Lajawab updateवीआईपी बैरक के पास दो महिला गार्ड खड़ी थी। शिफा उसके पास रुकी। उसने शिफा के हाथ में एक चाबी दी। शिफा ने चाबी ली और आगे बढ़ गई। किंजल चुपचाप तेज कदमों से धड़कते दिल से उसके पीछे पीछे चली जा रहीं थी। सभी वीआईपी बैरकों को पार करके आखिर में एक छोटा सा बैरक था। शिफा ने बाहर से उसका ताला खोला। और किंजल की तरफ देखा। शिफा अंदर गई और किंजल भी उसके पीछे पीछे आ गई। अंदर दीवारों में स्लैब बने हुए थे जिनमे अलग अलग सामान रखा हुआ था। शिफा ने कुछ तौलिए और एक बैग उठाया। तौलिए किंजल के हाथ में पकड़ाए। शिफा ने किंजल के चेहरे को हाथो में पकड़ के अपने नजदीक किया। " देख अभी जिस बैरक में जा रहे हैं वो एक करोड़पति वीआईपी है।वो जैसा बोलेगी वैसा करना है।" किंजल का रंग सफेद पड़ता जा रहा था। दिल जैसे छाती से बाहर आने को था। "ज्यादा नखरे नही करने है।छोटी सी भी गलती हुई या किसी चीज को मना किया तो मैं भी तुझे नही बचा पाऊंगी। यहां से सीधा रास्ता फिर मौसी तरफ ही लेके जायेगा। आज के काम से ही मौसी को पहली किस्त जाने वाली है।" शिफा ने किंजल के माथे पे चूमा।किंजल की डर और पसीने से हालत खराब हो रही थी।शिफा ने किंजल की बालों में DO लगाया और खुद को लगाया। शिफा वापिस निकली। वापिस ताला लगाया और बैरकों की तरफ बढ़ने लगी।
एक बैरक की तरफ आके उसने दरवाजा को चाभी से खड़काया। बैरक के दरवाजे पर एक परदा टंगा हुआ था। परदा हटा के एक औरत ने बाहर देखा। शिफा को देखते ही दरवाजा खोल दिया। दोनो अंदर गए। और दरवाजा बंद कर दिया। किंजल ने पहली बार कोई वीआईपी बैरक अंदर से देखा था। ये उसके नए वाले बैरक जितना ही बड़ा था। एक क्वीन साइज का बेड लगा था जिसमे मच्छरदानी भी लगी थी। कूलर रखा हुआ था। बेड के साइड टेबल पे खाली ग्लास पड़ा था। साफ झलक रहा था कि इसमें किसी ने शराब पी थी।
दो सिंगल सोफे रखे थे। बेड पे इंद्रा पटेल बैठी थी। हल्के नीले रंग की नाइटी पहनी थी घुटनों तक। हाथ में एक मैगजीन थी। आंखों से पता चल रहा था नशे में है। इंद्रा ने मैगजीन साइड में रखी और किंजल को ऊपर से नीचे देखने लगी। किंजल को उसकी नजर बड़ी अजीब सी लग रही थी। शिफा ने बैग बेड पे रखा। किंजल के हाथ से तौलिए पकड़े।धीरे से उसके कान के पास बोली। "अपनी सलवार और कुर्ती उतार।" और घूर के किंजल को देखा। किंजल ने घबरा के अपनी कुर्ती और सलवार दोनो उतार दी। इंद्रा के चेहरे पे एक मुस्कान आ गई। शिफा इंद्रा के बेड के पास खड़ी हो गई। "मैडम शुरू करे?" इंद्रा बेड के किनारे पे आई। पैर नीचे किया। खड़ी हुई। और शिफा को तरफ पीठ करके घूम गई। शिफा ने उसकी नाइटी की जिप खोली और नाइटी निकल दी। नाइटी के नीचे इंद्रा पूरी नंगी थी।
शिफा ने बैग से 2 शीशी निकाली। जिनमे में तेल था। इंद्रा बेड पर बैठ गई। शिफा ने एक शीशी किंजल को पकड़ाई। और इशारे से बेड पर आने को कहा। किंजल बेड पर चढ़ गई। इंद्रा बैठ गई। "फटाफट मैडम के सर और बालों की मैसेज कर।" किंजल हिचकिचाई। उसने कभी किसी के बालो में तेल नही लगाया था। किसी और क्या खुद के बालों में भी नही लगाया था। किसी तरह उसने इंद्रा के बालो में तेल लगा के उंगलियों से मालिश करना शुरू किया। "ज्योति चल अपने काम पे लग" शिफा दरवाजे के पास बैठी औरत को बोली। वो फटाफट उठी। अपनी साड़ी अलग की। और शिफा के हाथ से तेल लेकर इंद्रा के पैरों में बैठ गई। उसके पैरों में तेल लगा कर मालिश करने लगी। टांगो को पिंडलियों की मालिश करने लगी। किंजल को खुद पर घिन्न आ रही थी की वो एक नंगी औरत के सर को मसाज दे रही है। दरवाजे पे कुछ हलचल हुई। शिफा ने परदा हटा कर देखा। एक हाथ अंदर आया। शिफा के हाथ में कुछ रखा। और वापिस परदा लगा दिया। शिफा ने अपने मुंह में सिगरेट लगाई। और लाइटर से जलाने लगी। सिगरेट जला कर उसने इंद्रा को दी। इंद्रा ने सिगरेट के कश लेने शुरू लिए। उसकी आंखे ऊपर चढ़ने लगी। एक सिगरेट शिफा ने सुलगा ली। ये गांझे वाली सिगरेट थी। पूरे कमरे में धुआं भर गया। किंजल किसी तरह अपनी सांसे रोक बैठी थी। उसका दम घुट रहा था। शिफा और इंद्रा मदहोश होने लगे। इंद्रा उठी। और एक हाथ से किंजल का हाथ पकड़ के उसे बेड की बैक पर पीठ लगा कर बिठा दिया। और खुद उसकी छाती पे सर रख आधी लेट गई। और अपनी सिगरेट के कश लेने लगी। ज्योति भी बेड पर आ गई। किंजल को समझ नही आ रहा था अब उसे क्या करना है। शिफा उठी और नशे में झूमती हुई किंजल के पास आई। किंजल के दोनो हाथ इंद्रा के चूचों पर रख दिए और लड़खड़ाते आवाज में बोली, "चल अच्छे से मालिश कर।" किंजल को लगा कि अब धरती फटे और उसमे वो समा जाए।
किंजल ने तेल लगे हाथो से उसके निपल्स को सहलाना शुरू किया। धीरे धीरे पुरे बूब्स को मालिश करने लगी। इंद्रा ने अपना एक हाथ किंजल की जांघ पर रख दिया और मसलने लगी। किंजल के मुंह से सिसकारी निकली। ज्योति भी बेड पर आ चुकी थी। और इंद्रा की जांघो में तेल लगा कर मालिश शुरू कर चुकी थी। उसके हाथ जांघों के जोड़ों तक मालिश कर रहे थे। इंद्रा अब कसमसाने लगी थी। सांसे तेज हो रही थी। शिफा सोफे से उठी और इंद्रा के बगल में बैठ गई। सिगरेट का धुआं उसने किंजल के मुंह पे छोड़ा। किंजल का पहले ही धुएं से दम घुट रहा था। उसकी आंखे धुएं से लाल हो रही थी। इंद्रा का वजन उसकी छाती पे था। वो हिल नहीं पा रही थी। आंखों में आंसू आ रहे थे। पर वो रोई नही।
ज्योति ने इंद्रा के घुटने मोड़ के टांगे फैलाई। किंजल को इंद्रा की chut दिखी। गोरी गोरी फांके। पर बड़ी और लटकी हुई। देख ही रही थी की ज्योति ने उसकी chut पर होंठ रख दिए। और जीभ से चाटने लगी। शिफा ने इंद्रा के हाथ से सिगरेट पकड़ी और दोनो की सिगरेट ऐश ट्रे में बुझा दी। इंद्रा के मुंह से आह निकली ही थी की शिफा ने अपने होंठ इंद्रा के होंठो पर रख दिए। इंद्रा तीनो के बीच तड़पने लगी। शिफा ने किंजल के हाथ हटाए और इंद्रा के उरोजों को मसलना शुरू कर दिया। इंद्रा अपने हाथ ऊपर ले गई और किंजल का टॉप ऊपर कर उसके चूचे मसलने लगी। किंजल को कुछ मजा नही आ रहा था। कूलर की ठंडी हवा उसके शरीर को ठंडा कर रही थी। उसे ऐसा लग रहा था जैसे कुछ जानवर उसे अपनी भूख मिटाने के लिए खा रहे है। वो बस अपने आंसू रोक कर बैठी थी। अचानक इंद्रा का शरीर कांपने लगा। उसने कस कर किंजल के चूचों मसल दिया। किंजल समझ गई इंद्रा का काम हो गया है। उधर इंद्रा ने दूसरे हाथ से ज्योति के बालो को कस कर पकड़ा और ज्योति का मुंह अपनी choot पर दबा दिया। एक फव्वारा ज्योति के मुंह में चला गया और ना चाहते हुए भी उसे निगलना पड़ा। इंद्रा की पकड़ ढीली पड़ गई। ज्योति ने अपना सर हटा लिया और लंबे लंबे सांस लेने लगी। किंजल को भी कुछ सुकून मिला। उसके चूचे लाल हो चुके थे। उसे दर्द हो रहा था। नाखून के निशान साफ दिख रहे थे उसके चूचों पर। ज्योति की आंखों में भी घिंन साफ दिख रही थी। वो भी ये सब करके खुश नहीं थी। जाने किस मजबूरी में कर रही थी।
इंद्रा ने शिफा की तरफ देखा। अपनी सांसे काबू की। और उठ कर बैठ गई। शिफा समझ गई। उसने फटाफट बेड के नीचे हाथ मारा और एक बॉक्स बाहर निकाला। बॉक्स में से एक व्हिस्की की बॉटल बाहर निकाली और 4 ग्लास में पेग बनाए। एक खुद पकड़ा और एक इंद्रा को पकड़ाया। एक किंजल के आगे किया तो न किंजल ने हाथ बढ़ाया न कुछ बोली। ज्योति की तरफ किया तो उसने भी न में सर हिला दिया। इंद्रा गांजे की फ्लाइट में थी। उसने एक सांस में पेग खतम किया। ऐसा लगा जैसे उसमे कोई नई ताकत आ गई। किंजल सुन्न सी उसके सामने नंगी छाती लिए वैसी ही बैठी थी। सब कुछ इतना अचानक हो रहा था उसे समझ ही नही आ रहा था की हुए क्या। तभी इंद्रा ने उसके टॉप के किनारे पकड़े और ऊपर किया। किंजल के हाथ अपने आप ऊपर उठ गए और इंद्रा ने टॉप बाहर निकाल दिया। उसे भी इस कमसिन कली को निचोड़ने में मजा आ रहा था।
इंद्रा अपने प्रोफेशनल कैरियर में हमेशा ऊंचाई पर रही। उसके इशारे पर सभी काम होते थे। अपने नीचे वाले लोगों को अपने रोब के नीचे दबा कर रखना उसे पसंद था। एक अलग ही संतोष मिलता था उसे। यही वो बिस्तर में करती थी। 45 पार करने के बाद भी बिस्तर में अपनी नीचे आदमी और औरत दोनो को रगड़ती थी। विदेशी जिगोलो को रगड़ने में तो उसे खास मजा आता था। पर जेल में आकर उसकी बहुत सी इच्छाओं पर लगाम लग गई थी। पर पैसों से क्या नही खरीदा जा सकता। उसी पैसे की ताकत से आज उसे ज्योति और किंजल जैसी मजबूर लड़कियों को मानसिक रूप से रोंदने में उसे मजा आ रहा था। किंजल की आंखों में भरे हुए आंसू उसे अलग ही मजा दे रहे थे।
इंद्रा ने किंजल की जांघो को कस के पकड़ और नीचे खींच लिया। और किंजल के ऊपर झुक गई। अब किंजल टॉपलेस बेड पर थी और इंद्रा डॉगी पोज में उसके ऊपर झुकी हुई थी। इंद्रा ने किंजल के निपल्स पर अपने होंठ रख दिए और मसल मसल कर चूसने लगी। गांजे का धुआं अब किंजल के सर पर चढ़ चुका था। उसका सर हल्का घूमने लगा। ऊपर से उसके चूचों पर इंद्रा का हमला उसे गरम करने लगा। इधर शिफा ने बैग से एक बैटरी ऑपरेटेड डिल्डो निकाला। और इंद्रा के पीछे आकर उसकी गांड सहलाने लगी। और डिल्डो अपने मुंह में डाल लिया। आधा मिनट डिल्डो को एक लन्ड की तरह चूसा और जब वो अच्छे से उसके थूक से गीला हो गया तो इंद्रा के choot के छेद पर रख दिया। और अंदर सरकाने लगी। धीरे धीरे 9 इंच का डिल्डो पूरा अंदर चला गया। इंद्रा किंजल को चूसने में मस्त थी। किंजल भी आंखे बंद कर मस्ती की दुनिया में डूब रही थी। डिल्डो पूरा अंदर जाने के बाद शिफा ने उसके दूसरे छोर पर बना एक बटन दबा दिया। डिल्डो में वाइब्रेशन शुरू हो गई। शुरू होते ही इंद्रा ने अपना सर ऊपर छत की तरफ उठा लिया और जोर जोर से आहें लेने लगी। मस्ती में किंजल के चूचे जोर जोर से भींचने लगी। अब किंजल को भी स्वाद आ रहा था। इंद्रा ने आंखे खोल कर शिफा को देखा। वो चुस्कियां लेकर अपना पेग पी रही थी। उसने आंखों से शिफा को कुछ इशारा किया। शिफा ने तुरंत हां में अपना सर हिलाया। शिफा ने अपना पेग रखा। और एक भरा हुआ पेग उठाया और ज्योति के पास गई। उसके कान में फुसफुसाई। ज्योति की आंखे खौफ से फैल गई। उसने आंखों में मिन्नत का भाव लाते हुए शिफा को देखा और ना में सर हिलाया जैसे भीख मांग रही हो। शिफा ने नजरंदाज किया और ग्लास ज्योति के होंठो को लगा दिया और उसके मुंह में व्हिस्की उड़ेलने लगी। पूरा ग्लास खतम होते ही शिफा उठी और और एक पेग बनाया। इस बार वाला पेग मोटा था। उसने फिर ज्योति को पेग पकड़ाया। इस बार ज्योति ने आंसुओं के साथ फिर पेग खतम किया। इतने में इंद्रा एक बार और झड़ी ,पर डिल्डो का वाइब्रेशन चल रहा था।
इंद्रा ने पलट कर ज्योति की तरफ देखा। उसके बहते आंसू देख उसकी आंखों में एक चमक और होंठो पर एक गर्व की मुस्कान आई। और वो फिर किंजल के होंठो पर झुक गई और गांड को थोड़ा और बाहर निकाला। इधर शिफा ने ज्योति को बालो से पकड़ा और उसके सर को शिफा की गांड की तरफ खींचते हुए बोली।"जितनी जल्दी निपटाएगी उतनी जल्दी यहां से जाएगी।" और उसका मुंह बालो से पकड़ के इंद्रा की गांड के छेद पे रख दिया। बहते आंसुओं के साथ उसने छेद को चाटना शुरू कर दिया। उसे उबकाई आने लगी। वो अचानक उठी और भाग कर बाथरूम की तरफ गई। उसने उल्टी की। अंदर से रोने की आवाज आ रही थी। लेकिन इंद्रा को उसके रोने से और सुकून मिल रहा था। ये वो औरत थी जिसे अपने नीचे काम करने वाला कोई पसंद आ जाए तो उसे प्रमोशन का लालच देकर, dog collar पहना कर अपना कुत्ता बना कर चुड़वाती थी। उसे तो ज्योति के आसुओं से मजा आ रहा था। उसकी मजबूरी उस कमरे में सिर्फ शिफा जानती थी। ज्योति वापिस आई। शिफा ने उसे फिर से बेड पे जाने का इशारा किया। इंद्रा किंजल के होंठो को चूसने में मस्त थी। वाइब्रेटर अब तक 3 बार उसका पानी निकाल चुका था। पर आज उसका नशा और आग चरम पर थे। बहुत दिनों बाद किसी बेबस की बेबसी को चोद रही थी वो। उसके अंदर का जानवर और भड़क रहा था। अब किंजल को वापिस होश आ रहा था। उसे अपने मुंह में अजीब सा स्वाद महसूस हुआ। तब उसने देखा कि कैसे इंद्रा उसके ऊपर चढ़ के कोमल अंगों को मसल रही है। इंद्रा का एक हाथ अब उसके शॉर्ट्स के अंदर था जो उसके choot के दाने को मसल रहा था। इंद्रा की आधी उंगली उसकी choot के अंदर थी। जो उसके g spot पर थी। जैसे ही इंद्रा ने किंजल के g spot और clit के दाने को एक साथ मसला किंजल का खुद पे कंट्रोल नही रहा। वो भूल गई कि वो एक मर्द नही औरत की बाहों में है। उसने इंद्रा को कस के अपनी बाहों में कस लिया। होंठ अपने आप इंद्रा के होंठों पर रख दिए।
उधर वापिस ज्योति के होंठ उसकी गांड के छेद पर थे। उसने किसी तरह अपने मन को मजबूत किया और अच्छे से चाटने लगी। इंद्रा अब मस्ती के समंदर में हिलोरे ले रही थी। किंजल की choot जिग्नेश ने बहुत बार मसली थी। पर आज जो इंद्रा ने किया वो उसे खुद समझ नही आ रहा था कि ये क्या हुआ। किंजल और इंद्रा एक दूसरे से लिपटे हुए थे। कूलर की हवा में भी पसीना पसीना थे। हर आधे मिनट में किंजल अब झड़ रही थी। आखिर इंद्रा की हिम्मत भी जवाब दे गई। नशा उसके दिमाग पर चढ़ चुका था और वो निढाल होने लगी। 14 orgasm होने के बाद किंजल की टांगे अब कांप रही थी। आधी बेहोशी की हालत में थी। इंद्रा निढाल होके किंजल पर गिर गई। शिफा ने उठ कर वाइब्रेटर उसकी choot से बाहर निकाला। वाइब्रेटर बाहर आते ही choot से गाढ़ा पानी बाहर निकला। शिफा ने वाइब्रेटर ज्योति को पकड़ाया। "जा धोकर ला।" ज्योति उठ कर बाथरूम के गई। अपने मुंह में कुल्ला किया। और वाइब्रेटर धोने लगी।
"मैडम काम हो गया?? आप satisfy हो?" शिफा ने इंद्रा को पूछा। इंद्रा किंजल के ऊपर से उठ कर उसकी बगल में लेट ते हुए। "मजा आ गया। जेल में आके पहली बार ऐसा स्वाद मिला है। चल एक पेग बना मेरे लिए। शिफा ने इंद्रा के ग्लास में फिर से पेग भरा और पकड़ा दिया। उधर से ज्योति भी बाहर आ गई। शिफा ने उसे इशारे से बुलाया। दोनो ने मिल के बेहोश पड़ी किंजल को पानी के छींटे मारे और उठाया। वो बेचारी खड़ी हुई। सोफे तक जाते जाते उसकी टांगे फिर जवाब दे गई। और वो वही सोफे पर गिर गई। उधर इंद्रा शराब के नशे में बडबडा रही थी। "ऐ शिफा। किसी मर्द का इंतजाम करदे। मेरी बच्चेदानी तरस गई है किसी लंबे लन्ड के धक्कों के लिए।" शिफा ने उसे नजरंदाज किया और किंजल को उठाया। किंजल अब उठ कर अपना कुर्ता पहने लगी। शिफा ने उसे शॉर्ट्स उतारने को बोला। किंजल ने शॉर्ट्स उतारे। टांगे कांप रही थी। पैंटी पूरी गीली थी। "इसे भी उतार दे। नही तो सलवार भी गीली हो जायेगी।"शिफा ने देख कर बोला। किंजल ने वैसा ही किया। और बिना पैंटी के सलवार पहन ली। ज्योति ने भी साड़ी वापिस बांध ली।
"तुम दोनो अपने बैरक में जाओ। मैं मैडम से बात करके आती हूं।" शिफा ने ज्योति को बोला।
"ए रुक। आज खुश कर दिया तुम सबने। आज दोपहर का खाना यही खा के जाओ। में मंगवाती हूं।" इंद्रा ने बीच में टोक कर बोला। "नही मैडम। इसकी क्या जरूरत है। आप आराम करो।" शिफा ने बोला।
"एक बार बोला ना।" इंद्रा ने रोब से कहा।। शिफा वही सोफे पर बैठ गई। इशारे से किंजल और ज्योति को भी वही बिठा लिया।
इंद्रा नंगी बेड से उठी। ग्लास रखा। और अपनी ब्रा पैंटी
पहनने लगी।
Nice update....वीआईपी बैरक के पास दो महिला गार्ड खड़ी थी। शिफा उसके पास रुकी। उसने शिफा के हाथ में एक चाबी दी। शिफा ने चाबी ली और आगे बढ़ गई। किंजल चुपचाप तेज कदमों से धड़कते दिल से उसके पीछे पीछे चली जा रहीं थी। सभी वीआईपी बैरकों को पार करके आखिर में एक छोटा सा बैरक था। शिफा ने बाहर से उसका ताला खोला। और किंजल की तरफ देखा। शिफा अंदर गई और किंजल भी उसके पीछे पीछे आ गई। अंदर दीवारों में स्लैब बने हुए थे जिनमे अलग अलग सामान रखा हुआ था। शिफा ने कुछ तौलिए और एक बैग उठाया। तौलिए किंजल के हाथ में पकड़ाए। शिफा ने किंजल के चेहरे को हाथो में पकड़ के अपने नजदीक किया। " देख अभी जिस बैरक में जा रहे हैं वो एक करोड़पति वीआईपी है।वो जैसा बोलेगी वैसा करना है।" किंजल का रंग सफेद पड़ता जा रहा था। दिल जैसे छाती से बाहर आने को था। "ज्यादा नखरे नही करने है।छोटी सी भी गलती हुई या किसी चीज को मना किया तो मैं भी तुझे नही बचा पाऊंगी। यहां से सीधा रास्ता फिर मौसी तरफ ही लेके जायेगा। आज के काम से ही मौसी को पहली किस्त जाने वाली है।" शिफा ने किंजल के माथे पे चूमा।किंजल की डर और पसीने से हालत खराब हो रही थी।शिफा ने किंजल की बालों में DO लगाया और खुद को लगाया। शिफा वापिस निकली। वापिस ताला लगाया और बैरकों की तरफ बढ़ने लगी।
एक बैरक की तरफ आके उसने दरवाजा को चाभी से खड़काया। बैरक के दरवाजे पर एक परदा टंगा हुआ था। परदा हटा के एक औरत ने बाहर देखा। शिफा को देखते ही दरवाजा खोल दिया। दोनो अंदर गए। और दरवाजा बंद कर दिया। किंजल ने पहली बार कोई वीआईपी बैरक अंदर से देखा था। ये उसके नए वाले बैरक जितना ही बड़ा था। एक क्वीन साइज का बेड लगा था जिसमे मच्छरदानी भी लगी थी। कूलर रखा हुआ था। बेड के साइड टेबल पे खाली ग्लास पड़ा था। साफ झलक रहा था कि इसमें किसी ने शराब पी थी।
दो सिंगल सोफे रखे थे। बेड पे इंद्रा पटेल बैठी थी। हल्के नीले रंग की नाइटी पहनी थी घुटनों तक। हाथ में एक मैगजीन थी। आंखों से पता चल रहा था नशे में है। इंद्रा ने मैगजीन साइड में रखी और किंजल को ऊपर से नीचे देखने लगी। किंजल को उसकी नजर बड़ी अजीब सी लग रही थी। शिफा ने बैग बेड पे रखा। किंजल के हाथ से तौलिए पकड़े।धीरे से उसके कान के पास बोली। "अपनी सलवार और कुर्ती उतार।" और घूर के किंजल को देखा। किंजल ने घबरा के अपनी कुर्ती और सलवार दोनो उतार दी। इंद्रा के चेहरे पे एक मुस्कान आ गई। शिफा इंद्रा के बेड के पास खड़ी हो गई। "मैडम शुरू करे?" इंद्रा बेड के किनारे पे आई। पैर नीचे किया। खड़ी हुई। और शिफा को तरफ पीठ करके घूम गई। शिफा ने उसकी नाइटी की जिप खोली और नाइटी निकल दी। नाइटी के नीचे इंद्रा पूरी नंगी थी।
शिफा ने बैग से 2 शीशी निकाली। जिनमे में तेल था। इंद्रा बेड पर बैठ गई। शिफा ने एक शीशी किंजल को पकड़ाई। और इशारे से बेड पर आने को कहा। किंजल बेड पर चढ़ गई। इंद्रा बैठ गई। "फटाफट मैडम के सर और बालों की मैसेज कर।" किंजल हिचकिचाई। उसने कभी किसी के बालो में तेल नही लगाया था। किसी और क्या खुद के बालों में भी नही लगाया था। किसी तरह उसने इंद्रा के बालो में तेल लगा के उंगलियों से मालिश करना शुरू किया। "ज्योति चल अपने काम पे लग" शिफा दरवाजे के पास बैठी औरत को बोली। वो फटाफट उठी। अपनी साड़ी अलग की। और शिफा के हाथ से तेल लेकर इंद्रा के पैरों में बैठ गई। उसके पैरों में तेल लगा कर मालिश करने लगी। टांगो को पिंडलियों की मालिश करने लगी। किंजल को खुद पर घिन्न आ रही थी की वो एक नंगी औरत के सर को मसाज दे रही है। दरवाजे पे कुछ हलचल हुई। शिफा ने परदा हटा कर देखा। एक हाथ अंदर आया। शिफा के हाथ में कुछ रखा। और वापिस परदा लगा दिया। शिफा ने अपने मुंह में सिगरेट लगाई। और लाइटर से जलाने लगी। सिगरेट जला कर उसने इंद्रा को दी। इंद्रा ने सिगरेट के कश लेने शुरू लिए। उसकी आंखे ऊपर चढ़ने लगी। एक सिगरेट शिफा ने सुलगा ली। ये गांझे वाली सिगरेट थी। पूरे कमरे में धुआं भर गया। किंजल किसी तरह अपनी सांसे रोक बैठी थी। उसका दम घुट रहा था। शिफा और इंद्रा मदहोश होने लगे। इंद्रा उठी। और एक हाथ से किंजल का हाथ पकड़ के उसे बेड की बैक पर पीठ लगा कर बिठा दिया। और खुद उसकी छाती पे सर रख आधी लेट गई। और अपनी सिगरेट के कश लेने लगी। ज्योति भी बेड पर आ गई। किंजल को समझ नही आ रहा था अब उसे क्या करना है। शिफा उठी और नशे में झूमती हुई किंजल के पास आई। किंजल के दोनो हाथ इंद्रा के चूचों पर रख दिए और लड़खड़ाते आवाज में बोली, "चल अच्छे से मालिश कर।" किंजल को लगा कि अब धरती फटे और उसमे वो समा जाए।
किंजल ने तेल लगे हाथो से उसके निपल्स को सहलाना शुरू किया। धीरे धीरे पुरे बूब्स को मालिश करने लगी। इंद्रा ने अपना एक हाथ किंजल की जांघ पर रख दिया और मसलने लगी। किंजल के मुंह से सिसकारी निकली। ज्योति भी बेड पर आ चुकी थी। और इंद्रा की जांघो में तेल लगा कर मालिश शुरू कर चुकी थी। उसके हाथ जांघों के जोड़ों तक मालिश कर रहे थे। इंद्रा अब कसमसाने लगी थी। सांसे तेज हो रही थी। शिफा सोफे से उठी और इंद्रा के बगल में बैठ गई। सिगरेट का धुआं उसने किंजल के मुंह पे छोड़ा। किंजल का पहले ही धुएं से दम घुट रहा था। उसकी आंखे धुएं से लाल हो रही थी। इंद्रा का वजन उसकी छाती पे था। वो हिल नहीं पा रही थी। आंखों में आंसू आ रहे थे। पर वो रोई नही।
ज्योति ने इंद्रा के घुटने मोड़ के टांगे फैलाई। किंजल को इंद्रा की chut दिखी। गोरी गोरी फांके। पर बड़ी और लटकी हुई। देख ही रही थी की ज्योति ने उसकी chut पर होंठ रख दिए। और जीभ से चाटने लगी। शिफा ने इंद्रा के हाथ से सिगरेट पकड़ी और दोनो की सिगरेट ऐश ट्रे में बुझा दी। इंद्रा के मुंह से आह निकली ही थी की शिफा ने अपने होंठ इंद्रा के होंठो पर रख दिए। इंद्रा तीनो के बीच तड़पने लगी। शिफा ने किंजल के हाथ हटाए और इंद्रा के उरोजों को मसलना शुरू कर दिया। इंद्रा अपने हाथ ऊपर ले गई और किंजल का टॉप ऊपर कर उसके चूचे मसलने लगी। किंजल को कुछ मजा नही आ रहा था। कूलर की ठंडी हवा उसके शरीर को ठंडा कर रही थी। उसे ऐसा लग रहा था जैसे कुछ जानवर उसे अपनी भूख मिटाने के लिए खा रहे है। वो बस अपने आंसू रोक कर बैठी थी। अचानक इंद्रा का शरीर कांपने लगा। उसने कस कर किंजल के चूचों मसल दिया। किंजल समझ गई इंद्रा का काम हो गया है। उधर इंद्रा ने दूसरे हाथ से ज्योति के बालो को कस कर पकड़ा और ज्योति का मुंह अपनी choot पर दबा दिया। एक फव्वारा ज्योति के मुंह में चला गया और ना चाहते हुए भी उसे निगलना पड़ा। इंद्रा की पकड़ ढीली पड़ गई। ज्योति ने अपना सर हटा लिया और लंबे लंबे सांस लेने लगी। किंजल को भी कुछ सुकून मिला। उसके चूचे लाल हो चुके थे। उसे दर्द हो रहा था। नाखून के निशान साफ दिख रहे थे उसके चूचों पर। ज्योति की आंखों में भी घिंन साफ दिख रही थी। वो भी ये सब करके खुश नहीं थी। जाने किस मजबूरी में कर रही थी।
इंद्रा ने शिफा की तरफ देखा। अपनी सांसे काबू की। और उठ कर बैठ गई। शिफा समझ गई। उसने फटाफट बेड के नीचे हाथ मारा और एक बॉक्स बाहर निकाला। बॉक्स में से एक व्हिस्की की बॉटल बाहर निकाली और 4 ग्लास में पेग बनाए। एक खुद पकड़ा और एक इंद्रा को पकड़ाया। एक किंजल के आगे किया तो न किंजल ने हाथ बढ़ाया न कुछ बोली। ज्योति की तरफ किया तो उसने भी न में सर हिला दिया। इंद्रा गांजे की फ्लाइट में थी। उसने एक सांस में पेग खतम किया। ऐसा लगा जैसे उसमे कोई नई ताकत आ गई। किंजल सुन्न सी उसके सामने नंगी छाती लिए वैसी ही बैठी थी। सब कुछ इतना अचानक हो रहा था उसे समझ ही नही आ रहा था की हुए क्या। तभी इंद्रा ने उसके टॉप के किनारे पकड़े और ऊपर किया। किंजल के हाथ अपने आप ऊपर उठ गए और इंद्रा ने टॉप बाहर निकाल दिया। उसे भी इस कमसिन कली को निचोड़ने में मजा आ रहा था।
इंद्रा अपने प्रोफेशनल कैरियर में हमेशा ऊंचाई पर रही। उसके इशारे पर सभी काम होते थे। अपने नीचे वाले लोगों को अपने रोब के नीचे दबा कर रखना उसे पसंद था। एक अलग ही संतोष मिलता था उसे। यही वो बिस्तर में करती थी। 45 पार करने के बाद भी बिस्तर में अपनी नीचे आदमी और औरत दोनो को रगड़ती थी। विदेशी जिगोलो को रगड़ने में तो उसे खास मजा आता था। पर जेल में आकर उसकी बहुत सी इच्छाओं पर लगाम लग गई थी। पर पैसों से क्या नही खरीदा जा सकता। उसी पैसे की ताकत से आज उसे ज्योति और किंजल जैसी मजबूर लड़कियों को मानसिक रूप से रोंदने में उसे मजा आ रहा था। किंजल की आंखों में भरे हुए आंसू उसे अलग ही मजा दे रहे थे।
इंद्रा ने किंजल की जांघो को कस के पकड़ और नीचे खींच लिया। और किंजल के ऊपर झुक गई। अब किंजल टॉपलेस बेड पर थी और इंद्रा डॉगी पोज में उसके ऊपर झुकी हुई थी। इंद्रा ने किंजल के निपल्स पर अपने होंठ रख दिए और मसल मसल कर चूसने लगी। गांजे का धुआं अब किंजल के सर पर चढ़ चुका था। उसका सर हल्का घूमने लगा। ऊपर से उसके चूचों पर इंद्रा का हमला उसे गरम करने लगा। इधर शिफा ने बैग से एक बैटरी ऑपरेटेड डिल्डो निकाला। और इंद्रा के पीछे आकर उसकी गांड सहलाने लगी। और डिल्डो अपने मुंह में डाल लिया। आधा मिनट डिल्डो को एक लन्ड की तरह चूसा और जब वो अच्छे से उसके थूक से गीला हो गया तो इंद्रा के choot के छेद पर रख दिया। और अंदर सरकाने लगी। धीरे धीरे 9 इंच का डिल्डो पूरा अंदर चला गया। इंद्रा किंजल को चूसने में मस्त थी। किंजल भी आंखे बंद कर मस्ती की दुनिया में डूब रही थी। डिल्डो पूरा अंदर जाने के बाद शिफा ने उसके दूसरे छोर पर बना एक बटन दबा दिया। डिल्डो में वाइब्रेशन शुरू हो गई। शुरू होते ही इंद्रा ने अपना सर ऊपर छत की तरफ उठा लिया और जोर जोर से आहें लेने लगी। मस्ती में किंजल के चूचे जोर जोर से भींचने लगी। अब किंजल को भी स्वाद आ रहा था। इंद्रा ने आंखे खोल कर शिफा को देखा। वो चुस्कियां लेकर अपना पेग पी रही थी। उसने आंखों से शिफा को कुछ इशारा किया। शिफा ने तुरंत हां में अपना सर हिलाया। शिफा ने अपना पेग रखा। और एक भरा हुआ पेग उठाया और ज्योति के पास गई। उसके कान में फुसफुसाई। ज्योति की आंखे खौफ से फैल गई। उसने आंखों में मिन्नत का भाव लाते हुए शिफा को देखा और ना में सर हिलाया जैसे भीख मांग रही हो। शिफा ने नजरंदाज किया और ग्लास ज्योति के होंठो को लगा दिया और उसके मुंह में व्हिस्की उड़ेलने लगी। पूरा ग्लास खतम होते ही शिफा उठी और और एक पेग बनाया। इस बार वाला पेग मोटा था। उसने फिर ज्योति को पेग पकड़ाया। इस बार ज्योति ने आंसुओं के साथ फिर पेग खतम किया। इतने में इंद्रा एक बार और झड़ी ,पर डिल्डो का वाइब्रेशन चल रहा था।
इंद्रा ने पलट कर ज्योति की तरफ देखा। उसके बहते आंसू देख उसकी आंखों में एक चमक और होंठो पर एक गर्व की मुस्कान आई। और वो फिर किंजल के होंठो पर झुक गई और गांड को थोड़ा और बाहर निकाला। इधर शिफा ने ज्योति को बालो से पकड़ा और उसके सर को शिफा की गांड की तरफ खींचते हुए बोली।"जितनी जल्दी निपटाएगी उतनी जल्दी यहां से जाएगी।" और उसका मुंह बालो से पकड़ के इंद्रा की गांड के छेद पे रख दिया। बहते आंसुओं के साथ उसने छेद को चाटना शुरू कर दिया। उसे उबकाई आने लगी। वो अचानक उठी और भाग कर बाथरूम की तरफ गई। उसने उल्टी की। अंदर से रोने की आवाज आ रही थी। लेकिन इंद्रा को उसके रोने से और सुकून मिल रहा था। ये वो औरत थी जिसे अपने नीचे काम करने वाला कोई पसंद आ जाए तो उसे प्रमोशन का लालच देकर, dog collar पहना कर अपना कुत्ता बना कर चुड़वाती थी। उसे तो ज्योति के आसुओं से मजा आ रहा था। उसकी मजबूरी उस कमरे में सिर्फ शिफा जानती थी। ज्योति वापिस आई। शिफा ने उसे फिर से बेड पे जाने का इशारा किया। इंद्रा किंजल के होंठो को चूसने में मस्त थी। वाइब्रेटर अब तक 3 बार उसका पानी निकाल चुका था। पर आज उसका नशा और आग चरम पर थे। बहुत दिनों बाद किसी बेबस की बेबसी को चोद रही थी वो। उसके अंदर का जानवर और भड़क रहा था। अब किंजल को वापिस होश आ रहा था। उसे अपने मुंह में अजीब सा स्वाद महसूस हुआ। तब उसने देखा कि कैसे इंद्रा उसके ऊपर चढ़ के कोमल अंगों को मसल रही है। इंद्रा का एक हाथ अब उसके शॉर्ट्स के अंदर था जो उसके choot के दाने को मसल रहा था। इंद्रा की आधी उंगली उसकी choot के अंदर थी। जो उसके g spot पर थी। जैसे ही इंद्रा ने किंजल के g spot और clit के दाने को एक साथ मसला किंजल का खुद पे कंट्रोल नही रहा। वो भूल गई कि वो एक मर्द नही औरत की बाहों में है। उसने इंद्रा को कस के अपनी बाहों में कस लिया। होंठ अपने आप इंद्रा के होंठों पर रख दिए।
उधर वापिस ज्योति के होंठ उसकी गांड के छेद पर थे। उसने किसी तरह अपने मन को मजबूत किया और अच्छे से चाटने लगी। इंद्रा अब मस्ती के समंदर में हिलोरे ले रही थी। किंजल की choot जिग्नेश ने बहुत बार मसली थी। पर आज जो इंद्रा ने किया वो उसे खुद समझ नही आ रहा था कि ये क्या हुआ। किंजल और इंद्रा एक दूसरे से लिपटे हुए थे। कूलर की हवा में भी पसीना पसीना थे। हर आधे मिनट में किंजल अब झड़ रही थी। आखिर इंद्रा की हिम्मत भी जवाब दे गई। नशा उसके दिमाग पर चढ़ चुका था और वो निढाल होने लगी। 14 orgasm होने के बाद किंजल की टांगे अब कांप रही थी। आधी बेहोशी की हालत में थी। इंद्रा निढाल होके किंजल पर गिर गई। शिफा ने उठ कर वाइब्रेटर उसकी choot से बाहर निकाला। वाइब्रेटर बाहर आते ही choot से गाढ़ा पानी बाहर निकला। शिफा ने वाइब्रेटर ज्योति को पकड़ाया। "जा धोकर ला।" ज्योति उठ कर बाथरूम के गई। अपने मुंह में कुल्ला किया। और वाइब्रेटर धोने लगी।
"मैडम काम हो गया?? आप satisfy हो?" शिफा ने इंद्रा को पूछा। इंद्रा किंजल के ऊपर से उठ कर उसकी बगल में लेट ते हुए। "मजा आ गया। जेल में आके पहली बार ऐसा स्वाद मिला है। चल एक पेग बना मेरे लिए। शिफा ने इंद्रा के ग्लास में फिर से पेग भरा और पकड़ा दिया। उधर से ज्योति भी बाहर आ गई। शिफा ने उसे इशारे से बुलाया। दोनो ने मिल के बेहोश पड़ी किंजल को पानी के छींटे मारे और उठाया। वो बेचारी खड़ी हुई। सोफे तक जाते जाते उसकी टांगे फिर जवाब दे गई। और वो वही सोफे पर गिर गई। उधर इंद्रा शराब के नशे में बडबडा रही थी। "ऐ शिफा। किसी मर्द का इंतजाम करदे। मेरी बच्चेदानी तरस गई है किसी लंबे लन्ड के धक्कों के लिए।" शिफा ने उसे नजरंदाज किया और किंजल को उठाया। किंजल अब उठ कर अपना कुर्ता पहने लगी। शिफा ने उसे शॉर्ट्स उतारने को बोला। किंजल ने शॉर्ट्स उतारे। टांगे कांप रही थी। पैंटी पूरी गीली थी। "इसे भी उतार दे। नही तो सलवार भी गीली हो जायेगी।"शिफा ने देख कर बोला। किंजल ने वैसा ही किया। और बिना पैंटी के सलवार पहन ली। ज्योति ने भी साड़ी वापिस बांध ली।
"तुम दोनो अपने बैरक में जाओ। मैं मैडम से बात करके आती हूं।" शिफा ने ज्योति को बोला।
"ए रुक। आज खुश कर दिया तुम सबने। आज दोपहर का खाना यही खा के जाओ। में मंगवाती हूं।" इंद्रा ने बीच में टोक कर बोला। "नही मैडम। इसकी क्या जरूरत है। आप आराम करो।" शिफा ने बोला।
"एक बार बोला ना।" इंद्रा ने रोब से कहा।। शिफा वही सोफे पर बैठ गई। इशारे से किंजल और ज्योति को भी वही बिठा लिया।
इंद्रा नंगी बेड से उठी। ग्लास रखा। और अपनी ब्रा पैंटी
पहनने लगी।