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Fantasy भाभी का दुधभरा प्यार

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
10,210
42,632
174
Update 1

मैं मोहन अपने बड़े भाई और भाभी के साथ शहर में एक चॉल में रहता हूँ। भाई की उम्र 35 है और भाभी 30 साल की है। मेरी उम्र 18 साल है। जब कि भाभी और मुझ में बहुत साल का अंतर है वो मुझे अपना बेटा ही मानती है। मुझे भी भाभी का स्वभाव अच्छा लगता है। दोपहर को बड़े भाई घर नही होते है। तो मैं भाभी के साथ बहुत मस्ती करता हूँ। हम कैरम वगैरा कुछ खेलते है। या फिर टीव्ही पर कुछ कार्टून या फिर कोई पिक्चर देखते है। बहुत मजा आता है। दोपहर को हम थोड़ी देर हॉल में लेट के आराम भी करते है। मैं हमेशा भाभी के पास ही सोता हूँ। वो कभी कभी मेरे ऊपर अपना हाथ रखकर सोती है तो मुझे अच्छा लगता है।
एक दिन दोपहर को ऐसे ही हम हॉल में लेट रहे थे। मुझे दिखा की भाभी को कुछ परेशानी हो रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उनको पूछा,
"क्या हुआ भाभी , आपको कुछ अच्छा नही लग रहा क्या?"
तो वो मेरे ऊपर भड़क गई और बोली,
"सो जाओ तुम।"
मैं चुपचाप सो गया।
शाम को हम टीव्ही देख रहे थे । हम दोनों सोफे पर बैठे थे। भाई अभी घर नही आया था। मैंने नोटिस किया कि भाभी बारबार अपनी पल्लू के पीछे हाथ डाल रही थी और उनके चेहरे पर परेशानी के भाव भी थे। भाभी ने मुझे उसे घूरते हुए देखा तो उसने तुरंत उसका हाथ पल्लू के पीछे से बाहर ले लिया और मुझे बोली,
"मुझे माफ करना मोहन । दोपहर को तुम्हारे ऊपर नाजाने क्यू भड़क गई मैं।"
"कोई बात नही भाभी"।
"मुझे थोड़ी परेशानी हो रही है। मेरे स्तनों में बहुत ज्यादा दूध बन रहा है इसलिए स्तनों में दर्द हो रहा है।"
मेरा चेहरा शरम के मारे लाल हो गया और मैं कुछ नही बोला।
मेरा चेहरा देखकर भाभी हँस पड़ी,
"इतना शरमा क्यू रहे हो? अभी तुम बच्चे हो।"
"जी भाभी जी"।
हम फिर चुप बैठ कर टीव्ही देखने लगे। शाम को बड़े भाई घर आगए। रात को जब हम खाना खा रहे थे तब भाभी के हावभाव से लग रहा था कि उसे बहुत परेशानी हो रही थी। डिनर होने के बाद हम सब हॉल में बिस्तर पर सोने लगे। हम रात में हमेशा टीव्ही देखते हुए हु सोते है। भाई ने लाइट बंद कर दी और हम सब आराम से एक फ़िल्म देखने लगे। भाभी मेरे पास ही सोई हुई थी। उसे अभी भी परेशानी हो रही थी। थोड़ी देर बाद वो मेरी तरफ पलट गई और बोली,"मोहन , तुम दूध पिओगे क्या मेरा? बहुत तकलीफ हो रही है।"
मैं चौक गया,
"ये क्या कह रही हो भाभी? मैं क्या अब बच्चा हूँ जो स्तनपान करू?"
"तो क्या हुआ। मेरे बेटे जैसे हो ना। तो मेरा दूध पिओगे तो क्या होगा?"
"पर भाभी..."
"पर बीर कुछ नही। मुझे बहुत दर्द हो रहा है।"
मेरे बड़े भाई ने भी कहा,
"अब वो कह रही है तो पी लो ना।"
मैं कैसे कैसे ही मान गया।
भाभी ने मुझे और करीब ले लिया। उसने आज ब्लैक साड़ी और ब्लाउज पहना था।
"अच्छे बच्चे की तरह दूध पी जाओ मोहन।"
"पर मैं अब बच्चा नही रहा भाभी।"
"ठीक है। जो भी हो।"
उसने पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके ब्लाऊज के कुछ हुक खोल दिये फिर मेरा सर ढकते हुए मुझे किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी।
"मोहन... ऐसे ही पूरा दूध पी जाओ जल्दी।"
उसका मुम्मा बहुत ही मुलायम था। और में उसका एरोला पूरा मुह में लेकर दूध पी रहा था। दूध भी बहुत ही स्वादिष्ट था।
भाभी मुझे दूध पिलाते वक्त बोल रही थी कि उसे कितनी राहत मिल रही है। उसने मुझे दोनों स्तनों पर पिलाया। फिर ब्लाऊज के हुक फिर से लगा लिए और अपना पल्लू ठीक कर लिया।
"उफ... बहुत राहत मिल गयी।"
मैंने पूछा,
"आपको इतनी तकलीफ हो रही थी ?"
"हा बेटे मोहन। तुम नही होते तो मेरा क्या होता आज?"
उसके बाद वो जल्द ही सो गई। पर मैं मेरे जीभ पर उसके दूध का मीठा स्वाद अभी भी महसूस कर रहा था।
To bhabhi ji ko dudh kuchh jyada hi banta hai Jisse vo Aaj kal pareshan rahti hai devar ke puchhe Jane pr pahle to vo bhadak gyi pr ratri ko Unhone Apne bartav ki mafi bhi maag li or apna stanpan karne ko bhi kaha pahle to devar ne anakani kri pr baad me apne bhai ke kahne pr man gya... Superb update bhai sandar jabarjast
 

Guri006

Back door 🚪 Secrets
4,209
12,864
143
मैंने उन दोनों का नाम और दूध आने का कारण अपडेट कर दिया है।
Kaha par kia hai show nhi ho rha
 

Guri006

Back door 🚪 Secrets
4,209
12,864
143
मैंने उन दोनों का नाम और दूध आने का कारण अपडेट कर दिया है।
Bhai appki story ka link profile ke signature me daal do .jab app ki dusri story par comment kre to readers ko pta chal jaye
 

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
55
28
Update 1

मैं मोहन अपने बड़े भाई मदन और भाभी सुमती के साथ शहर में एक चॉल में रहता हूँ। भाई की उम्र 35 है और भाभी 30 साल की है। मेरी उम्र 18 साल है। जब कि भाभी और मुझ में बहुत साल का अंतर है वो मुझे अपना बेटा ही मानती है। मुझे भी भाभी का स्वभाव अच्छा लगता है। दोपहर को बड़े भाई घर नही होते है। तो मैं भाभी के साथ बहुत मस्ती करता हूँ। हम कैरम वगैरा कुछ खेलते है। या फिर टीव्ही पर कुछ कार्टून या फिर कोई पिक्चर देखते है। बहुत मजा आता है। दोपहर को हम थोड़ी देर हॉल में लेट के आराम भी करते है। मैं हमेशा भाभी के पास ही सोता हूँ। वो कभी कभी मेरे ऊपर अपना हाथ रखकर सोती है तो मुझे अच्छा लगता है।
एक दिन दोपहर को ऐसे ही हम हॉल में लेट रहे थे। मुझे दिखा की भाभी को कुछ परेशानी हो रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उनको पूछा,
"क्या हुआ भाभी , आपको कुछ अच्छा नही लग रहा क्या?"
तो वो मेरे ऊपर भड़क गई और बोली,
"सो जाओ तुम।"
मैं चुपचाप सो गया।
शाम को हम टीव्ही देख रहे थे । हम दोनों सोफे पर बैठे थे। भाई अभी घर नही आया था। मैंने नोटिस किया कि भाभी बारबार अपनी पल्लू के पीछे हाथ डाल रही थी और उनके चेहरे पर परेशानी के भाव भी थे। भाभी ने मुझे उसे घूरते हुए देखा तो उसने तुरंत उसका हाथ पल्लू के पीछे से बाहर ले लिया और मुझे बोली,
"मुझे माफ करना मोहन । दोपहर को तुम्हारे ऊपर नाजाने क्यू भड़क गई मैं।"
"कोई बात नही भाभी"।
"मुझे थोड़ी परेशानी हो रही है। मेरे स्तनों में बहुत ज्यादा दूध बन रहा है इसलिए स्तनों में दर्द हो रहा है।"
मेरा चेहरा शरम के मारे लाल हो गया और मैं कुछ नही बोला।
मेरा चेहरा देखकर भाभी हँस पड़ी,
"इतना शरमा क्यू रहे हो? अभी तुम बच्चे हो।"
"जी भाभी जी। पर आपको अब दूध क्यों आ रहा है? आपको तो बच्चा भी नही है।"
"ये सब उस डॉक्टर की गलती है। नाजाने कौनसा इंजेक्शन लगा दिया मुझे। उसका साइड इफेक्ट हो गया और मेरे स्तनों में दूध बनना शुरू होगया।"
हम फिर चुप बैठ कर टीव्ही देखने लगे। शाम को बड़े भाई घर आगए। रात को जब हम खाना खा रहे थे तब भाभी के हावभाव से लग रहा था कि उसे बहुत परेशानी हो रही थी। डिनर होने के बाद हम सब हॉल में बिस्तर पर सोने लगे। हम रात में हमेशा टीव्ही देखते हुए हु सोते है। भाई ने लाइट बंद कर दी और हम सब आराम से एक फ़िल्म देखने लगे। भाभी मेरे पास ही सोई हुई थी। उसे अभी भी परेशानी हो रही थी। थोड़ी देर बाद वो मेरी तरफ पलट गई और बोली,"मोहन , तुम दूध पिओगे क्या मेरा? बहुत तकलीफ हो रही है।"
मैं चौक गया,
"ये क्या कह रही हो भाभी? मैं क्या अब बच्चा हूँ जो स्तनपान करू?"
"तो क्या हुआ। मेरे बेटे जैसे हो ना। तो मेरा दूध पिओगे तो क्या होगा?"
"पर भाभी..."
"पर बीर कुछ नही। मुझे बहुत दर्द हो रहा है।"
मेरे बड़े भाई ने भी कहा,
"अब वो कह रही है तो पी लो ना।"
मैं कैसे कैसे ही मान गया।
भाभी ने मुझे और करीब ले लिया। उसने आज ब्लैक साड़ी और ब्लाउज पहना था।
"अच्छे बच्चे की तरह दूध पी जाओ मोहन।"
"पर मैं अब बच्चा नही रहा भाभी।"
"ठीक है। जो भी हो।"
उसने पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके ब्लाऊज के कुछ हुक खोल दिये फिर मेरा सर ढकते हुए मुझे किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी।
"मोहन... ऐसे ही पूरा दूध पी जाओ जल्दी।"
उसका मुम्मा बहुत ही मुलायम था। और में उसका एरोला पूरा मुह में लेकर दूध पी रहा था। दूध भी बहुत ही स्वादिष्ट था।
भाभी मुझे दूध पिलाते वक्त बोल रही थी कि उसे कितनी राहत मिल रही है। उसने मुझे दोनों स्तनों पर पिलाया। फिर ब्लाऊज के हुक फिर से लगा लिए और अपना पल्लू ठीक कर लिया।
"उफ... बहुत राहत मिल गयी।"
मैंने पूछा,
"आपको इतनी तकलीफ हो रही थी ?"
"हा बेटे मोहन। तुम नही होते तो मेरा क्या होता आज?"
उसके बाद वो जल्द ही सो गई। पर मैं मेरे जीभ पर उसके दूध का मीठा स्वाद अभी भी महसूस कर रहा था।
Bahut
Update 1

मैं मोहन अपने बड़े भाई मदन और भाभी सुमती के साथ शहर में एक चॉल में रहता हूँ। भाई की उम्र 35 है और भाभी 30 साल की है। मेरी उम्र 18 साल है। जब कि भाभी और मुझ में बहुत साल का अंतर है वो मुझे अपना बेटा ही मानती है। मुझे भी भाभी का स्वभाव अच्छा लगता है। दोपहर को बड़े भाई घर नही होते है। तो मैं भाभी के साथ बहुत मस्ती करता हूँ। हम कैरम वगैरा कुछ खेलते है। या फिर टीव्ही पर कुछ कार्टून या फिर कोई पिक्चर देखते है। बहुत मजा आता है। दोपहर को हम थोड़ी देर हॉल में लेट के आराम भी करते है। मैं हमेशा भाभी के पास ही सोता हूँ। वो कभी कभी मेरे ऊपर अपना हाथ रखकर सोती है तो मुझे अच्छा लगता है।
एक दिन दोपहर को ऐसे ही हम हॉल में लेट रहे थे। मुझे दिखा की भाभी को कुछ परेशानी हो रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उनको पूछा,
"क्या हुआ भाभी , आपको कुछ अच्छा नही लग रहा क्या?"
तो वो मेरे ऊपर भड़क गई और बोली,
"सो जाओ तुम।"
मैं चुपचाप सो गया।
शाम को हम टीव्ही देख रहे थे । हम दोनों सोफे पर बैठे थे। भाई अभी घर नही आया था। मैंने नोटिस किया कि भाभी बारबार अपनी पल्लू के पीछे हाथ डाल रही थी और उनके चेहरे पर परेशानी के भाव भी थे। भाभी ने मुझे उसे घूरते हुए देखा तो उसने तुरंत उसका हाथ पल्लू के पीछे से बाहर ले लिया और मुझे बोली,
"मुझे माफ करना मोहन । दोपहर को तुम्हारे ऊपर नाजाने क्यू भड़क गई मैं।"
"कोई बात नही भाभी"।
"मुझे थोड़ी परेशानी हो रही है। मेरे स्तनों में बहुत ज्यादा दूध बन रहा है इसलिए स्तनों में दर्द हो रहा है।"
मेरा चेहरा शरम के मारे लाल हो गया और मैं कुछ नही बोला।
मेरा चेहरा देखकर भाभी हँस पड़ी,
"इतना शरमा क्यू रहे हो? अभी तुम बच्चे हो।"
"जी भाभी जी। पर आपको अब दूध क्यों आ रहा है? आपको तो बच्चा भी नही है।"
"ये सब उस डॉक्टर की गलती है। नाजाने कौनसा इंजेक्शन लगा दिया मुझे। उसका साइड इफेक्ट हो गया और मेरे स्तनों में दूध बनना शुरू होगया।"
हम फिर चुप बैठ कर टीव्ही देखने लगे। शाम को बड़े भाई घर आगए। रात को जब हम खाना खा रहे थे तब भाभी के हावभाव से लग रहा था कि उसे बहुत परेशानी हो रही थी। डिनर होने के बाद हम सब हॉल में बिस्तर पर सोने लगे। हम रात में हमेशा टीव्ही देखते हुए हु सोते है। भाई ने लाइट बंद कर दी और हम सब आराम से एक फ़िल्म देखने लगे। भाभी मेरे पास ही सोई हुई थी। उसे अभी भी परेशानी हो रही थी। थोड़ी देर बाद वो मेरी तरफ पलट गई और बोली,"मोहन , तुम दूध पिओगे क्या मेरा? बहुत तकलीफ हो रही है।"
मैं चौक गया,
"ये क्या कह रही हो भाभी? मैं क्या अब बच्चा हूँ जो स्तनपान करू?"
"तो क्या हुआ। मेरे बेटे जैसे हो ना। तो मेरा दूध पिओगे तो क्या होगा?"
"पर भाभी..."
"पर बीर कुछ नही। मुझे बहुत दर्द हो रहा है।"
मेरे बड़े भाई ने भी कहा,
"अब वो कह रही है तो पी लो ना।"
मैं कैसे कैसे ही मान गया।
भाभी ने मुझे और करीब ले लिया। उसने आज ब्लैक साड़ी और ब्लाउज पहना था।
"अच्छे बच्चे की तरह दूध पी जाओ मोहन।"
"पर मैं अब बच्चा नही रहा भाभी।"
"ठीक है। जो भी हो।"
उसने पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके ब्लाऊज के कुछ हुक खोल दिये फिर मेरा सर ढकते हुए मुझे किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी।
"मोहन... ऐसे ही पूरा दूध पी जाओ जल्दी।"
उसका मुम्मा बहुत ही मुलायम था। और में उसका एरोला पूरा मुह में लेकर दूध पी रहा था। दूध भी बहुत ही स्वादिष्ट था।
भाभी मुझे दूध पिलाते वक्त बोल रही थी कि उसे कितनी राहत मिल रही है। उसने मुझे दोनों स्तनों पर पिलाया। फिर ब्लाऊज के हुक फिर से लगा लिए और अपना पल्लू ठीक कर लिया।
"उफ... बहुत राहत मिल गयी।"
मैंने पूछा,
"आपको इतनी तकलीफ हो रही थी ?"
"हा बेटे मोहन। तुम नही होते तो मेरा क्या होता आज?"
उसके बाद वो जल्द ही सो गई। पर मैं मेरे जीभ पर उसके दूध का मीठा स्वाद अभी भी महसूस कर रहा था।
Nice story
 

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
55
28
Update 1

मैं मोहन अपने बड़े भाई मदन और भाभी सुमती के साथ शहर में एक चॉल में रहता हूँ। भाई की उम्र 35 है और भाभी 30 साल की है। मेरी उम्र 18 साल है। जब कि भाभी और मुझ में बहुत साल का अंतर है वो मुझे अपना बेटा ही मानती है। मुझे भी भाभी का स्वभाव अच्छा लगता है। दोपहर को बड़े भाई घर नही होते है। तो मैं भाभी के साथ बहुत मस्ती करता हूँ। हम कैरम वगैरा कुछ खेलते है। या फिर टीव्ही पर कुछ कार्टून या फिर कोई पिक्चर देखते है। बहुत मजा आता है। दोपहर को हम थोड़ी देर हॉल में लेट के आराम भी करते है। मैं हमेशा भाभी के पास ही सोता हूँ। वो कभी कभी मेरे ऊपर अपना हाथ रखकर सोती है तो मुझे अच्छा लगता है।
एक दिन दोपहर को ऐसे ही हम हॉल में लेट रहे थे। मुझे दिखा की भाभी को कुछ परेशानी हो रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उनको पूछा,
"क्या हुआ भाभी , आपको कुछ अच्छा नही लग रहा क्या?"
तो वो मेरे ऊपर भड़क गई और बोली,
"सो जाओ तुम।"
मैं चुपचाप सो गया।
शाम को हम टीव्ही देख रहे थे । हम दोनों सोफे पर बैठे थे। भाई अभी घर नही आया था। मैंने नोटिस किया कि भाभी बारबार अपनी पल्लू के पीछे हाथ डाल रही थी और उनके चेहरे पर परेशानी के भाव भी थे। भाभी ने मुझे उसे घूरते हुए देखा तो उसने तुरंत उसका हाथ पल्लू के पीछे से बाहर ले लिया और मुझे बोली,
"मुझे माफ करना मोहन । दोपहर को तुम्हारे ऊपर नाजाने क्यू भड़क गई मैं।"
"कोई बात नही भाभी"।
"मुझे थोड़ी परेशानी हो रही है। मेरे स्तनों में बहुत ज्यादा दूध बन रहा है इसलिए स्तनों में दर्द हो रहा है।"
मेरा चेहरा शरम के मारे लाल हो गया और मैं कुछ नही बोला।
मेरा चेहरा देखकर भाभी हँस पड़ी,
"इतना शरमा क्यू रहे हो? अभी तुम बच्चे हो।"
"जी भाभी जी। पर आपको अब दूध क्यों आ रहा है? आपको तो बच्चा भी नही है।"
"ये सब उस डॉक्टर की गलती है। नाजाने कौनसा इंजेक्शन लगा दिया मुझे। उसका साइड इफेक्ट हो गया और मेरे स्तनों में दूध बनना शुरू होगया।"
हम फिर चुप बैठ कर टीव्ही देखने लगे। शाम को बड़े भाई घर आगए। रात को जब हम खाना खा रहे थे तब भाभी के हावभाव से लग रहा था कि उसे बहुत परेशानी हो रही थी। डिनर होने के बाद हम सब हॉल में बिस्तर पर सोने लगे। हम रात में हमेशा टीव्ही देखते हुए हु सोते है। भाई ने लाइट बंद कर दी और हम सब आराम से एक फ़िल्म देखने लगे। भाभी मेरे पास ही सोई हुई थी। उसे अभी भी परेशानी हो रही थी। थोड़ी देर बाद वो मेरी तरफ पलट गई और बोली,"मोहन , तुम दूध पिओगे क्या मेरा? बहुत तकलीफ हो रही है।"
मैं चौक गया,
"ये क्या कह रही हो भाभी? मैं क्या अब बच्चा हूँ जो स्तनपान करू?"
"तो क्या हुआ। मेरे बेटे जैसे हो ना। तो मेरा दूध पिओगे तो क्या होगा?"
"पर भाभी..."
"पर बीर कुछ नही। मुझे बहुत दर्द हो रहा है।"
मेरे बड़े भाई ने भी कहा,
"अब वो कह रही है तो पी लो ना।"
मैं कैसे कैसे ही मान गया।
भाभी ने मुझे और करीब ले लिया। उसने आज ब्लैक साड़ी और ब्लाउज पहना था।
"अच्छे बच्चे की तरह दूध पी जाओ मोहन।"
"पर मैं अब बच्चा नही रहा भाभी।"
"ठीक है। जो भी हो।"
उसने पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके ब्लाऊज के कुछ हुक खोल दिये फिर मेरा सर ढकते हुए मुझे किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी।
"मोहन... ऐसे ही पूरा दूध पी जाओ जल्दी।"
उसका मुम्मा बहुत ही मुलायम था। और में उसका एरोला पूरा मुह में लेकर दूध पी रहा था। दूध भी बहुत ही स्वादिष्ट था।
भाभी मुझे दूध पिलाते वक्त बोल रही थी कि उसे कितनी राहत मिल रही है। उसने मुझे दोनों स्तनों पर पिलाया। फिर ब्लाऊज के हुक फिर से लगा लिए और अपना पल्लू ठीक कर लिया।
"उफ... बहुत राहत मिल गयी।"
मैंने पूछा,
"आपको इतनी तकलीफ हो रही थी ?"
"हा बेटे मोहन। तुम नही होते तो मेरा क्या होता आज?"
उसके बाद वो जल्द ही सो गई। पर मैं मेरे जीभ पर उसके दूध का मीठा स्वाद अभी भी महसूस कर रहा था।
New story start karne ke liye aapko bahut
मैं मोहन अपने बड़े भाई और भाभी के साथ शहर में एक चॉल में रहता हूँ। अब 18 साल का हो चुका हूँ। एक दिन ऐसा क्या होगया की मेरा जीवन ही बदल गया। ये स्टोरी उसीपर आधारित है।
New story start karne ke liye aapko bahut shub kamnaye
 

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
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28
Update 1

मैं मोहन अपने बड़े भाई मदन और भाभी सुमती के साथ शहर में एक चॉल में रहता हूँ। भाई की उम्र 35 है और भाभी 30 साल की है। मेरी उम्र 18 साल है। जब कि भाभी और मुझ में बहुत साल का अंतर है वो मुझे अपना बेटा ही मानती है। मुझे भी भाभी का स्वभाव अच्छा लगता है। दोपहर को बड़े भाई घर नही होते है। तो मैं भाभी के साथ बहुत मस्ती करता हूँ। हम कैरम वगैरा कुछ खेलते है। या फिर टीव्ही पर कुछ कार्टून या फिर कोई पिक्चर देखते है। बहुत मजा आता है। दोपहर को हम थोड़ी देर हॉल में लेट के आराम भी करते है। मैं हमेशा भाभी के पास ही सोता हूँ। वो कभी कभी मेरे ऊपर अपना हाथ रखकर सोती है तो मुझे अच्छा लगता है।
एक दिन दोपहर को ऐसे ही हम हॉल में लेट रहे थे। मुझे दिखा की भाभी को कुछ परेशानी हो रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उनको पूछा,
"क्या हुआ भाभी , आपको कुछ अच्छा नही लग रहा क्या?"
तो वो मेरे ऊपर भड़क गई और बोली,
"सो जाओ तुम।"
मैं चुपचाप सो गया।
शाम को हम टीव्ही देख रहे थे । हम दोनों सोफे पर बैठे थे। भाई अभी घर नही आया था। मैंने नोटिस किया कि भाभी बारबार अपनी पल्लू के पीछे हाथ डाल रही थी और उनके चेहरे पर परेशानी के भाव भी थे। भाभी ने मुझे उसे घूरते हुए देखा तो उसने तुरंत उसका हाथ पल्लू के पीछे से बाहर ले लिया और मुझे बोली,
"मुझे माफ करना मोहन । दोपहर को तुम्हारे ऊपर नाजाने क्यू भड़क गई मैं।"
"कोई बात नही भाभी"।
"मुझे थोड़ी परेशानी हो रही है। मेरे स्तनों में बहुत ज्यादा दूध बन रहा है इसलिए स्तनों में दर्द हो रहा है।"
मेरा चेहरा शरम के मारे लाल हो गया और मैं कुछ नही बोला।
मेरा चेहरा देखकर भाभी हँस पड़ी,
"इतना शरमा क्यू रहे हो? अभी तुम बच्चे हो।"
"जी भाभी जी। पर आपको अब दूध क्यों आ रहा है? आपको तो बच्चा भी नही है।"
"ये सब उस डॉक्टर की गलती है। नाजाने कौनसा इंजेक्शन लगा दिया मुझे। उसका साइड इफेक्ट हो गया और मेरे स्तनों में दूध बनना शुरू होगया।"
हम फिर चुप बैठ कर टीव्ही देखने लगे। शाम को बड़े भाई घर आगए। रात को जब हम खाना खा रहे थे तब भाभी के हावभाव से लग रहा था कि उसे बहुत परेशानी हो रही थी। डिनर होने के बाद हम सब हॉल में बिस्तर पर सोने लगे। हम रात में हमेशा टीव्ही देखते हुए हु सोते है। भाई ने लाइट बंद कर दी और हम सब आराम से एक फ़िल्म देखने लगे। भाभी मेरे पास ही सोई हुई थी। उसे अभी भी परेशानी हो रही थी। थोड़ी देर बाद वो मेरी तरफ पलट गई और बोली,"मोहन , तुम दूध पिओगे क्या मेरा? बहुत तकलीफ हो रही है।"
मैं चौक गया,
"ये क्या कह रही हो भाभी? मैं क्या अब बच्चा हूँ जो स्तनपान करू?"
"तो क्या हुआ। मेरे बेटे जैसे हो ना। तो मेरा दूध पिओगे तो क्या होगा?"
"पर भाभी..."
"पर बीर कुछ नही। मुझे बहुत दर्द हो रहा है।"
मेरे बड़े भाई ने भी कहा,
"अब वो कह रही है तो पी लो ना।"
मैं कैसे कैसे ही मान गया।
भाभी ने मुझे और करीब ले लिया। उसने आज ब्लैक साड़ी और ब्लाउज पहना था।
"अच्छे बच्चे की तरह दूध पी जाओ मोहन।"
"पर मैं अब बच्चा नही रहा भाभी।"
"ठीक है। जो भी हो।"
उसने पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके ब्लाऊज के कुछ हुक खोल दिये फिर मेरा सर ढकते हुए मुझे किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी।
"मोहन... ऐसे ही पूरा दूध पी जाओ जल्दी।"
उसका मुम्मा बहुत ही मुलायम था। और में उसका एरोला पूरा मुह में लेकर दूध पी रहा था। दूध भी बहुत ही स्वादिष्ट था।
भाभी मुझे दूध पिलाते वक्त बोल रही थी कि उसे कितनी राहत मिल रही है। उसने मुझे दोनों स्तनों पर पिलाया। फिर ब्लाऊज के हुक फिर से लगा लिए और अपना पल्लू ठीक कर लिया।
"उफ... बहुत राहत मिल गयी।"
मैंने पूछा,
"आपको इतनी तकलीफ हो रही थी ?"
"हा बेटे मोहन। तुम नही होते तो मेरा क्या होता आज?"
उसके बाद वो जल्द ही सो गई। पर मैं मेरे जीभ पर उसके दूध का मीठा स्वाद अभी भी महसूस कर रहा था।
बहुत बढिया..
Updated 1 मै इतना अच्छा लिखा है. Updated 2 प्रतीक्षा है
 
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