे उसके उपर चढ़ जाता , कल मैंने गांव की स्त्रियों के साथ सड़क में ही सम्भोग कर दिया , मुझे अपनी अपने कुल की और ना ही अम्मा और उन ओरतो की इज्जत की कोई चिंता हुई , मैं एक जानवर बन रहा था और मेरा सामना करने वाला कोई नहीं था ,
आज सुबह से मैं 5 लडकियों को भोग चूका था , अम्मा गांव की कुछ ओरतो के साथ शहर गई थी और सभी को सख्त हिदायत दी गई थी की उनके आने तक मुझे कमरे से ना निकलने दिया जाए , हर एक घंटे में एक नयी लड़की को मेरे पास भेजा जा रहा था , ये सभी वही ओरते थी जिनकी कोख मुझे भरनी थी , 5 ओरतो के कोख में अपना वीर्य भरने के बाद भी मैं वासना की आग में जल रहा था, लेकिन मुझे थोड़ी चेतना जरुर आई , मैं खुद को स्वतंत्र करना चाहता था लेकिन उल्टे मैं वासना के भवर में फंस रहा था , ये ख्याल आते ही मैंने खुद को नियंत्रित करने की सोची , मेरा ये पागलपन गांव वालो के लिए और अम्मा के लिए भी एक मुसिबित बन चूका था , मैं बाहर जाने लगा तो मुझे लोगो ने रोका , कालू भी उनमे शामिल था …
“कुवर अम्मा का आदेश है आप बाहर नहीं जा सकते , आपको जो चाहिए वो हम आपको आपके कमरे में लाकर दे देंगे ..”
मैंने गुस्से से भरी आँखों से कालू को देखा , उसके चहरे में पसीने आ गए थे
“शांति मुझे शांति चाहिए “ मैंने दबे हुए स्वर में ही उससे कहा
“कहा रहती है महराज बताइए अभी आपकी सेवा में हाजिर कर देते है , अरे ये शांति कौन है “
पास खड़ा मुंशी थोडा सोचने लगा
“शायद महुआ की बहन का नाम है “
उसने सोचते हुए कहा
लेकिन उनकी इन हरकतों से मेरा दिमाग ख़राब हो गया था ,
“अबे चुतियो शांति मतलब , मन की शांति , मुझे मन की शांति चाहिए और ये मुझे इस कमरे में रहकर नहीं मिल सकता , जितना मैं सम्भोग करता हु उतना ही वासना और भी बलवती होने लगती है , ये एक श्राप सा है , मुझे एकांत चाहिए हटो सामने से वरना सबका सर फोड़ दूंगा “
मेरा गुस्सा देखकर वो थोड़े बाजु हुए
“कुवर , कोई पसंद आ जाए तो उसके घर चले जाना , सड़क में नहीं वरना अम्मा हमे मार डालेगी “
कालू ने हिम्मत करके कहा , मैं बिना कुछ बोले ही अपनी बुलेट उठा कर झरने की ओर चल पड़ा …
गांव में जो भी मुझे देखता वो वही जम जाता था ,कल की हरकत के बाद से सभी मुझसे डरने लगे थे , क्या मैं एक शैतान बन चूका हु ,
ये सवाल मेरे मन को खाए जा रहा था , अंकित भी अपने घर के सामने बैठा था हम दोनों की आँखे मिली वो उठ कर खड़ा हो गया लेकिन मैं अभी उससे बात नहीं करना चाहता था ..
मैं सीधे झरने के पास आकर निर्वस्त्र होकर झरने के निचे खड़ा हो गया , लेकिन ये पानी मुझे शांत नही कर पा रही थी , शायद वो अन्नू ही थी जिसका प्यार मुझे शांत कर सकता था लेकिन वो यंहा नहीं थी …
****************
इधर अंकित के घर में …
“नहीं भाभी वो मेरा बचपन का दोस्त है मैं उसके साथ ऐसा नहीं कर सकता , आखिर अम्मा भी तो गई है ना डॉ साहब के पास , वो कोई ना कोई हल निकाल ही लेगी “
शायद ये जीवन में पहली बार था जब अंकित ने अपनी भाभी की बात नहीं मानी थी , गुंजन के हाथो में एक इंजेक्शन था , उसने बड़े ही प्यार से अंकित के सर को सहलाया और उसके हाथो को अपने पेट में रख दिया ..
“देख ये जो मेरे पेट के अंदर पल रहा है वो तेरा बच्चा है , तू क्या चाहता है की दुनिया वाले ये बोले की मेरा गर्भ भी उस कुवर ने भरा है , “
अंकित थोडा सकपकाया
“तो दुनिया वालो के सामने क्या बोलोगी की ये गर्भ भाई का है ??”
गुंजन मुस्कुराई
“नहीं छाती ठोककर बोलूंगी की ये गर्भ तेरा है , और मैं भी “
गुंजन अंकित के गोद में बैठ गई थी ..और उसके बालो को सहलाती हुई उसने अंकित के होठो को हलके से चूमा
“यंहा तो पूरा गांव ही कुवर ने नंगा कर दिया है , अब किस बात की शर्म “
गुंजन की बात सुनकर अंकित का सर झुक गया , वो कभी अपनी भाभी की पूजा करता था , उन्हें माँ के समान सम्मान देता था लेकिन कुवर के कारण उन दोनों के बीच जिस्मानी रिश्ता बन गया और ये वासना की आग कभी नहीं बुझी , छिप छिप कर ही सही लेकिन दोनों एक दुसरे के जिस्म की आग को बुझाते रहे ,एक निश्छल प्रेम कब वासना बन गई उन्हें पता ही नहीं चला …
“वो सब तो ठीक है भाभी पर निशांत को मारने की क्या जरुरत है , वो हमारा नुकसान नहीं करेगा “
गुंजन जोरो से हँसी
“कल देखा उसने क्या किया , बीच सड़क में जिसने अपनी खुद की माँ की इज्जत उतार दी वो तेरी या मेरी क्या फिक्र करेगा …”
अंकित को पता था की अम्मा निशांत की असली माँ है ,इसलिए वो गुंजन की बात पर चौका नहीं , असल में गुंजन ने ही उसे ये बताया था ..
“भाभी वो अन्नू के जाने के कारन सदमे में था , वो ठीक हो जायेगा , मैं उसे अच्छे से जानता हु , अभी जब वो घर के सामने से गुजरा तो मैंने उसकी आँखों में देखा था , उसकी आँखों में प्रायश्चित था , वो अपने कृत्य से दुखी है , मैं जानता हु वो दिल का बहुत अच्छा है “
गुंजन उसे गुस्से से घूरने लगी
“तुझे समझ नहीं आता क्या , वो शैतान है और एक शैतान की ओलाद भी , ये एक इंजेक्शन उसके शरीर में लगा दे बस , उसका सारा शरीर लकवाग्रस्त हो जाएगा फिर अगर तुझसे ना हो सके तो मैं ही उसका सर पत्थर से कुचल दूंगी …”
गुंजन की आँखों में अंगारे थी उसका ये रूप देख कर अंकित भी काँप गया …
“लेकिन भाभी इससे आखिर होगा भी क्या ..आपको इससे क्या मिलेगा ??”
गुंजन हँसने लगी और फिर गंभीर होकर अंकित के चहरे को हाथो से पकड लिया …
“अगर एक कुवर जायेगा तो दूसरा कुवर आएगा , तू मेरी जान तू , तू होगा दूसरा कुवर , इस गांव की सभी महिलाओ के योनी को भोगने वाला , सभी के गर्भ में अपना बच्चा डालने वाला , और अम्मा की सारी सम्पत्ति का अकेला वारिस , मैं तुझे राजा के दोस्त की तरह नहीं बल्कि राजा की तरह देखना चाहती हु , मैं तुझे वो शैतानी शक्ति दिलवाऊगी और फिर अम्मा के हवेली में तू अम्मा को ही कुतिया बना कर रखना , उसके गले में कुत्ते का पट्टा होगा और वो नंगी तेरे आदेश पर अपनी गांड हिलाएगी ,और मैं उसके बड़े से सिहासन में मैं सबके सामने तेरे गोद में बैठूंगी , तू यंहा का राजा होगा और मैं तेरी रानी “
गुंजन की बातो में जैसे सम्मोहन था , अंकित के सामने वो नजारा घुमने लगा , उसके शरीर में जैसे कोई करेंट दौड़ गया था , गुंजन ये बात समझती थी उसने अंकित का हाथ पकड कर अपने साड़ी के अंदर अपनी योनी पर टिका दिया …
“सोच मेरे राज जब हमें यु छिप छिप कर नहीं मिलना पड़ेगा , जब तू मुझे पुरे हवेली में दौड़ा दौड़ा कर भोगेगा , और मैं खिलखिलाते हुए अपने राजा की बांहों में समां जाउंगी “
अंकित का लिंग तनने लगा था , लेकिन था तो वो निशांत का दोस्त ही ..
“भाभी बस , ये सपना अच्छा है लेकिन , लेकिन मैं कुवर की जगह कभी नहीं ले सकता “
गुंजन के होठो पर एक मुस्कान आ गई
“ले सकता है , आखिर तुम दोनों का बाप एक ही तो है “
अंकित आँखे फाड़े गुंजन को देखने लगा , उसके माथे पर पसीना था और पूरा शरीर काँप रहा था , उसे अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ …
“क्या बोल रही हो ??”
उसके हर शब्द काँप रहे थे … गुंजन के होठो की मुस्कान और भी तेज हो गई
“हा वो तांत्रिक ही तुम्हारा असली बाप है और तुम्हारी माँ अपनी मर्जी से उसके पास जाया करती थी , तुम उसकी पहली ओलाद हो , उन दोनों के प्रेम का बीज जबकि निशांत … वो तो बलात्कार से पैदा हुआ है , निशांत ना केवल तुम्हारा नाजायज भाई है बल्कि वो तुम्हारे असली पिता का कातिल भी है “
अंकित को जैसे अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा था , उसके आँखों के सामने अपनी माँ की छबि आ गई , कितनी सुन्दर थी उसकी माँ और कितनी भोली भाली सी , उसे यकीन नहीं हो रहा था की वो ऐसा कर सकती थी , वो चाहता था की गुंजन की बात झूठ हो लेकिन गुंजन के आँखों में उसने आत्मविश्वास देखा था ..
“लेकिन …”
वो कुछ बोलने ही वाला था की गुंजन ने उसके होठो पर उंगली रख दी
“ये बात गांव की कुछ ओरते जानती है ,अम्मा भी , सभी को पता है की तुम भी उसी तांत्रिक का खून हो लेकिन सभी ने तुम्हारी जगह निशांत को वो ताकत दी , तुम बड़े बेटे थे उस शक्ति पर पहला हक तुम्हारा था , मैंने कई बार ये बात सभी के सामने रखी लेकिन इस राज को कोई समाज के बीच नहीं खोलना चाहता इसलिए तुम्हारे पिता का सच सिमित लोगो को ही पता रहा , इसीलिए तुम्हारी जगह भाभियों की समिति ने निशांत को ताकत दिलवाई …”
अंकित का मन उधेड़ बन में लगा हुआ था , गुंजन ने उसका हाथ थाम लिया और अपने पेट में रख दिया
“अगर मेरे लिए नहीं तो इसके लिए ही सही , तुम्हे ये करना ही होगा अंकित , तुम्हे तुम्हारे होने वाले बच्चे की कसम है “
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इधर झरने में
मैंने ठन्डे पानी से खुद को शांत किया और अपने जीवन के बारे में सोचने लगा , क्या क्या नहीं हो गया मेरे साथ , एक बार तो मैं मौत के मुह से बाहर निकला , जीवन पता नही और क्या क्या रंग दिखाने वाली थी …
एक गाड़ी की आवाज से मेरा ध्यान उस ओर गया , सामने से अंकित आ रहा था , उसके चहरे का रंग उड़ा हुआ था , मैं झरने से निकल कर उसके पास गया ,मैं अभी भी नग्न था …
“तुम यंहा क्या करे रहे हो , और इतने परेशान को दिख रहे हो “
मैंने उसके पास पंहुचा
“भाई मुझे माफ़ कर देना “
वो रो पड़ा और मेरे गले से लग गया , मैं कुछ समझ पता उससे पहले से मेरे पीठ पर कुछ चुभा और अंकित मुझसे अलग हुआ ..
“अबे ये क्या था ??”
वो बस रो रहा था ,मैंने उसके हाथो में एक इंजेक्शन देखा और आश्चर्य से अंकित की ओर देखने लगा , आखिर ये कर क्या रहा है … मैं कुछ समझने की कोशिस कर ही रहा था की मेरी आवाज लडखडाने लगी , हाथ पैर जैसे सुन्न होने लगे ,
“ये क्या है “ मैं बोला लेकिन बोल मुह से अच्छे से नहीं निकल पाए , मेरे पैरो ने जवाब दे दिया था , मैं जमीन में गिरने लगा
अंकित ने दौड़कर मुझे सम्हाला और मुझे उसी पत्थर पर सुला दिया ,
“माफ़ करना भाई , मुझे दौलत और ताकत की चाहत नही है ,लेकिन जिसकी मुझे चाहत है उसने मुझे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया “
वो रोते हुए मेरे हाथो को थाम लिया , तभी मुझे वंहा किसी और के भी होने का अहसास हुआ , मैं अपना सर नहीं घुमा पा रहा था , पूरा शरीर ही शुन्य हो गया था , मेरा मेरे शरीर पर जैसे कोई अधिकार ही ना रहा हो ..
मैं निर्जीव सा बस उन्हें देखे जा रहा था ..
मुस्कुराता हुआ गुंजन भाभी का चहरा मेरे सामने आया …
“बहुत बढ़िया , देखो तो कितना सुंदर शरीर है इसका और ये ..”
उन्होंने मेरे लिंग को सहलाया
“इसके कारण पूरा गांव डरा हुआ था , अब सबको चैन मिलेगा और मैं बनूँगी इस गांव की रानी , और अम्मा होगी मेरी दासी हा हा हा “ वो जोरो से हँस पड़ी
मेरे कानो आवाज तो आ रही थी गुंजन का ये रूप देखकर मैं भी हैरान था लेकिन क्या करता …
“तुम अब यंहा से जाओ अंकित आगे जो होगा तुम उसे नहीं देख पाओगे “
“भाभी प्लीज … “
“जाओ यंहा से “
गुंजन जोरो से चिल्लाई अंकित अपने आंसू पोछता हुआ वंहा से निकल गया
भाभी ने एक खंजर आगे किया …
“तेरी एक एक बोटी काट दूंगी , किसी को पता भी नहीं लगेगा की तू कहा गया “
उनकी आंखे लाल थी और चहरा तमतमाया हुआ ….
उन्होंने खंजर मेरे गले में रखा और ..
खच ….
रक्त की धार मेरे गले से बहने लगी थी ………….
Dost Bhi Bhai bhi, Gunjan ka naya rup pasand aaya, Kahi aage kahani me Dohre shitan na ho jaye..

Behatarin Kahani Ki Behtarin update

Big Clap to you Doctor Sahab...
 

Janu002

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एक और नया धमाका कर दिया डाक्टर सहाब, यह गुंजन को क्या हो गया जो उसने कुंवर को मारने की तरकीब निकाली l
 
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