Alok
Well-Known Member
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वाह वाह कया बात है भाई कमाल का कामुक, ओर मस्ती भरा अपडेट अपडेट दिया है आपने रोनी भाई, लोडा कडक हो गयासंजीव को जितना इंतजार था रविवार का उससे कहीं ज्यादा व्याकुल और उत्सुक आराधना थी रविवार के लिए,,,वह अपने मन में,,, गेस्ट हाउस वाली बात को सोचकर कल्पना किया करती थी कि गेस्ट हाउस में वह कैसे अपने बेटे के साथ एक रंडी की तरह बर्ताव करेंगी वहां के लोग वहां के कर्मचारी उसके बारे में कैसी कैसी बातें सोचेंगे,,,, गेस्ट हाउस में साफ तौर पर गेस्ट हाउस के कर्मचारी उसे एक रंडी की समझेंगे जो पैसों के लिए किसी के भी सामने अपनी दोनों टांगे खोल देती है यही सोचकर उसके बारे में गलत गलत बातें सोच कर मजा लेंगे इन सब बातों को सोच कर आराधना कि तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी उसे एक अजीब सा नशा छा रहा था,,,,,,
Mohini apne bhai k samne gaand parosye huye
mitsubishi 0 60
दोनों मां बेटों के बीच छेड़खानी लगातार जारी रहती थी मोहिनी की नजर से बच कर दोनों एक दूसरे के अंगों को पकड़ लेते थे दबा देते थे दबोच लेते थे और ऐसा करने में दोनों को अत्यधिक आनंद की प्राप्ति हो रही थी संजू चाहता तो अपनी बहन को सब कुछ बता सकता था लेकिन वह सही मौके के इंतजार में था वह जानता था कि जिस दिन मोहिनी को इस बात का पता चल जाएगा वह एक साथ अपनी बहन और अपनी मां दोनों की लेगा और वह भी एक ही बिस्तर पर एकदम नंगी करके एक साथ दो दो औरतों को चोदने का अनुभव लेने के लिए वह भी तड़प रहा था वह अपने मन नहीं करता ना करता था कि कैसे वह अपने मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी मां की बुर से बाहर निकाल कर अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी बहन की बुर में डालकर चोदेगा,,,,,,,, जैसे जैसे दिन करीब आ रहे थे वैसे-वैसे दोनों मां बेटों की तड़प बढ़ती जा रही थी,,, हालांकि संजू रोज अपनी मां के कमरे में जाकर रात भर उस की चुदाई करता था रोज उसकी चूत की सेवा करता था रोज से होठों से लगाकर उसके काम रस को चाटता था,,, और उसकी मां की पूरी तरह से बेशर्म बनकर अपने बेटे को एक औरत का भरपूर सुख देती थी उसके लंड को अपने मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चुसती थी और कभी कभी पूरे काम क्रीड़ा की कमान अपने हाथों में लेकर अपने बेटे के लंड पर सवार हो जाती थी और अपनी भारी-भरकम गोलाकार गांड का जोर जोर से अपने बेटे के लंड पर ही पटकती थी,,,,, मोहिनी को बिल्कुल भी भनक तक नहीं थी कि उसके पीठ पीछे मां बेटे के बीच क्या चल रहा है कौन सी खिचड़ी पक रही है वह तो अपनी ही दुनिया में पूरी तरह से मस्त थी अपने भाई के साथ,,,,,,,
Mohini apne bhai ko khus karte huye
ऐसे ही एक दिन आराधना रसोई घर में खाना बना रही थी और संजू रसोई घर में चला गया और जाते ही एक चपत अपनी मां की गांड पर लगा दिया,,, जिससे वो एकदम से चौक कर उछल गई,,,
ऊई मां,,,,, संजू,,,,,
क्या हुआ रानी गांड तो बहुत मस्त है तेरी,,,,
संजू,,,, क्या कह रहा है मोहिनी घर पर ही है वह सुन लेगी तो गजब हो जाएगा,,,
कुछ गजब नहीं होगा रानी,,,, चलती है क्या,,,?(एक बार फिर से अपनी मां की गांड पर चपत लगाते हुए)
हाय संजू पागल हो गया है क्या तू,,,,
तेरे हुस्न को देख कर तो कोई भी पागल हो जाए यह बड़ी बड़ी गांड,,,(दोनों हाथों से अपनी मां की गांड को पकड़ते हुए) देख कर ही लंड खड़ा हो जाता है और तेरी बड़ी बड़ी चूची,,,(पीछे से अपनी मां के बदन से एकदम से सटकर उसके ब्लाउज के ऊपर से ही चूची को पकड़कर दबाते हुए,,) एकदम खरबूजे की तरह मन करता है इसे मुंह में लेकर पीते रहुं,,,,,
(संजू की बाहों में आराधना छटपटाने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि रांची है किस तरह से बातें कर रहा है,,,)
क्या हुआ मेरी रानी दोगी नहीं क्या,,, तुम्हारी लेने के लिए मैं कितनी भी कीमत चुका सकता हूं,,,, बोल मेरी रानी चली कि क्या गेस्ट हाउस,,,
(गेस्ट हाउस का नाम सुनते ही आराधना के तन बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी और बना पीछे मुड़कर संजू की आंखों में देखने लगी तो संजू से आंख मारते हुए बोला,,,)
Sanju apni bahan ko chodta hua
2016 wrx 0 to 60
बोलना मेरी रानी चलेगी क्या तेरी जैसी खूबसूरत औरत मैंने आज तक देखा नहीं इसलिए मैं तेरी लेना चाहता हूं बोल देगी मुझे,,,,,,
(आराधना को सब कुछ समझ में आ गया था उसका बेटा उसके साथ एक रंडी की तरह बात कर रहा था इसलिए वह भी पूरी तरह से एक रंडी के चरित्र को अपने अंदर उतार कर अपने बेटे को धक्का देते हुए बोली,,)
चल ऐ हरामि,,,, मुफ्त का माल समझा है क्या जो हाथ लगा रहा है ,,,, मुझे सिर्फ हाथ लगाने के लिए ही कितने लोग तड़पते रहते हैं पता है तुझे और तू सीधा आकर मेरी गांड पर चपत लगा दिया,,,,, वह तो आज मेरा मूड थोड़ा अच्छा है वरना तेरा हाथ तोड़ कर तेरे पिछवाड़े में डाल देती,,,,
अरे अरे एक धंधे वाली होकर इस तरह की बातें कर रही है,, मुफ्त में नहीं पैसे देकर लूंगा तेरी,,,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मन ही मन मुस्कुरा रही थी,,,। और साथ में खाना भी बना रही थी संजीव ठीक उसके पीछे खड़ा था,, अपने बेटे की पैसे वाली बात सुनकर आराधना बोली)
Sanju or mohini
पैसे का रोब किसको झाडता है रे,,, मेरी टांगों के बीच नोट छापने की मशीन है समझा तेरे जैसे कितने आए और कितने गए,,,,
कितने भी आए हो लेकिन मेरे जैसा तूने आज तक नहीं देखी होगी,,, तेरी चूत में इतना दम नहीं है कि मेरे लंड को झेल सके,,, एक ही धक्के में तेरा पूरा पानी निकाल दूंगा,,,
अच्छा बड़ा नाज है तुझे अपने लंड पर तो मेरी भी चूत किसी से कम नहीं है समझा जाते ही अपनी चूत की गर्मी से तेरे लंड को पिघलाकर तेरा पानी निकाल दूंगी,,,,
ऐसी चूत वाली आज तक हुई नहीं जो मेरा लंड अपनी चूत में लेते ही मेरा पानी निकाल दो समझी जब तक मैं दो बार पानी में निकाल दूं तब तक मेरा खुद का पानी नहीं निकलता,,,
अच्छा यह बात है कितना बड़ा है तेरा,,,
देख कर लेगी क्या,,,, चल मेरे साथ तुझे पता चल जाएगा,,,
Mohini ekdam chudwasi hokar
2019 wrx sti quarter mile
कितना देगा,,,(अब आराधना पूरी तरह से मूड में आ चुकी थी इसलिए वह किचन के फ्लोर को पकड़कर उस पत्थर पर अपनी गांड दिखाकर संजू की तरफ मुंह करके खड़ी हो गई थी और हल्के हल्के अपनी कमर को हिला रही थी संजू तू अपनी मां का यह रूप देखकर पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और अपनी मां के सवाल का जवाब देते हुए बोला)
कितना लेगी बोलना तुझे चोदने के लिए मुंह मांगी कीमत दूंगा,,,
5000,,,,(कुछ सोचकर आराधना बोली तो संजू मुस्कुराता हुआ बोला)
तुझे मैं 10000 दूंगा लेकिन जब तक मेरा मन नहीं भरेगा तब तक तुझे जाने नहीं दूंगा,,,,
चल मंजूर है राजा,,,, मैं भी तो देखूं अपने लंड पर इतना घमंड करने वाले मैं कितना दम है,,,
बोल तो अभी दम दिखा दुंंं
अभी नहीं मौका आने दे तब दिखा देना,,,,
(ईस तरह के वार्तालाप से मां बेटे दोनों पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके थे आराधना तो सचमुच पर अपने आप को अपने बेटे के सामने रंडी समझने लगी थी,,, जो एक ग्राहक से मोलभाव कर रही थी,,, संजू मौके का फायदा उठाते हुए पूरी तरह से अपनी मां से एक ग्राहक की तरह ही बात कर रहा था मानो कि सचमुच में उसकी माय कर दिया जो अपना बदन बेच कर पैसे कम आती है इसलिए वह बोला,,)
अच्छा एक बात बता तेरी चूत पर बाल है कि नहीं,,,
(अपने बेटे की यह बात सुनकर आराधना का दिल जोरों से धड़क रहा था,,, फिर भी वह अपने बेटे को एक रंडी की तरह ही जवाब दी,,)
तुझे कैसी पसंद है,,,राजा,,,
एकदम चिकनी बाल का नाम तक ना हो क्रीम लगाकर साफ करके ही आना,,,
तू चिंता मत कर मेरे राजा क्रीम लगाकर एकदम चिकनी कर लूंगी और खुशबू वाला सेंट भी मार लूंगी ताकि तुझे चाटने में मजा आए,,,
हाय मेरी रानी मेरा तो मन अभी कर रहा है कि जीभ लगाकर चाट जाऊं,,,,
अभी तो हल्के हल्के बाल है तुझे मजा नहीं आएगा,,,,
(आराधना मुस्कुराते हुए बोली)
लंड डालकर देखु क्या,,,,
चल हरामी बिना पैसे का तुझे देखने भी नहीं दूंगी,,,
पैसे हैं मेरे पास मेरी जान,,,,,(अपनी मां की रंडी जैसी बातों को सुनकर संजू पूरी तरह से गर्म हो चुका था और उसे अपनी मां को चोदने का मन कर रहा था लेकिन वह जानता था कि मोहिनी किसी भी वक्त किचन में आ सकती थी इसीलिए वह अपने मन को काबू में रखा हुआ था इसलिए वह बोला) अच्छा एक बात बता,,, गेस्ट हाउस में तू चड्डी पहनकर चलेगी या बिना चड्डी के,,,
तुझे कैसा पसंद है मैं तो कहती हूं कि चड्डी पहन कर चलूंगी क्योंकि मैं जानती हूं तुम जैसे लड़कों को औरत की चड्डी उतारने में ज्यादा मजा आता है,,,
हाय मेरी जान कुछ ज्यादा ही अनुभव है तुझे तू तो मुझे मस्त कर देगी,,,, अच्छा तुझे कंडोम लगाकर पसंद है या बिना कंडोम के,,,
(अपने बेटे की इस बात पर आराधना एकदम से शर्म से पानी-पानी हो गई क्योंकि वह अपने बेटे से रोज चुदवाती थी लेकिन कंडोम का जिक्र बिल्कुल भी नहीं होता था दोनों के बीच लेकिन आज कंडोम का जिक्र होते ही आराधना के चेहरे पर शर्म की लालिमा छा गई थी लेकिन फिर भी वह हिम्मत जुटाकर अपने बेटे को जवाब दी,,)
नहीं रे कंडोम लगाकर ही करना तेरा क्या भरोसा तू तो मजा लेकर चला जाएगा लेकिन मुझे कुछ हो गया तो,,,
कुछ नहीं होगा मेरी जान,,,
अगर मैं पेट से हो गई तो,,,,(शर्म से पानी पानी होते हुए आराधना बोली)
कुछ नहीं होगा,,,, मुझ पर भरोसा रख लेकिन तुझे इतना मजा दूंगा कि तू मुझसे ही चुदवाएगी और वह भी बिना पैसे लिए,,,,,
चल वह तो देखा जाएगा,,,,(इतना कहकर आराधना फिर से खाना बनाने में लग गई लेकिन इस तरह की बातें करके उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी उसकी पेंटी में उसका काम रस टपक रहा था जिससे उसकी पेंटी पूरी तरह से उसके काम रस से गीली हो चुकी थी और संजू की भी हालत खराब हो चुकी थी उसका बस चलता तो इसी समय आराधना की चुदाई कर दिया होता लेकिन इस समय वह मोहिनी के कारण कुछ कर नहीं पा रहा था,,,,,
आखिरकार दोनों की तड़प और उत्सुकता खत्म होने का समय आ चुका था दोनों जिस दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे वह दिन मतलब कि रविवार आ चुका था और रविवार के दिन इत्तेफाक से आराधना का जन्मदिन भी था,,.।
What a great story and waiting to next Dhamaka updateसंजीव को जितना इंतजार था रविवार का उससे कहीं ज्यादा व्याकुल और उत्सुक आराधना थी रविवार के लिए,,,वह अपने मन में,,, गेस्ट हाउस वाली बात को सोचकर कल्पना किया करती थी कि गेस्ट हाउस में वह कैसे अपने बेटे के साथ एक रंडी की तरह बर्ताव करेंगी वहां के लोग वहां के कर्मचारी उसके बारे में कैसी कैसी बातें सोचेंगे,,,, गेस्ट हाउस में साफ तौर पर गेस्ट हाउस के कर्मचारी उसे एक रंडी की समझेंगे जो पैसों के लिए किसी के भी सामने अपनी दोनों टांगे खोल देती है यही सोचकर उसके बारे में गलत गलत बातें सोच कर मजा लेंगे इन सब बातों को सोच कर आराधना कि तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी उसे एक अजीब सा नशा छा रहा था,,,,,,
Mohini apne bhai k samne gaand parosye huye
mitsubishi 0 60
दोनों मां बेटों के बीच छेड़खानी लगातार जारी रहती थी मोहिनी की नजर से बच कर दोनों एक दूसरे के अंगों को पकड़ लेते थे दबा देते थे दबोच लेते थे और ऐसा करने में दोनों को अत्यधिक आनंद की प्राप्ति हो रही थी संजू चाहता तो अपनी बहन को सब कुछ बता सकता था लेकिन वह सही मौके के इंतजार में था वह जानता था कि जिस दिन मोहिनी को इस बात का पता चल जाएगा वह एक साथ अपनी बहन और अपनी मां दोनों की लेगा और वह भी एक ही बिस्तर पर एकदम नंगी करके एक साथ दो दो औरतों को चोदने का अनुभव लेने के लिए वह भी तड़प रहा था वह अपने मन नहीं करता ना करता था कि कैसे वह अपने मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी मां की बुर से बाहर निकाल कर अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी बहन की बुर में डालकर चोदेगा,,,,,,,, जैसे जैसे दिन करीब आ रहे थे वैसे-वैसे दोनों मां बेटों की तड़प बढ़ती जा रही थी,,, हालांकि संजू रोज अपनी मां के कमरे में जाकर रात भर उस की चुदाई करता था रोज उसकी चूत की सेवा करता था रोज से होठों से लगाकर उसके काम रस को चाटता था,,, और उसकी मां की पूरी तरह से बेशर्म बनकर अपने बेटे को एक औरत का भरपूर सुख देती थी उसके लंड को अपने मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चुसती थी और कभी कभी पूरे काम क्रीड़ा की कमान अपने हाथों में लेकर अपने बेटे के लंड पर सवार हो जाती थी और अपनी भारी-भरकम गोलाकार गांड का जोर जोर से अपने बेटे के लंड पर ही पटकती थी,,,,, मोहिनी को बिल्कुल भी भनक तक नहीं थी कि उसके पीठ पीछे मां बेटे के बीच क्या चल रहा है कौन सी खिचड़ी पक रही है वह तो अपनी ही दुनिया में पूरी तरह से मस्त थी अपने भाई के साथ,,,,,,,
Mohini apne bhai ko khus karte huye
ऐसे ही एक दिन आराधना रसोई घर में खाना बना रही थी और संजू रसोई घर में चला गया और जाते ही एक चपत अपनी मां की गांड पर लगा दिया,,, जिससे वो एकदम से चौक कर उछल गई,,,
ऊई मां,,,,, संजू,,,,,
क्या हुआ रानी गांड तो बहुत मस्त है तेरी,,,,
संजू,,,, क्या कह रहा है मोहिनी घर पर ही है वह सुन लेगी तो गजब हो जाएगा,,,
कुछ गजब नहीं होगा रानी,,,, चलती है क्या,,,?(एक बार फिर से अपनी मां की गांड पर चपत लगाते हुए)
हाय संजू पागल हो गया है क्या तू,,,,
तेरे हुस्न को देख कर तो कोई भी पागल हो जाए यह बड़ी बड़ी गांड,,,(दोनों हाथों से अपनी मां की गांड को पकड़ते हुए) देख कर ही लंड खड़ा हो जाता है और तेरी बड़ी बड़ी चूची,,,(पीछे से अपनी मां के बदन से एकदम से सटकर उसके ब्लाउज के ऊपर से ही चूची को पकड़कर दबाते हुए,,) एकदम खरबूजे की तरह मन करता है इसे मुंह में लेकर पीते रहुं,,,,,
(संजू की बाहों में आराधना छटपटाने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि रांची है किस तरह से बातें कर रहा है,,,)
क्या हुआ मेरी रानी दोगी नहीं क्या,,, तुम्हारी लेने के लिए मैं कितनी भी कीमत चुका सकता हूं,,,, बोल मेरी रानी चली कि क्या गेस्ट हाउस,,,
(गेस्ट हाउस का नाम सुनते ही आराधना के तन बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी और बना पीछे मुड़कर संजू की आंखों में देखने लगी तो संजू से आंख मारते हुए बोला,,,)
Sanju apni bahan ko chodta hua
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बोलना मेरी रानी चलेगी क्या तेरी जैसी खूबसूरत औरत मैंने आज तक देखा नहीं इसलिए मैं तेरी लेना चाहता हूं बोल देगी मुझे,,,,,,
(आराधना को सब कुछ समझ में आ गया था उसका बेटा उसके साथ एक रंडी की तरह बात कर रहा था इसलिए वह भी पूरी तरह से एक रंडी के चरित्र को अपने अंदर उतार कर अपने बेटे को धक्का देते हुए बोली,,)
चल ऐ हरामि,,,, मुफ्त का माल समझा है क्या जो हाथ लगा रहा है ,,,, मुझे सिर्फ हाथ लगाने के लिए ही कितने लोग तड़पते रहते हैं पता है तुझे और तू सीधा आकर मेरी गांड पर चपत लगा दिया,,,,, वह तो आज मेरा मूड थोड़ा अच्छा है वरना तेरा हाथ तोड़ कर तेरे पिछवाड़े में डाल देती,,,,
अरे अरे एक धंधे वाली होकर इस तरह की बातें कर रही है,, मुफ्त में नहीं पैसे देकर लूंगा तेरी,,,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मन ही मन मुस्कुरा रही थी,,,। और साथ में खाना भी बना रही थी संजीव ठीक उसके पीछे खड़ा था,, अपने बेटे की पैसे वाली बात सुनकर आराधना बोली)
Sanju or mohini
पैसे का रोब किसको झाडता है रे,,, मेरी टांगों के बीच नोट छापने की मशीन है समझा तेरे जैसे कितने आए और कितने गए,,,,
कितने भी आए हो लेकिन मेरे जैसा तूने आज तक नहीं देखी होगी,,, तेरी चूत में इतना दम नहीं है कि मेरे लंड को झेल सके,,, एक ही धक्के में तेरा पूरा पानी निकाल दूंगा,,,
अच्छा बड़ा नाज है तुझे अपने लंड पर तो मेरी भी चूत किसी से कम नहीं है समझा जाते ही अपनी चूत की गर्मी से तेरे लंड को पिघलाकर तेरा पानी निकाल दूंगी,,,,
ऐसी चूत वाली आज तक हुई नहीं जो मेरा लंड अपनी चूत में लेते ही मेरा पानी निकाल दो समझी जब तक मैं दो बार पानी में निकाल दूं तब तक मेरा खुद का पानी नहीं निकलता,,,
अच्छा यह बात है कितना बड़ा है तेरा,,,
देख कर लेगी क्या,,,, चल मेरे साथ तुझे पता चल जाएगा,,,
Mohini ekdam chudwasi hokar
2019 wrx sti quarter mile
कितना देगा,,,(अब आराधना पूरी तरह से मूड में आ चुकी थी इसलिए वह किचन के फ्लोर को पकड़कर उस पत्थर पर अपनी गांड दिखाकर संजू की तरफ मुंह करके खड़ी हो गई थी और हल्के हल्के अपनी कमर को हिला रही थी संजू तू अपनी मां का यह रूप देखकर पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और अपनी मां के सवाल का जवाब देते हुए बोला)
कितना लेगी बोलना तुझे चोदने के लिए मुंह मांगी कीमत दूंगा,,,
5000,,,,(कुछ सोचकर आराधना बोली तो संजू मुस्कुराता हुआ बोला)
तुझे मैं 10000 दूंगा लेकिन जब तक मेरा मन नहीं भरेगा तब तक तुझे जाने नहीं दूंगा,,,,
चल मंजूर है राजा,,,, मैं भी तो देखूं अपने लंड पर इतना घमंड करने वाले मैं कितना दम है,,,
बोल तो अभी दम दिखा दुंंं
अभी नहीं मौका आने दे तब दिखा देना,,,,
(ईस तरह के वार्तालाप से मां बेटे दोनों पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके थे आराधना तो सचमुच पर अपने आप को अपने बेटे के सामने रंडी समझने लगी थी,,, जो एक ग्राहक से मोलभाव कर रही थी,,, संजू मौके का फायदा उठाते हुए पूरी तरह से अपनी मां से एक ग्राहक की तरह ही बात कर रहा था मानो कि सचमुच में उसकी माय कर दिया जो अपना बदन बेच कर पैसे कम आती है इसलिए वह बोला,,)
अच्छा एक बात बता तेरी चूत पर बाल है कि नहीं,,,
(अपने बेटे की यह बात सुनकर आराधना का दिल जोरों से धड़क रहा था,,, फिर भी वह अपने बेटे को एक रंडी की तरह ही जवाब दी,,)
तुझे कैसी पसंद है,,,राजा,,,
एकदम चिकनी बाल का नाम तक ना हो क्रीम लगाकर साफ करके ही आना,,,
तू चिंता मत कर मेरे राजा क्रीम लगाकर एकदम चिकनी कर लूंगी और खुशबू वाला सेंट भी मार लूंगी ताकि तुझे चाटने में मजा आए,,,
हाय मेरी रानी मेरा तो मन अभी कर रहा है कि जीभ लगाकर चाट जाऊं,,,,
अभी तो हल्के हल्के बाल है तुझे मजा नहीं आएगा,,,,
(आराधना मुस्कुराते हुए बोली)
लंड डालकर देखु क्या,,,,
चल हरामी बिना पैसे का तुझे देखने भी नहीं दूंगी,,,
पैसे हैं मेरे पास मेरी जान,,,,,(अपनी मां की रंडी जैसी बातों को सुनकर संजू पूरी तरह से गर्म हो चुका था और उसे अपनी मां को चोदने का मन कर रहा था लेकिन वह जानता था कि मोहिनी किसी भी वक्त किचन में आ सकती थी इसीलिए वह अपने मन को काबू में रखा हुआ था इसलिए वह बोला) अच्छा एक बात बता,,, गेस्ट हाउस में तू चड्डी पहनकर चलेगी या बिना चड्डी के,,,
तुझे कैसा पसंद है मैं तो कहती हूं कि चड्डी पहन कर चलूंगी क्योंकि मैं जानती हूं तुम जैसे लड़कों को औरत की चड्डी उतारने में ज्यादा मजा आता है,,,
हाय मेरी जान कुछ ज्यादा ही अनुभव है तुझे तू तो मुझे मस्त कर देगी,,,, अच्छा तुझे कंडोम लगाकर पसंद है या बिना कंडोम के,,,
(अपने बेटे की इस बात पर आराधना एकदम से शर्म से पानी-पानी हो गई क्योंकि वह अपने बेटे से रोज चुदवाती थी लेकिन कंडोम का जिक्र बिल्कुल भी नहीं होता था दोनों के बीच लेकिन आज कंडोम का जिक्र होते ही आराधना के चेहरे पर शर्म की लालिमा छा गई थी लेकिन फिर भी वह हिम्मत जुटाकर अपने बेटे को जवाब दी,,)
नहीं रे कंडोम लगाकर ही करना तेरा क्या भरोसा तू तो मजा लेकर चला जाएगा लेकिन मुझे कुछ हो गया तो,,,
कुछ नहीं होगा मेरी जान,,,
अगर मैं पेट से हो गई तो,,,,(शर्म से पानी पानी होते हुए आराधना बोली)
कुछ नहीं होगा,,,, मुझ पर भरोसा रख लेकिन तुझे इतना मजा दूंगा कि तू मुझसे ही चुदवाएगी और वह भी बिना पैसे लिए,,,,,
चल वह तो देखा जाएगा,,,,(इतना कहकर आराधना फिर से खाना बनाने में लग गई लेकिन इस तरह की बातें करके उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी उसकी पेंटी में उसका काम रस टपक रहा था जिससे उसकी पेंटी पूरी तरह से उसके काम रस से गीली हो चुकी थी और संजू की भी हालत खराब हो चुकी थी उसका बस चलता तो इसी समय आराधना की चुदाई कर दिया होता लेकिन इस समय वह मोहिनी के कारण कुछ कर नहीं पा रहा था,,,,,
आखिरकार दोनों की तड़प और उत्सुकता खत्म होने का समय आ चुका था दोनों जिस दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे वह दिन मतलब कि रविवार आ चुका था और रविवार के दिन इत्तेफाक से आराधना का जन्मदिन भी था,,.।