संजू अपनी सूझबूझ और चालाकी से अपने मामा की लड़की की मदहोश कर देने वाली जवानी पर उसकी कुंवारी चूत पर फतह पा चुका था,,, अपनी कामयाबी का झंडा उसकी कुंवारी चूत में गाड़ चुका था,,,, ऐसा नहीं था कि कामयाबी से केवल संजू ही खुश था संजू ने जितना मजा खुद प्राप्त किया था उसे कई ज्यादा आनंद अपने मामा की लड़की को दिया था वह पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी,,, और उसे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की थी कि वह अब शादी की पहली रात को संजू के बताए अनुसार दर्द को सहन कर पाएगी बल्कि उसका आनंद उठा पाएगी और वह पहली रात में ही अपने पति पर पूरी तरह से हावी हो जाएगी,,,।
Sanju or uske mama ki ladki lalli
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लल्ली मोटरसाइकिल से उतरते ही सीधे बरामदे में से होते हुए अपने कमरे की तरफ चली गई थी किसी की नजर तो उसे पर नहीं गई थी लेकिन साधना उसे बड़े गौर से देख रही थी उसके बदले मिजाज को देख रही थी और खास करके उसकी चाल को देख रही थी जो कि बिगड़ चुकी थी,,,, पल भर में साधना की आंखों के सामने तेज बारिश वाला वह दृश्य में आने लगा जब वह इसी तरह की तेज बारिश में खंडहर में रुकने का फैसला किए थे और खंडहर में जो कुछ भी हुआ था वह उन तीनों की जिंदगी को बदल कर रख दिया था आज भी उसी तरह की बारिश हुई थी और उसके मन में यही हो रहा था कि आज भी संजू बारिश से बचने के लिए कहीं ना कहीं रुका होगा और यही जानने के लिए वह संजू के पास आई,,,,
बाजार से आते ही संजू शादी के काम में हाथ बटाने लगा था मौका देखकर साधना उसके पास गई,,, और बोली,,,।
Sanju or lalli maje karte huye
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तुम दोनों तो एकदम भीग गए थे,,,,
ओ हा मौसी रास्ते में इतनी तेज बारिश होने लगी की कुछ समझ में ही नहीं आया,,,।
तो कहीं रुक जाना चाहिए था ना,,,
रुके तो थे,,,
कहां,,,,?(साधना संजू के चेहरे की तरफ देखते हुए बोली वह संजू के चेहरे के बदलते भाव को देखना चाहती थी और अनुभव से भरी हुई साधना संजू के चेहरे के बदलते हुए भाव को अच्छी तरह से समझ रही थी)
वही खंडहर में,,,,
ऊसी खंडहर में जहां हम तीनों रुके थे,,,
Sanju or lalli
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हां मौसी और कहीं रुकने की जगह ही नहीं थी,,,,।
और उसे खंडहर में एक जवान लड़की के साथ रुकने में तुझे उसे दिन वाला सब कुछ याद आ गया होगा आराधना और मैं और तू और फिर,,,,
क्या मौसी तुम भी ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था तुम्हें क्या लगता है मामा की लड़की ऐसी वैसी लड़की है जो तुरंत तैयार हो जाएगी,,,
तुरंत ना सही लेकिन थोड़ा बहुत मनाने पर तो मन ही गई होगी,,,
Sanju ki mami par jawani chafhte huye
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नहीं मौसी तुम गलत समझ रही हो,,,(शादी के काम में अपने आप को उलझाने का नाटक करते हुए बोला) लल्ली ऐसी वैसी लड़की नहीं है।
ऐसी वैसी तो तेरी मां भी नहीं है तो उसे तूफानी रात में क्यों तुझे अपना सब कुछ देने के लिए नंगी हो गई क्यों तेरे सामने अपनी चूत खोल कर रख दी क्यों तेरे सामने अपनी नंगी गांड नचाने लगी ,,,, देख संजू औरत के मन को तू मुझे अच्छा नहीं जानता मैं सब समझ सकती हूं और वैसे भी शहर की लड़कियों से ज्यादा तेज गांव की लड़कियां होती हैं वह कब लड़कों को बुद्धू बना कर अपना काम निकलवा ले लड़कों को भी पता नहीं चलता,,,, तो भले ही कुछ नहीं बता रहा है लेकिन तेरा चेहरा सब कुछ बता रहा है और लाली की बदली हुई और बिगड़ी हुई चाल सब कुछ समझती हूं मैं,,,,,
Sanju ki mami apni peticoat utarti huyi
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बिगड़ी हुई चाल मतलब,,,(संजू आश्चर्य जताते हुए बोला)
देख मैं और तेरी मां हम दोनों तो औरत है और तेरे मोटे तगड़े लंड को तो किसी तरह से हम दोनों झेल गई थी लेकिन,,,,लल्ली तेरे मोटे तगड़े लंड। को ज्यादा झेल नहीं पाई है इसीलिए लंगड़ा कर चल रही है,,,,।
(इस बार वह एकदम से चौंक गया क्योंकि उसने भी उसकी बदली हुई चाल पर गौर नहीं किया था और उसकी मौसी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)
Lalli ki ma apne hath se khelti huyi
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मुझसे छुपाने की कोशिश मत कर मैं सब कुछ समझ गई हूं,,, और वैसे भी तेरे मेरे बीच में और तेरी मां के बीच में जिस तरह का हम लोगों का रिश्ता है इस हिसाब से तुझे कुछ भी छुपाना नहीं चाहिए और मैं किसी भी चीज के लिए बुरा नहीं मानूंगी,,,,।
(इतना कुछ सुनाने के बाद संजू के पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं था इसलिए वह इधर-उधर नजर दौड़ा कर धीरे से बोला,,)
तुम सही सोच रही हो खंडहर में हम दोनों के बीच वही हुआ जो हम तीनों के बीच हुआ था,,,,
( संजू के मुंह से इतना सुनते ही साधना एकदम से चौंक गई लेकिन फिर संजू के व्यक्तित्व को देखते हुए वह धीरे-धीरे अपने आप को संभालने लगी और अपने मन में सोचने लगी कि जो अपनी सगी मौसी और अपनी मां को चोद सकता है तो उसके लिए अपने मामा की लड़की कौन सी बड़ी बात है,,, लेकिन वह जानना चाहती थी कि आखिर ऐसा हुआ कैसे वह खुद उसे बहुत सीधी-सादी लड़की समझती थी और इसीलिए वह जानना चाहती थी की शुरुआत कैसे हुई किसने शुरू किया कही संजू ने तो मजबूर नहीं किया,,, इसीलिए वह बोली,,,)
Sanju apni maami ki chut se k-elta hua
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लेकिन यह हुआ कैसे मैं तो उसे सीधी-सादी लड़की समझती थी देखने में भी सीधी-साधी ही है तो फिर इतना बड़ा फैसला वह ले कैसे ली तुमने तो नहीं उसे फुसलाया,,,,
नहीं नहीं मौसी मैं भला ऐसे कैसे कर सकता हूं और वैसे भी मुझे किस बात की कमी है तुम दोनों तो हो ना मेरे पास फिर किसी और के पास जाने कि मुझे जरूरत ही क्या है,,,,
तो फिर ऐसा कैसे हो गया,,,
लल्ली के मन में दुविधा थी सुहागरात को लेकर उसकी किसी सहेली ने बता दी थी कि तुमने तो अपनी चूत में अभी तक एक उंगली भी नहीं डाली हो तो इतना मोटा लैंड कैसे सहन कर पाओगे तुम्हारी चूत फट जाएगी अगर तुम भी हम जैसी लड़कियों की तरह अपनी चूत में उंगली डाली होती है अपने प्रेमी से चुदवाई होती तो तुम्हारा काम आसान हो जाता और वैसे भी चूत में एक बार लंड जाए या 100 बार लैंड जाए कोई फर्क नहीं पड़ता,,, और वह इन्हीं सब बातों को लेकर बहुत परेशान थी,,,,।
Mami bhanja dono ek dusre se maja lete huye
kenneth fearing
और तू उसकी परेशानी दूर कर रहा था,,,।
और कर भी क्या सकता था मौसी जरा तुम ही सोचो उसके मन में इतनी सारे डर भरे हुए थे उन्हें दूर करना भी तो जरूरी था,,,,
लेकिन उसका डर दूर करने के लिए तू ही मिला गांव में और भी तो लड़के थे,,,
Sanju or uski maami
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क्या मौसी तुम भी गांव के लड़के के साथ अगर वह इस तरह की हरकत करती तो वह लोग उसे ब्लैकमेल करके बार-बार यह काम करते और उसे बदनाम भी कर देते इसीलिए तो उसने मुझे चुनी,,, क्योंकि वह मुझे बता रही थी की बहुत दिन से वह मुझे यह बात करना चाहती थी लेकिन कहीं मौका ही नहीं मिल रहा था और वह मुझे यह भी बताएं कि अगर गांव के लड़के के साथ इस तरह के संबंध बनाऊंगी तो बदनाम हो जाऊंगी मेरे मम्मी पापा का नाम खराब हो जाएगा और मैं तुम्हें इसलिए पसंद कर रही हूं कि तुम तो शादी के बाद चले जाओगे और तुम यह राज किसी को बताओगे नहीं,,,, और इसीलिए मैंने उसका डर दूर करने के लिए अपने आप को तैयार कर लिया,,,, वैसे तो मौसी खंडहर में रुकने का और वहीं पर लल्ली कर डर दूर करने का प्लेन मेरा ही था लेकिन सही समय पर बारिश अपना काम कर गई और हमें उसे खंडहर में रुकना पड़ा और इतनी नाम से मैंने उसकी जमकर चुदाई किया,,,, और सच कहूं तो मौसी वह ऐसी वैसी लड़की नहीं है,,,।
Sanju apni mami ki chudai karta hua
तुझे कैसे मालूम,,,?(साधना आशचर्य जताते हुए बोली,,,)
क्योंकि मौसी उसकी चूत एकदम कसी हुई थी उसमें एक उंगली भी ठीक से नहीं जा रही थी वह तो कितनी मेहनत करने के बाद उसकी चूत में लंड डाला हुं,,,
हां वह तो दिख ही रहा था तभी लंगड़ा कर चल रही है,,,,
वैसे मौसी इस बारे में मम्मी को मत बताना मैं नहीं चाहता कि उसके बारे में कोई गलत सोचें यह राज तुम्हारे और मेरे बीच में रहेगा,,,,
चल कोई बात नहीं,,,(थोड़ी देर सोचने के बाद) लेकिन इस राज को राज रखने के लिए आज तुझे मेरे ऊपर मेहनत करनी पड़ेगी मेरी चूत चाटनी पड़ेगी,,,,,
क्या बात है तुम्हारी शर्त मुझे मंजूर है कहो तो इसी समय तुम्हारी चूत चटाई कर दुं,,,,
मन तो मेरा यही कह रहा है लेकिन अभी ऐसा मुमकिन नहीं है लेकिन रात को याद रखना गाना बजाने के बाद जब मैं कमरे में आऊंगी तब तू अपनी मां के पास जाने से पहले मेरी प्यास बुझाएगा,,,,
मुझे मंजूर है,,,,
( ईतने में वही आराधना भी आ गई,,, उन दोनों को बात करता हुआ देखकर वह बोली,,)
क्या खुसर फुसर हो रही है,,,,
कुछ नहीं मम्मी मैं लल्ली को लेकर बाजार गया था,,,।
अरे हां मैं तो भूल ही गई तु पायल बदलवाने के लिए गया था ना अच्छे से तो ले आया ना,,,
हां ले आया और बहुत ही सुंदर है,,,,
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चलो अच्छा हुआ नहीं तो इतनी तेज बारिश पड रही थी मैं तो घबरा ही गई थी,,,,
(इतना कहने के साथ ही तीनों अपने-अपने काम में लग गए,,,,, दूसरी तरफ लल्ली अपने कमरे में ही बैठी थी और खंडहर में जो कुछ भी हुआ उसके बारे में सोचकर हैरान और उत्तेजित हुई जा रही थी,,, उसे अपने आप पर यकीन नहीं हो रहा था कि उसने इतना बड़ा कदम उठा ली थी आखिरकार वह मन ही कैसे गई संजू की बातों को उसके कहने पर क्यों आ गई,,,, एक तरफ खंडहर वाली बात के बारे में सोचकर उसके मन में थोड़ी सी कलानी हो रही थी वहीं दूसरी तरफ खंडहर वाली बात को लेकर उसके तन बदन में अजीब सी उत्तेजना का संचार हो रहा था यहां तक कि उसे अभी भी अपनी चूत में संजू का मोटा तगड़ा लंड एकदम महसूस हो रहा था एकदम गरमा गरम अंदर बाहर होता हुआ,,, और वह इस बात से भी हैरान थी कि इतना मोटा तगड़ा लंड आखिर चूत में समा कैसे गया,,,,,, दोपहर का समय हो गया था लल्ली अभी तक अपने कमरे में ही बैठी हुई थी,,, उसे अपने कमरे से बाहर निकलने का मन नहीं कर रहा था एक तरह से वह अपनी हरकत पर शर्मिंदा भी थी,,,, इसलिए किसी से भी नजर मिलाने में उसे समय महसूस हो रही थी,,,, तभी उसके कानों में आवाज सुनाई दी जो कि उसकी मां की ही थी,,,।
संजू ओ संजू,,,,कहा चला गया ये लडका ,,,, सुबह से अभी कुछ खाया भी नहीं है,,,,,,, इतना कहते हुए वह घर में चारों तरफ घूम-घूम कर संजू को ढूंढ रही थी,,,, लल्ली अपने मन में सोचने लगी कि उसकी मां संजू पर इतनी मेहरबान क्यों है तभी उसे एहसास हुआ कि यह मेहरबानी किस लिए जताई जा रही है उसकी प्यास जो संजू ने बुझाया है,,,, तभी उसके कानों में आवाज आई,,,।
अरे कहां चला गया था तो कब से तुझे खाना खाने के लिए ढूंढ रही हूं,,,,
अरे कुछ नहीं मामी यही खेतों में घूम रहा था,,, लाओ में यही खाना खा लेता हूं,,,,
नहीं यहां नहीं चल मेरे कमरे में खा ले,,,।
(उसका इतना कहना था कि लल्ली अपनी मां के खाने के मतलब को अच्छी तरह से समझ गई और उसका दिल जोरो से धड़कने लगा और उसकी बात को संजू भी अच्छी तरह से समझ गया था इसके लिए उसके चेहरे पर मुस्कुराहट तैरने लगी उसे मुस्कुराता हुआ देखकर उसकी मामी भी मुस्कुरा दी और दोनों बिना कुछ बोले कमरे की तरफ जाने लगे,,, अपने कमरे में से सुन रही लल्ली अपनी मां के खाने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी इसलिए उसकी उत्सुकता बढ़ने लगी वह तुरंत अपने बिस्तर पर से उठकर खड़ी हो गई और धीरे से दरवाजा खोली तो देखी उसकी मां अपने कमरे में संजू को लेकर जा रही थी इसका मतलब एकदम साफ था कि वह संजू से चुदवाने जा रही थी,,,। लल्ली के मन में अजीब सी हलचल हो रही थी वह अपनी मां को साफ तौर पर देख रही थी कि एक जवान लड़की को अपने कमरे में ले जा रही थी और वह भी चुदवाने के लिए अपनी मां की हरकत को देखते हुए उसके मन में एकदम से ख्याल आया कि उसकी मां कितनी छिनार हो गई है,,,, लेकिन वह ऐसे बैठी नहीं रह सकती थी वह देखना चाहती थी कि आखिरकार कमरे में हो क्या रहा है वास्तव में उसकी मां उसे खाना खिला रही है या कुछ और चटवा रही है,,,, इसलिए वह दबे पांव अपनी मां के कमरे की तरफ जाने लगी लेकिन चारों तरफ नजर घुमा करवट देख भी ले रही थी क्योंकि विवाह वाला घर था मेहमान धीरे-धीरे आना शुरू हो गए थे इसीलिए वह नहीं चाहती थी कि किसी की भी नजर उस पर पड़े,,,,।
देखते ही देखते हो अपनी मां के कमरे की बेहद कर पहुंच गई और अंदर देखने का कोई जुगाड़ ढूंढने लगी और तुरंत उसे अपनी मां के कमरे की खिड़की हर किसी खुली हुई मिल गई वह खिड़की से अपनी नजर सटाकर अंदर की तरफ देखने लगी तो कुछ ही पल में अंदर का दृश्य एकदम साफ होता चला गया,,, और अंदर का दृश्य देखते ही उसका दिल जोरो से धड़कने लगा अंदर वही हो रहा था जिसका डर उसके मन में था,,,, उसकी मां संजू की बाहों में थी और संजू उसकी मां के लाल-लाल होठों को चूस रहा था और साथ ही ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबा रहा था,,, लल्ली समझ गई थी कि उसकी मां कौन सा भजन उसे करवा रही है देखते ही-देखते संजू,,, उसकी मां के ब्लाउज का बटन खोलने लगा और पल भर में भी ब्लाउज खोलकर उसकी नंगी चूचियों को बाहर निकाल और उसे पर मुंह लगाकर पीना शुरू कर दिया बाहर से देख रही लल्ली की चूत में आग लगने लगी क्योंकि कुछ घंटे पहले हुआ भी अपने प्यास बुझवा कर रही थी लेकिन अपनी मां के कमरे के अंदर का दृश्य देखकर अपनी मां की हरकत को देखकर एक बार फिर से उसके बदन में सुरसुरी से दौड़ने लगी थी,,,,
लल्ली कि सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी क्योंकि उसकी नजर के सामने ही उसकी मां अपने घुटनों के बाल पेट कर खुद संजोग के पेट का बटन खोलकर उसके लंड को बाहर निकाल कर मुंह में लेकर चूसने लगी थी,,, बाहर खड़ी लल्ली अपनी आंखों से एकदम साफ देख रही थी कि संजू पागलों की तरह अपनी कमर आगे पीछे करके उसकी मां के मुंह को ही चोद रहा था,,, इसी दृश्य को देखकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी वह खंडहर के बारे में सोचने लगी वह भी इसी तरह से संजू के लंड को मुंह में लेकर चूस रही थी और उसे भी अत्यधिक आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,, लल्ली को समझते देर नहीं लगी थी कि इस क्रिया को करने में मर्द औरत दोनों को बराबर का आनंद प्राप्त होता है इसलिए तो उसकी मां भी बिना बोले ही वह क्रिया कर रही थी कुछ देर तक दोनों इसी तरह से आनंद लेते रहे और इसी दृश्य को देखकर लल्ली की चूत पानी छोड़ रही थी,,,,।
थोड़ी देर में संजु उसकी मां को कंधों से पकड़ कर खड़ी किया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया,,, दोनों के पास समय बिल्कुल भी नहीं था लेकिन संजू उसकी मां की चूत चाटने से अपने लालच को रोक नहीं पाया और दोनों टांगें खिलाकर कुछ देर तक उसकी चूत का रस जीभ लगाकर चाटता रहा,,, और फिर अपने मोटे तगड़े लंड को उसकी चूत में डाल कर अपनी कमर हीलाना शुरू कर दिया था उसे चोदना शुरू कर दिया था,,,, लल्ली साफ़-साफ़ देख पा रही थी कि अपनी चूत में लंड लेने के बाद उसे कितना मजा आ रहा था उसका खुद का मन अब संजू के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए करने लगा था,,,,, संजू की कमर बड़ी तेजी से गिर रही थी वह उसकी मां को अपनी बाहों में लेकर जोर-जोर से धक्के लगाने लगा और देखते ही देखते एकदम ढेर हो गया,,, लल्ली समझ गई कि आप उसका वहां रुकना ठीक नहीं है इसलिए वह वहां से वापस अपने कमरे में आ गई,,,,,
वह संजू से मिलना चाहती थी इस बारे में उससे बात करना चाहती थी,,,,, इसलिए शाम को मौका देखकर कर वह संजू से बोली,,,,
मुझे तुमसे कुछ बात करना है,,,
हां कहो क्या बात करना है,,,,
यहा नहीं जब रात को गाना बजाना हो रहा हो तब छत पर मिलना मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी,,,,।
ठीक है,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू वापस काम में व्यस्त हो गया लेकिन उसके इशारे को अच्छी तरह से समझ गया था वह समझ गया था कि आप यह लड़की तड़प रही है उससे चुदवाने के लिए,,,,)