Awesome update.कहानी :
मीठी भूल.
EPISODE 6
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ना चाहते हुए भी सोनाली सुबह 8 बजे ही उठ गई ताकि घर में किसी को कोई शक ना हो. उसने देखा कि पलंग पे उसके बगल में नंदिनी चादर ओढे सोई पड़ी थी.
" तुझे क्या हुआ ? इतनी गर्मी में चादर क्यूं ओढ रखी है ? ". सोनाली ने नंदिनी का कंधा झटकते हुए पूछा.
" माहवारी शुरू हो गई है यार... ". नंदिनी ने अपनी आँख खोले बिना परेशान से स्वर में कहा. " बहुत ठंड लग रही है ! "
" मेरा वाला नैपकिन लगाया ? ".
" अभी नहीं... तौलिया पहना है ! ".
" फिर से कपड़ा ? चल उठ, चेंज करके आ ! ". सोनाली ने नंदिनी का सिर सहलाते हुए कहा. " बहुत आराम मिलेगा, जैसे नार्मल दिनों में रहता है... चल उठ ! "
सारा दिन ऐसे बिता जैसे गर्मी कि छुट्टीयां बिताते एक साधारण सभ्य परिवार का बीतना चाहिये. हालाँकि अमन, सुरेश, नंदिनी और सोनाली कि आँखों के सामने अभी भी रात वाली मीठी यादें ही घूम रही थी..........................
" अब कैसा है ? ". रात को सोने के वक़्त अपने कमरे में सोनाली ने नंदिनी से पूछा.
" बहुत Soft है ये Sanitary Pad... Vagina को काफी आराम मिल रहा है... थैंक्स ! ". नंदिनी ने कहा. " बस पेट और जांघों में थोड़ा दर्द है... ".
अभी उनकी बातें चल ही रही थीं कि दरवाज़ा खुला और अमन और सुरेश अंदर आ गयें और फिर अमन ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया.
" ये लो... आ गयें दोनों कमीने ! चूत मुँह लग गई है इनके... अब पूरी छुट्टीयां तंग करेंगे हमें ! ". अपनी अंदर कि खुशी छुपाते हुए सोनाली ने हँसते हुए कहा.
अमन और सुरेश ने कमरे में आते ही अपने अपने सारे कपड़े उतार फेंके और नंगे बदन पलंग पर टूट पड़े. सोनाली भी अपनी नाईटी उतार कर नंगी हो चुकी थी पर नंदिनी ने अभी भी कपड़े पहने हुए थें.
" क्या हुआ... खोलो ना ? ". अमन ने सलवार के ऊपर से नंदिनी कि जांघ सहलाते हुए कहा. " और सोने वक़्त सलवार क्यूं पहनी हो ??? "
सोनाली कि हँसी छूट पड़ी पर उसने किसी तरह अपनी हँसी दबा ली और सुरेश के साथ उसके बगल में लेटी चुम्मा चाटी करने लगी.
" आज मत करो अमन भैया... ". नंदिनी ने कहा.
" क्यूं...दर्द हो रहा है क्या ??? ". अमन ने नंदिनी कि सलवार के बीच दबी चूत कि ओर इशारा करके पूछा.
" दर्द तो है. ". नंदिनी ने शर्माते हुए कहा. " कल रात को मैंने क्या कहा था भूल गये अमन भैया ? ".
" कौन सी बात ? ". अमन ने नंदिनी कि कमर में चिकोटी काटते हुए कहा. " रात को तो आह उह के अलावा तुम्हारे मुँह से कुछ निकल ही नहीं रहा था. ".
" मुझे Periods हुआ है ! ". नंदिनी झट से बोल कर चुप हो गई.
" बेचारी !!! ". सुरेश ने सोनाली को चूमना छोड़ कर अपनी बहन नंदिनी कि ओर देखते हुए कहा और फिर हँसने लगा.
" क्यूं तंग कर रहे हो अपनी बहन को ? ". सोनाली ने प्यार से सुरेश के गाल पर एक थप्पड़ मारा और उसका चेहरा अपनी ओर घुमा कर फिर से उसे चुमने लगी.
" So Sweet ! ". अमन को नंदिनी कि मासूमीयत पर प्यार आ गया, उसने आगे बढ़ कर उसके ललाट को चुम लिया और फिर बोला. " Don't Worry... आज सारी रात हम सिर्फ मीठी मीठी बातें करेंगे. ".
अमन कितना Caring है ये देख कर नंदिनी का दिल भर आया. अब जब वो इतना कुछ कर रहा था तो उसका भी कुछ फर्ज़ बनता था. वो अपनी कुर्ती उतारने लगी.
" अरे... ये क्या कर रही हो... Relax ! ". अमन ने उसे रोका.
" It's Okay बाबा... सेक्स नहीं कर सकते पर कपड़े तो खोल सकती हूं... आपको थोड़ा अच्छा महसूस होगा अमन भैया ! ". नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर अपनी सलवार का नाड़ा खोलने लगी.
अपने टांगों से नंदिनी ने सलवार निकाल फेंका, अब उसकी चुचियाँ एकदम नंगी थी और नीचे उसने Cotton कि सफ़ेद रंग कि टाईट पैंटी पहन रखी थी. अमन ने नंदिनी के होठों से अपने होंठ सटा कर एक लम्बा चुंबन लिया और फिर नीचे झुक कर उसकी नाभी को चुमा, उसकी पैंटी का Elastic वाला बॉर्डर सूंघा, पैंटी के ऊपर से उसकी पैड लगी चूत को हल्के से चुमा और फिर उसकी गोद में सिर रख कर लेट गया.
" पता है अमन भैया... जब से आपने मुझे चोदा है, मेरी चूत का छेद बंद ही नहीं हो रहा, फट कर फ़ैल गया है. और ऊपर से ये Heavy Flow !!! चूत का बारह बज रखा है मेरे ! ". नंदिनी ने अपने जांघों पर सोये अमन के सिर के बालों में उंगलियां फेरते हुए शिकायत भरे लहजे में कहा.
" Heavy Flow मतलब ??? ". अमन ने पूछ लिया .
" धत्त !!! आपको हम लड़कियों कि सारी बातें नहीं समझनी होगी ! ". शर्म से नंदिनी के गाल लाल हो गयें.
" ये लो... शहर में रह कर भी इन भाई साहब को Heavy Flow के बारे में नही पता ! ". सुरेश ने हँसते हुए कहा और सोनाली कि चुचियां दबाने लगा.
नंदिनी ने हाथ बढ़ा कर अपने भाई सुरेश के पीठ पर एक चमाट मारा तो सोनाली हँसने लगी, और बोली. " यार नंदिनी, ये दोनों इतने गंदे निकलेंगे सोचा नहीं था. पहले कितना चुपचाप रहते थें दोनों ना ? ".
" यार तूम लोग आज कुछ नहीं करोगे तो जाओ ज़रा बाहर घूम घाम के आओ... हमें तो चैन से करने दो ! ". सुरेश ने सोनाली कि खुली चूत को सहलाते हुए कहा, सोनाली उसका खड़ा लण्ड अपने हाथ में लेकर धीरे धीरे मसल रही थी.
" किसने कहा कि हम कुछ नहीं करेंगे ??? ". नंदिनी ने उन दोनों कि ओर देखे बिना ही कहा और अपनी एक चूची अमन के मुँह में देते हुए बोली. " आज मैं अमन भैया को अपना दूध पिलाउूंगी ! ".
" पिलाओ... शायद उसी से बेचारे के खड़े लण्ड को थोड़ी राहत मिल जाये. ". सुरेश ने फिर से ताना कसा और हँसने लगा.
" अब बस करो... बहुत हुआ मज़ाक . उन्हें छोड़ दो उनके हाल पे... ". सोनाली ने सुरेश को अपने ऊपर खींचते हुए कहा. " आओ चोदो... ".
" आज कोई और पोज़ Try करें ? ". सुरेश ने सोनाली कि गांड़ सहलाते हुए कहा.
उधर नंदिनी कि चूची चूसते चूसते अमन का लण्ड खड़ा होकर फड़कने लगा था. उसने एक हाथ से अपना लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे मूठ मारने लगा.
" अब तो लण्ड का सुपाड़ा खोलने में कोई परेशानी नहीं हो रही ना अमन भैया ? ". नंदिनी ने अमन के गालों पर अपनी उंगलीयां फेरते हुए पूछा.
" नहीं... कल रात से इसे खुला ही छोड़ दिया है. अभी आदत नहीं है ना तो थोड़ा अजीब लग रहा है. खास कर पैंट पहने हुए होने पर जब सुपाड़ा पैंट से सट रहा है तो बहुत ज़्यादा Sensation हो रहा है. ". अमन ने नंदिनी का निप्पल मुँह से निकाल कर बताया और फिर वापस से उसका दूध पीने लगा.
" 3 - 4 दिन में ठीक हो जायेगा. मैं तो हमेशा सुपाड़ा खोल कर ही रखता हूं... मज़ा आता है ! ". सुरेश ने कहा. सोनाली उसके सामने कुतिया बनी अपनी गांड़ उठाये पड़ी थी और सुरेश अपने घुटनों पे टिका पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड सेट कर रहा था.
कुछ ही देर में पलंग हिलने लगा और सोनाली कि धीमी सिसकियों और कराहटों से अमन समझ गया कि सुरेश ने उसकी बहन को चोदना चालू कर दिया है, पर उसने उन दोनों कि तरफ देखा भी नहीं, और नंदिनी कि चूची चूसने में ही लगा रहा. नंदिनी से बस एक हाथ भर कि दुरी पर उसका सगा भाई सोनाली को चोद रहा था, भला नंदिनी देखे बिना कैसे रहती, ना चाहते हुए भी पहले तो वो तिरछी नज़रों से उन्हें देखती रही, और जब देखा कि दोनों आपस में ही मगन लगे पड़े हैं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला तो वो अब खुल कर उनकी पेलम पेलाई देखने लगी !
नंदिनी तो जैसे खो सी गई थी, उसे तब होश आया जब करीब दो तीन मिनट के बाद उसने महसूस किया कि उसका निप्पल अमन के मुँह से निकल आया है. उसने नीचे देखा तो क्या देखती है कि अब अमन उसकी गोद से उठ कर बैठ गया है और अपनी आँखे फाड़े सुरेश और सोनाली को देख रहा है और धीरे धीरे अपना लण्ड अपने हाथ में थामे रगड़ मसल रहा है.
अमन जहाँ से देख रहा था, उसे अपनी बहन सोनाली सामने कुतिया बनी दिख रही थी, उसकी चूत की झलक तो उसे नहीं मिल रही थी , बस बड़ी सी गांड़ दिख रही थी, पीछे से सुरेश उसके कुल्हे पकड़े हुए उसकी जांघों के बीच में धक्के मार रहा था, हर धक्के पे सोनाली के नीचे लटक रहे मम्मे आगे पीछे आगे पीछे हिलते हुए झूल रहें थें. आश्चर्य की बात तो ये थी की अमन को एक पल के लिये भी ऐसा नहीं लग रहा था की वो अपनी सगी बहन को देख रहा है. सेक्स के दौरान लड़कियों के चेहरे कितने बदल जाते हैं, हर लड़की, चाहे वो आपकी गर्लफ्रेंड हो या सगी बहन, सेक्स के वक़्त उसके चेहरे पे बस एक असीम त्रिप्ती और चरम वासना के भाव ही दीखते हैं, और कुछ नहीं ! सोनाली और किसी अवस्था में उसकी सगी बहन होगी, पर अभी तो अमन के लिये वो बस एक लड़की मात्र थी, सुडौल गदराये बदन वाली लड़की, जिसे अगर नंगा ना देखो तो यकीन ही नहीं होगा की बिना कपड़ों के वो इतनी सुंदर लगती होगी. वैसे पिछली रात भी तो अमन ने अपनी बहन को नंगा देखा था, पर उस रात की बात अलग थी, नंदिनी जो उसका साथ देने के लिये उसके साथ थी. और शायद यही वजह थी की आज उसने अभी अभी अनजाने में गौर किया था की उसकी अपनी सगी बहन सोनाली क्या चीज़ है !!!
नंदिनी की नज़र जब अमन के लण्ड पर पड़ी तो वो समझ गई की अमन अपनी ही सगी बहन को चुदवाते देख गरम हो रहा है, उसके लण्ड का सुपाड़ा फूल कर लाल हो गया था, नंदिनी को पता था की अगर अमन ऐसे ही मूठ मारता रहा तो अब उसका वीर्यपात हो जायेगा !
अमन के लिये अब और बर्दास्त कर पाना संभव नहीं था, अचानक से वो पलट कर नंदिनी के ऊपर चढ़ गया, नंदिनी इसके लिये एकदम ही तैयार नहीं थी. अमन ने नंदिनी के होंठों का एक छोटा सा चुंबन लिया और उसके बदन से चिपका अपना खड़ा लण्ड उसकी पैंटी में लिपटी चूत पर घिसने लगा. इससे पहले की नंदिनी कुछ समझ पाती, उसने महसूस किया की उसकी पैंटी और जांघों पर अमन के लण्ड ने गाढ़े वीर्य की उल्टी कर दी है ! बेचारी नंदिनी अब करती भी क्या, अमन का पीठ सहला सहला कर उसे शांत करने लगी.
" Sorry Baby... ". दो मिनट के बाद अमन ने नंदिनी के गाल चुमे और एक गहरी साँस लेते हुए उसके बदन से अलग हो गया.
नंदिनी ने नीचे देखा तो उसकी पूरी पैंटी, पेट और जांघे वीर्य से सनी पड़ी थी. एक तो बेचारी की चूत में वैसे ही आज गीलापन था और अब ऊपर से अमन की ये बचकानी करतूत ! उसने पास ही पड़ी अपनी सलवार उठा ली और खुद को उसी से किसी तरह पोछ पोछ कर साफ करने लगी.
अमन की फूलती हुई सांस जब थोड़ी सी नार्मल हुई तो उसने फिर से अपनी नज़रें अपनी बहन पर गड़ा दी. पर इस बार उसने देखा की चुदती हुई सोनाली भी अब उसी को देख रही थी, दरअसल उसे नहीं, उसके अभी अभी झड़े हुए लण्ड को ! निर्लज्ज सा अमन अपनी सगी बहन के सामने अपना नंगा लण्ड लिये बिस्तर पर बैठा रहा, उसके सुपाड़े से वीर्य की एक पतली सी सफ़ेद धार चू कर नीचे चादर पर गिर रही थी. उसने अपनी बहन की आँखों से एक बार आँखे मिलाई और फिर बिना किसी लाज शर्म के उसकी गांड़ देखने लगा जिसमें सुरेश अभी भी Shots पे Shots मारे जा रहा था.
कहते हैं की सेक्स के दौरान शरीर की सारी की सारी इंद्रीयां अत्यंत संवेदनशील हो जाती हैं, आँख, नाक, दिमाग, कान, सभी. सोनाली को भी अपने सगे भाई की मनोभावना समझते देर ना लगी. बेचारे की प्रेमिका को माहवारी हुई थी और उसकी अपनी सगी बहन अपने फूफेरे भाई के साथ उसी के सामने एक ही बिस्तर पर रंगरेलियां मना रही थी... ऐसे में कोई लड़का भला भाई बहन का रिश्ता निभाये या अपनी वासना शांत करने के उपाय खोजे !!!
" भैया... मुझे कर लो !!! ". सोनाली ने अमन से कहा.
अमन को अपने सुने पर यकीन नहीं आया, बेवकूफ़ की तरह मुँह फाड़े वो अपनी बहन को देखता रहा.
" It 's Okay भैया... आ जाओ !!! ". सोनाली ने अमन को दिलासा दिया. फिर पीछे मुड़ कर सुरेश को देखते हुए बोली. " सुरेश भैया... अपने दोस्त को भी थोड़ा चोदने दो ! ".
सोनाली के मुँह से अपने सगे भाई के बारे में ऐसी बात सुन कर सुरेश की तो जैसे साँस ही रुक गई , एक बहन अपने सगे भाई को चोदने के लिये आमंत्रित कर रही है, ये Feeling मात्र ही उसके लिये इतनी Hot थी की वो खुद को रोक नहीं पाया और ठीक उसी पल उसका शीघ्रपतन हो गया. अपनी चूत में वीर्य भरते महसूस करती सोनाली को सुरेश की बेकरारी पर तरस आ गया और वो सेक्स के ऐसे चरम क्षण में भी खिलखिला कर हँस पड़ी ! अपना लण्ड सोनाली की चूत से बाहर निकाल कर सुरेश बिस्तर पर एक तरफ बैठ गया.
" क्या हुआ भैया... करो ना !!! ". कुतिया स्टाइल में अपने दोनों हाथों और घुटनों पर टिकी सोनाली ने अपनी गांड़ हिलाते हुए अपने सगे भाई अमन को फिर से टोका.
अमन की तो जैसे सोचने समझने की शक्ति ही खत्म हो गई थी. चुपचाप वो सोनाली के पीछे आ गया और पहली बार अपनी सगी बहन की चूत पर अब उसकी नज़र गई. सोनाली की चूत फूल कर पावरोटी हो गई थी और उसका छेद फट कर करीब 3 - 4 इंच खुल गया था. अपनी सगी बहन की कुंवारी चूत के दर्शन तो अमन को अब नहीं हो सकते थें, सो वो बस अनुमान भर लगा सकता था की सुरेश से चुदवाने से पहले उसकी सील पैक चूत कैसी दिखती रही होगी !
" एक मिनट रुको भैया... ". सोनाली ने कहा और फिर अपनी गांड़ को थोड़ा पीछे करके ज़ोर लगाया तो ढ़ेर सारा गाढ़ा मोटा वीर्य का जमा हुआ थक्का उसकी चूत से फलफला कर निकल आया और नीचे चादर पर चूने लगा.
नंदिनी ने अपनी सलवार, जिसमें उसने कुछ देर पहले अमन का वीर्य पोछा था, अमन की ओर फेंक दिया. उसी वक़्त बस एक पल के लिये अमन और नंदिनी की आँखे मिली, नंदिनी एकदम चुप और शांत थी, उसकी आँखों में एक अजीब तरह का कौतुहल था, शायद ये देखने का की सगे भाई बहन कैसे सेक्स करते हैं !!!
" हाँ... अब करो भैया ! ". अपनी चूत से सुरेश का सारा का सारा वीर्य बाहर उढ़ेल कर सोनाली ने पीछे अमन को देखते हुए अपने चूतड़ हिलाये.
नंदिनी की सलवार हाथ में लेकर अमन अपनी सगी बहन की चूत अच्छे से पोछ कर साफ करने लगा. सोनाली को पहले तो थोड़ा बुरा लगा की भला उसका भाई उसकी चूत क्यूं साफ़ कर रहा है, इतनी नौटंकी क्यूं, चूत तो चूत होती है, गंदा और साफ़ क्या, वो भी चोदने के टाईम ??? मगर फिर उसे लगा की शायद उसके भाई को उसकी चूत में लगे किसी गैर मर्द के माल से घिन आ रही हो और इसलिए वो उसकी चूत पोछ रहा हो !........................
सगी बहन की चूत कोई अलग चूत नहीं होती, ये अमन को तब महसूस हुआ जब उसने सोनाली की चूत में अपना लण्ड डालना शुरू किया. Infact, उसे अपनी सगी बहन और ममेरी बहन की चूत में कोई फर्क तो नज़र नहीं आ रहा था, बस उसकी सगी बहन सोनाली की चूत Shaved थी और उसकी ममेरी बहन नंदिनी के चूत पर झांट थें !
पास ही बैठे भाई बहन सुरेश और नंदिनी बिना पलक झपकाये अपनी साँसे रोके देखते रहें जब सामने अमन ने अपनी सगी बहन सोनाली की कमर पकड़ कर उसे धीरे धीरे पेलना आरंभ किया. सुरेश और नंदिनी जानते थें की ज़ल्दी ही अमन अपनी सगी बहन की चूत को माल से भर देगा !
सोनाली को अपने सगे भाई का लण्ड खुब भाया, सुरेश के लौड़े से थोड़ा छोटा जो था और उसकी चूत में एकदम चौकस फिट बैठ रहा था. वो सोचने लगी की पिछली रात अगर सुरेश की बजाय उसके सगे भाई ने ही उसे पहले चोदा होता तो उसकी कमसिन चूत की आज ये दुर्गती ना हुई होती.
अपनी आँखे मुंदे सोनाली कुतिया की तरह अपनी गांड़ ऊपर उठाये अपने सगे भाई से चोदवा रही थी. बीच बीच में वो पीछे मुड़ कर अमन को देख लेती थी, पर अमन आँखे बंद किये हुए ही उसकी चूत मारे जा रहा था. शायद वो अपनी आँखे खोल कर इस सच्चाई का सामना नहीं करना चाहता था की वो अपनी सगी बहन को चोद रहा है और आँखे बंद किये हुए बस इस भ्रम का आनंद लेना चाहता था की वो सिर्फ और सिर्फ एक चूत के अंदर है !!!
उधर ये सब देख कर भाई बहन की दूसरी जोड़ी सुरेश और नंदिनी भी गरम होने लगे थें. सुरेश अपना झड़ा हुआ लण्ड धीरे धीरे हिला रहा था और उसकी बहन नंदिनी अपनी आँखे बंद किये हुए अपने एक हाथ से अपनी टाईट चुचियाँ दबा रही थी. मन तो उसका बहुत कर रहा था की अपनी पैंटी में हाथ डाल कर या फिर पूरी पैंटी ही खोल कर थोड़ा सा अपनी चूत को भी सहला ले, पर बेचारी आज के दिन मज़बूर जो थी !
सुरेश के मन में ना जाने क्या आया या फिर यूँ कहिये की परिस्थिति के वशीभूत हो भावनाओ में बह कर उसने अनायास ही अपना दूसरा हाथ अपनी बगल में लेटी अपनी बहन नंदिनी के नंगे जांघ पर रख दिया. उसने कुछ देर बिना कोई हरकत किये नंदिनी की प्रतिक्रिया का वेट किया, पर नंदिनी तो अपने आप में इतनी खोई हुई थी की उसे तो इसका एहसास तक ना हुआ. वो तो उसे तब होश आया जब अचानक उसने अपनी पैंटी के अंदर किसी के हाथ को सरकते हुए महसूस किया. उसने अपनी आंखे खोली तो देखा की उसका भाई सुरेश अपना हाथ उसकी पैंटी में घुसा रहा है ! उसने झट से उसका हाथ पकड़ कर उसे रोका, और देखा की उसके दूसरे हाथ में उसका लण्ड ठनक कर पूरा खड़ा हो चुका है.
अब क्या करें, परिस्थिति ही ऐसी बन पड़ी थी की जिस तरह से वो गरमा गई थी उसी तरह से उसके भाई को भी सेक्स चढ़ गया था. उसने बिना कुछ बोले अपने भाई का हाथ उठा कर अपनी पैंटी के ऊपर रख लिया, आज के दिन पैंटी के अंदर हाथ डलवाने में तो बेचारी की मुसीबत थी, पर पैंटी के ऊपर ऊपर तो छू छा करने की कोई मनाही नहीं थी ! अपनी सगी बहन की नरम चूत की एक हल्की सी छुवन मात्र पैंटी के ऊपर से महसूस करते ही सुरेश का लण्ड उसके हाथ में ही उफन पड़ा और उसका सारा वीर्य उसी के पेट और जांघों पर गिर गया !!!
अचानक से हुए इस वीर्यपात से सुरेश अंदर तक सिहर उठा और काँपते हुए अपनी बहन की ओर मुड़ कर उससे लिपट गया. नंदिनी ने उसका पूरा साथ दिया, उसे पता था की इस वक़्त उसे खुद को जितनी सांत्वना की ज़रूरत थी उतनी ही उसके सगे भाई को. उसने सुरेश का झड़ा हुआ लण्ड अपनी दोनों मांसल जांघों के बीच घुसा कर दबा लिया ताकि लण्ड की तड़प थोड़ी कम हो जाये, और सुरेश का चेहरा अपनी दोनों चुचियों के बीच छुपा लिया. अपनी बहन के चुचियों, उसकी बाहों और उसकी पतली गर्दन की गंध सुरेश को इतनी पसंद आई को वो अपनी बहन के बदन से और भी चिपक गया. नंदिनी के टाईट खड़े निप्पल उसके गाल से सटे तो उसने अपना मुँह थोड़ा सा घुमा कर उसके निप्पल को चुम लिया, नंदिनी समझ गई की उसके भाई को क्या चाहिये, उसने अपनी चूची पकड़ कर सुरेश के मुँह में दे दी तो सुरेश चप चप आवाज़ करते हुए अपनी सगी बहन का दूध पीने लगा !!!
इधर अपने भाई के ताबड़तोड़ चोदन - थपेड़ों से सोनाली अपने हाथों का बैलेंस संभाल नहीं पाई थी और नीचे तकिये पर गिर कर तकिया समेत पलंग के किनारे आ गई थी. उसके चेहरे पर जैसे तैसे बिखरे काले बाल देख कर ऐसा लग रहा था जैसे की किसी नई नवेली दुल्हन को उसके दूल्हे ने पूरी रात तंग किया हो ! अमन ने अपने दोनों हाथ उसके पेट से लपेट कर उसकी गांड़ को अभी भी अपनी पूरी ताकत से ऊपर उठाये रखा था ताकि वो पलंग से नीचे ना गिर जाये और उसी अवस्था में उसे चोदे जा रहा था.
अमन का अंडकोष फूल कर दुखने लगा था, उसके लिये अपने माल को और देर तक लण्ड में रोके रखना संभव नहीं था. उसने अपनी बहन की कमर मजबूती से पकड़ कर अंतिम के कुछ धक्के बेहद ज़ोर से लगाए और फिर अपना लौड़ा बाहर निकाल कर पलंग से उछल कर नीचे ज़मीन पर खड़ा हो गया और मूठ मार कर अपना माल ज़मीन पर गिरा दिया ! सोनाली ने सोचा नहीं था की उसका भाई ऐसा कुछ करेगा, वो तो सोच रही थी की अमन उसकी बच्चेदानी में ही स्खलित हो जायेगा . और तो और, उस बेवकूफ़ ने ऐसे समय में अपनी बहन का साथ छोड़ा था जब की उसका खुद का भी पानी निकलने के करीब था ! सोनाली तुरंत बिस्तर पर पलट कर अपने पीठ के बल लेट गई और और अपनी एक ऊँगली अपनी चूत में ठूस कर जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगी. उसकी हरकत देख कर अमन को अपनी गलती का एहसास हो गया, उसे अपनी बहन को पानी छोड़ते टाईम इस तरह से अकेला नहीं छोड़ना चाहिये था. वो कूद कर पलंग पर चढ़ गया और अपनी बहन की चूत से उसकी ऊँगली निकाल कर वापस से अपना झड़ता हुआ लण्ड उसकी चूत में खोंस कर उसे पेलने लगा !!!
" भैया... आआह्ह्ह्ह... अबकी बार प्लीज मत रुकना... आअह्ह्ह्हह ममममममम हाय मेरी चूत... मम्मी !!! ". सोनाली को तो जैसे जन्नत मिल गई हो. एकदम सही समय पर उसके भाई ने वापस से उसे चोदना शुरू किया था. एक मिनट के बाद उसने अपनी गांड़ उठा कर अमन को रुकने का इशारा किया, अमन जैसे ही उससे अलग हुआ, उसकी चूत से छरछरा कर पानी का फव्वारा छूट पड़ा !
सोनाली का चरमोत्कर्ष इतना गहरा था की वो अंदर तक सिहर उठी थी और उसका पूरा बदन अकड़ गया था. उसकी आँखों से आंसू निकल आये और वो अपने हाथ से अपनी चूत दबाये फफक फफक कर रोने लगी ! अमन ने अपनी बहन को आज तक कभी भी इस तरह से फूट फूट कर रोते हुए नहीं देखा था. वो उसकी बगल में लेट गया और उसका सिर अपनी बाहों में लेकर उसे सहला बहला कर शांत करने लगा. जब सोनाली थोड़ी सी शांत हुई तो उसने उसके आंसूओ से भीगे गीले गालों को खुब चुमा. उसके चुंबनों में सेक्स की भावना नहीं थी, बल्कि एक भाई का अपनी बहन को सांत्वना देने का मीठा प्रयास था.
" Sorry सोनाली, मुझे तुम्हें चोदना नहीं चाहिये था. हो सके तो मुझे माफ़ कर देना ! ". अमन का वीर्य निकल जाने से अब जब उसकी वासना शांत हुई तो उसे ना जाने क्यूं अपने किये पर पछतावा होने लगा.
" ऐसा मत कहो भैया... भाई बहन के बीच हुए सेक्स में ग्लानि की कोई जगह नहीं होती. ये सम्बन्ध उतना ही पवित्र है जितना एक पति पत्नी का होता है ! ". सोनाली ने सुबक सुबक कर रोते हुए कहा.
अमन को मालूम नहीं था की उसकी बहन की बातों का Logic कितना सही या गलत है, पर उसे इस बात की खुशी थी की उसकी बहन के मन में कोई मलाल नहीं था और अभी अभी जो कुछ भी हुआ था उससे उन दोनों के भाई बहन के पावन रिश्ते में कोई फर्क नहीं पड़ा था. उसने अपनी रोती हुई बहन के आंसू पोछे और प्यार से उसे चुम लिया, फिर दोनों थक कर एक दूसरे की बाहों में वैसे ही नग्न अवस्था में सो गयें !!!
इधर सुरेश अपनी बहन का दूध पीते पीते कब सो गया था उसे कुछ पता ही ना चला. नंदिनी की भी आँख लग गई थी. अचानक जब सुरेश के खुले हुए मुँह से नंदिनी का निप्पल बाहर निकल आया तो उसकी नींद खुल गई. नंदिनी भी उठ गई. उसने अपनी जांघों के बीच से सुरेश का लण्ड बाहर निकाला जो की अब एकदम ढीला पड़ चुका था. दोनों ने देखा की बगल में भाई बहन अमन और सोनाली एक दूसरे से लिपटे सो रहें थें.
" अमन उठ... बहुत रात हो गई है... चल चल..ज़ल्दी ! ". सुरेश ने अमन को झकझोर कर उठाया.
आज की रात जो कुछ भी हुआ था उसके बारे में किसी ने कोई बात नहीं की. जाते जाते अमन और सुरेश ने नंदिनी की चूत को उसकी पैंटी के ऊपर से ही चुमा और फिर बारी बारी से सोनाली को Kiss किया.
उनके जाने के बाद सोनाली और नंदिनी ने देखा की पलंग का चादर सोनाली के चूत के पानी से पूरी तरह भीग गया था. दोनों एक साथ हँसने लगी.
" मैं दूसरी चादर बिछा देती हूं ! ". सोनाली ने कहा.
" मैं नीचे बाथरूम से पैड चेंज करके आती हूं ! ". नंदिनी ने पैंटी में अपनी चूत को दबाते हुए कहा. " पूरा गीला हो रखा है यार... चूत का बुरा हाल है !!! ".
Thank you bhai aise hi hausla badhate rahenBahut ho story hai
Thank you bro... Your comments means a lotAwesome update.
Ab aage charo khul kar enjoy karenge
Dhanyawad bhai...Apka mazaa hi writer ka puraskar haiMazzaa aa gayaa bhaiji lage raho
Superb yaar bahut hi mast update tha , bhai behan ke bich ka vo rishta aur pyar ko app ne jis tarha likha ek dum dil ko.chu dene wali story hai mazza agaya bhai .कहानी :
मीठी भूल.
EPISODE 6
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ना चाहते हुए भी सोनाली सुबह 8 बजे ही उठ गई ताकि घर में किसी को कोई शक ना हो. उसने देखा कि पलंग पे उसके बगल में नंदिनी चादर ओढे सोई पड़ी थी.
" तुझे क्या हुआ ? इतनी गर्मी में चादर क्यूं ओढ रखी है ? ". सोनाली ने नंदिनी का कंधा झटकते हुए पूछा.
" माहवारी शुरू हो गई है यार... ". नंदिनी ने अपनी आँख खोले बिना परेशान से स्वर में कहा. " बहुत ठंड लग रही है ! "
" मेरा वाला नैपकिन लगाया ? ".
" अभी नहीं... तौलिया पहना है ! ".
" फिर से कपड़ा ? चल उठ, चेंज करके आ ! ". सोनाली ने नंदिनी का सिर सहलाते हुए कहा. " बहुत आराम मिलेगा, जैसे नार्मल दिनों में रहता है... चल उठ ! "
सारा दिन ऐसे बिता जैसे गर्मी कि छुट्टीयां बिताते एक साधारण सभ्य परिवार का बीतना चाहिये. हालाँकि अमन, सुरेश, नंदिनी और सोनाली कि आँखों के सामने अभी भी रात वाली मीठी यादें ही घूम रही थी..........................
" अब कैसा है ? ". रात को सोने के वक़्त अपने कमरे में सोनाली ने नंदिनी से पूछा.
" बहुत Soft है ये Sanitary Pad... Vagina को काफी आराम मिल रहा है... थैंक्स ! ". नंदिनी ने कहा. " बस पेट और जांघों में थोड़ा दर्द है... ".
अभी उनकी बातें चल ही रही थीं कि दरवाज़ा खुला और अमन और सुरेश अंदर आ गयें और फिर अमन ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया.
" ये लो... आ गयें दोनों कमीने ! चूत मुँह लग गई है इनके... अब पूरी छुट्टीयां तंग करेंगे हमें ! ". अपनी अंदर कि खुशी छुपाते हुए सोनाली ने हँसते हुए कहा.
अमन और सुरेश ने कमरे में आते ही अपने अपने सारे कपड़े उतार फेंके और नंगे बदन पलंग पर टूट पड़े. सोनाली भी अपनी नाईटी उतार कर नंगी हो चुकी थी पर नंदिनी ने अभी भी कपड़े पहने हुए थें.
" क्या हुआ... खोलो ना ? ". अमन ने सलवार के ऊपर से नंदिनी कि जांघ सहलाते हुए कहा. " और सोने वक़्त सलवार क्यूं पहनी हो ??? "
सोनाली कि हँसी छूट पड़ी पर उसने किसी तरह अपनी हँसी दबा ली और सुरेश के साथ उसके बगल में लेटी चुम्मा चाटी करने लगी.
" आज मत करो अमन भैया... ". नंदिनी ने कहा.
" क्यूं...दर्द हो रहा है क्या ??? ". अमन ने नंदिनी कि सलवार के बीच दबी चूत कि ओर इशारा करके पूछा.
" दर्द तो है. ". नंदिनी ने शर्माते हुए कहा. " कल रात को मैंने क्या कहा था भूल गये अमन भैया ? ".
" कौन सी बात ? ". अमन ने नंदिनी कि कमर में चिकोटी काटते हुए कहा. " रात को तो आह उह के अलावा तुम्हारे मुँह से कुछ निकल ही नहीं रहा था. ".
" मुझे Periods हुआ है ! ". नंदिनी झट से बोल कर चुप हो गई.
" बेचारी !!! ". सुरेश ने सोनाली को चूमना छोड़ कर अपनी बहन नंदिनी कि ओर देखते हुए कहा और फिर हँसने लगा.
" क्यूं तंग कर रहे हो अपनी बहन को ? ". सोनाली ने प्यार से सुरेश के गाल पर एक थप्पड़ मारा और उसका चेहरा अपनी ओर घुमा कर फिर से उसे चुमने लगी.
" So Sweet ! ". अमन को नंदिनी कि मासूमीयत पर प्यार आ गया, उसने आगे बढ़ कर उसके ललाट को चुम लिया और फिर बोला. " Don't Worry... आज सारी रात हम सिर्फ मीठी मीठी बातें करेंगे. ".
अमन कितना Caring है ये देख कर नंदिनी का दिल भर आया. अब जब वो इतना कुछ कर रहा था तो उसका भी कुछ फर्ज़ बनता था. वो अपनी कुर्ती उतारने लगी.
" अरे... ये क्या कर रही हो... Relax ! ". अमन ने उसे रोका.
" It's Okay बाबा... सेक्स नहीं कर सकते पर कपड़े तो खोल सकती हूं... आपको थोड़ा अच्छा महसूस होगा अमन भैया ! ". नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर अपनी सलवार का नाड़ा खोलने लगी.
अपने टांगों से नंदिनी ने सलवार निकाल फेंका, अब उसकी चुचियाँ एकदम नंगी थी और नीचे उसने Cotton कि सफ़ेद रंग कि टाईट पैंटी पहन रखी थी. अमन ने नंदिनी के होठों से अपने होंठ सटा कर एक लम्बा चुंबन लिया और फिर नीचे झुक कर उसकी नाभी को चुमा, उसकी पैंटी का Elastic वाला बॉर्डर सूंघा, पैंटी के ऊपर से उसकी पैड लगी चूत को हल्के से चुमा और फिर उसकी गोद में सिर रख कर लेट गया.
" पता है अमन भैया... जब से आपने मुझे चोदा है, मेरी चूत का छेद बंद ही नहीं हो रहा, फट कर फ़ैल गया है. और ऊपर से ये Heavy Flow !!! चूत का बारह बज रखा है मेरे ! ". नंदिनी ने अपने जांघों पर सोये अमन के सिर के बालों में उंगलियां फेरते हुए शिकायत भरे लहजे में कहा.
" Heavy Flow मतलब ??? ". अमन ने पूछ लिया .
" धत्त !!! आपको हम लड़कियों कि सारी बातें नहीं समझनी होगी ! ". शर्म से नंदिनी के गाल लाल हो गयें.
" ये लो... शहर में रह कर भी इन भाई साहब को Heavy Flow के बारे में नही पता ! ". सुरेश ने हँसते हुए कहा और सोनाली कि चुचियां दबाने लगा.
नंदिनी ने हाथ बढ़ा कर अपने भाई सुरेश के पीठ पर एक चमाट मारा तो सोनाली हँसने लगी, और बोली. " यार नंदिनी, ये दोनों इतने गंदे निकलेंगे सोचा नहीं था. पहले कितना चुपचाप रहते थें दोनों ना ? ".
" यार तूम लोग आज कुछ नहीं करोगे तो जाओ ज़रा बाहर घूम घाम के आओ... हमें तो चैन से करने दो ! ". सुरेश ने सोनाली कि खुली चूत को सहलाते हुए कहा, सोनाली उसका खड़ा लण्ड अपने हाथ में लेकर धीरे धीरे मसल रही थी.
" किसने कहा कि हम कुछ नहीं करेंगे ??? ". नंदिनी ने उन दोनों कि ओर देखे बिना ही कहा और अपनी एक चूची अमन के मुँह में देते हुए बोली. " आज मैं अमन भैया को अपना दूध पिलाउूंगी ! ".
" पिलाओ... शायद उसी से बेचारे के खड़े लण्ड को थोड़ी राहत मिल जाये. ". सुरेश ने फिर से ताना कसा और हँसने लगा.
" अब बस करो... बहुत हुआ मज़ाक . उन्हें छोड़ दो उनके हाल पे... ". सोनाली ने सुरेश को अपने ऊपर खींचते हुए कहा. " आओ चोदो... ".
" आज कोई और पोज़ Try करें ? ". सुरेश ने सोनाली कि गांड़ सहलाते हुए कहा.
उधर नंदिनी कि चूची चूसते चूसते अमन का लण्ड खड़ा होकर फड़कने लगा था. उसने एक हाथ से अपना लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे मूठ मारने लगा.
" अब तो लण्ड का सुपाड़ा खोलने में कोई परेशानी नहीं हो रही ना अमन भैया ? ". नंदिनी ने अमन के गालों पर अपनी उंगलीयां फेरते हुए पूछा.
" नहीं... कल रात से इसे खुला ही छोड़ दिया है. अभी आदत नहीं है ना तो थोड़ा अजीब लग रहा है. खास कर पैंट पहने हुए होने पर जब सुपाड़ा पैंट से सट रहा है तो बहुत ज़्यादा Sensation हो रहा है. ". अमन ने नंदिनी का निप्पल मुँह से निकाल कर बताया और फिर वापस से उसका दूध पीने लगा.
" 3 - 4 दिन में ठीक हो जायेगा. मैं तो हमेशा सुपाड़ा खोल कर ही रखता हूं... मज़ा आता है ! ". सुरेश ने कहा. सोनाली उसके सामने कुतिया बनी अपनी गांड़ उठाये पड़ी थी और सुरेश अपने घुटनों पे टिका पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड सेट कर रहा था.
कुछ ही देर में पलंग हिलने लगा और सोनाली कि धीमी सिसकियों और कराहटों से अमन समझ गया कि सुरेश ने उसकी बहन को चोदना चालू कर दिया है, पर उसने उन दोनों कि तरफ देखा भी नहीं, और नंदिनी कि चूची चूसने में ही लगा रहा. नंदिनी से बस एक हाथ भर कि दुरी पर उसका सगा भाई सोनाली को चोद रहा था, भला नंदिनी देखे बिना कैसे रहती, ना चाहते हुए भी पहले तो वो तिरछी नज़रों से उन्हें देखती रही, और जब देखा कि दोनों आपस में ही मगन लगे पड़े हैं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला तो वो अब खुल कर उनकी पेलम पेलाई देखने लगी !
नंदिनी तो जैसे खो सी गई थी, उसे तब होश आया जब करीब दो तीन मिनट के बाद उसने महसूस किया कि उसका निप्पल अमन के मुँह से निकल आया है. उसने नीचे देखा तो क्या देखती है कि अब अमन उसकी गोद से उठ कर बैठ गया है और अपनी आँखे फाड़े सुरेश और सोनाली को देख रहा है और धीरे धीरे अपना लण्ड अपने हाथ में थामे रगड़ मसल रहा है.
अमन जहाँ से देख रहा था, उसे अपनी बहन सोनाली सामने कुतिया बनी दिख रही थी, उसकी चूत की झलक तो उसे नहीं मिल रही थी , बस बड़ी सी गांड़ दिख रही थी, पीछे से सुरेश उसके कुल्हे पकड़े हुए उसकी जांघों के बीच में धक्के मार रहा था, हर धक्के पे सोनाली के नीचे लटक रहे मम्मे आगे पीछे आगे पीछे हिलते हुए झूल रहें थें. आश्चर्य की बात तो ये थी की अमन को एक पल के लिये भी ऐसा नहीं लग रहा था की वो अपनी सगी बहन को देख रहा है. सेक्स के दौरान लड़कियों के चेहरे कितने बदल जाते हैं, हर लड़की, चाहे वो आपकी गर्लफ्रेंड हो या सगी बहन, सेक्स के वक़्त उसके चेहरे पे बस एक असीम त्रिप्ती और चरम वासना के भाव ही दीखते हैं, और कुछ नहीं ! सोनाली और किसी अवस्था में उसकी सगी बहन होगी, पर अभी तो अमन के लिये वो बस एक लड़की मात्र थी, सुडौल गदराये बदन वाली लड़की, जिसे अगर नंगा ना देखो तो यकीन ही नहीं होगा की बिना कपड़ों के वो इतनी सुंदर लगती होगी. वैसे पिछली रात भी तो अमन ने अपनी बहन को नंगा देखा था, पर उस रात की बात अलग थी, नंदिनी जो उसका साथ देने के लिये उसके साथ थी. और शायद यही वजह थी की आज उसने अभी अभी अनजाने में गौर किया था की उसकी अपनी सगी बहन सोनाली क्या चीज़ है !!!
नंदिनी की नज़र जब अमन के लण्ड पर पड़ी तो वो समझ गई की अमन अपनी ही सगी बहन को चुदवाते देख गरम हो रहा है, उसके लण्ड का सुपाड़ा फूल कर लाल हो गया था, नंदिनी को पता था की अगर अमन ऐसे ही मूठ मारता रहा तो अब उसका वीर्यपात हो जायेगा !
अमन के लिये अब और बर्दास्त कर पाना संभव नहीं था, अचानक से वो पलट कर नंदिनी के ऊपर चढ़ गया, नंदिनी इसके लिये एकदम ही तैयार नहीं थी. अमन ने नंदिनी के होंठों का एक छोटा सा चुंबन लिया और उसके बदन से चिपका अपना खड़ा लण्ड उसकी पैंटी में लिपटी चूत पर घिसने लगा. इससे पहले की नंदिनी कुछ समझ पाती, उसने महसूस किया की उसकी पैंटी और जांघों पर अमन के लण्ड ने गाढ़े वीर्य की उल्टी कर दी है ! बेचारी नंदिनी अब करती भी क्या, अमन का पीठ सहला सहला कर उसे शांत करने लगी.
" Sorry Baby... ". दो मिनट के बाद अमन ने नंदिनी के गाल चुमे और एक गहरी साँस लेते हुए उसके बदन से अलग हो गया.
नंदिनी ने नीचे देखा तो उसकी पूरी पैंटी, पेट और जांघे वीर्य से सनी पड़ी थी. एक तो बेचारी की चूत में वैसे ही आज गीलापन था और अब ऊपर से अमन की ये बचकानी करतूत ! उसने पास ही पड़ी अपनी सलवार उठा ली और खुद को उसी से किसी तरह पोछ पोछ कर साफ करने लगी.
अमन की फूलती हुई सांस जब थोड़ी सी नार्मल हुई तो उसने फिर से अपनी नज़रें अपनी बहन पर गड़ा दी. पर इस बार उसने देखा की चुदती हुई सोनाली भी अब उसी को देख रही थी, दरअसल उसे नहीं, उसके अभी अभी झड़े हुए लण्ड को ! निर्लज्ज सा अमन अपनी सगी बहन के सामने अपना नंगा लण्ड लिये बिस्तर पर बैठा रहा, उसके सुपाड़े से वीर्य की एक पतली सी सफ़ेद धार चू कर नीचे चादर पर गिर रही थी. उसने अपनी बहन की आँखों से एक बार आँखे मिलाई और फिर बिना किसी लाज शर्म के उसकी गांड़ देखने लगा जिसमें सुरेश अभी भी Shots पे Shots मारे जा रहा था.
कहते हैं की सेक्स के दौरान शरीर की सारी की सारी इंद्रीयां अत्यंत संवेदनशील हो जाती हैं, आँख, नाक, दिमाग, कान, सभी. सोनाली को भी अपने सगे भाई की मनोभावना समझते देर ना लगी. बेचारे की प्रेमिका को माहवारी हुई थी और उसकी अपनी सगी बहन अपने फूफेरे भाई के साथ उसी के सामने एक ही बिस्तर पर रंगरेलियां मना रही थी... ऐसे में कोई लड़का भला भाई बहन का रिश्ता निभाये या अपनी वासना शांत करने के उपाय खोजे !!!
" भैया... मुझे कर लो !!! ". सोनाली ने अमन से कहा.
अमन को अपने सुने पर यकीन नहीं आया, बेवकूफ़ की तरह मुँह फाड़े वो अपनी बहन को देखता रहा.
" It 's Okay भैया... आ जाओ !!! ". सोनाली ने अमन को दिलासा दिया. फिर पीछे मुड़ कर सुरेश को देखते हुए बोली. " सुरेश भैया... अपने दोस्त को भी थोड़ा चोदने दो ! ".
सोनाली के मुँह से अपने सगे भाई के बारे में ऐसी बात सुन कर सुरेश की तो जैसे साँस ही रुक गई , एक बहन अपने सगे भाई को चोदने के लिये आमंत्रित कर रही है, ये Feeling मात्र ही उसके लिये इतनी Hot थी की वो खुद को रोक नहीं पाया और ठीक उसी पल उसका शीघ्रपतन हो गया. अपनी चूत में वीर्य भरते महसूस करती सोनाली को सुरेश की बेकरारी पर तरस आ गया और वो सेक्स के ऐसे चरम क्षण में भी खिलखिला कर हँस पड़ी ! अपना लण्ड सोनाली की चूत से बाहर निकाल कर सुरेश बिस्तर पर एक तरफ बैठ गया.
" क्या हुआ भैया... करो ना !!! ". कुतिया स्टाइल में अपने दोनों हाथों और घुटनों पर टिकी सोनाली ने अपनी गांड़ हिलाते हुए अपने सगे भाई अमन को फिर से टोका.
अमन की तो जैसे सोचने समझने की शक्ति ही खत्म हो गई थी. चुपचाप वो सोनाली के पीछे आ गया और पहली बार अपनी सगी बहन की चूत पर अब उसकी नज़र गई. सोनाली की चूत फूल कर पावरोटी हो गई थी और उसका छेद फट कर करीब 3 - 4 इंच खुल गया था. अपनी सगी बहन की कुंवारी चूत के दर्शन तो अमन को अब नहीं हो सकते थें, सो वो बस अनुमान भर लगा सकता था की सुरेश से चुदवाने से पहले उसकी सील पैक चूत कैसी दिखती रही होगी !
" एक मिनट रुको भैया... ". सोनाली ने कहा और फिर अपनी गांड़ को थोड़ा पीछे करके ज़ोर लगाया तो ढ़ेर सारा गाढ़ा मोटा वीर्य का जमा हुआ थक्का उसकी चूत से फलफला कर निकल आया और नीचे चादर पर चूने लगा.
नंदिनी ने अपनी सलवार, जिसमें उसने कुछ देर पहले अमन का वीर्य पोछा था, अमन की ओर फेंक दिया. उसी वक़्त बस एक पल के लिये अमन और नंदिनी की आँखे मिली, नंदिनी एकदम चुप और शांत थी, उसकी आँखों में एक अजीब तरह का कौतुहल था, शायद ये देखने का की सगे भाई बहन कैसे सेक्स करते हैं !!!
" हाँ... अब करो भैया ! ". अपनी चूत से सुरेश का सारा का सारा वीर्य बाहर उढ़ेल कर सोनाली ने पीछे अमन को देखते हुए अपने चूतड़ हिलाये.
नंदिनी की सलवार हाथ में लेकर अमन अपनी सगी बहन की चूत अच्छे से पोछ कर साफ करने लगा. सोनाली को पहले तो थोड़ा बुरा लगा की भला उसका भाई उसकी चूत क्यूं साफ़ कर रहा है, इतनी नौटंकी क्यूं, चूत तो चूत होती है, गंदा और साफ़ क्या, वो भी चोदने के टाईम ??? मगर फिर उसे लगा की शायद उसके भाई को उसकी चूत में लगे किसी गैर मर्द के माल से घिन आ रही हो और इसलिए वो उसकी चूत पोछ रहा हो !........................
सगी बहन की चूत कोई अलग चूत नहीं होती, ये अमन को तब महसूस हुआ जब उसने सोनाली की चूत में अपना लण्ड डालना शुरू किया. Infact, उसे अपनी सगी बहन और ममेरी बहन की चूत में कोई फर्क तो नज़र नहीं आ रहा था, बस उसकी सगी बहन सोनाली की चूत Shaved थी और उसकी ममेरी बहन नंदिनी के चूत पर झांट थें !
पास ही बैठे भाई बहन सुरेश और नंदिनी बिना पलक झपकाये अपनी साँसे रोके देखते रहें जब सामने अमन ने अपनी सगी बहन सोनाली की कमर पकड़ कर उसे धीरे धीरे पेलना आरंभ किया. सुरेश और नंदिनी जानते थें की ज़ल्दी ही अमन अपनी सगी बहन की चूत को माल से भर देगा !
सोनाली को अपने सगे भाई का लण्ड खुब भाया, सुरेश के लौड़े से थोड़ा छोटा जो था और उसकी चूत में एकदम चौकस फिट बैठ रहा था. वो सोचने लगी की पिछली रात अगर सुरेश की बजाय उसके सगे भाई ने ही उसे पहले चोदा होता तो उसकी कमसिन चूत की आज ये दुर्गती ना हुई होती.
अपनी आँखे मुंदे सोनाली कुतिया की तरह अपनी गांड़ ऊपर उठाये अपने सगे भाई से चोदवा रही थी. बीच बीच में वो पीछे मुड़ कर अमन को देख लेती थी, पर अमन आँखे बंद किये हुए ही उसकी चूत मारे जा रहा था. शायद वो अपनी आँखे खोल कर इस सच्चाई का सामना नहीं करना चाहता था की वो अपनी सगी बहन को चोद रहा है और आँखे बंद किये हुए बस इस भ्रम का आनंद लेना चाहता था की वो सिर्फ और सिर्फ एक चूत के अंदर है !!!
उधर ये सब देख कर भाई बहन की दूसरी जोड़ी सुरेश और नंदिनी भी गरम होने लगे थें. सुरेश अपना झड़ा हुआ लण्ड धीरे धीरे हिला रहा था और उसकी बहन नंदिनी अपनी आँखे बंद किये हुए अपने एक हाथ से अपनी टाईट चुचियाँ दबा रही थी. मन तो उसका बहुत कर रहा था की अपनी पैंटी में हाथ डाल कर या फिर पूरी पैंटी ही खोल कर थोड़ा सा अपनी चूत को भी सहला ले, पर बेचारी आज के दिन मज़बूर जो थी !
सुरेश के मन में ना जाने क्या आया या फिर यूँ कहिये की परिस्थिति के वशीभूत हो भावनाओ में बह कर उसने अनायास ही अपना दूसरा हाथ अपनी बगल में लेटी अपनी बहन नंदिनी के नंगे जांघ पर रख दिया. उसने कुछ देर बिना कोई हरकत किये नंदिनी की प्रतिक्रिया का वेट किया, पर नंदिनी तो अपने आप में इतनी खोई हुई थी की उसे तो इसका एहसास तक ना हुआ. वो तो उसे तब होश आया जब अचानक उसने अपनी पैंटी के अंदर किसी के हाथ को सरकते हुए महसूस किया. उसने अपनी आंखे खोली तो देखा की उसका भाई सुरेश अपना हाथ उसकी पैंटी में घुसा रहा है ! उसने झट से उसका हाथ पकड़ कर उसे रोका, और देखा की उसके दूसरे हाथ में उसका लण्ड ठनक कर पूरा खड़ा हो चुका है.
अब क्या करें, परिस्थिति ही ऐसी बन पड़ी थी की जिस तरह से वो गरमा गई थी उसी तरह से उसके भाई को भी सेक्स चढ़ गया था. उसने बिना कुछ बोले अपने भाई का हाथ उठा कर अपनी पैंटी के ऊपर रख लिया, आज के दिन पैंटी के अंदर हाथ डलवाने में तो बेचारी की मुसीबत थी, पर पैंटी के ऊपर ऊपर तो छू छा करने की कोई मनाही नहीं थी ! अपनी सगी बहन की नरम चूत की एक हल्की सी छुवन मात्र पैंटी के ऊपर से महसूस करते ही सुरेश का लण्ड उसके हाथ में ही उफन पड़ा और उसका सारा वीर्य उसी के पेट और जांघों पर गिर गया !!!
अचानक से हुए इस वीर्यपात से सुरेश अंदर तक सिहर उठा और काँपते हुए अपनी बहन की ओर मुड़ कर उससे लिपट गया. नंदिनी ने उसका पूरा साथ दिया, उसे पता था की इस वक़्त उसे खुद को जितनी सांत्वना की ज़रूरत थी उतनी ही उसके सगे भाई को. उसने सुरेश का झड़ा हुआ लण्ड अपनी दोनों मांसल जांघों के बीच घुसा कर दबा लिया ताकि लण्ड की तड़प थोड़ी कम हो जाये, और सुरेश का चेहरा अपनी दोनों चुचियों के बीच छुपा लिया. अपनी बहन के चुचियों, उसकी बाहों और उसकी पतली गर्दन की गंध सुरेश को इतनी पसंद आई को वो अपनी बहन के बदन से और भी चिपक गया. नंदिनी के टाईट खड़े निप्पल उसके गाल से सटे तो उसने अपना मुँह थोड़ा सा घुमा कर उसके निप्पल को चुम लिया, नंदिनी समझ गई की उसके भाई को क्या चाहिये, उसने अपनी चूची पकड़ कर सुरेश के मुँह में दे दी तो सुरेश चप चप आवाज़ करते हुए अपनी सगी बहन का दूध पीने लगा !!!
इधर अपने भाई के ताबड़तोड़ चोदन - थपेड़ों से सोनाली अपने हाथों का बैलेंस संभाल नहीं पाई थी और नीचे तकिये पर गिर कर तकिया समेत पलंग के किनारे आ गई थी. उसके चेहरे पर जैसे तैसे बिखरे काले बाल देख कर ऐसा लग रहा था जैसे की किसी नई नवेली दुल्हन को उसके दूल्हे ने पूरी रात तंग किया हो ! अमन ने अपने दोनों हाथ उसके पेट से लपेट कर उसकी गांड़ को अभी भी अपनी पूरी ताकत से ऊपर उठाये रखा था ताकि वो पलंग से नीचे ना गिर जाये और उसी अवस्था में उसे चोदे जा रहा था.
अमन का अंडकोष फूल कर दुखने लगा था, उसके लिये अपने माल को और देर तक लण्ड में रोके रखना संभव नहीं था. उसने अपनी बहन की कमर मजबूती से पकड़ कर अंतिम के कुछ धक्के बेहद ज़ोर से लगाए और फिर अपना लौड़ा बाहर निकाल कर पलंग से उछल कर नीचे ज़मीन पर खड़ा हो गया और मूठ मार कर अपना माल ज़मीन पर गिरा दिया ! सोनाली ने सोचा नहीं था की उसका भाई ऐसा कुछ करेगा, वो तो सोच रही थी की अमन उसकी बच्चेदानी में ही स्खलित हो जायेगा . और तो और, उस बेवकूफ़ ने ऐसे समय में अपनी बहन का साथ छोड़ा था जब की उसका खुद का भी पानी निकलने के करीब था ! सोनाली तुरंत बिस्तर पर पलट कर अपने पीठ के बल लेट गई और और अपनी एक ऊँगली अपनी चूत में ठूस कर जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगी. उसकी हरकत देख कर अमन को अपनी गलती का एहसास हो गया, उसे अपनी बहन को पानी छोड़ते टाईम इस तरह से अकेला नहीं छोड़ना चाहिये था. वो कूद कर पलंग पर चढ़ गया और अपनी बहन की चूत से उसकी ऊँगली निकाल कर वापस से अपना झड़ता हुआ लण्ड उसकी चूत में खोंस कर उसे पेलने लगा !!!
" भैया... आआह्ह्ह्ह... अबकी बार प्लीज मत रुकना... आअह्ह्ह्हह ममममममम हाय मेरी चूत... मम्मी !!! ". सोनाली को तो जैसे जन्नत मिल गई हो. एकदम सही समय पर उसके भाई ने वापस से उसे चोदना शुरू किया था. एक मिनट के बाद उसने अपनी गांड़ उठा कर अमन को रुकने का इशारा किया, अमन जैसे ही उससे अलग हुआ, उसकी चूत से छरछरा कर पानी का फव्वारा छूट पड़ा !
सोनाली का चरमोत्कर्ष इतना गहरा था की वो अंदर तक सिहर उठी थी और उसका पूरा बदन अकड़ गया था. उसकी आँखों से आंसू निकल आये और वो अपने हाथ से अपनी चूत दबाये फफक फफक कर रोने लगी ! अमन ने अपनी बहन को आज तक कभी भी इस तरह से फूट फूट कर रोते हुए नहीं देखा था. वो उसकी बगल में लेट गया और उसका सिर अपनी बाहों में लेकर उसे सहला बहला कर शांत करने लगा. जब सोनाली थोड़ी सी शांत हुई तो उसने उसके आंसूओ से भीगे गीले गालों को खुब चुमा. उसके चुंबनों में सेक्स की भावना नहीं थी, बल्कि एक भाई का अपनी बहन को सांत्वना देने का मीठा प्रयास था.
" Sorry सोनाली, मुझे तुम्हें चोदना नहीं चाहिये था. हो सके तो मुझे माफ़ कर देना ! ". अमन का वीर्य निकल जाने से अब जब उसकी वासना शांत हुई तो उसे ना जाने क्यूं अपने किये पर पछतावा होने लगा.
" ऐसा मत कहो भैया... भाई बहन के बीच हुए सेक्स में ग्लानि की कोई जगह नहीं होती. ये सम्बन्ध उतना ही पवित्र है जितना एक पति पत्नी का होता है ! ". सोनाली ने सुबक सुबक कर रोते हुए कहा.
अमन को मालूम नहीं था की उसकी बहन की बातों का Logic कितना सही या गलत है, पर उसे इस बात की खुशी थी की उसकी बहन के मन में कोई मलाल नहीं था और अभी अभी जो कुछ भी हुआ था उससे उन दोनों के भाई बहन के पावन रिश्ते में कोई फर्क नहीं पड़ा था. उसने अपनी रोती हुई बहन के आंसू पोछे और प्यार से उसे चुम लिया, फिर दोनों थक कर एक दूसरे की बाहों में वैसे ही नग्न अवस्था में सो गयें !!!
इधर सुरेश अपनी बहन का दूध पीते पीते कब सो गया था उसे कुछ पता ही ना चला. नंदिनी की भी आँख लग गई थी. अचानक जब सुरेश के खुले हुए मुँह से नंदिनी का निप्पल बाहर निकल आया तो उसकी नींद खुल गई. नंदिनी भी उठ गई. उसने अपनी जांघों के बीच से सुरेश का लण्ड बाहर निकाला जो की अब एकदम ढीला पड़ चुका था. दोनों ने देखा की बगल में भाई बहन अमन और सोनाली एक दूसरे से लिपटे सो रहें थें.
" अमन उठ... बहुत रात हो गई है... चल चल..ज़ल्दी ! ". सुरेश ने अमन को झकझोर कर उठाया.
आज की रात जो कुछ भी हुआ था उसके बारे में किसी ने कोई बात नहीं की. जाते जाते अमन और सुरेश ने नंदिनी की चूत को उसकी पैंटी के ऊपर से ही चुमा और फिर बारी बारी से सोनाली को Kiss किया.
उनके जाने के बाद सोनाली और नंदिनी ने देखा की पलंग का चादर सोनाली के चूत के पानी से पूरी तरह भीग गया था. दोनों एक साथ हँसने लगी.
" मैं दूसरी चादर बिछा देती हूं ! ". सोनाली ने कहा.
" मैं नीचे बाथरूम से पैड चेंज करके आती हूं ! ". नंदिनी ने पैंटी में अपनी चूत को दबाते हुए कहा. " पूरा गीला हो रखा है यार... चूत का बुरा हाल है !!! ".
Bahut bahut dhanyawad apka bhai. Readers ka reaction aur appreciation hi ek kahani ko acha banata hai nahi to kahani kuch bhi nahiSuperb yaar bahut hi mast update tha , bhai behan ke bich ka vo rishta aur pyar ko app ne jis tarha likha ek dum dil ko.chu dene wali story hai mazza agaya bhai .