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कुंवर जी तगड़ी चालू आइटम निकला मंत्री का भी फुद्दु बना दिया और शायद अपने लिए नयी नयी चुतों का भी जुगाड़ कर लिया बल्कि पूरा गांव ही त्यार कर लिया समझो
अध्याय 13मैं अभी एक कुर्सी में बैतः हुआ था और सामने एक मोटा शख्स खड़ा था …
“तो तुम ही हो जिसके कारन हमारे लोग मारे गए …”
“आप ठाकुर बलवंत है ??? नमस्कार ठाकुर साहब “
वो मुस्कुराया
“मैंने तो सोचा था की तुम्हे लाने के लिए बहुत मारपीट करनी पड़ेगी , तुम तो खुद ही इतने आसानी से आ गए , बहुत हिम्मत है तुममे “
बलवंत मुस्कुराते हुए बोला
“ठाकुर साहब हिम्मत नहीं बस दिमाग है , इतना तो मैं समझता हु की आप मुझे यंहा जान से मारने के लिए नहीं लाये , बस इसलिए लाये हो क्योकि आपको भी अपने लोगो को जवाब देना पड़ता है …”
वो पास रखे सोफे पर बैठ गए
“अच्छा तुम्हे इतना यकीन क्यों है की हम तुम्हे जान से नहीं मरेंगे “
उनकी बात सुनकर मैं भी मुस्कुराया
“क्योकि अम्मा मुझसे कहा करती थी की आप एक दिमागदार व्यक्ति है , और दिमाग वाले पहले दिमाग चलाते है बाद में हथियार , आप एक विधायक है , मंत्री भी है , आप अपने दामन में कोई दाग लगने नहीं देंगे , आप को भी पता है की मैं अम्मा का एकलौता वारिस हु और मुझे मरने का सीधा मतलब होगा कुवरगढ़ से सीधा युद्ध का ऐलान कर देना , भले ही आप ज्यादा ताकतवर हो लेकिन ऐसा आप नहीं सीधा युद्ध नहीं चाहेंगे , कोई दिमाग वाला व्यक्ति नहीं चाहता , इसलिए मरने मारने को प्यादे होते है , राजा और राजकुमार नहीं …”
वो हँस पड़े …
“तुमने जो किया उसे देखकर मुझे ये तो समझ आ गया था की तुम दिमाग वाले हो लेकिन तुम तो राजनीती के भी जानकार निकले … अच्छा है बेचारी अम्मा को भी इससे थोड़ी राहत मिल जाएगी , क्या पीना पसंद करोगे विस्की या रम “
“ठाकुर साहब आज पूरा शरीर थक गया है एक विस्की पिला दीजिए “
वो खड़े हुए और पास बने छोटे से बार से दो पेक बना कर ले आये , उन्होंने एक पेक मेरे ओर बढ़ा दिया ..
“आप जैसे अनुभवी और खानदानी व्यक्ति के साथ बैठकर पीना मेरा सौभाग्य है “
मैंने पेक थोडा ऊँचा करते हुए कहा
“हम्म्म अम्मा का परिवार और मेरा परिवार खानदानी दुश्मन रहा है , लेकिन अम्मा के आने से चीजे बदल गई ,दोनों गांवो में थोड़ी शांति फैली ,अम्मा बात को समझती है , राजनीती समझती है और शांति और बातचीत से काम लेती है , ये अलग बात है की हमारे लोग अभी भी एक दुसरे के खून के प्यासे रहते है और ये सम्हालना हमारे लिए कभी कभी बहुत मुश्किल हो जाता है , तुमने जो किया उससे हमारे गांव के लोग बुरी तरह से बौखला गए है , अब तुम्हे जिन्दा छोड़ दिया तो मेरी इज्जत पर भी आंच आ जाएगी “
उन्होंने एक सिप लेते हुए कहा
उनकी बात सुनकर मैं मुस्कुराया
“ठाकुर साहब मुझे मारकर एक जंग शुरू करने से तो अच्छा है की कोई बीच का ही रास्ता निकाल लिया जाए , आप अपने लोगो को समझा सकते है , ऐसे ही तो इतने बड़े राजनितज्ञ नहीं कहलाते , क्यों ना अपने कोयले की माइंस वाले मामले पर कोई हल निकाल ले , मुझे पता है की आप वंहा हो रहे आन्दोलन से बहुत परेशान है , वंहा के गांव वाले आपको जमीन खोदने नहीं देंगे और वंहा आपकी भी हिस्सेदारी है , काम जितना लेट होगा उतना घाटा …”
बलवंत एक बार रुक कर मुझे देखने लगा , फिर हँस पड़ा
“तू तो सच में बहुत शातिर निकला बे …”
मैं भी हँसा ,
“आज ही काम शुरू किया हु और सबसे पहले आप की सारी डिटेल्स को एनालिसिस किया “
“हम्म पढ़ा लिखा होने के बहुत फायदे है की आप चीजो को समझने लगते हो “ वो हँसने लगे तभी कोई उस कमरे के पास से गुजरा
“अरे निशांत तुम , वाट अ प्लेसेंट सप्राइज “ एक लड़की आई और उसे देख कर मैं भी खड़ा हो गया हम दोनों ही एक दुसरे के गले से लगे ..
“तुम यंहा कैसे …???”
उसने आश्चर्य से पूछा
“बस यार तुम्हारे पापा ने मुझे किडनेप करवाया है “ मैं हँसने लगा , वो और भी आश्चर्य से अपने पिता की ओर देखने लगी
“तुम एक दुसरे को जानते हो ??”
“हम एक साथ ही पढ़े है ठाकुर साहब “
मैंने मुस्कुराते हुए उन्हें देखा
“बड़ी अजीब बात है अम्मा का भतीजा और मेरी बेटी एक साथ पढ़े है और मुझे पता भी नहीं “
मैं थोडा हँसा
“ठाकुर साहब अम्मा ने मुझे हमेशा दुनिया से छिपा कर रखा था , कालेज के समय में भी एक सामान्य बच्चे की तरह ही रहा , हां मुझे जरुर पता था की रामिका आप की बेटी है “
मैंने रामिका की ओर देखा
“अन्नू कैसी है , आजकल मेरा फोन नहीं उठा रही “
उसने फिर से सवाल दागा
“अच्छी है आज ही उसे शहर छोड़कर आया , मेरे साथ ही गांव आई हुई थी और एक गुड न्यूस भी है , हम दोनों शादी कर रहे है “
मेरी बात सुनकर रामिका उछल पड़ी
“वाओ यार , मुझे पता था की तुम दोनों के बीच कुछ तो है … तू मेरे साथ चल तुझसे बहुत सारी बाते करनी है “
रामिका ने मेरा हाथ पकड लिया , तभी ठाकुर साहब बोल पड़े
“अरे बेटा आराम से बात कर लेना ये आज यही रुकने वाला है , अभी हम थोडा बिजिनेस की बात कर ले “
रामिका मुझे बाय बोलकर निकल गई , हम फिर से बैठे , ठाकुर साहब ने एक गहरी साँस ली
“दुनिया बहुत छोटी है कुवर “
“अरे ठाकुर साहब आप मुझे क्यों कुवर बुला रहे है , आप मुझे नाम से बुलाए “
वो बस मुस्कुराये
“अब तो तुम्हे मरना और भी मुश्किल हो गया , आखिर मेरी बेटी के दोस्त भी निकल गए , लेकिन लोगो का दिल रखने के लिए मारना तो पड़ेगा ही … अब बताओ अगर ऑफर अच्छा ना हुआ तो फिर सॉरी “
मैं मुस्कुराया
“ठाकुर साहब कट टू कट वाला ऑफ़र देता हु आपके इन्वेस्टमेंट का 40 -60 “
वो हँस पड़े
“मुर्ख समझते हो क्या , पूरा पैसा मैंने लगाया और उसका 40% तुम्हे दे दू “
“ठाकुर साहब कौन सा आपने अपने जेब से पैसा लगाया है , आपके 90% शेयर तो कम्पनी ने यंहा कोयला खोदने के परमिट के एवज में आपको दिए है और बाकि जो पैसा आपने दिया वो भी कमीशन के ही है … आपके जेब से तो एक ढेला नहीं गया होगा “
“पैसा नहीं तो पॉवर तो मेरा लगा है …”
“बिलकुल और इसी हम भी तो अपने पॉवर का ही पैसा आपसे मांग रहे है , मैं चाहू तो मेरे एक बार बोलने से समझोता हो जाएगा , वरना आप कोई भी ऑफर गांव वालो के सामने रख दो , आन्दोलन नही रुकने वाला , और ये बात आप भी अच्छे से जानते हो , अगर कंपनी को घटा हुआ तो आपकी शाख पर भी सवाल उठेगा , आप नही तो कंपनी के सीईओ हमसे ही समझोता करेंगे और वो जो परसेंट हमें देंगे वो आपके ही हिस्से तो देंगे …अब आपके पास एक मौका है की आप उनके नजरो में भी बने रहे , अपनी शाख भी बचा ले और प्रॉफिट भी कमा ले “
वो सोच में पड़ गए उन्होंने एक घुट जल्दी से मारा और दूसरा पैक बनाया …
“30-70 “ उन्होंने जल्दी से कहा
मै हँस पड़ा
“क्या ठाकुर साहब यंहा क्या भाजी लेने आये है जो यु मोलभाव कर रहे है “
“बेटा एक परसेंट की कीमत यंहा 100 करोड़ से भी ज्यादा है , और मैं अकेले थोड़े खाऊंगा , पूरी पार्टी को खिलाना पड़ता है “
“सही कहा ठाकुर साहब , लेकिन सोचिये ना हमें भी तो पूरी पार्टी को खिलाना पड़ेगा … चलिए बीच का करते है 35-65 में फिक्स करते है , देखिये आप भी अच्छे से जानते है की ये डील आपके लिए फायदेमंद ही है …अब इसमें से दोनों पार्टी 5-5 पर्शेंट का रहत पैकज देंगी मतलब 500 -500 करोड़ के आसपास का , उन लोगो के लिए जिनकी जमीन जा रही है , कंपनी से बोलकर उनके लोगो को नौकरी दीजिए , अलग से जमीन दीजिए और घर बना कर दीजिए … इससे आपकी भी राजनीती चमकेगी और हमारी भी शाख बच जायेगी …”
“हम्म्म लेकिन अम्मा ने अगर मना कर दिया तो , तुम्हारे बात का क्या ही मोल है “
मैं हँसा
“फिक्र मत करिए अब से मेरे ही बात का मोल है … आप बताइए आप तो खुश है ना “
“बिलकुल…. बड़े दिनों से इस बात को लेकर परेशान था , पार्टी का प्रेशर अलग से … “
“तो एक ड्रिंक और हो जाए “
“बिलकुल “ उन्होंने एक ड्रिंक और मेरे सामने रख दी
“लेकिन अब गांव वालो को क्या बोलू ..ये सब तो तुम्हे मारने को बेचैन है “
मैं हँस पड़ा
“ठाकुर साहब अब ये तो आप मुझसे ज्यादा अच्छे से समझते है की क्या करना चाहिए … मुझे नही लगता की ये मुझे बताने की जरूरत पड़ेगी ..कम से कम 10 हजार करोड़ की डील हुई है , कुछ पैसे गांव वालो को भी खिलाइए , अभी के लिए फिर से उस बगीचे में कब्ज़ा कर लीजिए , आपके गांव वालो को थोड़ी राहत मिलेगी “
“हां लेकिन जब कोई अपने को खो देता है तो उसका दुःख बहुत ज्यादा हो जाता है , अगर किसी की मौत नहीं हुई होती तो शायद मुझे इतनी मुशकिल नहीं होती , तुमने ये गलत कर दिया कुवर “
“ठाकुर साहब…. मुझे भी तो खुद को प्रूव करना था , ये सब नहीं करता तो क्या आज आपके साथ डील कर पाने की हैसियत बना पाता , जो हुआ वो हो गया , अब से ध्यान रखेंगे की किसी की जान ना जाये , आप मेरा मोबाइल दिलवा दीजिए और मुझे उसी बगीचे में मारने भेज दीजिए सुबह का समय ज्यादा अच्छा रहेगा , मैं यंहा से सेटिंग कर देता हु वही से आपके लोगो के हाथो से बच कर निकल जाऊंगा , फिर तो कोई आप पर उंगली नहीं उठाएगा “
ठाकुर साहब सोच में पड़ गए …
“लेकिन कुवर कुछ गड़बड़ हो गई तो … अगर तुम्हारे लोग सही टाइम में नहीं आये और मेरे लोगो ने तुम्हे कुछ कर दिया तो , गड़बड़ हो जायेगी “
ठाकुर ने बात तो सही कही थी , मैंने आँखे बंद की और लौडू को आवाज लगाई
“अबे लौडू कहा सो गया है आज दिन भर से ….”
“अरे कुवर साले दिन भर से फालतू की जगहों में घूम रहा है , पार्टी ऑफिस में ले जा कर मुस्झाये हुए लंड और चूत दिखा रहा है , सब साले बुड्डे इन्हें देखकर तो कोई भी सो जाए … हा ये रामिका माल है …देगी क्या ..??”
“क्यों … तू नहीं ले सकता क्या इसकी अपनी शक्तियों से ??”
“यंहा नहीं , इसे अपने गांव के दायरे में ले जा वंहा मेरी शक्तिया काम करेगी , या तो कम से कम 10 माँ बेटे को उस पत्थर में चुदवा तो शायद मेरी शक्ति इतनी बढ़ जाए की मैं गांव के दायरे के बाहर भी लोगो को प्रभावित कर सकू …”
“ठीक , कल सुबह गांव के दायरे के भीतर हम फिर से होंगे, मेरी जान तेरे हाथो में होगी , कोई 20-30 लोगो पर जादू करना होगा तुझे कर पायेगा “
“हम्म एक साथ तो मुमकिन नहीं होगा …. हा अगर सब पत्थर के पास रहे तो बिलकुल हो जायेगा , और सभी के साथ अगर स्त्री हो और हो सके तो उनकी माँ बहन या बेटी हो , तब तो समझ ले तुझे छोड़कर सभी गैंगबैंग में लग जायेंगे “
मैं मुस्कुराया और आंखे खोल दी
“क्या हुआ कुवर …”
“एक गजब का रास्ता मिल गया ,आपके उपर कोई भी बात नही आएगी और आपके लोग खुद मुझे छोड़ देंगे , पूरा इल्जाम उन लोगो पर ही हो जायेगा …”
ठाकुर की आँखे चमक गई ..
“वो कैसे .. देखो फिर से कोई बढ़ा कांड मत कर बैठना जिसका मुझे फिर से बदला लेना पड़ जाए , दुश्मनी निभाने के चक्कर में बहुत संसाधन नष्ट हो जाते है “
“नहीं कोई हथियार उठाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी , बस अपने लोगो से बोलना की उन्हें मुझे मेरे ही गांव की सीमा के अंदर मारना है , इससे मेरे गांव वालो में दहशत फ़ैल जायेगी … और उनके साथ कुछ लडकिया भी होनी चाहिए , हो सके तो उनके ही परिवार की , सभी कोई कहिये की वो अपनी जवान बहनों , बेटियों को भी साथ ले आये , वो नवजवान है वो अपनी माओ के साथ वंहा जाए , झील के उस किनारे एक पत्थर है उसके उपर ही मेरी बलि चढ़ा दे , इससे उनका शौर्य उनके परिवार की स्त्रियाँ भी देखेंगी …क्या ये हो पायेगा …”
ठाकुर ने मुझे बड़े आश्चर्य से देखा …
“यार तुम आदमी बड़े अजीब हो , ये कैसी बात हुई , आखिर इससे तुम बचोगे कैसे ….”
“ठाकुर साहब वो मेरी टेंशन है आप बस इतना कर दीजिए , बाकि सब मैं ठीक कर दूंगा , अब तो खुश “
“ठीक है हो जायेगा , कल सुबह भोर होने से पहले ही तुम्हारा जुलुस निकाल दिया जायेगा ..”
ठाकुर साहब मुस्कुराये और अपना पेक मेरी ओर उठा दिया …..
या तो कम से कम 10 माँ बेटे को उस पत्थर में चुदवा तो शायद मेरी शक्ति इतनी बढ़ जाए की मैं गांव के दायरे के बाहर भी लोगो को प्रभावित कर सकू …”
चूतिया जी आप कोई जादूगर हैं नही तो ऐसी रचना संभव नही हैअध्याय 11 तेज बारिश थी , मैं अपने बुलेट में बारिश का मजा लेता हुआ आ रहा था , तभी मेरी नजर रोड के किनारे बने अब्दुल के चाय की टपरी पर पड़ी , अँधेरा गहरा गया था और हवाए भी बहुत तेज चल रही थी , ऐसे में अभी भी वंहा थोड़ी रौशनी थी , मैं वही रुक गया , मन में शंका हुई की कही ये किसी मुसीबत में तो नहीं है ..
मैंने बुलेट रोकी और अंदर झाँका …
“काका …. अब्दुल …”
अंदर की हालत बहुत ही ख़राब लग रही थी , पानी भी चुह रहा था , लेकीन अदर मुझे काका एक चटाई पर सोये हुए दिख गए …
गजब का आदमी है ऐसे हालत में भी यही पड़ा है …
तभी मुझे ऐसा लगा की कोई मुझे छिपकर देख रहा है , मैं उस ओर पलटा ..
“कुवर जी …” सामने से एक महिला की नाजुक की आवाज आई
“हा आप कौन ..” अँधेरे में मुझे उसकी केवल परछाई दिख रही थी , तभी वो साया थोडा सामने आया , उसके दुधिया रंग में दिए का प्रकाश पड़ते ही मुझे वो चाहता दिखाई देने लगा ..
“आआप ..” मैंने उसे पहले कभी नहीं देखा था
“मैं रजिया हु , अब्दुल की अम्मी “
“अरे काकी आप , यंहा …”
“हा ये तो दारू पीकर सो गए और अब्दुल अभी घर में ही है , ये आंधी तूफ़ान में मैं ही यही फंस गई “
बोलते हुए वो सामने आई , मैंने उसे पहली बार ऐसे पास से देखा , उन्होंने एक चूड़ीदार सलवार कमीज डाल रखी थी , हलके सफ़ेद रंग के उन कपड़ो में कुछ फुल बने हुए थे , कपडे देखने में महंगे तो नही थे लेकिन उनके जिस्म में बिलकुल ही फिट थे , थोडा गदराया जिस्म और उसपर बारिश में वो थोड़ी भीग गई थी , उनका दुधिया जिस्म कपड़ो की आड़ से बाहर झांक रहा था , अंदर पहनी सिमिज भी साफ साफ दिखाई पड़ रही थी , कंधे में कोई दुपट्टा नहीं डाला था और इसकी वजह से वक्षो की गहराई भी अपना रास्ता बता रही थी ..
थोड़े उमस के कारण चहरे और शरीर में पसीना चमक रहा था , भीगे बदन की हलकी खुसबू मेरे नथुनों में पड़ने लगी , वही उनके उठे हुए पुष्ट और कोमल नितंभ भी मेरा ध्यान आकर्षित कर रहे थे …
“अब्दुल की अम्मी तो बिलकुल ही माल है यार , अब समझ आया की अब्दुल का ये दुधिया रूप कहा से आया है, इसका बाप तो पूरा नल्ला लगता है , बेवडा तो है ही …” मेरे अंदर बैठे मन के एक कोने ने कहा ..
“चुप कर ये मेरे दोस्त की माँ है …साले हवसी “ मेरा उत्तर पा कर वो हँसने लगा ..
“मेरा नाम क्यों नहीं रख देता हमारी बाते तो अब होती ही रहेंगी , क्यों ना हम दोस्त बन जाए , तू मेरी भूख मिटा और मैं तुझे सताना बंद कर दूंगा “
मैंने उसे कुछ नहीं कहा , ये सभी बाते मेरे मन के अंदर ही हो रही थी …
“चलिए मैं आपको छोड़ देता हु …”
मैंने काकी से कहा ..
“अरे कुवर जी आप कहा तकलीफ करते हो , बारिश थोड़ी कम हो जाए तो मैं खुद ही चली जाउंगी ..”
मैंने बाहर देखा सच में बारिश तेज हो रही थी , अभी तक तो मैं खुद की मस्ती में आ रहा था ..
“आप बहुत भीग गये है मैं आपके लिए चाय बना देती हु , सिगरेट भी लेंगे ..”
मैं उन्हें देखने लगा वो मेरे दोस्त की अम्मी थी , आखिर उनके सामने मैं कैसे सिगरेट पि सकता था , वो शायद मेरे मनो भावों को समझ गई और हलके से मुस्कुराई ..
“आप संकोच ना करे , जो चाहिए खुल कर मांगे “
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा , उनके हुस्न से मैं बेचैन हुआ जा रहा था , मासूम सा चहरा और मुस्कुराने पर उनकी सफ़ेद दांतों की पंक्तियों को देखने लगा ..
“वंहा मांग लो कुवर , इसकी चुद ही मांग लो सोचो बारिश में खुले आसमान के नीचे तुम इसकी दौड़ा दौड़ा कर ले सकते हो , बोलो तो मैं मदद कर दू …” अंदर बैठा मन बोल उठा और मेरे लिंग में एक अकडन आने लगी ..
“चुप कर लौडू ऐसा मत कर “ मैंने उसे डांटते हुए कहा
“वह क्या नाम रखा है तुमने मेरा लौडू … आज से हम दोस्त हुए कुवर ..क्योकि तुम मुझे अपना गुलाम बना नहीं पओगे ना ही मैं तुम्हे पूरी तरह से काबू कर पा रहा हु , तो दोस्ती में ही हम दोनों की भलाई है , तुम बस मुझे मेरा दाना पानी देते रहो ”
उसकी बात सुनकर मैं झल्ला गया
“ठीक है दोस्त हुए … अब चुप रह कोई हरकत नहीं , और ये मेरा लिंग क्यों तन रहा है इसे शांत कर “
वो हँस पड़ा
“जवान हो तो जवानी के मजे लोग कुवर जी “
“क्या हुआ कुवर आप बेचैन लग रहे हो कही बुखार तो नहीं हो गया “ काकी पास आई और मेरे माथे पर अपना हाथ रख कर देखने लगी , उसके कोमल हाथ पड़ते हुए मेरा मन और जोरो से डोला रे , बोला हिंडोला रे …
“नहीं काकी मैं ठीक हु “ मैं थोडा सकपकाया
वो हँस पड़ी ..
“जैसा आपके बारे में सुना था आप वैसे ही है , बिलकुल शर्मीले , चलिए आप के लिए कुछ अच्छा लाती हु “
वो अंदर चली गई …
“ओ हो कुवर जी … बहुत शर्मीले हो आप तो … साला उसे नहीं पता की तू चीज क्या है , यही कुतिया बना कर चोद उसे , अबे गांड देखि है उसकी … वाह वाह क्या मस्त थी , पीछे से डालेगा ना तो कसम से बहुत मजा आएगा “ लौडू की बात सुनकर मेरा भी लिंग झटके खाने लगा , साला आँखों के सामने वही चित्र चलने लगे , अगर रजिया सच में कुतिया की तरह इस झमझम पानी में खड़ी रहे और मैं पीछे से उसके योनी में अपना लिंग … ओ हो साला …
“चुप कर भोसड़ी के … तूने कहा था ना की तू मेरी वासना को नहीं जगायेगा ..”
“मैंने ऐसा कब कहा … मैंने कहा था की मैं आपको नहीं सताऊंगा .. लोगो के मन में वासना जगाना तो मेरा काम ही है , हजारो सालो से मैं यही तो करता आया हु , अभी बोलो तो रजिया के अंदर ऐसी तड़प पैदा कर दू की वो यही नंगी होकर नाचे हा हा हा “
“चुप कर साले ऐसा कुछ नही करना है तुझे ..”
मन नहीं मान रहा था , मेरी हालत तो ऐसी थी की मैं भी यही चाहता था जो लौडू मुझसे कह रहा था , लेकिन अंदर की नैतिकता अभी भी जिन्दा थी , सही गलत की समझ मैं भुला नहीं था , हा अब वासना के थपेड़ो ने मेरी हालत खराब जरुर कर दी थी , सोचा था की घर जाकर पूरी वासना अन्नू के अंदर निकाल दूंगा , लेकिन अब सामने एक नई परी आ गई थी ..
थोड़े देर ही हुए थे की काकी हाथो में एक बोतल पकड कर आई , मैं उसे पहचानता था वो देशी शराब की बोतल थी …
“काकी ये सब ..???”
“लो दो दो घूंट लगाते है ऐसे भी बारिश में दोनों ही भीग चुके है , थोड़ी गर्मी आ जाएगी “
उन्होंने दो ग्लास में उसे डाल दिया और खुद एक ही साँस में पूरा अपने हलक से उतार गई , मैंने भी एक ही साँस में पूरा ग्लास पि लिया , एक तगजी और गर्मी मेरे अंदर भी आ गई थी …
“बारिश कितना सुहाना है ना “
वो झोपड़े से निकल कर बाहर चली गई और हाथ फैला कर बारिश को अपने शरीर में लेने लगी , चारो ओर अँधेरा था लेकिन अब आँखे इतनी अभ्यस्त भी हो चुकी थी , मैंने एक ग्लास और अंदर किया और उनके साथ ही बाहर आ गया , बारिश का पानी पड़ते हुए मन में एक शांति का संचार हुआ , मैं उनके पास आया ..
“बहुत हो गया अब और ना रुका जायेगा …..” लौडू ने हलके से कहा
“नही यार ये मेरे दोस्त की माँ है ..”
“अबे तेरी तो नहीं है , जा झपट में मैं और कुछ नही सुनने वाला आ फु जा मजे कर “
वो चुप हो गया था और इधर राजिया का जिस्म पानी से गिला होकर और भी मादक लग रहा था , मैं उनके पास पंहुचा , उन्होंने मेरा हाथ पकड कर मुझे अपनी ओर खीच लिया ..
हम दोनों के चहरे बिलकुल ही पास थे …
“कितना अच्छा लग रहा है ना कुवर जी “
“हा काकी “
मैंने अपने हाथ उनके निताम्भो में रख दिए वो मुझसे और भी सटकर खड़ी हो गई
मैंने उसके चहरे को उपर किया , उनकी आँखे बंद थी , और सांसे तेज , मैं समझ चूका था की वासना की आग उनके मन में भी धधकने लगी है , दुधिया गोर चहरे पर फडफडाते हुए गुलाबी होठो को मैंने अपने होठो से लगा दिया , उन्होंने मुझे कसकर जकड लिया था …
हम दोनों के होठ आपस में घुलने लगे थे , और हाथ उनके जिस्म को यंहा वंहा छूना शुरू कर चुके थे , वो हलकी हलकी सिसकिया ले रही थी ..
“कुवर जी मुझे अपना बना लो ये आग अब बर्दास्त नहीं हो रही ..”
मैंने उन्हें वही जमीन में लिटा दिया ,जमीन बारिश के कारन कीचड़ से भरी हुई थी , मेरा मुह उनके स्तनों पर चला गया , मैं उसे कपडे के उपर से ही मानो खा रहा था , वही मेरा हाथ उनके जन्घो के बीच पहुच चूका था , वो चुह्क उठी ..
“कुवर …आह इतना मजा मुझे कभी नहीं आया “
मैंने सलवार का नाडा खोला और जितनी जल्दी हो सके उनके कपड़ो को उनके जिस्म से हटा दिया , हम दोनों ही मरजात नंगे धने बारिश में बीच सड़क में लेटे हुए थे , मेरा लिंग अब जवाब दे चूका था , वो योनी की कोमलता पाने को बेताब हो रहा था , मैंने अपने लिंग को उनकी योनी पर टिकाया , उन्होंने भी अपना पैर फैला कर मेरा पूरा साथ दिया ,लिंग योनी के अंदर जाने लगा और उसकी चमड़ी पीछे होने लगी , ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लिंग में किसी ने बहुत सारी हवा भर दी हो , वो फुल कर योनी को जकड़ चूका था ..
“आह कुवर जी …”
वो उत्तेजना में चिल्लाई और मेरे पीठ पर अपने हाथ कस लिए , मैंने अपने कमर को तेजी से चलाना शुरू कर दिया , हर एक झटके पर वो सिसकी लेती और उसकी सिसकी मुझे और भी उत्तेजित करते जाती थी , बहुत देर तक ऐसे ही भोगने के बाद मैंने उनके गर्भ में अपना वीर्य छोड़ दिया …
ऐसा लगा जी एक आंधी ख़म हो गई हो लेकिन अभी तो शुरुवात थी , हम दोनों ही कीचड़ से सन चुके थे , मैंने उसे गोद में उठाकर अपने गाड़ी में रख दिया , मेरा वीर्य पात तो हो चूका था लेकिन अभी भी लिंग की अकड में कोई कमी नहीं आई थी ना ही , मैंने उसे अपनी बुलेट में बिठा दिया और उसके टांग फैलाकर फिर से धक्के लगाने लगा , थोड़ी देर बाद मैंने रजिया का हाथ बुलेट पर रख दिया उसे झुककर उसके पीछे खड़ा हो गया , बारिश अभी थोड़ी कम हो चुकी थी लेकिन अभी भी बरस रही थी , हमारे जिस्म पर पानी की छींटे तो पड़ रही थी लेकिन वासना और भी बढती ही मालूम हो रही थी , मैं रजिया के पीछे खड़ा था और पीछे से उसके कुलहो को सहलाता हुआ मैंने अपना लिंग उसके योनी में डाल दिया ..
“आह मजा आ गया “ वो बेसुद से बोली , उसके उठे हुए कुल्ल्हो को पकड कर मैं तेजी से धक्के दे रहा था ,मुझे लग रहा था की उसकी योनी मेरे लिंग का पूरा रस निचोड़ लेगी , लेकिन तभी ..
“अम्मी … कुवर … या खुदा ये क्या हो रहा है …”
हमारे सामने अब्दुल खड़ा था , उसे देख कर मुझे जोर का झटका लगा
“साले लौडू मरवा दिया ना ..” मैंने अपने मन में कहा
“कुछ नही हुआ है ये तो एक बहुत ही अच्छा मौका है , अपना हाथ अब्दुल की ओर कर …”
“मतलब …??’
“मतलब बचना चाहता है न इससे तो हाथ अब्दुल की ओर कर …”
“तू क्या करने वाला है …”
“तू कर बे चूतिये “
मैंने लौडू की बात मान ली और अपना हाथ अब्दुल की तरफ कर दिया , वो हमशे थोड़े ही दूर में खड़ा था , हाथो में एक छत्ता था शायद वो अपनी अम्मी को ही ले जाने के लिए आया था , बारिश भी थोड़ी कम हो चुकी थी , मैंने जैसे ही हाथ उसकी ओर किया मुझे ऐसा लगा जी मेरे हाथो से कोई शक्ति निकल कर अब्दुल के अंदर चली गई , अब्दुल के हाथो से उसका छत्ता छुट गया …
“ये क्या किया तूने ..”
“तू बस इसकी अम्मी को चोदता रह और मजा देख , फिक्र मत कर तेरे दोस्त को कुछ नहीं होगा “
लौडू की बात सुनकर मैं अपने हवास की धार रजिया के गर्भ में छोड़ने के लिए जोरो से धक्के मारने लगा , अब्दुल आँखे फाडे हमें देख रहा था वो सामने आया और अपनी अम्मी के चहरे को पकड कर उनके होठो में होठ डाल दिया , उसके आँखों में आंसू थे लेकिन जैसे वो अपने हालत पर काबू ना कर पा रहा हो , उसने तुरंत ही अपने सारे कपडे खोल लिए , रजिया ने एक बार उसे देखा लेकिन वो कुछ ना बोली , अब्दुल ने अपना लिंग हिलाया और अपनी अम्मी के होठो पर टिका दिया …
रजिया ने अपने बेटे का लिंग अपने मुह में भर लिया था ..
“अल्लाह… मैं ये क्या पाप कर रहा हु नहीं ,,, आह इतना मजा मुझे की आ रहा है ,नहीं बचाओ कोई “ अब्दुल असहाय होकर चिल्लाया , मुझे अपने किये पर दुःख हुआ लेकिन अब देर हो चुकी ही , मैंने और भी जोरो से धक्के लगाये और अपने वीर्य की धार रजिया के गर्भ में डाल दी …
मेरे अंदर का उफान शांत हो चूका था लेकिन अब्दुल के अंदर का उफान तो अभी शुरू हुआ था , मैं रजिया को छोड़कर हटा वो मेरी जगह अब्दुल आ गया .. वो मुझे रोते हुए देखने लगा
“कुवर ये क्या हो रहा है , मैं अपनी ही माँ के साथ .. ये मुझे रोक क्यों नहीं रही है , मुझे इतना मजा क्यों आ रहा है .. आह आह “
उसने अपना लिंग उसी योनी में घुसा दिया था जन्हा से वो खुद निकला था …
मेरे मन में ग्लानी के भाव आ रहे थे ,मैंने खुद बचने के लिए एक सीधे साधे आदमी को फंसा दिया था ..
“हा हा हा मजा ही आ गया , इसे कहते है पाप , जिस योनी से ये निकला था उसी में अपना लिंग डाल रहा है , माँ के साथ सम्भोग से बढ़ा पाप तो दुनिया में कोई नहीं , शाबास कुवर , इससे हमारी ताकत और भी बढ़ जायेगी , हमने शैतान के लिए एक खास तोहफा दे दिया है “
लौडू की आवाज अपने अंदर सुनकर मैं गुस्से से भर गया …
“तूने मुझसे ये क्या करवा डाला कमीने , इस मासूम से लड़के को देख , जो हवस में अँधा होकर अपनी ही माँ से सम्भोग कर रहा है , और उस माँ को देख जो हवस के आगे अपने ही बेटे के लिंग से मजे ले रही है , सोचा है जब इनका हवस खत्म हो जायेगा तो फिर क्या होगा , ये कैसे एक दुसरे को अपना मुह दिखायेंगे ,कही ग्लानी से भरकर ये आत्महत्या ना कर बैठे …”
“अरे यार कुछ नहीं होगा , तुम तो अभी अभी ये सब देख रहे हो मैंने हजारो साल ये देखा है , कोई नहीं मरता बल्कि इस सुख को भोगने को बेताब हो जाते है , पाप करने का अपना ही मजा है दोस्त , जाकर देखो दुनिया में कितने लोग है जो पाप करने की हसरत रखते है , क्योकि पाप में एक गजब का आकर्षण है , अगर दुनिया ये मान ले ना की ये पाप नहीं तो साला कोई करने की सोचेगा भी नहीं , लेकिन इस दुनिया ने अपनी नैतिकता बनाई , अपने नियम बनाये , सही और गलत बनाया और इसी से पैदा हुआ पाप का आकर्षण , जाकर देखो दुनिया को वही करने में मजा आता है जिसे लोग पाप कहते है , रिश्तो में सम्भोग हो या दारू सिगरेट जैसा नशा , समाज ने इसे पाप कहा और लोग इसके पीछे दीवाने हो गए , और जो मजा छिपकर पाप करने में आता है वो खुल्मखुल्ला करने में नहीं आता .. इसलिए प्रेमीयो की जब शादी नही हुई होती तो उन्हें एक दुसरे से मिलने में कितना मजा आता है वही शादी के बाद एक दुसरे का शक्ल भी देखना पसंद नहीं करते हा हा हा …”
लौडू की बातो में एक सच था वो सच जिसने मुझे निरुत्तर कर दिया था , यंहा अब्दुल पुरे जोश में लगा हुआ था …
“मुझे माफ़ कर देना अम्मी मुझे माफ़ कर देना , मैं … आह मैं मजबूर हु , इस मजे के आगे आह , कितना मजा आ रहा है “ वो पुरे ताकत से अपनी माँ के योनी में अपना लिंग डाल रहा था , मैंने अपने कपडे उठा लिए और उन्हें पहन कर झोपडी से एक दारू की बोतल उठाई पूरी बोतल वही बैठे बैठे गटक गया ..
इधर अब्दुल ने अपनी माँ की योनी में अपना वीर्य डाल दिया था , वो खुद जमीन पर गिर गया था और रजिया अभी भी मेरे बुलेट में लेटी हुई थी ..
मैंने दोनों को उठाया …
“खुद को साफ़ करो और घर जाओ , इस बात को ज्यादा सोचना नहीं मैं निकलता हु …”
मैंने अपनी बुलेट उठाई और हवेली की ओर बढ़ चला , मुझे लग रहा था जैसे लौडू नहीं मैं ही शैतान बन गया हु , मैंने अपने फायदे के लिए अब्दुल जैसे मासूम आदमी से ऐसा बड़ा पाप करवा दिया था , ग्लानी का भाव तो था लेकिन फिर भी इतना की मुझे फर्क नही पड़ रहा था ..
मैं सच में एक शैतान बन गया था …………