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Incest मजबूरी या जरूरत

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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rohnny4545

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१,,,संजू मोटरसाइकिल को ठीक सोनार की दुकान के सामने रोक दिया था,,,,,, धीरे से लल्ली मोटरसाइकिल से नीचे उतरी,,, वह एकदम असरज लग रही थी क्योंकि संजू ने बातें ही कुछ उसे इस तरह की किया था कि उसकी आंखों में नशा छा रहा था उसकी आंखों में खुमारी छाई हुई थी,,, उसके बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी जिसे वह बड़ी मुश्किल से दबे हुए थे दोनों टांगों के बीच की स्थिति बेहद नाजुक हो चली थी खास करके पतली दरार जिसमें से लगातार मादक रस बह रहा था,,,,,,,, उत्तेजना के मारे वह संजू से नजर मिलाने की स्थिति में वह बिल्कुल भी नहीं थी,,, इसकी सुहागरात का जिस तरह से संजू ने गंदे शब्दों में वर्णन किया था वह बेहद मादकता भरा था,,,, इस तरह की बातों को ना तो उसने कभी किसी के मुंह से सुनी थी और ना ही इस तरह के नजारे को कभी अपनी आंखों से देखी थी सब कुछ नया-नया सा था इसलिए वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी,,,,।

बाजार में ग्राहकों की भीड़ लगी हुई थी यह समय खरीदी करने के लिए बहुत ही अनुकूल था इसलिए खास करके इसी समय ग्राहकों का जमावड़ा लगा रहता था,,,, सोनार की दुकान में भी चार-पांच लोग पहले से ही मौजूद थे मोटरसाइकिल से उतरकर लाली अपनी कुर्ती को पीछे से सही करते हुए संजू की तरफ देखे बिना ही सोनार की दुकान की सीढ़ियां चढ़ने लगी,,,, और वह भी दुकान के अंदर जाकर बैठ गई,,,,,, संजू अच्छी तरह से जानता था कि सुनार की दुकान पर थोड़ा समय लगेगा इसलिए वह दुकान के बाहरी मोटरसाइकिल पर बैठ गया मौसम बड़ा सुहाना था रह कर बारिश की बूंदे गिर रही थी जिससे मौसम में ठंडक बना हुआ था,,,, दुकान के अंदर लल्ली कुर्सी पर बैठी हुई थी लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह नजर उठाकर संजू की तरफ देख ले उसे संजू की तरफ देखने में बेहद सर्व महसूस हो रही थी लेकिन संजू उसे देखने में बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं कर रहा था वह बार-बार उसकी तरफ ही देख रहा था,,, और वह भी तिरछी नजर से संजू की तरफ देखने की कोशिश करती थी और कभी कभार थे दोनों की नजर आपस में टकरा जाती थी और वह शर्मा कर अपनी नजरों को नीचे झुका लेती थी,,,,

थोड़ी ही देर में उसका नंबर आ गया दुकान वाला उसे पहचानता था इसलिए तुरंत वह पायल लेकर दूसरी पायल दिखने लगा और इस बार संजू खुद दुकान में प्रवेश कर गया और उसे समय बाकी के ग्राहक जा चुके थे,,,,

इसी तरह की दिखाना घुंघरू वाली,,,,(लल्ली दबे शब्दों में बोली,,,,)

हां सेठ जी अच्छी दिखाना घुंघरू वाली कल इनकी शादी है पहनकर घूमेंगी तो बजना चाहिए,,,(ऐसा कहते हुए संजू लल्ली की तरफ देखने लगा लेकिन वह शर्मा कर अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,)

बिल्कुल भी चिंता मत करो तुम्हें निराश होना नहीं पड़ेगा मैं इतनी अच्छी डिजाइन दिखाऊंगा,,,,(और ऐसा कहते हुए वह अंदर से एक बेहद खूबसूरत पायल को लेकर आया जिसमें घुंघरू बज रहे थे और संजू तुरंत उसे दुकान उतर गया हाथ से पायल लेकर अपने घुटनों के पास बैठ गया और उसे दुकानदार के आंखों के सामने ही धीरे से लाली के पेड़ को पकड़ा और थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठाकर खुद ही पायल पहनने लगा यह पर उसके लिए बेहद अद्भुत था वह शर्म से अंदर ही अंदर मेरी जा रही थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह नजर उठा कर देख भी नहीं पा रही थी और अपनी नजरों को नीचे करके संजू की तरफ भी नहीं देख पा रही थी वह एक तरह से अपनी आंखों को बंद कर ली थी शर्म की लाली उसके चेहरे पर तुरंत चाहने लगी थी और पर भर में ही उसका गोरा मुखड़ा टमाटर की तरह लाल हो गया था और संजू के द्वारा उसके पैर पड़कर ऊपर की तरफ उठने पर उसके धन-धन में अजीब सी हलचल होने लगी थी जिसका सीधा असर उसकी चूत पर हो रहा था,,,, वह उसे रोक भी नहीं पाई थी और वह अपनी मनमानी करता रह गया और इसी तरह से दूसरे पर को भी उठकर एक तरह से अपनी गोद में रखकर उसमें पायल पहना रहा था,,,, दोनों पैर में पायल पहनाने के बाद संजू खुद उससे बोला,,,)

तुम्हारे पैरों में कितना सुंदर लग रहा है अब थोड़ा सा चल कर दिखाओ तो देखु तो सही बजता है कि नहीं,,,

नहीं नहीं ठीक है,,,,(वह शरमाते हुए बोली)

नहीं ऐसे कैसे पूरी जांच पड़ताल करने के बाद ही यहां से चलेंगे वरना कोई दिक्कत हो गई तो फिर अब तो बाजार आना भी मुमकिन नहीं है ,,,


हां हां बबुआ ठीक कह रहे हैं चल कर देख लो वर्ना सारा दोस्त हम सुनार लोग का ही आता है,,,।
(लल्ली को उसे दुकानदार पर भी बहुत गुस्सा आ रहा था जो उसकी यहां में हां मिल रहा था इस बार वह इनकार नहीं कर पाई और कुर्सी से उठकर खड़ी हो गई और दो-चार कदम दुकान के ही अंदर चलकर दिखने लगी संजू तो उसके पैर को ही देख रहा था उसके पायल से घुंघरू की आवाज बड़ी है मोहक लग रही थी और उसे सुनकर वह उत्तेजना का भी अनुभव कर रहा था,,,)

ठीक है ना,,,(संजू फिर से तसल्ली कर लेने के लिए उससे पूछा,,,)

हां हां सही है,,,,(इतना कहने के साथ हुआ फिर से कुर्सी पर बैठ गई और अपने हाथों से अपनी पायल को निकाल कर अपने साथ लाई हुई थैली में में रख ली,,,, और फिर वह दोनों दुकान से बाहर निकल गए,,, संजू फिर से मोटरसाइकिल स्टार्ट कर दिया और लल्ली उसके पीछे जाकर बैठ गई,,,, संजू वापस मोटरसाइकिल को घुमाया और एक कपड़े की दुकान के आगे आकर खड़ा हो गया जो कि वह सोनार की दुकान की तरफ जाते हुए देख लिया था उसके मन में कुछ और चल रहा था,,, लल्ली को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह कपड़े की दुकान के आगे मोटरसाइकिल क्यों खड़ी कर दिया वह उससे पूछने में भी शर्मा रही थी,,,, और संजू इसी का फायदा उठाते हुए कपड़े की दुकान में प्रवेश कर गया और साथ में उसे भी अंदर आने के लिए बोला,,,, अंदर पहुंचते ही काउंटर पर उसे एक लेडिस नजर आई जिससे वह भी प्रसन्न हो गया उसे उम्मीद नहीं थी कि गांव की दुकान में इस तरह से कोई लेडिस काउंटर पर होगी,,,, दोनों को देखते ही वह लेडिस मुस्कुराते हुए दोनों का अभिवादन करते हुए बोली,,)

बोलिए क्या मदद कर सकते हैं आपकी,,,,।
(लल्ली को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि संजू यहां पर क्यों लेकर आया है लेकिन तभी संजू की बात सुनकर वह एकदम से चौंक गई,,,)

इन्हें एक अच्छी सी ब्रा और पेटी दिखाइए लाल रंग की,,,,
(संजू के मुंह से सुनते हैं वह आश्चर्य से संजू की तरफ देखने लगी लेकिन वह कुछ समझ पाती ईससे पहले काउंटर वाली लेडी बोली,,)

आई मैडम कौन सी साइज का दिखाऊं,,
(लल्ली को तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था वह तो संजू की बात से और उसे काउंटर वाली लाडी की बात से शर्म से पानी पानी हो जा रही थी उसे कुछ समझ में नहीं आता कि वह क्या कह क्या करें एक बार फिर से वह बोली,,)

बताइए मैडम कौन सी साइज का निकालु,,,,


जी 28 नंबर का निकालिए,,,,,।
(इस बार संजू की बात सुनकर तो उसके दोनों पैरों में कंपन होने लगा उसकी चूत पानी फेंकने लगी क्योंकि जो नंबर जो साइज उसने बताया था इस साइज का वह ब्रा पहनती थी,,,, तो क्या संजू आंखों से ही चुचियों का नाप ले लेता है यह सवाल उसके जेहन में घूमने लगा और वह काउंटर वाली लेडी मुस्कुराते हुए एक से बढ़कर एक ब्रा निकाल कर काउंटर पर रखने लगी,,,,, लल्ली तो पसंद करने से रही उसे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था इसलिए लाली की आंखों के सामने ही संजू एक जालीदार पैंटी को पसंद किया जिसे पहनने के बाद भी कुछ भी छुपाने वाला नहीं था उसमें से सब कुछ नजर आने वाला था उसे पेंटिं को देखकर उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी,,,, और एकदम सही माप का संजू ने उसे काउंटर वाली लेडी से पेंटी निकालने के लिए भी बोला और इस बार भी संजू की पसंद जालीदार पहनती थी जिसका वर्णन वह रास्ते में कर चुका था वह भी पूरी तरह से जालीदार थे जिसमें से सब कुछ नजर आने वाला था इस तरह की ब्रा और पेंटी के बारे में कभी उसने चुची भी नहीं थी और आज संजू उसके लिए खरीद रहा था,,, संजू उसकी ख़ामोशी का पूरा फायदा उठा रहा था थोड़ी ही देर में पैसे चुकाने के बाद वह दोनों कपड़े की दुकान से बाहर निकल गए,,,,।

मोटरसाइकिल के पास जाने के बजाय थोड़ा सा आगे बढ़ गया और एक नाश्ते की दुकान पर जाकर रुक गया,,,, लल्ली बिना कुछ बोले उसके पीछे-पीछे चल रही थी,,, उसे संजू पर बहुत गुस्सा आ रहा था वह अपने मन में सोच रही थी कि यह कौन होता है मेरे लिए ब्रा और पेटी खरीदने वाला और इसे बिल्कुल भी शर्म नहीं आई उसे काउंटर वाली लेडी से बिना शर्माए हुए उसके साइज बताने से,,,, कितना बेशर्म है बिना शर्म के सब कुछ भूल गया था तभी उसे ख्याल आया कि अगर इसमें शर्म होती तो अपनी ही मामी की चुदाई ना करता अपनी ही मामी की लड़की से इस तरह से गंदी गंदी बातें ना करता यह तो पूरा बेशर्म है वह अपने मन में यही सोच रही थी कि संजू की आवाज उसके कानों में आई,,,।)

अरे वहां खड़ी-खड़ी क्या कर रही हो यहां आओ,,,,।
(और बिना कुछ बोले वह संजू के पास जाकर खड़ी होगी लेकिन उसे नजरे नहीं मिला रही थी,,,,)

अंदर कुर्सी पर बैठो,,,,
(लल्ली गुस्से में उसकी एक भी बात मानना नहीं चाहती थी और अपने मन को इसके लिए तैयार भी करती थी लेकिन न जाने क्या हो जाता था कि वह संजू के आकर्षण में सब कुछ भूल जाती थी और उसकी बात मानने के सिवा उसके पास कोई रास्ता ही नहीं ले जाता था इसलिए वह संजू की बात सुनकर धीरे से दुकान के अंदर कुर्सी पर जाकर बैठ गई जहां पर पंखा चल रहा था यह नाश्ते की दुकान थी चाहे समोसा छोले चाट सब कुछ बन रहा था और एकदम गरमा गरम,,,, वैसे भी उसे छोला और चाट बहुत पसंद था,,, संजू ने उससे पूछा,,,)

क्या खाओगी बोलो सब कुछ गरमा गरम बन रहा है,,,,

(लेकिन वह कुछ बोली नहीं बस नजर को दूसरी तरफ घुमाली संजू उसकी हालत को समझ सकता था क्योंकि उसके इजाजत के बिना ही वह दुकान में उसके लिए ब्रा और पेंटी खरीदा था,,,, इस तरह से मनमानी करने पर तो शहर की लड़कियां उससे नाराज हो जाती यह तो गांव की भोली भाली लड़की थी इसलिए ज्यादा कुछ बोला नहीं और अपने मन से ही बोला,,,)

दो दो समोसे लगा देना भैया,,,,।
( ईतना सुनते ही वह बोली,,,)

मुझे समोसा नहीं छोला चाट खाना है,,,।
(उसकी बात सुनकर इस बार संजू मुस्कुरा दिया और अपने लिए दो समोसे और लल्ली के लिए छोले चाट का ऑर्डर दे दिया,,,, थोड़ी ही देर में दोनों अपना-अपना नाश्ता करने लगे नाश्ता करते समय दोनों के बीच खामोशी छाई हुई थी संजू तो उससे बात करना चाहता था लेकिन उसकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी और थोड़ी देर में दोनों नास्ता कर लिए थे,,,, पैसा चुकाने के बाद दोनों दुकान से बाहर निकले और भी ज्यादा बादल काले हो चुके थे और इस बार थोड़ी सी बारिश होना शुरू हो गई थी जो कि अभी तक हल्की-हल्की बूंदे गिर रही थी हल्की-हल्की बारिश को देखकर वह बोली,,,)

चलो अब जल्दी बारिश होने वाली है हमें जल्दी घर पहुंचना है,,,।

तुम्हें हमेशा जल्दी रहती है कल तो तुम शादी करके अपने ससुराल चली जाओगी फिर क्या होगा अरे थोड़ा बहुत भीगने का मौका मिला है भीग जाओ और वैसे भी बारिश में भीगने का मजा ही कुछ और है,,,

तुम्हें मजा लेना है तो बाद में ले लेना लेकिन मुझे घर पहुंचना है मैं नहीं चाहती की बारिश में मैं भीग जाऊं,,,।

ओहहह हो यह बात है अब मुझे समझ में आया,,,

क्या बात है क्या समझ में आया,,,(वह थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,)

यही कि तुम ठीक कर अपनी तबीयत नहीं खराब करना चाहती और सुहागरात का मजा किरकिरा नहीं करना चाहती,,,।

धत्,,, तुम कितने बेशर्म हो अपने मां की लड़की से अपनी बहन से इस तरह की बातें करते हो,,,


देखो तुम चाहे जो भी समझो लेकिन मैं तो ऐसा ही हूं ,,,

चलो मैं अच्छी तरह से जानती हूं तुम कैसे हो और अब जल्दी चलो,,,।

जैसी आपकी मर्जी,,,,(और इस बार संजू धीरे-धीरे अपनी मोटरसाइकिल की तरफ गया और उसे पर बैठ गया वाकई में बारिश की वजह से बाजार जो कि कुछ देर पहले भीड़भाड़ वाला था अब धीरे-धीरे भीड़ छंटने लगी थी,,, सबको अपने-अपने घर पहुंचने की जल्दी थी,,,, और धीरे से मुस्कुराते हुए संजू मोटरसाइकिल चालू कर दिया और लल्ली धीरे से आकर उसी तरह से मोटरसाइकिल पर बैठ गई,,, संजू को बिल्कुल भी जल्दबाजी नहीं थी वह धीरे-धीरे मोटरसाइकिल को आगे बढ़ा रहा था और पीछे बैठी लल्ली गुस्सा रही थी,,,, और वह गुस्सा दिखाते हुए बोली,,)

और तुमको किसने कहा था मेरे लिए वह सब खरीदने के लिए मैंने तो तुमसे कहीं नहीं थी फिर तुमने मेरे लिए क्यो खरीदे,,,।,,

मैं जानता था तुम यही कहोगी,,, लेकिन मैं यह भी जानता हूं कि सभी लड़कियों की ख्वाहिश सही होती है कि उनके पास भी एक ब्रा और पेटी ऐसी हो जो जालीदार हो जिसमें से सब कुछ झलकता हो और तुम्हें तो खुश होना चाहिए पहली रात में ही तुम अपने पति पर पूरी तरह से अपनी जवानी की कयामत बरसात होगी,,,,(इस बात को सुनकर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा संजू बेशर्मों की तरह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला) जरा तुम ही सोचो पहली रात में जब तुम्हारा पति अपने हाथों से तुम्हारे कपड़े उतार कर तुम्हें नंगी करना शुरू करेगा और जब तुम्हारे बदन पर जालीदार ब्रा और पेटी देखेगा तो सोचो उसके दिल पर उसके दिलों दिमाग पर कैसा असर छाएगा वह पूरी तरह से पागल हो जाएगा,,,, और तुम्हारी खूबसूरती में पूरी तरह से खो जाएगा हां यह बात अलग है कि फिर उसके बाद जो कुछ भी होगा वह तुम्हारे लिए किसी दर्द से कम नहीं होगा,,,.

मतलब,,,,( इस बार थोड़ा घबराते हुए बोली,,,)

मतलब यही कि तब वह बिना रुके बिना इंतजार किया बिना तुम्हें छुड़वाने के लिए तैयार किए बिना ही अपने लंड को तुम्हारी चूत में डाल देगा और इस तरह से तुम्हें बहुत दर्द सहना पड़ेगा मैं इतना तो समझ ही क्यों कि तुमने आज तक अपनी चूत में उंगली तक नहीं डाली हो क्यों सही कह रहा हूं ना,,,,,।

(उत्तेजना के मारे लल्ली का गला सूख रहा था वह संजू के सवाल का जवाब देने में असमर्थ थी वह कैसे जवाब देती वह शर्म से पानी पानी हो जा रही थी लेकिन संजू भी पक्के माटी का बना हुआ था वह उसके मुंह से सुनना चाहता था इसलिए फिर से अपनी बात को दोहराते हुए बोला,,)

बोलो ना मैं सच कह रहा हूं ना तुमने अभी तक अपनी चूत में उंगली तक नहीं डाली होगी,,,,,, देखो तुम खामोश मत रहो कल तुम्हारी शादी हो जाएगी तुम चली जाओगी और फिर मैं शहर चला जाऊंगा फिर ना जाने कब हम दोनों की मुलाकात होगी इसलिए बिल्कुल भी शर्म करने की जरूरत नहीं है जो कुछ भी मन है बोल दो जैसा की लड़की अपनी सहेलियों को बताती है इस तरह से तुम मुझे बताओ ताकि मैं कोई रास्ता बता सकूं ताकि तुम्हें पहली रात में तकलीफ ना हो,,,,।

(चुदाई के अनुभव से पूरी तरह से अनभिज्ञ लल्ली संजू की चालाकी को बिल्कुल भी समझ नहीं पा रही थी और पूरी तरह से जवानी से भरी हुई होने के कारण उसकी बातें उसे पूरी तरह से मत किए हुए थी वह भले ही ऊपरी मन से गुस्सा दिखा रहे थे लेकिन अंदर ही अंदर उसे संजू की बातें सुनकर उत्तेजना और प्रसन्नता हो रही थी इसलिए ना चाहते हुए भी संजू के समान का जवाब देना वह इस समय उचित समझने लगी थी उसे ऐसा लग रहा था कि वाकई में संजू उसकी तकलीफ को कम कर देगा और पहली रात में वाकई में लड़कियों को बहुत दर्द होता है क्योंकि एक औरत होने के नाते इतना तो उसे पता ही था की सुहागरात को मर्द औरत के साथ क्या करते हैं इसीलिए वह धीरे से बोली,,,)

नही,,,

क्या कहीं,,,,

बोली तो,,,,


अरे थोड़ा जोर से बोलो,,,

नहीं डाली हूं,,,,

देखी मुझे अंदाजा था,,, और जरा तुम ही सोचो,,,, जिस जिस छोड़ के छेद में तुमने अभी तक एक पतली सी उंगली तक नहीं डाली हो अगर उसमें मोटा तगड़ा लंड घुसेगा तो तुम्हारी चूत की क्या हालत होगी कभी सोची हो,,,, तुम बहुत सीधी शादी हो इसलिए तुम्हें कोई बताने वाला भी नहीं था तुम शायद यह बात नहीं जानती की लड़कियां शादी से पहले अगर उनके बॉयफ्रेंड नहीं होता उनके प्रेमी नहीं होता तो अपनी उंगली से कम चलती है अपनी उंगली से अपनी जवानी की गर्मी को शांत करती हैं तब धीरे-धीरे उनकी चूत में लंड घुसाने जितना जगह बन जाता है और तुम्हारे में तो बिल्कुल भी जगह नहीं है,,,,, मुझे तो डर है कि कहीं तुम्हारी चूत फट न जाए अगर ऐसा हो गया तो तुम तो किसी से बताने में भी शर्म महसूस करोगी और फिर तुम्हारी तबीयत खराब होने लगेगी,,,,,।

(भोली भाली लल्ली संजू की बातों को सुनकर घबराने लगी थी उसे संजू की बातें सही लगने लगी थी वाकई में उसकी चूत में अभी तक उंगली तक नहीं गई थी और वहां अपनी मां की चुदाई देखकर और संजू के लंड की मोटाई और लंबाई देख कर समझ गई थी कि लंड का कद और साइज कितना होता है,,, और इसीलिए उसके मन में डर बैठने लगा था कि उसकी चूत में इतना मोटा लंबा लंड घुसेगा कैसे,,,, और वह अपने मन में सोचने लगी की मां तो अनुभवी है उसे अनुभव है चुदवाने का इसलिए उसकी चूत में जगह बना हुआ है इसीलिए तो वह मजा ले रही थी,,,। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन फिर भी इस उलझन से निकलने का कोई रास्ता उसे ही तलाश न था इसलिए वह संजू से बोली,,,)

तो क्या इस मुसीबत से बचा नहीं जा सकता,,,

बिल्कुल भी नहीं,,,अगर हा तुम अगर किसी से चुदवा‌ ली होती तो शायद तुम्हारी चूत में जगह बन गई होती और किसी से भी नहीं बल्कि ऐसे शख्स से जो औरत से प्यार करना जानता हो जो अच्छी तरह से औरत के अंगों से खेलने जानता हूं ताकि सही समय पर वह तुम्हारी चूत में अपना लंड डालकर तुम्हें भी मत कर सके और तुम्हें मुसीबत से निकल सके,,,।(संजू का दिल जोरो से धड़ा था उसे लगने लगा था कि धीरे-धीरे वह लाइन पर आ रही है और धीरे-धीरे बारिश का भी जोर बढ़ने लगा था,,,,, मुख्य सड़क से अब गांव की तरफ का रास्ता पकड़ना था संजू अपने मन ही मन में प्रार्थना कर रहा था कि बड़े जोरों की बारिश होने लगी जैसा कि उसे दिन रात को हुई थी ताकि संजू उसे दिन की तरह आज भी खंडहर में अपनी मनमानी कर सके,,,, लल्ली के मन में एक तरफ घबराहट थी तो दूसरी तरफ वह पूरी तरह से उत्तेजना से तड़प रही थी उसकी चूत की हालत बहुत नाजुक थी वैसे तो वह अपने इरादे पर अटल थी लेकिन उसकी चूत जवाब दे रही थी वह समझ गई थी कि उसकी चूत उसे ज्यादा देर तक टिकी रहने नहीं देगी,,,, संजू की बात की कोई प्रतिक्रिया देती से पहले ही बारिश का जोर और तेज होने लगा और वह भीगना शुरू कर दी ऐसे में वह एकदम से बात के रुख को बदलते हुए बोली,,,)

बाप रे अब तो बारिश होने लगी अब क्या करें,,,, मैं तो भीगने लगी हूं,,,

मैं भी तो भीग रहा हूं तुम्हें क्या भीगना अच्छा नहीं लगता बारिश में,,,

अच्छा तो लगता है लेकिन घर जल्दी पहुंचना है,,,

और देखो तो बारिश कितनी तेज होने लगी है ऐसे में घर नहीं पहुंच पाएंगे हमें कहीं रुकना होगा,,,,

लेकिन कहां कहीं तो रुकने की जगह भी नहीं है,,,

मैं एक जगह जानता हूं,,,,(और मन में प्रसन्नता के भाव लिए संजू तेज बारिश से निकलते हुए सीधे उसी खंडहर के सामने आकर खड़ा हो गया,,, और मोटरसाइकिल को बंद करते हुए बोला,,,)

हमें कुछ देर तक यही रुकना होगा बारिश बंद होते ही फिर से निकल पड़ेंगे,,,,।
(खंडहर की तरफ देखते ही लल्ली की आंखों के सामने संजू का पेशाब करता हुआ दृश्य नजर आने लगा उसका मोटा तगड़ा लंड जोकि पूरी तरह से खड़ा था वह नजर आने लगा और उसे दृश्य के बारे में सोचकर उसके बदन में सिहरन सी दौड़ गई,,,, यही सब सोचते हुए वह मोटरसाइकिल पर से नीचे उतर गई थी,,, और संजू मोटरसाइकिल को बड़े से पेड़ के पीछे खड़ी कर दिया ताकि इधर से आने जाने वालों को वह मोटरसाइकिल नजर ना आए क्योंकि वह नहीं चाहता था कि अगर मोटरसाइकिल किसी को नजर आ जाए तो सबको यही लगेगा कि खंडहर में कोई होगा और वह नहीं चाहता था कि कोई खंडहर की तरफ आए,,,, उसे दिन की तरह ही बारिश बड़े जोरों से गिरने लगी थी संजू तुरंत बेझिझक लल्ली का हाथ पकड़ लिया और उसे लगभग भागते हुए खंडहर की तरफ जाने लगा ,,,, अपना हाथ संजू के मजबूत हाथों में महसूस करते ही उसके बदन में अजीब सी लहर उठने लगी लेकिन वह संजू को रोक नहीं पाई और संजू के साथ खंडहर के अंदर प्रवेश कर गई,,,,,,,।

बारिश पड़े चोरों की होने लगी थी यहां तक की अंधेरा छाने लगा था और अभी दोपहर का ही समय था,,,।

लगता है बारिश जल्दी बंद होने वाली नहीं है,,,(लल्ली अपने दुपट्टे से अपने चेहरे पर से बरसात के पानी को पोछते हुए बोली ,,,)

मुझे भी ऐसा ही लग रहा है,,,(ऐसा कहते हुए संजू जैसे ही उसकी तरफ देखा तो देख कर दंग रह गया उसका बदन पूरी तरह से पानी में भीग चुका था और उसका कुर्ती पानी में पूरी तरह से गीली होने की वजह से उसके बदन से चिपक्षी गई थी और छतिया की शोभा बढ़ा रही उसके संतरो को छुपाए हुए उसके लाल रंग की ब्रा एकदम साफ नजर आ रही थी,,,, जिस पर उसकी नजर गड गई थी,,,लल्ली जैसे उसकी नजरों का एहसास हुआ वह अपनी छाती की तरफ देखी तो अपनी हालत को देखकर सर मुझे पानी पानी होने लगी और वह धीरे से दो कदम पीछे हट गई,,,,, लेकिन इसी दौरान उसे बड़े जोरो की पेशाब लगी हुई थी उसे ऐसा लग रहा था कि कभी भी उसकी चूत से पेशाब की धार फुट पड़ेगी वैसे तो जिस हालत में वह थी अगर पेशाब कर भी देती तो शायद संजू को पता तक नहीं चलता लेकिन वह सीधी-सादी लड़की थी इस तरह की हरकत करना उसके लिए शर्म से मर जाने जैसा था,,,,। वह पेशाब के जोर को सहन नहीं कर पा रही थी और कम सा रही थी बार-बार रह रहा कर बाहर अपने पैर की उंगलियों के बाल खड़ी हो जा रही थी वह अपने पेशाब की तीव्रता को रोकने की पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन ऐसा करते हुए उसके पेट में दर्द होने लगा था उसकी हालत को देखकर संजू से रहा नहीं गया और संजू बोला,,,)

क्या हुआ कोई तकलीफ है क्या,,,?

बड़े जोरों की पेशाब लगी है,,,(अपनी आंखों को नीचे झुका कर चेहरे पर दर्द के भाव लाते हुए वहां बड़े शर्म के साथ संजू से यह बात बोली,,,, और उसके मुंह से पेशाब वाली बातें सुनकर संजू का लंड पेट के अंदर गदर मचाने लगा फिर भी वह बोला,,,)

तुम उसे दीवार के पीछे जाकर कर लो,,,,
(संजू उंगली के इशारे से खंडहर में एक छोटे से दीवार की तरफ इशारा करके बताया और वह संजू के बताए हुए जगह की तरफ देखने लगी उसे भी पेशाब करने के लिए हो जाएगा उचित लग रही थी लेकिन संजू की मौजूदगी में उसे शर्म महसूस हो रही थी तो संजू भी थोड़ी सभ्यता दिखाते हुए खंडहर से बाहर नजर करके खड़ा हो गया और वह जल्दी-जल्दी दीवार के पीछे गई और उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था वह जल्दी से सलवार की डोरी खोलकर एक झटके में ही अपनी पैंटी सहित सलवार को घुटनों तक खींच दी और वहीं बैठ गई,,,, एक तरफ वह अपनी गुलाबी चूत से पेशाब की धार मारना शुरू कर दी और दूसरी तरफ उसकी चूत से निकलने वाली मधुर सिटी की आवाज संजू के कानों तक पहुंच गई जिसे सुनकर वह पूरी तरह से बावला हो गया,,, उससे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था वह इस नजारे को देखने के लिए हल्का सा,, अपने सर को पीछे की तरफ घुमाया और जो दृश्य उसे दिखाई दिया उसे देख कर उसकी हालत खराब हो गई वह पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में डूबने लगा उसे उम्मीद नहीं थी कि उसे इतना कुछ दिख जाएगा,,,।

लल्ली ,,, पेशाब की तीव्रता पर काबू न कर पाने की वजह से पूरी तरह से दीवाल के पीछे नहीं बैठी बल्कि उसका आधा शरीर दीवार की वोट में था और आधा बाहर था और जो कथा शरीर दीवार से बाहर था उसने उसकी मदमस्त कर देने वाली नंगी गांड दिखाई दे रही थी और इस नजारे को देखकर संजू पूरी तरह से मदहोश हो गया था,,,,संजु एक टक उस नजारे को देख रहा था,,,लल्ली इस बात से पूरी तरह से बेखबर थे लेकिन जैसे ही पेशाब की तीव्रता कम हुई अनजाने में ही उसकी नजर,,,, संजू की तरफ गई और संजू को अपनी तरफ देखा हुआ पाकर उसके तो होश उड़ गए बहुत शर्म से पानी पानी हो गई उसे इस बात का एहसास सुबह की उसका आधा बदन दीवार की ओट से बाहर है और संजू उसकी अधखुली कांड को ही देख रहा है,,,,।

संजू अच्छी तरह से जानता था कि अगर इस खूबसूरत कली का रस पीना है तो बेशर्म बनना पड़ेगा,,,, और आज ही मौका अगर हाथ से निकल गया तो जिंदगी भर पछताने के सिवा और कुछ हाथ लगने वाला नहीं है क्योंकि वह पूरी तरह से जवान थी और एकदम अनछुई जैसा कि उसकी खुद की बहन,,,, इसलिए संजू अपनी नजरों को दूसरी तरफ नहीं घुमाया बस उसे ही देखता रह गया बाहर बड़े जोरों की बारिश हो रही थी जिसके शोर में सब कुछ होता चला जा रहा था शर्म के मारे धीरे से ललली अपनी जगह से उठकर खड़ी हो गई,,,, यह दूसरी मर्तबा था जब संजू उसे पेशाब करते हुए देख लिया था पहली बार तो अपनी नजर को घुमा दिया था लेकिन इस बार वह पूरी तरह से बेशर्म बन चुका था संजू की नजरों से उसे डर लगने लगी उसके बदन में सायरन सी दौड़ने लगी उसे पूरा यकीन था कि संजू की नजर उसकी नंगी गोरी गांड पर ही है,,,, वह जल्द से जल्द अपनी सलवार को ऊपर खींच लेना चाहती थी इसलिए वह अपनी जगह से जल्दी से उठकर खड़ी हो गई थी लेकिन सलवार और चड्डी दोनों पूरी तरह से पानी में गीली हो चुकी थी इसलिए बदन पर वह जल्दी से ऊपर की तरफ नहीं आ रही थी और लल्ली शर्मिंदगी का एहसास लिए पहले अपनी चड्डी को दोनों हाथों से पकड़ कर थोड़ा सा जोर लगाते हैं उसे ऊपर की तरफ खींची और उसे कमर तक लाकर अपनी नंगी गांड को ढक ले और फिर धीरे से अपनी सलवार को ऊपर की तरफ उठाने लगी,,, जो की बड़ी मस्सकत करने के बाद ऊपर की तरफ उठी और जिसे वह जल्दी से कमर तक लाकर सलवार की डोरी बांधने लगी,,, और डोरी बांधने के बाद वह दीवार की औट में से बाहर आने लगी,,,।

संजू का दिल जोरो से धड़क रहा था उसकी आंखों के सामने बहुत खूबसूरत लड़की खड़ी थी जो की अभी-अभी पेशाब करके अपनी सलवार की डोरी बांध रही थी,,,, जिस तरह का नजारा संजू ने अपनी आंखों से देखा था उसने चेहरे को देख कर दुनिया का कोई भी ऐसा मर्द नहीं होगा जिसका लंड खड़ा ना हो जाए,,,,। वह धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी वह नजर उठाकर संजू की तरफ देखने से भी घबरा रही थी क्योंकि संजू की आंखों में उसके बदन को पाने की प्यास नजर आ रही थी,,,, तभी बादलों की गड़गड़ाहट इतनी तेजी से हुई कि वह एकदम से घबरा गई और लगभग भागते हुए संजू के पास पहुंच गई और उसके बदन से चिपक गए इस बादलों की गड़गड़ाहट से बहुत डर लगता था और संजू उसकी हरकत से पूरी तरह से मदहोश हो गया उसे उम्मीद नहीं थी कि जो काम वह करना चाहता था वह हम बदल इतनी आसानी से कर देंगे वह एकदम से उसके बदन से चिपक की गई थी और संजू इस मौके को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था और तुरंत उसे अपनी बाहों में कस लिया था,,,।

हालत बहुत ही नाजुक हो चुके थे दोनों में से किसी ने कल्पना भी नहीं किया था किस तरह के हालात दोनों के बीच पैदा हो जाएंगे हालांकि संजू तो इस तरह के मौके और हालात की तलाश में हमेशा रहता ही था और मन ही मां प्रार्थना भी कर रहा था और ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी प्रार्थना स्वीकार कर ली गई हो तेज हवाओं के साथ तेज बारिश के कारण दोनों खंडहर में रुक गए थे और खंडहर में संजू के मन की ही हो रही थी,,लल्ली कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह इस तरह से किसी गैर जवान लड़के के सामने पेशाब करेगी और इतने जोरो की लगी हुई थी कि वह खुद भूल गई थी कि वह कहां बैठी है जिसका पूरा फायदा उठाते हुए संजू ने उसकी अधिक खुली गांड को देख लिया था और उसी के चलते दोनों के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,, सब कुछ जानते हुए भी की संजू चरित्रहीन लड़का था जो कि उसका खुद उसकी मां के साथ संबंध था और उसने अपनी आंखों से सब कुछ देख भी ली थी लेकिन एक तरफ उसका मन संजू की तरफ ईर्ष्या करता था उसे पर गुस्सा होता था वहीं दूसरी तरफ उसके प्रति आकर्षित भी होता था इसी के चलते जब वह अपनी सलवार की डोरी को बांधने लगी,,, और बांध भी चुकी थी कि तभी बादलों की तेज गड़गड़ाहट सेवा एकदम से घबरा गई और वह तुरंत भाग कर संजू के सीने से लग गई और संजू को तो इसी मौके की तलाश थी,,,।

वह मौके का फायदा उठाना जानता था वह तुरंत उसे अपनी बाहों में कस लिया बरसात के पानी में भीगा बदन जवां मर्द की गर्माहट पाते ही पिघलना शुरू हो गया,,लल्ली के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,, संजू की बाहों में उसे अपना अस्तित्व पिघलता हुआ महसूस होने लगा उसकी गहरी गहरी सांस चलने लगी संजू की छाती से उसकी नंगी जैसी चूचियां एकदम से चपक सी गई थी जिसका एहसास संजू के साथ-साथ उसे भी बड़ी अच्छी तरह से हो रहा था पहली बार वह किसी मर्द की बाहों में थी उसे बहुत अजीब सा लग रहा था ऐसा नहीं था कि उसे खराब लग रहा था एक अजीब सी आनंद की अनुभूति उसे हो रही थी,,,, और संजू को ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी बाहों में पूरी दुनिया सिमट गई हो,,,।

संजू को तो जैसे मुंह मांगी मुराद मिल गई थी,,, संजू उसकी उत्तेजना बढ़ाने के लिए तुरंत अपने दोनों हथेलियां को उसके गली हुई सलवार पर रखकर उसकी गोल-गोल गांड को दबाना शुरू कर दिया वह जानता था कि ऐसे हालात में रुकना संयम दिखाने बिल्कुल भी ठीक नहीं है ऐसा मौका फिर कभी मिलने वाला नहीं था वह इस मौके का पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहता था इसीलिए वह अपने दोनों हथेलियां की करामात दिखाते हुए,, लल्ली की सुडौल गांड को दबाना शुरू कर दिया और संजू की यह क्रिया उसकी उत्तेजना में बढ़ोतरी करने लगी वह उत्तेजित होने लगी जिंदगी में पहली बार वह किसी की बाहों में थी और किसी गैर मर्द की हथेलियां को अपने नितंबों पर महसूस कर रही थी उसे न जाने क्यों इतना अच्छा लग रहा था कि पूछो मत वह कुछ बोल नहीं पा रही थी संजू को रोक नहीं पा रही थी संजू पागलों की तरह उसके नितंबों से खेल रहा था,,,, गीले सलवार में उसकी नंगी गांड एकदम साफ महसूस हो रही थी,,,,,,,।

लल्ली की सांसे बेहद मदहोशी से भरी हुई थी और गहरी चल रही थी उसकी सांसों की गति के साथ उसकी नंगी जैसी चूचियां संजू की छाती पर रगड़ खा रही थी जिससे लल्ली के बदन में और ज्यादा उत्तेजना का संचार हो रहा था,,,, संजू औरतों को खुश करना जानता था,,,, उनके अंगों से खेलना जानता था,,,, औरत को कैसे मस्त किया जाता है इसका हुनर वह बेखुबी जानता था,,,। इसलिए वह धीरे से उसकी कुर्ती को लगभग चार अंगुल ऊपर करके उसकी नंगी चिकनी कमर पर अपनी हथेली रखकर उसे कस के दबा लिया उसकी यह हरकत पर लल्ली अपने आप को संभाल नहीं पाई और अनजाने में ही उसके मुंह से गर्म संस्कारी फूट पड़ी,,,।

सहहहह आहहहहह संजू,,,,,,,।
(ऐसा कहने के साथ ही वह एकदम से मत हो गई उसके बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी लेकिन तभी उसे इस बात का एहसास हुआ कि जो कुछ भी हो रहा है गलत है वह अपने आप को संजू की बाहों से अलग करने की कोशिश करते हुए बोली)

नहीं यह गलत है,,,, मुझसे यह बिल्कुल भी नहीं होगा,,,।
(उसकी बात सुनते ही संजू थोड़ा चिंतित हो गया लेकिन वह अभी तक उसे अपनी बाहों से अलग नहीं किया था वह इस तरह से अपनी बाहों में जकड़े हुए उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोला,,,)

क्योंकि तुम्हें गलत लगता है कल शादी के बाद तुम्हें यह दिन रात करना होगा जिसका तुम्हें बिल्कुल अनुभव ही नहीं है मैं तो तुम्हारे मन के डर को दूर करना चाहता हूं,,,।
(बड़ी गौर से वह संजू की बातों को सुन रही थी ऐसा नहीं था कि उसे अच्छा नहीं लग रहा था उसे बहुत अच्छा लग रहा था वह इस खेल में आगे बढ़ना चाहती थी लेकिन मर्यादा की दीवार उसे रोक रही थी वह शर्मा रही थी लेकिन फिर भी संजू की हरकतों का आनंद ले रही थी इसलिए धीरे से बोली,,,)

कोई देख लिया तो,,,

(इतना सुनते ही संजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे वह समझ गया कि वह भी यही चाहती है,,, इसलिए वह‌ बोला,,,)

कोई नहीं देखा है क्या और वैसे भी इतनी तूफानी बारिश में यहां से कोई आने वाला नहीं है,,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू अपने प्यास होठों को उसके लाल-लाल दहकते हुए होठों पर रख दिया,,, लल्ली के तन बदन में सुरसुराहट से दौड़ने लगी आसमान में बादलों का गडगडाहट जारी था और संजू अपने मामा की लड़की के लाल-लाल होठों का रस पीने में व्यस्त हो गया,,,,, लल्ली पूरी तरह से मदहोश होने लगी उसके जीवन का यह पहला चुंबन था वह कभी सोचा नहीं थी कि जिंदगी का पहला चुंबन उसे अपने ही परिवार के सदस्य से मिलेगा,,,, अब उसे बर्दाश्त कर पाना मुश्किल हुआ जा रहा था अब वह अपने आप को रोक भी नहीं पा रही थी वह संजू की मर्दाना भुजाओं में अपने आप को पिघलता हुआ महसूस कर रही थी,,,,।

संजू एक साथ कई कार्य कर रहा था वह उसके लाल-लाल होठों का रस भी पी रहा था उसके नितंबों को दोनों हथेलियां से दबा भी रहा था और साथ में उसके दोनों संतरों को अपनी छाती से चिपका कर उसे हल्के हल्के रगड़ भी रहा था,,, जिससे वह लल्ली को किसी भी तरह से छोड़ने के मूड में बिल्कुल भी नहीं था वह अपनी हर एक हरकत से उसे आनंद के सागर में डुबोए लिए चला जा रहा था,,,,,, संजू इस बात को अच्छी तरह से जाना आता था कि वह खंडहर के ठीक सामने खड़ा था और ऐसा हो भी सकता था कि इस समय कोई उसी की तरह भटका हुआ गांव का इंसान इसी रास्ते से गुजरे तो उसकी नजर खंडहर में पड सकती थी,,, इसलिए वह चुंबन करते हुए ही अपनी हथेलियां को उसके नितंबों को रखकर उसे हल्के से ऊपर की तरफ उठाया और लल्ली पूरी तरह से उठ गई और संजू उत्तेजना के चलते उसे गोद में लिए हुए ही दीवाल की ओट में आगे और उसके पूरे बदन को दीवाल की ओर से सटकर उसे गोद में उठा लिया जिससे एक अद्भुत आसान बन गया और सलवार के ऊपर से ही और संजू का पेट के अंदर से ही लंड उसकी चूत से रगड़ खाना शुरू कर दिया,,,,

संजू की इस हरकत से तो वह चारों खाने चित हो गई,,, उसकी चूत के इर्द-गिर्द रक्त का संचार बड़ी तेजी से बढ़ने लगा वह मदहोश होने लगी उसकी सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और वह कस के संजू को पकड़ ली वह भूल गई कि वह उसकी बुआ का लड़का है वह एकदम से अपनी जेहन से इस बात को निकाल दे की इस लड़के ने ही उसकी मां की चुदाई किया था वह सिर्फ उसकी आंखों में पूरी तरह से खो गई उसकी हरकतों से पूरी तरह से मत हो गई संजू जानबूझकर हल्के हल्के अपनी कमर को हिला रहा था और उसे चुदाई का सुख प्रदान कर रहा था हालांकि ना तो उसका लंड चूत में प्रवेश किया था बस उसे पर कपड़ों के आधार पर रगड़ खा रहा था लेकिन फिर भी इसमें जो आनंद संजू को प्राप्त हो रहा था उसे कहीं ज्यादा मजा लल्ली को आ रहा था,,,,।

कुछ देर तक संजू इसी तरह से उसके अंग से खेलता रहा वह उसे पूरी तरह से इस खेल में शामिल होने के लिए तैयार कर लेना चाहता था तड़प देना चाहता था ताकि वह खुद तड़प कर उसके लंड को अपनी चूत में लेने के लिए मचल उठे और ऐसा ही हो रहा था इस बात को वह भूल गई थी कि इतने मोटे तगड़े लंड को अपनी चुत मे लेगी कैसे बस अब उसे इस बात का ख्याल था कि जल्द से जल्द वह लंड को अपनी चूत में ले ले जैसा कि उसकी मां अपनी चूत में लेकर मत हो रही थी,,,,।

दोपहर का समय होने के बावजूद भी बारिश इतनी तेज थी कि चारों तरफ अंधेरा सा छा गया था ऐसा लग रहा था कि शाम ढलने वाली है और रात होने वाली है बारिश बड़े जोरों से हो रही थी ऐसा लग रहा था कि गांव में आने के बाद बारिश संजू का फायदा करने के लिए ही हो रही थी पहली बार इसमें वह अपनी मौसी के सामने अपनी मां की चुदाई किया था और अपनी मां के सामने अपनी मौसी की दोनों को एक दूसरे का राजदार बना दिया था और इसी तरह से वह दोनों के साथ जी भर कर मस्ती भी कर रहा था और आज की बारिश एक कुंवारी हसीन लड़की की चूत उसके लंड पर धरने के लिए तैयार कर दी थी,,,,। अपने चुंबन से आजाद करते हुए संजू गहरी सांस लेते हुए लल्ली की तरफ देखते हुए बोला,,,।

सच में तुम बहुत खूबसूरत हो तुम्हारे होंठ बहुत रसीले हैं इसका रस पीने में तो मुझे बहुत मजा आ गया लेकिन देख रही हो तुम्हारे होठों का रस पीने में क्या हालत हुआ है,,,।
(संजू की बातों को सुनकर वह शर्म से पानी पानी हो जा रहे थे लेकिन संजू की बातें उसे बेहद रोमांच कारी और मत भारी लग रही थी इसलिए वह धीरे से बोली,,,)

क्या हालत हुआ है,,,,

देखना चाहती हो,,,,(वह अभी भी अपनी गोद में लिए हुए उसे दीवार से सटाया हुआ था और वह कमर के ऊपर वाला भाग धीरे से हल्के से पीछे की तरफ लेते हुए इशारों से ही उसे नीचे की तरफ देखने के लिए बोला और शर्म के मारे जैसे ही लाली अपनी नजरों को नीचे की तरफ ले गई तो उसके होश उड़ गए उसे साफ-साफ दिखाई दे रहा था कि पेट में उसका तंबू बना हुआ था और वह तंबू उसकी सलवार के बीच उसकी चूत से सटा हुआ था जो कि सीधे उसकी चूत पर दस्तक दे रहा था संजू ने इस नजारे को दिखाकर उसके बदन में उत्तेजना के घर को ज्यादा बढ़ा दिया और वह शर्म के मेरी अपनी नजरों को दूसरी तरफ घुमा दे और धीरे से संजू उसे अपनी गोद से नीचे उतारा और फिर,,,,, जल्दी का हाथ पकड़ कर उसे एक बार फिर से झटके से अपनी तरफ खींचा और एक बार फिर से वह उसकी बाहों में समा गई और इस बार संजू बिल्कुल भी डर ना करते हुए उसकी कुर्ती को दोनों हाथों से पकड़ कर ऊपर की तरफ उठने लगा वह उसकी कुर्ती को उतारना चाहता था और इस कार्य में लल्ली बिल्कुल भी विरोध ना करते हुए उसका साथ दे रही थी,,, और वह धीरे से अपने हाथ को ऊपर की तरफ कर दी और संजू के का फायदा उठाते हुए जल्दी से कुर्ती उसके बदन से अलग करके वहीं पास में साफ जगह पर रख दिया,,,,

अब वह संजू के सामने लाल ब्रा में खड़ी थी जिसमें वह आसमान से उतरी हुई परी लग रही थी संजू से प्यासी नजर से देख रहा था और वह उसकी नजरों का सामना नहीं कर पा रही थी इसलिए शर्मा कर अपनी नजरों को नीचे झुका दी और संजू आगे बढ़कर तुरंत उसकी लाल ब्रा के ऊपर से ही उसके दोनों संतरों को दोनों हाथों में दबोच लिया,,, हल्की सी सिसकारी की आवाज उसके मुंह से निकल गई,,,।

सहहहहहह आहहहह धीरे से दर्द कर रहा है,,,

मैं यही तो तुम्हें दिखाना चाहता हूं,,, मैं तो फिर भी तुम्हारी बात मान जाऊंगा लेकिन तुम्हारा पति नहीं मानेगा,,,,(और ऐसा कहते हुए संजू धीरे-धीरे उसके पीछे चले गए और पीछे से उसे अपनी बाहों में भर लिया ऐसा करने से वह उसकी दोनों चूचियों पर ब्रा के ऊपर से ही हथेली रखकर हल्के हल्के दबाने लगा वह जानता था कि जोर से दबाने में उसे दर्द होगा इसलिए हल्के हल्के उसके बदन में सुरूर पैदा कर रहा था और अपने खुंटे को पीछे से उसके नितंबों पर रगड़ रहा था जो की की है सलवार में एकदम आराम से उसे मर्दाना अंग का अनुभव करवा रहा था,,,, अपनी चूची उसके हाथों में और अपनी गांड पर उसके लंड का अनुभव उसे पूरी तरह से रोमांचित कर गया वह मस्त होने लगी,,, और वह धीरे से एक हाथ का सहारा लेकर उसकी ब्रा के हुक को खोलने लगा,,, औरतों के कपड़े उतारने में संजू पूरी तरह से माहिर हो चुका था इसलिए एक हाथ से ही वह लल्ली के ब्रा को खोल दिया,,,, लल्ली संजू की हर एक हरकत से पागल हुए जा रही थी,,,, जवानी का नशा उसके नसों में दौड़ रहा था वह पूरी तरह से मत भेज रही थी और संजू की हर एक हरकत का मजा लेते हुए वह धीरे से अपनी बांहे फैला कर संजू को उसकी ब्रा उतारने में मदद करने लगी,,, और अगले पल संजू उसके बदन से ब्रा उतार कर भी नीचे जमीन पर रख दिया वह कमर के ऊपर पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी वह धीरे से उसकी दोनों बेन पड़कर उसे अपनी तरफ घुमाया और उसकी दोनों चूचियों को देखने लगा जो कि उसकी छातियों की शोभा बढ़ा रही थी,,,,।

संजू नजर भर कर उसकी चूचियों को देख रहा था जो की बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी और लल्ली शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी,,,, संजू इस पल को लल्ली को भी दिखाना चाहता था अपनी हरकत से उसके बदन में जवानी का जोश भर देना चाहता था,,, इसलिए अपने दोनों हाथ आगे बढ़कर उसके खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हथेलियां में भर लिया और उसे ऊपर की तरफ उठाकर बोला,,,।

अपनी आंखे खोलो रानी शर्माओ मत शर्माओगी तो तुम्हारा पति तुम पर हाबी हो जाएगा और फिर,,,,(संजू के मुंह से अपने लिए रानी शब्द सुनकर उसके बदन में बिजली सुधरने लगी वह पूरी तरह से मदहोश होने लगी और अगले ही पल अपनी आंखों को खोल दी और संजू से नजर मिलते हैं उसकी आंखों में शर्मा है या पूरी तरह से छाने लगा उसके गोरे-गोरे गाल एकदम लाल होने लगे और संजू उसकी आंखों में देखते हुए धीरे-धीरे अपने होठों को उसकी छाती के करीब ले जाने लगा वह आंखें खोले संजू की हरकत को देख रही थी,,,, लेकिन उसे मालूम नहीं था कि संजु क्या करने वाला है,,, और देखते ही देखते संजू अपने प्यासे होठों के बीच उसकी उत्तेजना से तनी हुई निप्पल को कैडबरी चॉकलेट की तरह अपने मुंह में भर लिया,,, यह लल्ली के लिए आश्चर्य जनक था वह पूरी तरह से मदहोश हो गई,,,
जिसके बारे में वह कभी सपने में नहीं सोची थी वह उसके साथ हकीकत में हो रहा था संजु उसकी आंखों में ऊपर की तरफ देखते हुए,,,, उसकी एक चूची को पीना शुरू कर दिया था यह देख सकते की हिम्मत लल्ली में बिल्कुल भी नहीं थी वह मदहोश हुए जा रही थी वह तड़प रही थी मचल रही थी उसकी चूत से लगातार पानी बह रहा था,,, यह उसके लिए भी बेहद रोमांच से भरा हुआ दृश्य था वह पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी,,,,।

सहहहह आहहहहहह ऊममममममममम ,,,,ओहहहहहहह
 
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