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Incest मजबूरी या जरूरत

Incestlala

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संजू गुलाब जामुन का स्वाद चखते चखते रह गया,, इस बात का मलाल उसे बहुत था,,,उसे पूरा विश्वास था कि स्वादिष्ट व्यंजन की थाली उसे खाने को मिलेगी लेकिन,,, एकाएक उसके सामने परोसी गई थाली हटा ली गई थी,,, इसलिए उसे भूखा ही सोना पड़ा था,,,,लेकिन उसे अपने आप पर विश्वास था कि एक ना एक दिन जरूर वह पेट भरकर भोजन करेगा,,, अपनी भूख को स्वादिष्ट व्यंजन से तृप्त करेगा,,,,

दूसरी तरफ मोहिनी जवानी की दहलीज पर खड़ी होकर दस्तक दे रही थी ऐसे में जो नजारा उसकी आंखों के सामने नजर आया था उसे देखकर उसकी जवानी अपने आप पिघलने लगी थी,,, मोहिनी ने कभी भी एक जवान लंड को अपनी आंखों से देखी नहीं थी उसके दर्शन नहीं किए थे,,, लेकिन पहली बार जब उसे यह मौका मिला तो वह पूरी तरह से मदहोश हो गई,,,,, और वह भी अपने ही भाई का,,, उसे तो लंड के आकार को देखकर उसकी मोटाई को देखकर अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था,,,,,, मोहिनी ऐसे हालात में बहकना नहीं चाहती थी लेकिन इसमें उसकी भी कोई गलती नहीं की जवानी का दौर ही कुछ ऐसा होता है लंड पर नजर पड़ी नहीं कि उसकी चुत फुदकने लगी, वह, मजबूर हो गईऔर उसके पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था इसलिए मजबूरन हुआ है अपने अंदर भड़की आग को शांत करने के लिए अपने ही हाथ का सहारा लेते हुए अपनी चूत को मसल मसल के उसके गुलाबी छेद ने अपनी उंगली डालकर अपने गरम लावा को बाहर निकाल दी,,, इस वाक्ये के बाद मोहिनी की सोच बदलने लगी थी उसका नजरिया बदलने लगा था,,,अब वह बार-बार रात को ऐसे लोगों की तलाश में रहती थी कि उसके भाई का लंड उसे देखने को मिल‌ जाए लेकिन ऐसा हो रही पा रहा था इसलिए उसकी तड़प बढ़ती जा रही थी,,, ऐसे ही ऐसे मैं 10 दिन जैसा गुजर गया इन दिनों में संजू भी यह सोच कर अपनी मां के करीब जाने का प्रयास नहीं किया क्योंकि वह सोचता था कि उसकी मां खुद उसके पास आएगी,,,अपनी मौसी की बदल की प्यास देखकर उसे ऐसा ही लगता था कि उसकी मां में भी उसी की तरह की प्यास भरी होगी और अपनी प्यास बुझाने के लिए वह खुद उसके पास आएगी लेकिन यहां पर संजू की सोच कमजोर पड़ गई थी क्योंकि साधना उसकी मौसी थी और अपने भतीजे के साथ संबंध बनाने में उसे किसी भी प्रकार का एतराज महसूस नहीं हो रहा था लेकिन आराधना उसकी मां थी भले ही संजू अपनी मां की तरफ तुरंत आकर्षित होकर उसके साथ संबंध बनाने के तैयार हो गया था लेकिन आराधना उसकी मां थी उसके लिए इस तरह के संबंध किसी पाप से कम नहीं थे,,, और यह वास्तविक रूप में पापा ही था मां बेटे के बीच इस तरह के शारीरिक संबंध समाज में बिल्कुल भी मंजूर नहीं है,,,।और इस बात को आराधना अच्छी तरह से जानती थी वह अपनी मर्यादा की दीवार को गिराना नहीं चाहती थी ना ही खुद अपनी नजरों में गिर जाना चाहती थी,,,हालांकि दो बार ऐसे क्षण आया जब वह भावनाओं में बहकर अपने बेटे का साथ देने लगी थी लेकिन जल्द ही अपने आप को संभाल भी ली थी,,,,,,,

कुछ दिनों से घर का माहौल शांत था सिर्फ मन के आंतरिक माहौल में हलचल मची हुई थी,,, आराधना मोहिनी और संजू अपने ही मनो मंथन में लगे हुए हैं उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा था कोई राह दिखाई नहीं दे रही थी बस किसी भी तरह से अपनी मंजिल पर पहुंचना चाहते थे संजू का इस तरह से नाराज होना आराधना को अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन जो कुछ भी संजू चाह रहा था उसकी चाह को पूरा करना आराधना के बस में बिल्कुल भी नहीं था,,,, और दूसरी तरफ मोहिनी के दिलों दिमाग पर अलग ही मंजर छाया हुआ था,,,, जब भी वह एकांत में बैठती थी तो हमेशा उसकी आंखों के सामने उसके भाई का खड़ा लंड ही नजर आता था,,,,,, ना जाने क्यों उसकी इच्छा लंड को अपनी चुत के अंदर महसूस करने को कर रही थी,, जिसके लिए वह तड़प रही थी उसकी कामभावना प्रज्वलित हो रही थी,,, ऐसे में उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें,,,,,,,।


रविवार का दिन था और वह अपनी सहेली के घर गई थी जहां से उसकी सहेली अपनी एक्टिवा पर बिठाकर पार्क में यूं ही टहलने के लिए गई थी,,,। दोनों आइसक्रीम लेकर पार्क में एकांत में बैठकर बातें कर रहे थे,,, उसकी सहेली आइसक्रीम खाते हुए,,,।

यार मोहिनी तु ना सच में एकदम बेकार है,,,


ऐसा क्यों,,,?(आइसक्रीम खाते हुए)

इतनी खूबसूरत होने के बावजूद भी अभी तू अकेली है तेरा फिगर कितना कातिल है देखी है कभी,,,


तू भी ना कौन सी बात छेड़ दी,,,


अरे मैं सच कह रही हूं शायद तुझे पता नहीं है कॉलेज के सारे लड़के तेरे चक्कर में पड़े रहते हैं और तू है कि किसी को भाव तक नहीं देती,,,


मुझे भाव देना भी नहीं है,,,।

यही तो तेरी गलती है जवानी का असली मजा तो लड़कों को अपने पीछे गुलाम बनाकर घुमाना है,,, जब बुढी हो जाएगी तब कोई पूछने वाला नहीं, है,,,।

तू क्यों नहीं घुमाती लड़कों को अपने पीछे पीछे,,,

तू नहीं जानती तीन तीन लड़के मेरे पीछे हैं लेकिन मैं जिसे अपना गुलाम बनाना चाहती हूं साला भाव ही नहीं देता,,,


फिर क्यों उसके पीछे पड़ी है छोड़ दे उसको,,,,


अरे नहीं नहीं वह मुझे बहुत अच्छा लगता है और मुझे पूरा यकीन है कि वह मेरे पीछे लट्टु बनकर घूमेगा,,,


क्यों कोई चमत्कार होने वाला है क्या,,,?

चमत्कार होता नहीं मेरी जान चमत्कार करके दिखाना पड़ता है,,,,,,

मैं तेरी बात समझी नहीं,,,


समझेगी भी नहीं तु एकदम बुद्धू है,,,


अरे समझाएगी तभी ना समझ में आएगा,,,,,,( वैसे तो मोहिनी इस तरह की बातों में बिल्कुल भी इंटरेस्ट नहीं लेती थी लेकिन जब से अपने भाई के मोटे तगड़े लंबे लंड का दर्शन कि हैतब से उसका इंटरेस्ट इस तरह की बातों में बट गया था और वो जानती थी कि उसकी सहेली इस तरह की बातें हमेशा करती रहती है इसलिए वहां आज उसकी बातों को सुनने के लिए व्याकुल हो रही थी वह सुनना चाहती थी कि उसकी सहेली क्या कहती है,,, )

अच्छा सुन,,,,,, तुझे मालूम है कि लड़के लड़कियों के पीछे कौन सी लालच से सबसे ज्यादा भागते हैं,,,

नहीं तो,,,

यही तो बात है इतनी जवान और खूबसूरत है लेकिन इन सब बातों में जरा भी इंटरेस्ट नहीं है इन सब बातों में भी इंटरेस्ट लिया कर आगे चलकर यही काम आने वाला है जब पति को खुश करना पड़ेगा और तुझे नहीं आएगा ना तब तुझे छोड़कर वह किसी और के पास चला जाएगा तब तुझे इस बात का एहसास होगा कि कुछ सीख ली होती तो अच्छा होता,,,,

तू है ना सीखाने को,,,


हां मैं तो हू सिर्फ बताने को सिखा नहीं सकती क्योंकि मेरे पास नहीं है तुझे अच्छी तरह से सिखाने के लिए लंड की जरूरत है,,,,।
(अपनी सहेली के मुंह से लंड शब्द सुनते ही मोहिनी के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,, दोनों टांगों के बीच सुरसुराहट सी महसूस होने लगी,,, आज मोहिनी को इस बात का अहसास हुआ कि उसकी सहेली लंड शब्द कितने आराम से और जल्दी से बोल गई अगर उसे बोलना होगा तो उसकी जीभ ही अकड जाएगी,,,, अपनी सहेली की बात सुनकर मोहिनी बोली)

रेणुका तु मुझे बता देती है यही मेरे लिए बहुत है,,,(इतना कहकर दोनों हंसने लगे तो रेणुका अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली)

अच्छा सुन मैं तुझे बताती हूं मुझे सब पता है कि तुझे सिखाने के लिए मेरी ही जरूरत पड़ेगी,,,,(दोनों आइसक्रीम खा चुकी थी और आज के पास में भी बड़े डस्टबिन में डाल कर वापस टेबल पर बैठ गई थी) मैं तुझे बताती हूं कि लड़के लड़कियों के पीछे किस लालच की वजह से सबसे ज्यादा पड़े रहते हैं,,,,लड़कों को लड़कियों में सबसे ज्यादा इंटरेस्ट उनकी रूचि होती है तो सिर्फ लड़कियों के दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में,,,


पतली दरार में,,,(मोहिनी आश्चर्य जताते हुए बोली)



पतली दरार मतलब चूत मेरी जान,,,, अच्छा तु चुत बोल कर बता,,,, तभी मैं तुझे सब कुछ बताऊंगी,,,


यह क्या कहने को कह रही है यार मैंने आज तक इस शब्द को नहीं बोली,,,

तभी तो मैं हैरान हूं अपने ही अंग का नाम तो अगर नहीं ले सकती तो क्या खाक सीख पाएगी,,, चल जाने दे तेरे बस का बात नहीं है चल घर चलते हैं,,,(इतना कहने के साथ ही वह उठ कर खड़ी हो गई तो उसका हाथ पकड़ कर बैठाते हुए मोहिनी बोली,,,)


यार तू तो अजीब सा जीद लेकर बैठ जाती है,,,


नहीं आज तो बिल्कुल नहीं जब तक तू अपने मुंह से चुत नहीं बोलेगी तब तक तुझे कुछ नहीं बताऊंगी,,,।
(मोहिनी रेणुका को नाराज नहीं करना चाहती थी आज उसकी मुंह से कुछ सीखना चाहती थी उसकी बातों पर इसीलिए गौर कर रही थी क्योंकि उसे लगने लगा था कि अब उसकी जिंदगी में भी रेणुका की बातें काम आने वाली है,,, इसलिए ना चाहते हुए भी उसकी बात मानते हुए मोहिनी बोली,)

अच्छा अच्छा,,,, बोलती हूं तू ऐसे मानेगी नहीं,,,, बोलना क्या है,,,?


चुत बोलना है मेरी जान,,,, अब बोल,,,

अरे बोलती हूं इतनी जल्दी क्यों है तुझे,,,

अच्छा बोल,,,,
(मोहिनी को आगे की बात सुनने के लिए उसे चूत शब्द बोलना ही था लेकिन झूठ बोलने से पहले उसके चेहरे का हाव भाव पलभर में ही बदलता हुआ नजर आ रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह चूत कैसे अपने होठों से निकाले फिर भी हिम्मत करके वह लड़खडाते शब्दों में बोली,,,)

चचचच,,चुत,,,,,, अब बस,,,,(इतना कहते हुए मोहिनी की सांसे ऊपर नीचे होने लगी है देख कर रेणुका हंसने लगी मोहिनी ने पहली बार अपने मुंह से चुत शब्द बोली थी इसलिए वह पूरी तरह से इन दो शब्दों को बोलने में उत्तेजित हो गई थी,,, उसे अपनी पेंट गीली होती हुई महसूस हो रही थी रेणुका को इस तरह से हंसते हुए देखकर मोहिनी बोली,,,)

अब हंसते ही रहेगी या बोलेगी भी,,,

हां हां बोलती हुं,, सच कहूं तो तेरे मुंह से चूत शब्द सुनकर मेरी चुत फड़फड़ाने लगी,,,,(और यही हाल मोहिनी का भी हो रहा था जिस तरह से रेणुका एकदम खुलकर‌ चुत शब्द बोल रही थी चूत फड़फड़ाना बोल रही थी यह सब सुनकर मोहिनी की चूत पनियाने लगी थी,,, रेणुका अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,) देख दुनिया के सभी लड़के लड़कियों और औरतों की चूत के पीछे ही भागते हैं,,,जब तक उन्हें चोदने को चोदने मिल जाती तब तक बहुत लड़कियों की हर एक बात मानते उनकी हर एक ख्वाहिश पूरी करते हैं,,, यह सारा माजरा सिर्फ चूत (अपना हाथ सीधे-सीधे मोहिनी की चूत पर रखते हुए) का है,,,।


आहहहह,,, क्या कर रही है यार,,,


अरे तुझे बता रही हूं कि सारा खेल चुत का ही है,,,
(रेणुका की बातें मोहिनी को पानी-पानी कर रही थी,,, रेणुका की बात सुनकर मोहिनी बोली,,)


तो अब तू क्या करेगी उस लड़के को अपने पीछे पीछे घुमाने के लिए जिसे तू पसंद करती हैं,,,,(मोहिनी यह सवाल सिर्फ जानने के लिए पूछी थी कि एक लड़के को दीवाना कैसे बनाया जाता है अपने पीछे पीछे पागलों की तरह कैसे घुमाया जाता है क्योंकि अब उसे भी यह तरीका सीखना था,,)


अरे बहुत आसान है मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे आइडिया की वजह से वह मेरा गुलाम बन जाएगा लेकिन सच बताऊं मैं उसे इतनी जल्दी अपनी चुत देने वाली नहीं हूं,,,

धत्,,, यह क्या बोल रही है,,,


अरे बुद्धू यह तो जरूरी है,,, जब ऐसा लड़का तुम्हारा दीवाना बन जाए जिसे तुम पसंद करती हो तो एक ना एक दिन तो उसे अपनी चूत देना ही होगा क्योंकि वह उसी के लिए तुम्हारे पीछे पीछे घूम रहा होगा और जब तुम बार-बार से इनकार करोगी तो एक दिन छोड़कर चला जाएगा दूसरे के पीछे सब तुम्हारी सारी मेहनत बेकार चली जाएगी,,,,

(रेणुका का की यह बात सुनकर मोहिनी अपने मन में सोचने लगी कि किसी को अपना गुलाम बनाने के लिए उससे से चुदवाना ही पड़ेगा,,,)

चल ठीक है उसी तड़पाने के बाद दे देना लेकिन उसे अपना दीवाना बनाएगी कैसे यह तो बता,,,


अरे यही तो तुझे बताने जा रही हूं,,,, अभी अभी मैंने तुझे बताई नाकि लड़के लड़कियों की चूत के पीछे पागल है तू तो उसे किसी न किसी बहाने से अपनी चूत के दर्शन करा दूंगी और मेरी चूत देखने के बाद वह पागल हो जाएगा और मेरे पीछे लार टपकाते हुए घूमता रहेगा,,,,

(अपनी सहेली रेणुका की यह बात और उसका इरादा जानकर मोहिनी के तन बदन में आग लगने लगी उत्तेजना /भड़कने लगी,,,)


अरे लेकिन बताएं कि कैसे क्या सीधे जाकर उसके सामने अपनी सलवार उतार कर खड़ी हो जाएगी,,,



अरे नहीं मेरी जान ऐसे दिखाने में वह मजा नहीं है ऐसे तो वहां समझेगा कि वह जानबूझकर दिखा रही है,,,


फिर कैसे दिखाएगी,,,

दिख रही है ना मैं क्या पहनी हूु,,


हां शॉर्ट फ्रॉक,,,,


बस फिर क्या,,,, उसके सामने टेबल पर बैठ जाऊंगी और टांगों को किसी न किसी बहाने कुर्सी पर रखकर या थोड़ा फैलाकर बैठ जाऊंगी उसे मेरी चूत दीखना ही दीखना है और उसके बाद तो कुछ बोलने की जरूरत नहीं है खुद लार टपका ता हुआ मेरे पीछे-पीछे आएगा,,,, ऊताऊं कैसे दिखाऊंगी,,,,(मोहिनी कुछ बोल पाती इससे पहले ही रेणुका पार्क में इधर-उधर देखकर तसल्ली कर लेने के बाद तुरंत अपनी दोनों टांगों को टेबल पर बैठे हुए हैं थोड़ा सा फैलाई और सबसे नजरें बचाकर अपनी फ्रॉक को थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठा दी और मोहिनी की आंखों के सामने जो नजारा नजारा है उसे देख कर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई,,, केवल 3 या 4 सेकंड के लिए रेणुका ने अपनी फ्रॉक को ऊपर की तरफ उठाई थी इतने में मोहिनी को रेणुका का सारा भुगोल नजर आने लगा था,,, और रेणुका ने हंसते हुए फिर से फ्रॉक को व्यवस्थित करके बैठ गई,,,,।


बाप रे रेणुका,,, फ्रॉक के नीचे तो तूने कुछ भी नहीं पहनी है,,,

तो क्या हुआ अभी से प्रैक्टिस शुरू कर दी हु,,, सच कहूं तो फ्रॉक के नीचे पेंटी ना पहनने से कितना हल्का-हल्का महसूस हो रहा है बहुत अच्छा लग रहा है,,,।


बाप रे तू कितनी बेशरम है,,,(मोहिनी आश्चर्य से आंखें फाड़े बोली,,)

सच कहूं मोहिनी जिंदगी का मजा बेशर्म बनने में ही है,,, तू अपने आप को ही देख ले इतनी खूबसूरत है सेक्सी है लेकिन शर्म कब घर में छोड़कर तुझे अपनी खूबसूरती का जरा भी आनंद मिल रहा है,,, साली अगर मे तेरी जगह होती ना तक ना जाने कितने लड़कों को पागल बना दी होती और अपनी चूत का उद्घाटन भी करवा दी होती,,,


तू सच में बहुत हारामी है,,,,।
(फ्रोक के नीचे रेणुका ने पेंटी नहीं पहनी थी वह फ्रॉक के नीचे एकदम नंगी थी यह जानकर और देख कर मोहिनी की चूत में हलचल सी मचने लगी पहली बार मोहिनी किसी अपनी हम उम्र लड़की की चूत को देख रही थी एकदम क्लीन एकदम चिकनी बाल का रेशा तक नहीं था और एकदम थोड़ी हुई और एक बात पर और मोहिनी ने गौर की थी कि उसकी चूत के पतली दरार में से पानी की बूंद किसी मोती की दाने की तरह उभर कर बाहर आई थी,,,, यह देख कर मोहिनी के तन बदन में हलचल सी मच गई थी,,, रेणुका मुस्कुरा रहे थे और मोहिनी हैरान थी,,,)
मुझे तो बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा है कि तुम इतनी दूर है कि वह चला कर और वह भी बिना पैंटी पहने आ गई है कोई देख लेता तो,,,


अरे यार किसी को अगर मेरी चूत नजर भी आ जाती तो घर जाकर लंड हिला कर शांत हो जाता,,,

और कुछ रह गया है तो वह भी बोल दे,,,(लंड हिलाने वाली बात सुनकर हैरानी जताते हुए मोहिनी बोली,,)

अरे यार लड़की भी इस तरह से आपस में बातें करते रहते तो हम लड़कियों को भी तरह से बातें करना चाहिए इसमें हर्ज ही क्या है,,,।


हर्ज तो कुछ नहीं है लेकिन,,, यह सब तानसेन किसके लिए है किस को दिखाना चाहती है तू अपनी चूत,,,(इस बार उत्तेजित स्वर में मोहिनी चूत शब्द बोल दी यह सुनकर रेणुका मुस्कुराने लगी और बोली,,)

अरे यार मेरे ही पड़ोस का लड़का है मुझ से 2 साल बड़ा है और मुझे ट्यूशन पढ़ाने आता है सच में इतना हैंडसम है ना कि वह मेरे पास बैठकर जब पढ़ाता है तो अपने आप ही मेरी चूत गीली होने लगती है,,,


तू नहीं सुधरेगी,,,


सुधारना होता तो इतना तामझाम थोड़ी ना करती मैं तो कह रही हूं कि तू इतनी खूबसूरत है तू भी किसी को अपनी चूत की झलक दिखा दे फिर देख जिंदगी का मजा,,,


ना बाबा ना रहने दे तू,,,


साली ऐसे ही इंकार करती रही नाकिसी दिन गलती से भी तेरे भाई ने तेरी चुत देख लिया ना तो वह तेरे पीछे हाथ धोकर पड़ जाएगा,,, और तेरी चूत मारे बिना शांत नहीं होगा ,,,,वैसे तेरा भाई भी बहुत हैंडसम है मेरा दिल उसपर भी आया हुआ है लेकिन वह भी साला तेरे जैसा ही है एक दम सीधा-साधा,,,।
(अनजाने में ही रेणुका ने उसके भाई का जिक्र छेड़ कर और वह भी इस तरह के मादक मुद्दे पर जिसे सुनकर मोहिनी के तन बदन में खलबली सी मचनें लगी वह अपने मन में सोचने लगी कि उसके भाई ने क्यों उसकी चूत के दर्शन नहीं किया लेकिन उसने अपने भाई के लंड के दर्शन कर चुकी है,,,और अपने भाई के लंड के दर्शन करने के बाद जो हलचल उसे अपने बदन में महसूस हुई थी उसे शांत करने के लिए उसे पहली बार अपने हाथ का सहारा लेना पड़ा था उस बात को याद करके उसके तन बदन में आग सी लगने लगी और वह अपने मन में सोचने लगी कि जब अपने भाई के लंड को देखकर पूरी तरह से मतवाली हो गई थी तो अगर उसका भाई उसकी चूत के दर्शन कर लेगा तो उसका क्या हाल होगा,,, फिर तो रेणुका जो कह रही है वैसा ही हो जाएगा उसका भाई भी उसकी चूत का दीवाना हो जाएगा,,,,मोहिनी अपने मन में यही सब सोच रही थी कि रेणुका अपना पर्स लेकर खड़ी हो गई और चलने के लिए तैयार हो गई पीछे पीछे मोहिनी भी चल पड़ी लेकिन अब उसका दिमाग घूमने लगा था रेणुका की बताई युक्ति को वह अब अपने भाई पर आजमाना चाहती थी,,,, लेकिन कैसे उसे समझ में नहीं आ रहा था ,,,,,।
Superb superb update mast
 

Vinita

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अपने मन में सोचने लगी कि जब अपने भाई के लंड को देखकर पूरी तरह से मतवाली हो गई थी तो अगर उसका भाई उसकी चूत के दर्शन कर लेगा तो उसका क्या हाल होगा,,, फिर तो रेणुका जो कह रही है वैसा ही हो जाएगा उसका भाई भी उसकी चूत का दीवाना हो जाएगा,,,,मोहिनी अपने मन में यही सब सोच रही थी कि रेणुका अपना पर्स लेकर खड़ी हो गई और चलने के लिए तैयार हो गई पीछे पीछे मोहिनी भी चल पड़ी लेकिन अब उसका दिमाग घूमने लगा था रेणुका की बताई युक्ति को वह अब अपने भाई पर आजमाना चाहती थी,,,, लेकिन कैसे उसे समझ में नहीं आ रहा था ,,,,,।
शानदार 👏👏👏
 

rohnny4545

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अपने मन में सोचने लगी कि जब अपने भाई के लंड को देखकर पूरी तरह से मतवाली हो गई थी तो अगर उसका भाई उसकी चूत के दर्शन कर लेगा तो उसका क्या हाल होगा,,, फिर तो रेणुका जो कह रही है वैसा ही हो जाएगा उसका भाई भी उसकी चूत का दीवाना हो जाएगा,,,,मोहिनी अपने मन में यही सब सोच रही थी कि रेणुका अपना पर्स लेकर खड़ी हो गई और चलने के लिए तैयार हो गई पीछे पीछे मोहिनी भी चल पड़ी लेकिन अब उसका दिमाग घूमने लगा था रेणुका की बताई युक्ति को वह अब अपने भाई पर आजमाना चाहती थी,,,, लेकिन कैसे उसे समझ में नहीं आ रहा था ,,,,,।
शानदार 👏👏👏
Thanks
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Ati uttam or kamukta se bharpoor update n दिया है रोनी भाई
अब वो अपने भाई पर ही ट्रै करेगी ये सब, ओर मुझे लगता है की वो तो इंतज़ार ही इस चीज का ।।
 

Sanju@

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दूसरे दिन सुबह संजू को जरा भी शक नहीं हुआ कि रात को उसकी बहन मोहिनी ने उसके लंड के दर्शन कर लिए हैं और उसके लंड को देखते हुए पहली बार अपने हाथों से ही झड़ गई है,,,, मोहिनी के जीवन में बदलाव लाने वाली यह पहली रात थी,, जिसके बारे में उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी,,, रात को जो कुछ नहीं हुआ था उसने उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हुई थी,,, पहली बार वह अपनी मौसी के मुंह से गंदी गंदी बातों को सुनकर उत्तेजित हुई थी और,,दूसरी बार कल रात को अनजाने में ही अपने भाई के झंडे के दर्शन कर ली थी इससे पहले वह लंड की भूगोल आकार,, के बारे में बिल्कुल भी नहीं जानती थी कल रात को ही वह लंड से उसके आकार से उसके संपूर्ण भूगोल से मुखातिब हुई थी भले ही वह उसे छूकर उसे अपने अंदर महसूस नहीं कर पाई थी लेकिन फिर भी उसे देखने के बाद जो उत्तेजना का संचार उसके बदन में हुआ था उसके चलते वह पूरी तरह से काम विभोर हो गई थी,,, और अपने हाथ से ही अपनी चूत को मसलना शुरू कर दी थी,,, और अपनी चूत के गुलाबी चूत में उंगली डालकर अपना काम रस भी बाहर निकाल दी थी,,, अपने भाई के लंड को देखकर उसके ऊपरी हिस्से के गोलार्ध के बारे में सोचकर ही अभी भी हैरान थी,,, जो कि शायद अधिकांशतः जवान होती लड़कियों में यह सहज ही होता है,, लंड के आकार को लेकर उसकी मोटाई को लेकरउनके मन में यही शंका रहती है कि इतना मोटा और लंबा लंड उनकी चूत में घुस पाएगा कि नहीं,,, और यही शंका मोहिनी के मन में भी पैदा हो गई थी,,,,,, अब अपने भाई को देखने का उसका नजरिया बदलता जा रहा था सुबह से जब जब उसकी नजर अपने भाई पर पड़ी थी तब तक उसके मन में वही दृश्य नजर आने लगता था,,,बार-बार अनजाने में ही महीने की नजर अपने भाई के दोनों टांगों के बीच चली जाती थी और वह उसके लंड के बारे में कल्पना करने लगती थी,,।

और दूसरी तरफ अपनी मां के विकार से संजू थोड़ा चिंतित हो गया था और व्यथित भी,,,क्योंकि जो कुछ भी उसकी मां ने रात को की थी,,,और शाम को दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ था उसे देखते हुए,, उसकी उसने कल्पना नहीं किया था उसे लगा था कि सब कुछ अच्छे तरीके से हो जाएगा,, लेकिन ऐन मौके पर उसकी मां ने उसे झटका दे दिया,,, संजू एकदम से तडप उठा,, उसके लंड की हालत एकदम से खराब हो गई,,, क्योंकि जब तक उसकी मां ने उससे दूर नहीं हुई थी तब तक उसे ऐसा ही लग रहा था कि आज कि वह अपनी मां की दोनों टांगों के बीच होगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया हालांकि संजू ने अपना उद्देश्य बताते हुए अपनी मां की आंखों का चुंबन करने के साथ ही ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया था,,,, आराधना दो बच्चों की मां थी इसलिए उसे इतना तो आभास हो गया था कि उसका लड़का उसके साथ क्या करना चाहता है उसके मन में क्या चल रहा है और एक हद तक वह भी अपनी बेटी का सहकार देने के लिए तैयार हो गई थी और एक नई खुशी की उमंग उसके तन बदन को झकझोर कर रख दे रही थी लेकिन मौके पर उसकी आत्मा ने ऐसा करने से इंकार कर दिया,,,,और वह अपने बेटे का दिल तोड़ते हुए अपने कमरे का दरवाजा बंद कर दी,,, संजू आहत था,, व्यथित था,, परेशान था,,, एकाएक उसके हाथों से एक अच्छे मौके को छीन लिया गया था ऐसा लग रहा था कि उसके मुंह में आया नहीं वाला किसी ने जबरदस्ती करते हुए छीन लिया था,,,,, संजू किसी भी तरह से अपनी मां को बनाना चाहता था उसका यह व्यवहार उसे अच्छा नहीं लगा था,,,,, जब से वह अपनी मां को पूरी तरह से नंगी देखा था तब से उसके बदन की मादकता उसकी खुशबू उसके दिलो-दिमाग पर पूरी तरह से छा चुकी थी,,, जिसकी मादकता में वह पूरी तरह से अपनी मां की जवानी के नशे में खो गया था,,,,,।

इसलिए मोहिनी और अपने पापा के जाते ही वह अपनी मां से बात करने के लिए रसोई घर में चला गया,,,आराधना भी उसे ठीक से नजर नहीं मिला पा रही थी क्योंकि संजू को देखते ही उसे शाम और रात वाली बात याद आने लगती थी कि किस तरह से उसका सगा बेटा,,, काम भावना से लिप्त होकर,, उसे चोदने के लिए तड़प रहा है उसके अंगों से खेलने के लिए मचल रहा है,,, जिस तरह से वहउसे गुलाबी होठों को अपने मुंह में लेकर उसके रस को चूस रहा था उससे आराधना पूरी तरह से हैरान थी कि यह सब संजू ने कहां सीखा और ब्लाउज के ऊपर से ही जिस तरह से चूचियों को दबाना था उसे देखते हुए आराधना को अपने बेटे की हरकत बेहद अजीब लगी अजीब इसलिए कि वह अपने बेटे को अच्छी तरह से जानती थी लड़कियों से वह शर्माता,,, नहीं उसकी कोई गर्लफ्रेंड थी तो वह इस तरह की हरकत किया कैसे,,,, जिस तरह से वह जोर लगाता हुआ,, ब्लाउज के ऊपर से चूचियों को दबा रहा था आराधना को आभास हो गया था कि,,, उसके बेटे को ही अच्छी तरह से मालूम था कि औरतों की चूचियां दबाने में मजा आता है,,,,, और शाम को जिस तरह से वह उसे अपनी बाहों में लेकर उसके होठों का रसपान कर रहा था और साथ ही उसकी बड़ी बड़ी गांड पर अपनी हथेलियां रखकर दबाते हुए उसे अपनी तरफ खींच रहा था और अपनी मोटे तगड़े लंड की ठोकर उसकी चूत पर साड़ी के ऊपर से ही मार रहा था वह सब देखकर महसूस करके आराधना पूरी तरह से समझ गई थी कि उसका बेटा उसका पूरी तरह से दीवाना हो चुका है उसे चोदना चाहता है लेकिन यह सब हरकत वह सीखा कहां से ऐसे तो संस्कार उसके बिल्कुल भी नहीं थे उसे तो अपने बेटे पर नाज होता था और जहां तक जिस तरह से अपने पति से मारपीट के दौरान हुआ बीच-बचाव किया था तब से तो उसके मन में अपने बेटे के लिए इज्जत और बढ़ गई थी वह अपने बेटे को अपना सहारा समझने लगी थी लेकिन,,,, अपनी मां के साथ ही इस तरह के काम भावना दिखाने पर वह हैरान थी,,,फिर वह अपने मन में सोचने लगी कि आखिर क्यों ना एक जवान लड़का अपने ही घर में अपनी मां के प्रति आकर्षित होगा,,, क्योंकि घर में माहौल ही कुछ इस तरह से था रात को मारपीट गालियां देना गंदी गंदी बातें करना और उसके पति के द्वारा अपने ही बेटे को लेकर लगाया गया इल्जाम,,,, यह सब सोचकर आराधना अपने आप से भी जैसे बात करते हुए अपने मन में बोली इन सब को सुनकर ही उसका बेटा इस कदर खराब हुआ है खास करके वह बात की अपने ही बेटे के साथ चुदवाती है,,, संजू रात भर दो उन लोगों की हर एक बात सुनता था गंदी गंदी गाली गलौज के साथ साथ अपने आप को लेकर अपनी मां के साथ शारीरिक संबंध जैसे इल्जाम यह सब उसके मन पर गहरा प्रभाव कर रहा था और यही सब सुनकर वह अपने मन में कल्पना करने लगा था और धीरे-धीरे अपनी मा के प्रति आकर्षित होने लगा था,,,और उसकी यह काम भावना और ज्यादा प्रज्वलित तब हो गई होगी जब वह बीच-बचाव करने के लिए कमरे में दाखिल हुआ था और उस समय वह पूरी तरह से नंगी होकर बिस्तर पर लेटी हुई थी,,, तभी तो वह पागलों की तरह उसके नंगे बदन को खोले जा रहा था शायद इससे पहले वह कभी किसी औरत को नंगी नहीं देखा था इसीलिए वह दृश्य उसके मन पर गहरा प्रभाव डालने लगा जिस के वशीभूत होकर,,, वह अपनी ही मां को चोदने के लिए तैयार हो गया,,,यही सब सोचते हुए आराधना खाना बना रही थी और उसी समय संजू उधर आ गया था कि उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी और ना ही संजू की,,,, लेकिन किसी भी तरह से संजू अपनी मां को मनाना चाहता था ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी प्रेमिका उससे रुठ गई हो,,,,,,

किचन में आते ही औपचारिक रूप से नाश्ते के लिए पूछा तो उसकी मां ने बिना कुछ बोले नाश्ता देकर वहीं पास में रखी नाश्ते की प्लेट उठाते हुए संजू बोला,,,।

क्या हो गया मम्मी तुम को नाराज क्यों हो,,,


मैं नाराज नहीं हूं,,,

नाराज तो लग रही हो,,, अगर नाराज ना होती तो रात को यु दरवाजा बंद ना कर लेती,,,


सजु तु समझता क्यों नहीं है जैसा तू सोच रहा है वैसा कुछ भी होने वाला नहीं है,,, हम दोनों के बीच इस तरह का रिश्ता कभी नहीं होने वाला क्योंकि हम दोनों मां बेटे हैं,,,।


तो क्या हुआ मां बेटे के पहले तुम एक औरत हो और मैं एक मर्द तुम्हारी भी कुछ जरूरते है ख्वाहिशें है,,,


संजु तू पागल हो गया है,,, तु एकदम से बदल गया है,,, लेकिन तू ही चेहरा सोच है क्या एक मां और बेटे के बीच शारीरिक संबंध नैतिक रूप से संभव है,,, क्या तेरे जैसा बेटा अपनी मां के साथ इस तरह के गंदे रिश्ते को स्थापित करने के लिए तड़पता है जो कि मुमकिन ही नहीं है,,,।


तुम ऐसा कैसे कह सकती हो मम्मी,,,चारदीवारी के बीच क्या होता है यह जमाने को कहां पता चलता है,,, जैसा मैं सोच रहा हूं वैसा शायद दूसरे लड़के कर चुके हो,, कौन जानता है,,,,,,


नहीं नहीं मैं नहीं मानती,,, यह सब तेरे मन की उपज है,,,,,(रोटी को तवे पर रखते हुए बोली)

मम्मी तुम समझने की कोशिश क्यों नहीं करती तुम जिसे करने के लिए कतरा रही हो ऐसा हो भी सकता है कि घर की चारदीवारी के बीच ना जाने कितने घरों में इस तरह के रिश्ते पनप रहे हो,,,, मर्यादा और संस्कार के आगे भी औरत की नई जिंदगी होती है जिसमें वह खुल कर जीना चाहती है,,,तुम ही सोच लो अगर कल रात को हम दोनों के बीच कुछ हो गया होता तो यह बात क्या बाहर वालों को पता चलता,,, कभी नहीं पता चलता,,,,, यह राज सिर्फ हम दोनों के ही बीच रहता,,,,


तेरे संस्कार भटक गए हैं तु वासना में अंधा हो चुका है,,,संजु,,,

अंधा नहीं हुं,,, तुम्हारी आंखों पर मर्यादा और संस्कार का पर्दा पड़ चुका है तो अपनी ख्वाहिशों को अपनी जरूरतों को अपनी मर्यादा की दीवार में दबा दे रही हो एक औरत होने के नाते तुम्हें इस बात का अहसास होना चाहिए कि तुम्हें क्या चाहिए,,, पेट की भूख के साथ-साथ तुम्हें तन की भी फुर्सत आती है लेकिन तुम अपनी उस भूख को दबा रही हो,,, मैं जानता हूं कि तुम पापा के साथ बिल्कुल भी खुश नहीं हो,,,,।
(अपने बेटे की बातों को सुनकर आ रहा था ना पूरी तरह से हैरान थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब बातें संजू कहां से सीखा औरतों को क्या जरूरत है क्या नहीं यह सब उसे कहां से पता चला,,,लेकिन वहां अपने मन में सोचने लगी थी जो कुछ भी उसका बेटा कह रहा है उसमें सच्चाई है जिसे वह चाह कर भी नहीं छुपा सकती,,, फिर भी अपने बेटे की बात का जवाब देते हुए वह बोली,,,)

बहुत बड़ा हो गया है तू तुझे पता चलने लगा कि औरतों की ख्वाहिश क्या है जरूरते क्या है,,,(आराधना गुस्से में बोली)

एक बेटे के नजरिए से सागर मुझे तुम्हारा दुख दर्द ही नजर आता लेकिन एक मर्द के नजरिए से तुम्हारे खूबसूरत बदन में छुपी हुई तुम्हारी जरूरते तुम्हारी ख्वाहिशें नजर आती है तुम्हारी बदन की भुख नजर आती है जो कि पूरी नहीं हो पा रही है,,,,


और उसे तो पूरा करना चाहता है यही ना,,,


पापा ने भी तो हम दोनों पर यही इल्जाम भी लगाया है,,,


और तू उस एग्जाम को हकीकत का रुप देना चाहता है,,,हे ना,,,


मम्मी तुम समझने की कोशिश क्यों नहीं करती जब से मैंने तुम्हें पूरी तरह से नंगी देखा हूं तब से ना जाने मुझे क्या हो गया,,,(संजू हिम्मत जुटाकर अपने मन की बात बताते हुए बोला ,,) मेरी रातों की नींद हराम हो गई है,,,
(अपने बेटे की यह बात सुनते ही आराधना के बदन में भी सिहरन सी दौड़ने लगी,,,क्योंकि उसे इस बात का आभास है कि इस उम्र में लड़के जवान लड़कियों के पीछे भागते हैं और उसका बेटा है कि उसके नंगे बदन को देखकर उसका दीवाना हो गया है,,, फिर भी अपने बेटे की बात सुनकर वह बोली,,)


क्यों दीवाना हो गया इससे पहले कभी किसी औरत को नंगी नहीं देखा,,,(जानबूझकर आराधना इस सवाल सेअपने बेटे के मुंह से यह जानना चाहते थे कि क्या इससे पहले भी वह किसी औरत को नंगी देख चुका है या उसके जीवन में वह पहली औरत है जिसे वह बिना कपड़ों के पहली बार देखा था,,)


मैंने कभी नहीं देखा मैंने अपनी जिंदगी में सबसे पहले नंगी औरत को सिर्फ तुम्हें देखा और तुम्हें नंगी देखने के बाद पता चला कि तुम कितनी ज्यादा खूबसूरत हो,,,,(संजू के जीवन में सबसे पहली बिना कपड़ों के आने वाली औरत थी उसकी खुद की मौसी यानी उसकी मां की बड़ी बहन लेकिन संजू इस बात को अपनी मां के आगे जाहीर नहीं होने देना चाहता था इसलिए बात को छुपा ले गया था,, पर संजू की यह बात सुनकर जो अभी तक पूरी तरह से गुस्से में थे अब वही आराधना नरम पड़ने लगी थी,,,अपने बेटे की बात सुनकर उसे ना जाने क्यों अपने आप पर गर्व होने लगा था,,,उसे यह महसूस होने लगा था कि 2 बच्चों की मां होने के बावजूद भी उसके बदन का कसाव एकदम जवानी के दिनों का ही था और यह बात तो खुद उसके बेटे ने हीं अपने मुंह से उसे बताया था,,,, अपने बेटे की बात सुनकर आराधना का मन थोड़ा शांत हो रहा था लेकिन वह अपने मन की शांति को अपने चेहरे पर बिल्कुल भी नहीं आने देना चाहती थी,,। इसलिए गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,)

देख समझो तू जो कुछ भी कह रहा है एक औरत के लिए वह सब अच्छा लगता होगा लेकिन एक मां के लिए नहीं समझ रहा है ना मैं तेरी मां हूं और तेरी इन बातें मुझ पर बिल्कुल भी शोभा नहीं देती और ना ही तुझे यह सब कहने मैं शोभा देती है,,,

शोभा दे या ना दे लेकिन जो मुझे सच लग रहा है मैं वही कह रहा हूं,,,


तुझे मैं खूबसूरत लगी तो इसका मतलब थोड़ी नहीं कि तू मेरे साथ कुछ भी करेगा,,,आखिर तुझे रिश्ता और मर्यादा का भी तो ख्याल रखना चाहिए,,।


और तुम्हारी जरूरत का क्या,,, क्या तुम्हारा मन नहीं करता संतुष्ट होने का कोई तुम्हें प्यार करें अपनी बाहों में कस के भरे,,, तुम्हें वह खुशियां दें जिसकी तुम हकदार हो,,, ना की मारपीट गाली-गलौज जबरदस्ती का प्यार इन सब चीजों के लिए तुनटम नहीं बनी हो मम्मी,,,, परिवार संभालने में पति की सेवा करने में और संस्कार और मर्यादा से घिरे रहने में शायद तुम्हें भूल गई हो कि तुम कितनी ज्यादा खूबसूरत हो तुम्हारी जरूरत है क्या है शायद तुम आईना देखना भूल गई हो,,, उस इंसान के साथ जबरदस्ती खुश रहने की कोशिश करती हो जो तुम्हें बिल्कुल भी नहीं चाहता ना तो तुम्हारी इज्जत करता है,,, और खुद तुम्हें अपने ही बेटे के साथ चुदवाने का इल्जाम भी लगा चुका है,,,।
(अपने बेटे के मुंह से चुदवाना शब्द सुनते ही वह एकदम से सिहर उठी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसका बेटा इन सब बातों को ऐसे गंदे शब्दों को कहां सीख कर आया लेकिन तभी वह अपने मन में सोची,,, जो लड़का अपनी मां को चोदने की कोशिश कर सकता है तो क्या वह इन सब बातों को नहीं जानता होगा,,,,,,, लेकिन फिर भी अपने बेटे की बातों को सुनकर अपने बदन में उत्तेजना महसूस करने लगी, अपने बेटे की बात सुनकर बोली,,,)

संजू तो तुम बिगड़ गया है तुझे अपनी ही मां से इस तरह की गंदी बातें करने में बिल्कुल भी शर्म नहीं आ रही है,,,,


मुझे बहुत शर्म आती है मुझे यह सब नहीं करना चाहिए,,, तुम्हारे बारे में जिस तरह की मैंने बात की वैसे भी नहीं बोलना चाहिए लेकिन क्या करूं मैं जानता हूं कि तुम अंदर से दुखी हूं अपने ही पति से संतुष्ट नहीं हूं इसलिए डरता हूं,,,


डरता हूं,,, किस लिए डरता है,,,(आराधना आश्चर्य जताते हुए बोली,,,)


मैं कहना तो नहीं चाहता लेकिन तुम नहीं समझ रही हो तो मैं तुम्हें बताता हूं,,, तुम्हारी जो हालत है वैसे ही एक मेरे दोस्त की हालत है क्योंकि मेरा बहुत ही जिगरी दोस्त है उसी ने मुझे बताया था और मुझे कसम दिया था किस बारे में किसी को मत बताना लेकिन मैं तुम्हें बता रहा हूं,,,


क्या,,,,?

यही कि उसकी मां भी तुम्हारे जैसी ही खूबसूरत है लेकिन अपने पति से बिल्कुल भी खुश नहीं है ऐसा नहीं है क्या उसके पति काम नहीं करते मेरे दोस्त के घर किसी चीज की कमी नहीं है बस उसकी मां को कमी रहती है कि उसका पति उसे संतुष्ट नहीं कर पाता और इसीलिए वहां तंग आकर,,, बाहर सुख ढूंढने लगी अपनी प्यास बुझाने के लिए वह गैर मर्दों का सहारा लेने लगी और धीरे-धीरे उसकी आदत हो गई अब तो वह जब कोई नहीं होता तो घर पर ही बुलाकर चुदवाती है,,,(एक बार फिर से संजू ने एकदम साफ और गंदे लफ्जों में बोला,, लेकिन अपने बेटे की बात सुनकर आराधना समझ गई और गुस्से में बोली,,)

तो तुझे क्या लगता है किस बात का डर लगता है कि मैं भी बाहर जाकर किसी और से संबंध बनाओगी दूसरे मर्दों को अपने घर पर लाऊंगी तो पागल हो गया है मुझे इतना गिरा हुआ समझता है,,,।


नहीं मम्मी मैं तुम्हारी तुलना उस औरत से नहीं कर रहा हूं क्योंकि तुम कई मायने में उस औरत से बहुत अच्छी हो लेकिन दोनों की एक ही बात सामान नहीं कि दोनों अंदर से प्यासी है,,, तुम भी उसी की तरह प्यासी हो,,, इसलिए मुझे डर लगता है,,,,। मेरे अंदर यही डर था जो मै रिश्तो की मर्यादा को लांघ कर आगे बढ़ जाना चाहता था,,, मैं नहीं चाहता था कि तुम्हारी हालत उस औरत की तरह हो जाए जो की चाह कर भी पीछे आना नामुमकिन हो,,,, बस यही कहना था,,,,
(पर इतना कहने के साथ ही अपना बैठाया और जाने लगा नाश्ते की प्लेट वैसे ही थी उसने कुछ भी नहीं खाया था तो आराधना पीछे से आवाज लगाते हुए बोली,,)

नाश्ता तो कर ले,,,

लेकिन संजू कुछ बोला नहीं और घर से बाहर चला गया आराधना उसे जाते हुए देखती रह गई आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,, अपने बेटे की अपने दोस्त की मां वाली बात सुनकर उसे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था लेकिन वह जानती थी कि हालत कैसी भी हो वह उसके दोस्त की मां की तरह तो बिल्कुल भी नहीं बनेगी जो कि यह बात संजू अपने ही फायदे के लिए मनगडंत कहानी बताया था,,,,,संजू के जाने के बाद आराधना एकदम सोच में पड़ गई उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कोई राह दिखाई नहीं दे रही थी अपने मन में सोचने लगी कि क्या वाकई में उसका बेटा उसके दोस्त की मां की तरह हालत ना हो जाए इसलिए खुद उसे संतुष्ट करने की जिम्मेदारी उठाया था,,, अगर ऐसा भी है तो भी तो अपने दोस्त की मां की हालत का वर्णन करते हुए अपनी मां के साथ गलत संबंध बनाना यह तो गलत ही है,,,, आराधना को कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन सच में जिस तरह से खुले शब्दों में चुदाई वाली बात किया था उसके मुंह से चुद वाना सब को सुनकर आराधना अंदर ही अंदर उत्तेजित हुए जा रही थी,,,, वह इन सब बातों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना चाहती थी क्योंकि यह सब बातें उसे कमजोर बना रहे थे और वह कमजोर नहीं बनना चाहती थी किसी भी हालत में वह मां बेटे के बीच के रिश्ते को तार-तार नहीं करना चाहती थी इसलिए अपने आप पर काबू करके अपना ध्यान घर के काम में लगा कर अपने आप को व्यस्त करने लगी,,,।
दूसरे दिन सुबह संजू को जरा भी शक नहीं हुआ कि रात को उसकी बहन मोहिनी ने उसके लंड के दर्शन कर लिए हैं और उसके लंड को देखते हुए पहली बार अपने हाथों से ही झड़ गई है,,,, मोहिनी के जीवन में बदलाव लाने वाली यह पहली रात थी,, जिसके बारे में उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी,,, रात को जो कुछ नहीं हुआ था उसने उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हुई थी,,, पहली बार वह अपनी मौसी के मुंह से गंदी गंदी बातों को सुनकर उत्तेजित हुई थी और,,दूसरी बार कल रात को अनजाने में ही अपने भाई के झंडे के दर्शन कर ली थी इससे पहले वह लंड की भूगोल आकार,, के बारे में बिल्कुल भी नहीं जानती थी कल रात को ही वह लंड से उसके आकार से उसके संपूर्ण भूगोल से मुखातिब हुई थी भले ही वह उसे छूकर उसे अपने अंदर महसूस नहीं कर पाई थी लेकिन फिर भी उसे देखने के बाद जो उत्तेजना का संचार उसके बदन में हुआ था उसके चलते वह पूरी तरह से काम विभोर हो गई थी,,, और अपने हाथ से ही अपनी चूत को मसलना शुरू कर दी थी,,, और अपनी चूत के गुलाबी चूत में उंगली डालकर अपना काम रस भी बाहर निकाल दी थी,,,
मोहिनी की कल्पना




अपने भाई के लंड को देखकर उसके ऊपरी हिस्से के गोलार्ध के बारे में सोचकर ही अभी भी हैरान थी,,, जो कि शायद अधिकांशतः जवान होती लड़कियों में यह सहज ही होता है,, लंड के आकार को लेकर उसकी मोटाई को लेकरउनके मन में यही शंका रहती है कि इतना मोटा और लंबा लंड उनकी चूत में घुस पाएगा कि नहीं,,, और यही शंका मोहिनी के मन में भी पैदा हो गई थी,,,,,, अब अपने भाई को देखने का उसका नजरिया बदलता जा रहा था सुबह से जब जब उसकी नजर अपने भाई पर पड़ी थी तब तक उसके मन में वही दृश्य नजर आने लगता था,,,बार-बार अनजाने में ही महीने की नजर अपने भाई के दोनों टांगों के बीच चली जाती थी और वह उसके लंड के बारे में कल्पना करने लगती थी,,।



और दूसरी तरफ अपनी मां के विकार से संजू थोड़ा चिंतित हो गया था और व्यथित भी,,,क्योंकि जो कुछ भी उसकी मां ने रात को की थी,,,और शाम को दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ था उसे देखते हुए,, उसकी उसने कल्पना नहीं किया था उसे लगा था कि सब कुछ अच्छे तरीके से हो जाएगा,, लेकिन ऐन मौके पर उसकी मां ने उसे झटका दे दिया,,, संजू एकदम से तडप उठा,, उसके लंड की हालत एकदम से खराब हो गई,,, क्योंकि जब तक उसकी मां ने उससे दूर नहीं हुई थी तब तक उसे ऐसा ही लग रहा था कि आज कि वह अपनी मां की दोनों टांगों के बीच होगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया हालांकि संजू ने अपना उद्देश्य बताते हुए अपनी मां की आंखों का चुंबन करने के साथ ही ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया था,,,,


आराधना दो बच्चों की मां थी इसलिए उसे इतना तो आभास हो गया था कि उसका लड़का उसके साथ क्या करना चाहता है उसके मन में क्या चल रहा है और एक हद तक वह भी अपनी बेटी का सहकार देने के लिए तैयार हो गई थी और एक नई खुशी की उमंग उसके तन बदन को झकझोर कर रख दे रही थी लेकिन मौके पर उसकी आत्मा ने ऐसा करने से इंकार कर दिया,,,,और वह अपने बेटे का दिल तोड़ते हुए अपने कमरे का दरवाजा बंद कर दी,,, संजू आहत था,, व्यथित था,, परेशान था,,, एकाएक उसके हाथों से एक अच्छे मौके को छीन लिया गया था ऐसा लग रहा था कि उसके मुंह में आया नहीं वाला किसी ने जबरदस्ती करते हुए छीन लिया था,,,,, संजू किसी भी तरह से अपनी मां को बनाना चाहता था उसका यह व्यवहार उसे अच्छा नहीं लगा था,,,,, जब से वह अपनी मां को पूरी तरह से नंगी देखा था तब से उसके बदन की मादकता उसकी खुशबू उसके दिलो-दिमाग पर पूरी तरह से छा चुकी थी,,, जिसकी मादकता में वह पूरी तरह से अपनी मां की जवानी के नशे में खो गया था,,,,,।

इसलिए मोहिनी और अपने पापा के जाते ही वह अपनी मां से बात करने के लिए रसोई घर में चला गया,,,आराधना भी उसे ठीक से नजर नहीं मिला पा रही थी क्योंकि संजू को देखते ही उसे शाम और रात वाली बात याद आने लगती थी कि किस तरह से उसका सगा बेटा,,, काम भावना से लिप्त होकर,, उसे चोदने के लिए तड़प रहा है उसके अंगों से खेलने के लिए मचल रहा है,,, जिस तरह से वहउसे गुलाबी होठों को अपने मुंह में लेकर उसके रस को चूस रहा था उससे आराधना पूरी तरह से हैरान थी कि यह सब संजू ने कहां सीखा और ब्लाउज के ऊपर से ही जिस तरह से चूचियों को दबाना था उसे देखते हुए आराधना को अपने बेटे की हरकत बेहद अजीब लगी अजीब इसलिए कि वह अपने बेटे को अच्छी तरह से जानती थी लड़कियों से वह शर्माता,,, नहीं उसकी कोई गर्लफ्रेंड थी तो वह इस तरह की हरकत किया कैसे,,,, जिस तरह से वह जोर लगाता हुआ,, ब्लाउज के ऊपर से चूचियों को दबा रहा था आराधना को आभास हो गया था कि,,, उसके बेटे को ही अच्छी तरह से मालूम था कि औरतों की चूचियां दबाने में मजा आता है,,,,, और शाम को जिस तरह से वह उसे अपनी बाहों में लेकर उसके होठों का रसपान कर रहा था और साथ ही उसकी बड़ी बड़ी गांड पर अपनी हथेलियां रखकर दबाते हुए उसे अपनी तरफ खींच रहा था और अपनी मोटे तगड़े लंड की ठोकर उसकी चूत पर साड़ी के ऊपर से ही मार रहा था वह सब देखकर महसूस करके आराधना पूरी तरह से समझ गई थी कि उसका बेटा उसका पूरी तरह से दीवाना हो चुका है उसे चोदना चाहता है लेकिन यह सब हरकत वह सीखा कहां से ऐसे तो संस्कार उसके बिल्कुल भी नहीं थे उसे तो अपने बेटे पर नाज होता था और जहां तक जिस तरह से अपने पति से मारपीट के दौरान हुआ बीच-बचाव किया था तब से तो उसके मन में अपने बेटे के लिए इज्जत और बढ़ गई थी वह अपने बेटे को अपना सहारा समझने लगी थी लेकिन,,,, अपनी मां के साथ ही इस तरह के काम भावना दिखाने पर वह हैरान थी,,,फिर वह अपने मन में सोचने लगी कि आखिर क्यों ना एक जवान लड़का अपने ही घर में अपनी मां के प्रति आकर्षित होगा,,, क्योंकि घर में माहौल ही कुछ इस तरह से था रात को मारपीट गालियां देना गंदी गंदी बातें करना और उसके पति के द्वारा अपने ही बेटे को लेकर लगाया गया इल्जाम,,,, यह सब सोचकर आराधना अपने आप से भी जैसे बात करते हुए अपने मन में बोली इन सब को सुनकर ही उसका बेटा इस कदर खराब हुआ है खास करके वह बात की अपने ही बेटे के साथ चुदवाती है,,, संजू रात भर दो उन लोगों की हर एक बात सुनता था गंदी गंदी गाली गलौज के साथ साथ अपने आप को लेकर अपनी मां के साथ शारीरिक संबंध जैसे इल्जाम यह सब उसके मन पर गहरा प्रभाव कर रहा था और यही सब सुनकर वह अपने मन में कल्पना करने लगा था और धीरे-धीरे अपनी मा के प्रति आकर्षित होने लगा था,,,और उसकी यह काम भावना और ज्यादा प्रज्वलित तब हो गई होगी जब वह बीच-बचाव करने के लिए कमरे में दाखिल हुआ था और उस समय वह पूरी तरह से नंगी होकर बिस्तर पर लेटी हुई थी,,, तभी तो वह पागलों की तरह उसके नंगे बदन को खोले जा रहा था शायद इससे पहले वह कभी किसी औरत को नंगी नहीं देखा था इसीलिए वह दृश्य उसके मन पर गहरा प्रभाव डालने लगा जिस के वशीभूत होकर,,, वह अपनी ही मां को चोदने के लिए तैयार हो गया,,,यही सब सोचते हुए आराधना खाना बना रही थी और उसी समय संजू उधर आ गया था कि उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी और ना ही संजू की,,,, लेकिन किसी भी तरह से संजू अपनी मां को मनाना चाहता था ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी प्रेमिका उससे रुठ गई हो,,,,,,

किचन में आते ही औपचारिक रूप से नाश्ते के लिए पूछा तो उसकी मां ने बिना कुछ बोले नाश्ता देकर वहीं पास में रखी नाश्ते की प्लेट उठाते हुए संजू बोला,,,।

क्या हो गया मम्मी तुम को नाराज क्यों हो,,,


मैं नाराज नहीं हूं,,,

नाराज तो लग रही हो,,, अगर नाराज ना होती तो रात को यु दरवाजा बंद ना कर लेती,,,


सजु तु समझता क्यों नहीं है जैसा तू सोच रहा है वैसा कुछ भी होने वाला नहीं है,,, हम दोनों के बीच इस तरह का रिश्ता कभी नहीं होने वाला क्योंकि हम दोनों मां बेटे हैं,,,।
संजु अपनी मां के साथ


तो क्या हुआ मां बेटे के पहले तुम एक औरत हो और मैं एक मर्द तुम्हारी भी कुछ जरूरते है ख्वाहिशें है,,,


संजु तू पागल हो गया है,,, तु एकदम से बदल गया है,,, लेकिन तू ही चेहरा सोच है क्या एक मां और बेटे के बीच शारीरिक संबंध नैतिक रूप से संभव है,,, क्या तेरे जैसा बेटा अपनी मां के साथ इस तरह के गंदे रिश्ते को स्थापित करने के लिए तड़पता है जो कि मुमकिन ही नहीं है,,,।


तुम ऐसा कैसे कह सकती हो मम्मी,,,चारदीवारी के बीच क्या होता है यह जमाने को कहां पता चलता है,,, जैसा मैं सोच रहा हूं वैसा शायद दूसरे लड़के कर चुके हो,, कौन जानता है,,,,,,


नहीं नहीं मैं नहीं मानती,,, यह सब तेरे मन की उपज है,,,,,(रोटी को तवे पर रखते हुए बोली)

मम्मी तुम समझने की कोशिश क्यों नहीं करती तुम जिसे करने के लिए कतरा रही हो ऐसा हो भी सकता है कि घर की चारदीवारी के बीच ना जाने कितने घरों में इस तरह के रिश्ते पनप रहे हो,,,, मर्यादा और संस्कार के आगे भी औरत की नई जिंदगी होती है जिसमें वह खुल कर जीना चाहती है,,,तुम ही सोच लो अगर कल रात को हम दोनों के बीच कुछ हो गया होता तो यह बात क्या बाहर वालों को पता चलता,,, कभी नहीं पता चलता,,,,, यह राज सिर्फ हम दोनों के ही बीच रहता,,,,


तेरे संस्कार भटक गए हैं तु वासना में अंधा हो चुका है,,,संजु,,,



अंधा नहीं हुं,,, तुम्हारी आंखों पर मर्यादा और संस्कार का पर्दा पड़ चुका है तो अपनी ख्वाहिशों को अपनी जरूरतों को अपनी मर्यादा की दीवार में दबा दे रही हो एक औरत होने के नाते तुम्हें इस बात का अहसास होना चाहिए कि तुम्हें क्या चाहिए,,, पेट की भूख के साथ-साथ तुम्हें तन की भी फुर्सत आती है लेकिन तुम अपनी उस भूख को दबा रही हो,,, मैं जानता हूं कि तुम पापा के साथ बिल्कुल भी खुश नहीं हो,,,,।
(अपने बेटे की बातों को सुनकर आ रहा था ना पूरी तरह से हैरान थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब बातें संजू कहां से सीखा औरतों को क्या जरूरत है क्या नहीं यह सब उसे कहां से पता चला,,,लेकिन वहां अपने मन में सोचने लगी थी जो कुछ भी उसका बेटा कह रहा है उसमें सच्चाई है जिसे वह चाह कर भी नहीं छुपा सकती,,, फिर भी अपने बेटे की बात का जवाब देते हुए वह बोली,,,)

बहुत बड़ा हो गया है तू तुझे पता चलने लगा कि औरतों की ख्वाहिश क्या है जरूरते क्या है,,,(आराधना गुस्से में बोली)

एक बेटे के नजरिए से सागर मुझे तुम्हारा दुख दर्द ही नजर आता लेकिन एक मर्द के नजरिए से तुम्हारे खूबसूरत बदन में छुपी हुई तुम्हारी जरूरते तुम्हारी ख्वाहिशें नजर आती है तुम्हारी बदन की भुख नजर आती है जो कि पूरी नहीं हो पा रही है,,,,


और उसे तो पूरा करना चाहता है यही ना,,,


पापा ने भी तो हम दोनों पर यही इल्जाम भी लगाया है,,,


और तू उस एग्जाम को हकीकत का रुप देना चाहता है,,,हे ना,,,


मम्मी तुम समझने की कोशिश क्यों नहीं करती जब से मैंने तुम्हें पूरी तरह से नंगी देखा हूं तब से ना जाने मुझे क्या हो गया,,,(संजू हिम्मत जुटाकर अपने मन की बात बताते हुए बोला ,,) मेरी रातों की नींद हराम हो गई है,,,
(अपने बेटे की यह बात सुनते ही आराधना के बदन में भी सिहरन सी दौड़ने लगी,,,क्योंकि उसे इस बात का आभास है कि इस उम्र में लड़के जवान लड़कियों के पीछे भागते हैं और उसका बेटा है कि उसके नंगे बदन को देखकर उसका दीवाना हो गया है,,, फिर भी अपने बेटे की बात सुनकर वह बोली,,)


क्यों दीवाना हो गया इससे पहले कभी किसी औरत को नंगी नहीं देखा,,,(जानबूझकर आराधना इस सवाल सेअपने बेटे के मुंह से यह जानना चाहते थे कि क्या इससे पहले भी वह किसी औरत को नंगी देख चुका है या उसके जीवन में वह पहली औरत है जिसे वह बिना कपड़ों के पहली बार देखा था,,)


मैंने कभी नहीं देखा मैंने अपनी जिंदगी में सबसे पहले नंगी औरत को सिर्फ तुम्हें देखा और तुम्हें नंगी देखने के बाद पता चला कि तुम कितनी ज्यादा खूबसूरत हो,,,,(संजू के जीवन में सबसे पहली बिना कपड़ों के आने वाली औरत थी उसकी खुद की मौसी यानी उसकी मां की बड़ी बहन लेकिन संजू इस बात को अपनी मां के आगे जाहीर नहीं होने देना चाहता था इसलिए बात को छुपा ले गया था,, पर संजू की यह बात सुनकर जो अभी तक पूरी तरह से गुस्से में थे अब वही आराधना नरम पड़ने लगी थी,,,अपने बेटे की बात सुनकर उसे ना जाने क्यों अपने आप पर गर्व होने लगा था,,,उसे यह महसूस होने लगा था कि 2 बच्चों की मां होने के बावजूद भी उसके बदन का कसाव एकदम जवानी के दिनों का ही था और यह बात तो खुद उसके बेटे ने हीं अपने मुंह से उसे बताया था,,,, अपने बेटे की बात सुनकर आराधना का मन थोड़ा शांत हो रहा था लेकिन वह अपने मन की शांति को अपने चेहरे पर बिल्कुल भी नहीं आने देना चाहती थी,,। इसलिए गुस्सा दिखाते हुए बोली,,,)

देख समझो तू जो कुछ भी कह रहा है एक औरत के लिए वह सब अच्छा लगता होगा लेकिन एक मां के लिए नहीं समझ रहा है ना मैं तेरी मां हूं और तेरी इन बातें मुझ पर बिल्कुल भी शोभा नहीं देती और ना ही तुझे यह सब कहने मैं शोभा देती है,,,

शोभा दे या ना दे लेकिन जो मुझे सच लग रहा है मैं वही कह रहा हूं,,,


तुझे मैं खूबसूरत लगी तो इसका मतलब थोड़ी नहीं कि तू मेरे साथ कुछ भी करेगा,,,आखिर तुझे रिश्ता और मर्यादा का भी तो ख्याल रखना चाहिए,,।


और तुम्हारी जरूरत का क्या,,, क्या तुम्हारा मन नहीं करता संतुष्ट होने का कोई तुम्हें प्यार करें अपनी बाहों में कस के भरे,,, तुम्हें वह खुशियां दें जिसकी तुम हकदार हो,,, ना की मारपीट गाली-गलौज जबरदस्ती का प्यार इन सब चीजों के लिए तुनटम नहीं बनी हो मम्मी,,,, परिवार संभालने में पति की सेवा करने में और संस्कार और मर्यादा से घिरे रहने में शायद तुम्हें भूल गई हो कि तुम कितनी ज्यादा खूबसूरत हो तुम्हारी जरूरत है क्या है शायद तुम आईना देखना भूल गई हो,,, उस इंसान के साथ जबरदस्ती खुश रहने की कोशिश करती हो जो तुम्हें बिल्कुल भी नहीं चाहता ना तो तुम्हारी इज्जत करता है,,, और खुद तुम्हें अपने ही बेटे के साथ चुदवाने का इल्जाम भी लगा चुका है,,,।
(अपने बेटे के मुंह से चुदवाना शब्द सुनते ही वह एकदम से सिहर उठी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसका बेटा इन सब बातों को ऐसे गंदे शब्दों को कहां सीख कर आया लेकिन तभी वह अपने मन में सोची,,, जो लड़का अपनी मां को चोदने की कोशिश कर सकता है तो क्या वह इन सब बातों को नहीं जानता होगा,,,,,,, लेकिन फिर भी अपने बेटे की बातों को सुनकर अपने बदन में उत्तेजना महसूस करने लगी, अपने बेटे की बात सुनकर बोली,,,)

संजू तो तुम बिगड़ गया है तुझे अपनी ही मां से इस तरह की गंदी बातें करने में बिल्कुल भी शर्म नहीं आ रही है,,,,


मुझे बहुत शर्म आती है मुझे यह सब नहीं करना चाहिए,,, तुम्हारे बारे में जिस तरह की मैंने बात की वैसे भी नहीं बोलना चाहिए लेकिन क्या करूं मैं जानता हूं कि तुम अंदर से दुखी हूं अपने ही पति से संतुष्ट नहीं हूं इसलिए डरता हूं,,,


डरता हूं,,, किस लिए डरता है,,,(आराधना आश्चर्य जताते हुए बोली,,,)


मैं कहना तो नहीं चाहता लेकिन तुम नहीं समझ रही हो तो मैं तुम्हें बताता हूं,,, तुम्हारी जो हालत है वैसे ही एक मेरे दोस्त की हालत है क्योंकि मेरा बहुत ही जिगरी दोस्त है उसी ने मुझे बताया था और मुझे कसम दिया था किस बारे में किसी को मत बताना लेकिन मैं तुम्हें बता रहा हूं,,,


क्या,,,,?

यही कि उसकी मां भी तुम्हारे जैसी ही खूबसूरत है लेकिन अपने पति से बिल्कुल भी खुश नहीं है ऐसा नहीं है क्या उसके पति काम नहीं करते मेरे दोस्त के घर किसी चीज की कमी नहीं है बस उसकी मां को कमी रहती है कि उसका पति उसे संतुष्ट नहीं कर पाता और इसीलिए वहां तंग आकर,,, बाहर सुख ढूंढने लगी अपनी प्यास बुझाने के लिए वह गैर मर्दों का सहारा लेने लगी और धीरे-धीरे उसकी आदत हो गई अब तो वह जब कोई नहीं होता तो घर पर ही बुलाकर चुदवाती है,,,(एक बार फिर से संजू ने एकदम साफ और गंदे लफ्जों में बोला,, लेकिन अपने बेटे की बात सुनकर आराधना समझ गई और गुस्से में बोली,,)

तो तुझे क्या लगता है किस बात का डर लगता है कि मैं भी बाहर जाकर किसी और से संबंध बनाओगी दूसरे मर्दों को अपने घर पर लाऊंगी तो पागल हो गया है मुझे इतना गिरा हुआ समझता है,,,।


नहीं मम्मी मैं तुम्हारी तुलना उस औरत से नहीं कर रहा हूं क्योंकि तुम कई मायने में उस औरत से बहुत अच्छी हो लेकिन दोनों की एक ही बात सामान नहीं कि दोनों अंदर से प्यासी है,,, तुम भी उसी की तरह प्यासी हो,,, इसलिए मुझे डर लगता है,,,,। मेरे अंदर यही डर था जो मै रिश्तो की मर्यादा को लांघ कर आगे बढ़ जाना चाहता था,,, मैं नहीं चाहता था कि तुम्हारी हालत उस औरत की तरह हो जाए जो की चाह कर भी पीछे आना नामुमकिन हो,,,, बस यही कहना था,,,,
(पर इतना कहने के साथ ही अपना बैठाया और जाने लगा नाश्ते की प्लेट वैसे ही थी उसने कुछ भी नहीं खाया था तो आराधना पीछे से आवाज लगाते हुए बोली,,)

नाश्ता तो कर ले,,,

लेकिन संजू कुछ बोला नहीं और घर से बाहर चला गया आराधना उसे जाते हुए देखती रह गई आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,, अपने बेटे की अपने दोस्त की मां वाली बात सुनकर उसे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था लेकिन वह जानती थी कि हालत कैसी भी हो वह उसके दोस्त की मां की तरह तो बिल्कुल भी नहीं बनेगी जो कि यह बात संजू अपने ही फायदे के लिए मनगडंत कहानी बताया था,,,,,संजू के जाने के बाद आराधना एकदम सोच में पड़ गई उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कोई राह दिखाई नहीं दे रही थी अपने मन में सोचने लगी कि क्या वाकई में उसका बेटा उसके दोस्त की मां की तरह हालत ना हो जाए इसलिए खुद उसे संतुष्ट करने की जिम्मेदारी उठाया था,,, अगर ऐसा भी है तो भी तो अपने दोस्त की मां की हालत का वर्णन करते हुए अपनी मां के साथ गलत संबंध बनाना यह तो गलत ही है,,,, आराधना को कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन सच में जिस तरह से खुले शब्दों में चुदाई वाली बात किया था उसके मुंह से चुद वाना सब को सुनकर आराधना अंदर ही अंदर उत्तेजित हुए जा रही थी,,,, वह इन सब बातों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना चाहती थी क्योंकि यह सब बातें उसे कमजोर बना रहे थे और वह कमजोर नहीं बनना चाहती थी किसी भी हालत में वह मां बेटे के बीच के रिश्ते को तार-तार नहीं करना चाहती थी इसलिए अपने आप पर काबू करके अपना ध्यान घर के काम में लगा कर अपने आप को व्यस्त करने लगी,,,।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है
मोहिनी अपने भाई का लन्ड देखकर उत्तेजित हो गई और अपनी बूर में उंगली डालकर अपने आप को शांत कर लिया वही आराधना अपने बेटे के बारे में सोच कर उत्तेजित हो रही है वही एक रिश्ता मां बेटे का दोनो के बीच आ रहा है वह अपने बेटे को समझाती है कि उनके बीच कुछ भी नही हो सकता है लेकिन संजू को तो अपनी मां से बहुत प्यार है देखते हैं आगे क्या होता है
 
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