आराधना और अशोक का तलाक हो चुका था दोनों अब अपनी जिंदगी में आजाद हो चुके थे ,,, जितनी खुशी अशोक को थी आराधना से अलग होने की उससे ज्यादा खुशी आराधना को थी अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करने के लिए अब वह अपने बच्चों के साथ हंसी खुशी से सारा जीवन बिता सकती थी क्योंकि उसके माथे से अशोक नाम का एक बोझ हट गया था। आराधना के साथ-साथ उसके दोनों बच्चे संजू और मोहिनी भी बहुत खुश थे। और इस पल को आनंददायक बनाने के लिए मोहिनी नहीं प्रस्ताव रखा था कि इस पल को यादगार बनाने के लिए कुछ ऐसा करना होगा जिसे जिंदगी भर याद रहे और इसका सुझाव उसने खुद ही दी थी सुहागरात मनाने के लिए क्योंकि वैसे भी औरत और आदमी के जीवन में सुहागरात का जो दीन होता है वह बेहद अहम होता है।
मोहिनी के इस प्रस्ताव को संयुक्त और सहर्ष स्वीकार कर लिया था लेकिन इस प्रस्ताव के बारे में सुनते ही आराधना के गाल शर्म से लाल हो चुके थे वैसे तो उसके पास अपने बच्चों से मोहिनी से कुछ छुपाने लायक बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि तीनों मिलकर आपस में मजा लेते थे। लेकिन मोहिनी के मानने पर आराधना भी उसकी जीद के आगे झुक गई थी, वैसे तो सुहागरात के बारे में सुनते ही आराधना के भी अरमान मचल गए थे जो खेल सुहागरात के दिन किया जाता है वह खेल तो वह दोनों रोज खेला करते थे लेकिन सुहागरात का महत्व कुछ और ही था इस बात को आराधना भी अच्छी तरह से जानती थी इसलिए उसके मन में भी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी।
तीनों घर में एक ही जगह पर बैठे हुए थे मोहिनी के प्रस्ताव के बारे में सुनकर आराधना बोली।
देख मोहिनी तू जो कह रही है सुनने में तो अच्छा लग रहा है लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि सब मैनेज कैसे होगा।
हां मम्मी ठीक कह रही है वैसे भी सुहागरात के दिन चुदाई होती है और वह तो मैं रोज मम्मी और तेरी करते आ रहा हूं इसमें कुछ खास नया मुझे नहीं लग रहा है। (संजू भी संदेह जताते हुए बोला)
अरे तुम दोनों पागल हो गए हो शादी के पहले प्रेमिका क्या एक दूसरे के साथ संबंध नहीं बनाते हैं क्या दोनों चुदाई का मजा नहीं लेते हैं लेकिन फिर भी शादी वाली रात पर सुहागरात के दिन वह दोनों कितना मजा लेते हैं क्योंकि सुहागरात का दिन ही ऐसा होता है। (मोहिनी दोनों को समझाते हुए बोली)
लेकिन मोहिनी उसके लिए खास तैयारी होती है लड़की दुल्हन के जोड़े में फूलों से सजी सेज पर बैठकर अपने पति का इंतजार करती है,,, लड़का दूल्हे की तरह सज कर कमरे में जाता है अपनी बीवी का घूंघट उठाता है यह सब उसके लिए पहली बार होता है लेकिन मेरे और मम्मी के बीच तो सब कुछ हो चुका है घूंघट उठाने के साथ साथ न जाने कितनी बार मैंने मम्मी की साड़ी कमर तक उठाकर चुदाई किया है।
यार तुम दोनों मुझे पागल कर दोगे तुम दोनों बस तैयार रहो बाकी सब मैं संभाल लूंगी।
लेकिन सुहागरात मनाना कब है,,(आराधना मोहिनी की तरफ देखते हुए बोली)
रविवार को,,,
क्या रविवार को परसों ही तो रविवार है। (इस बार संजू आश्चर्यजताते हुए बोला,,,)
यार भाई तू तो ऐसा कह रहा है जैसे तेरा खड़ा ही नहीं होता अरे बुद्धू सुहागरात के दिन सबसे ज्यादा जरूरी होता है दूल्हे का खड़ा होना और दुल्हन का टांग फैलाना इसमें कोई ज्यादा तैयारी नहीं करनी पड़ती।
(मोहिनी किस तरह की बातें सुनकर आराधना बोली)
तू भी अब बड़ी हो गई है जल्दी ही तेरे हाथ पीले करवाने पड़ेंगे।
बड़ी तो हो गई है मम्मी तभी तो मेरा मोटा और लंबा लंड इतने आराम से ले लेती है।
अच्छा तो तुम दोनों मेरा पत्ता काट कर खुद मजा लूटना चाहते हो इतनी जल्दी में जाने वाली नहीं हूं।
तब क्या करेगी दिन रात अपने भाई के लंड पर चढ़ी रहेगी क्या,,!(आराधना चुटकी लेते हुए बोली)
तो क्या मुझे तो भाई के लंड की सवारी बहुत अच्छी लगती है।
और मुझे भी तुझे घोड़ी बनाने में बहुत मजा आता है मेरी प्यारी मोहिनी,,,(कुर्ती के ऊपर से उसकी चूची को दबाते हुए संजू बोला)
घोड़ा नहीं है तु सांड है,,, बहुत दम है तेरे में।
अभी तो तुम दोनों को घोड़ी बनाने में बहुत मजा आता है,, मेरे लंड में इतना दम नहीं होता तो तुम दोनों मेरे आगे थोड़ी झुकती।
(संजू के इतना कहते हैं तीनों हंसने लगे,,,)
अच्छा चलो जाने दो मैं चाहता हूं की सुहागरात वाली दिन मम्मी लाल रंग की चड्डी और ब्रा पहने और तू भी मोहिनी लाल रंग की चड्डी और ब्रा में तुम दोनों बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगोगे।
लेकिन भाई जालीदार,,,।
हां मोहिनी तो सच कह रही है जालीदार ब्रा पेंटी में तो सच में तुम दोनों कयामत लगोगे।
नहीं नहीं जालीदार पहनने में मुझे शर्म आती है। (शर्म के मारे लाल होते हुए आराधना बोली)
अच्छा मेरी रानी जालीदार चड्डी पहनने में शर्म आती है और चड्डी उतार कर नंगी हो जाने में शर्म नहीं आती।
संजू तु पागल हो गया है।
मैं तो पागल हो ही गया हूं मेरी जान,,,(आराधना को अपनी बाहों में भरते हुए बोला यह देखकर मोहिनी बोली)
बस बस भाई यही शुरू मत हो जाना।
हाए तुम दोनों को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है और फिर दिन देखा है ना रात और ना ही कोई जगह बस मन करता है कि तुम दोनों की गुलाबी चूत में डालकर पड़ा रहुं।
भाई तेरी बात सुनकर तो मेरी चूत पानी छोड़ रही है। और मुझे पूरा यकीन है की मम्मी की भी छूट पानी छोड़ रही होगी।
चल रहने दे ऐसा कुछ भी नहीं है,,(आराधना इतराते हुए बोली)
तो दिखा दो साड़ी उठाकर कि तुम्हारी चूत पानी छोड़ रही है कि नहीं।(अपनी मां की साड़ी उठाने की कोशिश करते हुए मोहिनी बोली)
हां मम्मी दिखा दो ना क्योंकि मेरा भी लंड खड़ा हो गया है तो जरूर तुम्हारी भी चुत पानी छोड़ रही होगी।
चल रहने दे मैं नहाने जा रही हूं आज गर्मी कुछ ज्यादा ही है।
तुम्हारी जवानी की गर्मी है मम्मी।
धत्,,,, तू पक्का मादरचोद हो गया है।
तू भी तो छिनार हो गई है रानी।
(संजू के मुंह से छिनार शब्द सुनते ही आराधना का मुंह एकदम से खुला का खुला रहेगा लेकिन अपने बेटे के द्वारा दी गई है गाली उसे अच्छी लग रही थी।)
हां भाई मम्मी तो एकदम छिनार हो गई है
मोहिनी मारूंगी तुझे,,, तू भी शुरू पड़ गई,,, मैं कौन सा दूसरों से चुदवाती हूं अपने बेटे से ही तो चुदवाती हुं। और तू भी तो छिनार हो गई है।
हां भाई का ले लेकर भाई के मोटे लंड में मेरी चूत को फैला दिया है पता नहीं मेरा पति जब इसमें डालेगा तो क्या सोचेगा।
कुछ नहीं सोचेगा बस तू इतना करना की जरूरत तेरी चूत में डाले तो तू जोर-जोर से चिल्लाना उसे ऐसा ही लगेगा की पहली बार चुदवा रही है।
(आराधना कितना कहते हैं तीनों जोर-जोर से हंसने लगे..)
अच्छा जल्दी से तैयार हो जाओ हमें खरीदी करने जाना है।
खरीदी करने,,,(आराधना आश्चर्य से बोली)
अरे तुम दोनों के लिए लाल लाल चड्डी और ब्रा खरीदना है ना।
हां भाई मजा आ जाएगा।
लेकिन अभी ,,कल भी तो चल सकते हैं। (आराधना बोली)
काल करें सो आज कर और आज करे सो अब,,, बस अब जल्दी से फटाफट तैयार हो जाओ आज हम लोग एंजॉय करने चलेंगे।
लेकिन मुझे तो नहाना है।
मुझे भी,,,,(मोहिनी और आराधना दोनों एक साथ बोली तो संजू बोला)
तब मैं क्या करूंगा मैं भी नहा लेता हूं लेकिन आज हम तीनों बाथरूम के बाहर एक साथ नहाएंगे,,,
एक साथ,,,,(आराधना आश्चर्य जताते हुए बोली)
हां मम्मी,,, बहुत मजा आएगा,,,,
बस फिर क्या है देर किस बात की कपड़े उतारना शुरू करो रुको मैं पहले दरवाजे की कड़ी तो लगा लूं,,,(सही संजू दरवाजे की तरफ आगे बढ़ गया और कड़ी लगाकर दरवाजे को बंद कर दिया ताकि कोई आ ना सके।)
शुरुआत में ही करती हूं,,,,(ऐसा कहते हुए मोहिनी अपनी कमीज को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने हाथ को ऊपर की तरफ उठने लगी और देखते ही देखते वह अपनी कमीज को उतार फेंकी और फिर अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी,,, यह सब संजू और उसके परिवार के लिए रोज का था लेकिन हर बार एक नया उमंग देखने को मिलता था। जो कि इस समय भी बरकरार था मां बेटे दोनों मोहिनी की तरफ देख रहे थे और मोहिनी पूरी तरह से बेशर्म होकर अपनी सलवार की डोरी खोल रही थी और अगले ही पल मुस्कुराते हुए वह अपनी उंगलियों को हरकत देते हुए डोरी को खींच ली और अगले ही पल सलवार की डोरी एकदम से खुल गई,,, और फिर मोहिनी सलवार को भी निकाल फेंकी इस समय वह अपनी मम्मी और अपने बड़े भाई के सामने ब्रा और पेटी में थी उसकी मदमस्त जवानी एकदम खुली हुई थी,, ।
बेशर्मी की सारी हदें पार कर चुकी आराधना ना जाने क्यों इस समय शर्म महसूस कर रही थी,, अपनी मां को इस तरह से शरमाता हुआ देखकर संजू आगे बड़ा और बोला,,।
लगता है मुझे ही तुम्हारे कपड़े उतारने पड़ेंगे।(और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां की साड़ी को कंधे पर से पकड़ कर उसे कंधे से नीचे उतार दिया और फिर उसकी साड़ी को खोलना शुरू कर दिया आराधना उसे बिल्कुल भी रोकने की कोशिश नहीं कर रही थी उसे भी अच्छा लग रहा था और देखते ही देखते संजू अपनी मां के बदन पर से साड़ी को उतार कर वही नीचे जमीन पर फेंक दिया,,, मोहिनी खड़ी होकर अपने भाई और अपनी मां की हरकत को देखकर मुस्कुरा रही थी संजू ठीक अपनी मां के पीछे खड़ा होकर उसे बाहों में लिए हुए ब्लाउज के ऊपर से उसकी बड़ी-बड़ी चूची पर दबाता हुआ उसके गर्दन पर चुंबन करने लगा जिससे आराधना एकदम से मचल उठी अपनी मां की बड़ी-बड़ी चूची को देखकर मोहीनी बोली,,।)
हाए न जाने कब मेरी चूचियां तुम्हारे जैसी बड़ी-बड़ी होगी जिस दिन बड़ी होगी मजा आ जाएगा,,,।
भाई मेहनत तो कर रहा है देखना एक दिन बड़ी हो जाएगी,,,(आराधना अपने बेटे की बाहों में मचलते हुए बोली,,,)
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सहहहह,,, मम्मी तुम्हारी चूचियां भी बड़ी होने में बहुत समय ली है तभी तो आज इतनी रसेदार हो गई है,,,,(संजू अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खोलते हुए बोला,,,)
सच कह रहा है तू,,,, मेरी चूचियां बड़ी होने में बहुत समय ली है लेकिन जब से तेरे हाथ में आई है तब से कुछ ज्यादा ही निखर गई है,,,(अपनी बड़ी-बड़ी गांड के बीचों बीच अपने बेटे के लंड की चुभन को महसूस करते हुए आराधना बोली,,, और देखते ही देखते संजू अपने मां के ब्लाउज के सारे बटन को खोल दिया और ब्लाउज के दोनों पट को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे पीछे की तरफ खींचते हुए उसकी बाहों में से बाहर निकलने लगा और आराधना भी अपने बेटे की मदद करते हुए अपने दोनों बांहों को पीछे की तरफ फैला दी और संजू ब्लाउज को उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दिया और फिर ब्रा के ऊपर से ही एक बार दोनों चूचियों को पकड़ कर कर से दबाते हुए अपनी कमर को आगे की तरफ ठैल कर अपने खड़े लंड को पेटिकोट के ऊपर से ही उसकी गांड में घुसाने का प्रयत्न करने लगा वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था,,, संजू की उत्तेजना एकदम साफ झलक रही थी यह देखकर मोहिनी बोली,,।
भाई तू तो एकदम चुदवासा हो गया है।
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क्या करूं मोहीनी मम्मी की जवानी देखकर मुझे बर्दाश्त नहीं होता,,,,।
सहहहह आहहहहह,, और मुझे यह तेरे,,,(अपना एक हाथ पीछे की तरफ ले जाकर पेट के ऊपर से ही संजू के लंड को पकड़ते हुए) लंड की चुभन बर्दाश्त नहीं हो रही है।
कहो तो निकाल कर डाल दु तुम्हारी चूत में,,,,(अपनी हथेली को पेटिकोट के ऊपर से ही अपनी मां की चूत पर रखते हुए बोला।)
तेरा मन करेगा तो मेरे मन करने पर भी तु कहां मानने वाला है।
बात तो सही है मेरी रानी,,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी मां की पेटिकोट की डोरी को उंगलियों से पकड़ लिया,,, और उसे एक झटके से खींच दिया आराधना की पेटिकोट उसकी कमर पर एकदम से ढीली पड़ गई और संजू अपने दोनों हाथों की उंगलियों को उसकी पेटिकोट के अंदर की तरफ डालकर पेटीकोट को पूरी तरह से ढीली कर दिया और उसे कमर से ही नीचे छोड़ दिया और उसकी पेटिकोट खूबसूरत नाटक की प्रस्तुति करते हुए पर्दे की तरह नीचे जमीन पर गिर गया। और आराधना के बदन पर केवल बराबर पेटी रह गई सचमुच में पेटी आगे की तरफ पूरी तरह से गीली थी यह देखकर मोहिनी बोली।)
देखो मम्मी, (उंगली से अपनी मां की पेटी की तरफ इशारा करते हुए) कह रही थी ना कि तुम्हारी चूत पानी छोड़ रही है देखो पूरा गीला हो गया है।
(मोहिनी की बात सुनते ही आराधना अपनी पैंटी की तरफ अच्छी सचमुच में उसकी पेंटिं पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और अपनी हालत को देखकर वह शर्म से पानी पानी हो गई,,,, संजू पूरी तरह से मस्ती के मूड में आ चुका था,,, इसलिए एक झटके से अपनीहथेली को अपनी मां की चूत वाली बात पर रखकर पेटी सहित वह उत्तेजना से उसे अपनी हथेली में दबोच लिया उसकी हरकत पर आराधना एकदम से कसमसा गई,,, यह सब देखकर मोहिनी की भी हालत खराब हो रही थी उसकी भी छूट पानी छोड़ रही थी क्योंकि उसके भी पेंटिं के आगे वाला भाग गीला हो रहा था जिस पर नजर पड़ते ही आराधना बोली।)
तू भी तो पानी छोड़ रही है रे,,,
यह तो होना ही था मम्मी,, जब मां बेटे इस तरह की हरकत करेंगे तो देखने वाले का तो अपनी ही छूटेगा,,,(और इतना कहते हुए अपने दोनों हाथों के पीछे की तरफ ले जाकर अपनी ब्रा का हुक खुद ही खोलने लगी,,, और देखते ही देखते हो अपनी ब्रा को उतार कर नीचे फेंक दी उसकी छाती पर कई हुई मौसंबी बहुत खूबसूरत लग रही थी जिस पर नजर पडते ही संजू के बदन में मदहोशी जाने लगी और वह तुरंत अपनी मां की ब्रा को नीचे से पकड़ कर उसे ऊपर की तरफ उठा दिया और उसकी पपैया जैसी चूचियां एकदम से बाहर निकल गई। और फिर संजू उसे अपनी दोनों हथेली में भरकर जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया संजू से दबा दबा कर पल भर में ही टमाटर की तरह लाल कर दिया चूची दबवाने और मसलवाने की उत्तेजना आराधना के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था उसकी आंखें उत्तेजना के मारे बंद हो चुकी थी और चेहरा सुर्ख लाल हो चुका था।
संजू से उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह तुरंत अपनी मां की ब्रा का हुक खोलकर ब्रा को भी उतार फेंका,,, अब आराधना के बदन पर केवल उसकी छोटी सी पेंटिं रह गई थी और संजू ने उसे भी जल्दी उतार कर अपनी मां को पूरी तरह से नंगी कर दिया,,, दूसरी तरफ मोहिनी खुद अपने हाथों से अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो चुकी थी बाथरूम के बाहर मां बेटी दोनों पूरी तरह से नग्न अवस्था में थे लेकिन संजू के बदन पर अभी भी कपड़े थे इसलिए आराधना बोली,,,।
हम दोनों को तो नंगी करवा दिया लेकिन खुद कपड़े पहना हुआ है।
यह बात है लो अभी उतार देता हूं,,,(और ऐसा कहते हुए संजू अपने बदन से कपड़ों को उतारकर वह भी पूरी तरह से नंगा हो गया इस समय मां बेटी और संजू तीनों संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में नहाने जा रहे थे और वह भी बाथरुम के बाहर,,, बाथरूम के बाहर क्योंकि बड़ा सा पानी का ड्रम रखा हुआ था जिसमें पानी भरा हुआ था और उसी में से तीनों को नहाना भी था लेकिन इससे पहले तीनों वासना और मदहोशी में नहा रहे थे,,, अपनी मां और बहन की तरह संजू भी अपने सारे कपड़े उतार कर पूरी तरह से नंगा हो चुका था अपनी मां की मदहोश जवानी देखकर उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था जो कि एकदम से टनटनाया हुआ था जिसे देखते ही मां बेटी दोनों की चूत से पानी झरने लगा,,,, संजू दोनों की मदहोशी बढ़ाते हुए अपने लंड को अपने हाथ में लेकर ऊपर नीचे करके हिला रहा था और हिलने पर उसका लंड और भी ज्यादा ताकतवर नजर आ रहा था और संजू की हरकत देखकर मां बेटी दोनों को बिल्कुल भी सब्र नहीं हुआ और दोनों तुरंत उसके पास आकर घुटनों के बल बैठ गए,,,।
संजू जानता था कि दोनों रंडियों के साथ क्या करना है वह अपने लंड को अपनी मां के गाल पर रगड़ते हुए बोला,,।
अब देखना मैं तुम दोनों छिनार को कैसे मस्त करता हूं बारी बारी से तुम दोनों मेरे लंड को मुंह में लेकर चुसो,,,(ऐसा कहते हुए अपनी मां की गल से हटकर वह अपने लंड के मोटे सुपाडे को अपनी बहन के लाल लाल होठों पर रगड़ने लगा,, मोहिनी पूरी तरह से मस्त हो गई उसकी आंखों में चार बोतलों का नशा छाने लगा वह तुरंत अपनी लाल लाल होठों को खोलकर अपने भाई के आलू बुखारे जैसे बड़े सुपाड़े को मुंह में भरकर लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू कर दी,,, यह देखकर आराधना मस्त होते हुए तुरंत थोड़ा सा अपने होठों को नीचे की तरफ ले गई और अपने बेटे के दोनों गोटियों को अपने मुंह में भर ली संजू तो अपनी मां की हरकत पर पूरी तरह से मत हो गया और उत्तेजना के मारे अपनी कमर को एकदम आगे की तरफ ठेल दिया जिसकी वजह से मोहिनी के मुंह में उसका पूरा का पूरा लंड उसके गले तक उतर गया,,, संजू को अपनी मां से इस तरह की उम्मीद नहीं थी और ऐसा पहली बार हुआ था कि उसकी मां उसके दोनों गोटे को बारी-बारी से मुंह में लेकर चूस रही थी। संजू के मुंह से गरमा गरम सिसकारी की आवाज फूट रही थी।
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सहहहह आहहहहहह ओहहहह रंडीयो ,,,, तुम दोनों तो मुझे पागल कर दोगे,,, भोसड़ा चोदी आराधना यह तो क्या कर रही है रे साली हराम जादी तूतो मेरी जान ले लेगी,,, आहहहहह,,, ऊमममममममम,,,(अपनी मां और बहन दोनों को गंदी-गंदी गालियां देता हुआ संजू होले होले से अपनी कमर को आगे पीछे कर रहा था संजू के मुंह से निकलने वाली गली मां बहन दोनों को इतनी अच्छी लग रही थी कि वह दोनों और ज्यादा उत्तेजित हुए जा रही थी मोहिनी तो बार-बार सुपाड़े पर अपनी जीभ घूमा रही थी।
अभी दोपहर का समय था गर्मी का महीना होने की वजह से मौसम चिलचिला रहा था ऐसे में लोग अपने-अपने घरों में आराम कर रहे थे लेकिन संजू अपनी मां और अपनी बहन के साथ बाथरूम के बाहर अपनी जवानी की प्यास बुझाने में लगा हुआ था। तीनों पसीने से तरबतर हो चुके थे एक पूरा हीटर मुंह मैं लेकर गरम हो रही थी और दूसरी ट्रांसफार्मर से खेल रही थी थोड़ी-थोड़ी देर पर दोनों अपनी जगह बदल ले रहे थे अपना स्थान नहीं बल्कि संजू के लंड को अपने मुंह में बारी-बारी से लेकर चुस रहे थे। कभी बेटी मुंह में लेती तो कभी मां,,,लेकिन बारी-बारीसे दोनों मजा लूट रहे थे संजू तोऐसा लग रहा था कि जैसे आसमान में उड़ रहा हूं वह पूरी तरह से मदहोश हो चुका था तभी उसने हाथ में मग लेकर ड्रम में से पानी निकाला और उसे अपनी मां और बहन दोनों पर डालने लगा लेकिन दोनों पर पानी डालने का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था दोनों अपने तरीके से अपने-अपने कार्य में जुटे हुए थे संजू भी दो-चार मां अपने बदन पर डालकर ठंडा होने की कोशिश करने लगा लेकिन अपनी मां और बहन दोनों की जवानी की गर्मी से पूरी तरह से गर्म किए हुए थे।
कुछ देर तक तीनों इसी तरह से मजा लूटते रहे,,, इसके बाद संजू अपने लंड को अपनी मां के मुंह में से बाहर निकाला तो देखा वह पूरी तरह से तैयार हो चुका था चूत की सफर के लिए लेकिन अभी कुछ समय बाकी था वह तुरंत दोनों को बाहों से पकड़ कर खड़ी किया और दीवार से सटा दिया और खुद नीचे घुटनों के बल बैठ गया और एक कंधे पर अपनी मां की टांग को उठा कर रखा और दूसरे कंधे पर अपनी बहन की टांग को रख दिया और फिर बारी-बारी से दोनों की कचोरी जैसी फुली हुई चूत को चाटना शुरू कर दिया,,, जिस तरह से दोनों मां बहनों ने उसे मदहोश किया था उसी तरह से सब जो भी कोई कसर नहीं रख रहा था अपनी मां बहन दोनों को मत करने में वह दोनों पागल हो जा रही थी और दोनों कस के संजू के बाल को अपनी मुट्ठी में भर ली थी। संजू भी दोनों को पानी पानी कर दिया था लेकिन अब समय आ गया था असली खेल खेलने का लोहा पूरी तरह से गर्म हो चुका था और हथोड़ा भी तैयार था इसलिए संजू धीरे से अपने लंड को अपनी मुट्ठी में भरकर धीरे से खड़ा हुआ और फिर दोनों को बोला।
तुम दोनों एकदम रंडी हो चुकी हो एकदम बाजारू औरत की तरह इतना मजा देती हो कि पूछो मत,,, मैं तो धन्य हूं क्या तुम दोनों को पकड़ तुम दोनों की गुलाबी चूत मुझे पागल कर देगी बस अब जल्दी से छिनार लोग दोनों दीवार पकड़ कर खड़ी हो जाओ अपनी गांड को बाहर निकाल दो बारी-बारी से आज तुम दोनों की लूंगा,,,।
हरामजादे न जाने कैसा जादू है तुझ में कि हम दोनों पागल हो गए हैं तेरे लिए तेरे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए,,,।सहहहहह कसम से तेरा लंड पाकर तो हम दोनों धन्य हो गए हैं,,,,। जमकर सेवा करना हम दोनों की भोसड़ी की,,,,
चिंता मत करो मेरी रंडियों आज तुम दोनों की भोसड़ी का भोसड़ा बना दूंगा,,,,।
(तीनों के बीच गंदी गंदी वार्तालाप हो रही थी और इस गंदी वार्तालाप में तीनों का जोश और ज्यादा बढ़ता जा रहा था गालियों के साथ चुदाई करने में चुदाई का मजा ही कुछ और होता है,,, यह कहावत यहां पर सार्थक हो रही थी मां बेटी दोनों,,, दीवाल पकड़ कर खड़ी थी और झुक कर घोड़ी बनी हुई थी दोनों की गांड एकदम उभरी हुई थी दोनों की गांड एक से बढ़कर एक लग रही थी एक तरफ मां की बड़ी-बड़ी गांड थी और दूसरी तरफ बहन की सुडोल गांड थी जो कि दोनों आने में गायक थे शुरुआत संजू अपनी मां की तरफ बढ़कर किया लेकिन उसकी मां की गांड को ज्यादा ही बड़ी थी जिसकी वजह से उसका गुलाबी छेद नजर नहीं आ रहा था और इसीलिए संजू एक खांसी अपने लंड को पकड़ कर दूसरे हाथ से अपनी मां की गांड की दोनों फांकों को पकड़ कर फैलाते हुए थोड़ा सा नीचे झुका और अपने आलू बुखारे जैसे मोटे सुपाड़े को अपनी मां की गुलाबी छेद पर रखकर जोरदार धक्का मारा और आराधना की पनिया ही छूट में एक झटके से संजू का पूरा का पूरा लंड अंदर की तरफ घुस गया,,, बच्चेदानी पर ठोकर लगते ही आराधना थोड़ा सा उछल गई और उसके मुंह से हल्की सी चीज भी निकल गई लेकिन तुरंत संजू उसके कंधों को पड़कर काबू में ले लिया और फिर जोर-जोर से अपनी कमर हिलाता हुआ बोला,,, ।
इसे कहते हैं छिनार की चुदाई आज देखना मैं तेरी छूट का क्या हाल करता हूं बहुत कचोरी की तरह फुला कर घूमती है ना,,,, आज देख कैसे सटासट मारता हूं,,,।
मादरचोद में भी देखती हूं तेरे में कितना दाम है बहुत अपने लंड पर घमंड करता है ना आज देखती हूं तु मेरी प्यास बुझा पाता है कि नहीं,,,,
हाय जल्दी-जल्दी कर भोसड़ी के मेरी तरफ भी ध्यान दे अपनी मां को चोदने के चक्कर में अपनी बहन को मत भूल जाना,,,,।
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तुझे कैसे भूलूंगा रंडी तेरी गर्म चुत में डाले बिना मुझे भी मजा नहीं आता रुक पहले तेरी मां की चुदाई कर दुं,,,
(संजू गंदी गालियों के साथ धकाधक अपनी कमर हिला रहा था आज से अपनी मां को चोदने में बहुत मजा आ रहा था दूसरी तरफ उसकी बहन भी अपनी गांड परोस अपने नंबर के लिए तरस रही थी,,, आराधना के मुंह से लगातार गरमा गरम शिसकारी की आवाज निकल रही थी। संजू की कमर बड़ी तेजी से हिल रही थी और उसके हर एक धक्के पर उसकी मां की भारी भरकम गांड पानी की लहरों की तरह लहरा उठ रही थी,,,, दो-चार धक्के और करने के बाद वह अपने लंड को बड़ी जल्दी से अपनी मां की चूत से बाहर निकाला और फिर अपनी बहन की चूत में डाल दिया और उसकी कमर पकड़कर उसे भी छोड़ना शुरू कर दिया क्योंकि वह भी इस सुख की पूरी हकदार थी,,, और इस समय संजू दोनों औरतों के लिए एक मर्द की जिम्मेदारी बहुत बखूबी से निभा रहा था। दोनों के प्यार में संजू बिल्कुल भी फर्क नहीं कर रहा था,,,।
तकरीबन 40 मिनट की घमासान चुदाई के बाद संजू अपनी मां की चूत में अपना गरम लावा निकाल दिया और फिर उसकी पीठ पर हांफने लगा,,,, और फिर इसके बाद तीनों नहा कर जल्दी से तैयार हुए क्योंकि दिन ढल गया था शाम हो रही थी और उन्हें खरीदी करने के लिए थोड़ा दूर जाना था संजू जानबूझकर उन दोनों को दूर खरीदी करने के लिए ले जा रहा था। जहां उन तीनों को कोई नहीं जानता हो। और फिर तीनों एक ही स्कूटी पर खरीदी करने के लिए निकल गए।