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Adultery भाभियों का रहस्य

Chutiyadr

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Chutiyadr डॉक्टर साहेब आप तो सपनों में भी नहीं छोड़ते चुड़ैलों, पिशाचनी, लंडनलाप, यक्षिणी, चुदेले चुड़ैल, व्यामपायर, भूत, क्या क्या नहीं दिखा रहे हैं, अब तो सोने से भी डर लगेगा.... 🤔😷😀 अत्याधुनिक समय में भी यह बात कही सामने आ गई तो सब की लग जायेगी... चलो अब इस विचित्र प्रस्थिति का क्या होगा प्रभाव देखते हैं..
dhanywad bhai :)
 

Chutiyadr

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बेहतरीन लाजबाब

Hahaa internet pallu aunty ka video.. haha .. sara seriousness 1 min m khtm krr diya....
Msst story hai
Lajawaab update hai bhai

Awesome update bro maza aa gaya

Waiting for the next update

Nice update waiting for next

AMAZING AWESOME AND BETTER UPDATE KE LIYE BRO.
dhanywad dosto :)
 

Chutiyadr

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अध्याय 32
डॉ की बात सुनकर दिमाग का बम भोसड़ा हो चुका था,कहा एक तरफ कोकु ने अन्नू को सिर्फ इसलिए गायब कर दिया कि वो चुड़ैल न बन जाये और यहां 3 लोग तैयार बैठे थे, जिनमे से एक मुझे जान से मारने की कोशिश करने वाली ,एक मेरी जान बचाने वाली और एक मुझे पालने वाली थी …
अजीब किस्मत थी मेरी, अजीब जिंदगी, अब तक मेरे साथ ऐसी चीजें हो चुकी थी कि मुझे अब कुछ भी अजीब नहीं लगता ,यंहा सब कुछ संभव हो सकता था ,
"तुम अभी छिप जाओ जब तुम्हारी जरूरत होगी हम बुला लेंगे ,ओय मासूम मजनू कुँवर के साथ तुम भी अंदर ही रहना "
डॉ ने एक नवजवान लड़के को कहा जो अभी अभी वंहा पहुचा था ,मेरे ही उम्र का वो युवक कुछ कंफ्यूज से लग रहा था ..
हम दोनों गुफा के अंदर एक कमरे में चले गए,
"तुम कौन हो और यंहा क्या कर रहे ??"
मेरी बात सुनकर वो युवक थोड़ा मायूस से हो गया
"क्या बताऊँ भाई जब से इस तांत्रिक के चक्कर मे पड़ा हु जिंदगी ही झंड हो गई है ,मेडम से प्यार हो गया है और उनके चक्कर मे इनके पास आया ,ये मुझसे बहुत खर्च करवाता है सब यंहा भी ले आया ,सारे काम मुझसे ही करवाये "
उस बेचारे का चेहरा देखकर मुझे दुख लगा
"किस मेडम से प्यार होगा है तुम्हे ??"
" मेरी प्रोफेसर है भाई "
"वाह गुरु तुम तो बस देखने मे मासूम हो "
वो थोड़ा शरमाया
"क्या करें भाई प्यार होता है तो होता है ,या होता ही नही "
मैं हंस पड़ा
"सही है गुरु ,लेकिन इनके चक्करो में कहा पड़ा है कभी मुझसे मिलवा देना तेरा काम करवा दूंगा "
उसकी आंखें चमक उठी
"सच मे कैसे "
मैं मुस्कुराया
"वो सब छोड़ मेरे लिए बाये हाथ का काम है "
उसने अपने हाथ जोड़ लिए
“ऐसे नाम क्या है तुम्हारा ??”
“आकाश .. अब से आपका साथी “
मुस्कुराते हुए हम दोनों ने हाथ मिलाया
तभी बाहर हमें कुछ हलचल सी सुनाई दी , हमने बाहर देखा तो नजारा अलग ही था , गुफा के अंदर वो बड़ी सी जगह थी जन्हा थोडा खाली स्थान था वही बाजु में एक छोटा पानी का स्रोत दिखाई दे रहा था , ऐसे तो अंदर पूरी तरह अँधेरा होता लेकिन कई मशाले जलाई गई थी , एक एक कर तीन लडकियो को डॉ और चमन वंहा लाते गए सभी के आँखों में पट्टी बंधी हुई थी , उन्हें वंहा लाकर उन्हें कुछ पिलाया गया जिसे पीकर वो नशे में मस्त हो गई उनके सारे कपडे खोल कर उन्हें आजू बाजु ही लिटा दिया गया था अभी तक उनके आँखों की पट्टी नहीं खोली गई थी , वो लेटे हुए ही मचल रही थी , ये नजारा बेहद ही उत्तेजक था मेरे साथ खड़े आकश के माथे पर तो पसीने की कई बुँदे टपकने लगी थी , बाजु में आग जलाई गई और चमन वही बैठ गया , वो कई क्रिया कर रहा था साथ ही साथ आग में आहूतिया देने लगा , डॉ ने इशारे से मुझे बुलाया आकाश को वही रहने बोला गया ..
मेरे जीवन से जुड़े हुए इन तीन लडकियों को देखकर मेरी उत्तेजना भी भडकने लगी थी , कभी मैं रामिका के मासूम से चहरे को देखता तो कभी गुंजन के बलखाती जवानी को , कभी अम्मा के भरे शरीर को देखकर मुह में लार बन जाती , डॉ ने मुझे अपने कपडे उतरने को कहा ..
मैं भी पूरा नग्न होकर सामने खड़ा था साथ ही मेरा लिंग भी अपने पुरे आकर में तना हुआ था …
चमन ने एक जोरदार आहुति डाली और पानी का एक घड़ा लेकर उसका पानी तीनो के उपर डाल दिया …
“कूवर सब के आँखों की पट्टी खोल दो “
मैंने बारी बारी तीनो के आँखों की पट्टी खोल दी , सभी के सामने मेरा चहरा था और आजू बाजु के हालत देखकर वो सभी ही आश्चर्य से भर उठे थे लेकिन अभी वो कुछ भी कर सकने के हालत में नहीं थे …
“कुवर अब तुम्हारा काम है की तुम अपनी शक्तियों का उपयोग करके इनके अंदर हवस की आग भड़काओ और एक साथ तीनो के साथ सम्भोग करो , वीर्य का पतन इनकी योनी के अंदर ही करना और फिर उसे उस पात्र में डाल देना जिसके सेवन से ही इन्हें इनकी शक्तिया मिलेंगी …” चमन ने मेरे हाथो में एक पात्र पकड़ा दिया
हवस में तो मैं भी जल रहा था और सम्भोग करने को आतुर था मैंने बिना देरी किया अपना हाथ घुमाया और तीनो बिलकुल ही पागल सी हो कर मचलने लगी , बीच में रामिका थी मैं रामिका के पास पंहुचा और बाकि दोनों को अपने पास खिंच लिया …
तीनो जिस्म एक साथ मिल चुके थे , रामिका की योनी का भेदन करते ही मुझे समझ आ गया था की ये अभी तक कुवारी थी ,मैं रामिका के योनी को भोग रहा था और अम्मा और गुंजन मुझपर किसी मख्खी की तरह लिपटे हुए यंहा वंहा को चाट रहे थे ..
मुझे पता था की यंहा कोई भी अपने पुरे होश में नहीं है सभी हवस की आग में जल रहे है , रामिका को जी भर भोगने के बाद मैंने वीर्य की धार से उसकी योनी को भिगो दिया , रामिका बेसुध सी वही लेट गई उसे छोड़कर मैं गुंजन की ओर बढ़ा ..
इधर चमन दौड़कर आते हुए पात्र को रामिका की योनी में टिका दिया और मेरे बहते हुए वीर्य को इकट्ठा किया , ऐसा ही गुंजन और अम्मा के साथ भी किया गया ..
अंत में हम चारो ही थक चुके थे ..
चमन ने वीर्य से भरे उस पात्र में वही बह रहा जल मिलाया और बेसुध पड़े रामिका का मुह खोल थोडा सा उसके मुह में डाल दिया , ऐसा ही गुंजन और अम्मा के साथ किया गया .वो तीनो आँखे बंद करके वही लेटे रहे जैसे शरीर में थोड़ी भी शक्ति बाकि ना हो ..
“कुवर इन्हें लेजाकर जल में डूबा दो जिससे इनके अंदर थोड़ी ताजगी आएगी “
चमन के कहने पर मैंने गुफा के अंदर ही बहते हुए पानी में तीनो को लिटा दिया
“हो गया ???”
“हा बस हो गया , ये तीनो ही चुड़ैल बन चुकी है , बस धीरे धीरे इनके अंदर शक्ति का प्रवेश होने लगेगा “
तभी डॉ की घडी में कुछ बजा
“वो लोग आ चुके है ???”
“कौन ??”
“वही वैम्पायर और भेडिये , उन्हें पता चल गया की यंहा चुदैल चुड़ैल मौजूद है और वो अपने खतरे को मिटाने यंहा पहुच चुके है , तैयार हो जाओ “
उन्होंने एक बैग निकला जिसमे कई गन थे , मैं आश्चर्य से उन्हें देखने लगा
“मुझे पहले ही भनक थी इसलिए पूरी तयारी के साथ आया हु लो सम्हालो “
उन्होंने एक बड़ी सी बंदूख मुझे थमा दी ..
कुछ ही मिनट हुए थे की जो मैंने गुफा के निकासी द्वार पर कई गोरे रंग के लोग काले सूट पहने खड़े थे उनके साथ काले रंग की स्कर्ट पहने कई ओरते भी खड़ी थी …
हम सभी ने अपनी बन्दुखे सम्हाली , मैं पूरी मुस्तैदी के साथ खड़ा था , तभी उनमे से एक आदमी आ आगे आया …
रंग बर्फीले स्थान के निवासियों जैसा सफ़ेद था , बाल हलके भूरे रंग के और बिलकुल सलीके से चिपके हुए , काले रंग के सूट में वो किसी विदेसी मोडल की तरह दिख रहा था , आगे आते ही उसने अपने नाक से गहरी साँस खिंची जैसे कुछ सूंघ रहा हो …
“वाह चुद की महक है यंहा “ उसकी काली आँखे और भी काली होने लगी थी
“और आगे बढ़ा तो शरीर के चीथड़े उड़ा दूंगा “
डॉ ने तमतमा कर कहा जिसे सुनकर वो हँसने लगा
“ये मामूली बन्दुखे हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती “
इस बार डॉ हँस पड़ा
“ये बन्दुखे मामूली नहीं है , ये शैतान के वीर्य मिली हुई बारूदो से बनी है “
वंहा खड़े सभी के अंदर हलचल सी मच गई , सामने खड़े व्यक्ति के भी चहरे का रंग पीला पड़ने लगा
“शैतान का वीर्य … त्तुम्हारे पास कैसे आया ???”
डॉ ने मेरी ओर इशारा किया
“ये खुद शैतान का अंश है और वो तीनो इसकी चुड़ैले है , अगर जिन्दा रहना चाहते हो तो वही लौट जाओ जन्हा से वापस आये थे , वरना एक एक को यही मौत के घाट उतार दिया जायेगा “
डॉ की बात सुनकर सभी शांत हो गए उस व्यक्ति ने मुझे घुरा , मैं अभी भी नंगा खड़ा था और मार लिंग अभी भी तना हुआ था पता नहीं क्यों लेकिन वो पुष्पा के डायलोग को फालो कर रहा था “झुकेगा नहीं साला “
वो दूर से ही मुझे सूंघने लगा …
“शैतान की खुसबू है “
वो मेरे पास बढ़ा और अपने घुटनों में बैठ गया
“ये शैतान हम आपकी ही संताने है हम पर कृपा करे “
उसकी बात सुनकर मुझे अटपटा सा लगा , अब मैं क्या करू , मैंने डॉ की ओर देखा उसने भी अपने कंधे उचकाए …
“मैं भला क्या कृपा करू , जन्हा से आये हो वही लौट जाओ “
मेरी बात सुनकर वो हाथ जोड़कर मुझसे प्राथना करने लगा
“नहीं ऐसा मत कहिये , कम से कम हमें किसी मल्लू भाभीयो के चूत का रस तो चाटने दीजिए ,हमारी ओरतो को यहाँ के तगड़े लंड चूसने का मौका दीजिए , आप बस स्वीकृति दीजिए , हम इतने दूर से यंहा आये है कृपा करे …”
“तुम तो मुझसे लड़ने यंहा आये थे “
“माफ़ी माफ़ी … हमें तो बस चुडैलो की चूत का आभास हुआ , लेकिन हमें नहीं पता था की यंहा उनका कोई मालिक भी है , चुडैलो की चूत तो आपकी है हम उसे कैसे चाट सकते है …. “
“लेकिन तुम्हारे यंहा रहने से यंहा हाहाकार मच जायेगा “
“नहीं मचेगा हम वादा करते है की हम अपना काम इतने चुपके से करेंगे की किसी को इसका पता नहीं चलेगा , इसके अलावा ओरतो को बहुत मजा भी आएगा हम किसी को नुक्सान नहीं पहुचाते “
मैंने फिर से डॉ की ओर देखा वो भी कंफ्युस दिख रहे थे , निर्णय मुझे ही लेना था …
“ठीक है तुम अपना काम कर सकते हो , लेकिन अगर तुम्हारी कोई भी शिकायत मुझ तक पहुची तो समझो मैं एक एक को ढूंढ कर मरूँगा “
उस व्यक्ति के साथ बाकि के सभी भी खुश हो गए ….

थोड़ी देर में ही वो जगह खाली हो गई थी …
“आप तो कह रहे थे की ये लोग खतरनाक है ये तो चूहों की तरह निकले “
मेरी बात सुनकर डॉ मुस्कुराये
“कहा तो था लेकिन मुझे भी नहीं पता था की ये शैतान से इतना डरते है ,चलो अच्छा है इन्हें भी मजे करने दो , और तुम अपने काम में लग जाओ “
“किस काम में ???”
“अरे जाओ अपनी जिम्मेदारी निभाओ “
“और इन तीनो का क्या ???”
“इनकी फिक्र अब छोड़ दो ये सब अब तुम्हारी है , ताकत में सभी तुम्हारे बराबर है लेकिन त्तुम्हारी गुलाम है , फिलहाल तो इनका उपयोग बस इतना है की ये तुम्हारी हवस मिटाए , अगर जरुरत पड़ी तो दुसरे काम भी आएँगी “
मैंने एक बार उन तीनो को देखा अभी भी वो आराम कर रही थी , मैंने हां में सर हिलाया और वंहा से निकलने लगा , तभी मैं रुका
“अरे ये आकाश कहा गया ..??”
मैंने देखा की जन्हा उसे रखा गया था वो वंहा नहीं था
“लगता है उसे वैम्पायर ले गए , उसकी फिक्र मत करो उनकी महिलाये उसका ध्यान रखेंगी , उन्हें भी लंड चूसने मिल जायेगा और अपने मासूम जी का भी काम हो जायेगा “ चमन ने हँसते हुए कहा

 

Janu002

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:lol1: आकाश की तो निकल पडी vampires se Lund chuswayega l देखते हैं आगे क्या होता है
 
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अध्याय 32
डॉ की बात सुनकर दिमाग का बम भोसड़ा हो चुका था,कहा एक तरफ कोकु ने अन्नू को सिर्फ इसलिए गायब कर दिया कि वो चुड़ैल न बन जाये और यहां 3 लोग तैयार बैठे थे, जिनमे से एक मुझे जान से मारने की कोशिश करने वाली ,एक मेरी जान बचाने वाली और एक मुझे पालने वाली थी …
अजीब किस्मत थी मेरी, अजीब जिंदगी, अब तक मेरे साथ ऐसी चीजें हो चुकी थी कि मुझे अब कुछ भी अजीब नहीं लगता ,यंहा सब कुछ संभव हो सकता था ,
"तुम अभी छिप जाओ जब तुम्हारी जरूरत होगी हम बुला लेंगे ,ओय मासूम मजनू कुँवर के साथ तुम भी अंदर ही रहना "
डॉ ने एक नवजवान लड़के को कहा जो अभी अभी वंहा पहुचा था ,मेरे ही उम्र का वो युवक कुछ कंफ्यूज से लग रहा था ..
हम दोनों गुफा के अंदर एक कमरे में चले गए,
"तुम कौन हो और यंहा क्या कर रहे ??"
मेरी बात सुनकर वो युवक थोड़ा मायूस से हो गया
"क्या बताऊँ भाई जब से इस तांत्रिक के चक्कर मे पड़ा हु जिंदगी ही झंड हो गई है ,मेडम से प्यार हो गया है और उनके चक्कर मे इनके पास आया ,ये मुझसे बहुत खर्च करवाता है सब यंहा भी ले आया ,सारे काम मुझसे ही करवाये "
उस बेचारे का चेहरा देखकर मुझे दुख लगा
"किस मेडम से प्यार होगा है तुम्हे ??"
" मेरी प्रोफेसर है भाई "
"वाह गुरु तुम तो बस देखने मे मासूम हो "
वो थोड़ा शरमाया
"क्या करें भाई प्यार होता है तो होता है ,या होता ही नही "
मैं हंस पड़ा
"सही है गुरु ,लेकिन इनके चक्करो में कहा पड़ा है कभी मुझसे मिलवा देना तेरा काम करवा दूंगा "
उसकी आंखें चमक उठी
"सच मे कैसे "
मैं मुस्कुराया
"वो सब छोड़ मेरे लिए बाये हाथ का काम है "
उसने अपने हाथ जोड़ लिए
“ऐसे नाम क्या है तुम्हारा ??”
“आकाश .. अब से आपका साथी “
मुस्कुराते हुए हम दोनों ने हाथ मिलाया
तभी बाहर हमें कुछ हलचल सी सुनाई दी , हमने बाहर देखा तो नजारा अलग ही था , गुफा के अंदर वो बड़ी सी जगह थी जन्हा थोडा खाली स्थान था वही बाजु में एक छोटा पानी का स्रोत दिखाई दे रहा था , ऐसे तो अंदर पूरी तरह अँधेरा होता लेकिन कई मशाले जलाई गई थी , एक एक कर तीन लडकियो को डॉ और चमन वंहा लाते गए सभी के आँखों में पट्टी बंधी हुई थी , उन्हें वंहा लाकर उन्हें कुछ पिलाया गया जिसे पीकर वो नशे में मस्त हो गई उनके सारे कपडे खोल कर उन्हें आजू बाजु ही लिटा दिया गया था अभी तक उनके आँखों की पट्टी नहीं खोली गई थी , वो लेटे हुए ही मचल रही थी , ये नजारा बेहद ही उत्तेजक था मेरे साथ खड़े आकश के माथे पर तो पसीने की कई बुँदे टपकने लगी थी , बाजु में आग जलाई गई और चमन वही बैठ गया , वो कई क्रिया कर रहा था साथ ही साथ आग में आहूतिया देने लगा , डॉ ने इशारे से मुझे बुलाया आकाश को वही रहने बोला गया ..
मेरे जीवन से जुड़े हुए इन तीन लडकियों को देखकर मेरी उत्तेजना भी भडकने लगी थी , कभी मैं रामिका के मासूम से चहरे को देखता तो कभी गुंजन के बलखाती जवानी को , कभी अम्मा के भरे शरीर को देखकर मुह में लार बन जाती , डॉ ने मुझे अपने कपडे उतरने को कहा ..
मैं भी पूरा नग्न होकर सामने खड़ा था साथ ही मेरा लिंग भी अपने पुरे आकर में तना हुआ था …
चमन ने एक जोरदार आहुति डाली और पानी का एक घड़ा लेकर उसका पानी तीनो के उपर डाल दिया …
“कूवर सब के आँखों की पट्टी खोल दो “
मैंने बारी बारी तीनो के आँखों की पट्टी खोल दी , सभी के सामने मेरा चहरा था और आजू बाजु के हालत देखकर वो सभी ही आश्चर्य से भर उठे थे लेकिन अभी वो कुछ भी कर सकने के हालत में नहीं थे …
“कुवर अब तुम्हारा काम है की तुम अपनी शक्तियों का उपयोग करके इनके अंदर हवस की आग भड़काओ और एक साथ तीनो के साथ सम्भोग करो , वीर्य का पतन इनकी योनी के अंदर ही करना और फिर उसे उस पात्र में डाल देना जिसके सेवन से ही इन्हें इनकी शक्तिया मिलेंगी …” चमन ने मेरे हाथो में एक पात्र पकड़ा दिया
हवस में तो मैं भी जल रहा था और सम्भोग करने को आतुर था मैंने बिना देरी किया अपना हाथ घुमाया और तीनो बिलकुल ही पागल सी हो कर मचलने लगी , बीच में रामिका थी मैं रामिका के पास पंहुचा और बाकि दोनों को अपने पास खिंच लिया …
तीनो जिस्म एक साथ मिल चुके थे , रामिका की योनी का भेदन करते ही मुझे समझ आ गया था की ये अभी तक कुवारी थी ,मैं रामिका के योनी को भोग रहा था और अम्मा और गुंजन मुझपर किसी मख्खी की तरह लिपटे हुए यंहा वंहा को चाट रहे थे ..
मुझे पता था की यंहा कोई भी अपने पुरे होश में नहीं है सभी हवस की आग में जल रहे है , रामिका को जी भर भोगने के बाद मैंने वीर्य की धार से उसकी योनी को भिगो दिया , रामिका बेसुध सी वही लेट गई उसे छोड़कर मैं गुंजन की ओर बढ़ा ..
इधर चमन दौड़कर आते हुए पात्र को रामिका की योनी में टिका दिया और मेरे बहते हुए वीर्य को इकट्ठा किया , ऐसा ही गुंजन और अम्मा के साथ भी किया गया ..
अंत में हम चारो ही थक चुके थे ..
चमन ने वीर्य से भरे उस पात्र में वही बह रहा जल मिलाया और बेसुध पड़े रामिका का मुह खोल थोडा सा उसके मुह में डाल दिया , ऐसा ही गुंजन और अम्मा के साथ किया गया .वो तीनो आँखे बंद करके वही लेटे रहे जैसे शरीर में थोड़ी भी शक्ति बाकि ना हो ..
“कुवर इन्हें लेजाकर जल में डूबा दो जिससे इनके अंदर थोड़ी ताजगी आएगी “
चमन के कहने पर मैंने गुफा के अंदर ही बहते हुए पानी में तीनो को लिटा दिया
“हो गया ???”
“हा बस हो गया , ये तीनो ही चुड़ैल बन चुकी है , बस धीरे धीरे इनके अंदर शक्ति का प्रवेश होने लगेगा “
तभी डॉ की घडी में कुछ बजा
“वो लोग आ चुके है ???”
“कौन ??”
“वही वैम्पायर और भेडिये , उन्हें पता चल गया की यंहा चुदैल चुड़ैल मौजूद है और वो अपने खतरे को मिटाने यंहा पहुच चुके है , तैयार हो जाओ “
उन्होंने एक बैग निकला जिसमे कई गन थे , मैं आश्चर्य से उन्हें देखने लगा
“मुझे पहले ही भनक थी इसलिए पूरी तयारी के साथ आया हु लो सम्हालो “
उन्होंने एक बड़ी सी बंदूख मुझे थमा दी ..
कुछ ही मिनट हुए थे की जो मैंने गुफा के निकासी द्वार पर कई गोरे रंग के लोग काले सूट पहने खड़े थे उनके साथ काले रंग की स्कर्ट पहने कई ओरते भी खड़ी थी …
हम सभी ने अपनी बन्दुखे सम्हाली , मैं पूरी मुस्तैदी के साथ खड़ा था , तभी उनमे से एक आदमी आ आगे आया …
रंग बर्फीले स्थान के निवासियों जैसा सफ़ेद था , बाल हलके भूरे रंग के और बिलकुल सलीके से चिपके हुए , काले रंग के सूट में वो किसी विदेसी मोडल की तरह दिख रहा था , आगे आते ही उसने अपने नाक से गहरी साँस खिंची जैसे कुछ सूंघ रहा हो …
“वाह चुद की महक है यंहा “ उसकी काली आँखे और भी काली होने लगी थी
“और आगे बढ़ा तो शरीर के चीथड़े उड़ा दूंगा “
डॉ ने तमतमा कर कहा जिसे सुनकर वो हँसने लगा
“ये मामूली बन्दुखे हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती “
इस बार डॉ हँस पड़ा
“ये बन्दुखे मामूली नहीं है , ये शैतान के वीर्य मिली हुई बारूदो से बनी है “
वंहा खड़े सभी के अंदर हलचल सी मच गई , सामने खड़े व्यक्ति के भी चहरे का रंग पीला पड़ने लगा
“शैतान का वीर्य … त्तुम्हारे पास कैसे आया ???”
डॉ ने मेरी ओर इशारा किया
“ये खुद शैतान का अंश है और वो तीनो इसकी चुड़ैले है , अगर जिन्दा रहना चाहते हो तो वही लौट जाओ जन्हा से वापस आये थे , वरना एक एक को यही मौत के घाट उतार दिया जायेगा “
डॉ की बात सुनकर सभी शांत हो गए उस व्यक्ति ने मुझे घुरा , मैं अभी भी नंगा खड़ा था और मार लिंग अभी भी तना हुआ था पता नहीं क्यों लेकिन वो पुष्पा के डायलोग को फालो कर रहा था “झुकेगा नहीं साला “
वो दूर से ही मुझे सूंघने लगा …
“शैतान की खुसबू है “
वो मेरे पास बढ़ा और अपने घुटनों में बैठ गया
“ये शैतान हम आपकी ही संताने है हम पर कृपा करे “
उसकी बात सुनकर मुझे अटपटा सा लगा , अब मैं क्या करू , मैंने डॉ की ओर देखा उसने भी अपने कंधे उचकाए …
“मैं भला क्या कृपा करू , जन्हा से आये हो वही लौट जाओ “
मेरी बात सुनकर वो हाथ जोड़कर मुझसे प्राथना करने लगा
“नहीं ऐसा मत कहिये , कम से कम हमें किसी मल्लू भाभीयो के चूत का रस तो चाटने दीजिए ,हमारी ओरतो को यहाँ के तगड़े लंड चूसने का मौका दीजिए , आप बस स्वीकृति दीजिए , हम इतने दूर से यंहा आये है कृपा करे …”
“तुम तो मुझसे लड़ने यंहा आये थे “
“माफ़ी माफ़ी … हमें तो बस चुडैलो की चूत का आभास हुआ , लेकिन हमें नहीं पता था की यंहा उनका कोई मालिक भी है , चुडैलो की चूत तो आपकी है हम उसे कैसे चाट सकते है …. “
“लेकिन तुम्हारे यंहा रहने से यंहा हाहाकार मच जायेगा “
“नहीं मचेगा हम वादा करते है की हम अपना काम इतने चुपके से करेंगे की किसी को इसका पता नहीं चलेगा , इसके अलावा ओरतो को बहुत मजा भी आएगा हम किसी को नुक्सान नहीं पहुचाते “
मैंने फिर से डॉ की ओर देखा वो भी कंफ्युस दिख रहे थे , निर्णय मुझे ही लेना था …
“ठीक है तुम अपना काम कर सकते हो , लेकिन अगर तुम्हारी कोई भी शिकायत मुझ तक पहुची तो समझो मैं एक एक को ढूंढ कर मरूँगा “
उस व्यक्ति के साथ बाकि के सभी भी खुश हो गए ….

थोड़ी देर में ही वो जगह खाली हो गई थी …
“आप तो कह रहे थे की ये लोग खतरनाक है ये तो चूहों की तरह निकले “
मेरी बात सुनकर डॉ मुस्कुराये
“कहा तो था लेकिन मुझे भी नहीं पता था की ये शैतान से इतना डरते है ,चलो अच्छा है इन्हें भी मजे करने दो , और तुम अपने काम में लग जाओ “
“किस काम में ???”
“अरे जाओ अपनी जिम्मेदारी निभाओ “
“और इन तीनो का क्या ???”
“इनकी फिक्र अब छोड़ दो ये सब अब तुम्हारी है , ताकत में सभी तुम्हारे बराबर है लेकिन त्तुम्हारी गुलाम है , फिलहाल तो इनका उपयोग बस इतना है की ये तुम्हारी हवस मिटाए , अगर जरुरत पड़ी तो दुसरे काम भी आएँगी “
मैंने एक बार उन तीनो को देखा अभी भी वो आराम कर रही थी , मैंने हां में सर हिलाया और वंहा से निकलने लगा , तभी मैं रुका
“अरे ये आकाश कहा गया ..??”
मैंने देखा की जन्हा उसे रखा गया था वो वंहा नहीं था
“लगता है उसे वैम्पायर ले गए , उसकी फिक्र मत करो उनकी महिलाये उसका ध्यान रखेंगी , उन्हें भी लंड चूसने मिल जायेगा और अपने मासूम जी का भी काम हो जायेगा “ चमन ने हँसते हुए कहा
Good update
 
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259
majedar update .teeno ke saath sex karke unko chudail bana diya .
aakash ke saath dosti bhi ho gayi jisko madad karega kunwar madam ko patane me .
aur is banduk ka naam pehli baar suna jo shetan ke virya se bani hai 😁.
saare vampire aur werewolf darr gaye kunwar ko dekhkar ki wo shetan hai .
aur ab permission bhi le li ke wo mallu bhabhi ke chut ko chaat sake 🤣.
 
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