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Incest मजबूरी या जरूरत

Kammy sidhu

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Wah bhai maja aa gaya too much romantic update bro and continue story
नहीं संजू मुझसे नहीं होगा मुझे बहुत शर्म आ रही है,,

क्या मम्मी अभी भी शर्म आ रही है तुम्हारे कपड़े में अपने हाथ से उतार कर तुम्हें नंगी किया तुम्हारे कमरे में तुम्हारे बिस्तर पर तुम्हें चोद रहा हूं और तुम चुदवा रही हो,,,, और कह रही हो कि शर्म आ रही है जाओ अगर तुम आंखें नहीं खेलोगी तो मैं तुम्हें नहीं चोदुंगा,,,,, इसी तरह से तुम्हारी चूत में लंड डालकर बैठे रहूंगा,,,,।

(अपने बेटे की यह बात सुनकर आराधना एकदम से सकते में आ गई क्योंकि उसे भी मजा आ रहा था उसके बेटे के लिंग की मोटाई और लंबाई सीधे उसके बच्चेदानी तक पहुंच रही थी और,,, लंड मोटा होने के नाते आराधना अपनी बेटी के लंड को अपनी चूत में एकदम कसा हुआ महसूस कर रही थी और उसे अपने बेटे का लंड इतना ज्यादा कड़क लग रहा था कि उससे उसके लंड की नसें सांप अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों पर रगडती हुई महसूस हो रही थी और अगर तेरे अंदर बाहर होने की वजह से उसका मजा अत्यधिक बढ़ता जा रहा था और लगातार उसकी चूत से काम रस टपक रहा था,,,, ऐसे में आराधना को अपने बेटे से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था पहले ही दोनों के बीच मां बेटी का रिश्ता था और आराधना इसे रिश्ते में जिस्मानी ताल्लुकात नहीं रखना चाहती थी लेकिन अपने बेटे की मनमानी को देखते हुए और अपनी जरूरत के आगे वह घुटने टेक चुकी थी और अब उसे इस खेल में बहुत मजा आ रहा था लेकिन एक जिद के कारण उसका बेटा उसी तरह से उसकी चूत में लंड डाले बैठा था और जैसा आराधना को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था रंग में भंग पड़ गया था इसलिए ना चाहते हुए भी आराधना अपनी आंखों को खोल दी लेकिन उसकी आंखों में शर्म भरा हुआ था वह पूरी तरह से शर्मिंदगी महसूस कर रही थी साथ ही उत्तेजना का असर उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था,,, अपनी मां को आकर खोला हुआ देखकर संजू के होठों पर मुस्कान तैरने लगी और वह खुश होते हुए बोला,,,)

वाह यह हुई ना बात मम्मी अब देखना कितना मजा देता हूं तुम एक नजर अपनी दोनों टांगों के बीच तो डालो मेरे लंड को देखकर मजा आ जाएगा,,, कि कैसे तुम्हारे छोटे से गुलाबी छेद में मेरा मोटा लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा है,,,,
(आराधना को अपने बेटे की बातें इतनी अत्यधिक गंदी लग रही थी कि उसकी बातों को सुनकर वह पानी पानी हुए जा रही थी इस तरह से उसके पति ने भी कभी इतनी अधिक गंदी बातें उसके साथ नहीं किया था लेकिन संजू बिल्कुल बेशर्म बन चुका था लेकिन उसकी बेशर्मी आराधना को अच्छी लग रही थी उसका भी मन अपनी दोनों टांगों के बीच देखने का मन कर रहा था लेकिन वह शर्म के मारे देख नहीं पा रही थी लेकिन अपने बेटे की बात सुनकर वह हिम्मत जुटाकर अपने दोनों हाथों की कोहनी का सहारा लेकर थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठी और अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी नजरों को स्थिर कर दी उसके बाद जो नजारा उसकी आंखों के सामने आया उसे देखकर वह खुद हैरान हो गई,,,, उसे अपनी दोनों टांगों के बीच का नजारा एकदम साफ नजर आ रहा था उसकी चूत कचोरी की तरह एकदम खुली हुई थी जो की पूरी तरह से रस से लबालब थी,,,, आराधना यह देखकर हैरान थी कि राजू का इतना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से उसकी चूत के अंदर तक चला जा रहा था और चूत में कहीं खो जा रहा था यह देखकर आराधना की उत्तेजना बढ़ने लगी ,,,, संजू अपनी मां को यह नजारा दिखाने की उद्देश्य से बड़े आराम से अपनी कमर को पानी की तरह लहराता हुआ आगे पीछे कर रहा था और अपने होठों को दांत से काटकर अपनी उत्तेजना दर्शा रहा था यह देख कर,,,, आराधना पूरी तरह से मस्त हुई जा रही थी,,,,, वह कभी सोचे नहीं थे कि इतनी जल्दी अपने बेटे के सामने घुटने टेक दिल की लेकिन हालात पूरी तरह से उसे मजबूर कर चुके थे बदन की जरूरत उसका साथ देने से इंकार कर रही थी पति की बेवफाई के चलते उसका दिमाग
सही गलत के फैसले के बीच परख करना भूल गया था रिश्तों और मर्यादा के संबंध को भूल चुका था मां बेटे के बीच के पवित्र रिश्ते को भूल चुका था इसलिए तो आज आराधना अपने ही कमरे में अपने ही बिस्तर पर अपने बेटे की हाथों की कठपुतली बनकर उसके लंड को अपनी चूत में लेकर मस्त हुए जा रही थी,,,,, धीरे-धीरे संजू अपनी कमर को रफ्तार देने लगा आराधना को अपने बेटे का लंड बड़ी तेजी से अपनी चूत के अंदर बाहर होता हुआ महसूस हो रहा था उसकी और अगर से बार-बार उसका काम रस बाहर निकल जा रहा था जिससे कामरेज की चिकनाहट पाकर लंड बड़े आराम से बिना किसी रूकावट के चूत के अंदर तक पहुंच रहा था,,,,,,,।


तुम्हारी चूत इतनी कसी हुई क्यों है मम्मी,,,,, और वह भी इस उमर में,,,,

ऐसे सवाल मत पूछा कर समझो मैं जवाब दे नहीं पाऊंगी,,

मैं जानता हूं मम्मी तुम बहुत अच्छी हो रहा था लेकिन संस्कारी लेकिन वक्त की मारी हो पति की बेवफाई सहन करके जी रही हो एक औरत होने का सुख खो चुकी हो और इसीलिए तो मैं तुम्हें एक औरत की जरूरत क्या होती है कैसे पूरी की जाती है यही बताने के लिए तुम्हारे साथ हूं तुम बिल्कुल भी चिंता मत करना मैं जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहूंगा,,,,,

चोदने के लिए,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर एकाएक आराधना बोली)

चोदने के लिए भी और तुम्हारा साथ देने के लिए भी सच कहूं तो एक मर्द औरत का साथ किस लिए चाहता है उसकी मदद करने के लिए उसका साथ देने के लिए परछाई की तरह उसके साथ घूमने के लिए और फिर रात को उसे चोदने के लिए और मर्द को कुछ नहीं चाहिए उसकी पसंदीदा औरत की चूत उसे मिल गई समझ लो दुनिया मिल गई,,,, जैसा कि मैं इस समय दुनिया का सबसे खुशनसीब लड़का हूं जो अपनी मां की जरूरत पूरी करते हुए उसे चोद रहा हूं,,,

बातें बनाना तो कोई तुझसे सीखे,,,,ओर हा मेरी टांगे दुखने लगी है,,,,,, तू तो एकदम कसाई हो गया है,,,,

मेरा इतनी जल्दी छूटने वाला नहीं है मम्मी मुझे लगता है पापा का तो 2 मिनट में ही निकल जाता होगा तभी तो तुम्हें पता नहीं है कि औरत कितनी देर तक टांग उठा कर चुदवा सकती है,,,,

ऐसा ज्ञान मुझे नहीं लेना,,,,,

ज्ञान ना सही लंड तो लेना है ना,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना कुछ बोल नहीं पाए संजू धीरे से अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाला जो की पूरी तरह से उसके काम रस में नहाया हुआ था संजू अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाता हुआ उसके गरम सुपाड़े को अपनी मां की चूत पर पटकने लगा और अपनी मां की तरफ देख कर बोला,,)

देखो मम्मी क्या पापा का इतना बड़ा और मोटा है,,,(इतना कहने के साथ ही संजु ने अपने लंड को जड़ से पकड़ कर उसके संपूर्ण वजूद को अपनी मां की चूत पर रख दिया एक तरह से हुआ गुलाबी चूत के क्षेत्र के साथ-साथ अपने लैंड की लंबाई को भी नाप रहा था जो कि सीधे-सीधे उसकी नाभि तक पहुंच रही थी यह देखकर आराधना भी एकदम दंग रह गई थी कितना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से चूत के अंदर कैसे ले ले रही है,,,,, आराधना गर्दन उठाकर अपनी आंखों से सब कुछ देख रही थी कुछ देर के लिए संजू ने चुदाई को रोकता था और अपने लंड को बार-बार उसकी चूत पर पटक रहा था जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ती जा रही थी अपनी मां को खामोश अपने लंड की तरफ देखता हुआ पाकर संजू बोला,,,)

कैसा लगा मम्मी तुम बता नहीं रही हो क्या पापा का ऐसा ही है या इससे छोटा या इससे बड़ा,,,,

तू जान कर क्या करेगा समझो जो तू चाहता है वह तो तुझे मिल गया है,,,

हां बात तो सही है जो मैं चाहता था उसे प्राप्त कर लिया है लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि तुम्हारी चूत पर जिसका हक पहले ही उसका लंड कैसा है,,,,।

तेरे से आधा ही है लंबाई में भी और मोटाई में भी,,,

ओहहह मम्मी तब तो तुम्हारी गदर आई जवानी पर काबू कर पाना पापा के बस में बिल्कुल भी नहीं था तभी तो ए जिम्मेदारी मुझे उठानी पड़ रही है अब देखना मैं तुम्हारी मचलती उफान मारती जवानी पर कैसे काबू लाता हूं,,,,
(अपने बेटे का आत्मविश्वास देखकर आराधना को भी अच्छा लग रहा था उसे गर्व हो रहा था कि उसका बेटा एक पूरी तरह से मर्दाना ताकत से भरा हुआ असली मर्द है लेकिन फिर भी वह जानबूझकर अपने बेटे से बोली)

चल रहने दे संजू औरत की जवानी को मर्द कभी भी काबू में नहीं ले सकते,,,,

यह तो दूसरों के लिए होगा मेरी चुदाई तुमने असली तरीके से देखी कहां है जब मैं चोदना शुरू करूंगा ना तो तुम पानी नहीं मानोगे और तुम्हारा पानी छूटता ही रहेगा,,,,

चल रहने दे संजू अभी तेरा पानी निकल जाएगा और तू ढेर‌ होकर सो जाएगा,,,, और तुझ पर पानी डालकर जगाना पड़ेगा,,,,

तो तुम मुझ को चैलेंज कर रही हो,,,

चैलेंज नहीं बच्चों मर्दों की औकात बता रही हो औरत अपनी दोनों टांगों के बीच मर्द को पूरी तरह से कमजोर कर देती है,,,,

तो यह बात है अभी बताता हूं,,,

क्या बताता है,,,, जल्दी खत्म कर‌ और जाकर सो जा,,,

तुम्हें क्या लगता है आराधना रानी,,, मेरा पानी जल्दी निकल जाएगा जब तक तुम्हें मस्त ना कर दो दो बार तुम्हारा पानी ना निकाल दो तब तक मेरा निकलने वाला नहीं है देखना चाहती हो,,,,

बताकर दिखाएगा क्या,,,,,(आराधना इस तरह की बातें अपने बेटे से करना नहीं चाहती थी लेकिन हालात के आगे वह भी मजबूर हो चुकी थी इस तरह की बातें करने में उसे आनंद की प्राप्ति हो रही थी उसे मजा आ रहा था और वह भी अपने बेटे की मर्दाना ताकत को और भी ज्यादा उच्च शिखर पर देखना चाहती थी इसलिए उसए उक‌साते हुए वह इस तरह की बातें कर रही थी,,,,)

अभी रुको तब तो तुम्हें घोड़ी बनाकर चोदना पड़ेगा,,,,, चल अब जल्दी से उठ जा मेरी जान,,,,(संजू पूरी तरह से लय में आ चुका था अभी तक वह मम्मी मम्मी कह रहा था लेकिन अब अपनी मम्मी को जान कहकर संबोधन करना शुरू कर दिया था और उसका इस तरह से जान कहना आराधना के तन बदन में आग लगा रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे कि वह अपने बेटे के साथ नहीं बल्कि अपने प्रेमी के साथ हैं,,,,, वह भी अपने बेटे की बात मानते हुए पीठ के बल लेटी थी उठ कर बैठ गई और धीरे से अपना आसन बदलने लगे अपनी मां को अपनी आंखों के सामने घोड़ी बनता देखकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी समझो अपनी आंखों से देख रहा था कि उसकी मां अपने घुटनों के बल बैठ गई थी और धीरे से आगे की तरफ झुकने लगी थी देखते ही देखते वह बिस्तर पर झुक गई थी और अपनी गोरी गोरी भारी-भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठाकर हवा में लहराने लगी थी,,,, यह वह स्थिति थी जिस पर राजू को अपनी मर्दाना ताकत के बलबूते पर विजई पताका लहरा ना था पूरी तरह से इस स्थिति पर काबू पाना था और वैसे भी घोड़ी बनाकर चोदने में संजू को कुछ ज्यादा ही मजा आता था इसलिए अपनी मां की गदराई हुई गांड को देख कर उसके मुंह में पानी आ गया था और वह अपनी मां की गुलाबी छेद में लंड डालने से पहले एक बार दोनों हाथों से उसकी गांड की बड़ी-बड़ी आंखों को पकड़ लिया और अपने प्यासे होठों को एक बार फिर से उसकी चूत पर लगाकर उसके काम रस को चाटना शुरू कर दिया,,,,,, एक बार फिर से आराधना के बदन में सिहरन सी दौड़ गई आराधना नहीं कभी भी अपने पति को इस तरह की हरकत करते नहीं देखा था कि एक बार लंड डालने के बाद दोबारा उसकी चूत पर अपना होंठ लगाया हो लेकिन संजू कुछ अलग ही था संजू ने अपनी इस हरकत से आराधना के बदन में जोश भर दिया था आराधना पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी संजू एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठिया रहा था और दूसरी तरफ अपने होंठ से उसकी चूत से निकल रहे काम रस को चाट रहा था,,,,, आराधना इस बात से भी पूरी तरह से हैरान थी कि घंटो गुजर गए थे लेकिन उसके बेटे के लंड ने पानी का एक बूंद तक नहीं फेंका था और अभी तक उसी तरह से टनटनाकर खड़ा था,,,, आराधना की चूत टप टप चू रही थी और उससे काम रस को संजू अपना जीभ लगा कर चल रहा था खूबसूरत औरत की चूत से निकला काम रस कसैला और नमकीन स्वाद होने के बावजूद भी एक आदमी के लिए अमृत कीबोर्ड के समान होता है जिसे वह नीचे जमीन पर गिरने नहीं देना चाहता और उसे जीभ लगा लगाकर चाट जाता है,,, और यही काम ही समय संजू भाई अपनी मां के साथ कर रहा था घड़ी में तकरीबन 2:00 बज चुके थे लेकिन अभी तक चुदाई का सिर्फ प्रारंभ हुआ था,,,, और इसी से तो आराधना और भी ज्यादा हैरान थे क्योंकि इतनी देर रात तक वह संभोग क्रिया को करते हुए जागी नहीं थी या यूं समझ लो कि उसे रात भर जगा कर चोदने वाला अभी तक असली मर्द मिला ही नहीं था लेकिन आज की रात कुछ और थी आराधना का साथ ही बदल चुका था अशोक की जगह संजू ने ले लिया था इसलिए बिस्तर पर का पूरा खेल बदल चुका था सारे समीकरण धरे के धरे रह गए थे एक मजे हुए खिलाड़ी की तरह संजू धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था और इस खेल को और भी ज्यादा दिलचस्प बनाता जा रहा था संजू की ही वजह से आराधना भी थोड़ी बहुत बेशर्मी का प्रदर्शन करना शुरू कर दी थी क्योंकि उसे भी इस बात का एहसास हो गया था कि बेशर्मी दिखाए बिना इस खेल में मजा नहीं आने वाला इसीलिए तो वह घोड़ी बनकर अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में उठाए हुए लेटी थी और अपनी नजर को पीछे घुमा कर अपने बेटे की हरकत को देख रही थी जहां से केवल उसका कान और बाल दिख रहे थे बाकी का मुंह वाला हिस्सा उसकी भारी-भरकम गांड के बीचो बीच छिपा हुआ था,,,, यह देख कर आराधना के गाल शर्म से लाल हो गए उसे इस बात का एहसास होने लगा कि उसकी गांड कुछ ज्यादा ही बड़ी-बड़ी और एकदम खोल है तभी तो उसके बेटे का पूरा वजूद उसकी गांड के पीछे छुपा हुआ था आराधना थोड़ा सा नीचे नजर की तो उसके होश उड़ गए उसके बेटे का लंड उसके ही चूत के काम रस में डूबा हुआ ठुनकी मार रहा था,,,, अपनी बेटी की टनटनाए लंड को देखकर आराधना का मन उसे पकड़ने को कर रहा था,,,, लेकिन पीछे तक हाथ जाना इस समय नामुमकिन था वह सिर्फ अपने बेटे की खड़े लंड को देखकर ही खुश हो रही थी,,, आराधना को अपने बेटे का लंड इस‌ समय गधे के लंड की तरह लग रहा था,,,,, उसकी चूत लगातार काम रस छोड़ रही थी संजू कुछ देर तक अपनी मां की चूत को चाट कर उसे फिर से गर्म कर दिया था और फिर बिस्तर के नीचे खड़े होकर ही वह अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे अपने लंड के एकदम सामने लेकर आया और फिर आलूबुखारा के सामान अपने सुपाडे को फिर से अपनी मां के गुलाबी छेद में डाल दिया इस बार संजू को ज्यादा मशक्कत उठाने नहीं पड़ी क्योंकि धीरे-धीरे आराधना की चूत में संजू के लंड का सांचा बन चुका था और आराम से गप्प करके वह अंदर ले ली,,, संजू ने फिर से अपनी मां की चूत में पूरा लंड डाल दिया था और उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़कर बोला,,,।

अब देखना मेरी जान कैसे मैं तुम्हें छोड़ देता हूं तुम्हारी चूत से पानी ना निकाल दिया तो बोलना अब तक तुम पापा की छोटे लंड से मजा ले रही थी लेकिन आज असली मर्द से पाला पड़ा है,,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मारे उत्तेजना से गदगद हुए जा रही थी और उत्सुक भी किया उसका बेटा किस तरह से उस की चुदाई करेगा अपने कहे गए शब्दों की लाज रखते हुए पल भर में ही संजू ने रफ्तार पकड़ लिया और अपनी मां की चूत को चोदना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ आराधना के मुंह से आह निकल जा रही थी और हर धक्के के साथ आगे की तरफ लुढक जा रही थी वह तो संजू ने अपने दोनों हाथों से बड़ी मजबूती से उसकी कमर को पकड़ रखा था वरना वह पहले धक्के में ही बिस्तर पर पसर जाती,,,,।)


आहहह आहहह आहहहह बाप रे,,,ऊफफ,,,,


क्या हुआ मेरी जान अभी से चिल्लाने लगी,,,,,


थोड़ा धीरे इतनी तेज अंदर लेने का मुझे अनुभव नहीं है,,,


यह शिकायत तो तुम्हें पापा से करनी चाहिए थी कि तुम्हारी चुदाई असली मर्द की तरह की ही नहीं,,,,,


आरररह आहहहहह ,,,,,,


देखो मम्मी कैसे तुम्हारी चूत में लंड अंदर बाहर हो रहा है,,,आहहह पीछे से चोदने का मजा ही कुछ और है,,,ऊममममममम,,(इतना कहने के साथ ही थोड़ा सा नीचे झुक कर अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा,,,, संजू की यह हरकत दर्शा रहा था कि वह अपनी मां की खूबसूरत बदन से कितना प्यार करता है,,,,, संजू रुकने का नाम नहीं ले रहा था और आराधना की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी देखते ही देखते उसके बदन की अकड़ बढ़ने लगी थी और अगले ही पल हल्की सी चीख के आवाज के साथ उसका काम रस की पिचकारी छूट पड़ी और संजू अपनी चुदाई जारी रखते हुए अपनी मां का पानी निकाल चुका था,,,,,)

कैसा लगा मेरी जान छुट गया ना पानी,,,,,
(संजू जोर जोर से धक्के लगाते हुए बोला,,, अपने बेटे के मुंह से अपने लिए इस तरह की बात सुनकर अगर कोई और मौका होता तो शायद वह डूब कर मर जाती लेकिन इस समय अपने बेटे की यह बात उसे और भी ज्यादा मदहोश कर रही थी,,, लेकिन वह कुछ बोल नहीं पा रही थी उसे तो अपने बेटे की मर्दानगी पर धीरे-धीरे गर्व होना शुरू हो गया था क्योंकि बिना पानी छोड़े वह लगातार उसे चोद रहा था और वह भी तेज धक्कों के साथ,,, आराधना को ऐसा लग रहा था कि उसका बेटा आज उसकी चूत मार-मार कर सुजा देगा,,,,, कमरे में ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था बिस्तर पर दोनों मां-बेटे धमाचौकड़ी मचा रहे थे दोनों संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में आराधना भी नंगी और उसका बेटा भी नंगा आराधना की गुलाबी छेद में उसके बेटे का मोटा लंड अंदर बाहर हो रहा था जिसका सुख बड़े मदहोशी से आराधना ले रही थी पानी झर जाने के कुछ पल में वह फिर से गर्म होने लगी लेकिन अभी तक संजू का कुछ भी बिगड़ा नहीं था वह चुदाई का आनंद ले रहा था परमसुख प्राप्त कर रहा था एसा संभोग सुख जिसके बारे में उसने आज तक कल्पना भी नहीं किया था,,,,,,, अपने बेटे से चुदवाते समय आराधना यही सोच रही थी कि उसके कमरे में जो कुछ भी हो रहा है इस बारे में दुनिया वालों को क्या पता चलेगा यह राज तो उसके और उसके बेटे के बीच का है और दोनों में से कोई भी किसी को नहीं बताएगा तो फिर हर्ज ही क्या है इस तरह के रिश्ते को आगे ले जाने मे,,, ऐसा ख्याल मन में आते ही आराधना के चेहरे की चमक बढ़ने लगी,,,,, वह फिर से उत्तेजित होने लगी लेकिन इस तरह से घोड़ी बनकर चुदवाने से उसका बदन दर्द करने लगा था आराधना के जीवन में यह पहला मौका था जब आते समय उसका बदन दर्द कर रहा था,,,, उसकी कमर की हड्डियां चटक रही थी पलंग में से भी चरण चरण की आवाज आ रही थी शायद इसी को पलंग तोड़ चुदाई करते हैं इस बारे में आज जाकर आराधना को एहसास हुआ था,,,,,, जब कमर का दर्द सहन नहीं हुआ तो मदहोशी भरे स्वर में आराधना बोली,,,)

संजू अब बसकर मेरी कमर दुख रही है,,,

ऐसे कैसे मम्मी तुम्हारा तो निकल गया है मुझे बीच मझधार में छोड़ कर जाने के लिए कर रही हो,,,,

अरे सच में मेरी कमर बहुत तेज दुख रही है तेरा हर एक धक्का बहुत तेज लग रहा है,,,

इसे ही तो जबरदस्त चुदाई कहते हैं,,,

कुछ भी कहते हो लेकिन पोजीशन तो बदल दे मुझे लेट जाने दे फिर कर लेना,,,।
(आराधना अपने बेटे के साथ सहज हो रही थी वह अब आराम से अपने बेटे से इस बारे में बात कर रही थी इस बात की खुशी संजू को भी थी इसलिए अपनी मां की बात मानते हुए वह अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाल लिया,,,, और गांड पर थपथपाते हुए उसे लेट जाने का इशारा करने लगा,,,, आराधना गरम आह भरते हुए वापस पीठ के बल लेट गई लेकिन इस बार अपने पैर को बिस्तर के पीछे लटका दी और संजू भी तुरंत दोनों टांगों के बीच आ गया और कमर पकड़कर उसे थोड़ा और आगे की तरफ खींच लिया,,,, संजू एक बार फिर से अपने लंड को हिलाते हुए अपनी मां की चूत के छेद में अपना लंड डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया इस बार वह बड़ी तेजी से अपनी मां को चोद रहा था क्योंकि वह भी चरम सुख के करीब पहुंच रहा था लेकिन बार-बार वह अपने को बाहर निकाल कर अपने हाथ से पकड़ कर लंड को वापस चूत में डाल रहा था ऐसा करने से आराधना की तरफ बढ़ जा रही थी उसे बड़े जोरों की पेशाब लगने का आभास होने लगा वह अपने बेटे से कुछ कह पाती इससे पहले ही अपने बेटे के तेज धक्के के साथ ही उसकी चूत के छोटे छेद से पेशाब का फव्वारा फूट पड़ा और यह देख कर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई वह अपनी मां को चोदते चोदते उसे पेशाब करा दिया था इसलिए वह बोला,,,,

हाय मेरी रानी देखो मैंने बोला था ना मैंने तुम्हारा पै‍शाब निकाल दिया तुम चुदवाते चुदवाते मुत दी हो,,,।
(यह पल आराधना के लिए बेहद शर्मनाक था क्योंकि वाकई में वह मुत रही थी संजू के हर धक्के के साथ उसके चुत से पेशाब की धार फूट पड़ रही थी आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह इस समय शर्म से गाड़ी जा रही थी ऐसा उसके साथ पहले कभी नहीं हुआ था शायद इस तरह की चुदाई भी उसकी पहले कभी नहीं हुई थी इसीलिए लेकिन यह नया अनुभव बेहद मदहोश कर रहा था आराधना शर्मसार होने के बावजूद भी आनंद के सागर में गोते लगा रही थी और अपने बेटे के हर धक्के के साथ पेशाब की धार छोड़ रही थी चुदवाते चुदवाते मुतने का यह पहला अनुभव था,,,, संजू तुम्हारी खुशी और उत्तेजना से फूला नहीं समा रहा था वह अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा चुका था वह अपनी मां की कंधों को पकड़कर जोर-जोर से अपनी कमर हिला रहा था अपनी मां की मोटी मोटी जांघो के साथ उसकी खुद की जांघ टकराने से ठाप ठापकी आवाज आ रही थी,,,, जिसे सुनकर आराधना को इस बात का डर लग रहा था कि कहीं बगल वाले कमरे में सो रहे हैं मोहिनी जागना जाए लेकिन वह किसी भी तरह से अपने बेटे को रोकना नहीं चाहती थी क्योंकि उसको बहुत मजा आ रहा था,,,,,

संजू जानता था कि किसी भी वक्त उसका पानी निकल जाएगा इसलिए वह अपनी मां के ऊपर चुप कर दोनों हाथों को उसकी पीठ के नीचे ले जाकर उसे कस के अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते आराधना के साथ-साथ संजू की भी सांसे तेज चलने लगी और कुछ ही धक्कों के बाद दोनों के बदन की अकड़न बड़ी और संजू ने अपना गर्म लावा अपनी मां की चूत में डालना शुरू कर दिया,,,,, दोनों का पानी निकल गया था दोनों पूरी तरह से तृप्त हो चुके थे आराधना इस खेल के दौरान तीन बार अपना पानी निकाल चुकी थी और संजू एक ही बार में अपनी मां को तीन बार झाड़ कर उसे ढेर कर चुका था,,,,, संजू अपनी मां के ऊपर ढेर हो चुका था थोड़ी देर बाद जब शांत होगा तो संजू अपनी मां के होठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा और बोला,,,।

आज तुमने मुझे मस्त कर दि हो कसम से ऐसा मजाक कभी नहीं आया था मैं कभी सोचा नहीं था कि तुम्हें चोदने में इतना ज्यादा मजा आएगा,,,।(संजू अपनी मां के ऊपर लेटे हुए हैं उससे गंदी गंदी बातें कर रहा था अभी भी उसका लंड उसकी मां की चूत में समाया हुआ था और उसकी अकड़ अभी भी बरकरार थी,,,, आराधना को अपने बेटे के साथ चुदवाने में एक अद्भुत सुख की प्राप्ति हुई थी जिसकी कभी उसने कल्पना भी नहीं की थी इसलिए उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आ रहा था और वह उसी तरह से उसकी पीठ पर अपनी हथेली रखकर सहला रही थी मानो कि जैसे उसे शाबाशी दे रही हो,,,,,

वासना का तूफान थम जाने के बाद संजू अपनी मां की चूत में से अपने लंड को बाहर निकाला और उसके बगल में पीठ के बल ढेर हो गया,,,,, आराधना भी पीठ के बल लेटी हुई थी अपने बेटे की तरफ करवट लेकर सोने में उसे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी,,,,,,, दोनों के बीच खामोशी छाई हुई थी आराधना घड़ी में टंकी दीवार की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए घड़ी में 3:30 का समय हो रहा था इतनी देर तक भला कोई कैसे चोद सकता है और वह भी बिना पानी निकाले वह हैरान थी अपने बेटे की मर्दाना ताकत पर उसे अपने बेटे के लंड पर गर्व होने लगा था,,,,, सुबह होने में
कुछ घंटों का समय रह गया था इतनी देर तक तो वह सुहागरात के रात को भी नहीं जागी थी जैसा कि आज उसके बेटे ने जगाया था वह बात की शुरुआत करते हुए बोली,,,।

बाप रे 3:30 बज गया है,,,,,

तो क्या हुआ,,,, मैं तो रात भर तुम्हारी चूत में लंड डालकर पड़ा रहुं,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मुस्कुराते हुए तिरछी नजर से अपने बेटे के लंड की तरफ देखते हुए बोली जो कि अभी भी हल्का सा सिर्फ ढीला पड़ा था बाकी अपनी अकड़ दिखा रहा था,,)

वह तो मैं देख ही रही हूं,,,,

क्या देख रही हो मम्मी,,,(संजू जानता था लेकिन फिर भी जानबूझकर बोला वह अपनी मां के मुंह से सुनना चाहता था,,,)

ये,,,(अपना हाथ आगे बढ़ाकर उंगली से लंड का स्पर्श करते हुए बोली,,, संजू को अपनी मां की यह हरकत बहुत ही अच्छी लगी इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोला,,)

कमजोर नहीं हुआ है यह अभी फिर से तुम्हारी चूत में जाकर धमाल मचा सकता है,,,,


चल अब रहने दे इस से कुछ होने वाला नहीं है,,,,(आराधना का मन फिर से चुदवाने को करने लगा था आखिरकार महीने बाद जुदाई का असली सुख जो प्राप्त की थी महीने बाद तो वह लंड को चूत में ली थी लेकिन चुदाई का असली सुख तो उसे जिंदगी में पहली बार ही मिल रहा था इसलिए उससे रहा नहीं जा रहा था,,, संजू जानता था कि उसकी मां का भी मन फिर से कर रहा है इसलिए वह बोला,,,)

आ जाओ चढ जाओ मेरे लंड पर फिर दिखाता हूं कि अभी इसमें कितना दम है,,,,,(अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हीलाते हुए बोला,,,)

नहीं अब सुबह होने वाली है तुझे अपने कमरे में कहीं मोहिनी की नींद खुल गई और तुझे कमरे में नहीं देखेगी तो इधर तक आ जाएगी,,,

पहले आओ मेरे ऊपर फिर मैं चला जाऊंगा,,,

देखा फिर तू जिद कर रहा है आखिर कर तो लिया अपनी मनमानी,,,

एक बार फिर से करने दो,,,


तू मानेगा नहीं ना,,,

एक बार में तो मैं बिल्कुल भी मानने वाला नहीं हूं,,,,(अपने लंड को हिलाते हुए जोकि फिर से धीरे-धीरे अपनी औकात में आ चुका था अपने बेटे के खड़े लंड को देखकर आराधना की चूत फिर से फुदकने लगी अपने बेटे की बात को मारने के सिवा उसके पास और कोई चारा नहीं था क्योंकि इसमें उसकी भी खुशी दे इसलिए वह अपने बेटे को आंख दिखाते हुए बोली,,,)

तू सच में कमरे से बाहर नहीं जाएगा,,,

एक बार फिर से दे दो फिर चला जाऊंगा,,,

बाप रे कितना शैतान है तू,,,(इतना कहने के साथ ही वह उठने लगी और अपने बेटे की तरफ देख कर उसकी कमर के इर्द-गिर्द अपने पैर के घुटने रखकर अपनी जगह बनाने लगी एक बार फिर से संजू के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ में लगी थी उसकी मां उसके लंड पर चढ़ने वाली थी धीरे-धीरे आराधना की भी शर्म खत्म हो रही थी जो कि संजू को साफ दिखाई दे रही थी और यही तो संजू देखना चाहता था कि उसकी मां अभी भी शर्म आती है या मजा लेने के लिए उत्सुक हैं देखते ही देखते आराधना अपना हाथ नीचे की तरफ लाकर अपने बेटे के खडे लंड को पकड़ ली और उसे अपनी गुलाबी चूत के छेद पर रखने लगी देखते ही देखते आराधना अपना अनुभव दिखाते हुए अपनी भारी-भरकम कांड को अपने बेटे के लंड पर रखना शुरू कर दी और देखते ही देखते उसकी चूत की गहराई में संजू का लंड खो गया और सीधा जाकर आराधना के बच्चेदानी से टकरा गया आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और धीरे-धीरे अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटकना शुरू कर दी,,, संजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां की गांड पर रखकर उसे थाम लिया और बोला,,,।

क्या मम्मी पापा के साथ ऐसा की हो क्या,,,

तेरे पापा जबरदस्ती मुझसे ऐसा करवाए थे लेकिन उनके छोटे से लंड में इतना मजा नहीं आया था जिसकी तेरे साथ आ रहा है,,,,,आहहहहह,,,,,(तब तक वह खुद ही जोर से अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटक दिया और लंड सीधे जाकर उसके बच्चेदानी से टकराया और उसके मुंह से आह निकल गई आराधना बड़े आराम से अपने बेटे के लंड पर गांड पटक रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था,,,,, लेकिन संजू नीचे से धक्का लगाना चाहता था इसलिए अपनी मां की चूची पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा उसकी मां उसकी तरफ झुकने लगी और वह तुरंत अपनी बाहों का घेरा उसके गले में डाल कर उसे अपने बदन से सटा लिया जिससे उसकी गांड हवा में ऊपर की तरफ उठ गई और संजू नीचे से अपनी कमर उछाल उछाल कर अपनी मां को चोदना शुरु कर दिया,,,, यह चुदाई भी लगभग 25 से 30 मिनट तक चली और दोनों फिर से झड़ गए,,,, एक ही रात में संजू ने अपनी मां को चोद चोद कर एकदम थका डाला था इसलिए पानी निकलने के बाद तुरंत वह अपने ब्यूटी के लंड पर से उठी और तुरंत बगल में धमम से पीठ के बल पसर गई,,,, संजू भी वही सो गया सुबह जब 5:30 का अलार्म बजा तो संजू की नींद खुली,,,, तो अपने बगल में अपनी मां को एकदम नंगी देखकर उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा अपनी मां की नंगी गांड पर हाथ घुमा ने लगा जिससे आराधना की भी नींद खुल गई लेकिन घड़ी की तरफ देखकर उसके होश उड़ गए हो तुरंत बिस्तर पर से उठी और अपने कपड़े पहने लगी संजू उसे रोकने की कोशिश करने लगा लेकिन आराधना बिल्कुल भी नहीं मानी
वह तुरंत कमरे के बाहर आ गई और संजू भी बाहर आ गया वह संजू को कमरे में चले जाने के लिए बोली क्योंकि अभी मोहिनी सो रही थी एक ही रात में आराधना ने अपने बेटे को अद्भुत सुख दी थी इसलिए उसकी बात मानते हुए संजू कमरे में जाकर कुछ देर के लिए सो गया,,,।

क्ष
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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नहीं संजू मुझसे नहीं होगा मुझे बहुत शर्म आ रही है,,

क्या मम्मी अभी भी शर्म आ रही है तुम्हारे कपड़े में अपने हाथ से उतार कर तुम्हें नंगी किया तुम्हारे कमरे में तुम्हारे बिस्तर पर तुम्हें चोद रहा हूं और तुम चुदवा रही हो,,,, और कह रही हो कि शर्म आ रही है जाओ अगर तुम आंखें नहीं खेलोगी तो मैं तुम्हें नहीं चोदुंगा,,,,, इसी तरह से तुम्हारी चूत में लंड डालकर बैठे रहूंगा,,,,।

(अपने बेटे की यह बात सुनकर आराधना एकदम से सकते में आ गई क्योंकि उसे भी मजा आ रहा था उसके बेटे के लिंग की मोटाई और लंबाई सीधे उसके बच्चेदानी तक पहुंच रही थी और,,, लंड मोटा होने के नाते आराधना अपनी बेटी के लंड को अपनी चूत में एकदम कसा हुआ महसूस कर रही थी और उसे अपने बेटे का लंड इतना ज्यादा कड़क लग रहा था कि उससे उसके लंड की नसें सांप अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों पर रगडती हुई महसूस हो रही थी और अगर तेरे अंदर बाहर होने की वजह से उसका मजा अत्यधिक बढ़ता जा रहा था और लगातार उसकी चूत से काम रस टपक रहा था,,,, ऐसे में आराधना को अपने बेटे से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था पहले ही दोनों के बीच मां बेटी का रिश्ता था और आराधना इसे रिश्ते में जिस्मानी ताल्लुकात नहीं रखना चाहती थी लेकिन अपने बेटे की मनमानी को देखते हुए और अपनी जरूरत के आगे वह घुटने टेक चुकी थी और अब उसे इस खेल में बहुत मजा आ रहा था लेकिन एक जिद के कारण उसका बेटा उसी तरह से उसकी चूत में लंड डाले बैठा था और जैसा आराधना को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था रंग में भंग पड़ गया था इसलिए ना चाहते हुए भी आराधना अपनी आंखों को खोल दी लेकिन उसकी आंखों में शर्म भरा हुआ था वह पूरी तरह से शर्मिंदगी महसूस कर रही थी साथ ही उत्तेजना का असर उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था,,, अपनी मां को आकर खोला हुआ देखकर संजू के होठों पर मुस्कान तैरने लगी और वह खुश होते हुए बोला,,,)

वाह यह हुई ना बात मम्मी अब देखना कितना मजा देता हूं तुम एक नजर अपनी दोनों टांगों के बीच तो डालो मेरे लंड को देखकर मजा आ जाएगा,,, कि कैसे तुम्हारे छोटे से गुलाबी छेद में मेरा मोटा लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा है,,,,
(आराधना को अपने बेटे की बातें इतनी अत्यधिक गंदी लग रही थी कि उसकी बातों को सुनकर वह पानी पानी हुए जा रही थी इस तरह से उसके पति ने भी कभी इतनी अधिक गंदी बातें उसके साथ नहीं किया था लेकिन संजू बिल्कुल बेशर्म बन चुका था लेकिन उसकी बेशर्मी आराधना को अच्छी लग रही थी उसका भी मन अपनी दोनों टांगों के बीच देखने का मन कर रहा था लेकिन वह शर्म के मारे देख नहीं पा रही थी लेकिन अपने बेटे की बात सुनकर वह हिम्मत जुटाकर अपने दोनों हाथों की कोहनी का सहारा लेकर थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठी और अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी नजरों को स्थिर कर दी उसके बाद जो नजारा उसकी आंखों के सामने आया उसे देखकर वह खुद हैरान हो गई,,,, उसे अपनी दोनों टांगों के बीच का नजारा एकदम साफ नजर आ रहा था उसकी चूत कचोरी की तरह एकदम खुली हुई थी जो की पूरी तरह से रस से लबालब थी,,,, आराधना यह देखकर हैरान थी कि राजू का इतना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से उसकी चूत के अंदर तक चला जा रहा था और चूत में कहीं खो जा रहा था यह देखकर आराधना की उत्तेजना बढ़ने लगी ,,,, संजू अपनी मां को यह नजारा दिखाने की उद्देश्य से बड़े आराम से अपनी कमर को पानी की तरह लहराता हुआ आगे पीछे कर रहा था और अपने होठों को दांत से काटकर अपनी उत्तेजना दर्शा रहा था यह देख कर,,,, आराधना पूरी तरह से मस्त हुई जा रही थी,,,,, वह कभी सोचे नहीं थे कि इतनी जल्दी अपने बेटे के सामने घुटने टेक दिल की लेकिन हालात पूरी तरह से उसे मजबूर कर चुके थे बदन की जरूरत उसका साथ देने से इंकार कर रही थी पति की बेवफाई के चलते उसका दिमाग
सही गलत के फैसले के बीच परख करना भूल गया था रिश्तों और मर्यादा के संबंध को भूल चुका था मां बेटे के बीच के पवित्र रिश्ते को भूल चुका था इसलिए तो आज आराधना अपने ही कमरे में अपने ही बिस्तर पर अपने बेटे की हाथों की कठपुतली बनकर उसके लंड को अपनी चूत में लेकर मस्त हुए जा रही थी,,,,, धीरे-धीरे संजू अपनी कमर को रफ्तार देने लगा आराधना को अपने बेटे का लंड बड़ी तेजी से अपनी चूत के अंदर बाहर होता हुआ महसूस हो रहा था उसकी और अगर से बार-बार उसका काम रस बाहर निकल जा रहा था जिससे कामरेज की चिकनाहट पाकर लंड बड़े आराम से बिना किसी रूकावट के चूत के अंदर तक पहुंच रहा था,,,,,,,।


तुम्हारी चूत इतनी कसी हुई क्यों है मम्मी,,,,, और वह भी इस उमर में,,,,

ऐसे सवाल मत पूछा कर समझो मैं जवाब दे नहीं पाऊंगी,,

मैं जानता हूं मम्मी तुम बहुत अच्छी हो रहा था लेकिन संस्कारी लेकिन वक्त की मारी हो पति की बेवफाई सहन करके जी रही हो एक औरत होने का सुख खो चुकी हो और इसीलिए तो मैं तुम्हें एक औरत की जरूरत क्या होती है कैसे पूरी की जाती है यही बताने के लिए तुम्हारे साथ हूं तुम बिल्कुल भी चिंता मत करना मैं जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहूंगा,,,,,

चोदने के लिए,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर एकाएक आराधना बोली)

चोदने के लिए भी और तुम्हारा साथ देने के लिए भी सच कहूं तो एक मर्द औरत का साथ किस लिए चाहता है उसकी मदद करने के लिए उसका साथ देने के लिए परछाई की तरह उसके साथ घूमने के लिए और फिर रात को उसे चोदने के लिए और मर्द को कुछ नहीं चाहिए उसकी पसंदीदा औरत की चूत उसे मिल गई समझ लो दुनिया मिल गई,,,, जैसा कि मैं इस समय दुनिया का सबसे खुशनसीब लड़का हूं जो अपनी मां की जरूरत पूरी करते हुए उसे चोद रहा हूं,,,

बातें बनाना तो कोई तुझसे सीखे,,,,ओर हा मेरी टांगे दुखने लगी है,,,,,, तू तो एकदम कसाई हो गया है,,,,

मेरा इतनी जल्दी छूटने वाला नहीं है मम्मी मुझे लगता है पापा का तो 2 मिनट में ही निकल जाता होगा तभी तो तुम्हें पता नहीं है कि औरत कितनी देर तक टांग उठा कर चुदवा सकती है,,,,

ऐसा ज्ञान मुझे नहीं लेना,,,,,

ज्ञान ना सही लंड तो लेना है ना,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना कुछ बोल नहीं पाए संजू धीरे से अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाला जो की पूरी तरह से उसके काम रस में नहाया हुआ था संजू अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाता हुआ उसके गरम सुपाड़े को अपनी मां की चूत पर पटकने लगा और अपनी मां की तरफ देख कर बोला,,)

देखो मम्मी क्या पापा का इतना बड़ा और मोटा है,,,(इतना कहने के साथ ही संजु ने अपने लंड को जड़ से पकड़ कर उसके संपूर्ण वजूद को अपनी मां की चूत पर रख दिया एक तरह से हुआ गुलाबी चूत के क्षेत्र के साथ-साथ अपने लैंड की लंबाई को भी नाप रहा था जो कि सीधे-सीधे उसकी नाभि तक पहुंच रही थी यह देखकर आराधना भी एकदम दंग रह गई थी कितना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से चूत के अंदर कैसे ले ले रही है,,,,, आराधना गर्दन उठाकर अपनी आंखों से सब कुछ देख रही थी कुछ देर के लिए संजू ने चुदाई को रोकता था और अपने लंड को बार-बार उसकी चूत पर पटक रहा था जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ती जा रही थी अपनी मां को खामोश अपने लंड की तरफ देखता हुआ पाकर संजू बोला,,,)

कैसा लगा मम्मी तुम बता नहीं रही हो क्या पापा का ऐसा ही है या इससे छोटा या इससे बड़ा,,,,

तू जान कर क्या करेगा समझो जो तू चाहता है वह तो तुझे मिल गया है,,,

हां बात तो सही है जो मैं चाहता था उसे प्राप्त कर लिया है लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि तुम्हारी चूत पर जिसका हक पहले ही उसका लंड कैसा है,,,,।

तेरे से आधा ही है लंबाई में भी और मोटाई में भी,,,

ओहहह मम्मी तब तो तुम्हारी गदर आई जवानी पर काबू कर पाना पापा के बस में बिल्कुल भी नहीं था तभी तो ए जिम्मेदारी मुझे उठानी पड़ रही है अब देखना मैं तुम्हारी मचलती उफान मारती जवानी पर कैसे काबू लाता हूं,,,,
(अपने बेटे का आत्मविश्वास देखकर आराधना को भी अच्छा लग रहा था उसे गर्व हो रहा था कि उसका बेटा एक पूरी तरह से मर्दाना ताकत से भरा हुआ असली मर्द है लेकिन फिर भी वह जानबूझकर अपने बेटे से बोली)

चल रहने दे संजू औरत की जवानी को मर्द कभी भी काबू में नहीं ले सकते,,,,

यह तो दूसरों के लिए होगा मेरी चुदाई तुमने असली तरीके से देखी कहां है जब मैं चोदना शुरू करूंगा ना तो तुम पानी नहीं मानोगे और तुम्हारा पानी छूटता ही रहेगा,,,,

चल रहने दे संजू अभी तेरा पानी निकल जाएगा और तू ढेर‌ होकर सो जाएगा,,,, और तुझ पर पानी डालकर जगाना पड़ेगा,,,,

तो तुम मुझ को चैलेंज कर रही हो,,,

चैलेंज नहीं बच्चों मर्दों की औकात बता रही हो औरत अपनी दोनों टांगों के बीच मर्द को पूरी तरह से कमजोर कर देती है,,,,

तो यह बात है अभी बताता हूं,,,

क्या बताता है,,,, जल्दी खत्म कर‌ और जाकर सो जा,,,

तुम्हें क्या लगता है आराधना रानी,,, मेरा पानी जल्दी निकल जाएगा जब तक तुम्हें मस्त ना कर दो दो बार तुम्हारा पानी ना निकाल दो तब तक मेरा निकलने वाला नहीं है देखना चाहती हो,,,,

बताकर दिखाएगा क्या,,,,,(आराधना इस तरह की बातें अपने बेटे से करना नहीं चाहती थी लेकिन हालात के आगे वह भी मजबूर हो चुकी थी इस तरह की बातें करने में उसे आनंद की प्राप्ति हो रही थी उसे मजा आ रहा था और वह भी अपने बेटे की मर्दाना ताकत को और भी ज्यादा उच्च शिखर पर देखना चाहती थी इसलिए उसए उक‌साते हुए वह इस तरह की बातें कर रही थी,,,,)

अभी रुको तब तो तुम्हें घोड़ी बनाकर चोदना पड़ेगा,,,,, चल अब जल्दी से उठ जा मेरी जान,,,,(संजू पूरी तरह से लय में आ चुका था अभी तक वह मम्मी मम्मी कह रहा था लेकिन अब अपनी मम्मी को जान कहकर संबोधन करना शुरू कर दिया था और उसका इस तरह से जान कहना आराधना के तन बदन में आग लगा रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे कि वह अपने बेटे के साथ नहीं बल्कि अपने प्रेमी के साथ हैं,,,,, वह भी अपने बेटे की बात मानते हुए पीठ के बल लेटी थी उठ कर बैठ गई और धीरे से अपना आसन बदलने लगे अपनी मां को अपनी आंखों के सामने घोड़ी बनता देखकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी समझो अपनी आंखों से देख रहा था कि उसकी मां अपने घुटनों के बल बैठ गई थी और धीरे से आगे की तरफ झुकने लगी थी देखते ही देखते वह बिस्तर पर झुक गई थी और अपनी गोरी गोरी भारी-भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठाकर हवा में लहराने लगी थी,,,, यह वह स्थिति थी जिस पर राजू को अपनी मर्दाना ताकत के बलबूते पर विजई पताका लहरा ना था पूरी तरह से इस स्थिति पर काबू पाना था और वैसे भी घोड़ी बनाकर चोदने में संजू को कुछ ज्यादा ही मजा आता था इसलिए अपनी मां की गदराई हुई गांड को देख कर उसके मुंह में पानी आ गया था और वह अपनी मां की गुलाबी छेद में लंड डालने से पहले एक बार दोनों हाथों से उसकी गांड की बड़ी-बड़ी आंखों को पकड़ लिया और अपने प्यासे होठों को एक बार फिर से उसकी चूत पर लगाकर उसके काम रस को चाटना शुरू कर दिया,,,,,, एक बार फिर से आराधना के बदन में सिहरन सी दौड़ गई आराधना नहीं कभी भी अपने पति को इस तरह की हरकत करते नहीं देखा था कि एक बार लंड डालने के बाद दोबारा उसकी चूत पर अपना होंठ लगाया हो लेकिन संजू कुछ अलग ही था संजू ने अपनी इस हरकत से आराधना के बदन में जोश भर दिया था आराधना पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी संजू एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठिया रहा था और दूसरी तरफ अपने होंठ से उसकी चूत से निकल रहे काम रस को चाट रहा था,,,,, आराधना इस बात से भी पूरी तरह से हैरान थी कि घंटो गुजर गए थे लेकिन उसके बेटे के लंड ने पानी का एक बूंद तक नहीं फेंका था और अभी तक उसी तरह से टनटनाकर खड़ा था,,,, आराधना की चूत टप टप चू रही थी और उससे काम रस को संजू अपना जीभ लगा कर चल रहा था खूबसूरत औरत की चूत से निकला काम रस कसैला और नमकीन स्वाद होने के बावजूद भी एक आदमी के लिए अमृत कीबोर्ड के समान होता है जिसे वह नीचे जमीन पर गिरने नहीं देना चाहता और उसे जीभ लगा लगाकर चाट जाता है,,, और यही काम ही समय संजू भाई अपनी मां के साथ कर रहा था घड़ी में तकरीबन 2:00 बज चुके थे लेकिन अभी तक चुदाई का सिर्फ प्रारंभ हुआ था,,,, और इसी से तो आराधना और भी ज्यादा हैरान थे क्योंकि इतनी देर रात तक वह संभोग क्रिया को करते हुए जागी नहीं थी या यूं समझ लो कि उसे रात भर जगा कर चोदने वाला अभी तक असली मर्द मिला ही नहीं था लेकिन आज की रात कुछ और थी आराधना का साथ ही बदल चुका था अशोक की जगह संजू ने ले लिया था इसलिए बिस्तर पर का पूरा खेल बदल चुका था सारे समीकरण धरे के धरे रह गए थे एक मजे हुए खिलाड़ी की तरह संजू धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था और इस खेल को और भी ज्यादा दिलचस्प बनाता जा रहा था संजू की ही वजह से आराधना भी थोड़ी बहुत बेशर्मी का प्रदर्शन करना शुरू कर दी थी क्योंकि उसे भी इस बात का एहसास हो गया था कि बेशर्मी दिखाए बिना इस खेल में मजा नहीं आने वाला इसीलिए तो वह घोड़ी बनकर अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में उठाए हुए लेटी थी और अपनी नजर को पीछे घुमा कर अपने बेटे की हरकत को देख रही थी जहां से केवल उसका कान और बाल दिख रहे थे बाकी का मुंह वाला हिस्सा उसकी भारी-भरकम गांड के बीचो बीच छिपा हुआ था,,,, यह देख कर आराधना के गाल शर्म से लाल हो गए उसे इस बात का एहसास होने लगा कि उसकी गांड कुछ ज्यादा ही बड़ी-बड़ी और एकदम खोल है तभी तो उसके बेटे का पूरा वजूद उसकी गांड के पीछे छुपा हुआ था आराधना थोड़ा सा नीचे नजर की तो उसके होश उड़ गए उसके बेटे का लंड उसके ही चूत के काम रस में डूबा हुआ ठुनकी मार रहा था,,,, अपनी बेटी की टनटनाए लंड को देखकर आराधना का मन उसे पकड़ने को कर रहा था,,,, लेकिन पीछे तक हाथ जाना इस समय नामुमकिन था वह सिर्फ अपने बेटे की खड़े लंड को देखकर ही खुश हो रही थी,,, आराधना को अपने बेटे का लंड इस‌ समय गधे के लंड की तरह लग रहा था,,,,, उसकी चूत लगातार काम रस छोड़ रही थी संजू कुछ देर तक अपनी मां की चूत को चाट कर उसे फिर से गर्म कर दिया था और फिर बिस्तर के नीचे खड़े होकर ही वह अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे अपने लंड के एकदम सामने लेकर आया और फिर आलूबुखारा के सामान अपने सुपाडे को फिर से अपनी मां के गुलाबी छेद में डाल दिया इस बार संजू को ज्यादा मशक्कत उठाने नहीं पड़ी क्योंकि धीरे-धीरे आराधना की चूत में संजू के लंड का सांचा बन चुका था और आराम से गप्प करके वह अंदर ले ली,,, संजू ने फिर से अपनी मां की चूत में पूरा लंड डाल दिया था और उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़कर बोला,,,।

अब देखना मेरी जान कैसे मैं तुम्हें छोड़ देता हूं तुम्हारी चूत से पानी ना निकाल दिया तो बोलना अब तक तुम पापा की छोटे लंड से मजा ले रही थी लेकिन आज असली मर्द से पाला पड़ा है,,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मारे उत्तेजना से गदगद हुए जा रही थी और उत्सुक भी किया उसका बेटा किस तरह से उस की चुदाई करेगा अपने कहे गए शब्दों की लाज रखते हुए पल भर में ही संजू ने रफ्तार पकड़ लिया और अपनी मां की चूत को चोदना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ आराधना के मुंह से आह निकल जा रही थी और हर धक्के के साथ आगे की तरफ लुढक जा रही थी वह तो संजू ने अपने दोनों हाथों से बड़ी मजबूती से उसकी कमर को पकड़ रखा था वरना वह पहले धक्के में ही बिस्तर पर पसर जाती,,,,।)


आहहह आहहह आहहहह बाप रे,,,ऊफफ,,,,


क्या हुआ मेरी जान अभी से चिल्लाने लगी,,,,,


थोड़ा धीरे इतनी तेज अंदर लेने का मुझे अनुभव नहीं है,,,


यह शिकायत तो तुम्हें पापा से करनी चाहिए थी कि तुम्हारी चुदाई असली मर्द की तरह की ही नहीं,,,,,


आरररह आहहहहह ,,,,,,


देखो मम्मी कैसे तुम्हारी चूत में लंड अंदर बाहर हो रहा है,,,आहहह पीछे से चोदने का मजा ही कुछ और है,,,ऊममममममम,,(इतना कहने के साथ ही थोड़ा सा नीचे झुक कर अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा,,,, संजू की यह हरकत दर्शा रहा था कि वह अपनी मां की खूबसूरत बदन से कितना प्यार करता है,,,,, संजू रुकने का नाम नहीं ले रहा था और आराधना की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी देखते ही देखते उसके बदन की अकड़ बढ़ने लगी थी और अगले ही पल हल्की सी चीख के आवाज के साथ उसका काम रस की पिचकारी छूट पड़ी और संजू अपनी चुदाई जारी रखते हुए अपनी मां का पानी निकाल चुका था,,,,,)

कैसा लगा मेरी जान छुट गया ना पानी,,,,,
(संजू जोर जोर से धक्के लगाते हुए बोला,,, अपने बेटे के मुंह से अपने लिए इस तरह की बात सुनकर अगर कोई और मौका होता तो शायद वह डूब कर मर जाती लेकिन इस समय अपने बेटे की यह बात उसे और भी ज्यादा मदहोश कर रही थी,,, लेकिन वह कुछ बोल नहीं पा रही थी उसे तो अपने बेटे की मर्दानगी पर धीरे-धीरे गर्व होना शुरू हो गया था क्योंकि बिना पानी छोड़े वह लगातार उसे चोद रहा था और वह भी तेज धक्कों के साथ,,, आराधना को ऐसा लग रहा था कि उसका बेटा आज उसकी चूत मार-मार कर सुजा देगा,,,,, कमरे में ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था बिस्तर पर दोनों मां-बेटे धमाचौकड़ी मचा रहे थे दोनों संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में आराधना भी नंगी और उसका बेटा भी नंगा आराधना की गुलाबी छेद में उसके बेटे का मोटा लंड अंदर बाहर हो रहा था जिसका सुख बड़े मदहोशी से आराधना ले रही थी पानी झर जाने के कुछ पल में वह फिर से गर्म होने लगी लेकिन अभी तक संजू का कुछ भी बिगड़ा नहीं था वह चुदाई का आनंद ले रहा था परमसुख प्राप्त कर रहा था एसा संभोग सुख जिसके बारे में उसने आज तक कल्पना भी नहीं किया था,,,,,,, अपने बेटे से चुदवाते समय आराधना यही सोच रही थी कि उसके कमरे में जो कुछ भी हो रहा है इस बारे में दुनिया वालों को क्या पता चलेगा यह राज तो उसके और उसके बेटे के बीच का है और दोनों में से कोई भी किसी को नहीं बताएगा तो फिर हर्ज ही क्या है इस तरह के रिश्ते को आगे ले जाने मे,,, ऐसा ख्याल मन में आते ही आराधना के चेहरे की चमक बढ़ने लगी,,,,, वह फिर से उत्तेजित होने लगी लेकिन इस तरह से घोड़ी बनकर चुदवाने से उसका बदन दर्द करने लगा था आराधना के जीवन में यह पहला मौका था जब आते समय उसका बदन दर्द कर रहा था,,,, उसकी कमर की हड्डियां चटक रही थी पलंग में से भी चरण चरण की आवाज आ रही थी शायद इसी को पलंग तोड़ चुदाई करते हैं इस बारे में आज जाकर आराधना को एहसास हुआ था,,,,,, जब कमर का दर्द सहन नहीं हुआ तो मदहोशी भरे स्वर में आराधना बोली,,,)

संजू अब बसकर मेरी कमर दुख रही है,,,

ऐसे कैसे मम्मी तुम्हारा तो निकल गया है मुझे बीच मझधार में छोड़ कर जाने के लिए कर रही हो,,,,

अरे सच में मेरी कमर बहुत तेज दुख रही है तेरा हर एक धक्का बहुत तेज लग रहा है,,,

इसे ही तो जबरदस्त चुदाई कहते हैं,,,

कुछ भी कहते हो लेकिन पोजीशन तो बदल दे मुझे लेट जाने दे फिर कर लेना,,,।
(आराधना अपने बेटे के साथ सहज हो रही थी वह अब आराम से अपने बेटे से इस बारे में बात कर रही थी इस बात की खुशी संजू को भी थी इसलिए अपनी मां की बात मानते हुए वह अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाल लिया,,,, और गांड पर थपथपाते हुए उसे लेट जाने का इशारा करने लगा,,,, आराधना गरम आह भरते हुए वापस पीठ के बल लेट गई लेकिन इस बार अपने पैर को बिस्तर के पीछे लटका दी और संजू भी तुरंत दोनों टांगों के बीच आ गया और कमर पकड़कर उसे थोड़ा और आगे की तरफ खींच लिया,,,, संजू एक बार फिर से अपने लंड को हिलाते हुए अपनी मां की चूत के छेद में अपना लंड डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया इस बार वह बड़ी तेजी से अपनी मां को चोद रहा था क्योंकि वह भी चरम सुख के करीब पहुंच रहा था लेकिन बार-बार वह अपने को बाहर निकाल कर अपने हाथ से पकड़ कर लंड को वापस चूत में डाल रहा था ऐसा करने से आराधना की तरफ बढ़ जा रही थी उसे बड़े जोरों की पेशाब लगने का आभास होने लगा वह अपने बेटे से कुछ कह पाती इससे पहले ही अपने बेटे के तेज धक्के के साथ ही उसकी चूत के छोटे छेद से पेशाब का फव्वारा फूट पड़ा और यह देख कर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई वह अपनी मां को चोदते चोदते उसे पेशाब करा दिया था इसलिए वह बोला,,,,

हाय मेरी रानी देखो मैंने बोला था ना मैंने तुम्हारा पै‍शाब निकाल दिया तुम चुदवाते चुदवाते मुत दी हो,,,।
(यह पल आराधना के लिए बेहद शर्मनाक था क्योंकि वाकई में वह मुत रही थी संजू के हर धक्के के साथ उसके चुत से पेशाब की धार फूट पड़ रही थी आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह इस समय शर्म से गाड़ी जा रही थी ऐसा उसके साथ पहले कभी नहीं हुआ था शायद इस तरह की चुदाई भी उसकी पहले कभी नहीं हुई थी इसीलिए लेकिन यह नया अनुभव बेहद मदहोश कर रहा था आराधना शर्मसार होने के बावजूद भी आनंद के सागर में गोते लगा रही थी और अपने बेटे के हर धक्के के साथ पेशाब की धार छोड़ रही थी चुदवाते चुदवाते मुतने का यह पहला अनुभव था,,,, संजू तुम्हारी खुशी और उत्तेजना से फूला नहीं समा रहा था वह अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा चुका था वह अपनी मां की कंधों को पकड़कर जोर-जोर से अपनी कमर हिला रहा था अपनी मां की मोटी मोटी जांघो के साथ उसकी खुद की जांघ टकराने से ठाप ठापकी आवाज आ रही थी,,,, जिसे सुनकर आराधना को इस बात का डर लग रहा था कि कहीं बगल वाले कमरे में सो रहे हैं मोहिनी जागना जाए लेकिन वह किसी भी तरह से अपने बेटे को रोकना नहीं चाहती थी क्योंकि उसको बहुत मजा आ रहा था,,,,,

संजू जानता था कि किसी भी वक्त उसका पानी निकल जाएगा इसलिए वह अपनी मां के ऊपर चुप कर दोनों हाथों को उसकी पीठ के नीचे ले जाकर उसे कस के अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते आराधना के साथ-साथ संजू की भी सांसे तेज चलने लगी और कुछ ही धक्कों के बाद दोनों के बदन की अकड़न बड़ी और संजू ने अपना गर्म लावा अपनी मां की चूत में डालना शुरू कर दिया,,,,, दोनों का पानी निकल गया था दोनों पूरी तरह से तृप्त हो चुके थे आराधना इस खेल के दौरान तीन बार अपना पानी निकाल चुकी थी और संजू एक ही बार में अपनी मां को तीन बार झाड़ कर उसे ढेर कर चुका था,,,,, संजू अपनी मां के ऊपर ढेर हो चुका था थोड़ी देर बाद जब शांत होगा तो संजू अपनी मां के होठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा और बोला,,,।

आज तुमने मुझे मस्त कर दि हो कसम से ऐसा मजाक कभी नहीं आया था मैं कभी सोचा नहीं था कि तुम्हें चोदने में इतना ज्यादा मजा आएगा,,,।(संजू अपनी मां के ऊपर लेटे हुए हैं उससे गंदी गंदी बातें कर रहा था अभी भी उसका लंड उसकी मां की चूत में समाया हुआ था और उसकी अकड़ अभी भी बरकरार थी,,,, आराधना को अपने बेटे के साथ चुदवाने में एक अद्भुत सुख की प्राप्ति हुई थी जिसकी कभी उसने कल्पना भी नहीं की थी इसलिए उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आ रहा था और वह उसी तरह से उसकी पीठ पर अपनी हथेली रखकर सहला रही थी मानो कि जैसे उसे शाबाशी दे रही हो,,,,,

वासना का तूफान थम जाने के बाद संजू अपनी मां की चूत में से अपने लंड को बाहर निकाला और उसके बगल में पीठ के बल ढेर हो गया,,,,, आराधना भी पीठ के बल लेटी हुई थी अपने बेटे की तरफ करवट लेकर सोने में उसे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी,,,,,,, दोनों के बीच खामोशी छाई हुई थी आराधना घड़ी में टंकी दीवार की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए घड़ी में 3:30 का समय हो रहा था इतनी देर तक भला कोई कैसे चोद सकता है और वह भी बिना पानी निकाले वह हैरान थी अपने बेटे की मर्दाना ताकत पर उसे अपने बेटे के लंड पर गर्व होने लगा था,,,,, सुबह होने में
कुछ घंटों का समय रह गया था इतनी देर तक तो वह सुहागरात के रात को भी नहीं जागी थी जैसा कि आज उसके बेटे ने जगाया था वह बात की शुरुआत करते हुए बोली,,,।

बाप रे 3:30 बज गया है,,,,,

तो क्या हुआ,,,, मैं तो रात भर तुम्हारी चूत में लंड डालकर पड़ा रहुं,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मुस्कुराते हुए तिरछी नजर से अपने बेटे के लंड की तरफ देखते हुए बोली जो कि अभी भी हल्का सा सिर्फ ढीला पड़ा था बाकी अपनी अकड़ दिखा रहा था,,)

वह तो मैं देख ही रही हूं,,,,

क्या देख रही हो मम्मी,,,(संजू जानता था लेकिन फिर भी जानबूझकर बोला वह अपनी मां के मुंह से सुनना चाहता था,,,)

ये,,,(अपना हाथ आगे बढ़ाकर उंगली से लंड का स्पर्श करते हुए बोली,,, संजू को अपनी मां की यह हरकत बहुत ही अच्छी लगी इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोला,,)

कमजोर नहीं हुआ है यह अभी फिर से तुम्हारी चूत में जाकर धमाल मचा सकता है,,,,


चल अब रहने दे इस से कुछ होने वाला नहीं है,,,,(आराधना का मन फिर से चुदवाने को करने लगा था आखिरकार महीने बाद जुदाई का असली सुख जो प्राप्त की थी महीने बाद तो वह लंड को चूत में ली थी लेकिन चुदाई का असली सुख तो उसे जिंदगी में पहली बार ही मिल रहा था इसलिए उससे रहा नहीं जा रहा था,,, संजू जानता था कि उसकी मां का भी मन फिर से कर रहा है इसलिए वह बोला,,,)

आ जाओ चढ जाओ मेरे लंड पर फिर दिखाता हूं कि अभी इसमें कितना दम है,,,,,(अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हीलाते हुए बोला,,,)

नहीं अब सुबह होने वाली है तुझे अपने कमरे में कहीं मोहिनी की नींद खुल गई और तुझे कमरे में नहीं देखेगी तो इधर तक आ जाएगी,,,

पहले आओ मेरे ऊपर फिर मैं चला जाऊंगा,,,

देखा फिर तू जिद कर रहा है आखिर कर तो लिया अपनी मनमानी,,,

एक बार फिर से करने दो,,,


तू मानेगा नहीं ना,,,

एक बार में तो मैं बिल्कुल भी मानने वाला नहीं हूं,,,,(अपने लंड को हिलाते हुए जोकि फिर से धीरे-धीरे अपनी औकात में आ चुका था अपने बेटे के खड़े लंड को देखकर आराधना की चूत फिर से फुदकने लगी अपने बेटे की बात को मारने के सिवा उसके पास और कोई चारा नहीं था क्योंकि इसमें उसकी भी खुशी दे इसलिए वह अपने बेटे को आंख दिखाते हुए बोली,,,)

तू सच में कमरे से बाहर नहीं जाएगा,,,

एक बार फिर से दे दो फिर चला जाऊंगा,,,

बाप रे कितना शैतान है तू,,,(इतना कहने के साथ ही वह उठने लगी और अपने बेटे की तरफ देख कर उसकी कमर के इर्द-गिर्द अपने पैर के घुटने रखकर अपनी जगह बनाने लगी एक बार फिर से संजू के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ में लगी थी उसकी मां उसके लंड पर चढ़ने वाली थी धीरे-धीरे आराधना की भी शर्म खत्म हो रही थी जो कि संजू को साफ दिखाई दे रही थी और यही तो संजू देखना चाहता था कि उसकी मां अभी भी शर्म आती है या मजा लेने के लिए उत्सुक हैं देखते ही देखते आराधना अपना हाथ नीचे की तरफ लाकर अपने बेटे के खडे लंड को पकड़ ली और उसे अपनी गुलाबी चूत के छेद पर रखने लगी देखते ही देखते आराधना अपना अनुभव दिखाते हुए अपनी भारी-भरकम कांड को अपने बेटे के लंड पर रखना शुरू कर दी और देखते ही देखते उसकी चूत की गहराई में संजू का लंड खो गया और सीधा जाकर आराधना के बच्चेदानी से टकरा गया आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और धीरे-धीरे अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटकना शुरू कर दी,,, संजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां की गांड पर रखकर उसे थाम लिया और बोला,,,।

क्या मम्मी पापा के साथ ऐसा की हो क्या,,,

तेरे पापा जबरदस्ती मुझसे ऐसा करवाए थे लेकिन उनके छोटे से लंड में इतना मजा नहीं आया था जिसकी तेरे साथ आ रहा है,,,,,आहहहहह,,,,,(तब तक वह खुद ही जोर से अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटक दिया और लंड सीधे जाकर उसके बच्चेदानी से टकराया और उसके मुंह से आह निकल गई आराधना बड़े आराम से अपने बेटे के लंड पर गांड पटक रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था,,,,, लेकिन संजू नीचे से धक्का लगाना चाहता था इसलिए अपनी मां की चूची पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा उसकी मां उसकी तरफ झुकने लगी और वह तुरंत अपनी बाहों का घेरा उसके गले में डाल कर उसे अपने बदन से सटा लिया जिससे उसकी गांड हवा में ऊपर की तरफ उठ गई और संजू नीचे से अपनी कमर उछाल उछाल कर अपनी मां को चोदना शुरु कर दिया,,,, यह चुदाई भी लगभग 25 से 30 मिनट तक चली और दोनों फिर से झड़ गए,,,, एक ही रात में संजू ने अपनी मां को चोद चोद कर एकदम थका डाला था इसलिए पानी निकलने के बाद तुरंत वह अपने ब्यूटी के लंड पर से उठी और तुरंत बगल में धमम से पीठ के बल पसर गई,,,, संजू भी वही सो गया सुबह जब 5:30 का अलार्म बजा तो संजू की नींद खुली,,,, तो अपने बगल में अपनी मां को एकदम नंगी देखकर उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा अपनी मां की नंगी गांड पर हाथ घुमा ने लगा जिससे आराधना की भी नींद खुल गई लेकिन घड़ी की तरफ देखकर उसके होश उड़ गए हो तुरंत बिस्तर पर से उठी और अपने कपड़े पहने लगी संजू उसे रोकने की कोशिश करने लगा लेकिन आराधना बिल्कुल भी नहीं मानी
वह तुरंत कमरे के बाहर आ गई और संजू भी बाहर आ गया वह संजू को कमरे में चले जाने के लिए बोली क्योंकि अभी मोहिनी सो रही थी एक ही रात में आराधना ने अपने बेटे को अद्भुत सुख दी थी इसलिए उसकी बात मानते हुए संजू कमरे में जाकर कुछ देर के लिए सो गया,,,।

क्ष
Wah bhai wah Kya must kamuk Update Tha bhai lund khada ho gaya poora update padhte padhte dard Karne laga,
Aakhir sanju ne aaradhna ki jawani ko chakh hi liya, bhai
Awesome Update With Great sexy writing Style 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯
 

Mking

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Wah Bhai dil khus kar diya,top class update de diya , bahut bahut shukriya.
 
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hariom1936

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Ohh my god, gazab gazab gazab

ये आज तक का इस साइट पर सबसे अच्छा अपडेट है।

मुझे नहीं लगता की भविष्य में कोई इसके आस पास भी पहुंच पाएगा।

लेखक साहब आप सो साल जिए।
 

Bittoo

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नहीं संजू मुझसे नहीं होगा मुझे बहुत शर्म आ रही है,,

क्या मम्मी अभी भी शर्म आ रही है तुम्हारे कपड़े में अपने हाथ से उतार कर तुम्हें नंगी किया तुम्हारे कमरे में तुम्हारे बिस्तर पर तुम्हें चोद रहा हूं और तुम चुदवा रही हो,,,, और कह रही हो कि शर्म आ रही है जाओ अगर तुम आंखें नहीं खेलोगी तो मैं तुम्हें नहीं चोदुंगा,,,,, इसी तरह से तुम्हारी चूत में लंड डालकर बैठे रहूंगा,,,,।

(अपने बेटे की यह बात सुनकर आराधना एकदम से सकते में आ गई क्योंकि उसे भी मजा आ रहा था उसके बेटे के लिंग की मोटाई और लंबाई सीधे उसके बच्चेदानी तक पहुंच रही थी और,,, लंड मोटा होने के नाते आराधना अपनी बेटी के लंड को अपनी चूत में एकदम कसा हुआ महसूस कर रही थी और उसे अपने बेटे का लंड इतना ज्यादा कड़क लग रहा था कि उससे उसके लंड की नसें सांप अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों पर रगडती हुई महसूस हो रही थी और अगर तेरे अंदर बाहर होने की वजह से उसका मजा अत्यधिक बढ़ता जा रहा था और लगातार उसकी चूत से काम रस टपक रहा था,,,, ऐसे में आराधना को अपने बेटे से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था पहले ही दोनों के बीच मां बेटी का रिश्ता था और आराधना इसे रिश्ते में जिस्मानी ताल्लुकात नहीं रखना चाहती थी लेकिन अपने बेटे की मनमानी को देखते हुए और अपनी जरूरत के आगे वह घुटने टेक चुकी थी और अब उसे इस खेल में बहुत मजा आ रहा था लेकिन एक जिद के कारण उसका बेटा उसी तरह से उसकी चूत में लंड डाले बैठा था और जैसा आराधना को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था रंग में भंग पड़ गया था इसलिए ना चाहते हुए भी आराधना अपनी आंखों को खोल दी लेकिन उसकी आंखों में शर्म भरा हुआ था वह पूरी तरह से शर्मिंदगी महसूस कर रही थी साथ ही उत्तेजना का असर उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था,,, अपनी मां को आकर खोला हुआ देखकर संजू के होठों पर मुस्कान तैरने लगी और वह खुश होते हुए बोला,,,)

वाह यह हुई ना बात मम्मी अब देखना कितना मजा देता हूं तुम एक नजर अपनी दोनों टांगों के बीच तो डालो मेरे लंड को देखकर मजा आ जाएगा,,, कि कैसे तुम्हारे छोटे से गुलाबी छेद में मेरा मोटा लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा है,,,,
(आराधना को अपने बेटे की बातें इतनी अत्यधिक गंदी लग रही थी कि उसकी बातों को सुनकर वह पानी पानी हुए जा रही थी इस तरह से उसके पति ने भी कभी इतनी अधिक गंदी बातें उसके साथ नहीं किया था लेकिन संजू बिल्कुल बेशर्म बन चुका था लेकिन उसकी बेशर्मी आराधना को अच्छी लग रही थी उसका भी मन अपनी दोनों टांगों के बीच देखने का मन कर रहा था लेकिन वह शर्म के मारे देख नहीं पा रही थी लेकिन अपने बेटे की बात सुनकर वह हिम्मत जुटाकर अपने दोनों हाथों की कोहनी का सहारा लेकर थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठी और अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी नजरों को स्थिर कर दी उसके बाद जो नजारा उसकी आंखों के सामने आया उसे देखकर वह खुद हैरान हो गई,,,, उसे अपनी दोनों टांगों के बीच का नजारा एकदम साफ नजर आ रहा था उसकी चूत कचोरी की तरह एकदम खुली हुई थी जो की पूरी तरह से रस से लबालब थी,,,, आराधना यह देखकर हैरान थी कि राजू का इतना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से उसकी चूत के अंदर तक चला जा रहा था और चूत में कहीं खो जा रहा था यह देखकर आराधना की उत्तेजना बढ़ने लगी ,,,, संजू अपनी मां को यह नजारा दिखाने की उद्देश्य से बड़े आराम से अपनी कमर को पानी की तरह लहराता हुआ आगे पीछे कर रहा था और अपने होठों को दांत से काटकर अपनी उत्तेजना दर्शा रहा था यह देख कर,,,, आराधना पूरी तरह से मस्त हुई जा रही थी,,,,, वह कभी सोचे नहीं थे कि इतनी जल्दी अपने बेटे के सामने घुटने टेक दिल की लेकिन हालात पूरी तरह से उसे मजबूर कर चुके थे बदन की जरूरत उसका साथ देने से इंकार कर रही थी पति की बेवफाई के चलते उसका दिमाग
सही गलत के फैसले के बीच परख करना भूल गया था रिश्तों और मर्यादा के संबंध को भूल चुका था मां बेटे के बीच के पवित्र रिश्ते को भूल चुका था इसलिए तो आज आराधना अपने ही कमरे में अपने ही बिस्तर पर अपने बेटे की हाथों की कठपुतली बनकर उसके लंड को अपनी चूत में लेकर मस्त हुए जा रही थी,,,,, धीरे-धीरे संजू अपनी कमर को रफ्तार देने लगा आराधना को अपने बेटे का लंड बड़ी तेजी से अपनी चूत के अंदर बाहर होता हुआ महसूस हो रहा था उसकी और अगर से बार-बार उसका काम रस बाहर निकल जा रहा था जिससे कामरेज की चिकनाहट पाकर लंड बड़े आराम से बिना किसी रूकावट के चूत के अंदर तक पहुंच रहा था,,,,,,,।


तुम्हारी चूत इतनी कसी हुई क्यों है मम्मी,,,,, और वह भी इस उमर में,,,,

ऐसे सवाल मत पूछा कर समझो मैं जवाब दे नहीं पाऊंगी,,

मैं जानता हूं मम्मी तुम बहुत अच्छी हो रहा था लेकिन संस्कारी लेकिन वक्त की मारी हो पति की बेवफाई सहन करके जी रही हो एक औरत होने का सुख खो चुकी हो और इसीलिए तो मैं तुम्हें एक औरत की जरूरत क्या होती है कैसे पूरी की जाती है यही बताने के लिए तुम्हारे साथ हूं तुम बिल्कुल भी चिंता मत करना मैं जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहूंगा,,,,,

चोदने के लिए,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर एकाएक आराधना बोली)

चोदने के लिए भी और तुम्हारा साथ देने के लिए भी सच कहूं तो एक मर्द औरत का साथ किस लिए चाहता है उसकी मदद करने के लिए उसका साथ देने के लिए परछाई की तरह उसके साथ घूमने के लिए और फिर रात को उसे चोदने के लिए और मर्द को कुछ नहीं चाहिए उसकी पसंदीदा औरत की चूत उसे मिल गई समझ लो दुनिया मिल गई,,,, जैसा कि मैं इस समय दुनिया का सबसे खुशनसीब लड़का हूं जो अपनी मां की जरूरत पूरी करते हुए उसे चोद रहा हूं,,,

बातें बनाना तो कोई तुझसे सीखे,,,,ओर हा मेरी टांगे दुखने लगी है,,,,,, तू तो एकदम कसाई हो गया है,,,,

मेरा इतनी जल्दी छूटने वाला नहीं है मम्मी मुझे लगता है पापा का तो 2 मिनट में ही निकल जाता होगा तभी तो तुम्हें पता नहीं है कि औरत कितनी देर तक टांग उठा कर चुदवा सकती है,,,,

ऐसा ज्ञान मुझे नहीं लेना,,,,,

ज्ञान ना सही लंड तो लेना है ना,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना कुछ बोल नहीं पाए संजू धीरे से अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाला जो की पूरी तरह से उसके काम रस में नहाया हुआ था संजू अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाता हुआ उसके गरम सुपाड़े को अपनी मां की चूत पर पटकने लगा और अपनी मां की तरफ देख कर बोला,,)
Sanju or uski mummy

देखो मम्मी क्या पापा का इतना बड़ा और मोटा है,,,(इतना कहने के साथ ही संजु ने अपने लंड को जड़ से पकड़ कर उसके संपूर्ण वजूद को अपनी मां की चूत पर रख दिया एक तरह से हुआ गुलाबी चूत के क्षेत्र के साथ-साथ अपने लैंड की लंबाई को भी नाप रहा था जो कि सीधे-सीधे उसकी नाभि तक पहुंच रही थी यह देखकर आराधना भी एकदम दंग रह गई थी कितना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से चूत के अंदर कैसे ले ले रही है,,,,, आराधना गर्दन उठाकर अपनी आंखों से सब कुछ देख रही थी कुछ देर के लिए संजू ने चुदाई को रोकता था और अपने लंड को बार-बार उसकी चूत पर पटक रहा था जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ती जा रही थी अपनी मां को खामोश अपने लंड की तरफ देखता हुआ पाकर संजू बोला,,,)

कैसा लगा मम्मी तुम बता नहीं रही हो क्या पापा का ऐसा ही है या इससे छोटा या इससे बड़ा,,,,

तू जान कर क्या करेगा समझो जो तू चाहता है वह तो तुझे मिल गया है,,,

हां बात तो सही है जो मैं चाहता था उसे प्राप्त कर लिया है लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि तुम्हारी चूत पर जिसका हक पहले ही उसका लंड कैसा है,,,,।

तेरे से आधा ही है लंबाई में भी और मोटाई में भी,,,

ओहहह मम्मी तब तो तुम्हारी गदर आई जवानी पर काबू कर पाना पापा के बस में बिल्कुल भी नहीं था तभी तो ए जिम्मेदारी मुझे उठानी पड़ रही है अब देखना मैं तुम्हारी मचलती उफान मारती जवानी पर कैसे काबू लाता हूं,,,,
(अपने बेटे का आत्मविश्वास देखकर आराधना को भी अच्छा लग रहा था उसे गर्व हो रहा था कि उसका बेटा एक पूरी तरह से मर्दाना ताकत से भरा हुआ असली मर्द है लेकिन फिर भी वह जानबूझकर अपने बेटे से बोली)

चल रहने दे संजू औरत की जवानी को मर्द कभी भी काबू में नहीं ले सकते,,,,

यह तो दूसरों के लिए होगा मेरी चुदाई तुमने असली तरीके से देखी कहां है जब मैं चोदना शुरू करूंगा ना तो तुम पानी नहीं मानोगे और तुम्हारा पानी छूटता ही रहेगा,,,,

चल रहने दे संजू अभी तेरा पानी निकल जाएगा और तू ढेर‌ होकर सो जाएगा,,,, और तुझ पर पानी डालकर जगाना पड़ेगा,,,,

तो तुम मुझ को चैलेंज कर रही हो,,,

चैलेंज नहीं बच्चों मर्दों की औकात बता रही हो औरत अपनी दोनों टांगों के बीच मर्द को पूरी तरह से कमजोर कर देती है,,,,

तो यह बात है अभी बताता हूं,,,

क्या बताता है,,,, जल्दी खत्म कर‌ और जाकर सो जा,,,

तुम्हें क्या लगता है आराधना रानी,,, मेरा पानी जल्दी निकल जाएगा जब तक तुम्हें मस्त ना कर दो दो बार तुम्हारा पानी ना निकाल दो तब तक मेरा निकलने वाला नहीं है देखना चाहती हो,,,,


बताकर दिखाएगा क्या,,,,,(आराधना इस तरह की बातें अपने बेटे से करना नहीं चाहती थी लेकिन हालात के आगे वह भी मजबूर हो चुकी थी इस तरह की बातें करने में उसे आनंद की प्राप्ति हो रही थी उसे मजा आ रहा था और वह भी अपने बेटे की मर्दाना ताकत को और भी ज्यादा उच्च शिखर पर देखना चाहती थी इसलिए उसए उक‌साते हुए वह इस तरह की बातें कर रही थी,,,,)

अभी रुको तब तो तुम्हें घोड़ी बनाकर चोदना पड़ेगा,,,,, चल अब जल्दी से उठ जा मेरी जान,,,,(संजू पूरी तरह से लय में आ चुका था अभी तक वह मम्मी मम्मी कह रहा था लेकिन अब अपनी मम्मी को जान कहकर संबोधन करना शुरू कर दिया था और उसका इस तरह से जान कहना आराधना के तन बदन में आग लगा रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे कि वह अपने बेटे के साथ नहीं बल्कि अपने प्रेमी के साथ हैं,,,,, वह भी अपने बेटे की बात मानते हुए पीठ के बल लेटी थी उठ कर बैठ गई और धीरे से अपना आसन बदलने लगे अपनी मां को अपनी आंखों के सामने घोड़ी बनता देखकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी समझो अपनी आंखों से देख रहा था कि उसकी मां अपने घुटनों के बल बैठ गई थी और धीरे से आगे की तरफ झुकने लगी थी देखते ही देखते वह बिस्तर पर झुक गई थी और अपनी गोरी गोरी भारी-भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठाकर हवा में लहराने लगी थी,,,, यह वह स्थिति थी जिस पर राजू को अपनी मर्दाना ताकत के बलबूते पर विजई पताका लहरा ना था पूरी तरह से इस स्थिति पर काबू पाना था और वैसे भी घोड़ी बनाकर चोदने में संजू को कुछ ज्यादा ही मजा आता था इसलिए अपनी मां की गदराई हुई गांड को देख कर उसके मुंह में पानी आ गया था और वह अपनी मां की गुलाबी छेद में लंड डालने से पहले एक बार दोनों हाथों से उसकी गांड की बड़ी-बड़ी आंखों को पकड़ लिया और अपने प्यासे होठों को एक बार फिर से उसकी चूत पर लगाकर उसके काम रस को चाटना शुरू कर दिया,,,,,, एक बार फिर से आराधना के बदन में सिहरन सी दौड़ गई आराधना नहीं कभी भी अपने पति को इस तरह की हरकत करते नहीं देखा था कि एक बार लंड डालने के बाद दोबारा उसकी चूत पर अपना होंठ लगाया हो लेकिन संजू कुछ अलग ही था संजू ने अपनी इस हरकत से आराधना के बदन में जोश भर दिया था आराधना पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी संजू एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठिया रहा था और दूसरी तरफ अपने होंठ से उसकी चूत से निकल रहे काम रस को चाट रहा था,,,,, आराधना इस बात से भी पूरी तरह से हैरान थी कि घंटो गुजर गए थे लेकिन उसके बेटे के लंड ने पानी का एक बूंद तक नहीं फेंका था और अभी तक उसी तरह से टनटनाकर खड़ा था,,,, आराधना की चूत टप टप चू रही थी और उससे काम रस को संजू अपना जीभ लगा कर चल रहा था खूबसूरत औरत की चूत से निकला काम रस कसैला और नमकीन स्वाद होने के बावजूद भी एक आदमी के लिए अमृत कीबोर्ड के समान होता है जिसे वह नीचे जमीन पर गिरने नहीं देना चाहता और उसे जीभ लगा लगाकर चाट जाता है,,, और यही काम ही समय संजू भाई अपनी मां के साथ कर रहा था घड़ी में तकरीबन 2:00 बज चुके थे लेकिन अभी तक चुदाई का सिर्फ प्रारंभ हुआ था,,,, और इसी से तो आराधना और भी ज्यादा हैरान थे क्योंकि इतनी देर रात तक वह संभोग क्रिया को करते हुए जागी नहीं थी या यूं समझ लो कि उसे रात भर जगा कर चोदने वाला अभी तक असली मर्द मिला ही नहीं था लेकिन आज की रात कुछ और थी आराधना का साथ ही बदल चुका था अशोक की जगह संजू ने ले लिया था इसलिए बिस्तर पर का पूरा खेल बदल चुका था सारे समीकरण धरे के धरे रह गए थे एक मजे हुए खिलाड़ी की तरह संजू धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था और इस खेल को और भी ज्यादा दिलचस्प बनाता जा रहा था संजू की ही वजह से आराधना भी थोड़ी बहुत बेशर्मी का प्रदर्शन करना शुरू कर दी थी क्योंकि उसे भी इस बात का एहसास हो गया था कि बेशर्मी दिखाए बिना इस खेल में मजा नहीं आने वाला इसीलिए तो वह घोड़ी बनकर अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में उठाए हुए लेटी थी और अपनी नजर को पीछे घुमा कर अपने बेटे की हरकत को देख रही थी जहां से केवल उसका कान और बाल दिख रहे थे बाकी का मुंह वाला हिस्सा उसकी भारी-भरकम गांड के बीचो बीच छिपा हुआ था,,,, यह देख कर आराधना के गाल शर्म से लाल हो गए उसे इस बात का एहसास होने लगा कि उसकी गांड कुछ ज्यादा ही बड़ी-बड़ी और एकदम खोल है तभी तो उसके बेटे का पूरा वजूद उसकी गांड के पीछे छुपा हुआ था आराधना थोड़ा सा नीचे नजर की तो उसके होश उड़ गए उसके बेटे का लंड उसके ही चूत के काम रस में डूबा हुआ ठुनकी मार रहा था,,,, अपनी बेटी की टनटनाए लंड को देखकर आराधना का मन उसे पकड़ने को कर रहा था,,,, लेकिन पीछे तक हाथ जाना इस समय नामुमकिन था वह सिर्फ अपने बेटे की खड़े लंड को देखकर ही खुश हो रही थी,,, आराधना को अपने बेटे का लंड इस‌ समय गधे के लंड की तरह लग रहा था,,,,, उसकी चूत लगातार काम रस छोड़ रही थी संजू कुछ देर तक अपनी मां की चूत को चाट कर उसे फिर से गर्म कर दिया था और फिर बिस्तर के नीचे खड़े होकर ही वह अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे अपने लंड के एकदम सामने लेकर आया और फिर आलूबुखारा के सामान अपने सुपाडे को फिर से अपनी मां के गुलाबी छेद में डाल दिया इस बार संजू को ज्यादा मशक्कत उठाने नहीं पड़ी क्योंकि धीरे-धीरे आराधना की चूत में संजू के लंड का सांचा बन चुका था और आराम से गप्प करके वह अंदर ले ली,,, संजू ने फिर से अपनी मां की चूत में पूरा लंड डाल दिया था और उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़कर बोला,,,।

अब देखना मेरी जान कैसे मैं तुम्हें छोड़ देता हूं तुम्हारी चूत से पानी ना निकाल दिया तो बोलना अब तक तुम पापा की छोटे लंड से मजा ले रही थी लेकिन आज असली मर्द से पाला पड़ा है,,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मारे उत्तेजना से गदगद हुए जा रही थी और उत्सुक भी किया उसका बेटा किस तरह से उस की चुदाई करेगा अपने कहे गए शब्दों की लाज रखते हुए पल भर में ही संजू ने रफ्तार पकड़ लिया और अपनी मां की चूत को चोदना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ आराधना के मुंह से आह निकल जा रही थी और हर धक्के के साथ आगे की तरफ लुढक जा रही थी वह तो संजू ने अपने दोनों हाथों से बड़ी मजबूती से उसकी कमर को पकड़ रखा था वरना वह पहले धक्के में ही बिस्तर पर पसर जाती,,,,।)


आहहह आहहह आहहहह बाप रे,,,ऊफफ,,,,


क्या हुआ मेरी जान अभी से चिल्लाने लगी,,,,,


थोड़ा धीरे इतनी तेज अंदर लेने का मुझे अनुभव नहीं है,,,


यह शिकायत तो तुम्हें पापा से करनी चाहिए थी कि तुम्हारी चुदाई असली मर्द की तरह की ही नहीं,,,,,


आरररह आहहहहह ,,,,,,


देखो मम्मी कैसे तुम्हारी चूत में लंड अंदर बाहर हो रहा है,,,आहहह पीछे से चोदने का मजा ही कुछ और है,,,ऊममममममम,,(इतना कहने के साथ ही थोड़ा सा नीचे झुक कर अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा,,,, संजू की यह हरकत दर्शा रहा था कि वह अपनी मां की खूबसूरत बदन से कितना प्यार करता है,,,,, संजू रुकने का नाम नहीं ले रहा था और आराधना की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी देखते ही देखते उसके बदन की अकड़ बढ़ने लगी थी और अगले ही पल हल्की सी चीख के आवाज के साथ उसका काम रस की पिचकारी छूट पड़ी और संजू अपनी चुदाई जारी रखते हुए अपनी मां का पानी निकाल चुका था,,,,,)

कैसा लगा मेरी जान छुट गया ना पानी,,,,,
(संजू जोर जोर से धक्के लगाते हुए बोला,,, अपने बेटे के मुंह से अपने लिए इस तरह की बात सुनकर अगर कोई और मौका होता तो शायद वह डूब कर मर जाती लेकिन इस समय अपने बेटे की यह बात उसे और भी ज्यादा मदहोश कर रही थी,,, लेकिन वह कुछ बोल नहीं पा रही थी उसे तो अपने बेटे की मर्दानगी पर धीरे-धीरे गर्व होना शुरू हो गया था क्योंकि बिना पानी छोड़े वह लगातार उसे चोद रहा था और वह भी तेज धक्कों के साथ,,, आराधना को ऐसा लग रहा था कि उसका बेटा आज उसकी चूत मार-मार कर सुजा देगा,,,,, कमरे में ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था बिस्तर पर दोनों मां-बेटे धमाचौकड़ी मचा रहे थे दोनों संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में आराधना भी नंगी और उसका बेटा भी नंगा आराधना की गुलाबी छेद में उसके बेटे का मोटा लंड अंदर बाहर हो रहा था जिसका सुख बड़े मदहोशी से आराधना ले रही थी पानी झर जाने के कुछ पल में वह फिर से गर्म होने लगी लेकिन अभी तक संजू का कुछ भी बिगड़ा नहीं था वह चुदाई का आनंद ले रहा था परमसुख प्राप्त कर रहा था एसा संभोग सुख जिसके बारे में उसने आज तक कल्पना भी नहीं किया था,,,,,,, अपने बेटे से चुदवाते समय आराधना यही सोच रही थी कि उसके कमरे में जो कुछ भी हो रहा है इस बारे में दुनिया वालों को क्या पता चलेगा यह राज तो उसके और उसके बेटे के बीच का है और दोनों में से कोई भी किसी को नहीं बताएगा तो फिर हर्ज ही क्या है इस तरह के रिश्ते को आगे ले जाने मे,,, ऐसा ख्याल मन में आते ही आराधना के चेहरे की चमक बढ़ने लगी,,,,, वह फिर से उत्तेजित होने लगी लेकिन इस तरह से घोड़ी बनकर चुदवाने से उसका बदन दर्द करने लगा था आराधना के जीवन में यह पहला मौका था जब आते समय उसका बदन दर्द कर रहा था,,,, उसकी कमर की हड्डियां चटक रही थी पलंग में से भी चरण चरण की आवाज आ रही थी शायद इसी को पलंग तोड़ चुदाई करते हैं इस बारे में आज जाकर आराधना को एहसास हुआ था,,,,,, जब कमर का दर्द सहन नहीं हुआ तो मदहोशी भरे स्वर में आराधना बोली,,,)

संजू अब बसकर मेरी कमर दुख रही है,,,

ऐसे कैसे मम्मी तुम्हारा तो निकल गया है मुझे बीच मझधार में छोड़ कर जाने के लिए कर रही हो,,,,

अरे सच में मेरी कमर बहुत तेज दुख रही है तेरा हर एक धक्का बहुत तेज लग रहा है,,,

इसे ही तो जबरदस्त चुदाई कहते हैं,,,

कुछ भी कहते हो लेकिन पोजीशन तो बदल दे मुझे लेट जाने दे फिर कर लेना,,,।
(आराधना अपने बेटे के साथ सहज हो रही थी वह अब आराम से अपने बेटे से इस बारे में बात कर रही थी इस बात की खुशी संजू को भी थी इसलिए अपनी मां की बात मानते हुए वह अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाल लिया,,,, और गांड पर थपथपाते हुए उसे लेट जाने का इशारा करने लगा,,,, आराधना गरम आह भरते हुए वापस पीठ के बल लेट गई लेकिन इस बार अपने पैर को बिस्तर के पीछे लटका दी और संजू भी तुरंत दोनों टांगों के बीच आ गया और कमर पकड़कर उसे थोड़ा और आगे की तरफ खींच लिया,,,, संजू एक बार फिर से अपने लंड को हिलाते हुए अपनी मां की चूत के छेद में अपना लंड डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया इस बार वह बड़ी तेजी से अपनी मां को चोद रहा था क्योंकि वह भी चरम सुख के करीब पहुंच रहा था लेकिन बार-बार वह अपने को बाहर निकाल कर अपने हाथ से पकड़ कर लंड को वापस चूत में डाल रहा था ऐसा करने से आराधना की तरफ बढ़ जा रही थी उसे बड़े जोरों की पेशाब लगने का आभास होने लगा वह अपने बेटे से कुछ कह पाती इससे पहले ही अपने बेटे के तेज धक्के के साथ ही उसकी चूत के छोटे छेद से पेशाब का फव्वारा फूट पड़ा और यह देख कर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई वह अपनी मां को चोदते चोदते उसे पेशाब करा दिया था इसलिए वह बोला,,,,

Sanju ki chudai se pesaab ka fawwara foot pada


tum hamare ho
हाय मेरी रानी देखो मैंने बोला था ना मैंने तुम्हारा पै‍शाब निकाल दिया तुम चुदवाते चुदवाते मुत दी हो,,,।
(यह पल आराधना के लिए बेहद शर्मनाक था क्योंकि वाकई में वह मुत रही थी संजू के हर धक्के के साथ उसके चुत से पेशाब की धार फूट पड़ रही थी आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह इस समय शर्म से गाड़ी जा रही थी ऐसा उसके साथ पहले कभी नहीं हुआ था शायद इस तरह की चुदाई भी उसकी पहले कभी नहीं हुई थी इसीलिए लेकिन यह नया अनुभव बेहद मदहोश कर रहा था आराधना शर्मसार होने के बावजूद भी आनंद के सागर में गोते लगा रही थी और अपने बेटे के हर धक्के के साथ पेशाब की धार छोड़ रही थी चुदवाते चुदवाते मुतने का यह पहला अनुभव था,,,, संजू तुम्हारी खुशी और उत्तेजना से फूला नहीं समा रहा था वह अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा चुका था वह अपनी मां की कंधों को पकड़कर जोर-जोर से अपनी कमर हिला रहा था अपनी मां की मोटी मोटी जांघो के साथ उसकी खुद की जांघ टकराने से ठाप ठापकी आवाज आ रही थी,,,, जिसे सुनकर आराधना को इस बात का डर लग रहा था कि कहीं बगल वाले कमरे में सो रहे हैं मोहिनी जागना जाए लेकिन वह किसी भी तरह से अपने बेटे को रोकना नहीं चाहती थी क्योंकि उसको बहुत मजा आ रहा था,,,,,
Sanju or uski mummy


संजू जानता था कि किसी भी वक्त उसका पानी निकल जाएगा इसलिए वह अपनी मां के ऊपर चुप कर दोनों हाथों को उसकी पीठ के नीचे ले जाकर उसे कस के अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते आराधना के साथ-साथ संजू की भी सांसे तेज चलने लगी और कुछ ही धक्कों के बाद दोनों के बदन की अकड़न बड़ी और संजू ने अपना गर्म लावा अपनी मां की चूत में डालना शुरू कर दिया,,,,, दोनों का पानी निकल गया था दोनों पूरी तरह से तृप्त हो चुके थे आराधना इस खेल के दौरान तीन बार अपना पानी निकाल चुकी थी और संजू एक ही बार में अपनी मां को तीन बार झाड़ कर उसे ढेर कर चुका था,,,,, संजू अपनी मां के ऊपर ढेर हो चुका था थोड़ी देर बाद जब शांत होगा तो संजू अपनी मां के होठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा और बोला,,,।

आज तुमने मुझे मस्त कर दि हो कसम से ऐसा मजाक कभी नहीं आया था मैं कभी सोचा नहीं था कि तुम्हें चोदने में इतना ज्यादा मजा आएगा,,,।(संजू अपनी मां के ऊपर लेटे हुए हैं उससे गंदी गंदी बातें कर रहा था अभी भी उसका लंड उसकी मां की चूत में समाया हुआ था और उसकी अकड़ अभी भी बरकरार थी,,,, आराधना को अपने बेटे के साथ चुदवाने में एक अद्भुत सुख की प्राप्ति हुई थी जिसकी कभी उसने कल्पना भी नहीं की थी इसलिए उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आ रहा था और वह उसी तरह से उसकी पीठ पर अपनी हथेली रखकर सहला रही थी मानो कि जैसे उसे शाबाशी दे रही हो,,,,,

वासना का तूफान थम जाने के बाद संजू अपनी मां की चूत में से अपने लंड को बाहर निकाला और उसके बगल में पीठ के बल ढेर हो गया,,,,, आराधना भी पीठ के बल लेटी हुई थी अपने बेटे की तरफ करवट लेकर सोने में उसे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी,,,,,,, दोनों के बीच खामोशी छाई हुई थी आराधना घड़ी में टंकी दीवार की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए घड़ी में 3:30 का समय हो रहा था इतनी देर तक भला कोई कैसे चोद सकता है और वह भी बिना पानी निकाले वह हैरान थी अपने बेटे की मर्दाना ताकत पर उसे अपने बेटे के लंड पर गर्व होने लगा था,,,,, सुबह होने में
कुछ घंटों का समय रह गया था इतनी देर तक तो वह सुहागरात के रात को भी नहीं जागी थी जैसा कि आज उसके बेटे ने जगाया था वह बात की शुरुआत करते हुए बोली,,,।

बाप रे 3:30 बज गया है,,,,,

तो क्या हुआ,,,, मैं तो रात भर तुम्हारी चूत में लंड डालकर पड़ा रहुं,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मुस्कुराते हुए तिरछी नजर से अपने बेटे के लंड की तरफ देखते हुए बोली जो कि अभी भी हल्का सा सिर्फ ढीला पड़ा था बाकी अपनी अकड़ दिखा रहा था,,)

वह तो मैं देख ही रही हूं,,,,

क्या देख रही हो मम्मी,,,(संजू जानता था लेकिन फिर भी जानबूझकर बोला वह अपनी मां के मुंह से सुनना चाहता था,,,)

ये,,,(अपना हाथ आगे बढ़ाकर उंगली से लंड का स्पर्श करते हुए बोली,,, संजू को अपनी मां की यह हरकत बहुत ही अच्छी लगी इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोला,,)

कमजोर नहीं हुआ है यह अभी फिर से तुम्हारी चूत में जाकर धमाल मचा सकता है,,,,


चल अब रहने दे इस से कुछ होने वाला नहीं है,,,,(आराधना का मन फिर से चुदवाने को करने लगा था आखिरकार महीने बाद जुदाई का असली सुख जो प्राप्त की थी महीने बाद तो वह लंड को चूत में ली थी लेकिन चुदाई का असली सुख तो उसे जिंदगी में पहली बार ही मिल रहा था इसलिए उससे रहा नहीं जा रहा था,,, संजू जानता था कि उसकी मां का भी मन फिर से कर रहा है इसलिए वह बोला,,,)

आ जाओ चढ जाओ मेरे लंड पर फिर दिखाता हूं कि अभी इसमें कितना दम है,,,,,(अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हीलाते हुए बोला,,,)

नहीं अब सुबह होने वाली है तुझे अपने कमरे में कहीं मोहिनी की नींद खुल गई और तुझे कमरे में नहीं देखेगी तो इधर तक आ जाएगी,,,

पहले आओ मेरे ऊपर फिर मैं चला जाऊंगा,,,

देखा फिर तू जिद कर रहा है आखिर कर तो लिया अपनी मनमानी,,,

एक बार फिर से करने दो,,,


तू मानेगा नहीं ना,,,

एक बार में तो मैं बिल्कुल भी मानने वाला नहीं हूं,,,,(अपने लंड को हिलाते हुए जोकि फिर से धीरे-धीरे अपनी औकात में आ चुका था अपने बेटे के खड़े लंड को देखकर आराधना की चूत फिर से फुदकने लगी अपने बेटे की बात को मारने के सिवा उसके पास और कोई चारा नहीं था क्योंकि इसमें उसकी भी खुशी दे इसलिए वह अपने बेटे को आंख दिखाते हुए बोली,,,)

तू सच में कमरे से बाहर नहीं जाएगा,,,

एक बार फिर से दे दो फिर चला जाऊंगा,,,

बाप रे कितना शैतान है तू,,,(इतना कहने के साथ ही वह उठने लगी और अपने बेटे की तरफ देख कर उसकी कमर के इर्द-गिर्द अपने पैर के घुटने रखकर अपनी जगह बनाने लगी एक बार फिर से संजू के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ में लगी थी उसकी मां उसके लंड पर चढ़ने वाली थी धीरे-धीरे आराधना की भी शर्म खत्म हो रही थी जो कि संजू को साफ दिखाई दे रही थी और यही तो संजू देखना चाहता था कि उसकी मां अभी भी शर्म आती है या मजा लेने के लिए उत्सुक हैं देखते ही देखते आराधना अपना हाथ नीचे की तरफ लाकर अपने बेटे के खडे लंड को पकड़ ली और उसे अपनी गुलाबी चूत के छेद पर रखने लगी देखते ही देखते आराधना अपना अनुभव दिखाते हुए अपनी भारी-भरकम कांड को अपने बेटे के लंड पर रखना शुरू कर दी और देखते ही देखते उसकी चूत की गहराई में संजू का लंड खो गया और सीधा जाकर आराधना के बच्चेदानी से टकरा गया आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और धीरे-धीरे अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटकना शुरू कर दी,,, संजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां की गांड पर रखकर उसे थाम लिया और बोला,,,।

क्या मम्मी पापा के साथ ऐसा की हो क्या,,,

तेरे पापा जबरदस्ती मुझसे ऐसा करवाए थे लेकिन उनके छोटे से लंड में इतना मजा नहीं आया था जिसकी तेरे साथ आ रहा है,,,,,आहहहहह,,,,,(तब तक वह खुद ही जोर से अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटक दिया और लंड सीधे जाकर उसके बच्चेदानी से टकराया और उसके मुंह से आह निकल गई आराधना बड़े आराम से अपने बेटे के लंड पर गांड पटक रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था,,,,, लेकिन संजू नीचे से धक्का लगाना चाहता था इसलिए अपनी मां की चूची पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा उसकी मां उसकी तरफ झुकने लगी और वह तुरंत अपनी बाहों का घेरा उसके गले में डाल कर उसे अपने बदन से सटा लिया जिससे उसकी गांड हवा में ऊपर की तरफ उठ गई और संजू नीचे से अपनी कमर उछाल उछाल कर अपनी मां को चोदना शुरु कर दिया,,,, यह चुदाई भी लगभग 25 से 30 मिनट तक चली और दोनों फिर से झड़ गए,,,, एक ही रात में संजू ने अपनी मां को चोद चोद कर एकदम थका डाला था इसलिए पानी निकलने के बाद तुरंत वह अपने ब्यूटी के लंड पर से उठी और तुरंत बगल में धमम से पीठ के बल पसर गई,,,, संजू भी वही सो गया सुबह जब 5:30 का अलार्म बजा तो संजू की नींद खुली,,,, तो अपने बगल में अपनी मां को एकदम नंगी देखकर उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा अपनी मां की नंगी गांड पर हाथ घुमा ने लगा जिससे आराधना की भी नींद खुल गई लेकिन घड़ी की तरफ देखकर उसके होश उड़ गए हो तुरंत बिस्तर पर से उठी और अपने कपड़े पहने लगी संजू उसे रोकने की कोशिश करने लगा लेकिन आराधना बिल्कुल भी नहीं मानी
वह तुरंत कमरे के बाहर आ गई और संजू भी बाहर आ गया वह संजू को कमरे में चले जाने के लिए बोली क्योंकि अभी मोहिनी सो रही थी एक ही रात में आराधना ने अपने बेटे को अद्भुत सुख दी थी इसलिए उसकी बात मानते हुए संजू कमरे में जाकर कुछ देर के लिए सो गया,,,।

क्ष
यार क्या ग़ज़ब लिखते हो। एक बार शुरू कर के ख़त्म होने तक पड़ना पड़ता है। अद्भुत
 

Sanju@

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मोहिनी के आ जाने की वजह से संजू का काम बिगड़ चुका था रंग में भंग पड़ चुका था और यही एहसास आराधना को भी हो रहा था वह भले ही एक मदहोशी भरे पल से एकाएक वापस आई थी लेकिन उसे भी अपनी बेटी का इस तरह से आ जाना खल रहा था,,,, आखिरकार दोनों मां-बेटे एक दूसरे को सुख देने के कारण पर पहुंच चुके थे दोनों अपनी मदहोशी के चरम सीमा पर आगे बढ़ते चले जा रहे थे आराधना की खूबसूरत रस से भरी हुई गद्देदार चूत संजू की आंखों के सामने थी संजू के प्यासे होठ तड़प रहे थे अपनी मां की चूत के स्पर्श के लिए वह एक अनूठे सुख को प्राप्त करने के लिए अपनी मां की चूत पर अपने प्यासे होठों को लगाने ही वाला था कि ऐन मौके पर,,, मोहिनी का आगमन हो गया था पूरी तरह से दोनों आसमान से नीचे जमीन पर आ गिरे थे,,,, संजू अभी भी उस पल के बारे में सोच कर पूरी तरह से मदहोशी का एहसास अपने तन बदन में कर रहा था अब तक उसने अपनी बड़ी मौसी अपनी बहन काव्या की चूत को अपनी आंखों से देखा था लेकिन जो एहसास मदहोशी उसे अपनी मां की चूत में नजर आई थी वैसी उन तीनों की चूत में बिल्कुल भी नजर नहीं आई‌ थी,,,
अपनी मां के बदन पर से एक एक करके सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी करने का जो सुख संजू को प्राप्त हुआ था वह जिंदगी भर उसके लिए यादगार बन चुका था वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि अपने हाथों से अपनी मां के सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी करेगा उसके नंगे बदन को अपनी आगोश में लेकर उससे प्यार करेगा,,,, संजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां एक मर्द के साथ के लिए तड़प रही थी तभी तो उसकी चूची दबाने पर भी उसे बिल्कुल भी ऐतराज नहीं हो रहा था बल्कि वह तो उस पल के सुख में पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी जो कि उसके चेहरे पर के बदलते भाव उसके अंदर के एहसास को बाहर निकाल रहे थे,,,,,,, और उसकी चूत जो कि अपने बेटे की हरकत की वजह से पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी और उसकी गुलाबी फांकें फुदक रही थी और साथ ही उत्तेजना के चरम तक पहुंच कर कचोरी की तरह फुल चुकी थी और साथ ही उसमें से काम रस का लगातार रीसाव हो रहा था,,।

संजू मोहिनी‌ से एकदम साफ झूठ बोल गया था अगर उसे जो कुछ भी हुआ था सब बता भी देता तो कोई फर्क पड़ने वाला नहीं था यह बात संजू अच्छी तरह से जानता था क्योंकि इसमें मोहिनी की भी रजामंदी थी लेकिन वह अभी आधी अधूरी खबर बताना नहीं चाहता था और आराधना ने भी ठीक वैसा ही की थी जैसा कि संजू ने उसे करने को कहा था,,,, आराधना अंदर से दरवाजा बंद करके सो गई थी और मोहिनी दरवाजे पर दस्तक देने लगी थोड़ी देर बाद आराधना इस तरह से अपने बिस्तर से उठ कर दरवाजा खोली की आराधना को देखकर मोहिनी को बिल्कुल भी शक नहीं हुआ कि कुछ देर पहले यहां पर कामलीला शुरू हो गई थी,,,,,,, मोहिनी के पूछे जाने पर आराधना ने सब कुछ अब ठीक है ऐसा जवाब दी जो कि कुछ बिगड़ा ही नहीं था सब कुछ ठीक ही था,,,,, खैर जैसे-तैसे संजू अपने बदन की गर्मी शांत करने के लिए बाथरूम में जाकर अपने हाथ का सहारा लेना फिर कोचिंग क्लास चला गया लेकिन आज कोचिंग क्लास में उसका भी मन नहीं लग रहा था बारात होने के इंतजार में था क्योंकि उसे विश्वास हो चुका था जो कुछ भी घर में हुआ था उसे देखते हुए रात में उसका कार्यक्रम बढ़ने की आशंका पूरी तरह से नजर आ रही थी,,,, बस इस बात का डर था कि उसकी मां का मूड कभी भी बदल जाता था ऐसा एक दो बार पहले भी हो चुका था,,,,।

रात के 10:00 बज रहे थे तीनों ने मिलकर खाना खा चुका था और आराधना घर की साफ सफाई कर रही थी और मोहिनी बर्तन साफ कर रही थी,,,, आराधना संजू से नजर मिलाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी दिन में जो कुछ भी हुआ था आराधना के लिए बेहद उत्तेजनात्मक और शर्मनाक था,,, मजा उसे भी बहुत आया था लेकिन एक बेटा होने के नाते वह अभी भी शर्मिंदगी का अहसास कर रही थी अगर शायद उसके बेटे की जगह कोई और होता तो वहां कब का अपना सब्र खो दी होती है और अपनी चूत में लंड डलवा ली होती,,,,।

संजू बार-बार अपनी मां से बात करने की कोशिश कर रहा था लेकिन आराधना उसकी तरफ देख ही नहीं रही थी,,,,, आराधना को इस बात का एहसास था कि उसका बेटा उसे कुछ कहना चाहता है लेकिन वह शर्म के मारे उसकी तरफ देख नहीं रही थी,,,, थोड़ी देर में आराधना उसकी आंखों के सामने ही अपने कमरे में गई और दरवाजा बंद करके कड़ी लगा दी कड़ी लगाने की आवाज संजू के कानों में गूंजने लगी दरवाजे पर कड़ी लगाने का मतलब था कि आराधना इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाना चाहती,,, दोपहर में जिस तरह से उसकी मां संजू का साथ दे रही थी उसे देखने के संजू को लगने लगा था कि रात को जरूर दिन वाला कार्यक्रम आगे बढ़ेगा लेकिन दरवाजे पर पड़ी लगाने का मतलब साफ था संजू मायूस हो गया,,,,वह एकदम से दुखी हो गया था,,,, वह भी मायूस होकर अपने कमरे में आ गया और सोचने लगा कि अच्छा हुआ कि मोहिनी से उसने दिन वाली बात बताया नहीं,,,,,।

मोहिनी को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था कि उसका भाई उदास है या परेशान है जवानी उसमें भी कूट-कूट कर भरी हुई थी इसीलिए तो वह अपने आप से ही अपने भाई के पेंट की चैन खोलने लगी और देखते ही देखते अपने भाई के लंड को हाथ में लेकर उसे हिलाते हुए उसे पूरी तरह से अपनी औकात मे ला दी और उसे मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दी,,,, अपनी मां की आशा से वह निराश हो चुका था इसलिए अपनी बहन की हरकत से वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था और अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन के सिर पर रख कर अपनी कमर को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया था और अपने मन में सोचने लगा कि एक ना एक दिन जरूर वहां अपनी मां से भी इसी तरह की हरकत कराएगा,,,,, संजू को मज़ा आने लगा था मोहिनी इस खेल में पूरी तरह से माहिर हो चुकी थी इसलिए वो जानती थी कि अपने भाई को कैसे खुश करना है वह लोग के सुपाड़े पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमा कर उसे और ज्यादा उकसा रही थी,,, रह-रह कर संजू अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा देना था कुछ देर तक मोहिनी इसी तरह से अपने भाई को मजा देती रही और खुद भी मजा लेती रही,,, मोहिनी की चूत बहुत पानी छोड़ रही थी,,, उससे अपनी चूत की गर्मी संभाले नहीं संभल रही थी इसलिए वह अपनी स्कर्ट को ऊपर उठा कर सीधे अपने भाई के लंड के सुपाड़े पर रख दी वह रात के कार्यक्रम के बारे में जानती थी इसलिए वह पेंटी पहनाना ठीक नहीं समझती थी,,,, देखते ही देखते संजू का मोटा तगड़ा लंबे मोहिनी की चूत के अंदर पूरी तरह से समा गया और मोहिनी अपने भाई के कंधे का सहारा लेकर अपनी गांड को ऊपर नीचे करके मजा लेने लगी संजू भी अपनी मां को भूलकर मोहिनी की कमर पकड़ लिया और नीचे से जितना हो सकता था आपने कमर ऊपर की तरफ उठाने लगा देखते ही देखते मोहिनी अपनी गति को तेज करते हुए अपनी गांड को अपने भाई के लंड पर पटकने लगी,,, कुछ ही देर में दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी,,,, संजू अपनी मां को चोदने का ख्वाब देख रहा था इसलिए अपने बदन की गर्मी उसे बर्दाश्त नहीं हुई और वह अपने लंड को अपनी बहन की चूत से निकाले बिना ही उसकी कमर पकड़ कर उसे नीचे कर दिया और खुद ऊपर आ गया इस तरह से संजु अपनी बहन पर अपनी मां की कसम उतारता हुआ धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ गए और संजू अपनी बहन के ऊपर ढेर हो गया,,,,,।

कुछ ही देर में मोहिनी गहरी नींद में सो चुकी थी क्योंकि एक तृप्ति दायक संभोग गहरी नींद का कारण होता है,,,,,, संजू को पेशाब लगी हुई थी इसलिए अपनी बहन के ऊपर से उठ कर कमरे से बाहर आया और पेशाब करने के लिए बाथरूम में चला गया अपनी मां के कमरे की कड़ी बंद होने की आवाज अभी तक उसके कानों में गूंज रही थी इसलिए वह अपनी मां के कमरे की तरफ देखा ही नहीं लेकिन बाथरूम करके जैसे ही वह बाथरूम से बाहर निकला तो बगल वाले कमरे पर उसकी नजर गई तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था उसे समझ में नहीं आया कि यह क्या हुआ उसकी मानें तो दरवाजा बंद कर दी थी तो इस समय खुला क्यों है,,, घड़ी पर नजर डाला तो रात के 12:00 बज रहे थे,,,,,, संजू का दिल जोरो से धड़कने लगा था दरवाजा खोलने का संकेत उसे व्याकुल कर रहा था वह धीरे से अपने कमरे की तरफ गया और बाहर से दरवाजा बंद करके कड़ी लगा दिया ताकि मोहिनी रात को बाहर ना निकल सके और वह खुद अपनी मां के कमरे के पास गया और दरवाजे पर खड़ा होकर अंदर देखने लगा तो अंदर डिम लाइट जल रही थी जिसकी लाल रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था लेकिन संजू को यह नहीं पता चल रहा था उसकी मां जाग रही है या सो गई,,,,,।

संजू का दिल जोरों से धड़क रहा था वह इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहा था कि उसकी मां ने जानबूझकर दरवाजा खोल दी है या रात को बाथरूम करने के लिए उठी हो और नींद में दरवाजा खुला छोड़ दिया जो कुछ भी हो पलभर में ही दिन में जो कुछ भी उसने अपनी मां के साथ हरकत किया था वह सब कुछ किसी फिल्म की तरह उसकी आंखों से गुजरने लगा और वह अपने आप को कमरे में दाखिल होने से रोक नहीं पाया,,,,, धीरे से वह कमरे में दाखिल हुआ और दरवाजे को उसी तरह से बंद करके कड़ी लगा दिया,,,, संजू को ऐसा लग रहा था कि उसकी मां सो रही है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था आराधना भी दिन में जो कुछ भी हुआ था उसे लेकर बेहद व्याकुल और उत्तेजित थी उसे इस बात का विश्वास था कि रात को उसका बेटा उसके कमरे में जरूर आएगा इसलिए उसने मोहिनी के सामने दरवाजे की कड़ी बंद कर दी थी लेकिन थोड़ी ही देर में दरवाजा खोल दी थी ताकि उसका बेटा आराम से उसके कमरे में दाखिल हो सके,,,,, कमरे का दरवाजा खोलने में वह हजारों बार समाज की दुनियादारी की परिवार के बारे में सोच रही थी लेकिन बार-बार अपने पति की बेवफाई याद आते ही वह अपने आप को रोक नहीं पाई और इस खेल में अपने बेटे के साथ आगे बढ़ने का फैसला करके वह दरवाजा खोलकर बिस्तर पर आ कर लेट गई थी लेकिन जैसे ही उसे इस बात का अहसास हुआ कि उसका बेटा दरवाजे पर पहुंच गया है उसका दिल जोरो से धड़कने लगा उसके दिल की धड़कन और तेज होने लगी जब संजू कमरे में दाखिल होकर दरवाजा बंद करके कड़ी लगाने लगा यह एहसास उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर को और ज्यादा बढ़ा रहा था उसे ऐसा एहसास हो रहा था कि जैसे आज की रात उसकी सुहागरात की और उसके कमरे में उसका पति पहली रात को पूरी तरह से रंगीन करने के लिए उसके कमरे में दाखिल हुआ है और दरवाजा बंद कर रहा है आराधना बिस्तर पर कसमसा रही थी लेकिन वह एकदम स्थिर लेटी हुई थी वह अपने बेटे को इस बात का एहसास नहीं होने देना चाह रही थी कि वह जाग रही है,,,,, अपने बेटे के कदमों की आहट उसे साफ सुनाई दे रही थी वह आंखों को बंद की हुई थी लेकिन उसे पता चल गया था कि उसका बेटा ठीक बिस्तर के सामने आकर खड़ा हो गया है यह एहसास आराधना की चूत की हालत खराब कर रहा था वह समझ गई थी कि रात को घर उसका बेटा उसके कमरे में आया है तो जरूर उसकी चुदाई करके ही जाएगा,,,,,,,,

उत्तेजना को किसी भी हालत में आराधना दबा नहीं पा रही थी इसलिए उसकी सांसे गहरी चल रही थी आराधना जानबूझकर दीवाल की तरफ अपना मुंह करके लेटी हुई थी और संजू उसकी पीठ की तरफ खड़ा था अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड जो कि डिम लाइट में भी एकदम साफ नजर आ रही थी उसे देखकर संजू का लैंड फिर से खड़ा होने लगा जो कि कुछ देर पहले ही अपनी बहन की चुदाई करके शांत हुआ था,,,,, संजीव को इतना विश्वास था कि वह अपनी मां के साथ कुछ भी करेगा उसकी मां उसे कुछ नहीं बोलेगी क्योंकि इसका अंदाजा बाद दोपहर में ही लगा लिया था जब वह अपनी मां को पूरी तरह से नंगी करके कुर्सी पर उसकी दोनों टांगों को कुर्सी के हत्थे पर चढ़ा कर बैठा दिया था और उसकी गुलाबी चूत पर अपने होंठ रखकर उसके काम रस को पीना शुरू कर दिया था इस हरकत से उसकी मां भी पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी तभी तो वह उसे बिल्कुल भी रोकने की कोशिश नहीं कर रही थी,,,,।

इसलिए दोपहर की हरकत से उसका आत्मविश्वास एकदम से बढ़ गया था और संजू बिस्तर पर धीरे से बैठ गया वह अपनी मां की गांड की तरह बैठा हुआ था उसकी मां दूसरी तरफ मुंह करके लेटी हुई थी लेकिन उसके तन बदन में हलचल हो रही थी,,,,, संजू का मन कर रहा था कि ट्यूबलाइट चालू कर दें और ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में अपनी मां की संपूर्ण वजूद को अपनी आंखों से देखें लेकिन वह अभी लाइट चालू नहीं करना चाहता था डिम लाइट की लार रोशनी में भी सब कुछ ठीक ही था संजू का लंड पलभर में ही टनटनाकर खड़ा हो गया था संजू आगे की तरफ छुपकर अपनी मां के खूबसूरत चेहरे की तरफ देखा आंखें बंद थी इसलिए संजू को लगा कि उसकी मां सो रही है,,, सोते समय भी आराधना एकदम कामदेवी की तरह लग रही थी एकदम खूबसूरत इसलिए संजु से अपनी मां की खूबसूरती बर्दाश्त नहीं हुई और वह उत्तेजना के मारो अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मां की गांड पर साड़ी के ऊपर से ही रख दिया,,,, आराधना जाग रही थी इसलिए अपने बेटे की हथेली को अपनी गांड पर महसूस करते हुए उसके बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी लेकिन वहां बड़ी मुश्किल से अपने आप को संभाले हुए थे अपनी उत्तेजना को दबाए हुए थे वह अपने बेटे की हर एक हरकत का आनंद लेना चाहती थी और जानती थी कि उसका बेटा बेहद कामुक हरकत करता है जो कि पूरे बदन में मदहोशी ला देता है,,,,।

अपनी मां की गांड पर हाथ रखकर संजू गहरी गहरी सांस ले रहा था उसकी सांसो की आवाज आराधना को एकदम साफ सुनाई दे रही थी अपने बेटे की गर्म सांस की आवाज को सुनकर उसके बदन में गर्मी छा रही थी संजू साड़ी के ऊपर से ही अपनी मां की गांड को सहला रहा था मानो कि जैसे वह साड़ी के ऊपर से नहीं बल्कि उसकी नंगी गांड पर अपनी हथेली फिरा रहा हो,,,, संजू को अपनी मां की नरम नरम गद्देदार गांड सहलाने में बहुत मजा आ रहा था,,,, कुछ देर तक वह अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड सहलाने का मजा लेता रहा,,,, आराधना के बदन में जरा भी हलचल नहीं हो रही थी वह बड़ी मुश्किल से अपनी उत्तेजना को दबाए हुए थी,,,, कुछ पल के लिए तो संजु को भी ऐसा लग रहा था कि उसकी मां गहरी नींद में सो रही है लेकिन आज की रात भर कमाना नहीं चाहता था इसलिए अपनी मां की नींद में होने के बावजूद भी हो उसके बदन से आनंद लेना चाहता था इसलिए धीरे-धीरे साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगा उसकी खूबसूरत चिकनी मानसर पिंडलियों को अपनी हथेली में लेकर उसे दबाने लगा,,,,,, संजू के दिलों दिमाग पर वासना पूरी तरह से सवार हो चुका था उसकी आंखों में अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली जवानी का नशा छाया हुआ था और वह अपनी मां के मदहोशी में पूरी तरह से डूब चुका था वह धीरे से अपनी मां के पैरों की तरफ गया अपनी मां की गोरी चिकनी पिंडलियों पर अपने होंठ रख कर चूमने लगा,,,,, आराधना की हालत पल-पल खराब होती जा रही थी अपने बेटे की हरकत देखते हुए उसे एहसास हो गया था कि वह ज्यादा देर तक नींद में होने का नाटक नहीं कर पाएगी क्योंकि उसके बेटे की हरकत पूरी तरह से मदहोश कर देने वाली थी संजू ,,, अपनी मां की घुटनों के नीचे चुंबन ओ की बारिश कर दिया था दोनों टांगो की पिंडलियों उसके लिए इस समय उत्तेजित कर देने वाला अंग बन चुका था गोरी गोरी मांसल पिंडलियां उसके लंड के कड़क पन को और ज्यादा बढ़ा रही थी,,, देखते ही देखते समझो अपनी मां के पैर को हल्का सा उठाकर उसके अंगूठे पर अपने होठों को रगड़ना शुरु कर दिया संजू के लिए यह पहला मौका था जब वह किसी औरत के पैरों के तरफ इस तरह से आकर्षित हुआ था इस समय संजू को अपनी मां के पैर बहुत ही ज्यादा उत्तेजनात्मक लग रहे थे और देखते ही देखते संजू अपनी मां के पैर के अंगूठे को पूरी तरह से मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दिया मानो कि जैसे लॉलीपॉप जूस रहा हो आराधना हैरान थी अपने बेटे की हरकत पर आराधना कभी सोची नहीं थी कि कोई इस तरह से उसके पैर के अंगूठे को मुंह में लेकर चूसेगा,,,,, लेकिन आराधना अपने बेटे की ही सरकार पर पूरी तरह से निहाल हो चुकी थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें धीरे-धीरे उसकी सांसे बाहरी होने लगी थी और संजू की हरकत बढ़ने लगी थी संजू बिस्तर के किनारे घुटनों के बल बैठा हुआ था कभी दाएं पैर को तो कभी बाएं पैर को अपने हाथ में लेकर अपने होठों से नहला दे रहा था,,,,, देखते ही देखते आराधना अपनी उत्तेजना पर काबू नहीं कर पाई और उसके मुख से गहरी गहरी सांसो के साथ-साथ सिसकारी की आवाज निकलने लगी,,,,।

सहहहहहह आहहहहहहह,,,,,ऊममममममम,,,

अपनी मां के मुंह से इस तरह की आवाज सुनकर संजू की खुशी का ठिकाना ना था वह समझ गया था कि उसकी मां जाग गई है जबकि उसकी मां सोई नहीं थी और उसकी गरमा-गरम सिसकारी की आवाज से पता चल रहा था कि उसकी मां को भी उसकी हरकत अच्छी लग रही है,,,, आराधना जाग चुकी थी इसलिए संजू अपनी मां के जागने का पूरा मजा लेना चाहता था इसलिए अपनी मां के पैर को अपने हाथ में पकड़े हुए हैं बोला ,,,
Aradhna


मम्मी,,,


ऊहहह,,,,(अपनी आंखों को बंद किए हुए सिर्फ आराधना इतना ही अपने मुंह से निकाल पाई,,)

जाग रही हो,,,,,
(आराधना शर्म के मारे बोल नहीं पाई कि वह जाग गई है और इसी मौके का फायदा उठाते हुए संजू बिस्तर से धीरे से उठते हुए बोला,,,)

रुको ट्यूब लाइट चालू कर दुं,,,(अपने बेटे की यह बात सुनते ही आराधना एकदम से बोल उठी)

नहीं नहीं संजु लाइट मत चालू कर मुझे शर्म आ रही है,,,,

नहीं बिना लाइट के मजा नहीं आएगी,,,,,(संजू जानता था कि ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में जितना वह अपनी मां के खूबसूरत मेरे बदन को देख कर आनंद ले पाएगा उस तरह से डिम लाइट की लाल रोशनी में उतना मजा नहीं मिल पाएगा इसलिए वह अपनी मां की बात माने बिना ही वह बिस्तर पर से उठा और तुरंत जाकर के ट्यूबलाइट का स्विच ऑन कर दिया और क्षण मात्र में ही पूरे कमरे में ट्यूबलाइट की दूरियां रोशनी फैल गई,,,,,, अभी भी आराधना दीवाल की तरह मुंह करके लेटी हुई थी ट्यूबलाइट के चालू हो जाने की वजह से वह शर्म आ रही थी उसकी गदराई गांड अपनी अलग आभा बिखेर रही थी घुटनों तक संजू ने अपनी मां की साड़ी को उठा दिया था इसलिए उसकी नंगी गोरी गोरी पिंडलिया देखते ही संजु फिर से खुश होता हुआ बिस्तर पर जाकर बैठ गया और अपनी मां की चिकनी पिंडलियों को फिर से सहलाने लगा संजू की हरकत से आराधना के बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी क्योंकि अब संजू को भी पता चल गया था कि वह जाग गई है इसलिए आराधना के बदन में भी हरकत होने लगी थी,,,,, संजू बिना कुछ बोले अपनी मां के पैरों पर झुक गया और अपने होंठ उस पर रखकर अपने होठों को रगड़ता हुआ ऊपर की तरफ बढ़ने लगा संजू की हरकत से आराधना के बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी उसकी सांसे ऊपर नीचे हो रही है और देखते ही देखते संजू अपने होठों को रगड़ता हुआ घुटने तक पहुंच गया था,,,,,,, अब जैसे-जैसे संजू ऊपर की तरफ बढ़ रहा था वैसे वैसे आराधना कि साड़ी ऊपर की तरफ सरक रही थी ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में साड़ी के ऊपर उठने से उसका गोरा रंग गोरा बदन उजागर होता जा रहा था जिससे आराधना के बदन में कसमसाहट बढ़ती जा रही थी,,,।

ओहहह संजू यह क्या कर रहा है,,,

कुछ नहीं तुम्हारी खूबसूरत बदन का मजा ले रहा हूं,,,

यह गलत है,,,,


कुछ भी गलत नहीं है,,,,, सिर्फ मजा ही मजा है,,,,(इतना कहते हुए संजू अपनी मां की साड़ी को घुटनों से ऊपर की तरफ ले जाने लगा आराधना उसे बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी क्योंकि उसकी हरकत आराधना के तन बदन में आग लगा रही थी उसे भी मदहोशी छा रही थी,,, देखते ही देखते संजू ने अपनी मां की साड़ी को उसकी जांघों तक चढ़ा दिया था आधी जांघ साफ नजर आ रही थी और आधी जान अभी भी साड़ी के अंदर रखी हुई थी लेकिन अपनी मां की आधी जांघ देखकर ही संजू के लंड का उबाल बढ़ने लगा आराधना की जांघ भी बेहद खूबसूरत थी,, मोटी मोटी केले के तने के समान एकदम चिकनी हल्के से उंगली दबा दो तो भी लाल निशान पड़ जाए इतनी गोरी,,,, अपनी मां की मोटी मोटी जांग देखते ही संजू की आंखों में 4 बोतलों का नशा छाने लगा,,,, आराधना अभी की दीवाल की तरफ मुंह करके लेटी हुई थी और गहरी गहरी सांस ले रही थी आंखों को बंद करके वह अपने बेटे की हर एक हरकत का मजा ले रही थी,,,, संजू अपनी मां की मोटी मोटी जांघों को अपनी हथेली में कस के दबाते हुए बोला,,,,।

ओहहह मम्मी लाजवाब तुम्हारी जांगे कितनी खूबसूरत और चिकनी एकदम मक्खन की तरह मन करता है इसे अपनी जीभ से चाट जाऊं,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू फिर से अपने होठों को अपनी मां की गोरी जांग पर रखकर उस पर चुंबन के साथ-साथ उसे चाटना शुरू कर दिया आराधना के बदन में सुरसुरा हट बढ़ती जा रही थी उत्तेजना के मारे रह रहे कर अकड़ जाती थी,,,, संजू अपनी मां की जांघों पर चुंबनों की बारिश करते हुए उसे सीधा पीठ के बल करने लगा और आराधना बड़े आराम से एकदम सीधे पीठ के बल लेट गई,,,, संजू अपनी मां की जनों को हथेली में भरकर जोर-जोर से दबाते हुए साड़ी के अंदर की तरफ हाथ ले जाने लगा और देखते ही देखते संजू अपनी मां की जांघों के एकदम छोर तक पहुंच गया,,, आराधना को अपने बेटे की उंगलियां अपनी चड्डी पर साफ महसूस हो रही थी उसे ऐसा लग रहा था कि उसका बेटा उसकी चड्डी निकाल देगा लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ वह तुरंत अपना हाथ अपनी मां की साड़ी से निकालकर अपनी मां के ऊपर ही लेट गया और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिया,,,,,
अपने बेटे को अपने ऊपर महसूस करके और उसके होंठों को अपने होंठों पर स्पर्श होते ही आराधना का बदन उत्तेजना से गनगना गया,,,, संजू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और पैंट में तंबू बनाए हुए वह सीधे ही आराधना की दोनों टांगों के बीच उसकी चूत पर दस्तक दे रहा था आराधना अपने बेटे के लंड को अपनी चूत पर महसूस करते ही पानी पानी होने लगी और संजू था कि उसके लाल-लाल होठों को अपने मुंह में भर कर उसका राजस्थान कर रहा था और साथ ही ब्लाउज के ऊपर से उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया था संजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां के साथ अब क्या करना है,,,,, संजू के मन में यही बात बार-बार घूम रही थी कि उसकी मां बेहद प्यासी है उसे एक असली मर्द की जरूरत है और उसकी यह कमी वह पूरा करने में पूरी तरह से सक्षम है इसीलिए अपनी मां को खुश और तृप्त करने का बेड़ा अपने सिर पर लेकर वह धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था,,,


संजू पागलों की तरह अपनी मां के लाल लाल होठों को चूस रहा था साथ ही ब्लाउज के ऊपर से बड़े-बड़े खरबूजो को पकड़कर दबा रहा था देखते ही देखते संजू अपनी मां के लाल लाल होठों के साथ-साथ उसके गोरे गोरे गाल उसकी गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया और साथ ही उसके ऊपर लेटे हुए अपने दोनों हाथों की उंगलियों का सहारा देकर अपनी मां के ब्लाउज का बटन खोलने लगा,,,, आराधना चित्र से जानती थी कि अब उसकी बेटी का विरोध करने में कुछ भी फायदा नहीं है बल्कि फायदा तो उसे उसकी मनमानी करने देने में है,,,,, आराधना तो केवल अपने बेटे की हरकत का आनंद ले रही थी वह पूरी तरह से मर्द बन कर उसे खुश करने की कोशिश कर रहा था,,,, राजना कभी-कभी यह सोच कर हैरान हो जाती थी कि उसका बेटा आखिरकार औरतों को खुश करने का हुनर सीखा कहां से तभी उसे रात में देखे गए अपने बेटे और उसकी बड़ी दीदी के बीच के उस चुदाई के दृश्य के बारे में ख्याल आ जाता था तब उसे समझते देने लगती थी कि संजु को सिखाने वाली उसकी टीचर उसकी बड़ी दीदी ही है,,,,,।

देखते ही देखते संजू अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिया और अपनी मां के कमर के इर्द-गिर्द अपने पैर के दोनों घुटनों को रखकर घुटनों के बल बैठ गया ब्लाउज का बटन खुल जाने की वजह से लाल रंग की ब्रा एकदम साफ नजर आ रही थी और ट्यूबलाइट की दूरियां रोशनी में उसकी गोरी गोरी चूचियां लाल रंग के परदे में अपने आप को शर्मा कर छुपाने की बहुत कोशिश करती हुई नजर आ रही थी लेकिन संजू उन दोनों चूचियों की कोशिश को नाकाम करते हुए ब्रा को उतारे बिना ही अपने हथेली का सहारा लेकर एक-एक करके उसकी दोनों चूचियों को ब्रा के कप से आजाद कर दिया था,,,,, अगर ब्रा ना होती तो पानी भरे गुब्बारे की तरह आराधना की दोनों चूचियां छाती पर लोटने लगती लेकिन चुचियों काबरा का सहारा अभी भी था इसलिए वह दोनों चूचियां एक जगह पर स्थित होकर छातीत आने खड़ी थी जिस पर संजू की नजर पड़ते ही उसके मुंह में पानी आ गया और संजू अपने आपको अपनी मां की दोनों चुचियों को पकड़कर दबाने से रोक नहीं पाया और वह जोर-जोर से चूची की निप्पल को दोनों हाथों की उंगलियों में भरकर मसलते हुए दबाना शुरू कर दिया,,,,,
संजू की यह हरकत बेहद कामुकता भरी थी आराधना अपने आप को अपने बेटे की हरकत की वजह से हो रही उत्तेजना और मदहोशी को रोक नहीं पाई और उसके मुख से गरमा गरम सिसकारी की आवाज फूटने लगी हालांकि वह अपनी आंखों को बंद किए हुए थे अपने बेटे से नजर मिलाने में उसे शर्म महसूस हो रही थी,,,।

सहहहहहह आहहहहहहह,,,,,ऊहहहहह,,,,, धीरे संजू,,,,,आहहहहह ।
(संजू अच्छी तरह से जानता था कि पहले उसकी मां धीरे से लगाने के लिए बोल रही है लेकिन उसे इसी तरह से मजा आ रही है क्योंकि उसके चेहरे के भाव पूरी तरह से बदल चुके थे उसका गोरा मुखड़ा है लाल टमाटर की तरह हो गया था संजू धीरे से नीचे की तरफ झुका हो अपनी मां की चूची को मुंह में भर लिया यह पहला अवसर था जब संजू अपनी मां की चूची को मुंह में भर लिया था और ऐसा करने पर आराधना सूखे हुए पत्ते की तरह फड़फड़ा उठी,,, उसे समझ में नहीं आया कि वह क्या करें वह एकदम से अपनी आंखों को खोल दी और अपने बेटे की हरकत को देखने लगी संजू पूरी तरह से मस्ती में आकर अपनी मां की चूची को मुंह में लेकर जितना हो सकता था उतना पी रहा था,,,, आराधना से अपनी उत्तेजना दबाए नहीं दब रही थी,,,, संजू अनुभव से भरे हुए मर्द की तरह उसकी चूची से खेल रहा था तभी अदाएं पूछिए तो कभी बाई चूची दोनों को बारी-बारी से मुंह में लेकर पी रहा था,,,,,,,, अपने बेटे की हरकत पर उसे अपनी सुहागरात याद आ गई जब पहली बार उसके पति ने उसकी छुईमुई से चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू किया था दबाना शुरू किया था उस पल के एहसास की तुलना इस पल के हिसाब से करना बिल्कुल भी मुमकिन नहीं था क्योंकि इस समय जिस तरह का अनुभव और उत्तेजना आराधना अपने बदन में महसूस कर रही थी इस तरह की उत्तेजना वह अपने जीवन की सुहागरात वाली रात पर भी नहीं कर पाई थी क्योंकि पूरा मर्द होने के बावजूद भी उसका पति शायद औरत को खुश करने की कला अच्छी तरह से नहीं जानता था लेकिन संजू औरतों को खुश करने की कला में पूरी तरह से माहिर था,,,,,,,, संजू अपनी मां की चूची को मुंह में लेकर पीते हुए बोला,,,।

‌सहहहहह मम्मी तुम्हारी चूची कितनी बड़ी बड़ी है एकदम खरबूजे की तरह,,, लगता है पापा बहुत मेहनत की है तुम्हारी चूची पर,,,,।
(अपने बेटे की बात सुनकर उत्तेजना के मारे आराधना का गला सूख रहा था वह अपने बेटे का सवाल का जवाब देने में असमर्थ महसूस कर रही थी,,, अब वहां अपने बेटे से कैसे बताएं कि जिस तरह से वह इतनी देर तक उसकी चूची पर जमा हुआ है ,,, इस तरह से तो उसके पति ने भी कभी उसकी चूची को इतना प्यार नहीं किया था,,,, संजू से रहा नहीं जा रहा था समझो अपनी मां को जल्द से जल्द एकदम नंगी कर देना चाहता था क्योंकि नंगे बदन से खेलने का मजा ही कुछ और होता है,,,,, पिछले संजू अपने दोनों हाथों को नीचे की तरफ ले जा करके अपनी मां को अपनी बाहों में भर लिया और उसे एक झटके से अपनी बाहों में भरे हुए हैं उठा दिया आराधना एकदम से बिस्तर पर बैठ गई थी अभी भी संजू का मुंह आराधना की चूची पर था और संजू खुले हुए ब्लाउज को अपनी मां की चिकनी बाहों में से निकाल कर अलग कर दिया और दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा दोपहर में भी वह अपनी मां के ब्रा खोल चुका था जिसका मजा संजू के साथ-साथ आराधना भी अच्छी तरह से ली थी,,,, रात को क्या करना है आराधना ने अपने मन में पहले से ही ठान ली थी वह चाहती तो ब्लाउज के अंदर ना तो प्राप्ति और ना ही साड़ी के अंदर चड्डी लेकिन अपने बेटे के हाथों से अपनी ब्रा और पेंटी उतरवाने का जो सुख उसे प्राप्त हुआ था वह फिर से उसी सुख को भोगना चाहती थी और वाकई में संजू भी अपनी मां का विश्वास ना तोड़ते हुए अपनी मां के बदन पर से एक एक कर के कपड़े उतारकर उसे अद्भुत सुख दे रहा था,,,, देखते ही देखते आराधना के बदन से ब्रा भी निकल गई और वह कमर के ऊपर पूरी तरह से नंगी हो गई नंगी चूचियों को अपने हाथ में लेकर संजू उत्तेजना के मारे जोर जोर से दबाने लगा,,,,, और आराधना के मुंह से गरमा गरम सिसकारी निकलने लगी,,,।

सहहहह आहहहहह राजू ऊममममम,,,,,आहहहहहहह,,,
(संजू का लंड फटने की कगार पर आ चुका था उसकी नशे पूरी तरह से फूल चुकी थी अगर ऐसे हालात में अगर वह अपनी मां की चूत में अपना लंड डालता तो उसकी मां पल भर में ही पानी पानी हो जाती हो तृप्त होकर पानी छोड़ देती लेकिन इतनी जल्दी वह अपनी मां की चुदाई नहीं करना चाहता था उसे पूरी तरह से काम विवस कर देना चाहता था,,,,, संजू कुछ देर तक अपनी मां की चूची को पीता रहा उसे दबा दबा कर मुंह में भर भर कर एकदम लाल कर दिया था,,,,,, फिर इसके बाद समझो फिर से अपनी मां के कदमों को पकड़कर उसे वापस धीरे-धीरे पीठ के बल लेटा दिया उसकी साड़ी अफरा तफरी भरे इस काम क्रीड़ा में एकदम कमर तक आकर इकट्ठा हो गई थी,,,,, अपनी मां के बदन पर दोपहर वाली ही पेंटी को देखकर एक बार फिर से संजू की आंखों में चमक आ गई वह धीरे से साड़ी को खोलना शुरू कर दिया और अपनी मां की लाल रंग की पैंटी की तरफ देखते हुए बोला,,,।)

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देखो मम्मी तुम्हारे गोरे बदन पर लाल रंग की पैंटी कितनी खूबसूरत लग रही है,,,,,, मेरा तो मन करता है कि पेंटी सहित अपना लंड तुम्हारी चूत में डाल दुंं,,,,।
(अपने बेटे के मुंह से सीधे-सीधे उसकी मन की बात सुनते ही आराधना की बुर की गुलाबी फांकें फुदकने लगी,,,, आराधना समझ गई कि उसका बेटा चोदने के ईरादे से ही कमरे में आया है,,,,,,, अपने बेटे के इरादे को जानने के बाद भी आराधना कुछ बोल नहीं पाए बोलती भी क्या वह तो शर्म से पानी पानी में जा रही थी अपने बेटे की आंखों के सामने है धीरे-धीरे नंगी हो रही थी उसका खूबसूरत बेशकीमती अंग धीरे-धीरे उसके बेटे की आंखों के सामने उजागर होता जा रहा था,,,,,



संजू अपनी मां के उस हिस्से को ललचाए आंखों से देख रहा था जो कि लाल रंग के कपड़े के अंदर छिपा हुआ था उसे देखते हुए वह अपनी मां की साड़ी खोलने लगा था और देखते ही देखते संजू,,, अपनी मां के साड़ी को खोलकर बिस्तर पर से नीचे फेंक दिया था,,,, अपने बदन से साड़ी के उतरते ही अराधना की आंखों में शर्म उतर आया वह आंखों को बंद कर ली थी वह कभी जिंदगी में नहीं सोची थी कि इस तरह से वह अपने ही कमरे में,,, अपने बेटे के द्वारा अपने कपड़े उतरवाकर नंगी होगी,,,, अगर आराधना का पति उससे प्यार करता है उसके साथ होता तो शायद आराधना इस तरह के कदम कभी नहीं हो पाती लेकिन कुछ महीने से वह अकेले ही बिस्तर पर करवट बदल कर अपनी जिंदगी गुजार रही थी और जब से उसे इस बात का पता चला है कि उसका पति बाजारू औरतों के साथ अपना समय बताकर गुलछर्रे उड़ाता है तब से वह भी मर्द के लिए तड़प रही थी और अपने ही बेटे के साथ अपने कमरे में काम कीड़ा की ओर अग्रसर होती जा रही थी,,,,, आराधना शर्म से पानी पानी हो जा रही थी वहीं दूसरी तरफ संजू अपनी मां की खूबसूरत बदन को देखकर खुशी से फूला नहीं समा रहा था उसके बदन में मस्ती की लहर उठ रही थी वह पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में अपनी मां का पूरा बदन देख कर उसके लंड की अकड़ बढ़ती जा रही थी और वह धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ा कर पेटीकोट की डोरी कोई झटके से ही खींचकर खोल दिया और पेटीकोट को दोनों छोर से पकड़ कर उसे उतारने की कोशिश करने लगा लेकिन आराधना की भारी-भरकम गांड के नीचे दबी हुई पेटीकोट का कपड़ा नीचे सरक नहीं पा रहा था इस बात का एहसास होते ही आराधना अपने बेटे का सहकार करते हुए अपनी भारी-भरकम गदराई गांड को हल्के से ऊपर की तरफ उठा दी,,, आराधना केवल दो अंगूल जितना ही अपनी गांड को बिस्तर से ऊपर की तरफ उठाई थी और इतना तो समझो के लिए काफी था वह तुरंत अपनी मां की पेटीकोट को एक झटके से नीचे की तरफ खींच लिया और अगले ही पल आराधना अपने बेटे की आंखों के सामने केवल एक छोटी सी पेंटी में लेटी हुई थी यह पल आराधना के लिए बेहद कठिन और उत्तेजक हुआ जा रहा था उसकी चूत लगातार काम रस बाहर आई थी जिसकी वजह से लाल रंग की पैंटी आगे से पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,,, संजू के लिए अब सब्र कर पाना बहुत मुश्किल हुआ जा रहा था,,, देखते ही देखते वह अपनी मां की दोनों टांगों के बीच आ गया और अपने होठों को लाल रंग की पेंटी के बेहद करीब में जाकर अपनी नाक से उसके काम रस से डूबी हुई पेंटिं की मादक खुशबू को अपने अंदर खींचते हुए बोला,,,,।

ऊममममम ,,,, इसे बोलते हैं खूबसूरत औरत का स्वादिष्ट काम रस,,, देखो तो सही कितनी खुशबू आ रही है,,,,।
(आराधना कभी सोची नहीं थी कि कोई चूत से निकली काम रस की भी इतनी प्रशंसा करता होगा,,, इसलिए तो अपने बेटे के द्वारा अपने चूत के पानी की प्रशंसा करने पर वह खुद शर्म से पानी पानी होने लगे वह कुछ बोल नहीं रही थी बस कसमसा रही थी उसके बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी देखते ही देखते समझो पैंटी के ऊपर से ही अपनी मां के काम रस को जीभ लगा कर चाटना शुरू कर दिया,,,, आराधना एकदम से मचल उठी दोपहर में जिस तरह से संजू ने उसकी चूत पर अपनी जीभ लगाकर चाटना शुरू किया था वह पल एक बार फिर से उसकी जिंदगी में आ चुका था संजू पागलों की तरह अपनी मां की पेंटी को सुंघ रहा था और उस पर जीभ हमारा है जिसका एहसास आराधना को अपनी चूत तक हो रहा था,,, आराधना की हालत खराब होने लगी उसके जिसमें में हलचल बढ़ने लगी वह मचलने लगी,,,, अपने आप ही उसकी कमर ऊपर की तरफ उठने लगी संजू समझ गया था कि उसकी मां बावली हुए जा रही है,,,, इसलिए वह कुछ देर तक पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत का मजा लेते हुए दोनों हाथों से पेंटी को पकड़कर अपनी मां की तरफ देख कर बोला,,,।

दिन में काम अधूरा रह गया था उसे पूरा भी तो करना है,,,
(इतना कहने के साथ ही जैसे ही संजू में पेंटी को खींचा वैसे ही तुरंत आराधना ने अपनी गांड को फिर से ऊपर की तरफ उठा दी और देखते ही देखते संजू अपनी मां की खूबसूरत पैंटी को उतार कर उसे एकदम नंगी कर दिया,,,, आराधना अपने बेटे की आंखों के सामने संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में बिस्तर पर पीठ के बल लेटी हुई थी वह शर्म के मारे अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी चूत पर हथेली रखकर और छोटे से खूबसूरत बेशकीमती खजाने को छुपाने की कोशिश कर रही थी,,,,, संजू को अपनी मां की हरकत बहुत खूबसूरत लग रही थी और उसकी हरकत की वजह से उसकी खूबसूरती में चार चांद लग गया था अपनी मां की हरकत को देखते हुए संजू मुस्कुराते हुए बोला,,,।

मम्मी तुम अपनी चूत को छुपाते हुए कितनी खूबसूरत लग रही हो सच में ऐसा लग रहा है कि स्वर्ग की कोई अप्सरा अपने नंगे बदन को ढकने की नाकाम कोशिश कर रही है,,,,।
(आराधना कुछ नहीं बोल रही थी वह केवल खामोश थे और अपने होठों को खोलकर गहरी गहरी सांस ले रही थी शायद इस तरह का अद्भुत उत्तेजना वह कभी महसूस नहीं की थी वरना उम्र के इस दौर में पहुंचकर औरतें खुद इतनी गरम हो जाती है कि मर्दों को पलभर में ही जला कर देती हैं लेकिन यहां तो वो खुद गीली होती जा रही थी,,,,, संजू अपनी मां के खूबसूरत चेहरे की तरफ देखते हुए जो कि वह अपनी आंखों को बंद करके लेटी हुई थी वह अपना हाथ आगे बढ़ाया और अपनी मां की कलाई को पकड़कर उसके हाथ को उसकी चूत पर से हटाने लगा आराधना अपने बेटे का विरोध बिल्कुल भी नहीं कर पाई और तुरंत अपनी हथेली को अपनी चूत पर से हटा ली,,,, ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में अपनी मां की खूबसूरत चूत को देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था,,,, वह धीरे से अपनी हथेली को अपनी मां की कचोरी जैसी खुली हुई चूत पर रखकर हल्के से रगड़ते हुए बोला,,,)

ओहहह मम्मी सच में तुम्हारी चूत कितनी खूबसूरत है एकदम चिकनी ऐसा लग रहा है कि कल ही क्रीम लगाकर साफ की हो,,,,
(अपने बेटे के मुंह से चूत साफ करने वाली बातें सुनकर वह फिर से शर्म से पानी पानी होने लगी संजू जो कुछ भी कह रहा था उसमें सच्चाई थी,,,, इसलिए चाहते हुए भी आराधना कुछ बोल नहीं पाई,,,,, संजू एकटक अपनी मां की चूत के गुलाबी क्षेत्र को देख रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी आंखों के सामने खूबसूरत दुनिया नजर आ रही हो,,,,,, संजू के सब्र का बांध टूटता चला जा रहा था और आराधना पल-पल उत्तेजना के परम शिखर पर पहुंचती जा रही थी उत्तेजना के मारे उसकी नाभी मैं कंपन हो रही थी जिसे देखकर संजू की उत्तेजना और बढ़ने लगी और वह तुरंत अपने प्यासे होठों को एक बार फिर से अपनी मां की चूत पर रख दिया इस बार भी दोपहर की तरह आराधना से बर्दाश्त नहीं हुआ और वह तुरंत अपनी कमर को हल्के से ऊपर की तरफ उठा दी और अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के सर पर रख दी,,, अपनी मां की इस हरकत पर संजू पूरी तरह से बावला हो गया और वह जितना हो सकता था अपनी जीभ को अपने अंदर तक डालकर अपनी मां की चूत की मलाई को चाटना शुरू कर दिया,,,, पल भर में ही आराधना के मुख से गरमा गरम संस्कारी की आवाज निकलने लगी,,,


सहहहहहह आहहहहहहह ऊहहहहह,,,,ऊममममममम संजू,,,,,,,ऊहहहहहममममम,,,,,,
(अपनी मां की गरमा गरम सिसकारियां की आवाज को सुनकर संजू का हौसला और भी ज्यादा बुलंद होने लगा और वह दोनों जांघों को अपनी हथेली में दबाकर अपनी मां की चूत चाटना शुरू कर दिया उसमें से उठ रही मादक खुशबू उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रही थी,,,, थोड़ी देर में आराधना बिस्तर पर मचलने लगी और उत्तेजना के मारे अपना सर इधर उधर पटकना शुरू कर दी,,, अशोक ने कभी उसे इस तरह का सुख नहीं दिया था शुरू शुरू में हुआ है उसकी चूत को चाटता था और इसमें आराधना को आनंद भी मिलता था लेकिन बरसो गुजर गए थे अशोक ने अपनी हरकत को दोबारा नहीं हो रहा था और शर्म के मारे आराधना कभी अपने पति से अपने मन की इच्छा कह नहीं पाती थी और एक अद्भुत सुख से वंचित रह जाती थी,,, लेकिन अब उसके पति का जगह उसका बेटा आ चुका था जो कि अपने नव युवा तरीके से उसे पूरी तरह से सुख और तृप्ति देने की पूरी कोशिश कर रहा था संजू अपनी जीत के साथ-साथ अपनी नाक की नोक को भी अपनी मां की चूत पर रगड़ रहा था जिससे उसकी आनंद मैं और ज्यादा वृद्धि होती जा रही थी,,,,।

आरररह आहहहहह संजू मेरे बेटे यह क्या कर रहा है तू,,,,, तू तो मुझे पागल कर देगा,,ऊममममममम,ऊममममम,ऊहहहहहह ऊईईईईई मां,,,,,,,,(अपने बेटे की हरकत की वजह से आराधना पूरी तरह से मदहोश होकर अपने निचले होंठ को दांत से दबा रही थी और गरमा गरम सिसकारी ले रही थी,,,, और अपनी मां की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर संजू पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था,,,, कुछ देर तक वह अपनी मां की चूत को इसी तरह से चाटता रहा और धीरे से अपनी एक उंगली अपनी मां की चूत में डाल कर उसे अंदर बाहर करते हुए जीभ से चाटना शुरू कर दिया अपने बेटे की उंगली को अपनी चूत में अंदर बाहर करता हुआ देखकर आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और वह अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछालने लगी और देखते ही देखते उसके बदन में अकड़न पड़ने लगी है और वह काम रस की पिचकारी मारना शुरू कर दी,,,, यह पल आराधना के साथ-साथ संजू के लिए भी अद्भुत था वह जीभ से ही अपनी मां का पानी निकाल दिया था अभी तो लंड डालना बाकी था,,,,, पानी निकल जाने के बावजूद भी संजू तब तक अपनी मां की चूत चाटता रहा जब तक कि उसकी से नमकीन रस पूरी तरह से वह अपने जीभ से अपने गले में उतार नहीं ले गया,,,,, थोड़ी ही देर में आराधना शांत हो गई और समझो बिस्तर पर से नीचे उतरा और अपनी मां की आंखों के सामने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया टी-शर्ट उतारते ही आराधना तिरछी नजरों से अपनी बेटी की तरफ देखी तो उसकी नंगी चौड़ी छाती को देखकर एकदम शर्मा गई पेंट में अभी भी तंबू बना हुआ था और अपने बेटे के तंबू को देख कर उसकी चूत फुदक रही थी वह अपने मन में सोच रही थी कि उसके बेटे ने जब अपनी उंगली से ही उसका पानी निकाल दिया तो जब वह लंड डालेगा तब क्या होगा,,,, आराधना अपने मन में यही सोच रही थी कि संजू अपनी पेंट की बटन खोलने लगा और यह देखकर आराधना दूसरी तरफ मुंह करके अपनी आंखों को बंद कर दी वह शर्मा रही थी,,,, और कुछ ही पल में संजू ने अपनी पेंट उतार कर एकदम नंगा हो गया उसका लंड पूरी तरह से टनटनाकर खड़ा था संजू अपने हाथ में लेकर उसे हिलाने लगा और अपनी मां से बोला,,,।

यह क्या मम्मी तुम दूसरी तरफ मुंह क्यों घुमा ली तुम्हें दिखाने के लिए तो मैं नंगा हुआ हु देखो तो सही मेरे लंड को तुम्हारी चूत में जाने के लिए कैसे तड़प रहा है,,,(संजू अपनी मां के साथ पूरी तरह से बेशर्म हो चुका था अपने बेटे की बात सुनकर जहां आराधना एक तरफ लज्जा से मरी जा रही थी वहीं दूसरी तरफ उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में हलचल बढ़ती जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें ऐसे तो अभी अपने बेटे के टन टनाए खड़े लंड को बेहद करीब से देखना चाहती थी उसे अपने हाथ से छूना चाहती थी लेकिन इस समय वह पूरी तरह से शर्मसार हो चुकी थी,,,,,, आराधना का दिल जोरों से धड़क रहा था,,, संजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां बेहद शर्मीले किस्म की है और संस्कारों वाली है इसलिए अपनी खुली आंखों से उसके लंड को देखनी है उसे शर्म आ रही है इसलिए संजू आगे बढ़ा और बिस्तर के करीब पहुंच गया आराधना दूसरी तरफ मुंह करके लेटी हुई थी संजू उसकी बांह पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा अभी भी आराधना की आंखें बंद थी संजू अपनी मां की खूबसूरत चेहरे को देखकर उत्तेजित हो जा रहा था अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हिलाता हुआ वह धीरे से एकदम को मोड़ कर बिस्तर पर दिया और अपने लंड को उसके गरम सुपाड़े को अपनी मां के होंठ पर रगड़ना शुरु कर दिया,,,, अपने होठों पर अपने बेटे के लंड का स्पर्श पाते ही आराधना एकदम से चौंक उठी और वह ना चाहते हुए भी अपनी आंखों को खोल दी,,,, ,,, लेकिन संजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां अपने होठों को पीछे की तरफ खींचने की इसलिए वह अपना एक हाथ अपनी मां के सिर पर रखकर उसे एकदम से अपने काबू में रखे हुए था चाह कर भी आराधना अपने होठों को पीछे नहीं ले पा रही थी और संजू अपनी मनमानी करते हुए अपने घर में लंड को अपनी मां के वोट पर बराबर रगड़ रहा था,,, आखिरकार आराधना एक औरत थी प्यासी औरत जो बरसों से सही मायने में एक मर्द के प्यार के लिए तड़प रही थी अपने पति से वह पूरी तरह से मायूस थी अपने पति की बेवफाई सेवा पूरी तरह से वाकिफ थी इसलिए अपने बेटे की हरकत उसके बदन में आग लगा रही थी और ना चाहते हुए भी कुछ ही देर में उसके लाल लाल होंठ अपने आप खुल गए और मौके की नजाकत को समझते हुए संजू ने अपने लंड के गरम सुपारी को धीरे से अपनी मां के लाल लाल होठों के बीच प्रवेश करा दिया,,,,, यह पल आराधना के लिए बेहद अद्भुत और अविस्मरणीय था जिसे वह कभी अपनी जिंदगी में भूलने वाली नहीं थी वह आप अपनी जिंदगी में कभी सोची भी नहीं थी कि इस तरह से अपने ही बेटे के लंड को वह अपने मुंह में लेगी लेकिन कल्पना से भी परे सोच से विपरीत आज सब कुछ उसके साथ हो रहा था अपनी मांग के लाल-लाल होठों के बीच अपने लंड को प्रवेश कराते समय जो सुख संजू को इस समय प्राप्त हो रहा था उसके बारे में बयां कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था,,,, संजू देखते ही देखते अपने आधे लंड को अपनी मां के मुंह में डाल दिया आखिर कब तक आराधना बर्दाश्त कर पाती वह अपने हाथ का टेका लेकर उठने की कोशिश करने लगी तो संजू भी उसे उठने में मदद करने लगा और देखते ही देखते वह बिस्तर पर घुटनों के बल बैठ चुकी थी और संजू बिस्तर के नीचे खड़ा था अपनी आंखों को शर्म से बंद किए हुए अपने बेटे के आधे लंड को मुंह में लेकर हल्के हल्के जीभ घुमा रही थी,,,,।

सहहहह आहहहहह ओहहहह मम्मी,,, एकदम गजब मैं कभी सपने में नहीं सोचा था कि तुम इतने अच्छे से लंड की चुसाई करती हो मैं तो पागल हो जाऊंगा,,,,(इतना कहने के साथ ही समझो अपने दोनों हाथों अपनी मां के सर पर रख दिया और हल्के से अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते आराधना भी थोड़ा शर्म से बाहर आते हुए अपने हाथ से अपने बेटे के लंड को पकड़ दी और उसके द्वारा अपने लंड का पकड़े जाना संजू के लिए बेहद उत्तेजनात्मक था अपनी मां की नरम नरम उंगलियों का स्पर्श पाते ही संजू का लंड और ज्यादा कड़क हो गया अपने हाथ में और अपने मुंह में अपने बेटे के लंड को महसूस करके आराधना समझ गई थी कि उसके बेटे का लंड कुछ ज्यादा ही दमदार है,,,,,,,, आराधना को लंड चूसाई का कुछ ज्यादा अनुभव नहीं था लेकिन अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड की वजह से वह अपनी हरकत पर काबू नहीं कर पा रही थी और धीरे-धीरे अपने मुंह में अंदर बाहर करते हुए अपने बेटे को लंड चूसाई का आनंद दे रही थी संजू का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा था इसलिए आराधना का मुंह कुछ ज्यादा ही खुल चुका था और 0 की शक्ल में आ चुका था,,,,,।
धीरे-धीरे करके आराधना खुद अपने बेटे के लंड को पूरी तरह से अपने गले तक लेना शुरू कर दी यह पहला मौका था जब आराधना अपनी शर्म को त्याग कर मजा ले रही थी लेकिन अभी भी उसकी आंखें बंद ही थी,,,, शायद इस हालत में वह अपने बेटे से नजर नहीं मिलाना चाहती थी,,,,,
आराधना के गाने रेशमी बालों का जुड़ा बना हुआ था उसमें एक बकल लगा हुआ था जिसे संजू अपने हाथों से खींचकर उसके रेशमी बालों को एकदम आजाद कर दिया था और खुले बालों में नंगे बदन में आराधना क़यामत लग रही थी संजू पागलों की तरह धीरे-धीरे धक्के लगा रहा था लेकिन अब उसकी रफ्तार बढ़ने लगी थी वह अपनी मां के लाल लाल होठों को अपनी मां की चूत समझ कर उसे चोद रहा था और आराधना को भी मजा आ रहा था,,,,, कुछ ही देर में आराधना के मुंह से,,,गुं गुं की आवाजें आने लगी संजू समझ गया था कि वह अपने लंड को कुछ ज्यादा ही मुंह के अंदर डाल रहा है,,,,,, कुछ देर तक यह खेल ऐसा ही चलता रहा,,,, लेकिन अब चुदाई का समय आ चुका था अपनी मां की गुलाबी चूत में प्रवेश कराने का समय आ गया था,,, क्योंकि संजू अपनी मां की हालत को समझ गया था वह पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और गर्म लोहे पर ही हथोड़ा मारने का हुनर संजू अच्छी तरह से जानता था,,,। इसलिए संजु अपनी मां के मुंह में से अपने लंड को बाहर निकाल लिया,,,, लंड के बाहर निकलते ही आराधना गहरी गहरी सांस लेने लगी उसकी सांस फूल रही थी लेकिन फिर भी वह अपने बेटे के मोटे तगड़े लंबे लंड को छोड़ने की इच्छा नहीं रखती थी,,,,।



अब लेट जाओ मम्मी तुम्हारी खूबसूरत चूत में लंड डालने का समय आ गया है,,,,
(आराधना का दिल जोरों से धड़क रहा था वह जानती थी कि अगले पल संजू उसकी चूत में बड़ा लंड डालकर उसे चोदने का अद्भुत सुख देगा लेकिन फिर भी वह एक माथे और से चोदने के लिए उसका बेटा पूरी तरह से तैयार था इसलिए एक बार फिर से अपने बेटे को समझाने की कोशिश करते हुए बोली,,,)

संजू तुझे नहीं लगता कि हम दोनों जो करने जा रहे हैं गलत है तेरी जीद के आगे मैं हार चुकी हूं लेकिन फिर भी एक बार सोचने और समझने की कोशिश कर मैं तेरी मां हूं और तू मेरा बेटा है तू अगर मुझे चोदेगा तो यह पाप होगा,,,(अनजाने में ही आराधना के मुंह से चोदेगा शब्द बाहर,, निकल गया था और अपनी मां के मुंह से इस शब्द को सुनकर संजू एकदम से खुश होता हुआ बोला,,,)


आय हाय देखी मम्मी तुम्हारे मुंह से यह शब्द कितना अच्छा लग रहा है मेरा तो सुनकर ही लंड खड़ा हो गया और हां तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं कि तुम्हें चोदने में कोई पाप नहीं है इस समय तो मेरी मम्मी नहीं बल्कि एक औरत हो और मैं तुम्हारा बेटा नहीं है एक मर्द हूं तुम्हें छोड़कर में तुम्हारी खुशी वापस दे रहा हूं तुम्हारी जरूरत पूरी कर रहा हूं और किसी की जरूरत पूरी करना पाप नहीं पुण्य होता है सोचो अगर तुम्हारे साथ में अगर ऐसा ना करु तो एक ना एक दिन तुम्हें जरूर एक मर्द की जरूरत पड़ेगी और तुम किसी और के साथ यही काम करोगी और सोचो तब वह इंसान तुम्हें ब्लैकमेल कर सकता है तुम्हें बदनाम कर सकता है चुदाई की तुम्हें कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ जाएगी और यहां तो केवल हम और तुम हो एक दूसरे की राजदार एक मां और एक बेटा भला इन चारदीवारी के बीच की यह बात बाहर कैसे जाएगी,,,,,(संजू ऐसा कहते हुए अपनी मां की दोनों टांगों के बीच जगह बनाने लगा आराधना अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा मानने वाला बिल्कुल भी नहीं है,,, इसलिए इस पल का मजा लेने में ही भलाई है,,, ऐसा अपने मन में सोच कर आराधना भी पूरी तरह से अपने आप को अपने बेटे के आगे समर्पित कर दी और संजू भी ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में अपनी मां के नंगे बदन को देखकर उत्तेजित होता हुआ उसकी कमर को पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया ऐसा करने से आराधना की आधी गांड संजू की मांसल जांघों पर चढ गई,,,, और आराधना की गुलाबी चूत ठीक संजू के लंड के सामने आ गई आराधना इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि अब तक उसकी चूत में उसके पति का छोटा और पतला लंड ही अंदर बाहर हुआ है लेकिन उसके बेटे का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा था इसकी वजह से आराधना के मन में थोड़ी घबराहट भी थी इसलिए वह ना चाहते हुए भी बोली,,,।

संजू धीरे से तेरा कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा है,,,
(इतना कहने के साथ ही आराधना एकदम से शरमा गई और संजू अपनी मां की बात सुनकर एकदम से खुश होता हुआ बोला)

हां अब हुई ना यह बात तू बिल्कुल भी चिंता मत करो मम्मी इतनी आराम से करूंगा कि तुम देखती रह जाओगी,,,
(और इतना कहने के साथ ही संजु अपने गरम सुपाड़े को अपनी मां की दहकती हुई चूत पर रख दिया आराधना पूरी तरह से मचल उठी क्योंकि महीनों बाद उसकी चूत पर लंड का स्पर्श जो हो रहा था एक औरत के लिए यह पल बेहद खास होता है ना चाहते हुए भी इतनी सही आराधना के मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी,,, यह सुनकर संजू बोला,,)

वाह मम्मी अभी से अभी तो डालना बाकी है,,( और इतना कहने के साथ ही वह अपने लंड के सुपाड़े को अपनी मां की पनियाई चूत में प्रवेश कराने लगा देखते ही देखते काम रस का गीलापन पाकर संजउ के लंड का सुपारा चूत के अंदर प्रवेश करने लगा,,,, इतने से फिर से हल्के से दर्द की आवाज के साथ आराधना के मुंह से निकला,,,।

आहह संभाल के बेटा,,,

तुम चिंता मत करो मम्मी दो दो जवान बच्चों की मां हो आराम से ले लोगी,,,,।
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना अपने मन में सोचने लगी कि उसका बेटा पूरी तरह से बेशर्म हो चुका है और शायद बेशर्म बनने के बाद ही एक औरत और एक मर्द को असली मजा का अनुभव मिलता है और ऐसा ही आज उन दोनों के साथ भी हो रहा था देते देते संजू प्रयास जारी रखते हुए अपना आधा लंड अपनी मां की चूत में डाल दिया यह देख कर आराधना की भी हिम्मत बढ़ने लगी,,, ना चाहते हुए भी वह अपनी गर्दन उठाकर अपनी दोनों टांगों के बीच देख ले रही थी उसे भी अपनी चूत कचोरी की तरह फूली हुई लग रही थी जो कि सच भी था संजू अपनी मां की कमर था में हुए था धीरे-धीरे करके वह आगे बढ़ता चला जा रहा था,,,,, लेकिन इस बात से संजू भी हैरान था कि दो दो बच्चों की मां होने के बावजूद भी उसकी मां की चूत अंदर से एकदम कसी हुई थी तभी तो उसे लंड अंदर तक डालने में कठिनाई महसूस हो रही थी ,,,, इसी से संजू को इस बात का एहसास हो रहा था कि उसकी मां कितनी खूबसूरत और गठीले बदन की मालकिन,,,,

संजू अब देर नहीं करना चाहता था वह अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से पकड़कर एक करारा धक्का लगाया और एक ही बार में अपना आधा बचा लंड भी अपनी मां की चूत में डाल दिया,,,, संजू की इस हरकत पर आराधना के मुंह से हल्की सी चीख निकल गई लेकिन वह अपने दर्द को दबा ले गई क्योंकि उसे डर था कि बगल वाले कमरे में सो रही मोहिनी के कानों में उसकी आवाज ना पहुंच जाए,,,, आराधना कुछ पल के लिए दर्द से बिलबिला उठी थी स्तर पर बिछी चादर को अपने दोनों हाथों की हथेली में कस के पकड़ कर वह अपने दर्द को पी रही थी और संजू भी उसी स्थिति में रुक चुका था और तुरंत अपनी मां के ऊपर छूकर उसके लाल-लाल होठों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया था अपनी मां के दर्द को अपनी हरकत से शांत करना चाहता था धीरे-धीरे उसकी हरकत असर भी कर रही थी संजू का लंड पूरी तरह से अपनी मां की चूत में कहीं खो गया था और संजू अपनी मां की चूची को पीकर उसके दर्द को कम कर रहा था,,,,

कुछ देर बाद जब आराधना शांत भी तो संजू धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया आराधना के लिए एप्पल बेहद शर्म से डूब मरने वाली थी लेकिन वह इस पल का मजा भी ले रही थी अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर होता हुआ महसूस कर के वह पानी पानी हो जा रही थी उसी अद्भुत सुख मिल रहा था,,, इतने मोटे और लंबे लंड से चुदने का यह आराधना का पहला अनुभव था आराधना को साफ महसूस हो रहा था कि उसके बेटे का लंड उसकी चूत की दीवारों में रगड़ रगड़ कर अंदर बाहर हो रहा है जिससे उसका आनंद बढ़ता ही जा रहा था,,,,,

अब कैसा लग रहा है मम्मी,,,

दर्द कम हो गया है,,,(बहुत मजा आ रहा है ऐसा कहने की जगह शर्म के मारे आराधना दर्द का नाम ले रही थी और इस बात को संजू अच्छी तरह से जानता था क्योंकि जो बात उसकी मां अपने होठों से नहीं कह पा रही थी उसका चेहरा बता रहा था संजू धीरे-धीरे अपने धक्कों को बढ़ाने लगा,,,, संजू फिर से अपनी मां की कमर थाम लिया था और जल्दी-जल्दी अपनी कमर आगे पीछे कर रहा था,,,,,

ओहहह मम्मी,,,, तुम्हें चोदने का बहुत मजा आ रहा है मम्मी तुम्हारी चूत एकदम कसी हुई है मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि इस उमर में भी तुम्हारी चूत एकदम जवान लड़कियों की तरह है,,,,
(आराधना मदहोश में जा रही थी अपने बेटे की बात सुनकर खास करके अपनी चूत की प्रशंसा अपने बेटे के मुंह से सुनकर वह फुली नहीं समा रही थी लेकिन फिर भी वह जानबूझकर बोली,,,)

तुझे आ रहा है लेकिन मुझे तो नहीं आ रहा है तू मेरा बेटा है और तू अपनी मां को चोद रहा है ऐसे में कैसे मुझे मजा आएगा,,,,

लेकिन तुम्हारा चेहरा तो कुछ और बता रहा है,,,(लगातार दो धक्के मारते हुए जिससे आराधना के मुंह से आह निकल गई) मेरे लंड को अपने चूत में लेकर तुम भी मस्त हो गई हो,,,,,,(संजू इस तरह की अतिशय गंदी बातें जानबूझकर कर रहा था संजू अपनी हरकतों से अपनी मां को शारीरिक रूप से तो खोल चुका था लेकिन उसे मानसिक रूप से भी खोलना चाहता था वह जिस तरह की बातें कर रहा था वह चाहता था कि उसकी मां भी उसी तरह से गंदी गंदी बातें करें क्योंकि इस बात का उसे अनुभव था की चुदाई करते समय अगर गंदी बातें की जाए तो मजा दोगुना हो जाता है,,,, संजू की बात को सुनकर आराधना शर्मा गई थी और अपने नजरों को दूसरी तरफ घुमा ली थी,,, यह देख कर संजू बोला,,,)

नजर घुमा लेने से हकीकत तो नहीं बदलेगी,,,,

(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना ना चाहते हुए भी मुस्कुरा दी उसके होठों की मुस्कुराहट संजु को बहुत अच्छी लग रही थी इसलिए वह अपने जबरदस्त धक्को को विराम देते हुए अपनी मां के होंठ पर अपनी उंगली रखकर बोला,,,)

वाह इसे कहते हैं मुस्कान तुम्हारे चेहरे की खूबसूरती को कितना बढा देती है,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी हथेली की चार उंगली को उसके निचले गाल पर रखकर उसके चेहरे को अपनी तरफ घुमाते हुए बोला) शरमाओ मत मम्मी शर्माने से काम नहीं चलने वाला है,,, वैसे भी अब शर्मा कर कोई फायदा नहीं है क्योंकि मेरा लंड तुम्हारी चूत में घुस चुका है,,,,(अपने बेटे की इस तरह की गंदी बातें सुनकर आराधना किसान से बड़ी तेजी से चल रही थी उत्तेजना के मारे उसके होंठ‌ सूख रहे थे जिसे वह अपनी जीभ से गिला करने की कोशिश कर रही थी और ऐसा करने पर वह और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी,,, शर्म के मारे आराधना अपनी आंखों को बंद कर ले रही थी और संजू चाहता था कि उसकी मां अपनी आंखों को खोल कर अपनी दोनों टांगों के बीच उसके मोटे तगड़े लंड को उसकी चूत के अंदर और बाहर होता हुआ देखें इसलिए संजू अपने लंड को उसी तरह से चूत में डाले हुए स्थिर हो गया और अपनी मां को बोला,,,)

क्या मम्मी तुम भी अपनी आंखों को बंद की हो ऐसे कैसे मजा आएगा तुम कैसे देख पाओगे कि तुम्हारा बेटा कैसे तुम्हारी चूत में अपना मोटा लंड डालकर तुम्हें चोद रहा है,,,, ऐसे बिल्कुल भी नहीं चलेगा तुम्हें अपनी आंखें खोलना होगा,,,।

नहीं संजू मुझसे नहीं होगा मुझे बहुत शर्म आ रही है,,

क्या मम्मी अभी भी शर्म आ रही है तुम्हारे कपड़े में अपने हाथ से उतार कर तुम्हें नंगी किया तुम्हारे कमरे में तुम्हारे बिस्तर पर तुम्हें चोद रहा हूं और तुम चुदवा रही हो,,,, और कह रही हो कि शर्म आ रही है जाओ अगर तुम आंखें नहीं खेलोगी तो मैं तुम्हें नहीं चोदुंगा,,,,, इसी तरह से तुम्हारी चूत में लंड डालकर बैठे रहूंगा,,,,।

(अपने बेटे की यह बात सुनकर आराधना एकदम से सकते में आ गई क्योंकि उसे भी मजा आ रहा था उसके बेटे के लिंग की मोटाई और लंबाई सीधे उसके बच्चेदानी तक पहुंच रही थी और,,, लंड मोटा होने के नाते आराधना अपनी बेटी के लंड को अपनी चूत में एकदम कसा हुआ महसूस कर रही थी और उसे अपने बेटे का लंड इतना ज्यादा कड़क लग रहा था कि उससे उसके लंड की नसें सांप अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों पर रगडती हुई महसूस हो रही थी और अगर तेरे अंदर बाहर होने की वजह से उसका मजा अत्यधिक बढ़ता जा रहा था और लगातार उसकी चूत से काम रस टपक रहा था,,,, ऐसे में आराधना को अपने बेटे से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था पहले ही दोनों के बीच मां बेटी का रिश्ता था और आराधना इसे रिश्ते में जिस्मानी ताल्लुकात नहीं रखना चाहती थी लेकिन अपने बेटे की मनमानी को देखते हुए और अपनी जरूरत के आगे वह घुटने टेक चुकी थी और अब उसे इस खेल में बहुत मजा आ रहा था लेकिन एक जिद के कारण उसका बेटा उसी तरह से उसकी चूत में लंड डाले बैठा था और जैसा आराधना को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था रंग में भंग पड़ गया था इसलिए ना चाहते हुए भी आराधना अपनी आंखों को खोल दी लेकिन उसकी आंखों में शर्म भरा हुआ था वह पूरी तरह से शर्मिंदगी महसूस कर रही थी साथ ही उत्तेजना का असर उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था,,, अपनी मां को आकर खोला हुआ देखकर संजू के होठों पर मुस्कान तैरने लगी और वह खुश होते हुए बोला,,,)

वाह यह हुई ना बात मम्मी अब देखना कितना मजा देता हूं तुम एक नजर अपनी दोनों टांगों के बीच तो डालो मेरे लंड को देखकर मजा आ जाएगा,,, कि कैसे तुम्हारे छोटे से गुलाबी छेद में मेरा मोटा लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा है,,,,
(आराधना को अपने बेटे की बातें इतनी अत्यधिक गंदी लग रही थी कि उसकी बातों को सुनकर वह पानी पानी हुए जा रही थी इस तरह से उसके पति ने भी कभी इतनी अधिक गंदी बातें उसके साथ नहीं किया था लेकिन संजू बिल्कुल बेशर्म बन चुका था लेकिन उसकी बेशर्मी आराधना को अच्छी लग रही थी उसका भी मन अपनी दोनों टांगों के बीच देखने का मन कर रहा था लेकिन वह शर्म के मारे देख नहीं पा रही थी लेकिन अपने बेटे की बात सुनकर वह हिम्मत जुटाकर अपने दोनों हाथों की कोहनी का सहारा लेकर थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठी और अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी नजरों को स्थिर कर दी उसके बाद जो नजारा उसकी आंखों के सामने आया उसे देखकर वह खुद हैरान हो गई,,,, उसे अपनी दोनों टांगों के बीच का नजारा एकदम साफ नजर आ रहा था उसकी चूत कचोरी की तरह एकदम खुली हुई थी जो की पूरी तरह से रस से लबालब थी,,,, आराधना यह देखकर हैरान थी कि राजू का इतना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से उसकी चूत के अंदर तक चला जा रहा था और चूत में कहीं खो जा रहा था यह देखकर आराधना की उत्तेजना बढ़ने लगी ,,,, संजू अपनी मां को यह नजारा दिखाने की उद्देश्य से बड़े आराम से अपनी कमर को पानी की तरह लहराता हुआ आगे पीछे कर रहा था और अपने होठों को दांत से काटकर अपनी उत्तेजना दर्शा रहा था यह देख कर,,,, आराधना पूरी तरह से मस्त हुई जा रही थी,,,,, वह कभी सोचे नहीं थे कि इतनी जल्दी अपने बेटे के सामने घुटने टेक दिल की लेकिन हालात पूरी तरह से उसे मजबूर कर चुके थे बदन की जरूरत उसका साथ देने से इंकार कर रही थी पति की बेवफाई के चलते उसका दिमाग
सही गलत के फैसले के बीच परख करना भूल गया था रिश्तों और मर्यादा के संबंध को भूल चुका था मां बेटे के बीच के पवित्र रिश्ते को भूल चुका था इसलिए तो आज आराधना अपने ही कमरे में अपने ही बिस्तर पर अपने बेटे की हाथों की कठपुतली बनकर उसके लंड को अपनी चूत में लेकर मस्त हुए जा रही थी,,,,, धीरे-धीरे संजू अपनी कमर को रफ्तार देने लगा आराधना को अपने बेटे का लंड बड़ी तेजी से अपनी चूत के अंदर बाहर होता हुआ महसूस हो रहा था उसकी और अगर से बार-बार उसका काम रस बाहर निकल जा रहा था जिससे कामरेज की चिकनाहट पाकर लंड बड़े आराम से बिना किसी रूकावट के चूत के अंदर तक पहुंच रहा था,,,,,,,।


तुम्हारी चूत इतनी कसी हुई क्यों है मम्मी,,,,, और वह भी इस उमर में,,,,

ऐसे सवाल मत पूछा कर समझो मैं जवाब दे नहीं पाऊंगी,,

मैं जानता हूं मम्मी तुम बहुत अच्छी हो रहा था लेकिन संस्कारी लेकिन वक्त की मारी हो पति की बेवफाई सहन करके जी रही हो एक औरत होने का सुख खो चुकी हो और इसीलिए तो मैं तुम्हें एक औरत की जरूरत क्या होती है कैसे पूरी की जाती है यही बताने के लिए तुम्हारे साथ हूं तुम बिल्कुल भी चिंता मत करना मैं जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहूंगा,,,,,

चोदने के लिए,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर एकाएक आराधना बोली)

चोदने के लिए भी और तुम्हारा साथ देने के लिए भी सच कहूं तो एक मर्द औरत का साथ किस लिए चाहता है उसकी मदद करने के लिए उसका साथ देने के लिए परछाई की तरह उसके साथ घूमने के लिए और फिर रात को उसे चोदने के लिए और मर्द को कुछ नहीं चाहिए उसकी पसंदीदा औरत की चूत उसे मिल गई समझ लो दुनिया मिल गई,,,, जैसा कि मैं इस समय दुनिया का सबसे खुशनसीब लड़का हूं जो अपनी मां की जरूरत पूरी करते हुए उसे चोद रहा हूं,,,

बातें बनाना तो कोई तुझसे सीखे,,,,ओर हा मेरी टांगे दुखने लगी है,,,,,, तू तो एकदम कसाई हो गया है,,,,

मेरा इतनी जल्दी छूटने वाला नहीं है मम्मी मुझे लगता है पापा का तो 2 मिनट में ही निकल जाता होगा तभी तो तुम्हें पता नहीं है कि औरत कितनी देर तक टांग उठा कर चुदवा सकती है,,,,

ऐसा ज्ञान मुझे नहीं लेना,,,,,

ज्ञान ना सही लंड तो लेना है ना,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना कुछ बोल नहीं पाए संजू धीरे से अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाला जो की पूरी तरह से उसके काम रस में नहाया हुआ था संजू अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाता हुआ उसके गरम सुपाड़े को अपनी मां की चूत पर पटकने लगा और अपनी मां की तरफ देख कर बोला,,)
Sanju or uski mummy

देखो मम्मी क्या पापा का इतना बड़ा और मोटा है,,,(इतना कहने के साथ ही संजु ने अपने लंड को जड़ से पकड़ कर उसके संपूर्ण वजूद को अपनी मां की चूत पर रख दिया एक तरह से हुआ गुलाबी चूत के क्षेत्र के साथ-साथ अपने लैंड की लंबाई को भी नाप रहा था जो कि सीधे-सीधे उसकी नाभि तक पहुंच रही थी यह देखकर आराधना भी एकदम दंग रह गई थी कितना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से चूत के अंदर कैसे ले ले रही है,,,,, आराधना गर्दन उठाकर अपनी आंखों से सब कुछ देख रही थी कुछ देर के लिए संजू ने चुदाई को रोकता था और अपने लंड को बार-बार उसकी चूत पर पटक रहा था जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ती जा रही थी अपनी मां को खामोश अपने लंड की तरफ देखता हुआ पाकर संजू बोला,,,)

कैसा लगा मम्मी तुम बता नहीं रही हो क्या पापा का ऐसा ही है या इससे छोटा या इससे बड़ा,,,,

तू जान कर क्या करेगा समझो जो तू चाहता है वह तो तुझे मिल गया है,,,

हां बात तो सही है जो मैं चाहता था उसे प्राप्त कर लिया है लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि तुम्हारी चूत पर जिसका हक पहले ही उसका लंड कैसा है,,,,।

तेरे से आधा ही है लंबाई में भी और मोटाई में भी,,,

ओहहह मम्मी तब तो तुम्हारी गदर आई जवानी पर काबू कर पाना पापा के बस में बिल्कुल भी नहीं था तभी तो ए जिम्मेदारी मुझे उठानी पड़ रही है अब देखना मैं तुम्हारी मचलती उफान मारती जवानी पर कैसे काबू लाता हूं,,,,
(अपने बेटे का आत्मविश्वास देखकर आराधना को भी अच्छा लग रहा था उसे गर्व हो रहा था कि उसका बेटा एक पूरी तरह से मर्दाना ताकत से भरा हुआ असली मर्द है लेकिन फिर भी वह जानबूझकर अपने बेटे से बोली)

चल रहने दे संजू औरत की जवानी को मर्द कभी भी काबू में नहीं ले सकते,,,,

यह तो दूसरों के लिए होगा मेरी चुदाई तुमने असली तरीके से देखी कहां है जब मैं चोदना शुरू करूंगा ना तो तुम पानी नहीं मानोगे और तुम्हारा पानी छूटता ही रहेगा,,,,

चल रहने दे संजू अभी तेरा पानी निकल जाएगा और तू ढेर‌ होकर सो जाएगा,,,, और तुझ पर पानी डालकर जगाना पड़ेगा,,,,

तो तुम मुझ को चैलेंज कर रही हो,,,

चैलेंज नहीं बच्चों मर्दों की औकात बता रही हो औरत अपनी दोनों टांगों के बीच मर्द को पूरी तरह से कमजोर कर देती है,,,,

तो यह बात है अभी बताता हूं,,,

क्या बताता है,,,, जल्दी खत्म कर‌ और जाकर सो जा,,,

तुम्हें क्या लगता है आराधना रानी,,, मेरा पानी जल्दी निकल जाएगा जब तक तुम्हें मस्त ना कर दो दो बार तुम्हारा पानी ना निकाल दो तब तक मेरा निकलने वाला नहीं है देखना चाहती हो,,,,


बताकर दिखाएगा क्या,,,,,(आराधना इस तरह की बातें अपने बेटे से करना नहीं चाहती थी लेकिन हालात के आगे वह भी मजबूर हो चुकी थी इस तरह की बातें करने में उसे आनंद की प्राप्ति हो रही थी उसे मजा आ रहा था और वह भी अपने बेटे की मर्दाना ताकत को और भी ज्यादा उच्च शिखर पर देखना चाहती थी इसलिए उसए उक‌साते हुए वह इस तरह की बातें कर रही थी,,,,)

अभी रुको तब तो तुम्हें घोड़ी बनाकर चोदना पड़ेगा,,,,, चल अब जल्दी से उठ जा मेरी जान,,,,(संजू पूरी तरह से लय में आ चुका था अभी तक वह मम्मी मम्मी कह रहा था लेकिन अब अपनी मम्मी को जान कहकर संबोधन करना शुरू कर दिया था और उसका इस तरह से जान कहना आराधना के तन बदन में आग लगा रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे कि वह अपने बेटे के साथ नहीं बल्कि अपने प्रेमी के साथ हैं,,,,, वह भी अपने बेटे की बात मानते हुए पीठ के बल लेटी थी उठ कर बैठ गई और धीरे से अपना आसन बदलने लगे अपनी मां को अपनी आंखों के सामने घोड़ी बनता देखकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी समझो अपनी आंखों से देख रहा था कि उसकी मां अपने घुटनों के बल बैठ गई थी और धीरे से आगे की तरफ झुकने लगी थी देखते ही देखते वह बिस्तर पर झुक गई थी और अपनी गोरी गोरी भारी-भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठाकर हवा में लहराने लगी थी,,,, यह वह स्थिति थी जिस पर राजू को अपनी मर्दाना ताकत के बलबूते पर विजई पताका लहरा ना था पूरी तरह से इस स्थिति पर काबू पाना था और वैसे भी घोड़ी बनाकर चोदने में संजू को कुछ ज्यादा ही मजा आता था इसलिए अपनी मां की गदराई हुई गांड को देख कर उसके मुंह में पानी आ गया था और वह अपनी मां की गुलाबी छेद में लंड डालने से पहले एक बार दोनों हाथों से उसकी गांड की बड़ी-बड़ी आंखों को पकड़ लिया और अपने प्यासे होठों को एक बार फिर से उसकी चूत पर लगाकर उसके काम रस को चाटना शुरू कर दिया,,,,,, एक बार फिर से आराधना के बदन में सिहरन सी दौड़ गई आराधना नहीं कभी भी अपने पति को इस तरह की हरकत करते नहीं देखा था कि एक बार लंड डालने के बाद दोबारा उसकी चूत पर अपना होंठ लगाया हो लेकिन संजू कुछ अलग ही था संजू ने अपनी इस हरकत से आराधना के बदन में जोश भर दिया था आराधना पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी संजू एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठिया रहा था और दूसरी तरफ अपने होंठ से उसकी चूत से निकल रहे काम रस को चाट रहा था,,,,, आराधना इस बात से भी पूरी तरह से हैरान थी कि घंटो गुजर गए थे लेकिन उसके बेटे के लंड ने पानी का एक बूंद तक नहीं फेंका था और अभी तक उसी तरह से टनटनाकर खड़ा था,,,, आराधना की चूत टप टप चू रही थी और उससे काम रस को संजू अपना जीभ लगा कर चल रहा था खूबसूरत औरत की चूत से निकला काम रस कसैला और नमकीन स्वाद होने के बावजूद भी एक आदमी के लिए अमृत कीबोर्ड के समान होता है जिसे वह नीचे जमीन पर गिरने नहीं देना चाहता और उसे जीभ लगा लगाकर चाट जाता है,,, और यही काम ही समय संजू भाई अपनी मां के साथ कर रहा था घड़ी में तकरीबन 2:00 बज चुके थे लेकिन अभी तक चुदाई का सिर्फ प्रारंभ हुआ था,,,, और इसी से तो आराधना और भी ज्यादा हैरान थे क्योंकि इतनी देर रात तक वह संभोग क्रिया को करते हुए जागी नहीं थी या यूं समझ लो कि उसे रात भर जगा कर चोदने वाला अभी तक असली मर्द मिला ही नहीं था लेकिन आज की रात कुछ और थी आराधना का साथ ही बदल चुका था अशोक की जगह संजू ने ले लिया था इसलिए बिस्तर पर का पूरा खेल बदल चुका था सारे समीकरण धरे के धरे रह गए थे एक मजे हुए खिलाड़ी की तरह संजू धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था और इस खेल को और भी ज्यादा दिलचस्प बनाता जा रहा था संजू की ही वजह से आराधना भी थोड़ी बहुत बेशर्मी का प्रदर्शन करना शुरू कर दी थी क्योंकि उसे भी इस बात का एहसास हो गया था कि बेशर्मी दिखाए बिना इस खेल में मजा नहीं आने वाला इसीलिए तो वह घोड़ी बनकर अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में उठाए हुए लेटी थी और अपनी नजर को पीछे घुमा कर अपने बेटे की हरकत को देख रही थी जहां से केवल उसका कान और बाल दिख रहे थे बाकी का मुंह वाला हिस्सा उसकी भारी-भरकम गांड के बीचो बीच छिपा हुआ था,,,, यह देख कर आराधना के गाल शर्म से लाल हो गए उसे इस बात का एहसास होने लगा कि उसकी गांड कुछ ज्यादा ही बड़ी-बड़ी और एकदम खोल है तभी तो उसके बेटे का पूरा वजूद उसकी गांड के पीछे छुपा हुआ था आराधना थोड़ा सा नीचे नजर की तो उसके होश उड़ गए उसके बेटे का लंड उसके ही चूत के काम रस में डूबा हुआ ठुनकी मार रहा था,,,, अपनी बेटी की टनटनाए लंड को देखकर आराधना का मन उसे पकड़ने को कर रहा था,,,, लेकिन पीछे तक हाथ जाना इस समय नामुमकिन था वह सिर्फ अपने बेटे की खड़े लंड को देखकर ही खुश हो रही थी,,, आराधना को अपने बेटे का लंड इस‌ समय गधे के लंड की तरह लग रहा था,,,,, उसकी चूत लगातार काम रस छोड़ रही थी संजू कुछ देर तक अपनी मां की चूत को चाट कर उसे फिर से गर्म कर दिया था और फिर बिस्तर के नीचे खड़े होकर ही वह अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे अपने लंड के एकदम सामने लेकर आया और फिर आलूबुखारा के सामान अपने सुपाडे को फिर से अपनी मां के गुलाबी छेद में डाल दिया इस बार संजू को ज्यादा मशक्कत उठाने नहीं पड़ी क्योंकि धीरे-धीरे आराधना की चूत में संजू के लंड का सांचा बन चुका था और आराम से गप्प करके वह अंदर ले ली,,, संजू ने फिर से अपनी मां की चूत में पूरा लंड डाल दिया था और उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़कर बोला,,,।

अब देखना मेरी जान कैसे मैं तुम्हें छोड़ देता हूं तुम्हारी चूत से पानी ना निकाल दिया तो बोलना अब तक तुम पापा की छोटे लंड से मजा ले रही थी लेकिन आज असली मर्द से पाला पड़ा है,,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मारे उत्तेजना से गदगद हुए जा रही थी और उत्सुक भी किया उसका बेटा किस तरह से उस की चुदाई करेगा अपने कहे गए शब्दों की लाज रखते हुए पल भर में ही संजू ने रफ्तार पकड़ लिया और अपनी मां की चूत को चोदना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ आराधना के मुंह से आह निकल जा रही थी और हर धक्के के साथ आगे की तरफ लुढक जा रही थी वह तो संजू ने अपने दोनों हाथों से बड़ी मजबूती से उसकी कमर को पकड़ रखा था वरना वह पहले धक्के में ही बिस्तर पर पसर जाती,,,,।)


आहहह आहहह आहहहह बाप रे,,,ऊफफ,,,,


क्या हुआ मेरी जान अभी से चिल्लाने लगी,,,,,


थोड़ा धीरे इतनी तेज अंदर लेने का मुझे अनुभव नहीं है,,,


यह शिकायत तो तुम्हें पापा से करनी चाहिए थी कि तुम्हारी चुदाई असली मर्द की तरह की ही नहीं,,,,,


आरररह आहहहहह ,,,,,,


देखो मम्मी कैसे तुम्हारी चूत में लंड अंदर बाहर हो रहा है,,,आहहह पीछे से चोदने का मजा ही कुछ और है,,,ऊममममममम,,(इतना कहने के साथ ही थोड़ा सा नीचे झुक कर अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा,,,, संजू की यह हरकत दर्शा रहा था कि वह अपनी मां की खूबसूरत बदन से कितना प्यार करता है,,,,, संजू रुकने का नाम नहीं ले रहा था और आराधना की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी देखते ही देखते उसके बदन की अकड़ बढ़ने लगी थी और अगले ही पल हल्की सी चीख के आवाज के साथ उसका काम रस की पिचकारी छूट पड़ी और संजू अपनी चुदाई जारी रखते हुए अपनी मां का पानी निकाल चुका था,,,,,)

कैसा लगा मेरी जान छुट गया ना पानी,,,,,
(संजू जोर जोर से धक्के लगाते हुए बोला,,, अपने बेटे के मुंह से अपने लिए इस तरह की बात सुनकर अगर कोई और मौका होता तो शायद वह डूब कर मर जाती लेकिन इस समय अपने बेटे की यह बात उसे और भी ज्यादा मदहोश कर रही थी,,, लेकिन वह कुछ बोल नहीं पा रही थी उसे तो अपने बेटे की मर्दानगी पर धीरे-धीरे गर्व होना शुरू हो गया था क्योंकि बिना पानी छोड़े वह लगातार उसे चोद रहा था और वह भी तेज धक्कों के साथ,,, आराधना को ऐसा लग रहा था कि उसका बेटा आज उसकी चूत मार-मार कर सुजा देगा,,,,, कमरे में ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था बिस्तर पर दोनों मां-बेटे धमाचौकड़ी मचा रहे थे दोनों संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में आराधना भी नंगी और उसका बेटा भी नंगा आराधना की गुलाबी छेद में उसके बेटे का मोटा लंड अंदर बाहर हो रहा था जिसका सुख बड़े मदहोशी से आराधना ले रही थी पानी झर जाने के कुछ पल में वह फिर से गर्म होने लगी लेकिन अभी तक संजू का कुछ भी बिगड़ा नहीं था वह चुदाई का आनंद ले रहा था परमसुख प्राप्त कर रहा था एसा संभोग सुख जिसके बारे में उसने आज तक कल्पना भी नहीं किया था,,,,,,, अपने बेटे से चुदवाते समय आराधना यही सोच रही थी कि उसके कमरे में जो कुछ भी हो रहा है इस बारे में दुनिया वालों को क्या पता चलेगा यह राज तो उसके और उसके बेटे के बीच का है और दोनों में से कोई भी किसी को नहीं बताएगा तो फिर हर्ज ही क्या है इस तरह के रिश्ते को आगे ले जाने मे,,, ऐसा ख्याल मन में आते ही आराधना के चेहरे की चमक बढ़ने लगी,,,,, वह फिर से उत्तेजित होने लगी लेकिन इस तरह से घोड़ी बनकर चुदवाने से उसका बदन दर्द करने लगा था आराधना के जीवन में यह पहला मौका था जब आते समय उसका बदन दर्द कर रहा था,,,, उसकी कमर की हड्डियां चटक रही थी पलंग में से भी चरण चरण की आवाज आ रही थी शायद इसी को पलंग तोड़ चुदाई करते हैं इस बारे में आज जाकर आराधना को एहसास हुआ था,,,,,, जब कमर का दर्द सहन नहीं हुआ तो मदहोशी भरे स्वर में आराधना बोली,,,)

संजू अब बसकर मेरी कमर दुख रही है,,,

ऐसे कैसे मम्मी तुम्हारा तो निकल गया है मुझे बीच मझधार में छोड़ कर जाने के लिए कर रही हो,,,,

अरे सच में मेरी कमर बहुत तेज दुख रही है तेरा हर एक धक्का बहुत तेज लग रहा है,,,

इसे ही तो जबरदस्त चुदाई कहते हैं,,,

कुछ भी कहते हो लेकिन पोजीशन तो बदल दे मुझे लेट जाने दे फिर कर लेना,,,।
(आराधना अपने बेटे के साथ सहज हो रही थी वह अब आराम से अपने बेटे से इस बारे में बात कर रही थी इस बात की खुशी संजू को भी थी इसलिए अपनी मां की बात मानते हुए वह अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाल लिया,,,, और गांड पर थपथपाते हुए उसे लेट जाने का इशारा करने लगा,,,, आराधना गरम आह भरते हुए वापस पीठ के बल लेट गई लेकिन इस बार अपने पैर को बिस्तर के पीछे लटका दी और संजू भी तुरंत दोनों टांगों के बीच आ गया और कमर पकड़कर उसे थोड़ा और आगे की तरफ खींच लिया,,,, संजू एक बार फिर से अपने लंड को हिलाते हुए अपनी मां की चूत के छेद में अपना लंड डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया इस बार वह बड़ी तेजी से अपनी मां को चोद रहा था क्योंकि वह भी चरम सुख के करीब पहुंच रहा था लेकिन बार-बार वह अपने को बाहर निकाल कर अपने हाथ से पकड़ कर लंड को वापस चूत में डाल रहा था ऐसा करने से आराधना की तरफ बढ़ जा रही थी उसे बड़े जोरों की पेशाब लगने का आभास होने लगा वह अपने बेटे से कुछ कह पाती इससे पहले ही अपने बेटे के तेज धक्के के साथ ही उसकी चूत के छोटे छेद से पेशाब का फव्वारा फूट पड़ा और यह देख कर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई वह अपनी मां को चोदते चोदते उसे पेशाब करा दिया था इसलिए वह बोला,,,,

Sanju ki chudai se pesaab ka fawwara foot pada


tum hamare ho
हाय मेरी रानी देखो मैंने बोला था ना मैंने तुम्हारा पै‍शाब निकाल दिया तुम चुदवाते चुदवाते मुत दी हो,,,।
(यह पल आराधना के लिए बेहद शर्मनाक था क्योंकि वाकई में वह मुत रही थी संजू के हर धक्के के साथ उसके चुत से पेशाब की धार फूट पड़ रही थी आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह इस समय शर्म से गाड़ी जा रही थी ऐसा उसके साथ पहले कभी नहीं हुआ था शायद इस तरह की चुदाई भी उसकी पहले कभी नहीं हुई थी इसीलिए लेकिन यह नया अनुभव बेहद मदहोश कर रहा था आराधना शर्मसार होने के बावजूद भी आनंद के सागर में गोते लगा रही थी और अपने बेटे के हर धक्के के साथ पेशाब की धार छोड़ रही थी चुदवाते चुदवाते मुतने का यह पहला अनुभव था,,,, संजू तुम्हारी खुशी और उत्तेजना से फूला नहीं समा रहा था वह अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा चुका था वह अपनी मां की कंधों को पकड़कर जोर-जोर से अपनी कमर हिला रहा था अपनी मां की मोटी मोटी जांघो के साथ उसकी खुद की जांघ टकराने से ठाप ठापकी आवाज आ रही थी,,,, जिसे सुनकर आराधना को इस बात का डर लग रहा था कि कहीं बगल वाले कमरे में सो रहे हैं मोहिनी जागना जाए लेकिन वह किसी भी तरह से अपने बेटे को रोकना नहीं चाहती थी क्योंकि उसको बहुत मजा आ रहा था,,,,,
Sanju or uski mummy


संजू जानता था कि किसी भी वक्त उसका पानी निकल जाएगा इसलिए वह अपनी मां के ऊपर चुप कर दोनों हाथों को उसकी पीठ के नीचे ले जाकर उसे कस के अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते आराधना के साथ-साथ संजू की भी सांसे तेज चलने लगी और कुछ ही धक्कों के बाद दोनों के बदन की अकड़न बड़ी और संजू ने अपना गर्म लावा अपनी मां की चूत में डालना शुरू कर दिया,,,,, दोनों का पानी निकल गया था दोनों पूरी तरह से तृप्त हो चुके थे आराधना इस खेल के दौरान तीन बार अपना पानी निकाल चुकी थी और संजू एक ही बार में अपनी मां को तीन बार झाड़ कर उसे ढेर कर चुका था,,,,, संजू अपनी मां के ऊपर ढेर हो चुका था थोड़ी देर बाद जब शांत होगा तो संजू अपनी मां के होठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा और बोला,,,।

आज तुमने मुझे मस्त कर दि हो कसम से ऐसा मजाक कभी नहीं आया था मैं कभी सोचा नहीं था कि तुम्हें चोदने में इतना ज्यादा मजा आएगा,,,।(संजू अपनी मां के ऊपर लेटे हुए हैं उससे गंदी गंदी बातें कर रहा था अभी भी उसका लंड उसकी मां की चूत में समाया हुआ था और उसकी अकड़ अभी भी बरकरार थी,,,, आराधना को अपने बेटे के साथ चुदवाने में एक अद्भुत सुख की प्राप्ति हुई थी जिसकी कभी उसने कल्पना भी नहीं की थी इसलिए उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आ रहा था और वह उसी तरह से उसकी पीठ पर अपनी हथेली रखकर सहला रही थी मानो कि जैसे उसे शाबाशी दे रही हो,,,,,

वासना का तूफान थम जाने के बाद संजू अपनी मां की चूत में से अपने लंड को बाहर निकाला और उसके बगल में पीठ के बल ढेर हो गया,,,,, आराधना भी पीठ के बल लेटी हुई थी अपने बेटे की तरफ करवट लेकर सोने में उसे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी,,,,,,, दोनों के बीच खामोशी छाई हुई थी आराधना घड़ी में टंकी दीवार की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए घड़ी में 3:30 का समय हो रहा था इतनी देर तक भला कोई कैसे चोद सकता है और वह भी बिना पानी निकाले वह हैरान थी अपने बेटे की मर्दाना ताकत पर उसे अपने बेटे के लंड पर गर्व होने लगा था,,,,, सुबह होने में
कुछ घंटों का समय रह गया था इतनी देर तक तो वह सुहागरात के रात को भी नहीं जागी थी जैसा कि आज उसके बेटे ने जगाया था वह बात की शुरुआत करते हुए बोली,,,।

बाप रे 3:30 बज गया है,,,,,

तो क्या हुआ,,,, मैं तो रात भर तुम्हारी चूत में लंड डालकर पड़ा रहुं,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मुस्कुराते हुए तिरछी नजर से अपने बेटे के लंड की तरफ देखते हुए बोली जो कि अभी भी हल्का सा सिर्फ ढीला पड़ा था बाकी अपनी अकड़ दिखा रहा था,,)

वह तो मैं देख ही रही हूं,,,,

क्या देख रही हो मम्मी,,,(संजू जानता था लेकिन फिर भी जानबूझकर बोला वह अपनी मां के मुंह से सुनना चाहता था,,,)

ये,,,(अपना हाथ आगे बढ़ाकर उंगली से लंड का स्पर्श करते हुए बोली,,, संजू को अपनी मां की यह हरकत बहुत ही अच्छी लगी इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोला,,)

कमजोर नहीं हुआ है यह अभी फिर से तुम्हारी चूत में जाकर धमाल मचा सकता है,,,,


चल अब रहने दे इस से कुछ होने वाला नहीं है,,,,(आराधना का मन फिर से चुदवाने को करने लगा था आखिरकार महीने बाद जुदाई का असली सुख जो प्राप्त की थी महीने बाद तो वह लंड को चूत में ली थी लेकिन चुदाई का असली सुख तो उसे जिंदगी में पहली बार ही मिल रहा था इसलिए उससे रहा नहीं जा रहा था,,, संजू जानता था कि उसकी मां का भी मन फिर से कर रहा है इसलिए वह बोला,,,)

आ जाओ चढ जाओ मेरे लंड पर फिर दिखाता हूं कि अभी इसमें कितना दम है,,,,,(अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हीलाते हुए बोला,,,)

नहीं अब सुबह होने वाली है तुझे अपने कमरे में कहीं मोहिनी की नींद खुल गई और तुझे कमरे में नहीं देखेगी तो इधर तक आ जाएगी,,,

पहले आओ मेरे ऊपर फिर मैं चला जाऊंगा,,,

देखा फिर तू जिद कर रहा है आखिर कर तो लिया अपनी मनमानी,,,

एक बार फिर से करने दो,,,


तू मानेगा नहीं ना,,,

एक बार में तो मैं बिल्कुल भी मानने वाला नहीं हूं,,,,(अपने लंड को हिलाते हुए जोकि फिर से धीरे-धीरे अपनी औकात में आ चुका था अपने बेटे के खड़े लंड को देखकर आराधना की चूत फिर से फुदकने लगी अपने बेटे की बात को मारने के सिवा उसके पास और कोई चारा नहीं था क्योंकि इसमें उसकी भी खुशी दे इसलिए वह अपने बेटे को आंख दिखाते हुए बोली,,,)

तू सच में कमरे से बाहर नहीं जाएगा,,,

एक बार फिर से दे दो फिर चला जाऊंगा,,,

बाप रे कितना शैतान है तू,,,(इतना कहने के साथ ही वह उठने लगी और अपने बेटे की तरफ देख कर उसकी कमर के इर्द-गिर्द अपने पैर के घुटने रखकर अपनी जगह बनाने लगी एक बार फिर से संजू के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ में लगी थी उसकी मां उसके लंड पर चढ़ने वाली थी धीरे-धीरे आराधना की भी शर्म खत्म हो रही थी जो कि संजू को साफ दिखाई दे रही थी और यही तो संजू देखना चाहता था कि उसकी मां अभी भी शर्म आती है या मजा लेने के लिए उत्सुक हैं देखते ही देखते आराधना अपना हाथ नीचे की तरफ लाकर अपने बेटे के खडे लंड को पकड़ ली और उसे अपनी गुलाबी चूत के छेद पर रखने लगी देखते ही देखते आराधना अपना अनुभव दिखाते हुए अपनी भारी-भरकम कांड को अपने बेटे के लंड पर रखना शुरू कर दी और देखते ही देखते उसकी चूत की गहराई में संजू का लंड खो गया और सीधा जाकर आराधना के बच्चेदानी से टकरा गया आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और धीरे-धीरे अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटकना शुरू कर दी,,, संजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां की गांड पर रखकर उसे थाम लिया और बोला,,,।

क्या मम्मी पापा के साथ ऐसा की हो क्या,,,

तेरे पापा जबरदस्ती मुझसे ऐसा करवाए थे लेकिन उनके छोटे से लंड में इतना मजा नहीं आया था जिसकी तेरे साथ आ रहा है,,,,,आहहहहह,,,,,(तब तक वह खुद ही जोर से अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटक दिया और लंड सीधे जाकर उसके बच्चेदानी से टकराया और उसके मुंह से आह निकल गई आराधना बड़े आराम से अपने बेटे के लंड पर गांड पटक रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था,,,,, लेकिन संजू नीचे से धक्का लगाना चाहता था इसलिए अपनी मां की चूची पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा उसकी मां उसकी तरफ झुकने लगी और वह तुरंत अपनी बाहों का घेरा उसके गले में डाल कर उसे अपने बदन से सटा लिया जिससे उसकी गांड हवा में ऊपर की तरफ उठ गई और संजू नीचे से अपनी कमर उछाल उछाल कर अपनी मां को चोदना शुरु कर दिया,,,, यह चुदाई भी लगभग 25 से 30 मिनट तक चली और दोनों फिर से झड़ गए,,,, एक ही रात में संजू ने अपनी मां को चोद चोद कर एकदम थका डाला था इसलिए पानी निकलने के बाद तुरंत वह अपने ब्यूटी के लंड पर से उठी और तुरंत बगल में धमम से पीठ के बल पसर गई,,,, संजू भी वही सो गया सुबह जब 5:30 का अलार्म बजा तो संजू की नींद खुली,,,, तो अपने बगल में अपनी मां को एकदम नंगी देखकर उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा अपनी मां की नंगी गांड पर हाथ घुमा ने लगा जिससे आराधना की भी नींद खुल गई लेकिन घड़ी की तरफ देखकर उसके होश उड़ गए हो तुरंत बिस्तर पर से उठी और अपने कपड़े पहने लगी संजू उसे रोकने की कोशिश करने लगा लेकिन आराधना बिल्कुल भी नहीं मानी
वह तुरंत कमरे के बाहर आ गई और संजू भी बाहर आ गया वह संजू को कमरे में चले जाने के लिए बोली क्योंकि अभी मोहिनी सो रही थी एक ही रात में आराधना ने अपने बेटे को अद्भुत सुख दी थी इसलिए उसकी बात मानते हुए संजू कमरे में जाकर कुछ देर के लिए सो गया,,,।

क्ष
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है तीनो अपडेट एक से बढ़कर एक है
आखिरकार संजू और आराधना का मिलन हो ही गया आराधना ने अपनी मर्यादा की दीवार तोड़ ही दी
 
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