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Adultery भाभियों का रहस्य

Chutiyadr

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Doctor Sahab Gazab ki update he,

Nishant ne ye powers chhod kar achcha kiya ya galat, ye to aage pata chal hi jayega........

Lekin uska kahan bhi ek tarah se thikhi tha, ki wo ab ek normal zindagi jina chahta he, uska bhi ek parivar ho.......

Lekin meri samajh me Nishant ne ye bilkul bhi thik nahi kiya he.........

Keep posting
dhanywad ajju bhai :)
 

Chutiyadr

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ये भोसडी वाला ठाकुर निशांत अब फिर से पक्का देव व् विकास बनने की तयारी में है इसको ये नहीं पता बलदेव और अब्दुल इसकी गांड फाड़ के रख देंगे और साथ में अम्मा, अनु गुंजन इत्यादि बेफज़ूल में गैरों से चुद जाएँगी क्यों की अब ठाकुर के बस का तो कुछ रहेगा नहीं :vhappy1:
dhanywad sandy bhai :)
 

Chutiyadr

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कुंवर ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है और अब सामान्य जीवन जीना चाहता है लेकिन तीन चुदेल चुडैलो का क्या होगा कुंवर का इस राह पर चलना जरूरी था नही तो वो जिंदा नहीं रहता और गांव का श्राफ दूर नहीं होता लेकिन ये कह नही सकते की आगे शक्तियां छोड़ना सही होगा या नहीं???
dhanywad sanju bhai :)
 

Chutiyadr

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hmm super dramatic updates, abhi to kunwar normal aadmi ban gya lekin jab 2 saal baad aur gaanv ki ladies pregnant nahi hongi to kya ye fir se darinda banega ?

dr chutiya bhi bebas dikha aur chman to waise hi chutiya hai :lotpot:
dhanywad sir ji :)
 

Chutiyadr

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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
रामिका, गुंजन और अम्मा तो चुदैल चुडैल बन गयी और अपने हिरो की गुलाम भी बनी
निशांत का पहला शिकार सिल पॅक रामिका बनी साथ ही साथ गुंजन और अम्मा भी
गुंजन तो निशांत से चुद गयी और वो भी वही चाहती थी तो क्या उसका व्देष निशांत के प्रति कम होगा
भेडिये व्यंपायर भी निशांत के गुलाम हो गये जो चुद की खुशबू सुंघ कर चुत रस का रसपान करने आये थे
औरत व्यंपायर आकाश का लंड चुस चुस कर उसे अधमरा न करदे
देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
dhanywad nap bhai :)
 

Chutiyadr

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ये कुंवर का सबसे गलत फैसला था अब अपने साथ उसने पूरे परिवार को भी खतरे में डाल दिया है। क्या पता शक्तियां जाने के बाद उसका शरीर भी फिर से पैरालिसिस में चला जाए फिर क्या करेगा। शक्तियां पाना जितना आसान होता है उनको और उनके साथ जुड़ी जिम्मेदारियों को संभालना उतना ही मुश्किल। ये कुंवर तो वैसे भी मैदान छोड़ने के लिए हमेशा तैयार रहता है। बहुत ही खतरनाक ट्विस्ट दिया है।
एक संभावना ये भी है कि पत्थर ताकत लेने के जगह कुंवर और शक्तिशाली बना दे।
dhanywad dost:)
 

Chutiyadr

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nice update .sex karke ab maja nahi aa raha to normal jindagi jeene ke sapne dekhne laga .aur ab dr chutiya ne ilaaj bhi nikal liya aur kunwar ki saari shaktiya dubara usi patthar me chali gayi .
par kya ye sahi faislaa tha kunwar ka ,abdul aur thakur kahi koi kaand naa kar de .
dhanywad leon bhai :)
 

Chutiyadr

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अध्याय 34

शरीर में जैसे ताकत ही ना हो , मैंने हलके से आँखे खोली तो खुद को अपने कमरे में लेटा हुआ पाया , सामने बैठी अम्मा मुझे मुस्कुरा कर देख रही ही , बाहर खिड़की से देखने पर मालूम हो रहा था की ये दोपहर का समय है ..
मैंने उठ कर बैठने की कोशिस की और अम्मा ने मुझे सहारा देते हुए बैठाया
“अब कैसे हो बेटे लो जूस पियो “
मैंने जूस का ग्लास थाम लिया , अम्मा के दमकते हुए चहरे में एक उदासी साफ़ दिखाई दे रही थी वही आँखों में आंसू और होठो में मुस्कराहट थी …
“क्या हुआ अम्मा मेरा फैसला आपको पसंद नहीं आया ?? आप इतनी उदास क्यों लग रही हो “
अम्मा हलके से मुस्कुराई
“तुम्हे ऐसा क्यों लगता है , नहीं मैं उदास नहीं हु बल्कि मुझे तो तुमपर फक्र है की तुमने ये फैसला लिया “
मैंने कुछ देर तक अम्मा को ही देखता रहा , मुझे यु घूरता हुआ देख कर वो थोड़ी असहज हुई
“क्या हुआ बेटे ऐसे क्यों देख रहे हो “
मैं मुस्कुराया
“देख रहा हु इस ममता की मूरत को जिसने अपने परिवार और गांव वालो के लिए इतने बलिदान किये और मैं …. शायद मेरे कृत्य के लिए मुझे नरक में भी जगह नहीं मिलेगी , मैंने आपके साथ जो किया … दुनिया के सामने आपकी इज्जत उछाली “
मैं ये सब सोचते हुए कब भावुक हो गया मुझे पता ही नहीं चला , ऐसा नहीं था की ये बाते मैंने पहले नहीं सोची थी लेकिन तब मैं हवस की ऐसी अंधी दौड़ में था की रिश्ते नाते और सामाजिक मर्यादा को हमेशा ही ताक में रखकर काम करता था ..
आज उस शक्ति के जाने के बाद मेरे अंदर की मानवीय संवेदनाये फिर से उठ खड़ी हुई थी …
अम्मा ने आगे बढ़कर मुझे अपने सीने से लगा लिया ….
मैं रो रहा था किसी बच्चे की तरह उनके सीने से लगा हुआ था वही वो मेरे बालो को सहला रही थी …
“अपने अंदर ये ग्लानी का भाव कभी मत आने देना निशांत , जो तुमने किया वो उस शक्ति के वसीभूत होकर किया , इसमें तुम्हारी कोई भी गलती नहीं है , और मैंने जो किया वो अपनी ममता के वसीभूत होकर किया मैं एक चुड़ैल बनने को राजी हो गई ताकि मेरे बेटे की शक्तियों को कोई और गलत इस्तमाल ना करे , और हां इस बात से मुझे कोई भी इनकार नहीं है की उन संभोगो को दौरान मुझे भी अपने जवानी का सुख मिला , मैंने भी उसका खूब आनंद उठाया और देखो हमारे सम्भोग का परिणाम “
उन्होंने मेरा हाथ अपने पेट में रख दिया ..
मैंने आश्चर्य से उन्हें देखा
“ये कब हुआ मुझे तो किसी ने बताया भी नहीं “
वो मुस्कुराई
“दो महीने पहले ही मुझे भी पता चला , इस गांव में अब जितने भी बच्चे होने वाले है तुम सबके पिता होगे , सामाजिक नहीं बल्कि जैविक पिता , मैं ये तो नहीं कह सकती की मेरे पेट में तुम्हारे प्यार की निशानी है , क्योकि जो भी हमारे बीच हुआ था वो प्यार नहीं था , लेकिन ये तुम्हारे बलिदान की निशानी है , तुम हमेशा से ऐसे थे , भावुक , प्रेम से भरे हुए किसी का बुरा न चाहने वाले , लेकिन तुमने गांव के हित के लिए खुद की मासूमियत को कुर्बान किया , मुझे तुमपर गर्व है और साथ ही इस बात पर भी मुझे बहुत ख़ुशी है की मेरे पेट में मेरे खुद के बेटे का बीज है जो की जल्दी ही फल में बदल जायेगा “
भावना के अतिरेक से मेरा शरीर कांपने लगा था , मैंने अम्मा को जोरो से जकड लिया , वो हँस पड़ी ..
“त्तुम अब भी बच्चे ही हो “ उन्होंने प्यार से मेरे माथे में चुम्मन किया
स्नेह और प्रेम की धार बह रही थी की मुझे डॉ की कही बात याद आई
“अम्मा क्या मेरे शक्ति छोड़ने के बाद से आपको कुछ अजीब लग रहा है “
“नहीं तो लेकिन क्यों ???”
मैंने डॉ की बात उन्हें बता दी की मेरे शक्ति छोड़ने से मेरी चुड़ैले भी आजाद हो जाएँगी लेकिन उनके अंदर वासना की तीव्र लहर मौजूद रहेगी ..
अम्मा मुस्कुराते हुए मेरे बालो को सहलाने लगी …
“हा वासना की लहर तो मेरे अंदर हिलोरे मरते ही रहती है , अब मैं आजाद भी हु ये बात भी मुझे समझ आने लगी है , लेकिन तू इसकी फिक्र मत करो महिलाये खुद को सम्हालना जानती है , जीवन भर तो सम्हाला है खुद को अब भी सम्हाल लुंगी “
बोलते हुए वो रुक गई फिर आँखों का पानी साफ करते हुए मुझे देखने लगी और बोली
“अगर ना सम्हाल पाई तो बस मुझे माफ़ कर देना ,हो सके तो मुझे खुद ही वो प्रेम दे देना ‘
इतना बोलकर वो उठने लगी मैंने उनका हाथ थाम लिया
“आप ऐसा क्यों बोल रही हो , मैं हु ना आपके साथ “
वो मुस्कुराई
“हा तू तो है ना मेरे साथ , अब तू आराम कर “
उन्होंने जाते हुए मुझसे कहा ………..
*******************
मेरे शक्ति को छोड़ने की बात जंगल में आग की तरह फ़ैल रही थी , मेरे दुश्मन सचेत हो गए थे ..
गुंजन और रामिका का हाल भी बुरा था , मेरे शक्ति को छोड़ते ही वो वासना की आग में जलने लगे थे , किसी तरह दोनों ने खुद को सम्हाल रखा था , गुंजन तो अभी अंकित के बच्चे को जन्म देने ही वाली थी इसलिए उसका बहकना तो मुश्किल था लेकिन रामिका …
वो बेचारी पागलो की तरह हालत में मेरे पास पहुची और आते ही उसने एक खींचकर जोरदार तमाचा मेरे गालो में मार दिया …
मैं अभी अभी उठकर बैठा था कमरे में कोकू और अन्नू भी मौजूद थे , शरीर में थोड़ी ताकत आई थी मैं चलने फिरने लगा था , रामिका के ऐसा करने से सभी थोड़े देर के लिए आश्चर्य में डूब गए थे
“कमीने तुम्हारी जान बचाई , तुम्हारे कारण अपने पिता और होने वाले पति से गद्दारी करके खुद के आत्मसम्मान को छोड़कर चुड़ैल बन गई लेकिन तुमने मेरे साथ क्या किया , खुद उस शक्ति को छोड़ दिया और मुझे यु बेचैनी से तड़फने के लिए छोड़ दिया , शक्ति को छोड़ दिया , अब मेरा क्या होगा ,मेरी ये बेचैनी कैसे दूर होगी “
वो रोते हुए मेरे गले से लग गई , मैं अब जानता था की वो मुझसे कितना प्यार करती है , मैं उसकी पीठ सहला रहा था …
“तुम्हे अब शादी कर लेनी चाहिए रामिका “
मेरी बात सुनकर वो गुस्से से मुझे देखने लगी
“अच्छा … ????? इस जिस्म को मैंने पहले ही तुम्हारे हवाले कर दिया था , अब तुम चाहते हो की मैं फिर से किसी और के साथ सो जाऊ , नहीं निशांत तुम्हारे लिए ये एक खेल हो सकता है लेकिन मेरे लिए नहीं , मेरे लिए ये प्रेम का समर्पण था और अब मैं पीछे नहीं हट सकती , तुम्हे ही … हा तुम्हे ही मुझे अपनाना होगा “
उसकी बात सुनकर मैं उसके लिए प्रेम से भर गया था , लेकिन मैं जानता था की जो वो बोल रही है वो होना मुश्किल है ….
मैं अभी उसे नहीं समझाना चाहता था इसलिए मैंने उससे कुछ भी नहीं कहा , और अन्नू को इशारा किया …
“त्तुम अभी थकी हुई लग रही हो आराम करो , कुछ दिन यही रहो हमारे साथ “
उसने मुझे घुर कर देखा और उठकर अन्नू के साथ चले गई ……….




 
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