Raz-s9
No nude av/dp -XF STAFF
- 2,174
- 2,916
- 159
Love and respect Ruhan bai ,every day come to see your update .fantastic
बहुत ही मदमस्त मादक और उतेजनापूर्ण अपडेट हैसाधना की उत्सुकता और लालसा बढ़ती जा रही थी,,, आज ना जाने क्यों उसका मन अपने भतीजे की तरफ आकर्षित होता चला जा रहा था,,,, बाथरूम में जिस तरह का नजारा अनजाने में उसके भतीजे ने देख लिया था अब साधना जानबूझकर अपनी जवानी का जलवा उसे दिखाना चाहती थी और शायद यह जलवा दिखाकर उसे हलवा भी चखाना चाहती थी,,,, और ऐसे में भला संजु क्यों इंकार करने वाला था,,, वह भी एक जवान लड़का था,,, खूबसूरत औरत और लड़कियों के प्रति उसके मन में भी उसी तरह की कामेच्छा जागती थी,,, जिस तरह से दुसरे लड़कों के मन में जागती थी,,, और इसीलिए भला संजू क्यों पीछे हटने वाला था,,,,।
Sadhna
दोनों का दिल जोरों से धड़क रहा था साधना को अच्छी तरह से मालूम था कि ट्यूबलाइट के जलते ही उसकी रोशनी में उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी संजू की आंखों के सामने होगी और उसे पूरा विश्वास था कि उसकी मदमस्त नंगी जवानी को देखकर संजू बहकने पर मजबूर हो जाएगा और यही बात संजू की अच्छी तरह से जानता था वह भी अपनी मौसी की जवानी की एक झलक देखना चाहता था उसके नंगे पन को देखना चाहता था हालांकि बाथरूम में वह पहले ही अपनी मौसी को पेशाब करते हुए देख चुका था उसकी बड़ी बड़ी गांड उसके होश उड़ा चुकी थी,, और उसका आंसर अभी भी उसके दिलो-दिमाग पर छाया हुआ था,,,।
कमरे में चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा था अंधेरे में सोने की आदत संजू और मोहिनी को बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन उसकी मौसी जानबूझकर लाइट बंद करा दी थी हालांकि उसे भी अंधेरे में सोने की बिल्कुल भी आदत नहीं थी लेकिन आज उसके मन में कुछ और चल रहा था और उसी के चलते अंधेरे का फायदा उठाना चाहती थी,,,, संजू उसी तरह से अंधेरे में उसके पास बैठा हुआ था और उसकी साधना मौसी उसे लाइट चालू करने के लिए बोली थी और लाइट चालू करके यह देखने के लिए की चादर किधर है,,,, और साधना ने धीरे से चादर को अपनी गांड के नीचे दबा ली थी ताकि संजू को वह चादर उसकी कामेच्छा बिंदु के पास ही नजर आए और उसकी नजर चादर के साथ-साथ सीधे उसके टांगों के बीच पड़े,,,,।
सोच कह रहा है संजु खड़ा होकर लाइट चालू कर और चादर दे मुझे पता नहीं कहां पर पड़ी है,,,(अंधेरे में अपनी मदमस्त मक्खन जैसी चिकनी जांघों पर हाथ फेरते हुए साधना बोली,,,)
ठीक है मौसी,,,,,(और इतना कहकर संजू खड़ा हो गया उसका दिल जोरों से धड़क रहा था उसके मन में अजीब अजीब से ख्याल आ रहे थे वह अपने मन में सोच रहा था कि लाइट के चालू होती है उसे क्या नजर आने वाला है यह सोच कर ही उसका दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि अपनी मौसी की मक्खन जैसी जाऊंगा पर हाथ रखकर इतना तो वह समझ ही गया था कि उसकी मौसी की साड़ी कमर तक उठी हुई होगी तभी उसकी जांघ नंगी थी,,,संजू के बारे में उत्सुकता बढ़ती जा रही थी क्योंकि अभी तक उसने औरतों को ही साल में कभी नहीं देखा था ना ही किसी औरत को पेशाब करते हुए देखा था ना ही उसके साथ इस तरह की बातें किया था लेकिन उसकी जिंदगी में पहली बार ऐसा हो रहा था कि सब कुछ उसकी जवानी की तरंगों को बढ़ावा दे रही थी,,,,, संजू खड़ा हो चुका था और टटोलकर ट्यूबलाइट की स्विच को ढूंढ रहा था,,,, और अगले ही पल उसे ट्यूबलाइट की स्वीच टटोलने पर एहसास हो गई और वह अगले ही पल बिना देरी किए ट्यूबलाइट के स्विच को ऑन कर दिया और पल भर में ही पूरे कमरे में दूधिया रोशनी फैल गई,,,,,संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था ट्यूबलाइट की रोशनी में उसे अपनी मौसी की तरफ देखने का मन तो कर रहा था लेकिन हिम्मत नहीं हो रही थी दीवार की तरफ मुंह करके खड़ा था और साधना पीठ के बल लेटे हुए मुस्कुरा रही थी वह जवानी की दहलीज पर कदम रखे संजू की मनोव्यथा को अच्छी तरह से पहचान रही थी,,, साधना को ना जाने क्यों अपनी जवानी दीखाने में बहुत मजा आ रहा था,,, लेकिन संजू की मासूमियत पर उसे गुस्सा भी आ रहा था कि जवानी से भरा हुआ कटोरा उसकी आंखों के सामने पड़ा हुआ है और वह उसका स्वाद चखने से घबरा रहा है,,,,।
साधना उसकी मौसी थी लेकिन पल भर की एक मादक घटना ने उसकी सोचने समझने की शक्ति को छीण कर दी थी,,,,ना जाने क्यों संजू ने उसे अपना भतीजा अपना बेटा नहीं बल्कि एक जवान लड़का नजर आ रहा था जोकि उसकी जवानी का प्यासा था हालांकि ऐसा साधना समझती थी जो कि उसके साथ भी अनजाने में हुआ था,,,, संजू अभी भी दीवार की तरफ मुंह करके खड़ा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि किस तरह से वह अपनी मौसी से नजर मिलाए उसकी महंगी जवानी को अपनी आंखों से टटोले,,,, कुछ देर तक संजू उसी तरह से खड़ा रहा तो साधना खुद बोली,,,।
क्या कर रहा है संजू चादर देना मुझे वहां खड़ा क्या कर रहा है,,,,
जजजज,,,जी मौसी अभी दिया,,,(इतना कहने के साथ ही धड़कते दिल के साथ वहां अपनी मौसी की तरफ देखा तो देखता ही रह गया आश्चर्य और उन्माद से उसकी आंखें फटी की फटी रह गई उसकी सांसों की गति पलभर में ही इंजन की तरह तेज भागने लगी,,, उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था,,,, उसे लग रहा था कि कहीं वो सपना तो नहीं देख रहा है जो कुछ भी वो देख रहा था वह हकीकत था चादर की बात संजू पूरी तरह से भूल चुका था उसकी नजरें साधना की कमर के नीचे के नंगे बदन पर टिकी हुई थी जो कि ऊपर से नीचे की तरफ बराबर घूम रही थी मोटी मोटी केले की तने के समान चिकनी मक्खन जैसी जांघों को देखकर संजू का मन फिसल रहा था,,,, उसकी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी जिंदगी में पहली बार बार इस तरह का दृश्य देख रहा था,,,, और वह भी अपनी मौसी की मदमस्त जवानी का नजारा,,,कपड़ों में जितनी खूबसूरत उसकी मौसी लगती थी उससे भी कहीं ज्यादा खूबसूरत बिना कपड़ों के लग रही थी हालांकि सिर्फ व कमर के नीचे नंगी थी और उस पर भी वह पेंटी पहनी हुई थी जो कि संजू की कामुक और प्यासी नजरों को भापकर उसके तन में उत्तेजना की ज्वाला और ज्यादा भड़काने के उद्देश्य से वह अपनी हथेली को उसकी आंखों के सामने ही अपनी पेंटिंग के बीचो बीच अपनी बुर वाली जगह पर रख कर उसे हल्के हल्के सहलाते हुए बोली,,,।)
rapid city landfill
खडा खडा क्या देख रहा है संजू देखना चादर किधर है मुझे बिना चादर के नींद नहीं आती,,,,,
(साधना अपनी हरकत को लेकर पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरी हुई थी वह अच्छी तरह से जानती थी कि जवान लड़के के सामने इस तरह की हरकत करने का उस पर क्या असर होता है,,,साधना को अच्छी तरह से मालूम था कि संजू के सामने इस तरह की हरकत करने का मतलब था कि वह उसे खुला आमंत्रण दे रही है लेकिन देखना यह था कि उसके आमंत्रण को संजु स्वीकार कर पाता है या नहीं क्योंकि वह अभी तक इस तरह के हालात से गुजरा नहीं था इसलिए इस तरह के हालात की बारीकियों के बारे में उसे बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था,,, लेकिन इतना तो वह समझ ही रहा था कि उसकी मौसी की हरकत बेहद उत्तेजनातमक और जी ललचाने वाली थी,,,, संजू इतना भोला था कि साधना की हरकत को समझ नहीं पा रहा था कि वह ऐसा क्यों कर रही है अगर वह भी संभोग का सुख प्राप्त कर चुका होता तो शायद साधना की इस हरकत का जवाब वह अपने लैंड से जरूर देता क्योंकि साधना भी यही चाहती थी लेकिन समझो अभी अपनी मौसी के इशारे को ठीक तरह से समझ नहीं पा रहा था बस उसके नंगे बदन को देख कर उत्तेजित होकर मस्त हो जा रहा था,,,,,।
संजू उसी तरह से आंखें फाड़े खड़ा था उसकी मौसी के बगल में मोहिनी दूसरी तरफ मुंह करके सोई हुई थी वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रही थी,,,, और साधना अभी भी उसको लग जाते हुए अपनी हथेली को अपनी पेंटी के बीचो-बीच बुर वाली जगह पर रखकर हल्के हल्के दबाते हुए सहला रही थी,,,,, और संजू की तरफ प्यासी नजरों से देखते हुए बोली,,,।
क्या हुआ संजू ऐसे खड़ा क्यों है क्या कभी औरत नहीं देखा क्या,,,,
नहीं ऐसी बात नहीं है मौसी चादर मुझे कहीं नजर नहीं आ रही है,,,,(संजु जानबूझकर चादर ना मिलने का बहाना बना रहा था लेकिन उसका चादर पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं था उसका ध्यान तो साधना की दोनों टांगों के बीच उसकी लाल रंग की पेंटिं और उस पर हल्के हल्केफिर रही उसकी हथेली को देख रहा था पर अपने मन में सोच रहा था कि काश उसे ऐसा मौका मिल जाता तो कितना मजा आता,,,,)
अरे ठीक से ढूंढ मिल जाएगी,,,,।(उत्तेजना का असर साधना के भी तन बदन को पूरी तरह से झकझोर रहा था जिसका असरसाधना को अपनी बुर के अंदर महसूस हो रहा था धीरे-धीरे उसकी बुर्का मारो छोड़ रही थी और आम रस की वजह से उसकी पैंटी गीली हो रही थी जिसके गीलेपन का एहसास उसे अपनी हथेली में पर एकदम साफ महसूस हो रहा था,,,, वह अपने मन में यही सोच रही थी कि संजू पूरी तरह से जवान हो चुका है लेकिन औरत के काम रस के बारे में से पता नहीं कुछ ज्ञान है कि नहीं अगर ज्ञान होगा तो वह तुरंत समझ जाएगा कि उसका मन क्या कह रहा है इसीलिए वह इस तरह का विचार मन में लाकर संजू की आंखों के सामने ही अपनी पेंटी पर से अपनी हथेली को हटाते हुए बोली,,,।)
इधर उधर कहीं होगी यहां से जाएगी कहां,,?
(वह जानबूझकर अपनी पैंटी के ऊपर से अपनी हथेली को हटा ली थी क्योंकि वह संजू को अपनी काम रस से भीगी हुई पैंटी दिखाना चाहती थी,,,, हथेली के हटाते ही संजू की नजर उसकी पेंटी पर और ज्यादा चिपक गई संजू को अपनी मौसी की पैंटी का गीलापन एकदम साफ नजर आ रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि मौसी की पेंटी आगे से गोलाई में गिली कैसे हो गई,,,, संजू के लिए यह सब अभी तक एक पहेली की तरह ही था क्योंकि संजु औरत के बदन के भूगोल के बारे में कुछ भी नहीं जानता था,,, भले ही उस स्कूल के किताबों का हर एक पन्ना उसे मुजबानी याद था लेकिन एक औरत के खूबसूरत बदन के भूगोल के पन्नों को उसने अभी तक खोला तक नहीं था तो उसके बारे में जानने की बात तो दूर रही,,,, संजू अपनी मौसी की लाल रंग की पैंटी को देखते हुए बोला,,,)
कहां गई मौसी अभी तो यहीं रखी हुई थी,,,,(इधर उधर नजर घुमाते हुए संजू बोला चादर ठीक साधना की बड़ी-बड़ी गांड के नीचे दबी हुई थी लेकिन संजू को साधना की दोनों टांगों के बीच सिर्फ उसकी लाल रंग की पैंटी नजर आ रही थी और उसके मन की उमंग इस बात से और ज्यादा बढ़ रही थी कि उस पेंटी के अंदर क्या छुपा कर रखी होगी उसकी मौसी,,,, देखने में कैसी होगी कैसी नजर आती होगी यही सब सोचता हुआ उसका ध्यान चादर पर नहीं जा रही थी,,, तो ,,,, साधना ही बोली,,,,)
अरे देख तो,,,(कसमसाते हुए) देख तो कहीं मेरी गांड के नीचे तो नहीं है,,,,(अपनी गांड को हल्कै से दाएं बाएं हिलाते हुए,,,,।
अपनी मौसी की बात सुनते ही संजू की नजर अपनी मौसी की गांड के नीचे गई तो चादर वहीं पर थी,,,, अपनी मौसी के मुंह से एकदम खुले शब्दों में गांड शब्द सुनकर संजू का लंड पूरी तरह से तड़प उठा था और पैजामा में तंबू बना दिया था जिस पर साधना की नजर बार-बार चली जा रही थी और उसका मन ललच कर रह जा रहा था,,, साधना की अनुभवी आंखें संजू के पजामे के अंदर छुपे हथियार की धार के बारे में अंदाजा लगा चुकी थी वह समझ गई थी कि संजू के पजामे में औरत का पसंदीदा अोजार छिपा हुआ है,,, और उसके तंबू की ऊंचाई को देखकर उसकी लंबाई का अंदाजा लगा चुकी थी और मन ही मन यह भांप चुकी थी कि संजू का लंड बड़े आराम से उसके बच्चेदानी तक पहुंच जाएगा,,,, साधना के लिए यह एहसास ही काफी था,, वह अपने बदन में उन्मादकता के एहसास का बवंडर उठता हुआ महसूस कर रही थी और इसी एहसास के चलते उसकी बुर से काम रस की दो चार बूंदे बारी बारी से उसकी गुलाब की पत्तियों के मुहाने से चु गई,,,, साधना को अजीब सा एहसास हो रहा था ऐसा लग रहा था कि वह पूरी तरह से एक जवान लड़की है उसके सामने उसका प्रेमी है जो कि दोनों चोरी चुपके किसी कमरे में मजा लेना चाहते हैं,,,,,,,।
अरे यह तो सच में नीचे दबी हुई है और मेरी नजर वहां तक पहुंची ही नहीं पा रही है,,,।
(संजू के मुंह से इतना सुनते ही साधना अपने मन में ही बोली साला हरामि बुर देखने की फिराक में रहेगा तो तुझे चादर कहां से नजर आएगी,,,,)
चल अब जल्दी देकर लाइट बंद कर,,,,
(साधना को इस बात का एहसास हो गया था कि औरत के काम रस के बारे में संजू को बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था वरना उसकी पेंटी के गीलेपन के बारे में वह जरूर पूछता,,, संजू के नादानीयत पर साधना को गुस्सा आ रहा था,,,, वह अपनी मन में यह सोच कर रह जा रही थी कि अगर उसकी जगह कोई और लड़का होता तो शायद अब तक सुबह उसके ऊपर चढ़ चुका होता लेकिन यह है कि कुछ समझ ही नहीं पा रहा है लेकिन फिर भी धीरे-धीरे साधना को इस खेल में मजा आ रहा था उत्तेजना का एहसास बढ़ता जा रहा था कि वह पहली बार इस तरह की हरकत कर रही थी,,,,। संजु अपनी मौसी के उतावलापन को समझ नहीं पा रहा था,,, वह धीरे से अपनी मौसी के करीब आया और उसकी गांड के नीचे दबा चादर को अपने हाथ से पकड़ लिया,,, और उसी खींचने को हुआ था बड़े नजदीक से अपनी मौसी की दोनों टांगों के बीच का नजारा देखकर वह पूरी तरह से मदहोश होने लगा उसकी नजर उसकी लाल रंग की पेंटिं के गीले वाले भाग का मुआयना करने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उतना सा भाग गिला कैसे हो गया,,,औरत के काम रस के बारे में वह बिल्कुल भी नहीं जानता था इसलिए वह अपने मन में यह धारणा बांध लिया था कि कहीं उसकी मौसी धीरे-धीरे पेशाब तो नहीं कर दि है,,, शायद बड़े जोरों की लगने की वजह से बूंद बूंद करके बाहर आ रहा हो,,, और पेंटी के गीले के बारे में अपनी मौसी से पूछने की उसकी हिम्मत भी नहीं हो रही थी,,,।
गजब का अद्भुत मादकता से भरा हुआ नजारा संजू की आंखों के सामने था उसकी मौसी जो कि इस उमर में भी गम भरी जवानी से लगी हुई थी वह अपनी साड़ी को ना जाने किस वजह से अपनी कमर तक उठाई हुई थी उसकी लाल रंग की पैंटी एकदम साफ नजर आ रही थी और भाभी की ली उसकी चिकनी दूधिया मोटी मोटी जांघों को देखकर संजू से रहा नहीं जा रहा था उसके मन में ढेर सारी बातें उमंग उफान मार रहे थे,,,, संजू अपने आप को संभाले हुए था वरना उसकी जगह कोई और लड़का होता तो अब तक उसकी चुदाई कर दिया होता,,,,।
चादर जो कि साधना की बड़ी-बड़ी गांड के नीचे दबी हुई थी वह संजू के हाथों में थी और संजू उसे खींचने की कोशिश कर रहा था,, जो कि साधना की भारी-भरकम गांड के नीचे दबी होने की वजह से खिशक नहीं रही थी,,, तो संजू बोला,,।
मौसी थोड़ा अपनी,,ग,,,,,(इतना कहकर सब एकदम से क्योंकि अनजाने में ही उसके मुंह से यह शब्द निकल गए थे,,, साधना के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी वह चाहती थी कि संजू उसके साथ इसी तरह से बात करें लेकिन आधा शब्द बोल कर वह रुक गया था इसलिए उसके आरती शब्द को पूरा करते हुए वह बोली,,,)
ओहहह,,, मेरी गान्ड कुछ ज्यादा ही बड़ी- है इसलिए तो खींच नहीं पा रहा है रुक जा,,,,(और इतना कहने के साथ ही साधना बड़े ही मादक अदा से अपनी बड़ी बड़ी गांड को कमर से ऊपर की तरफ हल्कै से उठा दी और संजू पूरी तरह से उत्तेजित होता होगा अपनी मौसी की उठी हुई गांड को ललचाई नजरों से देख कर,,, चादर को अपनी तरफ खींच लिया,,,, संजू को संभोग का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था लेकिन जिस अदा से साधना ने अपनी गांड को उठाई थी संजू का मन कर रहा था उसके दोनों टांगों के बीच घुस जाए और अपना लंड उसकी बुर में डाल कर उसकी चुदाई कर दे,,,, यह सोच कर संजू पूरी तरह से मचल उठा था,,, लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी,,,, चादर को वह अपनी मौसी को थमा कर वहीं बैठा रहा,,,,तो साधना ही बोली,,।
लाइट तो बंद कर दे,,,,।
(संजु का मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा था पूर्व लाइट बंद करने के लिएदोनों के बीच धीरे-धीरे वार्तालाप हो रही थी लेकिन पास में सो रही मोहिनी पर किसी भी प्रकार का असर नहीं हो रहा था वह बहुत ही गहरी नींद में सो रही थी,,,, फिर भी संजू बेमन से उठा और ट्यूबलाइट बंद कर दिया,,, और वापस आकर अपनी मौसी के बगल में लेट गया,,,।
आप बिल्कुल सही कह रहे है इतना सुन्दर कथानक बिना चित्रों के अधूरा लगता हैबहुत ही कामुक व्याखान चल रहा है कहानी में। यदि संभव हो तो कामुक चित्रों को भी प्रेषित करें थोड़े थोड़े विराम के बाद जहा उपयुक्त हो और कथानक के अनुरूप उयलब्ध हो... प्रतिक्षा में एक और दीर्घ प्रस्तुति के.....
Ap bhi to humko tadpa rhi ho...बहुत तडपा रहे हो अपडेट के लिये