अपनी मामी की जवानी का जलवा देख कर और उसके खूबसूरत अंगों को अपनी हथेली से स्पर्श कर कर संजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था,,, और उसने अपनी मामी को भी अपनी जवानी का खूंटा दिखाकर अपना इरादा जता दिया था,,,,, संजू की मामी पहले तो बिल्कुल सहज थी लेकिन उसके उत्तेजना रूपी खुंटे को देखकर असफल हो गई थी और तुरंत वहां से चलती बनी थी,,,,,
संजू थोड़ा बहुत काम मे हाथ बंटाकर अपनी सबसे छोटी मामी के घर की ओर निकल पड़ा था क्योंकि वहां भी जिस तरह से उसकी मुलाकात अपनी मामी से हुई थी वह बेहद उत्तेजना आत्मक रूप धारण कर लिया था,,,, छोटी सी चुहीया के चलते संजू को अपनी मां की कीमत मस्त चूत देखने का मौका भी मिला था और उसे स्पर्श करने के साथ-साथ उसे मसलने का भी मौका प्राप्त हुआ था,,,,, संजू की हरकत से रीतू भी पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी जिस तरह से संजू ने अपनी हथेली में भरकर उसकी चूत को दबोचा था वह तुरंत पानी पानी हो गई थी,,,,, ना जाने क्यों अपने भांजे की हरकत की वजह से वह उसकी तरफ थोड़ा बहुत आकर्षित होती जा रही थी,,,, क्योंकि आज भी उसे संजू का इंतजार था,,,, उसे पक्का यकीन तो नहीं था कि संजू आज दोबारा उसके घर पर आएगा लेकिन जिस तरह का नजारा उसके भांजे ने देखा था उसके दिल में कुछ-कुछ हो रहा था और उसे थोड़ा यकीन तो था ही कि आज भी उस का भांजा जरूर आएगा,,,,,
थोड़ी ही देर में संजू अपनी मामी के घर पहुंच गया,,,, वह घर के दरवाजे के सामने खड़े होकर चारों तरफ देखने लगा लेकिन आज उसे घर के बाहर उसकी मामी नजर नहीं आ रही थी पहली बार वह अपनी मम्मी को इसी जगह पर खेतों में काम करते हुए देखा था और पहली बार में ही उसका पिछवाड़ा देखकर मन ही मन उसकी तरफ आकर्षित हो गया था,,,,, संजू ने दरवाजे की तरफ देखा तो दरवाजा बंद था लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था जिससे उसे इतना तो पता चल ही गया कि घर में उसकी मामी मौजूद है इसलिए वह एकदम दरवाजे के करीब पहुंच गया लेकिन जैसे ही दरवाजे पर दस्तक देने के लिए अपना हाथ उठाया ही था कि अंदर से आवाज आने लगी,,,,,
आहहह क्या कर रहे हो,,,, अच्छी तरह से डालो तो सही,,,,, रात को तो घोड़े बेच कर सो जाओगे और सुबह सुबह तुम्हें यही सब सुझता है,,,,
क्या करूं रानी रात को इतना थक जाता हूं कि कुछ समझ में नहीं आता नींद के सिवा,,,,आहहहह बहुत गरम चूत है तुम्हारी,,,,
मेरी चूत हमेशा गर्म रहती है ,,,ठंडा तो तुम्हारा लंड पड़ जाता है,,,,।
(संजू तो इस तरह की बातों को सुनकर एकदम से दंग रह गया लेकिन अपनी मामी की बात सुनकर उसे इस बात का अंदाजा लग गया था कि उसकी मामी अपने पति से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है और ईसी का तो इंतजार था संजू को,,, वह कान लगाकर अंदर की बात को सुनने लगा,,,,)
आहहह आहहहह पूरा अंदर डालो ,,,अंदर तक डालो,,,आहहहह ,,,,,
थोड़ा टांग तो फैला,,,,
अरे तुम्हें तो टांग से ही दिक्कत रहती है डालने वाले तो चाहे जैसे भी डाल देते हैं,,,,,,आहहहह ,,,,, ठीक से जा नहीं रहा है थोड़ा सा थुक लगा लो,,,,,
तेरी चूत तो हमेशा सुखी ही रहती है,,,
पागल हो गए हो क्या चुत तभी गीली होती है जब मर्द उसे पूरी तरह समस्त कर देता है और तुम तो हो सिर्फ साड़ी उठाए और शुरू पड़ गए,,,,,
अच्छा रुक ले गांड के नीचे थोड़ा तकिया लगा ले,,,,,
(संजू तो अपने मामा मामी दोनों की बातें सुनकर एकदम मस्त हुआ जा रहा था बस उसे अंदर का दृश्य देखने को नहीं मिल पा रहा था इसलिए वह देखने का जुगाड़ बना रहा था,,,, तभी वह दरवाजे की दूसरी तरफ बाजू जाने लगा तो उसी खिड़की नजर आ गई और उसकी किस्मत अच्छी थी कि खिड़की खुली हुई थी और वो खिड़की से जैसे ही अंदर की तरफ देखा तो अंदर का नजारा देखा कर एकदम उत्तेजना से भर गया क्योंकि खटिया पर उसकी मामी चारों खाने चित हो कर लेटी हुई थी और दोनों टांग हवा में ऊपर की तरफ उठा हुआ था और उसके मामा अपने हाथ में लंड पकड़े हुए थे अपने मामा के लंड को देखकर संजू की हंसी छूटने वाली थी लेकिन किसी तरह से वह अपनी हंसी को दबा ले गया था,,, संजू समझ गया था कि उसकी मामी जवानी से भरी हुई है और उसकी जवानी की प्यास इतने छोटे से मरियल से लंड से बुझने वाली नहीं थी,,,,, और संजू ने देखा कि उसके मामा अपने लंड को अपनी बीवी की बुर में डाल दिए थे लेकिन बुर में लंड घुसने का एहसास उसकी मामी के चेहरे पर जरा भी नहीं है शायद इसीलिए की लंड में बिल्कुल भी जान नहीं था,,,,, और जैसे ही 2 4 धक्के मारे ही थे कि उसके मामा एकदम से ढेर हो गए और जोर जोर से हांफने लगे,,,, इतने में तो संजू की मामी का गुस्सा फूट पड़ा और वह जोर से बोली,,,,।
जब अच्छी तरह से खत्म नहीं कर पाते तो शुरू क्यों करते हो क्यों मेरे अंदर की प्यास जगा कर चले जाते हो,,,,,।
(संजू के मामा के पास इसका जवाब बिल्कुल भी नहीं था वह धीरे से उसके ऊपर से उठा और अपने कपड़े पहनने लगा,,,, संजू को अपनी मम्मी के चेहरे पर उदासी साफ झलक रही थी अब संतुष्टि का अहसास साफ नजर आ रहा था,,,, और अपनी मम्मी के चेहरे पर कि असंतुष्टि के भाव संजू के लिए उम्मीद की किरण थी,,,,, अपने पेंट का बटन बंद करते हुए वह बोला,,,)
कोशिश तो करता हूं लेकिन हो नहीं पाता क्या करूं,,,,
इसीलिए मुझसे शादी करके अपने घर लाए थे मैंने भी क्या-क्या अरमान देखी थी लेकिन सब धरा का धरा रह गया,,,,,
(संजू जानता था कि उसके मामा अब घर से बाहर निकलने वाले हैं इसलिए तुरंत वहां से हटकर थोड़ी दूर पगडंडी पर चला गया ताकि उसके मामा देखे तो उसे एसा ही लगे कि अभी अभी वह आ रहा है,,,। और ऐसा ही हुआ जैसे ही उसके मामा ने दरवाजा खोला तो सामने से उसे संजू आता हुआ दिखाई दिया तो वह बड़े गौर से संजू की तरफ देखने लगा तो समझो खुद आगे बढ़कर उसके पैर छूकर प्रणाम किया,,,,, और अपने लिए मामा का संबोधन सुनते ही वह खुश हो गया और बोला,,,)
बाप रे कितना बड़ा हो गया है तू,,,,।
(अपने पति की बात सुनकर रितु समझ गई थी कि उसका भांजा आया है इसलिए वह तुरंत बिस्तर पर से उठी और अपने कपड़ों को दुरुस्त करने लगी क्योंकि वह अस्त-व्यस्त कपड़ों में थी,,,, और जल्दी से अपने आंचल को संभालते हुए वह भी दरवाजे पर आ गई और संजू की तरफ देख कर मुस्कुरा कर बोली)
तू आ गया संजू,,,,
कैसे नहीं आता मामी,,,,,, अभी पूरी तरह से एक दूसरे को जाने कहां है,,,,,,, मामा जी आप कहां जा रहे हैं,,,,
अरे संजू मुझे बाजार में थोड़ा काम है इसलिए जा रहा हूं,,,,
चलो कोई बात नहीं मामी तो है ना,,,,,,,
ठीक है तुम दोनों बातें करो मैं जा रहा हूं वरना धूप हो जाएगी ज्यादा तो तकलीफ हो जाएगी,,,,
ठीक है मामा जी,,,,।
(थोड़ी ही देर में संजू का मामा बाजार चला गया और संजू की मामी उसे नाश्ता करने के लिए घर में लेकर आई,,,, वैसे कल वाली घटना की वजह से रितु अपने भांजे से नजर नहीं मिला पा रही थी बार-बार उसकी आंखों के सामने वही दृश्य तैरने लगता था जब वह साड़ी उठाकर खड़ी थी और संजू मदहोशी भरी नजरों से उसकी भरी हुई चूत को देख रहा था,,, उस दृश्य के बारे में याद करते ही उसकी चूत पानी पानी हो जाती थी ना जाने क्यों रितु संजू की तरफ आकर्षित होती जा रही थी,,,,, क्योंकि उसने अपने पिछवाड़े पर संजू के दमदार लंड की चुभन और ठोकर महसूस कर चुकी थी,,,, उसे पूरा यकीन था कि संजू का लंड बम पिलाट है,,,,,,,, जिस इरादे से संजू अपनी छोटी वाली मामी के घर पर आया था उसकी छोटी वाली मामी के दिल के कोने में भी कहीं ना कहीं संजू वाला इरादा भी पनपने लगा था,,,,, संजू नाश्ता कर रहा था और उसे देखकर रितु मंद मंद मुस्कुरा रही थी,,,,, अपनी मामी को इस तरह से मुस्कुराता हुआ देखकर संजू बोला,,,)
क्या हुआ मामी ऐसे क्यों मुस्कुरा रही हो,,,,
कुछ नहीं देख रही हूं कि दीदी का बेटा कितना बड़ा हो गया है एकदम शादी लायक,,,,,,
तुम्हें क्या लगता है मामी कि मैं अभी भी छोटा रहूं,,,,
नहीं-नहीं संजू अच्छा हुआ कि तू इतना बड़ा हो गया है किसी के काम तो आएगा,,,,
मतलब मैं कुछ समझा नहीं,,,,
ममममम मतलब कि तू घर का काम में हाथ बताने में तो काम आएगा ना,,,,
हां हां जरूर मामी,,,,
तू जल्दी से नाश्ता कर ले फिर हम दोनों खेत चलते हैं वहां पर कटी हुई घास का बहुत सारा ढेर रखा हुआ उसे उठाकर इधर लाना है तुझे कोई दिक्कत तो नहीं है,,,
नहीं नहीं मामी मुझे कौन सी दिक्कत होगी बल्कि मुझे तो अच्छा लगेगा तुम्हारी मदद करने में,,,,
चल तब तो अच्छा है,,,,,,,।
(थोड़ी ही देर में संजू नाश्ता कर लिया और दोनों दरवाजा बंद करके खेत की ओर निकल गए रितु आगे-आगे चल रही थी और संजू पीछे पीछे संजु जानबूझकर अपनी मामी के पीछे पीछे चल रहा था क्योंकि पीछे चलने में उसकी मामी की गोल-गोल गांड मटकती भी नजर आ रही थी और ऐसा नजारा देखने में संजू की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी,,,,। बार-बार संजू अपनी मामी की मटकती भी गांड को देखकर अपने लंड को पेंट के ऊपर से ही दबा देता था जो कि मुंह उठाए उसकी गांड को ही देख रहा था,,,,, देखते ही देखते दोनों खेतों के बीचो बीच पहुंच चुके थे,,,,,,,, संजू साड़ी के अंदर से ही अपनी मामी की जवानी को नितंबों के रूप में गर्म तेल की तरह खोलते हुए देख लिया था,,,,, इसलिए जल्द से जल्द अपनी मामी की जवानी से खेलना चाहता था,,,,।,,
खेत के बीचो बीच पहुंचकर संजू की मामी अपनी कमर पर दोनों हाथ रख कर इधर-उधर नजर घुमा कर देखने लगी चारों तरफ घास का ढेर पड़ा था जिसे उसने ही दो-चार दिनों में काटकर इकट्ठा करके रखी थी वह अपने पति के साथ मिलकर इस घास के ढेर को घर पर ले जाना चाहती थी लेकिन समय ही नहीं मिला था,,,,,,, सूरज सर पर चढ़ाया था गर्मी का महीना होने की वजह से बड़े जोरों की गर्मी भी लग रही थी जिससे वह पसीने से तरबतर हो चुकी थी,,,,
बाप रे अभी से इतनी गर्मी लग रही है अभी तो ढेर सारा काम बाकी है,,(इतना कहने के साथ ही वह साड़ी का पल्लू अपने हाथ में लेकर उसे हवा करने लगी और ऐसा करने पर उसकी मदहोश कर देने वाली चौड़ी छाती एकदम से उजागर हो गई जो कि ब्लाउज में कैद होने के बावजूद भी अपने दोनों खरबूजो को बाहर निकालने के लिए मचल रही थी संजू की नजर तुरंत अपनी छोटी वाली मामी की छाती पर पड़ी तो वह देखता ही रह गया एकदम गोरी चिकनी उभार लिए हुए मदमस्त कर देने वाली ब्लाउज में कैद चूची को देखकर संजू के मुंह में पानी आ गया,,,,,, जैसे ही रितु अपने भांजे की नजरिए को अपनी छाती पर डोलते हुए महसूस की एकदम से शर्म से सिहर उठी और तुरंत अपने साड़ी के पल्लू ३ वापस कंधे पर रखते हुए बोली,,,,।)
संजू जल्दी से हाथ बटा वरना और धूप हो गई तो गजब हो जाएगा,,,,।
अरे कुछ गजब नहीं होगा मामी मैं हूं ना तुम्हारी मदद करने के लिए,,,,,
अरे तभी तो कह रही हूं ला यह घास का बोझ मेरे सर पर रख दे,,,,
अरे वाह,,,, यह भी कोई बात हुई मेरी मामी काम करें और मैं देखता रहूं,,,, ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता,,,,,(ऐसा कहते हुए संजू अपने शर्ट का बटन खोलने लगा और रितु धड़कते दिल के साथ संजू की इस हरकत को देख रहे थे देखते देखते संजू अपने शर्ट का बटन खोल करके अपने शर्ट को निकाल दिया और उसकी चौड़ी छाती सफेद रंग की गंजी में और भी ज्यादा खूबसूरत और आकर्षक लगने लगी जिस पर नजर पड़ते ही ऋतु की दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में हलचल होने लगी,,, वह अपने मन में ही बोली बाप रे इतनी चौड़ी छाती इसमें तो वह पूरी की पूरी समा जाएगी,,,,,, और संजू अपने शर्ट को अपनी मामी को पकड़ आने के लिए हाथ आगे बढ़ाया और उसकी मामी भी झट से हाथ आगे बढ़ा कर शर्ट को अपने हाथ में ले ली और संजु तुरंत खास के बड़े ढेर को दोनों हाथों से उठाकर अपने कंधे पर रख लिया और बोला ,,,,,
कहां रखना है बस यह बता दो,,,,
अरे संजू यह क्या कर रहा है तू मेहमान है और तुझे इस तरह से कोई काम करते हुए देखेगा तो मुझे ही दो बात बोलेगा,,,,
अरे कुछ नहीं मम्मी एक मर्द के होते हुए औरत को काम नहीं करना चाहिए,,,,, आखिरकार तुम मेरी मामी हो तुम एक औरत हो और मैं तुम्हारा भांजा मतलब की एक मर्द हूं मर्द की हाजिरी में एक औरत काम करेगा मर्द के लिए तो डूब मरने वाली बात होगी,,,,,,(संजू अपनी मम्मी से दो अर्थ वाली बातें कर रहा था एक तरह से वह मामी भांजा वाला रिश्ता जतारा था और दूसरी तरफ से इस बात का एहसास भी दिला रहा था कि उसकी मामी एक औरत है और वह एक मर्द जिनके बीच सब कुछ हो सकता है अगर चाहो तो अपने भांजे की बात से रितु प्रभावित हुई और मुस्कुराते हुए बोली,,,)
सच कह रहा है तू आखिरकार यह सब काम भी तो एक मर दिखाइए लेकिन तेरे मामा को देख खेतों के काम में तो हाथ बंटाते ही नहीं है,,,,
अरे तो क्या हुआ मामी जब तक मैं हूं यहां पर मामा के हिस्से का काम में कर दूंगा बस,,,,।
(संजू की यह बात सुनते ही वह अपने मन में बोलने लगी काश तो बिस्तर वाला भी अपने मामा का काम अपने सिर पर ले लेता तो बहुत मजा आ जाता,,,,)
तू बहुत अच्छा है,,,,, जाना वही दीवार के पास रख देना,,,
ठीक है मामी,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू कंधे पर बोझा लिए,,,,, अपनी मामी के घर की तरफ निकल गया और रितु धड़कते दिल के साथ संजू को जाते हुए देखते रह गई हट्टा कट्टा मर्दाना शरीर 6 फुट लंबाई चौड़ी छाती वह सब कुछ था जो रितु अपने पति में शादी से पहले देखती थी लेकिन शादी होते ही उसके अरमान ढेर हो गए,,,, जहां एक तरफ अपने सपनों का सौदागर को पति के रूप में ना पाकर एक सामान्य से इंसान के रूप में पति को पाकर दुखी हुई थी वहीं दूसरी तरफ बिस्तर पर भी अपने पति को कमजोर पाकर उसके सारे सपने चकनाचूर हो गए थे लेकिन फिर भी वह जैसे तैसे जीवन निर्वाह कर रही थी लेकिन संजू को देखकर एक बार फिर से उसके अरमान मचल गए थे संजू की चौड़ी छाती बात करने की गजब की छटा उसका व्यक्तित्व सबकुछ रितु को भाने लगा था और तो और संजू को देखते ही उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में हलचल होने लगती थी,,,,० ना चाहते हुए भी ना जाने कि उसके मन में अपने भांजे के साथ ही शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा प्रकट होने लगती थी उसका मन मचलने लगता था वह अपने मन में सोचती थी कि संजू का लंड कैसा होगा मोटा तगड़ा लंबा,,,,, क्योंकि वह अपनी गांड के बीचो-बीच अपने भांजे के लंड की रगड़ को महसूस कर चुकी थी,,,, और उसे पूरा यकीन था कि संजू अपने लंड से किसी भी औरत की प्यास बुझाने में पूरी तरह से सक्षम है,,,,।
रितु अपने भांजे को अपनी जवानी के प्रति आकर्षित करना चाहती थी ताकि वह उसके साथ संबंध बना चुके क्योंकि कुछ देर पहले ही उसकी खूबसूरत जवानी के तूफान में उसका पति पल भर भी नहीं कर पाया था और चारों खाने चित हो गया था जिससे उसके पूरे अरमान बह गए थे लेकिन अपने भांजे को देखकर एक बार फिर से उसकी इच्छा जानने लगी थी वह अपने मन में इस तरह की कल्पना कर दी थी कि अगर संजू अपने मोटे तगड़े लंड को उसकी चूत में डाल कर देगा तो उसे कैसा महसूस होगा,,,,, उसके हाथ में संजू टी-शर्ट थी जिसमें उसके बलिष्ठ शरीर के पसीने की खुशबू आ रही थी जिसे वह अपने नाक से लगाकर उसकी मर्दाना ताकत को सुंघने की कोशिश कर रही थी और एकदम से चुदवासी हुई जा रही थी,,,,, मदहोशी के आलम में अपने भांजे के साथ से आ रही पसीने की गंध को अपने छाती में भरते ही उसकी चूत गीली होने लगी थी,,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,,
और देखते ही देखते संजू घास का ढेर रखकर वापस आ गया था और फिर उसी तरह से मुस्कुराते हुए घास का ढेर उठाकर वापस ले जाने लगा ,,,, और देखते ही देखते संजू लगभग लगभग सारे घास के ढेर को पहुंचा चुका था बस एक घास का ढेर रह चुका था और संजू उस ढेर को भी लेने आने वाला था कि तभी रितु को बड़े जोरों की पेशाब लग गई और वह इधर-उधर देखने लगी,,,, उसके मन में बहुत सी बातें चल रही थी वह किसी भी तरह से संजू को अपनी तरफ आकर्षित करना चाहती थी और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहती थी क्योंकि जब से विवाह हुआ था तब से उसे जुदाई का सुख प्राप्त नहीं हुआ था इसीलिए वह आज अपने संस्कारों से भटक कर अपने पति की गैर हाजरी में अपने ही भांजे के साथ अपनी प्यास बुझाना चाहती थी और तभी उसके दिमाग में एक युक्ती सूजी और वहां जहां पर घास काटे रखा हुआ था ठीक उसके सामने झाड़ियों में जाकर पेशाब करने की सोचने लगी क्योंकि वह जानती थी कि अगर संजु घास का ढेर उठाएगा तो उसकी नजर जरूर उसके ऊपर पड़ेगी,,, और जैसे ही दूर से उसे संजू आता हुआ नजर आया वह तुरंत घास के ढेर के आगे तकरीबन 3 मीटर की दूरी पर जाकर झाड़ियों में अपनी साड़ी कमर तक उठा कर बैठ गई आज भी वह चड्डी नहीं पहनी थी क्योंकि गर्मी में उसे चड्डी पहनना अच्छा नहीं लगता था,,,,, उसका दिन बड़े जोरों से धड़क रहा था आज पहली बार वह किसी गैर मर्द को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश कर रही थी अपनी जवानी का जलवा दिखा कर उससे अपनी जवानी की प्यास बुझाना चाहती थी,,,,
औरत का चरित्र भी मर्दों को समझ में आ जाए ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता औरत का चरित्र समझने के लिए तो जीवन निकल जाता है तब भी वह औरत के चरित्र को नहीं समझ पाता अब तक रितु बड़े संस्कार से अपनी जवानी को संभाल कर रखी थी किसी गैर मर्द को अपना बदन स्पर्श करने भी नहीं देती और ना ही कभी इस बारे में सोचती थी भले ही अपने पति से वह पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थी प्यासी थी लेकिन फिर भी एक मर्यादा में थी लेकिन संजू को देखते ही उसकी यह मर्यादा की दीवार टूटने लगी उसके अंदर के संस्कार पानी के बुलबुले की तरह फूटने लगे,,,,,
रितु अच्छी तरह से जानती थी कि जिस तरह से वह बैठेगी ऐसे में उसके भांजे को ठीक उसकी गोल-गोल बड़ी बड़ी गांड नजर आएगी और दुनिया का कोई भी मर्द इस नजारे को देखकर जरूर उत्तेजित हो जाएगा और संजू भी इस नजारे को देखकर उसके प्रति उत्तेजित जरूर होगा वैसे कल भी वह उसकी उत्तेजना का परिचय अपनी गांड पर देख चुकी थी जैसे ही संजू करीब आने लगा हुआ तुरंत अपनी साड़ी कमर तक उठाकर नीचे बैठ गई और पेशाब करने लगे संजू वहां पहुंचा तो इधर-उधर देखा तो उसे अपनी मामी नजर नहीं आई और वह तुरंत आखरी पड़े घास के ढेर को उठाने के लिए जैसे ही नीचे झुका उसकी नजर ठीक सामने चली गई और उसे उसकी मामी की गोल गोल गाना नजर आने लगी जिसे देखते ही उसका दिल जोरो से धड़कने लगा और पल भर में उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ गया,,,, और वह अपनी मामी की नंगी गांड को देखता ही रहेगा और उसके कानों में जैसे ही अपनी मा की चूत से मुतने की आवाज आई संजू के तन बदन में आग लग गई,,,, वह पल भर में सोचने लगा कि उसकी मामी तो इधर-उधर भी जा सकती थी पेशाब करने के लिए लेकिन जानती थी कि अगर वह घास उठाएगा तो उसकी नजर जरूर उसके ऊपर पड़ेगी इतने से ही समझो समझ गया कि उसकी मामी जानबूझकर उसकी आंखों के सामने अपनी जवानी का जलवा दिखा रही है जिसे देख कर उसके मुंह में पानी आ गया था संजू घास का ढेर ना उठाकर अपनी मम्मी की नंगी जवानी को अपनी आंखों से पी रहा था,,,,, रितु को इस बात का एहसास हो गया था कि ठीक उसके पीछे संजू खड़ा होकर उसकी तरफ भी देख रहा है इसलिए उसके बदन में अजीब सी कशमसाहट और हलचल हो रही थी,,,, उसका दिल भी जोरों से धड़क रहा था पहली बार वह किसी गैर मर्द को अपनी नंगी गांड दिखा रही थी और वह भी एकदम खूबसूरत गांड जिसे देखते ही कोई भी मर्द चोदने के लिए तैयार हो जाए और यही तो वह चाहती थी,,,,,
पेशाब की तीव्रता कमजोर पड़ चुकी थी गुलाबी चूत के छेद में से निकलने वाली पेशाब की खत्म हो चुकी थी आखरी बूंदों को कमर पर हल्का सा झटका देते हुए वह उसे भी नीचे गिरा दी और बिना संजू की तरफ देखे वह तुरंत खड़ी हो गई और अपनी साड़ी को खड़ी होने तक कमर तक पकड़ी रह गई और जैसे ही खड़ी हुई तुरंत अपनी साड़ी को नीचे गिरा दी और एक खूबसूरत दृश्य पर पर्दा पड़ गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि जिसे वह दिखाना चाहती थी उसने सब कुछ देख चुका था संजू के बदन में पानी की लहर अपना पूरा असर दिखा रही थी,,,।
रितु जैसे ही घुमी वैसे ही अपने ठीक सामने समझो को खड़ा देखकर अनजान बनते हुए बोली,,,।
अरे संजू तू,,,, तु कब आया,,,,
बस अभी-अभी आया हूं मामी यह आखरी बोझ उठाने में मदद कर दो थोड़ा भारी है,,,,
ठीक है,,,,(और इतना कहने के साथ ही वह थोड़ा सा झुक गई और बोझ उठाने में मदद करने लगी जिस तरह का नजारा रितु ने अपने भांजे को दिखाई थी उसके चलते ऋतु का दिल बड़े जोरों से धड़क रहा था और उसे अपनी चूत गीली महसूस हो रही थी,,, देखते ही देखते ऋतु बोझ को उठाने लगी लेकिन वह केवल हाथ लगाई थी बाकि पूरा दम संजू लगा रहा था देखते ही देखते वह दोनों एकदम से खड़े हो गए और संजू ने अपने सर पर बोझा रखने लगा तो रितु के हाथ भी एकदम से सीधे हो गए और देखते ही देखते रही तो एकदम से संजू के करीब आ गई इतनी करीब कि उसकी उन्नत छातियां संजू की छातियों से रगड़ खाने लगी और संजू जैसे ही अपनी मामी की मदमस्त कर देने वाली चूची का स्पर्श अपनी छातियों पर महसूस किया वैसे ही वह पूरी तरह से मचलने लगा और रितु भी मदहोश हो गई वह अपने पैरों को ठीक से संभाल नहीं पाई और एकदम से संजू की तरफ बढ़ गई जिससे संजू के भीतर डगमगा गए और वहां पीठ के बल गिर गया और उसके ऊपर रितु गिर गई ,,,
संजू घास के ढेर पर गिरा हुआ था और उसके ऊपर रितु थी दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चल रही तेरी तो पूरी तरह से अपनी चूची का दबाव संजू के ऊपर रख चुके थे संजू अपनी मामी की चूची की गर्मी को अपनी छाती पर महसूस करके उत्तेजित हुआ जा रहा था और जिस तरह से रितु उसके ऊपर गिरी हुई थी उसकी साड़ी एकदम जांगू तक उठ गई थी जिसका एहसास संजू को अच्छी तरह से हो रहा था और संजू इसी पल का फायदा उठाते हुए अपने दोनों हाथों को उसकी नंगी जांघों पर रख दिया था जिससे रितु एकदम से सिहर उठी थी लेकिन संजू को अपना हाथ हटाने के लिए बिल्कुल भी नहीं बोल रही थी रितु पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी वह संजू की आंखों में देख रही थी और संजू अपनी मामी की आंखों में दोनों पागलों की तरह दूसरे की आंखों में देख रहे थे दोनों की आंखों में जवानी का नशा छाया हुआ था और संजू इसी नशा को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपने दोनों हाथों को धीरे-धीरे करके उसकी साड़ी को ऊपर की तरफ लाकर उसकी गोरी गोरी गांड पर रख दिया था और उसे जोर से दबा दिया था,,, उत्तेजित अवस्था में संजू की हरकत से और ज्यादा गर्म होकर अपने आप ही रितु ने अपने लाल-लाल होठों को संजू के होठों पर रख दी और फिर क्या था संजु को तो खुला दौर मिल गया था वह पागलों की तरह अपनी मामी के लाल-लाल होठों को चाटना शुरू कर दिया था उसे मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया था,,,, साथ ही वह अपनी मामी की गांड को अपनी हथेली में भरकर जोर जोर से दबा रहा था जिससे दोनों की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और रितु को तो अपनी चूत के द्वार पर संजू का खडा लंड पेंट में होने के बावजूद भी दस्तक देता हुआ महसूस हो रहा था,,,,। इस वजह से रितु पानी पानी हुए जा रही थी वह काफी उत्तेजना का अनुभव कर रही थी और संजू उसकी उत्तेजना को निरंतर बढ़ाता जा रहा था क्योंकि औरतों से खेलने का और उन्हें मस्त करने का हुनर हो अच्छी तरह से जानता था वह पागलों की तरह अपनी मामी की गांड को दोनों हथेली में लेकर जोर जोर से दबा रहा था और हल्के हल्के अपनी कमर को ऊपर की तरफ धक्का भी दे रहा था,,,,।
जितना उत्सुक संजू था उससे भी कहीं ज्यादा उतावली रितु थी वह पागलों की तरह संजू के लाल-लाल होठों को चूस रही थी और अपने होंठों को चूसवा रही थी उसकी गदराई चूचियां संजू की छाती पर शोले बरसा रही थी,,,, संजू से झगड़ा नहीं किया तो संजू ने तुरंत अपने दोनों हाथों को अपनी मामी की गांड पर से हटा कर उसे ब्लाउज को खोलने में व्यस्त कर दिया और जैसे ही रितु को इस बात का एहसास हुआ कि उस का भांजा उसका ब्लाउज के बटन खोल रहा है वह तेरे से हल्के से अपनी छाती को ऊपर की तरफ उठाती ताकि वह बड़े आराम से उसके ब्लाउज के बटन को खोल सके और देखते ही देखते संजू ने अपनी मामी के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिया और काली रंग की ब्रा नजर आने लगी और ब्रा के ऊपर से ही वह अपनी मामी की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया संजू इस कदर से जोर लगा कर अपनी मामी की चूची को दबा रहा था कि रितु को दर्द भी महसूस हो रहा था और मजा भी अद्भुत प्राप्त हो रहा था क्योंकि इस तरह से जोर लगाकर आज तक उसके पति ने उसकी चूची को दबाया नहीं था उससे खेला नहीं था,,,, इसलिए तो आज रितु को बहुत मजा आ रहा था लेकिन वह चाहती थी कि संजू खुलकर उसकी चूची का आनंद लें इसलिए वह तुरंत अपने होठों को संजू के होठों से हटाई और संजू के ऊपर ही बैठ गई और फिर अपने दोनों हाथ को पीछे की तरफ ले जाकर अपनी ब्रा को खोलने की जगह वह सीधे-सीधे आगे से ही अपनी ब्रा के कप को पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठा दी और अपनी चुचियों को एकदम आजाद कर दी और एक तरफ की छाती को आगे बढ़ाते हुए जैसे बच्चे को दूध पिलाते हैं वैसे ही वह अपनी एक चूची को संजू के मुंह में डाल दी हो संजू छोटे बच्चे की तरह अपनी मामी की चूची को मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया अपनी मामी की यह अदा उसे बेहद उत्तेजनात्मक लगी थी,,,,
वह पागलों की तरह बारी-बारी से अपनी मामी की दोनों चुचियों को पीना शुरू कर दिया था,,,, दोनों इतने ज्यादा उत्तेजित हो चुके थे की जगह का भी दोनों को भान नहीं था ना तो पेड़ के नीचे ही थे वह दोनों एकदम खड़ी धूप में एक दूसरे से मजा ले रहे थे पसीने से तरबतर होने के बावजूद भी दोनों संभोग की पराकाष्ठा में पूरी तरह से डूब चुके थे हालांकि यह तो शुरुआत थी संभोग के पहले की क्रियाकलाप जिसमें दोनों पूरी तरह से मगन हो चुके थे संजू पूरा दम लगा कर अपनी मामी की दोनों चूची को दशहरी आम समझकर जोर-जोर से दबाता हुआ उसका रसपान कर रहा था इस तरह से आज तक उसके पति ने भी उसकी चुचियों से खेला नहीं था उससे प्यार नहीं किया था इसीलिए तो वह संजू की इस हरकत पर पूरी तरह से वारी न्यारी हो गई थी,,,,
संजू इतना तो जान ही गया था कि उसकी मम्मी ने आज भी चड्डी नहीं पहनी थी इसलिए वह अपनी मम्मी की दोनों चुचियों को बिना हाथ के सहारा अपने मुंह में लेकर चूसने हुए अपने दोनों हाथों को नीचे की तरफ ले जाकर अपने फ्रेंड की बटन खोलने लगा और देखते-देखते हुआ धीरे से अपनी कमर उठा कर अपनी पेंट को नीचे घुटनों तक सरका दिया,,,और फिर अपने खड़े लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाते हुए अपनी मामी की गांड पर पटकने लगा और एक मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी गांड पर महसूस करते ही ऋतु का धैर्य जवाब दे करावा एकदम पागल हो गई और तुरंत नीचे हाथ बढ़ाकर अपने भांजे के लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और बिना कुछ बोले अपनी गांड को हल्का सा उठाकर उसे अपनी गुलाबी चूत से लगा दी उसकी चूत पूरी तरह से मदन रस से चिपचिपी हो गई थी इसलिए जैसे ही वह अपने भांजे के लंड के सुपाड़े को अपनी चूत पर लगाई उसका दिल जोरो से धड़कने लगा उसकी सांसे ऊपर नीचे होने लगी उसके बदन में कसमस आहट बढ़ने लगी क्योंकि पहली मर्तबा वह इतने मोटे तगड़े लंड को अपने हाथ में पकड़ रही थी और उसे अपनी चुत पर स्पर्श कर आ रही थी एक गहरी सांस लेते हुए वह अपनी भारी-भरकम गांड का दबाव अपने भांजे के लंड पर बढ़ाने लगी और देखते ही मोटा तगड़ा लंड का सुपाड़ा जोकि आलूबुखारा के सपने में नजर आ रहा था वह धीरे-धीरे रितु की चूत में घुसना शुरू कर दिया हालांकि रितु को दर्द तो हो रहा था क्योंकि अभी तक उसकी चूत में उसके पति का पतला और मरियल सा लंड ही प्रवेश कर पाया था लेकिन आज पहली बार एक मर्दाना ताकत से भरे हुए मर्द का लंड उसकी चूत में जा रहा था इसलिए दर्द होना लाजमी था लेकिन मजा भी अद्भुत आ रहा था देखते ही देखते अपनी मेहनत को अंजाम देते हुए रितु अपने भांजे के लंड को धीरे-धीरे अपनी चूत के अंदर लेना शुरू कर दी और देखते-देखते उसकी मेहनत रंग लाने लगी और संजू का आधा लंड उसकी चूत में समा गया था,,,,, रितु अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी चूत की स्थिति को ना देखते हुए संजू की आंखों में देख रही थी उसकी आंखों में उमडता हुआ जवानी का तूफान देख रही थी और संजू भी अपनी मामी का हौसला बढ़ाते हुए बोल रहा था,,,,।
बस बस मामी थोड़ा सा और आधा ले ली हो आधा बाकी,,,, है,,,,आहहहहह बहुत मजा आ रहा है मामी तुम बहुत गर्म हो रहा था तुम्हारी चूत कितनी गुलाबी है मुझे तो बहुत मजा आ रहा है मामी बस धीरे-धीरे और अंदर ले लो
देख संजू अंदर जा रहा है कि नहीं,,,(रितु भी अपने भांजे के सुर में सुर मिलाते हुए बोली)
जा रहा है मामी थोड़ा और जोर लगाओ,,,,
सहहहह आहहहहह बहुत मोटा है रे तेरा,,,,
क्यों मामा जी का नहीं है क्या मामी,,,,
अरे उनका मोटा होता तो अब तक घुस नहीं गया होता,,,
बस बस मामी आराम से जा रहा है,,,(संजू अपने लंड की तरफ देखते हैं बोला जो कि धीरे-धीरे रितु की चूत में घुसता चला जा रहा है और देखते ही देखते रितु भी पूरी कोशिश करते हुए आखिरकार किनारे पर पहुंच ही गई उसकी चूत में मोटा तगड़ा लंड पूरी तरह से खो चुका था,,,,) बस मामी घुस गया,,,,
सच में,,,
हां मामी खुद ही देख लो,,,,
(इतना सुनते ही रितु अपनी नजरों को अपनी दोनों टांगों के बीच टीका कर देखने लगी तो उसके भी आश्चर्य का ठिकाना ना था एक मोटा तगड़ा लंबा लंड उसकी चूत में खो गया था अंदर घुस गया था पूरी तरह से समा गया था और वो खुश होते हुए बोली)
बाप रे मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है,,,,
बस मामी,,,, अब अपनी चूत को मेरे लंड पर पटको,,,
(और इतना सुनते ही रितु अपनी गांड को लंड पर पटकना शुरू कर दी जब वह अपनी गांड ऊपर की तरफ उठाती तो उसकी चूत से मोटा लंड निकलना शुरू कर देता है और जब वह नीचे की तरफ लाती तो मोटा तगड़ा लंड अंदर की तरफ घुसना शुरू कर देता था ऐसा करने में रितु को बहुत मजा आ रहा था बस जोर-जोर से अपनी गांड को ऊपर नीचे कर रही थी संजू भी नीचे से धक्का लगाते हुए अपनी मामी का साथ दे रहा था,,,,, संभोग बड़ी तीव्रता से हो रहा था इसलिए दोनों में उत्तेजना भरपूर छाई हुई थी संजू तुरंत उसके गले में अपने बाहों का हार डालकर उसे अपनी तरफ खींचा और उसके लाल-लाल होठों को अपने होठों के बीच रखकर चूसते हुए नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर अपनी मामी को चोद रहा था आज रीतु को अद्भुत आनंद की प्राप्ति हो रही थी ऐसी चुदाई उसने आज तक नहीं करवाई थी,,,,, रितु पागलों की तरह अपनी गोल-गोल गांड को संजू के मोटे तगड़े लंड पर पटक रही थी,,,
रितु अच्छी तरह से जानती थी कि वह दोनों जिस जगह पर संभोग का आनंद ले रहे थे उस जगह पर कोई आने वाला नहीं था क्योंकि दूर-दूर तक कोई भी घर नहीं था और रितु ने अपना घर खेतों के बीच बनवाई थी इसलिए यहां से ना तो कोई सड़क गुजरती थी और ना ही कोई आस पड़ोस में रहता था इसलिए दोनों खुलकर एकदम चुदाई का मजा ले रहे थे देखते ही देखते रितु की सांसे ऊपर नीचे होने लगी वह संजू के साथ पहली बार चरमसुख पर पहुंच रही थी जो कि बेहद अद्भुत था संजू अपनी मामी की ऊपर नीचे हो रही सांसो की गति को देखकर समझ गया था कि उसका पानी निकलने वाला है इसलिए वह तुरंत अपनी बाहों में उसे कस लिया था और नीचे से जितना हो सकता था इतनी जोर जोर से धक्के मार रहा था क्योंकि वह भी अपनी मामी के साथ ही अपना पानी निकालना चाहता था,,,, और ऐसा ही हुआ दोनों एक साथ झड़ना शुरु हो गए,,,,।