• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest मजबूरी या जरूरत

Hunk1988

Active Member
1,771
2,051
144
बहुत ही सुन्दर और बेहतरीन अपडेट है
आराधना की दीदी ने तो मर्दों को रिझाने के नए। तरीके बता रही है देखते हैं की ये रमेश क्या करता है
Sadhana to chudai ka coaching center khol sakti h bhai,nice update
 

Hunk1988

Active Member
1,771
2,051
144
Shandar update Rohnny Bhai,

Sadhna ne Aaradhna ko kaafi gyan diya he, lekin mujhe lagta he agar dusre kamre me Sonu hota to jyada achcha rehta,.....

Dekhte he Aaradhna ki Aaardhna kitni safal hote he............
Mohini ab sara gyan sun k Sonu pr hi try kregi,baap ko to aradhana k liye hi chor degi ,wase v Sonu ko patana jyada asan h,Sonu ko v to chudiyo ki khanak ka pta h ki andar kya chal raha hota h, mohini Sonu se hi chudegi
 

Hunk1988

Active Member
1,771
2,051
144
लाजबाब प्रस्तुति
कामुकता के रोमांच को गहराईयो में ले जाने की आपकी कला जबरदस्त है, इसे मौसी के सहारे आराधना की के प्रति जो कामुकता पैदा की है उसे बिना सेक्स करवाए कई एपिसोड तक बनाये रखियेगा, धीरे धीरे कामुक संवाद जो उतेजना होती है उसका मजा ही अलग है, हो सके तो gif use कीजिये 🙏
Aap ki kaamukta jagi ya nhi ye padh kr,gili to jarur ho gyi hogi tumhari chunmuniya
 

Hunk1988

Active Member
1,771
2,051
144
साधना की उत्सुकता और लालसा बढ़ती जा रही थी,,, आज ना जाने क्यों उसका मन अपने भतीजे की तरफ आकर्षित होता चला जा रहा था,,,, बाथरूम में जिस तरह का नजारा अनजाने में उसके भतीजे ने देख लिया था अब साधना जानबूझकर अपनी जवानी का जलवा उसे दिखाना चाहती थी और शायद यह जलवा दिखाकर उसे हलवा भी चखाना चाहती थी,,,, और ऐसे में भला संजु क्यों इंकार करने वाला था,,, वह भी एक जवान लड़का था,,, खूबसूरत औरत और लड़कियों के प्रति उसके मन में भी उसी तरह की कामेच्छा जागती थी,,, जिस तरह से दुसरे लड़कों के मन में जागती थी,,, और इसीलिए भला संजू क्यों पीछे हटने वाला था,,,,।
Sadhna



दोनों का दिल जोरों से धड़क रहा था साधना को अच्छी तरह से मालूम था कि ट्यूबलाइट के जलते ही उसकी रोशनी में उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी संजू की आंखों के सामने होगी और उसे पूरा विश्वास था कि उसकी मदमस्त नंगी जवानी को देखकर संजू बहकने पर मजबूर हो जाएगा और यही बात संजू की अच्छी तरह से जानता था वह भी अपनी मौसी की जवानी की एक झलक देखना चाहता था उसके नंगे पन को देखना चाहता था हालांकि बाथरूम में वह पहले ही अपनी मौसी को पेशाब करते हुए देख चुका था उसकी बड़ी बड़ी गांड उसके होश उड़ा चुकी थी,, और उसका आंसर अभी भी उसके दिलो-दिमाग पर छाया हुआ था,,,।


कमरे में चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा था अंधेरे में सोने की आदत संजू और मोहिनी को बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन उसकी मौसी जानबूझकर लाइट बंद करा दी थी हालांकि उसे भी अंधेरे में सोने की बिल्कुल भी आदत नहीं थी लेकिन आज उसके मन में कुछ और चल रहा था और उसी के चलते अंधेरे का फायदा उठाना चाहती थी,,,, संजू उसी तरह से अंधेरे में उसके पास बैठा हुआ था और उसकी साधना मौसी उसे लाइट चालू करने के लिए बोली थी और लाइट चालू करके यह देखने के लिए की चादर किधर है,,,, और साधना ने धीरे से चादर को अपनी गांड के नीचे दबा ली थी ताकि संजू को वह चादर उसकी कामेच्छा बिंदु के पास ही नजर आए और उसकी नजर चादर के साथ-साथ सीधे उसके टांगों के बीच पड़े,,,,।



सोच कह रहा है संजु खड़ा होकर लाइट चालू कर और चादर दे मुझे पता नहीं कहां पर पड़ी है,,,(अंधेरे में अपनी मदमस्त मक्खन जैसी चिकनी जांघों पर हाथ फेरते हुए साधना बोली,,,)

ठीक है मौसी,,,,,(और इतना कहकर संजू खड़ा हो गया उसका दिल जोरों से धड़क रहा था उसके मन में अजीब अजीब से ख्याल आ रहे थे वह अपने मन में सोच रहा था कि लाइट के चालू होती है उसे क्या नजर आने वाला है यह सोच कर ही उसका दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि अपनी मौसी की मक्खन जैसी जाऊंगा पर हाथ रखकर इतना तो वह समझ ही गया था कि उसकी मौसी की साड़ी कमर तक उठी हुई होगी तभी उसकी जांघ नंगी थी,,,संजू के बारे में उत्सुकता बढ़ती जा रही थी क्योंकि अभी तक उसने औरतों को ही साल में कभी नहीं देखा था ना ही किसी औरत को पेशाब करते हुए देखा था ना ही उसके साथ इस तरह की बातें किया था लेकिन उसकी जिंदगी में पहली बार ऐसा हो रहा था कि सब कुछ उसकी जवानी की तरंगों को बढ़ावा दे रही थी,,,,, संजू खड़ा हो चुका था और टटोलकर ट्यूबलाइट की स्विच को ढूंढ रहा था,,,, और अगले ही पल उसे ट्यूबलाइट की स्वीच टटोलने पर एहसास हो गई और वह अगले ही पल बिना देरी किए ट्यूबलाइट के स्विच को ऑन कर दिया और पल भर में ही पूरे कमरे में दूधिया रोशनी फैल गई,,,,,संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था ट्यूबलाइट की रोशनी में उसे अपनी मौसी की तरफ देखने का मन तो कर रहा था लेकिन हिम्मत नहीं हो रही थी दीवार की तरफ मुंह करके खड़ा था और साधना पीठ के बल लेटे हुए मुस्कुरा रही थी वह जवानी की दहलीज पर कदम रखे संजू की मनोव्यथा को अच्छी तरह से पहचान रही थी,,, साधना को ना जाने क्यों अपनी जवानी दीखाने में बहुत मजा आ रहा था,,, लेकिन संजू की मासूमियत पर उसे गुस्सा भी आ रहा था कि जवानी से भरा हुआ कटोरा उसकी आंखों के सामने पड़ा हुआ है और वह उसका स्वाद चखने से घबरा रहा है,,,,।


साधना उसकी मौसी थी लेकिन पल भर की एक मादक घटना ने उसकी सोचने समझने की शक्ति को छीण कर दी थी,,,,ना जाने क्यों संजू ने उसे अपना भतीजा अपना बेटा नहीं बल्कि एक जवान लड़का नजर आ रहा था जोकि उसकी जवानी का प्यासा था हालांकि ऐसा साधना समझती थी जो कि उसके साथ भी अनजाने में हुआ था,,,, संजू अभी भी दीवार की तरफ मुंह करके खड़ा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि किस तरह से वह अपनी मौसी से नजर मिलाए उसकी महंगी जवानी को अपनी आंखों से टटोले,,,, कुछ देर तक संजू उसी तरह से खड़ा रहा तो साधना खुद बोली,,,।


क्या कर रहा है संजू चादर देना मुझे वहां खड़ा क्या कर रहा है,,,,


जजजज,,,जी मौसी अभी दिया,,,(इतना कहने के साथ ही धड़कते दिल के साथ वहां अपनी मौसी की तरफ देखा तो देखता ही रह गया आश्चर्य और उन्माद से उसकी आंखें फटी की फटी रह गई उसकी सांसों की गति पलभर में ही इंजन की तरह तेज भागने लगी,,, उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था,,,, उसे लग रहा था कि कहीं वो सपना तो नहीं देख रहा है जो कुछ भी वो देख रहा था वह हकीकत था चादर की बात संजू पूरी तरह से भूल चुका था उसकी नजरें साधना की कमर के नीचे के नंगे बदन पर टिकी हुई थी जो कि ऊपर से नीचे की तरफ बराबर घूम रही थी मोटी मोटी केले की तने के समान चिकनी मक्खन जैसी जांघों को देखकर संजू का मन फिसल रहा था,,,, उसकी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी जिंदगी में पहली बार बार इस तरह का दृश्य देख रहा था,,,, और वह भी अपनी मौसी की मदमस्त जवानी का नजारा,,,कपड़ों में जितनी खूबसूरत उसकी मौसी लगती थी उससे भी कहीं ज्यादा खूबसूरत बिना कपड़ों के लग रही थी हालांकि सिर्फ व कमर के नीचे नंगी थी और उस पर भी वह पेंटी पहनी हुई थी जो कि संजू की कामुक और प्यासी नजरों को भापकर उसके तन में उत्तेजना की ज्वाला और ज्यादा भड़काने के उद्देश्य से वह अपनी हथेली को उसकी आंखों के सामने ही अपनी पेंटिंग के बीचो बीच अपनी बुर वाली जगह पर रख कर उसे हल्के हल्के सहलाते हुए बोली,,,।)


rapid city landfill
खडा खडा क्या देख रहा है संजू देखना चादर किधर है मुझे बिना चादर के नींद नहीं आती,,,,,
(साधना अपनी हरकत को लेकर पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरी हुई थी वह अच्छी तरह से जानती थी कि जवान लड़के के सामने इस तरह की हरकत करने का उस पर क्या असर होता है,,,साधना को अच्छी तरह से मालूम था कि संजू के सामने इस तरह की हरकत करने का मतलब था कि वह उसे खुला आमंत्रण दे रही है लेकिन देखना यह था कि उसके आमंत्रण को संजु स्वीकार कर पाता है या नहीं क्योंकि वह अभी तक इस तरह के हालात से गुजरा नहीं था इसलिए इस तरह के हालात की बारीकियों के बारे में उसे बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था,,, लेकिन इतना तो वह समझ ही रहा था कि उसकी मौसी की हरकत बेहद उत्तेजनातमक और जी ललचाने वाली थी,,,, संजू इतना भोला था कि साधना की हरकत को समझ नहीं पा रहा था कि वह ऐसा क्यों कर रही है अगर वह भी संभोग का सुख प्राप्त कर चुका होता तो शायद साधना की इस हरकत का जवाब वह अपने लैंड से जरूर देता क्योंकि साधना भी यही चाहती थी लेकिन समझो अभी अपनी मौसी के इशारे को ठीक तरह से समझ नहीं पा रहा था बस उसके नंगे बदन को देख कर उत्तेजित होकर मस्त हो जा रहा था,,,,,।

संजू उसी तरह से आंखें फाड़े खड़ा था उसकी मौसी के बगल में मोहिनी दूसरी तरफ मुंह करके सोई हुई थी वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रही थी,,,, और साधना अभी भी उसको लग जाते हुए अपनी हथेली को अपनी पेंटी के बीचो-बीच बुर वाली जगह पर रखकर हल्के हल्के दबाते हुए सहला रही थी,,,,, और संजू की तरफ प्यासी नजरों से देखते हुए बोली,,,।


क्या हुआ संजू ऐसे खड़ा क्यों है क्या कभी औरत नहीं देखा क्या,,,,


नहीं ऐसी बात नहीं है मौसी चादर मुझे कहीं नजर नहीं आ रही है,,,,(संजु जानबूझकर चादर ना मिलने का बहाना बना रहा था लेकिन उसका चादर पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं था उसका ध्यान तो साधना की दोनों टांगों के बीच उसकी लाल रंग की पेंटिं और उस पर हल्के हल्केफिर रही उसकी हथेली को देख रहा था पर अपने मन में सोच रहा था कि काश उसे ऐसा मौका मिल जाता तो कितना मजा आता,,,,)



अरे ठीक से ढूंढ मिल जाएगी,,,,।(उत्तेजना का असर साधना के भी तन बदन को पूरी तरह से झकझोर रहा था जिसका असरसाधना को अपनी बुर के अंदर महसूस हो रहा था धीरे-धीरे उसकी बुर्का मारो छोड़ रही थी और आम रस की वजह से उसकी पैंटी गीली हो रही थी जिसके गीलेपन का एहसास उसे अपनी हथेली में पर एकदम साफ महसूस हो रहा था,,,, वह अपने मन में यही सोच रही थी कि संजू पूरी तरह से जवान हो चुका है लेकिन औरत के काम रस के बारे में से पता नहीं कुछ ज्ञान है कि नहीं अगर ज्ञान होगा तो वह तुरंत समझ जाएगा कि उसका मन क्या कह रहा है इसीलिए वह इस तरह का विचार मन में लाकर संजू की आंखों के सामने ही अपनी पेंटी पर से अपनी हथेली को हटाते हुए बोली,,,।)


इधर उधर कहीं होगी यहां से जाएगी कहां,,?
(वह जानबूझकर अपनी पैंटी के ऊपर से अपनी हथेली को हटा ली थी क्योंकि वह संजू को अपनी काम रस से भीगी हुई पैंटी दिखाना चाहती थी,,,, हथेली के हटाते ही संजू की नजर उसकी पेंटी पर और ज्यादा चिपक गई संजू को अपनी मौसी की पैंटी का गीलापन एकदम साफ नजर आ रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि मौसी की पेंटी आगे से गोलाई में गिली कैसे हो गई,,,, संजू के लिए यह सब अभी तक एक पहेली की तरह ही था क्योंकि संजु औरत के बदन के भूगोल के बारे में कुछ भी नहीं जानता था,,, भले ही उस स्कूल के किताबों का हर एक पन्ना उसे मुजबानी याद था लेकिन एक औरत के खूबसूरत बदन के भूगोल के पन्नों को उसने अभी तक खोला तक नहीं था तो उसके बारे में जानने की बात तो दूर रही,,,, संजू अपनी मौसी की लाल रंग की पैंटी को देखते हुए बोला,,,)


कहां गई मौसी अभी तो यहीं रखी हुई थी,,,,(इधर उधर नजर घुमाते हुए संजू बोला चादर ठीक साधना की बड़ी-बड़ी गांड के नीचे दबी हुई थी लेकिन संजू को साधना की दोनों टांगों के बीच सिर्फ उसकी लाल रंग की पैंटी नजर आ रही थी और उसके मन की उमंग इस बात से और ज्यादा बढ़ रही थी कि उस पेंटी के अंदर क्या छुपा कर रखी होगी उसकी मौसी,,,, देखने में कैसी होगी कैसी नजर आती होगी यही सब सोचता हुआ उसका ध्यान चादर पर नहीं जा रही थी,,, तो ,,,, साधना ही बोली,,,,)


अरे देख तो,,,(कसमसाते हुए) देख तो कहीं मेरी गांड के नीचे तो नहीं है,,,,(अपनी गांड को हल्कै से दाएं बाएं हिलाते हुए,,,,।


अपनी मौसी की बात सुनते ही संजू की नजर अपनी मौसी की गांड के नीचे गई तो चादर वहीं पर थी,,,, अपनी मौसी के मुंह से एकदम खुले शब्दों में गांड शब्द सुनकर संजू का लंड पूरी तरह से तड़प उठा था और पैजामा में तंबू बना दिया था जिस पर साधना की नजर बार-बार चली जा रही थी और उसका मन ललच कर रह जा रहा था,,, साधना की अनुभवी आंखें संजू के पजामे के अंदर छुपे हथियार की धार के बारे में अंदाजा लगा चुकी थी वह समझ गई थी कि संजू के पजामे में औरत का पसंदीदा अोजार छिपा हुआ है,,, और उसके तंबू की ऊंचाई को देखकर उसकी लंबाई का अंदाजा लगा चुकी थी और मन ही मन यह भांप चुकी थी कि संजू का लंड बड़े आराम से उसके बच्चेदानी तक पहुंच जाएगा,,,, साधना के लिए यह एहसास ही काफी था,, वह अपने बदन में उन्मादकता के एहसास का बवंडर उठता हुआ महसूस कर रही थी और इसी एहसास के चलते उसकी बुर से काम रस की दो चार बूंदे बारी बारी से उसकी गुलाब की पत्तियों के मुहाने से चु गई,,,, साधना को अजीब सा एहसास हो रहा था ऐसा लग रहा था कि वह पूरी तरह से एक जवान लड़की है उसके सामने उसका प्रेमी है जो कि दोनों चोरी चुपके किसी कमरे में मजा लेना चाहते हैं,,,,,,,।


अरे यह तो सच में नीचे दबी हुई है और मेरी नजर वहां तक पहुंची ही नहीं पा रही है,,,।
(संजू के मुंह से इतना सुनते ही साधना अपने मन में ही बोली साला हरामि बुर देखने की फिराक में रहेगा तो तुझे चादर कहां से नजर आएगी,,,,)


चल अब जल्दी देकर लाइट बंद कर,,,,
(साधना को इस बात का एहसास हो गया था कि औरत के काम रस के बारे में संजू को बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था वरना उसकी पेंटी के गीलेपन के बारे में वह जरूर पूछता,,, संजू के नादानीयत पर साधना को गुस्सा आ रहा था,,,, वह अपनी मन में यह सोच कर रह जा रही थी कि अगर उसकी जगह कोई और लड़का होता तो शायद अब तक सुबह उसके ऊपर चढ़ चुका होता लेकिन यह है कि कुछ समझ ही नहीं पा रहा है लेकिन फिर भी धीरे-धीरे साधना को इस खेल में मजा आ रहा था उत्तेजना का एहसास बढ़ता जा रहा था कि वह पहली बार इस तरह की हरकत कर रही थी,,,,। संजु अपनी मौसी के उतावलापन को समझ नहीं पा रहा था,,, वह धीरे से अपनी मौसी के करीब आया और उसकी गांड के नीचे दबा चादर को अपने हाथ से पकड़ लिया,,, और उसी खींचने को हुआ था बड़े नजदीक से अपनी मौसी की दोनों टांगों के बीच का नजारा देखकर वह पूरी तरह से मदहोश होने लगा उसकी नजर उसकी लाल रंग की पेंटिं के गीले वाले भाग का मुआयना करने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उतना सा भाग गिला कैसे हो गया,,,औरत के काम रस के बारे में वह बिल्कुल भी नहीं जानता था इसलिए वह अपने मन में यह धारणा बांध लिया था कि कहीं उसकी मौसी धीरे-धीरे पेशाब तो नहीं कर दि है,,, शायद बड़े जोरों की लगने की वजह से बूंद बूंद करके बाहर आ रहा हो,,, और पेंटी के गीले के बारे में अपनी मौसी से पूछने की उसकी हिम्मत भी नहीं हो रही थी,,,।

गजब का अद्भुत मादकता से भरा हुआ नजारा संजू की आंखों के सामने था उसकी मौसी जो कि इस उमर में भी गम भरी जवानी से लगी हुई थी वह अपनी साड़ी को ना जाने किस वजह से अपनी कमर तक उठाई हुई थी उसकी लाल रंग की पैंटी एकदम साफ नजर आ रही थी और भाभी की ली उसकी चिकनी दूधिया मोटी मोटी जांघों को देखकर संजू से रहा नहीं जा रहा था उसके मन में ढेर सारी बातें उमंग उफान मार रहे थे,,,, संजू अपने आप को संभाले हुए था वरना उसकी जगह कोई और लड़का होता तो अब तक उसकी चुदाई कर दिया होता,,,,।


चादर जो कि साधना की बड़ी-बड़ी गांड के नीचे दबी हुई थी वह संजू के हाथों में थी और संजू उसे खींचने की कोशिश कर रहा था,, जो कि साधना की भारी-भरकम गांड के नीचे दबी होने की वजह से खिशक नहीं रही थी,,, तो संजू बोला,,।


मौसी थोड़ा अपनी,,ग,,,,,(इतना कहकर सब एकदम से क्योंकि अनजाने में ही उसके मुंह से यह शब्द निकल गए थे,,, साधना के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी वह चाहती थी कि संजू उसके साथ इसी तरह से बात करें लेकिन आधा शब्द बोल कर वह रुक गया था इसलिए उसके आरती शब्द को पूरा करते हुए वह बोली,,,)

ओहहह,,, मेरी गान्ड कुछ ज्यादा ही बड़ी- है इसलिए तो खींच नहीं पा रहा है रुक जा,,,,(और इतना कहने के साथ ही साधना बड़े ही मादक अदा से अपनी बड़ी बड़ी गांड को कमर से ऊपर की तरफ हल्कै से उठा दी और संजू पूरी तरह से उत्तेजित होता होगा अपनी मौसी की उठी हुई गांड को ललचाई नजरों से देख कर,,, चादर को अपनी तरफ खींच लिया,,,, संजू को संभोग का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था लेकिन जिस अदा से साधना ने अपनी गांड को उठाई थी संजू का मन कर रहा था उसके दोनों टांगों के बीच घुस जाए और अपना लंड उसकी बुर में डाल कर उसकी चुदाई कर दे,,,, यह सोच कर संजू पूरी तरह से मचल उठा था,,, लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी,,,, चादर को वह अपनी मौसी को थमा कर वहीं बैठा रहा,,,,तो साधना ही बोली,,।


लाइट तो बंद कर दे,,,,।

(संजु का मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा था पूर्व लाइट बंद करने के लिएदोनों के बीच धीरे-धीरे वार्तालाप हो रही थी लेकिन पास में सो रही मोहिनी पर किसी भी प्रकार का असर नहीं हो रहा था वह बहुत ही गहरी नींद में सो रही थी,,,, फिर भी संजू बेमन से उठा और ट्यूबलाइट बंद कर दिया,,, और वापस आकर अपनी मौसी के बगल में लेट गया,,,।
Sanju bewkoof type ladka h,tbhi to ghar me choote machal rhi h chudne ko aur ye bas dekh k muth maar rha h ,mausi khula dawat de rhi h aur use neend aa rhi h
 

Hunk1988

Active Member
1,771
2,051
144
बाथरूम में अनजाने में ही हुए नग्नता के दर्शन का अंजाम धीरे-धीरे और मादकता से भरता चला जा रहा था,,,, कमरे के अंदर,,, मोहिनी संजू और साधना तीनों थे लेकिन मोहिनी गहरी नींद में सो चुकी थी साधना अपने जवान भतीजे को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्सुक हो रही थी,,,, संजू ने अपनी मौसी को पेशाब करते हुए देख लिया था और यह बात जानते हुए भी उसकी मौसी उसे डांटने या समझाने की बजाय उस मौके का पूरी तरह से फायदा ले रही थी,,,, अच्छी तरह से जानती थी कि संजु एकदम जवान लड़का था,,,,पर जिस तरह से वह उसके सामने हरकत कर रही थी जरूर संजू अपने अंदर उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,, अपने नंगे बदन को दिखाने का बहाना भी उसके पास मौजूद था वह चादर ढूंढने के बहाने उससे लाइट चालू करवा कर उसे अपने नंगे पन का दर्शन करना चाहती थी जिसमें वह पूरी तरह से कामयाब हो गई थी,,,, नंगी चिकनी मोटी मोटी चाहूंगा और लाल रंग की पेंटी बड़ी बड़ी गांड को दिखाकर वह संजु के चेहरे के बदलते भाव को अच्छी तरह से पढ़ ली थी,,,, उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचकर साधना इतना तो समझ ही गई थी कि उसकी हरकत का संजु पर किस तरह का प्रभाव पड़ रहा होगा,, वह अच्छी तरह से जान रही थी कि संजु चुदवासा हो रहा है,,, इस मौके का साधना पूरी तरह से फायदा उठा लेना चाहती थी,,,।
साधना


बेमन से ट्यूब लाइट को बंद करके संजू अपनी मौसी के बगल में आकर लेट गया लेकिन नींद कहां आने वाली थी जब बिस्तर में एक खूबसूरत जवान गर्म औरत हो तो भला एक जवान लड़के को नींद कहां आने वाली थी,,,। कुछ पल पहले अपनी आंखों से देखे गए दृश्य के बारे में सोच कर संजू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था,,,, पहले बाथरूम में अनजाने में ही उसकी नजर पेशाब कर रही साधना पर चली गई जिसे देखकर वह सब कुछ भूल गया और उसे देखता ही रह गया,,,साधना की मदहोश कर देने वाली गोल-गोल बड़ी कार उसके आकर्षण का केंद्र बिंदु बन चुकी थी,,, पेशाब करते समय साधना की गुलाबी बुर से निकल रही पेशाब की धार के साथ मधुर ध्वनि किसी बांसुरी की आवाज की तरह सुनाई दे रही थी जिस आवाज को सुनकर संजू अपनी उम्र के मुताबिक ही अत्यंत उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,,,। साधना भी उसे उस मौके का भरपूर आनंद देते हुए उसे अपनी बड़ी बड़ी गांड का भरपुर नजारा उसे दिखा रही थी,,,, साधना अपने आप में अपने भतीजे को इतना दिलचस्पी दिखाता देख कर उसे अपनी जवानी पर गर्व होने लगा था,,,,,, की इस उम्र में भी वह जवान लड़कों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकती थी,,,।
साधना पेशाब करते हुए

upload foto

एक कमरे में आराधना और बगल वाले कमरे में साधना मोहिनी और संजू तीनो लेटे हुए थे मोहिनी तो कब का गहरी नींद में सो चुकी थी लेकिन साधना और संजू कि आंखों से नींद गायब थी,,,,, दोनो एक दूसरे के प्रति आकर्षित हुए जा रहे थे,,,,दोनों के बीच खामोशी जागृति किसी भी प्रकार का शोर शराबा बिल्कुल भी नहीं था रात का समय होने की वजह से सडको परवाहनों का आना जाना भी कम हो गया था कमरे के अंदर ट्यूब लाइट बंद करने की वजह से अंधेरा छाया हुआ था,,, साधना ही बातों के दौर को शुरु करते हुए बोली,,,।


संजू वो क्या है ना कि,, मुझे रात का कम कपड़े पहन कर सोने की आदत कभी-कभी तो में कपड़े ही नहीं पहनती हुं,,,।


क्या बात कर रही हो मौसी,,,,, मतलब कि बिना कपड़े के,,, एक दम नं,,,,,(संजू अपनी बात को पूरा नही कर पाया और अटक गया,, अपनी मौसी के सामने नंगी शब्द कहने में उसके संस्कार दीवार बनकर खड़े थे लेकिन,,,मौसी को किसी भी प्रकार की अडचन नहीं थी वह खुलकर हर शब्दों को कह सकती थी,,, इसलिए संजू के अधुरे शब्द को पूरा करते हुए वह बोली,,,)


हां संजु तु ठीक कह रहा है कभी कभी तो में अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर सोती हूं,,,(अपनी मौसी की यह बातें सुनकर संजू की हालत खराब होने लगी,, उसके लंड का कडक पन और ज्यादा बढ़ने लगा,,,, उसे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि उसकी मौसी इस तरह से खुल कर कह देगी,,,लेकिन उसकी मौसी के द्वारा कहे गए हरएक शब्द उस के कानों में मिश्री की तरह घुल रहे थे,,,।)

लेकिन मौसी ,,,, मौसा जी कुछ बोलते नहीं है,,,


वह क्या बोलेंगे उनको तो यह सब कुछ अच्छा लगता है,,,


क्या मौसा जी को यह सब अच्छा लगता है,,,


तो क्या,,,, वह तो मुझसे हमेशा कहते रहते थे कि अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी सोया करो,,,,
(साधना जानबूझकर इस तरह के गंदे शब्दों का प्रयोग कर रही थी वह संजू को पूरी तरह से उत्तेजित करना चाहती थी और ऐसा हो भी रहा था अपनी मौसी के मुंह से नंगी जैसे गंदे शब्दों को सुनकर संजू पूरी तरह से उत्तेजित हो रहा था उसका लंड टनटना कर खड़ा हो गया था,,,)



अगर कोई घर का दूसरा सदस्य देख ले तो,,,


कोई नहीं देखेगा अलग अलग कमरा है ना इसलिए,,,


हां तो ठीक है,,,, इसीलिए तुमको इस समय सोते नहीं बन रहा है,,,


हां तू सच कह रहा है,,,,,,, कमरे में मोहिनी सोई है वरना मैं अपने सारे कपड़े उतार देती,,,


क्या,,,?(आश्चर्य से संजू बोला)


तो क्या अगर कमरे में सिर्फ मैं और तू होती तो मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी ही सोती क्या करूं आदत से मजबूर हो गई हुं,,,,
(साधना देखना चाहती थी कि संजू क्या कहता है संजू की तो जैसे यह सुनकर लॉटरी लग गई थी,,,अपनी मन की कल्पना करने लगा कि अगर उसके साथ मौसी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी सोएंगी तो कैसा लगेगा,,,, ख्याल मात्र से ही वह पूरी तरह से मदहोश हो गया,,इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि मोहिनी अगर एक बार सो जाए तो फिर वह जल्दी उठती नहीं है भले ही कितना भी शोर-शराबा क्यों ना हो वह बहुत ही गहरी नींद में सोती थी,,,उसके मन में यह ख्याल आ रहा था कि वह यह बात अपनी मौसी से बता दे लेकिन डर रहा था कि उसकी मौसी उसके बारे में क्या सोचेगी लेकिन फिर भी उसकी उत्तेजना उसके मन को अपने काबू में कर ली थी इसलिए ना चाहते हुए भी संजू घबराते हुए बोला,,,,)


एक बात कहूं मौसी,,,


हां हां कहो,,(एक औरत होने के नाते साधना का दिल भी जोरो से धड़कने लगा था क्योंकि वह एक जवान लड़की के सामने और वह भी अपने सगे भतीजे के सामने गंदे शब्दों का प्रयोग कर रही थी और इसी इंतजार में थी कि संजू क्या कहने वाला है,,,)




मैं कह रहा था कि अगर तुम्हें इतराज ना हो जड़ जगत तो मोहनी एकदम गहरी नींद में सोचती है समझ लो एकदम घोड़ा बेचकर,,,।
(संजू की आवाज सुनते ही साधना का मन प्रसन्नता से भर गया क्योंकि वह संजू के मुंह से यही सुनना चाहती थी,,, लेकिन अपनी प्रसन्नता जाहिर होने देना नहीं चाहती थी इसलिए बोली,,,।)


नहीं जाने दे एक रात की तो बात है कल तो मैं चली जाऊंगी,,,


नहीं नहीं मौसी,,,, रात बड़ी लंबी होती है सोना भी तो जरूरी है जब तुम्हें ठीक से नींद नहीं आएगी तो क्या फायदा अगर तुम्हें एतराज ना हो तो अपने कपड़े उतार सकती हो,,,,,
(संजू बहुत धीरे-धीरे और कांपते स्वर में बोल रहा था,, संजू की बात से साधना उत्तेजित हुए जा रही थीक्योंकि पहली बार कोई जवान लड़का उसके बेटे की उम्र का लड़का उसे अपने कपड़े उतारने के लिए बोल रहा था,,,, अब साधना ज्यादा ना नुकुर नहीं करना चाहती थी,,,,, इसलिए संजू की बात मानते हुए बोली,,)




ठीक हैअगर तुझे कोई दिक्कत नहीं है तो मैं अपने सारे कपड़े उतार देती हूं लेकिन अगर मोहिनी जाग गई तो क्या होगा और मुझे इस हाल में देख लेगी तो क्या सोचेगी और वह भी तेरे बगल में,,,,


नहीं जागेगी मौसी मैं उसे मैं उसे अच्छी तरह से जानता हूं,,,,
(संजू की बातें सुनकर साधना का भी दिल जोरों से धड़क रहा था उसे यकीन हो गया था कि संजू भी उसे नंगी देखना चाहता है उसका जवान अरमान मचल रहा था,,,, तो भला साधना क्यों पीछे हटती,,,, इसलिए वह बोली,,,)

तब तो ठीक है रुक में अपने कपड़े उतारती हूं,,,लेकिन सुबह मोहिनी के उठने से पहले ही मुझे जगा देना ताकि मैं अपने कपड़े पहन सकूं,,,,




कोई बात नहीं मौसी मैं तुम्हें जगा दूंगा,,,,
(इस वार्तालाप के चलते और साधना के कपड़े उतार कर नंगी होने की तैयारी को देखकर संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था पजामे के अंदर उसका लंड गदर मचाया हुआ था,,,। साधना भी बिल्कुल भी देर नहीं करना चाहती थी वह अपनी साड़ी को अपने कंधे पर से उतारने लगी और अपनी ब्लाउज के बटन खोलने लगी तभी उसके मन में शरारा सूजी कुछ देर बाद वह संजू से बोली,,,)

संजू मेरे ब्लाउज का बटन नहीं खुल रहा है जरा तो खोल दे,,,
(साधना की यह बात सुनते ही जैसे संजू के हाथ कोई खजाना सोपने जा रहा हो उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,, उसका दिल जोरो से धड़कने लगा,,, वह हकलाते शब्द में बोला,,,)

ममममम,, मैं,,,,मौसी,,,,


हां रे तू,,,, औरत को पेशाब करते हुए देख सकता है तो क्या उसके ब्लाउस नहीं उतार सकता,,,,(साधना की यह बात सुनते ही संजु शर्म से पानी पानी होने लगा और अपना बचाव करते हुए बोला,,,)




अनजाने में हुआ था मौसी मुझे नहीं मालूम था कि तुम बाथरूम में हो,,,,,


तुझे चला जाना चाहिए था ना फिर भी वहां खड़ा हो कर देख रहा था,,,,, मेरी गांड तुझे इतनी पसंद आ गई थी,,,,


क्या मौसी तुम भी,,,,(संजू शर्माते हुए बोला,,,, और उसे समझ में भी आ रहा था कि उसकी मौसी कितने खुले स्वभाव की है,,,आज पहली बार वह अपनी मौसी के इस रूप को देख रहा था वरना वह भी उसकी मां की तरह ही सीधी-सादी रहती थी,,,,)


ले में सच कह रही हूं,,,,,तुझे अच्छा लग रहा था तभी तो खड़ा रह गया था वरना तुरंत चला जाता,,,,,,,(साधना अपनी बातों से संजू को उकसा रही थी,,,, साधना की बातों को सुनकर संजू की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी साधना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली) पेशाब करते हुए मुझे ही देखा है या पहले भी किसी को देख चुका है,,,, कहीं ऐसा तो नहीं की अपनी मां को भी देख चुका है ऐसे,,,


नहीं मौसी कैसी बातें करती हो पहली बार बस तुम्हें देखा हूं,,,, और वह भी अनजाने में जानबूझकर थोड़ी,,,,


चल कोई बात नहीं बातें ही करता रहेगा या मेरे ब्लाउज का बटन भी खोलेगा,,,,


मैंने कभी खोला नहीं हुं,,,, पता नहीं मुझसे होगा भी कि नहीं,,,


अरे बुद्धू जिंदगी में हर काम हर कोई पहली बार ही करता है शादी के बाद तो तुझे यह काम करना ही होगा जो अपनी बीवी के ब्लाउज खोलने के लिए पड़ोसी को बुलाएगा,,,


क्या मौसी तुम भी मजाक करती हो,,,,


मजाक नहीं सच कह रही हूं तुझे यह सब सीखना चाहिए,,,आज अगर तू मेरे ब्लाउज के बटन खोल देगा तो भविष्य तुझे यह काम आएगा,,,,ट्यूब लाइट चालू करके मैं खुद खोल सकती हूं लेकिन बार-बार लाइट चालू बंद करने से कहीं मोहिनी जागना जाए,,,,


हां यह बात तो तुम सच कह रही हो मौसी,,


हां तो चल बटन खोल,,,,,
(साधना का कामुक दिमाग पूरी तरह से काम कर रहा था वह ब्लाउज के बटन खुलवाने के चक्कर में अपनी चूची को उसके हाथों से टटोल वाना चाहती थी,,,,यही बात संजू के मंदिर भी चल रही थी अच्छी तरह से जानता था कि ब्लाउज के बटन खोलते समय उसकी चूची से उसकी उंगलियां स्पर्श हो जाएंगी इसी बहाने वह अपनी मौसी की चूची को दबाने का सुख भी प्राप्त कर लेगा,,,,इस बात को सोचकर संजू के तन बदन में आग लग रही थी यह सब उसके साथ पहली बार हो रहा था,,, इसलिए उसकी उत्सुकता और उत्तेजना कुछ ज्यादा हद तक बढ़ चुकी थी,,,,,)

ठीक है मौसी तुम कहती हो तो,,, लेकिन अंधेरा बहुत है,,,,


तो क्या हुआ कोशिश तो कर,,,, मैं खुद कर लेती लेकिन,,, 2 दिन पहले मेरे नाखूनों में लकड़ी की फांस धंसी थी जिसकी वजह से दर्द कर रहा है वरना मैं खुद ही खोल लेती,,,


कोई बात नहीं मौसी,,,,,तुम मुझ पर इतना भरोसा कर रही हो तो मैं तुम्हारे भरोसे को टूटने नहीं दूंगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही अंधेरे में ही वह साधना के ब्लाउज की तरफ हाथ आगे बढ़ाया और अगले ही पल उसके दोनों हाथों में साधना की चुचिया आ गई ब्लाउज के ऊपर से ही सही लेकिन यह मौका संजू के लिए बेहद अनमोल और अतुलनीय था,,, संजू की दोनों हथेलियां साधना की दोनों चुचियों पर थम सी गई थी इसी मौके का साधना भी बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही थी ब्लाउज के ऊपर से ही सही लेकिन चुचियों का नरम पन बड़े अच्छे से संजु को महसूस हो रहा था,,,। आज संजू को समझ में आया था कि ऊपर से कड़क दिखने वाली चूचियां आखिरकार कितनी नरम नरम होती हैं,,,संजू का मन ब्लाउज के ऊपर से ही सही अपनी मौसी की चूची को जोर जोर से दबाने को कर रहा था,,, संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी उसकी लंड की नशों में लहू का दौरा बड़ी तेजी से हो रहा था ऐसा लग रहा था कि मानो उतेजना के मारे उसका लंड फट जाएगा,,,,,,,

एक जवान लड़के की हथेलियों को ब्लाउज के ऊपर से ही सही है अपनी चुचियों पर महसूस कर के साधना की बुर गीली होती जा रही थी,,,उसकी सांसे भी बड़ी तेजी से चल रही थी और ऊपर नीचे हो रही सांसो के साथ-साथ उसकी चूचियां भी ऊपर नीचे हो रहे थे जो कि संजय को अपनी हथेली पर साफ महसूस हो रहा था कि उसकी हथेली उसकी मौसी की चूची पर ऊपर नीचे हो रही थी,, एहसास संजू के तन बदन में आग लगा रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आज छोटे से कमरे में क्या होने वाला है और वह भी उसकी बहन की मौजूदगी में,,,, उसकी मौसी आज सच में उसके ऊपर कयामत ढा रही थी संजू कभी सोचा नहीं था कि वह अपनी मौसी का यह मदहोश कर देने वाला रूप देखेगा,,,, सीधी साधी दीखने वाली उसकी मौसी अंदर से इतनी जबरदस्त कामदेवी की तरह होगी यह संजू कभी सोचा नहीं था,,,,।


साधना अपने मन में यही सोच रही थी कि काश संजू उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर देते तो कितना मजा आता है इसलिए वह अपनी छातियों को और ज्यादा उतार कर अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ जमीन से टिका कर गहरी गहरी सांस ले रही थी वह तो अंधेरा था अगर उजाले में साधना इस तरह की हरकत करती तो शायद संजू उसके इस आमंत्रण को कब का स्वीकार कर लिया होता,,,, संजू का मन मचल रहा था उसका लालच बढ़ता जा रहा था वह अपनी मौसी की चूची को एक बार ही सही लेकिन दबाकर देखना चाहता था,,,,इसलिए बात बात में हीं वह अपनी मौसी की चूचियों को अपने दोनों हथेलियों में लेकर हल्के से दबाते हुए बोला,,,।)


मौसी पता नहीं चल रहा है कि बटन कहां है,,,,


अरे बुद्धू इससे पहले ब्लाउज देखा नहीं क्या,,,


नहीं मौसी सच में मैंने कभी गौर नहीं किया हूं,,,


सच में तु एकदम बुद्धू है,,, अरे ब्लाउज का बटन दोनों चूचियों के बीच होता है,,,, अब जल्दी कर ब्लाउज उतारने में ही तु सुबह कर देगा,,,

(साधना का उतावलापन देखकर संजू को ऐसा लग रहा था कि जैसे वह चुदवाने के लिए तड़प रही है और ब्लाउज के देर में उतरने की वजह से परेशान हो रही है,,,, साधना की बातें संजू के बदन में बार-बार उत्तेजना बढ़ा दे रही थी अपनी मौसी की बात सुनकर संजू बोला,,,)


ठीक है मौसी अभी उतारता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपनी अंगुलियों को टटोलते हुए आखिरकार जैसा साधना ने कही थी उसी तरह से दोनों चूचियों के बीच उसे ब्लाउज का बटन मिल गया और बटन के पाते ही वह खुश होता हुआ बोला,,,)

तुम बिल्कुल ठीक कह रही थी मौसी दोनों के बीच में ही बटन था,,,


हां अब जल्दी से बटन खोल,,,,


बस बस मौसी हो गया और वहां ब्लाउज का पहला बटन और अपनी जिंदगी का सबसे पहला ब्लाउज खोलने जा रहा था और वह भी खुद की अपनी सगी मौसी की,,, उसके लंड की तरफ बढ़ती जा रही थी एकदम लोहे के रोड की तरफ तन कर खड़ा हो गया था,,,,, चोदना भले ही उसे आता नहीं था और अब तक उसने सीखा भी नहीं था इन सब चीजों में उसे अब तक किसी भी प्रकार की उत्सुकता नजर नहीं आती थी लेकिन फिर भी अगर उसकी मौसी उसे अपने ऊपर चढ़ने के लिए कहती तो अब तक वह कब का चल गया होता और अपनी मौसी की चुदाई भी कर दिया होता क्योंकि इतना तो वह जानता ही था कि लंड को औरत के किस अंग में डाला जाता है भले ही उसने औरत के उस कोमल अंग को अभी तक देखा नहीं था,,, संजू अपनी मौसी के ब्लाउज के बटन खोलने में पूरी तरह से जुट गया था और पहले बटन को बड़ी उत्सुकता के साथ खोलने की कोशिश कर रहा था लेकिन बटन बहुत कसा हुआ था इसलिए वह बटन को खोलने की कोशिश करते हुए बोला,,,।


बहुत कशी हुई है मौसी,,,।


हारे मैं जानती हूं मेरी चूचियां बड़ी बड़ी है ना इसलिए चुचियों के साईज से कम नाप का ही ब्लाउज पहनती हु इसलिए ज्यादा कसी हुई और तंग लगती है,,,।(साधना अपनी चुचियों के बारे में एकदम खुल कर बोल रही थी बिना शर्माए बेझिझक और यही अदा संजु को पूरी तरह से मस्त कर रही थी संजू भी अपनी मौसी के सुर में सुर मिलाता हुआ बोला,,,)

हां मौसी तुम्हारी बहुत बड़ी बड़ी लग रही है,,,


मर्दों को बड़ी बड़ी ही अच्छी लगती है,,,, तुझे कैसी अच्छी लगती है,,,,(इस सवाल से वह संजू के मन की भी बात जान लेना चाहती थी,,, लेकिन संजू जवाब देने में शर्मा रहा था वह कुछ बोला नहीं बस बटन खोलने में लगा रहा,,)

अरे बोल ना शर्मा क्यों रहा है अब मुझसे कैसी शर्म,,,,


तुम्हारे जैसी,,,(एकदम तपाक से जवाब देते हुए बोला)

ओहहह,,,,हो,,, लगता है मेरी पसंद आ गई है,,,,


ऐसी बात नहीं है मौसी,,,


चल मैं सब अच्छी तरह से समझती हूं कैसी बात है,,,,, तू जल्दी कर संजू अभी तक एक बटन भी नहीं खोल पाया है,,


बस बस मौसी खुल गया ,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी मौसी के ब्लाउज का पहला बटन अपने हाथों से खोल दिया एक औरत के ब्लाउज का बटन खोलते समय उसके तन बदन में जिस तरह की उत्तेजना और हलचल का अनुभव हो रहा था और खोलने के बाद इस तरह की संतुष्टि का अहसास हो रहा था वहां शब्दों में बता पाना शायद संभव नहीं था,,,, संजू बहुत खुश था पहला बटन खुल जाने के बाद साधना बोली,,,)

बस अब इसी तरह से सारे बटन खोल दे,,
(साधना की बात सुनकर संजू का जोश बढ़ने लगा और आत्मविश्वास के वह दूसरे बटन को खोलने की तैयारी करने लगा,,,,)
Aj raat hi lgta h mausi chut k button v khulwa k hi manegi,kya gazab ka Sachitra vararan kiya ha dear
 
Top