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Incest भाभी का बकरा

odin chacha

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UPDATE 11
भाभी की चूत का लाइसेंस मुझे मिल गया था वो मुझसे चुदवाने को आतुर रहतीं थीं।

अगले एक महीने में भैया भी 20 दिन टूर पर रहे।

भाभी ने रात को कई बार मौका देखकर मुझसे चुदवाया और हमेशा मेरा रस अपने गर्भ में डलवाया।

जब भी मैं बच्चा होने के डर की बात करता था तो वो हमेशा ये ही कहती थीं तुम तो बुद्धू हो, मैं रोज़ गर्भ निरोधक गोली खाती हूँ।

सोनम से फेसबुक और फ़ोन पर मेरी दोस्ती चल रही थी, एक दिन उसने बताया उसका तलाक हो गया है और वो अगले हफ्ते भाभी के पास आ रही है और मेरे साथ मस्ती करेगी।

यह सुन कर मैं रोमांचित हो गया और मैंने उसके नाम की मुठ मारी।

एक हफ्ते बाद सोनम सुबह सुबह घर आ गई।

मैं अकेले मिलने का मौका ढूंढ रहा था।

जब मौसी थोड़ी देर दोपहर में बाहर गईं तब भाभी ने हम दोनों को चुपके से ऊपर भेज दिया।

सोनम स्कर्ट और टॉप में थी, ऊपर कमरे में वो मुझसे चिपक गई हम दोनों लिप-किस करने लगे और पलंग पर बैठ गए।

मैंने उसकी टी शर्ट उठा दी और चुम्बन करते हुए चूचियाँ मलने लगा।

कुछ देर बाद सोनम और मैं बिस्तर पर लेट गए थे, उसने लॉन्ग स्कर्ट के नीचे चड्डी नहीं पहन रखी थी, मेरा हाथ उसकी स्कर्ट में घुस कर जाँघों से फिसलता हुआ चूत के दाने पर चला गया, जिसे मैं रगड़ने लगा।

थोड़ी देर में उसकी उसकी चूत का झरना खुल गया था।

सोनम ने मेरा पजामा नीचे कर दिया था, वो प्यासी हो रही थी उसने मुझे धक्का देकर मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और पूरा अन्दर घुसा कर चूसने लगी।

‘आह उह उह !’

पूरा तन गया था लौड़ा।

तभी भाभी आ गईं उन्होंने मेरी पीठ पर हाथ मारते हुए कहा- देवर जी, इसकी जल्दी से फ़ुद्दी चोद दो, नीचे मौसी आ गई हैं, मैं बाहर खड़ी हूँ, जल्दी करो।

मैंने सोनम को उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी टांगें चौड़ी कर दीं, सोनम की चूत में लौड़ा छुला कर अन्दर पेल दिया, मेरा लौड़ा उसकी तंग सुरंग में घुस गया, वो मुझसे कस कर चिपक गई और जोरों से आह उह करते हुए मुझसे चुदने लगी।

कसी चूत की सवारी में मज़ा आ गया, थोड़ी देर में पूरा लौड़ा चूत के पानी से नहा गया।

सोनम की निप्पल मींझते हुए मैंने उसकी चुदाई तेज कर दी थोड़ी देर में सोनम की चूत की टंकी वीर्य से भर गई।

उसके बाद हम अलग हो गए।

भाभी अन्दर आ गईं और बोलीं- अब रात को तुम दोनों सेक्स के मज़े करना… आज भैया नहीं हैं रात को, मैं और यह तुम्हारे कमरे में सोएँगी, तुम ऊपर मेरे कमरे में सोना, एक-दो बजे के बाद मौसी गहरी नींद में सोती हैं, मौसी के सोने के बाद में तुम्हें इशारा कर दूँगी और इसे ऊपर भेज दूँगी। पूरी रात तुम इसकी चूत आराम से बजाना और सुबह नीचे छोड़ जाना।

तभी भाभी को एक उलटी सी आई और वो बाथरूम में चली गईं।

रात का मैं इंतज़ार बेकरारी से कर रहा था।
दस बजे हम लोग खाना खाने लगे। खाने के समय सोनम ने नेकर और टॉप पहन ली, भाभी और वो खाना लगाने लगीं।

मौसी की पीठ के पीछे रसोई थी, मुझे उकसाने के लिया दोनों कभी फ्लाइंग किस देती, कभी अपनी टॉप ऊपर उठा कर चूची दिखा देती थी।

यह सब देखकर मेरा लौड़ा पागल हो रहा था।
मैं पानी पीने के बहाने उठा और रसोई में जाकर उसकी चूचियाँ मसल दीं और गाण्ड में उंगली करते हुए बोला- रात को तेरी गाण्ड चोदता हूँ, मां की लौड़ी… बहुत मज़ा ले रही है न?

तभी मौसी की कुर्सी हिलने की आवाज़ आई, मैं घबरा कर रसोई से भागा।

खाने के बाद मैं अपने कमरे में आ गया और भाभी के इशारे का इंतज़ार बेसब्री से करने लगा।

12 बजे भाभी ने मुझे फोन किया और बोलीं- बुड्ढी सो गई है, इंतज़ार क्या कर रहे हो, सोनम को ले जाओ और चोद दो… रंडी दो घंटे से मुझसे चूत में उंगली करवा रही है।

मैं कमरे में गया और दरवाज़े को हल्के से धक्का दिया, अन्दर नाईट बल्ब जल रहा था।

भाभी और सोनम टॉपलेस बैठे हुए थी, दोनों की नंगी चूचियाँ नाईट बल्ब में मुझे चोदने का निमंत्रण दे रही थीं।

भाभी आँख दबा कर बोलीं- तुम दोनों ऊपर जाओ और मज़ा करो।

भाभी के चूचे दबा कर मैंने एक पप्पी गालों पर दी, उसके बाद सोनम शाल डाल कर मेरे साथ ऊपर आ गई।

सोनम ने शाल हटाकर मेरी गोद में सर रखकर मेरे हाथ चूचियों पर रख दिए और बोली- थोड़े से गोले सहला दो ना!

मैं उसकी चूचियाँ मसलने और दबाने लगा, मैंने उसकी निप्पल घुमा घुमा कर नुकीली कर दीं थीं।

सोनम ने अंगड़ाई लेते हुए मेरे कपड़े उतरवा दिए।
इसके बाद सोनम ने पास रखी मेहंदी से मेरे सीने पर ‘आई लव यू राजेश!’ लिख दिया और लौड़ा हाथ में पकड़ कर बोली- यह लो, मेहँदी से तुम भी मेरी चूची पर अच्छे से लिखो ना!

मैंने भी उसकी निप्पल के घेरे पर अपना मनपसंदीदा गुलाब का फूल बनाते हुए दोनों चूचियों पर आई लव यू सोनम लिख दिया।

ऊपर के रसभरे खेल के बाद जब मैंने सोनम की नेकर उतारी तो सोनम ने अपनी जांघें एक दूसरे के ऊपर चढ़ा लीं।

मैंने थोड़ा बल लगा कर जब जांघें हटाई तो चूत के पास के ऊपर लिखा था- आई लव यू!

सोनम ने मुझे लिपिस्टिक दे दी और बोली- इस पर अपना नाम और लिख दो, मैं नहीं चाहती कि तुम्हारे अलावा इस छेद में अब कोई और घुसे !

मैंने उतेजना में उस पर अपना नाम लिख दिया।

सोनम ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और बोली- अब देर न करो, लौड़ा डाल दो !
चूतड़ हिलाते हुए वो मेरा लौड़ा अपनी चूत में लगवाने को आतुर होने लगी।

मैं उसे चोदने लगा, वो उह उह आह करके चुदाई के मज़े लेने लगी।

सोनम को चोदने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

तभी अचानक से दरवाज़ा खुला, मुझे पता भी नहीं चला।
कहानी जारी रहेगी।
 

odin chacha

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UPDATE 12
सोनम ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और बोली- अब देर न करो, लौड़ा डाल दो !
चूतड़ हिलाते हुए वो मेरा लौड़ा अपनी चूत में लगवाने को आतुर होने लगी।

मैं उसे चोदने लगा, वो उह उह आह करके चुदाई के मज़े लेने लगी।

सोनम को चोदने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

तभी अचानक से दरवाज़ा खुला, मुझे पता भी नहीं चला।

मैं सोनम को सटासट चोदे जा रहा था, सोनम ने मुझे धक्का देका हटा दिया और एक झटके से उठकर चादर अपने ऊपर डाल ली।

मैंने हड़बड़ी में उठकर देखा तो सामने मौसी खड़ी थीं।

मैंने तेजी से सोनम का नेकर उठाकर अपने खड़े लौड़ा पर टांग लिया।

मौसी बोलीं- तुम दोनों कपड़े पहनो, मैं आती हूँ।

हम दोनों कपड़े पहनने लगे, सोनम मंद मंद मुस्करा भी रही थी जबकि मेरे चेहरे की हवाइयाँ उड़ी हुई थीं।
कुछ देर बाद मौसी और भाभी दोनों साथ साथ आई, हम दोनों कपड़े पहन चुके थे।

मौसी मुस्कराते हुए बोलीं- अरे सोनम तो बहुत अच्छी लड़की है। थोड़ा भाग्य खराब था जो दो दिन की शादी का कलंक लग गया। तुम दोनों इतना चाहने लगे हो तो मैं तुम्हारी शादी करा देती हूँ। इससे अच्छी लड़की तो तुम्हें मिलेगी भी नहीं। शादी के बाद तो तुझे आराम ही आराम है। कल ही दीदी को बुलाती हूँ।

भाभी चुटकी काटते हुए बोलीं- मम्मीजी, दोनों की जोड़ी तो बहुत अच्छी लगेगी, देखो लम्बाई भी कितनी मिलती हुई है।

मेरे चेहरे पर हवाइयाँ उड़ रही थीं।

उसके बाद मौसी बोलीं- चल अब जाकर सो जा।

सुबह के तीन बज़ रहे थे, मेरी नींद तो हवा हो गई थी।

मौसी ने भाभी का फ़ोन लेकर मेरे पापा को फ़ोन घुमाया और उन्हें बाहर जाकर मसाला लगा कर पूरी घटना बताने लगीं।

मुझे भाभी, मौसी और सोनम का व्यवहार देख कर ऐसा लगा कि मुझे बलि बकरा बनाया गया है।

अगले दिन भाभी मेरे कमरे में दस बजे चाय लेकर आईं, चाय रखकर उन्होंने अपना ब्लाउज उठाकर चूची बाहर निकाल कर मुझे आँख मारी और बोलीं- पहले दूध पियोगे या चाय?

भाभी की चूचियाँ इस समय किसी नाग के फन की तरह लग रही थीं और मुझे ऐसा लगा जैसे भाभी चूचियों से मेरी गाण्ड मार रही हों और कह रही हों चूत का मज़ा तो चख लिया अब गाण्ड मरवाने का मज़ा भी चख लो।

मैंने उनसे बचाने की गुहार की तो वो मुझे जहरीली मुस्कान देते हुई बोलीं- सोनम कोई गन्दी लड़की तो है नहीं शादी के लिए, तुम्हें इससे अच्छी बीवी कहाँ मिलेगी। तुम भी शादी को मान जाओ, नहीं तो यह हमारे तुम्हारे बारे में सब बता देगी। माल तो इसका बढ़िया है, सिर्फ दो रात का दाग लगा है, चूत भी चोदने लायक है, तुमने तो इसका रस चख ही रखा है। शादी के बाद जी भर कर पीना। घर का काम भी बहुत अच्छा करती है, दोनों समय बढ़िया बढ़िया खाना बना कर खिलाएगी।

तभी घर की डोर बेल बजी मेरे मम्मी-पापा आए थे।
मौसी ने भाभी को आवाज़ दी, भाभी बोलीं- चलती हूँ मौसी बुला रही हैं।

चाय नाश्ते के बाद मौसी ने उन्हें सोनम से मिलाया, मौसी बोलीं- ये दोनों तो बहुत प्यार करते हैं।

उन्होंने भाभी के मोबाइल पर मेरी और सोनम की साथ साथ खींची हुई फोटो दिखा दिन जिसमे मैं सोनम के सिन्दूर लगा रहा था, उसकी पप्पी ले रहा था और चूचियाँ दबा रहा था।

मेरे हाथ से बना हुआ गुलाब के फूल वाला कागज भी दिखाया जिस पर ‘आई लव यू’ लिखा था।

सोनम ने मेरे सामने अपनी ब्रा उतार कर चूचियों पर मेरे हाथ से बना गुलाब का फूल और ‘आई लव यू’ लिखा हुआ मेरी माँ को दिखाया।

मेरी तो सिट्टी पट्टी गम हो गई।

पूरे दिन मेरी मौसी पापा और मम्मी में तनातनी रही।

सोनम को भी मेरे माँ बाप ने खूब खरी खोटी सुनाई।

अंत में यह तय हुआ कि अगर राजेश चाहेगा तो यह शादी हो जाएगी।
मुझे उन्होंने दो दिन का समय दिया।

भाभी और सोनम से दिनभर मैंने बात नहीं की पर मैंने देखा कि भाभी को दिन में दो तीन बार उलटी हुई।

मुझे यह देखकर कुछ अटपटा लगा।

अगला दिन तनाव में निकल गया।
सोनम ने मुझे मैसेज किया कि वो मुझसे मिलना चाहती है।

मैं उससे मिलने चला गया।
उसने मुझसे कहा- तुमने मुझसे पूरे मजे लिए हैं, फिर भी मैं शादी के लिए तुमसे जबरदस्ती नहीं करुँगी, मैं तुम्हें बताना चाहती हूँ कि मैं तुमसे सच्चा प्यार करती हूँ। मैं तुमसे छोटी भी हूँ वादा करती हूँ, एक अच्छी पत्नी बनकर रहूँगी और तुम्हें शिकायत का कोई मौका नहीं दूँगी। भाभी और तुम्हारे बीच के संबंधों को भी भूल जाऊँगी।

मेरी हालत पतली हो रही थी मैंने कुछ सोचकर कहा- मैं कल शाम को जवाब दूंगा।

सोनम जाने लगी, मैंने उसे रोककर कहा- एक बात बताओ, यह भाभी को उलटी क्यों हो रही है?

सोनम बोली- जो तुम सोच रहे हो वो सच है। भाभी पेट से हैं। उनके बच्चा होने वाला है वो भी तुम्हारा, भैया के तो स्पर्म काउंट इतनी कम है 5 साल से बिना कोंडोम के लगा रहे हैं आज तक बच्चा नहीं हुआ है। मैं अगर तुम्हारी पत्नी बन गई तो मैं वादा करती हूँ इस बात पर तुम से कभी नहीं लडूंगी।

मेरे को तो काटो खून नहीं रहा, पूरी रात नींद नहीं आई, पूरी रात सोचता रहा, मुझे लगा अगर मैंने किसी और से शादी कर ली तो इस बात को लेकर कभी भी बवाल मच सकता है।

अब मुझे लगने लगा सोनम से ही शादी करना ठीक है।
मैं बकरा बन चुका था।

अगले दिन सुबह मैंने अपने पिता से कह दिया- मैं भी सोनम से शादी करना चाहता हूँ।

शाम को सोनम से जब मैं मिला तो रोते हुए वो मुझसे चिपक गई।
मेरी शादी तय हो गई।
पनद्रह दिन में शादी हो गई।

धीरे धीरे सोनम से मुझे यह पता चल गया कि इस साज़िश की रचियता मेरी मौसी थीं, उनके एकमात्र पुत्र की स्पर्म काउंट निल थी।
अपने पुत्र की कमी छुपाने के लिए उन्होंने पुत्र और पुत्रवधू से मिलकर यह साजिश रची थी ताकि उनके घर में बच्चा आ जाए, भैया भी इसके लिए राजी थे वो नहीं चाहते थे कि उनकी कमी का पता किसी को चले, सोनम जीवन से झटका खाए हुए थी, वो भी एक अच्छी जिन्दगी की चाहत में उनके साथ शामिल हो गई थी।
इन सबने मिल कर मुझे बकरा बनाया और पूरे ऑपरेशन का कोड ऑपरेशन चूत रखा था।

मेरी फोटो डिलीट करने से पहले भाभी ने मोबाइल से भैया को फॉरवर्ड कर दीं थी।
शादी के 3 महीने तक मैं सोनम से उखड़ा रहा और उससे लड़ता रहा लेकिन उसने अपनी व्यवहार कुशुलता से घर अच्छी तरह संभाल लिया।
मम्मी पापा भी उससे खुश रहने लगे।
सोनम की चूत और गाण्ड पर मेरा पूरा कब्ज़ा है, वो मुझे जैसा मैं चाहता था वैसा सेक्स करने देती है, उसने मुझे घर मैं कभी कोई दिक्कत नहीं होने दी जब भी वो कुछ दिन के लिए घर जाती तो मुझे उसकी कमी महसूस होने लगी।

मेरे साथ के कुछ दोस्तों के शादी के बाद सुंदर बीवियाँ होते हुए भी झगड़े अदालत तक पहुँच गए थे।

कुछ शादी के बाद भी अपना लौड़ा अपने हाथों से सहलाते फिर रहे हैं।

यह सब देखकर मैंने भी सोनम को माफ़ कर दिया।
उसके बाद हममें प्यार बढ़ता गया और आज हम आपस में एक अच्छे पति-पत्नी हैं।

समाप्त

कहानी काल्पनिक है, इसका किसी के वास्तविक जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं है।
 
Last edited:

Garm Dudh

Bcmc Rand.DrinkMutvCum
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UPDATE 1
मेरा नाम राजेश है, 22 साल का हूँ, मैं अभी कुंवारा हूँ।
कुछ समय पहले मेरी सरकारी नौकरी लखनऊ से 200 किलोमीटर दूर एक शहर में लगी तो मैं वहाँ अपने रिश्ते की एक मौसी के यहाँ रह रहा हूँ।

मौसी के एक बेटे, बहू घर में ऊपर, मैं और मौसी नीचे रहते हैं।
भैया सुबह आठ बजे नौकरी को चले जाते, सविता भाभी मौसी के साथ काम कराती रहती हैं।

लड़कियों को घूरना, मुठ मारना, ये सब और लड़कों की तरह मैं भी करता हूँ। मैंने किसी औरत या लड़की के बदन को हाथ नहीं लगाया था। ऊपर वाली सविता भाभी से एक दो बार मेरी हल्की फुलकी बात हुई थी लेकिन मैंने कभी उन्हें गलत नज़र से नहीं देखा था।

मेरे वहाँ जाने के 15-20 दिन बाद घर की पानी की मोटर ख़राब हो गई, पानी ऊपर नहीं चढ़ रहा था।

उस दिन मेरी छुट्टी थी, भैया घर पर नहीं थे, मौसी बाज़ार गई हुईं थीं। मैं घर मैं अकेला था।

कुछ देर बाद भाभी नीचे आईं और मुझे देखकर मुस्कराते हुए बोलीं- राजेश, तुम्हें नहाना हो तो नहा लो। अगर मैं एक बार नहाने लगी तो पूरा एक घण्टा लगेगा।

मैंने कहा- मेरी तो आज छुट्टी है, मैं तो आराम से नहा लूँगा। लेकिन आपको लगता नहीं कि एक घण्टा बहुत ज्यादा होता है?

भाभी मेरे सामने साड़ी उतारते हुए बोलीं- पूरा बदन मल मल कर नहाती हूँ, तभी तो इतनी चिकनी हूँ।

साड़ी उतार कर पलंग पर रखते हुए बोली- अच्छा बताओ, मैं माल लगती हूँ या नहीं?

मैंने आज पहली बार गलत नज़रों से आँख उठाकर देखा तो ब्लाउज-पेटीकोट में सविता भाभी को देखता ही रह गया… क्या मोटी मोटी कसी हुई चूचियाँ थी, ब्लाउज चूचियों से चिपका जा रहा था और निप्पलों के उभार भी साफ़ चमक रहे थे।

भाभी ने इस बीच पेटीकोट ढीला करके नाभि के नीचे बाँध लिया, अब पेटीकोट चूत के थोड़ा ऊपर ही बंधा था, गोरा चमकता पेट और गोल नाभि देखकर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था।

मैं कुछ बोलता, भाभी मेरे सामने सामान्य ज्ञान की किताब झुककर देखने लगीं और बोली- राजेश, यह किताब मुझे दे देना, मैं बीएड की तैयारी कर रही हूँ, उसमें काम आएगी।

झुकने से पेटीकोट उनके चूतड़ों की दरार में फंस गया था और भाभी के उभरे हुए चूतड़ गज़ब के सुन्दर लग रहे थे, मन कर रहा था कि उन पर हाथ फेर दूँ।

वो मुझे खुल कर अपनी जवानी दिखा रही थीं।

उसके बाद भाभी बाथरूम में चली गईं। बाथरूम में झांककर देख सकते थे पर मुझ लौड़ू की देखने की हिम्मत ही नहीं हुई।

आधे घण्टे के बाद भाभी की आवाज़ आई- राजेश, बाहर कोई है तो नहीं?

मैं बोला- नहीं, मेरे अलावा कोई नहीं है।

भाभी बोलीं- तुम जरा इधर तो आओ।

मैं बाथरूम के पास पहुँचा और बोला- क्या बात है?

भाभी ने बाथरूम का दरवाज़ा थोड़ा सा खोला, वो अपने एक हाथ से दोनों नंगे स्तन ढकने की कोशिश कर रही थीं और नीचे तौलिया बांधे थीं।

यह देखकर मेरा लंड पूरा कड़क हो गया था, मुझे अपनी चूचियों की तरफ देखते हुए वो हल्के से मुस्कराते हुए बोलीं- तुम से बातें करने के चक्कर में मैं कपड़े लाना ही भूल गई।

भाभी अपने एक हाथ से खिड़की पर रखी चाबी उठाने लगीं, चाबी उनके हाथों से फिसल गई, वो झुक कर चाबी उठाने लगीं।

इस बीच उनके दोनों हाथ स्तनों से हट गए और दोनों स्तन हवा में लहरा गए, झूलते स्तनों और नुकीली भूरी निप्पल को देखकर मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया।

मैं एक टक सविता भाभी के उरोजों को घूरने लगा, भाभी ने भी बेशर्म होते हुए चाबी उठाई और स्तन हिलाते हुए बोलीं- इन संतरों को बाद में देख लेना, अभी तुम यह चाबी लो और जल्दी से ऊपर जाकर मेरी साड़ी और पेटीकोट ले आओ, पलंग पर रखे हैं।

ऊपर जाकर मैं भाभी की साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट ले आया, मैंने भाभी को कपड़े दे दिए।

भाभी जब बाहर निकलीं तो उन्होंने ब्लाउज हाथ में पकड़ रखा था और अपने नंगे दूधिया स्तनों पर गुलाबी साड़ी का पतला सा पल्ला डाल लिया था।

नंगे वक्ष-उभार चमक रहे थे, गुलाबी-चिकने स्तनों ने मेरे दिलो-दिमाग और लंड को घायल कर दिया था।

अपने होंट काटते हुए भाभी पल्लू हटा कर स्तन दिखाते हुए बोलीं- मेरे दुद्दू तुम्हें कैसे लगे? जल्दी बताओ न?

मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया, होंटों पर अपनी जीभ फिराते हुए मैंने कहा- आपके दूद्दू बहुत सुंदर हैं।

भाभी भी आह भरते हुए बोलीं- तो देख क्या रहे हो? चूसो ना इन्हें!
उनके सुडौल तने हुए स्तनों और भाभी की अदाओं ने मेरे बदन में बिजली प्रवाहित कर दी थी, मैं बिल्ली की तरह आगे बढ़ा ही था कि तभी दरवाज़े की घण्टी बजी और मौसी की आवाज़ आई।

भाभी पल्ला सही करते हुए ऊपर भागीं और बोलीं- कल ऊपर आना, अच्छी तरह से चूसना… अभी चलती हूँ, बुढ़िया ने देख लिया तो घर से निकाल देगी !
और आँख मारते हुए वो ऊपर भाग गईं लेकिन मेरे लौड़े में न बुझने वाली आग लगा गई थी।

रात भर भाभी की जवानी याद कर कर के मैं अपना लोड़ा सहलाता रहा। बार बार उनके रसीले स्तन मेरी आँखों के सामने आ रहे थे।
मैंने उनके नाम की दो बार मुठ मारी तब जाकर नींद आई।

अगले दिन मौसी जब नाहने जा रही थीं, तभी भाभी की आवाज़ आई- मम्मीजी, आप और राजेश ऊपर आ जाओ, मैंने इडली बनाई है।
मौसी मुझसे बोलीं- राजेश, तू ऊपर जाकर इडली खा ले। मैं जल्दी से नहा कर आती हूँ।

भाभी ऊपर खड़ी सब सुन रही थीं।

मैं ऊपर चला गया।

भाभी मैक्सी में थीं, मुझसे बोली- चलो आज देवर जी ऊपर तो आए ! पहले चाय बनाती हूँ।

भाभी चाय बनाने लगीं।

आज मेरी नज़र बदली हुई थी, भाभी में मैं एक औरत देख रहा था।
पीछे से उनके चूतड़ बहुत सुंदर लग रहे थे।

भाभी ने चाय में दूध डालने के बाद मुड़कर मुझे देखा और मुस्कराते हुए अपनी एक चूची दबाते हुए बोलीं- दुद्दू पीना है?

मैं बोल मौसी आ जाएँगी।

भाभी दरवाज़े के पास गईं और दरवाज़ा बंद कर दिया, बुरा सा मुँह बनाते हुए बोली- बुढ़िया आधे घंटे से पहले नहीं आने वाली! साठ की हो रही है पर ऐसे मल मल कर नहाती है जैसे कि पच्चीस में बदल जाएगी।

फ़िर मुझसे बोली- तुम चूतियों की तरह इतनी दूर क्यों बैठे हो? पास आओ ना !

मैं पास पहुँच गया।

भाभी ने मुस्कराते हुए अपनी मैक्सी की चेन नीचे करी, उनके दोनों दूधिया स्तन बाहर निकाल आए, मुझसे रहा नहीं गया, मैंने दोनों हाथों में उनके स्तन पकड़ लिए और उन्हें 2-3 बार दबा दिया।

भाभी ने मेरे गालों पर एक पप्पी ली और बोलीं- तुम मेरे पीछे आकर इन संतरों से खेलो, साथ ही साथ मैं नाश्ता लगाती हूँ।

भाभी के पीछे आकर उनके कूल्हों से लण्ड चिपकाकर मैं चूचियाँ मलने लगा।
भाभी भी मज़े से दबवाते हुए हुए चाय और इडली का नाश्ता लगाने लगीं।

मेरा यह पहला मौका था जब किसी औरत के नंगे चूचे मैं दबा रहा था।

करीब दस मिनट तक मैं भाभी की चूचियों से खेलता रहा और जी भरकर मैंने उन्हें मसला, चूचियों की निप्पल मैंने घुमा घुमा कर खड़ी कर दीं थीं।

भाभी मुझे हटाकर बोलीं- आओ, अब हम बैठकर नाश्ता करते हैं। तुम्हारी मौसी को तो अभी दस मिनट और लगेंगे।

भाभी ने अपनी चूचियाँ खोल रखी थीं उन पर कटे के दो तीन निशान थे।

भाभी चाय की चुस्की लेते हुए बोलीं- कल रात तुम्हारे भैया ने दो बजे तक सोने नहीं दिया, एक बार मुझे नंगी करके मेरे ऊपर चढ़ जाते हैं तो तीन घंटे से पहले नहीं छोड़ते।
यह कहानी आप xforum.live पर पढ़ रहे हैं !

अपनी चूची पर उंगली रखते हुए भाभी बोलीं- देखो, तुम्हारे भैया ने तुम्हारी भाभी की चूचियों पर कितना काट रखा है।

भाभी की बातों से मेरा लंड सुलगने लगा था, मैंने कहा- आप का बदन भी तो मस्त चिकना है, भैया की तो मौज ही मौज है।
कहानी जारी रहेगी।
Nangi jawan aurat ko dekh kr kon madarchod ka lund khada nhi hoga
 
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kafe aache aur badhia kahani the odin chacha bhai
 
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odin chacha

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजक कहानी है भाई मजा आ गया
 
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odin chacha

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजक कहानी है भाई मजा आ गया
Thanks for the compliment bhai
 
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