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Incest माँ की अधूरी इच्छा(complete)

Nevil singh

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सरला अब रमेश को जान बूझ कर बेइज्जत कर रही थी क्यूं की रमेश ने उसे झूठ बोला था और वो अब रमेश से पहले के मुक़बले ज्यादा ग़ुस्सा थी उसे खुद नहीं पता था की अब वो क्या करेगी।
रमेश: ऐसे ही चल जाओ ।
अरुन को अच्छा लगेगा।
और सरला अपनी टॉवल उतार कर रमेश के मुह पे फ़ेक देती है।

मेरे बेटे को ऐसे और भी अच्छा लगेगा
और नंगी ही अरुन के रूम में आ जाती है।
रमेश आँखे फाडे सरला को देखता रहा।
अरून के रूम में
अरुण: ये क्या हुआ जान।
सरला: क्यों अच्छी नहीं लग रही ।
अरुण: माँ तुम तो एक नंबर की रांड हो अच्छी क्यों नहीं लगोगी।
और सरला को खींच कर बेड पे लीटा देता है।
और सरला के मम्मे मुह में भर लेता है।
सरला: आआआह अरुन छोड़ न ।
अरुण: क्या हुआ मन नहीं है।
सरला: मन तो है पर रमेश झाक रहा होगा।
और वैसे भी अभी तो तूने चोदा था अभी भी चुत दुःख रही है।
अरून चलो फिर आज अपने बेटे की बाँहों में सो जाओ।
सरला: हाँ पर तुम्हे एक वादा करना है ।
अरुण: क्या ।
सरला: की तुम अब प्रीति और उसकी बेटी की चुत और गाण्ड दोनों फाड़ोगे।
अरुण: अब क्या हुआ।
सरला: रमेश ने झूठ बोला। अब उसके सामने उसकी बहन और उसकी बेटी को चोदना तब जाके मुझे ख़ुशी मिलेगी।
अरुण: पर माँ।
सरला: मैं बोल रही हु न और मुझे अब कोई प्रॉब्लम नही।
radhpriye
 

Nevil singh

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और सरला अरुन की बाँहों में लेट जाती है।
सरला: वादा करो अरुण।
अरुण: पर माँ मैं सिर्फ आप का हूँ और रहुंगा।
सरला: तुम सिर्फ मेरे हो बाबू ।
पर रमेश ने फिर से मेरा दिल तोडा है।
उसे इसकी किमत चुकानी पड़ेगी ।
उस की बजह से मैंने उसकी झूठी कहानी तुमसे छुपाई।
तूम्हे हर्ट किया।
अरून सरला को अपनी बाँहों मैं ले कर उसके होंठो को चुमने लगता है।
सरला: बोलो ना।
अरुण: करना क्या है।
स: प्रीति की तो मार ली है अब उसको बेटी परी को भी चोदना है तुझे।
बाहर रमेश अभी भी खड़ा था।
और उससे समझ नहीं आ रहा था की क्या करे।
लोगो को बताये या रिश्तेदार को।
और एक मन उसका उनदोनो को देखने का कर रहा था
और सायद उसे अब ये एहसास हो रहा था की जो कहानी उसने सरला को बताइ थी कही सच तो नहीं। उसे उनदोनो को सेक्स करते हुए देखना अच्छा लग रहा था।
उनदोनो की चुदाई देख कर उसका पेण्ट में दो बार पानी निकल गया था।
और अंदर अरुन सरला को चुसने के बाद।
अरुण: जरा चूस के पानी निकल दो जान।
सरला: ठीक है और अरुन के लंड को पकड़ कर अपने मुह में ले लेती है।
और उसके टोपे को चुसने लगती है।
अरुण: आहः
क्या तुम ने कभी पापा का लंड चूसा है ।
सरला: न में सर हिलाते हुए।
अरुण: आह ओह माँ आह क्या चुस्ती है रांड़।
रमेश अरुन के मुह से रांड सुन कर
हैरान हो जाता है।
साली रंडी क्या क्या करेगी।
और सरला मस्त हो कर अपने बेटे का लंड चुस्ती रहती है।
अरुण: बहुत खूब मेरी जान चल घोड़ी बन गाण्ड मारनी है। और सरला घोड़ी बन जाती है और अरुन पूरा का पूरा 9 इंच का लंड उसकी गाण्ड में घुसा देता है।
सरला: आह मार फाड़ दे मेरी गाँड।
सुनते हो जी। तुम्हारे बेटे ने मेरी गाण्ड फाड़ दी आह
जरा यहाँ आओ।
रमेश को समझ नहीं आता।
सरला: उफ जल्दी आओ ना।

रमेश दरवाजा खोल कर अंदर आ जाता है।
सरला: आह देखो क्या किया अरुन ने पूरा का पूरा 9 इंच का मुसल मेरी गाण्ड में उतार दिया ।
बहुत तेज दर्द हो रहा।
जरा ड्रावर से के वाई जेली निकाल दो।
ओर रमेश जेली निकाल कर लाता है ।
रमेश समझ नहीं पा रहा था की वो इन दोनों की बात क्यों मान रहा है।
सरला: जरा मेरे गाण्ड के छेद पे और अरुन के लंड पे लगा दो प्लीज।
और अरुन लंड निकाल लेता है।
ओर रमेश अपने हाथ से सरला की गाण्ड पे जेली लगाता है।
उसकी नज़र जब सरला की गाण्ड पे पड़ती है तो उसकी गाण्ड का गंडोरा बना हुआ था पूरे २'५ इंच का सुराख़ दिख रहा था।
रमेश अरुन से ।
रमेश: बेटा देख तेरी माँ की गाण्ड का क्या हुआ है।
मैने कभी इसकी गाण्ड नहीं मारी तेरा लंड तो मेरे लंड से तिनगुना है ।
थोड़ा धीरे कर।
सरला: आप उसको कुछ मत बोलो नहीं तो मेरी गाण्ड नहीं मारेगा जी।
तूम बस क्रीम लगाओ और हाँ अरुण के लंड पर भी लगा दो और जाओ उसे अपना काम करने दो।
अगर ग़ुस्सा आ गया तो मुझे प्यासा छोड़ देगा और तुम्हारे बस का अब है नहीं की मेरी प्यास बुझा पाओ।
ओर रमेश अरुन के लंड पे जेली लगा कर पीछे हो जाता है।
और अरुन फिर से एक ही बार में पूरा लंड डाल देता है।

सरला: उफ आह ओह माँ मर ड़ाला कमिने मादरर्चोद
देख रमेश तेरी बजह से मेरी क्या हालत हो रही है
न तो मुझे प्यासा छोडता न मेरे साथ ऐसा होता
पर जो होता है अच्छे के लिए होता है
अगर मैं प्यासी नहीं होती तो मुझे ये मुसल कैसे मिलता। अअअअअरुन मर गई मैं।
रमेश :अरुण धीरे धीरे कर सरला को बहुत दर्द हो रहा है।
सरला: चुप हो जाआओ प्लीज तुम ।नहीं तो अरुन नहीं मारेगा मेरी गांड। मेरी जान कुछ मत सुन इसकी और जितने जोर से चोदनी हो चोद और कर ले पर अधुरी मत छोड मुझे और तुझे तो अभी प्रीति और परी की भी गाण्ड और चुत मारनी है।
ओ भी रमेश के सामने ।
सरला: उफ मार। चोद
आ उफ़ मज़ा आ रहा है और तेज़ मेरी जान और अरुन सरला की गाण्ड में झड जाता है और सरला के उपर लेट जाता है।
रमेश उन दोनों की रफ चुदाई देख कर हैरान रह जाता है। अब उसकी गलती उसे कितनी महंगी पडने वाली है ।
पर उसे एहसास होता है की उसका लोवर अंदर से गिला हो गया है और वह उनदोनो को छोड़ कर अपने रूम में आ जाता है।
wonderful
 

Nevil singh

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अगले दिन रमेश की आँख लेट खुलती है।
और फ्रेश हो कर वो डायनिंग टेबल पे आता है।
तो देख कर शॉकड हो जाता है।
सरला एक दम नंगी किचन में काम कर रही थी।
रमेश: ये क्या हे।
सरला: क्या क्या है।
तूम्हे पता है की मेरे सरीर पे अरुन कपडे रहने नहीं देता इसलिए पहनने का क्या फायदा ।
और अभी वो सो रहा है थोड़ी देर में उठ जायेगा। पता नहीं फिर क्या डिमांड करेंगा।
और अपना काम करती रहती है।
थोड़ी देर बाद।
अरुण: माँ।
सरला: हाँ बेटा।
रमेश को देखते हुए।
देखा बुला रहा है ना।
और अरुन के रूम में चलि जाती है।
रमेश अभी उठ ही रहा था की सरला की चीख कमरे में गुजती है ।
सरला: आ मेरी फाड़ डाला।
और रमेश भाग कर अरुन के रूम में देखता हुआ।
अंदर सरला को अरुन ने बेड पे झुका रखा था और और उसकी गाण्ड में लंड पेले जा रहा था।
अरुण:साली रंडी तुझसे बोला था न की सुबह जब मेरी आँख खुले तो मेरे बगल में होनि चाहिये।
पर तू चलि गई ।
सरला: वो रमेश का ब्रेकफास्ट और लंच बनाना था।
अरुण: तो अब बना और बेरहमी से धक्के मारने लगता है।
रमेश: क्या करे रहा है अरुन तेरी माँ है ये।
अरून कुछ बोलता उससे पहले।
सरला: तुम जाओ यहाँ से अरुन को कुछ मत बोलो ।
उसकी गलती नहीं है गलती मेरी है।
तुम ऑफिस चले जाओ वही पर नास्ता कर लेना ।
अरुन तुम अपना काम करो कोई तुम्हे नहीं बोलेगा।
आआआ उफ़ तुम जाओ नीतू के पापा।
और रमेश बाहर आ जाता है।
उसमे इतनी हिम्मत नहीं थी की अरुन को रोक सके।
और बाहर बैठ कर सरला की चीखे सुनता रहता है।
करीब आधा घंटे बाद अरुन और सरला बाहर आते है।
सरला लंगड़ा के चल रही थी।
और दोनों नंगे।
सरला: तुम गये नही।
ओह मेरी चीखे सुन रहे थे ।
देखा अपने बेटे के लंड का कमाल ।लंगडी कर दिया मुझे मैं ये सोच रही हु की प्रीति और उसकी बेटी का क्या हल करेगा मेरा बेटा।
और हॅसने लगती है।
अरुण:माँ भूख लगी है।
सरला: उह मेरा बच्चा अभी बनाती हूँ।
और किचन में काम करने लगती है।
और
अरुण: क्या लग रही है मेरी रांड।
रमेश को देखते हुए।
सरला: चुप कर बदमाश।
आप जा क्यों नहीं रहे ।
र: वो मैं ये बोल रहा था की
तूम प्रीति और रानी का नाम क्यों लेती हो।
उनहोने क्या बिगडा है।
सरला: उन्होंने कुछ नहीं बिगाड़ा ।
तूम ने झूठ बोला ये उसकी सजा है।
रमेश: मतलब ।
सरला: मतलब तुम्हारी कहानी झूठी थी और इसलिए अरुन को मौक़ मिला मुझे तुम्हारे सामने चोदने का
और तुम्हारे लिए एक गुड न्यूज़ है ।
तुम्हरी बहिन प्रीति पहले ही अरुन से चुद चुकी है।
और खुद बोल कर गई थी अरुन से की इस बार जब आएगी तो परी को भी चुदवायेगी क्यों की मेरे राजा बेटा का मुसल बहुत बड़ा है।
रमेश सरला की बात सुनकर शॉकड हो जाता है।
क्या बोल रही हो।
सरला: वही जो सच है
इस लिए मैं उनका नाम लेती हूँ।
क्यूं की राखी को 4 दिन रह गये है और वो दोनों आने वाली है राखी पे और फिर उस दिन मेरा बेटा दोनों की चुत और गाण्ड को फाड़ देगा वो भी तुम्हारी मौजुदगी में और तुम कुछ नहीं कर पाओगे।
amazing
 

Nevil singh

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उस दिन कुछ नहीं होता।
रात को रमेश घर आता है और बेड पे
लेटे हुए।
सरला से।
रमेश: कुछ करो सरला।
सरला: समझी नहीं ।
वो ड्रेसिंग टेबल पे अपना मेकअप कर रही थी अरुन ने आज उससे पूरी रंडी की तरह मेकअप करने ले लिए बोला था।
रमेश: प्रीति और परी को बचा लो।
सरला: मैं क्या कर रही हूँ।
जो करेगा अरुन करेंगा।
रमेश: तुम उसे रोक सकती हो।
सरला: नहीं अब नहीं ।
रमेश: प्लीज रोक लो तुम्हे जो करना है कर लो अरुन के साथ।
सरला: रमेश को डराते हुए ।
मुझे अरुन के बच्चो की माँ बनना है।
रमेश: तो बन जाओ।
वैसे भी तुम बिना कंडोम के उससे चुदती हो।
सरला: पक्का न ।
रमेश: हाँ मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है तुम्हारे माँ बनने में।
सरला: ठीक है उससे बात करती हूँ।
और उठकर खड़ी हो जाती है और अपने सारे कपडे उतारने लगती है ।
सरला: मैं तयार हूँ जोर से बोलती है।
थोड़ी देर में अरुन आ जाता है।
रमेश सोच रहा था की क्या हो रहा है।
तभी अरुन सरला के पास आ कर उसके मम्मे मसल देता है।
और रमेश से।
अरुण: क्या मस्त मम्मे है माँ के।
रमेश कुछ नहीं बोलता।
अरुण: चुत और गाण्ड भी ज़बर्दस्त है ।
पर तुम्हारी बहन भी कम नहीं है।
रमेश सरला को देखता है।
सरला:अरुन ये बोल रहे है की प्रीति को छोड़ दो ।
अरुण: क्यों
सरला: बोल रहे है की बहन है उनकी और परी तो कमसिन है।
तुम्हारा मुसल झेल नहीं पायेगी।
अरुण: तो मैं क्या करुं।
रमेश : तुझे जो करना है सरला के साथ कर ले मैं तुझ से कुछ नहीं बोलूँगा और न रोकूँगा और सरला तेरे बच्चो की माँ बनना चाहती है उसमे भी मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है।
पर उन दोनों को छोड़ दो
अरून सरला को देखते हुए
और सरला इशारे में मना करती है।
अरुण: ठीक है अगर प्रीति और परी के साथ मैं कोशिश नहीं करुँगा पर अगर वो खुद से चुद्वायेगी तो मैं अपने इस मुसल (अपना लंड पे हाथ फेरते हुए )
से उन दोनों की फाड़ दुँगा ।
मंजूर।
रमेश:हाँ ठीक है वो तुम से कुछ नहीं बोलेंगी ।
मै होने नहीं दुन्गा।
सरला: मन ही मन एक बार जो भी मेरे बेटे का मुसल देख ले वो उससे दुर रह ही नहीं सकती ।
और अरुन सरला को।
अरुण: चले रांड अपने रूम में।
या यही चुदवाना है ।
सरला: जैसे आप की मर्ज़ी मालिक।
रमेश ये मालिक क्या है।
सरला: वो हम रोले प्ले कर रहे है ।
अरुन मेरे मालिक है और मैं इनकी ख़रीदी हुए गुलाम हूँ।
इनकी पर्सनल रांड़।
अरुण: तो यही कर लेते है।
अरून रमेश से :थोड़ा साइड होना
रमेश साइड हो जाता है और अरुन वही बेड पे लेट जाता है ।
और सरला को लंड चुसने के लिए बोलता है।
सरला अरुन के पैरो के बीच में आ कर बैठ जाती है और अरुन के लंड को पकड़ कर चुसने लगती है।
अरुण:शाबास रांड ऐसे ही चूस मेरे लंड को
आज साबित कर अपने मालिक को की तुझे खरीद कर कोई गलती नहीं की मैंने ।
और सरला अरुन के लंड को और जोर जोर से चुसने लगती है जैसे साबित करना चाहती हो की उससे अच्छा लंड कोई नहीं चूस सकती ।
रमेश चुप चाप उनदोनो की हरकत को देखता रहता है।
और अरुन और सरला लंड चुसाई में मगन रहते है ।
और थोड़ी देर बाद अरुन सरला के मुह में झड जाता है
जिसे सरला चाट चाट कर पी जाती है।और वही लेट जाते है।
सरला रमेश से।
तूम अरुन के रूम में सो जाओ।
आज से ये रूम मेरा और इनका मेरे नए पति अरुन का है।
गुड़ नाइट।
और जाते जाते दरवाजा बंद कर देना।
fabelous
 

Nevil singh

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और रमेश अरुन के रूम में जा कर सो जाता है।
अगले दिन रमेश जब उठ कर अपने रूम में जाता है।
सरला उठी हुई थी और उसने कुछ भी नहीं पहना था
और अरुन सो रहा था ।
सरला: क्या करते हो आप नॉक नहीं कर सकते।
और अरुन के सरीर पे चादर ओढा देति है।
और अपनी नाइटी उठा कर पहनने लगती है।
तुम अपने कपडे यहाँ से ले कर अरुन के कमरे में रख लो।
और रमेश कपडे ले कर अरुन के रूम में आ जाता है।
और सोचता है कल तक साली नंगी चुदवा रही थी मेरे सामने और आज सती सावित्री बन रही है।
और फ्रेश हो कर बाहर आता है ऑफिस जाने के लिये
सरला भी किचन में आ गई थी।
रमेश डायनिंग टेबल पे।
रमेश: नास्ता बना।
सरला: थोड़ा टाइम लगेगा अरुन ने उठने ही नहीं दिया।
अगर लेट हो रहा हो तो बाहर से कर लेना।
रमेश चुप चाप बैठ जाता है।
और अखबार पढने लगता है।
थोड़ी देर में अरुन की आवाज आती है
अरुण: जान कहा हो ।
मेरी बेड टी।
सरला: लायी अभी जानू।
ओर चाय ले कर रूम में चलि जाती है।
आज सरला ने पूरे कपडे पहने हुए थे एकदम नार्मल हाउसवाइफ की तरह।
रूम में आ कर।
सरला: उठ गये आप।
अरुण:हाँ मेरी जान।
और अपना चादर हटा देता है।
उसका लंड एक दम लोहे की रोड की तरह खड़ा था
और ये भी जागा हुआ है।
सरला: उसे छूते हुए।
अरे बाप रे इतना कठोर ।
इसे सुसु आ रही है ।
अरुण: आ तो रही है पर उठने का मन नहीं कर रहा।
सरला अरुन के लंड को प्यार से सहलाते हुए।
सरला: जाना तो पड़ेगा न जानु नहीं तो ये फट जाएगा।
चलो जल्दी करो और उठने लगती है।
अरुण: नहीं इससे आज तुम्हारी चुत में सुसु करना है।
सरला: पर जान मै नास्ता बना रही हु और मैं नहा भी ली हूँ।
अरुण: कोई बात नहीं दोबारा नहा लेना ।
और नास्ता बाद में बन जाएगा।
सरला: वो रमेश इंतज़ार कर रहे है।
अरुण: बोल दो बाहर से खा लेंगे।
और जल्दी कर नहीं तो निकल जाएगा।
सरला रमेश से ।
सरला: आप चले जाओ ऑफिस नास्ते में टाइम लगेगा अरुन आने नहीं दे रहे।
और जल्दी से अपने कपडे उतारने लगती है।
और अरुन के साथ बाथरूम में आ जाती है।
इधर रमेश।
जब अरुन सरला को आवाज़ देता है।
रमेश दरवाजा से झाकने लगता है।
और जब सरला अरुन के साथ बाथरूम में चलि जाती है तो रमेश बाथरूम के की होल से अंदर देखता है।
अंदर।
सरला: लो करो जान आप की चुत हाज़िर है।
और अरुन अपने लंड को सरला की चुत में घुसाता है और सुसु करने लगता है।
सरला: आह कितना गरम है जान ।
बाहर
रमेश इस दृश्य को देखकर दंग रह जाता है
की कोई इस तरह बाथरूम भी करता है।
अंदर
अरून का सुसु सरला की चुत में जा कर बाहर गिरने लगता है और सरला के दोनों पैर पे गिरने लगता है।
सरला: और कितना है जान।
अरुण: करने दो जान पूरी रात का रुका हुआ है।
और अरुन सरला के चुत में मुतने के बाद एक झटका देता है ।
सरला: क्या कर रहे है आप।
अरुण: एक दो बून्द रह जाती है न उसे झाड रहा हूँ।
और एक झटका मारता है और अरुन का आधा लंड सरला के चुत में घुस जाता है।
सरला: आह जानती थी आप बदमाशी करोगे क्यों की रात को चोदा नहीं था।
और अरुन के गले में बाहें डाल कर अपने दोनों पैर अरुन के कमर पे बंद कर लटक जाती है
और उसके लंड पे उपर निचे होने लगती है।
ये रमेश के लिए नया था।
और अरुन सरला को अपनी गोदी में झुलाये २ उसकी चुत मारता है और थोड़ी देर बाद उसकी चुत में झड जाता है और दोनो नहा कर बाहर आने वाले होते है
उतनी देर में रमेश घर से बाहर चला जाता है।
अंदर
अरुण: आज तो नंगी नहीं देखा रमेश ने
सरला ने सारी बात बता दी।
अरुण: उसको समझा देना की दूसरो की बीवी को गलत नज़र से न देखे।
और तुम भी आगे से देख कर रहना
अब से सिर्फ मैं देखु तुम्हे नंगा और किसी की नज़र नहीं पडनी चाहिए सम्झी।
सरला: हाँ बाबा सिर्फ मैं आप की हु और ये मेरा खूबसूरत बदन आप का है किसी की नज़र नहीं पडेगी
और दोनों कपडे पहन कर बाहर आते है और
नास्ता करने के बाद अरुन कॉलेज चला जाता है।
और पूरा दिन ऐसे ही निकल जाता है और
रात को खाना खाने के बाद।
अरून और सरला अपने रूम में आ जाते है और रमेश
अरून के रूम में आ जाता है।
पर कुछ देर लेटने के बाद रमेश को ।
उनदोनो को चुदाई करते हुए देखने का मन करता है।
और बो अपने रूम के की होल से देखने के लिए झुकता है पर ये क्या
दरवाजा पे पर्दा टंगा हुआ था इसकी बजह से रमेश अंदर का कुछ भी नहीं देख पाता ।
रमेश मन ही मन में।
साली रंडी कुतिया ने पर्दा डाल दिया अब क्या करुं
कुतिया साली रंडी १०० चुहे खा के चली है हज करने।
और अपने रूम में आ कर लेट जाता है।
और सोचने लगता है की दोनों क्या कर रहे होंगे और अपना लंड को मसलने लगता है।
तभी उसका ध्यान जाता है की वो इतना गरम क्यों हो रहा है कहि वो सच में वायेजर का दिवाना तो नहीं
हो गया और सरला को अरुन से चुदने की कल्पना करते हुए मुट्ठ मारने लगता है।
और मुट्ठ मारने के बाद अपने लंड को हाथ में पकड़ कर सोने की कोशिश करता है।
sunehri
 

Nevil singh

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अगले दिन सुबह
रमेश नहाने के बाद।
रेड़ी हो कर बाहर आता है।
आज सरला अभी बाहर नहीं आई थी।
रमेश आवाज़ देता है।
सरला: आई रुको अभी ।
और १० मिनट बाद सरला आती है।
और आज सूट पहने हुई थी।
जीस की बजह से सरला का सिर्फ चेहरा और पैर दिख रहा था।
रमेश निराश हो जाता है।
और हिम्मत कर के सरला से।
रमेश: ऐसा क्यों कर रही हो।
सरला: क्या।
रमेश: तुमने कपडे पहनने शुरु कर दिये।
सरला: हाँ अरुन ने कहा है वो नहीं चाहते की मुझे कोई देखे इसलिए कपडे पहनती हूँ।
रमेश: पर मैं तो तुम्हारा पति हूँ।
सरला: थे।
रमेश: मतलब।
सरला: मतलब तुम्हे याद है गोवा जाने से पहले उसने यहाँ शादी की थी नाटक के लिये।
रमेश: हाँ तो।
सरला: उस शादी में जो लड़की थी वो कोई और नहीं मैं थी। इसलिए अब मेरे पति अरुन जी है।
रमेश सरला के मुह से अरुन जी सुन कर चौक जाता है।
सरला:चौंको मत वो अब मेरे पति है तो इज़्ज़त करना बनता है।
रमेश: मैं भी तो तुम्हारा पति हूँ।
तो मुझे से क्या छुपाना।
सरला: अब नहीं हो मैं अब सिर्फ उनकी हु और वो जैसे कहेंगे मैं वो ही करुँगी।
रमेश: मेरे साथ ऐसा मत करो।
जब से तुम्हे मैंने अरुन के साथ देखा है मुझे लग रहा है को वोयेगेरिसम मुझे अच्छा लगने लगा है।
जब तक तुम दोनों को एक साथ नहीं देख लेता मन में बैचनी होती रहती है।
सरला: तो मैं क्या करूँ।
जब मैं तुम्हारे साथ थी तो तुम ने मेरी कदर नहीं जानी
अब बहुत देर हो गई है।
रमेश: मैं तुम्हे बापस नहीं मांग रहा।
बूस तुम दोनों को साथ सेक्स करते देखना चाहता हूँ।
सरला: अब ये तो अरुन पे डिपेण्ड है।
जो वो जो बोलेंगे वही होगा।
और अगर देखने का मन करता है तो कुछ दिन रुक जाओ ।
प्रीति और परी आने वाली है राखी पे
और मुझे पता है अरुन उनको चोदेगा।
उन दोनों को ज़रूर चोदेगा और हो सका तो एक साथ माँ बेटी को चोदेगा और मैं उनकी मदद करुँगी।
रमेश: पागल हो क्या।
सरला: क्यों जब पत्नी को बेटे के साथ देख कर मजा आता है।
तो बहन और भांजी को चुदते देखने में क्या प्रॉब्लम है
सेक्स तो सेक्स है।
रमेश: पर ये गलत है ।
और तुम को तो मैंने मज़बूर किया ये सब करने के लिये
पर प्रीति और परी क्यों करेंगी।
सरला: हँस्ते हुए।
रमेश: क्या गलत बोला मैंने ।
सरला: गलत नहीं।
आप को पता है की प्रीति अरुन से चुद चुकी है
रमेश: कैसे।
और सरला सारी बात बता देति है।
रमेश सर पकड़ कर बैठ जाता है।
सरला: कोई बात नही।
होता है अरुन का औज़ार ही ऐसा है।
परेशान मत हो और आने वाले मस्त टाइम का इंतज़ार करो।
और लाइव वीडियो देख कर मज़े लेना
पत्नी न सही बहन और भांजी सही और
कीचन में नास्ता बनाने चलि जाती है।
और रमेश आने वाले वक़्त के बारे में सोचने लगता है।
surmayi
 
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Nevil singh

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थोड़ी देर बाद रमेश नास्ता कर के ऑफिस चला जाता है और सरला अरुन के लिए नास्ता ले कर रूम में आ जाती है।
और उसे जगा कर नास्ता करती है उसके बाद दोनों साथ नहाते है ।
और अरुन तैयार हो कर कॉलेज चला जाता है।
सरला आज बहुत खुश थी उसे उसका प्यार मिल गया एक पति ले रूप में।
और रमेश को भी पता चल गया अब उसे किसी बात का डर नहीं था।
वो सोच ही रही थी की उसके मोबाइल पे कॉल आती है
उसकी माँ का फ़ोन था।
सरला: हाँ माँ अच्छी हूँ।
और बात करते हुए उसे सब कुछ बता देति है।
उसकी माँ भी सब सुनकर खुश होती है।
क्या आप आ रही हो पर भाई के साथ राखी पे ।
अच्छा ठीक है।
और फ़ोन रख देती है।
सरला खुश थी की उसकी माँ और भाई आ रहे है राखी पे।और अगले ही पल वो उदास हो जाती है।
माँ तो ठीक है पर भाई ।
ये तो अरुन प्रीति और परी को कैसे चोदेगा और मैं कैसे रहूँगी रमेश के साथ सब के होते हुए।
और अरुन को कॉल करके सब बता देति है।
अरुण: मैं हु न ।
सरला: आप हो तभी तो खुश हो ।
जल्दी आ जाओ ना।
अरुण: क्यों मन कर रहा है।
सरला: हाँ सुबह में गरम कर दिया और प्यासा छोड़ दिया।
अरुण: तुम ने कुछ बोला नहीं। मुझे लगा तुम्हारा मन नहीं है
सरला: मन बहुत है जल्दी आ जाओ और चुप हो जाती है।
अरुण: और
सरला: आप को पता है।
और धीरे से फाड़ दो मेरी
और फ़ोन रख देती है।

थोड़ी देर बाद अरुन आ कर सरला की जो बैंड बजाता है।उसकी चीखे पूरे घर में गूँजती है।और शाम को जब रमेश आता है तो अरुन दरवाजा खोलता है।
रमेश: क्या हुआ सरला कहा है।
अरुण: रूम में।
रमेश अरुन के कमरे में जा कर फ्रेश होता है।
ओर डिनर के लिए बाहर आता है।
पर सरला अभी भी रूम में थी।
रमेश अरुन से ।
आज खाना नहीं खाया क्या।
अरुण: आर्डर किया है आता ही होगा।
रमेश: क्या सरला ने नहीं बनाया।
अरुण: उसकी तबीयत ख़राब है।
रमेश: क्यों क्या हुआ।
अरुण: कुछ नहीं ।
और थोड़ी देर बाद खाना आ जाता है।
अरून खाना टेबल पे लगाता है।
और सरला के लिए रूम में ले जाने लगता है।
रमेश: क्यों ऐसा क्या हो गया की साथ में नहीं खा सकती।
अरुण: सरला बाहर आ जाओ खाना खाने। तुम्हारे ससुर जी से रहा नहीं जा रहा।
रमेश: ये क्या बतमीज़ी है ससुर कौन है यहा।
अरून कुछ नहीं बोलता।
तभी सरला लँगड़ाते हुए बाहर आती है।
सरला: सही तो बोल रहा है अगर मैं उसकी बीवी और आप उसके पापा ।तो मेरे ससुर हे हुए ना।
रमेश: पर ये क्या हुआ लंगड़ा क्यों रही हो।
सरला: अरुन की मेहरवानी ।
रमेश: मैं समझा नही।
सरला: आप रहने दो ससुर को ये सब बातें सोभा नहीं देती की बहु से पूछे।
और तीनो डिनर करते है।
डिनर के बाद
अरुन टेबल साफ़ करता है।
सरला: रहने दो कल हो जायेगी
अरुण: करनी तो तुम्हे पडेगी।
तो आज ही कर देता हु।
कुछ देर बाद सरला और अरुन अपने रूम में आ जाते है।
khubsurat
 
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और अरुन उसकी बॉहो मैं आ जाता है सरला उसे टाइट हग करती है।

और उस के कान मैं शीट कहती है ।

" अचानक इतनी केयर करने के लिए कभी साथ मत छोडना अपनी माँ का वरना मर जाऊंगी तेरे पापा के साथ ऐसी ज़िन्दगी जिते २ "

और है पैड़ बहुत सॉफ्ट और कम्फर्टेबल है मेरे वाले से जो मैं यूज करती थी अब आगे से तुम ही लाना अपनी माँ के लिये।

और अलग हो जाती है

दोनो एक दूसरे की ऑंखों में देखते हुए।

सरला: कॉलेज नहीं जाना देर हो रही है

अरुण: सोच में से निकालते हुए है जा रहा हू।
बाय।

सरला: बाय पहुच कर कॉल करना।

अरुण:ओके बाय।
और चला जाता है।
सरला सोचते हुए ये क्या हो रहा है वो बातें जो मुझे अपने पति से करनी चाहिए वो मैं अरुन से कर रही हू।


क्या मुझे अरुन से प्यार हो गया है
और शर्मा जाती है

अरुण: कॉलेज पहुच कर सरला को कॉल करता है।

सरला: हाँ अरुण

अरुण; माँ कॉलेज पहुच गया हू।

सरला:ओके

अरुण: मोम

सरला: हा अरुण

अरुण: थैंक यु

सरला:क्यु

अरुण: आप को पैड़ पसंद आये और आप ने मुझे डाँटा भी।
पैड लेने के लिये
एंड आई प्रॉमिस हर बार मैं ही आप के लिए पैड लाया करुँगा।

सरला: डाटूंगी क्यों एक तो तू मेरा ख्याल रख रहा है जो काम तेरे पापा को करना था उनसे तो हुआ नहीं तूने कर दिया।
ईस के लिए प्यार बनता है डांट नही।

चल क्लास जा लेट हो जाएग।

अरुण: ओके माँ बाय।

ऐसे ही कई दिन बीत गये सरला और अरुन दोनों और ओपन होते गये।

कहते है न जब उपर वाला किसी को किसी से मिलाने पे आता है तो क़ायनात भी मदद करति है वही सरला और अरुन के साथ हुआ।।।।।।

एक दिन सरला और अरुन साथ बैठे हुए थे घर पर की बारिश सुरु हो गई।

सरला: अरुन बारिश सुरु हो गई।

अरुण: है तो।

सरला: छत पे कपडे डाले है सुखने के लिये
भिग जायँगे बेटा।

अरुन तुरंत दौड लगा देता है छत पर

सरला पीछे २
आज उसने वाशिंग मशीन लगाई थी तो कपडे ज्यादा थे।

जब दोनों छत पे पहुचे बारिश सुरु हो गई थी अचानक वाली।

दोनो ने जल्दी २ कपडे समेटे जिसके हाथ जो लगा उठा लिये
और निचे आ गये।

तभी सरला को याद आया की उसने अपने
अन्डरगारर्मेन्ट्स अलग से सुखाए थे जिस से किसी पडोसी की नज़र न पड़ेगी और उसके पास टोटल २ सेट थे जो उसने आज वाश किये थे
कल के लिए उसके पास पहहने के लिए और सेट नहीं थे और आज भी उसने नहीं पहने है

सरला: छत की और जाते हुए।

अरुण: क्या हुआ माँ क्या रह गया।

सरला: कुछ नहीं अभी आती हू।

अरुण: क्या हुआ माँ क्या जा रहे हो दोवारा बारिश काफी अचानक तेज हो गई है।

सरला: कुछ कपडे रह गये है

अरुण: अरुन बाद में ले आना।

सरला: नहीं जरुरी है गीले हो जायँगे और दूसरे मेरे पास नहीं है।

अरुण: ओके तो मैं ले आता हू।

सरला: नहीं २ मैं ले आती हूं।

जब तक सरला कुछ बोलति अरुन छत पर दौड़ लगा देता है।

सरला उसको रोकती रह जाती है तब तक अरुन छत पर होता है।

सरला भी पीछे २ जाती है तब तक अरुन कपडे ढूंड रहा होता है।

सरला: भीगते हुए तो रुक मैं लेके आती हु।

अरुण: मना किया था आप को देखो कुछ भी नहीं है

सरला: है नहीं है तू रुक मैं आती हु।

अरुण: नहीं साथ चलो भीग जायंगे।

सरला क्या बोले समझ नहीं आ रहा था।
उसे पता था अरुन ऐसे नहीं जाएगा
तो वो खुद उस तरफ चल देती है जहा उसने अन्डरगारर्मेन्ट्स सुखाये थे।

अरुन सरला के पीछे २ चल देता है और देखता है
सामने साइड में छुपा के उसकी माँ से अपने ब्रा और पेंटी सुखने को डाला है पर वो गीले हो चुकी थी।

सरला अपनी ब्रा पेंटी उतारते हुए।

अरुन वहां से चल देता है

सरला: अब क्या हुआ बोला था न रहने दे
मै ले आउंगी नहीं माना अब क्या हुआ
ले जा।

और उसकी तरफ अपने अंदरगारर्मेन्ट्स बढ़ा देति है

अरुन कुछ नहीं बोलता और पकड़ने लगता है।

सरला उसके हाथ मैं अपने अन्डरगारर्गर्मेन्ट्स दे कर निचे आ जाती है।

अरुन अपने हाथ में अपनी माँ की पेंटी और ब्रा को पकड़ कर खड़ा रहता है और देखता रहता है।

सरला: आवाज़ देते हुए देखता रहेगा या निचे भी लायेगा वैसे भी २ ही जोड़ी है और दोनों ही गीले हो गये आज भी
नही पहनी थी और अगर नहीं सुखी तो कल भी ऐसे ही रहना पडेगा।

जलदी आ।

अरुन निचे आ जाता है

सरला: जा बाथरूम में जा कर निचोड के सुखा दे।

ये ३ महीनो का खेलापन था दोनों माँ बेटे का।

एक माँ अपने बेटे से अपनी पैंटी और ब्रा खुद अपने हाथ से देकर सुखाने के लिए बोल रही है।

सरला तो समझ चुकी थी वो अरुन को अपना मान चुकी है।

अब अरुन के समझने की देर है।।

दोनो एक कदम और आगे।
Atti sundar, ek aur mauka donon ko milane ka
 
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Nevil singh

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रमेश वही डायनिंग टेबल पे।
तभी अरुन घर से बाहर जाता है।
ओर रमेश मोका देख कर सरला के पास।
सरला आप यहाँ।
रमेश: ये क्या हुआ है ।
सरला: बोले न कुछ भी नही।
रमेश: बताओ न ये अरुन ने किया है ना।
सरला: हाँ।
रमेश: तो तुम रोकती क्यों नहीं ।
सरला: क्या रोकू और क्यु।
मैने ही बुलाया था उसे।
और मुझे पता है उसके प्यार करने का स्टाइल ऐसा ही है।पर क्या करूँ मन नहीं मानता।
और अब तो आदत पड़ गई है दर्द सहने की।
जब तक वो बेहरमी से नहीं चोदता मजा नहीं आता।
वैसे तो वो ख़याल रखते है।
पर आज मैं ही कुछ ज्यादा गरम हो गई थी।
इसलिए उनसे चैलेंज कर दिया वो मेरे तीनो सुराखों की प्यास एक साथ नहीं बुझा सकता।
रमेश: तीनो मतलब।
सरला: मुह चुत और गाण्ड ।
रमेश: तो क्या।
सरला: हाँ उसने पूरे एक घंटे तक मेरी गाण्ड और चुत की बैंड बजायी और लास्ट में मुह में पानी निकाला ।
रमेश: मुँह में।
सरला: हाँ बड़ा टेस्टी है उसका पानी।
रमेश: छी तुम ने ये कहा से सिखा।
सरला: अरुन ने सिखाया।

रमेश: अरुन गया कहा है।
सरला: दवा लेने मेरी चुत और गाण्ड चुदाई के बाद सुज गई है ।
वही लेने गया है।
मैने ही मागे है क्या पता उनका दोबारा चोदने का मन कर जाए।
सरला: अब आप अपने रूम में जाओ और ये सोच सोच कर मुट्ठ मार लो की अरुन ने कैसे बेरहमी से चोदा होगा।की आप की बहु की चुत और गाण्ड सुज गई।
अरून आता ही होगा।

और आप के लिए खुशखबरी है प्रीति और परी कल सुबह आ रही है ।
लगता है प्रीति ने जो वादा अरुन से किया था उसे पूरा करने आ रही है परी को लेकर।
और हाँ इस बार मेरी माँ और भाई भी आ रहे है।
आप जाओ ससुर जी नहीं तो आप का बेटा आ जाएगा
और रमेश अपने रूम में आ जाता है।

थोड़ी देर बाद अरुन आ जाता है और
रमेश अपने रूम से रात भर सरला की चीखे सुनता रहता है।
और एक बार तो अरुन से बोलता है
कुछ तो रहम कर सरला पे।
क्या जान लेगा उसकी
कितनी तेज चीख रही है क्या तुझे उसपे रहम नहीं आता।
सरला: आप जाओ ससुर जी नहीं तो मुझे छोड देंगे आप जाओ।
वैसे भी कल से प्रीति और मेरी माँ और भाई आ रहे है क्या पता कितने दिनों बाद मेरा चूदाई का नंबर आए
आप जाओ।
और रमेश चुप चाप आ कर लेट जाता है।
और जब तक वो सोता नहीं है सरला की चीखे उसके कानो में पड़ती रहती है और उसकी चीख सुन सुन कर
अपनी मुट्ठ मारता है ।
और सो जाता है।
और अगली सुबह नया कल नहीं कहानी।
utsahi
 

Nevil singh

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अगली सुबह अरुन और रमेश के लिए ज़िन्दगी बदलने वाली सुबह थी ।
उम्मीद के मुताबिक प्रीति और परी सुबह ७ बजे घर पे आ गये।
और सोने पे सुहागा नीतू भी उनके साथ थी जो कि एक सरप्राइज था सब के लिए क्यों की प्रीति ने भी नहीं बताया था की नीतू उनके साथ आ रही है।
नीतु को देख कर रमेश मन ही मन बहुत खुश हुआ की चलो अब नीतू के होते हुए अरुन प्रीति और परी को कुछ नहीं कर पायेगा।
पर उसके लिए अभी ये शॉक बाकि था की नीतू अरुन की दूसरी पत्नी और सरला की सौतन बन चुकी है।
सरला अब भी लँगड़ा रही थी।
नीतु ने इशारो में पूछा तो सरला ने अरुन की तरफ इशारा किया।
नीतू: सरला से लकी गर्ल ।
और सरला मुस्कुरा देती है।
ओर प्रीति को शक़ हुआ की सरला भी अरुन के निचे आ चुकी है।
इसलिए लँगड़ा रही है।
सभी ९:३० पे डायनिंग टेबल पे ब्रेकफास्ट के लिये
परी का इंटरो-
वो मिडिल क्लास फैमिली की औरत की तरह
एक साल की बच्ची की माँ और फिगर न ज्यादा मोटी न पतली।बेहद खूबसूरत।
प्रीति: भाई आज ऑफिस जा रहे हो।
रमेश: नहीं मैंने राखी की छुट्टी ले रक्खी है।
तुम सब के साथ टाइम स्पेंड करुन्गा।
सरला अरुन को देखती है।
अरून चुप रहने का इशारा करता है।
सरला अरुन को मैसेज करती है।
चाहे कुछ भी हो जाये इन दोनों का भोसड़ा बनाना है। रमेश के ऑखों के सामने।
अरून मैसेज पढ़ कर
हाँ मैं आराम करता हूँ।।

नास्ता ख़तम होने के बाद सरला और नीतू किचन में
नीतू: माँ सबसे ज्यादा मज़े आपके है।
सरला: सो तो है बेटा भी तो मेरा है
नीतू: ये बात भी है।
सरला: तुम्हारी हेल्प चाहिये।
नीतू: बोलो मा।
और सरला नीतू को सारी बात बता देती है।
की रमेश ने क्या किया और उसने रमेश से क्या बात किया है।
नीतू: मैं आप के साथ हु मेरी सौतन।
मेरा काम कब करवाओगी।
सरला: सब से पहले तेरा हक़ है मेरी बच्ची।
और किचन का काम ख़तम करते है।
प्रीति और परी अरुन के कमरे में।
अरून के साथ ।तभी रमेश भी वहाँ आ गया।
इस बजह से प्रीति कुछ बात नहीं कर पाई।
बाहर सरला नीतू से।
देख कैसे पीछे पीछे रूम में पहुच गये की कही अरुन कुछ कर न दे।
सरला नीतू को लेकर अपने रूम में आ जाती है और अरुन को आवाज़ देती है।
अरून रूम में आ जाता है
और सरला दरवाजा बंद कर लेती है और
अरून और नीतू एक दूसरे से ऐसे मिलते है जैसे किसी की प्रेमिका को किसी ने किडनैप कर लिए हो और बाद में मिले हो।
सरला: मैं भी हूँ।
और अरुन सरला को भी अपनी बाँहों में भर लेता है।
नीतू: आई मिस्ड यु हब्बी।
अरुण: में बी ।मेरी लुगाई।
और सब हँस पडते है।
gorgeous
 
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