मोहिनी का दिल बड़े जोरों से धड़क रहा था वह अपने कमरे से निकलकर अपनी मां के कमरे के बाहर खड़ी हो गई थी संजू ने बड़ी चालाकी से दरवाजे को बंद तो कर दिया था लेकिन उसकी कड़ी नहीं लगाया था दरवाजा पूरी तरह से खुला छोड़ रखा था,,,, क्योंकि एक तरह से खुला दरवाजा अपनी बहन के लिए आमंत्रण था कि वह किसी भी वक्त मौका देखकर अंदर आ सकती है,,,,, संजू के दोनों हाथ में घी के लड्डू थे जिससे वह अपनी भूख मिटा रहा था,,, दरवाजे को खुला छोड़ने में संजू का दील भी बड़े जोरों से धड़क रहा था,,,,,, क्योंकि उसे इस बात का अहसास हो चुका था कि अद्भुत आनंद प्राप्त होने वाला है,,,,।
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हर दिन की तरह आज भी आराधना की आंखों में नींद नहीं थी उसे अपनी बेटी का नशा हो गया था उसके मर्दाना अंग को अपने अंदर लेकर जो अद्भुत मदहोशी का वह एहसास करती थी उस एहसास में वह पूरी तरह से डूब चुकी थी और वह उस एहसास में रोज जीना चाहती थी इसीलिए तो आज भी वह जाग रही थी,,, दरवाजे की खुलने की आवाज से ही उसकी चूत में थइरकन होने लगती थी,,, उसकी चूत भी अपने साजन से मिलने की राह देखती रहती थी और जैसे ही दरवाजा खोलने की आवाज होती थी उसकी चूत एकदम खुशी के मारे फुदकने लगती थी,,,,,,,, दरवाजा बंद होने की आवाज सुनते ही बिस्तर पर लेटी हुई आराधना सर उठाकर संजू की तरफ देखने लगी उसके होठों पर मादक मुस्कान थी,,,, औरतों की मुस्कान की भी एक अलग कहानी होती है मुस्कान भी अलग अलग तरीके की होती है,,,, किसी परिचित से मिलने की अलग मुस्कान किसी खास से मिलने की अलग मुस्कान किसी जगह पर पहुंच जाने की अलग मुस्कान और ऐसे शख्स को देखकर जिसके साथ शारीरिक संबंध बनाना है औरत की मुस्कान कुछ अलग ही किस्म की हो जाती है उसकी मुस्कान देख कर ही मर्द का लंड खड़ा हो जाए कुछ ऐसा ही संजू भी महसूस कर रहा था अपनी मां के लाल लाल होठों को देखकर और उसे मुस्कुराता हुआ देखकर संजू के लंड में हरकत होने लगी,,,,,,, वह अपनी मां के बिस्तर की तरफ आगे बढ़ते हुए बोला,,,,।
हाय मेरी जान तेरी आंखों में नींद नजर ही नहीं आती,,,
कैसे आएगी मेरे राजा तेरा इंतजार जो करती रहती है,,,
तू मेरी रानी इंतजार खत्म हुआ,,,, देख तेरा सैयां तेरे सामने खड़ा है,,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मुस्कुराने लगी और दरवाजे के पीछे खड़ी मोहिनी दरवाजे की पतली दरार में से इस अदभुत मिलन और उन दोनों की कामलीला से भरपूर बातों को सुनकर मदहोश हुए जा रही थी,,,, वह मौके की तलाश में थी मौका मिलते ही वह कमरे में प्रवेश कर जाने वाली थी और फिर सारी बाजी अपने हाथ में लेकर एक अद्भुत काम क्रीड़ा को अंजाम देने वाली थी,,,,, आराधना अपने बेटे के लंड से पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी उसके आकर्षण में पूरी तरह से खो चुकी थी इसलिए बिस्तर के करीब आते ही वह संजू के पैजामा को दोनों हाथों से पकड़ कर तुरंत नीचे कर दी और अपने बेटे के टनटनाए लंड को देखकर मुस्कुराने लगी,,, और अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के बमपिलाट लंड को अपने हथेली में भरते हुए बोली,,,,)
देख तो तेरा लंड कितना पागल हुआ जा रहा है मेरी चूत से मिलने के लिए,,,,
फिर देर किस बात की है मम्मी मिला दो अपनी चूत से और गर्म कर दो मेरे लंड को ताकि अंदर का जमाना बा पूरी तरह से पिघल कर तुम्हारी चूत को भर दे,,,,
ऐसा ही होगा मेरे बेटे लेकिन पहले तेरे लंड से खेलने तो दे,,,ऊममममम,,,(लंड के आलूबुखारे जैसे मोटे सुपाडे को अपनी गाल पर रगडते हुए,,,)आहहहहहह कितना गर्म है रे तेरे लंड की गर्मी से तो मेरी चूत पिघल रही है,,,,,।
इसका काम ही यही है मम्मी औरतों की चूत को पिघलाना,,, और अगर ऐसा ना कर पाया तो लंड किस बात का,,,
सच कह रहा है तू बेटे लंड का काम यही होता है हम औरतों को मस्त कर देना जैसा कि तू कर रहा है,,,,ससहहहहह आहहहहह (लंड के मोटे सुपाड़े को अपने लाल-लाल होठों पर रगडते हुए,,,)
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा मम्मी इसे अंदर ले लो,,,(मदहोश होता हुआ संजू बोला)
बर्दाश्त तो मुझसे भी नहीं हो रहा है मेरे बेटे तेरा सांड जैसा लंड मुझे पागल बना रहा है,,,,
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अगर ऐसा है तो सीधे अपनी चूत में ही ले लो,,,
नहीं मेरे राजा जल्दबाजी में मजा नहीं आता है मजा तो धीरे-धीरे आता है जैसे कि शराब का नशा और सच कहूं तो तेरे से चुदवाने में जो मजा जो नशा चाहता है मैंने तो कभी आज तक इस तरह की कल्पना भी नहीं की थी तेरे साथ मुझे बहुत मजा आता है,,,,
मुझे भी बहुत मजा आता है मम्मी,,,,,
आहहहहहहहह,,,,(इतना कहना था कि संजू के मुंह से आह निकल गई क्यों की आराधना तुरंत अपने बेटे के लंड को उसके सुपाड़े को मुंह में भर ली थी,,,,, दोनों की इस कामलीला को देखकर दरवाजे के बाहर खड़ी मोहिनी बेसब्र हुए जा रही थी उसे सब्र कर पाना मुश्किल हुआ जा रहा था लेकिन अभी भी वह मौके की तलाश में थी,,,, वह अपने भाई और अपनी मां की कामलीला को थोड़ा और निहारना चाहती थी और उसे देखकर गर्म हो जाना चाहती थी वैसे तो इस समय भी मोहिनी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी उसकी चूत से काम रस टपक रहा था,,,,, मोहिनी को दरवाजे की पत्नी दरार में से अंदर का नजारा एकदम साफ नजर आ रहा था कि मैं की आंतरिक लाइट जल रही थी ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में उसकी मां और उसका बड़ा भाई दोनों कामलीला में तल्लीन हो चुके थे मोहिनी साफ तौर पर देख पा रही थी कि उसकी मां की हरकत उसके भाई को कितना मदहोश कर रही थी संजू की आंखें पूरी तरह से बंद हो चुकी थी,,,, उसका एक हाथ कमर पर था दूसरा हाथ आराधना के सर पर और धीरे-धीरे वह अपनी कमर को हीला भी रहा था बेहद अद्भुत और कामोत्तेजना से भरपूर इस नजारे को देखकर मोहिनी सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत को रगड़ रही थी,,,,,,, मोहिनी की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी हालांकि इस तरह के सुख को वह भी रोज भोगती थी लेकिन अपनी आंखों के सामने अपनी मां को इस हाल में देख कर,,,, वैसे तो वह अब रोज ही अपनी मां को इस हाल में देखती ही थी लेकिन आज की बात कुछ और थी आज वह खुद इस खेल में सहभागी होने वाली थी इसलिए उसके बदन में कुछ अजीब सी हलचल हो रही थी,,,,

देखते ही देखते आराधना अपने बेटे के मुंह से जैसे लंड को पूरा गले तक उतार ली थी और कुछ सेकेंड तक उसे अंदर ले कर,,,गगगगगगग,,गहगगगगग जैसी कामुक आवाज अपने मुंह से निकालकर लंड को बाहर कर दे रही थी,,,, लंड जैसे कि मुंह से बाहर आता था एकदम देखने लायक हो जाता था क्योंकि आराधना अपने थुक और लार से उसे पूरी तरह से गिला कर देती थी जो कि उसके लंड से टपकता था,,, और अपने भाई के लंड को इस हाल में देखकर मोहिनी की चूत में पानी आ जाता था,,,।
कमरे के अंदर का माहौल पूरी तरह से गरमा गया था ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था आराधना को इस बात का अहसास तक नहीं था कि दरवाजे के पीछे से उसकी बेटी उसकी कामलीला को अपनी आंखों से देख कर मस्त हो रही है,,,,,, संजू अपनी कमर को होले होले से हिलाता हुआ अपने दोनों हाथों का सहारा लेकर अपनी टीशर्ट को निकाल कर फेंक दिया उसकी मजबूत चौड़ी छाती देखकर मोहिनी के मुंह में हमेशा पानी आ जाता था क्योंकि जब भी वह अपने भाई के नंगे छाती को देखती थी तब तब उसे अपने पूरे वजूद को अपने भाई की छाती में समा लेने का मन करता था,,,,, एक तरफ आराधना अभी भी पूरी तरह से अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर उसे पूरी तरह से गर्म करने में लगी हुई थी और दूसरी तरफ संजू थोड़ा सा नीचे झुक कर अपनी मां की साड़ी को पैरों से ऊपर की तरफ उठा रहा था और देखते ही देखते संजू की मेहनत रंग लाने लगी और साड़ी धीरे-धीरे उसकी जांघों तक आ गई जानू के नीचे तक हुआ बेशुमार खूबसूरती से भरी हुई थी कोई अनजान मर्द अगर केवल इतना भर देख ले तो भी उसका लंड पानी फेंक दें इस कदर आराधना गदराई जवानी से भरी हुई थी,,,,,,, दूसरे मर्दों की तो छोड़ो अपनी मां की गोरी गोरी मोटी जांघों को देखकर खुद समझो का मन ललचा रहा था और वह गर्म आह भरते हुए अपनी मां की मोटी मोटी जांघों को अपनी हथेली से सहला रहा था,,,,।
सहहहरह आहहहहह,,,, मम्मी तुम्हारी जांघें कितनी खूबसूरत है,,,, मन करता है अपने लंड को तुम्हारी गोरी गोरी जांघों पर रगडता रहूं,,,,,ऊफफ,,,,,,,(कस के अपनी मां की जान को अपनी हथेली में भरते हुए) जी करता है खा जाऊं,,,,,,
(अपने बेटे की बातों का उसकी हरकत का आराधना पर भी असर पड़ रहा था वह पागलों की तरह अपने मुंह को आगे पीछे करके अपने बेटे के लंड को अपने मुंह से ही हस्तमैथुन वाला मजा दे रही थी,,,,,,, जिससे रह-रहकर संजू के मुंह से गर्म सिसकारी फूट पड़ती थी,,,, कुछ देर तक आराधना इसी तरह से अपने बेटे के लंड का मजा लूटती रही लेकिन अब वह भी खुल जाना चाहती थी क्योंकि जिस खेल को वह खेल रही थी उस खेल को खेलने में उसके बदन के वस्त्र बाधा रूप बन रहे थे और वह अपने इस बाधा को दूर कर देना चाहती है इसलिए अपने बेटे के लंड को अपने मुंह से बाहर निकाल कर वहां धीरे से बिस्तर पर बैठ गई हो खुद ही अपने ब्लाउज का बटन खोलने लगी,,,, यह देखकर मोहिनी अपने मन में बोली,,,

साली मम्मी कितनी छिनार है दोपहर में तो दुनिया के सामने मेरे सामने कितनी सीधी-सादी बनी रहती है और रात को पूरी तरह से रंडी बन जाती है देखो तो सही कैसे उतावली हुए जा रही है अपने हाथ से अपने ब्लाउज का बटन खोल रही है,,,,,(एक तरफ आराधना अपने ब्लाउज के बटन खोल रही थी तो दूसरी तरफ जांघों पर अटकी हुई अपने पजामे को तेरे से अपने पैरों से निकाल कर नीचे फेंक दिया अब वह अपनी मां की आंखों के सामने पूरी तरह से नंगा हो गया था उसका मोटा तगड़ा लंबा लंड आराधना के ठोक और लार में डूब कर और भी ज्यादा भयंकर और मजबूत लगने लगा था,,,, संजू अपनी मां की तरफ देख रहा था वह अपने ब्लाउज के आखिरी बटन को खोल रही थी लेकिन उत्तेजना बस खोल नहीं पा रही थी तो संजू आगे बढ़ता हुआ बोला,,,)
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हाय मेरी रानी यह काम तो मेरे ऊपर छोड़ दो तुम्हारे बदन से कपड़े उतार कर नंगी करना मेरा काम है तुम्हारा नहीं,,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां के ब्लाउज के आखिरी बटन पर रखकर अपनी उंगलियों के सहारे से खोलने लगा,,,, और आराधना अपने बेटे के खड़े लंड को हाथ में लेकर उसे मुठियाने लगी मानो कि जैसे अपनी चूत में लेने से पहले उसमें धार दे रही हो,,,,, देखते-देखते संजू अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खून कर उसके ब्लाउज को उसकी बांहों से निकालकर अलग कर दिया,,,,, लेकिन अभी भी छातियों की शोभा बढ़ा रहे दोनों खरबूजा लाल रंग की ब्रा के पर्दे में छिपे हुए थे और बाहर आने के लिए आतुर नजर आ रहे थे,,,,, संजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां के पेट की तरफ ले जाते हुए बोला,,,)

कसम से मम्मी लाल रंग की ब्रा में तुम्हारी गोरी गोरी चूचीयां बहुत खूबसूरत लगती है मेरा तो मन नहीं करता पूरा उतारने का,,,
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तो उतार क्यों रहा है,,,(लंड की जड़ को अपनी उंगलियों के सहारे पकड़कर हिलाते हुए बोली)
क्या करु मम्मी मजबूर हूं तुम्हारी चूचियों को दबा दबा कर मुंह में लेकर पीने में मजा बहुत आता है,,,,(ब्रा के हुक को खोल कर अपनी मां की बाहों में से उसे निकालते हुए) तुम्हारी जैसी खूबसूरत चूची मैंने आज तक नहीं देखा एकदम कसी हुई तनी हुई खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी,,,, सच में ईन्५ पीने का मजा ही कुछ और है,,,(ब्रा को उतारकर बिस्तर के नीचे फेंकते हुए,,,,, और फिर अपनी मां की नंगी चूची को दोनों हाथों से पकड़कर उसे जोर-जोर से दबाते हुए खुद अपनी मां के ऊपर चढ़ने लगा और आराधना देखते ही देखते पीठ के बल बिस्तर पर लेट गई और संजू नंगा ही अपनी मां की कमर के इर्द-गिर्द अपने पैर के घुटने रखकर अपनी मां के ऊपर बैठ गया और उसकी छाती को दोनों हाथों से पकड़कर झकझोर ने लगा,,,,,
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आराधना को अपने बेटे के बेदर्दी बनने में भी बहुत मजा आ रहा था संजू पागलों की तरह अपनी मां की चूची को दशहरी आम समझकर जोर जोर से दबा रहा था और आराधना गरमा गरम सिसकारी ले रही थी संजू इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि दरवाजे पर खड़ी उसकी बहन सब कुछ देख रही है और इस बात का एहसास भी उसे अच्छी तरह से ताकि उसकी बहन भी पूरी तरह से चुदवासी हो गई है और यह सोचकर तो उसका लंड और भी ज्यादा कड़क हो गया कि एक साथ दो दो चूत में अपना लंड डालेगा,,,,,
apne bete k intejar me aradhna
आराधना पागल हुए जा रही थी एक तरफ संजू इस तन मन धन से अपनी मां को पूरी तरह से मस्त किए हुए थे और दूसरी तरफ से अपने लंड के सहारे उसकी गर्मी को और ज्यादा बढ़ा रहा था क्योंकि जिस तरह से समझो उसके ऊपर बैठा हुआ था उसका लंड पूरी तरह से नाभि से लेकर के उसकी चूची तक अपना असर दिखा रहा था जिसे बार-बार आराधना अपने हाथ में लेकर पकड़ ले रही थी,,,, संजू से अपनी मां की जवानी बर्दाश्त नहीं हो रही थी और वह स्तन मर्दन के साथ-साथ स्तन चूसाई का भी मजा लेने लगा वह नीचे झुका और अपनी मां की चूची को मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया खासकर के चूची की शोभा बढ़ा रहे उसके भूरे रंग के खजूर को पूरी तरह से मुंह में लेकर खींच खींच कर पीना शुरु कर दिया मानो कि जैसे उस में से दूध निकल रहा हो,,,,, और आराधना मस्ती के सागर में गोते लगाने लगी,,,,।
Aradhna apne baalo ko sawarte huye ekdam nangi

सहहहह आहहहहह मेरे राजा मेरा संजू बेटा बहुत मजा दे रहा है तू जोर जोर से पी,,,आहहहहह आहहहहहहहह,,,
(आराधना बिस्तर पर मछली की तरह तड़प रही थी और संजू अपनी मां की तरफ देखकर पूरी तरह से जोश में आ चुका था,,,,, कमर के ऊपर नंगी हो चुकी आराधना कमर के नीचे अभी भी वस्त्रों में थी और कुछ देर तक संजू अपनी मां की चूची से खेलने के बाद अपनी मां को नंगी करने के उद्देश्य से उसके ऊपर से उठा और उसके कमर में ठुशी हुई साड़ी की गांठ को खोलने लगा,,,,
दरवाजे पर खड़ी मोहिनी इस गरमा गरम नजारे को देखकर पूरी तरह से गिली हुई जा रही थी उसकी जवानी रस छोड़ रही थी,,,, मोहिनी को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह पागल हुए जा रही थी दरवाजे पर खड़े होकर अंदर के गरमा गरम दृश्य को देखना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था,,,, वह भी इस काम दिला के खेल में भाग लेना चाहती थी मजा लेना चाहती थी अपनी मां के साथ मिलकर जवान लंड से चुदवाना चाहती थी,,,, लेकिन अभी भी ना जाने क्या सोचकर उसके कदम दरवाजे पर ही जमे रह गए थे और बंदर के दिल से को अपनी आंखों से देख कर पागल हो जा रही थी,,,,, संजू बिस्तर के नीचे खड़ा हो चुका था उसकी मां भी भी पेट के बल लेटी हुई थी और अपने बेटे की क्रिया कलाप को देख रही थी और अंदर ही अंदर उत्तेजित हो रही थी क्योंकि उसका बेटा उसकी साड़ी को खोल रहा था,,,, एक औरत के लिए यह पल बेहद उत्तेजना आत्मक या तो शर्मनाक होता है शर्मनाक इसलिए कि अगर उसकी साड़ी को कोई गैर इंसान जिसे वह जानती ना हो पहचानती ना हो और वह उसकी सारी खोल रहा हो तो ऐसी औरतों को शर्मिंदगी का अहसास होता है लेकिन उसी औरत के परिचित जिसके साथ वह खुल चुकी है शारीरिक संबंध बना चुकी है ऐसा शख्स जब उस औरत की साड़ी को खोलता है तो उसके एवज में उसकी खुद की चूत पानी छोड़ने लगती है आनंद के मारे और यही आराधना के साथ भी हो रहा था और पूरी तरह से गीली हो चुकी थी उसकी पूरी संपूर्ण चुत चिपचिपा हो गया था,,,,।
Aradhna panty badalte huye

संजू अपनी उंगलियों की फुर्ती दिखाते हुए अपनी मां की साड़ी खोलकर उसे कमर से अलग करने लगा था और देखते ही देखते संजू अपनी मां की साड़ी उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दिया था उसकी आंखों के सामने उसकी खूबसूरत मां पेटीकोट में थी जिसमें वह बला की खूबसूरत लग रही थी लेकिन जल्द से जल्द संजू अपनी मां को संपूर्ण रूप से नंगी कर देना चाहता था क्योंकि वह जानता था नंगी होने पर उसकी मां स्वर्ग से उतरी अप्सरा से कम नहीं लगती,,,,, इसलिए वह तुरंत ही अपनी मां के पेटीकोट की दूरी पर अपना हाथ रख दिया और उसे खोलने की तैयारी में ही था कि उसके हाथ को पकड़कर इशारों में ही उसकी मां उसे रोकने लगी संजू ऐसे तो रुकने वाला नहीं था लेकिन अपनी मां की आंखों में उसे 4 बोतलों का नशा नजर आ रहा था मदहोशी से भरी हुई आंखें संजू को अपने अंदर डूब के लिए चली जा रही थी संजू अपनी मां की कारी कजरारी आंखों में पूरी तरह से खो गया,,,, आराधना का चेहरा उत्तेजना से तमतमा रहा था इस समय वह काम की देवी तक रही थी पूरी तरह से उत्तेजना से भरी हुई मदहोशी उसके हर एक अंग से टपक रही थी वह संजू का हाथ पकड़े हुए ही बिस्तर पर एकदम से खड़ी हो गई और संजू की आंखों में देखते हुए खुद अपने दोनों हाथों को अपनी पेटीकोट की दूरी पर रखकर एक हाथ से पेटीकोट की डोरी को खींच ली और तुरंत ही पेटीकोट कमर से एकदम ढीली हो गई संजू देखता ही रह गया अपनी मां की मदहोश कर देने वाली अदा को देखकर वह पूरी तरह से पागल हुआ जा रहा था,,,,,,,, इस तरह की अदाकारी को उसने आज तक फिल्मों में देखा था लेकिन आज अपनी आंखों के सामने अपनी मां का नया रूप देख रहा था वह पूरी तरह से कामुकता के सागर में डुबकी लगाते हुए अपने बेटे को साथ में लिए जा रही थी उसकी आंखों में नशा छा रहा था होठो पर थरथराहट थी लेकिन थरथराहट भरे होठों से भी वह संजू को अपने पास बुला रही थी अभी तक उसकी हाथों में पेटीकोट की डोरी थी जिसे वह अपने हाथों से छोड़कर पेटीकोट को उसके कदमों में गिरने पर मजबूर कर दी पलक झपकते ही पेटीकोट मानो सब कुछ त्याग कर उसके कदमों में जा गिरी थी और ऐसा अद्भुत दृश्य उसकी आंखों के सामने नजर आया था जिसे देखकर संजू का लंड 10 गुना और ज्यादा कड़क हो गया था,,, पेटीकोट के कदमों में गिरते ही आराधना संपूर्ण रूप से नंगी हो गई थी मात्र उसके बदन पर छोटी सी लाल चड्डी थी जो कि उसके बेश कीमती खजाने को छुपा रही थी,,,,,,,,,
आराधना अपने बेटे की आंखों में अपनी जवानी की चमक देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी और खुश हो रही थी वह अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसकी जवानी का असर उसके बेटे पर पूरी तरह से हो रहा है क्योंकि वह देख रही थी कि उसका लंड ठुनकी ले रहा था,,,, अपने बेटे के बदन में और ज्यादा आग लगाते हुए आराधना अपनी टांग को धीरे से हल्का सा खोली और,,,,, अपनी चूत को मखमली चड्डी सहित अपने बेटे के सामने अपनी कमर को आगे की तरफ करके परोस दी यह देखकर संजू अपनी उत्तेजना पर काबू नहीं रख पाया और तुरंत जानू के इर्द-गिर्द अपनी बाहों को लपेटकर वह अपनी मां की चूत को चड्डी के ऊपर से ही चूमना शुरू कर दिया,,,,,,,,,, अपने बेटे की हरकत से आराधना के बदन में और ज्यादा उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी हो पागलों की तरह अपने बेटे के सर को बालों से पकड़कर अपनी कमर को अपनी चूत को जोर-जोर से अपने बेटे के मुंह पर मारने लगी मानो कि एक मर्द औरत की चुदाई कर रहा हूं उसकी कमर बड़े जोरों से चल रही थी वह अपनी चूत को बार-बार अपने बेटे के मुंह पर पटक रही थी और अपनी मां की हरकत पर संजू पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था दरवाजे पर खड़ी मोहिनी इस दृश्य को देखकर पागल हुए जा रही थी उसकी आंखें फटी की फटी रह जा रही थी वह अपनी मां को देखकर समझ नहीं पा रही थी कि वास्तव में कमरे के अंदर जो औरत है वह उसकी मां ही है या कोई और है क्योंकि अपनी मां को आज तक उसने इस रूप में नहीं देखी थी पहले ही हर रात को अपने बेटे से चुदाई करवाते हुए मोहिनी देख रही थी लेकिन इस तरह का रूप नहीं देखी थी क्योंकि ऐसा लग रहा था कि जैसे इस खेल की बागडोर को वह अपने हाथों में ले ली हो,,,,,
पहले से ही काम रस में भीग चुकी चड्डी को संजू अपनी जीभ से चाट चाट कर और ज्यादा गिला कर रहा था लेकिन आराधना चाहती थी कि उसका बेटा उसकी नंगी चूत पर अपनी हॉट रखकर चाटे अपनी जीभ को उसकी चूत में डालकर उसकी मलाई को चाटे इसलिए अपने दोनों हाथों को अपनी कमर पर रखकर उंगलियों को चड्डी में फंसा कर उसे उतारने की तैयारी में थी कि संजू अपनी मां की हरकत को देखकर खुद अपनी मां की चड्डी को दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसे उतारना शुरू कर दिया देखते ही देखते संजू अपनी मां की चड्डी को घुटने तक उतार कर रख दिया,,,,, आराधना खुमारी भरी आंखों से अपने बेटे को देख रही थी संजू भी अपनी मां की आंखों में ही देख रहा था दोनों की नजरें आपस में टकरा चुकी थी और नजरों ही नजरों में एक अद्भुत आकर्षण पैदा हो रहा था दोनों मदहोश हो जा रहे थे आराधना घुटनों तक आई चड्डी को अपने पैर के सहारा देकर उसे उतारने लगी और अपने पैसे निकालकर चड्डी को एक झटका मार कर फेंक दी और चड्डी जाकर सामने दीवार के कोने में गिर गई,,,,,,, अपनी मां की अद्भुत काम देना को देखकर मोहिनी का दिल जोरों से धड़क रहा था वह जल्द से जल्द इस खेल में शामिल हो जाना चाहती थी,,,,,,
आराधना पागल हो जा रही थी वह थोड़ा सा अपनी कमर को नीचे झुका कर अपने बेटे के बाल को पकड़ी हुई थी उसकी चूत ठीक संजू के होठों के सामने थी दोनों के बीच केवल 1 फीट की ही दूरी रह गई थी आराधना को ना जाने क्या सूझा कि उसकी चूत से पेशाब की धार फूट पड़ी और सीधे जाकर संजू के मुंह पर गिरने लगी,,,,, पल भर में यह क्या हो गया ना तो आराधना को समझ में आ रहा था ना तो संजू को संजू ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी मां उसके साथ इस तरह की हरकत करेगी अपनी इस हरकत से आराधना ने अपने बेटे को पूरी तरह से मस्त कर दी थी मदहोश कर दी थी पल भर में ही 10 गुना चुदवासा हो गया था वह,,,,,
आराधना को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा कैसे हो गया आराधना जानबूझकर ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहती थी क्योंकि वह एक समझदार पढ़ी-लिखी और संस्कार ही औरत थी वह कभी सपने में भी ऐसा हरकत करने को सोच नहीं सकती थी लेकिन उसने जना की चलती वह पूरी तरह से विवश हो चुकी थी मजबूर हो चुकी थी अनजाने में ही उसकी चूत से पेशाब का फव्वारा फूट पड़ा था,,, जो कि सीधे संजू के होठों के अंदर धार गिर रही थी आराधना अपने आप को रोक नहीं पाए वह अपनी पेशाब को रोकना चाहती थी पूरा दम लगाकर रोकना चाहती थी लेकिन एक बार पेशाब की धार पहुंचने पर उसे रोक पाना मुश्किल हुआ जा रहा था,,,, देखने वाले को तो यही लग रहा है होगा कि जानबूझकर आराधना अपने बेटे के मुंह में मुत रहि है,,,,, और मोहिनी को भी ऐसा ही लग रहा था मोहिनी तो इस नजारे को देखकर पूरी तरह से पागल हो गई,,,, वह अपनी मां की हरकत पर पूरी तरह से हैरान थी आज तक तो उसने अपने भाई के साथ ऐसा नहीं की थी लेकिन उसकी मां पूरी तरह से मोहिनी को चौंका दी थी,,,, चौक तो संजु भी गया था लेकिन वह एक मर्द था और मर्द तो हमेशा से औरत की इस अदा से इस हरकत के कायल रहते हैं वह मर्द अपने आप को बहुत खुशनसीब समझते हैं जो अपनी चूत से पेशाब की धार उसके मुंह में मारती है,,,,,, और इस समय संजू भी अपने आप को बहुत खुशनसीब समझ रहा था,,,, संजू अपने होठों को या अपने चेहरे को अपनी मां की पेशाब की धार से छुपाने की हटाने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं कर रहा था जो कि साफ नजर आ रहा था कि संजू को अपनी मां की हरकत पर पूरी तरह से मजा आ रहा था,,,,,, लेकिन मोहिनी पूरी तरह से मस्त होने के बावजूद भी पूरी तरह से अद्भुत एहसास में डूबी हुई थी अपनी मां से या किसी भी औरत से उसे इस तरह की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी और अपने भाई से भी इस तरह की उम्मीदों से नहीं थी उसका भाई बड़े चाव से अपनी मां की चूत से निकले पेशाब की धार को पेप्सी की धार समझकर अपने गले के नीचे उतार रहा था,,,,,
अपनी इस हरकत पर आराधना की भी आंखें फटी की फटी रह गई थी वह अपने पेशाब को रोक देना चाहती थी लेकिन ऐसा कर पाना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था लेकिन जैसे ही पेशाब की धार कमजोर पड़ी आराधना उत्तेजना के मारे अपने भाई के सर को कस के पकड़ कर उसे अपनी चूत से हटा दें और उसे अपनी चूत चाटने पर मजबूर कर दे,,,,,, लगातार उसके मुंह से। आहहह आहहहह इस तरह की कराने की आवाज आ रही थी जो कि इस बात का सबूत था कि आराधना को इस हरकत पर बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,,,, संजू अपने दोनों हाथों से अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड पकड़कर उसकी चूत को चाटने में मगन हो गया अभी भी पेशाब की धार रह-रहकर उसकी चूत से फूट पड़ रही थी और संजू उसे पीने में पूरी तरह से मदहोश और मस्त हुआ जा रहा था और यही मौका था मोहिनी के लिए इस खेल में शामिल होने का,,,, वह अपने मन में सारे चित्र को स्पष्ट कर ली थी कि अंदर जाकर क्या बोलना है क्या कहना है कैसे बर्ताव करना है,,,,, वह अंदर जाने के लिए अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर ली थी,,,, गहरी सांस लेकर वह दरवाजे को जोर से धक्का मारकर खोली और कमरे में प्रवेश कर गई और सामने के नजारे को ऐसे चौक कर देखी जैसे मानो पहली बार देख रही हो और बोली,,,,।
यह क्या हो रहा है,,,,?
(धड़ाक से दरवाजे के खुलने की आवाज और मोहिनी की आवाज सुनते ही आराधना एकदम से चूक गई और दरवाजे की तरफ देखी तो मोहिनी खड़ी थी और मोहिनी के सामने अपनी मौजूदा स्थिति को देखते हुए पूरी तरह से घबरा गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी वह मोहिनी को एकटक देखती रह गई थी संजू भी पूरी तरह से घबराने का नाटक कर रहा था लेकिन अभी भी उसके होंठ अपनी मां की चूत पर सटे हुए थे क्योंकि आराधना करके उसके बालों को पकड़कर उसे अपनी चूत से सटाई हुई थी,,,,, आराधना कमरे में अपने बेटे के साथ पूरी तरह से नंगी थी बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था ऐसे में मोहिनी उसकी आंखों के सामने खड़ी थी आराधना की चोरी पकड़ी गई थी आराधना मदहोश पल में पूरी तरह से शर्मिंदा हो गई थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें अपनी बेटी की आंखों के सामने भी वह अपने बेटे के बालों को कस के पकड़ कर अपनी चूत से सगाई हुई थी यह पल आराधना के लिए एकदम शर्मनाक हो चुका था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपने बेटे को अपनी चूत से कैसे अलग करें वह मोहिनी को देखती ही रह गई थी और मोहिनी अपनी मां को देख रही थी संजू को देख रही थी,,,,,, पल भर के लिए कमरे में पूरी तरह से सन्नाटा छा गया था ऐसा लग रहा था कि संजू जैसे शर्म के मारे अपने चेहरे को अपनी मां की दोनों टांगों के बीच छुपाया हुआ है,,,, आराधना के मुंह से बस इतना ही निकला,,,,)
मममम ,,,,,, मोहिनी तू,,,,,,,