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Incest मजबूरी या जरूरत

sunoanuj

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Bahut hi behtarin likh rahe ho mitr… jabardast updates…👏🏻👏🏻😂
 

Herry

Prince_Darkness
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संजू को रात के वक्त छत पर मिलने का न्योता लल्ली ने दे दी थी,,, संजू को ऐसा ही लग रहा था कि वहां छत पर चुदवाने के लिए उसे बुला रही है,, क्योंकि संजू इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि एक बार अगर जवान लड़की या औरत एक मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत में ले ले तो फिर उसकी हालत खराब हो जाती है उसकी चूत तड़पना लगती है दोबारा लंड को अपने अंदर लेने के लिए,,, और संजू को ऐसा ही लग रहा था की लल्ली को भी ऐसा ही महसूस हो रहा है ,,,इसलिए वह रात होने का इंतजार बड़ी बेसब्री से कर रहा था,,,, वैसे भी विवाह को एक दिन रह गए थे इसलिए घर में मेहमानों का जमावड़ा सा लगा हुआ था पैसे में लगने से मिलकर बात कर पाना या उसके साथ कुछ कर पाना मुमकिन सा लग नहीं रहा था इसलिए छत हीं बेहतर थी,,,,।
Sanju apni maami k sath

धीरे-धीरे शाम ढलने लगी वैसे-वैसे संजू का दिल बड़े जोरों से धड़कने लगा वैसे भी अब उसे चूत की कमी बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन फिर भी एक जवान लड़की जिसकी कल शादी होने वाली है ऐसे हालात में इसकी सुहागरात से पहले उस लड़की को चोदने का अवसर मिल जाए तो कोई भी जवान लड़का फुले नहीं समाएगा और अपने आप को दुनिया का सबसे किस्मत वाला लड़का समझेगा और ऐसा ही संजू भी अपने आप को किस्मत वाला समझ रहा था दूसरी तरफ,, लल्ली भी संजू से मिलने के लिए उत्सुक थी उसके मन में ढेर सारे सवाल थे अपनी मां को लेकर संजू की मां और उसकी मौसी को लेकर क्योंकि उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि संजू का संबंध उसकी खुद की सगी मां से भी था और उसकी मौसी से इसीलिए वह इस बात का खुलासा करना चाहती थी और अपनी मां की हरकत को देखते हुए जिस तरह से दोपहर में वह संजू का हाथ पकड़ कर उसे खाना खिलाने के बहाने अपने कमरे में ले गई और खाना खिलाने से पहले अपनी जवानी का रस उसे पिलाने में छूट गई या देखकर वह अपनी मां को छिनार समझने लगी थी,,,, क्योंकि संजू से संबंध बनाने के लिए उसे अब किसी न किसी बहाने की जरूरत पड़ती थी और वह बहाना बनाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर अपनी प्यास बुझाने में लगी हुई थी और इस बात का एहसास उसे जरा भी नहीं था कि एक दिन बाद उसकी बेटी का विवाह है और उसकी बेटी बहू बनकर इस घर से चली जाएगी वह तो अपनी ही दुनिया में मस्त हो चुकी थी,,,।
Sanju or uski maami

देखते ही देखते घर के सभी लोग खाना खा चुके थे गाना बजाना की तैयारी हो चुकी थी,, जिस तरह की उत्सुकता संजू और लल्ली के अंदर थी,, इस तरह की तड़प इस समय साधना के मन में भी थी वह भी जल्द से जल्द गाना बजाना खत्म करके अपने कमरे में जाना चाहती थी अपनी चूत पर संजू के मुंह को जोर-जोर से रगड़ना चाहती थी,,,, क्योंकि जब से उसने इस बात को जान गई थी कि संजू इस खंडहर में अपने ही मामा की लड़की की जी भर की चुदाई करके आया है तब से उसकी चूत में चीटियां रेंग रही थी,,,, आखिरकार ढोलक की थाप शुरू हो गई और एक-एक करके सभी औरतें नाचने लगी कुछ औरतें गाना गा रही थी संजू उन लोगों से दूर बैठा छत की तरह देख रहा था लल्ली अभी भी नीचे कुर्सी पर बैठी हुई थी और मौका देख कर छत पर जाना चाहती थी,,, वह जानती थी की रात के समय छत पर कोई नहीं जाता,,, इसलिए संजू से मुलाकात के लिए छत से बेहतर जगह और कोई नहीं थी और वैसे भी कल उसकी शादी थी और कल के बाद में संजू से कभी नहीं मिल पाएगी इस बात को जानते हुए वह उससे मिलने के लिए तड़प रही थी,,,।
Sanju apni maami ki chaddhi utarta hua

pictures of a safe
संजू दूर कुर्सी पर बैठा उसकी तरफ ही देख रहा था और वह भी बार-बार उसकी तरफ ही देख ले रही थी संजू बार-बार इशारे से उसे छत पर जाने के लिए कह रहा था लेकिन सीढीओ के पास ही विवाह में आई हुई एक महिला बैठी हुई थी इसलिए लल्ली छत पर जाने से कतरा रही थी और उस महिला पर उसे बहुत गुस्सा भी आ रहा था,,,
एक-एक करके सभी महिलाएं डांस कर रही थी नाच रही थी गा रही थी खुद संजू की मां भी गांड मटका मटका कर नाच रही संजू गांव में पहली बार अपनी मां को नाचते हुए देख रहा था और नाचते हुए उसकी मां इतनी गजब की स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा दिखती थी कि कोई भी उसे समय उसकी मां को देख ले उसकी बड़ी-बड़ी गांड को मटकते हुए देख ले तो उसका लंड पानी फेंक दें,,, और यही दृश्य को देखकर खुद संजू का लंड खड़ा हो चुका था जबकि वह रोज अपनी मां की चुदाई करता था उसकी चूत पर संजू का ही नाम लिखा हुआ था उसके तन बदन पर संजू का ही ठप्पा लगा हुआ था फिर भी संजू का यह हाल था,,, अपने लंड की स्थिति को देखकर संजू अपने मन में सोच रहा था कि चलो अच्छा हुआ की पूरी तैयारी नहीं छत पर जाते ही लंड की सलवार खोलकर पीछे से चोदना शुरू कर देगा,,,।
Lalli ki ma Sanju se maja leti huyi

आखिरकार सीढी के पास बैठी महिला धीरे से खड़ी हुई और इधर-उधर देखते हुए लल्ली के पास गई,, और उससे बोली,,,।

अरे बेटी जब पड़े जोरों की पेशाब लगी है जाना कहां है,,,

अरे चाचा यह भी कोई पूछने की बात है घर के पीछे चली जाओ वहीं पर सब लोग जाते हैं,,,

ठीक है बेटी अच्छा हुआ कि तूने बता दी,,,(और इतना कहते हुए वह महिला घर के पीछे की तरफ जाने लगी और लल्ली संजू को इशारा करके सीढ़ी चढ़ने लगी,,,, यह देख कर संजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे वह खुश होने लगा और लल्ली की तरफ देखने लगा कि यह लड़की कितनी चुदवासी हो गई है,,, देखते ही देखते लल्ली छत पर पहुंच चुकी थी और संजू उसे छत पर देख कर तुरंत अपनी जगह से खड़ा हुआ और इधर-उधर नजर घूमाकर सबसे नजर बचता हुआ सीढ़ी चढ़ना शुरू कर दिया,,,, देखते ही देखते वह भी छत पर पहुंच गया,,, लल्ली बड़ी बेसब्री से उसका इंतजार कर रही थी,,, संजू को देखते ही उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे,,,। लेकिन तभी अपनी मां का ख्याल आते ही उसके चेहरे पर उदासी छा गई संजू को नहीं मालूम था कि वह छत पर उसे किस तरह की बात और किसके बारे में बात करने के लिए बुलाई है वह तो उतावला था एक बार फिर से एकाकार होने के लिए,,,, इसलिए वह तुरंत आगे बढ़ा और,, लल्ली को अपनी बाहों में भर लिया,,,,, और जैसे ही उसके होठों पर चुंबन करने के लिए वह अपनी होठ को आगे बढ़ाया वह तुरंत उसकी कैद से दूर होते हुए बोली,,,।

तुम्हें हर वक्त यही सुझता रहता है ना,,,,

लेकिन तुम्हीं ने तो मुझे छत पर बुलाई हो,,,

लेकिन किस लिए बुलाई हूं बीना जाने बस शुरू हो गए,,,
Sanju or lalli ki ma

तो किस लिए बुलाई हो,,,(हैरान होते हुए) अगर बात करने के लिए बुलाई हो तो वह तो नीचे भी हो सकती थी,,,

नहीं बिल्कुल भी नहीं हो सकती थी जिस तरह की बात में तुमसे करना चाहती हूं वह इस तरह से अकेले में ही हो सकता है,,,,


किस तरह की बात,,,,( संजू फिर से हैरान होता हुआ बोला)

मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि मैं तुमसे कैसे कहूं मुझे उसे बारे में बात करने में भी शर्म महसूस हो रही है,,,

(संजू को ऐसा लग रहा था कि उसने जो कुछ भी खंडहर के अंदर की है शायद उसके चलते उसके मन में अपराध भाव पैदा हो रहा है इसलिए वह उसकी तरफ ध्यान से देखने लगा और वह संजू से नजर नहीं मिल पा रही थी अपनी नजर को इधर-उधर घूम कर उससे बात कर रही थी,,,)

आखिर हुआ क्या बताओगी,,,,

हुआ क्या जैसे कि तुम नहीं जानते,,,(थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए) तुम्हें सब कुछ मालूम है,,,

अरे पगली हो तो तुम्हारा डर और दर्द दोनों दूर करने के लिए था,,,,

मैं उस बारे में बात नहीं कर रही हूं,,,(फिर से गुस्से में तेज बोलते हुए)
Sanju ki maami

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तो किस बारे में बात कर रही हो कुछ कहोगी तब ना पता चलेगा,,,, ऐसा तो नहीं हम दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ उसको लेकर तुम्हारे मन में कुछ गलत होने की भावना हो रही हो या ऐसा लग रहा हो कि ऐसा नहीं होना चाहिए था तो मैं तुम्हें सब बता दूं आज नहीं तो कल यह होना ही था मेरे से नहीं तो किसी और से अपने पति से ही लेकिन मैं पहले ही बता चुका हूं की सुहागरात की पहली रात को तुम्हें किस तरह के दर्द से गुजरना पड़ता तुम तड़पती चिल्लाती लेकिन कुछ कर नहीं पाती इसीलिए मैं तुम्हारा डर दूर करने के लिए यह सब किया हूं,,,


मेरी मां का भी डर दूर कर रहे थे,,,।

(उसकी यह बात सुनते ही संजु एकदम से चौंक गया और हैरानी से लल्ली की तरफ देखने लगा,,,, और थोड़ा रुक कर बोला,,,)

यह तुम क्या कह रही हो मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है तुम्हारी मां का डर मेरा मतलब है कि मामी का डर किस बात का डर,,,


वही तो मैं तुमसे पूछना चाहती हूं मेरी तो सुहागरात होने वाली है इसलिए मेरा डर दूर कर रहे थे लेकिन मेरी मां का कौन सा डर दुर कर रहे थे,,,,


देखो लल्ली मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि तुम क्या कह रही हो,,,।
Sanju or lalli dono chat pe


तुम्हें सब समझ में आ रहा है तुम सब जानते हो बनो मत मैं सब अपनी आंखों से देख चुकी हूं,,,, खाना खिलाने के बहाने तुम्हें अपने कमरे में मेरी मां ले गई थी और वहां जो कुछ भी हुआ वह सब में अपनी आंखों से देख ली,,,।
(इतना सुनते ही संजू के चेहरे पर हवाईया उड़ने लगी वह समझ गया की लल्ली सब कुछ जानती है,,, वह हैरानी से उसके चेहरे की तरफ देख रहा था,,, जब उसे इस बात का एहसास हो गया कि उसके और उसकी बड़ी मामी के बीच जो कुछ भी चल रहा है इस बारे में लल्ली सब कुछ जान गई है तो फिर वह अपने आप को सहज करते हुए बोला,,,,,,)



देखो अब मैं तुम्हें कैसे समझाऊं,,, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि तुम समझ जाओगी,,,, मैं बात को ज्यादा घुमा फिरा कर नहीं सीधे बात करता हूं,,, लल्ली कल तुम्हारी शादी होने वाली है फिर तुम्हारी सुहागरात होगी अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बना कर अपनी जिस्म की जरूरत को पूरी करती रहोगी,,,,
Sanju chat par lalli ki chudai karta hua

तो इन सब से मेरी मां का क्या लेना देना है,,,

इन सब बातों से तुम्हारी मां का कुछ भी देना देना नहीं है लेकिन जरूर तुम दोनों की एक ही है तुम्हारी शुरुआत हो रही है और वह यह सब शुरू करके खत्म कर दी है लेकिन उनकी उम्र अपने शरीर की जरूरत को पूरी करने के लिए पूरी नहीं हुई है अभी वह पूरी तरह से जवान है यह बात तुम्हें तब पता चलेगी जब तुम खुद अपनी मां की उम्र की हो जाओगी और तुम्हारा पति जो मर्दाना ताकत को देगा तुम्हें खुश नहीं कर पाएगा बड़ी से तोंद निकली होगी और तुम्हारी जरूरत को समझ नहीं पाएगा तब तुम्हें इस बात का एहसास होगा कि तुम्हारी मां ने सही किया था या गलत,,,

(संजू की बात को सुनकर वह संजू की तरफ हैरानी से देखने लगी और संजू अपनी बात को आगे बढ़ाती हुए बोला,,,)

जिस तरह से हर इंसान को भूख लगती है और खाना खाने के बाद अपनी भूख को शांत कर लेता है इस तरह से मर्द की तरह औरतों के बदन में भी जिसम की भूख लगती है मर्द के साथ की जरूरत पड़ती है उसे भी संभोग करने की इच्छा होती है,,, अगर पति उसे लायक हो तो अपनी जरूरत पूरी कर लेती है लेकिन अगर पति उसे लायक ना हो तो ऐसे हालात में औरत या तो अपनी भावनाओं को मार कर घुटन भरी जिंदगी जीती है या फिर घर के बाहर कदम निकाल कर वह अपनी जरूरत को पूरी करना शुरू कर देती है लेकिन यह हकीकत है की औरतों की अपनी एक जरूरत होती है उनकी भी इच्छाएं होती है जो कि अपने परिवार के चलते उनकी जरूरत को मद्दे नजर रखते हुए अपनी जरूरत का गला घोट देती है,,, जिस तरह से मामी अपना जीवन जी रही थी,,,।
Sanju or lalli

नहीं ऐसा कुछ भी नहीं था मम्मी तो बड़े आराम से जीवन की रही थी बहुत खुश थी अपने जिंदगी में अपने परिवार से,,,,


लल्ली तुम बहुत होती हो तुम एक औरत के नजरिए से नहीं बल्कि एक बेटी के नजरिए से अपनी मां को देख रही हो लेकिन जब एक औरत के नजरिए से देखोगी तो तुम्हें उनका दुख नजर आएगा जो आईने में एकदम स्पष्ट हो जाएगा लेकिन एक औरत की तरह सोचने के लिए तुम्हें भी पूरी तरह से औरत बनना पड़ेगा तब जाकर तुम्हें अपनी मां का दर्द दिखाई देगा तुमने कभी अपनी मां को गौर से अच्छी होती ने रात सब की जरूरत को पूरी करने में लगा देती है किसी को पानी चाहिए किसी को खाना चाहिए किसी को क्या चाहिए नहाना है तो टावल लाओ साबुन लाओ पानी लाओ,,,, कोई घर में मेहमान आ गया तो उसकी जरूरत पूरी करो दिन-रात एक पैर पर खड़ी रहकर तुम्हारी मां काम करती थी सब की सेवा करती थी बदले में उसे कुछ नहीं चाहिए था बस थोड़ा सा अपने पति का प्यार चाहिए था जो कि वह भी तुम्हारे पापा नहीं दे सके तुमने कभी अपने पापा की तरफ अच्छी हो और अपनी मां को गौर से अच्छी हो तुम्हारी मां अभी भी पूरी तरह से जवानी से भरी हुई है लेकिन तुम्हारे पापा बूढ़े हो चुके हैं उन्हें मर्दाना ताकत मर्दाना जोश बिल्कुल भी नहीं है कि वह तुम्हारी मां को खुशी दे सके खुश कर सके बिस्तर पर संतुष्ट कर सके और यह बात तुम्हारी मन नहीं मुझसे बताई कि बरसों गुजर गए तुम्हारे पापा ने उनके बदन को हाथ तक नहीं लगाया है,,,,

Sanju or lalli

नहीं तुम झूठ कह रहे हो,,,,


मैं बिल्कुल सच कह रहा हूं क्या तुम्हें मेरे आने से पहले और मेरे आने के बाद का फर्क नहीं दिखाई दे रहा है अपनी मां में,,,, पहले तुम्हारी मां किस तरह से रहती थी और अब किस तरह से रह रही है कितना खुश है यह सब दिखाई नहीं दे रहा है,,,,, मैं तुम्हारी मां के अंदर की दबी हुई भावनाओं को बाहर निकाला हूं उन्हें जीना सिखाया हूं अपने लिए जीना सिखाया हूं,,,, वरना तुम्हारी मां तुम्हारी परिवार की जरूरत को पूरी करते-करते अपनी आशाओं को अपने अंदर सिमट के अपना जीवन गुजार देती क्या तुम्हें अपनी मां का यह रूप खिलखिलाता हुआ चेहरा अच्छा नहीं लग रहा है,,,।
(लल्ली संजू की बातों को बड़े गौर से सुन रही थी और उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि वाकई में उसकी मां बहुत खुश रहती है सबसे हंसती है बोलती है सबसे अच्छी तरह से बात करती है और यह सब बदलाव आया हैं संजू से मिलने के बाद,,,, उसे भी इस बात का एहसास होने लगा था कि अगर वह संजू के कहे अनुसार एक औरत के नजरिए से अपनी मां को देखेगी तो शायद वह अपनी मां को गलत कभी नहीं ठहराएगी वाकई में उसके पापा उसकी प्यास बुझाने उसकी जरूरत को पूरी करने के काबिल बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि दिन भर कुर्सी पर सिर्फ बैठे रहते हैं और रात को धीरे-धीरे जाकर बिस्तर पर लेट जाते हैं ऐसे में वह एक औरत की जरूरत को कैसे पूरा कर सकते हैं,,,, लेकिन तभी उसे कुछ याद आया और वह संजू की तरफ देखकर बोली,,,)
Lalli

चलो यह सब तो ठीक है लेकिन तुम बहुत गंदे हो,,,

मतलब,,,(संजू मुस्कुराते हुए बोला क्योंकि उसकी बात सुनकर उसे समझ में आ गया था कि सब कुछ सहज हो गया है,,,)

मतलब यही कि तुम जो बंदा कम मेरी मां के साथ करते हो वही काम तुम खुद की अपनी सगी मां के साथ करते हो और अपनी मौसी के साथ भी,,,।

(इस बार संजू एकदम से चौंक गया पल भर में उसके माथे से पसीना टपकने लगा आज तक जो राज राज था वह खुल चुका था लेकिन फिर भी उसे राज को राज रखने के लिए संजू तिकडम लगाते हुए बोला,,,)

यह तुमसे किसने कह दिया पागल हो गई हो क्या,,,?
Lalli sanju ko mast karti huyi

देखो अब मुझसे झूठ बोलने की कोशिश बिल्कुल भी मत करो जो कुछ भी है सच-सच बता दो मैं सब कुछ समझ गई हूं पहले तो मुझे समझ में नहीं आया था कि तुम्हारे कमरे से जिस तरह की आवाज आ रही थी उसे आवाज को मैं पहचानती नहीं थी लेकिन इस तरह की आवाज मैंने अपनी मां के मुंह से निकलते हुए सुनी थी और वह तुम्हारे साथ चुदवा रही थी,,,( लल्ली भी थोड़ा-थोड़ा खुल चुकी थी इसके लिए उसके मुंह से इस तरह के अश्लील शब्द निकल गए थे) याद है तुम्हें जब मैं दोपहर में चाय लेकर तुम्हारे कमरे के पास आई थी तो कुछ देर दरवाजे के पास ही खड़ी थी दरवाजा बंद था और अंदर से इसी तरह की आवाज आ रही थी जिस तरह से मेरी मां आवाज निकल रही थी और उसे आवाज को सुनकर तो उसे समय मुझे इस बात का एहसास ही नहीं हुआ कि अंदर कुछ गलत हो रहा है मुझे लगा कि शायद दर्द की वजह से इस तरह की आवाज आ रही है लेकिन,,,, अपनी मां के मुंह से इस तरह की आवाज सुनते ही मैं एकदम से चौंक गई मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि एक बेटा खुद अपनी मां की चुदाई कैसे कर सकता है और अपनी मौसी की भी और वह भी एक ही कमरे के अंदर क्या समझे तुम एक साथ अपनी मां और अपनी मौसी दोनों को चोदते हो,,,,,
(लल्ली की बातों को सुनकर संजू पूरी तरह से हैरान हो गया था,,, वह उसकी बात को झूठा साबित करने के लिए कुछ भी बहाना बना देता लेकिन जिस तरह से उसने अंतिम शब्द चोदते हो बोली,,, उसे शब्द को सुनकर संजू का दिल आप आप हो गया और पूरी तरह से उत्तेजित हो गया और पल भर में ही सारा गणित उसके दिमाग में घूमने लगा वह जानता था कि अगर यह राज वाकई में वह जान भी गई है तो भी उसका कुछ बिगड़ता वाला नहीं था क्योंकि वह खुद उसे और उसकी मां को चोदता है और ऐस६ हालात में लल्ली यह बेवकूफी कभी नहीं करेगी कि वह इस राज को किसी को बता दे क्योंकि उसके खुद का राज फास होने का डर रहेगा,,,, इसलिए कुछ देर शांत रहने के बाद संजू बोला,,,)
Lalli ki chut chat t hua Sanju

तुम्हारा सोचना बिल्कुल सही है मैं उसे दिन कमरे के अंदर अपनी मौसी और अपनी मां दोनों की चुदाई कर रहा था,,,
(संजू के मुंह से इस बात को सुनकर वह एकदम से चौंक गई और बोली)

संजू तुम्हें अपनी प्यास बुझाने था तो बाहर किसी का सहारा ले सकते थे लेकिन खुद की मां और खुद की मौसी,,,

क्यों अपनी मामी के साथ भी तो कर चुका हूं,,,, तुम अभी भी नहीं समझ रही हो जिस तरह से तुम्हारी मां को मेरी जरूरत है इस तरह से मेरी मां और मौसी को भी मेरी जरूरत का एहसास हो रहा था तुम जानती हो जिस तरह के हालात से तुम्हारी मां गुजर रही है इस तरह की हालत से मेरी मौसी और मेरी मां दोनों गुजर रहे हैं मेरे पापा लगभग 1 साल हो गए हैं वह घर पर नहीं आते और तो और घर पर रहने के बावजूद भी वह मां के साथ संबंध नहीं बनाते ऐसी हालत में मम्मी अपनी जरूरत पूरी करने के लिए मेरी तरफ झुक गई और यही हालत मौसी की भी थी मौसा जी तुम्हारे पापा की तरह ही दिन भर कुर्सी पर बैठे रहते हैं उनकी बड़ी सी तोंद निकली हुई है,,, और मौसी को तो तुम देख ही रही हो जवानी से भरी हुई है ऐसे में मौसा जी से कुछ नहीं होता और मौसी भी अपनी जरूरत पूरी करने के लिए मेरा सहारा लेने लगी और इसमें कोई हाई भी नहीं है अपने घर की बात नहीं बल्कि औरों के घर में भी यही सब चलता है बस बात बाहर नहीं आती,,,,।
(इस तरह की बातों का खुलासा सुनकर और इस तरह की बातों का असर लल्ली पर पूरी तरह से छाने लगा था ,,, नीचे अभी भी गाना बजाना हो रहा था और ऐसे माहौल में छत के ऊपर गहरे अंधेरे में एक जवान लड़का और एक जवान लड़की एक दूसरे से गंदी बातें कर रहे थे तो जाहिर सी बात थी कि ऐसे मौके पर दोनों का उत्तेजित होना निश्चित था संजू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था,,,और लल्ली को खामोश देखकर वह समझ गया था कि पूरा मामला सिमट चुका है और हालात बिल्कुल काबू में है,,, इसलिए वह धीरे से आगे बढ़ा और उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसके लाल लाल होठों पर अपने होठ रख दिया,,,, संजू की तरफ से एकाएक हुई इस तरह के हरकत से लल्ली उत्तेजना से तिल मिला उठी,,, और उसकी सांसे गहरी चलने लगी संजू पागलों की तरह उसके लाल-लाल होठों का रसपान करने लगा और साथ ही अपने दोनों हाथों को उसके नितंबों पर रखकर दबाना शुरू कर दिया,,,, संजू की बाहों में वह मचलने लगी आनंद की फुहार उसकी चूत से टपकने लगी,,, संजू इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि काफी देर से दोनों छठ के ऊपर बात कर रहे थे और नीचे गाना बजाना कभी भी खत्म हो सकता था इसलिए वह जल्दी बाजी दिखाना ही उचित समझा रहा था लेकिन इससे पहले वह लल्ली को पूरी तरह से गर्म कर देना चाहता था,,,।
Lalli ki madmast gand or sanju

इसलिए वह तुरंत एक हाथ से अपने पेट का बटन खोलकर अपने पेट को घुटने पर सरकार दिया और अपने लंड को बाहर निकाल कर उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड पर रख दिया वह जानता था कि लल्ली का हाथ उसके नंगे लंड पर पढ़ते ही उसकी चुत पानी छोड़ने लगेगी,,, और ऐसा ही हुआ वह पूरी तरह से उत्तेजित अवस्था में अपनी मुट्ठी में कस के संजू के लंड को दबा दी,,,, दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे जितना उतावला संजू था उतनी ही उत्सुक लल्ली थी लंड को अपनी चूत में लेने के लिए,,,,,, हालात पूरी तरह से बेकाबू हुए जा रहे थे और माहौल पूरी तरह से गर्म चुका था संजू अपने दोनों हाथों को हरकत देता हुआ,,, लल्ली की सलवार की डोरी खोलने लगा जिसका विरोध वह बिल्कुल भी नहीं कर रही थी,,, उसके हाथ में अभी भी संजू का खड़ा लंड था जिसकी गर्माहट से उसकी चूत पिघल रही थी,,,, और उसके मुख से लगातार शिसकारी की आवाज फूट रही थी,,,,।
Lalli ki lete huye

देखते ही देखते संजू जल्दबाजी दिखाता होगा लाल की सलवार को उसकी डोरी खोल कर दिल्ली कर दिया और फिर उसे नीचे करते हुए उसे घुटनों तक ले आया और फिर उसी तरह से चुंबन करते हुए ही वह धीरे-धीरे सामने की दीवार पर उसे सटा दिया और फिर पागलों की तरह उसके पूरे बदन पर चुंबनों की झड़ी बरसा दिया,,, संजू के इस तरह के प्यार पर वह पूरी तरह से पानी पानी हो गई,,,, संजू उसकी चड्डी के ऊपर से ही उसकी चूत को अपनी हथेली में दबोच ले रहा था,,,,, और उसकी चूत उत्तेजना के मारे कचोरी की तरह फुल चुकी थी संजू का बहुत मन कर रहा था कि कुछ देर तक वह उसकी चूत को चाटे लेकिन उसके पास समय नहीं था,,,, इसलिए वह तुरंत लल्ली के दोनों कंधों को पड़कर उसे दूसरी तरफ घुमा दिया और उसका मुंह दीवार की तरफ कर दिया,,, लल्ली दोनों हाथों से दीवार का सहारा लेकर खड़ी हो चुकी थी और संजू उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींचकर उसकी गांड को ऊपर की तरफ उठा रहा था,,,, देखते ही देखते संजू उसकी चड्डी को भी खींच कर उसके घुटनों से नीचे तक ले आया उसकी गोल-गोल गोरी गोरी गांड अंधेरे में भी चमक रही थी,,, जिसे देख कर संजू की आंखों में वासना की चमक नजर आ रही थी वह एकदम मदहोश हुआ जा रहा था और अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए वह उसके गांड के दोनों फांकों को दोनों हथेलियां में भरकर उसकी तरफ झुका और सीधा अपने मुंह को उसकी चूत से सटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा,,,,‌
Lalli or sanju

सससहहहहह की आवाज के साथ ही लल्ली नजर घुमा कर संजू की तरह देखने लगी और एक हाथ पीछे की तरफ लाकर उसके सर पर रखकर उसका हौसला बढ़ाने लगी,,, संजू के पास उसकी चूत चाटने का समय बिल्कुल भी नहीं था लेकिन फिर भी कल वह विवाह करके अपने ससुराल चली जाती है इसलिए वह अपने इस लालच को रोक नहीं पाया और पागलों की तरह उसकी रसीली चूत चाटना शुरू कर दिया जिसमें से लगातार मदन रस बह रहा था,,, संजू की हरकत पर वह भी पूरी तरह से मदहोश हो गई और अपनी गांड को गोल-गोल घूमाने लगी,,, कोई और पल होता तो शायद इस बारे में सोच कर अपनी हरकत के बारे में सोचकर लल्ली शर्म से पानी पानी हो जाती लेकिन मजा लेने के लिए उसकी इसी हरकत की जरूरत भी थी इसलिए वह पूरी तरह से मस्त होकर अपनी गांड को गोल-गोल घूम रही थी कुछ देर तक संजू इसी तरह से उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसकी चूत का रसपान करता रहा और फिर धीरे से खड़ा हुआ और अपने लंड को हाथ में लेकर अपने मोटे तगड़े सुपाड़े को उसके गुलाबी छेद से टिकाया और हल्के से अपनी कमर की तरफ चलते हुए अपने लंड को उसकी चूत में प्रवेश करना शुरू कर दिया और देखते ही देखे उसका पूरा लंड लल्ली की चूत में समा गया था,,,,।

ऊममममम आहहहहह लल्ली तुम्हारी चूत बहुत मस्त है,,,,।

सहहहह जल्दी करो संजू चोदो मुझे,,,आहहहहह मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,आहहहहबह मेरी चूत बहुत पानी छोड़ रही है,,,,।

(उसके मुंह से इस तरह की गरमा गरम बातें सुनकर संजू एकदम मस्त हो गया उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था वह भी एकदम मदहोश होता हुआ बोला,)

अभी लो मेरी रानी तुम्हारी इच्छा पूरी कर देता हूं,,,
(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया उसे बहुत मजा आ रहा था उसका मोटा तगड़ा लंड रगड़ रगड़ कर उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था,,, जिससे वह भी काफी उत्तेजित हो चुकी थी और खुद अपनी गांड को पीछे की तरफ ठेल रही थी,,, संजू उसकी चुदाई करते हुए यही सोच रहा था कि हर एक औरत में एक रंडी छिपी होती है बस उसे बाहर लाने की जरूरत होती है और वह लल्ली के अंदर छिपे रंडी पन को बाहर ला चुका था,,,, थोड़ी ही देर में दोनों एकदम मस्त होगी दोनों झड़ चुके थे और धीरे से अपने कपड़ों को दुरुस्त करते हुए छत से नीचे की तरफ देख तो सभी औरतें उठना शुरू कर दी थी और धीरे से यह दोनों भी सीधी से नीचे उतर गए,,, लल्ली तो चुदवाकर मस्त हो चुकी थी और थक भी चुकी थी लेकिन संजू अभी थक नहीं था क्योंकि उसे अपनी मौसी की प्यास बुझाना था,,,।)

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Tiger 786

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संजू अपनी सूझबूझ और चालाकी से अपने मामा की लड़की की मदहोश कर देने वाली जवानी पर उसकी कुंवारी चूत पर फतह पा चुका था,,, अपनी कामयाबी का झंडा उसकी कुंवारी चूत में गाड़ चुका था,,,, ऐसा नहीं था कि कामयाबी से केवल संजू ही खुश था संजू ने जितना मजा खुद प्राप्त किया था उसे कई ज्यादा आनंद अपने मामा की लड़की को दिया था वह पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी,,, और उसे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की थी कि वह अब शादी की पहली रात को संजू के बताए अनुसार दर्द को सहन कर पाएगी बल्कि उसका आनंद उठा पाएगी और वह पहली रात में ही अपने पति पर पूरी तरह से हावी हो जाएगी,,,।
Sanju or uske mama ki ladki lalli

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लल्ली मोटरसाइकिल से उतरते ही सीधे बरामदे में से होते हुए अपने कमरे की तरफ चली गई थी किसी की नजर तो उसे पर नहीं गई थी लेकिन साधना उसे बड़े गौर से देख रही थी उसके बदले मिजाज को देख रही थी और खास करके उसकी चाल को देख रही थी जो कि बिगड़ चुकी थी,,,, पल भर में साधना की आंखों के सामने तेज बारिश वाला वह दृश्य में आने लगा जब वह इसी तरह की तेज बारिश में खंडहर में रुकने का फैसला किए थे और खंडहर में जो कुछ भी हुआ था वह उन तीनों की जिंदगी को बदल कर रख दिया था आज भी उसी तरह की बारिश हुई थी और उसके मन में यही हो रहा था कि आज भी संजू बारिश से बचने के लिए कहीं ना कहीं रुका होगा और यही जानने के लिए वह संजू के पास आई,,,,

बाजार से आते ही संजू शादी के काम में हाथ बटाने लगा था मौका देखकर साधना उसके पास गई,,, और बोली,,,।
Sanju or lalli maje karte huye

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तुम दोनों तो एकदम भीग गए थे,,,,

ओ हा मौसी रास्ते में इतनी तेज बारिश होने लगी की कुछ समझ में ही नहीं आया,,,।

तो कहीं रुक जाना चाहिए था ना,,,

रुके तो थे,,,

कहां,,,,?(साधना संजू के चेहरे की तरफ देखते हुए बोली वह संजू के चेहरे के बदलते भाव को देखना चाहती थी और अनुभव से भरी हुई साधना संजू के चेहरे के बदलते हुए भाव को अच्छी तरह से समझ रही थी)

वही खंडहर में,,,,

ऊसी खंडहर में जहां हम तीनों रुके थे,,,

Sanju or lalli

हां मौसी और कहीं रुकने की जगह ही नहीं थी,,,,।

और उसे खंडहर में एक जवान लड़की के साथ रुकने में तुझे उसे दिन वाला सब कुछ याद आ गया होगा आराधना और मैं और तू और फिर,,,,


क्या मौसी तुम भी ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था तुम्हें क्या लगता है मामा की लड़की ऐसी वैसी लड़की है जो तुरंत तैयार हो जाएगी,,,


तुरंत ना सही लेकिन थोड़ा बहुत मनाने पर तो मन ही गई होगी,,,

Sanju ki mami par jawani chafhte huye

नहीं मौसी तुम गलत समझ रही हो,,,(शादी के काम में अपने आप को उलझाने का नाटक करते हुए बोला) लल्ली ऐसी वैसी लड़की नहीं है।

ऐसी वैसी तो तेरी मां भी नहीं है तो उसे तूफानी रात में क्यों तुझे अपना सब कुछ देने के लिए नंगी हो गई क्यों तेरे सामने अपनी चूत खोल कर रख दी क्यों तेरे सामने अपनी नंगी गांड नचाने लगी ,,,, देख संजू औरत के मन को तू मुझे अच्छा नहीं जानता मैं सब समझ सकती हूं और वैसे भी शहर की लड़कियों से ज्यादा तेज गांव की लड़कियां होती हैं वह कब लड़कों को बुद्धू बना कर अपना काम निकलवा ले लड़कों को भी पता नहीं चलता,,,, तो भले ही कुछ नहीं बता रहा है लेकिन तेरा चेहरा सब कुछ बता रहा है और लाली की बदली हुई और बिगड़ी हुई चाल सब कुछ समझती हूं मैं,,,,,
Sanju ki mami apni peticoat utarti huyi

बिगड़ी हुई चाल मतलब,,,(संजू आश्चर्य जताते हुए बोला)

देख मैं और तेरी मां हम दोनों तो औरत है और तेरे मोटे तगड़े लंड को तो किसी तरह से हम दोनों झेल गई थी लेकिन,,,,लल्ली तेरे मोटे तगड़े लंड। को ज्यादा झेल नहीं पाई है इसीलिए लंगड़ा कर चल रही है,,,,।
(इस बार वह एकदम से चौंक गया क्योंकि उसने भी उसकी बदली हुई चाल पर गौर नहीं किया था और उसकी मौसी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)
Lalli ki ma apne hath se khelti huyi

मुझसे छुपाने की कोशिश मत कर मैं सब कुछ समझ गई हूं,,, और वैसे भी तेरे मेरे बीच में और तेरी मां के बीच में जिस तरह का हम लोगों का रिश्ता है इस हिसाब से तुझे कुछ भी छुपाना नहीं चाहिए और मैं किसी भी चीज के लिए बुरा नहीं मानूंगी,,,,।
(इतना कुछ सुनाने के बाद संजू के पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं था इसलिए वह इधर-उधर नजर दौड़ा कर धीरे से बोला,,)

तुम सही सोच रही हो खंडहर में हम दोनों के बीच वही हुआ जो हम तीनों के बीच हुआ था,,,,
( संजू के मुंह से इतना सुनते ही साधना एकदम से चौंक गई लेकिन फिर संजू के व्यक्तित्व को देखते हुए वह धीरे-धीरे अपने आप को संभालने लगी और अपने मन में सोचने लगी कि जो अपनी सगी मौसी और अपनी मां को चोद सकता है तो उसके लिए अपने मामा की लड़की कौन सी बड़ी बात है,,, लेकिन वह जानना चाहती थी कि आखिर ऐसा हुआ कैसे वह खुद उसे बहुत सीधी-सादी लड़की समझती थी और इसीलिए वह जानना चाहती थी की शुरुआत कैसे हुई किसने शुरू किया कही संजू ने तो मजबूर नहीं किया,,, इसीलिए वह बोली,,,)
Sanju apni maami ki chut se k-elta hua

लेकिन यह हुआ कैसे मैं तो उसे सीधी-सादी लड़की समझती थी देखने में भी सीधी-साधी ही है तो फिर इतना बड़ा फैसला वह ले कैसे ली तुमने तो नहीं उसे फुसलाया,,,,

नहीं नहीं मौसी मैं भला ऐसे कैसे कर सकता हूं और वैसे भी मुझे किस बात की कमी है तुम दोनों तो हो ना मेरे पास फिर किसी और के पास जाने कि मुझे जरूरत ही क्या है,,,,

तो फिर ऐसा कैसे हो गया,,,

लल्ली के मन में दुविधा थी सुहागरात को लेकर उसकी किसी सहेली ने बता दी थी कि तुमने तो अपनी चूत में अभी तक एक उंगली भी नहीं डाली हो तो इतना मोटा लैंड कैसे सहन कर पाओगे तुम्हारी चूत फट जाएगी अगर तुम भी हम जैसी लड़कियों की तरह अपनी चूत में उंगली डाली होती है अपने प्रेमी से चुदवाई होती तो तुम्हारा काम आसान हो जाता और वैसे भी चूत में एक बार लंड जाए या 100 बार लैंड जाए कोई फर्क नहीं पड़ता,,, और वह इन्हीं सब बातों को लेकर बहुत परेशान थी,,,,।
Mami bhanja dono ek dusre se maja lete huye

kenneth fearing
और तू उसकी परेशानी दूर कर रहा था,,,।

और कर भी क्या सकता था मौसी जरा तुम ही सोचो उसके मन में इतनी सारे डर भरे हुए थे उन्हें दूर करना भी तो जरूरी था,,,,

लेकिन उसका डर दूर करने के लिए तू ही मिला गांव में और भी तो लड़के थे,,,
Sanju or uski maami

क्या मौसी तुम भी गांव के लड़के के साथ अगर वह इस तरह की हरकत करती तो वह लोग उसे ब्लैकमेल करके बार-बार यह काम करते और उसे बदनाम भी कर देते इसीलिए तो उसने मुझे चुनी,,, क्योंकि वह मुझे बता रही थी की बहुत दिन से वह मुझे यह बात करना चाहती थी लेकिन कहीं मौका ही नहीं मिल रहा था और वह मुझे यह भी बताएं कि अगर गांव के लड़के के साथ इस तरह के संबंध बनाऊंगी तो बदनाम हो जाऊंगी मेरे मम्मी पापा का नाम खराब हो जाएगा और मैं तुम्हें इसलिए पसंद कर रही हूं कि तुम तो शादी के बाद चले जाओगे और तुम यह राज किसी को बताओगे नहीं,,,, और इसीलिए मैंने उसका डर दूर करने के लिए अपने आप को तैयार कर लिया,,,, वैसे तो मौसी खंडहर में रुकने का और वहीं पर लल्ली कर डर दूर करने का प्लेन मेरा ही था लेकिन सही समय पर बारिश अपना काम कर गई और हमें उसे खंडहर में रुकना पड़ा और इतनी नाम से मैंने उसकी जमकर चुदाई किया,,,, और सच कहूं तो मौसी वह ऐसी वैसी लड़की नहीं है,,,।
Sanju apni mami ki chudai karta hua


तुझे कैसे मालूम,,,?(साधना आशचर्य जताते हुए बोली,,,)

क्योंकि मौसी उसकी चूत एकदम कसी हुई थी उसमें एक उंगली भी ठीक से नहीं जा रही थी वह तो कितनी मेहनत करने के बाद उसकी चूत में लंड डाला हुं,,,

हां वह तो दिख ही रहा था तभी लंगड़ा कर चल रही है,,,,

वैसे मौसी इस बारे में मम्मी को मत बताना मैं नहीं चाहता कि उसके बारे में कोई गलत सोचें यह राज तुम्हारे और मेरे बीच में रहेगा,,,,

चल कोई बात नहीं,,,(थोड़ी देर सोचने के बाद) लेकिन इस राज को राज रखने के लिए आज तुझे मेरे ऊपर मेहनत करनी पड़ेगी मेरी चूत चाटनी पड़ेगी,,,,,

क्या बात है तुम्हारी शर्त मुझे मंजूर है कहो तो इसी समय तुम्हारी चूत चटाई कर दुं,,,,


मन तो मेरा यही कह रहा है लेकिन अभी ऐसा मुमकिन नहीं है लेकिन रात को याद रखना गाना बजाने के बाद जब मैं कमरे में आऊंगी तब तू अपनी मां के पास जाने से पहले मेरी प्यास बुझाएगा,,,,

मुझे मंजूर है,,,,
( ईतने में वही आराधना भी आ गई,,, उन दोनों को बात करता हुआ देखकर वह बोली,,)

क्या खुसर फुसर हो रही है,,,,

कुछ नहीं मम्मी मैं लल्ली को लेकर बाजार गया था,,,।

अरे हां मैं तो भूल ही गई तु पायल बदलवाने के लिए गया था ना अच्छे से तो ले आया ना,,,

हां ले आया और बहुत ही सुंदर है,,,,

चलो अच्छा हुआ नहीं तो इतनी तेज बारिश पड रही थी मैं तो घबरा ही गई थी,,,,
(इतना कहने के साथ ही तीनों अपने-अपने काम में लग गए,,,,, दूसरी तरफ लल्ली अपने कमरे में ही बैठी थी और खंडहर में जो कुछ भी हुआ उसके बारे में सोचकर हैरान और उत्तेजित हुई जा रही थी,,, उसे अपने आप पर यकीन नहीं हो रहा था कि उसने इतना बड़ा कदम उठा ली थी आखिरकार वह मन ही कैसे गई संजू की बातों को उसके कहने पर क्यों आ गई,,,, एक तरफ खंडहर वाली बात के बारे में सोचकर उसके मन में थोड़ी सी कलानी हो रही थी वहीं दूसरी तरफ खंडहर वाली बात को लेकर उसके तन बदन में अजीब सी उत्तेजना का संचार हो रहा था यहां तक कि उसे अभी भी अपनी चूत में संजू का मोटा तगड़ा लंड एकदम महसूस हो रहा था एकदम गरमा गरम अंदर बाहर होता हुआ,,, और वह इस बात से भी हैरान थी कि इतना मोटा तगड़ा लंड आखिर चूत में समा कैसे गया,,,,,, दोपहर का समय हो गया था लल्ली अभी तक अपने कमरे में ही बैठी हुई थी,,, उसे अपने कमरे से बाहर निकलने का मन नहीं कर रहा था एक तरह से वह अपनी हरकत पर शर्मिंदा भी थी,,,, इसलिए किसी से भी नजर मिलाने में उसे समय महसूस हो रही थी,,,, तभी उसके कानों में आवाज सुनाई दी जो कि उसकी मां की ही थी,,,‌।

संजू ओ संजू,,,,कहा चला गया ये लडका ,,,, सुबह से अभी कुछ खाया भी नहीं है,,,,,,, इतना कहते हुए वह घर में चारों तरफ घूम-घूम कर संजू को ढूंढ रही थी,,,, लल्ली अपने मन में सोचने लगी कि उसकी मां संजू पर इतनी मेहरबान क्यों है तभी उसे एहसास हुआ कि यह मेहरबानी किस लिए जताई जा रही है उसकी प्यास जो संजू ने बुझाया है,,,, तभी उसके कानों में आवाज आई,,,।

अरे कहां चला गया था तो कब से तुझे खाना खाने के लिए ढूंढ रही हूं,,,,

अरे कुछ नहीं मामी यही खेतों में घूम रहा था,,, लाओ में यही खाना खा लेता हूं,,,,

नहीं यहां नहीं चल मेरे कमरे में खा ले,,,।
(उसका इतना कहना था कि लल्ली अपनी मां के खाने के मतलब को अच्छी तरह से समझ गई और उसका दिल जोरो से धड़कने लगा और उसकी बात को संजू भी अच्छी तरह से समझ गया था इसके लिए उसके चेहरे पर मुस्कुराहट तैरने लगी उसे मुस्कुराता हुआ देखकर उसकी मामी भी मुस्कुरा दी और दोनों बिना कुछ बोले कमरे की तरफ जाने लगे,,, अपने कमरे में से सुन रही लल्ली अपनी मां के खाने के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी इसलिए उसकी उत्सुकता बढ़ने लगी वह तुरंत अपने बिस्तर पर से उठकर खड़ी हो गई और धीरे से दरवाजा खोली तो देखी उसकी मां अपने कमरे में संजू को लेकर जा रही थी इसका मतलब एकदम साफ था कि वह संजू से चुदवाने जा रही थी,,,। लल्ली के मन में अजीब सी हलचल हो रही थी वह अपनी मां को साफ तौर पर देख रही थी कि एक जवान लड़की को अपने कमरे में ले जा रही थी और वह भी चुदवाने के लिए अपनी मां की हरकत को देखते हुए उसके मन में एकदम से ख्याल आया कि उसकी मां कितनी छिनार हो गई है,,,, लेकिन वह ऐसे बैठी नहीं रह सकती थी वह देखना चाहती थी कि आखिरकार कमरे में हो क्या रहा है वास्तव में उसकी मां उसे खाना खिला रही है या कुछ और चटवा रही है,,,, इसलिए वह दबे पांव अपनी मां के कमरे की तरफ जाने लगी लेकिन चारों तरफ नजर घुमा करवट देख भी ले रही थी क्योंकि विवाह वाला घर था मेहमान धीरे-धीरे आना शुरू हो गए थे इसीलिए वह नहीं चाहती थी कि किसी की भी नजर उस पर पड़े,,,,।

देखते ही देखते हो अपनी मां के कमरे की बेहद कर पहुंच गई और अंदर देखने का कोई जुगाड़ ढूंढने लगी और तुरंत उसे अपनी मां के कमरे की खिड़की हर किसी खुली हुई मिल गई वह खिड़की से अपनी नजर सटाकर अंदर की तरफ देखने लगी तो कुछ ही पल में अंदर का दृश्य एकदम साफ होता चला गया,,, और अंदर का दृश्य देखते ही उसका दिल जोरो से धड़कने लगा अंदर वही हो रहा था जिसका डर उसके मन में था,,,, उसकी मां संजू की बाहों में थी और संजू उसकी मां के लाल-लाल होठों को चूस रहा था और साथ ही ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबा रहा था,,, लल्ली समझ गई थी कि उसकी मां कौन सा भजन उसे करवा रही है देखते ही-देखते संजू,,, उसकी मां के ब्लाउज का बटन खोलने लगा और पल भर में भी ब्लाउज खोलकर उसकी नंगी चूचियों को बाहर निकाल और उसे पर मुंह लगाकर पीना शुरू कर दिया बाहर से देख रही लल्ली की चूत में आग लगने लगी क्योंकि कुछ घंटे पहले हुआ भी अपने प्यास बुझवा कर रही थी लेकिन अपनी मां के कमरे के अंदर का दृश्य देखकर अपनी मां की हरकत को देखकर एक बार फिर से उसके बदन में सुरसुरी से दौड़ने लगी थी,,,,

लल्ली कि सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी क्योंकि उसकी नजर के सामने ही उसकी मां अपने घुटनों के बाल पेट कर खुद संजोग के पेट का बटन खोलकर उसके लंड को बाहर निकाल कर मुंह में लेकर चूसने लगी थी,,, बाहर खड़ी लल्ली अपनी आंखों से एकदम साफ देख रही थी कि संजू पागलों की तरह अपनी कमर आगे पीछे करके उसकी मां के मुंह को ही चोद रहा था,,, इसी दृश्य को देखकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी वह खंडहर के बारे में सोचने लगी वह भी इसी तरह से संजू के लंड को मुंह में लेकर चूस रही थी और उसे भी अत्यधिक आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,, लल्ली को समझते देर नहीं लगी थी कि इस क्रिया को करने में मर्द औरत दोनों को बराबर का आनंद प्राप्त होता है इसलिए तो उसकी मां भी बिना बोले ही वह क्रिया कर रही थी कुछ देर तक दोनों इसी तरह से आनंद लेते रहे और इसी दृश्य को देखकर लल्ली की चूत पानी छोड़ रही थी,,,,।

थोड़ी देर में संजु उसकी मां को कंधों से पकड़ कर खड़ी किया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया,,, दोनों के पास समय बिल्कुल भी नहीं था लेकिन संजू उसकी मां की चूत चाटने से अपने लालच को रोक नहीं पाया और दोनों टांगें खिलाकर कुछ देर तक उसकी चूत का रस जीभ लगाकर चाटता रहा,,, और फिर अपने मोटे तगड़े लंड को उसकी चूत में डाल कर अपनी कमर हीलाना शुरू कर दिया था उसे चोदना शुरू कर दिया था,,,, लल्ली साफ़-साफ़ देख पा रही थी कि अपनी चूत में लंड लेने के बाद उसे कितना मजा आ रहा था उसका खुद का मन अब संजू के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए करने लगा था,,,,, संजू की कमर बड़ी तेजी से गिर रही थी वह उसकी मां को अपनी बाहों में लेकर जोर-जोर से धक्के लगाने लगा और देखते ही देखते एकदम ढेर हो गया,,, लल्ली समझ गई कि आप उसका वहां रुकना ठीक नहीं है इसलिए वह वहां से वापस अपने कमरे में आ गई,,,,,

वह संजू से मिलना चाहती थी इस बारे में उससे बात करना चाहती थी,,,,, इसलिए शाम को मौका देखकर कर वह संजू से बोली,,,,

मुझे तुमसे कुछ बात करना है,,,

हां कहो क्या बात करना है,,,,

यहा नहीं जब रात को गाना बजाना हो रहा हो तब छत पर मिलना मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी,,,,।

ठीक है,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू वापस काम में व्यस्त हो गया लेकिन उसके इशारे को अच्छी तरह से समझ गया था वह समझ गया था कि आप यह लड़की तड़प रही है उससे चुदवाने के लिए,,,,)
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संजू को रात के वक्त छत पर मिलने का न्योता लल्ली ने दे दी थी,,, संजू को ऐसा ही लग रहा था कि वहां छत पर चुदवाने के लिए उसे बुला रही है,, क्योंकि संजू इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि एक बार अगर जवान लड़की या औरत एक मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत में ले ले तो फिर उसकी हालत खराब हो जाती है उसकी चूत तड़पना लगती है दोबारा लंड को अपने अंदर लेने के लिए,,, और संजू को ऐसा ही लग रहा था की लल्ली को भी ऐसा ही महसूस हो रहा है ,,,इसलिए वह रात होने का इंतजार बड़ी बेसब्री से कर रहा था,,,, वैसे भी विवाह को एक दिन रह गए थे इसलिए घर में मेहमानों का जमावड़ा सा लगा हुआ था पैसे में लगने से मिलकर बात कर पाना या उसके साथ कुछ कर पाना मुमकिन सा लग नहीं रहा था इसलिए छत हीं बेहतर थी,,,,।
Sanju apni maami k sath

धीरे-धीरे शाम ढलने लगी वैसे-वैसे संजू का दिल बड़े जोरों से धड़कने लगा वैसे भी अब उसे चूत की कमी बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन फिर भी एक जवान लड़की जिसकी कल शादी होने वाली है ऐसे हालात में इसकी सुहागरात से पहले उस लड़की को चोदने का अवसर मिल जाए तो कोई भी जवान लड़का फुले नहीं समाएगा और अपने आप को दुनिया का सबसे किस्मत वाला लड़का समझेगा और ऐसा ही संजू भी अपने आप को किस्मत वाला समझ रहा था दूसरी तरफ,, लल्ली भी संजू से मिलने के लिए उत्सुक थी उसके मन में ढेर सारे सवाल थे अपनी मां को लेकर संजू की मां और उसकी मौसी को लेकर क्योंकि उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि संजू का संबंध उसकी खुद की सगी मां से भी था और उसकी मौसी से इसीलिए वह इस बात का खुलासा करना चाहती थी और अपनी मां की हरकत को देखते हुए जिस तरह से दोपहर में वह संजू का हाथ पकड़ कर उसे खाना खिलाने के बहाने अपने कमरे में ले गई और खाना खिलाने से पहले अपनी जवानी का रस उसे पिलाने में छूट गई या देखकर वह अपनी मां को छिनार समझने लगी थी,,,, क्योंकि संजू से संबंध बनाने के लिए उसे अब किसी न किसी बहाने की जरूरत पड़ती थी और वह बहाना बनाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर अपनी प्यास बुझाने में लगी हुई थी और इस बात का एहसास उसे जरा भी नहीं था कि एक दिन बाद उसकी बेटी का विवाह है और उसकी बेटी बहू बनकर इस घर से चली जाएगी वह तो अपनी ही दुनिया में मस्त हो चुकी थी,,,।
Sanju or uski maami

देखते ही देखते घर के सभी लोग खाना खा चुके थे गाना बजाना की तैयारी हो चुकी थी,, जिस तरह की उत्सुकता संजू और लल्ली के अंदर थी,, इस तरह की तड़प इस समय साधना के मन में भी थी वह भी जल्द से जल्द गाना बजाना खत्म करके अपने कमरे में जाना चाहती थी अपनी चूत पर संजू के मुंह को जोर-जोर से रगड़ना चाहती थी,,,, क्योंकि जब से उसने इस बात को जान गई थी कि संजू इस खंडहर में अपने ही मामा की लड़की की जी भर की चुदाई करके आया है तब से उसकी चूत में चीटियां रेंग रही थी,,,, आखिरकार ढोलक की थाप शुरू हो गई और एक-एक करके सभी औरतें नाचने लगी कुछ औरतें गाना गा रही थी संजू उन लोगों से दूर बैठा छत की तरह देख रहा था लल्ली अभी भी नीचे कुर्सी पर बैठी हुई थी और मौका देख कर छत पर जाना चाहती थी,,, वह जानती थी की रात के समय छत पर कोई नहीं जाता,,, इसलिए संजू से मुलाकात के लिए छत से बेहतर जगह और कोई नहीं थी और वैसे भी कल उसकी शादी थी और कल के बाद में संजू से कभी नहीं मिल पाएगी इस बात को जानते हुए वह उससे मिलने के लिए तड़प रही थी,,,।
Sanju apni maami ki chaddhi utarta hua

pictures of a safe
संजू दूर कुर्सी पर बैठा उसकी तरफ ही देख रहा था और वह भी बार-बार उसकी तरफ ही देख ले रही थी संजू बार-बार इशारे से उसे छत पर जाने के लिए कह रहा था लेकिन सीढीओ के पास ही विवाह में आई हुई एक महिला बैठी हुई थी इसलिए लल्ली छत पर जाने से कतरा रही थी और उस महिला पर उसे बहुत गुस्सा भी आ रहा था,,,
एक-एक करके सभी महिलाएं डांस कर रही थी नाच रही थी गा रही थी खुद संजू की मां भी गांड मटका मटका कर नाच रही संजू गांव में पहली बार अपनी मां को नाचते हुए देख रहा था और नाचते हुए उसकी मां इतनी गजब की स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा दिखती थी कि कोई भी उसे समय उसकी मां को देख ले उसकी बड़ी-बड़ी गांड को मटकते हुए देख ले तो उसका लंड पानी फेंक दें,,, और यही दृश्य को देखकर खुद संजू का लंड खड़ा हो चुका था जबकि वह रोज अपनी मां की चुदाई करता था उसकी चूत पर संजू का ही नाम लिखा हुआ था उसके तन बदन पर संजू का ही ठप्पा लगा हुआ था फिर भी संजू का यह हाल था,,, अपने लंड की स्थिति को देखकर संजू अपने मन में सोच रहा था कि चलो अच्छा हुआ की पूरी तैयारी नहीं छत पर जाते ही लंड की सलवार खोलकर पीछे से चोदना शुरू कर देगा,,,।
Lalli ki ma Sanju se maja leti huyi

आखिरकार सीढी के पास बैठी महिला धीरे से खड़ी हुई और इधर-उधर देखते हुए लल्ली के पास गई,, और उससे बोली,,,।

अरे बेटी जब पड़े जोरों की पेशाब लगी है जाना कहां है,,,

अरे चाचा यह भी कोई पूछने की बात है घर के पीछे चली जाओ वहीं पर सब लोग जाते हैं,,,

ठीक है बेटी अच्छा हुआ कि तूने बता दी,,,(और इतना कहते हुए वह महिला घर के पीछे की तरफ जाने लगी और लल्ली संजू को इशारा करके सीढ़ी चढ़ने लगी,,,, यह देख कर संजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे वह खुश होने लगा और लल्ली की तरफ देखने लगा कि यह लड़की कितनी चुदवासी हो गई है,,, देखते ही देखते लल्ली छत पर पहुंच चुकी थी और संजू उसे छत पर देख कर तुरंत अपनी जगह से खड़ा हुआ और इधर-उधर नजर घूमाकर सबसे नजर बचता हुआ सीढ़ी चढ़ना शुरू कर दिया,,,, देखते ही देखते वह भी छत पर पहुंच गया,,, लल्ली बड़ी बेसब्री से उसका इंतजार कर रही थी,,, संजू को देखते ही उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे,,,। लेकिन तभी अपनी मां का ख्याल आते ही उसके चेहरे पर उदासी छा गई संजू को नहीं मालूम था कि वह छत पर उसे किस तरह की बात और किसके बारे में बात करने के लिए बुलाई है वह तो उतावला था एक बार फिर से एकाकार होने के लिए,,,, इसलिए वह तुरंत आगे बढ़ा और,, लल्ली को अपनी बाहों में भर लिया,,,,, और जैसे ही उसके होठों पर चुंबन करने के लिए वह अपनी होठ को आगे बढ़ाया वह तुरंत उसकी कैद से दूर होते हुए बोली,,,।

तुम्हें हर वक्त यही सुझता रहता है ना,,,,

लेकिन तुम्हीं ने तो मुझे छत पर बुलाई हो,,,

लेकिन किस लिए बुलाई हूं बीना जाने बस शुरू हो गए,,,
Sanju or lalli ki ma

तो किस लिए बुलाई हो,,,(हैरान होते हुए) अगर बात करने के लिए बुलाई हो तो वह तो नीचे भी हो सकती थी,,,

नहीं बिल्कुल भी नहीं हो सकती थी जिस तरह की बात में तुमसे करना चाहती हूं वह इस तरह से अकेले में ही हो सकता है,,,,


किस तरह की बात,,,,( संजू फिर से हैरान होता हुआ बोला)

मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि मैं तुमसे कैसे कहूं मुझे उसे बारे में बात करने में भी शर्म महसूस हो रही है,,,

(संजू को ऐसा लग रहा था कि उसने जो कुछ भी खंडहर के अंदर की है शायद उसके चलते उसके मन में अपराध भाव पैदा हो रहा है इसलिए वह उसकी तरफ ध्यान से देखने लगा और वह संजू से नजर नहीं मिल पा रही थी अपनी नजर को इधर-उधर घूम कर उससे बात कर रही थी,,,)

आखिर हुआ क्या बताओगी,,,,

हुआ क्या जैसे कि तुम नहीं जानते,,,(थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए) तुम्हें सब कुछ मालूम है,,,

अरे पगली हो तो तुम्हारा डर और दर्द दोनों दूर करने के लिए था,,,,

मैं उस बारे में बात नहीं कर रही हूं,,,(फिर से गुस्से में तेज बोलते हुए)
Sanju ki maami

upload facebook photos
तो किस बारे में बात कर रही हो कुछ कहोगी तब ना पता चलेगा,,,, ऐसा तो नहीं हम दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ उसको लेकर तुम्हारे मन में कुछ गलत होने की भावना हो रही हो या ऐसा लग रहा हो कि ऐसा नहीं होना चाहिए था तो मैं तुम्हें सब बता दूं आज नहीं तो कल यह होना ही था मेरे से नहीं तो किसी और से अपने पति से ही लेकिन मैं पहले ही बता चुका हूं की सुहागरात की पहली रात को तुम्हें किस तरह के दर्द से गुजरना पड़ता तुम तड़पती चिल्लाती लेकिन कुछ कर नहीं पाती इसीलिए मैं तुम्हारा डर दूर करने के लिए यह सब किया हूं,,,


मेरी मां का भी डर दूर कर रहे थे,,,।

(उसकी यह बात सुनते ही संजु एकदम से चौंक गया और हैरानी से लल्ली की तरफ देखने लगा,,,, और थोड़ा रुक कर बोला,,,)

यह तुम क्या कह रही हो मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है तुम्हारी मां का डर मेरा मतलब है कि मामी का डर किस बात का डर,,,


वही तो मैं तुमसे पूछना चाहती हूं मेरी तो सुहागरात होने वाली है इसलिए मेरा डर दूर कर रहे थे लेकिन मेरी मां का कौन सा डर दुर कर रहे थे,,,,


देखो लल्ली मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि तुम क्या कह रही हो,,,।
Sanju or lalli dono chat pe


तुम्हें सब समझ में आ रहा है तुम सब जानते हो बनो मत मैं सब अपनी आंखों से देख चुकी हूं,,,, खाना खिलाने के बहाने तुम्हें अपने कमरे में मेरी मां ले गई थी और वहां जो कुछ भी हुआ वह सब में अपनी आंखों से देख ली,,,।
(इतना सुनते ही संजू के चेहरे पर हवाईया उड़ने लगी वह समझ गया की लल्ली सब कुछ जानती है,,, वह हैरानी से उसके चेहरे की तरफ देख रहा था,,, जब उसे इस बात का एहसास हो गया कि उसके और उसकी बड़ी मामी के बीच जो कुछ भी चल रहा है इस बारे में लल्ली सब कुछ जान गई है तो फिर वह अपने आप को सहज करते हुए बोला,,,,,,)



देखो अब मैं तुम्हें कैसे समझाऊं,,, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि तुम समझ जाओगी,,,, मैं बात को ज्यादा घुमा फिरा कर नहीं सीधे बात करता हूं,,, लल्ली कल तुम्हारी शादी होने वाली है फिर तुम्हारी सुहागरात होगी अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बना कर अपनी जिस्म की जरूरत को पूरी करती रहोगी,,,,
Sanju chat par lalli ki chudai karta hua

तो इन सब से मेरी मां का क्या लेना देना है,,,

इन सब बातों से तुम्हारी मां का कुछ भी देना देना नहीं है लेकिन जरूर तुम दोनों की एक ही है तुम्हारी शुरुआत हो रही है और वह यह सब शुरू करके खत्म कर दी है लेकिन उनकी उम्र अपने शरीर की जरूरत को पूरी करने के लिए पूरी नहीं हुई है अभी वह पूरी तरह से जवान है यह बात तुम्हें तब पता चलेगी जब तुम खुद अपनी मां की उम्र की हो जाओगी और तुम्हारा पति जो मर्दाना ताकत को देगा तुम्हें खुश नहीं कर पाएगा बड़ी से तोंद निकली होगी और तुम्हारी जरूरत को समझ नहीं पाएगा तब तुम्हें इस बात का एहसास होगा कि तुम्हारी मां ने सही किया था या गलत,,,

(संजू की बात को सुनकर वह संजू की तरफ हैरानी से देखने लगी और संजू अपनी बात को आगे बढ़ाती हुए बोला,,,)

जिस तरह से हर इंसान को भूख लगती है और खाना खाने के बाद अपनी भूख को शांत कर लेता है इस तरह से मर्द की तरह औरतों के बदन में भी जिसम की भूख लगती है मर्द के साथ की जरूरत पड़ती है उसे भी संभोग करने की इच्छा होती है,,, अगर पति उसे लायक हो तो अपनी जरूरत पूरी कर लेती है लेकिन अगर पति उसे लायक ना हो तो ऐसे हालात में औरत या तो अपनी भावनाओं को मार कर घुटन भरी जिंदगी जीती है या फिर घर के बाहर कदम निकाल कर वह अपनी जरूरत को पूरी करना शुरू कर देती है लेकिन यह हकीकत है की औरतों की अपनी एक जरूरत होती है उनकी भी इच्छाएं होती है जो कि अपने परिवार के चलते उनकी जरूरत को मद्दे नजर रखते हुए अपनी जरूरत का गला घोट देती है,,, जिस तरह से मामी अपना जीवन जी रही थी,,,।
Sanju or lalli

नहीं ऐसा कुछ भी नहीं था मम्मी तो बड़े आराम से जीवन की रही थी बहुत खुश थी अपने जिंदगी में अपने परिवार से,,,,


लल्ली तुम बहुत होती हो तुम एक औरत के नजरिए से नहीं बल्कि एक बेटी के नजरिए से अपनी मां को देख रही हो लेकिन जब एक औरत के नजरिए से देखोगी तो तुम्हें उनका दुख नजर आएगा जो आईने में एकदम स्पष्ट हो जाएगा लेकिन एक औरत की तरह सोचने के लिए तुम्हें भी पूरी तरह से औरत बनना पड़ेगा तब जाकर तुम्हें अपनी मां का दर्द दिखाई देगा तुमने कभी अपनी मां को गौर से अच्छी होती ने रात सब की जरूरत को पूरी करने में लगा देती है किसी को पानी चाहिए किसी को खाना चाहिए किसी को क्या चाहिए नहाना है तो टावल लाओ साबुन लाओ पानी लाओ,,,, कोई घर में मेहमान आ गया तो उसकी जरूरत पूरी करो दिन-रात एक पैर पर खड़ी रहकर तुम्हारी मां काम करती थी सब की सेवा करती थी बदले में उसे कुछ नहीं चाहिए था बस थोड़ा सा अपने पति का प्यार चाहिए था जो कि वह भी तुम्हारे पापा नहीं दे सके तुमने कभी अपने पापा की तरफ अच्छी हो और अपनी मां को गौर से अच्छी हो तुम्हारी मां अभी भी पूरी तरह से जवानी से भरी हुई है लेकिन तुम्हारे पापा बूढ़े हो चुके हैं उन्हें मर्दाना ताकत मर्दाना जोश बिल्कुल भी नहीं है कि वह तुम्हारी मां को खुशी दे सके खुश कर सके बिस्तर पर संतुष्ट कर सके और यह बात तुम्हारी मन नहीं मुझसे बताई कि बरसों गुजर गए तुम्हारे पापा ने उनके बदन को हाथ तक नहीं लगाया है,,,,

Sanju or lalli

नहीं तुम झूठ कह रहे हो,,,,


मैं बिल्कुल सच कह रहा हूं क्या तुम्हें मेरे आने से पहले और मेरे आने के बाद का फर्क नहीं दिखाई दे रहा है अपनी मां में,,,, पहले तुम्हारी मां किस तरह से रहती थी और अब किस तरह से रह रही है कितना खुश है यह सब दिखाई नहीं दे रहा है,,,,, मैं तुम्हारी मां के अंदर की दबी हुई भावनाओं को बाहर निकाला हूं उन्हें जीना सिखाया हूं अपने लिए जीना सिखाया हूं,,,, वरना तुम्हारी मां तुम्हारी परिवार की जरूरत को पूरी करते-करते अपनी आशाओं को अपने अंदर सिमट के अपना जीवन गुजार देती क्या तुम्हें अपनी मां का यह रूप खिलखिलाता हुआ चेहरा अच्छा नहीं लग रहा है,,,।
(लल्ली संजू की बातों को बड़े गौर से सुन रही थी और उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि वाकई में उसकी मां बहुत खुश रहती है सबसे हंसती है बोलती है सबसे अच्छी तरह से बात करती है और यह सब बदलाव आया हैं संजू से मिलने के बाद,,,, उसे भी इस बात का एहसास होने लगा था कि अगर वह संजू के कहे अनुसार एक औरत के नजरिए से अपनी मां को देखेगी तो शायद वह अपनी मां को गलत कभी नहीं ठहराएगी वाकई में उसके पापा उसकी प्यास बुझाने उसकी जरूरत को पूरी करने के काबिल बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि दिन भर कुर्सी पर सिर्फ बैठे रहते हैं और रात को धीरे-धीरे जाकर बिस्तर पर लेट जाते हैं ऐसे में वह एक औरत की जरूरत को कैसे पूरा कर सकते हैं,,,, लेकिन तभी उसे कुछ याद आया और वह संजू की तरफ देखकर बोली,,,)
Lalli

चलो यह सब तो ठीक है लेकिन तुम बहुत गंदे हो,,,

मतलब,,,(संजू मुस्कुराते हुए बोला क्योंकि उसकी बात सुनकर उसे समझ में आ गया था कि सब कुछ सहज हो गया है,,,)

मतलब यही कि तुम जो बंदा कम मेरी मां के साथ करते हो वही काम तुम खुद की अपनी सगी मां के साथ करते हो और अपनी मौसी के साथ भी,,,।

(इस बार संजू एकदम से चौंक गया पल भर में उसके माथे से पसीना टपकने लगा आज तक जो राज राज था वह खुल चुका था लेकिन फिर भी उसे राज को राज रखने के लिए संजू तिकडम लगाते हुए बोला,,,)

यह तुमसे किसने कह दिया पागल हो गई हो क्या,,,?
Lalli sanju ko mast karti huyi

देखो अब मुझसे झूठ बोलने की कोशिश बिल्कुल भी मत करो जो कुछ भी है सच-सच बता दो मैं सब कुछ समझ गई हूं पहले तो मुझे समझ में नहीं आया था कि तुम्हारे कमरे से जिस तरह की आवाज आ रही थी उसे आवाज को मैं पहचानती नहीं थी लेकिन इस तरह की आवाज मैंने अपनी मां के मुंह से निकलते हुए सुनी थी और वह तुम्हारे साथ चुदवा रही थी,,,( लल्ली भी थोड़ा-थोड़ा खुल चुकी थी इसके लिए उसके मुंह से इस तरह के अश्लील शब्द निकल गए थे) याद है तुम्हें जब मैं दोपहर में चाय लेकर तुम्हारे कमरे के पास आई थी तो कुछ देर दरवाजे के पास ही खड़ी थी दरवाजा बंद था और अंदर से इसी तरह की आवाज आ रही थी जिस तरह से मेरी मां आवाज निकल रही थी और उसे आवाज को सुनकर तो उसे समय मुझे इस बात का एहसास ही नहीं हुआ कि अंदर कुछ गलत हो रहा है मुझे लगा कि शायद दर्द की वजह से इस तरह की आवाज आ रही है लेकिन,,,, अपनी मां के मुंह से इस तरह की आवाज सुनते ही मैं एकदम से चौंक गई मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि एक बेटा खुद अपनी मां की चुदाई कैसे कर सकता है और अपनी मौसी की भी और वह भी एक ही कमरे के अंदर क्या समझे तुम एक साथ अपनी मां और अपनी मौसी दोनों को चोदते हो,,,,,
(लल्ली की बातों को सुनकर संजू पूरी तरह से हैरान हो गया था,,, वह उसकी बात को झूठा साबित करने के लिए कुछ भी बहाना बना देता लेकिन जिस तरह से उसने अंतिम शब्द चोदते हो बोली,,, उसे शब्द को सुनकर संजू का दिल आप आप हो गया और पूरी तरह से उत्तेजित हो गया और पल भर में ही सारा गणित उसके दिमाग में घूमने लगा वह जानता था कि अगर यह राज वाकई में वह जान भी गई है तो भी उसका कुछ बिगड़ता वाला नहीं था क्योंकि वह खुद उसे और उसकी मां को चोदता है और ऐस६ हालात में लल्ली यह बेवकूफी कभी नहीं करेगी कि वह इस राज को किसी को बता दे क्योंकि उसके खुद का राज फास होने का डर रहेगा,,,, इसलिए कुछ देर शांत रहने के बाद संजू बोला,,,)
Lalli ki chut chat t hua Sanju

तुम्हारा सोचना बिल्कुल सही है मैं उसे दिन कमरे के अंदर अपनी मौसी और अपनी मां दोनों की चुदाई कर रहा था,,,
(संजू के मुंह से इस बात को सुनकर वह एकदम से चौंक गई और बोली)

संजू तुम्हें अपनी प्यास बुझाने था तो बाहर किसी का सहारा ले सकते थे लेकिन खुद की मां और खुद की मौसी,,,

क्यों अपनी मामी के साथ भी तो कर चुका हूं,,,, तुम अभी भी नहीं समझ रही हो जिस तरह से तुम्हारी मां को मेरी जरूरत है इस तरह से मेरी मां और मौसी को भी मेरी जरूरत का एहसास हो रहा था तुम जानती हो जिस तरह के हालात से तुम्हारी मां गुजर रही है इस तरह की हालत से मेरी मौसी और मेरी मां दोनों गुजर रहे हैं मेरे पापा लगभग 1 साल हो गए हैं वह घर पर नहीं आते और तो और घर पर रहने के बावजूद भी वह मां के साथ संबंध नहीं बनाते ऐसी हालत में मम्मी अपनी जरूरत पूरी करने के लिए मेरी तरफ झुक गई और यही हालत मौसी की भी थी मौसा जी तुम्हारे पापा की तरह ही दिन भर कुर्सी पर बैठे रहते हैं उनकी बड़ी सी तोंद निकली हुई है,,, और मौसी को तो तुम देख ही रही हो जवानी से भरी हुई है ऐसे में मौसा जी से कुछ नहीं होता और मौसी भी अपनी जरूरत पूरी करने के लिए मेरा सहारा लेने लगी और इसमें कोई हाई भी नहीं है अपने घर की बात नहीं बल्कि औरों के घर में भी यही सब चलता है बस बात बाहर नहीं आती,,,,।
(इस तरह की बातों का खुलासा सुनकर और इस तरह की बातों का असर लल्ली पर पूरी तरह से छाने लगा था ,,, नीचे अभी भी गाना बजाना हो रहा था और ऐसे माहौल में छत के ऊपर गहरे अंधेरे में एक जवान लड़का और एक जवान लड़की एक दूसरे से गंदी बातें कर रहे थे तो जाहिर सी बात थी कि ऐसे मौके पर दोनों का उत्तेजित होना निश्चित था संजू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था,,,और लल्ली को खामोश देखकर वह समझ गया था कि पूरा मामला सिमट चुका है और हालात बिल्कुल काबू में है,,, इसलिए वह धीरे से आगे बढ़ा और उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसके लाल लाल होठों पर अपने होठ रख दिया,,,, संजू की तरफ से एकाएक हुई इस तरह के हरकत से लल्ली उत्तेजना से तिल मिला उठी,,, और उसकी सांसे गहरी चलने लगी संजू पागलों की तरह उसके लाल-लाल होठों का रसपान करने लगा और साथ ही अपने दोनों हाथों को उसके नितंबों पर रखकर दबाना शुरू कर दिया,,,, संजू की बाहों में वह मचलने लगी आनंद की फुहार उसकी चूत से टपकने लगी,,, संजू इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि काफी देर से दोनों छठ के ऊपर बात कर रहे थे और नीचे गाना बजाना कभी भी खत्म हो सकता था इसलिए वह जल्दी बाजी दिखाना ही उचित समझा रहा था लेकिन इससे पहले वह लल्ली को पूरी तरह से गर्म कर देना चाहता था,,,।
Lalli ki madmast gand or sanju

इसलिए वह तुरंत एक हाथ से अपने पेट का बटन खोलकर अपने पेट को घुटने पर सरकार दिया और अपने लंड को बाहर निकाल कर उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड पर रख दिया वह जानता था कि लल्ली का हाथ उसके नंगे लंड पर पढ़ते ही उसकी चुत पानी छोड़ने लगेगी,,, और ऐसा ही हुआ वह पूरी तरह से उत्तेजित अवस्था में अपनी मुट्ठी में कस के संजू के लंड को दबा दी,,,, दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे जितना उतावला संजू था उतनी ही उत्सुक लल्ली थी लंड को अपनी चूत में लेने के लिए,,,,,, हालात पूरी तरह से बेकाबू हुए जा रहे थे और माहौल पूरी तरह से गर्म चुका था संजू अपने दोनों हाथों को हरकत देता हुआ,,, लल्ली की सलवार की डोरी खोलने लगा जिसका विरोध वह बिल्कुल भी नहीं कर रही थी,,, उसके हाथ में अभी भी संजू का खड़ा लंड था जिसकी गर्माहट से उसकी चूत पिघल रही थी,,,, और उसके मुख से लगातार शिसकारी की आवाज फूट रही थी,,,,।
Lalli ki lete huye

देखते ही देखते संजू जल्दबाजी दिखाता होगा लाल की सलवार को उसकी डोरी खोल कर दिल्ली कर दिया और फिर उसे नीचे करते हुए उसे घुटनों तक ले आया और फिर उसी तरह से चुंबन करते हुए ही वह धीरे-धीरे सामने की दीवार पर उसे सटा दिया और फिर पागलों की तरह उसके पूरे बदन पर चुंबनों की झड़ी बरसा दिया,,, संजू के इस तरह के प्यार पर वह पूरी तरह से पानी पानी हो गई,,,, संजू उसकी चड्डी के ऊपर से ही उसकी चूत को अपनी हथेली में दबोच ले रहा था,,,,, और उसकी चूत उत्तेजना के मारे कचोरी की तरह फुल चुकी थी संजू का बहुत मन कर रहा था कि कुछ देर तक वह उसकी चूत को चाटे लेकिन उसके पास समय नहीं था,,,, इसलिए वह तुरंत लल्ली के दोनों कंधों को पड़कर उसे दूसरी तरफ घुमा दिया और उसका मुंह दीवार की तरफ कर दिया,,, लल्ली दोनों हाथों से दीवार का सहारा लेकर खड़ी हो चुकी थी और संजू उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींचकर उसकी गांड को ऊपर की तरफ उठा रहा था,,,, देखते ही देखते संजू उसकी चड्डी को भी खींच कर उसके घुटनों से नीचे तक ले आया उसकी गोल-गोल गोरी गोरी गांड अंधेरे में भी चमक रही थी,,, जिसे देख कर संजू की आंखों में वासना की चमक नजर आ रही थी वह एकदम मदहोश हुआ जा रहा था और अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए वह उसके गांड के दोनों फांकों को दोनों हथेलियां में भरकर उसकी तरफ झुका और सीधा अपने मुंह को उसकी चूत से सटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा,,,,‌
Lalli or sanju

सससहहहहह की आवाज के साथ ही लल्ली नजर घुमा कर संजू की तरह देखने लगी और एक हाथ पीछे की तरफ लाकर उसके सर पर रखकर उसका हौसला बढ़ाने लगी,,, संजू के पास उसकी चूत चाटने का समय बिल्कुल भी नहीं था लेकिन फिर भी कल वह विवाह करके अपने ससुराल चली जाती है इसलिए वह अपने इस लालच को रोक नहीं पाया और पागलों की तरह उसकी रसीली चूत चाटना शुरू कर दिया जिसमें से लगातार मदन रस बह रहा था,,, संजू की हरकत पर वह भी पूरी तरह से मदहोश हो गई और अपनी गांड को गोल-गोल घूमाने लगी,,, कोई और पल होता तो शायद इस बारे में सोच कर अपनी हरकत के बारे में सोचकर लल्ली शर्म से पानी पानी हो जाती लेकिन मजा लेने के लिए उसकी इसी हरकत की जरूरत भी थी इसलिए वह पूरी तरह से मस्त होकर अपनी गांड को गोल-गोल घूम रही थी कुछ देर तक संजू इसी तरह से उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसकी चूत का रसपान करता रहा और फिर धीरे से खड़ा हुआ और अपने लंड को हाथ में लेकर अपने मोटे तगड़े सुपाड़े को उसके गुलाबी छेद से टिकाया और हल्के से अपनी कमर की तरफ चलते हुए अपने लंड को उसकी चूत में प्रवेश करना शुरू कर दिया और देखते ही देखे उसका पूरा लंड लल्ली की चूत में समा गया था,,,,।

ऊममममम आहहहहह लल्ली तुम्हारी चूत बहुत मस्त है,,,,।

सहहहह जल्दी करो संजू चोदो मुझे,,,आहहहहह मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,आहहहहबह मेरी चूत बहुत पानी छोड़ रही है,,,,।

(उसके मुंह से इस तरह की गरमा गरम बातें सुनकर संजू एकदम मस्त हो गया उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था वह भी एकदम मदहोश होता हुआ बोला,)

अभी लो मेरी रानी तुम्हारी इच्छा पूरी कर देता हूं,,,
(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया उसे बहुत मजा आ रहा था उसका मोटा तगड़ा लंड रगड़ रगड़ कर उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था,,, जिससे वह भी काफी उत्तेजित हो चुकी थी और खुद अपनी गांड को पीछे की तरफ ठेल रही थी,,, संजू उसकी चुदाई करते हुए यही सोच रहा था कि हर एक औरत में एक रंडी छिपी होती है बस उसे बाहर लाने की जरूरत होती है और वह लल्ली के अंदर छिपे रंडी पन को बाहर ला चुका था,,,, थोड़ी ही देर में दोनों एकदम मस्त होगी दोनों झड़ चुके थे और धीरे से अपने कपड़ों को दुरुस्त करते हुए छत से नीचे की तरफ देख तो सभी औरतें उठना शुरू कर दी थी और धीरे से यह दोनों भी सीधी से नीचे उतर गए,,, लल्ली तो चुदवाकर मस्त हो चुकी थी और थक भी चुकी थी लेकिन संजू अभी थक नहीं था क्योंकि उसे अपनी मौसी की प्यास बुझाना था,,,।)
Superb update
 
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