hariom1936
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रात भर संजू अपनी रितु मामी के घर पर ही रहा,,,, सुबह चाय नाश्ता करने के बाद वह अपने घर लौटा तो उसकी मौसी बोली,,,।
कहां चला गया था संजू तू रात भर,,,, तुझे मालूम नहीं है कि मैं कितना करवट बदल बदल कर तेरा इंतजार कर रही थी,,,
ऐसा क्यों मौसी,,,,?(संजू मुस्कुराता हुआ अपनी मौसी से बोला)
तू तो ऐसे पूछ रहा है जैसे तुझे मालूम ही नहीं है कि मैं तेरा इंतजार क्यों कर रही थी,,,, कल मेरा बहुत मन कर रहा था,,,,
लेकिन मौसी रोज ही तो मैं तुम्हारी चुदाई करता हूं फिर भी,,,,
हां करता तो है लेकिन कल ना जाने क्यों मेरी चूत में आग लगी हुई थी,,,,
Sanju apni mummy k sath
कोई बात नहीं मौसी दोपहर में रात की कसर पूरी कर दूंगा,,,, वैसे भी मेरा लंड खुद तुम्हारी मोटी मोटी चूत के फांकों के बीच जाने के लिए तड़प रहा है,,,,,।
अरे आहिस्ता बोल कोई सुन लेगा तो गजब हो जाएगा,,,,,।
रात भर जिस तरह का आनंद संजू ने लिया था इसका असर अभी तक उसकी दोनों टांगों के बीच नजर आ रहा था पहली बार था कि संजू किसी की आंखों के सामने चुदाई कर रहा था और वह दूसरा कोई नहीं बल्की चुदवाने वाले का पति ही था,,,,,, संजू को अपने छोटे वाले मामा की स्थिति सबसे ज्यादा दयनीय लग रही थी,,,, खैर जो भी हो भला तो उसमें सबका ही था संजू को अपनी मामी की चूत चोदने के लिए मिल रही थी उसकी मामी को एक जवान लंड अपनी प्यास बुझाने को मिल रहा था और उसके मामा को बाप का सुख मिलने वाला था,,,,।
शादी की तैयारी बड़े जोरों शोरों से हो रही थी,,,, तकरीबन सुबह के 10:00 बज रहे थे और घर के बाहर मोटर गाड़ी आकर खड़ी हो चुकी थी क्योंकि आज संजू के सबसे बड़े मामा घर के सभी सदस्य को ले जाकर शादी की खरीदी करने जाने वाले थे खास करके दुल्हन के लिए गहने खरीदने थे,,,,, जाने के लिए सब लोग तैयार हो चुके थे लेकिन संजू की बड़ी वाली मामी की कमर थोड़ी दर्द कर रही थी इसलिए वह बोली,,,,।
देखो तुम लोग चले जाओ तुम लोगों को भी पता चलता है कि क्या सही है क्या गलत इसलिए ,,, लल्ली के लिए अच्छे गहने खरीदना,,,,
Sanju apni ma k sath
वह तो सब ठीक है भाभी लेकिन तुम चलती तो बात कुछ और होती,,,
मैं जरूर चलती लेकिन न जाने क्यों मुझे चला नहीं जा रहा है खामखा बाजार में सब परेशान हो जाओगे वैसे भी तुम लोगों ना मुझे कोई चिंता नहीं है,,,,।
(संजू की मामी जाने के लिए तैयार थी लेकिन जब उसे इस बात का पता चला कि संजू बाजार साथ में नहीं जा रहा है तो वह एक बहाना बनाकर इंकार करती थी क्योंकि उसे दिन की कसक आज तक उसके तन बदन में हिलोरे मार रही थी जब संजू उसके पैर दबाने के बहाने अनजाने में ही उसके बाद में उत्तेजना के चिंगारी को भड़का गया था,,,, ना चाहते हुए भी वह संजू के प्रति आकर्षित हुए चली जा रही थी और नतीजन वह अपनी खुद की लड़की की शादी की खरीदी के लिए नहीं जा रही थी,,,,, मोटर गाड़ी बड़ी थी थोड़ी ही देर में मोटर गाड़ी स्टार्ट हुई और आगे बढ़ गई शादी वाले घर में केवल संजू और उसकी बड़ी मामी ही रह गई जो कि दोनों बरामदे में बैठे हुए थे,,,,)
वैसे संजू तू क्यों नहीं गया साथ में,,,
क्योंकि तुम नहीं गई ना मामी,,,,
अच्छा मैं नहीं गई इसलिए तू भी नहीं गया लेकिन पहले तो ईनकार कर तूने किया था,,,,
Sanju apni ma ki chaddhi utarta hua
क्योंकि मैं जानता था कि तुम नहीं जाने वाली तुम्हारी कमर में दर्द हो रहा है,,,, और तुम्हें मेरी जरूरत पड़ेगी ,,,,
अच्छा यह बात है तू तो अंतर्यामी हो गया है,,,,
अंतर्यामी तो नहीं मामी लेकिन अपनों का दर्द समझता हूं इसीलिए तो रुक गया तुम्हारे लिए,,,,
(संजू की बड़ी वाली मामी संजू की बातों को सुनकर मैं नहीं मन में उत्साहित और उत्तेजित हो रही थी क्योंकि जिस तरह की वह बातें कर रहा था इस तरह की बातें एक मर्द एक औरत से तभी करता है जब वह उसे लगाव रखता है प्यार करता है मानो कि जैसे एक पति और एक प्रेमी इसलिए उसके बाद में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,)
चल रहने दे बातें बनाने को,,,, मेरे दर्द की दवा तेरे पास नहीं है,,,,
मेरे पास तो हर मर्ज की दवा है मामी बस जरूरत है तो दावा करने वाले की कि वह किस तरह की दवा करवाना चाहती है,,,,।
(संजू किस तरह की बातें सुनकर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा था क्योंकि ना जाने क्यों ऐसा लग रहा था कि संजू दूसरी तरीके से उसके खूबसूरत खजाने को लूटने वाली बात कर रहा था,,,,)
Sanju apni ma k sath
चल रहने दे मुझे कोई दवा नहीं करवाना है,,,,
ऐसा कैसे हो सकता है मामी,,,, तुम्हारी दवा करने के लिए तो मैं रुका हूं आज देखने में तुम्हारी ऐसी दवा करूंगा कि जिंदगी भर तुम्हें दर्द नहीं होगा,,,।
नहीं नहीं रहने दे मुझे ऐसा दवा नहीं करवाना है,,,,(वह मंद मंद मुस्कुराते हुए बोली,,,, बरसों के बाद आज कोई उसके मन के उमंगों से खेल रहा था,,, उसके अंदर की एक असली औरत को बाहर निकल रहा था जो कि बरसों से अंदर तभी पड़ी थी उसकी भावनाओं को उजागर कर रहा था,,, जहां एक तरफ संजू की बातें उसे उत्तेजित कर देने वाली लग रही थी वहीं दूसरी तरफ ना जाने क्यों संजू की मौजूदगी में उसे डर का एहसास हो रहा था,,,, और ऐसा दर जो कि किसी पराए मर्द की उपस्थिति में ही एक औरत को होता है,,,,)
देखो मामी दर्द को कभी भी नजरअंदाज नहीं करते मैंने तो आज तक अपने अनुभव से यही सीखा हूं,,,
Is tarah se sanju apni m ki chudai karta hua
मेरे अनुभव से तेरा अनुभव बड़ा हो गया,,,,(वह व्यंग्यात्मक तरीके से संजू से बोली तो संजू बोला)
कभी-कभी खुद से ज्यादा बड़ा दूसरों का होता है,,, अनुभव,,,।
(संजू की बात सुनकर उसकी मामी को न जाने क्यों ऐसा लगा कि वह अनुभव के बारे में नहीं बल्कि अपने लंड के बारे में बात कर रहा है,,,, इसका एहसास उसे होते ही ना जाने क्यों उसे अपनी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में सुरसुरी सी दौड़ती हुई महसूस होने लगी उसे अपनी चूत गीली होती हुई महसूस हो रही थी जो की इस तरह का एहसास उसे बरसों के बाद हो रहा था,,, बदन में उत्तेजना के साथ-साथ गर्मी छाने लगी थी,,, उसकी सांसे गहरी होने लगी थी जो कि संजू को साफ दिखाई दे रहा था कि उसकी छाती बड़े ही मदहोशी भरे अंदाज में ऊपर नीचे हो रही थी जब उसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह बोली,,,)
तू ज्यादा कुछ मत कर जाकर एक गिलास पानी लिया ठंडा,,,,
क्यों मामी गर्मी चढ़ने लगी क्या,,,?
न जाने क्यों गर्मी लग रही है,,,,,
ठीक है मामी मैं अभी लेकर आता हूं,,,,,
(इतना कहने के साथ ही संजू पानी लेने के लिए चला गया और वहां वहीं बैठे-बैठे सोचने लगी कि यह लड़का तो पागल कर देगा कहीं ऐसा ना हो कि इसकी उपस्थिति में कुछ ऐसा हो जाए इसके बारे में वह सोची भी नहीं है कहीं यह लड़का उसके बरसों की तपस्या को भंग ना कर दे,,,, वह बैठे-बैठे यही सब सो रही थी कि थोड़ी ही देर में संजू पानी का एक गिलास लेकर आया और अपनी मामी को थमाते हुए बोला,,,,)
Sanju apni choti mami k sath masti Karta hua
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लो मामी ठंडा पानी पीकर अपनी गर्मी शांत करो,,,,।
(वह तुरंत संजू के हाथ में से ठंडे पानी का गिलास ले ली और एक ही सांस में गटगटाकर पी गई ,,,, और पानी पीने के बाद गहरी सांस लेते हुए पानी का गिलास संजू को थमाते हुए बोली,,,,)
अच्छा हुआ तो घर में मौजूद है वरना सब कुछ मुझे अपने हाथ से ही करना पड़ता,,,
मामी इसीलिए तो मैं नहीं गया सिर्फ तुम्हारे लिए चलो तुम्हारी ऐसी मालिश करता हूं कि सारा दर्द गायब हो जाएगा,,,,
नहीं नहीं रहने दे मुझे यहां से उठा नहीं जा रहा है मैं यहीं पर ठीक हूं,,,,(बात को टालने के अंदाज से वह बोली,,,)
अरे मामी तुम्हें चलना नहीं है,,,,, रुको मैं बताता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही संजू चारों तरफ नजर घुमा कर देखने लगा कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा लेकिन चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था घर के आंगन में कोई भी नहीं था वैसे भी सब लोग बाजार जा चुके थे और अड़ोस पड़ोस वाले भी दिखाई नहीं दे रहे थे इसलिए संजू मौके की नजाकत को समझते हुए तुरंत कुर्सी में बैठी हुई अपनी बड़ी मामी को आगे बढ़कर अपनी गोद में उठा लिया वह कुछ समझ पाती से पहले ही गजब हो गया था संजू अपनी बड़ी मामी को गोद में उठा लिया था और यह देखकर आश्चर्य से उसकी मामी का मुंह खुला का खुला रह गया था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि संजू इतने आराम से उसे कुर्सी पर बैठे होने के बावजूद भी उठा लिया है,,,, वह कुछ बोल पाती इससे पहले ही संजू बोला,,,)
Sanju apni choti maami k sath
तुम्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है मामी मैं तुम्हें तुम्हारे कमरे में ले चलता हूं वहीं पर तुम्हारे अच्छे से मालिश करूंगा,,,,,(वह कुछ बोल सकते की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं थी वह तो पूरी तरह से आश्चर्यचकित हो चुकी थी उसका मुंह खुला का खुला था वह आंखें फाड़े सिर्फ संजू को देखे जा रही थी वह संजू की गोद में थी,,,,, उसकी कही गई बात उसे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो वह कह रहा हो कि चलो तुम्हारे कमरे में तुम्हें ले जाकर चोदूंगा,,, संजू की बातें सुनकर और उसकी हरकत देखकर उसके बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी थी,,,, बदन में अजीब सी मदहोशी छा रही थी,,,, वह ना तो कुछ बोल पाई और ना ही संजू को रोक पाई संजू उसे गोद में उठाए हुए ही मानो के जैसे अपनी बीवी या प्रेमिका को उठाकर कमरे तक ले जा रहा हो,,,, संजू देखते ही देखते कमरे तक पहुंच गया था और यह कमरा किसी और का नहीं उसकी बड़ी मामी का ही था,,,, दरवाजे पर कड़ी नहीं लगी थी लेकिन दरवाजा बंद था इसलिए संजू अपनी मामी को गोद में लिए हुए ही अपने पैर के सहारे से दरवाजा खोल दिया इस समय घर में इस स्थिति में देखने वाला वहां कोई नहीं था इसलिए संजू पूरी तरह से निश्चित था,,,, दरवाजा खुलते ही संजू अपनी मामी की तरफ देखकर मुस्कुराने लगा उसकी मामी के तो समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव साफ नजर आ रहे थे,,,,,,, देखते ही देखते संजू अपनी मामी के बिस्तर तक पहुंच गया जो कि बड़े ही साफ तरीके से सजाया हुआ था मानो कि जैसे उसके लिए ही बिस्तर लगाया गया हो संजू ने इस बार अपनी बड़ी मामी के साथ अपनी छोटी मामी वाली हरकत नहीं किया कि ले जाकर बिस्तर पर पटक दे उसे समय तो वह जवानी के जोश में था और उसकी मामी भी पूरी तरह से चुदवासी हो चुकी थी,,,, लेकिन संजू अपनी इस मामी के साथ अभी इतना खुल नहीं था इसलिए वह पड़े आराम से अपनी मामी को बिस्तर पर लेटा दिया,,, और बोला,,,।
Sanju ki mausi
तुम निश्चिंत रहो मामी आज के बाद दर्द तुम्हारे बदन से गायब हो जाएगा,,,,(इतना कहते हुए संजू अपनी मामी के पर के करीब जाकर बैठकर और तुरंत उसके दोनों पैरों को उठाकर अपनी गोद में रख लिया और ऐसा करने पर उसकी साड़ी घुटनों तक सड़क गई संजू की हरकत से और अपनी साड़ी को घुटनों तक सरकते हुए देखकर संजू की मामी के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी लेकिन वह कुछ भी कर सकते की स्थिति में नहीं थी संजू तुरंत इसकी गोरी गोरी पिंडलियों को अपनी हथेली में लेकर हल्के हल्के दबाना शुरू कर दिया,,,, शर्म से पानी पानी हुई जा रही संजू की बड़ी मामी पल भर में ही संजू की हरकत की वजह से सुकून महसूस करने लगी संजू बड़े होले होले अपनी उंगलियां घूमर उसके पैर की मालिश कर रहा था और पैर के तलवे को अपनी उंगलियों का सहारा देकर हल्के-हल्के दबा रहा था जिससे उसकी मामी को बड़ा ही आनंद महसूस हो रहा था और सुकून प्राप्त हो रहा था लेकिन संजू का इरादा कुछ और था संजू अपनी हरकतों को जारी रखते हुए अपनी मामी के चेहरे के हाव भाव को पढ़ने की कोशिश कर रहा था क्योंकि औरतों की संगत में वह औरतों के चेहरे को पढ़ने का हुनर सीख लिया था और,,, थोड़ी ही देर में संजू के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी क्योंकि वह अपनी मामी के चेहरे पर उत्तेजना का भाव अच्छे से देख पा रहा था और उसे समझने देने लगी कि उसकी मामी भी जल्द ही उसके नीचे आने वाली है,,,,, संजू अपनी बातों की माया जाल में अपनी बड़ी वाली मामी को फसाते हुए बोला,,,,।
Sanju ki suhani mami
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एक बात है मामी इस घर में सबसे ज्यादा काम तुम ही करती हो घर की बड़ी होने के नाते भी और जिम्मेदार होने के नाते भी तुम सब का ख्याल रखती हो इसीलिए तक जाती हो मैं यहां पर देख रहा हूं कि तुम्हारा ख्याल कोई नहीं रखता इसलिए मैं सोचा कि जब तक मैं यहां हूं तब तक मैं तुम्हारा ख्याल रखूंगा,,,,।
(संजू की बातों को सुनकर वह गदगद हुए जा रही थी क्योंकि संजू की बातों में एक तरफ उसके लिए सहानुभूति भी थी और दूसरी तरफ उसकी तारीफ भी थी वह हल्के से मुस्कुराते हुए बोली)
तू बहुत अच्छा है संजू जो मुझे समझना तो है वरना सच में मैं दिन भर मशीन की तरह काम करती रहती हूं और कोई है कि मेरी जरा सा भी देखभाल नहीं करता,,,।
लेकिन मामी मामा जी तो तुम्हें रोकते होंगे कम करने से वह तो तुम्हारा ख्याल जरूर रखते होंगे,,,,(संजू औरतों की दुखती नस पकड़ने में माहिर था और वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बड़ी मामी की दुखती रग कौन हो सकता है,,,, इसलिए वह जानबूझकर अपने मामा जी का जिक्र छेड़ दिया था और यह बात सुनकर उसकी मामी बोली,,,।)
Suhani apne bhanje k sath maja leti huyi
कौन तेरे मामा उनका भला फुर्सत है मेरी फिक्र करने की कभी तबीयत के बारे में तो पूछते नहीं है वह क्या मेरी फिक्र करेंगे,,,,।
(बस यही तो संजू सुनना चाहता था यही तो औरतों की कमजोर कड़ी होती है जिसके बारे में संजू अच्छी तरह से जानता था और मौका देखते ही वह एकदम से अपने चेहरे पर निराशा के भाव लाते हुए बोला,,,)
क्या कह रही हो मामी क्या सच में मामा नहीं पूछते,,,
(इस बार संजू जानबूझकर उसकी टांग को हल्के से ऊपर की तरफ उठा दिया जिससे उसकी मामी की साड़ी घुटनों से थोड़ा और ऊपर की तरफ सरक गई और जैसे ही घुटनों के ऊपर की तरफ सर की वैसे उसकी मामी की सांस अटक गई लेकिन फिर भी संजू पूरी तरह से माहौल को संभालते हुए और अपनी उंगलियों के जादू दिखाते हुए अपनी मामी को काबू में कर लिया और उसकी बात सुनकर उसकी मामी बोली)
तो क्या तुझे क्या लग रहा है मैं झूठ बोल रही हूं अरे सबको ऐसा ही लगता है कि मैं बहुत खुश हूं लेकिन मेरा मन जानता है कि मैं अंदर से कितनी दुखी हूं,,,,
मामा की वजह से ना मामी,,,,,,,(संजू उसी तरह से पैर दबाता हुआ बोला,,, लेकिन उसकी मामी कुछ बोल नहीं पाई तो संजू ही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
यही तो बात है अच्छी चीज की कोई कद्र नहीं करता अगर उसके पास है तो जिसके पास नहीं है उससे पूछो,,,,।
Apni mami k bistar par apni mami k hi sath
( संजू की मामी संजू की बात का मतलब समझ नहीं पाई तो आश्चर्य से संजू की तरफ देखने लगी संजू भी अपनी मामी के चेहरे पर उसके भाव को पढ़ लिया था इसलिए वह बोला,,,।) मामी तुम इस उम्र में भी इतनी खूबसूरत हो,,, मुझे तो यकीन ही नहीं होता और सच कहूं तो कोई यह नहीं कह सकता कि तुम अब सास बनने वाली हो,,,,(संजू की यह बात सुनकर उसकी मामी के कान खड़े हो गए थे संजू उसके तारीफ के पुल बांध रहा था,,,,) मामी तुम नहीं जानती कि तुम कितनी खूबसूरत हो मुझे तो हैरानी है की मामा तुम्हारी कदर क्यों नहीं करते सच कहूं तो तुम्हारी जैसी खूबसूरत बीवी पाकर तो कोई भी इंसान पागल हो जाए लेकिन न जाने मामा क्यों ऐसा करते हैं,,,,।
मैं और खूबसूरत पागल हो गया है तू,,,,(संजू की बातें उसे अच्छी लग रही थी लेकिन वह जानबूझकर ऐसा जाता रही थी कि मानो उसे कुछ फर्क नहीं पड़ता)
अरे मामी तुम सच में नहीं जानती की कितनी खूबसूरत हो तुम्हारे बदन का कसाव इतना जबरदस्त है कि पता ही नहीं चलता कि तुम एक जवान लड़की की मा हो और सास बनने वाली हो,,,,
(अपने बदन के कसाव के बारे में संजू के मुंह से सुनते ही उसके बदन में अजीब सी हलचल होने लगी बदन के कसाव के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी तुरंत उसकी आंखों के सामने अपनी ही खुद की चूचियां और गोल-गोल गांव नजर आने लगी जो कि वाकई में बहुत ही जबरदस्त थे,,,,, लेकिन फिर भी वह जानबूझकर संजू की बात पर एतराज जताते हुए बोली,,,)
Apni mami k sath
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धत् कैसी बातें कर रहा है तू इस तरह से कोई कहता है क्या और वह भी अपनी ही मामी से,,,,
यही तो बात है मामी,,,,(पैर के तलवे पर अच्छे से अपनी उंगलियों का दबाव देता हुआ) यह गांव है ना इसके लिए साबित राज करते हैं अगर सच कह रहा हूं तुम शहर में होती तो अब तक तो न जाने कितने जवान लड़के तुम्हारे दीवाने हो चुके होते और तुम खुद उन्हें अपना बॉयफ्रेंड बनाकर मजे लूट रही होती,,,,।
बआफन्ड ,,, मतलब,,,!
अरे मेरा मतलब है कि प्रेमी,,,,
धत् बदमाश कहीं का,,,(एकदम शर्म से लाल होते हुए वह बोली)
Sanju apni mami k sath
अरे सच कह रहा हूं मामी अपनी कसम,,,, तुम्हें विश्वास नहीं हो रहा है किसी दिन आना शहर में तुम्हें पूरा शहर घुमाऊंगा और दिखाऊंगा कि तुम्हारी उम्र की औरतें वहां कितना आगे करती हैं और जवान लड़कों को कितना पागल बना कर रखती हैं तुम तो यहां साड़ी पहनी हो ना शहर में होती तो तुम भी जींस टॉप पहन कर अपनी जवानी का जलवा भी खेल रही होती और वैसे भी मानी तुम्हारी गांड इतनी गोल-गोल है की जींस में और जबरदस्त लगाती,,,,(संजू एकदम से एकदम उत्तेजित स्वर में अपनी मामी की गांड के बारे में बात करके अपना इरादा बता दिया था और वह अपनी मामी के चेहरे के भाव को पढ़ने की कोशिश कर रहा था जो की गांड शब्द सुनते हैं उसके चेहरे के भाव एकदम से बदल गए थे उसके चेहरे पर शर्म की लालिमा जाने लगी थी और वह शर्मा कर अपने नजरों को दूसरी तरफ घुमा दी थी और कुछ बोली भी नहीं थी ,,,, इसलिए संजू की हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई और वह गांड शब्द का प्रयोग तो कर चुका था और फिर बोला,,,,) और तो और मामी जब तुम टॉप पहनोगी ना तुम्हारी खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह ऊपर नीचे उछलेंगी ना तब देखना मेरी उम्र के लड़कों का क्या हाल होता है,,,,।
(संजू खुले शब्दों में गांड और चूची का शब्द प्रयोग कर रहा था जिसे सुनते ही उसके तन बदन में उत्तेजना की सिहरन सी दौड़ने लगी थी वह संजू से आंख मिलाने पर भी शर्म महसूस करने लगी थी,,,
रात भर संजू अपनी रितु मामी के घर पर ही रहा,,,, सुबह चाय नाश्ता करने के बाद वह अपने घर लौटा तो उसकी मौसी बोली,,,।
कहां चला गया था संजू तू रात भर,,,, तुझे मालूम नहीं है कि मैं कितना करवट बदल बदल कर तेरा इंतजार कर रही थी,,,
ऐसा क्यों मौसी,,,,?(संजू मुस्कुराता हुआ अपनी मौसी से बोला)
तू तो ऐसे पूछ रहा है जैसे तुझे मालूम ही नहीं है कि मैं तेरा इंतजार क्यों कर रही थी,,,, कल मेरा बहुत मन कर रहा था,,,,
लेकिन मौसी रोज ही तो मैं तुम्हारी चुदाई करता हूं फिर भी,,,,
हां करता तो है लेकिन कल ना जाने क्यों मेरी चूत में आग लगी हुई थी,,,,
कोई बात नहीं मौसी दोपहर में रात की कसर पूरी कर दूंगा,,,, वैसे भी मेरा लंड खुद तुम्हारी मोटी मोटी चूत के फांकों के बीच जाने के लिए तड़प रहा है,,,,,।
अरे आहिस्ता बोल कोई सुन लेगा तो गजब हो जाएगा,,,,,।
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रात भर जिस तरह का आनंद संजू ने लिया था इसका असर अभी तक उसकी दोनों टांगों के बीच नजर आ रहा था पहली बार था कि संजू किसी की आंखों के सामने चुदाई कर रहा था और वह दूसरा कोई नहीं बल्की चुदवाने वाले का पति ही था,,,,,, संजू को अपने छोटे वाले मामा की स्थिति सबसे ज्यादा दयनीय लग रही थी,,,, खैर जो भी हो भला तो उसमें सबका ही था संजू को अपनी मामी की चूत चोदने के लिए मिल रही थी उसकी मामी को एक जवान लंड अपनी प्यास बुझाने को मिल रहा था और उसके मामा को बाप का सुख मिलने वाला था,,,,।
शादी की तैयारी बड़े जोरों शोरों से हो रही थी,,,, तकरीबन सुबह के 10:00 बज रहे थे और घर के बाहर मोटर गाड़ी आकर खड़ी हो चुकी थी क्योंकि आज संजू के सबसे बड़े मामा घर के सभी सदस्य को ले जाकर शादी की खरीदी करने जाने वाले थे खास करके दुल्हन के लिए गहने खरीदने थे,,,,, जाने के लिए सब लोग तैयार हो चुके थे लेकिन संजू की बड़ी वाली मामी की कमर थोड़ी दर्द कर रही थी इसलिए वह बोली,,,,।
देखो तुम लोग चले जाओ तुम लोगों को भी पता चलता है कि क्या सही है क्या गलत इसलिए ,,, लल्ली के लिए अच्छे गहने खरीदना,,,,
वह तो सब ठीक है भाभी लेकिन तुम चलती तो बात कुछ और होती,,,
मैं जरूर चलती लेकिन न जाने क्यों मुझे चला नहीं जा रहा है खामखा बाजार में सब परेशान हो जाओगे वैसे भी तुम लोगों ना मुझे कोई चिंता नहीं है,,,,।
(संजू की मामी जाने के लिए तैयार थी लेकिन जब उसे इस बात का पता चला कि संजू बाजार साथ में नहीं जा रहा है तो वह एक बहाना बनाकर इंकार करती थी क्योंकि उसे दिन की कसक आज तक उसके तन बदन में हिलोरे मार रही थी जब संजू उसके पैर दबाने के बहाने अनजाने में ही उसके बाद में उत्तेजना के चिंगारी को भड़का गया था,,,, ना चाहते हुए भी वह संजू के प्रति आकर्षित हुए चली जा रही थी और नतीजन वह अपनी खुद की लड़की की शादी की खरीदी के लिए नहीं जा रही थी,,,,, मोटर गाड़ी बड़ी थी थोड़ी ही देर में मोटर गाड़ी स्टार्ट हुई और आगे बढ़ गई शादी वाले घर में केवल संजू और उसकी बड़ी मामी ही रह गई जो कि दोनों बरामदे में बैठे हुए थे,,,,)
वैसे संजू तू क्यों नहीं गया साथ में,,,
क्योंकि तुम नहीं गई ना मामी,,,,
अच्छा मैं नहीं गई इसलिए तू भी नहीं गया लेकिन पहले तो ईनकार कर तूने किया था,,,,
क्योंकि मैं जानता था कि तुम नहीं जाने वाली तुम्हारी कमर में दर्द हो रहा है,,,, और तुम्हें मेरी जरूरत पड़ेगी ,,,,
Sanju Manisha k sath
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अच्छा यह बात है तू तो अंतर्यामी हो गया है,,,,
अंतर्यामी तो नहीं मामी लेकिन अपनों का दर्द समझता हूं इसीलिए तो रुक गया तुम्हारे लिए,,,,
(संजू की बड़ी वाली मामी संजू की बातों को सुनकर मैं नहीं मन में उत्साहित और उत्तेजित हो रही थी क्योंकि जिस तरह की वह बातें कर रहा था इस तरह की बातें एक मर्द एक औरत से तभी करता है जब वह उसे लगाव रखता है प्यार करता है मानो कि जैसे एक पति और एक प्रेमी इसलिए उसके बाद में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,)
चल रहने दे बातें बनाने को,,,, मेरे दर्द की दवा तेरे पास नहीं है,,,,
मेरे पास तो हर मर्ज की दवा है मामी बस जरूरत है तो दावा करने वाले की कि वह किस तरह की दवा करवाना चाहती है,,,,।
(संजू किस तरह की बातें सुनकर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा था क्योंकि ना जाने क्यों ऐसा लग रहा था कि संजू दूसरी तरीके से उसके खूबसूरत खजाने को लूटने वाली बात कर रहा था,,,,)
चल रहने दे मुझे कोई दवा नहीं करवाना है,,,,
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ऐसा कैसे हो सकता है मामी,,,, तुम्हारी दवा करने के लिए तो मैं रुका हूं आज देखने में तुम्हारी ऐसी दवा करूंगा कि जिंदगी भर तुम्हें दर्द नहीं होगा,,,।
नहीं नहीं रहने दे मुझे ऐसा दवा नहीं करवाना है,,,,(वह मंद मंद मुस्कुराते हुए बोली,,,, बरसों के बाद आज कोई उसके मन के उमंगों से खेल रहा था,,, उसके अंदर की एक असली औरत को बाहर निकल रहा था जो कि बरसों से अंदर तभी पड़ी थी उसकी भावनाओं को उजागर कर रहा था,,, जहां एक तरफ संजू की बातें उसे उत्तेजित कर देने वाली लग रही थी वहीं दूसरी तरफ ना जाने क्यों संजू की मौजूदगी में उसे डर का एहसास हो रहा था,,,, और ऐसा दर जो कि किसी पराए मर्द की उपस्थिति में ही एक औरत को होता है,,,,)
देखो मामी दर्द को कभी भी नजरअंदाज नहीं करते मैंने तो आज तक अपने अनुभव से यही सीखा हूं,,,
मेरे अनुभव से तेरा अनुभव बड़ा हो गया,,,,(वह व्यंग्यात्मक तरीके से संजू से बोली तो संजू बोला)
कभी-कभी खुद से ज्यादा बड़ा दूसरों का होता है,,, अनुभव,,,।
(संजू की बात सुनकर उसकी मामी को न जाने क्यों ऐसा लगा कि वह अनुभव के बारे में नहीं बल्कि अपने लंड के बारे में बात कर रहा है,,,, इसका एहसास उसे होते ही ना जाने क्यों उसे अपनी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में सुरसुरी सी दौड़ती हुई महसूस होने लगी उसे अपनी चूत गीली होती हुई महसूस हो रही थी जो की इस तरह का एहसास उसे बरसों के बाद हो रहा था,,, बदन में उत्तेजना के साथ-साथ गर्मी छाने लगी थी,,, उसकी सांसे गहरी होने लगी थी जो कि संजू को साफ दिखाई दे रहा था कि उसकी छाती बड़े ही मदहोशी भरे अंदाज में ऊपर नीचे हो रही थी जब उसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह बोली,,,)
तू ज्यादा कुछ मत कर जाकर एक गिलास पानी लिया ठंडा,,,,
क्यों मामी गर्मी चढ़ने लगी क्या,,,?
न जाने क्यों गर्मी लग रही है,,,,,
ठीक है मामी मैं अभी लेकर आता हूं,,,,,
(इतना कहने के साथ ही संजू पानी लेने के लिए चला गया और वहां वहीं बैठे-बैठे सोचने लगी कि यह लड़का तो पागल कर देगा कहीं ऐसा ना हो कि इसकी उपस्थिति में कुछ ऐसा हो जाए इसके बारे में वह सोची भी नहीं है कहीं यह लड़का उसके बरसों की तपस्या को भंग ना कर दे,,,, वह बैठे-बैठे यही सब सो रही थी कि थोड़ी ही देर में संजू पानी का एक गिलास लेकर आया और अपनी मामी को थमाते हुए बोला,,,,)
लो मामी ठंडा पानी पीकर अपनी गर्मी शांत करो,,,,।
(वह तुरंत संजू के हाथ में से ठंडे पानी का गिलास ले ली और एक ही सांस में गटगटाकर पी गई ,,,, और पानी पीने के बाद गहरी सांस लेते हुए पानी का गिलास संजू को थमाते हुए बोली,,,,)
अच्छा हुआ तो घर में मौजूद है वरना सब कुछ मुझे अपने हाथ से ही करना पड़ता,,,
मामी इसीलिए तो मैं नहीं गया सिर्फ तुम्हारे लिए चलो तुम्हारी ऐसी मालिश करता हूं कि सारा दर्द गायब हो जाएगा,,,,
नहीं नहीं रहने दे मुझे यहां से उठा नहीं जा रहा है मैं यहीं पर ठीक हूं,,,,(बात को टालने के अंदाज से वह बोली,,,)
अरे मामी तुम्हें चलना नहीं है,,,,, रुको मैं बताता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही संजू चारों तरफ नजर घुमा कर देखने लगा कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा लेकिन चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था घर के आंगन में कोई भी नहीं था वैसे भी सब लोग बाजार जा चुके थे और अड़ोस पड़ोस वाले भी दिखाई नहीं दे रहे थे इसलिए संजू मौके की नजाकत को समझते हुए तुरंत कुर्सी में बैठी हुई अपनी बड़ी मामी को आगे बढ़कर अपनी गोद में उठा लिया वह कुछ समझ पाती से पहले ही गजब हो गया था संजू अपनी बड़ी मामी को गोद में उठा लिया था और यह देखकर आश्चर्य से उसकी मामी का मुंह खुला का खुला रह गया था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि संजू इतने आराम से उसे कुर्सी पर बैठे होने के बावजूद भी उठा लिया है,,,, वह कुछ बोल पाती इससे पहले ही संजू बोला,,,)
तुम्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है मामी मैं तुम्हें तुम्हारे कमरे में ले चलता हूं वहीं पर तुम्हारे अच्छे से मालिश करूंगा,,,,,(वह कुछ बोल सकते की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं थी वह तो पूरी तरह से आश्चर्यचकित हो चुकी थी उसका मुंह खुला का खुला था वह आंखें फाड़े सिर्फ संजू को देखे जा रही थी वह संजू की गोद में थी,,,,, उसकी कही गई बात उसे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो वह कह रहा हो कि चलो तुम्हारे कमरे में तुम्हें ले जाकर चोदूंगा,,, संजू की बातें सुनकर और उसकी हरकत देखकर उसके बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी थी,,,, बदन में अजीब सी मदहोशी छा रही थी,,,, वह ना तो कुछ बोल पाई और ना ही संजू को रोक पाई संजू उसे गोद में उठाए हुए ही मानो के जैसे अपनी बीवी या प्रेमिका को उठाकर कमरे तक ले जा रहा हो,,,, संजू देखते ही देखते कमरे तक पहुंच गया था और यह कमरा किसी और का नहीं उसकी बड़ी मामी का ही था,,,, दरवाजे पर कड़ी नहीं लगी थी लेकिन दरवाजा बंद था इसलिए संजू अपनी मामी को गोद में लिए हुए ही अपने पैर के सहारे से दरवाजा खोल दिया इस समय घर में इस स्थिति में देखने वाला वहां कोई नहीं था इसलिए संजू पूरी तरह से निश्चित था,,,, दरवाजा खुलते ही संजू अपनी मामी की तरफ देखकर मुस्कुराने लगा उसकी मामी के तो समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव साफ नजर आ रहे थे,,,,,,, देखते ही देखते संजू अपनी मामी के बिस्तर तक पहुंच गया जो कि बड़े ही साफ तरीके से सजाया हुआ था मानो कि जैसे उसके लिए ही बिस्तर लगाया गया हो संजू ने इस बार अपनी बड़ी मामी के साथ अपनी छोटी मामी वाली हरकत नहीं किया कि ले जाकर बिस्तर पर पटक दे उसे समय तो वह जवानी के जोश में था और उसकी मामी भी पूरी तरह से चुदवासी हो चुकी थी,,,, लेकिन संजू अपनी इस मामी के साथ अभी इतना खुल नहीं था इसलिए वह पड़े आराम से अपनी मामी को बिस्तर पर लेटा दिया,,, और बोला,,,।
तुम निश्चिंत रहो मामी आज के बाद दर्द तुम्हारे बदन से गायब हो जाएगा,,,,(इतना कहते हुए संजू अपनी मामी के पर के करीब जाकर बैठकर और तुरंत उसके दोनों पैरों को उठाकर अपनी गोद में रख लिया और ऐसा करने पर उसकी साड़ी घुटनों तक सड़क गई संजू की हरकत से और अपनी साड़ी को घुटनों तक सरकते हुए देखकर संजू की मामी के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी लेकिन वह कुछ भी कर सकते की स्थिति में नहीं थी संजू तुरंत इसकी गोरी गोरी पिंडलियों को अपनी हथेली में लेकर हल्के हल्के दबाना शुरू कर दिया,,,, शर्म से पानी पानी हुई जा रही संजू की बड़ी मामी पल भर में ही संजू की हरकत की वजह से सुकून महसूस करने लगी संजू बड़े होले होले अपनी उंगलियां घूमर उसके पैर की मालिश कर रहा था और पैर के तलवे को अपनी उंगलियों का सहारा देकर हल्के-हल्के दबा रहा था जिससे उसकी मामी को बड़ा ही आनंद महसूस हो रहा था और सुकून प्राप्त हो रहा था लेकिन संजू का इरादा कुछ और था संजू अपनी हरकतों को जारी रखते हुए अपनी मामी के चेहरे के हाव भाव को पढ़ने की कोशिश कर रहा था क्योंकि औरतों की संगत में वह औरतों के चेहरे को पढ़ने का हुनर सीख लिया था और,,, थोड़ी ही देर में संजू के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी क्योंकि वह अपनी मामी के चेहरे पर उत्तेजना का भाव अच्छे से देख पा रहा था और उसे समझने देने लगी कि उसकी मामी भी जल्द ही उसके नीचे आने वाली है,,,,, संजू अपनी बातों की माया जाल में अपनी बड़ी वाली मामी को फसाते हुए बोला,,,,।
एक बात है मामी इस घर में सबसे ज्यादा काम तुम ही करती हो घर की बड़ी होने के नाते भी और जिम्मेदार होने के नाते भी तुम सब का ख्याल रखती हो इसीलिए तक जाती हो मैं यहां पर देख रहा हूं कि तुम्हारा ख्याल कोई नहीं रखता इसलिए मैं सोचा कि जब तक मैं यहां हूं तब तक मैं तुम्हारा ख्याल रखूंगा,,,,।
(संजू की बातों को सुनकर वह गदगद हुए जा रही थी क्योंकि संजू की बातों में एक तरफ उसके लिए सहानुभूति भी थी और दूसरी तरफ उसकी तारीफ भी थी वह हल्के से मुस्कुराते हुए बोली)
तू बहुत अच्छा है संजू जो मुझे समझना तो है वरना सच में मैं दिन भर मशीन की तरह काम करती रहती हूं और कोई है कि मेरी जरा सा भी देखभाल नहीं करता,,,।
लेकिन मामी मामा जी तो तुम्हें रोकते होंगे कम करने से वह तो तुम्हारा ख्याल जरूर रखते होंगे,,,,(संजू औरतों की दुखती नस पकड़ने में माहिर था और वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बड़ी मामी की दुखती रग कौन हो सकता है,,,, इसलिए वह जानबूझकर अपने मामा जी का जिक्र छेड़ दिया था और यह बात सुनकर उसकी मामी बोली,,,।)
कौन तेरे मामा उनका भला फुर्सत है मेरी फिक्र करने की कभी तबीयत के बारे में तो पूछते नहीं है वह क्या मेरी फिक्र करेंगे,,,,।
(बस यही तो संजू सुनना चाहता था यही तो औरतों की कमजोर कड़ी होती है जिसके बारे में संजू अच्छी तरह से जानता था और मौका देखते ही वह एकदम से अपने चेहरे पर निराशा के भाव लाते हुए बोला,,,)
क्या कह रही हो मामी क्या सच में मामा नहीं पूछते,,,
(इस बार संजू जानबूझकर उसकी टांग को हल्के से ऊपर की तरफ उठा दिया जिससे उसकी मामी की साड़ी घुटनों से थोड़ा और ऊपर की तरफ सरक गई और जैसे ही घुटनों के ऊपर की तरफ सर की वैसे उसकी मामी की सांस अटक गई लेकिन फिर भी संजू पूरी तरह से माहौल को संभालते हुए और अपनी उंगलियों के जादू दिखाते हुए अपनी मामी को काबू में कर लिया और उसकी बात सुनकर उसकी मामी बोली)
तो क्या तुझे क्या लग रहा है मैं झूठ बोल रही हूं अरे सबको ऐसा ही लगता है कि मैं बहुत खुश हूं लेकिन मेरा मन जानता है कि मैं अंदर से कितनी दुखी हूं,,,,
मामा की वजह से ना मामी,,,,,,,(संजू उसी तरह से पैर दबाता हुआ बोला,,, लेकिन उसकी मामी कुछ बोल नहीं पाई तो संजू ही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
यही तो बात है अच्छी चीज की कोई कद्र नहीं करता अगर उसके पास है तो जिसके पास नहीं है उससे पूछो,,,,।
( संजू की मामी संजू की बात का मतलब समझ नहीं पाई तो आश्चर्य से संजू की तरफ देखने लगी संजू भी अपनी मामी के चेहरे पर उसके भाव को पढ़ लिया था इसलिए वह बोला,,,।) मामी तुम इस उम्र में भी इतनी खूबसूरत हो,,, मुझे तो यकीन ही नहीं होता और सच कहूं तो कोई यह नहीं कह सकता कि तुम अब सास बनने वाली हो,,,,(संजू की यह बात सुनकर उसकी मामी के कान खड़े हो गए थे संजू उसके तारीफ के पुल बांध रहा था,,,,) मामी तुम नहीं जानती कि तुम कितनी खूबसूरत हो मुझे तो हैरानी है की मामा तुम्हारी कदर क्यों नहीं करते सच कहूं तो तुम्हारी जैसी खूबसूरत बीवी पाकर तो कोई भी इंसान पागल हो जाए लेकिन न जाने मामा क्यों ऐसा करते हैं,,,,।
मैं और खूबसूरत पागल हो गया है तू,,,,(संजू की बातें उसे अच्छी लग रही थी लेकिन वह जानबूझकर ऐसा जाता रही थी कि मानो उसे कुछ फर्क नहीं पड़ता)
अरे मामी तुम सच में नहीं जानती की कितनी खूबसूरत हो तुम्हारे बदन का कसाव इतना जबरदस्त है कि पता ही नहीं चलता कि तुम एक जवान लड़की की मा हो और सास बनने वाली हो,,,,
(अपने बदन के कसाव के बारे में संजू के मुंह से सुनते ही उसके बदन में अजीब सी हलचल होने लगी बदन के कसाव के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी तुरंत उसकी आंखों के सामने अपनी ही खुद की चूचियां और गोल-गोल गांव नजर आने लगी जो कि वाकई में बहुत ही जबरदस्त थे,,,,, लेकिन फिर भी वह जानबूझकर संजू की बात पर एतराज जताते हुए बोली,,,)
धत् कैसी बातें कर रहा है तू इस तरह से कोई कहता है क्या और वह भी अपनी ही मामी से,,,,
यही तो बात है मामी,,,,(पैर के तलवे पर अच्छे से अपनी उंगलियों का दबाव देता हुआ) यह गांव है ना इसके लिए साबित राज करते हैं अगर सच कह रहा हूं तुम शहर में होती तो अब तक तो न जाने कितने जवान लड़के तुम्हारे दीवाने हो चुके होते और तुम खुद उन्हें अपना बॉयफ्रेंड बनाकर मजे लूट रही होती,,,,।
बआफन्ड ,,, मतलब,,,!
अरे मेरा मतलब है कि प्रेमी,,,,
धत् बदमाश कहीं का,,,(एकदम शर्म से लाल होते हुए वह बोली)
अरे सच कह रहा हूं मामी अपनी कसम,,,, तुम्हें विश्वास नहीं हो रहा है किसी दिन आना शहर में तुम्हें पूरा शहर घुमाऊंगा और दिखाऊंगा कि तुम्हारी उम्र की औरतें वहां कितना आगे करती हैं और जवान लड़कों को कितना पागल बना कर रखती हैं तुम तो यहां साड़ी पहनी हो ना शहर में होती तो तुम भी जींस टॉप पहन कर अपनी जवानी का जलवा भी खेल रही होती और वैसे भी मानी तुम्हारी गांड इतनी गोल-गोल है की जींस में और जबरदस्त लगाती,,,,(संजू एकदम से एकदम उत्तेजित स्वर में अपनी मामी की गांड के बारे में बात करके अपना इरादा बता दिया था और वह अपनी मामी के चेहरे के भाव को पढ़ने की कोशिश कर रहा था जो की गांड शब्द सुनते हैं उसके चेहरे के भाव एकदम से बदल गए थे उसके चेहरे पर शर्म की लालिमा जाने लगी थी और वह शर्मा कर अपने नजरों को दूसरी तरफ घुमा दी थी और कुछ बोली भी नहीं थी ,,,, इसलिए संजू की हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई और वह गांड शब्द का प्रयोग तो कर चुका था और फिर बोला,,,,) और तो और मामी जब तुम टॉप पहनोगी ना तुम्हारी खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह ऊपर नीचे उछलेंगी ना तब देखना मेरी उम्र के लड़कों का क्या हाल होता है,,,,।
(संजू खुले शब्दों में गांड और चूची का शब्द प्रयोग कर रहा था जिसे सुनते ही उसके तन बदन में उत्तेजना की सिहरन सी दौड़ने लगी थी वह संजू से आंख मिलाने पर भी शर्म महसूस करने लगी थी,,, संजू एकदम सहज रूप से अपनी मामी की चूची और गांड के बारे में बात कर रहा था और एकदम आराम से उसके पैर भी दबा रहा था,,, संजू की आंखों में शर्म में बिल्कुल भी नहीं था लेकिन उसकी मामी शर्मा से पानी पानी हो जा रही थी उसे अपनी चूत पानी टपकाते हुए महसूस हो रही थी जो कि बरसों बाद उसे ऐसा महसूस और आभास हुआ था,,,, उसे न जाने क्या होने लगा था उसे इस बात का डर था कि अगर कुछ देर तक और भाई इस तरह से बातें करता रहा तो वह उसके लिए अपनी दोनों टांगें खोल देगी और ऐसा वह बिल्कुल भी नहीं चाहती थी,,,, इसलिए बात का रुख बदलते हुए बोली,,,,।)
तेरा शहर तुझे ही मुबारक हो मैं तो यहीं पर सही हूं,,,,
क्या मामी तुम भी शहर में रहती तो और मक्खन की तरह चमकती यहां दिनभर धूप में कम कर करके तुम्हारी खूबसूरती में थोड़ा सा गिरावट तो आया ही है लेकिन शहर की औरतों को भी तुम टक्कर देने में पूरी तरह से समर्थ हो,,,, और मामी में अपने नजरिए से कहूं तो तुम दोनों छोटी मामी से भी ज्यादा जवान लगती हो एकदम कड़क,,,।
धत्,,,,,, अच्छे से मालिश कर बेवजह इधर-उधर की बात कर रहा है,,,,
मैं तो तारीफ कर रहा था अब तुम्हें खराब लग रहा हो तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं वैसे मम्मी सरसों का तेल मिल जाता तो बहुत अच्छे से मालिश कर देता ,,,,।
सरसों का तेल तो रसोई घर में होगा रुक में लेकर आती हूं,,,(इतना कहने के साथ ही वह बिस्तर पर उठने की कोशिश की तो संजू तुरंत अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसे रोकते हुए बोला,,,)
तुम रहने दो मामी मैं लेकर आता हूं,,,,(ऐसा कहते हुए वह हाथ आगे बढ़कर अपनी मामी को रोकने की कोशिश किया था लेकिन अनजाने में ही उसका हाथ उसकी मामी की खरबूजे जैसी चूचियों पर स्पर्श हो गई जिससे उसकी मामी के तन बदन में एक बार फिर से झनझनाहट फैल गई लेकिन सहज रूप से संजू ने अपने हाथ को अपनी मामी की छतिया पर से हटा लिया लेकिन उसे भी अपनी मामी की चूचियों की नरमाहट और गरमाहट दोनों का एहसास हो गया था,,,, वह तुरंत बिस्तर पर से उठकर खड़ा हो गया लेकिन खड़ा होते ही उसकी मामी की नजर उसके खड़े लंड पर चली गई जो की पेंट में पूरी तरह से तंबू बनाया हुआ था,,,, एक प्यासी औरत के लिए इतना काफी होता है इस नजारे को देखकर उसके तन बदन में उत्तेजना की चिंगारियां फूटने लगी उसके अरमानों को पर लग गए वह अपने मन में पल भर में ही बहुत कुछ सोचने लगी थी,,,, संजू जानबूझकर उसे अपने खड़े लंड की स्थिति दिखाना चाहता था अपने अंदर दबे अरमान को अपनी मामी के सामने लाना चाहता था और ऐसा हुआ कर दिया था वह तुरंत कमरे से बाहर चला गया था लेकिन अपने पीछे तूफान छोड़ गया था जिसमें संजू की मामी पूरी तरह से अपने आप को उलझता हुआ महसूस कर रही थी इस तूफान से निकलने का उसके पास कोई रास्ता नहीं था,,,,, संजू के पेट में बने तंबू के आकार को देखकर उम्र के इस पड़ाव पर पहुंच चुकी संजू की मामी सोचने पर मजबूर हो गई कि संजू के पेट में छुपा हुआ हथियार कैसी शक्ल का है जो इतना भयानक तंबू बनाया हुआ है क्योंकि उसने आज तक इस तरह का तंबू अपने पति के पेट में तो क्या किसी के भी पेट में नहीं देखी थी,,,,,।
अपनी दोनों टांगों के बीच की स्थिति उसे खराब होती हुई महसूस हो रही थी इसलिए इसका जायजा लेने के लिए वह साड़ी के ऊपर सही अपनी चूत को टटोलने लगी तो उसे महसूस हुआ कि उसकी चूत काफी गिरी हो चुकी थी उसकी चूत लगातार पानी फेंक रही थी,,,, वह पूरी तरह से भंवर में फंस चुकी थी,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करें,,,, वह पल भर में ही,,, अपनी जिंदगी के बीते हुए चार पांच साल के बारे में सोचने लगी ,,,, तो उसे समझ में आया कि इन 5 सालों में उसके उसके पति के बीच में शारीरिक संबंध नाके बराबर रह गया था,,,। इस बात का एहसास भी उसे अच्छी तरह से था कि उसने कोई कमी नहीं थे बल्कि उसके पति ही ठंडे पड़ गए थे जबकी इस उम्र में औरतों की ख्वाहिश कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है शुरू-शुरू में उसे भी ऐसा महसूस होता था लेकिन अपने पति के बेरुखी के कारण वह भी अपनी भावनाओं को समेटकर जीवन जी रही थी,,,,।
उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें संजू की हरकत को देखकर वह पूरी तरह से पानी पानी हो गई थी उसके दिलों दिमाग पर भी वासना का जोर पकड़ने लगा था एक तरफ उसका मन कह रहा था कि अपने भांजे के साथ शारीरिक संबंध बनाकर अपने जीवन के अधूरे पन को पूरा कर ले,,, तो एक मन उसे ऐसा करने से रोक रहा था,,, नहीं ऐसा करना गलत है लोग क्या कहेंगे किसी को इस बारे में पता चल गया तो बदनाम हो जाएगी तो तभी दूसरा मां उसे समझाने की कोशिश करता की आखिरकार घर में है कौन उन दोनों के सिवा अगर दोनों के बीच किसी भी प्रकार का संबंध बन भी जाता है तो कहां किसी को पता चलने वाला है चार दिवारी के अंदर कमरे के अंदर वह दोनों ही तो हैं और वह दोनों चाहे तो कुछ भी कर सकते हैं,,,। तो दूसरा मन कहता था कि नहीं वह तो तेरे बेटे की उम्र का है अपने ही बेटे की उम्र के लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाना उचित नहीं है,,,, तभी दूसरा मन समझाने की कोशिश करता की बेटे की उम्र का है तो क्या हुआ उसकी दोनों टांगों के बीच जो हथियार है वह किसी के पास नहीं आखिरकार वह एक औरत है अगर उसके मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत में लेकर अपने अरमान को पूरा भी कर लेती है तो क्या बिगड़ने वाला है किसी को कानों कान खबर नहीं होगी,,,,
इस तरह के विचार उसके तन-बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर रहे थे उसके मन में एक तूफान सा उठ रहा था,,,, उसकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी जवानी के जोश पर उसका बिल्कुल भी काबू नहीं था आखिरकार वासना हावी हो गई और वह भी संजू के साथ चुदवाने का मन बना ली,,,,।
थोड़ी ही देर में संजू कटोरी में सरसों का तेल लेकर कमरे में प्रवेश किया और कमरे में प्रवेश करते ही अपने हाथों से दरवाजा बंद करके सिटकनी लगा दिया संजू की यह हरकत,,, उसकी मामी के तन बदन में सिरहन पैदा कर गया,,, दरवाजे को बंद करके सिटकनी लगाने का मतलब उसकी मामी अच्छी तरह से समझ रही थी,,, इतने बड़े घर में कमरे के अंदर घर के सभी सदस्यों की गैर मौजूदगी में,,, जवानी से भरी हुई कम उम्र दराज औरत और एक जवान लड़का मौजूद होने के मतलब को वह अच्छी तरह से समझ रही थी और इस बारे में सोचकर कसमसा भी रही थी,,,। संजू तुरंत बिस्तर के करीब पहुंच गया और अपनी मामी की तरफ देखा तो बागरी गहरी सांस ले रही थी सांसों की गति के साथ उसकी भारी भरकम चूचियां भी ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था संजू हाथ में तेल की कटोरी लिए हुए बोला,,,।
बिस्तर पर मजा नहीं आएगा मामी नीचे में चटाई बिछा देता हूं यहीं पर लेट जाओ,,,,
(चटाई बिछाने के नाम पर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा लेकिन उसका भी दिमाग अब काम करने लगा था उसका भी मन संजू के साथ संभोग रत होने के लिए मचलने लगा था इसलिए वह बोली,,,)
ठीक है लेकिन मेरी कमर की मालिश करना मेरी कमर ज्यादा दुख रही है,,,
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मामी मैं तुम्हारे पूरे बदन की मालिश कर दूंगा,,,,
हो रही कोने में पड़ी है चटाई उसे बिछा ले,,,,।
(इतना सुनते ही संजू कोने में बड़ी चटाई ले आया और उसे कमरे के बीचो-बीच बेचने लगा और उसकी मम्मी बिस्तर पर से नीचे उतर गई वह जानबूझकर अपनी कमर की मालिश करवाने के लिए बोली थी क्योंकि कमर की मालिश करते-करते उसका ध्यान जरूर उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर जाने वाला था और वह देखना चाहती थी कि अब संजू क्या करता है क्योंकि उसके बदन में भी उत्तेजना अपना जोर दिखा रही थी और इस खेल में उसे भी मजा आ रहा था,,,)
आ जाओ मामी इस पर पेट के बल लेट जाओ,,,
(संजू की हर एक बात उसका संवाद उसकी मामी को बेहद उत्तेजित कर देने वाला लग रहा था उसका इरादा बहुत ही गलत लग रहा था लेकिन अब वह खुद उसके इरादे पर मर मीठी थी इसलिए उसकी बात मानते हुए तुरंत अपनी साड़ी को कंधे से हटाकर वह धीरे से पेट के बल लेट गई जब वह पेट के बल लेट रही थी तो उसकी भारी भरकम गांड की गोली कुछ अद्भुत तरीके से बाहर की तरफ निकली हुई थी जिसे देखकर संजू का मन ललच उठ रहा था,,,, संजू की मामी पेट के बल लेट चुकी थी उसकी भारी भरकम गांड कसी हुई साड़ी में और भी ज्यादा मदहोश कर देने वाली लग रही थी,,,, कमर एकदम गदराई हुई थी जिसे देखकर ही किसी का भी लंड खड़ा हो जाए,,,, संजू के लिए अच्छी बात यह थी कि उसकी मामी ने पतली डोरी वाला ब्लाउज पहन रखी थी जो कि पीछे से एक पतली सी पट्टी थी और डोरी से बंधी हुई थी जिससे उसका चिकन पीठ एकदम साफ नजर आ रहा था और गांव की होने की वजह से वह ब्रा नहीं पहनी थी जो कि एकदम साफ दिखाई दे रहा था,,,,
संजू की मामी का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि कुछ ही पल में संजू की हथेली उसकी कमर पर स्पर्श होने वाली थी संजू ने तेल की कटोरी लेकर तेल की धार को उसकी कमर पर गिराना शुरू कर दिया,,, संजू कमर के बीचो-बीच गहरी लकीर पर तेल गिर रहा था गहरी लकीर देखकर भी संजू का लंड पूरी तरह से तन जा रहा था,,, संजू ने तेल की कटोरी को बगल में रख लिया और फिर,,, अपनी हथेली को पहले धीरे-धीरे पीठ पर घूमना शुरू कर दिया जब अच्छे तरीके से पूरा सरसों का तेल पीठ पर कमर पर लग गया तब वह अपने हथेली का दबाव बढ़ने लगा,,,, गोरी चिकनी पीठ पर हथेली घूमने में संजू को बहुत मजा आ रहा था वह उत्तेजित हुआ जा रहा था और एक मर्द की हथेली का स्पर्श अपनी कमर पर पाकर उसकी मामी गदगद हुए जा रही थी,,,,,, संजू उसकी कमर पर जोर-जोर से हथेली दबाते हुए उसकी मालिश कर रहा था वैसे तो उसे मालिश करने का अनुभव बिल्कुल भी नहीं था लेकिन अपनी मदमस्त जवानी से भरी हुई मानी की जवानी से खेलने के लालच में वह अच्छी तरह से मालिश करना सीख गया था,,,,,,
आप कैसा लग रहा है मामी,,,(अपने अंगूठे को कमर की बीच वाली लकीर पर जोर से ऊपर की तरफ उठाते हुए बोला,,,,)
बहुत अच्छा लग रहा है रे,,,, तेरे हाथों में तो जादू है,,,,,
जिस तरह से मैं बैठा हूं ठीक से लगा नहीं पा रहा हूं वरना और अच्छा लगता ,,,,(अपना उल्लू सीधा करने के उद्देश्य से संजू बोला)
तुझे जैसा ठीक लगता है वैसे मालिश कर लेकिन आराम हो जाना चाहिए,,,
बिल्कुल भी चिंता मत करो मामी एकदम आराम हो जाएगा,,,,,, अभी रुको लेकिन तुम नाराज मत होना,,,
मैं भला क्यों नाराज होऊंगी,,,, आखिरकार तू जो भी करेगा मेरी भलाई के लिए ही करेगा,,,
यह सही कही मामी तुमने,,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी जगह से उठा और एक नजर अपनी मामी की बड़ी-बड़ी गांड पर डालते हुए अपने पर को मोड़कर एक घुटने कमर के दूसरी तरफ रख और दूसरा घुटना दूसरी तरफ,,,,, इस तरह से वह अपनी मामी के नितंबों पर सवार हो चुका था,,, संजू की इस हरकत पर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा उसकी चूत गरम लावा फेंकने लगी वह पूरी तरह से उत्तेजित होने लगी,,,, क्योंकि इस तरह से वह पूरी तरह से उसके नितंबों पर काबू पर चुका था संजू का खुद का नितंब उसके नितंबों से स्पर्श हो रहा था जिसकी वजह से संजू के साथ-साथ उसकी मामी के बदन में भी हलचल पैदा हो रही थी,,,, एक बार फिर से सरसों के तेल की कटोरी में से सरसों के तेल को अपनी हथेली में गिराते हुए वह बोला,,,,)
अब देखना कितना आनंद आता है,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू,,, अपने हथेलियां को अपनी मामी की कमर के बीचो-बीच रखते हुए उसे एक दूसरे के विरुद्ध दिशा में ले जाकर उसकी चिकनी कमर को दोनों हथेली में दबोच लिया और मालिश करने के बहाने उसकी कमर को पड़कर दबाकर मसल कर मजा लेने लगा ऐसा करने से जिस तरह का उत्तेजना का उनको संजू कर रहा था उसे कई ज्यादा उत्तेजित उसकी मामी हो रही थी उसकी चूत की हालत खराब हो रही थी बार-बार उसकी चूत से पानी पर पानी निकल रहा था वह ऐसा महसूस कर रही थी कि मानो जैसे समझे उसकी कमर पकड़ कर अपने लंड को उसकी चूत में डालने की तैयारी कर रहा हो,,,, संजू इतनी जोर-जोर से कमर पर दबाव बनाते हुए मालिश कर रहा था कि उसकी मामी के मुंह से आग्रह आहहहहह की आवाज निकल जा रही थी,,,, और इस तरह की कराहने की आवाज को सुनकर संजू को बहुत मजा आ रहा था,,,,, कुछ देर तक संजू इसी तरह से अपनी मामी की मालिश करता रहा और बार-बार रह रहकर वह अपनी मामी की बड़ी-बड़ी गांड पर अपनी गांड रखकर हल्का सा दबाव बना देता है जिससे वह पूरी तरह से मस्त हो जा रहा था और उसकी मामी मदहोश हो जा रही थी,,,,।
संजू की मामी संजू की हथेलियां को अपने दूसरे अंगों पर भी महसूस करना चाहती थी लेकिन अपने मुंह से बोल नहीं पा रही थी वह देखना चाहती थी कि अब संजू क्या करता है और संजू भी अपनी मामी को पूरी तरह से नंगी करके उसके पूरे बदन की मालिश करना चाहता था लेकिन सीधे-सीधे वह अपनी मम्मी से कह तो नहीं सकता था कि तुम अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ इसलिए अपना दिमाग चल रहा था और बोला,,,,।
मामी,,, तुम्हारा ब्लाउज बीच में आ रहा है वरना तुम्हारी पीठ पर भी मालिश कर देता ताकि पीठ का भी दर्द दूर हो जाता,,,।
(संजू की बात सुनते ही उसका दिल धक से करके रह गया क्योंकि वह संजू के कहने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी और वह अंदर ही अंदर प्रसन्न होने लगी और धीरे से बोली,,,)
लेकिन इसके लिए तो मुझे ब्लाउज निकालना पड़ेगा,,,,
हां तो क्या हुआ मामी,,,, उतार दो ना मालिश करने में भी आराम रहेगा और तुम्हें मालिश करवाने में भी मजा आएगा,,,,
ठीक है तू पीछे से ब्लाउज की डोरी खोल,,,,
(उसका इतना कहना था कि संजू ने तुरंत अपना दोनों हाथ आगे बढ़कर उसके ब्लाउज की डोरी दोनों हाथों में पकड़ लिया और हल्के से खींचकर कसे हुए ब्लाउज को ढीला कर दिया,,,, इसके बाद उसकी मामी संजू से बोली)
एक मिनट के लिए तू मेरे ऊपर से उठ तुम्हें ब्लाउज का बटन खोल कर ब्लाउज उतर सकूं,,,
(अपनी मामी की यह बात सुनते ही संजु का लंड अकड़ने लगा और वह तुरंत अपनी मामी की गांड पर से उतर गया,,,,
lagta hai maami bhi Sanju ki tarah jaldi me hai...एक मिनट के लिए तू मेरे ऊपर से उठ तुम्हें ब्लाउज का बटन खोल कर ब्लाउज उतर सकूं,,,
Eroticरात भर संजू अपनी रितु मामी के घर पर ही रहा,,,, सुबह चाय नाश्ता करने के बाद वह अपने घर लौटा तो उसकी मौसी बोली,,,।
कहां चला गया था संजू तू रात भर,,,, तुझे मालूम नहीं है कि मैं कितना करवट बदल बदल कर तेरा इंतजार कर रही थी,,,
ऐसा क्यों मौसी,,,,?(संजू मुस्कुराता हुआ अपनी मौसी से बोला)
तू तो ऐसे पूछ रहा है जैसे तुझे मालूम ही नहीं है कि मैं तेरा इंतजार क्यों कर रही थी,,,, कल मेरा बहुत मन कर रहा था,,,,
लेकिन मौसी रोज ही तो मैं तुम्हारी चुदाई करता हूं फिर भी,,,,
हां करता तो है लेकिन कल ना जाने क्यों मेरी चूत में आग लगी हुई थी,,,,
Sanju apni mummy k sath
कोई बात नहीं मौसी दोपहर में रात की कसर पूरी कर दूंगा,,,, वैसे भी मेरा लंड खुद तुम्हारी मोटी मोटी चूत के फांकों के बीच जाने के लिए तड़प रहा है,,,,,।
अरे आहिस्ता बोल कोई सुन लेगा तो गजब हो जाएगा,,,,,।
रात भर जिस तरह का आनंद संजू ने लिया था इसका असर अभी तक उसकी दोनों टांगों के बीच नजर आ रहा था पहली बार था कि संजू किसी की आंखों के सामने चुदाई कर रहा था और वह दूसरा कोई नहीं बल्की चुदवाने वाले का पति ही था,,,,,, संजू को अपने छोटे वाले मामा की स्थिति सबसे ज्यादा दयनीय लग रही थी,,,, खैर जो भी हो भला तो उसमें सबका ही था संजू को अपनी मामी की चूत चोदने के लिए मिल रही थी उसकी मामी को एक जवान लंड अपनी प्यास बुझाने को मिल रहा था और उसके मामा को बाप का सुख मिलने वाला था,,,,।
शादी की तैयारी बड़े जोरों शोरों से हो रही थी,,,, तकरीबन सुबह के 10:00 बज रहे थे और घर के बाहर मोटर गाड़ी आकर खड़ी हो चुकी थी क्योंकि आज संजू के सबसे बड़े मामा घर के सभी सदस्य को ले जाकर शादी की खरीदी करने जाने वाले थे खास करके दुल्हन के लिए गहने खरीदने थे,,,,, जाने के लिए सब लोग तैयार हो चुके थे लेकिन संजू की बड़ी वाली मामी की कमर थोड़ी दर्द कर रही थी इसलिए वह बोली,,,,।
देखो तुम लोग चले जाओ तुम लोगों को भी पता चलता है कि क्या सही है क्या गलत इसलिए ,,, लल्ली के लिए अच्छे गहने खरीदना,,,,
Sanju apni ma k sath
वह तो सब ठीक है भाभी लेकिन तुम चलती तो बात कुछ और होती,,,
मैं जरूर चलती लेकिन न जाने क्यों मुझे चला नहीं जा रहा है खामखा बाजार में सब परेशान हो जाओगे वैसे भी तुम लोगों ना मुझे कोई चिंता नहीं है,,,,।
(संजू की मामी जाने के लिए तैयार थी लेकिन जब उसे इस बात का पता चला कि संजू बाजार साथ में नहीं जा रहा है तो वह एक बहाना बनाकर इंकार करती थी क्योंकि उसे दिन की कसक आज तक उसके तन बदन में हिलोरे मार रही थी जब संजू उसके पैर दबाने के बहाने अनजाने में ही उसके बाद में उत्तेजना के चिंगारी को भड़का गया था,,,, ना चाहते हुए भी वह संजू के प्रति आकर्षित हुए चली जा रही थी और नतीजन वह अपनी खुद की लड़की की शादी की खरीदी के लिए नहीं जा रही थी,,,,, मोटर गाड़ी बड़ी थी थोड़ी ही देर में मोटर गाड़ी स्टार्ट हुई और आगे बढ़ गई शादी वाले घर में केवल संजू और उसकी बड़ी मामी ही रह गई जो कि दोनों बरामदे में बैठे हुए थे,,,,)
वैसे संजू तू क्यों नहीं गया साथ में,,,
क्योंकि तुम नहीं गई ना मामी,,,,
अच्छा मैं नहीं गई इसलिए तू भी नहीं गया लेकिन पहले तो ईनकार कर तूने किया था,,,,
Sanju apni ma ki chaddhi utarta hua
क्योंकि मैं जानता था कि तुम नहीं जाने वाली तुम्हारी कमर में दर्द हो रहा है,,,, और तुम्हें मेरी जरूरत पड़ेगी ,,,,
अच्छा यह बात है तू तो अंतर्यामी हो गया है,,,,
अंतर्यामी तो नहीं मामी लेकिन अपनों का दर्द समझता हूं इसीलिए तो रुक गया तुम्हारे लिए,,,,
(संजू की बड़ी वाली मामी संजू की बातों को सुनकर मैं नहीं मन में उत्साहित और उत्तेजित हो रही थी क्योंकि जिस तरह की वह बातें कर रहा था इस तरह की बातें एक मर्द एक औरत से तभी करता है जब वह उसे लगाव रखता है प्यार करता है मानो कि जैसे एक पति और एक प्रेमी इसलिए उसके बाद में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,)
चल रहने दे बातें बनाने को,,,, मेरे दर्द की दवा तेरे पास नहीं है,,,,
मेरे पास तो हर मर्ज की दवा है मामी बस जरूरत है तो दावा करने वाले की कि वह किस तरह की दवा करवाना चाहती है,,,,।
(संजू किस तरह की बातें सुनकर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा था क्योंकि ना जाने क्यों ऐसा लग रहा था कि संजू दूसरी तरीके से उसके खूबसूरत खजाने को लूटने वाली बात कर रहा था,,,,)
Sanju apni ma k sath
चल रहने दे मुझे कोई दवा नहीं करवाना है,,,,
ऐसा कैसे हो सकता है मामी,,,, तुम्हारी दवा करने के लिए तो मैं रुका हूं आज देखने में तुम्हारी ऐसी दवा करूंगा कि जिंदगी भर तुम्हें दर्द नहीं होगा,,,।
नहीं नहीं रहने दे मुझे ऐसा दवा नहीं करवाना है,,,,(वह मंद मंद मुस्कुराते हुए बोली,,,, बरसों के बाद आज कोई उसके मन के उमंगों से खेल रहा था,,, उसके अंदर की एक असली औरत को बाहर निकल रहा था जो कि बरसों से अंदर तभी पड़ी थी उसकी भावनाओं को उजागर कर रहा था,,, जहां एक तरफ संजू की बातें उसे उत्तेजित कर देने वाली लग रही थी वहीं दूसरी तरफ ना जाने क्यों संजू की मौजूदगी में उसे डर का एहसास हो रहा था,,,, और ऐसा दर जो कि किसी पराए मर्द की उपस्थिति में ही एक औरत को होता है,,,,)
देखो मामी दर्द को कभी भी नजरअंदाज नहीं करते मैंने तो आज तक अपने अनुभव से यही सीखा हूं,,,
Is tarah se sanju apni m ki chudai karta hua
मेरे अनुभव से तेरा अनुभव बड़ा हो गया,,,,(वह व्यंग्यात्मक तरीके से संजू से बोली तो संजू बोला)
कभी-कभी खुद से ज्यादा बड़ा दूसरों का होता है,,, अनुभव,,,।
(संजू की बात सुनकर उसकी मामी को न जाने क्यों ऐसा लगा कि वह अनुभव के बारे में नहीं बल्कि अपने लंड के बारे में बात कर रहा है,,,, इसका एहसास उसे होते ही ना जाने क्यों उसे अपनी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में सुरसुरी सी दौड़ती हुई महसूस होने लगी उसे अपनी चूत गीली होती हुई महसूस हो रही थी जो की इस तरह का एहसास उसे बरसों के बाद हो रहा था,,, बदन में उत्तेजना के साथ-साथ गर्मी छाने लगी थी,,, उसकी सांसे गहरी होने लगी थी जो कि संजू को साफ दिखाई दे रहा था कि उसकी छाती बड़े ही मदहोशी भरे अंदाज में ऊपर नीचे हो रही थी जब उसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह बोली,,,)
तू ज्यादा कुछ मत कर जाकर एक गिलास पानी लिया ठंडा,,,,
क्यों मामी गर्मी चढ़ने लगी क्या,,,?
न जाने क्यों गर्मी लग रही है,,,,,
ठीक है मामी मैं अभी लेकर आता हूं,,,,,
(इतना कहने के साथ ही संजू पानी लेने के लिए चला गया और वहां वहीं बैठे-बैठे सोचने लगी कि यह लड़का तो पागल कर देगा कहीं ऐसा ना हो कि इसकी उपस्थिति में कुछ ऐसा हो जाए इसके बारे में वह सोची भी नहीं है कहीं यह लड़का उसके बरसों की तपस्या को भंग ना कर दे,,,, वह बैठे-बैठे यही सब सो रही थी कि थोड़ी ही देर में संजू पानी का एक गिलास लेकर आया और अपनी मामी को थमाते हुए बोला,,,,)
Sanju apni choti mami k sath masti Karta hua
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लो मामी ठंडा पानी पीकर अपनी गर्मी शांत करो,,,,।
(वह तुरंत संजू के हाथ में से ठंडे पानी का गिलास ले ली और एक ही सांस में गटगटाकर पी गई ,,,, और पानी पीने के बाद गहरी सांस लेते हुए पानी का गिलास संजू को थमाते हुए बोली,,,,)
अच्छा हुआ तो घर में मौजूद है वरना सब कुछ मुझे अपने हाथ से ही करना पड़ता,,,
मामी इसीलिए तो मैं नहीं गया सिर्फ तुम्हारे लिए चलो तुम्हारी ऐसी मालिश करता हूं कि सारा दर्द गायब हो जाएगा,,,,
नहीं नहीं रहने दे मुझे यहां से उठा नहीं जा रहा है मैं यहीं पर ठीक हूं,,,,(बात को टालने के अंदाज से वह बोली,,,)
अरे मामी तुम्हें चलना नहीं है,,,,, रुको मैं बताता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही संजू चारों तरफ नजर घुमा कर देखने लगा कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा लेकिन चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था घर के आंगन में कोई भी नहीं था वैसे भी सब लोग बाजार जा चुके थे और अड़ोस पड़ोस वाले भी दिखाई नहीं दे रहे थे इसलिए संजू मौके की नजाकत को समझते हुए तुरंत कुर्सी में बैठी हुई अपनी बड़ी मामी को आगे बढ़कर अपनी गोद में उठा लिया वह कुछ समझ पाती से पहले ही गजब हो गया था संजू अपनी बड़ी मामी को गोद में उठा लिया था और यह देखकर आश्चर्य से उसकी मामी का मुंह खुला का खुला रह गया था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि संजू इतने आराम से उसे कुर्सी पर बैठे होने के बावजूद भी उठा लिया है,,,, वह कुछ बोल पाती इससे पहले ही संजू बोला,,,)
Sanju apni choti maami k sath
तुम्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है मामी मैं तुम्हें तुम्हारे कमरे में ले चलता हूं वहीं पर तुम्हारे अच्छे से मालिश करूंगा,,,,,(वह कुछ बोल सकते की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं थी वह तो पूरी तरह से आश्चर्यचकित हो चुकी थी उसका मुंह खुला का खुला था वह आंखें फाड़े सिर्फ संजू को देखे जा रही थी वह संजू की गोद में थी,,,,, उसकी कही गई बात उसे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो वह कह रहा हो कि चलो तुम्हारे कमरे में तुम्हें ले जाकर चोदूंगा,,, संजू की बातें सुनकर और उसकी हरकत देखकर उसके बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी थी,,,, बदन में अजीब सी मदहोशी छा रही थी,,,, वह ना तो कुछ बोल पाई और ना ही संजू को रोक पाई संजू उसे गोद में उठाए हुए ही मानो के जैसे अपनी बीवी या प्रेमिका को उठाकर कमरे तक ले जा रहा हो,,,, संजू देखते ही देखते कमरे तक पहुंच गया था और यह कमरा किसी और का नहीं उसकी बड़ी मामी का ही था,,,, दरवाजे पर कड़ी नहीं लगी थी लेकिन दरवाजा बंद था इसलिए संजू अपनी मामी को गोद में लिए हुए ही अपने पैर के सहारे से दरवाजा खोल दिया इस समय घर में इस स्थिति में देखने वाला वहां कोई नहीं था इसलिए संजू पूरी तरह से निश्चित था,,,, दरवाजा खुलते ही संजू अपनी मामी की तरफ देखकर मुस्कुराने लगा उसकी मामी के तो समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव साफ नजर आ रहे थे,,,,,,, देखते ही देखते संजू अपनी मामी के बिस्तर तक पहुंच गया जो कि बड़े ही साफ तरीके से सजाया हुआ था मानो कि जैसे उसके लिए ही बिस्तर लगाया गया हो संजू ने इस बार अपनी बड़ी मामी के साथ अपनी छोटी मामी वाली हरकत नहीं किया कि ले जाकर बिस्तर पर पटक दे उसे समय तो वह जवानी के जोश में था और उसकी मामी भी पूरी तरह से चुदवासी हो चुकी थी,,,, लेकिन संजू अपनी इस मामी के साथ अभी इतना खुल नहीं था इसलिए वह पड़े आराम से अपनी मामी को बिस्तर पर लेटा दिया,,, और बोला,,,।
Sanju ki mausi
तुम निश्चिंत रहो मामी आज के बाद दर्द तुम्हारे बदन से गायब हो जाएगा,,,,(इतना कहते हुए संजू अपनी मामी के पर के करीब जाकर बैठकर और तुरंत उसके दोनों पैरों को उठाकर अपनी गोद में रख लिया और ऐसा करने पर उसकी साड़ी घुटनों तक सड़क गई संजू की हरकत से और अपनी साड़ी को घुटनों तक सरकते हुए देखकर संजू की मामी के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी लेकिन वह कुछ भी कर सकते की स्थिति में नहीं थी संजू तुरंत इसकी गोरी गोरी पिंडलियों को अपनी हथेली में लेकर हल्के हल्के दबाना शुरू कर दिया,,,, शर्म से पानी पानी हुई जा रही संजू की बड़ी मामी पल भर में ही संजू की हरकत की वजह से सुकून महसूस करने लगी संजू बड़े होले होले अपनी उंगलियां घूमर उसके पैर की मालिश कर रहा था और पैर के तलवे को अपनी उंगलियों का सहारा देकर हल्के-हल्के दबा रहा था जिससे उसकी मामी को बड़ा ही आनंद महसूस हो रहा था और सुकून प्राप्त हो रहा था लेकिन संजू का इरादा कुछ और था संजू अपनी हरकतों को जारी रखते हुए अपनी मामी के चेहरे के हाव भाव को पढ़ने की कोशिश कर रहा था क्योंकि औरतों की संगत में वह औरतों के चेहरे को पढ़ने का हुनर सीख लिया था और,,, थोड़ी ही देर में संजू के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी क्योंकि वह अपनी मामी के चेहरे पर उत्तेजना का भाव अच्छे से देख पा रहा था और उसे समझने देने लगी कि उसकी मामी भी जल्द ही उसके नीचे आने वाली है,,,,, संजू अपनी बातों की माया जाल में अपनी बड़ी वाली मामी को फसाते हुए बोला,,,,।
Sanju ki suhani mami
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एक बात है मामी इस घर में सबसे ज्यादा काम तुम ही करती हो घर की बड़ी होने के नाते भी और जिम्मेदार होने के नाते भी तुम सब का ख्याल रखती हो इसीलिए तक जाती हो मैं यहां पर देख रहा हूं कि तुम्हारा ख्याल कोई नहीं रखता इसलिए मैं सोचा कि जब तक मैं यहां हूं तब तक मैं तुम्हारा ख्याल रखूंगा,,,,।
(संजू की बातों को सुनकर वह गदगद हुए जा रही थी क्योंकि संजू की बातों में एक तरफ उसके लिए सहानुभूति भी थी और दूसरी तरफ उसकी तारीफ भी थी वह हल्के से मुस्कुराते हुए बोली)
तू बहुत अच्छा है संजू जो मुझे समझना तो है वरना सच में मैं दिन भर मशीन की तरह काम करती रहती हूं और कोई है कि मेरी जरा सा भी देखभाल नहीं करता,,,।
लेकिन मामी मामा जी तो तुम्हें रोकते होंगे कम करने से वह तो तुम्हारा ख्याल जरूर रखते होंगे,,,,(संजू औरतों की दुखती नस पकड़ने में माहिर था और वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बड़ी मामी की दुखती रग कौन हो सकता है,,,, इसलिए वह जानबूझकर अपने मामा जी का जिक्र छेड़ दिया था और यह बात सुनकर उसकी मामी बोली,,,।)
Suhani apne bhanje k sath maja leti huyi
कौन तेरे मामा उनका भला फुर्सत है मेरी फिक्र करने की कभी तबीयत के बारे में तो पूछते नहीं है वह क्या मेरी फिक्र करेंगे,,,,।
(बस यही तो संजू सुनना चाहता था यही तो औरतों की कमजोर कड़ी होती है जिसके बारे में संजू अच्छी तरह से जानता था और मौका देखते ही वह एकदम से अपने चेहरे पर निराशा के भाव लाते हुए बोला,,,)
क्या कह रही हो मामी क्या सच में मामा नहीं पूछते,,,
(इस बार संजू जानबूझकर उसकी टांग को हल्के से ऊपर की तरफ उठा दिया जिससे उसकी मामी की साड़ी घुटनों से थोड़ा और ऊपर की तरफ सरक गई और जैसे ही घुटनों के ऊपर की तरफ सर की वैसे उसकी मामी की सांस अटक गई लेकिन फिर भी संजू पूरी तरह से माहौल को संभालते हुए और अपनी उंगलियों के जादू दिखाते हुए अपनी मामी को काबू में कर लिया और उसकी बात सुनकर उसकी मामी बोली)
तो क्या तुझे क्या लग रहा है मैं झूठ बोल रही हूं अरे सबको ऐसा ही लगता है कि मैं बहुत खुश हूं लेकिन मेरा मन जानता है कि मैं अंदर से कितनी दुखी हूं,,,,
मामा की वजह से ना मामी,,,,,,,(संजू उसी तरह से पैर दबाता हुआ बोला,,, लेकिन उसकी मामी कुछ बोल नहीं पाई तो संजू ही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
यही तो बात है अच्छी चीज की कोई कद्र नहीं करता अगर उसके पास है तो जिसके पास नहीं है उससे पूछो,,,,।
Apni mami k bistar par apni mami k hi sath
( संजू की मामी संजू की बात का मतलब समझ नहीं पाई तो आश्चर्य से संजू की तरफ देखने लगी संजू भी अपनी मामी के चेहरे पर उसके भाव को पढ़ लिया था इसलिए वह बोला,,,।) मामी तुम इस उम्र में भी इतनी खूबसूरत हो,,, मुझे तो यकीन ही नहीं होता और सच कहूं तो कोई यह नहीं कह सकता कि तुम अब सास बनने वाली हो,,,,(संजू की यह बात सुनकर उसकी मामी के कान खड़े हो गए थे संजू उसके तारीफ के पुल बांध रहा था,,,,) मामी तुम नहीं जानती कि तुम कितनी खूबसूरत हो मुझे तो हैरानी है की मामा तुम्हारी कदर क्यों नहीं करते सच कहूं तो तुम्हारी जैसी खूबसूरत बीवी पाकर तो कोई भी इंसान पागल हो जाए लेकिन न जाने मामा क्यों ऐसा करते हैं,,,,।
मैं और खूबसूरत पागल हो गया है तू,,,,(संजू की बातें उसे अच्छी लग रही थी लेकिन वह जानबूझकर ऐसा जाता रही थी कि मानो उसे कुछ फर्क नहीं पड़ता)
अरे मामी तुम सच में नहीं जानती की कितनी खूबसूरत हो तुम्हारे बदन का कसाव इतना जबरदस्त है कि पता ही नहीं चलता कि तुम एक जवान लड़की की मा हो और सास बनने वाली हो,,,,
(अपने बदन के कसाव के बारे में संजू के मुंह से सुनते ही उसके बदन में अजीब सी हलचल होने लगी बदन के कसाव के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी तुरंत उसकी आंखों के सामने अपनी ही खुद की चूचियां और गोल-गोल गांव नजर आने लगी जो कि वाकई में बहुत ही जबरदस्त थे,,,,, लेकिन फिर भी वह जानबूझकर संजू की बात पर एतराज जताते हुए बोली,,,)
Apni mami k sath
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धत् कैसी बातें कर रहा है तू इस तरह से कोई कहता है क्या और वह भी अपनी ही मामी से,,,,
यही तो बात है मामी,,,,(पैर के तलवे पर अच्छे से अपनी उंगलियों का दबाव देता हुआ) यह गांव है ना इसके लिए साबित राज करते हैं अगर सच कह रहा हूं तुम शहर में होती तो अब तक तो न जाने कितने जवान लड़के तुम्हारे दीवाने हो चुके होते और तुम खुद उन्हें अपना बॉयफ्रेंड बनाकर मजे लूट रही होती,,,,।
बआफन्ड ,,, मतलब,,,!
अरे मेरा मतलब है कि प्रेमी,,,,
धत् बदमाश कहीं का,,,(एकदम शर्म से लाल होते हुए वह बोली)
Sanju apni mami k sath
अरे सच कह रहा हूं मामी अपनी कसम,,,, तुम्हें विश्वास नहीं हो रहा है किसी दिन आना शहर में तुम्हें पूरा शहर घुमाऊंगा और दिखाऊंगा कि तुम्हारी उम्र की औरतें वहां कितना आगे करती हैं और जवान लड़कों को कितना पागल बना कर रखती हैं तुम तो यहां साड़ी पहनी हो ना शहर में होती तो तुम भी जींस टॉप पहन कर अपनी जवानी का जलवा भी खेल रही होती और वैसे भी मानी तुम्हारी गांड इतनी गोल-गोल है की जींस में और जबरदस्त लगाती,,,,(संजू एकदम से एकदम उत्तेजित स्वर में अपनी मामी की गांड के बारे में बात करके अपना इरादा बता दिया था और वह अपनी मामी के चेहरे के भाव को पढ़ने की कोशिश कर रहा था जो की गांड शब्द सुनते हैं उसके चेहरे के भाव एकदम से बदल गए थे उसके चेहरे पर शर्म की लालिमा जाने लगी थी और वह शर्मा कर अपने नजरों को दूसरी तरफ घुमा दी थी और कुछ बोली भी नहीं थी ,,,, इसलिए संजू की हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई और वह गांड शब्द का प्रयोग तो कर चुका था और फिर बोला,,,,) और तो और मामी जब तुम टॉप पहनोगी ना तुम्हारी खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह ऊपर नीचे उछलेंगी ना तब देखना मेरी उम्र के लड़कों का क्या हाल होता है,,,,।
(संजू खुले शब्दों में गांड और चूची का शब्द प्रयोग कर रहा था जिसे सुनते ही उसके तन बदन में उत्तेजना की सिहरन सी दौड़ने लगी थी वह संजू से आंख मिलाने पर भी शर्म महसूस करने लगी थी,,,
रात भर संजू अपनी रितु मामी के घर पर ही रहा,,,, सुबह चाय नाश्ता करने के बाद वह अपने घर लौटा तो उसकी मौसी बोली,,,।
कहां चला गया था संजू तू रात भर,,,, तुझे मालूम नहीं है कि मैं कितना करवट बदल बदल कर तेरा इंतजार कर रही थी,,,
ऐसा क्यों मौसी,,,,?(संजू मुस्कुराता हुआ अपनी मौसी से बोला)
तू तो ऐसे पूछ रहा है जैसे तुझे मालूम ही नहीं है कि मैं तेरा इंतजार क्यों कर रही थी,,,, कल मेरा बहुत मन कर रहा था,,,,
लेकिन मौसी रोज ही तो मैं तुम्हारी चुदाई करता हूं फिर भी,,,,
हां करता तो है लेकिन कल ना जाने क्यों मेरी चूत में आग लगी हुई थी,,,,
कोई बात नहीं मौसी दोपहर में रात की कसर पूरी कर दूंगा,,,, वैसे भी मेरा लंड खुद तुम्हारी मोटी मोटी चूत के फांकों के बीच जाने के लिए तड़प रहा है,,,,,।
अरे आहिस्ता बोल कोई सुन लेगा तो गजब हो जाएगा,,,,,।
Apni mami k mooh me deta hua Sanju
रात भर जिस तरह का आनंद संजू ने लिया था इसका असर अभी तक उसकी दोनों टांगों के बीच नजर आ रहा था पहली बार था कि संजू किसी की आंखों के सामने चुदाई कर रहा था और वह दूसरा कोई नहीं बल्की चुदवाने वाले का पति ही था,,,,,, संजू को अपने छोटे वाले मामा की स्थिति सबसे ज्यादा दयनीय लग रही थी,,,, खैर जो भी हो भला तो उसमें सबका ही था संजू को अपनी मामी की चूत चोदने के लिए मिल रही थी उसकी मामी को एक जवान लंड अपनी प्यास बुझाने को मिल रहा था और उसके मामा को बाप का सुख मिलने वाला था,,,,।
शादी की तैयारी बड़े जोरों शोरों से हो रही थी,,,, तकरीबन सुबह के 10:00 बज रहे थे और घर के बाहर मोटर गाड़ी आकर खड़ी हो चुकी थी क्योंकि आज संजू के सबसे बड़े मामा घर के सभी सदस्य को ले जाकर शादी की खरीदी करने जाने वाले थे खास करके दुल्हन के लिए गहने खरीदने थे,,,,, जाने के लिए सब लोग तैयार हो चुके थे लेकिन संजू की बड़ी वाली मामी की कमर थोड़ी दर्द कर रही थी इसलिए वह बोली,,,,।
देखो तुम लोग चले जाओ तुम लोगों को भी पता चलता है कि क्या सही है क्या गलत इसलिए ,,, लल्ली के लिए अच्छे गहने खरीदना,,,,
वह तो सब ठीक है भाभी लेकिन तुम चलती तो बात कुछ और होती,,,
मैं जरूर चलती लेकिन न जाने क्यों मुझे चला नहीं जा रहा है खामखा बाजार में सब परेशान हो जाओगे वैसे भी तुम लोगों ना मुझे कोई चिंता नहीं है,,,,।
(संजू की मामी जाने के लिए तैयार थी लेकिन जब उसे इस बात का पता चला कि संजू बाजार साथ में नहीं जा रहा है तो वह एक बहाना बनाकर इंकार करती थी क्योंकि उसे दिन की कसक आज तक उसके तन बदन में हिलोरे मार रही थी जब संजू उसके पैर दबाने के बहाने अनजाने में ही उसके बाद में उत्तेजना के चिंगारी को भड़का गया था,,,, ना चाहते हुए भी वह संजू के प्रति आकर्षित हुए चली जा रही थी और नतीजन वह अपनी खुद की लड़की की शादी की खरीदी के लिए नहीं जा रही थी,,,,, मोटर गाड़ी बड़ी थी थोड़ी ही देर में मोटर गाड़ी स्टार्ट हुई और आगे बढ़ गई शादी वाले घर में केवल संजू और उसकी बड़ी मामी ही रह गई जो कि दोनों बरामदे में बैठे हुए थे,,,,)
वैसे संजू तू क्यों नहीं गया साथ में,,,
क्योंकि तुम नहीं गई ना मामी,,,,
अच्छा मैं नहीं गई इसलिए तू भी नहीं गया लेकिन पहले तो ईनकार कर तूने किया था,,,,
क्योंकि मैं जानता था कि तुम नहीं जाने वाली तुम्हारी कमर में दर्द हो रहा है,,,, और तुम्हें मेरी जरूरत पड़ेगी ,,,,
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अच्छा यह बात है तू तो अंतर्यामी हो गया है,,,,
अंतर्यामी तो नहीं मामी लेकिन अपनों का दर्द समझता हूं इसीलिए तो रुक गया तुम्हारे लिए,,,,
(संजू की बड़ी वाली मामी संजू की बातों को सुनकर मैं नहीं मन में उत्साहित और उत्तेजित हो रही थी क्योंकि जिस तरह की वह बातें कर रहा था इस तरह की बातें एक मर्द एक औरत से तभी करता है जब वह उसे लगाव रखता है प्यार करता है मानो कि जैसे एक पति और एक प्रेमी इसलिए उसके बाद में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,)
चल रहने दे बातें बनाने को,,,, मेरे दर्द की दवा तेरे पास नहीं है,,,,
मेरे पास तो हर मर्ज की दवा है मामी बस जरूरत है तो दावा करने वाले की कि वह किस तरह की दवा करवाना चाहती है,,,,।
(संजू किस तरह की बातें सुनकर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा था क्योंकि ना जाने क्यों ऐसा लग रहा था कि संजू दूसरी तरीके से उसके खूबसूरत खजाने को लूटने वाली बात कर रहा था,,,,)
चल रहने दे मुझे कोई दवा नहीं करवाना है,,,,
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ऐसा कैसे हो सकता है मामी,,,, तुम्हारी दवा करने के लिए तो मैं रुका हूं आज देखने में तुम्हारी ऐसी दवा करूंगा कि जिंदगी भर तुम्हें दर्द नहीं होगा,,,।
नहीं नहीं रहने दे मुझे ऐसा दवा नहीं करवाना है,,,,(वह मंद मंद मुस्कुराते हुए बोली,,,, बरसों के बाद आज कोई उसके मन के उमंगों से खेल रहा था,,, उसके अंदर की एक असली औरत को बाहर निकल रहा था जो कि बरसों से अंदर तभी पड़ी थी उसकी भावनाओं को उजागर कर रहा था,,, जहां एक तरफ संजू की बातें उसे उत्तेजित कर देने वाली लग रही थी वहीं दूसरी तरफ ना जाने क्यों संजू की मौजूदगी में उसे डर का एहसास हो रहा था,,,, और ऐसा दर जो कि किसी पराए मर्द की उपस्थिति में ही एक औरत को होता है,,,,)
देखो मामी दर्द को कभी भी नजरअंदाज नहीं करते मैंने तो आज तक अपने अनुभव से यही सीखा हूं,,,
मेरे अनुभव से तेरा अनुभव बड़ा हो गया,,,,(वह व्यंग्यात्मक तरीके से संजू से बोली तो संजू बोला)
कभी-कभी खुद से ज्यादा बड़ा दूसरों का होता है,,, अनुभव,,,।
(संजू की बात सुनकर उसकी मामी को न जाने क्यों ऐसा लगा कि वह अनुभव के बारे में नहीं बल्कि अपने लंड के बारे में बात कर रहा है,,,, इसका एहसास उसे होते ही ना जाने क्यों उसे अपनी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में सुरसुरी सी दौड़ती हुई महसूस होने लगी उसे अपनी चूत गीली होती हुई महसूस हो रही थी जो की इस तरह का एहसास उसे बरसों के बाद हो रहा था,,, बदन में उत्तेजना के साथ-साथ गर्मी छाने लगी थी,,, उसकी सांसे गहरी होने लगी थी जो कि संजू को साफ दिखाई दे रहा था कि उसकी छाती बड़े ही मदहोशी भरे अंदाज में ऊपर नीचे हो रही थी जब उसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह बोली,,,)
तू ज्यादा कुछ मत कर जाकर एक गिलास पानी लिया ठंडा,,,,
क्यों मामी गर्मी चढ़ने लगी क्या,,,?
न जाने क्यों गर्मी लग रही है,,,,,
ठीक है मामी मैं अभी लेकर आता हूं,,,,,
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(वह तुरंत संजू के हाथ में से ठंडे पानी का गिलास ले ली और एक ही सांस में गटगटाकर पी गई ,,,, और पानी पीने के बाद गहरी सांस लेते हुए पानी का गिलास संजू को थमाते हुए बोली,,,,)
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अरे मामी तुम्हें चलना नहीं है,,,,, रुको मैं बताता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही संजू चारों तरफ नजर घुमा कर देखने लगा कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा लेकिन चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था घर के आंगन में कोई भी नहीं था वैसे भी सब लोग बाजार जा चुके थे और अड़ोस पड़ोस वाले भी दिखाई नहीं दे रहे थे इसलिए संजू मौके की नजाकत को समझते हुए तुरंत कुर्सी में बैठी हुई अपनी बड़ी मामी को आगे बढ़कर अपनी गोद में उठा लिया वह कुछ समझ पाती से पहले ही गजब हो गया था संजू अपनी बड़ी मामी को गोद में उठा लिया था और यह देखकर आश्चर्य से उसकी मामी का मुंह खुला का खुला रह गया था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि संजू इतने आराम से उसे कुर्सी पर बैठे होने के बावजूद भी उठा लिया है,,,, वह कुछ बोल पाती इससे पहले ही संजू बोला,,,)
तुम्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है मामी मैं तुम्हें तुम्हारे कमरे में ले चलता हूं वहीं पर तुम्हारे अच्छे से मालिश करूंगा,,,,,(वह कुछ बोल सकते की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं थी वह तो पूरी तरह से आश्चर्यचकित हो चुकी थी उसका मुंह खुला का खुला था वह आंखें फाड़े सिर्फ संजू को देखे जा रही थी वह संजू की गोद में थी,,,,, उसकी कही गई बात उसे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो वह कह रहा हो कि चलो तुम्हारे कमरे में तुम्हें ले जाकर चोदूंगा,,, संजू की बातें सुनकर और उसकी हरकत देखकर उसके बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी थी,,,, बदन में अजीब सी मदहोशी छा रही थी,,,, वह ना तो कुछ बोल पाई और ना ही संजू को रोक पाई संजू उसे गोद में उठाए हुए ही मानो के जैसे अपनी बीवी या प्रेमिका को उठाकर कमरे तक ले जा रहा हो,,,, संजू देखते ही देखते कमरे तक पहुंच गया था और यह कमरा किसी और का नहीं उसकी बड़ी मामी का ही था,,,, दरवाजे पर कड़ी नहीं लगी थी लेकिन दरवाजा बंद था इसलिए संजू अपनी मामी को गोद में लिए हुए ही अपने पैर के सहारे से दरवाजा खोल दिया इस समय घर में इस स्थिति में देखने वाला वहां कोई नहीं था इसलिए संजू पूरी तरह से निश्चित था,,,, दरवाजा खुलते ही संजू अपनी मामी की तरफ देखकर मुस्कुराने लगा उसकी मामी के तो समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव साफ नजर आ रहे थे,,,,,,, देखते ही देखते संजू अपनी मामी के बिस्तर तक पहुंच गया जो कि बड़े ही साफ तरीके से सजाया हुआ था मानो कि जैसे उसके लिए ही बिस्तर लगाया गया हो संजू ने इस बार अपनी बड़ी मामी के साथ अपनी छोटी मामी वाली हरकत नहीं किया कि ले जाकर बिस्तर पर पटक दे उसे समय तो वह जवानी के जोश में था और उसकी मामी भी पूरी तरह से चुदवासी हो चुकी थी,,,, लेकिन संजू अपनी इस मामी के साथ अभी इतना खुल नहीं था इसलिए वह पड़े आराम से अपनी मामी को बिस्तर पर लेटा दिया,,, और बोला,,,।
तुम निश्चिंत रहो मामी आज के बाद दर्द तुम्हारे बदन से गायब हो जाएगा,,,,(इतना कहते हुए संजू अपनी मामी के पर के करीब जाकर बैठकर और तुरंत उसके दोनों पैरों को उठाकर अपनी गोद में रख लिया और ऐसा करने पर उसकी साड़ी घुटनों तक सड़क गई संजू की हरकत से और अपनी साड़ी को घुटनों तक सरकते हुए देखकर संजू की मामी के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी लेकिन वह कुछ भी कर सकते की स्थिति में नहीं थी संजू तुरंत इसकी गोरी गोरी पिंडलियों को अपनी हथेली में लेकर हल्के हल्के दबाना शुरू कर दिया,,,, शर्म से पानी पानी हुई जा रही संजू की बड़ी मामी पल भर में ही संजू की हरकत की वजह से सुकून महसूस करने लगी संजू बड़े होले होले अपनी उंगलियां घूमर उसके पैर की मालिश कर रहा था और पैर के तलवे को अपनी उंगलियों का सहारा देकर हल्के-हल्के दबा रहा था जिससे उसकी मामी को बड़ा ही आनंद महसूस हो रहा था और सुकून प्राप्त हो रहा था लेकिन संजू का इरादा कुछ और था संजू अपनी हरकतों को जारी रखते हुए अपनी मामी के चेहरे के हाव भाव को पढ़ने की कोशिश कर रहा था क्योंकि औरतों की संगत में वह औरतों के चेहरे को पढ़ने का हुनर सीख लिया था और,,, थोड़ी ही देर में संजू के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी क्योंकि वह अपनी मामी के चेहरे पर उत्तेजना का भाव अच्छे से देख पा रहा था और उसे समझने देने लगी कि उसकी मामी भी जल्द ही उसके नीचे आने वाली है,,,,, संजू अपनी बातों की माया जाल में अपनी बड़ी वाली मामी को फसाते हुए बोला,,,,।
एक बात है मामी इस घर में सबसे ज्यादा काम तुम ही करती हो घर की बड़ी होने के नाते भी और जिम्मेदार होने के नाते भी तुम सब का ख्याल रखती हो इसीलिए तक जाती हो मैं यहां पर देख रहा हूं कि तुम्हारा ख्याल कोई नहीं रखता इसलिए मैं सोचा कि जब तक मैं यहां हूं तब तक मैं तुम्हारा ख्याल रखूंगा,,,,।
(संजू की बातों को सुनकर वह गदगद हुए जा रही थी क्योंकि संजू की बातों में एक तरफ उसके लिए सहानुभूति भी थी और दूसरी तरफ उसकी तारीफ भी थी वह हल्के से मुस्कुराते हुए बोली)
तू बहुत अच्छा है संजू जो मुझे समझना तो है वरना सच में मैं दिन भर मशीन की तरह काम करती रहती हूं और कोई है कि मेरी जरा सा भी देखभाल नहीं करता,,,।
लेकिन मामी मामा जी तो तुम्हें रोकते होंगे कम करने से वह तो तुम्हारा ख्याल जरूर रखते होंगे,,,,(संजू औरतों की दुखती नस पकड़ने में माहिर था और वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बड़ी मामी की दुखती रग कौन हो सकता है,,,, इसलिए वह जानबूझकर अपने मामा जी का जिक्र छेड़ दिया था और यह बात सुनकर उसकी मामी बोली,,,।)
कौन तेरे मामा उनका भला फुर्सत है मेरी फिक्र करने की कभी तबीयत के बारे में तो पूछते नहीं है वह क्या मेरी फिक्र करेंगे,,,,।
(बस यही तो संजू सुनना चाहता था यही तो औरतों की कमजोर कड़ी होती है जिसके बारे में संजू अच्छी तरह से जानता था और मौका देखते ही वह एकदम से अपने चेहरे पर निराशा के भाव लाते हुए बोला,,,)
क्या कह रही हो मामी क्या सच में मामा नहीं पूछते,,,
(इस बार संजू जानबूझकर उसकी टांग को हल्के से ऊपर की तरफ उठा दिया जिससे उसकी मामी की साड़ी घुटनों से थोड़ा और ऊपर की तरफ सरक गई और जैसे ही घुटनों के ऊपर की तरफ सर की वैसे उसकी मामी की सांस अटक गई लेकिन फिर भी संजू पूरी तरह से माहौल को संभालते हुए और अपनी उंगलियों के जादू दिखाते हुए अपनी मामी को काबू में कर लिया और उसकी बात सुनकर उसकी मामी बोली)
तो क्या तुझे क्या लग रहा है मैं झूठ बोल रही हूं अरे सबको ऐसा ही लगता है कि मैं बहुत खुश हूं लेकिन मेरा मन जानता है कि मैं अंदर से कितनी दुखी हूं,,,,
मामा की वजह से ना मामी,,,,,,,(संजू उसी तरह से पैर दबाता हुआ बोला,,, लेकिन उसकी मामी कुछ बोल नहीं पाई तो संजू ही अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
यही तो बात है अच्छी चीज की कोई कद्र नहीं करता अगर उसके पास है तो जिसके पास नहीं है उससे पूछो,,,,।
( संजू की मामी संजू की बात का मतलब समझ नहीं पाई तो आश्चर्य से संजू की तरफ देखने लगी संजू भी अपनी मामी के चेहरे पर उसके भाव को पढ़ लिया था इसलिए वह बोला,,,।) मामी तुम इस उम्र में भी इतनी खूबसूरत हो,,, मुझे तो यकीन ही नहीं होता और सच कहूं तो कोई यह नहीं कह सकता कि तुम अब सास बनने वाली हो,,,,(संजू की यह बात सुनकर उसकी मामी के कान खड़े हो गए थे संजू उसके तारीफ के पुल बांध रहा था,,,,) मामी तुम नहीं जानती कि तुम कितनी खूबसूरत हो मुझे तो हैरानी है की मामा तुम्हारी कदर क्यों नहीं करते सच कहूं तो तुम्हारी जैसी खूबसूरत बीवी पाकर तो कोई भी इंसान पागल हो जाए लेकिन न जाने मामा क्यों ऐसा करते हैं,,,,।
मैं और खूबसूरत पागल हो गया है तू,,,,(संजू की बातें उसे अच्छी लग रही थी लेकिन वह जानबूझकर ऐसा जाता रही थी कि मानो उसे कुछ फर्क नहीं पड़ता)
अरे मामी तुम सच में नहीं जानती की कितनी खूबसूरत हो तुम्हारे बदन का कसाव इतना जबरदस्त है कि पता ही नहीं चलता कि तुम एक जवान लड़की की मा हो और सास बनने वाली हो,,,,
(अपने बदन के कसाव के बारे में संजू के मुंह से सुनते ही उसके बदन में अजीब सी हलचल होने लगी बदन के कसाव के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी तुरंत उसकी आंखों के सामने अपनी ही खुद की चूचियां और गोल-गोल गांव नजर आने लगी जो कि वाकई में बहुत ही जबरदस्त थे,,,,, लेकिन फिर भी वह जानबूझकर संजू की बात पर एतराज जताते हुए बोली,,,)
धत् कैसी बातें कर रहा है तू इस तरह से कोई कहता है क्या और वह भी अपनी ही मामी से,,,,
यही तो बात है मामी,,,,(पैर के तलवे पर अच्छे से अपनी उंगलियों का दबाव देता हुआ) यह गांव है ना इसके लिए साबित राज करते हैं अगर सच कह रहा हूं तुम शहर में होती तो अब तक तो न जाने कितने जवान लड़के तुम्हारे दीवाने हो चुके होते और तुम खुद उन्हें अपना बॉयफ्रेंड बनाकर मजे लूट रही होती,,,,।
बआफन्ड ,,, मतलब,,,!
अरे मेरा मतलब है कि प्रेमी,,,,
धत् बदमाश कहीं का,,,(एकदम शर्म से लाल होते हुए वह बोली)
अरे सच कह रहा हूं मामी अपनी कसम,,,, तुम्हें विश्वास नहीं हो रहा है किसी दिन आना शहर में तुम्हें पूरा शहर घुमाऊंगा और दिखाऊंगा कि तुम्हारी उम्र की औरतें वहां कितना आगे करती हैं और जवान लड़कों को कितना पागल बना कर रखती हैं तुम तो यहां साड़ी पहनी हो ना शहर में होती तो तुम भी जींस टॉप पहन कर अपनी जवानी का जलवा भी खेल रही होती और वैसे भी मानी तुम्हारी गांड इतनी गोल-गोल है की जींस में और जबरदस्त लगाती,,,,(संजू एकदम से एकदम उत्तेजित स्वर में अपनी मामी की गांड के बारे में बात करके अपना इरादा बता दिया था और वह अपनी मामी के चेहरे के भाव को पढ़ने की कोशिश कर रहा था जो की गांड शब्द सुनते हैं उसके चेहरे के भाव एकदम से बदल गए थे उसके चेहरे पर शर्म की लालिमा जाने लगी थी और वह शर्मा कर अपने नजरों को दूसरी तरफ घुमा दी थी और कुछ बोली भी नहीं थी ,,,, इसलिए संजू की हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई और वह गांड शब्द का प्रयोग तो कर चुका था और फिर बोला,,,,) और तो और मामी जब तुम टॉप पहनोगी ना तुम्हारी खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह ऊपर नीचे उछलेंगी ना तब देखना मेरी उम्र के लड़कों का क्या हाल होता है,,,,।
(संजू खुले शब्दों में गांड और चूची का शब्द प्रयोग कर रहा था जिसे सुनते ही उसके तन बदन में उत्तेजना की सिहरन सी दौड़ने लगी थी वह संजू से आंख मिलाने पर भी शर्म महसूस करने लगी थी,,, संजू एकदम सहज रूप से अपनी मामी की चूची और गांड के बारे में बात कर रहा था और एकदम आराम से उसके पैर भी दबा रहा था,,, संजू की आंखों में शर्म में बिल्कुल भी नहीं था लेकिन उसकी मामी शर्मा से पानी पानी हो जा रही थी उसे अपनी चूत पानी टपकाते हुए महसूस हो रही थी जो कि बरसों बाद उसे ऐसा महसूस और आभास हुआ था,,,, उसे न जाने क्या होने लगा था उसे इस बात का डर था कि अगर कुछ देर तक और भाई इस तरह से बातें करता रहा तो वह उसके लिए अपनी दोनों टांगें खोल देगी और ऐसा वह बिल्कुल भी नहीं चाहती थी,,,, इसलिए बात का रुख बदलते हुए बोली,,,,।)
तेरा शहर तुझे ही मुबारक हो मैं तो यहीं पर सही हूं,,,,
क्या मामी तुम भी शहर में रहती तो और मक्खन की तरह चमकती यहां दिनभर धूप में कम कर करके तुम्हारी खूबसूरती में थोड़ा सा गिरावट तो आया ही है लेकिन शहर की औरतों को भी तुम टक्कर देने में पूरी तरह से समर्थ हो,,,, और मामी में अपने नजरिए से कहूं तो तुम दोनों छोटी मामी से भी ज्यादा जवान लगती हो एकदम कड़क,,,।
धत्,,,,,, अच्छे से मालिश कर बेवजह इधर-उधर की बात कर रहा है,,,,
मैं तो तारीफ कर रहा था अब तुम्हें खराब लग रहा हो तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं वैसे मम्मी सरसों का तेल मिल जाता तो बहुत अच्छे से मालिश कर देता ,,,,।
सरसों का तेल तो रसोई घर में होगा रुक में लेकर आती हूं,,,(इतना कहने के साथ ही वह बिस्तर पर उठने की कोशिश की तो संजू तुरंत अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसे रोकते हुए बोला,,,)
तुम रहने दो मामी मैं लेकर आता हूं,,,,(ऐसा कहते हुए वह हाथ आगे बढ़कर अपनी मामी को रोकने की कोशिश किया था लेकिन अनजाने में ही उसका हाथ उसकी मामी की खरबूजे जैसी चूचियों पर स्पर्श हो गई जिससे उसकी मामी के तन बदन में एक बार फिर से झनझनाहट फैल गई लेकिन सहज रूप से संजू ने अपने हाथ को अपनी मामी की छतिया पर से हटा लिया लेकिन उसे भी अपनी मामी की चूचियों की नरमाहट और गरमाहट दोनों का एहसास हो गया था,,,, वह तुरंत बिस्तर पर से उठकर खड़ा हो गया लेकिन खड़ा होते ही उसकी मामी की नजर उसके खड़े लंड पर चली गई जो की पेंट में पूरी तरह से तंबू बनाया हुआ था,,,, एक प्यासी औरत के लिए इतना काफी होता है इस नजारे को देखकर उसके तन बदन में उत्तेजना की चिंगारियां फूटने लगी उसके अरमानों को पर लग गए वह अपने मन में पल भर में ही बहुत कुछ सोचने लगी थी,,,, संजू जानबूझकर उसे अपने खड़े लंड की स्थिति दिखाना चाहता था अपने अंदर दबे अरमान को अपनी मामी के सामने लाना चाहता था और ऐसा हुआ कर दिया था वह तुरंत कमरे से बाहर चला गया था लेकिन अपने पीछे तूफान छोड़ गया था जिसमें संजू की मामी पूरी तरह से अपने आप को उलझता हुआ महसूस कर रही थी इस तूफान से निकलने का उसके पास कोई रास्ता नहीं था,,,,, संजू के पेट में बने तंबू के आकार को देखकर उम्र के इस पड़ाव पर पहुंच चुकी संजू की मामी सोचने पर मजबूर हो गई कि संजू के पेट में छुपा हुआ हथियार कैसी शक्ल का है जो इतना भयानक तंबू बनाया हुआ है क्योंकि उसने आज तक इस तरह का तंबू अपने पति के पेट में तो क्या किसी के भी पेट में नहीं देखी थी,,,,,।
अपनी दोनों टांगों के बीच की स्थिति उसे खराब होती हुई महसूस हो रही थी इसलिए इसका जायजा लेने के लिए वह साड़ी के ऊपर सही अपनी चूत को टटोलने लगी तो उसे महसूस हुआ कि उसकी चूत काफी गिरी हो चुकी थी उसकी चूत लगातार पानी फेंक रही थी,,,, वह पूरी तरह से भंवर में फंस चुकी थी,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करें,,,, वह पल भर में ही,,, अपनी जिंदगी के बीते हुए चार पांच साल के बारे में सोचने लगी ,,,, तो उसे समझ में आया कि इन 5 सालों में उसके उसके पति के बीच में शारीरिक संबंध नाके बराबर रह गया था,,,। इस बात का एहसास भी उसे अच्छी तरह से था कि उसने कोई कमी नहीं थे बल्कि उसके पति ही ठंडे पड़ गए थे जबकी इस उम्र में औरतों की ख्वाहिश कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है शुरू-शुरू में उसे भी ऐसा महसूस होता था लेकिन अपने पति के बेरुखी के कारण वह भी अपनी भावनाओं को समेटकर जीवन जी रही थी,,,,।
उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें संजू की हरकत को देखकर वह पूरी तरह से पानी पानी हो गई थी उसके दिलों दिमाग पर भी वासना का जोर पकड़ने लगा था एक तरफ उसका मन कह रहा था कि अपने भांजे के साथ शारीरिक संबंध बनाकर अपने जीवन के अधूरे पन को पूरा कर ले,,, तो एक मन उसे ऐसा करने से रोक रहा था,,, नहीं ऐसा करना गलत है लोग क्या कहेंगे किसी को इस बारे में पता चल गया तो बदनाम हो जाएगी तो तभी दूसरा मां उसे समझाने की कोशिश करता की आखिरकार घर में है कौन उन दोनों के सिवा अगर दोनों के बीच किसी भी प्रकार का संबंध बन भी जाता है तो कहां किसी को पता चलने वाला है चार दिवारी के अंदर कमरे के अंदर वह दोनों ही तो हैं और वह दोनों चाहे तो कुछ भी कर सकते हैं,,,। तो दूसरा मन कहता था कि नहीं वह तो तेरे बेटे की उम्र का है अपने ही बेटे की उम्र के लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाना उचित नहीं है,,,, तभी दूसरा मन समझाने की कोशिश करता की बेटे की उम्र का है तो क्या हुआ उसकी दोनों टांगों के बीच जो हथियार है वह किसी के पास नहीं आखिरकार वह एक औरत है अगर उसके मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत में लेकर अपने अरमान को पूरा भी कर लेती है तो क्या बिगड़ने वाला है किसी को कानों कान खबर नहीं होगी,,,,
इस तरह के विचार उसके तन-बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर रहे थे उसके मन में एक तूफान सा उठ रहा था,,,, उसकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी जवानी के जोश पर उसका बिल्कुल भी काबू नहीं था आखिरकार वासना हावी हो गई और वह भी संजू के साथ चुदवाने का मन बना ली,,,,।
थोड़ी ही देर में संजू कटोरी में सरसों का तेल लेकर कमरे में प्रवेश किया और कमरे में प्रवेश करते ही अपने हाथों से दरवाजा बंद करके सिटकनी लगा दिया संजू की यह हरकत,,, उसकी मामी के तन बदन में सिरहन पैदा कर गया,,, दरवाजे को बंद करके सिटकनी लगाने का मतलब उसकी मामी अच्छी तरह से समझ रही थी,,, इतने बड़े घर में कमरे के अंदर घर के सभी सदस्यों की गैर मौजूदगी में,,, जवानी से भरी हुई कम उम्र दराज औरत और एक जवान लड़का मौजूद होने के मतलब को वह अच्छी तरह से समझ रही थी और इस बारे में सोचकर कसमसा भी रही थी,,,। संजू तुरंत बिस्तर के करीब पहुंच गया और अपनी मामी की तरफ देखा तो बागरी गहरी सांस ले रही थी सांसों की गति के साथ उसकी भारी भरकम चूचियां भी ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था संजू हाथ में तेल की कटोरी लिए हुए बोला,,,।
बिस्तर पर मजा नहीं आएगा मामी नीचे में चटाई बिछा देता हूं यहीं पर लेट जाओ,,,,
(चटाई बिछाने के नाम पर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा लेकिन उसका भी दिमाग अब काम करने लगा था उसका भी मन संजू के साथ संभोग रत होने के लिए मचलने लगा था इसलिए वह बोली,,,)
ठीक है लेकिन मेरी कमर की मालिश करना मेरी कमर ज्यादा दुख रही है,,,
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मामी मैं तुम्हारे पूरे बदन की मालिश कर दूंगा,,,,
हो रही कोने में पड़ी है चटाई उसे बिछा ले,,,,।
(इतना सुनते ही संजू कोने में बड़ी चटाई ले आया और उसे कमरे के बीचो-बीच बेचने लगा और उसकी मम्मी बिस्तर पर से नीचे उतर गई वह जानबूझकर अपनी कमर की मालिश करवाने के लिए बोली थी क्योंकि कमर की मालिश करते-करते उसका ध्यान जरूर उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर जाने वाला था और वह देखना चाहती थी कि अब संजू क्या करता है क्योंकि उसके बदन में भी उत्तेजना अपना जोर दिखा रही थी और इस खेल में उसे भी मजा आ रहा था,,,)
आ जाओ मामी इस पर पेट के बल लेट जाओ,,,
(संजू की हर एक बात उसका संवाद उसकी मामी को बेहद उत्तेजित कर देने वाला लग रहा था उसका इरादा बहुत ही गलत लग रहा था लेकिन अब वह खुद उसके इरादे पर मर मीठी थी इसलिए उसकी बात मानते हुए तुरंत अपनी साड़ी को कंधे से हटाकर वह धीरे से पेट के बल लेट गई जब वह पेट के बल लेट रही थी तो उसकी भारी भरकम गांड की गोली कुछ अद्भुत तरीके से बाहर की तरफ निकली हुई थी जिसे देखकर संजू का मन ललच उठ रहा था,,,, संजू की मामी पेट के बल लेट चुकी थी उसकी भारी भरकम गांड कसी हुई साड़ी में और भी ज्यादा मदहोश कर देने वाली लग रही थी,,,, कमर एकदम गदराई हुई थी जिसे देखकर ही किसी का भी लंड खड़ा हो जाए,,,, संजू के लिए अच्छी बात यह थी कि उसकी मामी ने पतली डोरी वाला ब्लाउज पहन रखी थी जो कि पीछे से एक पतली सी पट्टी थी और डोरी से बंधी हुई थी जिससे उसका चिकन पीठ एकदम साफ नजर आ रहा था और गांव की होने की वजह से वह ब्रा नहीं पहनी थी जो कि एकदम साफ दिखाई दे रहा था,,,,
संजू की मामी का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि कुछ ही पल में संजू की हथेली उसकी कमर पर स्पर्श होने वाली थी संजू ने तेल की कटोरी लेकर तेल की धार को उसकी कमर पर गिराना शुरू कर दिया,,, संजू कमर के बीचो-बीच गहरी लकीर पर तेल गिर रहा था गहरी लकीर देखकर भी संजू का लंड पूरी तरह से तन जा रहा था,,, संजू ने तेल की कटोरी को बगल में रख लिया और फिर,,, अपनी हथेली को पहले धीरे-धीरे पीठ पर घूमना शुरू कर दिया जब अच्छे तरीके से पूरा सरसों का तेल पीठ पर कमर पर लग गया तब वह अपने हथेली का दबाव बढ़ने लगा,,,, गोरी चिकनी पीठ पर हथेली घूमने में संजू को बहुत मजा आ रहा था वह उत्तेजित हुआ जा रहा था और एक मर्द की हथेली का स्पर्श अपनी कमर पर पाकर उसकी मामी गदगद हुए जा रही थी,,,,,, संजू उसकी कमर पर जोर-जोर से हथेली दबाते हुए उसकी मालिश कर रहा था वैसे तो उसे मालिश करने का अनुभव बिल्कुल भी नहीं था लेकिन अपनी मदमस्त जवानी से भरी हुई मानी की जवानी से खेलने के लालच में वह अच्छी तरह से मालिश करना सीख गया था,,,,,,
आप कैसा लग रहा है मामी,,,(अपने अंगूठे को कमर की बीच वाली लकीर पर जोर से ऊपर की तरफ उठाते हुए बोला,,,,)
बहुत अच्छा लग रहा है रे,,,, तेरे हाथों में तो जादू है,,,,,
जिस तरह से मैं बैठा हूं ठीक से लगा नहीं पा रहा हूं वरना और अच्छा लगता ,,,,(अपना उल्लू सीधा करने के उद्देश्य से संजू बोला)
तुझे जैसा ठीक लगता है वैसे मालिश कर लेकिन आराम हो जाना चाहिए,,,
बिल्कुल भी चिंता मत करो मामी एकदम आराम हो जाएगा,,,,,, अभी रुको लेकिन तुम नाराज मत होना,,,
मैं भला क्यों नाराज होऊंगी,,,, आखिरकार तू जो भी करेगा मेरी भलाई के लिए ही करेगा,,,
यह सही कही मामी तुमने,,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी जगह से उठा और एक नजर अपनी मामी की बड़ी-बड़ी गांड पर डालते हुए अपने पर को मोड़कर एक घुटने कमर के दूसरी तरफ रख और दूसरा घुटना दूसरी तरफ,,,,, इस तरह से वह अपनी मामी के नितंबों पर सवार हो चुका था,,, संजू की इस हरकत पर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा उसकी चूत गरम लावा फेंकने लगी वह पूरी तरह से उत्तेजित होने लगी,,,, क्योंकि इस तरह से वह पूरी तरह से उसके नितंबों पर काबू पर चुका था संजू का खुद का नितंब उसके नितंबों से स्पर्श हो रहा था जिसकी वजह से संजू के साथ-साथ उसकी मामी के बदन में भी हलचल पैदा हो रही थी,,,, एक बार फिर से सरसों के तेल की कटोरी में से सरसों के तेल को अपनी हथेली में गिराते हुए वह बोला,,,,)
अब देखना कितना आनंद आता है,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू,,, अपने हथेलियां को अपनी मामी की कमर के बीचो-बीच रखते हुए उसे एक दूसरे के विरुद्ध दिशा में ले जाकर उसकी चिकनी कमर को दोनों हथेली में दबोच लिया और मालिश करने के बहाने उसकी कमर को पड़कर दबाकर मसल कर मजा लेने लगा ऐसा करने से जिस तरह का उत्तेजना का उनको संजू कर रहा था उसे कई ज्यादा उत्तेजित उसकी मामी हो रही थी उसकी चूत की हालत खराब हो रही थी बार-बार उसकी चूत से पानी पर पानी निकल रहा था वह ऐसा महसूस कर रही थी कि मानो जैसे समझे उसकी कमर पकड़ कर अपने लंड को उसकी चूत में डालने की तैयारी कर रहा हो,,,, संजू इतनी जोर-जोर से कमर पर दबाव बनाते हुए मालिश कर रहा था कि उसकी मामी के मुंह से आग्रह आहहहहह की आवाज निकल जा रही थी,,,, और इस तरह की कराहने की आवाज को सुनकर संजू को बहुत मजा आ रहा था,,,,, कुछ देर तक संजू इसी तरह से अपनी मामी की मालिश करता रहा और बार-बार रह रहकर वह अपनी मामी की बड़ी-बड़ी गांड पर अपनी गांड रखकर हल्का सा दबाव बना देता है जिससे वह पूरी तरह से मस्त हो जा रहा था और उसकी मामी मदहोश हो जा रही थी,,,,।
संजू की मामी संजू की हथेलियां को अपने दूसरे अंगों पर भी महसूस करना चाहती थी लेकिन अपने मुंह से बोल नहीं पा रही थी वह देखना चाहती थी कि अब संजू क्या करता है और संजू भी अपनी मामी को पूरी तरह से नंगी करके उसके पूरे बदन की मालिश करना चाहता था लेकिन सीधे-सीधे वह अपनी मम्मी से कह तो नहीं सकता था कि तुम अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ इसलिए अपना दिमाग चल रहा था और बोला,,,,।
मामी,,, तुम्हारा ब्लाउज बीच में आ रहा है वरना तुम्हारी पीठ पर भी मालिश कर देता ताकि पीठ का भी दर्द दूर हो जाता,,,।
(संजू की बात सुनते ही उसका दिल धक से करके रह गया क्योंकि वह संजू के कहने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी और वह अंदर ही अंदर प्रसन्न होने लगी और धीरे से बोली,,,)
लेकिन इसके लिए तो मुझे ब्लाउज निकालना पड़ेगा,,,,
हां तो क्या हुआ मामी,,,, उतार दो ना मालिश करने में भी आराम रहेगा और तुम्हें मालिश करवाने में भी मजा आएगा,,,,
ठीक है तू पीछे से ब्लाउज की डोरी खोल,,,,
(उसका इतना कहना था कि संजू ने तुरंत अपना दोनों हाथ आगे बढ़कर उसके ब्लाउज की डोरी दोनों हाथों में पकड़ लिया और हल्के से खींचकर कसे हुए ब्लाउज को ढीला कर दिया,,,, इसके बाद उसकी मामी संजू से बोली)
एक मिनट के लिए तू मेरे ऊपर से उठ तुम्हें ब्लाउज का बटन खोल कर ब्लाउज उतर सकूं,,,
(अपनी मामी की यह बात सुनते ही संजु का लंड अकड़ने लगा और वह तुरंत अपनी मामी की गांड पर से उतर गया,,,,