माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था किचन में गरमा-गरम दृश्य परोसा जा रहा था मनीषा के सोच के विरुद्ध संजू पूरी तरह से अपनी मनमानी करने पर उतर आया था और जिस तरह के हालात नजर आ रहे थे ऐसे में मनीषा भी उसका साथ दे रही थी क्योंकि इस खेल में मनीषा को भी बराबर का मजा प्राप्त हो रहा था,,,, मनीषा अपने अंदर शर्म महसूस कर रहे थे लेकिन संजू अपनी सूझबूझ और अपनी हरकत की वजह से मनीषा के इस शर्म को पूरी तरह से दूर कर देना चाहता था,,, और उसके कहे अनुसार अपने मम्मी पापा की गैर हाजिरी में मनीषा और संजू दोनों को नग्न अवस्था में पूरे घर में रहना था इस बात को सोचकर ही मनीषा की चूत पानी छोड़ रही थी जो अपने कमरे में नंगी होकर इधर-उधर नहीं घूमती थी वह पूरे घर में एक जवान लड़के के साथ नंगी होकर कैसे घूमेगी इस बात को लेकर मनीषा के तन बदन में अजीब सी हलचल और उत्सुकता थी जिसके चलते वह भी संजू की बात मानने को तैयार हो गई थी,,,
Manisha apne kamre me

कमर के ऊपर तो पहले से ही संजू ने उसके कपड़े उतार कर उसे नंगी कर दिया था उसके संतरे नग्न अवस्था में और भी ज्यादा खूबसूरत नजर आ रहे थे बस कमर के नीचे नंगी होना बाकी था और वह काम मनीषा बखूबी निभा रही थी संजू किचन में मनीषा के ठीक पीछे खड़ा था दोनों के बीच तकरीबन 2 फीट की दूरी थी संजू की नजर उसकी नंगी चिकनी पीठ पर थी जो कि बेहद मखमल कि तारा बेहद मुलायम थी,,,,, मनीषा के दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि उसे अपने हाथों से नंगी होना था इसलिए वह अपनी सलवार की डोरी धीरे-धीरे खोल रही थी उसका दिल जोरों से धड़क रहा था बार-बार वह अपनी नजर को तिरछी करके संजू की तरफ देख रही थी संजू उसी को ही देख रहा था बेहद अजीब पल था मनीषा के लिए एक जवान लड़के की गैर हाजिरी में उसके सामने उसे अपने कपड़े उतार कर नंगी होना था,,,,, मनीषा को यह काम अपने हाथों से करने में शर्म महसूस हो रही थी जबकि यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि कुछ देर में ही वह पूरी तरह से नंगी होकर बिस्तर पर चुदाई का मजा लेने वाली है और वह भी उसी शख्स से जिसके सामने उसे शर्म महसूस हो रही है,,,,,
बदन में हलचल और उत्सुकता लिए मनीषा अपनी सलवार की डोरी को खोलकर कमर पर कसी हुई अपनी सलवार को ढीली कर ली और उसे दोनों हाथों से थाम ली वह अच्छी तरह से जानती थी कि सलवार को छोड़ते ही सलवार उसके नंगे पन को उजागर करके उसके कदमों में जा गिरेगी ऐसा करना जरूरी भी था क्योंकि संजू भी यही चाहता था लेकिन फिर भी शर्म का एहसास उसके तन बदन में अजीब सी लहर पैदा कर रहा था उसका चेहरा शर्म के मारे लाल टमाटर की तरह हो गया था कुछ देर तक मनीषा उसी तरह से अपनी सलवार को उंगलियों का सहारा देकर पकड़े हुए खड़ी रही तो संजू बोला,,,।
Manisha ki lene ki taiyari me sanju
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अरे अब उतारोगी भी या ऐसे ही खडी रहोगी,,,,
अरे उतार रही हुं ना,,,, तुम्हें बहुत जल्दी पड़ी है,,,
अरे क्यों नहीं तुम्हारे नंगे बदन की खूबसूरती को मैं जी भर कर देखना चाहता हूं,,,,
ऐसे कह रहे हो जैसे कि देखे नहीं हो,,,,
अरे तुम क्या जानो मनीषा औरत का शरीर होता ही ऐसा है कि चाहे जितनी बार उसे नंगी देखो,,,, मन भरता ही नहीं है हर बार एक अलग मजा एक अलग नशा लेकर दिल में उतर जाता है,,,।
(संजू की बातों को सुनकर मनीषा मन ही मन मुस्कुरा रही थी एक तरह से वह उसकी खूबसूरती की तारीफ ही कर रहा था,,,, संजू की बातें मनीषा के दिल में हलचल मचा रही थी वह भी जल्द से जल्द संजू की आंखों के सामने अब नंगी हो जाना चाहती थी वह भी इस अनुभव को पूरी तरह से जी लेना चाहती थी,,,, इसलिए एक संस्कारी नारी के अंदर की बेशर्म औरत को प्रदर्शित करते हुए वह अपनी सलवार को अपने दोनों हाथों की उंगलियों की पकड़ से आजाद कर दी और अगले ही पल उसकी खूबसूरत सलवार उसके खूबसूरत नंगे बदन को उजागर करते हुए सीधे जाकर उसके कदमों में गिर गया,,,,, संजू की आंखों के सामने मनीषा नंगी हो गई लेकिन उसके नंगे पन को पूरी तरह से लागू करने में अभी भी उसकी छोटी सी पेंटिं बाधा रुप बन रही थी,,,, लेकिन संजू की आंखों में एकदम से चमक आ गई मनीषा की उभरी हुई गांड बेहद खूबसूरत लग रही थी ट्यूबलाइट की रोशनी में एकदम गोरी चिकनी बेदाग गांड की खूबसूरती को देखकर संजू मन ही मन प्रसन्न हो रहा था लाल रंग की पेंटिं में उसकी खूबसूरत गांड और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी,,,, मनीषा की गांड की दोनों फांकों की दरार कुछ ज्यादा ही गहरी थी जोकि गांड की खूबसूरती को और भी ज्यादा निखार रही थी,,,, गांड की दरार में मनीषा की लाल रंग की पेंटी अंदर तक फंसी हुई थी जिसे देखकर संजू का लंड एकदम से टनटन आ गया था,,,,,
Manisha or sanju
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मनीषा का दिल जोरों से धड़क रहा था वह अपने दोनों हाथों को फिर से अपनी पेंटिं पर रखकर उसे उतारने ही वाली थी कि,,, संजू आगे बढ़ा और अपनी दोनों हथेली को मनीषा की गोल-गोल गांड पर रखकर उसे अपनी हथेली में कस के दबा दिया जिससे मनीषा के मुंह से आह निकल गई,,, संजू की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी वह मनीषा की कार को जोर-जोर से दोनों हाथों से दबाते हुए उसकी गर्दन पर अपने होंठ रख कर गरम गरम सांसे छोड़ रहा था और उस गरम गरम सांसो को अपनी गर्दन पर महसूस करके मनीषा की मलाई उसकी चूत से निकलकर बाहर आ रही थी,,,,, संजू पागलों की तरह दोनों हाथों से मनीषा की गांड पर चपत लगा रहा था जिससे मनीषा की गोरी गोरी गाल टमाटर की तरह लाल हो गई वैसे तो मनीषा को संजू के चपत से दर्द हो रहा था लेकिन उसे एक अद्भुत मजा भी आ रहा था और उसकी आंखों में नशा भी चाहा था पहली बार वह किसी मर्द के हाथों में अपने गोरे बदन को खूबसूरत बदन को सौंप रही थी वैसे तो दिन में ही वह अपने आप को संजू के हाथों में सौंप कर मस्त हो गई थी लेकिन आज पहला ही दिन था जब दूसरी बार वह अपना सर्वस्व संजू पर निछावर करने पर तैयार थी,,,, संजू भी इस मौके का पूरी तरह से फायदा उठाते हुए उसकी गांड पर चपत लगाते हुए बोला,,,,
Sanju or manisha

वाह मनीषा तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखा,,,,,, कसम से तुम्हारे बदन की खुशबू मुझे मदहोश कर रही है मेरा मन बिल्कुल भी काबू में नहीं है मन कर रहा है कि अपने लंड को तुम्हारी गांड में डाल दुं,,,,
(मनीषा संजू की हरकत और उसकी गरमा गरम बातों से पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी उसकी आंखों में 4 बोतलों का नशा छाने लगा था वह अपने आप के काबू में बिल्कुल भी नहीं थी इसलिए मदहोश होते हुए अपना हाथ पीछे की तरफ लाई और पेंट के ऊपर से ही संजू के लंड को पकड़ कर उसे जोर जोर से दबाने लगी यह देखकर संजू बहुत खुश होने लगा क्योंकि उसकी हरकत पूरी तरह से मनीषा को उसके व्यक्तित्व से बाहर लाने में मदद कर रहा था वह पूरी तरह से खुल रही थी अगर ऐसा ना होता तो वह अपने हाथ पीछे की तरफ लाकर उसके लंड को ना पकड़ती,,,,, संजू अब पीछे हटने वाला नहीं था,,,, देखते ही देखते संजू अपने दोनों हाथों को उसकी छाती पर रखकर उसके संतरो को दबा दबा कर उसका रस निचोड़ने लगा,,,।
Manisha or sanju

अपने मम्मी पापा के गैर हाजिरी में,,, मनीषा पूरी तरह से खुलकर संजू से मजा ले रही थी,,,,, वादे के मुताबिक मनीषा को अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी होना था लेकिन वह पैंटी उतार पाती इससे पहले ही संजू मनीषा की मदमस्त कर देने वाली गांड को देख कर पागल हो गया और उसी स्थिति में मनीषा के खूबसूरत बदन से खेलने लगा,,,,। चाय कबकी पक चुकी थी,,, लेकिन चाय को छोड़कर संजू अपनी अलग खिचड़ी पका रहा था वह अपनी पूरी हथेली में आ रही मनीषा की चूची को जोर जोर से दबाकर उसे टमाटर बना रहा था,,,, दूसरी तरफ मनीषा के तन बदन में चुदाई की लहर उठने लगी थी,,, वह पागल हुए जा रही थी उसे अपने बदन की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी खास करके चूत में जिस तरह की हलचल हो रही थी उसे मिटाने के लिए उसे संजू के मोटे तगड़े लंड की बेहद जरूरत थी इसीलिए तो वह पेंट के ऊपर से संजू के मोटे लंड को दबा दबा कर उसे और ज्यादा मजबूत बना रही थी और जब उससे रहा नहीं गया तो पेंट के अंदर धीरे से हाथ डालकर उसके नंगे लंड को पकड़ ली और ऐसा करने से मनीषा के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी वह पागल होने लगी वह पीछे की तरफ नजर घुमाकर संजू की तरफ देखने लगी तो संजू धीरे से अपने होठों को मनीषा के होंठ पर रखकर उसका रसपान करते हुए उसकी चूची का आनंद लेने लगा और मनीषा के द्वारा अपने लंड को दबाने का सुख भोगने लगा,,,,, मनीषा के बदन की गर्माहट और उसकी चाहत देखकर संजू समझ गया था कि अब उसे लंड की बेहद जरूरत है,,,, वह भी पागल हुआ जा रहा था उससे भी अब बर्दाश्त कर पाना मुश्किल था इसलिए उसने तुरंत मनीषा के कंधों को पकड़कर आगे की तरफ झुकाया और जैसे मनीषा की समझ गई कि अब संजू क्या करने वाला है इसलिए वह तुरंत किचन फ्लोर को पकड़ ली,,, और धीरे से अपनी गांड को संजू के सामने परोस दी संजू मनीषा की अद्भुत हरकत को देखकर पूरी तरह से पागल हो गया अब उससे बरदास कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हुआ जाना था इसलिए वह तुरंत मनीषा की चड्डी को दोनों हाथों से पकड़ा उसे खींच के नीचे कर दिया और मनीषा भी अपने पैरों का सहारा लेकर अपनी चड्डी को अपने पैर में से निकाल कर फिर से एक तरफ फेंक दी अब वह किचन के अंदर पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी वह पीछे नजर घुमा कर देखी तो अभी भी संजू कपड़े में ही था तो वह व्यंग भरी नजरों से संजू को ऊपर से नीचे की तरफ देखने लगी तो सं६ उसका इशारा समझ गया और अगले ही पल अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा हो गया किचन के अंदर अब दो जवान बदन एकदम नंगे होकर एक होने वाले थे संजू ने तुरंत मनीषा की कमर को दोनों हाथों से पकड़कर अपनी तरफ खींचा और उसकी गोल-गोल गांड को एकदम अपने लंड के सिधान पर कर लिया,,,, मनीषा का दिल जोरों से धड़क रहा था कुछ ही देर में उसकी चूत में मोटा लंड घुसने वाला था एक बार फिर से मनीषा उस पल को भोगना चाह रही थी जिस पल को और दोपहर में भोक चुकी थी,,,,।
Sanju k upar chadhi huyi manisha
मनीषा के बदन में कसमसाहट बढ़ने लगी और जैसे ही मनीषा ने संजू के लंड के सुपाड़े को अपनी गरम चूत पर महसूस की वह पूरी तरह से पानी पानी हो गई,,, उसकी चूत से काम रस का बुलबुला छूटने लगा और अगले ही पल संजू एक करारा झटका मारा और पूरा का पूरा लंड मनीषा की चूत में समा गया,,,,, दोपहर में ही संजू ने मनीषा की चूत में अपने लंड के लिए रास्ता बना लिया था इसलिए इस समय उसमें डालना में उसे बिल्कुल भी दिक्कत पेश नहीं हुई और बड़े आराम से वह सीधे मनीषा के बच्चेदानी में अपना स्पर्श कराकर उसे मदहोश कर दिया और फिर उसे चोदना शुरु कर दिया,,,, मनीषा के साथ से ऊपर नीचे होने लगी एक बार फिर से उसकी चूत की गरम दीवारें पानी छोड़ने लगी,,,, संजू के लंड को मनीषा अपनी चूत की गहराई तक महसूस कर रही थी और यह एहसास उसे पूरी तरह से मस्त कर रहा था वह संजू से मजा लूट रही थी,,,,
SAnju or Manish ghar me ekdam nange

आहहह आहहहह आहहहह संजू बहुत मजा आ रहा है,,आहहहह आहहहह बहुत मोटा है तुम्हारा,,,
फिर भी तो बड़े आराम से ले रही हो,,,,(संजू गहरी गहरी सांस लेता हुआ बोला)
हां तुम सच कह रहे हो तुम्हारा देखकर तो मैं घबरा गई थी मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरे छोटे से छेद में चला जाएगा लेकिन तुमने बिना चोट पहुंचाए मुझे बहुत मजा ले रहे हो,,,,
अभी तो शुरुआत है पूरी रात अभी बाकी है मेरी जानू,,,
आहहहह आहहहह संजू आहहह आहहहह ,,,,
(मनीषा मस्ती के सागर में गोते लगाते हुए गरमा गरम सिसकारियां ले रही थी पूरा कमरा उसकी गर्म सिसकाकीयो से गूंज रहा था लेकिन उसकी मादक सिसकारियां को सुनने के लिए वहां पर संजू के सिवा और कोई नहीं था,,,, संजू का लंड बड़े रफ्तार से मनीषा की चूत के अंदर बाहर हो रहा था,,,,,,, मनीषा का चेहरा बता रहा था कि उसे कितना मजा मिल रहा है,,,, अभी तक उसने किसी भी मर्द को अपने बदन को छूने तक नहीं देखे लेकिन संजू को देखते ही उसके आकर्षण में इस कदर वह खो गई थी कि मन ही मन था निकली थी कि अपना सर्वस्व संजू को सौंप देगी और अपने वादे को पूरा करते हुए आज वह अपनी बेशकीमती खजाने को अपनी मदमस्त कर देने वाली गुलाबी चूत को संजू को परोस दी थी और संजू भी मनीषा को खुश करता हुआ उसके लिए खिलौने से जी भर कर खेल रहा था,,,,,
Manisha Sanju k lund se khelti huyi

कुछ देर तक घमासान चुदाई करने के बाद दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और देखते ही देखते दोनों झड़ गए,,,,, थोड़ी ही देर में संजू ने धीरे से अपने लंड को मनीषा की चूत से बाहर निकाला तो उस पर मनीषा की चूत का काम रस लगा हुआ था जो कि उसके लंड से नीचे फर्श पर टपक रहा था जिसे देखकर मनीषा शरमा गई थी,,,,,
चाय तो ठंडी हो गई,,,(शर्म के मारे मनीषा संजू की तरफ देखे बिना ही बोली)
फिर से गर्म कर दो उसके बाद खाना खाते हैं,,,,
ठीक है तुम बाहर जाओ मैं लेकर आती हूं,,,
क्या मनीषा अभी भी शर्मा रही हो,,,
Sanju or manisha
तुम जाओ संजू,,,,(मनीषा मुस्कुराते हुए बोली तो संजू की मुस्कुराकर किचन से बाहर चला गया,,,,, मनीषा को अभी भी सब कुछ सपना सा लग रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे वह बेहद खूबसूरत ख्वाब देख रही हो क्योंकि जो कुछ भी हो रहा था वह कल्पना से बिल्कुल परे था वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी की चुदाई में इतना जबरदस्त सुख मिलता है,,,, वरना वह कब से संजु के साथ चुदाई का मजा ले ली होती,,, हालांकि इतना तो उसे पता ही था कि चोदने चुदवाने में बहुत मजा आता है लेकिन इस कदर आनंद आता है वह कभी सोची नहीं थी,,,, नीचे फर्श पर नजर गई तो उस पर उसके कपड़े भी करे पड़े थे उसकी पेंटी भी एक कोने में पड़ी हुई थी जिसे देखकर वह मुस्कुराने लगी,,,, थोड़ी देर में वह दो कप में चाय लेकर नंगी ही संजू के पास गई और धीरे से शर्माते संकोचाते हुए सोफे पर बैठ गई और संजू को चाय थमा दी,,,दोनों चाय की चुस्की लेने लगे,,, संजू भी पूरी तरह से नंगा था उसका लंड ढीला होने के बावजूद भी बहुत ही मोटा लग रहा था बार-बार मनीषा की नजर उसके लंड पर चले जा रही थी और चाय पीने के दौरान भी मनीषा के नंगे बदन को देख रहा था,,,,,
Sanju or manisha

थोड़ी देर में मनीषा खाली कब लेकर अपनी जगह से उठी और किचन की तरफ आगे बढ़ गई उसे शर्म तो बहुत आ रही थी लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था गोरी गोरी गांड पानी भरे गुब्बारे की तरह आपस में रगड़ खाते हुए इधर-उधर हो रही थी जिसे देख कर संजू के तन बदन में आग लग रही थी,,,,, मनीषा खाली कब को धोकर बाथरूम में चली गई और पेशाब करने लगी,,,, पेशाब करने के बाद बड़े अच्छे से अपनी चूत को साबुन लगाकर साफ की और टावल से पोछकर नंगी ही बाथरूम से बाहर आ गई,,,, देखते ही देखते 10:00 बज गए थे,,,, मनीषा खाना लगा रही थी और समझो वही कुर्सी पर बैठकर मनीषा के नंगे बदन को देख रहा था नंगी होने के बाद मनीषा स्वर्ग से उतरी अप्सरा नजर आ रही थी बेहद खूबसूरत घटिला और कसेला बदन,,,, और उसकी खूबसूरती बढ़ा रही है उसकी संतरे जैसी चूचियां सब कुछ उसे और भी ज्यादा खूबसूरत बना रही थी संजू उसे ही देखे जा रहा था,,, मनीषा खाना परोस रही थी और आगे से उसकी मदमस्त कर देने वाली संतरे जैसी चूचियां बहुत खूबसूरत लग रही थी जिससे जी भर कर खेलने के बाद भी संजू की प्यास बुझी नही थी इसलिए वह डाइनिंग टेबल पर दोनों हाथ की कोहनी को रखकर उसकी चूची की तरफ देखते हुए बोला,,,)
मनीषा तुम्हारी चूची देख कर ही प्यास बढ़ जाती है,,,,
क्या तुम्हें इतनी अच्छी लगती है,,,(खाना परोस ते हुए मुस्कुराकर मनीषा बोली)
मुझे तो बहुत अच्छी लगती है,,,
लेकिन मेरी तो बड़ी-बड़ी भी नहीं है फिर कैसे अच्छी लगती है और मैंने तो सुनी होगी लड़कों को बड़ी-बड़ी चूचियां पसंद है,,,,,(यह पहला मौका था जब मनीषा अपने मुंह से चूची शब्द बोल रही थी और मनीषा के मुंह से चूची शब्द सुनकर संजू का लंड तनने लगा,,)
हां ऐसा है लेकिन सबको नहीं सबकी पसंद अलग-अलग है,,,,
तुम्हें कैसी पसंद है,,,?

मुझे तो तुम्हारी पसंद है,,,,, संतरे जैसी गोल-गोल हथेली में भी पूरी तरह से आ जाती है,,,, सच मनीषा तुम्हारी चूची दबाने में बहुत मजा आ रहा था और पीने में तो पूछो मत,,,,आहहहह,,,,
चलोअब रहने दो चाहे जितना भी मजा ले लोगे लेकिन जी नहीं भरने वाला,,,, देख नहीं रहे हो मार मार कर एकदम (अपनी चूत की तरफ नजर से इशारा करके जो कि डाइनिंग टेबल के ऊपर इस अदा पर एकदम साफ नजर आ रही थी) सुजा दीए हो,,,,
(मनीषा के मुंह से इतना सुनकर और उसकी अदा देख कर संजू पूरी तरह से मस्त हो गया उसके लंड की एठन बढ़ने लगी,,,, और वह पागलों की तरह मनीषा की चूत की तरफ देखे जा रहा था,,,, और बोला)

यह तो मेरा प्यार है मेरी रानी अभी तो पूरा खेल बाकी है,,,
चलो रहने दो अब यह खेल में नहीं खेलने वाली,,,,
यह खेल तुम क्या तुम्हारी मां भी,,,(इतना कहने के साथ ही संजू एकदम से रुक गया और घबराहट भरे स्वर में बोला)
सससस सॉरी मनीषा मेरे मुंह से अचानक ही निकल गया,,,
(संजू के मुंह से अपनी मां का जिक्र सुनकर मनीषा पहले तो हैरानी से उसे देखती रहेगी लेकिन जब उसे इस बात का एहसास हुआ कि गलती से उसके मुंह से निकल गया है तो वह मुस्कुरा दी और कोई बात नहीं बोलकर बात को टाल दी,,,, यह बात मनीषा बिल्कुल भी नहीं जानती थी कि संजू उसकी मां को पहले ही चोद चुका है और आए दिन मौका देख कर उसकी मां खुद अपनी चूत उसके आगे परोस देती है,,,, थोड़ी ही देर में होटल से लाया हुआ खाना प्लेट में सजाकर वह भी डाइनिंग टेबल पर खाना खाने के लिए बैठ गई थी दोनों पूरी तरह से नंगी तैयार जिंदगी में पहली बार संजू भी और मनीषा भी नंगे ही कमरे में रहने का अद्भुत सुख को भोग रहे थे और सच कहा जाए तो इस अवस्था में दोनों को बेहद आनंद प्राप्त हो रहा था थोड़ी देर में दोनों खाना खाकर कमरे में चले गए क्योंकि मनीषा के साथ-साथ संजू भी नहीं चाहता था कि उन दोनों का समय बेकार में व्यर्थ हो,,,,,
बिस्तर पर सांचौर मनीषा दोनों संपूर्ण अवस्था में थे कपड़े उतारने की जय मत दोनों में से किसी को नहीं करनी थी दोनों के अंग साफ नजर आ रहे थे संजू का लंड तो लगातार अपनी औकात में ही खड़ा था जिसे देखकर मनीषा भी हैरान रह जा रही थी लेकिन इस बात की खुशी उसके मन में हो रही थी कि आखिरकार संजू का लंड खड़ा भी तो उसकी चूत की सेवा करने के लिए ही है जो कि इस समय उसकी चूत बहुत सेवा मांग रही थी,,,,, बिस्तर पर पेट के बल मनीषा लेटी हुई थी और संजू बिस्तर पर घुटनों के बल आगे बढ़ते हुए उसकी दोनों गांड की आंखों को दोनों हाथों में पकड़ कर दबाते भी उस पर चुंबन की बौछार कर दिया जिससे मनीषा के तन बदन में सावन की फुहार फूटने लगी वह मदहोश होने लगी और अगले ही पल संजू उसे पीठ के बल लिटा कर उसकी दोनों टांगों को चौड़ी करके उसकी चूत को चाटने शुरू कर दिया,,,, मनीषा मदहोश हुए जा रही थी उसकी आंखों में खुमारी छा रही थी,,, संजू अपने अनुभव से और हरकत से मनीषा को एक बार फिर से स्वर्ग का सुख दे रहा था मनीषा बिस्तर पर मछली की तरह तड़प रही थी थोड़ी ही देर में संजू अपने अद्भुत आसन का करामत दिखाते हुए उसकी दोनों टांगों के बीच जमा रहा और अपने लंड को मनीषा के होठों पर रगड़ने लगा और अगले ही पल मनीषा अपने लाल-लाल होठों को खोल कर संजू के लंड को अपने मुंह में ले लिया और चूसने शुरू कर दी एक साथ दो-दो काम हो रहे थे दोनों एक दूसरे के अंगों को चाट रहे थे दोनों के बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी दोनों वासना के तूफान में फंसते चले जा रहे थे,,,,
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संजू पर खुद का संयम था इसलिए वह खुद को संभाले हुए था लेकिन मनीषा की हालत खराब होती जा रही थी वह जल्द से जल्द संजू के लंड को अपनी चूत में ले लेना चाहती थी इसलिए वह खुद ही बोली,,,।
अब हम से बर्दाश्त नहीं हो रहा है संजू जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो,,,
(पहली बार मनीषा अपनी तड़प को अपने शब्दों में दर्शा रही थी जिसे सुनकर संजू से भी रहा नहीं गया और वह तुरंत उसकी दोनों टांगों को फैला कर उसकी गुलाबी छेद में समा गया और धक्का लगाना शुरू कर दिया,,,, संजू मनीषा को चोदना शुरु कर दिया था और हर धक्के के साथ मनीषा की आह निकल जा रही थी,,,, संजू के धक्के इतने करारे थे कि पलंग चरर मरर कर रही थी,,,,

,, दोनों चचेरे भाई बहन रात भर मजा लेते रहे,,,, मनीषा को थक कर चूर हो गई थी लेकिन संजू ना तो वरना उसे सोने दिया घर में ऐसा कोई कोना नहीं था जहां पर समझूं मनीषा को ले जाकर उसकी चुदाई ना किया हो किचन से लेकर के बाथरूम टॉयलेट पोट कर वीडियो पर बिस्तर पर कमरे के बाहर कुर्सी पर रात के 3:00 बजे तो वह मनीषा को गोद में उठाए हुए छत पर लेकर गया और छत पर पूरी तरह से अंधेरा होने पर उसका भरपूर फायदा उठाते हुए आसमान के नीचे खुले में उसकी जी भर कर चुदाई किया,,,, और फिर सुबह 6:00 दोनों नहा धोकर तैयार हो गए और नाश्ता करके अपने अपने कॉलेज के लिए भी चले गए,,,,
