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Incest मजबूरी या जरूरत

rohnny4545

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rohnny4545

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संजू अपनी सूझबूझ और चालाकी से अपने मामा की लड़की की मदहोश कर देने वाली जवानी पर उसकी कुंवारी चूत पर फतह पा चुका था,,, अपनी कामयाबी का झंडा उसकी कुंवारी चूत में गाड़ चुका था,,,, ऐसा नहीं था कि कामयाबी से केवल संजू ही खुश था संजू ने जितना मजा खुद प्राप्त किया था उसे कई ज्यादा आनंद अपने मामा की लड़की को दिया था वह पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी,,, और उसे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की थी कि वह अब शादी की पहली रात को संजू के बताए अनुसार दर्द को सहन कर पाएगी बल्कि उसका आनंद उठा पाएगी और वह पहली रात में ही अपने पति पर पूरी तरह से हावी हो जाएगी,,,।
Sanju or uske mama ki ladki lalli

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लल्ली मोटरसाइकिल से उतरते ही सीधे बरामदे में से होते हुए अपने कमरे की तरफ चली गई थी किसी की नजर तो उसे पर नहीं गई थी लेकिन साधना उसे बड़े गौर से देख रही थी उसके बदले मिजाज को देख रही थी और खास करके उसकी चाल को देख रही थी जो कि बिगड़ चुकी थी,,,, पल भर में साधना की आंखों के सामने तेज बारिश वाला वह दृश्य में आने लगा जब वह इसी तरह की तेज बारिश में खंडहर में रुकने का फैसला किए थे और खंडहर में जो कुछ भी हुआ था वह उन तीनों की जिंदगी को बदल कर रख दिया था आज भी उसी तरह की बारिश हुई थी और उसके मन में यही हो रहा था कि आज भी संजू बारिश से बचने के लिए कहीं ना कहीं रुका होगा और यही जानने के लिए वह संजू के पास आई,,,,

बाजार से आते ही संजू शादी के काम में हाथ बटाने लगा था मौका देखकर साधना उसके पास गई,,, और बोली,,,।
Sanju or lalli maje karte huye

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तुम दोनों तो एकदम भीग गए थे,,,,

ओ हा मौसी रास्ते में इतनी तेज बारिश होने लगी की कुछ समझ में ही नहीं आया,,,।

तो कहीं रुक जाना चाहिए था ना,,,

रुके तो थे,,,

कहां,,,,?(साधना संजू के चेहरे की तरफ देखते हुए बोली वह संजू के चेहरे के बदलते भाव को देखना चाहती थी और अनुभव से भरी हुई साधना संजू के चेहरे के बदलते हुए भाव को अच्छी तरह से समझ रही थी)

वही खंडहर में,,,,

ऊसी खंडहर में जहां हम तीनों रुके थे,,,

Sanju or lalli

हां मौसी और कहीं रुकने की जगह ही नहीं थी,,,,।

और उसे खंडहर में एक जवान लड़की के साथ रुकने में तुझे उसे दिन वाला सब कुछ याद आ गया होगा आराधना और मैं और तू और फिर,,,,


क्या मौसी तुम भी ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था तुम्हें क्या लगता है मामा की लड़की ऐसी वैसी लड़की है जो तुरंत तैयार हो जाएगी,,,


तुरंत ना सही लेकिन थोड़ा बहुत मनाने पर तो मन ही गई होगी,,,

Sanju ki mami par jawani chafhte huye

नहीं मौसी तुम गलत समझ रही हो,,,(शादी के काम में अपने आप को उलझाने का नाटक करते हुए बोला) लल्ली ऐसी वैसी लड़की नहीं है।

ऐसी वैसी तो तेरी मां भी नहीं है तो उसे तूफानी रात में क्यों तुझे अपना सब कुछ देने के लिए नंगी हो गई क्यों तेरे सामने अपनी चूत खोल कर रख दी क्यों तेरे सामने अपनी नंगी गांड नचाने लगी ,,,, देख संजू औरत के मन को तू मुझे अच्छा नहीं जानता मैं सब समझ सकती हूं और वैसे भी शहर की लड़कियों से ज्यादा तेज गांव की लड़कियां होती हैं वह कब लड़कों को बुद्धू बना कर अपना काम निकलवा ले लड़कों को भी पता नहीं चलता,,,, तो भले ही कुछ नहीं बता रहा है लेकिन तेरा चेहरा सब कुछ बता रहा है और लाली की बदली हुई और बिगड़ी हुई चाल सब कुछ समझती हूं मैं,,,,,
Sanju ki mami apni peticoat utarti huyi

बिगड़ी हुई चाल मतलब,,,(संजू आश्चर्य जताते हुए बोला)

देख मैं और तेरी मां हम दोनों तो औरत है और तेरे मोटे तगड़े लंड को तो किसी तरह से हम दोनों झेल गई थी लेकिन,,,,लल्ली तेरे मोटे तगड़े लंड। को ज्यादा झेल नहीं पाई है इसीलिए लंगड़ा कर चल रही है,,,,।
(इस बार वह एकदम से चौंक गया क्योंकि उसने भी उसकी बदली हुई चाल पर गौर नहीं किया था और उसकी मौसी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)
Lalli ki ma apne hath se khelti huyi

मुझसे छुपाने की कोशिश मत कर मैं सब कुछ समझ गई हूं,,, और वैसे भी तेरे मेरे बीच में और तेरी मां के बीच में जिस तरह का हम लोगों का रिश्ता है इस हिसाब से तुझे कुछ भी छुपाना नहीं चाहिए और मैं किसी भी चीज के लिए बुरा नहीं मानूंगी,,,,।
(इतना कुछ सुनाने के बाद संजू के पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं था इसलिए वह इधर-उधर नजर दौड़ा कर धीरे से बोला,,)

तुम सही सोच रही हो खंडहर में हम दोनों के बीच वही हुआ जो हम तीनों के बीच हुआ था,,,,
( संजू के मुंह से इतना सुनते ही साधना एकदम से चौंक गई लेकिन फिर संजू के व्यक्तित्व को देखते हुए वह धीरे-धीरे अपने आप को संभालने लगी और अपने मन में सोचने लगी कि जो अपनी सगी मौसी और अपनी मां को चोद सकता है तो उसके लिए अपने मामा की लड़की कौन सी बड़ी बात है,,, लेकिन वह जानना चाहती थी कि आखिर ऐसा हुआ कैसे वह खुद उसे बहुत सीधी-सादी लड़की समझती थी और इसीलिए वह जानना चाहती थी की शुरुआत कैसे हुई किसने शुरू किया कही संजू ने तो मजबूर नहीं किया,,, इसीलिए वह बोली,,,)
Sanju apni maami ki chut se k-elta hua

लेकिन यह हुआ कैसे मैं तो उसे सीधी-सादी लड़की समझती थी देखने में भी सीधी-साधी ही है तो फिर इतना बड़ा फैसला वह ले कैसे ली तुमने तो नहीं उसे फुसलाया,,,,

नहीं नहीं मौसी मैं भला ऐसे कैसे कर सकता हूं और वैसे भी मुझे किस बात की कमी है तुम दोनों तो हो ना मेरे पास फिर किसी और के पास जाने कि मुझे जरूरत ही क्या है,,,,

तो फिर ऐसा कैसे हो गया,,,

लल्ली के मन में दुविधा थी सुहागरात को लेकर उसकी किसी सहेली ने बता दी थी कि तुमने तो अपनी चूत में अभी तक एक उंगली भी नहीं डाली हो तो इतना मोटा लैंड कैसे सहन कर पाओगे तुम्हारी चूत फट जाएगी अगर तुम भी हम जैसी लड़कियों की तरह अपनी चूत में उंगली डाली होती है अपने प्रेमी से चुदवाई होती तो तुम्हारा काम आसान हो जाता और वैसे भी चूत में एक बार लंड जाए या 100 बार लैंड जाए कोई फर्क नहीं पड़ता,,, और वह इन्हीं सब बातों को लेकर बहुत परेशान थी,,,,।
Mami bhanja dono ek dusre se maja lete huye

kenneth fearing
और तू उसकी परेशानी दूर कर रहा था,,,।

और कर भी क्या सकता था मौसी जरा तुम ही सोचो उसके मन में इतनी सारे डर भरे हुए थे उन्हें दूर करना भी तो जरूरी था,,,,

लेकिन उसका डर दूर करने के लिए तू ही मिला गांव में और भी तो लड़के थे,,,
Sanju or uski maami

क्या मौसी तुम भी गांव के लड़के के साथ अगर वह इस तरह की हरकत करती तो वह लोग उसे ब्लैकमेल करके बार-बार यह काम करते और उसे बदनाम भी कर देते इसीलिए तो उसने मुझे चुनी,,, क्योंकि वह मुझे बता रही थी की बहुत दिन से वह मुझे यह बात करना चाहती थी लेकिन कहीं मौका ही नहीं मिल रहा था और वह मुझे यह भी बताएं कि अगर गांव के लड़के के साथ इस तरह के संबंध बनाऊंगी तो बदनाम हो जाऊंगी मेरे मम्मी पापा का नाम खराब हो जाएगा और मैं तुम्हें इसलिए पसंद कर रही हूं कि तुम तो शादी के बाद चले जाओगे और तुम यह राज किसी को बताओगे नहीं,,,, और इसीलिए मैंने उसका डर दूर करने के लिए अपने आप को तैयार कर लिया,,,, वैसे तो मौसी खंडहर में रुकने का और वहीं पर लल्ली कर डर दूर करने का प्लेन मेरा ही था लेकिन सही समय पर बारिश अपना काम कर गई और हमें उसे खंडहर में रुकना पड़ा और इतनी नाम से मैंने उसकी जमकर चुदाई किया,,,, और सच कहूं तो मौसी वह ऐसी वैसी लड़की नहीं है,,,।
Sanju apni mami ki chudai karta hua


तुझे कैसे मालूम,,,?(साधना आशचर्य जताते हुए बोली,,,)

क्योंकि मौसी उसकी चूत एकदम कसी हुई थी उसमें एक उंगली भी ठीक से नहीं जा रही थी वह तो कितनी मेहनत करने के बाद उसकी चूत में लंड डाला हुं,,,

हां वह तो दिख ही रहा था तभी लंगड़ा कर चल रही है,,,,

वैसे मौसी इस बारे में मम्मी को मत बताना मैं नहीं चाहता कि उसके बारे में कोई गलत सोचें यह राज तुम्हारे और मेरे बीच में रहेगा,,,,

चल कोई बात नहीं,,,(थोड़ी देर सोचने के बाद) लेकिन इस राज को राज रखने के लिए आज तुझे मेरे ऊपर मेहनत करनी पड़ेगी मेरी चूत चाटनी पड़ेगी,,,,,

क्या बात है तुम्हारी शर्त मुझे मंजूर है कहो तो इसी समय तुम्हारी चूत चटाई कर दुं,,,,


मन तो मेरा यही कह रहा है लेकिन अभी ऐसा मुमकिन नहीं है लेकिन रात को याद रखना गाना बजाने के बाद जब मैं कमरे में आऊंगी तब तू अपनी मां के पास जाने से पहले मेरी प्यास बुझाएगा,,,,

मुझे मंजूर है,,,,
( ईतने में वही आराधना भी आ गई,,, उन दोनों को बात करता हुआ देखकर वह बोली,,)

क्या खुसर फुसर हो रही है,,,,

कुछ नहीं मम्मी मैं लल्ली को लेकर बाजार गया था,,,।

अरे हां मैं तो भूल ही गई तु पायल बदलवाने के लिए गया था ना अच्छे से तो ले आया ना,,,

हां ले आया और बहुत ही सुंदर है,,,,

चलो अच्छा हुआ नहीं तो इतनी तेज बारिश पड रही थी मैं तो घबरा ही गई थी,,,,
(इतना कहने के साथ ही तीनों अपने-अपने काम में लग गए,,,,, दूसरी तरफ लल्ली अपने कमरे में ही बैठी थी और खंडहर में जो कुछ भी हुआ उसके बारे में सोचकर हैरान और उत्तेजित हुई जा रही थी,,, उसे अपने आप पर यकीन नहीं हो रहा था कि उसने इतना बड़ा कदम उठा ली थी आखिरकार वह मन ही कैसे गई संजू की बातों को उसके कहने पर क्यों आ गई,,,, एक तरफ खंडहर वाली बात के बारे में सोचकर उसके मन में थोड़ी सी कलानी हो रही थी वहीं दूसरी तरफ खंडहर वाली बात को लेकर उसके तन बदन में अजीब सी उत्तेजना का संचार हो रहा था यहां तक कि उसे अभी भी अपनी चूत में संजू का मोटा तगड़ा लंड एकदम महसूस हो रहा था एकदम गरमा गरम अंदर बाहर होता हुआ,,, और वह इस बात से भी हैरान थी कि इतना मोटा तगड़ा लंड आखिर चूत में समा कैसे गया,,,,,, दोपहर का समय हो गया था लल्ली अभी तक अपने कमरे में ही बैठी हुई थी,,, उसे अपने कमरे से बाहर निकलने का मन नहीं कर रहा था एक तरह से वह अपनी हरकत पर शर्मिंदा भी थी,,,, इसलिए किसी से भी नजर मिलाने में उसे समय महसूस हो रही थी,,,, तभी उसके कानों में आवाज सुनाई दी जो कि उसकी मां की ही थी,,,‌।

संजू ओ संजू,,,,कहा चला गया ये लडका ,,,, सुबह से अभी कुछ खाया भी नहीं है,,,,,,, इतना कहते हुए वह घर में चारों तरफ घूम-घूम कर संजू को ढूंढ रही थी,,,, लल्ली अपने मन में सोचने लगी कि उसकी मां संजू पर इतनी मेहरबान क्यों है तभी उसे एहसास हुआ कि यह मेहरबानी किस लिए जताई जा रही है उसकी प्यास जो संजू ने बुझाया है,,,, तभी उसके कानों में आवाज आई,,,।

अरे कहां चला गया था तो कब से तुझे खाना खाने के लिए ढूंढ रही हूं,,,,

अरे कुछ नहीं मामी यही खेतों में घूम रहा था,,, लाओ में यही खाना खा लेता हूं,,,,

नहीं यहां नहीं चल मेरे कमरे में खा ले,,,।
(उसका इतना कहना था कि लल्ली अपनी मां के खाने के मतलब को अच्छी तरह से समझ गई और उसका दिल जोरो से धड़कने लगा और उसकी बात को संजू भी अच्छी तरह से समझ गया था इसके लिए उसके चेहरे पर मुस्कुराहट तैरने लगी उसे मुस्कुराता हुआ देखकर उसकी मामी भी मुस्कुरा दी और दोनों बिना कुछ बोले कमरे की तरफ जाने लगे,,, अपने कमरे में से सुन रही लल्ली अपनी मां के खाने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी इसलिए उसकी उत्सुकता बढ़ने लगी वह तुरंत अपने बिस्तर पर से उठकर खड़ी हो गई और धीरे से दरवाजा खोली तो देखी उसकी मां अपने कमरे में संजू को लेकर जा रही थी इसका मतलब एकदम साफ था कि वह संजू से चुदवाने जा रही थी,,,। लल्ली के मन में अजीब सी हलचल हो रही थी वह अपनी मां को साफ तौर पर देख रही थी कि एक जवान लड़की को अपने कमरे में ले जा रही थी और वह भी चुदवाने के लिए अपनी मां की हरकत को देखते हुए उसके मन में एकदम से ख्याल आया कि उसकी मां कितनी छिनार हो गई है,,,, लेकिन वह ऐसे बैठी नहीं रह सकती थी वह देखना चाहती थी कि आखिरकार कमरे में हो क्या रहा है वास्तव में उसकी मां उसे खाना खिला रही है या कुछ और चटवा रही है,,,, इसलिए वह दबे पांव अपनी मां के कमरे की तरफ जाने लगी लेकिन चारों तरफ नजर घुमा करवट देख भी ले रही थी क्योंकि विवाह वाला घर था मेहमान धीरे-धीरे आना शुरू हो गए थे इसीलिए वह नहीं चाहती थी कि किसी की भी नजर उस पर पड़े,,,,।

देखते ही देखते हो अपनी मां के कमरे की बेहद कर पहुंच गई और अंदर देखने का कोई जुगाड़ ढूंढने लगी और तुरंत उसे अपनी मां के कमरे की खिड़की हर किसी खुली हुई मिल गई वह खिड़की से अपनी नजर सटाकर अंदर की तरफ देखने लगी तो कुछ ही पल में अंदर का दृश्य एकदम साफ होता चला गया,,, और अंदर का दृश्य देखते ही उसका दिल जोरो से धड़कने लगा अंदर वही हो रहा था जिसका डर उसके मन में था,,,, उसकी मां संजू की बाहों में थी और संजू उसकी मां के लाल-लाल होठों को चूस रहा था और साथ ही ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबा रहा था,,, लल्ली समझ गई थी कि उसकी मां कौन सा भजन उसे करवा रही है देखते ही-देखते संजू,,, उसकी मां के ब्लाउज का बटन खोलने लगा और पल भर में भी ब्लाउज खोलकर उसकी नंगी चूचियों को बाहर निकाल और उसे पर मुंह लगाकर पीना शुरू कर दिया बाहर से देख रही लल्ली की चूत में आग लगने लगी क्योंकि कुछ घंटे पहले हुआ भी अपने प्यास बुझवा कर रही थी लेकिन अपनी मां के कमरे के अंदर का दृश्य देखकर अपनी मां की हरकत को देखकर एक बार फिर से उसके बदन में सुरसुरी से दौड़ने लगी थी,,,,

लल्ली कि सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी क्योंकि उसकी नजर के सामने ही उसकी मां अपने घुटनों के बाल पेट कर खुद संजोग के पेट का बटन खोलकर उसके लंड को बाहर निकाल कर मुंह में लेकर चूसने लगी थी,,, बाहर खड़ी लल्ली अपनी आंखों से एकदम साफ देख रही थी कि संजू पागलों की तरह अपनी कमर आगे पीछे करके उसकी मां के मुंह को ही चोद रहा था,,, इसी दृश्य को देखकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी वह खंडहर के बारे में सोचने लगी वह भी इसी तरह से संजू के लंड को मुंह में लेकर चूस रही थी और उसे भी अत्यधिक आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,, लल्ली को समझते देर नहीं लगी थी कि इस क्रिया को करने में मर्द औरत दोनों को बराबर का आनंद प्राप्त होता है इसलिए तो उसकी मां भी बिना बोले ही वह क्रिया कर रही थी कुछ देर तक दोनों इसी तरह से आनंद लेते रहे और इसी दृश्य को देखकर लल्ली की चूत पानी छोड़ रही थी,,,,।

थोड़ी देर में संजु उसकी मां को कंधों से पकड़ कर खड़ी किया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया,,, दोनों के पास समय बिल्कुल भी नहीं था लेकिन संजू उसकी मां की चूत चाटने से अपने लालच को रोक नहीं पाया और दोनों टांगें खिलाकर कुछ देर तक उसकी चूत का रस जीभ लगाकर चाटता रहा,,, और फिर अपने मोटे तगड़े लंड को उसकी चूत में डाल कर अपनी कमर हीलाना शुरू कर दिया था उसे चोदना शुरू कर दिया था,,,, लल्ली साफ़-साफ़ देख पा रही थी कि अपनी चूत में लंड लेने के बाद उसे कितना मजा आ रहा था उसका खुद का मन अब संजू के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए करने लगा था,,,,, संजू की कमर बड़ी तेजी से गिर रही थी वह उसकी मां को अपनी बाहों में लेकर जोर-जोर से धक्के लगाने लगा और देखते ही देखते एकदम ढेर हो गया,,, लल्ली समझ गई कि आप उसका वहां रुकना ठीक नहीं है इसलिए वह वहां से वापस अपने कमरे में आ गई,,,,,

वह संजू से मिलना चाहती थी इस बारे में उससे बात करना चाहती थी,,,,, इसलिए शाम को मौका देखकर कर वह संजू से बोली,,,,

मुझे तुमसे कुछ बात करना है,,,

हां कहो क्या बात करना है,,,,

यहा नहीं जब रात को गाना बजाना हो रहा हो तब छत पर मिलना मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी,,,,।

ठीक है,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू वापस काम में व्यस्त हो गया लेकिन उसके इशारे को अच्छी तरह से समझ गया था वह समझ गया था कि आप यह लड़की तड़प रही है उससे चुदवाने के लिए,,,,)
 
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Tiger 786

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संजू अपने मामा की लड़की को लेकर पायल बदलवाने के लिए बाजार की तरफ निकल चुका था,,, लल्ली मोटरसाइकिल पर संजू के पीछे बैठी थी ऐसे तो उसका संजू के साथ जाने का मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा था लेकिन वह इनकार भी नहीं कर सकती थी क्योंकि उसका जाना भी जरूरी था क्योंकि पायल उसके मन का ही और माप का लेना था,,,, संजू अपने सपनों की शहजादी को मोटरसाइकिल पर अपने पीछे बिठाकर बहुत ज्यादा प्रसन्न नजर आ रहा था उसकी आंखों में चमक थी उत्साह था अपने मामा की लड़की को बाजार लेकर जाने की,,,,। लल्ली को तो ऐसा ही लग रहा था कि संजू उसे बाजार पायल बदलवाने के लिए लेकर जा रहा है लेकिन वह यह नहीं जानती थी कि संजू के मन में बहुत कुछ चल रहा था,,,,।
Sanju or uski badi mami

लल्ली कोई इतना तो पता चल ही गया था कि संजू उसकी मां के साथ ही शारीरिक संबंध बना रहा है जो कि वह अपनी आंखों से देखी थी लेकिन इस बात से अनजान थी कि उसके घर की सारी औरतें उसके नीचे आ चुकी थी,, लेकिन ईतना तो समझ ही चुकी थी कि संजू की नजर बहुत गंदी है जो अपनी सगी मामी के साथ शारीरिक संबंध बन सकता है तो वह किसी के साथ भी शारीरिक संबंध रखने में बिल्कुल भी हिचक नहीं रखता होगा उसे तो शक होने लगा था कि बंद कमरे में जो वह आवाज सुनी थी जो कि वह अपनी मां के मुंह से भी उसी तरह की आवाज सुन चुकी थी वह पूरी तरह से यकीन तौर पर तो नहीं कह सकती थी लेकिन अब मुझे शंका होने लगा था कि संजू का संबंध उसकी मौसी और उसकी मां के साथ भी है और इस बारे में सोचकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगती थी और एक तरफ संजू की हरकत से संजू से नफरत भी करने लगी थी,,, लेकिन इस बात से भी वह अनजान नहीं थी कि कुछ अजीब सी बात थी संजू में जो कि ना चाहते हुए भी वह उसकी तरफ आकर्षित हुए जा रही थी,,,,।
Sanju apni badi maami k sath

दोनों का सफर शुरू हो गया था इस सफर का मंजिल दोनों को कहां लेकर जाने वाला था इस बारे में दोनों अनजान थे,,,, कुछ दूरी तक दोनों के बीच खामोशी छाई रही लल्ली अपने मन में यही सोच रही थी कि वह संजू से बिल्कुल भी बात नहीं करेगी आखिरकार उसने उसकी मां के साथ शारीरिक संबंध जो बना लिया था,,, इसी बात को लेकर उसे अपनी मां से भी दिक्कत थी वह अपनी मां पर मन ही मन में गुस्सा कर रही थी कि आखिर कर ऐसी कौन सी जरूरत पड़ गई थी कि इस उम्र में अपने बेटे की उम्र के लड़के के साथ चुदवा रही थी,,,, उसे बिल्कुल भी शर्म नहीं आई ,,, एक तरफ जहां अपनी मां की शर्मनाक हरकत पर उसे शर्म और गुस्सा दोनों महसूस हो रहा था वहीं दूसरी तरफ उसे पाल के बारे में याद करके उसके तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगती थी बार-बार उसकी आंखों के सामने उसकी मां की बड़ी-बड़ी गांड और संजू की हिलती हुई कमर याद आती थी संजू का मोटा तगड़ा लंड उसकी मां की चूत में अंदर बाहर होता हुआ नजर आता था संजू की वह हरकत नजर आती थी जब अपना दोनों हाथ आगे बढ़कर ब्लाउज के ऊपर से उसकी मां की चूचियों को मसल दे रहा था और साथ ही ब्लाउज के सारे बटन खोलकर जल्दबाजी में उसकी नंगी चूचियों को दोनों हथेली में लेकर उससे खेल रहा था,,,, उसे पल को याद करके उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में अजीब सी हरकत होने लगती थी उसके पैरों में कंपन होने लगता था और वह अपने आप पर काबू नहीं रख पाती थी,,,,।
Sanju or uski badi maami

मोटरसाइकिल पर बैठने के बावजूद भी लल्ली संजू से दूरी बनाकर रखी थी वह उसके बदन से सटी हुई नहीं थी जिसका अफसोस संजू को बराबर हो रहा था,,,, और इसीलिए संजू बार-बार अनजाने में ही ब्रेक लगा दे रहा था ताकि उसका बदन उसके बदन से रगड़ खा जाए उसकी मदद कर देने वाली चूचियां उसकी पीठ पर दब जाए जिसका एहसास उसे पूरी तरह से गर्म कर दें,,,, संजू अपनी तरफ से पूरी कोशिश में लगा हुआ था और लल्ली अपने आप को बचाने की पूरी कोशिश में लगी हुई थी,,,,

संजू गांव की टेढ़ी-मेढ़ी सड़कों से होता हुआ आगे की तरफ बढ़ रहा था और बात की शुरुआत करते हुए बोला,,,।

तुम साथ में गई तो थी फिर भी पायल का माप ठीक से नहीं ले पाई,,,,

नही,,,,(संजू के सवाल का छोटा सा जवाब देते हुए वह बोली)

अरे पैरों में डालकर माप तो लेना था,,,,

मुझे लगा कि हो जाएगा मुझे ही क्यों घर के बाकी सदस्य भी तो थे सभी को लगा कि हो जाएगा,,,,
Apni badi mami ki chuchi se khelta hua


और नहीं हुआ,,,,, ठीक ऐसे ही लल्ली शादी के बाद सुहागरात को तुम यही सोचती रह जाओगे कि मैं सब कुछ ठीक से कर लूंगी लेकिन ऐसा हो नहीं पाएगा पता है क्यों,,?
(संजू ने फिर से एक बार पुराना राग अलापना शुरू कर दिया था और इस बात को सुनकर लल्ली का दिल जोरो से धड़कने लगा था,,,, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें एक चचेरा भाई अगर अपनी ही बहन की सुहागरात के बारे में बात करें तो इससे बड़ी शर्मनाक बात और क्या हो सकती है,,,, लल्ली के लिए तो यह बात एकदम शर्मनाक थी जिसे सुनकर वह शर्म से पानी पानी हो जा रही थी लेकिन संजू के लिए यह बिल्कुल भी शर्मनाक बात नहीं थी बल्कि यह तो उत्तेजना से भरी हुई बात थी वह मजा लेना चाहता था संजू अक्सर लड़कियों और औरतों से जिस्मानी ताल्लुकात बनाने से पहले इसी तरह की बात करके उनके मन को बहला देता था उनके बदन में उत्तेजना की लहर जगा देता था ताकि वह उसके साथ संबंध बना सके और यही वह अपने मां की लड़की के साथ भी कर रहा था कुछ देर तक इस सवाल को सुनने के बाद लल्ली ने बिल्कुल भी जवाब नहीं दी तो वह फिर से अपने सवाल को दोहराते हुए बोला,,,)
Sanju ki badi maami

क्या हुआ तुम बोल क्यों नहीं रही हो अरे मैं तुम्हारे सहूलियत के लिए ही बता रहा हूं ताकि शादी की पहली रात में तुम्हें बिल्कुल भी दिक्कत ना हो वरना मैं निश्चित तौर पर कहता हूं कि तुम्हें दवा खाना जाना पड़ जाएगा,,,।
(संजू की इस बात को सुनकर वह थोड़ा सा घबरा गई और फिर बोली)

दवाखाना,,,, लेकिन दवा खाना क्यों,,,?

यही तो बात है कि तुम बिल्कुल भी नहीं समझती तुम्हें समझाने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन तुम समझने को तैयार नहीं हो बस अपनी जीद पर आदि हुई हो वह तो शादी की पहली रात को ही पता चलेगा कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं आखिरकार पूरी तरह से जवान हो गई हो शादी होने वाली है फिर भी तुम इस तरह की बातों को समझने से इंकार करती हो यही तो आश्चर्य का विषय है पढ़ी-लिखी होने के बावजूद भी तुम्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,।
Sanju apni maami ki peticoat utarte huye

देखो संजू में ऐसी वैसी लड़की बिल्कुल भी नहीं हु इसलिए इस तरह की बातें मुझे समझ में नहीं आती,,,।

तुम्हारे कहने से थोड़ी ना चलने वाला है मैं जानता हूं कि तुम सीधी शादी हो लेकिन पहली रात को तुम्हारा पति तो बिल्कुल भी नहीं जानता ना कि तुम सीधी शादी हो तुम्हें कुछ नहीं मालूम तुम्हें कुछ भी ज्ञान नहीं है बिस्तर पर एक औरत अपने पति के साथ कैसा व्यवहार करती है इस बारे में तुम्हें बिल्कुल भी नहीं पता है इस बात से तो तुम्हारा पति अनजान,,,, हैं ना,,,,।
(संजू एकदम खुले शब्दों में बोल रहा था और वह संजू के मुंह से औरत बिस्तर व्यवहार इस तरह की बातें सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी हो जा रही थी और उसके शर्म का पानी उसकी चूत से बह रहा था,,,,)
Sanju apni maami ki chudai karta hua

देखो संजू तुम इस तरह की बातें मुझसे ना करो तो ही अच्छा रहेगा,,,।
(संजू अपनी मां की लड़की के मुंह से निराशाजनक बात सुनकर थोड़ा सा निराश जरूर हुआ था लेकिन उसकी आशा की किरण अभी बरकरार थी वह अपनी कोशिश को बरकरार रखना चाहता था क्योंकि यह सफर थोड़ा लंबा होने वाला था,,, अभी वह दोनों गांव से बाहर निकल नहीं थे लेकिन संजू की मोटरसाइकिल इस खंडहर वाले मकान के पास पहुंच चुकी थी जिसमें संजू अपनी मौसी को विश्वास में लेकर अपनी मां की चुदाई किया था अपनी मौसी की आंखों के सामने और अपनी मां के साथ शारीरिक संबंध को अपनी मौसी की रजामंदी का सिक्का लगा दिया था,,,, खंडहर के पास पहुंचते हैं उसका दिल और दिमाग एकदम से मदहोश होने लगा वह मोटरसाइकिल की गति को एकदम धीमे करते हुए ठीक खंडहर के सामने रोकते हुए बोला,,,)
Sanju ki maami Masti karti huyi

थोड़ा उतरो तो मुझे बड़े जोरों की पैशाब लगी,,,(इतना कहते हुए वह मोटरसाइकिल बंद कर दिया लल्ली संजू के मुंह से पेशाब करने वाली बात सुनकर थोड़ा सा अजीब सा महसूस करने लगी और वह अपने मन में सोचने लगी कि इसे जरा भी शर्म नहीं आती मेरे सामने इस तरह की बात कर रहा है तो उसे रात वाली घटना याद आ गई और फिर अपने मन में सोचने लगी कि जो अपनी मामी की चुदाई कर सकता है तो उसकी लड़की के सामने भला शर्म कैसे कर सकता है,,,, वह मोटरसाइकिल से नीचे उतर गई और संजू भी अपने पैर को पीछे की तरफ ले जाकर के मोटरसाइकिल से नीचे उतर गया और फिर धीरे से खंडहर की तरफ जाने लगा,,,, संजू की हरकत सेवा समझ गई थी कि संजू खंडहर के अंदर ही पेशाब करने वाला है,,,, देखते ही देखते संजू खंडार के अंदर पहुंच गया और सामने की दीवार की ओट में खड़ा हो गया संजू इस तरह से खड़ा था कि उसका आधा शरीर लल्ली को बराबर नजर आ रहा था और ना चाहते हुए भी लल्ली बार-बार उसे तरफ देख ले रही थी,,,, हाथों की हरकत से उसे इतना तो एहसास हो रहा था कि वह अपने पेट की चेन खोल रहा था और देखते ही देखते उसके हाथ की हरकत रुक गई जो की लल्ली तिरछी नजर से देख रही थी,,,, जिसे देखकर वह अपने मन में सोचने लगी कि आप वह अपने लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया होगा और पेशाब कर रहा होगा आदि दीवाल से उसका आधा अंग नजर आ रहा था जो कि संजू जानबूझकर इस तरह से खड़ा था ताकि वह उसे देख सके उसकी नजर उसके अंगों पर पढ़ सके हालांकि वह अभी तक जानबूझकर अपने लंड को दीवार की ओर से छुपा कर पेशाब कर रहा था और एक खूबसूरत लड़की को अपने मोटरसाइकिल पर पीछे बैठने की वजह से वह काफी उत्तेजना का अनुभव कर रहा था और देखते-देखते उसका लंड खड़ा भी हो चुका था और वह जानबूझकर उसे और ज्यादा कड़क करते हुए पेशाब करते हुए भी उसे हाथ में पकड़कर ऊपर नीचे करके हिला रहा था ताकि वह उतेजना से वह एकदम से खड़ा हो जाए,,,,। और ऐसा हो भी गया था उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था,,,, अब वह पेशाब करते हुए मौका ढूंढ रहा था कि वह कब लल्ली को अपने लंड का नजारा दिखाएं,,,, क्योंकि वह औरत के मन को अच्छी तरह से जानता था जिस तरह से एक मर्द औरत की चूत देखकर पूरी तरह से मत हो जाता है इस तरह एक औरत भी मर्द के मोटे तगड़े लंड को देखकर पानी पानी हो जाती है और उसे लेने के लिए ललाईत हो जाती है और यही तुक्का वह इस समय आजमाना चाहता था लल्ली के ऊपर जोकि रह-रहकर तिरछी नजरों से संजू की तरफ देख ले रही थी क्योंकि आखिरकार वह भी एक जवान लड़की थी मर्दों की इस तरह की हरकत पर जवान लड़कियों और औरतों की भी उत्सुकता रहती है और ऐसा पहली बार हो रहा था कि उसकी आंखों के सामने कोई जवान लड़का पेशाब कर रहा था और वह ठीक उसके सामने खड़ी थी हालांकि उसका आधा शरीर दीवार की औट में था,,,,,, फिर भी उसके तन बदन में हलचल सी हो रही थी,,,,।
Sanju apni maami k sath

आसमान में धीरे-धीरे काले बादल को करने लगे थे जिसे देखकर बारिश की आशंका हो रही थी और संजू अपने मन में यही सोच रहा था कि काश तेज बारिश हो जाए और दोनों को सर छुपाने के लिए इसी तरह के खंडहर का सहारा लेना पड़े बाकी सारा काम अपने आप हो जाएगा इतना उसे पूरा विश्वास था,,,, लेकिन इस समय बारिश नहीं पड़ रही थी बस काले बादल उमड़ रहे थे और संजू अपनी मां की लड़की को अपने लंड के दर्शन करना चाहता था ताकि उसे देखकर वह अपने मां की लड़की के चूत का पानी पिघला सके,,,,,

और तभी संजू की आंखों की चमक बड़ी वह इसी तरह भी देख रही थी और वह तुरंत दीवार की ओर में से अपने लंड को बिना पेंट में डाले ही बाहर आ गया और जानबूझकर लल्ली की आंखों के सामने ही अपने खड़े लंड को पकड़कर उसे अपने पेट के अंदर डालने की कोशिश करते हुए और लल्ली की तरफ देखे बिना ही बोला,,,,।

पानी की बोतल लाई हो क्या लल्ली,,,,।
(संजू जानबूझकर लल्ली की तरफ आंख मिलाकर नहीं देख रहा था लेकिन तिरछी नजर से वह लल्ली की हर एक हरकत को देख रहा था तकरीबन 4 5 मीटर की दूरी पर खड़ी लल्ली की नजर संजू के लंड पर पड़ चुकी थी और संजू अपनी तिरछी नजरों से उसकी हर एक हरकत को बराबर देख रहा था और उसके लंड को देखकर जो उसकी आंखों में चमक आई थी और उसके चेहरे का हाव-भाव बदला था वह संजू से छुपा नहीं रह सका था,,, ना चाहते हुए भी उत्तेजना और शर्म से लल्ली का चेहरा एकदम लाल टमाटर की तरह हो गया था उसका मुंह खुला का खुला रह गया था,,,,, उसके हावभाव को देखकर संजू मन ही मन बहुत प्रसन्न हो रहा था क्योंकि उसके चेहरे के अभाव को देखकर संजू को पूरा विश्वास हो गया था कि वह जल्द ही उसके नीचे आने वाली है,,,,,

वह बेशक पिछली रात को अपनी मां को चुदवाते हुए देख चुकी थी लेकिन रात के समय वह संजू के लंड का इतना करीब से निरीक्षण नहीं कर पाई थी जितना कि वह दोपहर के समय अपनी आंखों से देख रही थी,,,, वह कभी सपने में नहीं सोची थी की मर्द की दोनों टांगों के बीच इतना खतरनाक हथियार होता है वह तो देखते ही रह गई थी वह पल भर के लिए पलक झपकाना भूल गई थी,,,,। संजू बहुत खुश था वह जो दिखाना चाहता था वह दिखा चुका था लेकिन उसे इस बात का एहसास दिलाना नहीं चाहता था कि वह जानबूझकर ऐसा कर रहा है वह सहज रूप से इस तरह से अपने लंड को अपने हाथ में लिए हुए अपने पेट के अंदर डालकर उसे अपने अंडरवियर के अंदर ठेल दिया,,, और अपने कपड़ों को व्यवस्थित करते हुए बना मोटरसाइकिल की तरफ आने लगा अब तक वह नजर उठा कर जानबूझकर लल्ली की तरफ देखा नहीं था,,, और लल्ली तुरंत संजू को अपनी तरफ आता हुआ देखकर अपने हवाओं को ठीक करने लगी लेकिन उसका चेहरा सुर्ख लाल हो गया था जिसे वह इतनी जल्दी तब्दील नहीं कर सकती थी और अपनी नजर को दूसरी तरफ घूमाकर सहज होने की कोशिश करने लगी तब तक संजू उसके बेहद करीब आ गया था और एक बार फिर से बोला,,,।)

पानी की बोतल लाई हो क्या,,,,?

यह गांव है शहर नहीं यहां जगह-जगह पर हेंडपंप लगा हुआ रहता है,,,, वो देखो वो रहा,,,(एक पेड़ के नीचे उंगली की सहायता से इशारा करते हुए वह बोली तो संजू उसे हैंड पंप को देखकर खुश होते हुए बोला)

चलो थोड़ा सा चला दो हाथ धो लु,,,
(और इतना कहते हुए संजू हेड पंप की तरफ जल्दी और पीछे-पीछे लल्ली भी,,,,, उसके चेहरे पर नाराजगी साफ नजर आ रही थी पहले ही संजू की हरकत से उसके दिल की धड़कन बढ़ गई थी उसके चेहरे का हवा बदल गया था लेकिन फिर भी रात वाली घटना को लेकर उसके मन में मलाल था जो उसके चेहरे के हाव-भाव से साफ नजर आया था हालांकि अब तक संजू को इस बात का आभास तक नहीं था कि रात को उसकी मामी की चुदाई करते हुए खुद उसकी लड़की ने अपनी आंखों से देख ली है इसलिए वह उसके सामने एकदम सहज बना हुआ था,,,, लल्ली नल चलाने लगी और संजू अपना हाथ मुंह धोकर अपने को एक बार फिर से करो ताजा कर लिया हालांकि इस समय भी उसके पेट में तंबू बना हुआ था जिस पर लल्ली की नजर बराबर जा रही थी और उसे तंबू को देखकर उसकी सलवार ढीली होती हुई महसूस हो रही थी,,,,।

संजू एक बार फिर से मोटरसाइकिल पर सवार हो चुका था और लल्ली उसके पीछे बैठकर बाजार की तरफ निकल गए थे,,,।
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