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Incest मजबूरी या जरूरत

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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इसी तरह से दिन गुजरने लगे,,, संजू के तो हाथ में गुलाब जामुन लग गए थे वह रोज रात को अपना मुंह मीठा और खट्टा कर रहा था,,,, अपनी बहन की चूत का रस पीकर,, मोहिनी के बदन में और भी ज्यादा उठाव आने लगा था,,,मर्दाना हाथ मोहिनी के जिस्म पर पढ़ते ही उसका जिसमें फूल की तरह खीलने लगा था उसकी जवानी गदराने लगी थी,,, चुचीयों का उठाव और भी बेहतरीन होता जा रहा था गांड में चर्बी का भराव हो रहा था जिससे गांड का भूगोल पूरी तरह से बदलता हुआ नजर आ रहा था ऐसा लग रहा था कि मोहिनी के जिस्म पर बहार आ गई हो,,, और संजू इस मौसम का मजा रोज ले रहा था,,,, अपनी बहन की चूत पर पूरी तरह से कब्जा जमा देने के बाद उसकी नजर अपनी मां की दोनों टांगों के बीच थी असली सुख उसे अपनी मां की दोनों टांगों के बीच ही नजर आ रही थी,,, अपनी मौसी और अपनी बहन की जवानी का रस पीने के बाद,,, संजू अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली जवानी का मधुर रस पीना चाहता था,,, जिसके बारे में वह अपनी मां के सामने अपनी मंशा भी बता चुका था लेकिन उसकी मां मां बेटे के पवित्र रिश्ते को तार-तार नहीं करना देना चाहती थी इसलिए अपनी भावनाओं पर अपनी उमंगों पर काबू कर के वह अपने बेटे को इनकार कर चुकी थी,,,,,,
लेकिन संजू अपने पिता की हरकत और अपनी मौसी की जरूरत और प्यास को देखकर इतना तो समझ ही गया था कि औरत और मर्द को समय-समय पर एक दूसरे की जरूरत पड़ती ही है और वह भी अपने बदन की प्यास बुझाने के लिए,,,,,,, इसलिए उसे इस बात का एहसास और विश्वास भी था की उसकी मां को भी एक मर्द की जरूरत कभी ना कभी तो पड़ेगी,,,ही,,,,,,, जैसे कि उसकी बहन और मौसी को पड़ी थी अगर औरतों को चुदवाने का शौक ना होता तो उसकी मौसी और उसकी बहन संजू के लिए अपनी दोनों टांगे ना खोल दी होती और यही पक्का विश्वास संजू को अपनी मंजिल तक पहुंचने का भरोसा दिला रहा था,,, और अपने बाप के रवैया और उसकी हरकत से संजीव पूरी तरह से वाकिफ हो चुका था इसलिए उसे पक्का यकीन था कि उसकी मां को भी चुदवाने की प्यास जरूर जागेगी आखिरकार उसकी मां अभी भी तो पूरी तरह से जवान ही थी जवानी की उमंग उसके बदन को भी चिकोटती होगी,,,,,,,।

आराधना अपना दर्द और अपनी व्याकुलता धीरे-धीरे अपने काम मैं व्यस्त रहकर भुलाने लगी,,,, अपने पति के रवैया से वह भी पूरी तरह से परेशान हो चुकी थी अब तो अशोक कभी कबार ही घर पर आता था ऐसा लगता था कि जैसे घर से उसका नाता ही टूट गया हो,,,, इसलिए आराधना जब ऑफिस पर नहीं होती थी तो घर पर अकेले पन में अपने आप को कोसती रहती थी,,,, ऐसा नहीं था कि अपने परिवारिक परेशानियों का दुख मोहिनी और संजू को बिल्कुल भी नहीं था उन दोनों को भी अपनी मां की और अपने परिवार की बहुत चिंता होती थी लेकिन दोनों ने अपनी चिंता को अपनी वासना की आग में जला दिया था दोनों एक दूसरे में खुश थे दोनों को बस रात होने का इंतजार रहता था जैसे ही खाना खाकर साफ सफाई करके आराधना अपने कमरे में जाति वैसे ही दोनों भाई बहन अपने कमरे में घुसते ही दरवाजे की सीट के नहीं बंद कर देते हैं और एक दूसरे के कपड़ों को अपने हाथों से उतार कर एक दूसरे के नंगे बदन से खेलना शुरू कर देते थे यह अब दोनों की दिनचर्या में शामिल हो चुका था,,,, संजू और मोहिनी दोनों आपस में इतना खुल चुके थे कि मानो कि जैसे वह दोनों भाई बहन ना होकर पति पत्नी हो,,,,अपनी मां की नजरों से छुप कर भी दोनों एक दूसरे के अंगों को पकड़ने और सहलाने का सुख प्राप्त कर ही लेते थे और इन दोनों की हरकतों पर अभी तक आराधना की नजर भी नहीं पढ़ी थी और ना ही उसे कभी इस बात का शक ही हुआ था कि संजू अपनी बहन के साथ शारीरिक संबंध बनाता है जबकि उसे इस बात का एहसास होना चाहिए ताकि जब उसका बेटा एक मां होने के नाते उसके साथ भी शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा रखता था तो एक ही कमरे में वह अपनी बहन के साथ सोता था तो क्या अपनी बहन के साथ उसका मन नहीं करता होगा,,,,क्या हुआ रात को सोते समय अपनी बहन के साथ अपनी बहन के अंगों के साथ छेड़छाड़ नहीं करता होगा,,,, यह ख्याल आराधना के मन में कभी नहीं आया था,,,,,,, घर पर स्कूटी होने के नाते अब तो रविवार को दोनों भाई बहन घूमने निकल जाते थे और ऐसे घूमते थे कि मानों जैसे प्रेमी-प्रेमिका हो,,,, अपने बच्चों को देखकर आराधना अपने मन में इस बात से खुश हो जाती थी कि चलो उसकी जॉब के चलते उसके दोनों बच्चे खुश तो है पर उसे क्या मालूम था कि उसके दोनों बच्चे बच्चे नहीं रहे गए थे दोनों बड़े हो गए थे और आपस में मर्द और औरत का खेल खेलना शुरू कर दिए थे,,,,,,।

ऐसे ही एक दिन कॉलेज जाने के समय संजू नहा धोकर अपने कमरे में तैयार होकर अपने बाल को संवार रहा था तभी उसकी बहन मोहिनी बाथरूम से नहा धोकर बदन पर टावल लपेटकर अपनी मां की नजरों से बच कर सीधा अपने कमरे में घुस गई वह आज कपड़े बाथरुम में ले जाना भूल गई थी इसलिए इसी अवस्था में ही वह अपने कमरे में प्रवेश कर गई थी,,,और बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए अपने भाई की आंखों के सामने सुबह-सुबह ही अपने बदन से टावल हटाकर एक तरफ फेंक देी,, और नग्न अवस्था में ही अपने गीले बालों का जूड़ा खोलकर उसे दोनों हाथों में पकड़ कर जोर से दबाकर पानी को गाछते हुए संजू से बोली,,।

आज तो बाथरूम में कपड़े ले जाना ही खुल गई,,,,
(संजू जो कि बाल में कंघी कर रहा था वह अपनी बहन की तरफ देखा तो देखता ही रह गया उसकी आंखों के सामने उसकी बहन एकदम नंगी खड़ी थी,,, पूरी तरह से नंगी उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था ऐसा नहीं था कि संजू पहली बार अपनी बहन को नंगी देखना है लेकिन आज का माहौल कुछ और था सुबह का समय था और ऐसे में वहां अपनी बहन को कभी भी नग नाश्ता में देखा नहीं था लेकिन इस समय मोहिनी बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए सुबह-सुबह अपने बदन से टोवल को निकाल कर नीचे फेंक दी थीसंजू के मुंह में पानी आ गया वह अपनी बहन की चुचियों को देख रहा था जो कि इस समय संतरे के आकार से थोड़े बड़े हो चुके थे जिसके पीछे खुद संजू की मेहनत थी और उसकी मेहनत रंग ला रही थी अपनी बहन की मदमस्त कर देने वाली चुचियों पर नजर पड़ते ही वह बोला,)

वाह रे मोहिनी तेरी खूबसूरती तो बढ़ती जा रही है तेरी चुचिया कितनी बड़ी हो रही हैं,,,

यह सब तुम्हारी वजह से हुआ है भाई तुम ही जोर जोर से दबा दबा कर पीते हो इसीलिए बड़ी हो रही है अरे मैं कितनी बार कहीं हूं कि मेरे होने वाले पति के लिए तो छोड़ दो,,,,


अरे पगली तुझे मैं तैयार करके तेरे ससुराल भेजूंगा ताकि जीजा जी को तेरे ऊपर ज्यादा मेहनत ना करना पड़े और पका हुआ फल खाने को मिले,,,,


हां हां,,,, अगर मेरे होने वाले पति देखो जरा भी शक हो गया ना कि पके हुए फल पर पहले से ही केमिकल लगा है तब तो हो मुझे घर से ही निकाल देगा,,,


ऐसा कुछ भी नहीं होगा मेरी रानी,,,, भगवान से प्रार्थना करना कि तेरे पति का भी लंबा मोटा और ज्यादा देर तक टिकने वाला हो वरना तेरे बदन पर किया गया मेरा सारा मेहनत पानी में चला जाएगा और तुझे फिर से दौड़ कर मेरे पास ही आना पड़ेगा,,,

वह तो मैं तेरे पास ही आऊंगी भाई,,,, क्योंकि तेरे साथ मुझे बहुत मजा आता है,,,,(इतना कहते हुए मोहिनी अपने भाई की आंखों के सामने हीलाल रंग की पैंटी को अपने दोनों टांगों में डाल कर उसे ऊपर की तरफ चढाकर पहन ली,,, संजु के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी नाश्ता करने से पहले वह अपनी बहन की चूत में से निकलने वाले रस को पीना चाहता था,,,, इसलिए वह अपनी बहन के करीब बढ़ने लगा और अपनी बहन की इजाजत लिए बिना ही अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपने दोनों हाथों से अपनी बहन की पेंटी को पकड़कर उसे नीचे सरकाने की कोशिश करने लगा तभी मोहिनी संजू के हाथ को पकड़कर हटाते हुए बोली,,,।


पागल हो गया क्या भाई कॉलेज जाने का समय हो रहा है किसी भी वक्त मम्मी इधर आ जाएगी मुझे कपड़े पहनने दे अगर मम्मी ने मुझे कमरे में इस हालत में देख लेना तो गजब हो जाएगा उसे हम दोनों के बीच क्या चल रहा है समझ में आ जाएगा फिर जो यह तो रोज रात को मेरी चुदाई करता है ना अब कर भी नहीं पाएगा क्योंकि फिर मम्मी मुझे अपने साथ सुलाने लगेगी,,,,,,

लेकिन तेरा नंगा जिस्म देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,


रुक उसका भी उपाय में करती हूं,,,(इतना कहने के साथ ही मोहिनी जल्दी-जल्दी अपने बाकी के लिए भी कपड़े पहन कर तैयार हो गई,,,,)

क्या करेगी तु अपनी चूत दिखा कर तूने तो मेरा लंड खड़ा कर दी,,,अब,,,

अरे बताती हो ना भाई तू तो एकदम उतावला होता जा रहा है,,,,

(उत्तेजना के मारे संजू की हालत खराब हो रही थी गीले बदन में अपनी बहन के नंगे जिस्म को देखकर संजू की आंखों में वासना की चमक उभर आई थी,,,,इस बात का एहसास संजीव को अच्छी तरह से हो रहा था कि किसी भी नारी के नंगे बदन से जी भर कर खेलने के बाद भी उसे अलग अलग माहौल में लग्न अवस्था में देखा जाए तो मर्द पहले से भी ज्यादा उत्तेजना का अनुभव करता है और वही हालात इस समय संजू के थे,,, मोहिनी का नंगा बदन उसके जोश को दुगना कर रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि मोहिनी क्या करने वाली है संजू का तो मन इसी समय मोहिनी की चुदाई करने को लालायित था लेकिन मोहिनी के मन में कुछ और चल रहा था मोहिनी अपने गीले बालों को अपने हाथों से पकड़ कर उसका जुड़ा बना ली,,, और अपने भाई के सामने घुटनों के बल बैठकर उसके पेंट का बटन खोलने लगी संजू को समझते देर नहीं लगी किसकी बहन क्या करने वाली है,,,, अगले पल के बारे में सोच कर हीं संजू के तन बदन मेंसिहरन सी दौड़ने लगी और अगले ही पल मोहिनी अपनी उंगलियों का कमाल दिखाते हुए अपने भाई के लंड को बाहर निकाल ले वाकई में संजु का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था,,,यह देखकर मोहिनी को अपनी जवानी पर गर्व होने लगा कि वह किसी भी वक्त किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर सकती हैं,,,,अपने भाई के खाने लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसे ऊपर नीचे करके हिलाते हुए मोहिनी बोली,,,।

बाप रे तू तो भाई एकदम तैयार हो गया है।


तो क्या मोहिनी बस सलवार खोल कर खड़ी हो जा 2 मिनट में सब कुछ हो जाएगा,,


और अगर मम्मी ने देख लिया ना तो काम तमाम भी हो जाएगा,,,(इतना कहने के साथ ही मोहिनी अपने लाल-लाल होठों को खोलकर अपने भाई के लंड को अपने मुंह में प्रवेश करा दी वह अपने भाई को ज्यादा बोलने का मौका नहीं देना चाहती थी और उसे लॉलीपॉप की तरह आगे पीछे करके चाटना शुरू कर दी यह अदा भी संजू को पूरी तरह से मदहोश किए जा रही थी संजू मदहोशी के आलम में अपनी आंखों को बंद कर लिया,,,,,,,एक तो जवानी से भरी हुई मोहिनी का भीगा बदन और भीगे बदन में से उठती उसकी मां तक खुशबू संजू को पूरी तरह से मदहोशी के आगोश में लिए जा रहा था,,,,, संजू के लिए इस समय यहां पर यह सुख स्वर्ग से भी ज्यादा आनंद ले रहा था इस पल के आगे संजू के लिए कुछ भी नहीं था आनंदमई पल उसने कभी नहीं दिया था,,,।

संजू का मोटा तगड़ा लंड मोहिनी के थुक के गीले पन को पाकर और भी ज्यादा टनटना गया था,,, मोहिनी को भी संजू का लंड अपने मुंह में फुलता हुआ महसूस हो रहा था,,,मोहिनी अपने भाई के लंड को मुंह में लेकर चूसते हुए उसके सुपाड़े के बारे में सोच रही थी,,,, बेकरी में कभी-कभार वह आते जाते सजा कर रखे गए क्रीम रोल को देखी थी जिसका मुंह एकदम संजू के लंड के सुपाड़े की तरह मोटा था,,, मोहिनी ने कभी बी बेकरी के उस क्रीम रोल को खाई नहीं थी उसका स्वाद नहीं लेती लेकिन इतना तो जानती थी कि,,, औरतों और लड़कियों के लिए मर्दों की क्रीम रोल से अच्छा और बेशकीमती दुनिया में और कोई क्रीम रोल नहीं है जिसे इस समय मोहिनी अपने मुंह में लेकर पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में डुबकी चली जा रही थी,,,,, मोहिनी संपूर्ण रूप से अपने भाई के समुचे लंड को अपने गले की गहराई में उतार ले रही थी,,, यह मोहिनी की मोटे तगड़े लंड से गुस्ताखी थी जिसका खामियाजा उसे सांसो की गति में अवरोध के रूप में भुगतना पड़ रहा था,,,, मोहिनी की सांस अटक जा रही थी लेकिन लंड को चूसने में जो मजा आ रहा था उसके आगे यह तकलीफ बहुत छोटी सी थी मोहिनी खुद अपने मुंह को आगे पीछे करके संजू के लंड को अपने मुंह में ले रही थी अपने लाल-लाल होठों का छल्ला बनाकर अपने भाई को अपनी चूत का एहसास करा रही थी इस अहसास से संजू भी पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था,,,, जिस तरह से मोहिनी ने अपने होठों का कसाव अपने भाई के लंड पर बनाई हुई थी वह कसाव संजू को एकदम चूत की तरह मजा दे रहा था,,,,। सुबह-सुबह संजू आनंद के सागर में गोते लगा रहा था,,,।

अपने भाई के साथ जिस्मानी ताल्लुकात रखते रखते मोहिनी के अंदर संभोग को और भी ज्यादा रुचि कर बनाने के लिए एक रंडी पन का रवैया आ गया था जिसका वह अपने भाई पर पूरी तरह से आजमाइश कर दी थी और उस आजमाइश से संजु को मदहोश कर देने वाला सुख प्राप्त होता था,,,अपनी बहन के मुंह में लंड पेलते हुए संजू इस समय अपनी किस्मत पर गर्वित हो रहा था,,,अब वह धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करके खिलाना शुरू कर दिया था एक तरह से संजू अपनी बहन के मुंह को उसकी चूत समझकर उसे चोद रहा था,,,, मोहिनी के द्वारा किए गए मुखमैथुन से संजू पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था,,,,,रसोई घर में उसकी मां उन दोनों के लिए नाश्ता तैयार कर रही थी उसे तो इस बात का आभास तक नहीं ताकि सुबह सुबह उसके दोनों बच्चे औरत और मर्द का खेल खेल रहे हैं,,,,,,

ओहहहहह मोहिनी तूने तो मुझे एकदम मस्त कर दी रे आहहहहह कसम से बहुत मजा आ रहा है,,,,ऊहहहहहह तेरी चूत से भी ज्यादा मजा तेरे मुंह में आ रहा है,,,,,आहहहहह तेरी जीभ अपना पूरा कमाल दिखा रही है,,,,आहहहहह मोहिनी तू बहुत मस्त है,,,,

(मोहिनी के मन में भी बहुत कुछ कहने को था लेकिन वहां मुंह में लंड लेने की वजह से कुछ भी बोल नहीं पा रही थी और अपने भाई को और ज्यादा मजा ले रही थी,,, अभी-अभी जिस पेंटी को मोहिनी ने पहनी थी वह पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,,,, संजू घड़ी की तरफ देखा तो समय बहुत कम था वह अपनी कमर को रफ्तार से हिलाना शुरू कर दिया मानो कि जैसे वह उसकी चुदाई कर रहा हो,,,अपने भाई के तेजी धक्के से महीने को बिल्कुल भी ऐतराज नहीं था क्योंकि वह भी यही चाहती थी कि जल्द से जल्द वह अपने भाई का पानी निकाल दे,,,, देखते ही देखते संजू की सांसे तेजी से चलने लगी और वह अगले ही पल ,,,अपने लंड को बाहर खींचना चाहता था क्योंकि उसका पानी निकलने वाला था और इस बात का आभास मोहिनी को भी था लेकिन वह अपने भाई को कस के पकड़े रह गई और देखते ही देखते संजू की पिचकारी मोहिनी के गले में उतरने लगी,,, मोहिनी ने तब तक अपने भाई के लंड को बाहर नहीं निकाली जब तक की उसके लंड की हर एक बूंद को अपने गले के नीचे गटक ना ले गई,,,,,, अभी भी संजू का लंड मोहिनी के मुंह में था कि तभी रसोई घर में से आराधना की आवाज सुनाई दी लेकिन वह रसोई घर से बाहर आ रही थी वहउन दोनों के कमरे में ही आ रही थी उन दोनों को बुलाने के लिए क्योंकि नाश्ता तैयार हो चुका था,,,, अपनी मां के पायल और चूड़ियों की खनक की आवाज से उन दोनों को समझते थे नहीं लगेगी उनकी मां उनकी तरफ या रही है मोहिनी समय की नजाकत को समझते हुए,,,मोहिनी तुरंत अपने मुंह से अपने बॉयफ्रेंड को बाहर निकाल दी और वह तुरंत खड़ी होकर अपने कपड़ों को व्यवस्थित करने लगी और अपने बाल को आईने में देखकर कंघी करने लगी,,,, जैसे ही उसकी मां दरवाजे पर पहुंची वैसे ही तुरंत संजू एक पल की भी देरी किए बिना ही दूसरी तरफ दरवाजे की तरफ मुंह करके खड़ा हो गया और तुरंत अपने कॉलेज का बैग उठाकर अपने घुटनों पर रखकर हल्के से झुक गया मानो कि जैसे कि वह बैग में से कुछ ढूंढ रहा है,,,, वह अपने लंड को अपने पेंट में डाल नहीं पाया था प्रिंट के बाहर अभी भी उसका लंड लटक रहा था जिस पर उसकी मां की नजर बिल्कुल भी नहीं पड़ी थी दरवाजे पर पहुंचकर आराधना को ऐसा ही लगा कि जैसे उसके दोनों बच्चे को ले जाने के लिए तैयार हो रहे हैं इसलिए वह बोली,,,,।

अभी तक तुम दोनों तैयार नहीं हुए,, जल्दी करो नाश्ता तैयार हो गया है,,,

बस 2 मिनट मम्मी,,,,


(और इतना कहने के साथ ही आराधना वापस रसोई घर की तरफ चली गई तब जाकर संजू की जान में जान आई और वहां मोहिनी की तरफ घूम कर बोला,,,)

देख मोहिनी लंड को पेंट में डालने का मौका तक नहीं मिला,,,


बाप रे तो कितना हरामी है भाई,,,(लंड की तरफ देखते हुए) अगर मम्मी देख लेती तो,,,


देख लेती तो अच्छा ही होता मेरे लंड की मोटाई और लंबाई देखकर मम्मी भी ईसे अपनी चूत में ले लेती,,,
(अपने भाई की बात सुनकर मोहिनी एकदम से गनगना गई और बोली,,)

धत्,,, भाई तू कितना गंदा बोलता है,,,

अरे गंदा नहीं सही बोलता हूं देखना अगर कोई और मजे लेने लगाना तो बदनामी हो जाएगी इसलिए मुझे ही ट्राई करना पड़ेगा,,,


तुझे तो मम्मी लात मार के बाहर निकाल देगी,,,

तूने मारी क्या मुझे लात बल्कि अपनी जरूरत के मुताबिक मेरे लिए अपनी दोनों टांग खोल दी,,,
(अपने भाई की यह बात सुनकर मोहिनी के गाल शर्म से लाल हो गए और वह संजू से बोली)

चल चल बात मत बना चल जल्दी से नाश्ता कर लेते हैं नहीं तो मम्मी फिर आ जाएगी,,,, और इसे (लंड की तरफ हाथ का इशारा करते हुए) अंदर तो कर ले,,,

अरे बाप रे मैं तो भूल ही गया,,,,( और इतना कहने के साथ ही संजू अपने लंड को वापस पेंट में डाल दिया कमरे से बाहर निकलते समय मोहिनी बोली,,,)

भाई तेरी वजह से मेरी पैंटी पूरी गीली हो गई,,,

अरे तो बदल लेना दूसरी पहन ले,,,

अब इतना समय नहीं है मेरे पास,,,(इतना कहने के साथ ही कमरे से बाहर निकल गई,,,, धीरे-धीरे समय गुजरता रहा और आराधना को जॉब करते 4 महीने का समय गुजर गया,,, अभी भी आराधना के जीवन में स्थिरता नहीं आई थी अशोक का रवैया उसी तरह से था अशोक घर पर आता जरूर था लेकिन घर पर रुकता नहीं था उसकी एक ही शर्त थी कि जब तक आराधना अपनी नौकरी नहीं छोड़ देती तब तक वह घर पर नहीं रुकेगा और आराधना जॉब छोड़ना नहीं चाहती थी क्योंकि इस जॉब से उसके परिवार की जरूरतें पूरी हो रही थी,,,, बात ज्यों की त्यों थी,,,, अशोक अपना अहंकार दिखा रहा था और आराधना अपनी जिंदगी की जरूरतें को प्राथमिकता दे रही थी जो कि जरूरी भी थी,,,

दूसरी तरफ साधना की चूत में खलबली मची हुई थी काफी दिनों से उसकी चूत में लंड नहीं किया था उसे संजू की याद आ रही थी और वह संजू के घर आराधना से मिलने के बहाने चल पड़ी थी लेकिन संजू के लिए एक अच्छी खासी थोड़ी बहुत आमदनी करने का प्रपोजल भी था,,,।
Awesome Update Rony bhai , sadhna kya proposal lai hai,
Great Waiting For next Update
 

Vinita

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वाह रे मोहिनी तेरी खूबसूरती तो बढ़ती जा रही है तेरी चुचिया कितनी बड़ी हो रही हैं,,,

यह सब तुम्हारी वजह से हुआ है भाई तुम ही जोर जोर से दबा दबा कर पीते हो इसीलिए बड़ी हो रही है अरे मैं कितनी बार कहीं हूं कि मेरे होने वाले पति के लिए तो छोड़ दो,,,,


अरे पगली तुझे मैं तैयार करके तेरे ससुराल भेजूंगा ताकि जीजा जी को तेरे ऊपर ज्यादा मेहनत ना करना पड़े और पका हुआ फल खाने को मिले,,,,


हां हां,,,, अगर मेरे होने वाले पति देखो जरा भी शक हो गया ना कि पके हुए फल पर पहले से ही केमिकल लगा है तब तो हो मुझे घर से ही निकाल देगा,,,

गजब रोनी भैया ये वाला अपडेट अब तक चार बार पढ लिया बहुत ही कामुक लिखा है।
ये लाईन तो केवल नमुना है 💦
 

rohnny4545

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वाह रे मोहिनी तेरी खूबसूरती तो बढ़ती जा रही है तेरी चुचिया कितनी बड़ी हो रही हैं,,,

यह सब तुम्हारी वजह से हुआ है भाई तुम ही जोर जोर से दबा दबा कर पीते हो इसीलिए बड़ी हो रही है अरे मैं कितनी बार कहीं हूं कि मेरे होने वाले पति के लिए तो छोड़ दो,,,,


अरे पगली तुझे मैं तैयार करके तेरे ससुराल भेजूंगा ताकि जीजा जी को तेरे ऊपर ज्यादा मेहनत ना करना पड़े और पका हुआ फल खाने को मिले,,,,


हां हां,,,, अगर मेरे होने वाले पति देखो जरा भी शक हो गया ना कि पके हुए फल पर पहले से ही केमिकल लगा है तब तो हो मुझे घर से ही निकाल देगा,,,

गजब रोनी भैया ये वाला अपडेट अब तक चार बार पढ लिया बहुत ही कामुक लिखा है।
ये लाईन तो केवल नमुना है 💦
Dhanyawad vinita ji
 

Sanju@

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इसी तरह से दिन गुजरने लगे,,, संजू के तो हाथ में गुलाब जामुन लग गए थे वह रोज रात को अपना मुंह मीठा और खट्टा कर रहा था,,,, अपनी बहन की चूत का रस पीकर,, मोहिनी के बदन में और भी ज्यादा उठाव आने लगा था,,,मर्दाना हाथ मोहिनी के जिस्म पर पढ़ते ही उसका जिसमें फूल की तरह खीलने लगा था उसकी जवानी गदराने लगी थी,,, चुचीयों का उठाव और भी बेहतरीन होता जा रहा था गांड में चर्बी का भराव हो रहा था जिससे गांड का भूगोल पूरी तरह से बदलता हुआ नजर आ रहा था ऐसा लग रहा था कि मोहिनी के जिस्म पर बहार आ गई हो,,, और संजू इस मौसम का मजा रोज ले रहा था,,,, अपनी बहन की चूत पर पूरी तरह से कब्जा जमा देने के बाद उसकी नजर अपनी मां की दोनों टांगों के बीच थी असली सुख उसे अपनी मां की दोनों टांगों के बीच ही नजर आ रही थी,,, अपनी मौसी और अपनी बहन की जवानी का रस पीने के बाद,,, संजू अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली जवानी का मधुर रस पीना चाहता था,,, जिसके बारे में वह अपनी मां के सामने अपनी मंशा भी बता चुका था लेकिन उसकी मां मां बेटे के पवित्र रिश्ते को तार-तार नहीं करना देना चाहती थी इसलिए अपनी भावनाओं पर अपनी उमंगों पर काबू कर के वह अपने बेटे को इनकार कर चुकी थी,,,,,,
लेकिन संजू अपने पिता की हरकत और अपनी मौसी की जरूरत और प्यास को देखकर इतना तो समझ ही गया था कि औरत और मर्द को समय-समय पर एक दूसरे की जरूरत पड़ती ही है और वह भी अपने बदन की प्यास बुझाने के लिए,,,,,,, इसलिए उसे इस बात का एहसास और विश्वास भी था की उसकी मां को भी एक मर्द की जरूरत कभी ना कभी तो पड़ेगी,,,ही,,,,,,, जैसे कि उसकी बहन और मौसी को पड़ी थी अगर औरतों को चुदवाने का शौक ना होता तो उसकी मौसी और उसकी बहन संजू के लिए अपनी दोनों टांगे ना खोल दी होती और यही पक्का विश्वास संजू को अपनी मंजिल तक पहुंचने का भरोसा दिला रहा था,,, और अपने बाप के रवैया और उसकी हरकत से संजीव पूरी तरह से वाकिफ हो चुका था इसलिए उसे पक्का यकीन था कि उसकी मां को भी चुदवाने की प्यास जरूर जागेगी आखिरकार उसकी मां अभी भी तो पूरी तरह से जवान ही थी जवानी की उमंग उसके बदन को भी चिकोटती होगी,,,,,,,।

आराधना अपना दर्द और अपनी व्याकुलता धीरे-धीरे अपने काम मैं व्यस्त रहकर भुलाने लगी,,,, अपने पति के रवैया से वह भी पूरी तरह से परेशान हो चुकी थी अब तो अशोक कभी कबार ही घर पर आता था ऐसा लगता था कि जैसे घर से उसका नाता ही टूट गया हो,,,, इसलिए आराधना जब ऑफिस पर नहीं होती थी तो घर पर अकेले पन में अपने आप को कोसती रहती थी,,,, ऐसा नहीं था कि अपने परिवारिक परेशानियों का दुख मोहिनी और संजू को बिल्कुल भी नहीं था उन दोनों को भी अपनी मां की और अपने परिवार की बहुत चिंता होती थी लेकिन दोनों ने अपनी चिंता को अपनी वासना की आग में जला दिया था दोनों एक दूसरे में खुश थे दोनों को बस रात होने का इंतजार रहता था जैसे ही खाना खाकर साफ सफाई करके आराधना अपने कमरे में जाति वैसे ही दोनों भाई बहन अपने कमरे में घुसते ही दरवाजे की सीट के नहीं बंद कर देते हैं और एक दूसरे के कपड़ों को अपने हाथों से उतार कर एक दूसरे के नंगे बदन से खेलना शुरू कर देते थे यह अब दोनों की दिनचर्या में शामिल हो चुका था,,,, संजू और मोहिनी दोनों आपस में इतना खुल चुके थे कि मानो कि जैसे वह दोनों भाई बहन ना होकर पति पत्नी हो,,,,अपनी मां की नजरों से छुप कर भी दोनों एक दूसरे के अंगों को पकड़ने और सहलाने का सुख प्राप्त कर ही लेते थे और इन दोनों की हरकतों पर अभी तक आराधना की नजर भी नहीं पढ़ी थी और ना ही उसे कभी इस बात का शक ही हुआ था कि संजू अपनी बहन के साथ शारीरिक संबंध बनाता है जबकि उसे इस बात का एहसास होना चाहिए ताकि जब उसका बेटा एक मां होने के नाते उसके साथ भी शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा रखता था तो एक ही कमरे में वह अपनी बहन के साथ सोता था तो क्या अपनी बहन के साथ उसका मन नहीं करता होगा,,,,क्या हुआ रात को सोते समय अपनी बहन के साथ अपनी बहन के अंगों के साथ छेड़छाड़ नहीं करता होगा,,,, यह ख्याल आराधना के मन में कभी नहीं आया था,,,,,,, घर पर स्कूटी होने के नाते अब तो रविवार को दोनों भाई बहन घूमने निकल जाते थे और ऐसे घूमते थे कि मानों जैसे प्रेमी-प्रेमिका हो,,,, अपने बच्चों को देखकर आराधना अपने मन में इस बात से खुश हो जाती थी कि चलो उसकी जॉब के चलते उसके दोनों बच्चे खुश तो है पर उसे क्या मालूम था कि उसके दोनों बच्चे बच्चे नहीं रहे गए थे दोनों बड़े हो गए थे और आपस में मर्द और औरत का खेल खेलना शुरू कर दिए थे,,,,,,।

ऐसे ही एक दिन कॉलेज जाने के समय संजू नहा धोकर अपने कमरे में तैयार होकर अपने बाल को संवार रहा था तभी उसकी बहन मोहिनी बाथरूम से नहा धोकर बदन पर टावल लपेटकर अपनी मां की नजरों से बच कर सीधा अपने कमरे में घुस गई वह आज कपड़े बाथरुम में ले जाना भूल गई थी इसलिए इसी अवस्था में ही वह अपने कमरे में प्रवेश कर गई थी,,,और बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए अपने भाई की आंखों के सामने सुबह-सुबह ही अपने बदन से टावल हटाकर एक तरफ फेंक देी,, और नग्न अवस्था में ही अपने गीले बालों का जूड़ा खोलकर उसे दोनों हाथों में पकड़ कर जोर से दबाकर पानी को गाछते हुए संजू से बोली,,।

आज तो बाथरूम में कपड़े ले जाना ही खुल गई,,,,
(संजू जो कि बाल में कंघी कर रहा था वह अपनी बहन की तरफ देखा तो देखता ही रह गया उसकी आंखों के सामने उसकी बहन एकदम नंगी खड़ी थी,,, पूरी तरह से नंगी उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था ऐसा नहीं था कि संजू पहली बार अपनी बहन को नंगी देखना है लेकिन आज का माहौल कुछ और था सुबह का समय था और ऐसे में वहां अपनी बहन को कभी भी नग नाश्ता में देखा नहीं था लेकिन इस समय मोहिनी बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए सुबह-सुबह अपने बदन से टोवल को निकाल कर नीचे फेंक दी थीसंजू के मुंह में पानी आ गया वह अपनी बहन की चुचियों को देख रहा था जो कि इस समय संतरे के आकार से थोड़े बड़े हो चुके थे जिसके पीछे खुद संजू की मेहनत थी और उसकी मेहनत रंग ला रही थी अपनी बहन की मदमस्त कर देने वाली चुचियों पर नजर पड़ते ही वह बोला,)

वाह रे मोहिनी तेरी खूबसूरती तो बढ़ती जा रही है तेरी चुचिया कितनी बड़ी हो रही हैं,,,

यह सब तुम्हारी वजह से हुआ है भाई तुम ही जोर जोर से दबा दबा कर पीते हो इसीलिए बड़ी हो रही है अरे मैं कितनी बार कहीं हूं कि मेरे होने वाले पति के लिए तो छोड़ दो,,,,


अरे पगली तुझे मैं तैयार करके तेरे ससुराल भेजूंगा ताकि जीजा जी को तेरे ऊपर ज्यादा मेहनत ना करना पड़े और पका हुआ फल खाने को मिले,,,,


हां हां,,,, अगर मेरे होने वाले पति देखो जरा भी शक हो गया ना कि पके हुए फल पर पहले से ही केमिकल लगा है तब तो हो मुझे घर से ही निकाल देगा,,,


ऐसा कुछ भी नहीं होगा मेरी रानी,,,, भगवान से प्रार्थना करना कि तेरे पति का भी लंबा मोटा और ज्यादा देर तक टिकने वाला हो वरना तेरे बदन पर किया गया मेरा सारा मेहनत पानी में चला जाएगा और तुझे फिर से दौड़ कर मेरे पास ही आना पड़ेगा,,,

वह तो मैं तेरे पास ही आऊंगी भाई,,,, क्योंकि तेरे साथ मुझे बहुत मजा आता है,,,,(इतना कहते हुए मोहिनी अपने भाई की आंखों के सामने हीलाल रंग की पैंटी को अपने दोनों टांगों में डाल कर उसे ऊपर की तरफ चढाकर पहन ली,,, संजु के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी नाश्ता करने से पहले वह अपनी बहन की चूत में से निकलने वाले रस को पीना चाहता था,,,, इसलिए वह अपनी बहन के करीब बढ़ने लगा और अपनी बहन की इजाजत लिए बिना ही अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपने दोनों हाथों से अपनी बहन की पेंटी को पकड़कर उसे नीचे सरकाने की कोशिश करने लगा तभी मोहिनी संजू के हाथ को पकड़कर हटाते हुए बोली,,,।


पागल हो गया क्या भाई कॉलेज जाने का समय हो रहा है किसी भी वक्त मम्मी इधर आ जाएगी मुझे कपड़े पहनने दे अगर मम्मी ने मुझे कमरे में इस हालत में देख लेना तो गजब हो जाएगा उसे हम दोनों के बीच क्या चल रहा है समझ में आ जाएगा फिर जो यह तो रोज रात को मेरी चुदाई करता है ना अब कर भी नहीं पाएगा क्योंकि फिर मम्मी मुझे अपने साथ सुलाने लगेगी,,,,,,

लेकिन तेरा नंगा जिस्म देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,


रुक उसका भी उपाय में करती हूं,,,(इतना कहने के साथ ही मोहिनी जल्दी-जल्दी अपने बाकी के लिए भी कपड़े पहन कर तैयार हो गई,,,,)

क्या करेगी तु अपनी चूत दिखा कर तूने तो मेरा लंड खड़ा कर दी,,,अब,,,

अरे बताती हो ना भाई तू तो एकदम उतावला होता जा रहा है,,,,

(उत्तेजना के मारे संजू की हालत खराब हो रही थी गीले बदन में अपनी बहन के नंगे जिस्म को देखकर संजू की आंखों में वासना की चमक उभर आई थी,,,,इस बात का एहसास संजीव को अच्छी तरह से हो रहा था कि किसी भी नारी के नंगे बदन से जी भर कर खेलने के बाद भी उसे अलग अलग माहौल में लग्न अवस्था में देखा जाए तो मर्द पहले से भी ज्यादा उत्तेजना का अनुभव करता है और वही हालात इस समय संजू के थे,,, मोहिनी का नंगा बदन उसके जोश को दुगना कर रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि मोहिनी क्या करने वाली है संजू का तो मन इसी समय मोहिनी की चुदाई करने को लालायित था लेकिन मोहिनी के मन में कुछ और चल रहा था मोहिनी अपने गीले बालों को अपने हाथों से पकड़ कर उसका जुड़ा बना ली,,, और अपने भाई के सामने घुटनों के बल बैठकर उसके पेंट का बटन खोलने लगी संजू को समझते देर नहीं लगी किसकी बहन क्या करने वाली है,,,, अगले पल के बारे में सोच कर हीं संजू के तन बदन मेंसिहरन सी दौड़ने लगी और अगले ही पल मोहिनी अपनी उंगलियों का कमाल दिखाते हुए अपने भाई के लंड को बाहर निकाल ले वाकई में संजु का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था,,,यह देखकर मोहिनी को अपनी जवानी पर गर्व होने लगा कि वह किसी भी वक्त किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर सकती हैं,,,,अपने भाई के खाने लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसे ऊपर नीचे करके हिलाते हुए मोहिनी बोली,,,।

बाप रे तू तो भाई एकदम तैयार हो गया है।


तो क्या मोहिनी बस सलवार खोल कर खड़ी हो जा 2 मिनट में सब कुछ हो जाएगा,,


और अगर मम्मी ने देख लिया ना तो काम तमाम भी हो जाएगा,,,(इतना कहने के साथ ही मोहिनी अपने लाल-लाल होठों को खोलकर अपने भाई के लंड को अपने मुंह में प्रवेश करा दी वह अपने भाई को ज्यादा बोलने का मौका नहीं देना चाहती थी और उसे लॉलीपॉप की तरह आगे पीछे करके चाटना शुरू कर दी यह अदा भी संजू को पूरी तरह से मदहोश किए जा रही थी संजू मदहोशी के आलम में अपनी आंखों को बंद कर लिया,,,,,,,एक तो जवानी से भरी हुई मोहिनी का भीगा बदन और भीगे बदन में से उठती उसकी मां तक खुशबू संजू को पूरी तरह से मदहोशी के आगोश में लिए जा रहा था,,,,, संजू के लिए इस समय यहां पर यह सुख स्वर्ग से भी ज्यादा आनंद ले रहा था इस पल के आगे संजू के लिए कुछ भी नहीं था आनंदमई पल उसने कभी नहीं दिया था,,,।

संजू का मोटा तगड़ा लंड मोहिनी के थुक के गीले पन को पाकर और भी ज्यादा टनटना गया था,,, मोहिनी को भी संजू का लंड अपने मुंह में फुलता हुआ महसूस हो रहा था,,,मोहिनी अपने भाई के लंड को मुंह में लेकर चूसते हुए उसके सुपाड़े के बारे में सोच रही थी,,,, बेकरी में कभी-कभार वह आते जाते सजा कर रखे गए क्रीम रोल को देखी थी जिसका मुंह एकदम संजू के लंड के सुपाड़े की तरह मोटा था,,, मोहिनी ने कभी बी बेकरी के उस क्रीम रोल को खाई नहीं थी उसका स्वाद नहीं लेती लेकिन इतना तो जानती थी कि,,, औरतों और लड़कियों के लिए मर्दों की क्रीम रोल से अच्छा और बेशकीमती दुनिया में और कोई क्रीम रोल नहीं है जिसे इस समय मोहिनी अपने मुंह में लेकर पूरी तरह से उत्तेजना के सागर में डुबकी चली जा रही थी,,,,, मोहिनी संपूर्ण रूप से अपने भाई के समुचे लंड को अपने गले की गहराई में उतार ले रही थी,,, यह मोहिनी की मोटे तगड़े लंड से गुस्ताखी थी जिसका खामियाजा उसे सांसो की गति में अवरोध के रूप में भुगतना पड़ रहा था,,,, मोहिनी की सांस अटक जा रही थी लेकिन लंड को चूसने में जो मजा आ रहा था उसके आगे यह तकलीफ बहुत छोटी सी थी मोहिनी खुद अपने मुंह को आगे पीछे करके संजू के लंड को अपने मुंह में ले रही थी अपने लाल-लाल होठों का छल्ला बनाकर अपने भाई को अपनी चूत का एहसास करा रही थी इस अहसास से संजू भी पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था,,,, जिस तरह से मोहिनी ने अपने होठों का कसाव अपने भाई के लंड पर बनाई हुई थी वह कसाव संजू को एकदम चूत की तरह मजा दे रहा था,,,,। सुबह-सुबह संजू आनंद के सागर में गोते लगा रहा था,,,।

अपने भाई के साथ जिस्मानी ताल्लुकात रखते रखते मोहिनी के अंदर संभोग को और भी ज्यादा रुचि कर बनाने के लिए एक रंडी पन का रवैया आ गया था जिसका वह अपने भाई पर पूरी तरह से आजमाइश कर दी थी और उस आजमाइश से संजु को मदहोश कर देने वाला सुख प्राप्त होता था,,,अपनी बहन के मुंह में लंड पेलते हुए संजू इस समय अपनी किस्मत पर गर्वित हो रहा था,,,अब वह धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करके खिलाना शुरू कर दिया था एक तरह से संजू अपनी बहन के मुंह को उसकी चूत समझकर उसे चोद रहा था,,,, मोहिनी के द्वारा किए गए मुखमैथुन से संजू पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था,,,,,रसोई घर में उसकी मां उन दोनों के लिए नाश्ता तैयार कर रही थी उसे तो इस बात का आभास तक नहीं ताकि सुबह सुबह उसके दोनों बच्चे औरत और मर्द का खेल खेल रहे हैं,,,,,,

ओहहहहह मोहिनी तूने तो मुझे एकदम मस्त कर दी रे आहहहहह कसम से बहुत मजा आ रहा है,,,,ऊहहहहहह तेरी चूत से भी ज्यादा मजा तेरे मुंह में आ रहा है,,,,,आहहहहह तेरी जीभ अपना पूरा कमाल दिखा रही है,,,,आहहहहह मोहिनी तू बहुत मस्त है,,,,

(मोहिनी के मन में भी बहुत कुछ कहने को था लेकिन वहां मुंह में लंड लेने की वजह से कुछ भी बोल नहीं पा रही थी और अपने भाई को और ज्यादा मजा ले रही थी,,, अभी-अभी जिस पेंटी को मोहिनी ने पहनी थी वह पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,,,, संजू घड़ी की तरफ देखा तो समय बहुत कम था वह अपनी कमर को रफ्तार से हिलाना शुरू कर दिया मानो कि जैसे वह उसकी चुदाई कर रहा हो,,,अपने भाई के तेजी धक्के से महीने को बिल्कुल भी ऐतराज नहीं था क्योंकि वह भी यही चाहती थी कि जल्द से जल्द वह अपने भाई का पानी निकाल दे,,,, देखते ही देखते संजू की सांसे तेजी से चलने लगी और वह अगले ही पल ,,,अपने लंड को बाहर खींचना चाहता था क्योंकि उसका पानी निकलने वाला था और इस बात का आभास मोहिनी को भी था लेकिन वह अपने भाई को कस के पकड़े रह गई और देखते ही देखते संजू की पिचकारी मोहिनी के गले में उतरने लगी,,, मोहिनी ने तब तक अपने भाई के लंड को बाहर नहीं निकाली जब तक की उसके लंड की हर एक बूंद को अपने गले के नीचे गटक ना ले गई,,,,,, अभी भी संजू का लंड मोहिनी के मुंह में था कि तभी रसोई घर में से आराधना की आवाज सुनाई दी लेकिन वह रसोई घर से बाहर आ रही थी वहउन दोनों के कमरे में ही आ रही थी उन दोनों को बुलाने के लिए क्योंकि नाश्ता तैयार हो चुका था,,,, अपनी मां के पायल और चूड़ियों की खनक की आवाज से उन दोनों को समझते थे नहीं लगेगी उनकी मां उनकी तरफ या रही है मोहिनी समय की नजाकत को समझते हुए,,,मोहिनी तुरंत अपने मुंह से अपने बॉयफ्रेंड को बाहर निकाल दी और वह तुरंत खड़ी होकर अपने कपड़ों को व्यवस्थित करने लगी और अपने बाल को आईने में देखकर कंघी करने लगी,,,, जैसे ही उसकी मां दरवाजे पर पहुंची वैसे ही तुरंत संजू एक पल की भी देरी किए बिना ही दूसरी तरफ दरवाजे की तरफ मुंह करके खड़ा हो गया और तुरंत अपने कॉलेज का बैग उठाकर अपने घुटनों पर रखकर हल्के से झुक गया मानो कि जैसे कि वह बैग में से कुछ ढूंढ रहा है,,,, वह अपने लंड को अपने पेंट में डाल नहीं पाया था प्रिंट के बाहर अभी भी उसका लंड लटक रहा था जिस पर उसकी मां की नजर बिल्कुल भी नहीं पड़ी थी दरवाजे पर पहुंचकर आराधना को ऐसा ही लगा कि जैसे उसके दोनों बच्चे को ले जाने के लिए तैयार हो रहे हैं इसलिए वह बोली,,,,।

अभी तक तुम दोनों तैयार नहीं हुए,, जल्दी करो नाश्ता तैयार हो गया है,,,

बस 2 मिनट मम्मी,,,,


(और इतना कहने के साथ ही आराधना वापस रसोई घर की तरफ चली गई तब जाकर संजू की जान में जान आई और वहां मोहिनी की तरफ घूम कर बोला,,,)

देख मोहिनी लंड को पेंट में डालने का मौका तक नहीं मिला,,,


बाप रे तो कितना हरामी है भाई,,,(लंड की तरफ देखते हुए) अगर मम्मी देख लेती तो,,,


देख लेती तो अच्छा ही होता मेरे लंड की मोटाई और लंबाई देखकर मम्मी भी ईसे अपनी चूत में ले लेती,,,
(अपने भाई की बात सुनकर मोहिनी एकदम से गनगना गई और बोली,,)

धत्,,, भाई तू कितना गंदा बोलता है,,,

अरे गंदा नहीं सही बोलता हूं देखना अगर कोई और मजे लेने लगाना तो बदनामी हो जाएगी इसलिए मुझे ही ट्राई करना पड़ेगा,,,


तुझे तो मम्मी लात मार के बाहर निकाल देगी,,,

तूने मारी क्या मुझे लात बल्कि अपनी जरूरत के मुताबिक मेरे लिए अपनी दोनों टांग खोल दी,,,
(अपने भाई की यह बात सुनकर मोहिनी के गाल शर्म से लाल हो गए और वह संजू से बोली)

चल चल बात मत बना चल जल्दी से नाश्ता कर लेते हैं नहीं तो मम्मी फिर आ जाएगी,,,, और इसे (लंड की तरफ हाथ का इशारा करते हुए) अंदर तो कर ले,,,

अरे बाप रे मैं तो भूल ही गया,,,,( और इतना कहने के साथ ही संजू अपने लंड को वापस पेंट में डाल दिया कमरे से बाहर निकलते समय मोहिनी बोली,,,)

भाई तेरी वजह से मेरी पैंटी पूरी गीली हो गई,,,

अरे तो बदल लेना दूसरी पहन ले,,,

अब इतना समय नहीं है मेरे पास,,,(इतना कहने के साथ ही कमरे से बाहर निकल गई,,,, धीरे-धीरे समय गुजरता रहा और आराधना को जॉब करते 4 महीने का समय गुजर गया,,, अभी भी आराधना के जीवन में स्थिरता नहीं आई थी अशोक का रवैया उसी तरह से था अशोक घर पर आता जरूर था लेकिन घर पर रुकता नहीं था उसकी एक ही शर्त थी कि जब तक आराधना अपनी नौकरी नहीं छोड़ देती तब तक वह घर पर नहीं रुकेगा और आराधना जॉब छोड़ना नहीं चाहती थी क्योंकि इस जॉब से उसके परिवार की जरूरतें पूरी हो रही थी,,,, बात ज्यों की त्यों थी,,,, अशोक अपना अहंकार दिखा रहा था और आराधना अपनी जिंदगी की जरूरतें को प्राथमिकता दे रही थी जो कि जरूरी भी थी,,,

दूसरी तरफ साधना की चूत में खलबली मची हुई थी काफी दिनों से उसकी चूत में लंड नहीं किया था उसे संजू की याद आ रही थी और वह संजू के घर आराधना से मिलने के बहाने चल पड़ी थी लेकिन संजू के लिए एक अच्छी खासी थोड़ी बहुत आमदनी करने का प्रपोजल भी था,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है मोहिनी और सोनू दोनो आपस में भरपूर मजा ले रहे हैं अपनी जवानी का अब तो दोनो ऐसे रहते हैं कि दोनो पति पत्नी हो हर रात रंगीन हो रही है वही आराधना अपने काम में बिजी हैं उसे पता भी नही है कि संजू और मोहिनी क्या खेल खेल रहे हैं देखते हैं साधना अपनी चुदाई के साथ सोनू के लिए क्या प्रपोजल लेकर आ रही है इंतजार है अगले अपडेट का
 
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