संजू अपने मामा की लड़की को लेकर पायल बदलवाने के लिए बाजार की तरफ निकल चुका था,,, लल्ली मोटरसाइकिल पर संजू के पीछे बैठी थी ऐसे तो उसका संजू के साथ जाने का मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा था लेकिन वह इनकार भी नहीं कर सकती थी क्योंकि उसका जाना भी जरूरी था क्योंकि पायल उसके मन का ही और माप का लेना था,,,, संजू अपने सपनों की शहजादी को मोटरसाइकिल पर अपने पीछे बिठाकर बहुत ज्यादा प्रसन्न नजर आ रहा था उसकी आंखों में चमक थी उत्साह था अपने मामा की लड़की को बाजार लेकर जाने की,,,,। लल्ली को तो ऐसा ही लग रहा था कि संजू उसे बाजार पायल बदलवाने के लिए लेकर जा रहा है लेकिन वह यह नहीं जानती थी कि संजू के मन में बहुत कुछ चल रहा था,,,,।
Sanju or uski badi mami

लल्ली कोई इतना तो पता चल ही गया था कि संजू उसकी मां के साथ ही शारीरिक संबंध बना रहा है जो कि वह अपनी आंखों से देखी थी लेकिन इस बात से अनजान थी कि उसके घर की सारी औरतें उसके नीचे आ चुकी थी,, लेकिन ईतना तो समझ ही चुकी थी कि संजू की नजर बहुत गंदी है जो अपनी सगी मामी के साथ शारीरिक संबंध बन सकता है तो वह किसी के साथ भी शारीरिक संबंध रखने में बिल्कुल भी हिचक नहीं रखता होगा उसे तो शक होने लगा था कि बंद कमरे में जो वह आवाज सुनी थी जो कि वह अपनी मां के मुंह से भी उसी तरह की आवाज सुन चुकी थी वह पूरी तरह से यकीन तौर पर तो नहीं कह सकती थी लेकिन अब मुझे शंका होने लगा था कि संजू का संबंध उसकी मौसी और उसकी मां के साथ भी है और इस बारे में सोचकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगती थी और एक तरफ संजू की हरकत से संजू से नफरत भी करने लगी थी,,, लेकिन इस बात से भी वह अनजान नहीं थी कि कुछ अजीब सी बात थी संजू में जो कि ना चाहते हुए भी वह उसकी तरफ आकर्षित हुए जा रही थी,,,,।
Sanju apni badi maami k sath

दोनों का सफर शुरू हो गया था इस सफर का मंजिल दोनों को कहां लेकर जाने वाला था इस बारे में दोनों अनजान थे,,,, कुछ दूरी तक दोनों के बीच खामोशी छाई रही लल्ली अपने मन में यही सोच रही थी कि वह संजू से बिल्कुल भी बात नहीं करेगी आखिरकार उसने उसकी मां के साथ शारीरिक संबंध जो बना लिया था,,, इसी बात को लेकर उसे अपनी मां से भी दिक्कत थी वह अपनी मां पर मन ही मन में गुस्सा कर रही थी कि आखिर कर ऐसी कौन सी जरूरत पड़ गई थी कि इस उम्र में अपने बेटे की उम्र के लड़के के साथ चुदवा रही थी,,,, उसे बिल्कुल भी शर्म नहीं आई ,,, एक तरफ जहां अपनी मां की शर्मनाक हरकत पर उसे शर्म और गुस्सा दोनों महसूस हो रहा था वहीं दूसरी तरफ उसे पाल के बारे में याद करके उसके तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगती थी बार-बार उसकी आंखों के सामने उसकी मां की बड़ी-बड़ी गांड और संजू की हिलती हुई कमर याद आती थी संजू का मोटा तगड़ा लंड उसकी मां की चूत में अंदर बाहर होता हुआ नजर आता था संजू की वह हरकत नजर आती थी जब अपना दोनों हाथ आगे बढ़कर ब्लाउज के ऊपर से उसकी मां की चूचियों को मसल दे रहा था और साथ ही ब्लाउज के सारे बटन खोलकर जल्दबाजी में उसकी नंगी चूचियों को दोनों हथेली में लेकर उससे खेल रहा था,,,, उसे पल को याद करके उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में अजीब सी हरकत होने लगती थी उसके पैरों में कंपन होने लगता था और वह अपने आप पर काबू नहीं रख पाती थी,,,,।
Sanju or uski badi maami

मोटरसाइकिल पर बैठने के बावजूद भी लल्ली संजू से दूरी बनाकर रखी थी वह उसके बदन से सटी हुई नहीं थी जिसका अफसोस संजू को बराबर हो रहा था,,,, और इसीलिए संजू बार-बार अनजाने में ही ब्रेक लगा दे रहा था ताकि उसका बदन उसके बदन से रगड़ खा जाए उसकी मदद कर देने वाली चूचियां उसकी पीठ पर दब जाए जिसका एहसास उसे पूरी तरह से गर्म कर दें,,,, संजू अपनी तरफ से पूरी कोशिश में लगा हुआ था और लल्ली अपने आप को बचाने की पूरी कोशिश में लगी हुई थी,,,,
संजू गांव की टेढ़ी-मेढ़ी सड़कों से होता हुआ आगे की तरफ बढ़ रहा था और बात की शुरुआत करते हुए बोला,,,।
तुम साथ में गई तो थी फिर भी पायल का माप ठीक से नहीं ले पाई,,,,
नही,,,,(संजू के सवाल का छोटा सा जवाब देते हुए वह बोली)
अरे पैरों में डालकर माप तो लेना था,,,,
मुझे लगा कि हो जाएगा मुझे ही क्यों घर के बाकी सदस्य भी तो थे सभी को लगा कि हो जाएगा,,,,
Apni badi mami ki chuchi se khelta hua
और नहीं हुआ,,,,, ठीक ऐसे ही लल्ली शादी के बाद सुहागरात को तुम यही सोचती रह जाओगे कि मैं सब कुछ ठीक से कर लूंगी लेकिन ऐसा हो नहीं पाएगा पता है क्यों,,?
(संजू ने फिर से एक बार पुराना राग अलापना शुरू कर दिया था और इस बात को सुनकर लल्ली का दिल जोरो से धड़कने लगा था,,,, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें एक चचेरा भाई अगर अपनी ही बहन की सुहागरात के बारे में बात करें तो इससे बड़ी शर्मनाक बात और क्या हो सकती है,,,, लल्ली के लिए तो यह बात एकदम शर्मनाक थी जिसे सुनकर वह शर्म से पानी पानी हो जा रही थी लेकिन संजू के लिए यह बिल्कुल भी शर्मनाक बात नहीं थी बल्कि यह तो उत्तेजना से भरी हुई बात थी वह मजा लेना चाहता था संजू अक्सर लड़कियों और औरतों से जिस्मानी ताल्लुकात बनाने से पहले इसी तरह की बात करके उनके मन को बहला देता था उनके बदन में उत्तेजना की लहर जगा देता था ताकि वह उसके साथ संबंध बना सके और यही वह अपने मां की लड़की के साथ भी कर रहा था कुछ देर तक इस सवाल को सुनने के बाद लल्ली ने बिल्कुल भी जवाब नहीं दी तो वह फिर से अपने सवाल को दोहराते हुए बोला,,,)
Sanju ki badi maami

क्या हुआ तुम बोल क्यों नहीं रही हो अरे मैं तुम्हारे सहूलियत के लिए ही बता रहा हूं ताकि शादी की पहली रात में तुम्हें बिल्कुल भी दिक्कत ना हो वरना मैं निश्चित तौर पर कहता हूं कि तुम्हें दवा खाना जाना पड़ जाएगा,,,।
(संजू की इस बात को सुनकर वह थोड़ा सा घबरा गई और फिर बोली)
दवाखाना,,,, लेकिन दवा खाना क्यों,,,?
यही तो बात है कि तुम बिल्कुल भी नहीं समझती तुम्हें समझाने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन तुम समझने को तैयार नहीं हो बस अपनी जीद पर आदि हुई हो वह तो शादी की पहली रात को ही पता चलेगा कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं आखिरकार पूरी तरह से जवान हो गई हो शादी होने वाली है फिर भी तुम इस तरह की बातों को समझने से इंकार करती हो यही तो आश्चर्य का विषय है पढ़ी-लिखी होने के बावजूद भी तुम्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,।
Sanju apni maami ki peticoat utarte huye

देखो संजू में ऐसी वैसी लड़की बिल्कुल भी नहीं हु इसलिए इस तरह की बातें मुझे समझ में नहीं आती,,,।
तुम्हारे कहने से थोड़ी ना चलने वाला है मैं जानता हूं कि तुम सीधी शादी हो लेकिन पहली रात को तुम्हारा पति तो बिल्कुल भी नहीं जानता ना कि तुम सीधी शादी हो तुम्हें कुछ नहीं मालूम तुम्हें कुछ भी ज्ञान नहीं है बिस्तर पर एक औरत अपने पति के साथ कैसा व्यवहार करती है इस बारे में तुम्हें बिल्कुल भी नहीं पता है इस बात से तो तुम्हारा पति अनजान,,,, हैं ना,,,,।
(संजू एकदम खुले शब्दों में बोल रहा था और वह संजू के मुंह से औरत बिस्तर व्यवहार इस तरह की बातें सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी हो जा रही थी और उसके शर्म का पानी उसकी चूत से बह रहा था,,,,)
Sanju apni maami ki chudai karta hua

देखो संजू तुम इस तरह की बातें मुझसे ना करो तो ही अच्छा रहेगा,,,।
(संजू अपनी मां की लड़की के मुंह से निराशाजनक बात सुनकर थोड़ा सा निराश जरूर हुआ था लेकिन उसकी आशा की किरण अभी बरकरार थी वह अपनी कोशिश को बरकरार रखना चाहता था क्योंकि यह सफर थोड़ा लंबा होने वाला था,,, अभी वह दोनों गांव से बाहर निकल नहीं थे लेकिन संजू की मोटरसाइकिल इस खंडहर वाले मकान के पास पहुंच चुकी थी जिसमें संजू अपनी मौसी को विश्वास में लेकर अपनी मां की चुदाई किया था अपनी मौसी की आंखों के सामने और अपनी मां के साथ शारीरिक संबंध को अपनी मौसी की रजामंदी का सिक्का लगा दिया था,,,, खंडहर के पास पहुंचते हैं उसका दिल और दिमाग एकदम से मदहोश होने लगा वह मोटरसाइकिल की गति को एकदम धीमे करते हुए ठीक खंडहर के सामने रोकते हुए बोला,,,)
Sanju ki maami Masti karti huyi

थोड़ा उतरो तो मुझे बड़े जोरों की पैशाब लगी,,,(इतना कहते हुए वह मोटरसाइकिल बंद कर दिया लल्ली संजू के मुंह से पेशाब करने वाली बात सुनकर थोड़ा सा अजीब सा महसूस करने लगी और वह अपने मन में सोचने लगी कि इसे जरा भी शर्म नहीं आती मेरे सामने इस तरह की बात कर रहा है तो उसे रात वाली घटना याद आ गई और फिर अपने मन में सोचने लगी कि जो अपनी मामी की चुदाई कर सकता है तो उसकी लड़की के सामने भला शर्म कैसे कर सकता है,,,, वह मोटरसाइकिल से नीचे उतर गई और संजू भी अपने पैर को पीछे की तरफ ले जाकर के मोटरसाइकिल से नीचे उतर गया और फिर धीरे से खंडहर की तरफ जाने लगा,,,, संजू की हरकत सेवा समझ गई थी कि संजू खंडहर के अंदर ही पेशाब करने वाला है,,,, देखते ही देखते संजू खंडार के अंदर पहुंच गया और सामने की दीवार की ओट में खड़ा हो गया संजू इस तरह से खड़ा था कि उसका आधा शरीर लल्ली को बराबर नजर आ रहा था और ना चाहते हुए भी लल्ली बार-बार उसे तरफ देख ले रही थी,,,, हाथों की हरकत से उसे इतना तो एहसास हो रहा था कि वह अपने पेट की चेन खोल रहा था और देखते ही देखते उसके हाथ की हरकत रुक गई जो की लल्ली तिरछी नजर से देख रही थी,,,, जिसे देखकर वह अपने मन में सोचने लगी कि आप वह अपने लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया होगा और पेशाब कर रहा होगा आदि दीवाल से उसका आधा अंग नजर आ रहा था जो कि संजू जानबूझकर इस तरह से खड़ा था ताकि वह उसे देख सके उसकी नजर उसके अंगों पर पढ़ सके हालांकि वह अभी तक जानबूझकर अपने लंड को दीवार की ओर से छुपा कर पेशाब कर रहा था और एक खूबसूरत लड़की को अपने मोटरसाइकिल पर पीछे बैठने की वजह से वह काफी उत्तेजना का अनुभव कर रहा था और देखते-देखते उसका लंड खड़ा भी हो चुका था और वह जानबूझकर उसे और ज्यादा कड़क करते हुए पेशाब करते हुए भी उसे हाथ में पकड़कर ऊपर नीचे करके हिला रहा था ताकि वह उतेजना से वह एकदम से खड़ा हो जाए,,,,। और ऐसा हो भी गया था उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था,,,, अब वह पेशाब करते हुए मौका ढूंढ रहा था कि वह कब लल्ली को अपने लंड का नजारा दिखाएं,,,, क्योंकि वह औरत के मन को अच्छी तरह से जानता था जिस तरह से एक मर्द औरत की चूत देखकर पूरी तरह से मत हो जाता है इस तरह एक औरत भी मर्द के मोटे तगड़े लंड को देखकर पानी पानी हो जाती है और उसे लेने के लिए ललाईत हो जाती है और यही तुक्का वह इस समय आजमाना चाहता था लल्ली के ऊपर जोकि रह-रहकर तिरछी नजरों से संजू की तरफ देख ले रही थी क्योंकि आखिरकार वह भी एक जवान लड़की थी मर्दों की इस तरह की हरकत पर जवान लड़कियों और औरतों की भी उत्सुकता रहती है और ऐसा पहली बार हो रहा था कि उसकी आंखों के सामने कोई जवान लड़का पेशाब कर रहा था और वह ठीक उसके सामने खड़ी थी हालांकि उसका आधा शरीर दीवार की औट में था,,,,,, फिर भी उसके तन बदन में हलचल सी हो रही थी,,,,।
Sanju apni maami k sath

आसमान में धीरे-धीरे काले बादल को करने लगे थे जिसे देखकर बारिश की आशंका हो रही थी और संजू अपने मन में यही सोच रहा था कि काश तेज बारिश हो जाए और दोनों को सर छुपाने के लिए इसी तरह के खंडहर का सहारा लेना पड़े बाकी सारा काम अपने आप हो जाएगा इतना उसे पूरा विश्वास था,,,, लेकिन इस समय बारिश नहीं पड़ रही थी बस काले बादल उमड़ रहे थे और संजू अपनी मां की लड़की को अपने लंड के दर्शन करना चाहता था ताकि उसे देखकर वह अपने मां की लड़की के चूत का पानी पिघला सके,,,,,
और तभी संजू की आंखों की चमक बड़ी वह इसी तरह भी देख रही थी और वह तुरंत दीवार की ओर में से अपने लंड को बिना पेंट में डाले ही बाहर आ गया और जानबूझकर लल्ली की आंखों के सामने ही अपने खड़े लंड को पकड़कर उसे अपने पेट के अंदर डालने की कोशिश करते हुए और लल्ली की तरफ देखे बिना ही बोला,,,,।
पानी की बोतल लाई हो क्या लल्ली,,,,।
(संजू जानबूझकर लल्ली की तरफ आंख मिलाकर नहीं देख रहा था लेकिन तिरछी नजर से वह लल्ली की हर एक हरकत को देख रहा था तकरीबन 4 5 मीटर की दूरी पर खड़ी लल्ली की नजर संजू के लंड पर पड़ चुकी थी और संजू अपनी तिरछी नजरों से उसकी हर एक हरकत को बराबर देख रहा था और उसके लंड को देखकर जो उसकी आंखों में चमक आई थी और उसके चेहरे का हाव-भाव बदला था वह संजू से छुपा नहीं रह सका था,,, ना चाहते हुए भी उत्तेजना और शर्म से लल्ली का चेहरा एकदम लाल टमाटर की तरह हो गया था उसका मुंह खुला का खुला रह गया था,,,,, उसके हावभाव को देखकर संजू मन ही मन बहुत प्रसन्न हो रहा था क्योंकि उसके चेहरे के अभाव को देखकर संजू को पूरा विश्वास हो गया था कि वह जल्द ही उसके नीचे आने वाली है,,,,,
वह बेशक पिछली रात को अपनी मां को चुदवाते हुए देख चुकी थी लेकिन रात के समय वह संजू के लंड का इतना करीब से निरीक्षण नहीं कर पाई थी जितना कि वह दोपहर के समय अपनी आंखों से देख रही थी,,,, वह कभी सपने में नहीं सोची थी की मर्द की दोनों टांगों के बीच इतना खतरनाक हथियार होता है वह तो देखते ही रह गई थी वह पल भर के लिए पलक झपकाना भूल गई थी,,,,। संजू बहुत खुश था वह जो दिखाना चाहता था वह दिखा चुका था लेकिन उसे इस बात का एहसास दिलाना नहीं चाहता था कि वह जानबूझकर ऐसा कर रहा है वह सहज रूप से इस तरह से अपने लंड को अपने हाथ में लिए हुए अपने पेट के अंदर डालकर उसे अपने अंडरवियर के अंदर ठेल दिया,,, और अपने कपड़ों को व्यवस्थित करते हुए बना मोटरसाइकिल की तरफ आने लगा अब तक वह नजर उठा कर जानबूझकर लल्ली की तरफ देखा नहीं था,,, और लल्ली तुरंत संजू को अपनी तरफ आता हुआ देखकर अपने हवाओं को ठीक करने लगी लेकिन उसका चेहरा सुर्ख लाल हो गया था जिसे वह इतनी जल्दी तब्दील नहीं कर सकती थी और अपनी नजर को दूसरी तरफ घूमाकर सहज होने की कोशिश करने लगी तब तक संजू उसके बेहद करीब आ गया था और एक बार फिर से बोला,,,।)
पानी की बोतल लाई हो क्या,,,,?
यह गांव है शहर नहीं यहां जगह-जगह पर हेंडपंप लगा हुआ रहता है,,,, वो देखो वो रहा,,,(एक पेड़ के नीचे उंगली की सहायता से इशारा करते हुए वह बोली तो संजू उसे हैंड पंप को देखकर खुश होते हुए बोला)
चलो थोड़ा सा चला दो हाथ धो लु,,,
(और इतना कहते हुए संजू हेड पंप की तरफ जल्दी और पीछे-पीछे लल्ली भी,,,,, उसके चेहरे पर नाराजगी साफ नजर आ रही थी पहले ही संजू की हरकत से उसके दिल की धड़कन बढ़ गई थी उसके चेहरे का हवा बदल गया था लेकिन फिर भी रात वाली घटना को लेकर उसके मन में मलाल था जो उसके चेहरे के हाव-भाव से साफ नजर आया था हालांकि अब तक संजू को इस बात का आभास तक नहीं था कि रात को उसकी मामी की चुदाई करते हुए खुद उसकी लड़की ने अपनी आंखों से देख ली है इसलिए वह उसके सामने एकदम सहज बना हुआ था,,,, लल्ली नल चलाने लगी और संजू अपना हाथ मुंह धोकर अपने को एक बार फिर से करो ताजा कर लिया हालांकि इस समय भी उसके पेट में तंबू बना हुआ था जिस पर लल्ली की नजर बराबर जा रही थी और उसे तंबू को देखकर उसकी सलवार ढीली होती हुई महसूस हो रही थी,,,,।
संजू एक बार फिर से मोटरसाइकिल पर सवार हो चुका था और लल्ली उसके पीछे बैठकर बाजार की तरफ निकल गए थे,,,।