sunoanuj
Well-Known Member
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Bahut hi jabardast and kamuk update … gajab likha hai aapne
Ek dum mast or garma garam… updates hai,,अपनी मां की कचोरी जैसी फुली हुई चूत देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था उससे भी रहा नहीं जा रहा था,,, वह अपनी जीभ से अपनी मां की चूत से निकली हुई मलाई को चाटना चाहता था इसलिए केले के तने की तरह मोटी मोटी चिकनी जांघों को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे खोलते हुए,,, संजू अपनी मां की लाल रंग की जालीदार चड्डी को नीचे से पकड़ कर उसके पतले डोरे जैसे छोर को अपनी मां की खुली हुई चूत के दूसरे और खींच कर रख दिया और उसकी चड्डी का वह पतला भाग भी खुली हुई चूत के सहारे एक तरफ टिक गई और संजू की आंखों के सामने उसकी मां की चिकनी चूत गुलाबी मुंह लिए हुए साफ नजर आने लगी,,,,, जिसमें से मदन रस लगातार बह रहा था और अपनी मां की चूत की इस तरह की हालत को देखकर संजू अपने आप को रोक नहीं पाया और अपने प्यासे होठों को अपनी मां की गुलाबी चुत पर रख दिया,,, जैसे आराधना अपने बेटे के होठो को, अपनी चुत के गुलाबी छेंद पर महसूस की,,,वह एकदम से मचल उठी,,, वह अपनी उत्तेजना को बर्दाश्त नहीं कर पाई,, और अपने आप ही उसकी भारी भरकम गांड लिए हुए उसकी कमर ऊपर की तरफ उठ गई,,,, और संजू भी अपनी मां की तड़प देखकर एकदम से तड़प उठा तुरंत अपनी मां की कमर दोनों हाथों से कम कर अपने प्यार से होठों को जोर से उसकी चूत की कटोरी डुबाने की कोशिश करने लगा,,,, आराधना एकदम से मदहोश हो गई और संजु अपनी हरकत को जारी रखते हुए अपनी मां की चूत चाटने लगा,,,,।
संजू की हरकत पूरी तरह से मदहोश कर देने वाली थी जिस तरह से उसने ब्रा में कैद अपनी मां की चूचियों के साथ हरकत किया था वही हरकत वह अपनी मां की चूत के साथ कर रहा था पेंटि में होने के बावजूद भी बिना पैंटी उतारे संजू बड़े आराम से अपनी मां की चूत की मलाई को चाट रहा था,,, संजू अपनी जीभ को अपनी मां की पूरी चुत के ईर्द गिर्द गोल-गोल घूमा रहा था,,,। आराधना अपने बेटे की हरकत से कसमसा रही थी उसकी कमर के नीचे वाला भाग अपने आप कंपन का रहा था,,,, वह चाहती थी कि जल्द से जल्द संजू अपनी जीत को उसकी बुर की गहराई में डालकर उसकी मलाई को कुरेद कुरेद कर चाटे,,,, लेकिन यह बात भी अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा उसे तड़पाने के बाद हीं उसे मस्त करता था,,,। बिस्तर पर घमासान मचा हुआ था,,,, हालांकि अभी चुदाई का युद्ध होना बाकी था लेकिन चुदाई के युद्ध के पहले का अभ्यास जारी था जिसमें दोनों तरफ से बराबर दांव पेंच लडाए जा रहे थे,,,। संजू अपनी मां पर हावि होना चाहता था लेकिन आराधना भी कुछ कम नहीं थी आखिरकार वह थी तो उसकी मां ही इसलिए उसके हर एक दांव पेंच को पलट देती थी,,,। संजू अभी अपनी जीभ को अपनी मां की गुलाबी छेद में डालना नहीं चाहता था लेकिन,, मदहोशी के सागर में डुबकी लगाती हुई आराधना अपनी उत्तेजना को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी इसलिए अपने हाथ आगे बढ़ाकर अपने बेटे के सर पर रखकर उसके बालों को कस के पकड़ ली और फिर अपनी कमर उठाकर जबरदस्ती अपनी गुलाबी बुर को उसके होठों पर रखने लगी और संजू अपनी जीभ को अपनी मां की चूत में डालने के लिए मजबूर हो गया वह भी अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली कचोरी जैसी खुली हुई चूत के आगे बेबस हो गया और उसकी कमर में दोनों हाथों को डालकर उसे कस के पकडते हुए लपालप चाटना शुरू कर दिया,,,, कमरे के अंदर पूरी तरह से आग लग गई जवानी से जवानी टकरा रही थी और बाहर खड़ी मोहिनी जवानी की आग में झुलूस रही थी,,,। वह अपनी मां की तड़प और अपने भाई की हवस देखकर उत्तेजना से पानी पानी हो रही थी,,, और वह अपना अपनी खुद अपनी उंगली डालकर निकालने की कोशिश कर रही थी,,,।।
सहहहहह आहहहहहह,,,, मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है,,,, पूरी जीभ डालकर चाट, आहहहहहह मेरे राजा तू तो मस्त चाटता है,,,।ऊमममममम तूने तो मेरी चूत में आग लगा दिया है,,, ऊफफ,, (ऐसा कहते हुए आराधना अपने बेटे के बालों को दोनों हाथों से कस के पकड़ कर अपनी कमर ऊपर की तरफ उठा देती थी जिसकी वजह से संजू पूरी तरह से मस्त हो जाता था,,,, वह भी अपनी मां के साथ पूरा मजा ले रहा था लेकिन अब समय आ गया था अपनी मां को नंगी करने का इसलिए वह तुरंत पल भर के लिए अपने होठों को अपनी मां की चूत से अलग करके और दोनों हाथों से अपनी मां की चड्डी को पकड़ लिया और एक झटके से खींचता हुआ उसे उतारना शुरू कर दिया,,,भारी भरकम गांड के नीचे पेटी तभी होने की वजह से निकलने में थोड़ा दिक्कत हो रहा था लेकिन अपने बेटे की उत्सुकता और उत्तेजना को देखते हुए आराधना तुरंत अपनी भारी भरकम गांड को एक बार फिर से हवा में उठा दी और मौके की नजाकत को समझते हुए संजू भी बिल्कुल भी देखने की और अपनी मां की चड्डी को खींचकर बाहर निकाल दिया,,,,।
आराधना सब कुछ देख रही थी महसूस कर रही थी कि जितने प्यार से संजू ने उसके लिए चड्डी खरीदा था उतनी प्रेमी से जल्दबाजी दिखाते हुए चड्डी को खींचकर उसके बदन से अलग भी किया था और उसे पूरी तरह से नंगी भी कर दिया था,,, अब दोनों तरफ से हिसाब बराबर हो चुका था फूलों से सजी सेज पर सुहागरात के दिन मां बेटे दोनों संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में थे,,,, ट्यूबलाइट की दुधीया रोशनी में संजू गहरी सांस लेते हुए अपनी मां के खूबसूरत नंगे बदन को देख रहा था और मुस्कुराते हुए बोला,,,।
मेरी रानी तू तो पूरी नंगी होने के बाद स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा जैसी दिखती है,,,,,(अपने बेटे के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर आराधना शर्मा गई और फिर संजू एक बार फिर से उसकी दोनों टांगों को फैला कर अपने प्यास होठों को इसकी गीली चुत पर रख दिया और उसे चाटना शुरू कर दिया,,,, दरवाजे के बाहर खड़ी मोहिनी है सब देखकर मदहोश हो जा रही थी उसकी चूत की आग ठंडी होने का नाम ही नहीं ले रही थी वह अपनी सलवार में अपनी हथेली को डालकर अपनी उंगली से अपनी गुलाबी छेद को कुरेद रही थी लेकिन इतने से उसे कहां शांति मिलने वाली थी कमरे के अंदर वह देख रही थी कि उसका बड़ा भाई और उसकी मां पूरी तरह से नंगी होकर मजा लूट रहे थे और वह दरवाजे के बाहर खड़ी होकर तड़प रही थी,,, इसलिए उससे भी रहा नहीं गया और वह अपने हाथों से अपनी सलवार की डोरी खोलने लगी,,,। वैसे तो अक्सर उन दोनों को खुलकर सुहागरात का मजा लेने देना चाहती थी इसीलिए वह इसमें शामिल होना नहीं चाहती थी,,, हालांकि उसका मन तो बहुत कर रहा था लेकिन फिर भी वह अपने मां पर किसी तरह से काबू किए हुए थे लेकिन अपनी जज्बात पर वह बिल्कुल भी काबू नहीं कर पा रही थी इसलिए अपने हाथों से अपनी सलवार की डोरी खोलकर तुरंत चड्डी सहित वह अपने घुटनों तक अपनी सलवार को खींच दी,,, अपनी हरकत से वह कमर के नीचे नंगी हो गई और फिर अंदर का नजारा देखते हुए मदहोश होकर वह अपनी हथेली को पूरी तरह से अपनी चूत पर रखकर अपनी हथेली में वह उस बेस कीमती खजाने को छुपाली,,, और उत्तेजना रत होकर वह कसके अपनी चूत को अपनी हथेली में दबा ली,,,, अपनी हरकत पर उसे भी बहुत मजा आ रहा था लेकिन सबसे ज्यादा मजा उसे कमरे के अंदर के दृश्य को देखने में आ रहा था जो की पूरी तरह से गर्मा चुका था,,,।
अंदर कमरे में बिस्तर पर धमाल मचा हुआ था आराधना संपूर्ण रूप से नंगी होकर बिस्तर पर चारों खाने चित होकर लेटी हुई थी,,,। उसकी दोनों टांगें फैली हुई थी और उसकी दोनों टांगों के बीच उसका बेटा घुटनों पर बैठकर अपनी मां की दोनों जनों को अपनी हथेली में दबोचे हुए उसकी अपनी ए गुलाबी बुर को चाट रहा था,,,। यह नजारा बेहद काम उत्तेजना से भरा हुआ था,,,, आराधना जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी,,,।
सससहहहह आहहहहहहह,,,, मेरे राजा मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,।ऊफफ,,,,,ऊममममममम्््््,,, कुछ कर अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है,,,,,आहहहहह,,,,,,(संजू के सर को दोनों हाथों से पकड़ कर वह जोर-जोर से उसे अपनी गुलाबी चूत पर रगड़ रही थी और अपने नितंबों को गोल-गोल घूमा रही थी वाकई में आराधना चुदवाने के लिए तड़प रही थी उसकी चूत मोटा तगड़ा लंड मांग रही थी,,,, उसकी हालत पल-पल खराब होती जा रही थी,,,, वह रह रहकर अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठाकर अपनी गुलाबी चूत को अपने बेटे के चेहरे पर रगड़ डालती थी वैसे भी आज संजू ने अपनी मां को कुछ ज्यादा ही तड़पा दिया था,,,,, अब तो उसकी भी हालत खराब हो गई थी अब वह भी अपनी मां की चूत में अपना लंड डालना चाहता था,,,, इसलिए वह भी अपने प्यासे होठों को अपनी मां के निचले होठों से अलग किया,,,, और गहरी सांस लेते हुए अपनी मां की गुलाबी चूत को देखने लगा जो कि उसके मदन रस से और उसके खुद के लार से सना हुआ था इस हालत में अगर कोई भी आराधना की चूत को देख ले तो वह धन्य हो जाए वाकई में इस उम्र में भी उसकी चूत एकदम जवान लड़की की तरह थी एकदम कसी हुई दोनों टांगों के बीच केवल पतली दरार की शक्ल में इस उम्र के दौर में भी मौजूद थी,,,,,, और अपनी मां की चूत को देखते हुए वह अपनी मां से बोला,,,।
आज देखना मेरी रानी जो है तेरी पतली दरार है ना आज उसे चौड़ा कुआं बना दूंगा,,,, देखना तू आज मैं तुझे दिखाता हूं असली चुदाई,,,,
तो दिखाना रे तुझे रोका किसने है तेरे में दम नहीं है तभी तो सिर्फ बातें कर रहा है असली मर्द होता तो करके दिखाता यों बातों से दिल नहीं बहलाता,,,,,
यह बात है मेरी रंडी अब देखना यह तेरी चूत का क्या हाल करता है,,,,(घुटनों के बल बैठते हुए अपने लंड को हिलता हुआ बोला,,,, दरवाजे के पीछे छुप कर देख रही मोहिनी इस नजारे को देखकर और अपनी मां और अपने भाई की बातों को सुनकर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि वह समझ गई थी की असली खेल शुरू होने वाला है,,,,, वह इस बात को भी अच्छी तरह से जानती थी कि उसकी मां संजू को सिर्फ और ज्यादा मदहोश होने के लिए इस तरह की बातें कर रही थी क्योंकि इस बात को तो उसकी मां भी अच्छी तरह से जानती थी कि संजू वाकई में पूरा मर्द था जो एक साथ दो दो औरतों की प्यास बुझाने में सक्षम था और बुझाता भी था,,,, अपनी हरकत से खुद मोहिनी की चूत पानी छोड़ रही थी उसकी उंगलियां भी उसके मदन रस से भीग चुकी थी लेकिन फिर भी वह धीरे-धीरे अपनी चूत में उंगली को अंदर बाहर कर रही थी उसे इतना तो जरूर मालूम था कि जो मजा लड उसे देता है उस मजा की पूर्ति उसकी उंगली नहीं कर सकती थी,,,, लेकिन फिर भी कुछ हद तक उसका प्रयास जारी था अपनी उत्तेजना से लड़ने के लिए,,,,,।
दूसरी तरफ संजू तैयार हो चुका था वह घुटनों के बल बैठ गया था और अपनी मां की कमर पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया था जिसके चलते उसकी आधी गांड उसकी जांघों पर चढ़ गई थी अब उसकी मां का गुलाबी छेंद संजू की आंखों के सामने था और उसके लंड के बेहद करीब संजू के लंड का सुपाडा एकदम आलू बुखारा की तरह बड़ा हो चुका था और वह अपनी मां की चूत में प्रवेश करने के लिए तड़प रहा था,,,,, संजू अपनी मां को और ज्यादा तड़पाना चाहता था गहरी सांस लेते हुए आराधना अपने बेटे की तरफ तो कभी उसके लंड की तरफ देख ले रही थी क्योंकि वह जानती थी कि कुछ ही देर में उसका मोटा तगड़ा लंड उसकी गुलाबी क्षेंद में प्रवेश कर जाने वाला है,,,,। लेकिन संजू के मन में कुछ और चल रहा था संजू अपने मोटे तगड़े लंबे लंड को हाथ में पकड़ कर उसे ऊपर नीचे करके हिलता हुआ अपनी मां की चूत पर पटकने लगा उसका सुपड़ा इतना मोटा था कि जब-जब उसका सुपाड़ा आराधना की चूत से टकराता था उसकी गुलाबी चूत एकदम से उसके सुपाड़े के नीचे दब जाती थी छुप जाती थी,,,, और आराधना अपने बेटे की ईस हरकत से एकदम सिहर उठती थी क्योंकि समझो जिस तरह से अपना लंड उसकी चूत पर पटक रहा था उससे उसके गुलाबी पत्तियों पर उसकी चोट बराबर लग रही थी जिसकी वजह से आराधना को थोड़ा दर्द महसूस होता था लेकिन वह मदहोश हो जा रही थी,,,,, संजू को भी अपना लंड अपनी मां की चूत पर पटकने में बहुत मजा आ रहा था,,,,।
सहहहह आहहहहहह मम्मी मेरी रंडी,,,,आहहहहह बहुत मजा आ रहा है रे,,,,ऊममममम कितनी गर्म छूट है तेरी,,,,,आहहहहहह,,,(संजू अपनी मां की चूत पर अपना लंड पटाते हुए अपने मोटे सुपर को उसको गुलाबी छेद में रगड़ते हुए ऊपर की तरफ निकाल दे रहा था जिससे आराधना एकदम से मत हो जा रही थी और वह उत्तेजना के मारे बिस्तर पर बिजी चादर को अपनी हथेलियां में कस के दबोच ले रही थी,,,,, संजू की उत्तेजना पल पल बढ़ती जा रही थी वह अपने लंड को जड़ से पकड़ कर अपनी मां की चूत पर रखकर वह नाप रहा था कि उसका लंड उसकी मां की चूत की कितनी गहराई तक घुसता है,,,,, और उसके आश्चार्य के बीच उसके लंड का सुपाड़ा उसकी मां की गहरी नाभि तक पहुंच रहा था और वह एकदम हैरान हो गया,,,, वह कभी अपने लंड की तरफ तो कभी अपनी मां के चेहरे की तरफ देख रहा था उसकी मां भी अपने बेटे की हरकत और उसके मन में क्या चल रहा है जान गई थी इसलिए वह भी अपने हाथ की कहानी का सहारा लेकर अपने चेहरे को उठाकर अपनी टांगों के बीच देखने लगी और वह भी हैरान रह गई वैसे तो दोनों रोज ही चुदाई करते थे रोज ही संजू अपनी मां की चूत में लंड डालता था,,, लेकिन पहली बार मां बेटे दोनों को यह एहसास हो रहा था कि वाकई में संजू का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा था इसलिए आराधना आश्चर्य व्यक्त करते हुए बोली,,,।
बाप रे संजू तेरा तो लंड वाकई में बहुत लंबा है तो तो रोज मेरी चूत फाड़ देता है,,,,।
आज भी तेरी चुत की खैर नहीं है,,,,(और इतना कहते हुए संजू अपने लंड की सुपाड़े को अपनी मां की गुलाबी चूत के छेद पर रखकर उसे धीरे-धीरे अंदर की तरफ डालना शुरू कर दिया,,,, और संजू का मोटा सुपाड़ा आराधना की चूत की गीली सड़क को अच्छी तरह से पहचानता था,,, क्योंकि वह आराधना के गुलाबी छेद के अंदरूनी हिस्से के कोने-कोने से वाकिफ था इसलिए बड़े आराम से सड़क की चिकनाहट पाकर वह अंदर की तरफ गुफा में प्रवेश करने लगा,,,, जैसे-जैसे संजू के लंड का सुपड़ा आराधना की चूत के अंदर प्रवेश कर रहा था वैसे-वैसे आराधना के चेहरे का हाव-भाव बदलते जा रहा था,,, ऐसा लग रहा था कि वाकई में आ जा रहा था ना की सुहागरात है और पहली बार वह किसी लंड को अपनी चूत में ले रही है क्योंकि उसका भाव,,, उसके मुंह से निकलने वाली शिसकारी सिहरन सब कुछ नया अंदाज लिए हुए था एक दुल्हन का अंदाज वाकई में जिस तरह का अनुभव अपनी पहली सुहागरात को दुल्हन को बताएं इस तरह का अनुभव एहसास आराधना को भी अपनी आगोश में ले रहा था,,,,।
संजू का मोटा तगड़ा लंड धीरे-धीरे उसकी मां की चूत के अंदर प्रवेश करता चला जा रहा था,,, यह सुहागरात की रात का असर ही था जो रोज अपनी बेटी का लंड लेने वाली आराधना को अपने बेटे का लंड आज कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा लग रहा था ,, संजू कोभी आज एक अलग अनुभव हो रहा था उसे भी अपनी मां की चूत को ज्यादा ही कई हुई महसूस हो रही थी इसलिए तो उसे अपना लंड डालने में मजा आ रहा था संजू बड़े धीरे-धीरे से अपनी मां की चूत के अंदर अपने लंड को घुस रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे आज पहली बार वह किसी चूत में लंड डाल रहा हो,,,, संजू अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से थामे हुआ था और अपनी कमर को आगे की तरफ खेल रहा था यह बेहद काम उत्तेजना भरा दृश्य था जिसे देखकर मोहिनी की हालत खराब हो रही थी और उसकी चूत पानी छोड़ रही थी,,,, वह भी आज हैरान थी क्योंकि उसे भी इस बात का एहसास हो रहा था कि आज संजू का लंड बहुत धीरे-धीरे उसकी मां की चूत में प्रवेश कर रहा था,,,,।
क्या बात है मेरी रानी आज तेरी चुत कुछ ज्यादा ही कसी हुई है,,,,
मेरे राजा मुझे तो लग रहा है कि तेरा लंड को ज्यादा मोटा हो गया,,,,,
तेरी गुलाबी चूत देखकर खुशी के मारा फूल गया है,,,, आज कुछ ज्यादा ही मजा देगी तेरी चुत,,,,(संजू अपनी मां की चिकनी कमर थामे,,, धीरे-धीरे करके अपने आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में प्रवेश करा चुका था,,, लेकिन अभी भी एक तिहाई हिस्सा बाकी था,,, लंबा लंड होने का यही फायदा होता है की चूत में डालने का मजा ही कुछ और होता है,,,,,, और यह मजा संजू के साथ-साथ आराधना भी ले रही थी,,, आराधना के चेहरे के भाव पल-पल बदल रहे थे आज जितना मजा उसे पहले कभी नहीं आया, था,,,।
अंगुल अंगुल करके संजू का लंड उसकी मां की चूत में प्रवेश कर रहा था वाकई में आज सुहागरात वाला ही एहसास दोनों मां बेटे को हो रहा था दोनों कैसा लग रहा था कि जैसे पहली बार दोनों का संगम हो रहा है,,,, संजू को आज काफी मशक्कत उठानी पड़ रही थी,,, वह अपनी जांघों पर अपनी मां की गांड चढ़ाया हुआ था और उसकी गुलाबी क्षेंद में अपना आधे से भी ज्यादा लंड डाल चुका था,,,, लेकिन इतने से ही वह पसीने से तरबतर हो चुका था,,, लेकिन यह उसकी मर्दानी की का ही नतीजा था कि अभी तक उसके लंड ने पानी नहीं फेंका था अगर उसकी जगह कोई नव सीखिए होता तो अब तक न जाने कब का पानी फेंक दिया होता,,,। लेकिन संजू अभी तक बरकरार था अभी तक जो सबसे भरा हुआ था क्योंकि अभी तो शुरुआत थी शुरुआत में ही ढेर हो जाए ऐसा मर्द संजू नहीं था,,,। जब तक औरतों को पूरी तरह से संतुष्टि का एहसास नहीं कर देता तब तक संजू बरकरार ही रहता था इसीलिए तो उसकी मां उसकी दीवानी हो चुकी थी उसकी कायल हो चुकी थी उसकी गुलाम हो चुकी थी,,,।
बाहर से खड़ी होकर मोहिनी यह नजारा अपनी आंखों से देख रही थी अपने भाई को पसीने से तरबतर देखकर वह अपने मन में ही कहने लगी कि आज उसकी मां की खैर नहीं है,,,, वह भी पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी वह पेड़ से ही अपनी सलवार को उतरकर कमर के नीचे एकदम नंगी हो चुकी थी और अपनी चूत में दो उंगली डालकर उसे अंदर बाहर कर रही थी,,,।
आराधना गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों की कहानी के सहारे से अपना चेहरा उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच अच्छी तो दंग रह गई क्योंकि अभी भी संजू का लंड बचा हुआ था पूरा का पूरा घुसा नहीं था इसलिए वह हैरान होते हुए बोली,,,।
हाय दैया तेरा अभी पूरा घुसा नहीं है मेरी तो हालत खराब हो रही है,,,, मेरी चूत में आग लगी हुई है तेरा लंड कुछ ज्यादा है गरम है,,,।
मेरे लंड से ज्यादा तो तेरी छूट गम है मेरी जगह कोई और होता तो तेरी चूत में उसकी मलाई कब की पिघल गई होती,,,,।
तेरे सिवा है कौन मेरी चूत में डालने वाला,,,
यह तो तेरे इशारे की देर है एक बार टांग पैला देगी तो लाइन लग जाएगी तेरी चूत में डालने के लिए,,, तेरी जैसी रसमलाई को पाने के लिए तो दंगे हो जाएंगे,,,
क्या तू चाहता है कि मैं दूसरों के सामने अपनी टांगे खोलु,,,,
खोल कर देख ले,, मेरे जैसा मर्द तुझे मिलेगा नहीं जो तेरी प्यास बुझा सके,,,
तुझे क्या लगता है कि एक तू ही असली मर्द है बहुत मर्द हैं औरतों की प्यास बुझाने के लिए,,,, अभी तक तो तू सिर्फ डाल ही रहा है चोदना शुरू किया ही नहीं और असली मर्द बनता है।